हब्बी की फिल्म है तो करनी ही पड़ेगी

छोटे परदे की अदाकारा श्वेता तिवारी जल्द ही अपने पति अभिनव कोहली के साथ फिल्म ‘सिक्स एक्स’ में नजर आएंगी. इस फिल्म में ऐक्ट्रैस का डुप्लीकेट बनना भी उन्होंने स्वीकार लिया है. इस का कारण यह है कि इस फिल्म की कोस्टार मल्लिका राजपूत बीच में ही शूटिंग छोड़ कर मुंबई चली गई थीं.

उपेन ने दी प्यार की परीक्षा

बिग बौस 8’ के हौट कपल करिश्मा तन्ना और उपेन पटेल के रोमांस व अलगाव की कई सारी खबरें आती रहती हैं. पर एक घटना ने यह साबित कर दिया कि उपेन आज भी करिश्मा के लिए कुछ भी कर सकते हैं. हुआ यह कि गोरेगांव स्टूडियो से मड आईलैंड के रास्ते में जाते हुए उन का ड्राइवर कार का संतुलन खो बैठा जिस में करिश्मा और उपेन बैठे थे. इसी दौरान ड्राइवर के बगल में बैठे उपेन ने स्टेयरिंग को थाम लिया, जिस की वजह से जानलेवा हादसा होतेहोते टल गया.

छा गईं दिव्यांका

पैर में फ्रैक्चर होने के बावजूद भी दिव्यांका त्रिपाठी स्टार परिवार अवार्ड्स समारोह में छाई रहीं. मुंबई के नैशनल स्पोर्ट्स क्लब औफ इंडिया के एसवीपी औडिटोरियम में हुए अवार्ड समारोह में दिव्यांका और करण ने 3 अवार्ड्स, जो बैस्ट डिजिटल सदस्य, बैस्ट जोड़ी और बैस्ट इंटरनैशनल जोड़ी के थे, अपने नाम किए. वहीं इसी शो में इशिता की क्यूट सी बेटी रूही का किरदार निभाने वाली रुहानिका धवन को सब से छोटे सदस्य का अवार्ड मिला. समारोह में दिव्यांका की कीमती ज्वैलरी भी गायब हो गई थी, जिस की वजह से वे परेशान तो दिखीं पर अपनी परफौर्मैंस के दौरान उन्होंने इसे जाहिर नहीं होने दिया.

छोटे परदे से कभी मन नहीं भरा

‘लव ने मिला दी जोड़ी’ और ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ जैसे टैलीविजन धारावाहिकों से चर्चित हुए अभिनेता करण टैकर का मानना है कि वे टैलीविजन से ऊबे नहीं हैं, लेकिन छोटे परदे पर कुछ अलग भूमिकाएं अदा करना चाहते हैं. करण ने एक शो के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मनोरंजन जगत में मेरी ऐंट्री टैलीविजन से ही हुई है. मैं आज जो कुछ हूं, टैलीविजन की बदौलत ही हूं. लिहाजा मैं टैलीविजन से ऊब कैसे सकता हूं. लेकिन अब मैं चाहता हूं कि कुछ, अलग तरह की भूमिकाएं करूं. क्योंकि अगर आप अलगअलग भूमिकाएं निभाते हैं, तो बतौर अदाकार लंबे वक्त तक लोगों के जेहन में बने रहते हैं.

ऋचा का जलवा

ऋचा चड्ढा और संजय मिश्रा की फिल्म ‘मसान’ ने 68वें कांस इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल में 2 अवार्ड जीते हैं. इस फिल्म को प्रौमिसिंग फ्यूचर प्राइज और इंटरनैशनल फैडरेशन औफ फिल्म्स क्रिटिक्स अवार्ड दिया गया है. फिल्म के निर्देशक नीरज घेवन के अनुसार, कांस में अवार्ड मिलना उन के किसी सपने के सच होने जैसा है. फिल्म में 4 लोगों के जीवन को दर्शाया गया है और यह दिखाया गया है कि किस तरह जिंदगी की उठापटक में वे अपनी नैतिकता को बचाए रखते हैं. यह फिल्म 24 जुलाई को रिलीज होगी.

कौमेडी में फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल मैं नहीं करती : सुगंधा मिश्रा

रेडियो जौकी से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली कौमेडियन सुगंधा मिश्रा पंजाब के जालंधर की हैं. बचपन से ही उन्हें संगीत का माहौल मिला. उन्होंने अपने दादा पं. शंकर लाल मिश्रा से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली. वैसे 2 साल की उम्र से ही उन्होंने स्टेज पर परफौर्म करना शुरू कर दिया था. बाद में रेडियो जौकी रहते हुए ही उन्हें औडिशन के जरीए ‘लाफ्टर चैलेंज’ के लिए चुना गया. फिर वे ‘सारेगामापा’ की रनरअप बनीं, तो कई फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग करने के साथसाथ टीवी शोज में ऐक्टिंग, ऐंकरिंग आदि सब कुछ किया. इस समय सुगंधा सब टीवी पर ‘हंसी ही हंसी… मिल तो ले’ हास्य धारावाहिक में स्टैंडअप कौमेडियन की भूमिका निभा रही हैं, जिस का हर ऐपिसोड में अलग अंदाज होगा.

सुगंधा से मिल कर बात करना रोचक था. पेश हैं बातचीत के खास अंश:

यहां तक पहुंचने में संघर्ष कितना था?

मैं ने अधिक संघर्ष नहीं किया. मुझे अपने परिवार में गुरु मिले, तो मैं ने उन से कई साल शास्त्रीय संगीत सीख कर अपनी नींव मजबूत की. मैं इस परंपरा को आगे बढ़ाने वाली अपने परिवार की चौथी पीढ़ी की हूं और मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे गुरु के रूप में दादाजी जैसे महान कलाकार मिले. इस के अलावा परिवार का बहुत सहयोग रहा, जिस में खासकर मेरी मां, हमेशा मेरे साथ रहीं. इस के बाद कपिल शर्मा का सहयोग रहा जिस की वजह से मैं मुंबई आ पाई. संघर्ष तो हमेशा अच्छा काम करने का रहा.

कौमेडी का सफर कैसे शुरू हुआ?

वैसे मैं गायिका हूं लेकिन मिमिक्री करने में मुझे मजा आता था. लेकिन तब मैं ने सोचा नहीं था कि यह मेरा पेशा बनेगा. जब पंजाब में लाफ्टर चैलेंज के लिए मैं चुन ली गई, तभी से मेरा सफर शुरू हो गया.

कौमेडी करते वक्त किस बात का खास ध्यान रखती हैं?

कौमेडी में फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल मैं नहीं करती. लोग डबल मीनिंग वाली कौमेडी पसंद करते हैं पर मैं ने जब भी इस तरह के औफर आए मना कर दिया. मुझे अच्छा तब लगता है जब लोग कहते हैं कि आप की कौमेडी कोे पूरे परिवार के साथ बैठ कर देखा जा सकता है. महिला होने के नाते भी मैं साफसुथरी कौमेडी कर लोगों को हंसाना चाहती हूं.

आगे और क्या करने वाली हैं?

मैं संगीत को आगे लाना चाहती हूं. इस के अलावा फिल्मों में काम करने वाली हूं. बोल्ड चरित्र मैं नहीं कर सकती, इसलिए अच्छे रोल की तलाश में रहती हूं. टीवी पर कई शो कर रही हूं. आगे भी अभिनय के क्षेत्र में आने वाली हूं.

आप के जीवन की खट्टीमीठी बातें कौन सी हैं?

सारेगामापा की रनरअप बनने के बाद मुझे दिलीप कुमार के घर पर उन के 90वें जन्मदिन के अवसर पर सायरा बानो द्वारा बुलाया जाना मेरे लिए बहुत खास रहा. मैं ने वहां पर टप्पा गाया, जो मुश्किल शैली थी. पर सभी को बहुत पसंद आया. खासकर सायरा बानो ने मेरी बहुत तारीफ की, जो बड़ी बात थी.

आप अपनेआप में परफौर्मैंसवाइज कितना सुधार पाती हैं यानी पहले की तुलना में आप कितनी बदल चुकी हैं?

मेरी परफौर्मैंस पहले से काफी सुधरी है. पहले कमियां बहुत थीं. लेकिन मैं अपनी परफौर्मैंस को हमेशा देखती थी और अपनी कमियों को सुधारती थी. मेरी प्रतियोगिता अपनेआप से ही रहती है.

काम के अलावा आप और किस बात की शौकीन हैं?

मुझे शौपिंग बहुत पसंद है, क्योंकि मैं हर तरह के कपड़े पहनने की बड़ी शौकीन हूं. इसीलिए ब्रैंडेड कपड़ों की शौपिंग हो या स्ट्रीट शौपिंग, सब करना पसंद करती हूं. मैं मूड के हिसाब से कपड़े पहनती हूं और मुझे घर का खाना पसंद है.

रेखा ने फिल्म क्यों छोड़ी

सुनने में बड़ा अजीब लगता है पर यह सच है कि  सदाबहार हरदिल अजीज अदाकारा रेखा के भी नखरे हैं, जिन्होंने निर्देशक अभिषेक कपूर की फिल्म ‘फितूर’ को छोड़ दिया है. यह फिल्म चार्ल्स डिकैंस के उपन्यास ‘ग्रेट ऐक्सपैक्टेशंस’ का बौलीवुड रूपांतरण है. रेखा को इस में मिस हैविशम का किरदार अदा करने को दिया गया था. माना जा रहा है कि वे फिल्म में अपने किरदार को ले कर खुश नहीं थीं, लेकिन यह बात साफ नहीं हो पा रही है कि जब फिल्म की काफी शूटिंग हो चुकी है तब उन्होंने फिल्म छोड़ने का मन क्यों बनाया? वजह के बारे में रेखा ने कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन इस फिल्म में अब रेखा की जगह तब्बू काम कर रही हैं. 

मैं ने बहुत संघर्ष किया है

धारावाहिक ‘रजिया सुल्तान’ में सुलतान के बेटे का किरदार निभा रहे अंकित अरोड़ा ने बड़े संघर्ष और मेहनत के बाद यह मुकाम पाया है. अंकित ने बताया, ‘‘मुझे घर से कोई सपोर्ट नहीं मिला क्योंकि पापामम्मी 2005 में ही नैनीताल में अपना घर और अपना सब कुछ खो चुके थे. उन की एकमात्र आशा केवल मैं ही हूं. मुझे ही अपने मांबाप के सपने पूरे करने हैं. ‘‘मैं काफी कम उम्र में काम की तलाश में मुंबई आ गया था, लेकिन मुझे वापस घर लौटना पड़ा क्योंकि मेरे पिता को बिजनैस में काफी बड़ा लौस सहना पड़ा था. उस वक्त दूरदराज के रिश्तेदारों से ले कर करीबी दोस्तों तक ने हमें अपने से अलग कर दिया था. मैं ने गुजरबसर के लिए आगरा में अखबार तक बेचने का काम किया है.

मैजिक फ्रोजन स्मूदी

सामग्री

1 बड़ा चम्मच ओट्स

1 बड़ा चम्मच अलसी के बीज

6-7 बादाम

1/2 कप फ्रोजन दूध

1/2 फ्रोजन केला 

2 बड़े चम्मच पाइनऐप्पल क्रश

3 बड़े चम्मच दही.

ओट्स, बादाम और अलसी के बीजों का ग्राइंडर में पाउडर बना लें. अब जार में दूध, केला, दही और पाइनऐप्पल डाल कर चला लें. तुरंत गिलास में डाल कर ठंडाठंडा सर्व करें.

कैटरीना बनीं पत्रकार

फिल्म इंडस्ट्री में आजकल मीडिया पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. तभी तो फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ में फरहान अख्तर के पत्रकार बनने के बाद अब कैटरीना कैफ अपनी आने वाली फिल्म ‘जग्गा जासूस’ में पत्रकार की भूमिका में दिखेंगी. इस फिल्म के नाम से ही लगता है कि यह एक जासूसी फिल्म होगी, जिस में कैट के रीयल लाइफ बौयफ्रैंड रणबीर कपूर जासूस का रोल प्ले कर रहे हैं. इस फिल्म की पूरी शूटिंग साउथ अफ्रीका के केपटाउन में हुई है. फिल्म में दिखाया जाएगा कि रणबीर अपने पिता की तलाश में हैं और इस दौरान उन को कैटरीना से प्यार हो जाता है. फिल्म अगले साल जून तक सिनेमाघरों में आएगी.

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