केले के छिलके से दूर करें मुंहासे

गर्मियों में मुंहासों की प्रॉब्लम बढ़ जाती है. मुंहासे होने के कई कारण हो सकते हैं. कई बार खानपान की वजह से, इंफेक्शन की वजह से या फिर कई बार हॉर्मोनल बदलाव होने की वजह से भी मुंहासों की परेशानी हो जाती है.

यूं तो मुंहासों की प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के कई उपाय है. कुछ घरेलू हैं तो दूसरी ओर बाजार में भी इस समस्या को दूर करने के उपायों की कमी नहीं है. लेकिन त्वचा का ख्याल रखते हुए हमें उन उत्पादों को ही प्रयोग में लाना चाहिए जो सुरक्षित हों. कई बार केमिकल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से त्वचा को नुकसान हो सकता है.

ऐसे में ये उपाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. यहां हमने पक चुके केले के छिलके से मुंहासों को दूर करने का तरीका बताया है.

इस उपाय के लिए आपको सिर्फ एक पके हुए केले के छिलके की जरूरत है. हालांकि केला बहुत अधिक पका नहीं होना चाहिए. जब केले के पीले छिलके पर काले धब्बे आ जाएं, उस वक्त उन्हें प्रयोग में लाना सबसे अच्छा रहेगा.

सबसे पहले केले के छिलके का एक छोटा हिस्सा ले लें. अब इस छिलके को मुंहासे की जगह पर मलें. इसके बाद छिलके को दो घंटे तक चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. धीरे-धीरे ये काला पड़ जाएगा. इसे एकबार फिर प्रभावित जगह पर मलें. दो से तीन बार के इस्तेमाल से ही मुंहासे की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी.

अब काली गर्दन को बनाएं गोरा

हम अपने चेहरे को चमकाने के लिए बहुत कुछ करते हैं लेकिन उसके ठीक नीचे अपनी काली गर्दन को गोरा बनाने के लिए कुछ भी नहीं करते. आप खुद ही सोचिए, दूध सा गोरा चेहरा और उसके नीचे काली गर्दन. ये गलती हममें से ज्यादातर लोग करते हैं. हमारी गर्दन को भी उतने ही देखभाल की जरूरत होती है जितनी हमारे चेहरे को. इस पर भी पॉल्यूशन और धूप का वही असर होता है जो हमारे चेहरे पर पड़ता है.

आम तौर पर हम पूरे दिन में एक ही बार अपनी गर्दन को साफ करते हैं. हममें से ज्यादातर लोग सिर्फ नहाते समय ही गर्दन को पानी से धोते हैं. ऐसे में नेक एरिया काला हो जाता है. आप चाहें तो इन टिप्स को अपनाकर अपनी काली गर्दन को गोरा बना सकते है:

1. ओटमील का स्क्रब

ओटमील लेकर उसे अच्छी तरह पीस लें लेकिन उसे थोड़ा रफ ही रहने दें. इसमें दो चम्मच टमाटर का जूस और एक चम्मच शहद मिलाएं. इस पेस्ट से हफ्ते में दो बार गर्दन की सफाई करें. रिजल्ट आपको कुछ दिनों में ही मिल जाएगा.

2. नींबू तो है एवरग्रीन

नींबू में विटामिन सी पाया जाता है. ये एक नेचुरल ब्लीच है. नहाने से पहले नींबू को गले पर हल्के हाथों से रगड़ें. पर ये काम रोज नहीं करें. सप्ताह में दो से तीन बार नींबू का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा.

3. नींबू के साथ शहद भी है अच्छा उपाय

नींबू और शहद का एक पैक बना लें. इस पैक को गर्दन पर लगाकर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें. जब नहाने जाएं तो इसे अच्छी तरह साफ कर लें. इससे बारीक रेखाओं वाली प्रॉब्लम भी दूर हो जाएगी.

4. बेकिंग सोडा को बिल्कुल नहीं भूलें

बेकिंग सोडा भी नींबू की तरह एक नेचुरल ब्लीच है. दो चम्मच बेकिंग पाउडर ले लें. इसमें पानी मिलाकर एक सेमी-लिक्विड घोल बना लें. इसे गर्दन पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. गर्दन का कालापन कुछ बार के इस्तेमाल से ही दूर हो जाएगा.

5. कच्चा पपीता भी रखें पास

कच्चा पपीता काटकर पीस लें. पर बहुत बारीक नहीं. अब इसमें गुलाब जल और एक चम्मच दही मिलाकर एक मिक्सचर तैयार कर लें. इसे गर्दन पर लगाकर कुछ देर सूखने के लिए छोड़ दें. सप्ताह में एकबार ही ये उपाय अपनाएं. फायदा होगा.

कहानी एक, क्लाइमेक्स चार

2015 की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘बाहुबली’ के सीक्वल ‘बाहुबली: द कनक्लूजन’ का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है. अब फैंस के लिए अच्छी खबर ये है कि इस फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग पूरी हो चुकी है.

जिस सवाल का जवाब दर्शक पिछले साल से ही ढ़ूढ रहे हैं कि आखिर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, इसका जवाब सिर्फ तीन लोगों को पता है और वो हैं अभिनेता प्रभाष, निर्देशक एस एस राजामौली और कहानीकार.

सूत्रों के मुताबिक इस फिल्म के डायरेक्टर एस एस राजामौली ने ‘बाहुबली: द कनक्लूजन’ के एक, दो या तीन नहीं बल्कि कुल चार क्लाइमेक्स शूट किए हैं. और अब तक ये तय नहीं हुआ कौन सा क्लाइमेक्स फिल्म में दिखाया जाएगा. इस फिल्म की पूरी शूटिंग खत्म होने के बाद इसके बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा.

खबरों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है ताकि फिल्म के रिलीज से पहले क्लाइमैक्स लीक ना हो पाए. बता दें कि इस फिल्म का पोस्टर फिल्म के हीरो प्रभास के जन्मदिन 23 अक्टूबर को रिलीज किया जएगा. 28 अप्रैल 2017 को रिलीज होगी.

इस फिल्म में राणा डग्गुबाती, प्रभाष, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना भाटिया भी हैं. इस फिल्म दर्शकों ने खूब पसंद किया था और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में खलबली मचा दी थी.

अमिताभ को किसने बनाया स्टार

अमिताभ बच्चन को आज भले बॉलीवुड का महानायक कहा जाने लगा हो लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब फिल्मी दुनिया ने उनको इतना हताश कर दिया था कि वह रुपहले पर्दे के इस संसार को छोड़कर जाने का मन बना चुके थे.

अमिताभ को फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ में एक रोल मिला, जिसके बाद उन्हें फिल्में तो कई मिलीं, लेकिन सब फ्लॉप होती गईं. फ्लॉप फिल्मों से आहत अमिताभ ने इस रंगीन दुनिया को अलविदा कहने का फैसला किया और वापस जाने की तैयार करने लगे, लेकिन उस वक्त बॉलीवुड के महान कलाकार मनोज कुमार ने उनकी मदद की.

मनोज कुमार ने अमिताभ को बहुत समझाया और अपनी फिल्म रोटी कपड़ा और मकान में रोल दिया. हालांकि ये फिल्म 1974 में रिलीज हुई, लेकिन उससे पहले अमिताभ की फिल्म जंजीर रिलीज हो गई और वो रातोंरात स्टार बन गए थे.

जंजीर अमिताभ की ऐसी फिल्म थी, जो उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई और उनको एंग्री यंगमैन का खिताब मिल गया. मनोज कुमार की बात मानकर अमिताभ फिल्मी दुनिया को छोड़कर नहीं गए और आज पूरी दुनिया में अमिताभ की पहचान है उन्हें सदी का महानायक तक कहा जाता है.

“ब्रेकअप के बाद बदल गईं कटरीना”

बदलाव प्राकृति का नियम है. कहते हैं कि रिश्ता जुड़ने या टूटने का गहरा असर लोगों पर पड़ता है. ऐसे में कई बदलाव भी देखने को मिलते हैं. फिल्ममेकर अनुराग बसु की मानें तो रणबीर कपूर से ब्रेकअप के बाद कट्रीना कैफ में भी काफी बदलाव आ गए हैं.

कट्रीना और रणबीर इन दिनों अनुराग बसु के निर्देशन में बनी ‘जग्गा जासूस’ में व्यस्त हैं. अनुराग ने बताया कि कट्रीना ने इस बात का पूरा ख्याल रखा कि ब्रेकअप का असर ‘जग्गा जासूस’ पर ना पड़े. उन्होंने कहा, ‘ब्रेकअप के बाद कट्रीना पहले से ज्यादा प्रोफेशनल हो गई हैं. यही वजह रही कि ब्रेकअप के बाद भी फिल्म की शूटिंग पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा. ब्रेकअप होने के बाद तो कट्रीना फिल्म के प्रति ज्यादा सर्तक हो गईं.’

हालांकि अनुराग बसु को अंदाजा नहीं था कि कट्रीना और रणबीर ब्रेकअप के बाद इतना नॉर्मल बिहेव करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान था. ये लोग ऐसे बिहेव कर रहे थे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. वैसे पहले मुझे डर था कि कैमरे में इनके बीच वो सब ना नजर आए, जो मैं नहीं दिखाना चाहता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘कट्रीना और रणबीर प्रोफेशनल हैं. वो समझते हैं कि काम के आड़े पर्सनल रिलेशन नहीं आना चाहिए. वैसे इससे पहले भी हमने कई एक्टर्स को ब्रेकअप के बाद साथ काम करते हुए देखा है.’

बता दें कि ‘जग्गा जासूस’ एक कॉमेडी-ड्रामा है, जिसमें रणबीर और कट्रीना लीड रोल में हैं. रणबीर फिल्म में एक जासूस की भूमिका में नजर आएंगे. फिल्म अगले साल 7 अप्रैल को रिलीज होगी.

कौन है रणबीर के स्टाइल आइकॉन?

फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर का कहना है कि महानायक अमिताभ बच्चन उनके स्टाइल आइकॉन है. रणबीर कपूर ने बताया, ‘मेरे बचपन से ही अमिताभ बच्चन मेरे स्टाइल आइकॉन रहे हैं. यहां तक कि अभी तक वे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता हैं और आप उन्हें सुखिर्यों से दूर नहीं रख सकते हैं.’

फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ के अभिनेता ने फैशन डिजाइनर कुनाल रावल के लिए लक्मे फैशन वीक विंटर फेस्टिवल 2016 में रैंप वॉक किया है. उनका कहना है कि उनकी दादी कृष्णा राज कपूर उनके लिए ‘सर्वाधिक स्टाइलिश महिला’ हैं.

जब बात व्यक्तिगत स्टाइल की आती है तो ऐसे में कपूर का कहना है कि वह एक फैशन आइकॉन के रूप में अपनी पहचान नहीं बनाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो हमेशा जींस, टी-शर्ट, टोपी और जूता पहना हुआ दिखता है. मैं नहीं समझता कि क्यों कोई व्यक्ति मेरे स्टाइल को अपनाएगा. मैं फैशन के ब्लॉगों को नहीं पढ़ता हूं और न ही ये सब मेरे लिए महत्वपूर्ण है.’

चलो महाराष्ट्र के समुद्री तटों पर टहल आयें

हम जब भी महाराष्ट्र का नाम सुनते हैं हमारे जेहन में सबसे पहले दो ही नाम आते हैं, बौलीवुड और मुंबई. पर क्या आपको पता है कि यहां 700 किलोमीटर से भी लंबा समुद्री तट है जिसके किनारे स्थित खूबसूरत बीच हर साल यहां आने वाले पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं?

घुड़सवारी से लेकर ऊंट की सवारी तक, स्कूबा डाइविंग से लेकर सर्फिंग और स्विमिंग जैसे कई मजेदार क्रियाओं का आप यहां भरपूर लुफ्त उठा सकते हैं. इतना ही नहीं, अगर आप ऑथेंटिक सी फूड खाने के लिए बहुत उत्सुक और लालायित हैं तो यहां आपको सी फूड खाने का भी मौकी मिलेगा. अगर आप शाकाहारी हैं, तो भी कोई बात नहीं! यहां आपको अलग-अलग तरह के लजीज चाट भी मिलेंगे.

इन सबके अलावा आप यहां सूर्यास्त के समय समुद्री तट पर बैठकर अपनी जिन्दगी के सबसे सुन्दर और शांत पल को अनुभव करेंगे. तो चलिए चलते हैं महाराष्ट्र के ऐसे ही कुछ खूबसूरत बीचों की सैर पर जहां के नजारे आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे.

गणपतिपुले बीच

मुंबई से लगभग 375 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणपतिपुले के समुद्र तट पर सफेद, चांदी सी रेत है. महाराष्ट्र के अन्य बीचों से अलग इस बीच में ज्यादा भीड़ नहीं होती इसलिए आप यहां आकर शांति का भरपूर मजा ले सकते हैं. इस बीच को कायाकिंग खेल के लिए जाना जाता है.

वेलनेश्वर बीच

महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर से लगभग 170 किलोमीटर और मुंबई से लगभग 370 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वेलनेश्वर बीच स्विमिंग(तैराकी) और सनबाथिंग के लिए बिलुकल परफेक्ट जगह है.

वेंगुर्ला मालवण बीच

मुंबई से लगभग 514 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घने हरे-भरे काजू के पेड़, आम के पेड़, नारियल के पेड़ और खजूर के पेड़ों से घिरा सफेद चमकता रेत का लंबा वेंगुर्ला मालवण बीच पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान है.

तारकर्ली बीच

तारकर्ली गांव कोल्हापुर से लगभग 160 किलोमीटर दूर बसा एक छोटा सा गांव है. कर्ली नदी और अरब सागर के तट पर बसा तारकर्ली बीच प्रकृति के निर्मल दृश्य में मज़े लेने के लिए सबसे परफेक्ट जगह है.

किहिम और मंडवा बीच

मुंबई से लगभग 120 किलोमीटर दूर और अलीबाग के समीप ही स्थित नारियल और चीड़ के पेड़ों से घिरा, किहिम और मंडवा बीच एक सुरम्य समुद्री तट है. आप यहां सर्फिंग और कैंपिंग के भी मजे ले सकते हैं.

किहिम मंडवा बीच

मुंबई से लगभग 120 किलोमीटर दूर और अलीबाग के समीप ही स्थित नारियल और चीड़ के पेड़ों से घिरा, किहिम और मंडवा बीच एक सुरम्य समुद्री तट है. आप यहां सर्फिंग और कैंपिंग के भी मजे ले सकते हैं.

काशिद बीच

अरब सागर के किनारे स्थित काशिद बीच, क्रिस्टल की तरह साफ नीले समुद्र के पानी और सफेद चमकीले रेत के साथ एक सुरम्य दृश्य बनाता है. अलीबाग से केवल 30 किलोमीटर दूर स्थित यह बीच चहल पहल वाली दुनिया से दूर राहत के कुछ पल बिताने के लिए सबसे बेस्ट जगह है. आप यहां घुड़सवारी के भी भरपूर मजे ले सकते हैं.

दहानू बोरडी बीच

मुंबई से लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दहानू से बोरडी तक 17 किलोमीटर लंबा समुद्री तट अपने अद्भुत प्राकृतिक दृश्य के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है. तट पर बैठ मछुआरों की रोजाना दिनचर्या को देखना यहां का सबसे अलग नजारा है. फीशिंग के लिए प्रसिद्ध इस समुद्री तट पर आपको एक अलग ही अनुभव प्राप्त होगा. आप यहां अपने मछली पकड़ने के शौक को भी पूरा कर सकते हैं.

मार्वे मनोरी बीच

अगर आपको पार्टी करना पसंद है तोह इस बीच पर ज़रूर आएं. मुंबई से लगभग 40 किलोमीटर दूर बसा मार्वे मनोरी बीच बोरीवल के नाम से भी जाना जाता है. यह मछली पकड़ने का भी एक छोटा सा गांव है जहां आपको सूर्योदय और सूर्यास्त के खूबसूरत नजारों के दर्शन होंगे.

विवाह कानून में परिवर्तन हो पर व्यावहारिक नजरिए से

यह खेद की बात है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार समान व्यक्तिगत कानून पर विचार करने को तैयार नहीं है. भगवा मंडली का यह पुराना एजेंडा है कि व्यक्तिगत कानून एकजैसे हों ताकि वे मुसलमानों से तलाक, मेहर व 4 पत्नियां रखने तक का हक छीन सकें. लेकिन इन कट्टरपंथियों को यह नहीं मालूम कि समान व्यक्तिगत कानून में हिंदू विवाह कानून और हिंदू संयुक्त परिवार भी पिस जाएंगे.

आज हिंदू विवाह पाखंडों का एक बड़ा जखीरा है. शुभ मुहूर्त, साए, कुंडली, पंडितों की घंटों की पूजा, अग्नि पूजा, देवताओं का आह्वान, फेरे, छोटीमोटी रस्में आदि हिंदू विवाह का हिस्सा हैं और कुछ कानून के दायरे में आती हैं, कुछ नहीं. यदि समान विवाह कानून विरासत, गोद बने तो सारी पंडिताई धराशाई हो सकती है.

भाजपा को सरकार में आने के बाद जब कानून का मसौदा तैयार करना पड़ा तो उसे यह एहसास हो गया होगा कि पार्टी के आधार, धर्म को यह समान कानून निरर्थक कर देगा.

समान विवाह कानून का अर्थ होगा कि सभी धर्मों के लोग आपस में बिना लागलपेट विवाह कर सकेंगे और विवाह या तो अदालतों में होंगे या फिर किसी कानून के अंतर्गत नियुक्त पब्लिक नोटरी टाइप लोगों के द्वारा. कुंडली देख कर पंडितों को विवाह कराने के जो मोटे पैसे मिलते हैं और रात भर लोगों से फेरों में जगने की जो जबरदस्ती की जाती है, वह बंद हो जाएगी.

मुसलिम कानून में जो परिवर्तन होंगे वे उतने महत्त्व के न होंगे, जितने हिंदू कानूनों में होंगे, क्योंकि मुसलिम व्यक्तिगत कानून कुछ हद तक औरत की रजामंदी पर निर्भर है, जबकि हिंदू विवाह कानून में उसे वर को दान के रूप में दिया जाता है.

मुसलिम विवाह कानून परिवर्तन मांगता है पर जो हौआ दिखाया जाता है कि वे 5 के 25 हो रहे हैं, गलत है. यह भी गलत है कि हर मुसलिम पुरुष 4 पत्नियां रखता है, क्योंकि फिर औरतों की जनसंख्या में पुरुष व महिला का अनुपात 1:4 का होता होगा यानी 4 गुना औरतें उपलब्ध होनी चाहिए.

समान व्यक्तिगत कानून का हौआ केवल चुनावी जुमला है, जैसा अच्छे दिन आने या क्व15 लाख प्रति व्यक्ति काला धन विदेश से लाने पर देने का. विवाह कानूनों में परिवर्तन हो पर उसे राजनीतिक चश्मे से न देख कर व्यावहारिक रूप दिया जाए. हिंदूमुसलिम दोनों समाजों में व्यक्तिगत कानूनों में बहुत परिवर्तनों की आवश्यकता है ताकि औरतों को अदालतों के गलियारों में वर्षों चप्पलें न घिसनी पड़ें.

सेहत वाली मिठास

गाजर का हलवा

सामग्री

– 1 किलोग्राम गाजर कसी हुई

– 1 लिटर दूध द्य 200 ग्राम मावा

– 15 ग्राम का स्टीवियोकोल का सैशे

– 2 बड़े चम्मच घी

– 1 कप बादाम, काजू, किशमिश कटे

– 1 बड़ा चम्मच इलाइची पाउडर.

विधि

एक कड़ाही में दूध और कसी गाजर डाल कर पकाएं. दूध के सूख जाने पर आंच धीमी कर दें. थोड़ीथोड़ी देर बाद चलाते रहें. अब इस में स्टीवियोकोल डालें. फिर ऊपर से इलाइची पाउडर और थोड़े से ड्राईफ्रूट्स डालें और 5-7 मिनट तक चलाएं. अब मिश्रण में घी और मावा डालें और अच्छी तरह चलाएं. धीमी आंच पर मिश्रण को तब तक पकाएं जब तक घी न छिटकने लगे. अब हलवे को बचे हुए ड्राईफ्रूट्स से सजा कर गरमगरम सर्व करें.

चावल की खीर

सामग्री

– 1/4 कप चावल धुले और निथरे हुए

– 4-5 कप दूध

– 2-3 इलाइची दाना कुटा हुआ

– 2 बड़े चम्मच बादाम कसे हुए

– केसर चुटकी भर

– 1 बड़ा चम्मच पिस्ता कटा हुआ

– 1 बड़ा चम्मच किशमिश

– 2-3 बड़े चम्मच स्टीवियोकोल.

विधि

एक पैन में दूध, चावल और इलाइची डालें. इसे उबालें. फिर आंच को धीमा कर मिश्रण में चावल डालें. इस मिश्रण को तब तक पकाएं जब तक चावल मुलायम हो कर टूटने न लगें. अब इस मिश्रण में बादाम, पिस्ता, केसर और किशमिश डालें और 3-4 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं. अब इस में स्टीवियोकोल डालें और तब तक चलाएं जब तक वह मिश्रण में घुल न जाए. अब खीर को आंच से उतार कर गरम या ठंडा कर के परोसें.

क्या आपको भी अक्सर चक्कर आते हैं?

कई बार कमजोरी और थकान की वजह से चक्कर आ जाते हैं और ऐसा होना एक आम समस्या हो सकती है. लेकिन कई बार यह आम परेशानी कई अलग कारणों से भी होती है. कई बार शरीर में हारमोनल प्रॉब्‍लम की वजह से चक्‍कर आने लगते हैं और कई बार ब्लडप्रेशर की वजह से भी ऐसा होता है.

चक्‍कर आने के दौरान कम सुनाई देना, धुंधला दिखाई देना और बात करने में तकलीफ होना जैसे लक्षण महसूस होते हैं. इसी के साथ चक्‍कर आने की एक और वजह वर्टिगो भी हो सकता है जिसमें व्‍यक्ति को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि वह चक्‍कर खाकर गिर जाएगा. अधेड़ उम्र की महिलाओं में ये समस्‍या अक्‍सर देखने को मिलती है. कई व्‍यक्ति अपना संतुलन भी खो देता है और गिर जाता है. इसके अलावा ब्लडप्रेशर में अचानक से बदलाव आने से भी ऐसा होता है.

इन बीमारियों से बचने के लिए हमें अपनी फिटनेस और हेल्थ प्राब्लम्स पर पूरी नजर रखनी चाहिए. इसके लिए समय पर भोजन करना चाहिए और कभी भी भोजन को स्किप नहीं करना चाहिए. कई बार एंटीबायोटिक के सेवन के दौरान भी चक्‍कर आने जैसी समस्या हो सकती है. इसलिए डॉक्‍टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें.

एनीमिया होने की स्थिति में चक्‍कर आना सामान्‍य है क्‍योंकि शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स की कमी हो जाती है. अगर किसी के शरीर में पानी की कमी है तो उस अवस्‍था में भी चक्‍कर आ सकता है. ऐसे में अपने साथ हमेशा एक बोतल पानी रखें और समय-समय पर पीते रहें. अगर चक्कर की समस्या अक्सर रहती हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर ट्रीटमेंट शुरू कर दें.

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