पहले से बना लें शिक्षा का बजट

बच्चों को जितनी अच्छी शिक्षा मिलेगी उन का भविष्य उतना ही अच्छा होगा. अगर बच्चे सही से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं तो जीवन भर परेशान रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि पेरैंट्स बच्चों की पढ़ाई के बारे में पहले से ही सोचना शुरू कर दें और उच्च शिक्षा के लिए अलग से बचत करना शुरू करें ताकि कालेज का चयन करते समय बजट की समस्या न रहे.

जिस तरह से बच्चों की शादी, घर और मैडिकल सुविधाओं के लिए पहले से तैयारी की जाती है उसी तरह उच्च शिक्षा का भी बजट तैयार किया जाना चाहिए. प्राइवेट कालेज में उच्च शिक्षा की फीस कालेज की गुडविल, कोर्स और वहां मिलने वाली सुविधाओं पर निर्भर करती है.

एसआर ग्रुप औफ  इंस्टिट्यूट्स, लखनऊ के चेयरमैन, पवन सिंह चौहान कहते हैं, ‘अब पेरैंट्स बहुत जागरूक हो रहे हैं. वे बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए अपना बजट पहले से बना लेते हैं. इस के अलावा प्राइवेट और सरकारी स्तर पर छात्रों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था भी है. लेकिन पेरैंट्स को छात्रवृत्ति को बजट में नहीं जोड़ना चाहिए. कई बार यह नहीं मिलती तो परेशानी होती है.’

जैसी सुविधा वैसा खर्च

उच्च शिक्षा में बीए की पढ़ाई से ले कर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई शामिल होती है. हर कोर्स की फीस अलगअलग होती है. यह 20 रुपए हजार सालाना से ले कर 2 लाख रुपए सालाना तक हो सकती है. डाक्टरी की पढ़ाई की फीस सब से ज्यादा है. इस का कारण यह है कि डाक्टरी की पढ़ाई के लिए निजी शिक्षण संस्थान बहुत कम हैं.

उच्च शिक्षा में पढ़ाई के बाद दूसरा बड़ा खर्च होस्टल का होता है. सरकारी कालेजों के मुकाबले प्राइवेट कालेजों के होस्टल बहुत अच्छे होते हैं. यहां रहने के लिए अच्छे हवादार कमरों के साथसाथ बिजली, जिम, इंटरनैट जैसी सुविधाएं भी होती हैं. दिन में 2 बार खाने के साथ-साथ सुबह-शाम नाश्ते का भी इंतजाम कालेज की ओर से रहता है. बच्चों के मनोरंजन के लिए कौमनरूम में टीवी और होम थिएटर तक की व्यवस्था होती है.

होस्टल की फीस 45 हजार रुपए सालाना से ले कर 90 हजार रुपए तक हो सकती है. कुछ कालेजों में एसी की सुविधा भी है. ज्यादातर होस्टल 1 कमरे में 2 बच्चों को रखते हैं. कुछ कालेजों में 3 बच्चों को भी रखा जाता है, तो कुछ कालेज 1 कमरे में 1 बच्चे के रहने की भी सुविधा देते हैं. इन सुविधाओं के हिसाब से होस्टल की फीस भी तय होती है.

उच्च शिक्षा में इंटरनेट का महत्त्व बढ़ गया है. ऐसे में कालेजों के होस्टल में भी इंटरनैट सुविधाएं मिलने लगी हैं. कई कालेज होस्टल में इंटरनैट न दे कर कौमनरूम में देते हैं. इस के अलावा होस्टल में मैडिकल सेवाएं भी मिलती हैं. प्राइवेट कालेजों में वातानुकूलित होस्टल सुविधा दी जाती है.

सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल

मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट के प्रिंसिपल पिंटू मिश्रा कहते हैं, ‘आज उच्च शिक्षा के लिए लड़कियां अपने घरों से दूर दूसरे शहरों के प्राइवेट कालेजों तक जाने लगी हैं. ऐसे में पेरैंट्स की प्राथमिकता यह होती है कि वे किस तरह के माहौल में रह रही हैं. प्राइवेट कालेजों में शिक्षा और रहने का माहौल सुरक्षित और सुविधाजनक होता है. ऐसे में लड़कियों को भी घर से दूर आने के बाद किसी तरह की परेशानी का अनुभव नहीं होता है. जिन शिक्षण संस्थानों में लड़के-लड़कियां साथ पढ़ते हैं वहां के होस्टल पूरी तरह से लड़कियों के लिए सुरक्षित हैं.’

कालेज में रह रहे छात्रों का सही तरह से विकास हो सके, इस का पूरा खयाल रखा जाता है. सरकारी और प्राइवेट कालेजों में यही अंतर होता है. सरकारी कालेजों में जहां केवल पढ़ाई पर ध्यान दिया जाता है वहीं प्राइवेट कालेजों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास का ध्यान रख कर काम किया जाता है. इस से छात्र बेहतर तरीके से उच्च शिक्षा का लाभ ले सकते हैं. पेरैंट्स को इस तरह की सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए.

कई बार पेरैंट्स सही तरह से इन बातों का अंदाजा नहीं लगा पाते. ऐसे में बाद में उन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार पेरैंट्स कालेज के अंदर होस्टल लेने के बजाय खर्च कम करने के लिए कालेज के बाहर होस्टल ले लेते हैं. कालेज के बाहर के होस्टल पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक नहीं होते हैं. कालेज के होस्टल ज्यादा सुरक्षित रहते हैं.

अन्य खर्च

शिक्षा में कालेज फीस और होस्टल की फीस के अलावा तीसरा महत्त्वपूर्ण खर्च बच्चे की पौकेटमनी का होता है. यह हर माह पेरैंट्स को देना होता है. सामान्य तौर पर इस की लिमिट बच्चे और खर्च पर तय होती है. सामान्य रूप से यह खर्च 2 हजार रुपए से ले कर 5 हजार रुपए तक होती है. इस पैसे से बच्चे अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. पौकेटमनी से उन का आत्मविश्वास बढ़ता है. जरूरत इस बात की है कि पौकेटमनी का सही तरह से उपयोग हो. पढ़ाई में कई प्रकार के खर्च पहले से तय नहीं होते. इस में ऐजुकेशन टूअर, कई तरह के आयोजन आदि होते हैं. इन में बच्चों से कुछ फीस अलग से ली जाती है. इस तरह से उच्च शिक्षा के खर्च का अंदाजा लगा कर पेरैंट्स अपना बजट तैयार कर सकते हैं ताकि उन के बच्चों को अच्छा कालेज और मनपसंद शिक्षा मिल सके.

अच्छी पहल है

‘‘बच्चे को उस की रुचि के अनुसार शिक्षा दिलानी चाहिए. प्राइवेट कालेज अब पेरैंट्स की जरूरत के हिसाब से फीस और होस्टल फीस को किस्तों में भी लेते हैं. इस से पेरैंट्स को बजट मैंटेन करने में मदद मिलती है.किस्तों में फीस देना सुविधाजनक होता है,’’          

पवन सिंह चौहान, चेयरमैन,

एसआर ग्रुप औफ इंस्टिट्यूट्स, लखनऊ

बढ़ता है आत्मविश्वास

‘‘कई कालेज छात्रवृत्ति भी देते हैं. इस के लिए छात्रों को टैस्ट देना होता है. नंबरों के हिसाब से छात्रवृत्ति का पैसा तय होता है. इस से छात्र पढ़ने की तरफ ज्यादा ध्यान देते हैं. छात्र में आत्मविश्वास भी आता है. उसे लगता है कि अपनी मेहनत से वह अपनी पढ़ाई में योगदान दे सकता है,’’

-पिंटू मिश्रा, प्रिंसिपल, फाइन आर्ट डिपार्टमैंट सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ

‘गोलमाल-4’ में स्पेशल सॉन्ग करेंगी करीना!

करीना कपूर खान प्रेग्नेंसी के कारण ‘गोलमाल-4’ में लीड रोल नहीं कर रही है, लेकिन रोहित शेट्टी ने हाल ही में बताया कि वे छोटा सा रोल कर सकती हैं.

उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में करीना को गोलमाल-4 के लिए अप्रोच करना ठीक नहीं, जबकि वे अपने पहले बच्चे के इस दुनिया में आने का इंतजार कर रही हैं. वे इस फिल्म में एक स्पेशल सॉन्ग कर सकती हैं.’

आगे शेट्टी ने कहा कि वे उन्हें फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी मिस करने वाले हैं. वे उन्हें इस फिल्म के लिए कह भी सकते हैं, लेकिन यह उचित नहीं. गौरतलब है कि करीना इस सीरीज की पिछली दो फिल्मों ( गोलमाल रिर्टन्स और गोलमाल-3) में काम कर चुकी हैं.

अब चौथी फिल्म के लिए कई एक्ट्रेस के नाम पर विचार चल रहा है. इसमें आलिया भट्ट सबसे ऊपर हैं. जानकारी के अनुसार, यह फिल्म अगले साल जनवरी तक फ्लोर पर आएगी.

इसके अगले साल दिवाली पर रिलीज होने की उम्मीद है. अजय देवगन इस फिल्म में लीड एक्टर हैं.

घर पर ऐसे बनाएं बेसिल चिकन

सामग्री

– 1 बड़ा चम्मच औलिव औयल

– 1 बड़ा चम्मच लहसुन व अदरक कटा हुआ

– 1 बड़ा चम्मच लैमनग्रास कटी हुई

– 1/4 कप स्प्रिंग ओनियन का सफेद भाग कटा हुआ

– 450 ग्राम मिंस्ड चिकन

– 1 बड़ा चम्मच सोया सौस

– 1 छोटा चम्मच फिश सौस

– 1 छोटा चम्मच हौट सौस

– 1 छोटा चम्मच ताजा पिसी मिर्च

– 1/4 छोटा चम्मच चीनी

– 7-8 तुलसी की पत्तियां मसली हुईं

– 1 अंडे का आमलेट गार्निशिंग के लिए.

विधि

एक पैन में तेल गरम कर अदरक, लहसुन और लैमनग्रास को भूनें. अब इस में प्याज डालें और 2-3 मिनट तक भूनें. इस मिश्रण में मिंस्ड चिकन डालें और 3-4 मिनट तक भूनें. अब सभी सीजनिंग, हर्ब्स और सौस को मिश्रण में डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. चिकन के अच्छी तरह पकने के बाद पैन को आंच से उतार कर जैसमिन राइस के साथ परोसें.

व्यंजन सहयोग:

रणवीर बरार, सैलिब्रिटी शैफ

 

अभिनेत्री पर लगा ‘देशद्रोह’ का इल्जाम

सार्क (SAARC) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बीते हफ्ते पाकिस्तान का दौरा करने वाली अभिनेत्री और कांग्रेस नेता रम्या को वहां के लोगों की तारीफ करना महंगा साबित हो रहा है. उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है. वहीं रम्या ने अपने बचाव में कहा कि किसी पर भी कोई विचारधारा थोपी नहीं जा सकती. लोकतंत्र में सबको अपना विचार रखने का अधिकार है.

कन्नड़ अभिनेत्री रम्या उर्फ दिव्या स्पंदना ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उस बयान का विरोध किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘पाकिस्तान जाना नर्क जाने जैसा है.’ बीते हफ्ते रम्या ने इस बयान पर कहा था, ‘पाकिस्तान नर्क नहीं है. वहां के लोग बिल्कुल हमारी तरह हैं. मनोहर पर्रिकर का बयान सही नहीं है.’

भावनाएं भड़काने का आरोप कांग्रेस नेता को इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है. उनके खिलाफ कर्नाटक के कोडगू में देशद्रोह का केस दर्ज कराया गया है. केस दर्ज कराने वाले वकील ने कहा कि वह अभिनेत्री के बयान से हैरान हैं. उन्होंने रम्या के खिलाफ शिकायत में देशद्रोह और भड़काऊ बयानबाजी का आरोप लगाया है. साथ ही देश की जनता की भावनाएं भड़काने का भी आरोप है. इस मामले में 27 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की गई है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ भी दर्ज है केस

बीते दिनों कांग्रेस शासित कर्नाटक में कश्मीर को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी के नारे लगने पर एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ भी देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था. यह केस बीजेपी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दर्ज कराई थी. हालांकि इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया.

“अमिताभ के बिना ‘सरकार’ नहीं”

अमिताभ बच्चन और राम गोपाल वर्मा ने हमेशा एक दूसरे के साथ ‘सरकार 3’ में काम करने की ख्वाहिश जाहिर की है और बहुत वक्त से कयास लग रहे थे कि ‘सरकार 3’ कब शुरू होगी.

अब राम गोपाल वर्मा ने इस बात को माना है कि अगले महीने से वो अमिताभ के साथ ‘सरकार 3’ की शूटिंग शुरू करेंगे. निर्देशक राम गोपाल वर्मा की फिल्में लाइन से फ्लॉप हो रही थी अब ये उनके लिए एक बड़ा मौका है जिससे वो अमिताभ के साथ अपनी हिट सीरीज के साथ वापसी कर सकेंगे. रामू का ये भी मानना है अमिताभ के बगैर ‘सरकार’ कभी नहीं बन सकती. हॉलीवुड की सुपर हिट फिल्म ‘गॉड फादर से प्रेरित है ‘सरकार’.

पहली ‘सरकार’ और दूसरी ‘सरकार’ में अमिताभ के अलावा अभिषेक बच्चन बेहद दमदार भूमिका में दिखे थे लेकिन दूसरे पार्ट में उनके किरदार की मौत हो जाती है. तो देखना दिलचस्प होगा ‘सरकार’ का जानशीन कौन अभिनेता निभाएगा. वैसे सुशांत सिंह राजपूत और रितिक रोशन के नाम की चर्चा थी, लेकिन ये तो तय है कि अमिताभ बच्चन एंग्री ओल्ड मैन के तौर पर दिखेंगे.

गर्भ मेरा मरजी मेरी

बलात्कार की शिकार एक गरीब औरत को 20 सप्ताह की कानूनी इजाजत की हद के बाहर 24वें सप्ताह में गर्भपात कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. गनीमत है कि उस का मामला हजारों मामलों की तरह दबा नहीं रह गया और 2 दिन में ही फैसला हो गया, जिस से उसे अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिल गया.

पर देश की हजारों औरतें हर साल इस तरह से पीडि़त होती हैं. बलात्कार या मरजी से हुए गर्भ को गिराने का फैसला अबोध किशोरियां व युवतियां हफ्तों तक नहीं ले पातीं. कुछ को तो मालूम ही नहीं होता कि सैक्स के कारण वे गर्भवती हो गई हैं. जब तक घर वालों को पता चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है और डाक्टर गर्भपात करने से मना कर देते हैं. ऐसे में मोटी फीस दे कर चुपचाप गर्भपात कराना होता है या फिर नौसिखियों के हवाले खुद को छोड़ देना होता है.

कुछ औरतें बारबार गर्भपात कराती हैं, क्योंकि या तो वे खुद उन्मुक्त सैक्स चाहती हैं या फिर बिंदास हो चुकी होती हैं और गर्भपात को मासिक क्रम सा समझने लगती हैं.

गनीमत है कि भारत उन देशों में से है, जहां गर्भपात का कानून काफी उदार है. अमेरिका आज भी आधुनिक होते हुए गर्भपात पर नाकभौं चढ़ाता रहता है और वहां का शक्तिशाली चर्च प्रोलाइफ यानी गर्भ के बच्चे के जीवन के हक की बात जोरशोर से सड़कों, विधान सभाओं और अदालतों में करता रहता है.

गर्भ में जो है उस की मालकिन औरत और सिर्फ औरत है. उस गर्भ पर न तो धर्म, न समाज न सरकार और न ही उस पुरुष की जिस की वजह से गर्भ हुआ, कोई हक है. यह फैसला उस औरत का अपना है चाहे जो भी जोखिम हो. गर्भ में पल रहे भू्रण का कानूनी दर्जा क्या है या लिंग क्या है, यह जानने का भी उसे ही हक है और जब तक वह खुली हवा में सांस नहीं ले लेता उस औरत की संपत्ति है, उस युवती का फैसला है.

सुप्रीम कोर्ट के पास तो अवसर था कि बजाय डाक्टरों का पैनल बनवाने के वह आदेश देती कि हर मामले में फैसला केवल औरत और उस के डाक्टरों का होगा और डाक्टर अपनी सुविधा के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाएं या सक्शन मशीन, यह उन की अपनी मरजी है. डाक्टर को गलती के लिए दोषी ठहराया जा सकता है, गर्भपात करने या गर्भ में भू्रण के लिंग को पहचानने के लिए नहीं. औरतों ने नाहक ही धर्म या मानवता की आड़ में अपने हक कमजोर कराए हैं.

इन के जज्बे को सलाम

जयललिता और ममता बनर्जी के बाद उत्तर प्रदेश में अनुमान लगने लगा है कि अगले साल के चुनावों में बाजी मायावती के हाथों में रहेगी. मायावती जीतेंगी या नहीं, यह तो बात दूसरी है पर एक बात इन तीनों में सामान्य है कि ये तीनों ही किसी पुरुष के समर्थन की मुहताज नहीं हैं. होने को तो कई महिला मुख्यमंत्री हुई हैं और आज भी हैं वसुंधरा राजे पर वे अकेले अपने दमखम पर नहीं हैं.

ममता बनर्जी, जयललिता और मायावती तीनों ने सिद्ध किया है कि वे बिना पुरुष छत्रछाया के राजनीति जैसे दुरूह और पैतरे वाले क्षेत्र में भी सफल हो सकती हैं और वह भी बिना यह कहे कि वे आधी आबादी औरतों पर निर्भर हैं. इन तीनों की राजनीति अन्य पुरुष राजनीतिबाजों की तरह नीतियों और फैसलों पर चलती है और ये रोजमर्रा के आक्रमणों, रोज की समस्याओं, टूटतेजुड़ते लोगों के हेरफेर को सहन कर लेती हैं.

इन तीनों को गद्दियां विरासत में नहीं मिलीं, इन्होंने छीनी हैं. इन्होंने अरसे से चल रही पार्टियों को हरा कर जीत हासिल की है. ये जब सत्ता से बाहर थीं तो भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पगपग पर खतरों का सामना करा. यह कहानी अब घरघर में दोहराई जा सकती है. लाखों घर ऐसे हो गए हैं, जिन्हें औरतें अपने बल पर चला रही हैं. वे इन तीनों महिला नेताओं की तरह पुरुष शक्ति से लड़ कर सुखी जीवन जी रही हैं बेचारगी का नहीं. उन्हें अब भाई, पिता या बेटों का सहारा नहीं चाहिए.

आधुनिक शिक्षा की सब से बड़ी देन यही हुई है कि अब औरतों को वह सब पता है, जो आदमियों को पता है और वे हर उस जगह जा सकती हैं जहां आदमी जाते हैं. केवल इसलामी देशों को छोड़ कर दुनिया भर की औरतें आज मायावती की तरह सत्ता की डोर पाने को तैयार हैं. फिर चाहे सत्ता की हो, घर की हो, दुकान की हो, व्यवस्था की हो, पूरे राज्य की हो अथवा देश की.

जरमनी की ऐंजेला मार्केल अपने बलबूते यूरोप की सब से शक्तिशाली नेता हैं. हिलेरी क्लिंटन अगर राष्ट्रपति बनती हैं, तो बिल क्लिंटन की वजह से नहीं बनेंगी, उन के बावजूद बनेंगी. जरूरत हिम्मत की है, जरूरत संकल्प की है, जो हर स्त्रीपुरुष में बराबर हो सकता है. जरूरत सामाजिक गठन है, जो स्त्रीपुरुष पर बंधन नहीं लगाता या बराबर का बंधन लगाता है. जैंडर आज के युग में निरर्थक होता जा रहा है.

मायावती और हिलेरी क्लिंटन जीतें या न जीतें, उन का नाम रेस में पहले नंबर पर होना ही काफी है.

 

टीवी शो ‘साथिया’ की एक्ट्रेस के साथ छेड़छाड़

मशहूर टीवी शो साथ निभाना साथिया की एक्ट्रेस के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. स्टार प्लस पर आने वाले इस शो में नाइया का किरदार निभाने वाली प्रतिभा तिवारी ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई है. यह घटना मुंबई की हैं जहां शराब के नशे में धुत एक आदमी ने उनसे बुरा बर्ताव किया. घटना के वक्त प्रतिभा अपने हेयरड्रेसर के साथ कांदिवली हाईवे से गुजर रही थीं.

प्रतिभा ने बताया कि वो अपने एक साथ की इंतजार कर रहे थे. इसी समय उस शख्स ने आकर उनसे बात करने की कोशिश की. इस दौरान उसने कुछ अभद्र व्यवहार किया. इसके बाद प्रतिभा उसे सीधे पास के पुलिस स्टेशन लेकर गईं और एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए एक्ट्रेस ने कहा, दूसरी महिलाओं को भी इस तरह के हालात में ऐसा ही करना चाहिए. यह हैरानी की बात है कि शहर की इतनी बिजी सड़क पर इस तरह की घटना हुई.

बता दें कि प्रतिभा को पहली बार पहचान टीवी सीरियल तुझसे नाराज नहीं जिंदगी से मिली थी. वो स्टार पर आने वाले शो बदतमीज दिल में नजर आई थीं. इसके साथ ही उन्होंने कुछ कमर्शियल ऐड्स में भी काम किया है. फिलहाल प्रतिभा साथ निभाना साथिया सीरियल में नाइया का रोल कर रही हैं. यह किरदार नेगेटिव शेड का है. साथ निभाना साथिया सीरियल स्टार प्लस का सबसे लंबा चलने वाला शो है. इस सीरियल में प्रतिभा अमर उपाध्याय की बेटी के रोल में हैं.

बॉलीवुड में है राम की कमी

रोहित शेट्टी और करण जौहर की राम लखन रीमेक की चर्चा हमेशा जोरों पर रही है. लेकिन हाल ही में खबर आई थी कि फिलहाल के लिए फिल्म को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और रोहित शेट्टी दूसरे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रहे हैं.

जब रोहित शेट्टी से एक प्रमोशनल इवेंट पर ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने मजेदार तरीके से बताया कि राम लखन रीमेक कैंसिल हो गई क्योंकि पूरे बॉलीवुड को केवल लखन बनना था. राम का रोल कोई करना ही नहीं चाहता था. अब केवल लखन को लेकर मैं कैसे फिल्म बना लेता.

खबर थी कि रणवीर सिंह और शाहिद कपूर इस प्रोजेक्ट के लिए फाइनल कर लिए गए हैं. करण जौहर फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे थे. फिल्म का आखिरी ऑफर वरूण धवन के पास गया था, जिसे वरूण के रिजेक्ट करते ही फिल्म डिब्बाबंद मानी जा रही थी. लेकिन फिर रणवीर सिंह और शाहिद कपूर का नाम सामने आया और फैन्स खुश हो गए.

शाहिद कपूर और रणवीर सिंह की ऑफ स्क्रीन केमिस्ट्री जबर्दस्त है जो कई फिल्मों में दिख चुकी है ऐसे में दोनों को साथ भाईयों का किरदार निभाते देखना काफी दिलचस्प था. फिल्म में शाहिद कपूर को राम का रोल दिया गया था. हालांकि इससे पहले जब फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और वरूण धवन का नाम आ रहा था तो जैकी ने माना था कि सिड ही उनका रोल बेस्ट निभाएंगे.

अनिल कपूर एक दफे नहीं हज़ार बार कह चुके हैं कि उनका कोई भी रोल रणवीर से अच्छा कोई और नहीं निभा सकता. और शायद ये भी कारण हो कि रणवीर के लखन बनने की वजह से कोई राम नहीं बन रहा हो.

हालांकि सिड और वरूण से पहले इस फिल्म में बॉलीवुड के सबसे हैपेनिंग कपल अर्जुन कपूर और रणवीर सिंह के होने की बात थी. यहां तक कि फैन्स ने तो पोस्टर तक बना डाले थे. लेकिन अब रोहित ने कंफर्म किया कि चू्ंकि सबको अनिल कपूर वाला रोल चाहिए था, फिल्म बंद हो गई.

ऐसा ही कुछ हुआ है हाल की कुछ फिल्मों के साथ, जिनके बारे में बस बातें होती हैं पर ये फिल्में बनती ही नहीं.

मुन्नाभाई चले अमरीका

फिल्म का पहला टीजर 3 इडियट्स के साथ आया था और तब से ये फिल्म बन रही है या इस पर काम चल रहा है. खैर अब जब बाबा आ ही गए हैं तो उम्मीद है कि फिल्म भी बन ही जाएगी.

ठग

ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण यशराज फिल्म्स की इस फिल्म में काम करने वाले थे. फिर अमिताभ बच्चन को फिल्म में जोड़ा गया. इसके बाद से स्टार्स के फिल्म छोड़ने की खबर आ रही है पर फिल्म नहीं बन पा रही है. अब सुनने में आया है कि फिल्म में आमिर खान हैं.

एके Vs एसके

अनुराग कश्यप बॉम्बे वेलवेट के साथ जो कांड हुआ उसे लेकर सच में फिल्म बनाने वाले थे. शाहिद कपूर कास्ट हो गए, मीरा राजपूत का कैमियो डिसाइड हो गया पर फिल्म पता नहीं कहां गायब हो गई.

नमस्ते इंग्लैंड

हालांकि विपुल शाह का कहना है कि नमस्ते इंग्लैंड बन रही है लेकिन जबसे फिल्म का अनाउंसमेंट हुआ है, फिल्म के बारे में दूसरी कोई खबर किसी को नहीं मिली है.

हसीना

सोनाक्षी सिन्हा, दाउद इब्राहिम की बहन हसीना शेख की इस बायोपिक में फाइनल थीं. लेकिन सोना इस फिल्म के लिए डेट ही नहीं दे पा रही हैं और फिल्म लटकी है. अब माना जा रहा है कि फिल्म को श्रद्धा कपूर कर रही हैं.

बैंक चोर

यशराज फिल्म्स की इस फिल्म में कपिल शर्मा को फाइनल किया गया पर वो तीन फिल्म के कॉन्ट्रैक्ट में नहीं बंध पा रहे थे. फिर रितेश देशमुख ने उन्हें रिप्लेस किया. अब फिल्म का क्या हाल है पता नहीं.

 सेक्शन 84

यह फिल्म पहले सलमान खान प्रोडक्शन्स फाईनेंस कर रही थी लेकिन बजट को लेकर बहस के बाद इरोज़ इंटरनेशनल इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रही थी. लेकिन मानसिक रोगी के किरदार को हां करने के बाद करीना ने फिल्म छोड़ दी.

मिस्टर चालू

फिल्म के लिए सब कुछ फाइनल है. लेकिन रीमा कागती की इस फिल्म पर जाने क्या ग्रहण लगा है कि फिल्म शुरू ही नहीं हो पा रही है.

रुस्तम के कारण नहीं बनी आमिर की फिल्म

हाल ही में आई अक्षय कुमार की फिल्म रुस्तम चर्चा में है. ये 1959 के केएम नानावटी केस पर आधारित है. इसी केस पर फिल्म बनाने के लिए आमिर खान भी लंबे समय से रिसर्च कर रहे थे.

इस फिल्म का निर्देशन राम माधवानी करने वाले थे. फिल्म के सिलसिले में लंदन में रह रहीं नानावटी की पत्नी सिल्विया से भी बात की गई थी. लेकिन जब अक्षय की ‘रुस्तम’ और पूजा भट्ट की ‘लव अफेयर’ की घोषणा हुई तो निर्मताओं ने इस फिल्म को बनाने का ख्याल छोड़ दिया.

सूत्रों के अनुसार, ‘आमिर इस केस पर फिल्म बनाने के लिए बेहद उत्सुक थे. उन्होंने इसके बारे में बेहद गहराई से अध्ययन किया. आमिर ने इसके निर्देशन के लिए राम माधवानी को उपयुक्त पाया था. जब उनकी फिल्म नीरजा बेहद सफल रही तो उन्हें लगा कि माधवानी इस विषय के साथ न्याय कर सकते हैं. दोनों ने बाद में लंदन जाकर मिसेस नानावटी से बात की. उन्होंने भी इसमें खासी रुचि दिखाई. लेकिन जब नीरज पांडे इसी विषय पर बनने वाली फिल्म के लिए अक्षय कुमार को बोर्ड पर लाए तो आमिर का सारा उत्साह गायब हो गया.’

इतना ही नहीं कुछ ही दिनों बाद सोनी राजदान और पूजा भट्ट ने भी इसी केस पर फिल्म लव अफेयर की घोषणा कर दी. एक अन्य सूत्र कहते हैं कि आमिर की फिल्म पर रिसर्च कर रहे लोगों ने जब रुस्तम देखी तो वे बेहद निराश हुए.

उनकी स्टोरी लाइन इससे अलग थी. उनके अनुसार रुस्तम में इस केस का बहुत छोटा हिस्सा दिखाया गया है.

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