देर से जगे: आखिर बुआ जी से क्या गलती हो गई?

ताला खोलते ही खिड़कियों के परदे सरकाते हुए मेरी नजर आयरन बोर्ड पर पड़ गई. ‘ओह, आज क्या हो जाता अगर आयरन आटोमैटिक न होती या फिर स्टैंड पर खड़ी कर के न रखी होती. इतने सारे प्रैस के कपड़े पास ही कुरसी पर रखे हुए थे. अगर यह आग खिड़की के परदों में लगती, फिर इसी तरह और कपड़ों में, सारा कमरा धूधू कर के… पीछे वाले कमरे में रामदुलारी सो रही थी. जब तक वह शोर मचाती, लोग आते, तब तक न जाने क्या हो जाता. लाचार व बेसहारा दुलारी कुछ कर भी नहीं पाती. उस का बेटा श्यामू तो रात को ही वापस आता. तब तक न जाने क्याक्या हो जाता…’ मैं बड़बड़ा रही थी.

‘‘क्या हुआ, मां?’’  रीतू, मीनू ने घबरा कर पूछा.

‘‘क्या बात है, बूआजी?’’  दीपाली ने कहा.

‘‘सब ठीकठाक तो है न. चलो, खैर मनाओ कुछ हुआ नहीं,’’ साहिल ने कहा.

‘‘सौरी बूआजी, मैं ने अपना सूट प्रैस किया था. मैं ही जल्दी में स्विच औफ करना भूल गई थी,’’ दीपाली अपनी गलती पर पछता रही थी.

‘‘चलो, कोई बात नहीं,’’ कह कर मैं मन ही मन कुछ सोचने लगी.

‘‘1 कप चाय मिलेगी गरीब को,’’ साहिल ने चाय मांगने का रटारटाया नुसखा आजमाया.

चाय बनाने मैं रसोई में आ गई. नीली लपटों से चाय के पानी में उबाल के साथसाथ मेरे विचारों में भी उबाल आ रहे थे. मैं यादों के गलियारे में पहुंच गई. जब दीपाली मुश्किल से 8-9 महीने की होगी. उसे गोद में ले कर कुछ न कुछ खेल उस के साथ मैं खेलती थी. रजाईगद्दे के बक्से के ऊपर एक छोटा बक्सा रखा रहता था, जहां प्रैस रखी रहती थी. दीपाली जब कभी रोती या किसी चीज को पाने का हठ करती तो मैं उसे बक्से पर खड़ा कर के आयरन का स्विच औनऔफ कराती. इस औनऔफ के खेल को देख कर भाभी ने दबी जबान से कहा भी था, ‘‘अगर भूल से कभी स्विच औन रह गया तो?’’

‘‘हुंह ऐसे कैसे भूल हो जाएगी?’’ मैं ने टका सा जवाब दे कर भाभी को चुप करा दिया था.

मगर एक दिन वही हुआ, जिस का डर भाभी को हमेशा रहता था. जिस बक्से पर प्रैस औन रखी थी, उस बक्से की चादर और बिछा हुआ कंबल झुलस कर काले हो गए थे. बक्से में रखे हम दोनों बहनों के सूट प्रैस की गरमी से धीरेधीरे सुलगते रहे और जब उन्हें परदे की रौड से निकाला गया, वे जले कागज की तरह बिखर गए थे. जो कपड़े जलने से बच भी गए थे, वे भी पहनने के काबिल नहीं रहे थे. तह की तह काली हो रही थी. कोई भी सूट पूरा इस हालत में नहीं था कि पहना जा सके.

घर की माली हालत भी उन दिनों अच्छी नहीं चल रही थी. कुछ महीने पहले दीदी की शादी हुई थी. दीपाली का जन्म भी सीजेरियन से हुआ था. 1-1 कर के खर्चे बढ़ रहे थे. ऐसे में इतना बड़ा नुकसान. अंदर ही अंदर मुझे कुछ कचोट रहा था.

अगले दिन हम लोगों के कई सूट बाजार से आए थे. कितनी मुश्किल हुई होगी भैयाभाभी को, क्या हम लोग इस बात से अनभिज्ञ थे? पिताजी के गुजरने के बाद सारी जिम्मेदारी भैया पर ही आ गई थी. भैया अंदर ही अंदर मन मसोस कर रह गए थे. शायद भाभी ने ही उन्हें कुछ भी कहने से मना कर दिया हो. कुछ ही दिनों में बात आईगई हो गई. हां, भाभी आयरन का प्लग निकाल कर रखने लगी थीं. ‘‘तुम चाय बना रही हो या काढ़ा?’’ साहिल ने हंस कर गुहार लगाई. ‘‘ओह,’’ कहते हुए मैं ने देखा, चाय का पानी सूख कर जरा सा रह गया था.

जल्दीजल्दी दोबारा चाय बना कर टे्र लेकर मैं अंदर आई और बच्चों को आवाज दी. ‘‘आज मेरी गलती से बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था,’’ दीपाली बारबार अपनी बात दोहरा कर दुखी हो रही थी. डाकपत्थर और राजाजी नैशनल पार्क घूम कर वापस आते समय चहक रही थी. लेकिन अब कितनी उदास है, पछता रही है. ‘‘अच्छा बताओ, दीपाली, तुम्हें देहरादून कैसा लगा?’’ साहिल ने माहौल बदलने की कोशिश की. ‘‘सौरी फूफाजी, आप ने मुझे इतना घुमाया और मैं ने…’’ ‘‘अब कोई बात नहीं होगी इस बारे में,’’ साहिल ने दीपाली की बात काटते हुए कहा. लेकिन आज से 22 वर्ष पहले दीपाली को गोद में ले कर आयरन का स्विच औन छोड़ कर जो गलती मैं ने की थी, उस के लिए मैं ने अफसोस करना तो दूर, एक बार भी भैयाभाभी से माफी तक नहीं मांगी थी.

आज मेरे घर होने वाले नुकसान की कल्पना मात्र से दीपाली इतनी उद्विग्न हो रही है. तब इतने नुकसान के बाद भी हम लोगों के चेहरों पर कोई शिकन तक नहीं आई थी.सच, कितने नाशुके्र थे हम लोग. सोचसोच कर आज मुझे अपराधबोध हो रहा था. इतने बरस बाद भाभी से माफी मांगने के लिए मैं ने रिसीवर उठा कर फोन नंबर मिलाना शुरू कर दिया.

समलैंगिक विवाह : क्या देश में समलैंगिकता के दरवाजे खुलते जा रहे हैं

समलैंगिक विवाह पर आज सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ देश के गली चौराहे पर चर्चा शुरू हो गई है . सच यह है कि अगर एक आदमी पक्ष में है तो अनेक लोग विरोध में. आज सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक संबंधों पर लगातार चर्चा हो रही है जो मीडिया के माध्यम से आम लोगों के बीच चर्चा का बयास बन गई है .

दरअसल, दुनिया के कुछ  देशों में समलैंगिकता के लिए दरवाजे खुलते चले जा रहे हैं. ऐसे में भारत में यह विषय तो चर्चा का और साथ ही कानून के दरवाजे पर अपने अधिकार के लिए दस्तक देने की कवायद तो होनी ही थी .जहां बहुत सारे लोग समलैंगिकता को लेकर के नाक  सिकोड़ रहे है वही विरोध के स्वर के बीच समर्थन में भी आवाज सुनाई पड़ने लगी है. ऐसे में समाज में यह विषय चर्चा का विषय है और लोग इस पर खुलकर चर्चा कर रहे हैं यह एक अच्छी बात है क्योंकि संवाद से ही समाज में जनमत बनता है और निष्कर्ष निकाले जाते हैं जो आने वाले समय और पीढ़ी के लिए नजीर बन जाते हैं.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल के मुताबिक मैं कई दिनों से देश में चल रहे समलैंगिकता के विषय में चर्चा से आहत हूं यह क्या हो रहा है समाज किस दिशा में जाएगा यह विचार करके मैं चिंतित हूं और मैं खुलकर सरकार के समक्ष अपनी बात एक पत्र के माध्यम से रख चुका हूं कि भारत सरकार को इसमें दखल देना चाहिए यह भारत की संस्कृति के लिए एक बड़ा  प्रश्न चिन्ह बन जाएगा.

वही सामाजिक कार्यकर्ता महंत शिवदास के मुताबिक जब दुनिया में समलैंगिकता को लेकर के संवेदनशील की भावना सामने आई है तो भारत भला कैसे पीछे रह सकता है. आखिर यह भी तो हमारे समाज के हिस्सा हैं ऐसे में उन्हें अधिकार तो मिलना ही चाहिए.

हास्यास्पद स्थितियां

अधिकार और कर्तव्य तो देश के हर नागरिक का तय होना चाहिए और यह मिलना भी चाहिए  इसमें दो राय नहीं हो सकती. मगर समलैंगिकता, विवाह और समाज यह एक ऐसा त्रिकोण है जिसे लेकर देश और देश की आवाम जो इस आहट से जहां चिंतित है वही नई परिस्थितियों के लिए समाज अपने आपको तैयार करता हुआ भी दिखाई दे रहा है अगर आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक संबंधों को  हरी झंडी  मिल जाती है तो  निसंदेह इसका स्वागत भी होगा तो विरोध भी. और अगर बाधाएं आई मामला धरा का धरा रह जाएगा तो आने वाले समय में इसकी स्वीकारोक्ति के लिए प्रयास बंद हो जाएंगे ऐसा नहीं है. जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि भारतीय समाज समलैंगिक विवाह को अनुमति देने के लिए तैयार नहीं है और इस पर हास्य व्यंग के साथ अभी से फुलझड़ियां छोड़ी जाने लगी है.                 दरअसल अनेक चिकित्सक और संबद्ध चिकित्सा पेशेवर समलैंगिकता को एक ‘विकार’ मानते हैं, जो समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की सूरत में समाज में और बढ़ेगा यह दावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला शाखा से संबद्ध संगठन ‘संवर्धिनी न्यास’ के सर्वेक्षण में सामने आया है.

आरएसएस के समानांतर महिला संगठन ‘राष्ट्र सेविका समिति’ की एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के  मुताबिक सर्वेक्षण के निष्कर्ष देशभर के चिकित्सा पेशेवरों से मिली 318 प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं, जिनमें आधुनिक विज्ञान से लेकर आयुर्वेद तक, आठ अलग-अलग उपचार पद्धतियों के चिकित्सा पेशेवर शामिल हैं.  सर्वेक्षण में शामिल 70 फीसद चिकित्सक और संबद्ध चिकित्सा पेशेवरों ने ‘समलैंगिकता को एक विकार’ बताया है जबकि 83 फीसद ने ‘समलैंगिक संबंधों में यौन रोगों के संचरण की अधिक आशंका होने की पुष्टि की है .’

संगठन के मुताबिक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले चिकित्सा पेशेवरों ने कहा कि समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने का फैसला मरीजों को ठीक करने और उन्हें सामान्य स्थिति में लाने के बजाय समाज में इस विकार को और बढ़ावा दे सकता है.

सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि इस तरह के मनोवैज्ञानिक विकार से जूझ रहे मरीजों को ठीक करने के लिए काउंसलिंग बेहतर विकल्प है. सर्वेक्षण में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की मांग पर कोई भी निर्णय लेने से पहले जनता की राय जानने का सुझाव दिया गया है.

 

Summer Special: घर पर बनाइए आसानी से बेक्ड टोफू पोटली

गर्मियों में अक्सर बच्चों को खाना अच्छा नहीं लगता हैं. ऐसे में मांए बच्चों के लिए चिंतित हो जाती हैं आखिर बच्चों को क्या खिलाएं. आइए आज हम आपको इस लेख में बताएंगे टेस्टी बेक्ड टोफू पोटली की आसान रेसिपी

बेक्ड टोफू पोटली की सामग्री

  1. 1/2 कप टोफू
  2. 1 कप मैदा
  3. 1 बड़ा चम्मच मूंगफली
  4. 1 छोटा चम्मच हरीमिर्च
  5. 1 छोटा चम्मच अदरक पेस्ट
  6. 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती
  7. 1 छोटा चम्मच चाटमसाला
  8. 1/2 छोटा चम्मच जीरा
  9. 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
  10. 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च
  11. चुटकीभर हींग
  12. 2 छोटे चम्मच तेल
  13. नमक स्वादानुसार

विधि

मैदे में चुटकी भर नमक और 1 चम्मच तेल डाल कर अच्छी तरह मसलें. फिर थोड़ाथोड़ा हलका गरम पानी मिलाते हुए आटे की तरह गूंथें और ढक कर रख दें. कड़ाही में 1 चम्मच तेल डाल कर गरम करें. इस में हींग, जीरा, अदरक पेस्ट और हरीमिर्च पेस्ट डाल कर भूनें. मैश किया टोफू और बाकी सारी सामग्री भी डाल कर अच्छी तरह मिलाते हुए भूनें. मिश्रण को आंच से उतार कर ठंडा होने दें. गुंधे मैदे को मसल कर मुलायम कर के छोटेछोटे पेड़े बना लें. प्रत्येक पेड़े को पूरी की तरह बेलें. 1-1 बड़ा चम्मच टोफू का मिश्रण ले कर इन की पोटलियां बना लें. ऊपर से थोड़ा तेल लगा कर 200 डिग्री सैंटीग्रेट तक प्रीहिटेड ओवन में 19-20 मिनट रखें. यदि पोटलियों ब्राउन नहीं हुई हों तो 3-4 मिनट और रखें. पोटलियां पूरी तरह बेक होने पर टमाटर की चटनी के साथ सर्व करें.

ओनियन पैन केक सामग्री

 

  1.  1 बड़ा कप सूजी
  2. 1/2 कप दही
  3. 1  आवश्यकतानुसार प्याज के छल्ले
  4. 1 छोटा चम्मच लालमिर्च कटी
  5. 1 छोटा चम्मच फ्रूट साल्ट
  6. रिफाइंड तेल आवश्यकतानुसार
  7. नमक स्वादानुसार

 विधि

सूजी में दही, नमक व लालमिर्च मिलाएं. आवश्यकतानुसार पानी मिला कर फेंटें. गाढ़ा घोल तैयार कर लें. ध्यान रहे कि घोल में गांठ न रहे. नौनस्टिक तवे को हलका गरम करें. तैयार घोल में फ्रूट साल्ट मिला कर थोड़ा और फेंटें. हलके गरम तवे पर एक कड़छी घोल डाल कर गोलाई में फैलाएं. अब इस पर प्याज के छल्ले डालें. किनारों पर तेल छोड़ते हुए दोनों ओर से पैन केक सेंक लें. हरी चटनी के साथ परोसें.

Cannes 2023 में बॉलीवुड हसीनाओं का जलवा, सारा अली खान ने किया डेब्यू

कान फेस्टिवल 2023 का आगज हो चुका है. मंगलवार को फ्रेंच रिवेरा में कान फिल्म फेस्टिवल का आगज हो गया है. इस रेड कार्पेट पर सितारों ने आपना जलवा दिखाया है. पहले ही दिन बॉलीवुड की इस हसीना ने रेड कार्पेट पर डेब्यू किया है. इस बीच सोशल मीडिया पर इस हसीना की तस्वीरें वायरल हो रही है।  कान फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान ने किया डेब्यू। वायरल तस्वीरों में देखे तो सारा अली खान ने Cannes 2023 में देशी अवतार में सारा ने धांसू एंट्री की है. रेड कार्पेट पर सारा अली खान ब्राइडल लुक में आई नजर. एक्ट्रेस ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपने देशी लुक से धमाल मचा दी है.

Cannes 2023 में सारा लंहगा पहनकर पहुंची थी. बता दें, सारा ने मशहूर फैशन डिजाइनर अबू जानी संदीप खोसला के आउफिट में नजर आईं। इस दौरान एक्ट्रेस ने एक खूबसूरत लहंगा पहना था। लहंगा के साथ सारा ने आइवरी क्रीम का सिर पर दुपट्टा कैरी किया है. इसके साथ ही सारा ने मैंचिग इयररिंग्स और हाथ में डायमंड का ब्रेसलेट कैरी किया हुआ है। इसी के साथ उन्होंने मिनिमल मेकअप किया। एक्ट्रेस का ये लुक ब्राइडल लुक देख हर कोई उनका दीवाना हो गया।

मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने भी किया डेब्यू

कान फिल्म फेस्टिवल (2023) में मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar) ने भी किया डेब्यू.  अपने लुक से रेड कार्पेट मानुषी ने शोभा बढ़ाई।  मिस वर्ल्ड मानुषी ने वाइट कलर का स्लीवलेस गाउन पहना था, जिसमें वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं। उन्होने वाइट गाउन के साथ एक नेकपीस पहना हुआ जो काफी खूबसूरत लग रहा है. यह ग्रीन कलर का नेकपीस उनका वाइट ‘सिंड्रेला’ गाउन के साथ चार चांद लगा रहा है.

मानुषी छिल्लर की वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्ट्रेस जल्द ही एक्टर जॉन अब्राहम संग नजर आएंगी। इसके अलावा उनके पास वरुण तेज संग ‘ऑपरेशन वैलेंटाइन’ भी है. इसी के साथ एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला भी कान 2023 के रेड कार्पेट पर अपना जलवा दिखाया। इस दौरान एक्ट्रेस पिंक कलर का गाउन पहनें नजर आईं। इस तस्वीर में उर्वशी किसी बार्बी डॉल से कम नहीं लग रही थीं।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ZEAL (@zeal_up_your_life)

 

रंगोली: पति और करियर के बीच फंसी एक महिला

आज रंगोली का बर्थडे है और उसे पूरी उम्मीद थी कि उस के मम्मीपापा उसे अच्छा और महंगा गिफ्ट अवश्य देंगे. केक काटने से पहले रंगोली ने अपना गिफ्ट मांगा तो मोहित और  सुप्रिया ने उसे सुनहरे कागज में लिबटा पैकेट पकड़ा दिया.

पैकेट खोलते ही वीवो का फोन देख कर रंगोली ने नाक सिकोड़ ली. उस का मूड खराब हो गया. पैकेट को फेंकते हुए बोली, ‘‘आप दोनों ने  खुद तो आई फोन ले रखे हैं और मु झे यह दे रहे हैं.’’

इस से पहले मोहित और सुप्रिया कुछ बोलते, रंगोली दनदनाती हुई अपने कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया. उस ने इतना भी नहीं सोचा कि मेहमान क्या सोच रहे होंगे. सुप्रिया खिसियाते हुए बोली, ‘‘आजकल के बच्चे भी न बस.’’

मोहित बोला, ‘‘चलो केक बाद में काटेंगे, पहले डिनर कर लेते हैं. तब तक मैं रंगोली को मना भी लूंगा.’’

17 वर्ष की रंगोली तूफान मेल थी. खुलता हुआ रंग जो गोरा कहा जा सकता था, बड़ीबड़ी शरबती आंखें, घने घुंघराले बाल जो रेशम की तरह मुलायम थे, मीडियम कद और भोली सी मुसकान. रंगोली का चेहरा उस के तेवरों से बिलकुल मेल नहीं खाता था और यही बात रंगोली को और अधिक आकर्षक बनाती थी. वह मोहित और सुप्रिया की इकलौती संतान थी.

रंगोली न सुनने की आदी नहीं थी. उसे हर चीज अपने हिसाब से चाहिए होती थी और इस बात के लिए वह किसी हद तक भी जा सकती थी.

बाहर मोहित दरवाजा खटखटा रहा था, ‘‘बेटा सब लोग बाहर इंतजार कर रहे हैं. अच्छा बाबा तुम्हारी पसंद का मोबाइल दिला देंगे.’’

रंगोली ने  झट दरवाजा खोल दिया. अब उस ने शौर्ट और एक बहुत डीप नैक टौप पहन रखा था.

मोहित बोलतेबोलते रुक गया पर वह अपने से ही नजरें चुरा रहा था. उसे साफ दिख रहा था कि उस के दोस्त कामलोलुप नजरों से रंगोली को देख रहे हैं.

मेहमानों के जाने के बाद मोहित सुप्रिया से बोला, ‘‘तुम उस की मां हो, कम से कम उसे कपड़े पहनने का ढंग तो सिखा दो.’’

सुप्रिया चिढ़ते हुए बोली, ‘‘नजरें लोगों की गंदी हैं, रंगोली की गलती नहीं है.’’

सुप्रिया को खुद टिपटौप रहना पसंद था. वह खुद आधुनिक परिधान पहनना पसंद करती थी, इसलिए रंगोली को कुछ नहीं कहती थी.

आज रंगोली अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रही थी. उस ने आज भी काफी खुले परिधान पहने हुए थे. पार्टी में कुछ नवयुवक रंगोली की तरफ ही देख रहे थे जो उस के बौयफ्रैंड कृष्णम को पसंद नहीं आ रहा था. देखते ही देखते बात बढ़ गई और मारपिटाई की नौबत आ गई. कृष्णम भी 17 वर्ष का ही था तो 22 वर्ष के युवकों का कैसे सामना कर पाता. मुश्किल से उन्हीं में से एक युवक जिस का नाम ईशान था ने कृष्णम को बचाया. रंगोली का मूड औफ हो गया था.

कृष्णम और रंगोली के बाकी दोस्त रंगोली की इस हरकत को देख कर स्तब्ध रह गए थे. रंगोली दनदनाती हुई उस जगह से बाहर निकली तो ईशान बोला, ‘‘क्या मैं तुम्हें छोड़ सकता हूं?’’

ईशान की स्पोर्ट्स बाइक देख कर रंगोली ने हां कर दी. बाइक हवा से बातें करने लगी. ईशान ने जब बाइक को एक कैफे के सामने रोका तो रंगोली ने कोई आनाकानी नहीं की. दोनों खूब सारी बातें करते रहे. जहां ईशान को रंगोली का बोल्ड ऐंड ब्यूटीफुल अंदाज भाया था वहीं रंगोली को लगा कि ईशान जैसा ही बौयफ्रैंड होना चाहिए जो जरूरत पड़ने पर हैल्प तो कर सके. कृष्णम तो अभी खुद बच्चा है. रंगोली ने वहीं बैठेबैठे ईशान और अपनी सैल्फी सभी सोशल मीडिया साइट्स पर अपडेट कर दी. रंगोली ने आजकल के युवाओं की तरह अपनी जिंदगी में नए बौयफ्रैंड का ऐलान कर दिया था.

ईशान एक अमीर परिवार का युवक था. वह रंगोली पर खूब खर्चा करता था. रंगोली की मम्मी सुप्रिया अपनी सोशल लाइफ में इतनी बिजी थी कि उसे इस बात का इल्म ही नहीं था कि रंगोली ने अपने से बड़ी उम्र के लड़के के साथ दोस्ती कर ली हैं.

आजकल रंगोली के पांव घर पर नहीं टिकते थे. ईशान रंगोली को खूब घुमाताफिराता. उस के साथ रंगोली ने अपनी सारी हदें पार कर ली पर रंगोली को इस बात का कोई मलाल नहीं था.

जब से ईशान रंगोली की जिंदगी में आया था तब से उसे पैसों की कमी नहीं रही थी. अब उस ने अपने मम्मीपापा से पौकेट मनी के लिए भी कहना छोड़ दिया था.

मोहित और सुप्रिया को लग रहा था कि रंगोली सम झदार हो गई हैं परंतु उन्हें नहीं पता था कि अब वह अपनी जरूरतों के लिए उन पर निर्भर नहीं रही है.

मोहित और सुप्रिया की आंखें तब खुलीं जब एक दिन सुप्रिया की बड़ी बहन ने रंगोली को ईशान के साथ होटल से बाहर निकलते देखा. मोहित और सुप्रिया ने जब इस बारे में रंगोली से बात की तो उस ने कंधे उचकाते हुए कहा, ‘‘अब पहले आप लोगों की यह प्रौब्लम थी कि मैं आप लोगों का खर्चा कराती हूं. अब जब मैं कुछ मांग नहीं रही हूं तो भी प्रौब्लम है.’’

मोहित बोला, ‘‘यह कोई उम्र है कालेज के लड़कों के साथ घूमने की?’’

रंगोली फटाक से बोली, ‘‘जब आप लोगों की अब तक उम्र है इधरउधर घूमने की तो अगर मैं भी घूम रही हूं तो क्या गलत है?’’

मोहित और सुप्रिया आगे कुछ नहीं बोल पाए. दोनों की ही अपनीअपनी मित्रमंडली है. एकदूसरे से ऊब कर दोनों ने अपनी खुशियों के ठिकाने इधरउधर बना रखे हैं और यह बात रंगोली अच्छी तरह जानती थी.

ईशान धीरेधीरे रंगोली को प्यार करने लगा. रंगोली की खुशी के लिए वह उस की गलतियों को भी नजरअंदाज करने लगा था. जब रंगोली

20 वर्ष की हुई तो उस ने ईशान से अपने लिए एक स्पा पार्लर खोलने के लिए कहा.

ईशान बोला, ‘‘इस की क्या जरूरत है रंगोली?’’

रंगोली भोली मुसकान के साथ बोली, ‘‘मैं इंडिपैंडैंट बनना चाहती हूं.’’

ईशान को पता था कि अगर वह क्व25 लाख की रकम अपनी गर्लफ्रैंड के लिए मांगेगा तो उस के मातापिता कभी नही देंगे. इसलिए उस ने अपने मम्मीपापा को यह बोला कि उसे खुद बिजनैस के लिए चाहिए.ईशान प्यार में इतना दीवाना था कि उस ने पार्लर में बस रंगोली का ही नाम डाल दिया. रंगोली को जब ईशान ने स्पा के कागज पकड़ाए तो रंगोली भावुक हो कर ईशान के गले लग गई.

ईशान बोला, ‘‘अरे मैं और तुम अलग थोड़े ही हैं, जो तुम्हारा है वह मेरा भी है.’’

सुप्रिया और मोहित भी रंगोली के स्पा पार्लर के मुहूर्त में आए थे. दोनों ने ही बेटी की तरफ से आंखें मूंद ली थीं यह जानते हुए भी कि सारा पैसा ईशान का है. दोनों अपनी बेटी की काबिलीयत का गुणगान कर रहे थे. रंगोली का स्पा पार्लर धीरेधीरे मशहूर हो रहा था. उसे अपना काम निकलना बखूबी आता था और उस ने शहर के सारे पैसे वाले लोगों को अपना क्लाइंट बना लिया था.

1 साल के भीतर ही रंगोली का स्पा पार्लर नंबर 1 बन गया था. अब उसे पैसों के लिए ईशान की जरूरत नहीं रही थी. वह अब अपने जीवन में एक नया साथी चाहती थी. वह ईशान से बोर हो गई थी.

अब जब भी ईशान आता रंगोली उसे इग्नोर करने लगी थी. शुरूशुरू में तो ईशान को सम झ नहीं आया पर बाद में रंगोली के बदले तेवर देख कर उसे बहुत बुरा लगा. एक दिन उस ने रंगोली से सीधे पूछ लिया तो रंगोली ने भी साफ बोल दिया, ‘‘ईशान मैं तुम्हें धोखे में नहीं रखना चाहती हूं. अब मेरी दिलचस्पी तुम में खत्म हो गई है.’’

ईशान व्यंग्य करते हुए बोला, ‘‘हां तुम्हारी दिलचस्पी मेरे पैसों में ही थी जो अब तुम्हारे पास भी हैं.’’ रंगोली बड़ी अदा से बाल  झटकते हुए बोली, ‘‘तुम्हारी भी तो मेरी खूबसूरती में दिलचस्पी थी और रही बात तुम्हारे पैसों की तो उन्हें मैं तुम्हें लौटा दूंगी.’’

ईशान थके स्वर में बोला, ‘‘मेरा विश्वास कैसे लौटा पाओगी?’’ रंगोली बिना कुछ बोले अपने काम में लग गई. ईशान के जिंदगी से जाने के बाद रंगोली नित नए लड़कों के साथ समय बिताने लगी थी. वह अब किसी एक साथी के साथ नहीं बंधना चाहती थी. अपने नित नए बने संबंधों के सहारे कामयाबी की सीढि़यां चढ़ती चली गई. पर फिर भी खुश नहीं थी.

एक स्पा पार्लर की मालकिन के पास वह रुतबा नहीं होता है जिस की कभी रंगोली ने कामना करी थी. अपने नित नए बनते रिश्तों के कारण वह पहले ही काफी नाम कमा चुकी थी.

रंगोली के मम्मीपापा ने पहले तो उसे प्यार, फिर गुस्से से सम झाया और बाद में उसे उस के हाल पर छोड़ दिया. रंगोली की शादी होने की संभावना धूमिल होती जा रही था. वह खुद किसी सामान्य व्यक्ति से शादी करने के लिए तैयार नहीं थी. दिन महीनों में और महीने सालों में परिवर्तित हो रहे थे.

रंगोली अब 27 वर्ष की हो चुकी थी. उस के नएपुराने आशिक विवाह होने के बाद पालतू बन गए थे. जो पहले रंगोली के साथ खुलेआम घूमते थे अब बस रात के अंधेरे में रंगोली का साथ चाहते थे. रंगोली जो भी करती थी खुलेआम करती थी. छिपछिप कर कुछ करना उसे कतई पसंद नहीं था इसलिए फिलहाल जिंदगी के इस मोड़ पर अकेली थी और अपनी जिंदगी से ऊब रही थी.

तभी उस की जिंन्दगी में अनिरुद्ध आया. अनिरुद्ध का स्थानीय राजनीतिक पार्टी में बड़ा दबदबा था. एक दिन भूलेभटके वह रंगोली के स्पा पार्लर में मसाज लेने आया था और न जाने उस मसाज ने क्या जादू किया कि अब अनिरुद्ध रोज आने लगा था.

अनिरुद्ध का रंगोली बहुत ध्यान रखती थी. उसे अनिरुद्ध से राजनीतिक बहस करने में और राजनीतिक गलियारों के बारे मे जानने में बड़ा मजा आता था. अनिरुद्ध शुरू में तो रंगोली को बस एक खूबसूरत महिला ही सम झता था पर बाद में रंगोली की प्रखर बुद्धि से बहुत प्रभावित हो गया.

बहुत सारे मामलों में रंगोली की सलाह अनिरुद्ध के बहुत काम आती थी. वह रंगोली का साथ अपनी जिंदगी में चाहता था परंतु वह 43 वर्ष का तलाकशुदा था. जब अनिरुद्ध ने रंगोली से इस बारे में बात करी तो मानो रंगोली को मन की मुराद मिल गई.

रंगोली के मम्मीपापा ने तो माथा पीट लिया था. रंगोली के पापा मोहित बोले, ‘‘रंगोली अब तक तू ने पूरी उम्र मनमानी करी है पर हम तु झे कुएं में कूदने नहीं देंगे. अनिरुद्ध तु झ से पूरे 16 वर्ष बड़ा है और वह बहुत बदनाम राजनीतिज्ञ है, उस के खिलाफ कितने ही केस चल रहे हैं.’’

रंगोली बोली, ‘‘मैं अपनी मरजी की मालिक और मेरे सपनों की उड़ान एक स्पा पार्लर पर समाप्त नहीं होती है. मैं अपनी उड़ान इस शहर तक नहीं सीमित रखना चाहती हूं. अनिरुद्ध का साथ मेरी उड़ान को नए आयाम देगा, पैसा बहुत कमा लिया है अब थोड़ा सी पावर भी चाहिए.’’

फिर रंगोली और अनिरुद्ध ने कोर्ट में विवाह कर लिया था. अनिरुद्ध से विवाह के पश्चात रंगोली ने राजनीतिक गलियारों में अपना दबदबा बनाना आरंभ कर दिया था. जल्द ही उस के नाम का डंका बजने लगा. रंगोली के मातापिता ने भी अब बेटी से बनाने में ही अपनी भलाई समझी.

रंगोली के वे रिश्तेदार जो उसे चालू और न जाने क्याक्या कहते थे अब वही रिश्तेदार घंटों रंगोली से मिलने के लिए प्रतीक्षा करते रहते थे.

रंगोली के बढ़ते कद से अब अनिरुद्ध को भी परेशानी होने लगी थी. वह अब रंगोली पर मां बनने के लिए दबाव डालने लगा था पर रंगोली आने वाले विधानसभा के चुनाव में लड़ना चाहती थी.

अनिरुद्ध ने रंगोली से कहा, ‘‘रंगोली मु झे अब मेरा वारिस चाहिए.’’

रंगोली ने व्यंग्य से कहा, ‘‘आप ने मु झ से विवाह क्या वारिस पैदा करने के लिए किया था? आप भूल रहे हैं कि आप के पहले विवाह से भी 2 बच्चे हैं जो आप के ही उत्तराधिकारी बनेंगे.’’ अब अनिरुद्ध रंगोली से बेजार सा हो गया था. वो उसे अपनी पत्नी कम प्रतिद्वंद्वी अधिक लगती थी. उसे अच्छे से पता था कि अगर रंगोली को एक बार सत्ता का स्वाद लग गया तो वह उसे भी दूध से मक्खी की तरह निकाल बाहर कर देगी. जब रंगोली को अनिरुद्ध की पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह विरोधी दल में जा कर मिल गई. वहां से उसे टिकट भी मिल गया और मजे की बात वह अपने पति अनिरुद्ध के खिलाफ ही खड़ी हो गई.

अनिरुद्ध विधानसभा के चुनाव के साथ अपनी पार्टी में अपनी साख भी हार चुका था. अब रंगोली और अनिरुद्ध पतिपत्नी थे मगर बस कागजों में रंगोली में जैसेजैसे नए रंग जुड़ रहे थे उस का समीकरण बदलता जा रहा था.

अब रंगोली प्रदेश की युवा नेत्री थी और मुख्यमंत्री की करीबी मानी जाती थी. रंगोली की नजर अब मंत्री के पद पर थी. रंगोली के रातबेरात घर से बाहर रहने के कारण अनिरुद्ध ने उसे अल्टीमेटम दे दिया था, ‘‘मु झ और सत्ता में से एक को चुन लो.’’

रंगोली ने मुसकराते हुए तलाक के कागज अनिरुद्ध को पकड़ा दिए और कहा, ‘‘नेताजी बिना किसी ऐलिमनी के डाइवोर्स दे रही हूं. अब सत्ता ही मेरा प्यार है क्योंकि यह मर्दों की तरह मु झे अपनी जागीर नहीं सम झती है बल्कि वह मु झे मानसम्मान दिलाती है जो कभी कोई भी साथी नहीं दिला पाया था.’’ रंगोली जिंदगी के सभी रंगों से गुजरती हुई अब पूरी होने की ओर अग्रसर थी

रिलेशनशिप: क्या करें, क्या नहीं

जब 2 लोग एक दूसरे को पसंद करते हैं तो उन्हें साथ रहना अच्छा लगता है और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वक्त साथ बिताएं, वे हमेशा एकदूसरे से कनैक्ट रहना चाहते हैं. इस के लिए वे मिलते हैं, साथ वक्त बिताते हैं, घूमते फिरते हैं, मौजमस्ती करते हैं और जब उन्हें लगता है कि उन के बीच में कनैक्शन है तो वे आपसी सहमति से रिलेशनशिप में आने का फैसला लेते हैं. रिलेशनशिप में आने के बाद कुछ टाइम बहुत अच्छा बीतता है, लेकिन फिर कभीकभी कुछ पाइंट पर आ कर उन के बीच मनमुटाव या लड़ाई झगड़ा होने लगता है. इस सब से बचने के लिए उन्हें अपने पार्टनर से बात कर के अपनी रिलेशनशिप पर वर्क करना चाहिए.

कहते हैं एक अच्छी रिलेशनशिप वही है जिस में आप को जीने की पूरी आजादी हो, जहां आप को कभी छोटा न महसूस कराया जाए, जहां आप की जाति और धर्म को जज न किया जाए, जहां प्यार और विश्वास की कमी न हो, जहां कोई  झिझक, कोई डर न हो, केवल वहीं एक मजबूत रिश्ता पनप सकता है.

नोएडा की एमएनसी में जौब करने वाली 34 वर्षीय शिखा डोगरा कहती है कि पार्टनर्स को चाहिए कि वे एकदूसरे को समझें, सभी मामलों में अपने पार्टनर की जिम्मेदारी लें, उस के सुख-दुख में खड़े रहें, अपने पार्टनर की कमजोरियों और खूबियों को अपनाएं, हमेशा पार्टनर की रिस्पैक्ट करें, पार्टनर के लिए गलत शब्दों का यूज न करें, पार्टनर से ज्यादा ऐक्सपैक्टेशन न रखें, अपने पार्टनर को क्रिटीसाइज न करें, वयस्कों की तरह व्यवहार करें और किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले अपने पार्टनर की बात जरूर सुनें.

अपनी रिलेशनशिप को बनाए रखने और उसे मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, आइए जानते हैं:

1 रिलेशनशिप में क्या करें

आपस में बात करें. एक अच्छा रिलेशन कायम करने के लिए बात करना बहुत जरूरी है. एक नया रिश्ता शुरू करते समय दोनों पार्टनर क्या चाहते हैं और एकदूसरे से क्या उम्मीद रखते हैं, इस बारे में जरूर बात करें.

2 पार्टनर पर करें ट्रस्ट

प्यार और रिलेशनशिप में ट्रस्ट होना बहुत जरूरी है. रिश्ते को बनाए रखने के लिए कपल्स को एकदूसरे पर भरोसा करना चाहिए. पार्टनर पर शक होने से रिलेशन टूट भी सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के मन में ट्रस्ट जगाएं. ट्रस्ट होने में समय लगता है और यह समय तब और अधिक लगता है जब किसी का भरोसा पास्ट में टूटा हो, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि आप अपने नए पार्टनर को किसी और के किए की सजा दें.

3 एकदूसरे की बातों को धैर्य से सुनें

किसी भी रिश्ते को खुशहाल बनाने का एक तरीका है एकदूसरे की बातें सुनना. समयसमय पर एकदूसरे की बातों को धैर्य से सुनें और उन्हें अहमियत भी दें. साथ ही जब एक बोले तो दूसरा उस की बात को ध्यान से सुने और कुछ समझे न आए तो तभी पूछ ले.

4 अच्छी तरह अपनी बात समझाएं

किसी भी नए व्यक्ति को जानने और समझाने के लिए साथ टाइम बीताना बहुत जरूरी  है. काफी समय के बाद ही आप एकदूसरे को सम?ा सकते हैं. लेकिन इस बीच ऐसा कई बार होगा जब आप दोनों के बीच गलतफहमी पैदा होगी. इस गलतफहमी को खत्म करने के लिए आप को अपनी बात समझानी आनी चाहिए. इसलिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को अपनी बात बिना ताना कसे, बिना तुलना किए, बिना रोए समझाएं. खासकर गुस्से में कुछ न कहें और न ही अपने पार्टनर की डिसरिस्पैक्ट करें.

5 प्राइवेसी भी है जरूरी

आप को अपने पार्टनर के साथ 24 घंटे रहने की जरूरत नहीं है. एकदूसरे के प्रति अपनी ड्यूटी पूरी करने के अलावा खुद के लिए भी टाइम निकालें. इस के लिए एकदूसरे से बात करना बहुत जरूरी है. रिश्ते में बैलेंस बनाए रखने के लिए अपनी प्राइवेसी को ले कर डिस्कशन जरूर करें. इस बात को दोनों सम?ों कि हर चीज को ले कर पार्टनर की जांचपड़ताल और रोकटोक करना सही नहीं है. फिर चाहे आप दोनों रिलेशनशिप में ही क्यों न हों. दोनों की अपनी अलगअलग आइडैंटिटी है. दोनों इस बात का खयाल रखें कि उन का कोई भी काम पार्टनर की प्राइवेसी को प्रभावित न करे.

मुंबई के खार इलाके के पीडी हिंदुजा हौस्पिटल ऐंड मैडिकल रिसर्च में कंसलटैंट साइकेट्रिस्ट डाक्टर करसी चावड़ा का कहना है कि जब कोई इंसान अकेला होता है, तो अकेलेपन के सकारात्मक प्रभावों को फील कर पाता है. वह उन सभी चीजों को खुद करने में सक्षम होता है. अकेले रहने से इंसान के पास आत्मनिरीक्षण, कल्पना करने और भविष्य के बारे में सोचने का समय होता है. ये सभी चीजें फायदेमंद हैं खासकर तब जब कोई इंसान ऐसे रिश्ते में हो, जहां उस के जीवन में बहुत सारी चीजें चल रही हों. इसलिए कई बार आप खुद पर काम करने के लिए भी स्पेस चाहते हैं.

6 पार्टनर का करें सम्मान

रिश्ता चाहे दोस्ती का हो या प्यार का, उस की मर्यादा को हमेशा याद रखना चाहिए. कोई भी रिलेशन बिना सम्मान के ज्यादा दिन नहीं टिक पाता है. अपने रिलेशन को स्ट्रौंग बनाने के लिए एकदूसरे की इज्जत करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है. सम्मान हर रिश्ते में जरूरी होता है.

7 पार्टनर के साथ बिताएं क्वालिटी टाइम

एक अच्छी रिलेशनशिप के लिए कपल को चाहिए कि वे एकदूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करें. कई बार ज्यादा दिनों की दूरी होने से रिश्तों में मनमुटाव आ जाता है. भले ही आप की अपनी प्रोफैशनल लाइफ कितनी ही बिजी क्यों न हो, अपने पार्टनर के लिए टाइम जरूर निकालें. इस से आप की रिलेशनशिप मजबूत होगी. भले ही कुछ पलों के लिए ही सही, मगर एकसाथ टाइम स्पैंड करें जैसे मार्केट जाना हो, मूवी जाना हो तो कोशिश करें कि साथ जाएं.

8 सैक्स भी है जरूरी

सैक्स 2 लोगों को करीब लाने और उन के रिश्ते को नया आयाम देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सैक्स प्यार को ऐक्सप्रैस करने का एक तरीका है. इस से दोनों पार्टनर के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है. एक रिसर्च  के अनुसार, इस से कपल्स के बीच भरोसा बढ़ता है. एनसीबीआई (नैशनल सैंटर फौर बायोटैक्नोलौजी इन्फौरमेशन) द्वारा पब्लिश एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि सैक्स करने से शरीर में ऐंडोर्फिन हारमोन का निर्माण होता है, जिस से मानसिक संतुलन बना रहता है. इस से न सिर्फ मूड अच्छा होता है बल्कि तनाव भी दूर होता है. सैक्स कपल्स के बीच रोमांस व एकदूसरे के प्रति अट्रैक्शन को बनाए रखने में मदद करता है. यह डिप्रैशन के चांस को भी कम करता है.

एक अनुमान के मुताबिक 300 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाला डिप्रैशन सब से आम मानसिक विकार है और आमतौर पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह अधिक बार प्रभावित करता है. एक आंकड़े से यह बात सामने आई है कि हर साल करीब 2 लाख भारतीय अपनी जान खुद ले लेते हैं. ये आंकड़े और अधिक हो जाएंगे अगर इन में आत्महत्या के प्रयासों की संख्या को भी शामिल कर लिया जाए. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में  डिप्रैशन की व्यापकता दर 4.50% रही.

छुट्टियों में घूमने जाएं

अपने रिलेशन को मजबूत बनाने के लिए घूमने का प्लान बनाते रहें. पार्टनर के साथ नई जगह घूमने जाने से आप के रिलेशन में नई ताजगी आएगी. इस के लिए आप दोनों सालभर में एक बार लंबी छुट्टी और हर महीने छोटी आउटिंग प्लान कर सकते हैं. इस से आप दोनों के बीच का बौंड और मजबूत होगा.

2022 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2021 में भारत में लगभग 677.63 मिलियन घरेलू घूमने गए. यह 2020 में आए पर्यटकों से 11.05% ज्यादा था.

साथ मिल कर लें फैसले

हमेशा अपने पार्टनर की सहमति से ही फैसले लें. चाहे फैसला छोटा हो या बड़ा, अगर आप पार्टनर को उस फैसले में शामिल नहीं करेंगे तो आप के पार्टनर को अच्छा नहीं लगेगा.

मुंबई की रहने वाली सूर्यंका मिश्रा कहती है कि रिलेशनशिप में जब भी कोई फैसला लेना हो तो अपने पार्टनर से बात करना बहुत जरूरी है, इस से संबंधों में मजबूती आती है.

शारीरिक परिवर्तन को अपनाएं

फीगर हमेशा एकसी नहीं रहती है. ऐसे में अगर आप के पार्टनर पहले से थोड़े पतले या हैल्दी हो गए हैं, तो उस बदलाव को अपनाएं. महिलाओं और पुरुष दोनों को  ही जरूरत है कि वे अपनी बौडी पर ध्यान दें. इस के लिए ऐक्सरसाइज कर सकते हैं.

अपनी गलती स्वीकार करें

रिलेशनशिप में कई बार ऐसा होता है किसी एक से गलती होती है और वह अपने ईगो के चक्कर में माफी नहीं मांगता जिस से उन का रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है. इस से बचने के लिए आप को चाहिए कि अगर आप की गलती हो तो आप उसे स्वीकार करें और माफी मांगें.

रिश्ते में लाएं नयापन

अगर आप लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं तो कभीकभी आप दोनों मिल कर घर की साफसफाई करें और साथ में खाना पकाएं. इस से आप के बीच भावनात्मक रिलेशन बनेगा.

लाड़प्यार भी दिखाएं

एकदूसरे को प्यार करना भी रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है. जब भी चांस मिले, पार्टनर को बताएं कि वह आप के लिए कितना स्पैशल है.

कैरियर में दें साथ

एक हैल्दी रिलेशनशिप बिल्ट करने के लिए अपने पार्टनर को उन के कैरियर के लिए प्रोत्साहित करते रहें. इस से आप  दोनों के बीच प्यार और बढे़गा.

काम में हाथ बटाएं

अपने पार्टनर के साथ प्रौब्लम्स शेयर करें, अगर आप का पार्टनर कोई गलती कर दे तो सब के सामने न डांट कर अकेले में समझाएं, इन सब बातों का ध्यान रख कर आप अपनी रिलेशनशिप को मजबूती दे सकते हैं. रिलेशनशिप में कुछ ऐसी बातें होती हैं जो हमें कभी नहीं करनी चाहिए, इन्हें करने से कई प्रौब्लम्स आ सकती हैं. ये बातें क्या हैं, आइए जानते हैं.

पार्टनर की न करें तुलना

किसी के बीच प्यार का रिश्ता उन की खूबियों के कारण बनता है. हर व्यक्ति की खूबी अलगअलग होती है खासकर प्यार जैसी चीज की तुलना नहीं की जा सकती है. मगर रिश्ते में लोग तुलना करने की गलती कर बैठते हैं. इसलिए आप का पार्टनर जिस तरह और जितना भी प्यार करे उसे स्वीकार करें. कभी यह जताने की कोशिश न करें कि आप बहुत प्यार करते हैं या ख्याल रखते हैं. अपने मन के अंदर भी यह बात न लाएं कि आप कम प्यार कर रहे हो या वह आप को कम चाह रहा है या चाह रही है. अपने पार्टनर की तुलना करने की कोई जरूरत नहीं है.

कंट्रोलिंग बिहेवियर को कहें न

रिलेशनशिप में 2 लोग हैं तो उन दोनों को साथ ही बात करनी चाहिए, लेकिन अगर एक पार्टनर दूसरे पर हावी होने की कोशिश कर रहा है तो यह गलत है. इस से रिश्ते खराब होते हैं.

बीच में बात न काटें

सामने वाले की बात काट कर अपनी बात बोलने की आदत है, तो इसे बदल दें. रिश्ते को अच्छा और मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि पार्टनर की बात सुनी जाए. बात काटने की आदत से सामने वाले को लगता है कि आप की उस की बात में कोई दिलचस्पी नहीं है और आप अपनी बात को ही आगे रखने की कोशिश करना चाहते हैं.

नीचा दिखाना या मजाक उड़ाने को कहें न

आप के कैरियर को इग्नोर करना, दूसरों के सामने बारबार आप को नीचा दिखाना, आप की बातों का मजाक उड़ाना ये सब गलत है. यह भी देखें कि आप का पार्टनर आप की फैमिली का मजाक तो नहीं बना रहा. यह किसी भी तरह सही नहीं है.

सैक्स में जबरदस्ती न करें

अगर पार्टनर का मूड सैक्स का न हो तो जबरदस्ती न करें. यह प्यार को ऐक्सप्रैस करने का ही एक तरीका है, इसलिए इस में दोनों की सहमति होना बहुत जरूरी है. एनएफएचएस जून, 2019 से अप्रैल, 2021 की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 5 में से 4 से अधिक महिलाएं (82%) अपने पति को मना कर सकती हैं अगर वे सैक्स नहीं करना चाहती हैं. महिलाओं के गोवा में न कहने में सक्षम होने के सब से ज्यादा चांस (92%) हैं और अरुणाचल प्रदेश में (63%) तथा जम्मू और कश्मीर में सब से कम (65%) चांस है.

रोकें नहीं

अगर दोनों पार्टनर में से कोई जाना चाहता है तो जाने दें, उसे रोकें नहीं. अगर वह आप के साथ रहना चाहेगा तो जरूर रुकेगा, उसे रोकने के लिए गिड़गिड़ाए नहीं.

नैगेटिव फीलिंग न आने दें

अपने रिश्ते में नैगेटिव फीलिंग न आने दें. जब कभी भी ऐसी कोई फीलिंग आए तो अपने पार्टनर से बात करें और इस के कारण तलाशें जिन की वजह से ऐसी फीलिंग आ रही है. बात कर के इन्हें सौल्व करें.

बातचीत बंद न करें

कभीकभी रिश्ते में ऐसे कई पौइंट आते हैं जिन्हें ले कर पार्टनर के बीच मनमुटाव आ जाता है. जब कभी भी ऐसा हो तो पूरी तरह से बात करना बंद न करें.

टौक्सिक रिलेशनशिप को कहें बाय

अगर रिलेशनशिप में एक पार्टनर दूसरे से चीट करे, उस पर रोब जताए, उसे अपने मनमुताबिक काम करने से रोके या फिर रिलेशनशिप में किसी भी तरह का गलत काम करे अथवा रिलेशनशिप में अग्रैशन दिखाए तो ऐसे रिलेशन को टाटाबायबाय कहना ही सही होगा. रिलेशनशिप में हमें सवालजवाव से ज्यादा व्यक्ति को समझना चाहिए. रिलेशनशिप में एकदूसरे को ऐंटरटेन करते रहना चाहिए. किसी भी तरीके से चाहे वह हंसना हो, नोकझोंक हो. रिलेशनशिप को बोरिंग नहीं बनने देना चाहिए. रिलेशनशिप में हर दिन कुछ नया होना चाहिए चाहे वह छोटी से छोटी चीज ही क्यों न हो. कभी-कभी पुरानी चीज को भी इस तरह प्रेजैंट करें कि वह नई-सी लगे. रिलेशनशिप में सब से जरूरी प्यार है. इस प्यार को हमेशा एकदूसरे के बीच जिंदा रखें.

13 TIPS: फंगल इन्फैक्शन के लिए होममेड टिप्स

गरमियों में अकसर लोग फंगल इन्फैक्शन से परेशान रहते हैं. यह एक प्रकार का त्वचा संबंधी संक्रमण होता है. फंगल इन्फैक्शन तब होता है जब फंगस शरीर के किसी क्षेत्र में आक्रमण करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली इन से लड़ने में सक्षम नहीं होती है, जिस से कवक से प्रभावित त्वचा में लाल धब्बे, दाद, खुजली और त्वचा में घाव आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. बहरहाल अधिकतर फंगल इन्फैक्शन इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं.

क्यों होता है फंगल इन्फैक्शन

यों तो फंगल इन्फैक्शन पनपने या बढ़ने के बहुत से कारण होते हैं, लेकिन इम्यूनिटी कमजोर होना, गरमी और उमस भरा वातावरण इस के बढ़ने की खास वजह बनते हैं. इन के अलावा एड्स, एचआईवी संक्रमण, कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियां भी फंगल संक्रमण का कारण बनती हैं. जो लोग फंगल इन्फैक्शन से जूझ रहे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, उन्हें भी संक्रमण का डर रहता है.

अधिक वजन और मोटापा भी इस का एक कारण बन सकता है क्योंकि मोटापे के कारण जांघों व अन्य हिस्सों में चरबी जमा होती है जिस में साइकिल चलाने, जौगिंग करने या पैदल चलने से भी इन जगहों में पसीना आता है और बारबार आपस में रगड़ लगने से त्वचा पर रैशेज का डर रहता है. इस से फंगल और अन्य संक्रमण हो सकते हैं.

फंगल इन्फैक्शन का पारिवारिक इतिहास भी इस संक्रमण का प्रमुख कारण होता है. महिलाओं को सैनिटरी पैड से भी जांघों के आसपास संक्रमण हो सकता है. आमतौर पर मौनसून के दौरान फंगल पैदा करने वाले जीवाणु कई गुना तेजी से फैलते हैं. मौनसून के दौरान लोग हलकी बूंदाबांदी में भीगने के बाद अकसर त्वचा को गीला छोड़ देते हैं. यही छोटी सी असावधानी संक्रमण का कारण बन जाती है. साफसफाई से परहेज करने वाले और अपने गंदे मोजे और अंडरगामैंट्स को बिना धोए लगातार पहनने से भी फंगल इन्फैक्शन हो सकता है.

फंगल इन्फैक्शन से बचने के तरीके

जीवनशैली और आहार में बदलाव ला कर काफी हद तक मौसमी बीमारियों और इन्फैक्शन से खुद का बचाव कर सकते हैं क्योंकि सही आहार से इम्यूनिटी मजबूत होती है. चूंकि मौनसून और गरमी के उमस भरे मौसम में फंगल इन्फैक्शन ज्यादा होता है ऐसे में त्वचा को सूखा और साफ रख कर, सूती कपड़ों का चुनाव कर खुद को फंगल इन्फैक्शन से बचा सकते हैं. इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं ताकि त्वचा ड्राई न हो.

फंगल इन्फैक्शन को ठीक करने के लिए यों तो बाजार में काफी दवाइयां मौजूद हैं जोकि कारगर भी हैं, लेकिन फंगल इन्फैक्शन से बचने के लिए घरेलू नुसखों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये काफी कारगर होते हैं और इन से जल्द ही राहत भी मिलती है:

1 हल्दी

हल्दी में ऐंटीफंगल गुण होते हैं, इसलिए इस के प्रयोग से भी फंगल इन्फैक्शन ठीक हो जाता है. इस के लिए आप इन्फैक्शन वाली जगह पर कच्ची हल्दी को पीस कर लगा सकते हैं. अगर कच्ची हल्दी उपलब्ध नहीं है तो आप हल्दी पाउडर को थोड़े से पानी के साथ गाढ़ा पेस्ट बना कर उसे भी प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं. हलदी के प्रयोग से इन्फैक्शन की वजह से होने वाले दागधब्बे भी मिट जाते हैं.

2 टीट्री औयल

टीट्री औयल में ऐंटीफंगल और ऐंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिस से फंगल इन्फैक्शन का उपचार किया जा सकता है. इस के लिए आप इस की कुछ बूंदे नारियल या जैतून के तेल में मिला कर दिन में कई बार संक्रमित एरिया पर लगाएं. ध्यान रहे कि इसे कौटन या सूती कपड़े की मदद से हलके हाथ से डैब मौशन में लगाएं. साफसफाई का खास ध्यान रखें. योनि संक्रमण के लिए एक टैंपोन पर टीट्री औयल की कुछ बूंदें डालें और इसे योनि में 2-3 घंटे तक डाले रखें. इसे प्रतिदिन 2 बार दोहराएं.

3 नीम

नीम त्वचा के किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने में लाभकारी होता है. इस की पत्तियों को पानी में उबाल कर उस के पानी के इस्तेमाल या उस की पत्तियों का पेस्ट बना कर संक्रमण एरिया पर लगाने से जल्द संक्रमण से राहत मिलती है.

4 कपूर

कैरोसिन के तेल में 5 ग्राम कपूर और 1 ग्राम नेप्थलीन (कपूर) को मिला लें. इसे संक्रमण वाली जगह पर कुछ देर मलहम की तरह लगा कर छोड़ दें. जब तक संक्रमण ठीक न हो जाए, इस प्रक्त्रिया को दिन में 2 बार दोहराएं.

5 पीपल की पत्तियां

पीपल की पत्तियों को थोड़े पानी के साथ उबाल लें. इसे ठंडा होने दें और फिर इस पानी का प्रयोग त्वचा को धोने के लिए करें. इस से घाव जल्दी ठीक होने लगते हैं.

6 पुदीना

पुदीने में इन्फैक्शन के प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता होती है. इस की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बना लें. इस पुदीने पेस्ट को त्वचा में लगा कर 1 घंटा लगा रहने दे, फिर धो लें.

7 लहसुन

लहसुन में ऐंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, इसलिए खाने में लहसुन के प्रयोग से फंगल इन्फैक्शन का खतरा कम हो जाता है और इम्यूनिटी बेहतर होती है. लहसुन की 3-4 कलियों के पेस्ट को इन्फैक्शन वाली जगह पर लगाएं.

8 शहद

खाने में भले शहद मीठा हो लेकिन अपने ऐंटीसैप्टिक गुणों के चलते यह फंगस के लिए खतरनाक साबित होता है. आप 1 टीस्पून शहद संक्रमित एरिया पर करीब 30 मिनट तक लगाए रख कर फिर साफ पानी से धो लें. ऐसा दिन में 2 बार करें.

9 ऐलोवेरा जैल

फंगल इन्फैक्शन ऐलोवेरा जैल काफी लाभकारी साबित होता है. इस से न सिर्फ इन्फैक्शन के वजह से हो रही खुजली से तुरंत राहत मिलती है बल्कि इस के जैल के लगातार उपयोग से इन्फैक्शन जल्दी ठीक भी हो जाता है. इस के लिए ताजा ऐलोवेरा के पत्तों से जैल निकाल कर इस्तेमाल करें. इसे बीच से काट कर सीधे भी संक्रमित स्थान पर रगड़ सकते हैं. 30 मिनट तक जैल को लगे रहने दें, फिर धो लें.

10 दही

दही में लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया होता है जो हाइड्रोजन पैराऔक्साइड छोड़ता है. इस से फंगस मर जाता है. बस थोड़ा सा ठंडा दही प्रभावित जगह पर 10-15 मिनट मलें और फिर कुनकुने पानी से धो लें. ध्यान रहे कि इन्फैक्शन वाली जगह को कभी हाथ से न छुएं क्योंकि यह इन्फैक्शन संक्रामक होता है.

11 ऐप्पल साइडर विनेगर

ऐप्पल साइडर विनेगर चूंकि ऐसिडिक होता है तथा इस में जीवाणुरोधी और ऐंटीफंगल गुण भरपूर होते हैं, इसलिए यह फंगस के विकास को प्रभावी ढंग से धीमा कर देता है. इस के लिए आप ऐप्पल साइडर विनेगर के साथ थोड़ा सा पानी मिलाएं और कौटन की सहायता से दिन में 2-3 बार संक्रमित एरिया में लगाएं.

12 नारियल तेल

प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाएं और इसे सूखने दें. जब तक संक्रमण साफ नहीं हो जाता तब तक दिन में 2-3 बार यह प्रक्रिया दोहराएं.

नारियल व दालचीनी के तेल को बराबर मात्रा में मिलाएं और प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं. दिन में 2 बार इस मिश्रण के इस्तेमाल से भी फंगस से छुटकारा मिलता है.

13 जैतून का तेल व पत्ते

जैतून के पत्ते में ऐंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबौयल गुण होते हैं जो फंगस को खत्म करने में मदद करते हैं. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में भी मददगार होता है, जिस से इन्फैक्शन से राहत पाने में आसानी होती है. इन का पेस्ट बनाने के लिए जैतून के कुछ पत्तों को पीस कर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं. 30 मिनट तक लगा रहने दें. संक्रमण खत्म होने तक रोजाना 1-2 बार इस का उपयोग करें. साथ ही कौटन की मदद से सीधे जैतून के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

मैंने हाइड्रा फेशियल के बारे में बहुत सुना है, क्या से स्किन के लिए अच्छा है?

सवाल

मेरी स्किन बहुत ड्राई है. मैं ने हाइड्रा फेशियल के बारे में बहुत सुना है. क्या सचमुच में मेरी ड्राई स्किन को हाइड्रा फेशियल ठीक कर सकता है?

जवाब

आप ने बिलकुल सही सुना है. हाइड्रा फेशियल 60 मिनट का स्किन ट्रीटमैंट है जिस में आप की स्किन से लिंफ को ड्रेन किया जाता है और उस के लिए एक सौफ्ट सक्शन मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. इस से टौक्सिंस रिमूव हो जाते हैं और स्किन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. स्किन खूबसूरत दिखने लग जाती है. इस के बाद एक स्पैशल मशीन से ऊपर की स्किन को ऐक्सफौलिएट किया जाता है जिस से कि स्किन बिलकुल साफसुथरी  नजर आती है और तैयार हो जाती है. किसी भी ट्रीटमैंट को करने के लिए इस से ओपन पोर्स को अंदर तक साफ कर दिया जाता है जिस से पिगमैंट रिमूव हो जाते हैं और स्किन ब्राइट हो जाती है. इस में खास तरह के पैप्टाइड का इस्तेमाल होता है जोकि अंदर स्किन के अंदर जा कर आप की फाइनलाइन को कम करते हैं और इन के अंदर कौलोजन बूस्ट करते हैं जिस से स्किन और खूबसूरत दिखाई देती है.

इस के बाद खास सीरम जोकि बहुत ही हाइड्रेटिंग होता है अप्लाई किया जाता है और साथ में ह्यालूरोनिक ऐसिड स्किन के अंदर इंसर्ट किया जाता है. जो स्किन को हाइड्रेट करता है और इस के ऊपर बायोलाइट दी जाती है जोकि आप के प्रोडक्ट को स्किन में इन्फ्यूज करने में हैल्प करती है. यह एक ऐसा सौल्यूशन है जो आप की स्किन की बहुत सारी प्रौब्लम्स को सौल्व करता है. स्किन को हाइड्रेट करता हैयंग करता हैग्लोइंग बनाता है और पिगमैंटेशन पर भी कुछ हद तक काम करता है. तो आप की स्किन ड्राई है तो आप को हाइड्रा फेशियल जरूर करा लेना चाहिए.

एहसास: शिखा की जिंदगी क्यों दांव पर लग चुकी थी

करीब 50 से ज्यादा मेहमान मेरी सहेली सीमा की शादी की दूसरी सालगिरह की पार्टी का पूरा आनंद उठा रहे थे. मैं ने फ्रैश होने की जरूरत महसूस करी तो हौल में बनी सीढि़यां चढ़ कर पहली मंजिल पर बने गैस्टरूम में आ गई.

मैं बाथरूम में घुस पाती उस से पहले ही रवि ने तेजी से कमरे में प्रवेश कर के मु झे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया. मैं बड़ी कठिनाई से अपनी चीख दबा पाई.

‘‘बड़ी देर से इंतजार कर रहा था मैं इस मौके का स्वीटहार्ट. कितनी सुंदर हो तुम शिखा,’’ बड़ी गरमगरम सांसे छोड़ते हुए उस ने मेरी गरदन पर छोटेछोटे चुंबन अंकित करने शुरू कर दिए.

उस का स्पर्श बड़ा उत्तेजक था, पर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखते हुए मैं ने उसे डपट दिया, ‘‘पागल हो गए हो क्या. कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा. छोड़ो मु झे.’’

‘‘वहां कब मिलोगी जहां कोई देखने वाला नहीं होगा, मेरी जान,’’ मेरे गाल का चुंबन लेने के बाद उस ने मु झे अपनी बांहों को कैद से तो आजाद कर दिया, पर मेरा हाथ पकड़े रखा.

‘‘तुम जाओ यहां से,’’ कुछ सहज हो कर मैं मुसकरा उठी.

‘‘पहले अकेले में मिलने का पक्का वादा करो.’’

‘‘ऐसी कोई जगह नहीं है जहां हम अकेले मिल सकें.’’

‘‘है, बिलकुल है.’’

‘‘कहां?’’ मेरे मुंह से अपनेआप निकल गया.

‘‘मेरे घर वाले परसों शहर से बाहर जा रहे हैं. पूरा दिन घर खाली रहेगा. तुम्हें किसी भी तरह मु झ से मिलने आना ही पड़ेगा, शिखा.’’

‘‘मैं कोशिश करूंगी. अब तुम…’’

‘‘प्लीज, पक्का वादा करो.’’

‘‘ओके, बाबा. अब भागो यहां से.’’

कमरे से बाहर जाने से पहले रवि ने खींच कर मु झे एक बार फिर अपनी चौड़ी

छाती से चिपका लिया. मेरी आंखों और गालों को कई बार जल्दीजल्दी चूमने के बाद ही वह वहां से गया.

बाथरूम के अंदर अपनी उखड़ी गरम सांसों और दिल की बढ़ी धड़कनों को संतुलित करने में मु झे कुछ वक्त लगा. अगर मैं अपनी घर में होती तो रवि के स्पर्श सुख की कल्पना करते हुए जरूर ही फव्वारे के नीचे नहा लेती. इस वक्त वही मेरे दिलोदिमाग पर पूरी तरह से छाया हुआ था.

रवि सीमा का देवर है. उस से मेरी अकसर मुलाकात हो जाती है क्योंकि सीमा के यहां हमारा आनाजाना बहुत है. मेरे पति अजय भी सीमा के पति नीरज के अच्छे दोस्त बन गए हैं.

रवि के पास मनमोहक बातें करने की कला है. मैं बहुत सुंदर हूं. अकसर लोगों के मुंह से मैं अपनी प्रशंसा सुनती रहती हूं, लेकिन जिस खूबसूरत अंदाज में रवि मेरे रंगरूम की तारीफ करता है, वह मेरे मन को गुदगुदा जाता है.

करीब 3 महीने पहले सीमा के प्रकाश नर्सिंगहोम में बेटा हुआ था. वहां मैं रोज ही उस से मिलने जाती थी. एक  शाम को मैं रवि की किसी बात पर खुल कर हंस रही थी जब उस ने अचानक मेरा हाथ पकड़ कर चूमा और बड़े भावुक लहजे में बोला था, ‘‘शिखा, मैं ने हमेशा तुम जैसी सुंदर, हंसमुख लड़की की हमसफर के रूप में कल्पना करी है. तुम्हारी जोड़ी अजय भैया के नहीं, बल्कि मेरे साथ जमती है.

उस वक्त सीमा बाथरूम में थी. कमरे में हम दोनों के अलावा बस नन्हा शिशु ही था. रवि ने अजय का जिक्र कर के मु झे अंदर तक बेचैन कर दिया था. अजीब सी उल झन व घबराहट का शिकार बन कर मैं कुछ भी बोल नहीं पाई थी.

तब उस ने मौके का फायदा उठा कर मु झे जल्दी से अपनी बांहों में भरा और मेरे गाल का चुम्मा ले कर शरारती अंदाज में मुसकराता हुआ कमरे से बाहर चला गया.

उस रात मैं बहुत बेचैन रही. अजय ने मु झे प्यार करना चाहा तो मैं ने तेज सिरदर्द का  झूठा बहाना बना कर उन्हें अपने से पहली बार दूर रखा. मु झे उस रात अजय का स्पर्श सुहा ही नहीं रहा था.

‘‘तुम्हारी जोड़ी अजय भैया के साथ नहीं बल्कि मेरे साथ जमती है,’’ रवि के मुंह से निकला यह वाक्य बारबार मेरे मन में गूंज कर मेरे अंदर तनाव, बेचैनी और असंतोष के भाव गहराता जा रहा था.

यह सचाई ही है कि अजय शक्लसूरत और कदकाठी के हिसाब से मेरे लिए उपयुक्त जीवनसाथी नहीं है.

‘‘हूर की बगल में लंगूर. कौए की चोंच में अनार की कली जैसे वाक्य कई बार बाहर घूमते हुए हमारे कानों में पड़ते रहे हैं.

वरमाला के समय मैं ने अपनी सहेलियों की आंखों में जबरदस्त हैरानी व सहानुभूति के मिलेजुले भाव देखे थे. मेरी सब से अच्छी सहेली निशा ने तो अफसोस भरे लहजे में विदा होने से पहले कह भी दिया था, ‘‘शिखा, तु झे यहां शादी करने से इनकार कर देना चाहिए था.’’

वैसे उसे पता था कि मैं चाह कर भी शादी करने से इनकार नहीं कर सकती थी. अपने तानाशाह पिताजी की इच्छा और आदेश के खिलाफ चूं तक की आवाज निकालने की हिम्मत भी नहीं बल्कि घर में किसी की भी नहीं थी.

उन्हीं के डर के कारण मैं ने कभी किसी लड़के को अपने करीब नहीं आने दिया था. अनगिनत आकर्षक युवकों ने मेरा दिल जीतने की पहल करी थी, पर पापा के भय के चलते मैं ने किसी से भी निकटता बढ़ने नहीं दी थी.

कालेज की सब से खूबसूरत लड़की को वे सब हताश युवक लैस्बियन मानने लगे थे. मेरे सपने बड़े रोमांटिक होते, पर असलियत में किसी युवक के साथ अकेले में बात करते हुए मेरे हाथपैर पापा के गुस्से की कल्पना कर फूलने लगते थे.

अजय की नौकरी बहुत अच्छी थी. अपनी बेटी को इज्जतदार घर की बहू बनाने का फैसला पापा ने अकेले ही लिया था. अजय की शक्लसूरत को छोड़ कर सबकुछ बहुत अच्छा था. पापा के फैसले का विरोध कोई कर ही नहीं सकता था, सो 10 महीने पहले मैं अजय की दुलहन बन कर ससुराल आई थी.

अजय की आंखों में मैं ने सुहागरात के दिन अपने लिए गहरे प्यार के भाव देखे थे, ‘‘शिखा, तुम जैसी सुंदर लड़की का पति बनने की तो मैं ने सपने में भी कभी उम्मीद नहीं की थी. तुम्हें पा कर मैं संसार का सब से खुशहाल इंसान बन गया हूं.’’

अजय के प्यार ने उसी पल से मेरा दिल जीत लिया था. वे दिल के बड़े अच्छे इंसान निकले. मेरी इच्छाओं व खुशियों का हमेशा ध्यान रखते.

बस कभीकभी लोगों की बातें मन को दुखी व परेशान कर जातीं. जिस भी परिचित या रिश्तेदार को मौका मिलता, वह हंसीमजाक करने के बहाने हम दोनों के रंगरूम की तुलना करने से चूकता नहीं था.

इस का नतीजा यह रहा कि अजय का रंगरूम से आकर्षक न होने का सत्य मेरा मन भूल नहीं पाता था. यह बात फांस सी बन कर मेरे मन में चुभती ही रहती थी. उन के बाकी सब गुणों पर यही एक कमी कभीकभी भारी पड़ कर मु झे बहुत परेशान कर जाती थी.

दूसरी तरफ रवि किसी फिल्म स्टार सा सुंदर और आकर्षक था. उस की आंखों में अपने लिए मैं ने चाहत के भाव पढ़े, तो यह मेरे दिल को बहुत अच्छा लगा था.

न जाने कब मैं रवि के सपने देखने लगी थी. हमारे मिलनेजुलने पर कोई रोकटोक नहीं थी. मैं जब चाहे सीमा से मिलने के बहाने उस के घर जा सकती थी. उस के सासससुर व पति को कभी रत्तीभर शक हम दोनों पर नहीं हुआ था.

परसों वे सब नीरज की मौसी के घर मेरठ जा रहे थे. उन के पोते की पहली

सालगिरह का समारोह था. यह बात मु झे सीमा से पहले ही मालूम पड़ गई थी.

‘क्या मैं अकेले घर में परसों रवि से मिलने आऊंगी.’ अपने मन से मैं ने यह सवाल गुसलखाने में कई बार पूछा और मेरे मन की गुदगुदी व उत्तेजना से बढ़ी धड़कनों ने हर बार जवाब ‘हां’ में दिया.

हाथमुंह धोने के बाद मैं ने अपने बाल व लिपस्टिक ठीक की और रवि के स्पर्श को अब भी अपने बदन पर महसूस करती सीमा के गैस्टरूम के गुसलखाने से बाहर आ गई.

गुसलखाने का दरवाजा खोल कर मैं कमरे के दरवाजे की तरफ बढ़ी तो अचानक मेरा ध्यान कमरे से जुड़ी बालकनी की तरफ गया.

जब मैं अंदर आई थी, तब भी बालकनी में खुलने वाला दरवाजा खुला था, यह मु झे याद आ गया, लेकिन इस बार मैं ने जब उस तरफ देखा, तो वहां बालकनी में अपने पति को खड़ा पाया.

अजय की पीठ मेरी तरफ थी. मु झे पता नहीं था कि वे कब से वहां मौजूद हैं. वैसे जब मैं हौल से यहां गैस्टरूम में करीब 10 मिनट पहले आई थी, तब मैं ने उन्हें हौल में नहीं देखा था.

‘क्या रवि और मु झे उन्होंने कमरे में साथसाथ देखा है?’ इस सवाल ने हथौड़े की

तरह से मेरे मन पर चोट करी और मैं बेहद डरीघबराई सी हौल की तरफ चलती चली गई. अपने पति का सामना करने की मेरी बिलकुल हिम्मत नहीं हुई.

पार्टी की सारी रौनक और मौजमस्ती इस पल के बाद मेरे लिए बिलकुल खत्म हो गई. रवि ने मेरी आंखों से आंखें मिलाने की कोशिश कई बार करी, पर इस वक्त तो वे मु झे जहर नजर आ रहा था.

‘अजय ने हमें साथसाथ देखा है या नहीं’ मेरे मन में तो बस यही एक सवाल हड़कंप सा मचाए जा रहा था.मेरी नजरें सीढि़यों की तरफ बारबार उठ जातीं. अजय के हावभाव देखने को मेरा मन बेचैन होने के साथसाथ अजीब सा डर भी महसूस कर रहा था. तभी रवि को अपनी तरफ बढ़ते देख कर मैं ने अपना मुंह फेर लिया.

उस ने पास आ कर मु झ से कुछ कहने को मुंह खोला ही था कि मैं ने दबे पर गुस्से से कांपते स्वर में कहा, ‘‘मु झ से दूर रहो तुम.’’

‘‘क्या हुआ है शिखा?’’ मेरी ऐसी प्रतिक्रिया देख वह जोर से चौंक पड़ा.

‘‘मर गई शिखा. बात मत करना तुम कभी मु झ से,’’ उसे यों चेतावनी दे कर मैं अपनी कुछ परिचित महिलाओं की तरफ  झटके से चल पड़ी.

‘अजय ने अगर मु झे रवि की बांहों में बंधे देख लिया होगा और हमारी बातें सुन ली होंगी, तो क्या होगा’ इस सवाल के मन में उठते ही मेरे ठंडे पसीने छूट जाते.

अजय को करीब 15 मिनट बाद मैं ने सीढि़यों से नीचे आते देखा. उन्होंने गरदन घुमा कर मु झे ढूंढ़ा और मेरी तरफ बढ़ चले.

वे मु झे देख कर मुसकराए नहीं, तो मेरा मन बैठ सा गया. अपराधबोध की एक तेज लहर मेरे अंदर उठ कर मु झे जबरदस्त डर और तनाव का शिकार बना गई.

‘‘तुम ने खाना खा लिया है?’’ अजय ने पास आ कर सुस्त से स्वर में पूछा.

‘‘नहीं,’’ मैं उन के मुर झाए चेहरे की तरफ बड़ी कठिनाई से ही देख पा रही थी.

‘‘तुम जल्दी से खाना खा लो. फिर घर चलेंगे.’’

‘‘आप की तबीयत ठीक नहीं है क्या?’’ इस सवाल को पूछते हुए मेरी जान खूख हो रही थी.

‘‘सिर में तेज दर्द है. मैं कुछ नहीं खाऊंगा,’’ कह कर वे थके से मेरे पास से हटे और कोने में पड़ी एक कुरसी पर आंखें मूंद कर बैठ गए. मैं ने नाम के लिए अपनी प्लेट में थोड़ा सा खाना परोसा पर वह भी मेरे गले से नीचे नहीं उतरा. बारबार मेरी नजर अजय की तरफ उठ जाती. वे आंखें मूंदे ही बैठे रहे. उन के मन में क्या चल रहा है, यह जानने को मैं मरी जा रही थी, पर सवाल पूछ कर उन के मनोभावों को जानने की हिम्मत मुझ में बिलकुल नहीं थी.

हम दोनों करीब पौने घंटे बाद सीमा और नीरज से विदा ले कर घर लौट आए. मेरे खराब मूड को पहचान कर रवि मेरे निकट नहीं आया, तो मैं ने मन ही मन बड़ी राहत महसूस करी. अजय कपड़े बदल कर पलंग पर लेट गए थे. कमरे की रोशनी भी उन्होंने बु झा रखी थी. उन के चेहरे के भावों को न देख पाने के कारण मेरे मन की उल झन, परेशानी और तनाव बढ़ता जा रहा था.

‘‘मैं सिर दबा दूं? बाम लगा दूं?’’ इन सवालों को अजय से पूछते हुए मु झे अपनी आवाज असहज और बनावटी सी लगी.

‘‘नहीं, मैं ने दर्द के लिए गोली खा ली है,’’ उन्होंने थके से स्वर में जवाब दिया और फिर तकिया मुंह पर रख आगे न बोलने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी.

अजय ने रवि और मु झे साथसाथ गैस्टरूम में देखा था या नहीं यह सस्पैंस मु झे मारे जा रहा था. जब मन सोचता कि उन्होंने मु झे रवि के साथ देखा है, तो मैं अपराधबोध, आत्मग्लानि और शर्मिंदगी के भावों से खुद को जमीन में गड़ता सा महसूस करती.

उन्होंने कुछ नहीं देखा है, मन ऐेसे भी सोचता, लेकिन यह विचार ज्यादा देर रुकता नहीं था. अजय की खामोशी मेरे मन को सब बुराबुरा ही सोचने में सहायक हो रही थी. अजय को यों तेज सिरदर्द पहले भी हो जाता था. तब मैं बड़े अधिकार से उन का सिर दबा देती थी. उन से लिपट कर सोने की भी मु झे आदत है, लेकिन उस रात ऐसा कुछ भी करने की हिम्मत मु झ में पैदा नहीं हो सकी.

‘‘तुम धोखेबाज और चरित्रहीन स्त्री हो,’’ अजय के मुंह से ऐसे शब्दों को सुनने का भय मु झे उन के नजदीक आने से रोक रहा था.

वे तो कुछ देर बाद सो गए, पर मेरी आंखों से नींद कोसों दूर थी. मैं अपने को खूब कोस रही थी. बारबार रो पड़ने का दिल करता.

कभी अजय से माफी मांगने का दिल करता, पर फिर मैं खुद को रोक लेती. अगर उन्होंने कुछ देखा नहीं, तो बेकार रवि से अपने संबंध की जानकारी उन्हें देना मूर्खतापूर्ण होता.

वह सारी रात मैं ने करवटें बदलते हुए गुजारी. सुबह मेरे सिर में तेज दर्द हो रहा था. अजय मु झ से सहज हो कर वार्त्तालाप नहीं कर रहे थे. मैं अपने अंदर उन से आंखें मिला कर कुछ भी कहनेसुनने का साहस नहीं पैदा कर पा रही थी. औफिस जाते हुए उन्होंने हमेशा की तरह मु झे गले से नहीं लगाया, तो मेरा यह शक बड़ी हद तक विश्वास में बदल गया कि पिछली रात उन्होंने रवि और मु झे कमरे में बालकनी से जरूर देख लिया था.

उन्हें विदा कर मैं शयनकक्ष में आ कर पलंग पर गिर पड़ी. रातभर मेरे अंदर पैदा हुए अपराधबोध, तनाव, डर, अनिश्चितता जैसे भावों ने अचानक मु झ पर हावी हो मु झे रुला डाला.

मैं खुद से बेहद खफा थी. रवि की बातों के जाल में फंस कर मैं ने अपने अच्छेखासे विवाहित जीवन की खुशियां और सुखशांति नष्ट कर ली थी. अजय की नजरों में हमेशा के लिए गिर जाने का एहसास मेरे मन को बुरी तरह कचोट रहा था.

शाम को अजय औफिस से लौटे, तो भी सुस्त और मुर झाए से दिख रहे थे. कुछ वार्त्तालाप हमारे बीच हुआ, पर उस में सहज आत्मीयता का अभाव मु झे साफ खल रहा था.

मैं चाहती हूं कि अब एक बार सारा मामला साफ हो जाए. उन्होंने रवि और मु झे साथसाथ देखा है, तो वे मु झे खूब डांटें, मारें और शर्मिंदा करें. दूसरी तरफ वे अगर बालकनी में बाद में आए थे, तो किसी तरह से यह बात मु झे मालूम पड़नी ही चाहिए. तब मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ उन के संग अपने संबंध सहज व प्रेमपूर्ण बना लूंगी.

इस मामले को ले कर बना सस्पैंस मु झे मारे जा रहा है. अजय की नजरों में मैं चरित्रहीन साबित हो चुकी हूं, इस बात का अंदेशा भी मु झे मारे शर्म के जमीन में गाड़े दे रहा था.

रवि जैसा प्रेमी मेरे जीवन में कभी नहीं आएगा, यह सबक मैं ने हमेशा के लिए सीख लिया है. ऐसा गलत कदम उठाना मेरे बस की बात नहीं है. मुझे एहसास हो चुका है कि अपने पति की नजरों में गिर कर जीना जीते जी नर्क भोगने जैसा है. खेलखेल में आपसी प्रेम व विश्वास को खो देने की नौबत मेरे जीवन में फिर कभी नहीं आएगी.

अपराजेय: भाग 3-क्यों अपने पति को गिरफ्तार न कर सकी अदिती?

‘‘अरे तुम? तुम तो बिराज हो.’’

‘‘हां मैम, मैं बिराज ही हूं. छुट्टी ले कर गांव गया था. मेरे पिताजी का आकस्मिक निधन हो गया. मुझे

गांव में ही पता चला था कि आप यहां आई हैं. आज से जौइन किया है, सुना आप ने बुलाया है.’’

अदिति की आंखों में जैसे अनजाना सा स्रोत आ कर गुजर गया.

बिराज ने अदिति की मां के चरणस्पर्श किए. गुलाबी देवी ने उसे गले

से लगा कर कहा, ‘‘पता नहीं लाल तुम्हारी क्या जाति है… पांव मत पड़ो.’’

‘‘यह क्या मां. आप भी… हूं तो मैं ब्राह्मण का बेटा ही, लेकिन मेरे पिताजी हमेशा जातिभेद के विरुद्ध आवाज उठाते रहे. अभी तो जाति नामक किसी चीज को देख नहीं पाया. बस सुनता ही हूं कि मैं फलाना जाति… ‘मैं’ और ‘जाति’ जो सिर्फ लोगों की मानसिकता में हैं और इस भ्रम के लिए कितने ही खूनी संघर्ष हो जाते हैं.’’

अदिति विभोर सी बिराज को देखती रही कि वह तो उसी की भाषा कहता है. अदिति ने नाश्ते के बीच बिराज को पूरी गाइडलाइन दे दी.

1-1 नेता, मंत्री के पीछे गैरजरूरी तरीके से 10-10 गनमैन की पोस्टिंग थी. सरकारी गाडि़यां उन की घरेलू खिदमत में उन के रुतबे का सिंबल बनी उन के बंगले के बाहर खड़ी रहतीं. दूसरी ओर कितने ही जरूरी मसलों और पब्लिक हित की बातों में इन गनमैन और गाडि़यों की जरूरत पड़ती और तब इन की कमी के कारण प्रशासनिक तंत्र को लीपापोती करनी पड़ती.

अदिति ने 1-1 कर इन बिलों में हाथ डालने का काम जारी रखा. वह फिर से तैयार थी सर्पदंश का विष ?ोलने को. राजनीतिक रूप से काफी सशक्त हो चुका हिमांशु अब पैसे की ताकत और अपराधी शक्तियों के बूते कई राजनीतिक माफियाओं से लामबंद हो कर देश की आर्थिक और कार्यकारी तंत्र को जर्जर बनाने में पूरी मुस्तैदी से जुटा था. मगर पैसा और अहंकार की तुष्टि का रास्ता निस्संदेह अन्याय और असत्य की सुरंगों से हो कर ही गुजरता है और ऐसे लोग जल्दी एकत्र भी होते हैं.

अदिति की गनमैन पोस्टिंग को ले कर काररवाई करने से लीडर से ले कर अफसर तक सभी उस से बेहद खफा हुए. ऊपरी महकमे से उसे चेतावनी मिली कि वह सब के साथ तालमेल बैठाए, बिना बात लोगों को परेशान न करे, मगर अदिति तो वह थी जो अंधेरे से लड़ने के लिए खुद ही मशाल बन जल उठती थी. वह अपने न्यायपूर्ण फैसलों से डिग तो नहीं सकी, अलबत्ता एक और स्थानांतरण उस ने सहर्ष स्वीकार कर लिया.

बिराज का फोन आया था. उस ने नया फ्लैट लिया था और अदिति को बुलाया था. दोमंजिली पर एक सुंदर गृहस्थी का कोना जो अब बसने वाला था.

मद्धम रोशनी में सुसज्जित इस फ्लैट ने अदिति के मन के कहीं किसी कोने में दुबके पड़े स्त्रीमन को लालायित सा कर दिया. मोहविजडि़त उस की आंखों में किसी की छवि उतर आई थी. प्रतिपल संघर्ष और कर्तव्य में व्यस्त अदिति जैसे चंचल किशोरी सी थी… अभी स्वप्नमीत था जैसे सामने खड़ा और वह सकुचाई सी भावविभोर.

फ्लैट में आगंतुक वही थी और कोई नहीं. क्या बिराज ने ऐसा कुछ सोच कर किया होगा.

बिराज अब भी अदिति को अपलक निहारता दूर खड़ा था. 29 की अदिति और 28 का युवा बिराज… दोनों के बीच था एक गुजरी यादों का नशीला स्वप्न.

डिनर खत्म कर के दोनों पास बैठे. अब तक कुछ सामान्य बातचीत चल रही थी. दोनों के बीच अदिति शायद आज बांध तोड़ जाने को उतावली थी जैसे सदियों की ऊहापोह से वह छुटकारा पाना चाहती थी.

उस ने कहा, ‘‘ऐसा मुझे क्यों लगता है बिराज जैसे कुछ न बोल कर तुम मुझे बहुत कुछ कहना चाहते हो… मैं भी पास थी और तुम भी फिर भी कितने अपरिचय के हिमालय हैं हमारे बीच कि कुछ सुनाई नहीं देता.’’

‘‘मैं ने तो न जाने कब से क्याक्या कहना चाहा आप से, मगर लांघ नहीं पाया इस अपरिचय को.’’

अदिति ने संकोच छोड़ उस का हाथ पकड़ा, कहा, ‘‘क्या अब यही बोल सकते बिराज… नहीं भूल सकते कि मैं बौस हूं तुम्हारी.’’

इतना भर कहने में अदिति ने जैसे दुविधा के सैकड़ों पर्वत लांघे थे. बिराज भी झिझक की जंजीरों से मुक्त होने की भरपूर कोशिश करता हुआ कुछ पास आ गया. दोनों यों ही साथ बैठे रहे जैसे घनी अंधेरी रात का अतल सिंधु उन के ऊपर से गुजर रहा था और वे एकदूसरे में डूबे जा रहे थे.

अदिति ने धीरे से कहा, ‘‘बिराज मेरे ललाट पर अपना होंठ रख दो. एक एहसास भर दो कि कोई है मेरा अपना.’’

बर्फीली सी अंधेरी रात में ज्योत्सना एक पल को जल कर बु?ा गई थी जैसे. बिराज के दिल में सैकड़ों सवाल थे. वह फिर भी अनादर नहीं कर पाया और अदिति के ललाट पर अपने होंठ रख दिए और जब ब्रह्मांड का हर कण उद्यम आलोड़न के साथ अचानक स्तब्ध सा हो गया तब बिराज बोल पड़ा, ‘‘मेरे मोबाइल की इस तसवीर को देखिए.’’

अदिति अवाक थी, बिराज फिर उस अपरिचित स्वर में क्यों बोल रहा है.

‘‘यह चन्द्रमा है,’’ बिराज ने अदिति को दिखाया.

अदिति की सारी नसें खिंच सी गईं. जाने क्या था जो वह इतना डर गई. इतना डर तो उसे उन संघर्षों और साजिशों से भी नहीं लगा जो हमेशा उस की जिंदगी का हिस्सा रहीं. फिर भी अदिति ने अपने स्त्रीमन को अफसरी ढाल में छिपा कर कहा, ‘‘आगे कहो बिराज.’’

‘‘पिताजी की अचानक मृत्यु हो जाने से मेरी बीमार मां काफी अकेली हो गई थीं. चंद्रमा यद्यपि अन्य जाति की है लेकिन उस की सेवा और प्रेम से मेरी मां अभी बहुत हद तक स्वस्थ हैं. मां की इच्छा थी…’’

‘‘अभी किसी को बताए बिना तुम सगाई के लिए ही गांव गए थे न?’’

बिराज मौन बैठा रहा सिर झुकाए.

अदिति ने अपने गले से हीरे के लौकेट वाली सोने की चेन निकाली और

बिराज के हाथ में थमाते हुए कहा, ‘‘इसे चंद्रमा के गले में डालना. यह तुम दोनों के साथ मेरी स्थायी नेहडोर है. चंद्रमा तो तुम्हारी लाखों में एक है जैसे पूर्णिमा की चांदनी. 1 महीने बाद शायद मुझे फिर स्थानांतरण पर जाना पड़े. यमुना का बुलावा आया है. यमुना को बचाना है, सैंड माइथिंग माफिया.’’

‘‘जहां इस के पहले इस केस में वहां

की एसडीएम बर्खाश्त की गई हैं?’’ बिराज चिंतित था.

‘‘हां बिराज जब देश के अर्थतंत्र को राजनीतिक व्यापारी अपनी महत्त्वाकांक्षा का जरीया बना लें तो न्यायप्रिय कर्मदक्ष ब्यूरोक्रैट्स की चूलें हिलने लगती है.’’

‘‘राजनीतिक व्यापारी?’’

‘‘लोकतंत्र में राजनीति लोकहित का माध्यम होती है, लेकिन अब इस देश में ऐसा है नहीं. अब यह देश राजनीतिक व्यापारियों का लीलाक्षेत्र बन गया है. राजनीति अब लाभ और अहंकार का व्यापार है.’’

‘‘यानी सैंड माइथिंग में राजनीतिक हस्तियों का…’’

‘‘हां, राजनीतिक हस्तियां व्यवसायी माफिया से सांठगांठ कर सत्ता तक पहुंचने का रास्ता सुलभ करती हैं. खैर, इन से फिर भी लड़ लूं बिराज, लेकिन लोग न्यायअन्याय की इस लड़ाई में स्त्री होने को मुहरा बना लेते हैं. लोगों को स्त्री की औकात पर रोष भी होता है और स्त्री होने की पीड़ा पर आनंद भी.

‘‘दरअसल, यह ‘औकात’ और ‘पीड़ा’ दोनों ही थोपी गई हैं. सच यह है कि अपना कर्तव्य निभाते वक्त हम सिर्फ ‘लक्ष्यभेदी’ रह जाते हैं और कुछ नहीं.’’

सैंड माइनिंग के यमुना क्षेत्र में आ कर अदिति की धुआंधार धड़पकड़ जारी थी.

मार्केट में 20 हजार के रेत भरे ट्रक के बदले दिल्ली के पास यमुना किनारे रेत काट कर 8 हजार प्रति ट्रक धड़ल्ले से बिक रहे थे. लाभार्थियों में व्यावसायियों के अलावा सत्ता की सुरंगों तक प्रत्येक क्रम में लोग फैले थे. पैसे बनाने और गलत लाभ लेने वालों की न तो अर्थव्यवस्था के नकारात्मक पहलू पर नजर थी न प्रकृति की क्षति पर.

आज अभीअभी टीवी में खबर दिखाई गई कि भयानक ब्लास्ट में अदिति की पुलिस जीप के परखचे उड़ गए. सैंड माइथिंग इलाके से काररवाई कर लौटते वक्त अदिति और 5 पुलिस कर्मी इस के शिकार हुए थे. गंभीर हालत में सभी अस्पताल में भरती कराए गए थे. खबर सुनते ही बिराज हतप्रभ हो गया.

आज 10 दिन से लगातार बिराज और उस की पत्नी चंद्रमा गुलाबी देवी की देखभाल कर रहे थे, साथ ही अस्पताल आनाजाना भी. 4 पुलिस कर्मी अब कुछ ठीक हैं. अदिति को आईसीयू से निकाल कर अब पर्सनल कैबिन में रखा गया है.

हाथपैर टूटे थे और उन पर प्लास्टर चढ़ा था. जिस्म का कुछ हिस्सा झुलसा था. सूरज से चमकते चेहरे पर जैसे अमावस का डरा था. मासूम सी अदिति अपने आसपास बैठे लोगों को देख रही थी. सामने मां, पूर्व एसडीएम मैडम शुचिता, चंद्रमा और बिराज.

चंद्रमा के गले में अदिति की दी नेहडोर देख अदिति की आंखों से आंसू छलक पड़े. चंद्रमा ने उस का हाथ थाम लिया. कहा, ‘‘दी, हम सब आप की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं.’’

बिराज करीब आ गया था.

‘‘नेहडोर बांध रखी है, हमेशा के लिए,’’ मां की आंखों में तो गर्व के आंसू भरे थे. वह कुछ बोल नहीं पाई.

एसडीएम ने अदिति के सिर पर हाथ फिराते हुए कहा, ‘‘मैं आप के स्वस्थ होने की राह देख रही हूं, हमें मिल कर अब बहुत दूर चलना है.’’

अदिति ने उन की आंखों में गहरी दृष्टि डाली. मगर न जाने क्यों अदिति की आंखें बारबार पनीली हो जातीं.

चंद्रमा ने उन आंसुओं को थामते हुए कहा, ‘‘दीदी इन आंसुओं से कहो कि

आप एक प्रबल संभावना हो, एक कौशल, एक आशा, एक बिगुल हो. हम आसमान से किसी ईश्वर के अवतार लेने की उम्मीद में नहीं बैठे रहेंगे. भूत से भविष्य तक न्याय की रक्षा कर भार उठाना हम आप से सीखेंगे. आप वर्तमान की मशाल हैं, युवाओं की प्रेरणा हैं. आप ने जीवन का सही उद्देश्य निबाहा. आप फिर से जल्द ही अपना दायित्व संभालो.’’

भावविभोर सी अदिति ने चंद्रमा का हाथ पकड़ बिराज से पूछा, ‘‘हिंदी साहित्य न…’’

चंद्रमा ने कहा, ‘‘हां दी, मगर साहित्य के माध्यम से मैं ने सचाई ही कही है. बुराई का खात्मा और नया परिवर्तन हमारे द्वारा ही आएगा. किसी अवतार की उम्मीद में हम बैठे न रह जाएं.’’

अदिति की आंखों में अब फिर से अपराजेय ज्योति जल उठी थी.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें