खेल से अधिक रिश्तों को दर्शाती ‘सुल्तान’

भले ही फिल्म ‘सुल्तान’ के अभिनेता सलमान खान द्वारा दिए गए विवादित इंटरव्यू के बाद लोंगों का गुस्सा सलमान पर था, लेकिन फिल्म का मिजाज़ इमोशनल और एक्शन से भरपूर होने की वजह से फिल्म मनोरंजक बनी है. सलमान ने इस फिल्म में अपनी इमेज से निकलकर दंगल के दांव-पेंच, स्फूर्ति, चतुराई सभी को बखूबी निभाया है. उम्र के इस पड़ाव में आकर अगर अभिनेता इतना अच्छा परफोर्मेंस दे, तो ज़ाहिर है कि नए कलाकारों के लिए यह चुनौती होगी.

सलमान के साथ अनुष्का शर्मा ने पूरा तालमेल बिठाया है. निर्देशक अली अब्बास ज़फर ने सही जोड़ी को पर्दे पर उतारा है. पूरी फिल्म सलमान के कन्धों पर है और सलमान ने अभिनय के द्वारा उसे जीवंत किया है, फिल्म में बाकी चरित्र कि भूमिका भले ही कम हो, पर सबका काम असर छोड़ने में सफल रहे. फिर चाहे वह दादी हो, दोस्त गोविन्द हो, अमित साध या रणदीप हुडा.

फिल्म में सुल्तान अली खान (सलमान खान) हरियाणा के रेवाड़ी जिले के बुरोली गाँव का एक नौजवान है, जिसे पतंग लूटने और मौज-मस्ती करने में मजा आता है. अचानक एक दिन सुल्तान की मुलाकात स्टेट चैंपियन रेसलर आरफा (अनुष्का शर्मा) से होती है. इधर आरफा के पिता की इच्छा है कि वह अपने देश के लिए ओलंपिक का स्वर्ण मेडल लेकर आये. आरफा भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही थी कि सुल्तान उससे अपने प्यार का इज़हार कर देता है.

आरफा अपने एटीट्युड से उसे मना कर देती है और उसे कुछ बनकर दिखाने को कहती है. ऐसे में सुल्तान भी अखाड़े में उतर कर आरफा के पिता का शागिर्द बन जाता है. सुल्तान की कुश्ती से प्रभावित होकर आरफा उसकी दोस्त बन जाती है. इस बार सुल्तान का दोस्त उसे होने वाली भाभी कहकर बुलाता है तो वह गुस्सा हो जाती है, तभी सुल्तान उसे शादी का प्रस्ताव देता है और आरफा उसे थप्पड जड़ देती है.

यहीं से सुल्तान का मकसद बदल जाता है. स्टेट चैंपियन के बाद वह वर्ल्ड चैंपियन बन जाता है. आरफा और सुल्तान की अब शादी हो जाती है. लेकिन उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा होता है कि एक बार फिर दोनों अलग हो जाते हैं. आरफा अपने पिता के पास रहने चली जाती है. सुल्तान रेसलिंग छोड़ सरकारी नौकरी करने लगता है.

तभी सुल्तान की जिंदगी में आकाश ओबेरॉय (अमित साध) की एंट्री होती है जो दिल्ली में कुश्ती चैंपियनशिप करवा रहा है और एक अच्छे रेसलर की जरूरत है. यहाँ से सुल्तान एक बार फिर अपनी कुश्ती की दुनिया में लौटकर अपने प्यार को वापस पाता है.

फिल्म में हरियाणवी भाषा का अच्छी तरह प्रयोग हुआ है सलमान और अनुष्का भी इसे सही तरह से बोलने में सफल रहे. अनुष्का ने अपने अभिनय को पूरी तरह समझकर काम किया है. फिल्म की शुरूआती भाग थोड़ा धीमा है, पर बाद में रफ़्तार सही रही. फिल्म में एक जगह सलमान की उम्र 30 साल बताई गयी जबकि उसका चेहरा उम्र को छुपाने में असफल रहा. विशाल शेखर  के गीत दृश्य के अनुरूप है. बहरहाल फिल्म देखने योग्य है इसे थ्री स्टार दिया जा सकता है.                 

परिणीति के इतने बुरे दिन, उठाना पड़ा ये कदम!

परिणीति चोपड़ा के फिल्मी करियर की शुरुआत बहुत अच्छी रही. कुछ सालों में ही वो ‘लेडिज वर्सेज रिकी बहल’, ‘इश्कजादे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’ और ‘दावत-ए-इश्क’ जैसी फिल्मों से दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब हो गईं. मगर 2014 में आई उनकी फिल्म ‘किल दिल’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप साबित रही और इसके बाद परिणीति भी रहस्यमयी तरीके से लाइमलाइट से गायब हो गईं. पिछले दो साल तक उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिली, मगर अचानक जब इस साल परिणीति अवतरित हुईं तो काफी बदली-बदली नजर आईं. वो इतनी स्लिम-ट्रीम नजर आईं कि लोग उनके लुक को देख हैरान रह गए. फिर लगा कि परिणीति कहां बिजी थीं.

दरअसल, वो बॉलीवुड में फिर से मजबूती से अपना पैर जमाने की कोशिश में जुटी हुई थीं और इसके लिए उन्होंने अपनी बॉडी पर कड़ी मेहनत की. आते ही उन्होंने एक के बाद एक हॉट फोटोशूट कराए और फिर खबर आई कि परिणीति फिल्म ‘मेरी प्यारी बिंदू’ से बॉलीवुड में वापसी कर रही हैं. फिलहाल इस फिल्म की शूटिंग चल रही है और इसमें उनके हीरो आयुष्मान खुराना हैं. मगर लगता है परिणीति कुछ धमाकेदार वापसी करना चाहती हैं और इसके लिए भी वो कोशिशों में जुटी हुई हैं.

परिणीति किसी बड़े स्टार के साथ फिल्म करना चाहती हैं, खास तौर से सलमान खान के साथ. उन्होंने कई हीरोइनों का करियर संवारा है और वाकई में परिणीति की जो मौजूदा स्थिति है, उसके लिए सलमान जैसा सुपरस्टार ही कुछ कर सकता है. इसलिए परिणीति भी सलमान के साथ फिल्म करने के लिए उनके पीछे पड़ गई हैं. एक सूत्र का कहना है, परिणीति, सलमान के साथ काम करना चाहती हैं. यहां तक कि वो सलमान से मुलाकात करने की कोशिश भी कर रही हैं, ताकि उनके साथ काम करने की पूरी संभावना बन सके.

साथ आये रणबीर-कैटरीना

बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री कैटरीना कैफ अपनी बहुचर्चित फिल्म ‘जग्गा जासूस’ का प्रचार इकट्ठे ही करेंगे. ऐसी अफवाहें थी कि रणबीर और कैटरीना लंबे समय तक चले अपने रिश्ते के टूट जाने के बाद अब फिल्म का प्रचार एक साथ नहीं करेंगे.

फिल्म निर्माता और डिजनी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ सिद्धार्थ राय कपूर ने से कहा ‘ रणबीर और कैटरीना पूरी तरह पेशेवर हैं और दोनों ही वह सब करेंगे जो ‘जग्गा जासूस’ के प्रचार के लिए जरूरी होगा.’ निर्देशक अनुराग बसु की जासूसी-ड्रामा फिल्म की रिलीज की तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी. ‘जग्गा जासूस’ पहले 2014 अक्तूबर या नवंबर में रिलीज होने वाली थी लेकिन मुख्य किरदारों की पूर्व प्रतिबद्धताओं के चलते इसकी रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी गई.

सिद्धार्थ ने कहा, ‘ शूटिंग अंतिम चरण में है, कुछ ही दिनों में शूटिंग पूरी हो जाएगी. इसके बाद ही हम रिलीज की तारीख की घोषणा करेंगे. ’ फिल्म के अगले साल रिलीज होने के सवाल पर सिद्धार्थ ने कहा कि शूटिंग खत्म होने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.

सलमान खान की मुश्किलें बढ़ीं

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के बहुचर्चित हिट एंड रन मामले में महाराष्ट्र सरकार की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है. इससे फिल्म अभिनेता सलमान खान की मुसीबत बढ़ सकती है. महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी, जिसमें सलमान को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई है.

महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे सलमान खान को बरी कर दिया गया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद 22 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई योग्‍य मानते हुए मंजूरी दे दी है.

हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि पुलिस यह साबित ही नहीं कर पाई है कि ऐक्सिटडेंट के समय सलमान गाड़ी चला रहे थे और वह नशे में थे. गौरतलब है कि 28 अक्टूबर 2002 को सलमान खान की लैंड क्रूजर कार बांद्रा वेस्ट में एक बेकरी के सामने फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर चढ़ गई थी. इस ऐक्सिडेंट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 4 अन्य घायल हो गए थे.

रिटर्न फाइल करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आमतौर पर टैक्स पेयर्स के कुछ गलतियां हो जाती हैं, इन छोटी गलतियों के कारण इनकम टैक्सपेयर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार इन गलतियों के कारण डिपार्टमेंट की ओर से इनकम टैक्स रिटर्न को रद्द भी कर दिया जाता है. हमें उन छोटी छोटी गलतियों के प्रति सचेत हो जाना चाहिए..

1. सही फार्म का करें चयन

लोग कई बार गलत फॉर्म का चयन कर लेते हैं. आईटीआर के कुल सात फॉर्म होते हैं. इसमें से उस फॉर्म का चयन करें जो आपकी आय के स्रोत का विवरण देने के अनुरूप हो. नौकरीपेशा लोगों के लिए आईटीआर1 और आईटीआर2 दोनों फॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन आईटीआर1 केवल एक ही हाउस प्रॉपर्टी से आय के स्रोत को मानती है, जबकि आईटीआर2 एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से आय को शामिल करती है.

2. निजी जानकारी में न हो कोई चूक

कई बार इनकम टैक्स फाइल करते समय टैक्सपेयर से अपनी निजी जानकारी भरने में गलती हो जाती है. लोग अक्सर पैन कार्ड का नंबर, स्थायी पता और बैंक जानकारी गलत दे देते हैं. रिटर्न फाइल करने से पहले जरूर जांच लें. अपना नाम, डेट ऑफ बर्थ आदि सभी जानकारियां ठीक प्रकार से भरी हैं कि नहीं. टैक्सपेयर कई बार गलती से गलत आईएफएससी कोड (IFSC) या बैंक एकाउंट नंबर डाल देते हैं. इससे रिफंड प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि रिफंड की राशि इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के माध्यम से की जाती है.

3. सभी स्रोत से होनी वाली आय का दें विवरण

नौकरीपेशा लोगों के लिए फॉर्म 16 जरूरी होता है. एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि ब्याज या कैपिटल गेन से होने वाली आय का विवरण फॉर्म 16 में नहीं होता, लेकिन फिर भी इसको स्पष्ट करना जरूरी है.

अधिकांश लोग कर छूट के दायरे में आने वाली आय या फिर जिसपर वह पहले से टैक्स अदा कर चुके हैं उसे स्पष्ट नहीं करते हैं जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सेविंग एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज एकाउंट में 10 हजार रुपए तक मिलने वाला ब्याज कर छूट के दायरे में आता है, लेकिन तब भी रिपोर्ट करने बाद ही छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है. किस स्रोत से हुई आय पर टैक्स भुगतान करना है यह जानने के लिए फॉर्म 26एएस को पढ़ें.

4. अपनी रिटर्न को ई-वेरिफाइ करना न भूलें

टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया तब ही पूरी होती है जब उसे वेरिफाइ कर दिया जाता है. रिटर्न सब्मिट करने के बाद रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर आईटीआर V यानि कि एक्नॉलिजमेंट मिलता है जिसे आपको वेरिफाई करना होता है. इसे पूरा करने के लिए सबसे सरल तरीका यह है कि इसका प्रिंट आउट लें, साइन करें और फिर बैंगलुरु के टैक्स डिपार्टमेंट के सेंटर के पते पर भेज दें. रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों के भीतर सामान्य पोस्ट या फिर स्पीड पोस्ट के जरिए भेज सकते हैं.

ग्रीन टी से पाएं सेहत और सुंदरता

ज्यादातर महिलाएं सोचती हैं कि ग्रीन टी का सेवन केवल वजन घटाने के लिए किया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है. ग्रीन टी केवल स्लिम बनाने में ही मदद नहीं करती, बल्कि वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की भी ताकत देती है.

एलप्स ब्यूटी क्लीनिक की गुंजन गौड़ के अनुसार ग्रीन टी ब्यूटी और हैल्थ के लिए एक वरदान है. आइए, जानते हैं कैसे:

ग्रीन टी के ब्यूटी सीक्रेट्स

ऐक्ने ट्रीट: ग्रीन टी में ऐंटीबैक्टीरियल, ऐंटीफंगल और ऐंटीऔक्सीडैंट गुण होते हैं, जो ऐक्ने का सही उपचार करते हैं. ग्रीन टी ऐक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारती है और ऐक्ने की लालिमा को कम करती है. ऐक्ने से छुटकारा पाने के लिए एक ग्रीन टी बैग को गरम पानी में थोड़ी देर के लिए डाल दें. फिर जब पानी ठंडा हो जाए तब टी बैग निकाल लें. इस के बाद उस पानी को चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के बाद चेहरे को धो लें. ऐसा नियमित करने से कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा.

बैस्ट स्क्रब: ग्रीन टी एक अच्छा स्क्रब है. इसे गीला कर सर्कुलर मोशन में हलकाहलका स्क्रब करने से चेहरे पर ग्लो आता है.

ऐलर्जी का उपचार: ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी हर तरह की स्किन ऐलर्जी से राहत दिलाने में सहायक है.

आंखों की समस्याएं करे दूर: ग्रीन टी में टैनिन होता है, इसलिए यह सूजन व थकान से राहत दिलाने के लिए परफैक्ट है. इस के लिए बस टी बैग को गीला कर के 15 मिनट के लिए आंखों पर रखें.

सनबर्न से सुरक्षा: सनबर्न से छुटकारा पाने के लिए नहाने के पानी में चाय की कुछ पत्तियां डाल दें. इस से सनबर्न से होने वाली खुजली व जलन से राहत मिलती है.

स्किन प्रौब्लम्स में असरदार: उम्र बढ़ने पर त्वचा में ढीलापन व झुर्रियां आने लगती हैं. ग्रीन टी के ऐंटीऐजिंग और ऐंटीऔक्सीडैंट गुण इस समस्या को दूर कर त्वचा को निखारते हैं.

हेयर ग्रोथ में मददगार: ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में ऐंटीऔक्सीडैंट पाया जाता है, जो हेयर ग्रोथ में मदद करता है. इस से ड्राई स्कैल्प और डैंड्रफ की समस्या भी दूर होती है और बाल घने व चमकदार होते हैं. बस ग्रीन टी बैग को पानी में उबालें और ठंडा कर गीले बालों में लगाएं.

पैरों की दुर्गंध से छुटकारा: पैरों की दुर्गंध दूर करने के लिए ग्रीन टी की इस्तेमाल की हुई पत्तियों को पानी में डालें और उस पानी में पैरों को 20 मिनट डुबोए रखें. पैरों से आने वाली दुर्गंध की समस्या दूर हो जाएगी.

ग्रीन टी के हैल्थ सीक्रेट्स

हाई ब्लडप्रैशर: ग्रीन टी ब्लडप्रैशर के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक है. लेकिन इस स्थिति में चिकित्सक की सलाह से ही ग्रीन टी का प्रयोग करें.

मजबूत हड्डियां: ग्रीन टी में पाया जाने वाला फ्लूराइड नामक तत्त्व हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है.

लिवर डिजीज: ग्रीन टी लिवर में मौजूद हानिकारक फ्रीरैडिकल्स को नष्ट कर देती है, जिस से लिवर फेल होने की संभावना कम होती है.

कोलैस्ट्रोल पर नियंत्रण: ग्रीन टी में पौलिफेनल कंटैंट पाया जाता है, जो कोलैस्ट्रोल की मात्रा नियंत्रित करने में सहायक है.

आजकल बाजार में ग्रीन टी कई फ्लेवर्स में उपलब्ध है. मसलन, नीबूअदरक, ऐलोवेरा, जैसमीन, अनार इत्यादि. आप अपनी पसंद व टेस्ट के अनुसार इसे चुन सकती हैं.

सैल्फी से बढ़ा सर्जरी का क्रेज

आज के युवा सैल्फी के लिए किसी भी तरह का जोखिम उठाने से नहीं घबराते. बस सैल्फी अच्छी आनी चाहिए ताकि उसे सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर अपलोड कर के तारीफें बटोर सकें.

मीडिया में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में होंठों की सर्जरी का नया रिकौर्ड कायम हुआ है. अमेरिका में आकर्षक पाउट के साथ तसवीरें खिंचवाने के लिए लोग होंठों की सर्जरी करा रहे हैं. यहां हर 19 मिनट में होंठ की सर्जरी होती है. अमेरिकन सोसाइटी औफ प्लास्टिक सर्जंस के एक सर्वे से पता चला है कि 2015 में पुरुषों और महिलाओं में 27,499 लिप इंप्लांट्स हुए हैं, जो 2000 के मुकाबले 48% अधिक हैं. अमेरिका में प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की संख्या सब से ज्यादा है. दूसरे स्थान पर ब्राजील, तीसरे पर चीन और चौथे पर भारत है.

क्यों बढ़ रहा है चलन

आजकल लोग सोशल मीडिया की वजह से अपनी खूबसूरती को ले कर कुछ ज्यादा ही कांशस हो गए हैं. इस ने उन के बीच एक प्रतियोगिता खड़ी कर दी है. जी हां, जब वे सोशल साइट्स पर दूसरों के फोटो देखते हैं, तो खुद को भी वैसा ही दिखाने की कोशिश करने लगते हैं. आजकल आईब्रोज ऊपर कर के और पाउट बना कर फोटो खिंचवाने के ट्रैंड का चलन है. इसी वजह से महिलाएं आकर्षक पाउट लिप पाने के लिए सर्जरी करा रही हैं.

दरअसल, होंठ यदि बहुत ज्यादा पतले हों तो हंसते समय दिखाई नहीं देते. कई बार होंठों की शेप सही नहीं होती, ऊपर का बहुत ज्यादा पतला और नीचे का मोटा होता है. कभीकभी किसी के होंठ में एक छोटा सा उभार होता है, जो पूरी खूबसूरती बिगाड़ देता है. उम्र बढ़ने के साथ होंठों के किनारे भी लटकने लगते हैं. उन्हें भी सर्जरी से सही किया जा सकता है.

कौनकौन से हैं तरीके

इंजैक्शन में आर्टिफिशियल या प्राकृतिक फिलर भर कर होंठों में इंजैक्ट किया जाता है, जिस से होंठ उभरे हुए नजर आते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही हो पाता है. यह एक अस्थाई तरीका है. स्थाई परिणाम के लिए इंप्लांट और सर्जरी जैसे विकल्प मौजूद हैं, जिन में बारबार इंजैक्शन के प्रोसैस से नहीं गुजरना पड़ता.

लिप इन्हांसमैंट, फैट ट्रांसफर इंजैक्शन: इस में आप के शरीर के जिस हिस्से में फैट ज्यादा होता है वहां से फैट ले कर होंठों में इंजैक्ट किया जाता है, जिस से होंठ भरे हुए और मोटे नजर आते हैं.

डर्मल ग्राफ्ट सर्जरी: त्वचा की गहरी परत में जा कर वसा ली जाती है, जिसे होंठों के किनारे यानी मोस्कोसा के अंदर भर दिया जाता है, जिस से होंठ भरे नजर आते हैं.

लिप इंप्लांट: यह मुंह के अंदर की ओर की जाने वाली सर्जरी है. इस के कई नैचुरल और सिंथैटिक इंप्लांट विकल्प मौजूद हैं.

बौलीवुड अभिनेत्रियां भी पीछे नहीं

चेहरे की सुंदरता निखारने के लिए बौलीवुड की इन अभिनेत्रियों ने भी लिप सर्जरी करवाई है:

अनुष्का शर्मा: अनुष्का शर्मा ने जब शाहरुख खान के साथ ‘रब ने बना दी जोड़ी’ फिल्म से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की तब उन का चेहरा नैचुरल था. लेकिन जब 2012 में ‘जब तक है जान’ आई तब इस फिल्म में अनुष्का की एक अलग पर्सनैलिटी नजर आई. उन के लिप पहले की तरह पतले नहीं थे. उन में उभार आ गया है.

राखी सावंत: सुर्खियों में रहने वाली राखी सावंत को सर्जरी क्वीन कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. खुद को ज्यादा ग्लैमरस दिखाने के लिए राखी ने कई तरह की सर्जरी करवाई हैं. उन्हीं में एक लिप सर्जरी भी है.

प्रियंका चोपड़ा: प्रियंका इस बात को स्वीकार नहीं करतीं कि उन्होंने सर्जरी करवाई है, लेकिन उन के लिप झूठ नहीं बोलते हैं. उन से साफ पता चलता है कि उन्होंने सर्जरी करवाई है.

कैटरीना कैफ: बौलीवुड की बार्बी डौल कैटरीना कैफ अपनी खूबसूरती के लिए फेमस हैं. उन्होंने भी सर्जरी के माध्यम से अपने लिप्स को उभारा. लेकिन कैटरीना ने सब के सामने स्वीकार नहीं किया, पर पतले लिप्स से पाउट लिप्स के बदलाव ने सब को बता दिया कि उन्होंने लिप सर्जरी करवाई है.

महिलाओं को चाहिए सैल्फी स्माइल

सैल्फी मतलब चेहरे का फोटो, जिस में शरीर का बाकी हिस्सा कम दिखाई देता है चेहरे पर ज्यादा फोकस किया जाता है. इसी वजह से महिलाएं अपनी कमियों को छिपाने के लिए सर्जरी का सहारा ले रही हैं. वे होंठों व नाक की सही शेप के लिए सर्जरी करा रही हैं. चेहरे के दागधब्बों को छिपाने के लिए करा रही हैं. यहां तक कि वे अपने टेढ़ेमेढ़े दांतों को भी सही करा रही हैं.

महिलाओं की जरूरत के अनुसार इंश्‍योरेंस पॉलिसी

इंशयोरेंस पॉलिसी कोई भी हो, इसका एक मात्र उद्देश्‍य हमारा और हमारे अपनों का भविष्‍य बेहतर और सुरक्षित बनाना है. लेकिन यह बात भी सही है कि एक इंश्‍योरेंस पॉलिसी सभी की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती, क्‍योंकि व्‍यक्ति दर व्‍यक्ति जरूरत और जिम्‍मेदारी अलग-अलग होती है. महिलाओं की बात करें तो यह बात और भी जरूरी हो जाती है.

आज के तेजी से ग्‍लोबल हो रहे भारत में महिलाएं हाउस वाइफ के दायरे से बाहर निकलकर प्रोफेशनल लाइफ में नए मुकाम हासिल कर रही हैं. यही ध्‍यान में रखते हुए महिलाओं की जरूरत को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियां दर्जनों बीमा उत्पाद पेश कर चुकी हैं.

महिलाओं के लिए कौन सी कंपनियों की हैं पॉलिसी

देश की प्रगति में महिलाओं की बढ़ती हिस्‍सेदारी को देखते हुए लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनियों ने वुमन सेंट्रिक प्रोडक्‍ट पेश किए हैं. इन कंपनियों में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी, आईसीआईसीआई प्रू लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, एगॉन रेलिगेयर, बजाज अवीवा लाइफ इंश्योरेंस, बिरला सन लाइफ और कई अन्य कंपनियों ने महिला ग्राहकों के लिए बीमा पालिसी पेश की हैं. एलआईसी के कुल ग्राहकों में से करीब 28 फीसद महिला बीमा धारक हैं. इससे पता चलता है कि महिलाएं अपनी आर्थिक मजबूती के लिए कितनी सजग रहती हैं.

वुमेन इंश्योरेंस में क्या है खास

महिला ग्राहकों को केंद्रित कर तैयार की गई बीमा पॉलिसी में महिलाओं से जुड़े तमाम तरह के कवर को शामिल किया गया है. इनमें लाइफ कवर के साथ-साथ बीमारियों से जुड़ कवर भी शामिल हैं. इनमें सामान्य अथवा गंभीर बीमारियां शामिल हैं. महिलाओं की बीमा पॉलिसी में प्रेग्नेंसी कवर को भी शामिल किया गया है. कई कंपनियों ने ऐसी व्यवस्था की है कि अगर कोई महिला पूरे परिवार के लिए फैमिली पॉलिसी का चयन करेगी तो उसको प्रीमियम में ज्यादा छूट दी जाएगी.

सिंगल वुमन के लिए भी हैं स्‍पेशल प्‍लान

जो महिला सिंगल लाइफ लीड कर रही हैं उनके लिए भी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई बीमा कंपनियों ने फ्यूचर प्रोटेक्शन प्लान भी पेश किए हैं. यह प्लान उन महिलाओं लिए भी अच्छे साबित हो सकते हैं जिनके कंधों पर उनके माता-पिता या सास-ससुर के भरण पोषण का दायित्व भी है.

बच्‍चों की परवरिश के लिए स्‍पेशल पॉलिसी

बच्चों की सुरक्षा और उनकी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियों ने ऐसे प्लान लांच किए हैं जिनमें एक निश्चित अवधि के बाद महिला को इतनी रकम अवश्य मिल जाती है जिसके जरिये वह अपने बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छी रकम हासिल कर सकती है. ग्रुप पॉलिसी के तहत भी महिलाओं के लिए जीवन बीमा निगम ने कुछ पॉलिसी पेश कर रखी हैं.

कैसी पॉलिसी खरीदें

बीमा कंपनियों ने यूं तो महिलाओं से जुड़ी पॉलिसी उतारी हैं लेकिन पॉलिसी लेते वक्त यदि आपको लगता है कि वुमेन स्पेशल पॉलिसी से ज्यादा बेहतर कोई अन्य पॉलिसी है तो आप उसको भी खरीद सकती हैं लेकिन प्रीमियम में जो छूट वुमेन स्पेशल पॉलिसी पर मिलती है वह सामान्य पॉलिसी पर नहीं मिलती. इसलिए पॉलिसी खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जो पॉलिसी आप ले रही हैं आवश्यकता पड़ने पर वह आपकी जरूरतों को पूरा कर पाएगी या नहीं.

मान लीजिए आपने बच्चे की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखकर कोई पॉलिसी खरीदी है और आपको 15 साल बात पैसों की जरूरत पड़ती है लेकिन पॉलिसी 18 साल में पूरी होती है तो ऐसे में आप अपनी जरूरतें नहीं पूरी कर पाएंगी. इसलिए आप पॉलिसी के चयन में आयु, समय और आवश्यकता का ध्यान जरूर रखें.

तो ये कहा सुरवीन चावला ने बॉलीवुड को लेकर

बॉलीवुड में कस्टिंग काउच होता है, यह बात हमेशा चर्चा में रहती है. तमाम अभिनेत्रियां कास्टिंग काउच की बात को खुलकर स्वीकार कर चुकी हैं. यहां तक कि हाल ही में अदाकारा स्वरा भास्कर ने भी स्वीकार किया था कि वह भी कास्टिंग काउच का शिकार होते होते बची हैं. पर सुरवीन चावला के बोल कुछ और ही हैं.

‘हेटस्टोरी 2’ जैसी बोल्ड फिल्म का हिस्सा रही सुरवीन चावला ने कहा है, ‘बॉलीवुड में कास्टिंग काउच जैसी कोई चीज नही है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बड़ी तेजी से ग्रो कर रही है. मगर दक्षिण भारत की फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच बहुत होता है, मैं खुद इसका सामना कर चुकी हूं. मैंने कास्टिंग काउच का हिस्सा बनने की बजाय फिल्म छोड़ दी.’

उन्होंने आगे बताया, ‘मैं काम पाने के लिए मरी नहीं जा रही हूं. मैं तो अपनी पसंद का अच्छा काम करना चाहती हूं. मैं अपनी डिग्निटी और आत्मसम्मान को बरकरार रखते हुए काम करना चाहती हूं. मैं अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्में करना चाहती हूं.’

सुरवीन चावला का यह बयान आने के बाद बॉलीवुड के कुछ लोग पूछ रहे हैं कि ‘हेट स्टोरी 2’ में उन्होंने जो किरदार निभाया था, उसमें उनकी प्रतिभा क्या थी?

आउटडोर फैशन: कब क्या पहनें

आज की महिलाएं घरेलू जिम्मेदारियों को निभाने के साथसाथ खुद को दूसरे कामों में भी व्यस्त रखती हैं. यदि वे कामकाजी हैं, तो उन की प्रोफैशनल और पर्सनल लाइफ अलगअलग होती है. इस के तहत उन्हें कई अवसरों का हिस्सा भी बनना पड़ता है औैर बहुत अलगअलग तरह के लोगों से मेलजोल भी रखना पड़ता है. इन सभी कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम देने और हर मौके पर खुद को प्रेजैंटेबल दिखाने हेतु फैशन ट्रैंड्स की सही जानकारी होनी बहुत जरूरी है.

फैशन डिजाइनर श्रुति संचिती कहती हैं कि डिस्को पार्टी में यदि कोई महिला लहंगा पहन कर चली जाए, तो यह फैशन डिजास्टर ही कहलाएगा. इसलिए सही मौके पर सही ड्रैस पहनना अब बहुत जरूरी है.

नाइटआउट पर क्या पहनें

बड़े शहरों में आजकल युवाओं में अपने दोस्तों के घर रात में रुकने और मौजमस्ती करने का ट्रैंड चरम पर है. लड़कियां भी इस का लुत्फ उठा रही हैं. वैसे इस में कुछ गलत भी नहीं है. इस तरह के अवसर स्ट्रैस बस्टर की तरह होते हैं और इन का मजा लेने में पीछे भी नहीं रहना चाहिए. इस मौके को और भी मजेदार बनाया जा सकता है यदि आप ने सही आउटफिट्स का चुनाव किया हो.

श्रुति बताती हैं कि नाइटआउट यानी मौजमस्ती, पार्टी, कुकिंग और गेम्स. इन सब का भरपूर आनंद केवल आरामदायक कपड़ों में ही लिया जा सकता है. मगर क्योंकि नाइटआउट करना अब एक ट्रैंड बन चुका है, इसलिए इस ट्रैंड में फैशन का तड़का बहुत जरूरी है.

श्रुति इस मौके पर पहनी जाने वाली ड्रैसेज के बारे में बताती हैं:

– इस मौके पर बहुत सारी ऐक्टिविटीज करनी पड़ती हैं, जिन के लिए ऐसे कपड़े पहनने चाहिए, जो फ्लैक्सिबल हों. लौंग कौटन स्कर्ट के साथ शौर्ट कुरता, रैपराउंड स्कर्ट के साथ स्टाइलिश स्पैगेटी और स्टोल इस मौके पर बहुत ही आरामदायक विकल्प हैं.

– आजकल बाजार में प्रिंटेड कौटन पैंट्स भी उपलब्ध हैं. नाइटआउट जैसे हलकेफुलके मौकों पर यह ड्रैस काफी स्टाइलिश लुक देती है. इस के साथ भी शौर्ट कौटन कुरती को क्लब किया जा सकता है.

– कैजुअल अफगानी पाजामे के साथ स्टाइलिश स्लीवलैस टीशर्ट भी इस मौके पर आप को दूसरों से जुदा लुक देने के लिए काफी है.

शौपिंग पर हो फन ड्रैसिंग

नाइटआउट की ही तरह शौपिंग भी महिलाओं के लिए स्ट्रैस बस्टर है. यह हर महिला का फेवरेट टाइमपास होता है. इस समय का लुत्फ उठाने के लिए जरूरी है कि कपड़े भी वैसे ही पहने जाएं. जरा सोचिए, शौपिंग पर यदि शौर्ट फ्रौक या स्कर्ट पहन कर जाया जाए, तो हर वक्त ध्यान इसी बात पर लगा रहेगा कि कहीं आप मालफंक्शनिंग की शिकार न हो जाएं और मार्केट एरिया जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में सब आप का मजाक न उड़ाने लगें. लेकिन ऐसा भी नहीं कि आप सिर से पैरों तक कपड़ों में लिपट कर शौपिंग करने जाएं.

श्रुति कहती हैं कि शौपिंग पर जाना एक ऐसा अवसर होता है, जब कई बार फिटिंग चैक करने के लिए कपड़े बदलने पड़ते हैं. ऐसे में ज्यादा कौंप्लिकेटेड ड्रैस पहन लेने से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इन सब से बचने के लिए ईजी टु वियर और ईजी टु रिमूव आउटफिट्स इस अवसर के लिए बैस्ट रहते हैं.

शौपिंग पर पहने जाने वाले स्टाइलिश आउटफिट्स के लिए श्रुति कई विकल्प सुझाती हैं:

– इस अवसर पर डैनिम जींस महिलाओं की औलटाइम फेवरेट होती है. वैसे जींस इस मौके के लिए एक अच्छा विकल्प है, लेकिन इसे स्टाइलिश लुक देने के लिए ट्रैंडी टौप के साथ क्लब करना चाहिए.

– जंपसूट्स इस मौके पर बहुत ही स्टाइलिश और आरामदायक होते हैं. बाजार में इन की ढेरों वैराइटीज उपलब्ध हैं. शौपिंग टाइम के लिए फंकी लुक वाला कोई जंपसूट पिक किया जा सकता है.

– कुलोट्स और क्रौप टौप फैशन ट्रैंड्स में सब से लेटैस्ट हैं और यह कौंबिनेशन शौपिंग टाइम के लिए भी सब से स्टाइलिश है.

– आजकल बाजार में कई तरह के प्रिंटेड प्लाजो उपलब्ध हैं. इन्हें शौर्ट टौप या स्टाइलिश स्पैगेटी और स्टोल के साथ पहना जा सकता है.

– वैसे सिर्फ वैस्टर्न ही नहीं, बल्कि इंडियन ड्रैसेज भी शौपिंग करते वक्त काफी आरामदायक और स्टाइलिश लुक देती हैं जैसे पौकेट और कौलर वाले कुरतों के साथ ऐंकललैंथ लैगिंग काफी चलन में है. इसी तरह अफगानी पाजामे के साथ स्टाइलिश टीशर्ट भी आप को फैशनपरस्त महिलाओं की कतार में खड़ा कर देगी.

– सिमैट्रिकल टौप और सौफ्ट डैनिम पैंट्स भी फैशन में हैं. महिलाएं इन्हें काफी पसंद कर रही हैं. ये फ्लैक्सिबल होने के साथसाथ बहुत ही कूल लुक देती हैं.

जब बनना हो पार्टी की शान

शौपिंग ही नहीं, भारतीय महिलाओं में लगातार बढ़ते पार्टी के क्रेज ने फैशन इंडस्ट्री को हर दिन बाजार में कुछ नया पेश करने के लिए मजबूर कर दिया है.

श्रुति कहती हैं कि पहले महिलाएं ऐसे मौकों पर ज्यादातर इंडियन आउटफिट्स ही पहनना पसंद करती थीं, लेकिन अब उन्हें ऐसी ड्रैसेज चाहिए, जो इंडियन भी हों और वैस्टर्न भी. इस के लिए डिजाइनर्स ने कई तरह की इंडोवैस्टर्न फ्यूजन ड्रैस डिजाइन की हैं.

– लहंगे का फैशन कभी आउट नहीं हो सकता, लेकिन महिलाएं इस से बोर जरूर हो चुकी हैं. इसलिए अब डिजाइनर्स ने महिलाओं को लहंगे की जगह वैडिंग गाउन का विकल्प दिया है. गाउन अलगअलग अवसरों के हिसाब से बाजार में उपलब्ध हैं. मसलन, जहां शादी जैसे अवसर में पहनने के लिए सिल्क, नैट, वैल्वेट जैसे फैब्रिक पर गोटा वर्क, सीक्वैंस वर्क और जरी के काम वाला गाउन पहना जा सकता है, वहीं बर्थडे पार्टी, संगीत, मेहंदी या फिर सगाई में शिफौन पर ब्रोकेड वर्क, फैंसी लेस वर्क और इंगलिश ऐंब्रौयडरी वाला गाउन अच्छा विकल्प है.

– म्यूलेट ड्रैसेज में वनपीस और सलवारसूट भी महिलाओं को अलग लुक देते हैं. इन्हें दुपट्टे और लैगिंग के साथ पहना जा सकता है.

– लहंगा ही पहनना है, तो बाजार में मौजूद पारंपरिक लहंगा स्टाइल से हट कर लौंग कोट के साथ घाघरे के कौंबिनेशन को प्राथमिकता दें. यह आप को इंडोवैस्टर्न लुक देगा. घाघरे को लौंग कुरते के साथ भी क्लब किया जा सकता है. इस के अलावा केप और घाघरे का कौंबिनेशन भी स्टाइलिश इंडोवैस्टर्न लुक देता है.

– शौर्ट अनारकली कुरतों का फैशन इंडस्ट्री में एक बार फिर लौट आया है. मगर इस बार इन्हें चूड़ीदार के साथ नहीं, बल्कि पटियाला या फिर अफगानी पाजामों के साथ पहना जा रहा है.

– बाजार में विशेष तौर पर लैगिंग पर पहनी जाने वाली साडि़यां आ रही हैं, जो बेहद आकर्षक लगती हैं. खास बात यह है कि इस तरह की साडि़यों को सोनम कपूर, अदिति राव हैदरी, दीपिका पादुकोण जैसी बौलीवुड हीरोइनें भी पहने दिख चुकी हैं. यह साड़ी पतली फिगर वाली महिलाओं पर बहुत ही स्टाइलिश लगती है.

औफिस जाएं अपटुडेट बन कर

मौजमस्ती के अलावा महिलाएं अब कौरपौरेट कल्चर के रंग में रंगी भी नजर आती हैं. इस कल्चर से कदम से कदम मिला कर चलने के लिए महिलाओं ने अपने पहनावे में बहुत सारे बदलाव किए हैं. एक वक्त था जब फिल्म ‘चांदनी’ में श्रीदेवी का कट स्लीव्स ब्लाउज फैशनपरस्त महिलाओं ने औफिस में पहनना शुरू कर दिया था और यह फैशन आज तक आउटडेटेड नहीं हुआ है.

श्रुति कहती हैं कि ब्लाउज के स्टाइल में कई फेरबदल किए गए, लेकिन साड़ी का क्रेज कामकाजी महिलाओं में आज भी वैसा ही है. अब वैस्टर्न कल्चर के प्रभाव ने महिलाओं की औफिस ड्रैसिंग सैंस को काफी बदल दिया है. साड़ी पहनने में 15 मिनट खराब करने से बेहतर उन्हें ट्राउजर और शर्ट पहनना लगता है.

सिर्फ ट्राउजर और शर्ट ही नहीं अब महिलाएं औफिस वियर में भी स्टाइल का तड़का पसंद करती हैं. ऐसे ही कुछ स्टाइलिश औफिस वियर की जानकारी प्रस्तुत है:

– फिटेड ड्रैस का चलन वैसे तो पुराना है, लेकिन इस के ऊपर समर ब्लेजर पहनें, तो इस का लुक पूरी तरह बदल जाता है.

– हाल ही में आई फिल्म ‘की एंड का’ में करीना कपूर द्वारा पहनी गई बेबी कौलर शर्ट आजकल इन ट्रैंड है.

– लौंग शर्ट ड्रैसेज भी कौरपोरेट वर्किंग विमन को नायाब लुक देती हैं. आम शर्ट की लैंथ से अधिक लैंथ वाली इन शर्ट्स पर लगी बैल्ट इन्हें अलग लुक देती है.     

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