सौंदर्य समस्याएं

मैं 19 वर्षीय कालेज गोइंग गर्ल हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरे होंठों के चारों ओर की त्वचा बहुत डार्क है, जो देखने में अच्छी नहीं लगती. मैं ऐसा क्या करूं जिस से त्वचा की रंगत में सुधार आ जाए?

इस के लिए आप सफेद मक्खन में गुलाब की पिसी पत्तियों को मिला कर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को रोजाना रात में होंठों के चारों ओर लगाएं. रंगत में अवश्य सुधार आएगा.

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मैं 23 वर्षीय युवती हूं. मेरे चेहरे का रंग तो साफ है, लेकिन चेहरे पर काफी रोएं हैं, जिस की वजह से चेहरा सांवला दिखता है. चेहरे से रोएं हटाने का कोई उपाय बताएं?

चेहरे से रोएं हटाने के लिए आप ब्लीचिंग या फेस पर वैक्सिंग प्रक्रिया को अपना सकती हैं. इस से आप को लाभ होगा. ब्लीचिंग से रोयों का रंग हलका हो जाएगा और वे चेहरे पर उभर कर नहीं दिखेंगे. जबकि फेस वैक्सिंग से आप एक से डेढ़ महीने तक रोयों से छुटकारा पा सकती हैं.

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मैं 35 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हैं, जिस से मेरी आयु अधिक लगती है व चेहरे की रौनक भी गायब हो गई है. उन काले घेरों को दूर करने का कोई उपाय बताएं?

अगर आप की त्वचा औयली है तो आप पोटैटो जूस को आंखों के नीचे लगाएं. आप उस जगह कोकोनेट वाटर भी लगा सकती हैं. इस के अलावा रात को आंखों के नीचे विटामिन ई औयल लगाएं. इस से काले घेरे कम होंगे. साथ ही नींद पूरी लें व अनावश्यक स्टै्रस न लें. जल्द आराम होगा.

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मैं 30 वर्षीय युवती हूं. मेरी जौब मार्केटिंग है, इसलिए मुझे अधिकांश समय औफिस से बाहर आउटडोर पर रहना पड़ता है. इस से गरमियों में मेरी त्वचा में टैनिंग हो जाती है और कई बार तो त्वचा झुलस भी जाती है. सनटैनिंग व सनबर्निंग से छुटकारा पाने के लिए कोई उपाय बताएं.

सूरज की तेज किरणों के संपर्क में बारबार आने व सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग न करने की वजह से सनटैनिंग व सनबर्निंग की समस्या होती है. सनटैनिंग में जहां त्वचा की रंगत गहरी हो जाती है, वहीं सनबर्निंग में त्वचा झुलस जाती है व छिल जाती है. सनबर्निंग होने पर त्वचा पर वाटरमेलन जूस लगाएं. इस से त्वचा को ठंडक मिलेगी. इस के अलावा त्वचा से टैनिंग हटाने के लिए मिंट पेस्ट व टोमैटो जूस लगा सकती हैं. इस से त्वचा को लाइटनिंग इफैक्ट मिलने के साथसाथ कूलिंग इफैक्ट भी मिलेगा.

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मैं 28 वर्षीय युवती हूं. कुछ महीने बाद मेरा विवाह होने वाला है. मेरी समस्या यह है कि मेरा चेहरा सांवला है और चेहरे पर चमक भी नहीं है. मैं क्या करूं जिस से चेहरे की रंगत निखर जाए और चमक भी आ जाए?

चेहरे की रंग निखारने और चमक लाने के लिए आप टमाटर को कद्दूकस करें व उस में 1/2 चम्मच मलाई मिला कर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को 20 मिनट तक चेहरे पर लगाएं. यह चेहरे की गहरी रंगत को हलका करने के साथसाथ चेहरे पर चमक भी लाने का काम करेगा.

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मैं एक कामकाजी महिला हूं. पिछले कुछ दिनों से मुझे दोमुंहे बालों की समस्या हो गई है और मेरे बाल रूखे व बेजान भी लगते हैं. मैं क्या करूं जिस से बालों की चमक लौट आए और वे खूबसूरत दिखें?

बालों को सन ऐक्सपोजर से हमेशा बचाएं. जब भी घर से बाहर निकलें खासकर धूप में तो स्कार्फ का प्रयोग करें. इस के अलावा बालों को ड्रायर से सुखाने के बजाय प्राकृतिक रूप से सूखने दें. अगर दोमुंहे बाल ज्यादा हैं, तो आप पार्लर में जा कर हेयरकट करवा सकती हैं. बालों की चमक लौटाने के लिए बालों में नियमित रूप से दही या अंडा लगाएं.

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मैं 16 वर्षीय छात्रा हूं. मेरे हाथों का रंग शरीर की बाकी त्वचा के रंग से अधिक गहरा है. मैं क्या करूं जिस से हाथों की रंगत में निखार आए?

हाथों का रंग टैनिंग की वजह से गहरा हो जाता है. इस के लिए आप होममेड स्क्रब इस्तेमाल करें. आप दही में बादाम पाउडर, उरद की दाल का पाउडर, सूजी व शहद मिलाएं व नहाते समय उसे स्क्रब की तरह इस्तेमाल करें. आप को लाभ होगा.

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मेरे चेहरे पर नाक के आसपास काफी ब्लैक हैड्स हैं. उन्हें दूर करने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

ब्लैक हैड्स औयली स्किन पर धूलमिट्टी व गंदगी जमा होने के कारण अधिक होते हैं. ब्लैक हैड्स हटाने के लिए सी साल्ट में नीबू का रस व बादाम तेल मिला कर एक मिश्रण बनाएं व उंगलियों की सहायता से उसे नाक के आसपास चेहरे पर सर्कुलर मोशन में लगाएं. इस नैचुरल स्क्रब से ब्लैक हैड्स हटने के साथसाथ डैड सेल्स भी हट जाएंगे व चेहरे को ग्लो भी मिलेगा. 

-समाधान ब्यूटी ऐक्सपर्ट मीनू अरोड़ा के सहयोग से

ऐटौमिक गुआवा

सामग्री

500 ग्राम अमरूद

3 बडे़ चम्मच टोमैटो पेस्ट

2 छोटे चम्मच पपरिका पाउडर

1/2 छोटा चम्मच मिर्च पाउडर

3 बड़े चम्मच लाल ताजा जैलपिनो

नमक स्वादानुसार.

विधि

एक मध्यम आकार के बाउल में टोमैटो पेस्ट, पपरिका पाउडर, मिर्च पाउडर, नमक और जैलपिनो को मिला कर रख दें. अमरूदों को बड़े आकार में काट कर साफ कर लें. फिर इसे टोमैटो पेस्ट में 30 मिनट मैरिनेट करने के लिए रख दें.स्केवर में लगा कर हौट ग्रिलर में 5 मिनट ग्रिल करें और गरमगरम परोसें. 

Chicken Tandoori Chaat and Sandwich

Hi,
Here we present a delicious recipe for you

Chat and Junglee Sandwich a new variation to have your regular chicken tandoori.
* Chicken Tandoori Chaat
2 sliced Tomatoes
2 sliced Onions
Chill according to your taste
3 chillies
Shredded Chicken tandoori
Pudina/ Mint freshly chopped
Salt to taste
lemon juice one table spoon
Chaat masala

*Chicken tandoori Sandwich (Junglee Sandwich for kids)
Shredded Chicken Tandoori
4-6 Bread Slices
Lettuce
3tbsp Mayonnaise
1&1/2 Finely chopped onions
1 Chilli.

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Jamun Sharbat Recipe

Hi, Here we present a delicious recipe for you

Jamun Sharbat Is very healthy for Summer Season.. And Cools your immune system After Consumption of this Sharbat.. The consumption of Jamun Seed is
healthier for Dietaries patience..

Ingredient :
Jamun
Salt
Sugar
Black Salt
Black Pepper
Cumin Powder

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अनारकली फैशन : शान वही अंदाज नया

फैशन चाहे कोई भी हो उस में ऐलिगैंसी और ग्लैमरस लुक सब से अधिक माने रखता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए डिजाइनर कपल, भूमिका और श्यामल शोधन ने 2000 में अपने ब्रैंड ‘श्यामल ऐंड भूमिका’ की स्थापना की. बचपन से ही फैशन के प्रति रुझान होने की वजह से भूमिका ने मुंबई के ‘नैशनल इंस्ट्टियूट औफ फैशन टैक्नोलौजी’ से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया. श्यामल अपना ब्रैंड स्थापित करने के बाद फैशन में शोध करने के लिए पहले लंदन और फिर मिलान गए. यह ब्रैंड अपने ब्राइडल कलैक्शन के लिए अधिक जाना जाता है. भारतीय शिल्पकारी, ऐंब्रौयडरी इस ब्रैंड की खास पहचान है. 15 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही इस जोड़ी ने ‘लैक्मे फैशन वीक’ में जब अनारकली पहनावे क पुरुषों के लिए उतारा तो सभी चकित रह गए.

किस से मिली प्रेरणा

इस की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर भूमिका हंसती हुई कहती हैं कि अभी तक अनारकली ड्रैसेज सिर्फ महिलाओं के लिए ही फैशन में थीं. मुगल साम्राज्य की रौयल हैरिटेज और कौस्ट्यूम्स से उन्हें इस की प्रेरणा मिली. जब मुगल राजारजवाड़े भारत आए तब इन ड्रैसेज का चलन बढ़ा. ये कपड़े बहुत ही सुंदर और आरामदायक होते हैं. आजकल ये कपड़े अधिकतर शादी और उस से संबंधित अवसरों मसलन, मेहंदी, संगीत, शाम की पार्टी, फैमिली गैटटुगैदर आदि पर पहने जाते हैं. ये कपड़े ज्यादातर लोगों की पसंद और बजट के अनुसार कस्टोमाइज किए जाते हैं. यही वजह है कि इन्हें काफी पसंद किया जा रहा है. कस्टोमाइजेशन में रंग, फैब्रिक, डिजाइन, ऐंब्रौयडरी सब कुछ व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार करवा सकता है. अनारकली ड्रैसेज भारत के अलावा यूके, अमेरिका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट आदि में काफी लोकप्रिय हैं. इन की कीमत  क्व35 हजार से क्व75 हजार तक होती है. वैडिंग ड्रैस की कीमत तो क्व75 हजार से भी अधिक होती है. एक पोशाक को बनाने में 14-15 दिन लगते हैं.

श्यामल कहते हैं कि वे हमेशा रजवाड़े लुक को शालीन ढंग से पेश करते हैं, जिसे कोई भी पुरुष पहनना पसंद करता है.

परंपरा का खास ध्यान

भूमिका कहती हैं कि वे आउटफिट की डिजाइनिंग हमेशा परंपरा को ध्यान में रख कर करती हैं. इन में प्रयोग किया जाने वाला फैब्रिक सिल्क और ब्रोकेड होता है, जिस की चमक सालों तक रहती है. इन में प्रयोग की जाने वाली कारीगरी हैवी होती है. इन ड्रैसेज में असली मैटीरियल का प्रयोग होता है, इसीलिए इन का दाम अधिक होता है. इन का रखरखाव भी बड़े ध्यान से करना पड़ता है. इन्हें मलमल के कपड़े में लपेट कर रखें ताकि इन की चमक सालों कायम रहे. काम को ले कर दोनों पतिपत्नी में बढि़या  तालमेल है. भूमिका डिजाइनिंग का काम देखती हैं, तो श्यामल ब्रैंड मैनेजमैंट का. दोनों एकदूसरे के काम में कभी दखल नहीं देते. अगर कभी कोई बड़ा निर्णय लेना हो तो साथ बैठ कर चर्चा करते हैं. अपने ब्रैंड को आगे बढ़ाना ही उन का मेन मकसद है. उन का ‘महाराजा कलैक्शन’ काफी प्रसिद्ध है. इस के अलावा महिलाओं के लिए लहंगाचोली और आकर्षक दुपट्टे भी वे डिजाइन करते हैं. हर 2 महीने बाद वे नया कलैक्शन लौंच करते हैं ताकि ग्राहकों को कुछ नया मिलता रहे.

रोमांटिक सीन में परिपक्व नहीं हूं

टीवी से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाले अभिनेता इरफान खान को काफी संघर्ष के बाद पहचान मिली. नैशनल स्कूल औफ ड्रामा में ऐक्टिंग सीख कर मुंबई आए, मगर उन का चेहरा चौकलेटी हीरो जैसा नहीं था. लेकिन अभिनय करने की दृढ़ इच्छा ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही. उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. फिर एक समय ऐसा आया जब उन्होंने एक के बाद एक कई टीवी शो किए. ‘चाणक्य’, ‘भारत एक खोज’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘बनेगी अपनी बात’ आदि कई धारावाहिकों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. 1990 में बनी फिल्म ‘दृष्टि’ के जरीए इरफान खान ने हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई. गोविंद निहलानी की इस फिल्म में उन के साथ डिंपल कपाडि़या थीं. उन के अभिनय को सराहना तो मिली, पर काम अधिक नहीं मिला, क्योंकि इरफान अपनी पसंद के अनुसार ही फिल्में चुनते हैं. 2003 की फिल्म ‘हासिल’ के जरीए वे चर्चा में आए. नकारात्मक भूमिका ने उन्हें कई पुरस्कार दिलवाए.

वे हमेशा अलगअलग भूमिका निभाना पसंद करते हैं. एक जैसी भूमिका में वे मानते हैं कि कलाकार की कला मर जाती है. फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें नैशनल अवार्ड मिला. बौलीवुड के अलावा इरफान हौलीवुड में भी पदार्पण कर चुके हैं. अंगरेजी अच्छी न आने के बावजूद उन्होंने कई सफल हौलीवुड फिल्में कीं. आज उन का नाम सफल कलाकारों में गिना जाता है. उन की ‘पीकू’ फिल्म भी सफल रही.

पेश हैं, इरफान खान से हुई मुलाकात के कुछ खास अंश :

‘पीकू’ को चुनने की वजह क्या थी?

मुझे पता था यह फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी. पितापुत्री के संबंधों पर आधारित यह फिल्म हर व्यक्ति को जुड़ने पर बाध्य करती है. दर्शक इस फिल्म को सालों याद रखेंगे. इस के अलावा पहली बार अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, मौसमी चटर्जी और निर्देशक सुजीत सरकार के साथ काम करने का मौका मिला. मेरे लिए यह यादगार फिल्म है.

फिल्म की चुनौती क्या थी?

इस की राइटिंग ऐसी है कि जो आप कह रहे हैं वह उस का अर्थ नहीं है. जो नहीं कहा गया है वही जरूरी है. उसे अभिनय से समझाया गया है. लाइन या संवाद पर मैं डिपैंड नहीं रह सकता. फिल्म में दीपिका और मेरी कैमिस्ट्री स्ट्राइक करना सब से बड़ी चुनौती थी. रोमांटिक सीन करने में दीपिका जितनी परिपक्व हैं मैं उतना नहीं हूं. इस फिल्म को करते समय पहली बार लगा कि शूटिंग खत्म क्यों हुई.

इस की वजह क्या थी?

मैं जब ड्रामा स्कूल में पढ़ता था तो उस में जरूरी पाठ था कि आप वह काम करें, जो पसंद हो. लेकिन अब तक ऐसा नहीं लगा था. इस फिल्म में मजा इस बात से था कि अमिताभजी इस में मुख्य थे. हमेशा बेसब्री रहती कि कब हम सैट पर पहुंचें और बच्चनजी की लाइनें सुनें. उन का भाषा ज्ञान, संवाद बहुत ही उम्दा होते.

सिनेमा का दौर इतने सालों में कितना बदला है?

फिल्मों का घटनाक्रम हर 10 साल बाद बदल जाता है. दर्शक भी बदलते रहते हैं. मौडल ढूंढ़ने पड़ते हैं. फिल्मों में विभिन्नता बढ़ रही है. आजकल हर तरह की फिल्में चलती हैं. दर्शकों की मांग होती है कि अलग तरह की फिल्में बनाई जाएं.

आप किस तरह की फिल्मों में काम करना अधिक पसंद करते हैं?

सब से पहले निर्देशक, फिर कहानी में मेरे लिए क्या भूमिका है, क्या नया है, फिल्म किनकिन लोगों को इंगेज करेगी आदि सब देखता हूं. ‘लंचबौक्स’ फिल्म की एक छोटी सी कहानी ने मुझे झकझोर दिया. एक ऐसी लवस्टोरी है, जिस में एकदूसरे को देखे बिना ही गहरा रोमांस होता है. दर्शक हर बार कुछ नया देखना चाहते हैं और मैं कहानी में यही ढूंढ़ता हूं.

अपनी कामयाबी का श्रेय किसे देते हैं?

परिवार का सहयोग सब से ऊपर होता है. इस के अलावा नियति, कर्म, माहौल, टाइमिंग आदि सब कुछ जरूरी होता है.

हौलीवुड में काम करने का अनुभव कैसा है रहा?

बौलीवुड में कहानी स्टार के आसपास घूमती है जबकि हौलीवुड में सब स्टोरी के आसपास घूमते हैं. सैंटर पौइंट स्टोरी होती है, स्टार नहीं. अभी मैं हौलीवुड की ‘जुरासिक वर्ल्ड’ कर रहा हूं. इस में मैं पार्क के मालिक की भूमिका निभा रहा हूं. उस के और बहुत सारे व्यवसाय हैं. साथ में पार्क को भी संभालता है. इस के ऐडवैंचर सब नए हैं. वास्तव में यह चकित करने वाली फिल्म होगी. 

रेनी सीजन में पैरों की देखभाल

बरसात का नाम लेते ही मन रोमांचित हो उठता है. लेकिन साथ ही इस मौसम में होने वाली समस्याएं खासकर पैरों की भी सताने लगती हैं. सिर से ले कर घुटनों तक तो बरसात के पानी से बचाव के उपाय सफल होते हैं, लेकिन उस के नीचे बचाव के सारे उपाय असफल रहते हैं. बरसात के गंदे पानी के संपर्क में आने से पैरों में इन्फैक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. पैरों में सूजन आदि समस्याएं पनपने लगती हैं. पर घबराएं नहीं कुछ सावधानियां बरतने पर इन समस्याओं से बची रह सकती हैं:

बरसात में बहुत देर तक बंद जूते न पहनें. गीले जूते भी न पहनें.

बाहर से घर आने पर पैरों को ऐंटीसैप्टिक साबुन से धोएं. फिर तौलिए से अच्छी तरह पोंछ कर सुखा लें.

उंगलियों के बीच गीलापन न रहे, इस बात का खास ध्यान रखें.

पैरों को धो कर सुखाने के बाद पैरों और उंगलियों के बीच मौइश्चराइजर लगाना न भूलें.

समयसमय पर नाखूनों को साफ करती रहें वरना उन में इन्फैक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है.

बरसात में सही चप्पलों या जूतों का चुनाव करें. फैशनेबल जूते, कैनवस या चमड़े के चप्पलजूते इस्तेमाल न करें.

बरसात में कैनवस या चमड़े के जूते भीगने के बाद जल्दी सूखते नहीं. चमड़े के जूते तो बरसात के पानी से खराब ही हो जाते हैं.

फैशनेबल चप्पलें या जूते पहनने ही हों तो प्लास्टिक के ही पहनें.

ऐसी चप्पलें या जूते खरीदें जिन्हें पहन कर गीले रास्ते पर चलते वक्त रास्ते का कीचड़ या पानी उन से टकरा कर कपडे़ खराब न करे.

प्लास्टिक या रबड़ की चप्पलें या जूते अगर पूरी तरह बंद न हो कर थोड़े खुले हों तो तलवों में लगा पानी जल्दी सूख जाएगा और पैर भी सूखे रहेंगे.

बरसात में ऊंची एड़ी की चप्पलें या जूते न पहनें, क्योंकि फिसलने का डर रहता है.

चप्पलें या जूते पहनने से पहले पूरी तरह सूखे हों, इस बात का खास ध्यान रखें.

बरसात में कम से कम 2 जोड़ी बरसाती जूते या चप्पलें पास हों ताकि एक जोड़ी गीली होने पर दूसरी जोड़ी पहन सकें.

बरसात में समयसमय पर पैडीक्योर करवाएं.

समयसमय पर नाखून भी जरूर काटें. इस से उन में गंदगी जमा नहीं होगी. कृत्रिम नाखून भूल कर भी इस मौसम में न लगाएं.

सप्ताह में 1 बार कुनकुने पानी में तेल की कुछ बूंदें डाल कर उस में पैरों को कुछ देर डुबो कर रखें. इस से पैरों को आराम मिलता है, बदबू दूर होती है, पैर मुलायम बनते हैं और उन में रक्तसंचार बढ़ता है.

समयसमय पर मौइश्चराइजर लगा कर पैरों की मसाज करें.

पैरों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए ऐंटीसैप्टिक स्प्रे या फिर खुशबूदार स्प्रे करें.

बरसात में नंगे पांव न चलें. मंदिरों में पवित्रता के नाम पर नंगे पैर चलने की परंपरा है जोकि गलत है, क्योंकि जमीन के कीटाणु तलवों से शरीर में घुस जाते हैं. मंदिरों में प्रसाद के नाम पर खाना फर्श पर पड़ा रहता है और उस में भी कीटाणु पनपते रहते हैं.

समयसमय पर क्यूटिकल्स निकालती रहें.

सप्ताह में 1 बार पैरों की स्क्रबिंग करें. ऐसा करने से पैरों की डैड स्किन निकल जाती है और उन की कुदरती चमक बनी रहती है.

पैर में जख्म हो तो बरसात में बाहर जाना टालें. पानी या बरसात की वजह से जख्म ज्यादा बढ़ता है. यदि बाहर जाना ही पड़े तो सावधानी जरूर बरतें.

रोज रात को सोते समय पैरों में तेल या ऐंटीसैप्टिक जैल लगाएं.

बरसात में मछली के तेल से स्पा करने से पैरों की मृत त्वचा निकल जाती है और पैर चमकदार नजर आते हैं. 

पेरीपेरी चिकन

सामग्री

1 किलोग्राम चिकन.

सामग्री पेरीपेरी सौस के लिए

6 लालमिर्चें

1 बड़ा चम्मच लहसुन कटा हुआ

नमक स्वादानुसार

1/2 छोटा चम्मच कसूरी मेथी

1/2 बड़ा चम्मच पपरिका अथवा लालमिर्च पाउडर

2 बड़े चम्मच औलिव औयल.

विधि

सब से पहले पेरीपेरी सौस बनाने के लिए ओवन को 180 डिग्री पर गरम करें और उस में लालमिर्च रोस्टिंग ट्रे में रख कर 10 मिनट भूनें. ठंडा होने पर मिर्च का चूरा बना लें. अब भुने मिर्च, लहसुन, नमक, कसूरी मेथी और औलिव औयल को एक सौसपैन में धीमी आंच पर 2 से 3 मिनट पकाएं. अब मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दें. ठंडा होने पर इस का मिक्सी में महीन पेस्ट बना लें. अब एक प्लास्टिक बैग में चिकन और आधा पेरीपेरी सौस मिक्स कर लें. फिर प्लास्टिक बैग सील कर रेफ्रिजरेटर में लगभग 4 घंटे रख दे. फिर सीख में मैरिनेटेड चिकन को लगा कर अच्छी तरह ग्रिल करें.

वार्सेस्टरशायर हौसेल बैक

सामग्री

500 ग्राम शकरकंद

5 बड़े चम्मच शहद

2 बड़े चम्मच वार्सेस्टर सौस

1 बड़ा चम्मच मिर्च के गुच्छे

2 बड़े चम्मच ताजा हर्ब्स

1 बड़ा चम्मच औलिव औयल

नमक स्वादानुसार.

विधि

एक मध्यम गोल आकार का मिक्सिंग बाउल ले कर उस में शहद, वार्सेस्टर सौस, मिर्च के गुच्छे, नमक, तेल और हर्ब्स मिला कर रख दें. अब प्रत्येक शकरकंद को पतले लंबे आकार में ऐसे काटें कि वह बेस से अलग न हो. फिर नल के बहते पानी से शकरकंद को अच्छी तरह धो लें और उसे सुखा कर शहद में 30 मिनट मैरिनेट करने को रखें. फिर ओवन में शकरकंद को 160 डिग्री सैल्सियस पर 35 मिनट बेक करें और गरमगरम सर्व करें.

अब यहां भी आग लगाएंगी

बौलीवुड और टौलीवुड का कनैक्शन बहुत पुराना है. कई सारी बौलीवुड ऐक्ट्रैस जिन को यहां काम नहीं मिला वे साउथ में हिट हो गई हैं. ऐसी ही साउथ की कई ऐक्ट्रैस बौलीवुड में ट्राई करती हैं कि यहां न जाने कब चांस मिल जाए. ऐसी ही हौट ऐक्ट्रैस पूजा हेगड़े आशुतोष गोवरिकर की फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ में रितिक रोशन के साथ बौलीवुड में ऐंट्री कर रही हैं. पूजा ने हाल ही में शूटिंग शैड्यूल पूरा किया है. यह फिल्म एक रोमांटिक स्टोरी पर आधारित है. पूजा ने ट्विटर पर अपने फैन्स को बताया कि उन्होंने फिल्म ‘मोहनजोदड़ो’ का 101 दिनों का भुज में शूटिंग शैड्यूल पूरा कर लिया है.

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