एजुकेशन लोन से जुड़ी जरूरी बातें

हर मां-बाप का सपना होता है कि उनके बच्‍चे उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करे, लेकिन महंगाई के इस दौर मे भारी-भरकम फीस की व्यवस्था कर पाना सभी के लिए आसान नहीं होता. पैसे के अभाव में बहुत सारे बच्चों के ख्वाब धूमिल हो जाते हैं. यदि आपका बच्चा होनहार है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. आजकल सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के लगभग सभी बैंक आसान शर्तों पर एजुकेशन लोन मुहैया करा रहे हैं. इसके जरिए आप भी अपने बच्चे के करियर को पंख लगा सकते हैं.

किसको मिलेगा कर्ज

एजुकेशन लोन के लिए पहली शर्त यह है कि छात्र भारतीय नागरिक हो तथा उसने भारत या भारत के बाहर किसी उच्च शिक्षण संस्था में प्रवेश प्राप्त कर लिया हो. मान्यता प्राप्त विश्‍वविद्यालय में उच्चशिक्षा के लिए ऋण आसानी से मिल जाता है. बैंक कोई भी कर्ज देने से पहले उसकी वसूली सुनिश्चित करते हैं. इसीलिए कर्ज ऐसे लोगों को ही दिया जाता है, जो इसके पुनर्भुगतान की क्षमता रखते हों.एजुकेशन लोन का भुगतान छात्र के अभिभावक कर सकते हैं अथवा पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र भी इसकी अदायगी कर सकता है. शिक्षा लोन के लिए बैंक गारंटर की मांग कर सकता है.

कितना मिलेगा लोन

घरेलू संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण ले सकते हैं. विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपए तक का ऋण मिल सकता है. आप फीस के साथ-साथ अतिरिक्त खर्च जैसे हॉस्टल का किराया, परीक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, किताब आदि खर्चों को भी शामिल कर सकते हैं.

यदि आप चार लाख रुपए तक का ऋण लेना चाहते हैं तो आपको किसी तरह की धनराशि अपने पास से जुटाने की जरूरत नहीं है. यदि ऋण की राशि चार लाख रुपए से अधिक है तो कुल ऋण की पांच फीसद धनराशि मार्जिन मनी के रूप में देनी होगी. यदि आप विदेश में पढ़ाई के लिए ऋण ले रहेहैं तो कम से कम 15 फीसदी रकम का स्वयं इंतजाम करना होगा.

जरूरी कागजात

आप जिस बैंक से लोन ले रहे हैं वहां जाकर निर्धारित फॉर्म भरना होगा. इसके साथ आपको फोटोग्राफ, आइडेंटिटी प्रूफ, रेजीडेंस प्रूफ, माता-पिता का इनकम प्रूफ, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट लगानी होगी. इसके अलावा जिस संस्थान में आप पढ़ाई करने जा रहे हैं, उसका एडमिशन लेटर और पाठ्यक्रम की अवधि का प्रूफ जमा कराना होगा. ध्यान देने की बात यह है कि बैंक सिर्फ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाई के लिए ही लोन मंजूर करते हैं.

लोन की सिक्योरिटी

इस लोन की वसूली के लिए बैंक पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर लेते हैं. यदि आप चार लाख रुपए तक के ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो छात्र को यह ऋण अपने माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से लेना होगा. इसके लिए किसी प्रकार की प्रतिभूति जमा करने की जरूरत नहीं होती. यदि आप चार लाख से 6.5 लाख रुपए के बीच ऋण लेते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति की गारंटी भी देनी होगी. यदि ऋण की राशि 6.5 लाख से अधिक है तो बैंक आपको कोई संपत्ति बंधक रखने के लिए कह सकता है. इसके लिए प्रॉपर्टी के कागजात, एफडी, जीवन बीमा का बांड जमा कर सकते हैं.

कितना लगेगा ब्याज

एजुकेशन लोन प्राय: पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है. हालांकि ब्याज की दर लोन की राशि पर निर्भर करती है. विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों में भी दो से ढाई फीसद तक का अंतर हो सकता है. फिलहाल बैंक 9.70 से 12.60 फीसदी की दर पर एजुकेशन लोन मुहैया करा रहे हैं. आपको कर्ज की किस्त कोर्स खत्म करने के एक साल बाद या फिर नौकरी लगने के छह महीने के बाद शुरू करनी होगी. इस ऋण का आपको 15 साल में भुगतान करना होगा. बैंक फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरों का विकल्प देते हैं.

भुगतान के विकल्प

इस लोन की वसूली के लिए बैंक कई विकल्प देते हैं. पहला विकल्प यह है कि आपने जिस कोर्स में प्रवेश लिया है, उसकी समाप्ति के बाद कर्ज का भुगतान कर सकते हैं. कई बैंक कोर्स की समाप्ति के एक बर्ष बाद या नौकरी लगने के छह महीने बाद रिपेमेंट शुरू करने का विकल्प भी देते हैं. कुछ बैंक कोर्स पूरा करने के बाद वास्तविक ईएमआई (मूल और ब्याज) तय कर देते हैं. यदि आप सक्षम हैं तो लोन मिलने के तुरंत बाद ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं. आप अपने सुविधा के अनुरूप विकल्प चुन सकते हैं.

आयकर में छूट

शिक्षा ऋण पर आयकर की धारा 80ई के तहत आयकर में छूट का प्रावधान है. शिक्षा ऋण पर दिए गए ब्याज को आप अपनी आय में से घटा सकते हैं. यह लाभ जिस साल से आप ऋण वापसी की पहली किस्त देते हैं, उस वर्ष से लेकर केवल आठ वर्षों के दौरान ले सकते हैं. यदि छात्र ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो वह आयकर में मिलने वाली छूट का लाभ ले सकता है. यदि माता-पिता ने यह ऋण अपने नाम से लिया है तो छात्र को छूट का लाभ नहीं मिलेगा. ऐसे में आयकर का पूरा फायदा उठाने के लिए एजुकेशन लोन की अवधि अधिकतम आठ साल ही रखनी चाहिए.

महिलाओं में आम है सर्वाइकल कैंसर

महिलाओं के लिये सर्वाइकल कैंसर कोई नया नाम नहीं है. यह महिलाओं की बीमारी है जो बड़ी तेजी से फैल रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल करीब 122,844 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित पायी जाती हैं, जिसमें से 67,477 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है.

महिलाओं को जरुर पता होने चाहिये गर्भाशय कैंसर के ये लक्षण सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) गर्भाशय का ही भाग है, यह कैंसर इसी ग्रीवा में जन्म लेता है और धीरे धीरे पूरे शरीर में फैलता है. आज हम 7 कारणों की बात करेंगे, जिसे इस कैंसर के साथ जोड़ा जाता है, आइये जानें क्‍या हैं वे…

मानव पेपिलोमा (HPV) द्वारा

महिलाओं में यह वायरस पुरुषों दृारा सेक्‍स करते वक्‍त पहुंचता है. इस वायरस से बचने के लिये महिलाओं को टीका लगवाना पड़ता है. यह टीका लड़कियों में 9 से 45 की उम्र तक तीन डोज़ में लगाया जाता है. 

कम उम्र में संबन्‍ध बनाने से

 कम उम्र में गर्भाशय अभी तक पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता है, जिससे वायरस और अन्य बीमारियां यूट्रस को अपना शिकार बना लेती हैं.

स्‍मोकिंग

जो महिलाएं रोज स्‍मोकिंग करती हैं, उनके अंदर सर्विक्‍स कैंसर होने का चार गुना चांस होता है. तंबाकू में पाए जाने वाले घातक कैमिकल्‍स कैंसर बनने वाली कोशिका को बढ़ाते हैं. 

लंबे समय तक गर्भ निरोधक खाना

5 या उससे लंबे सालों तक अगर कोई महिला गर्भ निरोधक का सेवन किये जा रही है तो उसे यह कैंसर होने की संभावना हो सकती है. मगर यह जितना HPV वायरस द्वारा फैलता है, उतना इससे नहीं.

सुस्‍त दिनचर्या की वजह से

जो महिलाएं ओवरवेट होने के बावजूद सुस्‍त दिनचर्या अपनाती हैं, उन्‍हें यह बीमारी आराम से घेर सकती है. दिनभर बैठे रहने से खून का सर्कुलेशन हमारे शरीर में धीमा पड़ने लगता है, जिसकी वजह से ट्यूमर सेल्‍स बनना शुरु हो जाती हैं.

क्लैमाइडिया संक्रमण

यह एक आम यौन संचारित संक्रमण है जिसके लक्षण पैदा नहीं होते. यह प्रजनन अंगों को संक्रमित करते हैं, जिससे महिलाओं में बाझपन आ सकता है. यह संक्रमण पेल्‍विक टेस्‍ट द्वारा पता लगाया जाता है.

पारिवारिक इतिहास

जिन महिलाओं की दादी-नानी या मां को कभी गर्भाशय कैंसर रहा हो, उन्‍हें इसका खतरा काफी ज्‍यादा रहता है. अगर इससे बचना हो तो अपना रेगुलर टेस्‍ट करवाते रहना चाहिये.

तन की बदबू से मिलेगी राहत

अगर आपके शरीर से बहुत पसीना आता है. शरीर की दुर्गंध से आसपास के लोगों के साथ आपका भी जीना दूभर है तो परेशान होने की जरुरत नहीं. आपका इलाज आपके घर के किचन में ही है. इन घरेलू नुस्खों से आप अपने शरीर की दुर्गंध को मिटा सकते हैं.

नींबू

शरीर की दुर्गंध मिटाने के लिए आप नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं. नींबू प्राकृतिक जीवाणुरोधक होता है. नींबू को काटकर अपने बगलों और पैरों में लगाए, इससे आपका दुर्गंध छूमंतर हो जाएगा. लेकिन अगर आपकी त्वचा नींबू के लिए संवेदनशील है तो इसका प्रयोग न करें.

फिटकरी

अपने शरीर की बदबू हटाने के लिए आप दुर्गंध वाली जगह पर फिटकरी रगड़ें. फिटकरी में बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है.

हैण्ड-सेनीटाईजर

आप हैण्ड-सेनीटाईजर का उपयोग दुर्गन्ध दूर करने में कर सकते हैं. हैण्ड-सेनीटाईजर की कुछ मात्रा हाथ में लें और अपने हाथों से इसे बगल में रगड़ें. सेनीटाईजर दुर्गन्ध पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ेगा.

बेकिंग सोडा

यह शरीर की बदबू दूर करने का एक आजमाया हुआ तरीका है. आप नहाने के बाद बगलों में बेकिंग सोडा लगाएं इससे बगलों से बदबू नहीं आएगी.

शहद

नहाने के बाद पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर शरीर में लोशन की तरह मल लें और फिर दो मग पानी डाल लें. पूरे दिन आप तरोताजा महसूस भी करेंगे और पसीने की बदबू भी दूर होगी.

पुदीना

पुदीने के पत्तों को उबालकर उसका पानी नहाने के पानी में मिलाएं और फिर नहाएं. इससे पसीने की बदबू भी दूर होती है और मूड भी अच्छा रहता है. तनावमुक्त होने के लिए यह अच्छा उपाय है.

सिरका

नहाने के पानी में एक चम्मच सिरका या कपूर का तेल मिलाकर नहाने से भी पसीने से बदबू नहीं आती है. यह नैचुरल एंटीबैक्टीरियल भी है.

काले अंडरआर्म्स से ऐसे पाएं निजात

हाल ही में एक मैगजीन के कवर पर सफेद और गोरे बगलों यानि अंडरआर्म के लिए प्रियंका को सोशल मीडिया पर काफी कुछ सुनना पड़ा. तस्वीर में उन्हें अंडरआर्म्स को जरुरत से ज्यादा गोरा दिखाने के लिए फोटोशॉप के प्रयोग की बात कही गई. खैर मामला तो कब का शांत हो गया लेकिन लड़कियों में ऐसे अंडर आर्म्स की चाहत बहुत बढ़ गई. तो जानिए साफ खूबसूरत अंडरआर्म्स के लिए क्या-क्या कर सकते हैं वो भी घर बैठे.

– अंडरआर्म्स  को शेव करने के बजाए वेक्सिंग कराए. इससे काले दाग नहीं पड़ते हैं और त्वचा मुलायम होती है.

– डियोड्रेंट या परफ्यूम आदि सीधे बगलों में ना लगाएं. इससे भी बगलें काली हो जाती है.

– इसके अलावा काले  अंडरआर्म्स  के लिए आलू के टुकड़े करके उसे उस जगह पर रगड़ें. या फिर इसका जूस लेकर 10 मिनट के लगाएं और धो दें.

– नींबू के छिलके को बगलों में रगड़ें, इससे सफेदी आएगी साथ ही डेड सेल्स को भी हटाएगा. लेकिन नींबू की वजह से नमी कम हो जाती है तो इसके बाद माश्चराईजर लगाना ना भूलें.

– खीरे में भी ब्लीचिंग एजेंट होते हैं जो कालेपन को कम करते है. इसके लिए खीरे के रस में नींबू का रस मिलाएं और थोड़ा सी हल्दी. इस पेस्ट को 30 मिनट तक लगाएं और धो दें. धीरे-धीरे रंगत निखरेगी.

– बेकिंग सोडा को पानी में मिलाए और इसका एक हल्का पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट से  अंडरआर्म्स में स्क्रबिंग करें उसके बाद धो दें. इसे हफ्ते में दो बार करें.

 

‘अंग्रेजी’ की क्लास ‘हिंदी’ में!

कॉमेडी किंग के नाम से मशहूर कपिल शर्मा को आपने हमेशा सबको हंसाते हुए देखा होगा लेकिन इस बार वे बेहद गुस्से में नजर आ रहे हैं. दरअसल, हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे बेहद गुस्से में नजर आ रहे हैं.  

कपिल शर्मा अंग्रेजी बोलने वाले एक शख्स की क्लास लेते हुए नजर आ रहे हैं. #AngrezipantiKoAngootha (अंग्रेजीपंती को अंगूठा) हैशटैग वाले इस वीडियो में उन लोगों को करारा जवाब देने की कोशिश की है जो अंग्रेजी बोलने और जानने के अहंकार में देश की राष्ट्रभाषा हिंदी की बेइज्जती करने से बाज नहीं आते. यह वीडियो एक एड फिल्म का है.

इस एड फिल्म में दिखाया गया है कि अंग्रेजी ही सबकुछ नहीं है. लोग अपने टैलेंट से आगे बढ़ते हैं ना कि अंग्रेजी में ज्ञान झाड़कर. कपिल शर्मा ने इस वीडियो के जरिए लोगों की इसी सोच को लेकर करारा जवाब दिया है.

कपिल ने वीडियो में कहा है -‘हुनर की कोई भाषा नहीं होती, उनका कहना है कि ‘जब हुनर चमकता है तो अंग्रेजीपंती फीकी पड़ जाती है’. इस वीडियो के जरिए कपिल शर्मा ने हिंदी भाषी लोगों को गर्व से अपनी मातृभाषा बोलने और उसे सम्मान देने के लिए प्रेरित किया है.

देखिये इंटरनेट पर इन दिनों एक वायरल हो रहा वीडियो

मैं प्रियंका नहीं बन सकती: करीना

अभिनेत्री करीना कपूर खान के लिए उनकी साथी कलाकार प्रियंका चोपड़ा की तरह हॉलीवुड में कॅरियर बना पाना संभव नहीं है क्योंकि अभिनेत्री का मानना है कि उनकी जिंदगी की प्राथमिकताएं क्वांटिको स्टार से अलग हैं.

फैशन और जीवनशैली से जुड़ी पत्रिका वोग के कवर पेज पर भी दिख चुकीं करीना ने कहा कि वह दुनिया पर विजय नहीं पाना चाहतीं. उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकताएं अलग हैं. मुझे लगता है कि प्रियंका ने जो कुछ भी किया वह अदभुत है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा कुछ कर सकती हूं. मैं एक कामकाजी शादीशुदा महिला बनना चाहती हूं. मेरी जिम्मेदारियां उनसे कहीं अधिक मायने में अलग हैं. मेरे पति हैं, मैं अपना परिवार बढ़ाना चाहती हूं.

उन्होंने कहा कि मैं सबकुछ छोड़कर लॉस एंजिलिस नहीं जा सकती. मैं ऐसी नहीं हूं. ये अभिनेत्रियां जिस तरह का काम कर रही हैं, उसके लिए आपके पास बहुत अधिक पाने की ललक और उन्हें उतनी ही खूबसूरती से अंजाम देने के लिए समर्पण होना चाहिए. शायद मैं आलसी भी हूं. मैं दुनिया को जीतना नहीं चाहती, लेकिन मुझे मेरे बलबूते मिली छोटी सी जगह से भी कोई गुरेज नहीं है. यह कुछ वैसा ही बहुत सरल है.

‘की एंड का’ की अभिनेत्री करीना और पूर्व विश्व सुंदरी प्रियंका, 2004 में रोमांटिक-थ्रिलर फिल्म ‘ऐतराज’ में पर्दे पर साथ नजर आई थीं.

सेक्स से फिल्में बिकती हैं: राखी सावंत

बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत अपने बोल्ड बयानों के लिए जानी जाती हैं और इस बार भी इस कंट्रोवर्सी क्वीन ने कुछ ऐसा ही कहा है. राखी सावंत ने कहा है कि सेक्स से फिल्में बिकती हैं. ये स्टेटमेंट राखी ने उस वक्त दिया जब वो अपने भाई की शॉर्ट फिल्म ‘एक थी लैला’ का म्यूजिक लॉन्च कर रही थीं.

जब उनसे सेंसर बोर्ड के साथ चल रही परेशानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ये कम बजट की शॉर्ट फिल्म है. हो सकता है कि पोस्टर बोल्ड हो लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है. वैसे भी सेक्स से फिल्में बिकती हैं. महेश भट्ट की कई ऐसी फिल्में हैं जो सेक्स सीन से भरी हुई हैं. क्या सेंसर बोर्ड को सिर्फ हमारी फिल्म एडिट करने के लिए मिली है. महेश भट्ट की फिल्में इससे भरी होती हैं. इसलिए अगर हमारी फिल्म में थोड़ा बहुत ऐसा हो भी तो उससे क्या नुकसान हो रहा है.’

इस फिल्म के म्यूजिक लॉन्च पर अभिनेता शक्ति कपूर, मुकेश ऋषि, एजाज खान सहित कई सितारे मौजूद थे.

बोनी-श्रीदेवी की ‘मॉम’ का शूट पूरा

एक दशक से अधिक ​लाखों​ दिलों ​पर राज करने वाली बॉलीवुड​ की ​​पहली ​​निर्विवादित ​​महिला श्रीदेवी​, फिल्म इंग्लिश विंग्लिश के ​सफलता के बाद एक बार फिर से बोनी कपूर निर्मित फिल्म में श्रीदेवी अभिनय करते हुए नजर आएँगी.

फिल्म की शूटिंग इस साल के शुरुवात में ही शुरु हो गयी थी. इस फिल्म से रवि उदयवार निर्देशन में अपना डेब्यू करेंगे. फिल्म में श्रीदेवी के साथ सजल अली, अक्षय खन्ना, अदनान सिद्दीकी और अभिमन्यु सिंह महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे. तो वहीं नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक विशेष अतिथि भूमिका में नजर आयेंगे.

सूत्रों की माने तो ” फिल्म का शूट 24 जून को पूरा हुआ है. श्रीदेवी को भारतीय सिनेमा में अहम योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है. अब वे एक और नया और बेहतरीन किरादर निभाने के लिए तैयार है जिसका निर्माण बोनी कपूर कर रहे है.  यह वाकय ही देखने लायक होगा.

ऊप्स मोमैंट्स: फैशन की दौड़ या पब्लिसिटी का फंडा

बॉलीवुड में हीरोइनें अपने फैशन को ले कर काफी सतर्क रहती हैं. हर इवेंट या अवार्ड शो में बेहतर दिखने की उन में चाहत होती है. लेकिन बेहतर दिखने की इस चाहत में उन का खूबसूरत लिबास कई बार उन्हें ऐसा धोखा देता है कि वे ऊप्स मोमैंट्स का शिकार हो जाती हैं.

बॉलीवुड से ले कर हॉलीवुड तक की खूबसूरत हीरोइनें अधिकतर वार्डरोब मालफंक्शन का शिकार होती रहती हैं. लेकिन कई बार तो वे खुद ही अपनी खूबसूरती को अपने ट्रांसपैरेंट कपड़ों के जरीए दिखा कर खुद को सुर्खियों में शामिल कर लेती हैं.

हाल ही में कैटरीना कैफ ने भी कुछ ऐसा किया कि मीडिया ने उन्हें सुर्खियों में शामिल कर लिया. दरअसल,हाल ही में कैटरीना कैफ एअरपोर्ट गईं. वहां उन के ब्लैक ट्रांसपैरेंट टौप के नीचे से उन की शाइन करती लिंजरी नजर आई.

इसी तरह अभिनेत्री आलिया भट्ट भी एक इवेंट में ऊप्स मोमेंट का शिकार हो चुकी हैं. उस इवेंट में हिस्सा लेने पहुंची सेक्सी आलिया ने व्हाइट तंग ड्रैस पहन रखी थी, जिसकी वजह से वे काफी असहज नजर आ रही थीं और इसी असहजता में आलिया के वे कपड़े भी दिख गए, जो नहीं दिखने चाहिए थे. लेकिन जब तक वे अपनेआप को संभालतीं तब तक काफी देर हो चुकी थी.

पिछले दिनों भारत की यात्रा पर आए ब्रिटेन के शाही दंपती प्रिंस विलियम और उन की पत्नी केट मिडलटन जब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देने गए, तो श्रद्धांजलि देने के दौरान तेज हवा के झोंकों ने केट की ड्रैस हवा में उछाल दी. शर्मिंदगी से बचने के लिए केट ने फौरन स्कर्ट संभालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहीं. बस फिर क्या था. वहां मौजूद मीडिया के कैमरों ने इसे कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर यह तसवीर वायरल हो गई. इस मोमेंट को मर्लिन मुनरो मोमेंट का नाम दे दिया गया.

कांस बना फैशन शो

फ्रांस के कांस में होने वाले फिल्म फेस्टिवल में दुनिया भर की सिनेतारिकाएं शिरकत करती हैं और उन में ग्लैमरस दिखने की होड़ रहती है. लेकिन ग्लैमरस दिखने की यह होड़ उन्हें कई बार ऐसी स्थिति में पहुंचा देती है कि उन की खूब जगहंसाई होती है.

कांस फिल्म फैस्टिवल के दौरान माईवेन ली बेस्को भी वार्डरोब मालफंक्शन का शिकार हो चुकी हैं. जरमनी में ‘मैन इन ब्लैक-3’ फिल्म के प्रीमियर के मौके पर मिकेला शैफर भी वार्डरोब मालफंक्शन का शिकार हुईं.

हाल ही में हिंदी सिनेमा की मंझी हुई अदाकारा शबाना आजमी ने फ्रांस के कांस फिल्म फेस्टिवल को फैशन इवेंट की तरह इस्तेमाल करने पर नाराजगी जताई. उन्होंने ट्विटर को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का जरिया बनाया और ट्वीट किया कि कांस का दूसरा दिन लग रहा था जैसे कपड़ों की परेड हो. यह एक गंभीर फिल्म समारोह है, न कि फैशन इवेंट.

वे कहती हैं कि महिलाओं को आजादी के नाम पर कपड़ों से आजाद करने की रणनीति हकीकत में पुरुषवादी सोच का नतीजा है. यह महिलाओं को हर दिन पुरुषों के ऐशोआराम की चीज बनाते हुए उन्हें गुलामी की ओर ले जा रही है. समाज में महिलाओं की भूमिका बदलने के साथसाथ विज्ञापनों में भी उन की छवि बदली है. आधुनिक विज्ञापनों में महिलाओं को सेक्स सिंबल के रूप में दिखाया जा रहा है.

दुनिया भर में अंगप्रदर्शन के मामले में भारतीय फिल्में सब से आगे हैं, यह बात संयुक्त राष्ट्र महिला एवं रौकेफेलर फाउंडेशन, जिनेवा के एक अध्ययन में साबित हुई है. अपनी फिल्मों में महिलाओं को आकर्षक तरीके से पेश करने के मामले में भारत की गिनती शीर्ष देशों में होती है.

अंगप्रदर्शन में बॉलीवुड शीर्ष पर

भारतीय फिल्मों की 35 फीसदी महिला कलाकार अंगप्रदर्शन करती हैं. यहां फिल्मों में महिला किरदारों को हॉट और सेक्सी दिखाया जाता है. सर्वे ने महिलाओं के साथ होने वाले पक्षपात, उन के प्रति व्यापक रूढ़िवादी सोच, उन के प्रति कामुक नजरिए और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग द्वारा उन्हें प्रभावशाली भूमिकाओं में कमतर रूप से पेश करने की प्रवृत्ति को उजागर किया गया है.

भारत में महिला निर्माता निर्देशकों और लेखकों की संख्या भी ज्यादा नहीं है. भारत में महिला निर्माताओं की संख्या केवल 15.2 फीसदी है, जबकि विश्व में यह औसत 22.7 फीसदी है. सर्वे में पाया गया कि भारतीय फिल्मों में महिलाओं को एक सेक्स औब्जैक्ट की तरह ही पेश किया जाता है.

देह के मामले में आज के दौर में एक ही नियम लागू होता है. इफ यू हैव इट, फ्लौंट इट यानी आप के पास दिखाने लायक शरीर है, तो उसे दिखाइए. पूरा का पूरा फैशन उद्योग स्त्री के इस देहसौंदर्य को कैसे उभारना है, किस अंग को कितना छिपाना व कितना दिखाना है, पर ही टिका है. फैशन की इस होड़ में सभी बराबर के भागीदार हैं.

इस समय करेंगे सेक्स तो होगा फायदेमंद

बेहतर सेक्स लाइफ न सिर्फ पति-पत्नी के संबंधों को रुमानी बनाने के लिए जरूरी है बल्कि सेहत के लिए भी इसके फायदे किसी से छिपे नहीं हैं. ऐसे में अगर सेक्स उस समय हो जब इसका फायदा न सिर्फ आपका मूड बनाएगा बल्कि आपके लिए सेहत से जुड़े कई फायदों की वजह हो सकता है. क्वीन्स यूनिवर्सिटी के शोध के आधार पर जानिए सुबह के समय सेक्स करने के बड़े फायदों के बारे में.

दिन भर रहेंगे टेंशन फ्री

सेक्स की प्रक्रिया के दौरान शरीर से ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन रिलीज होते हैं जो मूड अच्छा रखने और आपको तनावमुक्त रखने में सहायक होता है.

इंफेक्शन से दूर

यूनिवर्सिटी ऑफ वाइक बैरे के अनुसार, सुबह के समय सेक्स के दौरान शरीर में इम्यूनोग्लोबिन ए नामक एंडीबॉडी तत्व बनता है जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और दूसरों की अपेक्षा संक्रमण का खतरा 30 प्रतिशत तक कम करता है.

वजन घटाने में मददगार

शोधों में माना जा चुका है कि एक घंटे तक संभोग की प्रक्रिया के दौरान करीब 300 कैलोरी बर्न होती है जो वजन घटाने के लिए किसी दिलचस्प कसरत से कम नहीं.

वीर्य की गुणवत्ता

सिडनी आईवीएफ क्लीनिक के शोध की मानें तो सुबह के समय सेक्स से वीर्य की गुणवत्ता 12 प्रतिशत बढ़ जाती है. इससे सेक्स संबंधी कई समस्याओं में आराम हो सकता है.

ग्लोइंग स्किन

यूवायर यूनिवर्सिटी के शोध की मानें तो सुबह के समय सेक्स से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक तेजी से बढ़ता है जिससे ऑक्सीजन का संचार त्वचा और बालों में अच्छी तरह होता है.

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