‘माऊ’ के पैरेंट्स बने अंकिता लोखंड और विक्की जैन, सोशल मीडिया पर शेयर की ये खुशखबरी

बौलीवुड टीवी एक्ट्रैस अंकिता लोखंडे जो अपने अति चर्चित धारावाहिक पवित्र रिश्ता की बदौलत आज भी अच्छी ऐक्ट्रैस के रूप में पहचानी जाती हैं. अंकिता लोखंडे ने भले ही बहुत ज्यादा फिल्में या सीरियल नहीं की हैं लेकिन बावजूद इसके अंकिता लोखंडे बेहतरीन ऐक्ट्रैस के रूप में अपनी खास पहचान रखती हैं.
इसके अलावा अंकिता लोखंडे एक और पहचान रखती हैं और वह है बिजनेस टायकून और कोयला व्यापारी विक्की जैन की धर्मपत्नी होना और स्वर्गीय एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की प्रेमिका पिछले दिनों में होना.

पिछले दिनों अंकिता कलर्स के अति चर्चित शो बिग बौस 17 में अपने पति विक्की जैन से लड़की झगड़ती नजर आई और फिलहाल कलर्स चैनल पर कौमेडी शो लाफ्टर शेफ में वह हद से बाहर ओवर ऐक्टिंग करती नजर आ रही है.

लेकिन फिलहाल अंकिता लोखंडे ने सोशल मीडिया पर अपनी मां बनने की खबर देकर सबको चौंका दिया. उनके प्रशंसक सोच में पड़ गए की आखिर अंकित प्रेग्नेंट कब हुई और बच्चा कब हुआ? कुछ लोगों ने तो यह भी अंदाजा लगा लिया कि वह शायद सरोगेसी के जरिए मां बनी है.

इन सभी खबरों पर रोक लगाते हुए विक्की जैन ने बताया कि अंकिता मां तो बनी है , लेकिन किसी बच्चे की नहीं, बल्कि बिल्ली के बच्चे की. जो एक पर्शियन कैट है और अंकिता विक्की ने उसको गोद लिया है. इस क्यूट बिल्ली का नाम अंकित ने माऊ रखा है.

विक्की अंकिता ने माऊ के साथ सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और फोटोस भी शेयर किए हैं जिसमें अंकिता बिल्ली के क्यूट बच्चे के साथ खेलती और घूमती नजर आ रही हैं.

गौरतलब है फिल्म इंडस्ट्री के कई स्टार्स खुद बच्चा पैदा करने के बजाय सेरोगेसी या अन्य तरीके का इस्तेमाल करके रेडीमेड बच्चे पैदा कर रहे हैं. ताकि उनका टाइम और फिगर खराब ना हो . लेकिन इन सब में अंकिता लोखंडे और भी निराली निकली कि उन्होंने बिल्ली के बच्चे को ही गोद लेकर मां बन गई.

मस्तीमजाक जरूरी, मगर किस हद तक?

जिस तरह इंद्रधनुष के 7 रंग होते हैं, ठीक उसी तरह हमारी जिंदगी में भी हर तरह के रंग होना जरूरी है. जैसे खुशी, दुख, मजाक, गम, गंभीरता, भोलापन आदि…और सब से महत्त्वपूर्ण बचपन से भरा पागलपन व मस्ती.

ये सब जब जिंदगी में शामिल होते हैं तो जिंदगी में कई रंग ले आता है जिस से हमें खुशियां मिलती हैं. अगर हमारे जिंदगी में ये सब न हो तो जिंदगी बेरंग हो जाती है. जिस तरह दुख के बगैर खुशी की अहमियत समझ नहीं आती, उसी तरह लगातार खुशियां आप को कठिन जीवन लड़ने की चुनौतियों के सामने कमजोर कर देती हैं और थोड़ी सी मुश्किलें आने पर भी आप उस से घबरा जाते हो. यही वजह है कि जिंदगी में चाहे कितनी ही तकलीफ आ जाएं हमेशा खुश और पौजिटिव रहने की कोशिश जरूरी है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें मस्तीमजाक करना बिलकुल पसंद नहीं होता. वे हमेशा गंभीर रहते हैं. उन के चेहरे से ही क्रोध व चिड़चिड़ापन झलकता है.

कैसेकैसे लोग

ऐसे लोगों से अगर कोई अच्छा इंसान भी है तो भी लोग उस से 4 फुट की दूरी बना कर रखते हैं. इस के विपरीत कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें गंभीर रहना या सीरियस होना नहीं आता. कई बार भयंकर तकलीफ में भी उन्हें मजाक सूझता है. और ऐसे मजाकियां इंसान को देख कर कई बार लोग भी सोच में पड़ जाते हैं कि भला इतनी तकलीफ और परेशानी में कोई कैसे मजाक कर सकता है या हंस सकता है.

लेकिन ऐसे स्वभाव से मस्तीखोर लोग जिन की हर बात में मजाक होता है वह सीधेसीधे बात करेंगे तो भी लगता है कि वह मजाक ही कर रहे हैं. ऐसे लोग जहां भी पहुंच जाते हैं वहां रौनक हो जाती है. हर किसी को उन के साथ अच्छा लगता है. ऐसे मजाकिया लोग हर महफिल की शान होते हैं. वे जहां पहुंच जाते हैं वहां का माहौल हंसी और ठहाकों से भर उठता है.

भारी भी पङता है मजाक

लेकिन कई बार मस्तीमजाक या पागलपन में मुंह से ऐसी बात भी निकल जाती है जो लोगों को दुख पहुंचा सकती है या शर्मिंदा कर सकती है. ऐसे में कई बार सामने वाला इंसान इतना दुखी या बेइज्जत महसूस करने लगता है कि वह मरने या मारने तक पर उतारु हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप के द्वारा किया गया मजाक या पागलपन वाली हरकत एक हद तक हो, जो मजाक तक ही सीमित हो, अपनी हदें पार करते हुए किसी के दुख, बेइज्जती या शर्मिंदगी का कारण न बन जाए.

हाल ही में एक फिल्म रिलीज हुई जिस का नाम था ‘खेलखेल में’. अक्षय कुमार, फरदीन खान सहित कई सितारों से सजी इस फिल्म में भी मजाकमस्ती के तौर पर सब मिल कर एक गेम खेलते हैं जिस के तहत हरकोई अपना मोबाइल एक रात के लिए सामने टेबल पर रखेगा और इस दौरान जिस का भी कौल आएगा उस को स्पीकर पर रख कर सब के सामने बात करनी होगी क्योंकि आज के समय में मोबाइल ही एक ऐसा माध्यम है जिस के जरीए किसी की भी छवि खराब हो सकती है, प्राइवेट बातें सामने आ सकती हैं. इसलिए कुछ लोग इस गेम में शामिल होने से इनकार कर देते हैं. लेकिन मजाक, मस्ती और गेम के तौर पर खेले जाने वाला यह पागलपन वाला गेम आखिरकार सभी को खेलना पड़ता है. और फिर उस के बाद वहां मौजूद 1-1 लोगों के जो सच सामने आते हैं वह उन की पूरी जिंदगी में कुहराम मचाने के लिए काफी होते हैं.

सच से सामना

एक पतिपत्नी जहां आत्महत्या करने पहुंच जाते हैं, वहीं दूसरे एक दोस्त के गे होने का सच सब के सामने आने की वजह से उस को सब के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. यानी छोटे से मजाक, फन वाले गेम की वजह से कई लोगों की एक ही रात में दुनिया उजड़ जाती है.

ऐसे में कहने का मतलब यह है कि मजाक उतना और वही करना चाहिए जो लोगों को खुशी प्रदान करें, हंसाएं और टैंशन से बाहर निकालें. नकि उस मजाकमस्ती की वजह से सामने वाली की जिंदगी में तूफान आ जाए और रिश्ते टूट कर बिखर जाएं.

वैसे, एक सच यह भी है कि दोस्तों और रिश्तेदारों में एक न एक बंदा ऐसा जरूर होता है जो लोगों की खिंचाई कर के या किसी खास की नकल कर के सब का मनोरंजन करता है और ऐसे में जब किसी की खिंचाई या नकल मजेदार होती है तो सब को मजा भी बहुत आता है. लेकिन ऐसे में भी इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप का मजाक कहीं सामने वाले पर या खुद आप पर भारी न पड़ जाए. क्योंकि अगर आप का मजाक किसी का अपमान बन गया तो आप के खुद के पिटने के चांसेस भी ज्यादा बढ़ जाते हैं या मस्तीमजाक के तहत जिस का मजाक बहुत ज्यादा उड़ा है वह बहुत दुखी हो कर गलत स्टैप भी उठा सकता है. लिहाजा, बहुत जरूरी है कि आप मजाकमस्ती जरूर करें लेकिन आप का मजाक लोगों को हंसाएं और सिर्फ हंसाएं.

अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नंदा IIM अहमदाबाद से करेंगी ये कोर्स, इस ऐक्टर संग थी नजदीकियां

Navya Naveli Nanda :अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की नातिन नव्या नवेली नंदा भले ही स्क्रीन से कोसों दूर रहती हैं, लेकिन अक्सर सुर्खियों में छायी रहती हैं. कभी फैशन सेंस को लेकर तो कभी अफेयर को लेकर लाइमलाइट में रहती हैं. अब नव्या अपने कैरियर को लेकर छायी हुई हैं.

आईआईएम अहमदाबाद में लिया एडमिशन

उन्होंने देश के जानेमाने इंडियन इंस्टीट्यूट औफ मैनेजमेंट अहमदाबाद में एडमिशन लिया है. यहां पढ़ने का नव्या का सपना था. उनका ये सपना अब पूरा हो गया. अब वह IIM से MBA करेंगी.

सोशल मीडिया पर कैंपस की फोटो की शेयर

उन्होंने फ्रैंड्स के साथ अहमदाबाद कैंपस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थी. वह इन फोटोज में काफी खुश नजर आ रही थीं. फैंस ने जमकर नव्या की तारीफ की. नव्या ने इन फोटोज के कैप्शन में लिखा, ‘सपने सच होते हैं.’

जैसे ही नव्या ने अपने एडमिशन को लेकर पोस्ट शेयर किया, लोग उन्हें बधाई देने लगे. कई लोगों ने देश में पढ़ाई करने के लिए नव्या की तारीफ की तो कुछ लोगों ने तो ये भी कहा कि नव्या जो कोर्स कर रही है, उसके बारे में पहले कभी नहीं सुना.

2 सालों तक अहमदाबाद रहेगा नव्या का ठिकाना

आईआईएम (IIM) देश का टौप एमबीए कौलेज है. हर छात्र का सपना होता है, यहां एडमिशन लेना. नव्या नवेली नंदा ने यहां ब्लेंडेड पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (BPGP) में एडमिशन लिया है. यह 2 साल का फुल टाइम कोर्स है यानी नव्या अहमदाबाद में 2 सालों तक रहकर पढ़ाई करेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कोर्स की फीस करीब 20 लाख रुपए हैं.

लंदन से हुई थी नव्या की स्कूलिंग

रिपोर्ट्स के मुताबिक नव्या नवेली का स्कूलिंग लंदन से हुआ है. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए नव्या ने न्यूयार्क की फोर्डहम यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था. उन्होंने यहां डिजिटल टेक्नोलौजी और यूएक्स डिजाइन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी और अब नव्या अहमदाबाद में आगे का कोर्स पूर करेंगी.

क्या मामी ऐश्वर्या को पसंद नहीं करती है नव्या

हाल ही में नव्या नंदा का एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है, एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बच्चन परिवार की सभी महिलाओं का नाम लेते हुए हीरो बताया, लेकिन नव्या ने मामी ऐश्वर्या (Aishwarya Rai Bachchan) के नाम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में लोग कयास लगा रहे हैं कि नव्या अपनी मामी ऐश्वर्या राय बच्चन को पसंद नहीं करती हैं. दरअसल, नव्या ने टाक शो में बात करते हुए कहा कि मेरी मां, दादी, नानी और बुआ, ये चार औरतें हैं, जिनसे मैंने बहुत कुछ सिखा है, अगर इनका कोई गुण मिल जाए, तो मेरी लाइफ सेट हो जाएगी.

पेरिस फैशन वीक में किया था रैंप वाक

साल 2023 अक्टूबर में नव्या नवेली नंदा पेरिस फैशन वीक में नजर आई थीं. नव्या ने पहली बार किसी फैशन वीक के रैंप पर वाक किया था. वह अपनी मां श्वेता नंदा और नानी जया बच्चन के साथ गई थी. नव्या ने पेरिश फैशन वीक में रैंप वाक के दौरान रेड कलर का औफ शौल्डर मिनी ड्रैस पहना था. खुले बालों में वह बहुत ही खूबसूरत नजर आ रही थी. जब नव्या रैंप वाक कर रही थी तो मां श्वेता उनके लिए हूटिंग करते दिखीं. इस फैशन वीक इवेंट का वीडियो श्वेता नंदा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इस वीडियो के कैप्शन में लिखा, ”लिटिल मिस लोरियल”.

निखिल नंदा और श्वेता नंदा (Shweta Nanda) की नव्या नवेली नंदा बेटी हैं. उनका जन्म 6 दिसंबर 1997 में हुआ. नव्या के पिता निखिल नंदा एस्कार्ट्स ग्रुप के एमडी हैं और मां श्वेता बच्चन लेखिका हैं. नव्या का एक भाई भी है अगस्त्य नंदा.

इस एक्टर के साथ रिलेशनशिप में थी नव्या

नव्या के अफेयर के चर्चे सुर्खियों में छायी रहती है. लंबे समय से नव्या का नाम गली बाय फेम सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhant Chaturvedi) के साथ जोड़ा जा रहा था. कई बार इन दोनों को साथ में पार्टीज, वेकेशन, मूवी डेट्स पर स्पौट किया गया था. मगर कुछ ही दिनों पहले ये खबर आई कि दोनों का ब्रेकअप हो गया है. जी हां, एक रिपोर्ट के मुताबिक नव्या और सिद्धांत अलग हो गए हैं, लेकिन ब्रेकअप के बाद भी दोनों दोस्त रहेंगे. आपको ये भी बता दें कि नव्या भी अपनी मां की तरह ऐक्ट्रैस नहीं है. नव्या का फिल्मों में काम करने का कोई इरादा भी नहीं है.

देर से करना चाहती हैं बेबी प्लान, तो जानें क्या है ओवेरियन रिजर्व

हाल के वर्षों में ऐसी युवा महिलाओं की संख्‍या काफी बढ़ रही है जिन में ओवेरियन रिजर्व तेजी से कम हो रहा है. आमतौर पर यह समस्या उम्रदराज महिलाओं में देखी जाती थी. ओवेरियन रिजर्व का मतलब किसी महिला के अंडाशय में एग्स की क्वालिटी और उन की संख्या से है. ओवेरियन रिजर्व के कम होने का अर्थ है एग्स की निर्माण क्षमता का घट जाना, जोकि प्रजनन को काफी प्रभावित कर सकता है.

डाक्टर्स का कहना है कि यह रोग न केवल महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि आज के दौर में प्रजनन स्वास्थ्य को ले कर भी महत्त्वपूर्ण सवाल भी खड़े करता है.

क्या होता है ओवेरियन रिजर्व

ओवेरियन रिजर्व किसी भी महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है. सामान्यतौर पर महिलाएं 20 लाख एग्स की सीमित संख्या के साथ पैदा होती हैं. यौवन अवस्था तक लगभग 300,000 से 400,000 एग्स के साथ यह संख्या समय के साथ धीरेधीरे घटती जाती है. हर मासिकचक्र के साथ एग्स का एक समूह तैयार हो जाता है, लेकिन इस में से केवल एक ही ओव्युलेट हो पाता है. वहीं अन्य डिजेनरेशन की स्वाभाविक प्रक्रिया में चली जाते हैं, जिसे एट्रेसिया कहा जाता है.

जैसेजैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है उन के एग्स की संख्या और गुणवत्ता कम होने लगती है. जब तक महिलाएं अपने 30वें और 40 की शुरुआती उम्र में पहुंचती हैं, ये गिरावट और भी स्पष्ट हो जाती है. इस वजह से कई बार गर्भधारण करने में समस्या पेश आती है. हालांकि, अब महिलाओं में उन के 20वें और 30 के शुरुआती वर्षों में ही ओवेरियन रिजर्व कम होने की समस्या बढ़ रही है. इस प्रवृत्ति का परिवार नियोजन पर काफी गहरा असर पड़ता है.

महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व के कम होने की वजह

ओवेरियन रिजर्व के समय से पहले कम होने के कई सारे कारण हैं. उन में से सबसे अहम है अनुवांशिक कारण. कुछ महिलाओं में एग्स की कम संख्या या तेजी से एग कम होने की आनुवांशिक प्रवृत्ति होती है. समय से पहले मेनोपौज या प्रजनन से जुड़ी समस्याएं इस खतरे का सब से बड़ा सूचक हो सकती हैं. इस में
जीवनशैली से जुड़े कारक अहम भूमिका निभाते हैं.

जैसे धूम्रपान को एग्स के कम होने की गति को तेज करने के लिए जाना जाता है और इस का संबंध ओवेरियन रिजर्व के कम होने से है. इस के साथ ही पर्यावरण में मौजूद टौक्सिंस जैसे कुछ कैमिकल्स और प्रदूषक अंडाशय के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं.

ऐंडोमेट्रियोसिस, ओवरी की सर्जरी या कैंसर के लिए की गई कीमोथेरैपी जैसी चिकित्सकीय परिस्थितियों की वजह से भी ओवेरियन रिजर्व कम हो सकता है. कुछ मामलों में औटोइम्युन डिसऔर्डर में शरीर गलती से अपने ही ओवरी के टिश्‍यू पर हमला करने लगता है, जिस से एग्स की संख्या कम होने लगती है.

ओवेरियन रिजर्व का कम होना कैसे प्रजनन को प्रभावित कर सकता है

ओवेरियन रिजर्व के कम होने का कतई मतलब नहीं है कि महिला गर्भधारण नहीं कर सकती है, लेकिन यह स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की संभावना को कम कर सकता है और इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी अस्सिटेड रिप्रोडक्टिव टेक्‍नोलौजीज (एआरटी) में अवरोध पैदा कर सकता है.

जिन महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व कम होता है, उन में अकसर प्रजनन की दवाएं अपना असर कम दिखाती हैं. इस की वजह से आईवीएफ साइकिल के दौरान कम एग्स मिल पाते हैं.

इस के अलावा एग्स की खराब गुणवत्ता की वजह से गर्भपात होने का खतरा भी जुड़ा होता है. इन समस्याओं का काफी गहरा मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक प्रभाव पड़ सकता है और प्रजनन समस्याओं को संभालने में और भी तनाव पैदा कर सकता है.

समय पर पहचान और परीक्षण

निम्न ओवेरियन रिजर्व के बारे में समय पर पहचान कर लेना उन महिलाओं में जरूरी होता है जोकि भविष्य में गर्भधारण की योजन बना रही हैं.

कुछ जांचों की मदद से ओवेरियन रिजर्व का पता लगाया जा सकता है, जिस में ऐंटी मुलेरियन हारमोन (एएमएच) टेस्ट शामिल है. ये ओवेरियन फौलिकल्स द्वारा निर्मित होने वाले हारमोन के स्तर का पता लगाता है.

एएमएच के स्तर का कम होना घटे हुए ओवेरियन रिजर्व की तरफ इशारा करता है. सामान्यरूप से इस्तेमाल होने वाला एक और टेस्ट है ऐंट्रल फौलिकल काउंट (एएफसी). यह अल्ट्रासाउंड पर आधारित तरीका है जोकि मासिकचक्र की शुरुआत में अंडाशय में छोटे फौलिकल्स की संख्या गिनता है.

जिन महिलाओं को खतरा है या जिन के परिवार में प्रजनन संबंधी समस्याओं का इतिहास रहा है, उन्हें जल्द ही ये परीक्षण करवाने की सलाह दी जाती है. किसी महिला के ओवेरियन रिजर्व को जान लेने के बाद गर्भधारण की योजना के बारे में जानकारी से भरा निर्णय लेने में मदद मिल सकती है. इस की मदद से एग फ्रीजिंग जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है.

प्रजनन संरक्षण और उपचार के विकल्प

जिन युवा महिलाओं में निम्न ओवेरियन रिजर्व होने का पता चला है, उन के पास कई सारे विकल्प हैं. उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन जिसे एग फ्रीजिंग के नाम से भी जाना जाता है, महिलाओं को युवावस्था में अपने एग्स संरक्षित रखने का अवसर देता है, जब एग्स की क्वालिटी ज्यादा बेहतर होती है. यह उन महिलाओं के लिए एक महत्त्वपूर्ण विकल्प हो सकता है, जोकि देरी से बच्चे पैदा करना चाहती हैं.

डोनर एग्स का भी इस्तेमाल

ऐसी महिलाएं जोकि सक्रिय रूप से गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं, उन के लिए आईवीएफ जैसे प्रजनन उपचार को बेहतर परिणामों के हिसाब से तैयार किया जा सकता है. इस में ओवेरियन रिजर्व के कम होने पर भी फर्क नहीं पड़ता. कुछ मामलों में डोनर एग्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, खासकर यदि एग्स बेहद खराब हैं.

प्रजनन में चुनौतियां

युवा महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व का कम होना एक चिंताजनक प्रवृत्ति है जोकि जागरूकता तथा समय पर उपचार के महत्त्व को बताता है. वैसे तो इस समस्या की वजह से प्रजनन में चुनौतियां आ सकती हैं, यह काफी बड़ी रुकावट है. इस समस्या को समझ कर, समय पर जांच कराने और प्रजनन संरक्षण के विकल्पों के बारे में जानकर महिलाएं अपने प्रजनन स्वास्थ्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम उठा सकती हैं.

यदि आप प्रजनन को ले कर चिंतित हैं तो सलाह जरूर लें. आप के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आप के प्रजनन का भविष्य काफी अहम है. यदि आज आप इस का ख्याल रखती हैं तो कल काफी सुनहरा होगा.

बढ़ता प्रदूषण घटती आयु : क्या होता है पीएम 2.5, सेहत के लिए कैसे है खतरनाक

आज प्रदूषण भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है क्योंकि वायु प्रदूषण से जहां अनेक नईनई बीमारियां और दूसरी समस्याएं पैदा हो रही हैं, वहीं इस का असर उम्र पर भी पड़ने लगा है.

दिल्ली वालों के लिए बढ़ता प्रदूषण समय से पहले काल बन कर सामने आ सकता है.

शिकागो विश्वविद्यालय के ‘द ऐनर्जी पौलिसी इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि 2022 में प्रदूषणस्तर 2021 से 19.3 % कम था जिस से उस वक्त प्रदूषण की गिरावट से लोगों की आयु 1 वर्ष बढ़ गई.

‘वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024’ शीर्षक नाम से हाल ही में आई इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली वालों के लिए यह प्रदूषण स्लो प्वाइजन की तरह बन कर सांसों में घुल रहा है.

दिल्ली विश्व स्तर पर सब से प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है व उत्तर भारत के सब से प्रदूषित इलाकों में दिल्ली शामिल है. यदि डब्ल्यूएचओ मानक को दिल्ली पूरा नहीं कर पाती है तो लोगो की जिंदगी में 11.9 साल की कमी संभव है. भारत के अपने मानकों के अनुसार अगर दिल्ली में प्रदूषण का मौजूदा स्तर बना रहता है तो 8.5 वर्ष की कमी हो सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सालाना पीएम 2.5 मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तय है, फिर भी 40% से ज्यादा आबादी इस सीमा से ज्यादा खराब हवा में गुजरबसर कर रही है जिस कारण लोगों पर मौत का खतरा अधिक बढ़ गया है.

जानें क्या है पीएम 2.5

PM को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है. ये कण सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती हैं.

यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम यानि श्वसनतंत्र को प्रभावित करता है और सांस की बीमारियों को बढ़ा सकता है. ये प्रदूषण बढ़ाने वाला अहम कारक भी है.

बचाव

मानव जीवन में प्रदूषण की समस्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है. विकास के साथसाथ प्रदूषण की समस्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ा है, मानव जीवन के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है जिस से बचाव करना बेहद जरूरी है.

ऐसे बचाएं खुद को

*सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें.

*इलैक्ट्रिक जैसे ऊर्जा कुशल वाहन खरीदें.

*गोइंग ग्रीन को अपना कर पर्यावरण की रक्षा करें.

*प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग से बचें.

*सौर ऊर्जा का प्रयोग करें.

*हमेशा रिसाइकिल करने योग्य उत्पादों का उपयोग करें.

*धूम्रपान से बचें क्योंकि यह आप को और आप के आसपास के लोगों के लिए बहुत खतरनाक है।

आम आदमी को अपने घर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कुछ जरूरी उपकारणों का सहारा लेना चाहिए क्योंकि घर के भीतर भी कुछ ऐसी गैस मौजूद होती हैं जिन्हें फिल्टर करना अति आवश्यक है अन्यथा यह आप को नुकसान पहुंचा सकती है.

किचन में चिमनी का इस्तेमाल करें, वाटर प्यूरिफायर व एअर प्यूरिफायर का प्रयोग अवश्य करें क्योंकि ये न केवल ऐलर्जन और पीएम 0.1 जितने छोटे प्रदूषक तत्त्वों को छानने में सक्षम हैं, बल्कि नुकसानदायक गैसों, जैसे वीओसी, नाईट्रोजन डाई औक्साइड आदि को भी फिल्टर करते हैं, जिस से घर स्वच्छ व प्रदूषणमुक्त होता है.

महिला खिलाड़ियों में अचानक वजन बढ़ने के क्या हैं कारण ?

महिला खिलाड़ियों में हारमोनल बदलावों जैसेकि ऐस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रौन और कोर्टिसोल की वजह से वजन बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है.

इन बदलावों की वजह से उन का वजन काफी प्रभावित हो सकता है और इस के परिणामस्वरूप उन के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है. बेहतर प्रदर्शन बनाए रखने और अपनी खेल की मांग को पूरा करने के लिए महिला खिलाड़ियों में हारमोन की वजह से वजन में होने वाले बदलावों को समझना और उसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है.

वजन बढ़ने के कारण

डा. बीना मुक्तेश, क्लीनिकल डाइरैक्टर फर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ, मदरहुड फर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ का कहना है कि विभिन्न कारणों से वजन बढ़ सकता है, लेकिन हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि महिला खिलाड़ियों में हारमोनल कारणों की वजह क्या हो सकती है.

हारमोनल बदलावों की वजह

ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रौन जैसे हारमोंस में होने वाले बदलावों का महिलाओं के शरीर पर दिनभर काफी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर मासिकचक्र के आसपास. इन हारमोनल बदलावों की वजह से वाटर रिटैंशन, भूख और मूड स्विंग की समस्या हो सकती है, जिस से वजन में तत्काल रूप से बदलाव हो सकते हैं.

उदाहरण के लिए ओव्युलेशन से ठीक पहले ऐस्ट्रोजेन अपने चरम पर होता है और इस से वाटर रिटैंशन हो सकता है और वजन बढ़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ ओव्युलेशन के बाद प्रोजेस्ट्रौन बढ़ जाता है और यह पाचन की गति को धीमा कर सकता है.

कई बार इस से ब्लौटिंग और वाटर रिटैंशन की समस्या होने लगती है. इन वजहों से दिन के अलगअलग पहर में शरीर में भारीपन या ब्लौटिंग महसूस होती है. इस के साथ ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला हारमोन इंसुलिन, शरीर के वजन को बढ़ा सकता है.

इंसुलिन की अत्यधिक मात्रा खाने की खुराक और फैट स्टोरेज को बढ़ा सकता है, जिस से समय के साथ वजन बढ़ सकता है. अन्य हारमोनल कारक जैसे थायराइड की कार्यक्षमता भी इस में भूमिका अदा करती है.

स्ट्रेस कोर्टिसोल

हाइपोथायरोडिज्म एक ऐसी समस्या है, जिस में थायराइड बहुत ही कम हारमोन का निर्माण करता है और इस से वजन बढ़ता है. स्ट्रेस कोर्टिसोल भी इस की वजह बन सकता है.

प्रतियोगिताओं के दौरान हारमोनल बदलाव

ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रौन जैसे हारमोंस में बदलाव, वाटर रिटैंशन, ब्लौटिंग और ऐनर्जी के स्तर में बदलाव किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है, खासकर प्रतियोगिताओं के दौरान. ये बदलाव खिलाड़ी की ताकत, दृढ़ता और पूरी शारीरिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं.

महिलाओं के वजन में महत्त्वपूर्ण है हारमोनल असंतुलन

थायराइड का सही तरीके से काम न करना, इंसुलिन प्रतिरोधकता और ऐस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रौन तथा प्रोलैक्टिन में बदलाव महिलाओं में वजन बढ़ने का महत्त्वपूर्ण कारण हो सकता है.

इंसुलिन प्रतिरोधकता के परिणामस्वरूप फैट स्टोरेज हो सकता है और वजन बढ़ सकता है. वहीं, मासिकचक्र के आसपास ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रौन के स्तर में होने वाला बदलाव वाटर रिटैंशन और ब्लौटिंग का कारण बन सकता है. प्रोलैक्टिन का बढ़ा हुआ स्तर वजन बढ़ा सकता है. तनाव की वजह से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जोकि हारमोनल प्रभावों को बढ़ा सकता है. इस से भूख के साथ ही फैट स्टोरेज बढ़ सकता है.

इस असंतुलन को नियंत्रित करने में लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे संतुलित आहार लेना और नियमित ऐक्सरसाइज, तनाव के नियंत्रण की तकनीक जैसी चीजें शामिल हैं. हारमोन के स्तर की नियमित निगरानी रखने से सेहतमंद वजन बनाए रखने में मदद मिलती है.

तनाव और शारीरिक श्रम महिला खिलाड़ियों में हारमोन के स्तर को प्रभावित करता है

तनाव तथा शारीरिक श्रम का काफी ज्यादा प्रभाव कोर्टिसोल हारमोन के स्तर पर पड़ता है. ये एक स्ट्रेस हारमोन है, जोकि ज्यादा ट्रैनिंग या मनोवैज्ञानिक दबाव की वजह से अकसर बढ़ जाता है.

कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर भूख के साथ ही फैट स्टोरेज को बढ़ा सकता है और ऐस्ट्रोजेन तथा प्रोजेस्ट्रौन जैसे अन्य हारमोनल संतुलन में अवरोध पैदा कर सकता है.

नियमित, सख्त ट्रैनिंग से मसल मास और वजन बढ़ सकता है. मसल मास, प्रदर्शन के लिए सेहतमंद और भी आवश्यक है, लेकिन जिन खेलों में वजन मायने रखता है, उन में खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त वजन, चिंता का विषय हो सकता है.

महिला खिलाड़ी इन बदलावों की निगरानी व नियंत्रण ऐसे करें

कुछ हारमोंस महिला तथा पुरुष दोनों के ही वजन तथा प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं, लेकिन महिलाओं में हारमोनल बदलावों के अनुभव का दायरा व्यापक होता है. इस से उन के वजन पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है.

इन बदलावों के सही नियंत्रण के लिए महिलाओं को अपने वजन, पानी की मात्रा और यूरीन की मात्रा पर भी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि इन से हारमोनल असंतुलन का पता चलता है.

ऐसे रखें खयाल

संतुलित आहार और उचित हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है. नियमितरूप से खून की जांच, लिवर तथा किडनी की कार्यप्रणाली का परीक्षण संपूर्ण सेहत और हारमोन के स्तर का पता लगाने के लिए आवश्यक है.

डाइट तथा हाइड्रेशन पर कड़ी नजर रखने से महिला खिलाड़ियों को काफी कुछ समझने में मदद मिल सकती है. इस से वे अपने वजन और प्रदर्शन का प्रभावी नियंत्रण कर सकती हैं.

डिनर में बनाएं मिंट अनियन पुलाव, मिनटों में कर सकती हैं तैयार

मौसम कोई भी हो हर दिन नाश्ता, लंच और डिनर में क्या बनाया जाए, हर कामकाजी और घरेलू महिला को इस समस्या का सामना करना ही पड़ता है. कामकाजी दंपतियों के लिए तो यह समस्या और भी अधिक गंभीर हो जाती है क्योंकि औफिस और घर दोनों में ही संतुलन बैठाने के कारण उनके पास समय का अभाव होता है इसलिए उन्हें कुछ ऐसा चाहिए होता है जिसे जल्दी बनाया जा सके साथ ही वह हैल्दी और स्वादिष्ट भी हो ताकि घर के सभी सदस्यों को पर्याप्त पोषण भी मिल सके. मिंट यानी पुदीना आजकल सालभर बाजार में उपलब्ध रहता है पुदीना में अनेकों विटामिन्स, पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम, एंटी औक्सीडेंट और थायमीन जैसे अनेकों पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं इसलिए इसे किसी न किसी रूप में अपने आहार में शामिल करना चाहिए.

मिंट को आमतौर पर चटनी बनाकर अथवा सुखाकर रायते आदि में प्रयोग किया जाता है. आज हम आपको मिंट और प्याज से बहुत ही स्वादिष्ट पुलाव बनाना बता रहे हैं जिसे आप बहुत आसानी से 5 से 10 मिनट में बनाकर तैयार कर सकते हैं. आप इसे पापड़, अचार और दही के साथ सर्व कर सकते हैं.

कितने लोगों के लिए 4

बनने में लगने वाला समय 20 मिनट

मील टाइप वेज

सामग्री

बासमती चावल 1 कप
ताजी पोदीना पत्तियां ½ कप
ताजा हरा धनिया ¼ कप
हरी मिर्च 4
कटा प्याज 1
कटा लहसुन 4 कली
अदरक 1 छोटी गाँठ
तेजपात पत्ता 2
बड़ी इलायची 2
दालचीनी टुकड़ा 1 इंच
जीरा ¼ इंच
नमक स्वादानुसार
घी 1 टीस्पून
काजू 4
बारीक कटा टमाटर 1
नीबू का रस 1 टीस्पून
बारीक कटी हरी धनिया 1 टीस्पून

बनाने की विधि

चावल को 2-3 बार साफ पानी से धोकर 1 कप पानी में भिगोकर आधे घंटे के लिए रख दें. पोदीना, हरा धनिया, हरी मिर्च और अदरक को मिक्सी में 1 टीस्पून पानी के साथ दरदरा पीस लें. प्रेशर कुकर में तेल गर्म करें और इसमें पहले काजू को हल्का भूरा होने तक भूनकर निकाल लें. अब बचे तेल में जीरा, तेजपात पत्ता, बड़ी इलायची, दालचीनी भूनकर कटे प्याज और लहसुन को भूनकर दरदरा पिसे मिंट मसाला डाल कर धीमी आंच पर मसाले के तेल छोड़ने तक पकायें. अब इसमें भीगे चावल, कटे टमाटर और नमक डालकर अच्छी तरह चलायें. प्रेशर कुकर का ढक्कन लगाकर तेज आंच पर एक प्रेशर लेकर गैस बंद कर दें. जब प्रेशर पूरी तरह निकल जाए तो ढक्कन खोलकर नीबू का रस और कटा हरा धनिया डालकर चलायें. भुने काजू से गार्निश करके सर्व करें.

भूलकर भी चेहरे पर न लगाएं ये चीजें, स्किन हो सकती है डैमेज

लोग अपने चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए क्या क्या नहीं करते. चाहे पुरुष हों या महिलाएं ,सभी अपने चेहरे की रंगत निखारने व उसको बेदाग बनाने के लिए हजारों जतन करते हैं, वो तरहतरह के ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट का इस्‍तेमाल करते हैं. इन्टरनेट पर बताये जाने वाले ब्यूटी टिप्स को फौलो करते हैं और लोगों के बताए घरेलू नुस्‍खों को आजमाने से भी पीछे नहीं हटते. हालांकि इन टिप्‍स और घरेलू नुस्खों के इस्‍तेमाल से कुछ समय के लिए तो आपका चेहरा ग्‍लो करने लगता है लेकिन बाद में फिर वही परेशानी सामने आने लगती है.

लोगों का चेहरा इन नुस्खों को आजमाने के बाद और भी रूखा और बेजान हो जाता. क्‍योंकि अपने चेहरे को चमकाने व उनकी रौनक बढ़ाने के लिए कभीकभी जानेअनजाने में हम अपने चेहरे पर कुछ ऐसी चीज़ों का प्रयोग कर लेते हैं ,जिससे हमारे चेहरे को नुकसान पहुंचता है और हमारी स्किन खराब हो जाती है. क्योंकि कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें अगर आप बिना जानकारी के अपने चेहरे पर इस्तेमाल करेंगे तो फायदे के बजाय नुकसान ही होगा.

आइये जानते है की ब्यूटी एक्सपर्ट के मुताबिक , ऐसी कौन सी चीज़े है जिन्हें भूलकर भी अपने चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए-

1- बौडी लोशन

मार्केट में बहुत तरह के बौडी लोशन available है जो सिर्फ बौडी पर लगाने के लिए बने होते हैं ना कि चेहरे पर लगाने के लिए .कभी कबार ऐसा होता है कि अगर हमारे पास फेस क्रीम खत्म हो जाती है तो हम बॉडी लोशन को अपने चेहरे पर लगा लेते हैं. यह गलती आप बिलकुल ना करें.

क्योंकि हमारे चेहरे की स्किन और हमारी बौडी की स्किन दोनों ही अलगअलग मौलिक्यूल से बनी होती हैं.हमारे चेहरे की स्किन बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव होती है और बौडी लोशन फेस क्रीम की तुलना में ज्यादा गाढे होते हैं. इनका इस्तेमाल अपने चेहरे पर करने से हमारी स्किन में बहुत ज्यादा तेल जमा हो जाता है इससे हमारी स्किन सेल्स को नुक्सान पहुंचता है और हमारी स्किन बहुत औयली हो जाती है.

2-बियर

बीयर को चेहरे पर लगाने से इसके एसिडिक नेचर के कारण आपकी स्किन ड्राई हो सकती है और आपके चेहरे की चमक भी कम हो सकती है.और तो और इसकी अधिक मात्रा चेहरे पर लगाने से पिम्पल्स और जलन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है.इसलिए बियर को अपने चेहरे पर कभी न लगाएं.

3-वैसलीन

वैसलीन को चेहरे पर लगाने से धूल के कण हमारी चेहरे की स्किन पर आसानी से चिपक जाते हैं जिससे हमारी स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं और हमारी स्किन खराब होने लगती है.

4- टूथपेस्ट

वैसे तो टूथपेस्ट को त्वचा में होने वाली समस्याओं जैसे दाग- धब्बे, मुंहासे और झुर्रियों के लिए उपयोगी माना जाता है. लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि टूथपेस्‍ट को अपनी स्किन पर लगाना नुकसानदायक भी हो सकता है. इससे आपके चेहरे की ड्राईनेस बढती है और इसके ज्‍यादा इस्‍तेमाल से झुर्रियां और झाइयां जैसी समस्यां भी हो सकती हैं. इसलिए चेहरे पर direct टूथपेस्‍ट लगाने से बचना चाहिए.

5-पुदीना

मैंने अक्सर देखा है की कई लोग पुदीने का फेस पैक बनाकर अपने चेहरे पर इस्‍तेमाल करते हैं. पर क्या आपको पता है की ये फेस पैक आपकी स्किन के लिए कितना नुक्सान दायक हो सकता है. पुदीना में मेंथोल पाया जाता हैं.जिसके कारन आपकी स्किन पर रेड कलर के rashes हो सकते हैं.पुदीने को चेहरे पर लगाने से चेहरे का रंग डाउन होता है और कई लोगों में तो पिम्पल्स की प्रौब्लम भी होने लगती है.

6-सिरका (vinegar)

कुछ लोग अक्सर अपने चेहरे के दागधब्बो को मिटने के लिए विनेगर का इस्तेमाल करते है. लेकिन शायद वो ये नहीं जानते है की विनेगर को अपनी स्किन पर कभी भी डायरेक्‍ट अप्‍लाई नहीं करना चाहिए.
विनेगर में एसिड की मात्रा ज्यादा होती है अगर आप इसे बिना पानी मिलाये अपने चेहरे पर लगाएंगे तो स्किन में खुजली या rashes होने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाएंगी .और आपकी स्किन में इन्फेक्शन भी हो सकता है.

इसलिए अगर आप इसे अपनी स्किन पर लगानी चाहती हैं तो कोशिश करें कि कम एसिडिक नेचर वाला ही विनेगर लें और पानी में मिलाकर ही लगाएं.अधिक एसिडिक नेचर वाला विनेगर चेहरे पर कभी भी न लगाये.

7- बेकिंग सोडा

वैसे तो बेकिंग सोडा से स्किन को कई फायदे होते हैं लेकिन अगर इसे पानी मिलाए बिना स्किन पर लगाया जाए तो इसमें मौजूद लेड के कारण स्किन का ph लेवल बैलेंस नहीं रहता और त्वचा पर मुंहासे और दागधब्बों की समस्या हो सकती है. यहां तक की चेहरे की रंगत भी फीकी पड़ सकती है. इसलिए इसे भूल कर भी कभी अपने चेहरे पर directly न लगाएं.

अगर आप इसे अपने चेहरे पर यूज करना ही चाहते है तो याद रखें की बेकिंग सोडा की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए. इसे पानी में घोलने के बाद आप अपने चेहरे पर यूज कर सकते हैं. हो सके तो उसको  2 हफ्ते में ही इस्तेमाल करें .रेगुलर इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इससे आपकी स्किन बहुत ड्राई हो सकती हैं.

8-मेयोनीज

ये तो हम सभी जानते है की बालों के लिए मेयोनीज़ काफी फायदेमंद होता है और इससे बालों में चमक भी आती है.पर इसके एसिडिक नेचर के कारण इसे कभी भी अपने चेहरे पर use न करें.वरना चेहरे पर इन्फेक्शन का चांस बहुत बढ़ जायेगा.

9- गर्म पानी

अक्सर देखा गया है कि लोग अपने चेहरे को गर्म पानी से धोते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि गर्म पानी बैक्टीरिया खत्म करने के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन इसी के साथसाथ ये हमारे चेहरे का moisture भी खत्म कर देता है.इसलिए कभी भी गर्म पानी से चेहरा नहीं धोना चाहिए . आप अपने चेहरे को धोने के लिए हलके गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

10-साबुन

हमारे चहरे की त्वचा हमारी बौडी के compare में काफी सेंसिटिव होती है. साबुन में बहुत तरह के केमिकल होते है. साबुन चेहरे के नेचुरल oil और सीबम को निकाल देता है ,जिनके कारण हमारी स्किन का ph लेवल असंतुलित हो जाता है.जिससे चेहरा बेजान और बहुत ज्यादा रुखा हो जाता है.

शादी से पहले मैं फिजिकल रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता हूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 23 साल का हूं. कुछ ही महीने में मेरी शादी होने वाली है. मैं जानना चाहता हूं कि फोरप्ले क्या होता है?

जवाब

सेक्स करने से पहले बीवी को जोश में लाने की कोशिश ही फोरप्ले कहलाता है. इस के तहत बीवी के होंठों, उभारों व खास अंगों को चूमा जाता है. यही काम बीवी भी कर सकती है, पति को जोश में लाने के लिए. इस से बाद में सैक्स करने से और भी ज्यादा मजा आता है.

ये भी पढ़ें…

सैक्स से पहले छेड़छाड़ है बेहद जरूरी

प्रिया का कहना है कि उस का पति जिस्मानी रिश्ता बनाते समय बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं करता और न ही प्यार भरी बातें करता है. उसे तो बस अपनी तसल्ली से मतलब होता है. जब तन की आग बुझ जाती है, तो निढाल हो कर चुपचाप सो जाता है. वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पती ही रह जाती है.

कुछ इसी तरह राजेंद्र का कहना है, ‘‘जिस्मानी रिश्ता कायम करते वक्त मेरी पत्नी बिलकुल सुस्त पड़ जाती है. वह न तो इनकार करती है और न ही प्यार में पूरी तरह हिस्सेदार बनती है. न ही छेड़छाड़ होती है और न ही रूठनामनाना. नतीजतन, सैक्स में कोई मजा ही नहीं आता.’’

इसी तरह सरिता की भी शिकायत है कि उस का पति उस के कहने पर जिस्मानी रिश्ता तो कायम करता है, पर वह सुख नहीं दे पाता, जो चरम सीमा पर पहुंचाता हो. हालांकि वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, फिर भी सरिता को ऐसा लगता है, मानो वह अपनी मंजिल पर पहुंच कर भी नहीं पहुंची. सैक्स के दौरान वह इतनी जल्दबाजी करता है, मानो कोई ट्रेन पकड़नी हो. उसे यह भी खयाल नहीं रहता कि सोते समय और भी कई राहों से गुजरना पड़ता है. मसलन छेड़छाड़, चुंबन, सहलाना वगैरह. नतीजतन, सरिता सुख भोग कर भी प्यासी ही रह जाती है.

मनोज की हालत तो सब से अलग  है. उस का कहना है, ‘‘मेरी पत्नी इतनी शरमीली है कि जिस्मानी रिश्ता ही नहीं बनाने देती. अगर मैं उस के संग जबरदस्ती करता हूं, तो वह नाराज हो जाती है. छेड़छाड़ करता हूं, तो तुनक जाती?है, मानो मैं कोई पराया मर्द हूं. समझाने पर वह कहती है कि अभी नहीं, इस के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी हुई है.’’

इसी तरह और भी अनगिनत पतिपत्नी हैं, जो एकदूसरे की दिली चाहत को बिलकुल नहीं समझते और न ही समझने की कोशिश करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि शादीशुदा जिंदगी कच्चे धागे की तरह होती है. इस में जरा सी खरोंच लग जाए, तो वह पलभर में टूट सकती है.

पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सैक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है.

इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सैक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है?

इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं. जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सैक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी.

कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं. उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं.

कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं.

अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें?

इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

तलाक की खबरों पर आरती सिंह ने दिया रिएक्शन, ‘नईनई शादी हुई है भला मैं तलाक क्यों लूंगी’

प्रसिद्ध एक्टर गोविंदा की भाजी और प्रसिद्ध कौमेडियन कृष्णा अभिषेक की बहन आरती सिंह की शादी 4 महीने पहले 25 अप्रैल 2024 को बिजनेसमैन दीपक चौहान के साथ संपन्न हुई थी. दीपक एक बेटी के बाप और तलाकशुदा है . जिन्होंने बहुत ही धूमधाम से आरती सिंह के साथ विवाह रचाया. इस शादी में मामा गोविंद सहित कई सारी फिल्मी हस्तियां मौजूद थी. आरती सिंह खुद अपनी शादी से बेहद खुश भी थी. जिसके चलते सोशल मीडिया पर आरती सिंह ने अपनी शादी और हनीमून की फोटो भी शेयर की.

लेकिन अचानक सोशल मीडिया पर खबरें फैलने लगी कि वह अपनी शादी से खुश नहीं है और तलाक लेने की योजना बना रही है. इस खबर से जहां बौलीवुड में सनसनी फैल गई वही खुद आरती सिंह अपनी ही तलाक की खबर सुनकर दुखी और अचंभित हो गई. आरती सिंह के अनुसार मैं अपनी शादी से बहुत खुश हूं. कोई तलाक का इरादा नहीं है. पता नहीं कौन इस तरह की ऊलजलूल खबरें फैला रहा है. जो सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है. मेरी अभी नईनई शादी हुई है. भला मैं तलाक क्यों लूंगी.

यह सब कहकर आरती ने अपनी तलाक की खबर को पूरी तरह अफवाह बताया है इस खबर को फैलाने वाले को बुरा भी कहा है. गौरतलब है कि आरती सिंह की मां बचपन में ही मर गई थी और उनको मां की फ्रेंड ने आरती को पालपोस कर बड़ा किया है. आरती की शादी भी बड़ी उम्र में हुई है. इसी वजह से तलाक की खबर ने आरती सिंह को विचलित कर दिया . सोशल मीडिया पर आकर इस खबर का खंडन करने पर भी मजबूर कर दिया.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें