किसी लड़की के जीवन में सब से बड़ी खुशी उस की शादी होती है. इस से उस के नए जीवन की शुरुआत होती है. यदि किसी भी लड़के से शादी करने से पहले तमाम पहलुओं पर गंभीरता और धैर्य से विचार नहीं किया जाए, तो शादी के बाद पछताना पड़ता है. ऐसे में या तो वह ताउम्र घुटन भरी जिंदगी जीती है या फिर तलाक की नौबत आ जाती है. दोनों ही स्थितियां उस के पक्ष में नहीं होतीं. ऐसे में यदि किसी से भी रिश्ते पर हां करने से पूर्व स्वयं लड़की कुछ खास बातों पर गौर करे, तो उसे शादी के बाद पछताना नहीं पड़ेगा, अपितु उस की जिंदगी खुशियों से भरपूर होगी.
कुछ खास मुद्दों पर शादी के पूर्व चर्चा कर लेना आप के हित में होगा, क्योंकि दांपत्य की नींव इन्हीं मुद्दों पर टिकी होती है तथा विवाद और तलाक भी इन्हीं बात को ले कर होता है:
– शादी बच्चों का या गुड्डेगुडि़यों का खेल नहीं है. इसलिए शादी के पूर्व मंगेतर के साथ कुछ मुलाकातें होनी बहुत जरूरी हैं ताकि दोनों एकदूसरे के विचारों को जान सकें. यदि आप को लगता है कि सामने वाले में वे खूबियां या गुण नहीं हैं जिन की चाह आप को है, तो बाद में पछताने से अच्छा होगा कि उस से शादी ही न करें. शादी के पूर्व अलग होने से आप पर तलाकशुदा होने का ठप्पा तो नहीं लगेगा.
– शादी के पूर्व आप लड़के से उस के भविष्य की योजनाएं जान लें तथा यह भी बता दें कि आप कैसा जीवनसाथी चाहती हैं. यदि सामने वाला आप की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है तो ही शादी करें.
– अकसर देखा गया है कि न तो लड़की और न ही उस के परिवार वाले कैरियर प्लानिंग के बारे में बताते हैं कि शादी के बाद वह नौकरी करेगी या नहीं करेगी. यदि वह अपना कैरियर छोड़ना नहीं चाहती या नौकरी करना चाहे तो यह बात लड़के और उस के परिवार वालों को बता देनी चाहिए ताकि शादी के बाद वे आप को नौकरी करने से रोकें नहीं. इस के विपरीत यदि आप वर्तमान में जौब करती हैं और शादी के बाद जौब करना नहीं चाहेंगी, तो अपनी मंशा शादी के पूर्व ही व्यक्त कर देनी चाहिए. अन्यथा शादी के बाद वह नौकरी करने का दबाव बनाएगा. नौकरी करने या न करने को ले कर शादी के बाद कोई विवाद न हो, इसलिए अपनी कैरियर प्लानिंग पहले ही बता देनी जरूरी है.
– यदि आप किसी नौकरीपेशा व्यक्ति से शादी कर रही हैं, तो यह पता लगा लें कि उस की जौब तबादले वाली है या नहीं. यदि तबादले होते हैं, तो उस का क्षेत्र कहां तक है? अन्यथा आप ने यह सोच कर रिश्ते के लिए हां की थी कि उस का चंडीगढ़, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, बैंगलुरु जैसे बड़े शहरों में ट्रांसफर होता है, लेकिन शादी के बाद उस का तबादला किसी छोटी जगह हो गया, जहां आप जाना नहीं चाहतीं, तो फिर कलह ही होगी. इसलिए शादी के पूर्व ही आप सोच लें कि आप अपनी जिंदगी में स्थायित्व चाहती हैं या फिर संपूर्ण भारत में पति के तबादले होने पर भटकना. यदि आप जौब में हैं, तो जरूरी नहीं कि जहां आप के पति का ट्रांसफर हो, वहां आप का भी हो ही जाए. कई बार ऐसा संभव नहीं होता. ऐसे में या तो आप को नौकरी छोड़नी पड़ती है या पति से अलग रहना पड़ता है.
– यदि आप की संयुक्त परिवार में शादी करने की इच्छा नहीं है, तो ऐसे रिश्ते को नकारने में ही भलाई है. यदि आप हां कर के शादी कर लेती हैं और फिर पति पर मांबाप से अलग होने का दबाव बनाती हैं, तो यह अनुचित है. इस से परिवार में कलह होगी और बात तलाक तक पहुंच सकती है. यदि आप को किसी का बंधन नहीं चाहिए तो फिर उसी लड़के को अपना जीवनसाथी बनाएं, जो शादी के पूर्व से ही मांबाप से अलग अकेला रहता हो तथा शादी के बाद भी अलग ही रहने का इच्छुक हो.
– जिस घरपरिवार में आप शादी करने जा रही हैं, वहां के परिवेश, रीतिरिवाज, संस्कार, पारिवारिक पृष्ठभूमि आदि सब बातें पहले से जानसमझ लें और फिर यह देखें कि क्या आप ऐसे माहौल में ऐडजस्ट हो पाएंगी? यदि नहीं, तो वहां शादी न करें. फिर भी आप शादी करती हैं, तो आप को वहां तालमेल बैठाना ही होगा, यानी अपनेआप को उन के अनुरूप ढालना ही होगा. अन्यथा आप का स्थाई रूप से मायके लौटना तय है.
– शादी के पूर्व लड़के से होने वाली मुलाकातों में उस से उस के शौक या आदतों के बारे में पूछ लें. हो सकता है कि उस का कोई शौक या आदत आप को बरदाश्त न हो और शादी के बाद इसी मुद्दे को ले कर लड़ाईझगड़ा हो और अंतत: बात तलाक पर आ कर खत्म हो. यदि आप शुद्ध शाकाहारी हैं, तो यह पूछ लें कि वह और उस का परिवार शाकाहारी है या नहीं? शादी के बाद यदि मालूम पड़ा कि वह मांसाहारी है, तो आप पर मांसाहार बनाने का दबाव बनाया जाएगा और यह आप कदापि नहीं कर पाएंगी. इसी प्रकार यदि वह शराब पीने का शौक रखता है, किंतु आप को उस की बदबू से भी नफरत है, तो ऐसे व्यक्ति से आप नजदीकी कैसे बना पाएंगी? जाहिर है, उस के पीने की आदत दांपत्य में दरार पैदा करेगी और अंतत: आप को पछताना ही पड़ेगा.
– यदि शादी के पूर्व आप का कोई बौयफ्रैंड रहा है या किसी के साथ आप के संबंध रहे हैं, तो यह बात पहले ही बता देना फायदेमंद होगा. पर यह बात आधेअधूरे ढंग से बताई जाए कि लगे कि मामला बहुत गंभीर नहीं था. यह न भूलें कि यदि आप का किसी से कोई लगाव रहा है, तो आप के सर्कल में कितनों ही को मालूम होगा. इसलिए थोड़ा बता देना भविष्य के लिए अच्छा रहता है, क्योंकि यदि शादी के बाद उसे इस का पता चलता है, तो वह आप को शक की नजर से देखेगा. उसे आप चरित्रहीन नजर आएंगी. अविश्वास पर दांपत्य की नींव अधिक दिनों तक नहीं टिक पाती. हां, सब कुछ जानने के बाद भी वह शादी के लिए सहमत हो तो बात अलग है.
– यदि आप 2-4 मुलाकातों के बाद भी यह निर्णय नहीं कर पा रही हैं कि वह वाकई आप के लिए फिट है या नहीं, तो आप किसी काउंसलर की सलाह भी ले सकती हैं ताकि आप को निर्णय लेने में आसानी हो.