वरुण बनेंगे मेजर ध्यानचंद

बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का किरदार निभाते नजर आ सकते हैं. लगभग चार साल पहले मेजर ध्यानचंद के बेटे ने उनपर फिल्म बनाने के अधिकार निर्माता पूजा शेट्टी और आरती शेट्टी को बेचे थे. तब इस फिल्म पर कोई काम शुरू नहीं हुआ था लेकिन अब यह कहानी कुछ आगे बढ़ती दिख रही है.

बीच में निर्माता ने शाहरुख खान से इस प्रोजेक्ट के बारे में विचार किया था, लेकिन बात बन नहीं पाई थी. इसके बाद शेट्टी बहनें इस प्रोजेक्ट को धर्मा प्रोडक्शन के करण जौहर के पास लेकर गए.

करण जौहर ने जब इस प्रोजेक्ट के बारे में सुना तो वह इसे बनाने के लिए तैयार हो गए. करण ने इस प्रोजेक्ट पर तुरंत काम करना शुरू कर दिया.

चर्चा है कि करण, ध्यानचंद के किरदार में रणबीर कपूर को लेना चाह रहे थे लेकिन रणबीर के हाथ में कई और प्रोजेक्ट भी हैं, इसलिए उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद करण ने वरुण धवन से संपर्क किया. वरुण ने प्रोजेक्ट में काफी दिलचस्पी दिखाई. हीरो फाइनल होने के बाद करण ने फोक्स स्टार स्टूडियो से संपर्क किया, वो भी इस प्रोजेक्ट से जुडऩे के लिए तैयार हो गए हैं.

लेमन फिश (Lemon Fish)

मछली bengali विधि मानी जाती है, पर आजकल तो सभी मछली खाना पसंद करते है. मछली खाना हेल्थ के लिए काफी अच्छा है और बालों के लिए भी. तो आज हम आपको लेमन फिश की रेसिपी बताने वाले हैं.

सामग्री

बोनेलेस मछली – 1

मक्खन – 1/4 कप

निम्बू का रस – 1 1/2

अदरक -लहसुन का पेस्ट – 1 स्पून

काली मिर्च – टी स्पून

लाल मिर्च – स्वादानुसार

नमक – स्वादानुसार

विधि

1.ओवन को पहले preheat कर लीजिए.

2.पहले ओवन वाले बर्तन में मछली रखे और अब उस पर निम्बू का रस और मक्खन डाल दीजिए.

3.अब अदरक- लहसुन का पेस्ट, काली मिर्च, लाल मिर्च और नमक डाल दीजिए.

4.अब बर्तन को preheat ओवन में आधे घंटे के लिए रख के सेंक लीजिए, जबतक कि मछली पक न जाए.

लेमन फिश बनकर तैयार है, आप इसे सजाने के लिए पत्ता गोभी का प्रयोग कर सकते हैं.

‘‘उड़ता पंजाब’’ नहीं आएगी 17 जून को..?

फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के सेंसर प्रमाणपत्र के मसले पर मुंबई हाई कोर्ट फैसला सुनाएगा. लेकिन फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के निर्माता अनुराग कश्यप धीरे धीरे घिरते हुए नजर आ रहे हैं. फिलहाल जो हालात बन गए हैं, उन हालातों में फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के 17 जून को रिलीज होने की संभावनाएं कमतर हो गयी हैं. शायद यह बात फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के निर्माताओं के अलावा पूरी फिल्म इंडस्ट्री भी समझ चुकी है. मगर अभी तक अनुराग कश्यप ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

जबकि बौलीवुड से जुड़े कुछ सूत्रों का दावा है कि फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के निर्मातागण यह मानकर चल रहे हैं कि उनकी फिल्म 17 जून को रिलीज नहीं हो पाएगी. इसलिए इन लोगों ने कई सूत्रों की मदद से 24 जून को रिलीज होने वाली फिल्मों के निर्माताओं व उन फिल्मों के वितरकों से बात की. उसके बाद अब 24 जून को रिलीज होने वाली राजनीतिक ड्रामा के साथ प्रेम कहानी प्रधान फिल्म ‘‘शोरगुल’’ 24 जून की बजाय 17 जून को तथा टीसीरीज निर्मित और विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘‘जुनूनियत’’ भी अब 24 जून की बजाय 17 जून को रिलीज होगी.

इतना ही नहीं अनुराग अपनी दूसरी फिल्म ‘‘रमन राघव 2.0’’ को भी अब 24 जून की बजाय 17 जून को ही रिलीज करने की योजना पर काम कर रहे हैं. इससे 17 जून से ‘उड़ता पंजाब’ के लिए रोके गए सिनेमाघरों में यह फिल्में रिलीज हो जाएंगी. इसके बाद यदि ‘उड़ता पंजाब’ के लिए सब कुछ सही रहा, तो ‘उड़ता पंजाब’ को 24 जून को रिलीज किया जा सकता है.

मगर कुछ सूत्रों का दावा है कि 24 जून को पंजाबी फिल्म ‘‘रिटर्न आफ सरदारजी’’ रिलीज हो रही है, जो कि सफलतम पंजाबी फिल्म ‘सरदारजी’ का सिक्वअल है. इस फिल्म से ‘उड़ता पंजाब’ नहीं टकराएगी. क्योंकि इस पंजाबी फिल्म में पंजाब के चर्चित अभिनेता दिलजीत दोसांज की दोहरी भूमिका हैं, जिन्होनें फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में भी सरताज सिंह का किरदार निभाया है. इसलिए यदि ‘उड़ता पंजाब’ 17 जून को नही रिलीज हो पायी, तो फिर ‘उड़ता पंजाब’ का 15 जुलाई से पहले रिलीज होना मुश्किल है. मगर कोई भी निर्माता कुछ भी कहने को तैयार नहीं. वैसे फिल्म ‘‘शोरगुल’’ के निर्माताओं ने घोषणा कर दी है कि उनकी फिल्म 24 की बजाय 17 जून को रिलीज होगी.

फिल्म ‘‘जुनूनियत’’ की निर्माण कंपनी ‘‘टीसीरीज’’ के प्रवक्ता भी स्वीकार कर रहे हैं कि ‘जुनूनियत’ 24 की बजाय 17 जून को आएगी. क्योंकि फिल्म तैयार है और फिल्म की वितरक ‘पूजा फिल्मस’ चाहती है कि इसे 17 जून को रिलीज किया जाए, जिससे 24 जून को रिलीज होने वाली पंजाबी फिल्म ‘‘रिटर्न आफ सरदारजी’’ से टकराव न हो.

ऐसा पहली बार होगा, जब अचानक कोई फिल्म एक सप्ताह पहले रिलीज हो. अन्यथा अब तक होता रहा है कि फिल्म की रिलीज की तारीखें आगे बढ़ी हैं, पीछे नही. जबकि बौलीवुड से जुड़े कुछ लोगों की राय में जो निर्माता अपनी फिल्म को पहले रिलीज कर रहे हैं, वह अवसर का फायदा उठा रहे हैं. अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किसे फायदा और किसे नुकसान होगा.

पुलकित सम्राट की खुशी का राज

फिल्म ‘‘जुनूनियत’’ के एक सप्ताह पहले यानी कि 24 जून की बजाय 17 जून को रिलीज होने से सबसे ज्यादा खुश पुलकित सम्राट हैं. उनका मानना है कि अब उनकी फिल्म ज्यादा सिनेमाघरों में रिलीज हो सकेगी. अपनी इस खुशी का इजहार करते हुए पुलकित सम्राट कहते हैं-‘‘हमारी फिल्म एक सप्ताह पहले रिलीज हो रही है,इससे हम काफी उत्साहित हैं. एक सप्ताह पहले आने से हमारी फिल्म को अब ज्यादा संख्या में सिनेमाघर मिल रहे हैं. जब हमारी फिल्म 24 जून को रिलीज होने वाली थी, उस वक्त हमें पांच फिल्मों के साथ मुकाबला करने के अलावा थिएटर भी कम मिल रहे थे.’’ यानी कि किसी का नुकसान तो किसी का फायदा.

मजेदार बात यह है कि कुछ दिन पहले अक्षय कुमार ने भी इसी तरह की खुशी जाहिर की थी. वास्तव में फिल्म ‘‘हाउसफुल 3’’ की सफलता की पार्टी में जब पत्रकारों ने अक्षय कुमार से पूछा था कि सेंसर बोर्ड के साथ हुए विवाद के चलते अब फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ 17 जून को नहीं रिलीज हो पाएगी. इस पर उनकी क्या राय है? इस सवाल पर अक्षय कुमार ने पत्रकारो से सेंसर बोर्ड पर टिप्पणी करने की बजाय अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा था-‘‘यदि ऐसा है, तो हमारे लिए खुशी की बात है. हमारी फिल्म एक सप्ताह और अच्छा कमा सकेगी.’’…

वाह! क्या बात है. दूसरों के दुःख में अपनी खुशी तलाशने वालों की संख्या बौलीवुड में भी कम नहीं है..इसके बावजूद फिल्म वाले दावा करते हैं कि ‘‘हम सब एक हैं.’’

भारतीय सभ्यता की झलक है इन 4 गुफाओं में

गुफाएं मनुष्य के लिए पनाहगाह रहीं हैं. कई गुफाएं कुदरत ने उसे दी, तो कई उसने सभ्यता के विकास, दर्शन, कला साधना और एकांत के लिए भी बनाईं. ये गुफाएं इतनी बेहतरीन थीं कि वे आज की आधुनिक इंजीनियरिंग के लिए चुनौती बनी हुई हैं. भारत में भी गुफाओं का इतिहास लाखों और हजारों साल पुराना है.

वराह गुफाएं (महाबलीपुरम, तमिलनाडु)

तमिलनाडु में महाबलीपुरम में स्थित वराह गुफाएं बहुत फेमस हैं. यहां भगवान विष्णु का मंदिर है. इन गुफाओं की कलाकारी इतनी सुंदर है कि इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनाया है. इस गुफा के अलावा सित्तनवसल और नार्थमलाई गुफा भी मशहूर है. महाबलीपुरम तक एयर, ट्रेन और बस से आसानी से जाया जा सकता है.

बोर्रा और बेलम की गुफाएं (विशाखापट्टनम)

बोर्रा गुफाओं की खोज 1807 में ब्रिटिश भूविज्ञानी विलियम जॉर्ज ने की थी. आंध्र प्रदेश में विशाखापट्नम जिले में स्थित बोर्रा गुफाएं अनंतगिरि पहाड़ियों में स्थित है. आंध्र में ही कुरनूल से 106 किमी दूर बेलम गुफाएं स्थित हैं. दोनों ही गुफाएं 10 लाख साल पुरानी हैं. विशाखापट्नम के लिए प्रमुख शहरों से विमान, ट्रेन और बस की सेवा उपलब्ध है.

बादामी गुफा (कर्नाटक)

कर्नाटक के बादामी में सुंदर और नक्काशीदार गुफाएं हैं. बादामी की चार गुफाओं में से दो गुफाएं भगवान विष्णु, एक शिव जी और एक जैन धर्म से संबंधित बताई जाती हैं. लाल पत्थर से बनाई गई ये गुफाएं सुंदरता के लिए जानी जाती हैं. कर्नाटक में एहिलो गुफा भी आकर्षण का केंद्र है. बादामी तक हवाई, सड़क या रेलमार्ग से पहुंचा जा सकता है.

अजंता की गुफाएं (महाराष्ट्र)

दुनियाभर में मशहूर अंजता-एलोरा की गुफाएं हमेशा से ही जिज्ञासा और सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रही हैं. यहां की सुंदर चित्रकारी व मूर्तियां कलाप्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हैं. हरियाली की चादर ओढ़ी यहां की चट्टानें अपने भीतर छुपे हुए इतिहास की ये धरोहर अपने उस काल की कहानी खामोशी से कहती नजर आती हैं. वाघोरा नदी यहां की खूबसूरती में और चार चांद लगा देती है. कहा जाता है कि गुफाओं की खोज आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ व उनके दल ने सन् 1819 में की थी. वे यहां शिकार करने आए थे. तभी उन्हें कतारबद्ध 29 गुफाएं नजर आई. इसके बाद ही ये गुफाएं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गईं.

शेयर बाजार में निवेश साधना से कम नहीं

शेयर बाजार में अगर लंबे समय के लिए निवेश किया जाए तो नुकसान के बजाय बढ़िया रिटर्न मिलने की संभावना अधिक होती है. अगर हिस्टोरिकल डेटा देखें तो 15 साल में नेगेटिव रिटर्न की संभावना शून्य है. कहने का मतलब यह है कि सेंसेक्स में निवेश करने वालों को 15 साल में कभी भी कैपिटल लॉस का सामना नहीं करना पड़ा है.

इस दौरान निवेशक को सालाना 14.5% का रिटर्न मिला है. किसी दिन या किसी महीने में बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है. तब मार्केट से शिकायतें बढ़ जाती हैं और असल बात से ध्यान भटक जाता है. यह मामला निवेशकों के व्यवहार और मनोविज्ञान से कहीं अधिक जुड़ा है. नुकसान होने पर इंसान ज्यादा अफसोस करता है.

वहीं, अगर उतना ही मुनाफा हुआ हो तो वैसी खुशी उसे नहीं होती. ‘लालच’ से अधिक स्ट्रॉन्ग इमोशन ‘डर’ है. इसलिए सफल निवेश को ‘साधना’ जैसा माना जा रहा है. एक फंड मैनेजर को अपने अंदर झांककर देखना चाहिए कि कहीं इनवेस्टमेंट लॉजिक के पीछे कोई इमोशन तो नहीं है. अगर वह ऐसा करता है तो उसके सामने एक नई दुनिया खुल जाती है, जिसे बिहेवेरियल फाइनेंस कहते हैं. इसमें सायकोलॉजी और फाइनेंस दोनों पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है.

अगर आप वॉरेन बफेट, चार्ल्स मंगेर और सेथ क्लारमैन जैसे सफल फंड मैनेजरों की सिखाई गई बातों पर नजर डालें तो इनवेस्टमेंट को ‘साधना’ मानने वाली बात सच लगती है. इनवेस्टर्स को लिखे हालिया लेटर में क्लारमैन ने सफल निवेशक बनने के लिए मानसिक अनुशासन यानी मेंटल डिसिप्लिन की बात की है. उनके मुताबिक, एक फंड मैनेजर में कड़ी मेहनत, अनुशासन, फौलादी इरादों और संयम जैसे गुण होने चाहिए. इसके बावजूद सफलता की गारंटी नहीं है, लेकिन अगर निवेशक सही फिलॉस्फी पर चलता है तो उसके बाजार से पैसा बनाने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

फंड मैनेजरों का आईक्यू अच्छा होता है, लेकिन अच्छे और औसत फंड मैनेजर के बीच फर्क इमोशनल कोशंट (ई क्यू) और स्पिरिचुअल कोशंट (एस क्यू) करता है. हालांकि, इनवेस्टमेंट के इस पहलू पर अभी बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसे एक प्रयोग से समझते हैं. मान लीजिए कि फंड मैनेजरों और एसेट मैनेजमेंट बिजनेस को समाज से खत्म कर दिया गया. उसके बाद इनवेस्टमेंट का माहौल कैसा होगा. ऐसे में हर इंसान अपना फंड मैनेजर होगा. अब जरा ऐसे हालात में तनाव, कन्फ्यूजन, भारी गलतियों और मिस्ड ऑपर्च्युनिटी के बारे में सोचिए. ऐसे में बहुत कम सफल निवेशक सामने आएंगे और अधिकतर लोगों को लॉस होगा.

बन सकता है ‘हाउसफुल 3’ का सीक्वल

हाउसफुल 3 को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिलने के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर उसकी अच्छी कमाई को देखते हुए उसके निर्माता अब उसकी एक और कड़ी बनाने को इच्छुक हैं.

  

निर्माता साजिद नाडियाडवाला की यह कॉमेडी फिल्म तीन जून को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी. फिल्म में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन, जैकलिन फर्नांडिज और नरगिस फाखरी जैसे सितारें मुख्य भूमिका में हैं.   

‘हाउसफुल 4’ के निर्माण पर जब नाडियाडवाला से सवाल किया गया तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाउसफुल एक अच्छी श्रृंखला है. यकीनन..हम जल्द ही ‘हाउसफुल 4’ बनाएंगे.’’

इस मौके पर अक्षय कुमार ने कहा कि ‘हाउसफुल 4’ की पटकथा लिखने में समय लगेगा क्योंकि यह आसान विषय नहीं है.

अक्षय ने कहा, ‘‘हम बैठ कर इस पर बात करेंगे. इसमें समय लगेगा. ‘हाउसफुल 2’ और ‘हाउसफुल 3’ के बीच ही चार साल का अंतराल था. पटकथा लिखने में बहुत समय लगता है. कई लोगों को एक छत के नीचे लाना आसान नहीं है इसमें काफी समय लगता है.’’

‘एयरलिफ्ट’ के अभिनेता ने कहा, ‘‘क्योंकि यह एक आसान विषय नहीं है इसलिए इसका निर्माण एक कठिन काम है. फिल्म शुरू होने में कम से कम एक डेढ़ साल लगेगा.’’

निर्देशक साजिद-फरहाद की जोड़ी की ‘इ्टस इंटरटेनमेंट’ के बाद अक्षय के साथ यह दूसरी फिल्म है.

विदेश से लौट सीधे विराट के घर पहुंची अनुष्का!

पिछले हफ्ते लव बर्ड्स अनुष्का शर्मा और विराट कोहली को एयरपोर्ट पर गाड़ी में कुछ सीरियस बातचीत करते हुए स्पॉट किया गया था. बता दें कि अनुष्का तब सलमान खान के साथ बुडापेस्ट में फिल्म ‘सुल्तान’ की शूटिंग के लिए जा रही थीं. अनुष्का ने बुडापेस्ट के कुछ फोटोज भी शेयर किए थे.

हाल ही में अनुष्का वहां से शूटिंग खत्म करके दिल्ली पहुंचीं और बिना समय गंवाए अपने ब्वॉयफ्रेंड विराट से मिलने पहुंच गईं.

खबर है कि अनुष्का यहां सिर्फ विराट से ही नहीं बल्कि उनके पेरेंट्स और फैमिली से भी मिलीं. विराट और अनुष्का दिल्ली एअरपोर्ट एक-दूजे के हाथों में हाथ डाले स्पॉट हुए थे. विराट और अनुष्का को देखकर तो यही लग रहा था जैसे उनका रिलेशन पहले से और ज्यादा स्ट्रांग हो गया है.

खबर है कि दोनों किसी वेकेशन पर जा रहे हैं, जिसकी प्लानिंग उन्होंने काफी पहले कर ली थी. माना जा रहा है कि दोनों चंडीगढ़ जाएंगे, जहां अनुष्का अपने को-स्टार दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म ‘फिल्लौरी’ की शूटिंग करेंगी.

रिलीज से पहले ही इस फिल्म ने कमाए 200 करोड़

बॉलीवुड में सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान ऐसे हीरो हैं, जिनकी फिल्म तैयार होने से पहले ही वितरक खरीदने के लिए खड़े हो जाता हैं. साउथ फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा ही रजनीकांत की फिल्मों के साथ होता है. साउथ स्टार रजनीकांत की आने वाली फिल्म ‘कबाली’ रिलीज से पहले ही 200 करोड़ रुपए में बिक चुकी है.

ऐसा पहली बार होगा जब कोई भारतीय फिल्म दुनिया भर में 5000 स्क्रीन पर दिखाई जाएगी. यह फिल्म मलेशिया, चाइनीज और थाई में डब की जाएगी.

फिल्म के प्रोडयूसर कलाईपुली थानु के मुताबिक, फिल्म की 500 स्क्रीन केवल यूएस में होंगी जो कि अमूमन मुमकिन नहीं होता. कबाली का प्रमोशन भी बड़े लेवल पर होगा. एशिया के कुछ हवाई जहाजों को कबाली थीम से पेन्ट किया जाएगा. फ्लाइट में सफर कर रहे मुसाफिरों को कबाली स्पेशल मैन्यू सर्व किया जाएगा. 

‘कबाली’ का पहला टीजर 30 मई को लॉन्च किया गया था. करीब 67 सेकंड के इस टीजर में रजनीकांत को अलग अंदाज में दिखाया गया है. पीए रंजीत के निर्देशन में बनी ‘कबाली’ में बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे भी हैं.

राधिका आप्टे इससे पहले बॉलीवुड की ‘बदलापुर’, ‘हंटर’ और ‘मांझी: द माउंटेन मैन’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. रंजीत निर्देशित ‘कबाली’ के अगले साल रिलीज होने की संभावना है.

लोग मुझे फर्नीचर कहते थे: अक्षय कुमार

अपनी हालिया फिल्मों में अभिनय के लिए फिल्म समीक्षकों से प्रशंसा पाने वाले अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि किसी समय उन्हें उनके अभिनय को लेकर ‘फर्नीचर’ कहा जाता था.

हालिया रिलीज फिल्म ‘हाउसफुल 3’ की सक्सेस पार्टी के दौरान जब अक्षय कुमार से पूछा गया कि वे गंभीर भूमिकाओं और कॉमेडी में कैसे तालमेल बैठा लेते हैं तो उनका जवाब था, “जब मैं इंडस्ट्री में आया था, तो लोग मुझे फ़र्नीचर कहते थे. अब मैं भी एक्टिंग कर ले रहा हूं, तो कोई भी कर सकता है.”

इससे पहले ‘एयरलिफ्ट’ में एक कारोबारी की भूमिका निभाने के लिए अक्षय की तारीफ हुई थी, जो हमले के बाद पैदा हुए संकट के समय कुवैत में रहने वाले भारतीयों को बाहर निकाल रहे थे. इसके बाद ‘बेबी’ के 48 वर्षीय अभिनेता ने हाल में रिलीज ‘हाउसफुल-3’ में एक हास्य भूमिका निभाई.

अक्षय कुमार की फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ बाक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये का कारोबार करने में सफल रही है, जबकि ‘हाउसफुल-3’ भी कारोबार के मामले में 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छूने वाली है.

अक्षय की अगली फिल्म ‘रुस्तम’ है. और उम्मीद है कि वह बॉक्स ऑफिस पर लगातार सौ-सौ करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली फिल्मों की ‘हैट्रिक’ लगाएंगे. अक्षय ने कहा कि उन्हें भी ऐसी ही उम्मीद है. हमने ‘रुस्तम’ एक अच्छी फिल्म बनाई है. उम्मीद है कि लोग इसे पसंद करेंगे.

बताया जाता है कि ‘रुस्तम’ की कहानी 1959 में नानावती मामले पर आधारित है, जिसमें एक नौसेना अधिकारी कावस मानेकशॉ नानावती पर अपने पत्नी के प्रेमी प्रेम आहूजा की हत्या करने का मुकदमा चलता है. अक्षय ने इस फिल्म में नौसेना अधिकारी का किरदार निभाया है. इसमें इलियाना डिक्रूज और ईशा गुप्ता भी काम कर रही हैं.

कॉमेडी, एक्शन और इमोशनल सभी तरह की भूमिकाएं अक्षय के खाते में दर्ज हैं. लेकिन अक्षय ने कहा, ”मुझे स्लैपस्टिक कॉमेडी पसंद है. सिचुएशनल कॉमेडी में आपके पास कुछ करने को नहीं होता है, जबकि स्लैपस्टिक कॉमेडी में आपको अपने बॉडी लैंग्वेज से काम लेना होता है.”

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