किसने छोड़ा शाहरुख-ऋतिक को पीछे

शाहरुख खान ने 50 फिल्में करने के बाद सुपरहीरो फिल्म ‘रा. वन’ की. ऋतिक रोशन की 12वीं फिल्म ‘कृष’ सुपरहीरो फिल्म थी. रजनीकांत ने अपने करिअर शुरू होने के तीन दशक के बाद ‘रोबोट’ की. अनिल कपूर की 17वीं फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ सुपरहीरो श्रेणी की फिल्म थी. जितेंद्र ‘हातिम ताई’ बने थे 150 से ज्यादा फिल्मों के बाद. अभिषेक बच्चन की 30 वीं फिल्म ‘द्रोण’ भी सुपरहीरो फिल्म थी. हर्षवर्धन ने सबसे आगे निकलते हुए दूसरी फिल्म सुपरहीरो फिल्म ‘भावेश जोशी’ साइन की. यह साधारण सुपरहीरो नहीं हैं, बल्कि आज के हालात से निपटने वाला सुपरहीरो है.

टल रही थी पिछले तीन साल से

इमरान खान, शाहिद कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा जैसे सितारों के साथ ‘भावेश जोशी’ पिछले तीन साल से प्लान हो रही थी. अंतत: अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन के खाते में आ गई. वे इस समय फिल्म के प्री प्रोडक्शन से जुड़कर तैयारियां कर रहे हैं. जुलाई में ही फिल्म की शूटिंग शुरू होगी. एक सितंबर से वे डेढ़ महीने का ब्रेक अक्टूबर में रिलीज हो रही अपनी डेब्यू फिल्म के प्रमोशन के लिए लेंगे. दीवाली के बाद फिर ‘भावेश जोशी’ की शूटिंग शुरू होगी, जिसका फाइनल शेड्यूल जनवरी में होगा.

फिल्म की रिलीज भी 2017 मई-जून के लिए तय है. इसमें हर्षवर्धन का फुल एक्शन अवतार सामने आएगा. इसके लिए खास ट्रेनिंग भी होगी. भावेश जोशी के सुपरहीरो लुक के लिए उन्हें फिटनेस पर खासी मेहनत करनी पड़ रही है.

इस फिल्म का एक्शन बहुत लाउड होगा. सूत्र बता रहे हैं, “विदेशी ट्रेनर इसके लिए खासतौर पर आएंगे. स्टंट के साथ हर्षवर्धन को टफ फिटनेस ट्रेनिंग भी लेनी होगी. उनके कॉस्ट्यूम पर भी खास काम हो रहा है.”

दो महीने स्पेशल इफेक्ट्स के लिए

इस सुपरहीरो फिल्म में स्पेशल इफेक्ट्स का बहुत बड़ा काम है. जनवरी में शूटिंग पूरी होने के बाद दो महीने स्पेशल इफेक्ट्स और वीएफएक्स पर काम होगा. इफेक्ट्स मुम्बई और चेन्नई स्थित भारतीय कंपनियों द्वारा ही दिए जाएंगे.

आखिर कौन बनेगी ‘‘पद्मावती’’

पिछले एक वर्ष से संजय लीला भंसाली चित्तौड़ की रानी पद्मावती की जिंदगी पर ऐतिहासिक फिल्म ‘‘पद्मावती’’ बनाने के लिए प्रयासरत हैं. तभी से इस फिल्म से जुड़ने वाले कलाकारों के नामों को लेकर कई तरह की खबरें आती रही हैं.

सूत्रों के अनुसार शुरू से ही संजय लीला भंसाली अपनी इस फिल्म के लिए रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण व प्रियंका चोपड़ा के नामों पर विचार करते आ रहे हैं. सूत्रों की माने तो जिस दिन संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावती’ बनाने का निर्णय लिया था, उसी दिन अलाउद्दीन खिलजी के किरदार को निभाने के लिए रणवीर सिंह का नाम तय कर लिया था. लेकिन दीपिका पादुकोण व प्रियंका चोपड़ा को लेकर संशय की स्थिति बनी रही.

बीच में फिल्म ‘‘पद्मावती’’ से जुड़ने के लिए कई अभिनेत्रियों के नाम सामने आते रहे. इतना ही नही यह भी चर्चा गर्म है कि संजय लीला भंसाली  ने इस फिल्म में अभिनय करने के लिए विक्की कौशल को साइन किया है. तब से यह चर्चा भी हो रही है कि क्या अब इस फिल्म में रणवीर सिंह नहीं होंगे? पर अभी तक स्थिति साफ नहीं है. संजय लीला भंसाली ने अब तक कुछ कहा ही नही है.

मगर जैसे ही दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के गुप्त रूप से सगाई करने की खबर गर्म हुई, वैसे ही बौलीवुड में हलचल तेज हो गयी. दो दिन बाद ही खबर आयी कि संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावती’ में पद्मावती का किरदार निभाने के लिए दीपिका पादुकोण को साइन कर लिया है.

मगर हकीकत है कि अब तक रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण दोनों ने ही अपनी गुप्त सगाई की खबर पर चुप्पी साधे हुए हैं. तो दूसरी तरफ दीपिका पादुकोण या संजय लीला भंसाली की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि दीपिका पादुकोण फिल्म ‘पद्मावती’ कर रही हैं. जबकि स्थिति यह है कि फिलहाल दीपिका पादुकोण के पास एक भी भारतीय फिल्म नहीं है.

उधर बौलीवुड के बिचौलयों की माने तो कंगना रनौत अपनी तरफ से दीपिका पादुकोण के करियर में रोड़ा डालने के प्रयासो में लगी हुई हैं. सूत्रों का दावा है कि कंगना के साथ दुश्मनी की शुरूआत दीपिका पादुकोण ने ही की थी. सूत्रों की माने तो दीपिका पादुकोण ने विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘‘रंगून’’ से कंगना को हटाकर खुद जुड़ने का असफल प्रयास किया था.

सूत्रों का दावा है कि अब कंगना रानौट भी दीपिका पादुकोण के खिलाफ उसी तरह की चाल चल रही हैं. अब तक चुप बैठी रही कंगना ने जैसे ही सुना कि संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘पद्मावती’ के लिए दीपिका पादुकोण को साइन किया है, उसी दिन से कंगना रानौत अपनी तरफ से संजय लीला भंसाली तक संदेश भिजवा रही हैं कि वह उनके निर्देशन में फिल्म ‘‘पद्मावती’’ में पद्मावती का किरदार निभाना चाहती हैं. सूत्रों का दावा है कि कंगना अब एड़ी चोटी का जोर लगाकर इस फिल्म से दीपिका को हटवा कर खुद जुड़ना चाहती हैं.

मजेदार बात यह है कि कुछ सूत्र दावा कर रहे हैं कि यदि प्रियंका चोपड़ा ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘पद्मावती’’ से जुड़ने का फैसला किया, तो हो सकता है कि प्रिंयका, दीपिका की बजाय कंगना के पक्ष में बात करे. यानी कि फिल्म ‘पद्मावती’ में कौन अभिनय करेगा, यह मसला काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है.

बहरहाल,अब हर किसी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि फिल्म ‘‘पद्मावती’’ का हिस्सा बनने का अवसर किसे मिलता है.

बिकनी लाइन का कालापन ऐसे करें दूर

ज्यादातर महिलाएं बिकिनी पहनने से हिचकती हैं क्यूंकि वह काले बिकिनी लाइन को लेकर शर्मिंदा होती हैं. यह एक आम त्वचा की समस्या है जिससे कई महिलाएं जूझती हैं. पर यह ऐसी समस्या है जिसका समाधान है.

हम असरदार घरेलू उपचार लेकर आए हैं जो आपके प्यूबिक एरिया के आसपास की त्वचा को गोरा करता है और साथ साथ त्वचा को मुलायम भी बनाता है. स्टोर से खरीदे हुए क्रीम के मुकाबले यह घरेलू उपचार सुरक्षित और प्राकृतिक होते हैं. चूंकि, प्यूबिक एरिया के आसपास की त्वचा काफी कोमल और संवेदनशील होती है, इसलिए प्राकृतिक उपचार ही लेना चाहिए.

किसी भी नए उपचार से पहले पैच टेस्ट जरूर करें ताकि आप यह जान सकें कि इससे आपकी त्वचा पर बुरा असर तो नहीं पड़ने वाला. इन हैरतअंगेज घरेलू उपायों पर नजर डालें.

निम्बू का रस

निम्बू एसिडिक होता है और इससे आपके प्यूबिक एरिया के आसपास की त्वचा काफी हद तक गोरी हो जाती है. आधे कटे निम्बू को लें और इसे जांघ और इसके अंदर के क्षेत्र पर मलें. उसके बाद त्वचा को हल्के गुनगुने पानी में धो लें. इस प्रक्रिया को कुछ दिनों तक करें और आपको अच्छा परिणाम मिलेगा.

ऑलिव ऑयल

3 से 4 बूंद ऑलिव ऑयल लें और इसे प्यूबिक एरिया पर 10 से 15 मिनट के लिए मसाज करें. ऐसा सप्ताह में 2 से 3 बार करें. त्वचा मुलायम हो जाएगी.

एलोवेरा जेल

ताजे एलो वेरा जेल को लेकर प्यूबिक एरिया पर लगाएं. इसे 30 से 35 मिनट तक यहां पर लगे रहने दें और बाद में धो लें. इसे दिन में 2 से 3 बार करें और आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे.

दही और नारंगी का छिलका

इन दोनों सामग्री को मिलाकर प्यूबिक एरिया पर लगाएं. इसे 30 से 35 मिनट तक लगा रहने दें और इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें. इस उपचार को लगातार करते रहें और कुछ दिनों में प्यूबिक एरिया की काली त्वचा गोरी होती दिखेगी.

टमाटर

टमाटर के रस को त्वचा के रंग को साफ करने के लिए इस्तमनाल में लाया जाता है. इसे प्यूबिक एरिया पर लगाएं और 20 से 25 मिनट तक लगा रहने दें. इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें. यह त्वचा का रंग तो साफ करेगा ही साथ साथ त्वचा मुलायम भी हो जाएगी.

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा को गंदगी और मृत त्वचा निकालने में इस्तमाल किया जाता है. इसे पानी के साथ मिलाकर प्यूबिक एरिया पर लगाएं. इसे 20 से 25 मिनट तक लगा रहने दें और इसके बाद ठंडे पानी से धो लें.

दूध

रूई के इस्तमाल से प्यूबिक एरिया पर कच्चा दूध लगाएं. इसे 10 से 15 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें और इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें. कुछ ही दिनों में आपको अपनी त्वचा के रंग में अच्छा खासा अंतर समझ आने लगेगा.

पत्रकार बनीं श्रुति हासन

विशाखापत्तनम में सूर्या स्टारर तमिल फिल्म ‘सिंघम 3’ उर्फ ‘एस 3’ की शूटिंग कर रहीं एक्ट्रेस श्रुति हासन कथित तौर पर इस फिल्म में पत्रकार की भूमिका में हैं.

फिल्म यूनिट से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘श्रुति फिल्म में विद्या के किरदार में हैं, जो सूर्या को एक बड़े मामले के खुलासे में मदद करती हैं. पिता कमल हासन की फिल्म ‘शबाश नायडू’ के सेट पर लौटने से पहले श्रुति महीने के अंत तक ‘एस 3’ की शूटिंग पूरी कर लेंगी.

सूर्या फिल्म में पुलिसवाले के किरदार में नजर आएंगे. इसका संगीत हैरिस जयराज ने दिया है. इस फिल्म की शूटिंग की कई तस्वीरें ट्विटर पर श्रुति हासन के फैन क्लब द्वारा शेयर भी की गई हैं.

बॉलीवुड में ‘खलनायक’ की वापसी

जिस तरह जेल से रिहा होने के बाद संजय दत्त बॉलीवुड में वापसी की तैयारी कर रहे हैं, उसी तरह बल्लू बलराम भी दर्शकों के बीच लौटने वाला है. अरे, वही फिल्म ‘खलनायक’ का गैंगस्टर बल्लू बलराम, जिसका किरदार संजय दत्त ने निभाया था.

अब आप जरूर समझ गए होंगे, फिर भी आपको बता दें कि सुभाष घई अपनी योजना के मुताबिक, 1993 की इस सुपरहिट फिल्म का सीक्वल बनाने जा रहे हैं और ‘खलनायक रिटर्न्स’ के जरिए दो दशक बाद संजय दत्त, गैंगस्टर बल्लू बलराम के रूप में दर्शकों के बीच लौटने वाले हैं.

इस एक्शन-थ्रिलर फिल्म में संजय दत्त के अलावा माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं और यह उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शुमार रही थी. गाने तो आज भी हिट हैं और इसमें कोई शक नहीं कि ‘खलनायक’ की वापसी से संजय दत्त के फैंस जरूर उत्साहित होंगे.

 सुभाष घई ने इस फिल्म का निर्देशन किया था और अब उनके और संजय दत्त के प्रोडक्शंस ने इस साल के अंत तक ‘खलनायक रिटर्न्स’ को बनाने के लिए हाथ मिलाया है.

सुभाष घई ने बताया कि संजय दत्त, बल्लू बलराम का किरदार निभाएंगे, जो 20 साल बाद जेल से वापसी करता है. स्क्रिप्ट अपने फाइनल स्टेज में है और जैसे ही यह पूरी हो जाएगी कि बाकि के कास्ट की घोषणा कर दी जाएगी. सुभाष घरई ने यह भी बताया कि इस बार कोई नया निर्देशक इसे बनाएगा. वहीं उन्होंने इस खबर का भी खंडन किया कि टाइगर श्रॉफ इस फिल्म का हिस्सा होंगे.

किसको किया परिणीति ने सबके सामने किस…?

परिणीति चोपड़ा का फिल्म ‘ढिशूम’ में किया गया आइटम नंबर चर्चा का विषय बना हुआ है. इस गाने के बोल हैं, ‘जानेमन आह….’ हालांकि अभी तो गाने का कुछ हिस्सा ही मेकर्स ने रिलीज किया है. लेकिन इसमें वरुण और परिणीति के बीच की केमिस्ट्री काफी अच्छी लग रही है. सुनने में आया है कि इस गाने में परिणीति ने वरुण को किस भी किया है.

फिल्म की यूनिट से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘मुझे लगता है कि इस गाने में वरुण और परिणीति किस करते हुए भी नजर आएंगे. हालांकि ये किस लिप-टू-लिप नहीं होगा, लेकिन माहौल का गरम जरूर कर देगा.’

परिणीति और वरुण का गाने में किस देखने को मिले या नहीं, लेकिन इतना जरूर तय है कि जब ये गाने थिएटर्स में सुनाई देगा तो माहौल जरूर बन जाएगा. परिणीति वजन घटाने के बाद पहली बार इस गाने के जरिए बड़े पर्दे पर नजर आ रही हैं.

‘ढिशूम’ में परिणीति का सिर्फ एक आइटम सॉन्ग हैं, इसके अलावा फिल्म में वरुण धवन, जैकलीन फर्नांडिस और जॉन अब्राहम नजर आएंगे. फिल्म 29 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है.

न्यूयॉर्क में अक्षय को मिला गिफ्ट

अपनी फिल्म ‘रुस्तम’ की रिलीज का इंतजार कर रहे अभिनेता अक्षय कुमार को यहां पारसी समुदाय ने एक ‘फरवहर’ (पारसी समुदाय का प्रतीक चिन्ह) उपहार में दिया है.

अक्षय फिलहाल अपने परिवार के साथ अमेरिका में छुट्टियां बिता रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह अपने हाथ में फरवहर थामे दिखाई दे रहे हैं.

तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में पारसी समुदाय से फरवहर मिलने पर धन्य महसूस कर रहा हूं. ‘रुस्तम’ पर आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद.’

अभिनेता ने एक अन्य ट्वीट में अपने परिवार के साथ छुट्टियां खत्म होने का खुलासा भी किया. अक्षय ने एक तस्वीर शेयर की , जिसमें वह अपनी बेटी नितारा को बाहों में थामे नजर आ रहे हैं. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, ‘सभी अच्छी चीजों की तरह ये छुट्टियां भी खत्म हो रही हैं. अगली बार तक के लिए नन्हीं बच्ची सहित न्यूयॉर्क को अलविदा कर रहा हूं.’

टीनू सुरेश देसाई निर्देशित फिल्म ‘रुस्तम’ में इलियाना डिक्रूज और ईशा गुप्ता भी हैं. फिल्म 12 अगस्त को रिलीज होगी.

 

रिटायरमेंट प्लानिंग के वक्त इन गलतियों से बचें

नौकरी के बाद अपने रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका है, आज ही से सोचना शुरू कर दें कि आप रिटायरमेंट के बाद कैसा जीवन गुजारना चाहते हैं और उसी के हिसाब से कुछ फैसले अभी से ही लेना शुरू कर दें.

एक सर्वे के मुताबिक 80 फीसदी लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग नहीं कर पाते हैं. जो लोग प्लानिंग करते भी हैं वे कुछ सामान्य गलतियां कर देते हैं जिसका खामियाजा रिटायरमेंट के दौरान भुगतना पड़ता है, तो आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में जो अक्सर लोग करते है जिसे प्लानिंग के दौरान आपको ध्यान में रखना चाहिए.

1. अपने खर्चों का सही अंदाजा नहीं लगा पाना

सबसे जरूरी है इस बात का अनुमान लगाना कि रिटायरमेंट के बाद आपका खर्च कितना होगा. यानी अपनी जरूरतों का सही अनुमान लगाना बहुत जरूरी है अगर आंकलन सही नहीं किया गया तो आपका रिटायरमेंट फंड कम पड़ सकता है. इसलिए अंदाजे से काम चलाने के बजाय आप अपने पिछले कुछ महीनों के खर्चों की लिस्ट तैयार करें और एक एवरेज निकालकर फंड की राशि तैयार करें.

2. रुपये की घटती वैल्यू का ध्यान रखना

 हम सभी महंगाई से जूझ रहे हैं, इसके बावजूद रिटायरमेंट की प्लानिंग करते वक्त इसे भूल जाते हैं. नतीजा यह होता है कि महंगाई के प्रभाव के चलते आने वाले समय में आपका फंड कम पड़ जाता है. एक सिंपल सा फंडा है आज रुपये की जो वैल्यू है वो जीवनभर नहीं रहेगी यानी आज जो चीज आप 10 रुपये में खरीद पा रहे हैं 20 साल बाद उसकी कीमत दो से ढाई गुनी बढ़ जाएगी.

3. रिटायरमेंट फंड से पैसे निकालते रहना

अक्सर लोग ये सोचते है कि रिटायरमेंट बहुत दूर है ऐसे में जब भी जरूरत पड़ती है लोग इसी फंड में से पैसे निकाल लेते है. बच्चों की शादी, एडमिशन आदि के लिए तो फंड से पैसे निकालना ठीक भी है, लेकिन दिक्कत तो तब होती है जब लोग लक्जरी चीजों के लिए जैसे कार खरीदना, विदेश यात्रा आदि के लिए इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. इसलिए रिटायरमेंट फंड को हाथ लगाने से पहले यह जरूर सोच लें कि यह पैसा उस समय के लिए है जब आपके पास कमाई का कोई साधन नहीं होगा.

4. एक अलग मेडिकल फंड न रखना

रिटायरमेंट फंड में मेडिकल खर्चों के लिए अलग से कुछ व्यवस्था करनी जरूरी है क्योंकि बुढ़ापे में लोग ज्यादा बीमार पड़ते है. साथ ही अक्सर कई तरह की स्वास्थ संबंधी दिक्कतों से जूझते है. इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग के वक्त ही इस बारे में सोच लेना चाहिए.

5. पहले चुका दें लोन

एक बात जो आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए वो यह कि रिटायरमेंट से पहले ज्यादा से ज्यादा कर्ज चुका दें. क्योंकि रिटायरमेंट के बाद आपकी कमाई का जरिया खत्म हो जाता है और जिंदगी केवल उन्हीं पैसों के दम पर चलानी होती है जो आपने जमा किए हैं. इसलिए फंड में से लोन न चुकाना पड़े इस बात का ध्यान जरूर रखें.

जरा सुनो! ये दीवारें कुछ कहती हैं…

रत में हर राज्‍य के महलों और किलों का अपना अलग ही आकर्षण है. अगर आप प्राचीन कला और धरोहर को देखने का शौक रखते हैं तो इन शानदार किलों को अपनी ट्रैवल लिस्‍ट में जरूर शामिल करें…

1. मेहरानगढ़ किला, राजस्थान

मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर शहर में है. यह 500 साल से भी ज्यादा पुराना और सबसे बड़ा किला है. यह किला काफी ऊंचाई पर बना है. इसे राव जोधा ने बनवाया था. इस किले में 7 फाटक (दरवाजे) हैं.

हर फाटक राजा के युद्ध में जीतने पर स्मारक के तौर पर बनवाया गया था. इस किले में जायापॉल फाटक राजा मानसिंह ने बनवाया था. किले के अंदर मोती महल, शीश महल जैसे भवनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया है. चामुंडा देवी का मंदिर और म्यूजियम इस किले के अंदर ही हैं.

2. आगरा का किला, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के आगरा में बने इस किले को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है. पहले यह किला राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के पास था, बाद में इस पर महमूद गजनवी ने कब्जा कर लिया था. अपने वास्तुशिल्प, नक्काशी और सुंदर रंग-रोगन के कारण यह देश सभी किलों में से सबसे ज्‍यादा सुंदर माना जाता है. इस किले की चहारदीवारी के अंदर एक पूरा शहर बसा हुआ.

सफेद संगमरमर की मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मुसम्मन बुर्ज, जहांगीर पैलेस, खास महल और शीश महल उनमें से कुछ खास हैं. मुगल शासक बादशाह अकबर ने 1573 में आगरा के किले के निर्माण की शुरुआत की थी.

3. ग्वालियर का किला, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित इस किले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था. यह उत्तर और मध्य भारत के सबसे सुरक्षित किलों में से एक है. सुंदर स्थापत्य कला, दीवारों और प्राचीरों पर बेहतरीन नक्काशी, रंग-रोगन और शिल्पकारी की वजह से यह किला बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. यह गोपांचल पर्वत पर बना है. लाल बलुए पत्थर से बना. इस किले के भीतरी हिस्सों में मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूने मौजूद हैं.

4. चित्तौड़गढ़ का किला, राजस्थान

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित यह किला 700 एकड़ जमीन में फैला हुआ है. जमीन से 500 फुट की ऊंची पहाड़ी पर बना यह किला बेराच नदी के किनारे स्थि‍त है. 7वीं सदी से 16वीं सदी तक यह राजपूत वंश का महत्वतपूर्ण गढ़ था. इस किले की विशेषता इसके मजबूत प्रवेशद्वार, बुर्ज, महल, मंदिर, दुर्ग और जलाशय हैं जो राजपूत वास्‍तुकला के बेमिसाल नमूनों में शामिल हैं.

इस किले के सात प्रवेश द्वार हैं. पहला प्रवेश द्वार पैदल पोल के नाम से जाना जाता है जिसके बाद भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्‍मण पोल और आखिर में राम पोल है जो 1459 में बनवाया गया था. किले की पूर्वी दिशा में स्‍थित प्रवेशद्वार को सूरज पोल कहा जाता है. यहां दो प्रसिद्ध जलाशय हैं, जो विजय स्तंभ और राणा कुंभा के नाम से प्रसिद्ध हैं.

5. लाल किला, दिल्ली

लाल किला दिल्ली का एक विश्व प्रसिद्ध किला है. इसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल ने 1060 में करवाया था. बाद में पृथ्वीराज चौहान ने इसे फिर से बनवाया और शाहजहां ने इसे तुर्क शैली में ढलवाया था. लाल बलुआ पत्थरों और प्राचीर के कारण इसे लाल किला कहा जाता है. भारत के लिए यह किला ऐतिहासिक महत्व रखता है.

मुगल शासक, शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा से शासन करने के बाद तय किया कि राजधानी को दिल्‍ली लाया जाए और यहां 1618 में लाल किले की नींव रखी गई. वर्ष 1647 में इसका उद्घाटन हुआ. करीब डेढ़ मील में फैले इस किले के लाहौर और दिल्‍ली गेट दो प्रवेश द्वार हैं.

6. सोनार का किला, राजस्थान

सोनार का किला राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है. इस किले की खासियत यह है कि इस पर जैसे ही सुबह सूरज की किरणें पड़ती हैं. यह सोने की तरह दमकता है. इसलिए इसे सोनार का किला कहते हैं. वैसे रेगिस्तान के बीच में स्थित होने से इसे रेगिस्तान का दुर्ग भी कहा जाता है. यह दुनिया के बड़े किलों में से एक है और इसमें चारों ओर 99 गढ़ बने हुए हैं. इनमें से 92 गढ़ों का निर्माण 1633 से 1647 के बीच हुआ था.

जैसलमेर के किले का मुख्य आकर्षण गोपा चौक स्थित किले का पहला प्रवेश द्वार है. यह विशाल और भव्य द्वार पत्थर पर की गई नक्काशी का शानदार नमूना है. दूसरा आकर्षण दुर्ग के अंतिम द्वार हावड़पोल के पास स्थित दशहरा चौक है जो इस दुर्ग का खास दर्शनीय स्थल है. यहां टूरिस्ट खरीददारी कर सकते हैं.

जैसलमेर किले में एक अन्य आकर्षण है राजमहल. यह किले के अंदरूनी हिस्से में बना हुआ है. किसी समय यह महल राजा महाराजाओं के रहने की मुख्य जगह हुआ करती थी. इस वजह से यह दुर्ग का सबसे खूबसूरत हिस्सा भी है.

7. कांगड़ा किला, हिमाचल प्रदेश

यह किला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में है. इसे कांगड़ा के शाही परिवार ने बनवाया था. यह दुनिया के सबसे पुराने किलों में से एक है और इसे देश के सबसे पुराने किलों में गिना जाता है. इसे नगरकोट या कोट कांगड़ा के नाम से भी जाना जाता है. बाणगंगा और मांझी नदियों के ऊपर स्थित कांगड़ा किला, 500 राजाओं की वंशावली के पूर्वज राजा भूमचंद की ‘त्रिगतरा’ भूमि की राजधानी थी. यह किला धन-संपति के भंडार के लिए इतना प्रसिद्ध था कि मोहम्मद गजनी ने भारत में अपने चौथे अभियान के दौरान पंजाब को हराकर सीधे 1009 ईसवी में कांगड़ा पहुंचा था.

8. गोलकोंडा का किला, हैदराबाद

आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 11 किलोमीटर की दूरी पर बने इस किले का निर्माण काकतिया शासकों ने करवाया था. इसे भव्यता और सुंदर संरचना के कारण जाना जाता है. आज भी हजारों की संख्या में पर्यटकों का यहां जमावड़ा देखा जा सकता है.

इस दुर्ग का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब्दी में कराया था. बाद में यह बहमनी राजाओं के हाथ में चला गया और मुहम्मदनगर कहलाने लगा. 1512 ई. में यह कुतुबशाही राजाओं के अधिकार में आया. फिर 1687 ई. में इसे औरंगजेब ने जीत लिया. ग्रेनाइट की एक पहाड़ी पर बने इस किले में कुल आठ दरवाजे हैं. यह पत्थर की तीन मील लंबी मजबूत दीवार से घिरा है. मूसी नदी इसके दक्षिण में बहती है. दुर्ग से लगभग आधा मील दूर उत्तर में कुतबशाही राजाओं के ग्रेनाइट पत्थर के मकबरे हैं जो टूटी-फूटी अवस्था में अब भी मौजूद हैं.

9. सिंधुदुर्ग का किला, महाराष्ट्र

यह किला मुंबई से 400 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र के बीच में बनाया गया था. किले का निर्माण शिवाजी ने 1664 से 1667 के बीच किया था. सिंधुदुर्ग अपनी खूबसूरती की वजह से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यह मुंबई के दक्षिण में महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में स्थित है. सिंधुदुर्ग समुद्र के बीच एक छोटे टापू पर बना है.

10. कुम्भलगढ़ का किला, राजस्थान

राजस्थान के राजसमंद में स्तिथ कुम्भलगढ़ फोर्ट का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था. इस फोर्ट की दो खासियत हैं – पहली इस फोर्ट की दीवार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है जो की 36 किलो मीटर लम्बी है तथा 15 फीट चौड़ी है, इतनी चौड़ी की इस पर एक साथ पांच घोड़े दौड़ सकते है.

दूसरी विशेषता है कि इस दुर्ग के अंदर 360 से ज्यादा मंदिर हैं जिनमे से 300 प्राचीन जैन मंदिर और बाकि हिंदू मंदिर हैं. यह एक अभेध किला है जिसे दुश्मन कभी अपने बल पर नहीं जीत पाया. इस किले की ऊंचे जगहों पर महल, मंदिर और रहने के लिए इमारते बनाई गईं. यहां समतल भूमि का उपयोग कृषि के लिए किया गया वही ढलान वाले भागों का इस्तेमाल जलाशयों के लिए करके इस दुर्ग को पूरी तरह सक्षम बनाया गया.

आंखों को दें स्‍मोकी लुक

पार्टी से लेकर कैजुअल लुक तक स्‍मोकी आई लुक कभी भी अपनाया जा सकता है. मानूसन दस्तक दे चुका है और इसी के साथ मेकअप के नए ट्रेंड और स्टाइल जगह बनाने लगेंगे. ऐसे में ट्रेंडी और ब्यूटीफुल लुक के लिए आप  स्‍मोकी आई मेकअप को ट्राई कर सकती हैं.

जानिए, कैसे करें स्मोकी आई मेकअप…

1. स्‍मोकी आई मेकअप आंखों पर ज्‍यादा समय तक टिका रहें इसके लिए सबसे पहले आंखों पर हल्‍का प्राइमर लगाएं. इसे लगाने के बाद आंखों के ऊपर और आईब्रो तक फैलाएं.

2. स्मोकी आई मेकअप के लिए हमेशा लाइट कलर के आई शैडो बेस को डार्क कलर के साथ लगाएं. इसे ब्रश की सहायता से आंखों के कोनों और नीचे की पलकों के बीच में लगाएं. पलकों पर आईशैडो को लगाने के बाद उसको अच्‍छे से फैलाएं.

3. आंखों को आकर्षक दिखाने के लिए डार्क आई लाइनर पलकों के बीच में लगाएं और नीचे की पलक के लिए आई लाइनर पैंसिल का इस्तेमाल करें. स्मोकी लुक को और बेहतर बनाने के लिए आंखों के किनारे से लाइट स्ट्रोक्स निकालना न भूलें.

4. स्मोकी लुक को फाइनल टच देने के लिए पलकों पर मस्कारा लगाना न भूलें और इसे पलकों पर घुमाव देते हुए लगाएं.

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