कॉपर पेप्टाइड थ्रैड लिफ्ट फेशियल ट्रैंड में है, मुझे बताएं कि यह क्यों अच्छा है?

सवाल

आजकल कॉपर पेप्टाइड थ्रैड लिफ्ट फेशियल काफी ट्रैंड में है. प्लीज मुझे बताएं कि यह क्यों अच्छा है और इस का क्या फायदा होता है?

जवाब

 

कौपर पेप्टाइड्स आमतौर पर त्वचा की देखभाल के लिए उपयोग होता है और इसे त्वचा की कस्टमाइज्ड और जरूरी देखभाल का हिस्सा माना जाता है. यह त्वचा को हाइड्रेट करने और रैडिएंट बनाए रखने में मदद कर सकता है. इस का नियमित उपयोग त्वचा को मुलायम बना सकता है और फाइन लाइंस को कम

करने में मदद कर सकता है. कौपर पेप्टाइड एक छोटा प्रोटीन होता है जिस में कौपर धातु समाहित होती
है और यह रिंकल्स को कम करने में सहायक हो सकता है. फेशियल किट्स में थ्रैड्स अकसर फेस
लिफ्टिंग या स्किन टाइटनिंग के लिए डिजाइन किए जाते हैं. इन थ्रैड्स का उपयोग त्वचा के कमजोर
भागों को रीजनरेट कर के फेस लिफ्टिंग के लिए किया जा सकता है.मेरी स्किन मु?ो हमेशा ड्राई लगती
है मगर जैसे ही मैं कोई क्रीम या तेल लगाती हूं तो मेरा रंग काला हो जाता है. मु?ो सम?ा नहीं आता
कि मैं ऐसा क्या लगाऊं जिस से मेरा रंग भी काला न हो और ड्राइनैस भी खत्म हो जाए?आप की स्किन
असल में डिहाइड्रेटेड है यानी तेल तो है मगर आप की स्किन में पानी की कमी होती है. ऐसे में आप को
कोई भी क्रीम या तेल लगाने के बजाय मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. घर में भी आप कुछ
चीज इस्तेमाल कर के अपनी स्किन को मौइस्चराइज कर सकती हैं. इस के लिए आप 2 स्टाबेरी मैश
कर उस में थोड़ी सी मलाई मिलाएं. इस पैक को अपने फेस पर लगा कर आधा घंटा इंतजार करें और
फिर कुनकुने पानी से धो लें. यह एक बहुत अच्छे मौइस्चराइजर का काम करेगा. स्ट्राबेरी में विटामिन
सी व ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स होते हैं जो आप की स्किन को मौइस्चराइज करेंगे. आप चाहें तो 1 चम्मच
शहद और एक चम्मच मलाई को मिला कर हर रोज रात को स्किन पर मसाज कर लें. इस से भी आप
की स्किन सौफ्ट हो जाएगी. फिर भी फर्क न पड़े तो किसी अच्छे ब्यूटी क्लीनिक में जा कर
आयनाइजेशन ट्रीटमैंट करा सकती हैं. इस से पानी को संभाल कर रखने वाले आयन को स्किन के अंदर

अब्जौर्ब कर दिया जाता है, जिस से आप की स्किन पानी को संभाल कर रखना शुरू कर देती है यानी
मौइस्चराइज हो जाती है और आप की स्किन पर डिहाइड्रेशन का कोई साइन दिखाई नहीं देगा.

अभिनेत्री ऋचा चड्ढा से जानें उनकी प्रेग्नेंसी और जर्नी के बारें में, पढ़े पूरी इंटरव्यू

अभिनेत्री ऋचा चड्ढा इन दिनो वेब सीरीज हीरामंडी में अपने किरदार लज्‍जो की भूमिका को लेकर सुर्खियों में हैं. उनके इस किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया है और उनके अभिनय की खूब तारीफ भी हो रही है, जिससे ऋचा बहुत खुश है.अभिनेत्री मनीषा कोइराला के साथ अभिनय के अनुभव को शेयर करती हुई ऋचा कहती है कि मनीषा कोइराला अपने जमाने की प्रसिध्द हिरोइन है, उनके साथ काम करना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है, उनका काम बहुत अच्छा है. मैँ उनके हर दृश्य को देखकर चौक जाती थी. सेट पर हर किसी को बहुत ही शांत और फोकस्ड रहना पड़ता था, क्योंकि संजय लीला भंसाली एक स्ट्रिक्ट डायरेक्टर है और मुझे उनके साथ काम करने में बहुत मजा आया.

उनके निजी जीवन की बात करें तो 4 अक्टूबर 2022 को ऋचा चड्ढा ने अभिनेता अली फजल से शादी की है. ऋचा और अली लंबे समय से रिलेशनशिप में थे, लेकिन बाद में दोनों ने शादी की. इसी साल फरवरी में ऋचा ने अपनी प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट सोशल मीडिया पर किया है. अब एक्ट्रेस काम से दूर होकर सिर्फ अपनी प्रेग्नेंसी के दौर को एन्जॉय कर रही है.

फिल्म ‘ओये लकी, लकी ओय’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली स्पष्टभाषी और साहसी ऋचा ने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनायी है.पंजाब के अमृतसर में जन्मी और दिल्ली में पली बड़ी हुई ऋचा के कैरियर की टर्निंग पॉइंट गैंग्स ऑफ़ वासेपुर रही, जिसमें उन्होंने एक अधेड़ उम्र की महिला की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म से उसे बहुत तारीफे मिली और उनकी जर्नी चल पड़ी.

ऋचा को बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी और उसने इसकी शुरुआत मॉडलिंग से की. जिसे उसने मुंबई आने के बाद शुरू कर दिया था. बाद में वह अभिनय की ट्रेनिंग लेने के लिए थियेटर की ओर मुड़ी और कई नाटकों में अभिनय किया. उन्होंने अपनी जर्नी और प्रेग्नेंसी के बारें में बात की, पेश है कुछ खास अंश.

सहयोग जरूरी

ऋचा और अली काफी दिनों से एक दूसरे को जानते थे, इसलिए उनको शादी के बाद भी सामंजस्य बिठाना मुश्किल नहीं था. वह कहती है कि हम दोनों पहले अच्छे दोस्त है बाद में पति – पत्नी बने है, एक दूसरे को हम बहुत सहयोग देते है, इससे सामंजस्य बिठाने में कोई समस्या नहीं होती. इसके अलावा हम दोनों साथ -साथ काम कर सकते है, ग्रो कर सकते है और एक दूसरे की मदद भी कर सकते है, ऐसा एक ही फील्ड से होने और दोस्त होने की वजह से ही हो सकता है. इतना ही नहीं अली मेरे लिए ड्रेसेज की शॉपिंग भी करते है और मेरी पसंद को समझते है. अभी तो मैँ प्रेग्नेंट हूँ तो और अधिक मेरा ध्यान रख रहे है, उनकी कोशिश रहती है कि मेरे आसपास शांति रहे. वे हाउस हेल्प से लेकर परिवार सभी के लिए बहुत ही केयरिंग स्वभाव के है. सभी को सम्मान करते है.

अलग कहानी है पसंद

ऋचा और अली के प्रोडक्शन हाउस में भी कई अच्छी और अलग तरीके की फिल्में बनाने के बारें में दोनों ने सोचा है. ऋचा का कहना है कि मैँ एक म्यूजिकल कमर्शियल फिल्मइस साल रिलीज करनेवाली हूँ, जिसमें कई अच्छे – अच्छे गाने है. हम दोनों को अलग तरह की कहानी कहने में अच्छा लगता है.

किये संघर्ष

आउट्साइडर होने के बावजूद ऋचा ने अच्छा काम किया है और वह जानती है कि एक आउट्साइडर को काम मिलना बहुत मुश्किल होता है, अपने प्रोडक्शन हाउस में नए और आउट्साइडर को काम देने को लेकर सवाल पूछने परऋचा कहती है किस्टोरी की डिमांड के आधार पर मैँ फिल्में बनाना चाहती हूँ. निर्माता के रूप में मेरी पहली फिल्म में मैंने ऑडिशन के द्वारा ही आर्टिस्ट लिए है. कमर्शियल फिल्मों में आने के लिए मुझे खुद को बहुत ग्रूमिंग करनी पड़ी थी, क्योंकि मैं एक साधारण लड़की थी और थिएटर बैकग्राउंड से आई थी. मैं फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ को सबकुछ मानती हूँ जो मुझे यहाँ तक ले आयी. ओये लकी लकी ओय के बाद मैंने कुछ दिनों के लिए फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था और थिएटर करने चली गयी थी,लेकिन कभी वित्तीय रूप से उसपर ध्यान नहीं दिया था कि पैसे के लिए फिल्मों में सफल होना जरुरी है. मैंने उस समय कई विज्ञापनों में भी काम किया. ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ के बाद मैंने पूरी तरह से फिल्मों को अपनाया है.

दिए कई ऑडिशन्स

ऋचा आगे कहती है कि मैँ भी शुरू में ऑडिशन के द्वारा ही इंडस्ट्री में आई थी, मुझे इसकी वैल्यू पता है और लोग कैसे धीरे – धीरे ग्रो करते है, वह भी काफी निर्देशकों के साथ काम कर सीख चुकी हूँ. प्रतिभा तो मैँ हमेशा ही ढूँढूँगी, लेकिन अगर कोई प्रोजेक्ट बड़ा है और किसी बड़े आर्टिस्ट की जरूरत है, तो उन्हें भी मैँ अप्रोच अवश्य करूंगी. जैसा कि निर्देशक संजय लीला भंसाली ने हीरामंडी में अभिनेत्री मनीषा कोइराला को लिया, क्योंकि वह काफी दिनों तक काम न करने पर भी उस चरित्र में फिट थी और उन्होंने अच्छा काम किया. ऐसा सभी निर्माता, निर्देशक को करना पड़ता है.

जल्दी लौटना है काम पर

डिलीवरी के बाद आज की एक्ट्रेस आधिकतर जल्दी काम पर लौट आ रही है, आपकी इच्छा क्या है? मेरे लिए अभी ये बताना मुश्किल है, लेकिन अगर सबकुछ ठीक रहा तो मैँ अवश्य काम पर जल्दी लौटूँगी, क्योंकि इसमें सबसे जरूरी होता है, सपोर्ट सिस्टम का सही होना, जिसमें परिवार और आसपास के सभी के सहयोग होने पर जल्दी काम पर लौटना संभव होता है.

क्रियेटिविटी पर राजनीति ठीक नहीं

ऋचा कहती है कि आज हर चीज पर राजनीति हो रही है. गानों,फिल्मों,गीतों, नाम पर,पेड़ पक्षी आदि सभी पर किसी न किसी रूप में राजनीति किया जा रहा है. राजनीति ने किसी चीज को छोड़ा नहीं है. आजकल लोग बातचीत करने की कोई गुंजाईश नहीं रखते. हर कोई अपनी बात कहकर उसे ही सही प्रूव करने की कोशिश में लगा हुआ है,लेकिन इसे सुलझाने का एक तरीका भी है और इससे हमारे देश की नेताओं को समझना होगा,जिन्हें वोट देकर जनता अपनाप्रतिनिधि बनाती है. आप मालिक नहीं, ‘पब्लिक सर्वेंट’ है और किसी भी समस्या को सुलझाना ही आपका काम है.

मैं दिल्ली में पली बड़ी हूँ ,लेकिन मैंने दिल्ली में कभी ऐसी हवा नहीं देखी, जो आज है, इतना पोल्यूशन और गर्मी बढ़ी है कि लोगो को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, पर इसे सुलझाया नहीं जाता. आजकल न्यूज़ भी उन चीजो को कवर करती है जिसका दैनिक जीवन से कोई सरोकार नहीं होता,जैसे किसने किसको चांटा मारा, किसने किसको क्या कहा आदि ये सारी न्यूज़ लोगों को सही मुद्दे से बहकाने के काम आती है.सब जानते है कि असलियत क्या है. माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि कोई कुछ बोले, तो उसे डराया और धमकाया जाता है.कुछ को तो जान से भी मार दिया जाता है.ये सभी के लिए सोचने वाली बात है.

 

प्यारी गलती: अनवर की जिंदगी में कौन थी वह औरत

निक्की जानती थी कि वह अनवर की उपेक्षा करती रहती है. मगर इस से वह दूसरी शादी कर लेगा उसे उम्मीद भी नहीं थी. वह उस औरत से मिलना चाहती थी और जब मिली तो उस के पैरों तले जमीन खिसक गई…

‘‘अरे, तुम कब आए?’’ जब वह नीलो के घर से वापस आई तो साजिद को देख कर उस से पूछ बैठी.

‘‘आं…’’ उस की बात सुन कर साजिद कुछ इस तरह चौंक पड़ा जैसे उस ने उस की कोई चोरी पकड़ ली हो.

‘‘बस अभीअभी…’’

‘‘तुम इतने घबरा क्यों रहे हो?’’ वह उल?ान में पड़ गई, ‘‘बात क्या है?’’

‘‘नहीं, कुछ भी तो नहीं,’’ साजिद बोला.

‘‘तुम्हारे दूल्हा भाई मिले थे?’’ उस का माथा ठनका.

‘‘हां,’’ कह कर साजिद ने सिर ?ाका लिया.

‘‘क्या कहा?’’ उस ने पूछा तो साजिद कुछ देर मौन रहा, फिर धीरे से बोला, ‘‘कुछ नहीं.’’

‘‘सज्जो,’’ वह बोली, ‘‘लगता है, तुम मु?ा से कुछ छिपा रहे हो. बात क्या है? मु?ा से साफसाफ कहो न.’’

‘‘तुम सुन नहीं सकोगी, बाजी,’’ साजिद ने गंभीर स्वर में कहा तो उस का भी मन धड़क उठा और उसे विश्वास हो गया कि जरूर कहीं कुछ गड़बड़ है.

‘‘मु?ा से साफसाफ कहो, क्या बात हुई?’’ उस ने बड़ी मुश्किल से कहा.

‘‘दूल्हा भाई रास्ते में मिले थे,’’ साजिद बोला, ‘‘उन के साथ एक लड़की थी. उन्होंने बड़ी बेरुखी से बात की और कहा, जा कर अपनी बाजी से कह दो, अब मु?ो उस की कोई जरूरत नहीं है, मैं ने दूसरा निकाह कर लिया है. यह मेरी दूसरी बीवी है…’’

‘‘नहीं,’’ साजिद की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि  वह चीख उठी और पागलों की तरह बड़बड़ाने लगी, ‘‘यह नहीं हो सकता, यह नहीं हो सकता.’’

‘‘यह सच है, बाजी,’’ साजिद भर्राए स्वर में बोला, ‘‘उन के साथ जो लड़की थी उस ने स्वयं यह स्वीकार किया और मु?ा से कहा कि अपनी बहन से कह दो कि वह भूल कर भी वापस आने का प्रयत्न न करे. कुछ दिनों बाद उसे तलाकनामा मिल जाएगा व सारे संबंध टूट जाएंगे और यह कह कर दोनों हंसने लगे.’’

उस की आंखों से आंसुओं की एक बाढ़ उमड़ पड़ी. उस का मन तो चाह रहा था कि वह फूटफूट कर रोए परंतु उस ने स्वयं पर संयम रखा क्योंकि वह सोचने लगी कि यह बात यदि अम्मी या अब्बा को मालूम हो गई तो कयामत आ जाएगी.

‘‘सुनो,’’ वह साजिद से बोली, ‘‘घर में इस बात का पता नहीं चलना चाहिए,’’ कहती हुई वह तेजी से अपने कमरे में आ गई. पलंग पर गिरते ही उस का मन भर आया और वह फूटफूट कर रोने लगी.

आंसू कुछ इस तेजी से बह रहे थे कि कुछ देर में ही तकिए का गिलाफ गीला हो गया. सिर दर्द से फटा जा रहा था. बस एक ही प्रश्न मस्तिष्क में नाच रहा था, ‘अनवर ने ऐसा क्यों किया, अनवर ने ऐसा क्यों किया?’

इस बारे में सोचती तो आंखों के सामने अनवर का अंतिम कौयस मैसेज बजने लग जाता, जो कुछ दिन पहले ही उसे मिला था.

व्हाट्सऐप मैसेज में अनवर ने कहा, ‘‘निक्की मैं अपनी गलती को स्वीकार कर चुका हूं और तुम से क्षमा भी मांग चुका हूं परंतु फिर भी तुम्हारा यह व्यवहार मेरी सम?ा में नहीं आ रहा है. मैं तुम्हें इतनी जिद्दी तो नहीं सम?ाता था और फिर इस जिद से लाभ भी क्या? मेरे समय से न आने को मेरी जिद न सम?ो. यह मेरी मजबूरी है. दफ्तर में इतना काम है कि 4-4 घंटे ज्यादा काम करना पड़ता है. जब 1 घंटे की छुट्टी लेना भी मुशकिल है तो तुम्हें लेने आने के लिए 2 दिन का समय निकालना तो असंभव ही है.

‘‘तुम जानती हो, मैं एक क्षण भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. तुम्हारे बिना मेरे सारे काम अधूरे हैं. ये 6 महीने मैं ने किस तरह बिताए हैं, मैं ही जानता हूं. इसलिए अब तो मु?ा पर दया करो. यह जिद छोड़ो और चली आओ.

‘‘यदि तुम 2 दिन के भीतर नहीं आई तो सुन लो, मैं दूसरा निकाह कर लूंगा क्योंकि अब किसी साथी के बिना जीवन गुजारना दुश्वार हो गया है.’’

पत्र पढ़ कर उस का मन धड़क उठा. उस ने अपनी जिद तोड़ देने का

निर्णय ले लिया. परंतु फिर उसे लगा अनवर के पत्र में छलकपट छिपा है. उसे यह भी लगा कि जब वह लौट कर जाएगी तो अनवर उसे अपनी हार नहीं मानेगा बल्कि उस की हंसी उड़ाएगा और कहेगा कि आखिर आना ही पड़ा न? बहुत कहती थीं जब तक तुम नहीं आओगे, मैं नहीं आऊंगी और यही सोच कर उस ने जाने का विचार छोड़ दिया.

उसे अनवर के दूसरे विवाह की बात तो धमकी ही लगी थी. वह उसे इतना चाहता था कि उस से सारे संबंध तोड़ लेने की कल्पना भी नहीं कर सकता था. फिर भला दूसरा विवाह? यह तो असंभव था.

उसे सचमुच इस बात पर विश्वास नहीं हुआ कि अनवर ने दूसरा विवाह कर लिया है. कुछ सोच कर वह  उठी, अपने आंसू पोंछे और साजिद को आवाज दी.

साजिद आया तो उस ने पूछा, ‘‘साजिद, कहीं उन्होंने तुम से मजाक तो नहीं किया है?’’

‘‘बाजी, पहले मैं ने भी यही सोचा था कि वे मजाक कर रहे होंगे, अपनी शंका दूर करने के लिए मैं ने छिप कर उन का पीछा किया. वे दोनों तुम्हारे घर गए और फिर रात में भी वह लड़की घर से बाहर नहीं आई.’’

साजिद की इस बात ने उसे भीतर से तोड़ डाला, ‘तो क्या सचमुच अनवर ने दूसरा विवाह कर लिया?’ वह सोचने लगी. फिर उस का ध्यान साजिद की ओर गया और वह उस से बोली, ‘‘अच्छा, अब तुम जाओ,’’ उस ने कहा तो साजिद चला गया.

साजिद के जाते ही उस की आंखों से फिर आंसू बहने लगे. उस का मन कहने लगा, ‘ऐसी स्थिति में अनवर दूसरा विवाह नहीं करता तो फिर क्या करता?’ सचमुच अनवर को एक सहारे की जरूरत थी. वही तो उस का सहारा थी. जब वही उस से दूर हो गई तो फिर वह क्या करता? खानेपीने का कष्ट… दफ्तर देखे या घर… वह थी तो पूरी तरह घर संभाल लेती थी. उस के अनवर के जीवन से निकल जाने से जो कमी पैदा हो गई थी, अनवर ने वह कमी दूसरा विवाह कर के पूरी कर ली है. तो फिर क्या अनवर की सारी बातें… वह प्यार सब ?ाठ था?’

विवाह की पहली रात अनवर ने उस से कहा था, ‘निक्की, मैं एक दफ्तर में एक साधारण से पद पर नियुक्त हूं. मेरा दुनिया में कोई नहीं है. मैं सिर्फ तुम्हें एक छोटा सा घर दे सकता हूं और वह छोटा सा घर यह है. मैं तुम्हें इस से अधिक और कुछ नहीं दे सकता.

वह अनवर की बात का क्या उत्तर दे, उस की सम?ा में नहीं आ रहा था. लज्जा से सिमटी वह सिर ?ाकाए बैठी रही और अनवर गुनगुनाने लगा …

‘‘सोना न चांदी न कोई महल जानेमन मैं तुम्हें दे सकूंगा, दे सका तो मैं तु?ो एक छोटा सा घर दूंगा जब शाम लौट आऊंगा हंसती हुई तू मिलेगी मिट जाएंगी सारी सोचें बांहों में जब तू खिलेगी छुट्टी का दिन जब होगा हम खूब घूमा करेंगे, दिनरात होंठों पर अपनी चाहतों के गुल खिलेंगे, बेचैन 2 दिल मिलेंगे गरमी में जा कर पहाड़ों पर हम गीत गाया करेंगे, सर्दी में छिप के लिहाफों में किस्से सुनाया करेंगे, रुत आएगी जब बहारों की फूलों की माला बुनेंगे, जा कर समंदर पर दोनों सपनों के मोती चुनेंगे, लहरों की पायल सुनेंगे, तनखा मैं जब ले कर आऊंगा तेरे ही हाथों में दूंगा, जब खर्च होंगे वे पैसे मैं तु?ा से ?ागड़ा करूंगा, फिर ऐसा होगा तू मु?ा से कुछ देर रूठी रहेगी, सोचेगी जब अपने दिल में तू मुसकराती बढ़ेगी आ कर गले से लगेगी.’’

अनवर गा रहा था और उस की आंखों में तरहतरह के सपने नाच रहे थे. अनवर ने अपने प्रेम, अपनत्व, सपनों, अभिलाषाओं की अभिव्यक्ति उस सुंदर से गीत द्वारा कर दी थी और वह गदगद हो उठी थी.

उस के बाद अनवर अकसर वह गीत गाता रहता था. उस गीत को सुन कर वह खो जाती थी और उस का मन चाहता था, अनवर इसी तरह वह गीत गाता रहे और वह सुनती रहे.

अनवर ने उसे सोनाचांदी या महल नहीं दिया था, एक छोटा सा घर दिया था और वे अपने उस छोटे से संसार में एकदूसरे के प्यार में खोए बहुत खुश थे.

छुट्टी के दिन दोनों खूब घूमते थे. कहीं दूसरे शहर चले जाते थे और एकांत में गुजरे वे क्षण उसे अपने जीवन के अनमोल क्षण प्रतीत होते थे. सचमुच अनवर सारा वेतन उस के हाथ में ला कर रख देता था और उसे सारा खर्च चला कर भी बहुत कुछ बचाना होता था. इस पर कभीकभी दोनों में प्यार भरी नोक?ोंक हो ही जाती थी.

दिन इसी तरह बीत रहे थे. एक दिन उस के अब्बा उस से मिलने आए. अब्बा 1-2 दिन उन के यहां रहे. एक दिन शाम अनवर दफ्तर से आया तो आते ही उस पर बरस पड़ा, ‘‘तुम्हारे अब्बा अपने आप को क्या सम?ाते हैं? उन्होंने मेरा अपमान किया है. अब वे एक क्षण भी यहां नहीं रह सकते…’’

‘‘मैं स्वयं यहां रहना नहीं चाहता हूं,’’ इस से पहले कि  वह कुछ सम?ा पाती, अब्बा आ गए और बोले, ‘‘सचाई सामने आ गई तो धमकाने लगे हो. मैं तुम्हें ऐसा नहीं सम?ाता था. मेरी बेटी भोली है. वह तुम्हारी चालों को क्या सम?ो कि तुम उस के साथ क्या नाटक खेल रहे हो.’’

उस की तो सम?ा में ही कुछ नहीं आ रहा था परंतु अब्बा के मुंह से ऐसी

बातें सुन कर अनवर को क्रोध आ गया और उस ने कुछ ऐसी बातें कीं, जिन से उसे भी अपने अब्बा का अपमान अनुभव होने लगा.

स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए उस ने वास्तविकता जानने का प्रयत्न किया तो अनवर ने बताया कि वह अपने दफ्तर में काम करने वाली एक लड़की रीता के साथ बैठा एक रेस्तरां में चाय पी रहा था कि उस के अब्बा आ गए और दोनों पर तरहतरह के आरोप लगा कर उसे अपमानित करने लगे.

अब्बा बताने लगे कि वे आरोप नहीं वास्तविकता थी. अनवर के रीता से संबंध हैं. वे उसी मुद्रा में बैठे बातें कर रहे थे.

वह सम?ा गई कि वास्तव में दोनों ने एकदूसरे को गलत सम?ा है परंतु दोनों अपनी गलती स्वीकार करने को तैयार नहीं.

उस ने अनवर को सम?ाया कि अब्बा पुराने विचारों के हैं. उन्हें यदि वह सम?ा देता कि ऐसी कोई बात नहीं है तो वे अपनी भूल सम?ा जाते परंतु उन्हें बजाय सम?ाने के उस ने ही विवाद बढ़ाया. गलती उस की ही है, इसलिए वह अब्बा से क्षमा मांग कर इस विवाद को यहीं समाप्त कर दे, वह स्वयं अब्बा को सब सम?ा देगी.

मगर वह नहीं माना. अब्बा तो एक क्षण भी रुकने को तैयार नहीं थे. अंत में उस ने भी अपना निर्णय सुना दिया कि यदि अनवर ने क्षमा नहीं मांगी तो वह इस घर में नहीं रहेगी.

इस पर अनवर ने कह दिया कि उसे उस की कोई आवश्यकता नहीं है और क्रोध में भरी वह  अब्बा के साथ मायके चली आई.

कुछ दिन गुजरे तो अनवर को अपनी गलती का एहसास हुआ. उस ने उस से क्षमा मांगते हुए वापस आने के लिए फोन किया परंतु वह अपनी जिद पर अड़ गई. उस ने जवाब दिया कि जब तक अनवर स्वयं आ कर उसे नहीं ले जाएगा

और अब्बा से क्षमा नहीं मांगेगा, वह वापस नहीं आ सकती.

अनवर का एक ही उत्तर था कि उस में उस के अब्बा से नजर मिलाने की शक्ति नहीं है, अपने व्यवहार पर वह लज्जित है. इसलिए बात बन नहीं सकी.

जहां तक रीता का सवाल था, वह जानती थी कि अब्बा ने दोनों को गलत सम?ा है.

दोनों एक ही दफ्तर में काम करते हैं, इसलिए साथसाथ चाय पीने आ गए होंगे. पुराने विचारों वाले अब्बा उन के हंसीमजाक को कुछ और ही सम?ा बैठे. अनवर तो उस के सिवा किसी और की कल्पना भी नहीं कर सकता.

दूसरा मन कहता, ऐसा संभव भी है. उस की उपेक्षा के कारण अनवर ऐसा भी कर सकता है परंतु वह दूसरी स्त्री कौन हो सकती है, जिस से अनवर ने दूसरा विवाह किया?

वह रीता भी तो हो सकती है. उसे उत्तर मिल जाता. तभी उस के कानों में अनवर का गीत गूंजने लगता:

सोना न चांदी न कोई महल जानेमन मैं तु?ो दे सकूंगा…

अनवर ने उसे एक छोटा सा घर ही दिया था. फिर उसे क्यों छीन लिया? क्या अब वह कभी दफ्तर से आते अनवर का हंसते हुए इंतजार नहीं कर सकेगी? क्या वे कभी छुट्टियों के दिन कहीं घूम सकेंगे? क्या अनवर इस के बाद उस के हाथों में कभी वेतन के पैसे नहीं दे सकेगा? वह जितना भी इस बारे में सोचती, उस का और भी मन भर आता. उसे स्वयं से घृणा होने लगती. जो कुछ हुआ, उस के कारण ही हुआ. उस की जिद के कारण हुआ.

साजिद को एक काम के संबंध में उस के शहर जाना था. वह वहां हो कर आया था परंतु उसे पता नहीं था कि साजिद वहां से इतनी बुरी खबर लाएगा.

क्या किया जाए? वह सोच में पड़ गई. बहुत सोचने के बाद इसी निर्णय पर पहुंची कि वह स्वयं अनवर से जा कर इस संबंध में बात करेगी. आखिर उस ने क्यों दूसरा विवाह किया? उस में क्या कमी थी?

दूसरे दिन जब उस ने जाने की बात की तो अब्बा अजीब नजरों से उसे देखने लगे. उन्होंने उसे रोका नहीं. जब वह अपनी यात्रा कर रही थी तो मस्तिष्क में हजारों प्रश्न उत्पात मचा रहे थे. वह उन में कुछ ऐसी खोई हुई थी उसे अपने चारों ओर की जरा भी खबर नहीं थी.

शाम होने पर वह अपने पति के घर पहुंची. उस का खयाल था कि अनवर दफ्तर से वापस आ गया होगा और घर पर ही मिलेगा. ‘यदि वह उस की सौत के साथ कहीं घूमने चला गया होगा तो?’ जब यह प्रश्न मस्तिष्क में उभरा तो उस के मन को एक आघात सा लगा और वह बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों में आंसू दबा सकी.

धड़कते दिल के साथ उस ने दरवाजा खटखटाया. दरवाजा खोलने वाली एक महिला ही थी. वह उसे ऊपर से नीचे तक देखती हुई बोली, ‘‘आखिर आप आ ही गईं परंतु अब कोई लाभ नहीं. अब तुम्हारा इस घर पर और अनवर पर कोई अधिकार नहीं है. अब इस की मालकिन अनवर की दूसरी बीवी है.’’

‘‘भाभी,’’ उस की बात सुन कर उस की आंखों में आंसू आ गए, ‘‘तुम भी ऐसा कह रही हो?’’

‘‘हां,’’ वह बोली, ‘‘अनवर, देखो मेरी सौत और तुम्हारी पहली बीवी आई हैं.’’

‘‘आया भाभी,’’ भीतर से आवाज आई और वह भी आ खड़ा हुआ.

दोनों ने एकदूसरे को देखा और फिर जोर से हंस पड़े.

उस की सम?ा में कुछ नहीं आया.

‘‘तो, भाभी, चाल सफल रही,’’ अनवर बोला, ‘‘साजिद सचमुच तुम्हें पहचान नहीं सका और उस ने हमारी बातों पर विश्वास करते हुए तुम्हें मेरी दूसरी पत्नी सम?ा और मुहतरमा को सब बता दिया. तभी तो वह दौड़ीदौड़ी आई.’’

यह सुनते ही उस के मस्तिष्क को एक ?ाटका लगा, दोनों हंसने लगे तो वह ?ोंप गई

और उस ने अपना सिर ?ाका लिया.

‘‘क्यों, निक्की,’’ भाभी बोली, ‘‘तुम ने यह कैसे सम?ा लिया कि अनवर तुम्हारे होते हुए किसी और से विवाह कर सकता है? मैं तुम से मिलने यहां आई तो अनवर ने सारी बातें बताईं. इसी बीच साजिद नजर आ गया और तुम्हें बुलाने के लिए हम ने यह चाल चली. वह नहीं जानता था कि मैं अनवर की भाभी हूं. मु?ो वह उस की दूसरी पत्नी ही सम?ा और तुम…’’ वह भी हंस पड़ी.

सचमुच साजिद भाभी को गलत सम?ा था. वह तो उस की देवरानी थी जो दूसरे शहर में रहती थी, जिसे साजिद पहचान नहीं सका. मगर साजिद की इस गलती के कारण उसे अपनी गलती सुधारने का अवसर मिल गया. उस ने अनवर की ओर देखा. साजिद की कितनी प्यारी गलती थी. वह चंचल दृष्टि से उसे देख रहा था जैसे गा रहा हो:

सोना न चांदी न कोई महल…

 

Summer Tips: गरमी चुरा ना ले स्किन की रंगत

गर्मियों में सूर्य से निकलने वाली ,पराबैंगनी किरणें स्किन के लिए काफी नुकसानदायक होती हैं.बहुत देर तक धूप में रहने से स्किन जल जाती है और शरीर पर काले धब्बे पड़ जाते हैं. धूप का प्रभाव हाथ गर्दन और चेहरे पर पड़ता है ,क्योंकि यह अंग हमेशा खुले रहते हैं. देखभाल के बाद भी स्किन झुलस जाए तो, स्वयं उपचार ना करके स्किन विशेषज्ञ से राय लें.

1.  गरमी के कुप्रभावों से बचने के लिए, किसी नामी ब्रांड के साबुन से नहाएं.

2. सूती वस्त्रों को पहने और ऐसे परिधानों का चुनाव करें, जिनसे आपका पूरा शरीर ढका रहे.

3. कपड़े रोज बदले. उनसे पसीने की बदबू नहीं आनी चाहिए.

4. घर से बाहर निकलते समय छतरी का इस्तेमाल करना चाहिए. दिन में दो बार नहाना चाहिए.5. दिन में दो बार सन ब्लॉक क्रीम का प्रयोग करें. यह क्रीम सूर्य की किरणों से स्किन की रक्षा करती है.

6. सन प्रोटेक्ट/ब्लौक क्रीम खरीदते समय सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानि एस पी एफ की जांच करें.

7. सन प्रोटेक्शन का एसपीएफ 15 होना चाहिए.इस क्रीम से सूर्य की किरणों से होने वाली हानि 15% तक कम हो जाती है.

परिधानों का चुनाव

8. गर्मियों में हल्के रंग के कपड़े पहने. जो दोपहर में भी सॉफ्ट लुक दे सके.

9. बहुत अधिक चुस्त कपड़े नहीं पहने. टॉप या कोई भी ऐसी पोशाक, जो शरीर के ऊपर वाले हिस्से में पहनी जाती है. वह हल्के  कलर में हो. पैंट या स्कर्ट भले ही गहरे रंग की हो. सुबह से शाम तक काम करना हो तो सूती वस्त्र धारण करें. मेकअप कम से कम इस्तेमाल करें.

10. गर्मियों के लिए सबसे अच्छे फैब्रिक जॉर्जेट ; शिफॉन और क्रेप हैं. फ्लोरल और पोलका प्रिंटस कूल कूल लुक देते हैं. आप रात की पार्टी में जा रही हैं तो, ब्राइट कलर जैसे संतरी, चेरी लाल,   चमकता पीला पहन सकती हैं. यह ब्राइट कलर हैं.

11.  गर्मियों में कुरता फैशन में होता है. जिस पर कैप  बाजू ,लेअर्ड  बाजू , पाक वाली छोटी बाजू अच्छी लगती है. इन कुर्तों में बोट गला,  छोटा वी  गला और गोल गला सिलवा सकती हैं या सिला सिलाया  खरीद सकती हैं. आप पर यह खिलेंगे और ठंडक का अहसास भी दिलाएंगे.

12. गर्मियों में कुर्तियां अधिक पसंद की जाती हैं. पुरुषों के लिए शार्ट कुर्तियां अच्छी रहती हैं. सफेद, वेज, स्टोन और ग्रीन कलर की कुर्तियां ठंडक का अहसास कराती हैं. महिलाओं के लिए भी शार्ट कुर्तियां फैशन में हैं. हल्का हरा, हल्का नीला, सफेद, क्रीम, आसमानी, लेमन व स्टोन कलर में चुनाव करें. यह कुर्तियां;  जींस व ट्राउजर, दोनों के साथ ही जंचती है.

13. ग्रेस फुल दिखने की इच्छा,  रखने वालों के लिए शिफान से बढ़िया, कोई दूसरा का फैब्रिक नहीं है. महिलाएं वह लड़कियां शिफॉन के टॉप, साड़ियां पहनकर गर्मी में ठंडक का अहसास कर सकती हैं.

14. गर्मियों का एक और ;बेहतरीन फैब्रिक है; लिनेन. लिनेन का क्रिस्पी होना, इस फैब्रिक को खास बना देता है. इस में पड़े रिंकल्स  इसे और भी अधिक अच्छा लुक देते हैं.इस पर इस्त्री करने की भी जरुरत नहीं पड़ती है. इसे कैजुअल तो पहन भी सकती हैं,  खास मौकों के  लिए भी लिनेन की पोशाक का चुनाव कर सकती हैं.

15. डेनिम फैब्रिक्स का राजा है. इस का मौसम के अनुकूल होना ही,  इसकी विशेषता है.मोटे डैनिम वजाय गर्मियों में पतला डेनिम ही पहने.

16.  पोशाकों के साथ -साथ ही जूते, घड़ी ,बेल्ट, पर्स, गहने,  आकर्षक डिजाइनों के मोबाइल फोन आदि का भी चुनाव करें,  क्योंकि फैशन केवल परिधानों तक ही सीमित नहीं है.

ऐसे पाएं कूलर की उमस से छुटकारा

गरमी के दिनों कूलर का इस्तेमाल करते हैं, मगर गरमी से राहत नहीं मिलती तो जरा यह भी जान लीजिए…

मई के महीने में ही गरमी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए. आएदिन तापमान में बढ़त देखने को मिल रही है. चिलचिलाती गरमी में अपना बचाव करना बेहद जरूरी है. गरमी से बचने के लिए जितना ज्यादा हो सके लोग घरों में ही रहना पसंद करते हैं।

जिन लोगों के पास एसी है उन के लिए इस गरमी को झेलना कोई ज्यादा मुश्किलभरा काम नहीं है, लेकिन जिन के पास एसी नहीं है वे कूलर से ही अपना गुजारा कर रहे हैं.

मगर क्या आप को मालूम है कि कूलर के इस्तेमाल से गरमी कम नहीं होती बल्कि उमस और ज्यादा बढ़ जाती है. गरमियों में कई बार ऐसा भी होता है कि उमस की वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

आइए, आज हम आप को कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिन के जरीए कूलर से होने वाली उमस से छुटकारा पाया जा सकता है :

कूलर के लिए चुनें सही जगह

कमरे में कूलर रखने से उमस और सफोगेशन बढ़ जाती है. इन से बचने के लिए कूलर को कमरे के अंदर नहीं बल्कि खिड़की या दरवाजे के पास लगाएं. पर्याप्त वैंटिलेशन से ही आप गरमी में उमस की परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं.

दरअसल, कूलर विज्ञान के वाष्पीकरण के सिद्धांत पर काम करता है, जिस का मतलब है कि जितनी ज्यादा गरम हवा अंदर आएगी उतनी ही जल्दी और तेजी से वाष्पीकरण होगा. इस का फायदा यह होगा कि इस से कमरे की हवा ठंडी हो जाएगी. इसलिए एअर कूलर को खिड़की के पास रखना सब से बेहतर जगह माना जाता है.

कमरे में रखें पर्याप्त वैंटिलेशन

अगर आप गरमी से बचने के लिए कूलर को अपने बैड के पास लगा कर सोते हैं और यह सोचते हैं कि इस से आप के बैड के आसपास का एरिया ठंडा रहेगा और आप सुकून भरी नींद ले पाएंगे, तो आप को गलतफहमी है. बंद कमरे में कूलर का इस्तेमाल ह्यूमिडिटी को बढ़ाता है.

इस से बचने के लिए आप घर की खिड़कियां खुली रखें. ऐसा करने से ह्यूमिडिटी बढ़ने का खतरा नहीं रहता.

कूलर में पानी भर कर रखें

अगर आप चाहते हैं कि रात को सोते समय आप पसीने से तरबतर न हों तो आप को कूलर के अंदर पानी भर कर रखना होगा ताकि रात को आप को बारबार उठना न पड़े. कूलर की ठंडी हवा का संबंध हवा और पानी पर निर्भर करता है. अगर आप चाहते हैं कि आप का कमरा गरमी के दिनों में भी ठंडा रहे तो आप कूलर में समयसमय पर पानी भरते रहें. याद रखें, कूलर में साफ पानी होगा तभी ठंडी हवा आएगी.

*बर्फ डालें*

अगर आप कूलर में पानी डालने के साथसाथ उस में कुछ बर्फ के टुकड़े डालेंगे तो कमरे की हवा बेहद ठंडी हो जाएगी. बाजार में ज्यादातर एअर कूलर अब आइस चैंबर के साथ आते हैं. इस तरह के कूलर में जैसे ही आप चैंबर में बर्फ डालेंगे वैसे ही कमरे का तापमान तेजी से कम होने लगेगा.

अगर आप का कूलर पुराना है तो आप उस में बर्फ के टुकड़े डाल सकते हैं. ऐसा करने से आप का कमरा कूलकूल हो जाएगा.

कूलर को फुलस्पीड पर चलाएं

बढ़ती गरमी की वजह से आप को कूलर को हाई स्पीड पर चलाना होगा और यह सही भी है क्योंकि कम स्पीड पर कूलर चलाने से कमरे में मौजूद उमस कम नहीं होगी जबकि हाई या फुलस्पीड पर कूलर चलाने से कमरे की उमस धीरेधीरे कम हो जाएगी.

अगर कमरे में ऐग्जौस्ट फैन लगा हुआ है तो कूलर के साथसाथ इसे भी चला दें. इस से कमरे की गरम हवा बाहर निकल जाएगी.

पंखा चलाकर उमस को भगाएं दूर

अगर कूलर कमरे के बाहर नहीं रखा गया है तो कमरे में कूलर होने की वजह से उमस बनी रहेगी. ऐसी स्थिति में कमरे में मौजूद पंखा जरूर चलाएं. साथ ही खिड़कियों को भी खोल दें. इस से कमरे में वैंटिलेशन की दिक्कत नहीं होगी.

इन तरीकों के अलावा आप कमरे को गीला कर के रखें। परदों को हलका गीला कर घर में पोंछा भी लगाएं। इस से कमरे में ठंडक बनी रहेगी.

एअर फ्रैशनर का इस्तेमाल करें

कमरे को खुशबूदार रखने के लिए एअर फ्रैशनर का भी इस्तेमाल करें। बाजार में गोदरेज, ओडोनील, एमबी प्लोर, सोलफ्रेश, एअर प्रो, लीया रूम आदि कई फ्रैशनर मौजूद हैं. इन के इस्तेमाल से आप को गरमी और उमस से राहत तो मिलेगी ही, घर भी महकामहका रहेगा।
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आईपीएल में केकेआर का जलवा शाहरुख हुए दीवाने

बौलीवुड में एक से बढ़ कर एक हिट फिल्म देने वाले शाहरुख खान की टीम केकेआर ने फाइनल मुकाबला जीत लिया है। उन्होंने पूरी टीम सहित न सिर्फ जश्न मनाया, पुराना पोज रिक्रिऐट करते भी दिखे…

आईपीएल के फाइनल मैच में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की शानदार जीत के बाद शाहरुख और गौरी ने ट्रौफी के साथ पोज किया. दोनों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी. टीम ने सनराइजर्स हैदराबाद को हरा कर ट्रौफी अपने नाम की.
शानदार जीत के बाद शाहरुख ने टीम के कप्तान गौतम गंभीर के माथे को चूम लिया. जीत के बाद शाहरुख पूरे परिवार के साथ ग्राउंड पर खुशियां मनाते नजर आए. सभी लोग जश्न मनाने के मूड में दिख रहे थे.

रिंकू भी छाए रहे

आप को बता दें कि आखिरी मैच चैन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया था. केकेआर की जीत के बाद पूरे ग्राउंड में चारों ओर शोर मचने लगा और तालियों की गड़गड़ाहट से ग्राउंड सराबोर हो गया.
केकेआर के सदस्य रिंकू सिंह भी काफी खुश नजर आए। ट्रौफी जीत कर उन्होंने कहा कि उन का आईपीएल की ट्रौफी जीतने का सपना पूरा हुआ अब वे वर्ल्ड कप जीतना चाहते हैं.
उन्होंने खुशी में ट्रौफी को हग कर लिया. आईपीएल में 7 सालों से रिंकू केकेआर के लिए खेल रहे हैं.

भावुक हुआ शाहरुख का परिवार

इस शानदार जीत के बाद शाहरुख ही नहीं, उन के परिवार का हर सदस्य भावुक हो गया. सुहाना ने पापा को गले लगा कर बधाई दी और इस दौरान सुहाना भी इमोशनल हो गई थीं. जीत के बाद सब लोग परिवार सहित शाहरुख के साथ ग्राउंड पर ही उतर आए और हर किसी के चेहरे पर खुशी साफसाफ झलक रही थी. हालांकि गंभीर 24 रन बना कर ही आउट हो गए.

तीसरी बार जीती ट्रौफी

दरअसल, शाहरुख की टीम केकेआर ने तीसरी बार ट्रौफी जीती है. केकेआर के बौलर मिचेल स्टार्क ने सब से पहले अभिषेक शर्मा को बोल्ड कर दिया जो मैच का एक रोमांचक मोड़ था.
हैदराबाद के कप्तान पैट कमिंस ने फाइनल मैच में में टौस जीत लिया था और पहले बैटिंग करने का फैसला लिया. पूरे सीजन में हैदराबाद की टीम के लिए उन की बैटिंग ताकत और कमजोरी रही. फाइनल में कमिंस का बैटिंग करने का निर्णय बेकार साबित हुआ और उन की स्ट्रैटेजी कामयाब नहीं हुई.

 

 

 

 

मां की मौत के बाद अंधविश्वासी हो गई थी: जाह्नवी कपूर

कम समय में ही अपनी खूबसूरती व अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली जाह्नवी कपूर से जानिए कुछ दिलचस्प बातें…

बौलीवुड में अंधविश्वास कोई नई बात नहीं है। निर्माता हों या निर्देशक या फिर ऐक्टरऐक्ट्रैस, फिल्म हिट हो, कैरियर चमके इस के लिए वे न सिर्फ मंदिरों में मत्था टेकते हैं, हवन व पूजापाठ के साथसाथ टोनेटोटके पर भी आंख मूंद कर विश्वास करते हैं।

अभी हाल ही में ऐक्ट्रैस जाह्नवी कपूर ने भी एक इंटरव्यू के दौरान माना कि वे अपनी मां श्रीदेवी की मौत के बाद अंधविश्वासी हो गई थीं और अंधविश्वासभरी बातों पर यकीन करने लगी थीं।

जब बदल गई सोच

जाह्नवी ने माना कि वे इन बातों पर विश्वास करने लगी थीं कि शुक्रवार को बाल नहीं काटने चाहिए, इस से लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती है. इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए वगैरा। मां की मौत के बाद जाह्नवी कुछ इस कदर परेशान हो गई थीं कि वे लोकपरलोक की बातों पर यकीन करने लगी थीं।
मीडिया से बातचीत में जाह्नवी ने बताया,”मेरी मां तिरुपति बालाजी में बहुत विश्वास करती थीं. वे नारायाणनारायण… का जाप भी  किया करती थीं. जब मां काम करती थीं तो अपने जन्मदिन के दिन आंध्र प्रदेश स्थित इसी मंदिर में जाया करती थीं. शादी के बाद हालांकि उन्होंने जाना बंद कर दिया लेकिन उन की मौत के बाद मैं अपनी मां के जन्मदिन पर वहां जाने लगी…”

 

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मां की याद में

जाह्नवी ने बताया कि मां के जाने के जब पहली बार वे इस मंदिर में गई थीं तो भावुक भी हो गई थीं. उन्होंने आगे बताया कि वे अब भी मां की मौत से उबर नहीं सकी हैं और हर समय उन्हें याद करती हैं.
उन्होंने बताया कि जब उन की पहली फिल्म ‘धड़क’ आई थी तो मां को गए ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन वे अपने दुख को काम की आड़ में छिपा रही थीं.
अब जाह्नवी हमेशा मां की अच्छी बातों को याद करती हैं. आज भी जब जाह्नवी इंटरव्यू देती हैं तो हमेशा उन को अपनी मां की याद आती है।

 

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अपने जमाने की मशहूर अदाकारा थीं श्रीदेवी

एक समय जाह्नवी की मां श्रीदेवी भारतीय सिनेमा की मशहूर अदाकारा हुआ करती थीं। सुरीली आवाज, खूबसूरती और शानदार अभिनय ने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। श्रीदेवी फिल्म ‘मवाली’, ‘जस्टिस चौधरी’, ‘तोहफा’, ‘कर्मा’, ‘जांबाज’ जैसी हिट फिल्मों में खुद को एक प्रमुख स्टार के रूप में स्थापित कर लिया था।

जल्द ही फिल्म में नजर आएंगी जाह्नवी

यों वर्कफ्रंट की बात करें तो जाह्नवी जल्द ही फिल्म ‘मिस्टर ऐंड मिसेज माही’ में नजर आएंगी. इस फिल्म में उन के साथ ऐक्टर राजकुमार राव लीड रोल में हैं. फिल्म रोमांटिक जैनरेशन वाली है और इस का निर्देशन शरण शर्मा ने किया है.  इस फिल्म की घोषणा साल 2021 में की गई थी, जो 31 मई, 2024 को रिलीज हो सकती है.

Health Tips: बदल डालें खाने की आदतें

हम अपने काम में अपने आप को इतना व्यस्त कर लेते हैं कि हम अकसर अपनी सेहत से समझौता कर बैठते हैं और हैल्दी रहने के लिए जिम जा कर पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं और सोचते हैं कि ये सब कर खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है आप चुस्त हो या दुरूस्त हो कितने ही हैल्थ कौंशस क्यों न हो फिर भी दुनियाभर की बीमारियां आप को घेर ही लेती हैं इसलिए सिर्फ स्वस्थ आहार या व्यायाम ही काफी नहीं है बल्कि इन के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट भी जरूरी हैं. क्योंकि हैल्दी ईटिंग हैबिट स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत जरूरी है. फिर भी हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि इन का क्या महत्व है या ये कौन सी आदते हैं, जिन्हें अपना कर वे स्वस्थ रह सकते हैं और अनचाही बीमारियों से अपने आप को दूर रख सकते हैं. अगर आप भी हैल्दी रहना चाहते हैं तो यह जानकारी आप ही के लिए है.

1. खानें पर दें ध्यान

आप जब भी खाना खाने बैठे तो इस बात पर ध्यान दें कि आप क्या खा रहें है और आप सब से अधिक क्या खाते हैं. क्या आप बहुत ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाते हैं और फिर इस कैलोरी को बर्न नहीं कर पाते हैं. तब आप को शायद कुछ ऐसा खाना चाहिए जो कम वसा वाला हो और आप का शरीर उसे आसानी से पचा ले. साथ ही हल्का खाना खाएं और तलेभुने खाने से दूर रहें. सलाद खाने पर ज्यादा जोर दें. स्प्राउट्स खाएं. अपने लिए हैल्दी फूड का प्लान बनाएं. 

2. पर्याप्त प्रोटीन लें

प्रोटीन शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं और इसे आहार में निश्चित रूप से शामिल किया जाना चाहिए. ब्रोकोली, सोयाबीन, दाल और पालक कुछ प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ हैं. कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं. वैसे तो आप के भोजन में लगभग

25% हिस्सा प्रोटीन होना ही चाहिए. लेकिन यदि आप प्रतिदिन व्यायाम करते हैं, तो 5% प्रोटीन बढ़ा दें.

3. खाना चबा कर खाएं

खाने को पचाने का सब से आसान तरीका है इसे चबा कर खाना. हम में से अधिकतर लोग खाने को जल्दी खाने के चक्कर में उसे सही ढंग से पचा नहीं पाते हैं. जिस वजह से आप का पाचनतंत्र थक जाता है. इसलिए खाने को कम से कम 30-35 बार चबाकर खाएं और इस हैल्दी ईटिंग हैबिग को जरूर अपनाएं.

4. हरी पत्तेदार सब्जियां चुनें

अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें क्योंकि ये प्रोटीन, आयरन, कैल्सियम और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां तैयार करना आसान है और ये खाने में काफी स्वादिष्ट भी होती हैं. अपने खाने में हर तरह के रंग की सब्जी को शामिल करें और कोशिश करें कि दिन में कम से कम एक बार सभी छह अलगअलग प्रकार के स्वाद (मीठा, नमकीन, खट्टा, कड़वा, तीखा, कसैला) अपने खाने में शामिल होने चाहिए.

5. ओवरईटिंग से बचें

जब भूख लगें तभी खाएं बिना भूख का खाना नुकसानदायक होता है और जब भूख लगे तो इतना खाना खाना चाहिए कि लगे कि बस अब पेट भरने वाला है. क्योंकि जहां ओवरईटिंग हुई वहीं पर मामला गड़बड़ हो जाता है. हम से अधिकतर लोग खाना खाते वक्त फोन या टीवी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें इस बात का ख्याल भी नहीं रहता है कि हम भूख से अधिक खा चुके हैं. ऐसे में यदि आप केवल अपने भोजन पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप केवल उतना ही खाएंगे जितना आप के शरीर को चाहिए. इसलिए, अगली बार जब भी आप खाने के लिए बैठें, तो रिमोट कंट्रोल और मोबाइल फोन को कुछ समय के लिए दूर ही रखें.

6. पाचन शक्ति बढ़ाएं

अगर आप को यह पता है कि क्या खाना चाहिए और कितना खाना आप के शरीर के लिए जरूरी है, तो आप की ये ईटिंग हैबिट आप की पाचन प्रक्त्रिया को बढ़ाने में मदद करती हैं. इस के अलावा आप कुछ ऐक्सरसाइज के जरिए भी इसे बढ़ा सकती हैं.

7. खाने में बदलाव जरूरी

बीमारियों से बचने के लिए अकसर लोग पौष्टिक आहार खाने की सलाह देते हैं, लेकिन शरीर में सभी पोषक तत्त्वों को पहुंचाने के लिए खाने को बदलबदल कर खाने की आदत को अपनाना जरूरी है. वैसे भी इस तरह से बदलबदल कर भोजन खाने से शरीर की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं और भोजन करने में स्वाद भी आता है.

8. नाश्ता करना न भूलें

आमतौर पर सुबह का समय बहुत व्यस्त होता है, जिस वजह से काम निपटाने के चक्कर में नाश्ता रह जाता है और खाने का समय हो जाता है. जबकि नाश्ता आप के लिए सब से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को पूरे दिन के लिए तैयार करता है. इसलिए कोशिश करें कि जब भी आप घर से बाहर कदम रखें तो नाश्ता कर के ही जाएं. साथ ही अपने मील टाइम को फिक्स करें.

9. सफेद चीजों को करें नजरअंदाज

इन में चीनी, नमक, दूध, मैदा, चावल सभी आते हैं. कोशिश करें इन को कम खाएं. नमक में सेंधा नमक का प्रयोग करें और अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं, तो 4 कप चाय पीते हैं, तो आप इसे घटा कर दिन में 3 बार पिएं जहां 1 चम्मच चीनी लेते हैं वहां आधा चम्मच चीनी डालें, इस से पहले की डाक्टर आप को ये सब बंद करने के लिए बोल दें तो आप खुद ही अपनी आदतों में बदलवा कर लें. वहीं सफेद चावल की जगह ब्राउल राइस खाएं. कोशिश करें मांड वाले चावल खाएं. मैदा से बनी चीज कम खाएं, इस के अलावा फुल क्रीम दूध की जगह डबल टोंड दूध पिएं.

10. ड्राइफ्रूट से न बढाएं दूरी

जिन लोगों को कोलेस्ट्रोल होता है वे अकसर सूखे मेवे खाने से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस में फैट होता है, जो उन के लिए नुकसानदायक हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि बादाम, अखरोट और पिस्ते में पाये जाने वाला फाइबर, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और विटामिंस बुरे कौलेस्ट्रौल को घटाता है और अच्छे कौलेस्ट्रौल को बढ़ाता है. इनमें मौजूद फाइबर आप को भूख नहीं लगने देते हैं. लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि तलेभुने सूखे मेवे खाने से बचें.

11. कौलेस्ट्रौल है, तो खानें में इन्हें करें शुमार

यह कौलेस्ट्रौल एक गंभीर समस्या है, जो हृदय रोग के साथ कई गंभीर बीमारियों को जन्म देती है, लेकिन अगर खाने की सही आदतों को अपनाया जाएं, तो इसे कम किया जा सकता है.

12. पानी पीने का ध्यान रखें

पानी के माध्यम से शरीर को महत्वपूर्ण मात्रा में खनिज प्रात होते हैं और शरीर डीटौक्सिफाई होता है जिस से आप की त्वचा पर निखार आता है. हालांकि, भोजन के दौरान पानी पीने से बचें क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है. इसलिए हमेशा कहा जाता है कि भोजन से 30 मिनट पहले या बाद में पानी पीना उचित है. लेकिन क्या आप को पता है कि सही तरीके से पानी पीना भी हैल्दी ईटिंग हैबिट में आता है. कोशिश करें कि सुबह उठते ही पानी पिएं क्योंकि सुबह की लार पाचन के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. सुबह पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और आप विभिन्न रोगों से बच जाते हैं.

13. ये लहसुन बड़ा असरदार

लहसुन जहां खाने के स्वाद को बढ़ाता है, वहीं यह कई गुणों से भरपूर भी है. इस में कई एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. साथ ही यह हाई ब्लडप्रेशर को भी नियंत्रित करता है.

14. सुपर हैल्दी हैं ओट्स

ब्रेकफास्ट में ओट्स को खाना सब से अच्छा माना जाता है क्योंकि यह एक हैल्दी फूड है, जो आपको भी हैल्दी रखता है. इसमें मौजूद बीटा ग्लूकौन नामक गाड़ा चिपचिपा तत्व हमारी आंतों की सफाई करते हुए कब्ज की समस्या दूर करता है. इस की वजह से शरीर में बुरा कौलेस्ट्रौल नहीं बढता है. इसलिए ओट्स जरूर खाना चाहिए.

15. छोटे से नींबू के बड़े कमाल

एक छोटा सा नींबू जहां सलाद, चटनी व दाल का स्वाद बढ़ाता है तो वहीं नींबू में कुछ ऐसे घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं, जो स्टमक (खाने की थैली) में ही बैड कौलेस्ट्रौल को रक्त प्रवाह में जाने से रोक देते हैं. ऐसे फलों में मौजूद विटमिन सी रक्तवाहिका नलियों की सफाई करता है. इस तरह बैड कौलेस्ट्रौल पाचन तंत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है. खट्टे फलों में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो मेटाबौलिज्म की प्रक्रिया तेज कर के कौलेस्ट्रौल घटाने में सहायक होते हैं.

Summer special:फैमिली के लिए बनाएं कैरी मकई ढोकला

अगर आप अपनी फैमिली के लिए कुछ टेस्टी, हेल्दी और नई डिश ट्राय करना चाहते हैं तो आज हम आपको ढोकले की खास रेसिपी बताएंगे. दरअसल आज हम आपको मक्के से बने हेल्दी ढ़ोकले की रेसिपी बताएंगे.

सामग्री ढोकले की

– 1/2 कप मकई का आटा

– 3/4 कप सूजी

– 2 बड़े चम्मच बेसन

– 1 कप कच्चे आम की प्यूरी

– 2 कप बटरमिल्क

– 1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन व हरीमिर्च का पेस्ट

– 11/2 छोटा चम्मच इनो फ्रूट साल्ट

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री सीजनिंग की

– 2 बड़े चम्मच कुकिंग औयल

– 1 छोटा चम्मच सरसों के दाने

– 1/4 छोटा चम्मच हींग पाउडर.

सामग्री गार्निशिंग की

– 2 बड़े चम्मच नारियल कद्दूकस किया

– थोड़ी सी धनियापत्ती

– 1 कच्चा आम कद्दूकस किया.

बनाने का तरीका

कद्दूकस किए कच्चे आम को एक कप बटरमिल्क के साथ ब्लैंड कर रख दें. अब एक बाउल में मकई का आटा, अदरकलहसुन व हरीमिर्च का पेस्ट, सूजी, बेसन, नमक, मैंगो प्यूरी और बचा हुआ बटरमिल्क डाल कर अच्छे से चला कर 30 मिनट के लिए रख दें. 30 मिनट के बाद बैटर ज्यादा गाढ़ा लगे तो उस में थोड़ा और बटरमिल्क मिलाएं. अब आधा बड़ा चम्मच इनो एक चम्मच पानी के साथ बैटर में डालें. फिर ग्रीस किए पैन में बैटर को डाल कर तुरंत ही 15-20 मिनट के लिए स्टीम होने के लिए रख दें. जब स्टीम हो जाए तब एक पैन में औयल गरम कर हींग और सरसों डाल कर चटकाएं और स्टीम्ड ढोकले पर फैला दें. ढोकले चौकोर आकार में काट कर धनियापत्ती, कद्दूकस किए नारियल और कच्चे आम से गार्निश कर परोसें.

तेज धूप से स्किन को बचाएंगे ये 5 नेचुरल होममेड फेसपैक 

गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है. ऐसे में चेहरे को ग्लोइंग बनाए रखने के लिए त्वचा को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलना बहुत जरूरी है क्योंकि गर्मियों में पसीने, धूल-मिट्टी व प्रदूषण के कारण स्किन डल हो जाती है.

वैसे तो लड़कियां इसके लिए महीने में 1 बार फैशियल या क्लीनअप लेती हैं लेकिन इसके मिलने वाला निखार कुछ समय तक ही रहता है. ऐसे में आज मैं  ब्यूटी एंड स्किनकेयर एक्सपर्ट प्रियंका गुप्ता आपको कुछ ऐसे घरेलू पैक के बारे में बताउंगी, जिससे ना सिर्फ चेहरा ग्लो करेगा बल्कि आप एक्ने, पिंपल्स जैसी समस्याओं से भी बचे रहेंगे.

1. कॉफी स्क्रब

2 टेबलस्पून कॉफी, 1 टेबलस्पून चीनी, 1/2 टेबलस्पून कोकोनट ऑयल, 1/2 टीस्पून दालचीनी पाउडर और 1 टेबलस्पून वनीला ऐसेंस को मिक्स करें. इससे स्क्रब की तरह 10-15 मिनट मसाज करें और फिर पानी से चेहरा साफ कर लें. हफ्ते में 2-3 बार इसका यूज करें. इससे डेड स्किन निकल जाएगी और चेहरे का ग्लो बरकरार रहेगा.

2. ऑरेंज पील ऑफ मास्क

संतरे में विटामिन-सी पाया जाता है, जो धूप के कारण हुई स्किन टैनिंग को ठीक करता है. थोड़े से दही, शहद और संतरे के रस को मिलाकर ऑरेंज पील ऑफ मास्क तैयार कर लीजिए. इसे हफ्ते में 1 बार जरुर लगाएं. इससे चेहरे पर ब्लीच जैसे ग्लो को आएगा.

3. आंखों के लिए टी-मास्क

अधिकतर गर्मियों में आंखों के नीचे काले धब्बे भी पड़ जाते हैं. इसके लिए आर्गेनिक टी बैग को गर्म पानी में डिप करके ठंडा कर लें. फिर इसे 10-15 मिनट फ्रिज में रखे और उसके बाद आंखों पर लगाएं. रोजाना ऐसा करने से डार्कसर्कल्स दूर हो जाएंगे.

4. खीरे से बनाए स्किन टोनर

खीरे में कूलिंग इफैक्ट्स होते है जो स्किन को तरोताजा रखने में मदद करते हैं. साथ ही इससे खुले व भद्दे बड़े पोर्स भी बंद हो जाते हैं. इसके लिए खीरे को रस को 15-20 मिनट चेहरे पर लगाएं और फिर ताजे पानी से धो लें.

5. अंडे का मास्क

एक अंडे में 1 से 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर उसे तब तक फैंटे जब तक वह गाढ़ा ना हो जाए. अब उस मास्क को अपने फेस पर 5 से 10 मिनट तक लगा रहने दें. इससे स्किन पोर्स गहराई से साफ होंगे और चेहरे पर ग्लो भी आएगा.

 

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