रफटफ नहीं छोरा चाहिए गोरा

उमेशजी अपनी बीवी के साथ ब्यूटी प्रोडक्ट्स की दुकान में गए. उन की बीवी ने कुछ सामान खरीदा. फिर काउंटर पर पैसे जमा करने पहुंचीं तो काउंटर पर बैठी सेल्स गर्ल ने उमेशजी की तरफ देखते हुए उन की बीवी नेहा से कहा कि उस के पास ऐसी क्रीम है जो आप के पति के चेहरे के गहरे रंग और झांइयों को पूरी तरह साफ कर देगी. नेहा ने उस क्रीम के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद जब पति से कहा कि यह क्रीम लगाने से आप के चेहरे का रंग साफ हो जाएगा और चमक भी आ जाएगी, तो 50 साल के उमेशजी ने मुंह बिचकाते हुए कहा कि फालतू पैसा मत खर्च करो. तर्क दिया कि अगर मर्द की जेब रुपयों से भरी हो तभी उस का चेहरा चमकता है. पर्स में रुपए न हों तो कितनी भी महंगी क्रीमें लगा ले मर्द का चेहरा चमक ही नहीं सकता. अब तक गोरेपन और चेहरे की चमक को ले कर ज्यादातर मर्दों की यही सोच होती थी. इसलिए चेहरे के गोरेपन और चमक आदि को ले कर मर्द लापरवाह बने रहते थे. राजेश खन्ना की फिल्म ‘रोटी’ में फिल्म के हीरो राजेश खन्ना और हीरोइन मुमताज पर एक गीत फिल्माया गया था, जिस में हीरो, ‘गोरे रंग पे न इतना गुमान कर, गोरा रंग 2 दिन में ढल जाएगा…’ गीत गाते हुए गोरीचिट्टी खूबसूरत हीरोइन को ज्यादा न इतराने की नसीहत देता है. मगर आज वही मर्द खुद गोरापन पाने के लिए लड़कियों से प्रतिस्पर्धा करने लगा है और बड़े ही गर्व से कहता है कि मर्दों वाली फेयरनैस क्रीम लगाओ लड़कियों वाली नहीं.

बदल चुका है जमाना और सोच

आज बाजारों में मर्दों को गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीमों की भरमार है. सुपरस्टार शाहरुख खान, शाहिद कपूर, जौन अब्राहम, इमरान खान सहित क्रिकेटर विराट कोहली और युवराज सिंह तक कई सैलिब्रिटीज मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमों को बढ़ावा देने का प्रचार कर रहे हैं. कई साल पहले शाहरुख खान ने एक कंपनी की क्रीम के विज्ञापन में एक सांवले से लड़के को डांटते हुए सलाह दी थी कि मर्द हो कर लड़कियों वाली क्रीम लगाते हो. मर्दों की फेयरनैस क्रीम लगाओ. हिंदी फिल्मों में विलेन और कैरेक्टर रोल करने वाले पटना के पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि अब मर्द भी लड़कियों की तरह सुंदर और गोरा बनना चाहते हैं. भीड़ से अलग दिखने के लिए वे भी बढ़चढ़ कर गोरापन बढ़ाने वाली क्रीमों का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसीलिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां मर्दों को गोरा बनाने का दावा करने वाली नित नई क्रीमें बाजार में उतार रही हैं. इस से मर्दों में भी चेहरे को निखारने की चाहत तेजी से बढ़ रही है.

फ्लिपकार्ट में काम करने वाले कंप्यूटर इंजीनियर ऋषभ सिन्हा का मानना है कि अपोजिट सैक्स को लुभाने के लिए जैंट्स भी अब खुल कर सुंदर और गोरा बनाने वाली क्रीमों का उपयोग करने लगे हैं. कुछ साल पहले तक यही सोचा जाता था कि मर्दों को रफटफ और उन की कमाई देख कर ही लड़कियां उन की दीवानी होती हैं. यानी रफटफ होना ही मर्दानगी की निशानी माना जाता था. मगर अब जमाना और सोच दोनों बदल चुके हैं. मर्द भी सुंदर, गोरा, साफसुथरा, चिकना दिखने की होड़ में लग गए हैं. सुंदर दिखने के लिए लड़के ब्यूटी क्रीमों और ब्यूटीपार्लरों में काफी पैसा खर्च करने लगे हैं.

मर्दों की पसंद

रांची में ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कारोबार करने वाले उमेश जायसवाल बताते हैं कि लड़के भी लड़कियों की तरह ब्यूटीफुल और फेयर दिखने के लिए तरहतरह के कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगे हैं. मर्दों के कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स में फेयरनैस क्रीम की डिमांड सब से ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. इस के साथ ही कंडीशनर, जैल, सीरम, स्क्रब, मैंस ब्लीच, फेसवाश, मैन्स मौइश्चराइजर, सनस्क्रीन लोशन, स्किन बाम, लिप बाम, परफ्यूम, डियोड्रैंट, आई जैल भी मर्दों की पसंद बन चुके हैं. इतना ही नहीं अब मर्दों के लिए हेयर रिमूवर और नो मार्क्स जैंट्स क्रीम भी बाजार में आ चुकी है. गाजियाबाद में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा गोरखपुर का रहने वाला किशन राय कहता है कि लड़कों में भी अपनी त्वचा के रंग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और यह कोई बुरी बात नहीं है. परफैक्ट मैन बनने के लिए यह भी जरूरी उपाय है. कहीं भी पहला इंप्रैशन रंगरूप और पहनावे का ही पड़ता है. उस के बाद ही बोलने का तरीका और जानकारी की बात आती है.

बढ़ रही है मांग

आज अगर गोरीचिट्टी लड़की की शादी किसी गहरे सांवले रंग वाले लड़के से होती है तो जरा सोचिए उस के मन पर क्या गुजरती होगी. लड़का भले ही पढ़ालिखा हो, अच्छी नौकरी करता हो, लेकिन अगर उस का रंग गहरा हो तो लड़की का मन दुखी होता ही है. शहनाज ब्यूटी की फ्रैंचाइजी चलाने वाली सीमा सिन्हा कहती हैं कि लड़कों में गोरा रंग पाने की बढ़ती दीवानगी समाज और परिवार के लिए भी अच्छी बात है. इस से अब किसी शादी को बेमेल नहीं कहा जा सकेगा. अगर किसी लड़के का रंग सांवला है, तो वह क्रीम, ब्लीच सहित और कई तरह के ट्रीटमैंट्स के जरीए अपने रंग को निखार सकता है और विवाह के समय लड़की और मेहमानों पर अच्छा इंप्रैशन बना सकता है. मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमों और बाकी कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. एक सर्वे के मुताबिक 2010 में इन प्रोडक्ट् कस कारोबार करीब 42 करोड़ रुपए का था जो 2014 तक 280 करोड़ रुपए के पास पहुंच गया. पिछले दिनों एक कंपनी ने अपने सर्वे रिपोर्ट में कहा कि 2016 तक भारत में मैन्स कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स की मार्केट क्व5 हजार करोड़ से ज्यादा की हो जाएगी.

दावों में कितनी सचाई

इन प्रोडक्ट्स को ले कर लोगों के मन में अकसर ये सवाल भी उठते रहे हैं कि इन के कोई साइड इफैक्ट्स होते हैं? क्या मर्दों को गोरा बनाने वाली क्रीमें अपने दावों पर खरी उतरती हैं? इस संबंध में स्किन स्पैशलिस्ट डाक्टर सुधांशु कुमार कहते हैं कि गोरा बनाने वाली क्रीमें स्किन में मौजूद मैलेनिन को कम कर देती हैं. ‘धूप में निकला न करो रूप की रानी…’ गाना गाने वाला मर्द आज खुद ही अपने चेहरे को धूप से बचाने की जद्दोजहद में लग गया है. उसे भी यह चिंता सताने लगी है कि धूप में निकलने से उस के चेहरे का रंग कहीं काला न पड़ जाए. इस के लिए वह धूप में निकलने से बचने लगा है और अगर निकलना जरूरी हो तो सनस्क्रीन लोशन लगाने लगा है. सुंदरता और गोरेपन पर अब केवल लड़कियों का ही एकाधिकार नहीं रह गया है, मर्दों ने बड़ी ही मर्दानगी के साथ उन्हें टक्कर दी है. इस से लड़कियां भी खुश हो रही होंगी कि अब उन का जीवनसाथी काला या सांवला नहीं होगा.

लजीज ए लजीज फ्रैंकी

सामग्री

200 ग्राम राजमा उबले

2 पीस ब्रैडक्रंब्स

1 प्याज बारीक कटा

लालमिर्च पाउडर स्वादानुसार

2 छोटे चम्मच घी

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

1/4 छोटा चम्मच सिरका

1/4 छोटा चम्मच अजीनोमोटो

1/4 कप नूडल्स उबले, नमक स्वादानुसार

सामग्री रोटियों के लिए

2 कप गेहूं का आटा

1/2 कप बेसन

1 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर

1 बड़ा चम्मच तेल

2 छोटे चम्मच टोमैटो सौस रोटियों पर लगाने के लिए

नमक स्वादानुसार.

विधि

राजमा में नमक, मिर्च, प्याज, ब्रैडकं्रब्स, गरममसाला, सिरका, अजीनोमोटो मिला कर गोलगोल कटलेट बना लें. अब इन के ऊपर नूडल्स लपेट दें. ऊपर से ब्रश से घी लगा कर अलग रख दें.

विधि रोटियों की

रोटियों के लिए सारी सामग्री को मिला कर आटा गूंध लें. फिर पतलीपतली रोटियां बेल कर धीमी आंच पर तवा गरम कर दोनों तरफ से बारीबारी से रोटियां सेंक लें. घी लगा कर सौस लगाएं. फिर कटलेट को रोटी में रख कर लपेट कर तुरंत गरमगरम परोसें.

स्ट्रौंग पाक

सामग्री

1/4 कप अरहर की दाल

3/4 कप चने की दाल

3 1/2 कप चीनी

4 इलायची

5-6 बड़े चम्मच नारियल कटा

20-25 काजू

2 कप घी

1/2 लिटर पानी.

विधि

अरहर व चने की दाल को सूखी कड़ाही में डाल कर भून लें. ठंडा होने पर मिक्सी में पीस लें. चीनी व पानी को पका कर 1 तार की चाशनी बना लें. थोड़ा घी चाशनी में डाल कर हिलाएं. अब दाल पाउडर थोड़ाथोड़ा कर डालती जाएं. जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए लगातार हिलाती रहें. अब बाकी बचा घी डाल दें ताकि अच्छी तरह भुन जाए. जब मिश्रण घी अच्छी तरह छोड़ दे तो उसे घी लगी थाली में फैला दें. चाकू से मनचाहे आकार में काटें. नारियल व काजू बुरक कर परोसें.

क्रिस्पी कबाब

सामग्री

1 कप मसूर दाल धुली

1 कप मूंग दाल धुली

1 कप खसखस

टोमैटो सौस जरूरत के अनुसार

2 बड़े चम्मच हरा धनिया

3 बड़े चम्मच मैदा

1 बड़ा चम्मच देगी मिर्च

हरीमिर्च स्वादानुसार

1/2 बड़ा चम्मच अदरक

4 बड़े चम्मच काले चने उबले

1/4 छोटा चम्मच गरममसाला

1 बड़ा चम्मच अमचूर

तलने के लिए तेल

नमक स्वादानुसार.

विधि

मसूर दाल को हलका सा उबाल लें. पानी निथार कर अलग रखें. इस में नमक, हरीमिर्च, देगी मिर्च, धनिया, अदरक और गरममसाला मिक्स करें. फिर आधा अमचूर मिला दें. मूंग की दाल को 2 घंटे भिगो कर पानी निकाल दें. मिक्सी में दरदरा पीस लें. नमक व अमचूर मिक्स करें. मैदे का घोल बना लें. खसखस को एक प्लेट में फैला दें. अब हथेली पर मूंग की दाल का पेस्ट रख कर उस में मसूर की दाल व चना भर कर कबाब का आकार दें. फिर मैदे के घोल में डुबो कर खसखस लपेटें और गरम तेल में कबाब को सुनहरा होने तक तल कर टोमैटो सौस के साथ गरमगरम सर्व करें.

ग्रेन्स बेक्ड पोटैटो

सामग्री

50 ग्राम साबूत मूंग उबली

50 ग्राम काले चने उबले

50 ग्राम राजमा उबले

200 ग्राम मीडियम आकार के आलू उबले

2 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी

1 बड़ा चम्मच ओरिगैनो

1 बड़ा चम्मच देगी मिर्च

1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर

4-5 बड़े चम्मच चिड़वा

50 ग्राम पनीर छोटेछोटे टुकड़ों में कटा

2 बड़े चम्मच नीबू रस

1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

2 बड़े चम्मच मक्खन

नमक स्वादानुसार

विधि

आलुओं के 2 टुकड़े करें. फिर हर टुकड़े को चाकू से खाली कर मक्खन लगा कर अलग रखें. चिड़वे को धो कर पानी निकाल दें. अब एक बरतन में आलू के बीच का निकला भाग, साबूत मूंग, काले चने, राजमा, धनियापत्ती, ओरिगैनो, देगी मिर्च, धनिया पाउडर, चिड़वा, नीबू रस, जीरा पाउडर, मक्खन व नमक मिला कर रखें. आलू के टुकड़ों में यह मिश्रण भर कर ऊपर से पनीर से सजा कर ओवन की प्लेट पर मक्खन लगा कर आलू उस में रखें. फिर पहले से गरम ओवन में सुनहरा होने तक बेक कर गरमगरम सर्व करें

तारीफों का सिलसिला

आजकल बौलीवुड में सब एकदूसरे की तारीफ कर रहे हैं. मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान ने जहां रणबीर कपूर को कूल बताया, तो वहीं रणवीर सिंह को एवरग्रीन. अनिल कपूर भी उन्हें कूल लगते हैं. फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ में रणवीर सिंह और अनिल कपूर ने एकसाथ काम किया है. रणवीर का कहना था कि पूरी स्टारकास्ट में मैं केवल अनिल कपूर से इंप्रैस हूं. वे सैट पर वरिष्ठ कलाकार जैसा बरताव नहीं करते. हम साथ काम करते थे, साथ बाहर जाते थे, नई जगहों पर घूमतेफिरते थे. हम ने साथ में बहुत मजे किए. खबर है कि बिग बी के बाद आलिया भी कंगना की प्रशंसक बन गई हैं. पिछले दिनों एक बयान में आलिया ने कंगना की फिल्म ‘तनु वैड्स मनु रिटर्न्स’ में किए गए काम की बहुत तारीफ की.

अवार्ड न मिलने पर दुख होता है : प्रियंका चोपड़ा

अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को पूरी उम्मीद थी कि फिल्म ‘मेरी कौम’ के लिए उन्हें ही सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कंगना राणावत बाजी मार गईं. इसीलिए प्रियंका ने फिल्म निर्माण में उतरने और फिल्म ‘मैडमजी’ का निर्माण करने से तोबा कर वे अमेरिकन टीवी सीरियल ‘क्वांटिको’ और इंटरनैशनल संगीत जगत में अपनी पैठ बनाने पर ज्यादा जोर दे रही हैं. वैसे वे संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ कर रही हैं. मगर इस फिल्म में प्रियंका रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के बाद तीसरे नंबर पर हैं. उन के लिए सुकून की बात यह है कि वे प्रकाश झा की फिल्म ‘गंगाजल-2’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं.

पेश हैं, प्रियंका से हुई मुलाकात के कुछ खास अंश :

अमेरिकन सीरियल ‘क्वांटिको’ का ट्रेलर बाजार में आ चुका है. किस तरह का रिस्पौंस मिल रहा है?

अच्छा रिस्पौंस मिल रहा है. इस में अमेरिकन नागरिक और एफबीआई एजेंट के रूप में मुझे देख कर लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि क्या यह मैं ही हूं. मगर यह सच है कि फिलहाल मैं बहुत नर्वस हूं. ‘क्वांटिको’ के सिर्फ एक ही ऐपिसोड की शूटिंग की है, जिस का ट्रेलर आप ने देखा होगा. ‘गंगाजल-2’ व ‘बाजीराव मस्तानी’ की शूटिंग पूरी करने के बाद जुलाई माह में मैं अमेरिका जाने वाली हूं. मैं ने फिल्म ‘डौन’ में जो अभिनय किया था, उस की वजह से मुझे अमेरिकन टीवी सीरियल में एफबीआई एजेंट का किरदार निभाने में काफी मदद मिली. जुलाई में हम ‘क्वांटिको’ के 13 ऐपिसोड की शूटिंग करेंगे. टीवी पर इस का प्रसारण सितंबर माह में शुरू होगा. यदि अच्छा रिस्पौंस मिला तो हम बाद में 14 से 28 ऐपिसोड फिल्माएंगे अन्यथा नहीं.

‘बाजीराव मस्तानी’ में आप का किरदार काफी छोटा है?

सभी को पता है कि यह फिल्म बाजीराव व मस्तानी की प्रेम कहानी है. इन दोनों की प्रेम कहानी के बीच में ही काशीबाई का किरदार है, तो यह महत्त्वहीन नहीं हो सकता. काशीबाई का किरदार काफी संजीदा किरदार है. ‘7 खून माफ’ फिल्म के बाद मुझे इस तरह का किरदार निभाने का अवसर मिला है.

‘गंगाजल-2’ में क्या कर रही हैं?

यह फिल्म कुछ वर्ष पहले रिलीज हुई फिल्म ‘गंगाजल’ का सीक्वल है. इस में जो किरदार अजय देवगन ने निभाया था, लगभग वही मैं निभा रही हूं. इस में मैं पुलिस सुपरिटैंडैंट आभा माथुर का किरदार निभा रही हूं, जो बहुत कड़क पुलिस अफसर है. ‘गंगाजल-2’ की कहानी बहुत ही समसामयिक है. इस फिल्म में भ्रष्टाचार, लैंड माफिया जैसे बहुत से मुद्दे हैं, जिन से लोग रिलेट करेंगे. एक पुलिस अफसर का भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना हमेशा न्यायोचित ही होता है. इस वजह से इस फिल्म को ले कर मैं बहुत उत्साहित हूं.

क्या इस किरदार के लिए कोई खास तैयारी की है?

यों तो लेखक व निर्देशक ने पहले से ही बहुत रिसर्च कर रखी थी, फिर भी कई पुलिस अफसरों से मिली हूं. महिला पुलिस अफसरों की जिंदगी कैसी होती है, इसे मैं ने बहुत नजदीक से देखा है. भारत जैसे पुरुषप्रधान समाज में एक महिला पुलिस अफसर होना बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि भारत में लोग महिलाओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं.

आप ने हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ में रणवीर सिंह की बहन का किरदार निभा कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया?

मैं शुरू से इस बात को मानती आई हूं कि इमेज को नहीं बनाना चाहिए. मेरी जिंदगी में बहुत कुछ अपनेआप होता रहा है. सब कुछ आप की कठिन मेहनत पर निर्भर करता है. इसलिए मुझे जो काम मिलता है, मैं उसे बड़ी मेहनत से करती हूं. फिर जब मैं मेहनत करूंगी तो स्वाभाविक तौर पर उस के परिणाम अच्छे ही मिलेंगे. यदि आप मेहनत नहीं करेंगे, सिर्फ तकदीर के भरोसे बैठेंगे, तो कुछ हासिल नहीं होगा.

मगर रणवीर सिंह की बहन का किरदार…?

कोई तकलीफ नहीं, कोई हिचक नहीं. कलाकार का काम है हर तरह का किरदार, हर सहकलाकार के साथ निभाना. फिल्म ‘गुंडे’ में हम गर्लफ्रैंड और बौयफ्रैंड थे, ‘दिल धड़कने दो’ में भाईबहन हैं और फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ में पतिपत्नी के किरदार में नजर आएंगे. रणवीर सिंह बहुत बेहतरीन सहकलाकार हैं.

क्या वजह है कि आप आजकल ऐसे किरदार निभा रही हैं, जिन्हें आमतौर पर हीरोइनें निभाने से डरती हैं?

मेरे साथ शुरू से ही ऐसा रहा है. जब मैं ने फिल्म ‘फैशन’ में अभिनय किया था, उस वक्त लोगों ने कहा था कि एक हीरोइन उस वक्त इस तरह की फिल्म करती है, जब उस का कैरियर खत्म हो रहा हो. जब मैं ने फिल्म ‘एतराज’ की थी, तो लोगों ने कहा कि वैंप बन कर रह जाओगी. लोगों ने कहा कि अब हीरोइन के किरदार नहीं मिलेंगे. मगर मेरी हमेशा कोशिश रही है कि लड़कियों को गंभीरता से लिया जाए. इसीलिए मुझे अनुष्का की फिल्म ‘एनएच10’ या दीपिका की ‘पीकू’ फिल्में पसंद आती हैं. कंगना की ‘तनु वैड्स मनु’, ‘क्वीन’ तथा ‘तनु वैड्स मनु रिटर्न्स’ की मैं प्रशंसक हूं. आप मेरी फिल्म ‘मैरी कौम’ को देखें. अब बौलीवुड में उन फिल्मों को सफलता मिल रही है, जिन में अभिनेत्रियों बौलीवुड की चिरपरिचित अंदाज वाली हीरोइनों से अलग नजर आती हैं. इसी वजह से हम महिला कलाकारों को समसामयिक बना दिया है.

कहा जा रहा है कि कंगना राणावत आप के व दीपिका पादुकोण के लिए खतरा बन चुकी हैं?

सच यह है कि हम हीरोइनें एकदूसरे को सपोर्ट करती हैं. हम एकदूसरे को प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती हैं. आज का दर्शक भी समझदार है. हम सभी सशक्त किरदार निभा रहे हैं. दर्शक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं. मुझे गर्व है कि लड़कियां होने के बावजूद हमें इज्जत मिल रही है.

फिल्म ‘मैरी कौम’ से आप को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार की अपेक्षा थी. लेकिन आप को यह अवार्ड नहीं मिल पाया?

अवार्ड न मिलने पर दुख होता है. मगर हमारी फिल्म ‘मैरी कौम’ को कई नैशनल अवार्ड मिले. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नैशनल अवार्ड ‘क्वीन’ के लिए कंगना को मिला, तो मुझे खुशी ही हुई, क्योंकि वे इस अवार्ड की हकदार थीं. यदि उन्हें भी नहीं मिलता तो ज्यादा बुरा लगता.

फैसला टीस नहीं मरहम बने

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक नए फैसले में बलात्कार के मामलों में समझौते की कोशिश को गैरकानूनी बताते हुए निर्देश दिया है कि यदि बलात्कारी और पीडि़ता के बीच कोई लेनदेन हो जाए, यहां तक कि विवाह भी हो जाए तो भी मुकदमा चलेगा ही. मध्य प्रदेश के गुना की अदालत में चल रहे बलात्कार के एक मामले में पीडि़ता, जो नाबालिग थी, बलात्कारी को 5 साल की सजा हुई पर उच्च न्यायालय ने उसे रिहा कर दिया, क्योंकि दोनों पक्षों में समझौता हो गया था. उच्च न्यायालय ने जब तक बलात्कारी को छोड़ा था तब तक उस ने सिर्फ 1 साल की सजा काटी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट में क्यों आया यह तो साफ नहीं पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि बलात्कार का अपराध एक लड़की पर नहीं पूरे समाज पर है और आपसी समझौते से इसे नकारा नहीं जा सकता. मुकदमा तो चलेगा ही. सर्वोच्च न्यायालय पहले भी इस तरह के चेन्नई, मुंबई व कोलकाता उच्च न्यायालयों के मामलों में अपने निर्देश दे चुका है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को लेनदेन का अपराध नहीं बनाया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट की भावना चाहे अच्छी और काबिलेतारीफ हो पर फैसला गलत नहीं, बहुत गलत है. बलात्कार यकीनन पूरे समाज के खिलाफ अपराध है. यकीनन यह हत्या से भी ज्यादा जघन्य अपराध है. बिना शक यह मर्दों की अपनी शक्ति को औरतों पर थोपने की कोशिश है पर इस की व्यावहारिकता को नहीं भुलाया जाना चाहिए.

यह कहना आसान है कि मुकदमा चलाओ पर जिस देश में बलात्कार के मामलों को 10-12 साल घसीटा जाए वहां क्या कोई भी फैसला लड़की को राहत देने वाला होगा? यदि बलात्कारी 10-12 साल छुट्टे सांड की तरह घूम रहा हो तो क्या पीडि़ता का हर रोज मानसिक और कानूनी बलात्कार नहीं हो रहा होगा? जब भी तारीख पास आएगी, बलात्कारी के आदमी पीडि़ता के पास समझौते और अगर समझौते के लिए नहीं तो डराने के लिए ही पहुंच जाएंगे तो क्या जख्मों को नहीं कुरेदेंगे? पुलिस अफसर और सरकारी वकील क्या पीडि़ता को बारबार हर पेशी से पहले बुला कर मामले के बारे में पूछताछ नहीं करेंगे? मामला जब तक चलेगा तब तक हर रोज पीडि़ता के सिर पर तलवार लटकी रहेगी कि कहीं बलात्कारी छूट गया तो वह घर के सामने सीना तान कर खड़ा न हो जाए. जब आपराधिक मामला चलता है तो 2-3 साल तक तो गवाहियां चलती रहती हैं और हर गवाही के पहले पीडि़ता को अपने साथ हुए कांड को दोहराना पड़ता है. पहला बयान दूसरेतीसरे बयान से अलग न हो जाए यह ध्यान रखना पड़ता है यानी पीडि़ता हर बार उस कांड को याद करती है.

मध्य प्रदेश का यह मामला जब सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा तब तक 10 साल तो बीत ही चुके थे. अब उच्च न्यायालय में फिर आ गया. किस सरकारी वकील को चिंता है कि अपराधी को सजा हो हो? पीडि़ता को ही पीछे पड़ना होगा तभी कुछ संभव है वरना सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद कहा जा सकता है कि पीडि़ता के साथ संबंध हुए ही नहीं थे, सारी कहानी अविश्वसनीय है. बलात्कार के बाद पहली शिकायत करना आसान है पर मामले को अदालत के लायक बनाना बेहद कठिन है. समझौता ही इस तरह के मामलों में सही उपाय है. यही पीडि़ता को सही राहत देगा. उसे पैसा मिले, बलात्कारी से उस की शादी हो जाए, वह मामले को भूल जाए तभी वह अपना नया जीवन शुरू कर सकती है. बलात्कारी के पास तो समय ही समय होता है पर पीडि़ता के पास कुछ ही महीने होते हैं. पर हमारी व्यवस्था उसे वर्षों लटकाए रखती है. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला बेहद कानूनी हो सकता है, सही सामाजिक चेतावनी हो सकता है पर उस पीडि़ता के लिए घातक है, जो पुरानी टीस भुला कर नया जीवन जैसेतैसे शुरू करना चाहती है. मामला चला तो वह घर बदल कर कहीं और भी नहीं जा पाएगी. अदालती फैसला तो उस जंजीर की तरह होगा जो पानी में गिरने से बचाने के लिए लगाई गई पर बन गई हाथ और गले की जंजीर.

फलों और सब्जियों की ये खूबियां भी जानें

ए फौर ऐप्पल (सेब): सेब के बारे में कहा जाता है कि रोज 1 सेब का सेवन करने से डाक्टर दूर रहता है. सेब को काट और चबा कर खाने से मुंह में लार का बनना खूब होता है. यह अल्जाइमर रोग व कैंसर से बचाने के अलावा मधुमेह के जोखिम को घटाता है, कोलैस्ट्रौल को कम कर देता है और दस्त व कब्ज से छुटकारा दिलाता है.

बी फौर बीटरूट (चुकंदर): चुकंदर पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, ए, सी, नाइट्रेट आदि का अच्छा स्रोत है. यह हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करता है. यह एक अच्छा ऐंटीऔक्सीडैंट भी है, इसलिए कोलैस्ट्रौल व रक्त में उपस्थित शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

सी फौर कैरेट (गाजर): गाजर विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है. इस में त्वचा को खूबसूरत बनाने के साथसाथ कैंसर की रोकथाम जैसी खूबियां भी हैं. यह आंखों की रोशनी में सुधार लाने में भी सहायक है. गाजर में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट्स सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से त्वचा की रक्षा करते हैं. इस का उपयोग फेस मास्क के रूप में भी किया जाता है.

डी फौर डेट (खजूर): आयरन और फ्लोरीन से भरपूर खजूर विटामिनों और खनिजों का अच्छा स्रोत है. इसे नियमित रूप से खाने से कोलैस्ट्रौल लैवल कम करने के साथसाथ और कई स्वास्थ्य विकारों को दूर रखने में मदद मिलती है. खजूर में प्राकृतिक शर्करा खूब होती है, इसलिए यह आप को ऐनर्जी भी देता है. इस के अलावा इस में पोटैशियम ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जबकि सोडियम कम मात्रा में. इन प्राकृतिक तत्त्वों से भरपूर खजूर एक स्वस्थ नर्वस सिस्टम को व्यवस्थित करने और पेट के कैंसर से बचाने में सहायता करता है.

ई फौर ऐगप्लांट (बैगन): बैगन में कुछ पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रक्तसंचार में सुधार करते हैं. मस्तिष्क को पोषण देते हैं. बैगन में कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है, इसलिए इस के सेवन से मोटापा बिलकुल नहीं बढ़ता. इस में भरपूर फाइबर होने की वजह से आप हमेशा अपना पेट भरा हुआ महसूस करते हैं. बैगन मधुमेह को नियंत्रित करने और हृदय की देखभाल में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

एफ फौर फिग्स (अंजीर): अंजीर पोटैशियम का बहुत अच्छा स्रोत है. इस के सेवन से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. अंजीर फाइबर वाले आहार का भी बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए वेट कंट्रोल पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. अंजीर का हृदय पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है. यह त्वचा पर पड़ने वाले धब्बों से भी बचाता है.

 फौर गार्लिक (लहसुन): लहसुन भारतीय व्यंजनों में पाई जाने वाली एक आम चीज है. लेकिन भोजन को स्वाद प्रदान करने के अलावा लहसुन में अपार औषधीय गुण मौजूद होते हैं. चूंकि लहसुन में जीवाणुरोधी और विषाणुरोधी दोनों गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इसे त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है.

एच फौर हनी ड्यू मैलन (खरबूजा): खरबूजा विटामिन सी से भरपूर होता है, इसलिए त्वचा स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी है. खरबूजा एक अच्छी खुराक की आपूर्ति भी करता है. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, इसलिए दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने में भी मदद करता है.

आई फौर आइसबर्ग लैट्यूस (हिमशैल लैट्यूस): हिमशैल लैट्यूस में कैलोरी और वसा का प्रतिशत बहुत कम होता है. इस में उच्च मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. इसलिए जब आप वजन कम करने का प्रयास करती हैं, तो उस के लिए यह काफी उपयोगी रहता है, यानी हिमशैल लैट्यूस की दैनिक खपत, वजन घटाने के उपचार के लिए काफी उपयोगी है.

जे फौर जैक फ्रूट (कटहल): कटहल के गूदे में फाइबर की बहुत मात्रा पाई जाती है. इस के अलावा कटहल में विटामिन, खजिन, इलैक्ट्रौलाइट्स, फाइटोन्यूट्रिऐंट्स, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्त्वों की मात्रा खूब होती है. कटहल कैलोरी का स्रोत है, लेकिन इस में सैचुरेटेड फैट या कोलैस्ट्रौल नहीं होता. इस के ऐंटी औक्सीडैंट होने की वजह से यह कैंसर और अन्य कई रोगों से रक्षा में समृद्ध है. यह आंखों के लिए भी अच्छा है और मोतियाबिंद से बचाने में मदद करता है. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है तथा हड्डियों और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाने में काफी मददगार है.

के फौर कीवी (कीवी): सभी प्रकार के कीवी फलों और सब्जियों का सेवन करना, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और अन्य प्रकार की बीमारियों में कम जोखिम होने से जोड़ा गया है. कीवी के और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे खूबसूरत त्वचा, बेहतर नींद और दिल का स्वास्थ्य. यह कब्ज जैसी समस्याओं में भी मदद करता है.

एल फौर लैमन (नीबू): नीबू विटामिन ई का अच्छा स्रोत है, इसलिए इम्यून सिस्टम में सुधार करने में मदद करता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि त्वचा को स्वस्थ व चमकदार रखने में भी सहायक है.

एम फौर मैंगो (आम): आम विटामिन सी और बीटा कैरोटिन का बहुत अच्छा स्रोत है. इस में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. आम में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट ल्यूकेमिया और प्रौस्टेट कैंसर से रक्षा करते हैं. आम ओपन पोर्स और मुंहासों को खत्म करने में भी मदद करता है. इस में मौजूद फाइबर पाचन में मदद करता है. हरा आम हृदयघात को रोकने के लिए अच्छा उपाय है. विटामिन सी और विटामिन ए से भरपूर होने के कारण इसे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है.

एन फौर नट्स (नट्स): सभी नट्स विटामिन ई व पोटैशियम से भरपूर होते हैं. इन में खनिज, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पदार्थ भी खूब होते हैं. ये फोलेट, विटामिन और उच्च कैलोरी का भी अच्छा स्रोत होते हैं, इसलिए सभी नट्स स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं.

ओ फौर औलिव (जैतून): जैतून ब्लड में कोलैस्ट्रौल की मात्रा को कम करने और ब्लडप्रैशर को नियंत्रित करने में लाभदायक है. यह फलों और सब्जियों के विकल्प के रूप में फाइबर और विटामिन ई का भी अच्छा स्रोत है. साथ ही यह एक ऐंटीऔक्सीडैंट के रूप में कोशिकाओं की रक्षा करने में भी मदद करता है.

पी फौर पैपर (कालीमिर्च): कालीमिर्च कैरोटिन और विटामिन सी का काफी अच्छा स्रोत है. इस में बायो फ्लेवोनौयड्स तत्त्व खूब होता है, जो कैंसर को रोकने में मदद करता है.

क्यू फौर क्वींस (श्रीफल या बेल): श्रीफल या बेल का गूदा व इस के छिलके में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है. यह एक कम कैलोरी वाला फल है. पके हुए बेल में विटामिन सी की अच्छीखासी मात्रा पाई जाती है.

आर फौर रैडिश (मूली): मूली में फाइटोकैमिकल्स और ऐंटीऔक्सीडैंट तत्त्व होते हैं. इस के अलावा, मूली में विटामिन सी भी पाया जाता है जोकि एक शक्तिशाली ऐंटीऔक्सीडैंट के रूप में कार्य करता है.

एस फौर स्ट्राबैरी (स्ट्राबैरी): स्ट्राबैरी विटामिन सी का एक बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है. यह आंखों की रोशनी को बढ़ाती है और कैंसर से लड़ने में भी मदद करती है. स्ट्राबैरी में मौजूद विटामिन सी की शक्ति बहुत ज्यादा है और यह कोलोजन के उत्पादन के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है, जो त्वचा की लोच में सुधार करने में मदद करता है. बढ़ती आयु के साथसाथ हम कोलोजन खोने लगते हैं, लेकिन अगर हम विटामिन सी में समृद्ध पदार्थ खाते हैं, तो उस का हमारी त्वचा पर अच्छा असर दिखता है. त्वचा पहले से ज्यादा स्वच्छ और स्वस्थ लगने लगती है.

टी फौर टोमैटो (टमाटर): टमाटर विटामिन ए, सी, के, फोलेट और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है. टमाटर में सोडियम, संतृप्त वसा, कोलैस्ट्रौल और कैलोरी कम पाई जाती है.

यू फौर उगली (उगली): यह फल कई रोगों जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, हाई ब्लडप्रैशर वगैरह के जोखिम को कम करने में मदद करता है और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं में भी काफी लाभदायक है. इस फल को त्वचा संबंधित रोगों में भी खाने के लिए कहा जाता है.

वी फौर विक्टोरिया प्लम (विक्टोरिया बेर): यह बेर विटामिन, खनिज और ऐंटीऔक्सीडैंट से भरा होता है. इस में भी काफी कम मात्रा में कैलोरी होती है और कोई संतृप्त वसा नहीं होती. विक्टोरिया बेर रेशे वाले आहार का एक समृद्ध स्रोत है. इसे प्रतिक्रियाशाली औक्सीजन प्रजातियों (आरओएस) के खिलाफ हमारे शरीर को संरक्षण प्रदान करने के लिए जाना जाता है.

डब्ल्यू फौर वाटरमैलन (तरबूज): तरबूज में पोटैशियम, ऐंटीऔक्सीडैंट, विटामिन बी, ए, बी-6, सी, कैल्सियम, थायमिन, सोडियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. तरबूज हमें हृदय रोग, कैंसर, पाचन विकार और बालों के झड़ने जैसी बीमारियों से बचाता है. यह नमी में प्रचुर और कैलोरी में बहुत कम होता है. रेशे से यह मालामाल होता है, इसलिए रक्त में मौजूद कोलैस्ट्रौल को नियंत्रण करने में मदद करता है.

वाई फौर यैम (रतालू या कचालू): कचालू या रतालू कंद सब्जियों में आता है. इस में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. रतालू ऊर्जा का अच्छा स्रोत है, क्योंकि महज 100 ग्राम रतालू 118 कैलोरी प्रदान करता है. इस में मौजूद फाइबर कब्ज और कोलैस्ट्रौल के स्तर को कम करने में मदद करता है. इस के अलावा जटिल कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होने की वजह से यह ब्लड शुगर के स्तर में लगातार बढ़ोतरी को नियंत्रित करता है.

जैड फौर जुकीनी (तोरी): तोरी में पानी 94 प्रतिशत और कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है. इस में मौजूद फाइबर पाचन में मदद करता है, कब्ज को रोकता है और ब्लड शुगर को कम रखता है. तोरी कोलैस्ट्रौल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है. इस में सूजन खत्म करने वाले गुण भी होते हैं, इसलिए यह अस्थमा, हड्डियों की बीमारियों और गठिया को नियंत्रित करने में मदद करती है.          

– आभा कश्यप मेड स्पा

फ्रौस्टी नेल आर्ट

नेलआर्ट के इन सिंपल स्टैप्स को फौलो कर के अपने नेल्स को दें स्पाइसी लुक:

नेलआर्ट बनाने से पहले अपने मैनीक्योर जरूर कराएं. फिर मौइश्चराइजर से अच्छी तरह मसाज करें.

अपने नेल्स को राउंड शेप में काटें और अच्छी तरह नेलफाइलर से रब करें.

अब नेलआर्ट बनाने के लिए ब्लू, फिरोजी, ट्रांसपेरैंट, व्हाइट, स्पार्कल नेल पेंट और स्पौंज लें.

सब से पहले नेल्स पर बेस कोट लगाएं. यह बेस कोट ट्रांसपेरैंट नेल पेंट से लगाएं. बेस कोट सिर्फ 2 स्ट्रोक में ही लगाएं ताकि न वह फैले और न ही मोटा दिखे.

बेस कोट सूखने के बाद पूरे नेल्स पर व्हाइट नेल पेंट 2 स्ट्रोक में लगाएं और फिर सूखने दें.

नेल पेंट लगाते समय वह फैल जाए तो स्पौंज में नेल रिमूवर लगा कर साफ कर लें.

फिर उस पर स्पार्कल नेल पेंट का एक कोट लगाएं. आप चाहें तो व्हाइट और फिरोजी का कौंबिनेशन भी कर सकती हैं या फिर ब्लू, व्हाइट का अथवा ब्लू व फिरोजी का.

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