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Summer Special: इन टिप्स की मदद से झुलसी त्वचा भी चमकने लगेगी

अच्छे स्वास्थ्य के लिए धूप में बैठना जरूरी है. हम सर्दियों में अकसर शरीर को धूप लगाने के लिए घंटों धूप में बैठते हैं. गरमियों में भी सुबहसुबह धूप में बैठने की कोशिश करते हैं यानी यह सच है कि धूप सेहत के लिए अच्छी है. इस से विटामिन डी मिलता है, साथ ही धूप शरीर में ऊर्जा का संचार करती है. मगर याद रखें धूप में ज्यादा देर बैठने से त्वचा को कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं.

दरअसल, सूर्य द्वारा पराबैगनी यानी यूवी किरणों का उत्सर्जन होता है. ये किरणें शरीर के लिए कई तरह से लाभकारी हैं. इन से शरीर में विटामिन डी का निर्माण होता है, हड्डियां मजबूत होती हैं, लेकिन ये किरणें त्वचा से संबंधित कुछ परेशानियां भी पैदा कर सकती हैं.

यूवी किरणों के 2 प्रमुख रूप यूवीए और यूवीबी हैं. यूवीए और यूवीबी दोनों ही तरह की किरणों से त्वचा को नुकसान हो सकता है.

यूवीए किरणें त्वचा की गहरी परतों को प्रभावित करती हैं और यूवीबी किरणें त्वचा की सतही परतों को प्रभावित करती हैं. त्वचा पर यूवी किरणों के बहुत से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं मसलन:

टैनिंग:

सूर्य के संपर्क में आने पर त्वचा का रंग बदलने लगता है. त्वचा ?ालसी हुई सी दिखती है. रंग सांवला होने लगता है. त्वचा पर गहरे रंग के पैच भी पड़ सकते हैं जो बिना ट्रीटमैंट के दूर नहीं होते हैं. चेहरे की रौनक छिन जाती है और ?ांइयां हो सकती हैं.

सनबर्न:

सूर्य के लंबे समय तक संपर्क में आने पर त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं, साथ ही लाललाल धब्बे भी बनने लगते हैं जिन में खुजली भी हो सकती है. इसे सनबर्न कहते हैं.

ऐजिंग:

त्वचा के नीचे कोलोजन और इलास्टिन में डैमेज या कमी के कारण स्किन ऐजिंग होने लगती है. इस से फाइन लाइंस और ?ार्रियां आने लगती हैं. यूवी किरणें सीधे कोलोजन और इलास्टिन के स्तर को प्रभावित करती हैं.

त्वचा कैंसर:

स्किन कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है. मगर यह सन डैमेज की वजह से भी हो सकता है. सूर्य की इन किरणों का असर हर इंसान पर समान नहीं होता. धूप में निकलने के बाद सब से ज्यादा खतरा गोरी त्वचा वालों को होता है या फिर जिन के शरीर में बड़ी संख्या में तिल होते हैं उन्हें भी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है. इस के अलावा जिन की त्वचा में जलने के निशान या झाइयां हों या जो कई घंटे बाहर धूप में समय बिताएं उन्हें ज्यादा दिक्कत आती है.

यूवी किरणों से त्वचा की सुरक्षा के तरीके

पूरी त्वचा और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहन कर यूवी किरणों को त्वचा तक पहुंचने से रोका जा सकता है.  50 या उस से अधिक के यूपीएफ रेटिंग वाले कपड़ों से यह जोखिम कम किया जा सकता है.

किसी की त्वचा को हानिकारक पराबैगनी किरणों से बचाने के लिए सब से प्रभावी तरीकों में से एक सनस्क्रीन का प्रयोग है.

सुनिश्चित करें कि उपयोग में आने वाले सनस्क्रीन में कम से कम 30 एसपीएफ (सन प्रोटैक्शन फैक्टर) हो. वास्तव में एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन ज्यादातर भारतीय त्वचा के लिए काफी अच्छा होता है. मगर यदि आप दिन में ज्यादातर समय धूप में बिताती हैं, तो एसपीएफ 50 या इस से अधिक वाला सनस्क्रीन आप के लिए सही है. बाहर जाने से कम से कम 30 मिनट पहले एसपीएफ 30+ के ब्रैंड स्पैक्ट्रम लगाएं.

ब्रैंड स्पैक्ट्रम का मतलब है कि उत्पाद 2 प्रकार की हानिकारक यूवी किरणों- यूवीए और यूवीबी से सुरक्षा प्रदान करता है. अगर धूप में कई घंटे रहना है तो लगातार अंतराल पर नियमित रूप से सन प्रोटैक्शन क्रीम लगाना जरूरी है.

सरल और प्रभावी तरीका

कैप पहन कर भी आप यूवी किरणों से अपनी आंखों, कानों और चेहरे को कुछ हद तक बचाने में सफल हो सकती हैं. बेहतर सुरक्षा के लिए चौड़े किनारे वाला कैप चुनें.

त्वचा को यूवी किरणों से बचाने का सब से सरल और प्रभावी तरीका छत या छाया के नीचे रहना है. जब सुबह और दोपहर के समय सूर्य अपने चरम पर होता है तो सलाह दी जाती है कि सूर्य के सीधे संपर्क से बचें.

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से त्वचा और शरीर को सूर्य की किरणों से होने वाले विकिरण से बचाया जा सकता है. ताजा जूस, ग्लूकोस, पानी और इलैक्ट्रोलाइसिस पीने से फायदा मिलता है.

धूप का चश्मा आंखों को यूवी जोखिम से बचा सकता है. धूप का वही चश्मा पहनना जरूरी है जो पूरी तरह से यूवीए और यूवीबी किरणों को कवर करता हो और आंखों के लिए कंफर्टेबल हो.

लेजर स्किन टोनिंग और डीटैनिंग: लेजर ऐक्सपोजर के परिणामस्वरूप त्वचा का रंग हल्का हो जाता है.

त्वचा की पौलिशिंग: त्वचा की पौलिशिंग डैमेज त्वचा पर काम करती है और उसे फिर से जीवंत बनाती है.

ऐंटीऐजिंग उपचार:

कभीकभी झुर्रियों और रेखाओं के रूप में त्वचा को होने वाली क्षति स्थायी होती है. बोटोक्स और फिलर्स का उपयोग कर के इसे ठीक किया जा सकता है.

यूवी किरणों से त्वचा को बचाने के लिए डाइट में शामिल करें ये फूड्स:

यूवी किरणों से बचने का एक और उपाय है जिस पर लोग ध्यान नहीं देते और वह है यूवी किरणों से बचने के लिए हैल्दी फूड का सेवन करना. दरअसल, जो भी खाते हैं उस का सीधा असर हमारे चेहरे पर भी दिखता है. अत: आप को ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए जिस में विटामिन सी ज्यादा हो, साथ ही हरी सब्जियों और ग्रीन टी का भी प्रयोग करें.

आहार में इन्हें शामिल करें

विटामिन सी युक्त फल जिन में संतरा, आंवला और नीबू शामिल हैं. इन में विटामिन सी के साथसाथ ऐंटीऔक्सीडैंट्स भी पाए जाते हैं जो सूर्य की किरणों के नुकसान और सनबर्न से बचाते हैं.

इसी तरह हरी सब्जियों में विटामिन ए पाया जाता है जिस से शरीर सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से बचता है. आप सनबर्न से भी बच सकती हैं. जिन महिलाओं को धूप से हाथपैरों के डार्क पड़ने की शिकायत होती है उन्हें भी हरी सब्जियां नियमित रूप से खानी चाहिए. टमाटर में लाइकोपिन होता है जो सूर्य की यूवीए और बी किरणों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है.

ग्रीन टी

यूवी किरणों से बचने के लिए ग्रीन टी भी बेहद फायदेमंद है. ग्रीन टी में पौलीफेनौल ऐंटीऔक्सीडैंट्स पाए जाते हैं जिन के सेवन से सूर्य की किरणें त्वचा को नुकसान नहीं पहुचाती हैं. अगर आप को सन डैमेज होने की शिकायत अधिक रहती है तो ग्रीन टी को अपने रूटीन में शामिल करना आप के लिए बेहद कारगर हो सकता है.

नट्स एंड फ्रूट

नट्स और ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम और किशमिश में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड पाया जाता है जो स्किन के लिए बेहद लाभकारी है. इस में भरपूर मात्रा में ऐंटीइनफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो सनबर्न वाली स्किन को रिकवर करने में मदद करते हैं.

Summer Special: इन 5 टिप्स से कमजोर नाखूनों को बनाएं मजबूत

लंबे व खूबसूरत नाखून देखने में बहुत खूबसूरत लगते हैं और आजकल यह फैशन में भी हैं. लेकिन, नाखूनों को लंबा करना कोई आसान काम नहीं हैं. अधिकतर महिलाओं की यह शिकायत होती है कि उनके नाखून जल्दी ही टूट जाते हैं. दरअसल शरीर में न्यूट्रिशंस की कमी के कारण नाखून कमजोर हो सकते हैं. शरीर में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन आदि की कमी के कारण यह समस्या हो सकती है. अगर आपके नाखून कमजोर हैं तो उन्हें मजबूत बनाने के लिए कुछ आसान तरीकों को अपना सकते हैं. आइए जानें, कैसे बनाएं अपने नेल्स को मजबूत.

इन तरीकों से बनाएं नाखूनों को मजबूत

कुछ तरीके न केवल आपके नाखून खूबसूरत बन सकते हैं, बल्कि यह उतने ही मजबूत भी हो सकते हैं. इसके कुछ टिप्स इस प्रकार हैं-

  1. बायोटीन सप्लीमेंट लें-

बायोटीन को विटामिन एच और विटामिन बी7 के रूप में जाना जाता है. यह वाटर-सॉल्युबल होता है इसलिए इसे शरीर में स्टोर नहीं किया जा सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि इसका रोजाना सेवन करें. इसका सेवन करने से बाल और नाखून मजबूत बनते हैं. आप इन्हें पके हुए अंडे, फलियों आदि से प्राप्त कर सकते हैं.

  1. पानी के सम्पर्क में कम आएं-

पानी में अधिक सम्पर्क में आने से नाखून कमजोर और ब्रिटल हो जाते हैं. इसलिए पानी में कोई भी काम करने से पहले ग्लव्स पहन लें.

  1. हाइड्रेट रहें-

पर्याप्त पानी पाना हमारी सेहत के लिए जरूरी है. लेकिन, नाखूनों के लिए भी लाभदायक है. पर्याप्त नमी न होने के कारण नाखून भंगुर हो सकते हैं और जल्दी टूट सकते हैं. पर्याप्त पानी पीने से उन्हें पर्याप्त नमी मिलेगी और वो स्ट्रांग बनेंगे.

  1. सही खानपान-

इस बात का ध्यान रखें कि आप न्यूट्रिएंट से भरपूर आहार का सेवन करें और इसके साथ ही मल्टीविटामिन और मिनरल्स लें. शरीर में पोषक तत्वों की कमी का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ सकता है, जिसमें नाखून भी शामिल हैं. कोई भी नया सप्लीमेंट ली से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.

  1. प्रोडक्ट्स का करें सोच-समझ कर इस्तेमाल-

किसी भी उत्पाद के इस्तेमाल को बहुत ध्यान से करें जैसे नेल पॉलिश, रिमूवर, हैंड सेनेटाइजर और क्लीनिंग प्रोडक्ट्स आदि. क्योंकि, इनमें मौजूद केमिकल्स आपके नाखूनों को कमजोर बना सकते हैं. जेल या ऐक्रेलिक नेल्स का इस्तेमाल करने से भी बचें. जब भी आप पॉलिश को रिमूव करते हैं या आपको लगता है कि आपके नाखून पर्याप्त हाइड्रेट नहीं हैं, तो उन पर हैंड क्रीम का इस्तेमाल करें. हाथ धोने के बाद भी आप ऐसा कर सकते हैं.

Summer Special: पालक साबूदाना फ्रिटर्स, स्टीम्ड आलू कोफ्ते और दाल पकौड़ा

गरमी के मौसम में बच्चों को कुछ चटपटा खाने का मन होता है लेकिन हमें उनकी हेल्थ का ध्यान रखना होता है. इसलिए आप घर पर ही उनके लिए कुछ मजेदार रेसिपी बना सकते हैं. तो आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही 3 रेसिपीज के बारे में. जो टेस्टी भी है और मजेदार भी.

  1. पालक साबूदाना फ्रिटर्स

सामग्री

  • 1 कप साबूदाना  
  • 1 कप पालक बारीक कटा  
  • 1/2 कप मूंगफली का चूरा
  • 1/2 कप पनीर  
  • 2 उबले आलू  
  • 2 हरीमिर्चें कटी  
  • 1/2 चम्मच अदरक कसा
  • तलने के लिए तेल  
  • नमक स्वादानुसार.

विधि

  • साबूदाने को 7-8 घंटों के लिए 1 कप पानी में भिगो दें.
  • इस में पालक, हरीमिर्चें, मूंगफली का चूरा, पनीर और आलू कस कर तथा नमक अच्छी तरह मिला लें.
  • इस की छोटीछोटी टिकियां बना लें.
  • कड़ाही में तेल गरम कर धीमी आंच पर साबूदाने की टिकियां सुनहरा होने तक तल लें.
  • चटनी या सौस के साथ गरमगरम परोसें

2. स्टीम्ड आलू कोफ्ते

सामग्री

  • 1 कप बेसन  
  • 3 आलू उबले  
  • 1/2 कप पनीर  
  • 2 बड़े चम्मच लाल, पीली व हरी शिमलामिर्च कटी
  • 1 प्याज कटा  
  • 2 हरीमिर्चें कटी  
  • 1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती कटी  
  • 2 छोटे चम्मच तेल
  • थोड़ी सी राई  
  • करीपत्ता  
  • 1 हरीमिर्च  
  • नमक स्वादानुसार.

विधि

  1. आलुओं को मैश कर इस में पनीर, लाल, पीली व हरी शिमलामिर्च, हरीमिर्च, धनियापत्ती व नमक डाल कर अच्छी तरह मैश कर इस की छोटीछोटी बौल्स बनाएं.
  2. एक कटोरी में बेसन घोल लें. इस में नमक मिला लें.
  3. आलू की छोटी बौल्स को बेसन में लपेट कर 10 से 15 मिनट स्टीम करें.
  4. कड़ाही में तेल गरम कर इस में राई, करीपत्ता व हरीमिर्च का तड़का लगाएं और फिर सभी स्टीम कोफ्ते इस में मिला दें.

3. मूंगदाल पकौड़ा

सामग्री

  • 1 किलोग्राम मूंग दाल
  • 100 ग्राम प्याज कटा
  • 50 ग्राम हरीमिर्च
  • 100 ग्राम धनियापत्ती
  • 50 ग्राम अदरक कटा
  • 20 ग्राम पेरीपेरी मसाला
  • 30 ग्राम पानी
  • 300 मिलीलिटर रिफाइंड औयल
  • नमक स्वादानुसार.

विधि

  1. मूंग की दाल को रातभर भिगो लें और अच्छी तरह पीस लें.
  2. मूंगदाल के पेस्ट में पेरीपेरी मसाला को छोड़ कर बाकी बचे सभी मसालों को अच्छे से मिक्स करें.
  3. कड़ाही में तेल गरम कर के इसे सुनहरा होने तक डीप फ्राई करें.
  4. अब पेरीपेरी मसाला से सीजन करें और गरमगरम परोसें.

पिछले कुछ महीनों से खाने के बाद हमेशा मेरे सीने में तेज जलन होती है, क्या करूं?

सवाल

मुझे सीने व गले में लगातार जलन रहती है. पहले तो यह तकलीफ कभीकभी होती थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों से खाने के बाद जलन हमेशा होती है. हालांकि मैं खाने में ज्यादा मिर्च व तलाभुना लेने से परहेज करती हूं. क्या करूं?

जवाब

ग्रासनली एक ऐसी नली होती है जो मुंह से भोजन पेट में ले जाती है. गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (गर्ड) या ऐसिडिटी तब होती है जब आप की ग्रासनली के अंतिम सिरे पर स्थित मांसपेशी ठीक प्रकार से बंद नहीं होती है. इस से पेट की चीजें वापस ऊपर ग्रासनली में रिसने लगती हैं और जलन उत्पन्न करती हैं. आप को अपने सीने या गले में जलन का अनुभव हो सकता है जिसे हार्टबर्न कहते हैं.

कभीकभी आप को अपने मुंह में पेट के तरल का अनुभव हो सकता है. इस का उपचार न करने पर इस की वजह से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में आप को दवा या सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है.

निम्न तरीके से इन लक्षणों को कम किया जा सकता है.

शराब और मसालेदार, तैलीय या ऐसिडिक आहार से दूर रहें.

एकदम ज्यादा न खाएं बल्कि छोटे आहार लें.

खाना खा कर एकदम न सोएं, वजन को नियंत्रित रखें.

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सवाल

मेरी उम्र 40 साल ह. मैं पिछले काफी समय से अपने पेट व जांघ के बीच सूजन महसूस कर रहा हूं. धीरेधीरे यह बढ़ती जा रही है. जब मैं ने एक डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने हर्निया की शिकायत बताई और औपरेशन करवाने की सलाह दी. मुझे औपरेशन से डर लगता है. क्या इस का कोई विकल्प है?

जवाब

हर्निया का सिर्फ एक ही उपचार है सर्जरी. इसे अन्य किसी भी दवा से ठीक नहीं किया जा सकता. आजकल हर्निया की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के द्वारा भी की जाती है. इस में डरने वाली कोई बात नहीं होती क्योंकि सिर्फ

3 छोटे छेद कर के सर्जरी कर दी जाती है. 24 घंटे के अंदरअंदर मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है. इसलिए आप को बिना किसी डर या शंका के किसी काबिल सर्जन से अपनी सर्जरी करवा लेनी चाहिए.

-डा. कपिल अग्रवाल

डाइरैक्टर, हैबिलाइट सैंटर फौर बैरिएट्रिक ऐंड लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्य

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आधुनिकता बनाम धर्मांधता

मध्य प्रदेश के ग्वालियर के नजदीक दतिया की 24 वर्षीय निकिता चौरसिया ने एमबीए किया है. बीती 16 फरवरी को निकिता की शादी जो उस ने अपनी मरजी से की धूमधाम से संपन्न हुई. निकिता ने ब्यूटीपार्लर में मेकअप कराया और मैरिज गार्डन आ कर बरात का इंतजार करने लगी. इस दौरान शादी की सारी रस्में मसलन हलदी, मंडप, मेहंदी और संगीत की हुईं. निकिता के पिता पान की दुकान करते हैं. भाई कुणाल भी मेहमानों के स्वागत और खानेपीने सहित दूसरे इंतजामों में लगा था.

मां और छोटी बहन महिलाओं के साथ अंदर मंगल गीत गाने के साथसाथ रीतिरिवाज संपन्न करवाने में लगी थी. लेकिन मेहमानों के चेहरों पर खुशी के बजाय एक खिंचाव सा था जो बरात का इंतजार बैचेनी से नहीं बल्कि एक उत्सुकता से कर रहे थे क्योंकि किसी ने अपनी जिंदगी में पहले कभी ऐसी शादी नहीं देखी थी.

वजह यह कि निकिता की शादी किसी युवक से नहीं बल्कि एक मूर्ति से होने जा रही थी. भगवान शंकर जो निकिता के दूल्हा थे, अब पति हैं जिन की बरात ब्रह्म कुमारी आश्रम से आई थी. द्वारचार के बाद 2 लोग दूल्हे की मूर्ति को उठा कर लाए और मैरिज गार्डन के बीचोंबीच उसे रख दिया. इस के बाद फेरों की रस्म के लिए पंडितजी के बुलाबे पर दुलहन निकिता आई और उस ने जयमाला के बाद शंकर की मूर्ति के संग 7 फेरे लिए. इस दौरान कुछ लोगों ने जम कर डांस किया.

ये फेरे पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुए. इस दौरान गार्डन में खानापीना चलता रहा. लोग उपहार और आशीर्वाद सिर्फ वधू को देते रहे क्योंकि भगवान भोले नाथ को तो आशीर्वाद देने की उन की न हैसियत थी और न ही हिम्मत. सो लोग उन्हें प्रणाम और चरणस्पर्श करते नजर आए. कुछ लोगों ने पुष्प वर्षा की और 1 घंटे में निकिता भगवान शंकर की पत्नी बन गई.

अनूठी शादी

इस अनूठी शादी को कवर करने का मौका मीडिया वाले भला कैसे चूक जाते. उन के लिए तो यह ऐक्सक्लूसिव और बिकाऊ खबर थी. इसलिए उन्होंने निकिता का इंटरव्यू भी किया, जिस में निकिता ने बताया कि भगवान शिव से शादी करने की वजह यह है कि लोग सांसारिक मोहमाया के जाल में फंसते जा रहे हैं. धनदौलत होने के बाद भी दुखी रहते हैं. महामार्ग को चुनने वाला हमेशा सुखी रहता है. इसलिए उस ने इस मार्ग को चुना किसी सामान्य लड़के के बजाय भगवान शिव को पति चुना. अब वह नव वर के साथ विश्व कल्याण के काम करेगी.

पुरातनपंथ का चक्रव्यूह

निकिता ने जब शंकर से शादी करने का अपना फैसला सुनाया तो घर वाले अचकचा गए थे. उन्होंने उसे सम झाने की कोशिश की पर कुछ देर की बहस के बाद उन्हें ही ज्ञान प्राप्त हो गया कि यह शादी तो हो कर रहेगी. अब यह उन के ऊपर है कि वे निकिता का साथ देते हुए अरैंज्ड मैरिज करेंगे या नहीं. आखिरकार बेटी की खुशी के लिए वे राजी हो गए और शुभचिंतकों की इस सम झाइश पर ध्यान नहीं दिया कि लड़की को सम झाओबु झाओ और कोई अच्छा सा एमबीए पास लड़का देख कर उस की शादी कर दो. दोनों साथ रहते गृहस्थ जीवन जीएं, वंश आगे बढ़ाएं और समाज व देश के लिए कुछ करें उसी में सार है वरना इस ड्रामे से तो लड़की की जिंदगी दूभर हो जाएगी.

मगर चौरसिया परिवार तो शंकर को दामाद बनाने के लिए निकिता से भी ज्यादा उतावला निकला और सलाह देने वालों को यह कहते हुए उन्होंने हड़का दिया कि तुम लोग अच्छा कुछ होते देखते ही टंगड़ी अड़ाने लगते हो. दतिया और दतिया के बाहर जिस ने भी सुना उसे राजस्थान की पूजा सिंह की याद आ गई. उस ने भी इसी तरह कृष्ण मूर्ति से शादी जयपुर में बीते 22 दिसंबर को की थी. पूजा और निकिता दोनों को पंडितों ने अपने पोथेपत्तर खंगाल कर बताया था कि इस तरह के यानी प्रतिमा विवाह का प्रावधान हिंदू धर्म में है. इसलिए वे भगवानों की मूर्तियों से शादी कर सकती हैं.

सामूहिक आस्था पैर पसार लेती है

आधुनिक भारतीय नारियां और युवतियां किस तरह पुरातनपंथ के चक्रव्यूह में फंसी हैं, यह इन 2 और ऐसी आए दिन की शादियों के अलावा खासी शिक्षित युवतियों के सबकुछ छोड़ कर सन्यास लेने से भी आएदिन साबित होता रहता है. अधिकतर सन्यास दीक्षा लेने वाली युवतियां जैन समुदाय की होती हैं. सन्यास का फैसला लेने में मुनि लोग उन की हिम्मत बढ़ाते हुए मदद करते हैं और फिर पूरा समाज ऐसा धूमधड़ाका आयोजित करता है जिस के नीचे वे तमाम बातें और दलीलें फना हो जाती हैं जो आम लोगों के मन में उमड़घुमड़ रही होती हैं. जहां सामूहिक आस्था पैर पसार लेती है तर्कों को वहां से अपनी इज्जत और जान बचाने खिसकने में ही भलाई लगती है.

अब ये सवाल लोगों के मन ही दफन हो कर रह गए कि कल को अगर दोनों में पटरी नहीं बैठी और लड़की ने तलाक मांगा तो वह कौन देगा नीचे की अदालत या ऊपर की क्योंकि दूल्हा तो उस लोक का है या यह फैसला भी वे पंडित ही करेंगे जिन्होंने जाने किस पोथी से शादी का तरीका ढूंढ़ा था वही तलाक का रास्ता निकालेंगे?

पति परमेश्वर क्यों

मनोवैज्ञानिक तौर पर देखें तो ये और ऐसी युवतियां इसी लोक के किसी जीतेजागते युवक से शादी करने और घरगृहस्थी की जिम्मेदारियां उठाने में खुद को असहाय पाती हैं. इसलिए भगवानों की मूर्तियों से शादी कर लेती हैं. असल में किशोरावस्था से ही ये भक्ति के रंग में इतनी रंग जाती हैं कि वास्तविक दुनिया और जिंदगी से कट जाती हैं. इन्हें शुरू से ही घुट्टी पिला दी जाती है कि कृष्ण या शंकर ही तुम्हारा स्वामी है.

अगर सांसारिक पुरुष से विवाह नहीं करना और जीवन का लक्ष्य धर्म तय कर लिया है तो भगवान से ही विवाह कर लो जिस का प्रावधान धर्म में है. राम से कोई युवती शादी नहीं करती क्योंकि वे एक पत्नीव्रत धारी हैं और दूसरे उन से प्रणय निवेदन करने वाली शूर्पणखा का अंजाम सभी को याद है. अब भला कौन युवती अपनी नाक कटवाना पसंद करेगी.

इस मामले में एक दिलचस्प बात यह भी है कि कभी कोई युवक किसी देवी की मूर्ति से शादी नहीं करता. अगर प्रावधान है तो बराबरी से होना चाहिए. ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि मैसेज यह देना रहता है कि पुरुष ही सर्वोपरि है स्त्री उस के बिना अधूरी है. इसलिए उसे यह एहसास कराया जाता है कि स्त्री जीवन की सार्थकता और पूर्णता ईश्वर के चरणों में है और पुरुष ईश्वर है. पति को परमेश्वर यों ही नहीं कहा गया है. पुरुष जीवन की संपूर्णता या सार्थकता स्त्री के चरणों में नहीं है फिर भले ही वह देवी ही क्यों न हो.

मुमकिन है यह सब धर्म के धंधे में कैरियर बनाने, पैसा कमाने और पूजने के लिए किया जाता हो, लेकिन समाज से एक शिक्षित युवती छिन जाती है जिस का जिम्मेदार वह पुरातनपंथ होता है जिस ने पूरे समाज को तरहतरह के डर और लालच दिखाते हुए जकड़ रखा है. अब कौन पूजा या निकिता से पूछे कि जब मूर्तियों से ही शादी करनी थी तो इतनी पढ़ाईलिखाई क्यों की थी. सोचना जरूरी है कि क्या भगवान भी शिक्षित पत्नी चाहने लगा है?

एक चेहरा यह भी

शिवरात्रि की दोपहर यह प्रतिनिधि भोपाल के न्यू मार्केट इलाके स्थित इंडियन कौफी हाउस में था. उसी वक्त ओला से 2 महिलाएं उतरीं जिन में से ज्यादा उम्र वाली ने सलवारसूट और उस से कम उम्र वाली ने जींसटौप पहन रखा था. एक के हाथ में पौलिथीन का बैग था जिसे ले कर वे रौकेट की रफ्तार से टौयलेट में घुस गईं. इस पर किसी ने खास ध्यान नहीं दिया, लेकिन 5-7 मिनट बाद जब वे टौयलेट से बाहर निकलीं तो उन के कपडे़ बदले हुए थे. अब दोनों ही पीली साडि़यां पहने हुए थीं.

पौलिथीन वाला बैग अब भी उन के हाथ में था. लेकिन अब उस में उतारे हुए कपडे़ थे. एकाध वेटर और मैनेजर का ध्यान उन की तरफ गया. लेकिन कुछ पूछा और कहा जाता उस से पहले ही वे जिस आंधी की तरह आई थीं उस से बड़े तूफान की तरह वापस चली गईं. होगा कुछ यह सोच कर सभी ने सिर  झटक लिया. लेकिन आधे घंटे बाद उन्हें न्यू मार्केट में ही एक शिव बरात में देखा तो यह प्रतिनिधि चौंका कि इसलिए इन्होंने ड्रैस बदली थी.

मन तो वही है

यह कोई नई बात नहीं है बल्कि आज के दौर की महिलाओं का सच है कि वे बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और नजर आती हैं. कलश यात्राएं अब धर्म की दुकानदारी का बहुत बड़ा जरीया बन चुकी हैं. इस में महिलाएं भगवा पीले या लाल कपड़े जो आमतौर पर साड़ी ही होती है पहन कर चलती हैं. उन के हाथों और सिर पर कलश होता है और वे मंगल गीत गा रही होती हैं. यह ड्रैस कोड बताता है कि महिलाएं अभी आजाद नहीं हुई हैं. वे धर्म के मकड़जाल में बुरी तरह जकड़ी हुई हैं. हां ऊपर से जरूर वे आधुनिक दिखती हैं.

इस डर या गुलामी को नापने के लिए पैमानों की कमी नहीं. करवाचौथ के दिन घर हो या औफिस औरतें आपस में बतियाती नजर आती हैं कि ए तेरे मियां ने गिफ्ट में क्या दिया? तो क्या आप इसे आधुनिकता कहेंगी, जो औरत की पुरानी तसवीर नए फ्रेम में पेश करती बात है? इस फ्रेम की तुलना जकड़न से करते हुए समाज शास्त्र की एक सीनियर प्रोफैसर कहती हैं, ‘‘पहले महिला की कलाइयों पर धार्मिक रीतिरिवाजों की रस्सी कांस या सन से बनी होती थी, जिस में स्किन छिल जाने की हद तक चुभन होती थी. अब यह रस्सी रेशम या कपास की होने लगी है, जिस में चुभन कम होती है पर जकड़न पर कोई फर्क नहीं पड़ता. वह तो ज्यों की त्यों है. बाजार धर्म में कितनी गहरी पैठ बना चुका है यह तो गिफ्ट वाली बातचीत से साबित होता ही है, लेकिन उस से पहले यह सम झ आता है कि पुरातनपंथ वक्त के साथ मन और चेतना से गहरे अगर आत्मा नाम का कोई तत्त्व होता है तो उस में भी जड़ें जमा चुका है. किसी सौफ्ट वेयर कंपनी की कंप्यूटर इंजीनियर अगर हरतालिका तीज के दिन भूखीप्यासी रहे तो ऐसी शिक्षा पर लानतें न भेजने की कोई वजह नहीं.

इंटरनैट की पोंगापंथी क्रांति की महिलाएं पहले भी धार्मिक मुहरा थीं और आज भी हैं बल्कि अब पहले से कहीं ज्यादा हैं क्योंकि उन के हाथ में टैक्नोलौजी की नई देन स्मार्ट फोन नाम का आत्मघाती गजट है, जिस में उन्हें सुबहसुबह ही दिन का पंचांग, तिथि, व्रत, त्योहार, उपवास आदि की जानकारी मिल जाती है जो पहले सास या मां की जिम्मेदारी होती थी कि बहू आज तुम्हें निराहार निर्जला रहना है क्योंकि आज निर्जला एकादशी है.

न तो पहले सास का हुक्म टाला जा सकता था न आज मोबाइल बाबा की अनदेखी की जा सकती है. अपने मरीजों को खाली पेट न रहने की सलाह देने वाली डाइटिशियन और फिजिशियन भी खाली पेट रहते कौन सी आधुनिकता का सुबूत देती हैं. यह या तो वही जानें या पंडेपुजारी अथवा भगवान बशर्ते वह कहीं होता हो तो. अब नए दौर की औरत को गुरु बनाने या बाबाओं के चमत्कार देखने दूर कहीं नहीं जाना पड़ता. बाबाजी या गुरुजी खुद उस के स्मार्ट फोन में प्रकट हो जाते हैं. यूट्यूब पर बाबाओं और उन के चमत्कारों का खजाना भरा पड़ा है जिन्हें देख आस जगती है कि फलां टोटका करने से पति इधरउधर मुंह नहीं मारेगा.

इंटरनैट भी कम दोषी नहीं

इंटरनैट ने महिलाओं को दिया कम है उन से छीना ज्यादा है. भोपाल के इलाके गौतम नगर में किराए के फ्लैट में रहने वाली बैंक औफिसर सुगंधा आप्टे (बदला हुआ नाम) मनपसंद पति चाहने इन दिनों 16 सोमवार के व्रत कर रही है. सोमवार की सुबह उठ कर वह नहाधो कर शिव मंदिर जाती है और दिनभर व्रत के नाम पर भूखीप्यासी रहती है. शाम को बैंक से लौट

कर वह पूजापाठ करती है और बिना नमक का खाना खाती है. 16 सोमवार के व्रत पूरे हो जाने के बाद सुगंधा उज्जैन हरिद्वार या नासिक जा कर व्रत का समापन करेगी जिसे उद्यापन भी कहते हैं.

यह विधिविधान उस ने यूट्यूब से सीखा है. लेकिन सुगंधा खुद को पुरातनपंथी कहने पर चिढ़ कर कहती हैं कि नहीं मैं नए जमाने की पढ़ीलिखी मौडर्न लड़की हूं जो कभीकभार फ्रैंड्स के साथ बियर भी पीती है और सिगरेट के धुएं के छल्ले भी बनाती है यानी वह ऊपर से कथित आधुनिक और अंदर से वास्तविक पुरातनपंथी है.

सुगंधा की नजर में कभीकभार मन की कर लेना गलत नहीं है. लेकिन कभी भी धर्म की अनदेखी करना कहीं से भी सही नहीं है. जब से सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है तब से निकिता पूजा और सुगंधा, जैसी कई लड़कियों को अपनी सनक सा झा करने के लिए एक प्लेटफौर्म भी मिल गया है. ये लड़कियां किसी भी देवता और उन में भी खासतौर से कृष्ण को अपना सखा या प्रेमी बना उस के साथ ऐसा व्यवहार करती हैं मानो वह जीवित उन के सामने खड़ा हो या साथ हो.

पुरातनपंथ फैलाते ब्रैंडेड बाबा

ऐसी ही एक युवती वृंदावन की राधे वृंदावनेश्वरी है जिस के हजारों फौलोअर्स हैं. वृंदावनेश्वरी राजा वृषभानु की बेटी और कृष्ण की हजारों प्रेमिकाओं में से एक थी. जाहिर है यह असली नाम नहीं है. मुमकिन है हो भी लेकिन इस से उस की प्रेमभक्ति या सनक जो भी कह लें पर कोई असर नहीं पड़ता. मासूम और सुंदर वृंदावनेश्वरी सिर से ले कर नाक तक तिलक लगाए रहती है और अकसर ऐसे वीडियो शेयर करती है जिन में वह कृष्ण से बेहद अंतरंग होती है. कई बार वह कृष्ण की मनुहार करते नजर आती है तो कभी उन्हें  िझड़क भी देती है. इसी लीला की आड़ में वह धर्म और शाकाहार का प्रचार भी करती रहती है.

वृंदावनेश्वरी जितनी कृष्णप्रिया हैं उतनी ही सुंदर, आकर्षक और बिंदास दिनरात कृष्ण में डूबी रहने वाली. वह अकसर फिल्मी गानों की पैरोडी पर भी अपनी भावनाएं व्यक्त करती है और कृष्ण को पूजने के फायदे गिनाती रहती है और व्रतत्योहारों की महिमा भी पोस्ट करती है. यह और ऐसी सैकड़ोंहजारों युवतियां सनातन और पुरातनपंथ फैलाने की ब्रैंडेड बाबाओं से कम दोषी नहीं कही जा सकतीं.

कोविड का कहर

कोविड और लौकडाउन के दौरान महिलाएं और तेजी से पुरातनपंथ की गिरफ्त में आईं क्योंकि तब उन के सिर पिता, पति, बेटा या भाई छिन जाने का डर शिद्दत से मंडरा रहा था. तब बिना मनु स्मृति पढ़े ही उन्हें यह ज्ञान प्राप्त हो गया था कि समाज पुरुषप्रधान है और यह सहारा अगर छिना तो वे कहीं की नहीं रह जाएंगी.

लिहाजा, इन दिनों उन्होंने जम कर व्रतउपवास और दूसरे धार्मिक जतन मसलन टोनटोटके तक किए. लेकिन तब उन की सलामती के लिए घर के किसी पुरुष ने यह सब नहीं किया क्योंकि महिला अगर चली भी जाती तो उन की सेहत या स्थिति पर कोई दीर्घकालिक फर्क नहीं पड़ना था. कोविड के पहले भी हालात यही थे कि पुरुष ने यह सब कभी नहीं किया.

कोविड के दौरान विधुर हुए अधिकतर पुरुषों ने दूसरी शादी कर ली है, लेकिन महिलाएं जो विधवा हुईं उन की स्थिति बदतर है क्योंकि विधवा विवाह आज भी आसान नहीं. कोविड ने समाज की भयावहता और भेदभाव को तीव्रता से उजागर किया कि पुरुषप्रधान समाज में महिलाएं चाहे वे अनपढ़ हों या शिक्षित हों असुरक्षा के मामले में उन में कोई अंतर नहीं यानी आधुनिकता तब भी सैकंडरी थी आज भी है. पारिवारिक और सामाजिक सुरक्षा की जो गारंटी धर्म देता है शिक्षा वह नहीं दे पा रही. यह गारंटी कितनी खोखली है यह बात भी किसी सुबूत की मुहताज नहीं.

गैरधार्मिक दकियानूसी भी

जब महिलाएं तेजी से शिक्षित हुईं और नौकरियों में आने लगीं तो उन्हें आभास हुआ कि वे अभी तक ठगी जा रही थीं. लेकिन इस का कोई खास प्रतिकार उन्होंने नहीं किया. हां थोड़ाबहुत वे अपनी मरजी से जीने लगीं. इस का यह मतलब नहीं कि उन्होंने खुद को धार्मिक जकड़न से मुक्त कर लिया बल्कि यह है कि कमाऊ होने के नाते वे कुछ पैसा अपनी सहूलियतों पर खर्च करने लगी जिस पर पुरुषों ने ऐतराज दर्ज न करने में ही बेहतरी सम झी.

फिर शुरू हुआ आधुनिकता के नाम पर किट्टी पार्टियों का दौर जिस की 3 दशक तक खूब चर्चा रही. इस पर भी पुरुषों ने ऐतराज नहीं जताया क्योंकि यह उन के भले की ही बात थी. औरतें अपना वक्त और पैसा जाया करें और उत्पादकता और रचनात्मकता से दूर रहें यह इच्छा किट्टी पार्टियों से पूरी होने लगी. यह एक गैरधार्मिक काम है जिस से औरत पिछड़ी ही रहती है. वह महफिल में मशगूल रहती है ठीक वैसे ही जैसे सत्यनारायण की कथा में रहती है कि कोई तर्क नहीं, कोई सवाल नहीं बस हवन में आहुति डाले जाओ.

बोल्ड सीरीज से नाम और पैसा दोनों कमाए: गहना वशिष्ठ

एकता कपूर की वैब सीरीज ‘गंदी बात’ में काम कर गहना वशिष्ठ अपनी बोल्ड वैब सीरीज और बोल्ड बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहती हैं. कंप्यूटर साइंस की डिगरी हासिल करने वाली गहना शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा और उमेश कामत के साथ मिल कर पोर्न फिल्में बनाने के आरोप में 3 महीने की सजा काट चुकी हैं. इस के अलावा वे कई हिंदी और साउथ की फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं. उन्होंने कई टीवी सीरियलों में भी लंबे समय तक काम किया है.

गहना के परिवार में सभी शिक्षित हैं. मां डाक्टर हैं तो पिता और 2 भाई इंजीनियर हैं. पोर्न फिल्मों में काम करने के उन पर लगे इलजाम कहां तक सही हैं, इस संबंध में हुई उन से बातचीत के कुछ अंश पेश हैं:

एकता कपूर की वैब सीरीज ‘गंदी बात’ से आप चर्चा में आईं. ऐसे में गंदी बात करने के बाद क्या अच्छी और क्या बुरी बात हुई?

जब मुझे यह सीरीज औफर हुई थी और मैं ने स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे यह अच्छी नहीं लगी क्योंकि सीरीज में मेरे एक बुड्ढे आदमी के साथ बोल्ड सीन थे जिन्हें करना मुझे बिलकुल गवारा नहीं था. इसलिए यह वैब सीरीज करने से मैं ने मना कर दिया. बाद में मु?ा से बोला गया कि वे लोग बूढ़े वाला सीन ही निकाल देंगे. फिर भी मैं ने करने से मना कर दिया क्योंकि मैं ने पहले कभी इस तरह का काम नहीं किया था. लेकिन बाद में जब उन्होंने बोला कि अगर मैं ने यह सीरीज नहीं की तो बालाजी वाले मुझे कभी दूसरी बार नहीं बुलाएंगे.

ऐसे में मुझे फिर हां बोलना पड़ा. इस से पहले मैं ने कभी खतरनाक स्मूच सीन नहीं दिए थे. इस वैब सीरीज में मेरे साथ जो हीरो था वह पौराणिक सीरियलों में राक्षस का रोल करता था. उस ने भी कभी ऐसी फिल्म नहीं की थी. लिहाजा हम दोनों के ही पसीने छूट रहे थे. सम?ा नहीं आ रहा था कैसे क्या करें. फिर भी हम ने किसी तरह डाइरैक्टर के कहे अनुसार शौट दे दिए. अच्छी बात यह हुई कि इस सीरीज में मुझे बहुत ज्यादा पसंद किया गया और मैं बहुत फेमस हो गई.

जब आप ने फर्स्ट टाइम बोल्ड शौट दिए तब आप की क्या प्रतिक्रिया थी?

सब से पहले मैं ने ‘गंदी बात’ के लिए ही बोल्ड शौट दिए थे. शुरुआत में तो डर के मारे मेरी हालत खराब थी क्योंकि ऐसे सैक्सी शौट देखने में भले मजा आए लेकिन जब शूट करते हैं तो पता चलता है कि कितना मुश्किल है क्योंकि उस वक्त सिर के ऊपर डाइरैक्टर, असिस्टैंट डाइरेक्टर, मेकअप आर्टिस्ट सभी खड़े होते हैं. डाइरैक्टर चिढ़ कर बोल रहा होता है ठीक से करो, ऐसे करो, क्या बकवास स्मूच कर रहे हो आदिआदि. उस वक्त मन में यही खयाल आया कि जितना हो सकेगा करेंगे. नहीं हुआ तो नहीं करेंगे.

लेकिन बाद में अच्छा यह हुआ कि ‘गंदी बात’ वैब सीरीज बहुत हिट हो गई और वायरल भी, जिस वजह से मैं भी बहुत चर्चित हो गई और मुझे बहुत काम भी मिलने लगा.

कई बार कलाकारों को इंटीमेट सीन करने के दौरान सचमुच प्यार हो जाता है. क्या आप के साथ कभी ऐसा हुआ?

हां ऐसा होता है कई बार शौट देते देते सामने वाला अच्छा लगने लगता है. ऐसे में कई लोग सीरीज करने के बाद भी रिलेशनशिप जारी रख लेते हैं. सैक्सी सीन शूट के दौरान अगर आप को बुरा नहीं लग रहा तो अच्छा जरूर लगता है. जरूरी नहीं है कि आप को सैक्सी सीन करते वक्त सामने वाला पसंद आ ही जाए लेकिन अगर हम किसी ऐसे शख्स के साथ सैक्सी सीन करते हैं जो हमें मन में पसंद है तो कई बार हम भावना में भी बह जाते हैं. ऐसा सब के साथ होता है.

क्या कभी कोई हीरो बोल्ड सीन के दौरान आउट औफ कंट्रोल हुआ?

हीरो सारे आउट औफ कंट्रोल ही हो जाते हैं. हमें उन्हें बताना पड़ता है कि बाबू सामने कैमरा है कंट्रोल में रहो. हीरो को भी पता होता है कि अगर हम आउट औफ कंट्रोल हो कर बेहूदा दिखे तो हमारा बहुत मजाक उड़ेगा इसलिए वे भी कंट्रोल में रहते हैं.

आज आप की इमेज बोल्ड हीरोइन की हो गई है. ऐसे में क्या आप को टाइप्ड होने का डर नहीं है?

नहीं मुझे ऐसा कोई डर नहीं है क्योंकि मेरा मानना है आज के समय में स्टार नहीं कंटैंट बिकता है और आप मानें या न मानें ऐसी फिल्में ज्यादातर लोग देखना पसंद करते हैं. यही वजह है कि मैं ने बोल्ड सीरीज करके नाम और पैसा दोनों कमाए हैं. बतौर निर्मातानिर्देशक मैं ने कई सारी बोल्ड वैब सीरीज बनाई हैं जिन में मैं ने अब तक 72 ऐक्टर लौंच किए हैं. मुझे अपने काम को ले कर कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैं ने जो भी काम किया है प्रोफैशनली किया है.

आप पर पोर्न फिल्म बनाने का भी इलजाम लगा है जिस के चक्कर में 3 महीने से ज्यादा जेल में भी रहीं. इस बारे में आप क्या कहेंगी?

इस बारे में मैं यही कहूंगी कि न तो मैं ने किसी पोर्न फिल्म में काम किया है और न ही मैं ने कोई पोर्न फिल्म बनाई है. मुझे इस मामले में पूरी तरह फंसाया गया है. मेरे पास मेरी बेगुनाही के पुख्ता सुबूत हैं जिन्हें मैं जब कोर्ट में केस चलेगा तब पेश करूंगी. लिहाजा इस बारे में मैं ज्यादा बात नहीं कर सकती क्योंकि कोर्ट में केस चल रहा है. मगर मैं इतना जरूर कहूंगी कि मैं ने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जो कानून के खिलाफ हो या गलत हो. जहां तक बोल्ड फिल्म बनाने और बोल्ड फिल्म में काम करने की बात है तो वह तो बहुत सारे लोग करते हैं. मैं ने कुछ अलग या गलत नहीं किया.

जेल में रहने के दौरान आप से जुड़े लोगों का व्यवहार आप के साथ कैसा था?

उस दौरान मु?ा से जुड़े सभी लोगों ने मेरा साथ दिया. फिर चाहे वह मेरा डाइरैक्टर दोस्त हो, मेरे दोस्त हों, मेरे परिवार वाले हों या मेरी टीम के लोग हो. अगर मैं अपने परिवार की बात करूं तो क्योंकि उस वक्त मैं जेल में थी सो इतना बड़ा खर्चा करना मेरे बस में था ही नहीं. सुप्रीम कोर्ट की वकील की फीस, बाकी सब खर्चे मेरे परिवार वालों ने ही किए क्योंकि उस दौरान मेरा अकाउंट भी फ्रीज कर दिया गया था और मेरे पास पैसे भी नहीं थे खर्चे के लिए तो उस दौरान मेरे दोस्तों ने मुझे पैसों से हैल्प भी की थी.

यहां तक कि मेरे डाइरैक्टर ने, मेरे मेकअप आर्टिस्ट ने और दोस्तों ने मिल कर उस वक्त मेरा बर्थडे भी मनाया था. सभी को पता है कि मैं भले गंदी फिल्मों में काम करती हूं, लेकिन मेरी नीयत साफ है. मैं ने हमेशा सब की मदद ही की थी. इसीलिए बुरे वक्त में सब ने मेरा साथ दिया.

आप का लव स्टेटस क्या है?

फिलहाल तो मैं सिंगल हूं और शादी के लिए लड़का ढूंढ़ रही हूं. लेकिन मैं ?ाठ नहीं बोलूंगी मेरे भी अफेयर्स रहे हैं जो टिक नहीं पाए. इन अफेयर्स में एक तो साउथ का बड़ा ऐक्टर था जिस का मैं नाम नहीं लेना चाहूंगी. उस से मेरा अफेयर काफी समय चला. उस दौरान मैं साउथ की फिल्में कर रही थी. मेरा उसी के साथ सैटल होने का इरादा था, लेकिन वह बहुत शराब पीता था इसलिए मैं ने उस के साथ संबंध तोड़ लिए. उस के बाद मुझे और एक लड़के से प्यार हुआ जिस का नाम राम है. वह अच्छा लड़का है.

उस ने मेरा मेरे बुरे वक्त में भी बहुत साथ दिया. लेकिन उस लड़के से भी मेरी शादी नहीं हो पा रही क्योंकि उस के मांबाप नहीं चाहते कि हमारी शादी हो. जैसे ही सही लड़का मिल जाएगा मैं शादी कर के सैटल हो जाऊंगी.

आप ने एकता कपूर के कई सीरियलों में काम किया. एकता कपूर के ‘गंदी बात’ वैब सीरीज से भी आप को लोकप्रियता मिली. तो ऐसी क्या वजह हुई कि अब आप एकता कपूर के किसी भी सीरियल में नहीं हैं?

एकता कपूर ने मुझे ‘लौकअप रियलिटी शो’ के लिए कौल किया था. लौकअप के लिए मेरे सारे टैस्ट जो शो में जाने से पहले होते हैं और औडिशन सबकुछ हुआ. पैसे भी फाइनल किए गए. लंबे समय के लंबे इंतजार के बावजूद उन्होंने मुझे आने के लिए कौल नहीं किया और न ही मुझे न बोला, जिस वजह से मेरा काफी समय खराब हो गया.

12 Summer Makeup Tips: गरमी में मेकअप के लिए परफैक्ट कौस्मैटिक्स

गरमी के मौसम में कई चीजों में बदलाव करना पड़ता है. खानापीना, पहनावा, हेयरस्टाइल से ले कर मेकअप के तरीके तक में भी बदलाव जरूरी हो जाता है. गरमी में सनटैन, पसीना, चिपचिपापन जैसी समस्याएं त्वचा की खूबसूरती बिगाड़ देती हैं.

यही वजह है कि गरमी में मेकअप करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. परेशानी तब और बढ़ जाती है जब किसी पार्टी या जरूरी बिजनैस मीटिंग में जाना हो और आप के लिए प्रेजैंटेबल दिखना जरूरी हो. पसीने और चिपचिपाहट के कारण गरमी में मेकअप को देर तक टिकाए रखना काफी मुश्किल काम होता है. इसलिए गरमियों में मेकअप करते समय कौस्मैटिक्स समझदारी से चुनने चाहिए.

  1. क्लींजिंग के लिए औयल फ्री फेसवाश

पसीने की समस्या गरमी में सामान्य है और यह मेकअप के खराब होने का कारण भी बन सकता है. इस परेशानी को कम करने के लिए औयल फ्री फेसवाश काफी मददगार साबित हो सकता है. वैसे आप हफ्ते में 1 या 2 बार पसीने या त्वचा से तेल की समस्या को कंट्रोल करने के लिए घरेलू चीजों जैसे मुलतानी मिट्टी, बेसन, नीम, नीबू, मसूर दाल आदि का उपयोग भी कर सकती हैं.

  1. टोनिंग के लिए गुलाबजल

टोनर त्वचा की गंदगी निकालने और स्किन पोर्स में कसावट लाने का काम करता है. गरमियों में टोनर के तौर पर गुलाबजल का उपयोग कर सकती हैं. गुलाबजल सौफ्टली त्वचा के अत्यधिक तेल को नियंत्रित करता है और साथ ही त्वचा को मौइस्चराइज भी करता है. पसीने की समस्या और त्वचा के रूखेपन की परेशानी दोनों के लिए ही यह उपयोगी होता है.

  1. 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन

सूर्य की हानिकारक पराबैगनी किरणें स्किन में फाइनलाइंस, असमय ?ार्रियां, ?ांइयां, सनटैन व सनबर्न का कारण बन सकती हैं. ऐसे में गरमी के मौसम में अगर धूप में बाहर जाने का काम है तो घर से निकलने से 15-20 मिनट पहले ही सनस्क्रीन लगा लेना चाहिए. सनस्क्रीन लोशन चुनते समय ध्यान दें कि अगर आप की स्किन औयली है तो जैल बेस्ड या ऐक्वा बेस्ड लोशन लेना चाहिए. वहीं अगर आप की स्किन ड्राई है तो मौइस्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन लोशन लें. लेकिन इतना जरूर ध्यान रखें कि यह 30 एसपीएफ से ज्यादा का हो.

  1. वाटरपू्रफ प्राइमर का इस्तेमाल

जब चेहरे पर मेकअप प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की बारी आती है तो सब से पहले प्राइमर का उपयोग किया जाता है. इसे स्किन के अनुसार क्रीम, जैल या स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. किसी भी मेकअप के लिए प्राइमर बेस की तरह काम कर सकता है. यह एक स्मूद और फ्लौलैस मेकअप लुक पाने में मदद करता है. साथ ही यह मेकअप को देर तक टिकने में भी मदद करता है. इसे आप मौइस्चराइजर लगाने के 5 मिनट बाद चेहरे पर अप्लाई करें और इस के 5 मिनट बाद मेकअप करें. गरमियों में वाटरपू्रफ प्राइमर का इस्तेमाल करना अच्छा विकल्प होता है.

  1. लाइट मौइस्चराइजर का इस्तेमाल

कई महिलाएं गरमी के मौसम में मौइस्चराइजर का उपयोग करने से परहेज करती हैं. दरअसल, कई बार महिलाएं यह सम?ाती हैं कि मौइस्चराइजर से त्वचा में चिपचिपाहट या पसीने की समस्या हो सकती है और मौइस्चराइजर सिर्फ ठंड के मौसम के लिए होता है, जबकि ऐसा नहीं है. गरमी में भी त्वचा को नमी और मौइस्चराइजर की आवश्यकता होती है. बस इतना ध्यान रखना है कि मौइस्चराइजर हलका हो या कम मात्रा में उपयोग किया जाए.

  1. पाउडर फाउंडेशन लगाएं

गरमियों में मेकअप करते समय पाउडर फाउंडेशन का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है. दरअसल, पाउडर फाउंडेशन आप की स्किन में ऐक्स्ट्रा औयल प्रोडक्शन को रोक सकता है और साथ ही स्किन के साथ चिपक कर आप के मेकअप को लंबे समय तक टिकाए रख सकता है. गरमियों में पसीना बहुत आता है इसलिए लिक्विड या क्रीम बेस्ड फाउंडेशन का इस्तेमाल करने से बचें. इसी तरह शीयर या शाइनी फाउंडेशन का इस्तेमाल भी न करें.

समर में हैवी फाउंडेशन लगाने से बचें. अगर यह हैवी होगा तो चेहरे पर अधिक पसीना आएगा और पोर्स भी बंद हो जाएंगे, जिस से स्किन पैची तो लगेगी ही साथ ही ऐक्ने, पिंपल्स आदि की समस्या भी हो सकती है. अगर गरमियों में फाउंडेशन यूज नहीं करना चाहती हैं, तो आप फाउंडेशन की जगह ऐलोवेरा जैल, गुलाबजल, बेहतर क्वालिटी की बीबी क्रीम, सीसी क्रीम जैसे विकल्प चुन सकती हैं. इस के अलावा त्वचा पर सिर्फ प्राइमर लगा कर भी छोड़ सकती हैं.

  1. लूज पाउडर

गरमियों के मौसम में नौर्मल स्किन वाली महिलाओं की स्किन भी औयली हो जाती है. ऐसे में मेकअप को टिकाए रखना और फ्रैश बनाए रखना बहुत ही मुश्किल लगता है. मगर इस प्रौब्लम से लूज सैटिंग पाउडर की मदद से बचा जा सकता है. मेकअप बेस बनाने के बाद लूज पाउडर से चेहरे को हलकेहलके ब्रश करने से लौंगलास्टिंग और मैट मेकअप मिलता है.

  1. औयल ब्लौटिंग शीट्स का इस्तेमाल

गरमियों में पसीने के साथ चिपचिपाहट की समस्या से हर महिला परेशान रहता है. ऐसे में अगर मेकअप को औयली होने से बचाना हो तो ब्लौटिंग शीट्स या ब्लौटिंग पेपर इस्तेमाल करना अच्छा रहता है. ब्लौटिंग पेपर टिशू पेपर की तरह होता है जो त्वचा के ऐक्स्ट्रा औयल को सोख सकते हैं. इस का उपयोग कर त्वचा से पसीना या तेल हटाया जा सकता है. ब्लौटिंग शीट्स को आप अपने साथ रख सकती हैं और जब भी आप को लगे कि चेहरे पर औयल जमा हो रहा है तो आप इन शीट्स को इस्तेमाल कर इसे सैट कर सकती हैं. इस के उपयोग से मेकअप भी लौंगलास्टिंग रह सकता है.

  1. फिनिशिंग स्प्रे

फिनिशिंग स्प्रे या सैटिंग स्प्रे मेकअप का लास्ट टच है. यह मेकअप को सैट कर देता है, जिस से मेकअप देर तक ठीक रह सकता है. जब मेकअप पूरा हो जाए तो इस स्प्रे से फाइनल टचअप कर मेकअप को सैट करें.

  1. गरमियों में आई मेकअप
  • समर में हैवी आई मेकअप करने से बचें. जरूरत हो तभी आई मेकअप करे.
  • जहां तक हो सके वाटरपू्रफ और स्मज पू्रफ प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें.
  • ज्यादा गरमी हो तो केवल काजल व मसकारा लगाना बेहतर है.
  • काजल, मसकारा या लाइनर तीनों एकसाथ लगाने के बजाय तीनों में से सिर्फ कोई एक भी लगा सकती हैं.
  • आई मेकअप करते समय आईशैडो के लिए लाइट व न्यूट्रल शेड्स चुनें.
  • समर में ब्लैक के बजाय सौफ्ट ब्राउन का मसकारा लगाएं. आप चाहें तो ट्रांसपैरेंट मसकारा भी लगा सकती हैं.
  • काजल लगाने से पहले ही आंखों के नीचे वाले एरिया को कौंपैक्ट पाउडर से अच्छी तरह सैट कर सकती हैं.
  • इस मौसम में आई मेकअप के लिए शिमर का इस्तेमाल न करें.
  • आंखों के पास ज्यादा पाउडर लगाने से बचें.
  • आंखों के वाटर लाइन एरिया में लिक्विड आईलाइनर न लगाएं.
  • इवनिंग पार्टी में जा रही हैं तो आई मेकअप के लिए वार्म चौकलेट, स्लेटी ग्रे या नेवी ब्लू शेड्स का चयन करें. समर में यह आई मेकअप आप को कूल लुक देगा.
  1. गरमियों में लिप मेकअप
  • समर में हैवी लिप मेकअप से बचें. डेली मेकअप के लिए सिर्फ लिपग्लौस ही काफी है. समर में लिपस्टिक लगाते समय मैट के बजाय क्रीमी लिपस्टिक लगाएं.
  • होंठों पर हलका प्राइमर या फाउंडेशन लगाएं ताकि लिपस्टिक देर तक टिके. कोई भी लिपस्टिक लगाने से पहले अपने होंठों पर लिपबाम लगा लें. लाइट शेड की लिपस्टिक का ज्यादा प्रयोग करें. लिप लाइनर लगाना न भूलें.
  • समर में लाइट कलर की लिपस्टिक लगाएं. पिंक, पीच जैसे लाइट शेड की लिपस्टिक समर में आप को यंग और फ्रैश लुक देगी.
  1. मेकअप को लौंगलास्टिंग बनाने के टिप्स
  • जहां तक संभव हो वाटरपू्रफ और स्मजपू्रफ मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. इस से आप का मेकअप जल्दी खराब नहीं होगा है.
  • ब्राइट की जगह लाइट मेकअप को महत्त्व दें जो थोड़ा इधरउधर होने पर भी खराब नहीं लगेगा.
  • स्किन को तरोताजा व हाइड्रेटेड रखने के लिए फेस मिस्ट स्प्रे का इस्तेमाल करें. यदि आप धूप में लंबे समय तक घूम रही हों तो बीचबीच में फेस मिस्ट स्प्रे आप को फ्रश महसूस कराएगा.
  • अपने साथ ब्लौटिंग पेपर जरूर रखें ताकि चेहरे पर पसीने को कंट्रोल किया जा सके.

बच्चों के लिए बनाएं यम्मी केसर चौकलेट फिरनी और हेजलनट्स नारियल चौकलेट बौल

बच्चों को मीठा खाना बेहद पसंद आता है लेकिन बाजार की मिठाई और आइसक्रीम का ज्यादा सेवन उनके लिए अच्छा नहीं है, इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी स्वीट डिश के बारे में, जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं. ये बच्चों को भी बेहद पसंद आएगी. तो फिर देर किस बात की आइए जानते हैं इन नई रेसिपीज के बारे में.

  1. हेजलनट्स नारियल चौकलेट बौल

सामग्री

  • 150 ग्राम हेजलनट्स, छीले और भुने हुए
  • 350 ग्राम डार्क चौकलेट कटी हुई
  • 200 ग्राम चोको हेजलनट्स स्प्रैड
  • नारियल पाउडर.

विधि

  1. 20 हेजलनट्स अलग रख दें और बाकी नट्स को बारीक काट लें.
  2. ध्यान रहे कि हमें इन हेजलनट्स को पीसना नहीं है.
  3. 150 ग्राम चौकलेट लें और डबल बौयलर विधि से पिघला लें.
  4. इस के लिए आप एक हीटप्रूफ बाउल में चौकलेट ले कर उसे उबलते पाने के एक बरतन के ऊपर रख दें. इस से चौकलेट पिघल जाएगी,
  5. इस के बाद बाकी बची चौकलेट, हेजलनट स्प्रैड, कोकोआ और बारीक कटे हेजलनट्स डालें और सब को अच्छे से मिक्स कर लें.
  6. अखरोट के आकार की बौल बनाएं और उस में हेजलनट स्टफ करें.
  7. बौल्स को कोकोनट पाउडर से कोट करें.
  8. करीब 15 मिनट के लिए या बौल्स के अच्छी तरह से सैट होने तक फ्रिज में रखें.

2. केसर चौकलेट फिरनी

सामग्री

  • 1 लिटर दूध
  • 100 ग्राम चीनी
  • 10 ग्राम घी
  • 100 ग्राम डार्क चौकलेट कद्दूकस की हुई
  • 10 ग्राम हरी इलायची पाउडर
  • 80 ग्राम मावा
  • 10 ग्राम गुलाबजल
  • 100 ग्राम भीगे चावल का पेस्ट.

विधि

  1. भारी तले के बरतन में दूध डाल कर एक उबाल आने दें.
  2. उस के बाद उस में चावल का पेस्ट डालें और दूध में 2 से 3 उबाल आने दें.
  3. जब चावल करीब 80% तक पक जाएं तो उन में 1-1 कर के चीनी, कुटी हुई हरी इलायची पाउडर, मावा डालें और अच्छे से मिक्स करती रहें.
  4. आखिर में घी और गुलाब जल डाल कर कुछ मिनट तक पकाएं.
  5. इसे कुल्हड़ में परोसें और कसी हुई चौकलेट से सजाएं.

मेरी स्किन का कलर डार्क है, ऐसे में मुझे किस कलर का ब्लशर यूज करना चाहिए?

सवाल

मेरा रंग सांवला है. मुझे किस रंग का ब्लशर लगाना चाहिए और  कैसे लगाना चाहिए ताकि मैं खूबसूरत लगूं?

जवाब

आप पर पीच या फिर डार्क कलर का ब्लशर अच्छा लगेगा. पिंक कलर आप के लिए नहीं है. अगर आप बहुत ही लाइट कलर के कपड़े पहन रही हैं तो आप पीच कलर लगा लीजिए और अगर डार्क कपड़े पहन रही हैं तो मैरून कलर आप को सूट करेगा. लगाने के लिए आप ब्लशर ब्रश ले लें और उस पर थोड़ा सा ब्लशर ले कर अपने गालों पर नाक से ले कर कानों के ऊपरी हिस्से तक ले जाएं और अच्छे से स्मज करें.

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सवाल

मेरे बालों में बहुत ही डैंड्रफ हो गया है. मेरे मेरे कपड़ों पर गिरता है और खराब लगता है. हर वक्त खुजली करती रहती हूं. कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब

अगर आप का डैंड्रफ आप के कपड़ों पर गिरता रहता है तो इस का मतलब है कि आप का डैंड्रफ ड्राई डैंड्रफ है. इसलिए आप किसी एरोमैटिक औयल से सिर में अच्छे से मसाज करें. 1 प्याज और 1 छोटा टुकड़ा अदरक ले कर कद्दूकस करें और उस का रस निकाल कौटन बौल की सहायता से अपनी स्कैल्प पर लगाएं. आधा घंटा रहने दें. उस के बाद बालों को धो लें. ऐसा हफ्ते में 2 या 3 बार करें. 2-3 हफ्तों में ही आप का डैंड्रफ ठीक हो जाएगा. एक बात और ध्यान रखने की जरूरत है कि जब भी बालों को धोएं अपने तकिए का कवर अपने कौंब और तौलिया धो कर किसी ऐंटीसैप्टिक लोशन में आधा घंटा डाल कर रखें और फिर धूप में सुखा लें. तब इस्तेमाल करें. अगर फिर भी डैंड्रफ ठीक न हो तो किसी क्लीनिक या सैलून में जा कर ओजोन ट्रीटमैंट लें. इस से डैंड्रफ ठीक हो जाएगा.

कहीं आपका बच्‍चा तो नहीं ट्रॉमा का शिकार, इन संकेतों से करें पहचान

बच्चे बेहद सेंसिटिव और मासूम होते हैं. ऐसे में किसी भी ट्रॉमा के संपर्क में आने से उनके बचपन की सुंदरता कम हो सकती है और उनके विकास में भी समस्या हो सकती है. लेकिन, अगर एक्सपर्ट्स की मानें, तो 18 से कम उम्र के बहुत से बच्चे जीवन में कभी न कभी किसी ट्रॉमा का अनुभव अवश्य करते हैं. अगर आपका बच्चा किसी ट्रॉमा से गुजरता है तो आप उसके व्यवहार में बदलाव का अनुभव कर सकते हैं. अगर इस समस्या का सही समय पर समाधान न किया जाए, तो बच्चा तनाव का शिकार भी हो सकता है. ऐसे में, अपने बच्चे के व्यवहार में बदलाव को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आइए जानें कि बच्चों में ट्रॉमा के संकेत कौन से हो सकते हैं?

बच्चों में ट्रॉमा के संकेत

अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों में ट्रॉमा के लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को भी अपने इमोशंस को एक्सप्रेस करने में समस्या आती है. लेकिन, बच्चों में इसके संकेत इस प्रकार हो सकते हैं:

बच्चों में ट्रॉमा के इमोशनल संकेत

  • -बच्चों में ट्रॉमा के इमोशनल संकेत इस प्रकार हो सकते हैं:
  • -उदास महसूस करना
  • -अधिक गुस्सा या अग्रेशन शो करना
  • -बहुत जल्दी ड़र जाना
  • -शर्म महसूस होना
  • -तनाव या अकेला महसूस करना
  • -अपने माता-पिता से दूर होते हुए डरना
  • -अधिक रोना और चिल्लाना

बच्चों में ट्रॉमा के बिहेवियर संकेत

ट्रॉमा से बच्चे के दिमाग पर असर हो सकता है. बच्चों में कुछ बिहेवियर संकेत इस प्रकार हैं:

  • -स्कूल के काम, प्रोजेक्ट आदि पर फोकस न करना
  • -बड़े बच्चों का बेड गीला करना या अंगूठा चूसना
  • -स्कूल जानें से मना करना
  • -लगातार रोना
  • -सोने में परेशानी होना
  • -वजन का बहुत अधिक बढ़ना या कम होना
  • -ईटिंग हैबिट्स में बदलाव या ईटिंग डिसऑर्डर
  • -सेल्फ हार्म के लक्षण दिखना

बच्चों में ट्रॉमा के शारीरिक संकेत

जब बच्चा ट्रॉमा के लक्षण महसूस करते हैं इसका असर उनके इम्यून सिस्टम फंक्शन पर भी बढ़ता है. जिससे वो मेटाबॉलिक सिंड्रोम, अस्थमा और इंफेक्शंस आदि का शिकार हो सकते हैं. कॉम्प्लेक्स ट्रॉमा के शिकार बच्चे बॉडी डिसरेगुलेशन का सामना भी कर सकते हैं. जिसके कारण बच्चे आवाज, टच, लाइट और स्मेल आदि के प्रति हाइपरसेंसिटिव हो सकते हैं. यही नहीं, बच्चे शरीर में दर्द की शिकायत भी कर सकते हैं.

हर बच्चा अलग होता है और वो ट्रॉमा के प्रकति कैसे रिस्पॉन्ड करता है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें इवेंट की गंभीरता, बच्चे की उम्र, बच्चे के डेवलपमेंट स्टेज, एन्वॉयरमेंट आदि शामिल है।

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