ग्रीन ऐप्पल कोल्ड सूप

सामग्री

2 खीरे

2 सेब

1 बड़ा चम्मच अदरक कतरा हुआ

थोड़ी सी पुदीनापत्ती

1/2 कप क्रीम

1 बड़ा चम्मच नीबू का रस

1 छोटा चम्मच नमक

थोड़े से हरे प्याज बारीक कटे

1/4 कप दही.

विधि

खीरों को छील कर लंबाई में आधा काटें और एक छोटे चम्मच से खीरों के बीज को निकाल दें. फिर खीरों के छोटे टुकड़े काटें और उन्हें सेब, अदरक, पुदीनापत्ती के साथ ब्लैंडर में डाल कर प्यूरी बनाएं. ब्लैंडर को बंद कर के स्मूदली सारी सामग्री निकालें. फिर इस में दही और क्रीम की प्यूरी मिलाएं. फिर इस में नीबू का रस और नमक मिलाएं और बाउल में निकालें. बाउल को बंद कर के फ्रिज में तब तक रखें जब तक वह ठंडा न हो जाएं. सर्विंग से पहले 6 सर्विंग बाउल्स को फ्रिज में ठंडा करें. सूप को ब्लैंडर में ब्लैंड कर के चिल्ड बाउल्स में डाल कर हरे प्याज और पुदीनापत्ती से सजा कर सर्व करें.

पेशावरी टंगरी

सामग्री

20 ग्राम जीरा

25 ग्राम कश्मीरी मिर्च

10 ग्राम हलदी पाउडर

20 ग्राम बादाम

20 ग्राम काजू

20 ग्राम पिस्ता

10 ग्राम शाही जीरा

10 ग्राम खूबानी

5 ग्राम लौंग

5 ग्राम इलायची

5 ग्राम तेजपत्ता

200 ग्राम गाढ़ा दही

850 ग्राम चिकन लेग पीसेज

थोड़ा सा पाउडर मसाला

स्वादानुसार नमक.

विधि

बादाम, पिस्ता, काजू, खूबानी का और सभी चीजें मिला कर पेस्ट बनाएं. फिर एक बरतन में पाउडर मसाला, हलदी पाउडर और तैयार किया ड्राईफू्रट पेस्ट दही में मिला कर फेंटें. फिर इस मिश्रण में चिकन लेग पीसेज को मिला कर 4 घंटे के लिए रख दें. फिर इन चिकन लेग पीसेज को इलैक्ट्रिक तंदूर में 15-20 मिनट बेक करें और चटनी के साथ सर्व करें.

चिकन टेरियाकी

सामग्री

500 ग्राम बोनलैस चिकन

10 ग्राम सोया सौस

20 ग्राम हरीमिर्च पेस्ट

20 ग्राम अदरकलहसुन पेस्ट

50 ग्राम डार्क सोया सौस

10 ग्राम मस्टर्ड सौस

10 ग्राम ब्राउन शुगर

5 ग्राम एरामोट सीजनिंग पाउडर

50 ग्राम तेल

20 ग्राम कश्मीरी चिली पेस्ट

स्वादानुसार नमक.

विधि

चिकन को छोटेछोटे टुकड़ों में काटें. फिर एक बरतन में अदरकलहसुन, हरीमिर्च पेस्ट, ब्राउन शुगर, सोया सौस, मस्टर्ड सौस, कश्मीरी चिली पेस्ट, डार्क सोया सौस और एरामोट सीजनिंग पाउडर मिलाएं. फिर इस मैरिनेटेड मिश्रण में चिकन पीसेज को मिला कर 4-5 घंटे रखें. फिर उन्हें सीख में लगा कर 15-20 मिनट ग्रिल करें और गरमगरम सर्व करें.

नवाबी मुर्ग

सामग्री

350 ग्राम चिकन पीसेज (बिना हड्डी वाले)

1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

2 बड़े चम्मच तेल

1/2 छोटा चम्मच लहसुन कटा हुआ

1/2 छोटा चम्मच अदरक कटा हुआ

1/2 छोटा चम्मच हरीमिर्च कटी हुई

1 छोटा चम्मच बेसन

1/2 छोटा चम्मच पीलीमिर्च पाउडर

1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

100 मि.लि. दूध

21/2 बड़े चम्मच दही पानी निकला हुआ

1/4 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

1/2 छोटा चम्मच कसूरी मेथी

1 छोटा चम्मच नीबू का रस

1 अंडा फेंटा हुआ कोटिंग के लिए

11/2 बडे़ चम्मच काजू कटा हुआ

1/2 छोटा चम्मच हरी धनियापत्ती कटी हुई

2 छोटे चम्मच केसर पानी में भीगा हुआ

1 बड़ा चम्मच मक्खन पिघला हुआ

11/2 छोटा चम्मच चाटमसाला

स्वादानुसार नमक.

विधि

चिकन पीसेज में अदरकलहसुन का पेस्ट और नमक मिला कर उन्हें 30 मिनट मैरिनेट करें और अलग रखें. अब बेसन, हरीमिर्च व हरी धनिया को मिलाएं. फिर उस में पीलीमिर्च पाउडर, हलदी पाउडर डालें और पकाएं. फिर दूध डाल कर मिलाएं. आंच से उतार कर एक बरतन में डालें. फिर इस में दही, इलायची पाउडर, कसूरी मेथी, नीबू का रस और नमक मिलाएं. अब इस में मैरिनेटेड चिकन पीसेज डाल कर मिलाएं. फिर चिकन पीसेज को सीख में पासपास लगाएं और पहले से गरम ओवन में 10-12 मिनट पकाएं. अब ओवन से उन्हें हटा दें और ओवन का तापमान बढ़ा दें. अब फेंटे अंडे में केसर, कटे नट्स और धनियापत्ती मिलाएं और सीख में लगे चिकन में अंडे के मिश्रण का कोट लगा कर फिर सीख सहित ओवन में रख कर अंडा पकने तक पकाएं. फिर ओवन से निकाल कर मक्खन लगा कर उन पर चाटमसाला छिड़कें और टमाटर, पुदीना व धनिया की चटनी के साथ सर्व करें.

लजीज स्टफ्ड सीसेम पोटैटो

सामग्री

6 मध्यम आकार के आलू

थोड़ा सा कद्दूकस किया हुआ पनीर

1 बड़ा चम्मच तेल तलने के लिए

1 बड़ा चम्मच अदरक कटा हुआ

3 हरीमिर्चें

12 काजू

1 बड़ा चम्मच किशमिश

1 छोटा चम्मच चाटमसाला

11/4 छोटा चम्मच कश्मीरी लालमिर्च

11/2 छोटे चम्मच गरममसाला

1 कप दही

1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

2 छोटे चम्मच सफेद तिल (कोटिंग के लिए)

1 चुटकी हलदी पाउडर

1 नीबू का टुकड़ा

स्वादानुसार नमक

विधि:

आलू को छील कर दोनों तरफ से पतली स्लाइस काटें. अब आलू के बचे भाग से बीच का भाग निकाल लें और उसे अलग रख दें. फिर बचे आलू, अदरक व हरीमिर्चों को तेल में 1 मिनट भूनें. क्रश्ड काजू, किशमिश को इस में मिलाएं और 1 मिनट भूनें. फिर इसे एक अलग बरतन में रख दें और इस में पनीर, चाटमसाला, कश्मीरी लालमिर्च, गरममसाला, नमक अच्छी तरह से मिलाएं. मैरिनेड तैयार करने के लिए दही, अदरकलहसुन का पेस्ट, कश्मीरी लालमिर्च पाउडर, गरममसाला, चाटमसाला, हलदी पाउडर और नमक एक बरतन में मिलाएं. आलुओं में भरावन भरें और मैरिनेड बरतन में उन्हें रख कर उन में चारों तरफ सफेद तिल लगाएं. फिर उन्हें पहले से गरम ओवन में 8-10 मिनट बैक कर ओवन से निकाल लें. अब सर्विंग प्लेट में उन्हें डालें और चाटमसाला छिड़क कर गरमगरम सर्व करें.

पनीर ऐंड योगर्ट व्हील्स

सामग्री

3 कप दही (पानी निकला हुआ)

1 मध्यम आकार का प्याज कटा हुआ

1 इंच टुकड़ा अदरक

3-4 हरीमिर्चें कटी हुईं

1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1 छोटा चम्मच गरममसाला पाउडर

1/2 बड़ा चम्मच कसूरी मेथी पाउडर

2 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी हुई

11/4 कप कौर्नफ्लोर/कौर्नस्ट्रैच (रोलिंग के लिए)

भुना हुआ क्रश्ड पापड़ (कोटिंग के लिए)

स्वादानुसार नमक.

विधि

एक बरतन में दही रखें. इस में प्याज, अदरक, हरीमिर्च, हलदी पाउडर, लालमिर्च पाउडर, गरममसाला पाउडर, कसूरी मेथी पाउडर, नमक और हरीधनिया मिलाएं. फिर इस में 1 कप कौर्नफ्लोर मिलाएं और 12 बराबर हिस्सों में बांटें. हाथ को गीला कर के प्रत्येक भाग को बचे कौर्नफ्लोर में रोल कर कबाब के आकार का 1 सैंटीमीटर मोटा बनाएं और उन की क्रश्ड पापड़ से कोटिंग करें. इन कबाब को पहले से गरम ओवन में 15 मिनट सुनहरे रंग का होने तक बेक करें. फिर ओवन से निकाल कर प्लेट में रखें और गरमगरम चटनी के साथ सर्व करें.

ज्ञान ही हर डर का सही मुकाबला है

हर औरत के लिए डर एक सब से बड़ा प्रश्न होता है. वह हर समय डरी रहती है क्योंकि समाज ने उसे पंगु और दूसरों पर निर्भर बना दिया है और कब उस का संरक्षक, कब उस की चारदीवारी, कब उस की आय का स्रोत और कब वे, जिन्हें वह प्यार करती है और जिन्हें अपनी मेहनत और अपने खून से पालापोसा बड़ा किया, हाथ से फिसल जाएं, न रहें या सब कुछ स्वाह न हो जाए, यह डर बना रहता है. यह डर पुरुष को भी होता है पर चूंकि उसे समाज विश्वास दिलाता है कि यह सब तुम ने बनाया है, तुम इसे दोबारा बना सकते हो, उस का डर उस पर हावी नहीं होता.

फिल्म अभिनेत्री काजोल, जिस का विवाह अजय देवगन से हुआ है, का कहना है कि वह इस डर से उबरने के लिए पढ़ती है और बेहद पढ़ती है जिस से न सिर्फ उस का आत्मविश्वास बढ़ता है, वह डर का सामना करना भी सीखती है. यह सही है. ज्ञान ही हर डर का सही मुकाबला है. अगर आप जानती हैं कि आने वाली बाढ़ से बचने के लिए ऊंची पहाड़ी पर अपना सामान ले कर चले जाना है और आप को मालूम है कि आप के साथ क्या हो सकता है, तो आप डर का मुकाबला कर सकती हैं. यदि घर में रात को चोर आ जाए और आप को मालूम है कि चोर किस तरह की रोशनी, शोर से डरता है तो आप उस का इंतजाम पहले कर सकती हैं, डर पर काबू पा सकती हैं.

मगर अफसोस है कि आज की औरतें फिर 18वीं सदी की ओर लौटने लगी हैं, जिस में जानकारी की जगह गपशप लेने लगी है, धूमधड़ाका लेने लगा है, पूजापाठ लेने लगी है. ये सब डर को और असहनीय बनाते हैं, दूसरों पर निर्भर बनाते हैं. उबेर टैक्सी में बैठने वाली लड़की को यह जानकारी शायद नहीं थी कि रात अंधेरे में उसे चौकन्ना रहना चाहिए, अपनी सुरक्षा का एहसास होना चाहिए. ऐसे समय आदमी भी अपने पैसे जुराबों में छिपाते हैं पर अगर जानकारी न हो, भरोसा बस एक एप, एक कैब ड्राइवर, सरकार, पुलिस, पादरी, पुजारी, किसी अनजानी शक्ति पर हो तो लाखों में नुकसान हो सकता है.

काजोल कहती हैं कि मां के उकसाने पर उस ने समाचारपत्र की हैडलाइंस 2 साल की आयु में पढ़नी शुरू कर दी थीं. मगर आज की शिक्षित, बीए पास औरतें तो अखबार को केवल शीशा साफ करने वाला कागज समझती हैं. पढ़ना इसलिए जरूरी है क्योंकि आप हजारों के अनुभव शेयर करती हैं, उन घटनाओं के बारे में जान पाती हैं जो सहेलियां न तो किट्टी पार्टी में बताएंगी और न ही वाट्सएप पर लिखेंगी. पौर्नी जोक्स हंसा देंगे पर जानकारी न देंगे. किताबों से मिलेगा ज्ञान, असल ज्ञान जिस में स्वार्थ कम होगा, आप का हित ज्यादा.

प्रवचनों पर भरोसा न करें क्योंकि प्रवचन के बाद बारी दानपात्र की आती है कि सारा ज्ञान, भय, धनसंपत्ति को उस में उड़ेल दो ताकि भगवा, काले, सफेद या हरे कपड़े वाले अपने राजसी खाने, महल, शानशौकत का इंतजाम करते रहें.

कट्टरता पर लगा ब्रेक

4 से 10 बच्चे पैदा करना, घर वापसी करवाना, पैंट, जींस न पहनना, धर्मयात्राओं पर जाना आदि बातें भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में तो नहीं हैं पर उन के बहुत से भगवाधारी व गैरभगवाधारी नेता या समर्थक उन बातों का ढोल पीटपीट कर शासन करने की जगह घरों के ड्राइंगरूमों व बैडरूमों में घुसने की कोशिश में हैं. इन की आवाज मई, 2014 से इतनी तेज हो गई थी कि लगने लगा था कि भारत विकसित, स्वच्छ, भ्रष्टाचारमुक्त, आधुनिक, स्मार्ट देश बने या न बने, कट्टर जरूर बन जाएगा.

दिल्ली की जनता को धन्यवाद कि उस ने इस बात पर ब्रेक लगा दिया है और विधानसभा चुनावों में 70 में से केवल 3 सीटें पकड़ा कर ‘3 तिगाड़ा काम बिगाड़ा’ वाला काम कर दिया है. दिल्ली की जनता ने तो इस तरह का समर्थन कभी किसी पार्टी को दिया न था. किसी और जगह सही लोकतंत्र में इस तरह का समर्थन नहीं मिलता. यह परिणाम तो कम्युनिस्ट देशों में देखने को मिलता है जहां सरकार और घर दोनों तानाशाहों के चंगुल में होते हैं.

यह करिश्मा दिखाया अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने जिस की पत्नी, जो सरकारी अफसर है, चुनाव के लिए निकली तक नहीं और जिस को अरविंद केवल धन्यवाद देने के लिए जनता व कैमरों के सामने लाया. अरविंद केजरीवाल के चुनाव मसौदों में जो मसौदे घर से जुड़े थे वे घरवाली को खुश करने के लिए थे. बिजली की खपत पर छूट, पानी की खपत पर छूट, फ्री वाईफाई वगैरह जो लगते तो हैं कि मुफ्त में चीजें दी जा रही हैं पर असल में जीवन को सुविधाजनक बनाने वाले थे.

इसीलिए अरविंद की पार्टी के पीछे हर धर्म, हर जाति के लोग चल दिए और उसे 54% का अभूतपूर्व समर्थन दे दिया. अरविंद ने अपने चुनाव के दौरान अपरोक्ष रूप से यह भी साबित किया कि आप कैसे दिखते हैं की जगह आप क्या करना चाहते हैं या कर सकते हैं, जरूरी है. उस ने अपनी खांसी की वजह से सर्दियों में मफलर नहीं हटाया, जिस का खासा मजाक उड़ता रहा. उस की खांसी का मजाक उड़ाया गया, उस की सादगी, सरलता को निशाना बनाया गया. घरवाली की तरह की धरने की जिद को नरेंद्र मोदी की पार्टी ने पानी पीपी कर कोसा पर अरविंद केजरीवाल और उस की टीम डटी रही.

अगर सही सरकार चाहिए तो सही आदमी चाहिए जो न सिर्फ घर, बंगला, गाड़ी, नीलीलाल बत्ती और नौकरों के हजूम के साथ न चले, बल्कि एक आम घर को चलाने वाली घरवाली की तरह काम करे. अरविंद केजरीवाल ने चाहे कहा न हो पर लगा सच ही कि वह ठोस पारिवारिक व्यक्ति है. भगोड़ा तो वह होता है जो पत्नी की जिम्मेदारी छोड़ दे. जो पत्नी के काम के प्रति एहसानमंद हो उसे दिल्ली ने भगोड़ा नहीं जीतेड़ा कहा है. अरविंद केजरीवाल अगर दिल्ली और देश की गंदगी दूर करे तो चाहे धर्म के रखवाले उन से नाराज हो जाएं, घरवालियां जरूर खुश रहेंगी.

स्मार्ट सेल्सगर्ल बनें ऐसे

फैशन और ग्लैमर से जुड़े क्षेत्र ऐसे हैं जहां लड़की का रूप व आकर्षण उस की शैक्षणिक योग्यता से अधिक माने रखता है. किंतु सांवले या गोरे रंग के आधार पर वहां किसी लड़की के सौंदर्य को नहीं आंका जाता. व्यापारिक प्रतिष्ठानों की कामयाबीनाकामयाबी का पूरा दारोमदार उन के सेल्स पर्सन्स पर ही निर्भर करता है. ये सेल्सपर्सन्स या कहें कि सेल्सगर्ल्स उपभोक्ताओं के समक्ष अपनी कंपनी का प्रतिनिधित्व करती हैं. अत: स्पष्ट है कि एक बेहतरीन सेल्सगर्ल न केवल अपनी कंपनी की छवि को बना सकती है, बल्कि बिगाड़ भी सकती है.

यह सही है कि हर व्यक्ति अच्छा सेल्सपर्सन नहीं बन सकता. इस क्षेत्र के एक गुट का मानना है कि कुछ व्यक्तियों में बेचने की कला जन्मजात होती है, जबकि दूसरे गुट का मानना है कि कुछ विशेष प्रबंधन के नियमों व सिद्धांतों को सीख कर कोई भी व्यक्ति इस कला में माहिर हो सकता है. एक अच्छी सेल्सगर्ल बनने के गुण जन्मजात नहीं अपितु बाजारवाद के कुछ मूलभूत नियमों जैसेकि अपने किए गए वादों पर खरा उतरने की कला और बेचने की कला में पूर्ण व्यावसायिकता के सिद्धांतों के पालन पर निर्धारित होते हैं. ‘सेल्स ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमैंट’ नामक पुस्तक में लेखक तपन पांडा तथा सुनील सहदेव बताते हैं कि एक अच्छे सेल्सपर्सन में अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने की कला, दूसरे की बात को ध्यानपूर्वक सुनने की कला, वादविवाद को हल करने की प्रतिभा, समस्याओं का हल ढूंढ़ने की कला, कंपनी के लिए अधिक से अधिक बिजनैस लाने की कला और ग्राहकों के साथ तोलमोल की कला आदि गुण होने चाहिए.

आप चाहे गोरी हों या सांवली आप का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि वह ग्राहक पर सकारात्मक प्रभाव डाले. आप के एक भी शब्द बोले बिना ही वह आप का कायल हो जाए. यही कारण है कि किसी भी सेल्सगर्ल को ग्राहक से मिलते समय पहनावे आदि का खास ध्यान रखना चाहिए. कोई भी ग्राहक पहली ही नजर में आप के कपड़ों, बाल बनाने के ढंग, आप के आचारव्यवहार से आप की योग्यता और व्यावसायिकता के विषय में एक राय बना लेता है.

यही वह मुख्य घटक है, जो किसी सेल्सगर्ल के रंगरूप व सौंदर्य को ले कर सारी धारणाओं का जन्मदाता बनता है. यहीं से सारी गलतफहमियों की शुरुआत होती है. ध्यान रहे, कोई भी कंपनी अयोग्य और अनुभवहीन गोरी और स्मार्ट लड़कियों को मात्र इसलिए नौकरी नहीं दे देती कि वे पहली ही नजर में ग्राहक को लुभा कर कंपनी के लिए अधिक मुनाफा कमाने वाली साबित होंगी, क्योंकि काठ की हांड़ी बारबार नहीं चढ़ती है. दीर्घकालीन व्यापारिक संबंधों के लिए कोई भी ग्राहक किसी सेल्सगर्ल में कुछ खास गुणों को परखता है और वे हैं अनुभव और ज्ञान.

उदाहरण के तौर पर यदि आप एक डायरी बेच रही हैं, तो जानें कि ग्राहक के लिए डायरी क्या महत्त्व रखती है. उसे किस प्रकार की डायरी की जरूरत है, बजट क्या है और वह साल भर में कितनी डायरियां खरीदता है. पहले से ही एकत्र कर ली गई इस प्रकार की जानकारी ग्राहक पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती है. डिलिवरी के बाद माल खराब निकलने या कमज्यादा होने अथवा कोई और समस्या होने पर उसे सुलझाने में सेल्सगर्ल समर्थ है या नहीं, यह भी ग्राहक देखता है. अत: किसी भी सेल्सगर्ल का आत्मविश्वास व योग्यता ही उस समय काम आती है न कि उस का रंगरूप.

एक सफल सेल्सगर्ल को अपने प्रैजेंटेशन की पूरी तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए. ‘हाई ट्रस्ट सैलिंग’ नामक पुस्तक में लेखक टाड डंकन कहते हैं कि ग्राहक के सम्मुख सेल्सगर्ल की परफौर्मैंस स्टेज पर किए जाने वाले नाटक जैसी होती है. उस में फिल्मों की तरह रीटेक का समय नहीं होता. सेल्स एक लाइव परफौर्मैंस है. अत: आप की छोटी सी गलती भी पकड़ में आ जाती है. एक गलत कदम सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है, इसलिए अपने उत्पाद से जुड़ी हर बात का विस्तृत ब्योरा सेल्सगर्ल के पास होना जरूरी है.

एक अच्छी व सफल सेल्सगर्ल बनने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें:

– क्या आप को ग्राहक से बातचीत करने में कठिनाई होती है?

– क्या आप ग्राहक की जिज्ञासा तथा सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा मानसिक तौर पर तैयार रहती हैं तथा पूछी या मांगी गई कोई भी जानकारी देने के लिए सदा तैयार रहती हैं?

– फोन पर सुचारु एवं प्रभावशाली ढंग से मीटिंग का समय निर्धारित करने में क्या आप को कठिनाई होती है?

– क्या आप को निर्धारित की गई मीटिंगों को समय से निबटाने में कठिनाई होती है?

– जब आप किसी ग्राहक से व्यापारिक समझौता कर रही होती हैं, तो आप के दिमाग में क्या चलता है- उस सौदे से मिलने वाले कमीशन या ग्राहक के साथ अच्छे व दीर्घकालीन संबंध?

– क्या आप को पता रहता है कि प्रैजेंटेशन देते समय आप को कितना व क्या बोलना है?

– जब आप को कोई नकारात्मक टिप्पणी सुनने को मिलती है, तो आप की प्रतिक्रिया क्या और कैसी होगी?

– क्या आप को ग्राहक की न को हां में बदलने की कला आती है?

– क्या आप के भीतर पर्याप्त आत्मविश्वास है कि आप एक अच्छी सेल्सगर्ल बन सकती हैं?

भीतर इन प्रश्नों को टटोलें, कमियों को दूर करें तथा खूबियों को निखारें. यह कोई मुश्किल काम नहीं है.

कोई भी बिजनैस गुरु या मार्केटिंग ऐक्सपर्ट एक अच्छी सेल्सगर्ल के गुणों को परिभाषित करते समय त्वचा के रंग की बात कदापि नहीं करता. इतना ही नहीं, समाज में त्वचा के रंग को ले कर भ्रांतियां फैलाने के विरुद्ध हाल ही में ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड कौंसिल औफ इंडिया ने भी एक दिशानिर्देश जारी किया है. सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी उस दिशानिर्देश को मान्यता देते हुए साफ आदेश जारी किया है कि सांवले रंग को अनाकर्षक, पराजय, दुख, निराशा आदि का कारण नहीं माना जा सकता. साथ ही यह भी कहा गया है कि टीवी पर प्रसारित होने वाले किसी भी विज्ञापन में शिक्षा, विवाह अथवा रोजगार के लिए गोरे रंग को उच्च व सांवले रंग को निम्न स्तरीय नहीं दिखाया जा सकता.

आकर्षक व्यक्तित्व पाने के लिए चेहरे पर झलकता आत्मविश्वास ही सब से बड़ा मेकओवर है. उस के बाद आप का ढंग से तैयार होना, व्यवस्थित ढंग से बाल बनाना, व्यावसायिक ड्रैस कोड का महत्त्व समझना, चेहरे के हावभाव, मुसकराहट, बोलचाल, उठनेबैठने का ढंग इत्यादि बातों पर ध्यान देना अतिआवश्यक है. स्वस्थ त्वचा है खूबसूरती का राज: अगर आप की त्वचा कांतिहीन है, तो आप के नैननक्श व रंगरूप चाहे जैसा भी हो आप हरगिज खूबसूरत नहीं कहला सकतीं. साफ, स्वस्थ दमकती त्वचा चेहरे की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. इस के लिए खूब पानी पीएं, ताजे फलों और सब्जियों का नियमित सेवन करें. त्वचा के प्रकार के हिसाब से मेकअप करें. आईब्रोज को उचित आकार दें. हाथों व पैरों की त्वचा को भी नजरअंदाज न करें. नाखून लंबे हों या छोटे, सदा साफ व हलके रंग से पेंट किए हों. सनस्क्रीन क्रीम तथा रात को सोते समय नाइट क्रीम का प्रयोग करें.

बाल बनाना भी एक कला है: बालों का स्वस्थ व चमकदार होना भी सौंदर्य के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि त्वचा का स्वस्थ होना. अपने बालों की समुचित देखभाल करें. चेहरे के हिसाब से बालों को टौप नौट, फ्रैंचरोल, पोनीटेल या सादे जूड़े में बांधें. कटे तथा छोटे बालों को पिनअप करें तथा सुंदर हेयरस्टाइल बनाएं. मेकअप है मेकओवर की जान: मेकअप का प्रयोग बेहद सावधानी से करें. आप को मीटिंग में जाना है शादी या पार्टी में नहीं. अत: मेकअप के लिए हलके रंगों का प्रयोग करें. कंसीलर युक्त फाउंडेशन का सीमित प्रयोग करें. लिपस्टिक त्वचा से मेल खाती हो, भड़काऊ नहीं. आईलाइनर या काजल का सलीके से किया गया प्रयोग आंखों के सौंदर्य को उभारेगा.

ड्रैस कोड: ऐसे कपड़े पहनें जो आप के प्रोफैशनल लुक को उभारें. तीखे रंगों व तड़कभड़क वाले कपड़े न पहनें. कपड़े मौसम और आप की कदकाठी के हिसाब से हों. वे फैशनेबल नहीं ट्रैंडी हों. उन का कट शालीन व उचित नाप का हो. बहुत अधिक डीप नैक या बैकलैस ड्रैस हरगिज न पहनें.

बौडी लैंग्वेज: आप की बौडी लैंग्वेज बिना बोले ही दूसरों पर आप के व्यक्तित्व के आधे से ज्यादा राज खोल देती है. आप के चलनेफिरने का ढंग आप का आत्मविश्वास दिखाता है. आप कमरे में कैसे प्रवेश करती हैं, कैसे हाथ मिलाती हैं, यह सब आप के भीतर का डर दिखा जाता है. आंखों व चेहरे की भंगिमाएं बहुत कुछ कह जाती हैं. अत: इन सब बातों का ज्ञान एक सफल सेल्सगर्ल के लिए जरूरी है.

मुसकान व दांत: एक सौम्य मुसकराता चेहरा सभी को आकर्षक लगता है. मधुर मुसकान पाने के लिए शीशे के सामने खड़ी हो कर अभ्यास करें. दांत भले मोतियों जैसे सुंदर न हों पर पीले कदापि न हों. चमकदार दांत मुसकान को और आकर्षक बना देते हैं. मुंह से आती दुर्गंध पर विशेष ध्यान दें.

इन सब बातों पर अमल करने पर आप को एक स्मार्ट, अपटूडेट, इंटैलिजैंट, प्रोफैशनल सेल्ससगर्ल बनने से कोई नहीं रोक सकता.

ऐसा हो आई मेकअप

गरमी का मौसम है. आप पार्टी में जा रही हैं. आप मेकअप नहीं करना चाहती हैं. लेकिन चाहती हैं कि आप पार्टी में सब से अलग दिखें. ऐसे में आप हैवी मेकअप करने के बजाय अपनी आंखों को ही आकर्षक बनाएं. आज मार्केट में आंखों को आकर्षक बनाने के लिए बहुत से ट्रैंडी आई मेकअप हैं. आंखों को हाइलाइट करने के लिए कलर्स, स्पार्कल, सितारा, स्वरोस्की का प्रयोग किया जा सकता है. आइए जानें, कैसे आप इन के जरिए अपनी आंखों को आकर्षक बना सकती हैं.

आंखें जो लगें सब से अलग

लैपर्ड व कैट मेकअप से आंखों को आकर्षक लुक दिया जाता है. यह मेकअप बेहद खूबसूरत दिखता है. इस से आप की आंखें दूसरों से अलग दिखेंगी. इस मेकअप में आप की आंखों पर लैपर्ड व कैट की स्किन जैसे प्रिंट्स बनाए जाते हैं. इस मेकअप में लिक्विड कलर और एकसाथ 2-3 कलर प्रयोग किए जाते हैं.

आकर्षक लुक देती आंखें

कई बार मेकअप ऐसा होता है कि उस में खालीपन महसूस होता है और यह अच्छा भी लगता है. इन दिनोें यह खालीपन ही चलन का हिस्सा बना हुआ है. आंखों को स्मोकी व कजरारी बनाने के लिए ब्लैक आईलाइनर प्रयोग किया जाता है, लेकिन अब व्हाइट आई मेकअप चलन में है. इस में आंखों के ऊपर व नीचे सिल्वर व व्हाइट आई मेकअप किया जाता है, जिस से आंखों का खालीपन बरकरार रहता है और आंखें दूसरों से अलग भी दिखती हैं.

कलरफुल कलर्स

ड्रामैटिक आई मेकअप में रंगों का काफी प्रयोग किया जाता है. आईब्रो व आंखों के आसपास आप की ड्रैस से मैच करता ड्रामैटिक मेकअप किया जाता है.

फैदर्स जो अलग लुक दे

आजकल फैदर्स का इस्तेमाल मेकअप में भी काफी देखने को मिल रहा है. मार्केट में अलग स्टाइल के फैदर आ रहे हैं, जिन्हें आप आई मेकअप में प्रयोग कर सकती हैं. आप इस में बर्ड्स, पीकौक व ईगल के फैदर ट्राई कर सकती हैं.

फैंटेसी आइज

फैंटेसी मेकअप में सारा कमाल आर्टिस्ट की क्रिएटिविटी का होता है. दरअसल, आर्टिस्ट की कल्पना जितनी अच्छी होगी, वह उतना ही खूबसूरत मेकअप आप की आंखों पर करेगा. फैंटेसी मेकअप में पलकों की ऊपर वाली जगह पर अलग स्टाइल की पेंटिंग की जाती है. इस में पेड़, बटरफ्लाई, फूल, पक्षी वगैरह बनाए जाते हैं. इस के लिए कलर, क्रिस्टल, सैटन, स्पार्कल व ग्लिटर का इस्तेमाल किया जाता है. आंखों के मेकअप का यह आर्ट सब से ज्यादा अलग व ज्यादा वक्त लेने वाला है. फैंटेसी आइज मेकअप में आंखों को सजाने के लिए करीब 2 से 4 घंटे लगते हैं. हालांकि इस स्टाइल से आंखों का मेकअप करने पर ज्यादा खर्च नहीं आता है.

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