स्टैन ने किया अब्दू को कॉन्सर्ट से बाहर, दोनों के बीच आई दरार!

‘बिग बॉस 16’ कंटेस्टेंट और मंडली के मेंबर अब्दू रोज़िक और एमसी स्टैन की लड़ाई जल्द खत्म होने का नाम नहीं ले रही ह. हर गुजरते दिन के साथ उनकी दुश्मनी गहरी होती जा रही है. जब से अब्दू ने एमसी स्टैन के साथ अपनी लड़ाई के बारे में घटनाओं और सोशल मीडिया पर शेयर किया है, तब से हर कोई इस विवाद के पीछे की असली वजह जानने के लिए उत्सुक है. अब्दू ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि एमसी स्टैन के बदले व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है, रैपर ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. हालांकि, एमसी स्टैन के फैंस अब्दू से बहुत परेशान हो गए हैं और उन्होंने तजाकिस्तान के सिंगर के बारे में ट्रोल करना, मजाक उड़ाना और भद्दे कमेंट करना शुरू कर दिया है. यह अब्दू और उनकी टीम को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अब्दू का मजाक उड़ाने वाले लोगों की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और उनके बीच लड़ाई के पूरे कारण का भी खुलासा किया.

 

 

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बयान में अब्दू रोजिक (Abdu Rozik) का काम देख रही एजेंसी ने एमसी स्टैन (MC Stan) के मैनेजर पर अब्दू के साथ दुर्व्यवहार करने, गाली-गलौज करने और उनकी कार का पैनल तोड़ने का आरोप लगाया है. बयान में कहा गया है- सबसे पहले हम सभी को रमजान मुबारक की शुभकामनाएं देना चाहते हैं और सभी को हमेशा दयालु और शांतिपूर्ण रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं लेकिन इसके अलावा रमजान के महीने पर भी हमने महसूस किया कि अब्दू के बाद से मैक स्टैन के बारे में आधिकारिक तौर पर मामले को साफ करना जरूरी था. 20 मार्च को साजिद खान, अब्दू से मिले और मैक स्टैन साजिद के फोन पर बात कर रहे थे। तुम कैसे हो मेरे भाई मैं तुम्हें बहुत याद करता हूं. आज तक स्टैन ने कोई जवाब नहीं दिया या बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.

स्टैन के मैनेजर ने तोड़वाई अब्दू की कार

बयान में आगे लिखा गया है- 11 मार्च अब्दू और स्टैन दोनों बेंगलुरु में थे. अब्दू ने स्टैन के मैनेजर से बात की और कहा कि वह अपने भाई को कॉन्सर्ट में आकर सपोर्ट करना चाहते हैं, जिस पर अब्दू को कहा गया कि स्टैन अब्दू को कार्यक्रम में नहीं चाहते हैं. अब्दू ने सोचा कि स्टैन टीम से यह एक गलती थी, फिर उन्होंने एक गेस्ट के रूप में एक टिकट के साथ कॉन्सर्ट पर जाने की कोशिश की. वहां स्टैन ने मैनेजर से कहा कि इन्हें दूर कर दिया जाए और कार को तोड़ दिया जाए और पैनल को भी तोड़ दिया जाए.

 

 

 

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अब्दू के साथ में काम भी नहीं करना चाहते स्टैन

अब्दू की टीम ने बयान में यह भी खुलासा किया कि कुछ म्यूजिक लेबल एमसी स्टैन और अब्दू को साथ में चाहते थे लेकिन रैपर ने उन्हें यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह अब्दू के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. बयान में आगे अब्दू की टीम ने बताया कि मंडली के मेंबर्स ने अब्दू को बताया था और एमसी स्टैन परेशान थे क्योंकि अब्दू ने उनकी मां के साथ तस्वीर नहीं ली थी. अंत में मंडली ने अब्दू को बताया था कि स्टैन ने कहा कि अब्दू ने बिग बॉस के फिनाले में उनकी मां के साथ तस्वीर नहीं ली और स्टैन इस बात से नाराज थे. अब्दू यह सुनकर परेशान थे क्योंकि जब अब्दू बिग बॉस से बाहर आए तो उनकी पहली कॉल में से एक स्टैन की मां को सलाम के लिए था और स्टैन को यह बताने के लिए कि स्टैन ठीक कर रहा है.

किस बात से नाराज हैं स्टैन?

इसमें आगे है- बेशक वह एक हिजाब पहनती हैं और अब्दू उनका बहुत सम्मान करता है, उन्होंने कभी भी किसी भी तस्वीर से इनकार नहीं किया और पूछा नहीं गया था लेकिन मुस्लिम भाई इस मुद्दे को नहीं समझते थे. स्टैन ने मंडली को भी बताया था कि अब्दू ने उन्हें अनफॉलो कर दिया था और अपने कोलाब पोस्ट को हटा दिया लेकिन अब्दू ने कभी स्टैन के फॉलो ही नहीं किया और बिग बॉस में आने से पहले उनके 4 मिलियन फॉलोअर्स थे और चूंकि स्टैन किसी को फॉलो नहीं करते थे, इसलिए उनके बीच कभी भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. स्टैन की टीम से व्हाट्सअप कोलाब पोस्ट करने के लिए पुष्टि करने का अनुरोध किया गया था और बाद में उन्होंने अब्दू को बिना बताए डिलीट भी कर दिया था. अब्दू की टीम ने उन लोगों की आलोचना भी की जो उनका मजाक उड़ा रहे हैं, बॉडी शेमिंग कर रहे हैं और नस्लवादी बातें लिख रहे हैं

अनुज ने अनुपमा से तलाक लेने का किया फैसला! घरवालों के पैरों तले खिसकी जमीन

स्टार प्लस (Star Plus) का सुपरहिट धारावाहिक अनुपमा (Anupamaa) इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. शो में दर्शकों को अनुपमा, अनुज, वनराज और माया की जिंदगी में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. शो के किरदारों की जिंदगी में मची इस उथल-पुथल की वजह से दर्शकों को काफी मजा आ रहा है क्योंकि मेकर्स द्वारा पेश किए जा रहे ट्विस्ट एंड टर्न्स उनका दिल जीत रहे हैं. टीवी शो अनुपमा में अब तक दिखाया गया है कि होली पार्टी में अनुपमा को हंसता-खेलता देखकर अनुज के तन बदन में आग लग गई है. वो इतना गुस्सा हो जाता है कि सबके सामने अनुपमा पर चिल्ला उठता है. अनुज का ये व्यवहार देखकर समर नाराज हो जाता है. टीवी शो अनुपमा के अगले एपिसोड में दर्शकों को और भी ज्यादा ड्रामा देखने को मिलेगा.

 

 

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अनुपमा को खूब भला-बुरा कहेगा अनुज कपाड़िया

रूपाली गांगुली ,सुधांशु पांडे और गौरव खन्ना के शो अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में दर्शक देखेंगे कि अनुज कपाड़िया सबके सामने ही अनुपमा पर चिल्लाएगा और अपने दिल की कड़वाहट सामने रख देगा. अनुज अनुपमा पर छोटी को चाहकर भी नहीं रोकने का आरोप लगाएगा. अनुज बोलेगा कि अनुपमा अगर चाहती तो छोटी को रोक सकती थी. अनुज यह तक कह देगा कि अनुपमा को देखकर उसका दम घुटता है.

 

 

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अनुज अनुपमा को देगा रिश्ता खत्म करने की धमकी

अनुज के मुंह से इतनी कड़वी बातें सुनकर अनुपमा उससे पूछेगी कि क्या इस रिश्ते में भी उसका दम घुटता है तो अनुज बोलेगा कि ये रिश्ता अब नाम का रह गया है. अनुज बोलेगा कि वो इस रिश्ते में नहीं रहना चाहता है. ये बात सुनकर अनुपमा जमीन पर गिर जाती है और उसकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं. अनुज की बातें सुनकर देविका, धीरज और अंकुश उसे खरी-खोटी सुनाते हैं.

 

 

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अनुज के सामने रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ाएगी अनुपमा

टीवी शो अनुपमा में दर्शकों को आने वाले एपिसोड्स में भी धमाकेदार ट्विस्ट देखने को मिलेंगे. शो में दर्शक देखेंगे कि अनुपमा जल्द ही अनुज के सामने अपना रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ाएगी. हालांकि अनुज उसकी एक नहीं सुनेगा और बेटी के लिए रिश्ता खत्म कर देगा.

 

 

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सास-बहू के झगड़े

सासबहूओं के झगड़ों में ज्यादा झगड़े इस बात को ले कर होते हैं कि सास ने बहू के मैके में जा कर क्या बोल दिया या किसी और की शादी के दौरान उस ने जमी मंडली से बहू या उस ने पीहर वालों के बारे में कोई कमेंट क्यों कर दिया. इस पर बड़ा हंगामा खड़ा हो जाता है. बहू भी आसान पट्टी ले कर पड़ जाती है और उस के पीहर वाले भी घर पर आ कर खरीखोटी सुनाने लगते हैं कि ऐसावैसा कहा क्यों गया.

यही काम पौराणिक धारावाहियों से ज्ञान प्राप्त करे सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के लोग संसद में कर रहे हैं. राहुल गांधी ने लंदन में कुछ भाषणों में सवाल पूछ जाने पर कह डाला था कि भारत का लोकतंत्र डांवाडोल है और इस का असर दुनिया के सभी लोकतंत्रों पर पड़ सकता है, राहुल गांधी ने यह भी कह दिया था कि संसद में माइक बंद कर के विपक्षी नेताओं का भाषण ही बंद करा दिया गया है.

भारतीय जनता पार्टी को इस तरह के व्यक्तव्यों पर गहरी आपत्ति है. उस की नाराजगी यह नहीं है कि झूठ बोला गया है. उस की नाराजगी है कि यह सच लंदन में जा कर क्यों बोला गया. वे इस जिद पर अड़े हैं कि जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगेगे सदन नहीं चलने दिया जाएगा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी परोल रूप से इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. सासबहू के से झगड़े में संसद नहीं चल रही, घर में कलह मची हुई है.

सासबहू के इस तरह के झगड़े कि तुम ने उस से क्यों ऐसा कहा बहुत आम हैं, अगर बात घर के पैसे को ले कर हो, खाने की चीजों को ले कर हो, दहेज पर हो, सपत्ति के बंटवारे को ले कर हो तो समझा जा सकता है कि मतभेद होंगे पर सिर्फ बोल देने से घर की या देश की प्रतिष्ठïा धूल में मिल गई, यह बात समझ नहीं आती.

भारत की आजकल विश्व घटना पर 2 खासियतें हैं एक तो ये सब से बड़ी आबादी  वाला देश है. दूसरी जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से उस की अर्थव्यवस्था बड़ी है और विश्वभर के उत्पादकों के लिए अच्छाखासा व्यापार है, क्या ह्यूमन राइटस ले लें, हंगर इंडैक्स तो लें, फ्रीडम इंडैक्स ले लें, हैप्पीनैंस इंडैक्स ले लें, हंगर इंडैक्स ले ले, फ्रीडम इंडैक्स ले लें, हैप्नीनैस इंडैक्स ले ले सब में भारत नीचे से 5-10 देशों में नजर आएगा. ऐसा कुछ नहीं राहुल गांधी ने कहा तो पश्चिमी देशों को मालूम नहीं था. वह कोई ऐसे सीक्रेट नहीं बता कर आया. न ही उस के लहजे में शिकायत थी, न यह कि दूसरे देश दखल दें. उस से पूछा गया, उस ने साफसाफ कह दिया. सासबहू के झगड़ों की तरह भाजपा सांसद अब इसी बात को ले कर हल्ला मचाए जा रहे हैं उन के लिए यह मौका भी ठीक है क्योंकि अगर संसद चलेगी तो अडानी गु्रप का मसला उठाया जाएगा जो भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि संसद में उठे.

जब तक यह शब्द आप तक पहुंचेंगे, मामला ठंडा पड़ चुका होगा पर यह निशानी छोड़ जाएगा कि राजनीति सासबहू की लड़ाई की तरह होती है जिस में कभी सास शेरनी होती है तो कभी बहू. इसीलिए स्मृति ईरानी जो सास भी कभी बहू थी धारावाही से प्रसिद्ध हुई थी, इस लड़ाई की संसद में भारतीय जनता पार्टी ही ओर से मुख्य सूत्रधार है.

मेरे होने वाले पति की आईलैशेज बहुत ही सुंदर हैं, मेरी लैशेज बहुत ही छोटी व कम हैं, क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी होने वाली है. मेरे होने वाले पति की आईलैशेज बहुत ही सुंदर हैं. मेरी लैशेज बहुत ही छोटी व कम हैं. मुझे बहुत कौंप्लैक्स हो रहा है. क्या करूं?

जवाब

आप रोज इयर बड की हैल्प से हलके कुनकुने औलिव औयल को ले कर लैशेज के  रूट पर लगा लें. इस से आप की लैशेज लंबी हो जाएंगी. वैसे जब भी मेकअप करें आप अच्छी क्वालिटी का मसकारा इस्तेमाल करें. लौंग लैश और वौल्यूम दोनों जिस में हो ऐसा मसकारा खरीदें. उस की 2 परतें लगाएं. पहली परत सूखने के बाद दूसरी परत लगाएं और आईलैश कर्लर की हैल्प से लैशेज को कर्ल कर लें. इस से आप की लैशेज सुंदर लगेंगी. जब भी मेकअप करें तो आर्टिफिशियल लैशेज भी लगा सकती हैं. लेकिन बैस्ट है कि आप आईलैश ऐक्सटैंशन करवा लें ताकि लैशेज सुंदर दिखें और आप के अंदर कोई कौंप्लैक्स न रहे. हर 15 दिन बाद फिलिंग कराती रहें. इस से आप हमेशा खूबसूरत दिखेंगी.

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सवाल

मैं जब मेकअप करती हूं तो मेरा मेकअप बहुत डल व मैट लगता है. लोगों का मेकअप देखती हूं तो उस में एक शाइन रहती है. मु?ो ऐसा क्या करना चाहिए जिस से मेरे मेकअप में भी शाइन आए?

जवाब

मेकअप करने से पहले सही क्लींजिंग बहुत जरूरी है. आप मेकअप करने से पहले स्किन को क्लीन करें उस के बाद एक परत किसी औयल की लगाएं. बैटर है कि आप गोल्ड औयल लगाएं. यह आप की स्किन को नरिश भी करेगा और साथ में एक परत भी बन जाएगी जिस से लगाया हुआ मेकअप आप की स्किन को ड्राई नहीं कर सकेगा. उस के बाद  प्राइमर भी लगा लें. उस के बाद डीयूआई इफैक्ट देने के लिए इल्यूमिनेटर लगाएं और फिर बेस या फाउंडेशन लगाएं. ब्यूटी ब्लैंडर से हलका थपथपाएं और फाउंडेशन को सैट करने के लिए पाउडर की हलकी परत लगाएं. इस से आप का मेकअप बहुत शाइनी और खूबसूरत नजर आएगा.

लंच में बनाए टेस्टी खसखस पूरी और घिया के टैनिस बौल

बच्चों के लिए उनकी पसन्द का भोजन बनाना अक्सर बहुत बड़ी चुनौती होती है क्योंकि वे बहुत चूजी होते हैं. इसके अलावा उन्हें दिन में कई बार भूख भी लगती है. उन्हें समुचित पोषण मिले इसके लिये आवश्यक है कि उन्हें हैल्दी भोजन दिया जाए. आजकल बच्चे पिज़्ज़ा, बर्गर और नूडल्स जैसे फ़ास्ट फ़ूड के दीवाने हैं परन्तु फ़ास्ट फूड पेट तो भर सकता है परन्तु इनमें पोषण न के बराबर होता है. आपकी इसी समस्या का हमने समाधान किया है हमने आज अपनी इन 2 रेसिपीज के साथ.

1- खसखस पूरी

सामग्री

–  1/4 कप मैदा

–  1/4 कप आटा

1/4 कप चावल का आटा

–  2 बड़े चम्मच तेल

1/4 छोटा चम्मच अजवाइन

–  नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

–  2 बड़े चम्मच खसखस

–  1/4 छोटा चम्मच कुटा अदरक

1/4 छोटा चम्मच कलौंजी

1 चुटकी हींग

–  1-2 छोटी इलाइची

–  1-2 साबुत लालमिर्चें

–  1 बड़ा चम्मच तेल तलने के लिए

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

पूरियां बनाने की सारी सामग्री मिला कर मध्यम सख्त गूंध लें. एक पैन में साबूत लालमिर्चेंकलौंजीइलाइची बिना तेल डाले भून लें. अब इसे पीस लें. खसखस को रातभर भिगो कर रखें. पानी निथार कर पीस लें. पेस्ट डाल सूखी पीठी तैयार हो जाने तक भूनें. फिर नमक व हींग मिला दें. पूरी के आटे की लोइयां बना बेलें. इस में खसखस की भरावन भरें और गरम तेल में सुनहरा होने तक तल लें. स्वादिष्ठ खस्ता पूरियां तैयार हैं. 

2- घिया के टैनिस बौल

सामग्री

–  1 छोटा घिया

–  1 कप बेसन

–  1 बड़ा चम्मच कटे हुए काजू

1/4 कप सूजी

–  1 बड़ा चम्मच भूनी व कुटी मूंगफली

–  1 छोटा चम्मच चाटमसाला

1 छोटा चम्मच अदरक कसा

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

–  2 बड़े चम्मच धनियापत्ती पेस्ट

– थोड़े से अंगूर

–  1 हरीमिर्च

–  1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

–  तेल आवश्यकतानुसार

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

घिया को छिलका उतार कर कस लें. इस में बेसनसूजीअदरकहरीमिर्च और बाकी सारी सामग्री (तेल व अंगूर को छोड़ कर) मिला कर पानी की सहायता से गाढ़ा पेस्ट बना लें. अब एक पैन में तेल गरम करें. इस में यह पेस्ट डाल कर तब तक भूनें जब तक कि यह गूंधे आटे जैसा न हो जाए. थोड़ा ठंडा होने पर इस मिश्रण के टैनिस बौल जैसे गोले बनाएं और उन्हें 1-2 घंटों के लिए फ्रिज में ढक कर रख दें. जब परोसने हों तो फ्रिज से निकाल कर गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें. प्रत्येक बौल पर टूथपिक की सहायता से अंगूर सजाएं और चटनी के साथ परोसें.

ठीक हो गए समीकरण

‘‘प्रैक्टिकल होने का क्या फायदा? लौजिक बेकार की बात है. प्रिंसिपल जीवन में क्या दे पाते हैं? सिद्धांत केवल खोखले लोगों की डिक्शनरी के शब्द होते हैं, जो हमेशा डरडर कर जीवन जीते हैं. सचाई, ईमानदारी सब किताबी बातें हैं. आखिर इन का पालन कर के तुम ने कौन से झंडे गाड़ लिए,’’ सुकांत लगातार बोले जा रहा था और उसे लगा जैसे वह किसी कठघरे में खड़ी है. उस के जीवन यहां तक कि उस के वजूद की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सारे समीकरण गलत व बेमानी साबित करने की कोशिश की जा रही है.

‘‘जो तुम कमिटमैंट की बात करती हो वह किस चिडि़या का नाम है… आज के जमाने में कमिटमैंट मात्र एक खोखले शब्द से ज्यादा और कुछ नहीं है. कौन टिकता है अपनी बात पर? अपने हित की न सोचो तो अपने सगे भी धोखा देते हैं और तुम हो कि सारी जिंदगी यही राग अलापती रहीं कि जो कहो, उसे पूरा करो.’’

‘‘तुम कहना चाहते हो कि झूठ और बेईमान ही केवल सफल होते हैं,’’ सुकांत की

इतनी कड़वी बातें सुनने के बावजूद वह उस की संकीर्ण मानसिकता के आगे झुकने को तैयार नहीं थी. आखिर कैसे वह उस की जिंदगी के सारे फलसफे को झुठला सकता है? जिस आदमी को उस ने अपनी जिंदगी के 25 साल दिए हैं, वही आज उस का मजाक उड़ा रहा है, उस की मेहनत, उस के काम और कबिलीयत सब को इस तरह से जोड़घटा रहा है मानो इन सब चीजों का आकलन कैलकुलेटर पर किया जाता हो. हालांकि जिस तरह से सुकांत की कनविंस व मैनीपुलेट करने की क्षमता है, उस के सामने कुछ पल के लिए तो उस ने भी स्वयं को एक फेल्योर के दर्जे में ला खड़ा किया था.

‘‘अगर तुम ने यह ईमानदारी और मेहनत का जामा पहनने के बजाय चापलूसी और डिप्लोमैसी से काम लिया होता तो आज अपने कैरियर की बुलंदियों को छू रही होती. सोचो तो उम्र के इस पड़ाव पर तुम कहां हो और तुम से जूनियर कहां निकल गए हैं. अचार डालोगी अपनी काबिलीयत का जब कोई पूछने वाला ही नहीं होगा,’’ सुकांत के चेहरे पर एक बीभत्सता छा गई थी. लग रहा था कि आज वह उस का अपमान करने को पूरी तरह से तैयार था. अपनी हीनता को छिपाने का इस से अच्छा तरीका और हो भी क्या सकता था उस के लिए कि वह उस के सम्मान के चीथड़े कर दे.

‘‘फिर तो तुम्हारे हिसाब से मैं ने जो ईमानदारी और पूर्ण समर्पण के साथ तुम्हारे साथ अपना रिश्ता निभाया, वह भी बेमानी है. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था,’’ उस ने थोड़ी तलखी से कहा.

‘‘मैं रिश्ते की बात नहीं कर रहा. दोनों चीजों को साथ न जोड़ो. मैं तुम्हारे कैरियर के बारे में बात कर रहा हूं,’’ सुकांत जैसे हर तरह से मोरचा संभाले था.

‘‘क्यों, यह बात तो हर चीज पर लागू होनी चाहिए. तुम अपने हिसाब से जब चाहो मानदंड तय नहीं कर सकते… और जहां तक मेरी बात है तो मैं अपने से संतुष्ट हूं खासकर अपने कैरियर से. तुम ने कभी न तो मुझे मान दिया है और न ही दे सकते हो, क्योंकि तुम्हारी मानसिकता में ऐसा करना है ही नहीं. किसे बरदाश्त कर सकते हो तुम,’’ न जाने कब का दबा आक्रोश मानो उस समय फूट पड़ा था. वह खुद हैरान थी कि आखिर उस में इतनी हिम्मत आ कहां से गई.

‘‘ज्यादा बकवास मत करो नीला, कहीं मेरा धैर्य न चुक जाए,’’ बौखला गया था सुकांत. इतना सीधा प्रहार इस से पहले नीला ने उस पर कभी नहीं किया था.

‘‘तुम्हारा धैर्य तो हमेशा बुलबुलों की तरह धधकता रहा है… मारोगे? गालियां दोगे? इस के सिवा तुम कर भी क्या सकते हो? अच्छा यही होगा हम इस बारे में और बात न करें,’’ नीला बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी. फायदा भी कुछ नहीं था. सुकांत जब पिछले 24 सालों में नहीं बदला तो अब क्या बदलेगा. जो अपनी पत्नी की इज्जत करना न जानता हो, उस से बहस करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला था.

नीला को बस इसी बात का अफसोस था कि वह अपने बेटे को सुकांत के इन्फलुएंस से बचा नहीं पाई थी. पता नहीं क्यों नीरव को हमेशा लगता था कि पापा ही ठीक हैं. संस्कारों की जो पोटली उस ने बचपन में नीरव को सौंपी थी वह उस ने बड़े होने के साथ ही कहीं दुछती पर पटक दी थी. उस के बाद उसे कभी खोलने की कोशिश नहीं की. वह बहुत समझाती कि नीरव खुद अपनी आंखों से दुनिया देखो, पापा के चश्मे से नहीं. पर वह भी उस की बेइज्जती कर देता. उस की बात अनसुनी कर पापा के खेमे में शामिल हो जाता. वह मनमसोस कर रह जाती. स्कूलकालेज और उस के बाद अब नौकरी में भी वह पापा के बताए रास्ते पर ही चल रहा है.

अपने बेटे को गलत रास्ते पर जाते देखने के बावजूद वह कुछ नहीं कर पा रही थी.

उस पीड़ा को वह दिनरात सह रही थी और नीरव की जिंदगी को ले कर ही वह उस समय सुकांत से लड़ पड़ी थी. विडंबना तो यह थी कि नीरव की बात करने के बजाय सुकांत उस की जिंदगी के पन्नों को ही उलटनेपलटने लगा था. यह सच था कि वह डिप्लोमैसी से सदा दूर रही और सिर्फ काम पर ही उस ने ध्यान दिया और इस वजह से वह बहुत तेजी से उन लोगों की तुलना में कामयाबी की सीढि़यां नहीं चढ़ पाई जो खुशामद और चालाकी की फास्ट स्पीड ट्रेन में बैठ आगे निकल गए थे. लेकिन उसे अफसोस नहीं था, क्योंकि उस की ईमानदारी ने उसे सम्मान दिलाया था.

कई बार सुकांत के रवैए को देख कर उस का भी विश्वास डगमगा जाता था पर वह संभल जाती थी या शायद उस की प्रवृत्ति में ही नहीं था किसी को धोखा देना.

‘‘और जो तुम नीरव को ले कर मुझे हमेशा ताना मारती रहती हो न, देखना एक दिन वह बहुत तरक्की करेगा. सही राह पर चल रहा है वह. बिलकुल वैसे ही जैसे आज के जमाने की जरूरत है. लोगों को धक्का न दो तो वे आप को धकेल कर आगे निकल जाते हैं.’’

नीला का मन कर रहा था कि वह जोरजोर से रोए और उस से कहे कि वह नीरव को मुहरा न बनाए. नीला को परास्त करने का मुहरा. सुकांत उसे देख रहा था मानो उस का उपहास उड़ा रहा हो.

कितनी देर हो गई है, नीरव क्यों नहीं आया अब तक. परेशान सी नीला बरामदे के चक्कर लगाने लगी. रात के 10 बज रहे थे. मोबाइल भी कनैक्ट नहीं हो रहा था उस का. मन में अनगिनत बुरे विचार चक्कर काटने लगे. कहीं कुछ हो तो नहीं गया… औफिस में भी कोई फोन नहीं उठा रहा था. सुकांत को तो शराब पीने के बाद होश ही नहीं रहता था. वह सो चुका था.

अचानक नीला का मोबाइल बजा. कोई अंजान नंबर था. फोन रिसीव करते हुए उस के हाथ थरथराए.

‘‘नीरव के घर से बोल रहे हैं?’’

नीला के मन की बुरी आशंकाएं फिर से सिर उठाने लगीं, ‘‘क्या हुआ उसे, वह ठीक तो है न? आप कौन बोल रहे हैं?’’ उस का स्वर कांप रहा था.

‘‘वैसे तो वे ठीक हैं, पर फिलहाल जेल में हैं, उन्हें अरैस्ट किया गया है. अपनी कंपनी में कोई घोटाला किया है उन्होंने. कंपनी के मालिक के कहने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.’’

तभी लाइन पर नीरव के दोस्त समर की आवाज सुनाई दी, ‘‘आंटी मैं हूं नीरव के साथ. बस आप अंकल को भेज दीजिए. उस की जमानत हो जाएगी.’’

पूरी रात जेल में बीती उन तीनों की. नीला को नीरव को सलाखों के पीछे खड़ा देख लग रहा था कि वह सचमुच एक फेल्योर है. हैरानी की बात थी कि सुकांत एकदम चुप थे. न नीरव से, न ही नीला से कुछ कहा, बस उस की जमानत कराने की कोशिश में लगे रहे.

नीला को लगा नीरव को कुछ भलाबुरा कहना ठीक नहीं होगा. उस के चेहरे पर पछतावा और शर्मिंदगी साफ झलक रही थी. शायद मां ने उसे जो ईमानदारी का पाठ बचपन में सिखाया था, उसे ही वह आज मन ही मन दोहरा रहा था.

शाम हो गई थी उन्हें लौटतेलौटते. अपने को घसीटते हुए, अपनी सोच के दायरों में चक्कर काटते हुए तीनों ही इतने थक चुके थे कि उन के शब्द भी मौन हो गए थे या शायद कभीकभी चुप्पी ही सब से बड़ा मरहम बन जाती है.

‘‘मुझे माफ कर दो मां,’’ नीरव उस की गोद में सिर रख कर सुबक उठा.

‘‘तू क्यों माफी मांग रहा है? गलती तो मेरी है. मैं ने ही तेरे मन में बेईमानी के बीज बोए, तुझे तरक्की करने के गलत रास्ते पर डाला. आज जो भी कुछ हुआ उस का जिम्मेदार मैं ही हूं और नीला मैं तुम्हारा भी गुनहगार हूं. सारी उम्र तुम्हें तिरस्कृत करता रहा, तुम्हारा उपहास उड़ाता रहा. सारे समीकरण गलत साबित कर दिए थे मैं ने. प्रिंसिपल ही जीवन में सब कुछ होते हैं, सिद्धांत खोखले लोगों की डिक्शनरी के शब्द नहीं वरन जीवन जीने का तरीका है. सचाई, ईमानदारी किताबी बातें नहीं हैं,’’ सुकांत लगातार बोले जा रहा था और नीला की आंखों से आंसू बहते जा रहे थे.

नीरव को जब उस ने सीने से लगाया तो लगा सच में आज उस की ममता जीत गई है. उस का खोया बेटा उसे मिल गया है. सारे समीकरण ठीक हो गए थे उस की जिंदगी के.

मैदा है एक धीमा ज़हर

अक्‍सर जो लोग वजन कम करने का प्रयास करते हैं, वे मैदे से बनी हुई चीज़ें नहीं खाते. मैदा हर किसी के किचन में पाया जाता है जो, जिससे बहुत से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. लेकिन क्‍या मैदा आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अच्‍छा है?

मैदा या रिफाइंड आटे को अगर आप रोज़ अपने आहार में शामिल करेंगे तो यह आपको तुरंत नुकसान नहीं करेगा. मैदे के कई साइड इफेक्‍ट होते हैं, जो लंबे समय तक प्रयोग करने के बाद ही पता चलता है.

मैदा एक परिष्कृत गेहूं का आटा है, जिसमें से फाइबर समाप्‍त कर दिया जाता है. फिर इसके बाद इसे benzoyl peroxide ब्‍लीच किया जाता है जिससे इसको साफ और सफेद रंग और टेक्‍सचर दिया जाता है.

चाइना और यूरोपियन देशों में benzoyl peroxide को बैंन कर दिया जा चुका है क्‍योंकि इससे स्‍किन कैंसर हो सकता है.

मैदा खाने का नुकसान जानिये –

1- मोटापा बढ़ाए

बहुत ज्‍यादा मैदा खाने से शरीर का वजन बढ़ना शुरु हो जाता है और आप ओबीज़ होने लगते हैं. यही नहीं इससे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल और खून में ट्राइग्‍लीसराइड भी बढ़ता है. यदि आपको वजन कम करना है तो अपने खाने से मैदे को हमेशा के लिये हटा दें.

2- पेट के लिये खराब

मैदा पेट के लिये इसलिए खराब होता है क्‍योंकि इसमें बिल्‍कुल भी फाइबर नहीं होता, जिससे कब्‍ज होने की शिकायत होती है.

3- फूड एलर्जी होती है

मैदे में ग्‍लूटन होता है, जो फूड एलर्जी को पैदा करता है. मैदे में भारी मात्रा में ग्‍लूटन पाया जाता है जो खाने को लचीला बना कर उसको मुलायम टेक्‍सचर देता है. वहीं गेंहू के आटे में ढेर सारा फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है.

4- हड्डियां हो जाती हैं कमजोर

मैदा बनाते वक्‍त इसमें से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्‍शियम को खींच लेता है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

5- रोग होने की संभावना बढ जाती है

मैदे को नियमित खाने से शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो जाता है और बार बार बीमार होने की संभावना बढ़ने लगती है.

6- डायबिटीज का खतरा

इसे खाने से शुगर लेवल तुरंत ही बढ़ जाता है क्‍योंकि इसमें बहुत ज्‍यादा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्‍स होता है. तो अगर आप बहुत ज्‍यादा मैदे का सेवन करते हैं, तो अग्न्याशय की फिक्र करना शुरु कर दें क्‍योंकि यह एक बार तो इंसुलिन का उत्पादन ठीक से कर देगा मगर बार बार महनत पड़ने पर इसका काम धीमा पड़ जाएगा, जिससे शरीर में कम इंसुलिन का उत्‍पादन होगा और आप मधुमेह की चपेट में आ जाएंगे.

7- गठिया और हार्ट की बीमारी

जब ब्‍लड शुगर बढ़ता है तो खून में ग्‍लूकोज़ जमने लगता है, फिर इससे शरीर में केमिकल रिएक्‍शन होता है, जिससे कैटरैक्‍ट से ले कर गठिया और हार्ट की बीमारियां होने लगती हैं.

छोटी अनु होगी माया के घर से गायब, अनुज करेगा अनुपमा को मेंटली टॉर्चर

टीवी सीरियल अनुपमा की कहानी में फिलहाल अनुपमा अपने परिवार के साथ होली खेलने गई है. शो की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूम रही है. पहले यह देखा गया था कि बाबूजी, अनुपमा को शाह हाउस में होली मनाने के लिए बुलाके हैं. क्योंकि पाखी और अधिक की शादी के बाद यह पहली होली है. यहां तक कि परिवार के साथ परी की भी यह पहली होली है इसीलिए बहुत मनाने के बाद अनुपमा यहां आएगी. अनुपमा को यहां छोटी अनु और अनुज की कमी खलेगी लेकिन वह परिवार का मूड खराब नहीं करना चाहेगी और इसलिए उत्सव का हिस्सा बनने का नाटक करेगी.

 

अनुपमा एक बार फिर होगी मेंटल एब्यूज

अब जब होली मनाने के लिए अनुज आएगा और आगबबूला होग. क्योंकि वो अनुपमा को उसके परिवार के साथ खेलता देखेगा और गुस्सा हो जाएगा. अनुज का एक राक्षस रूप देखने को मिलेगा. वह शाह परिवार के सामने अनुपमा के साथ बुरा बर्ताव करेगा. अनुपमा को आंसू बहाते हुए देखा जाएगा, क्योंकि वह अपनी शादी को जहरीला होते देखेगी. अनुज यहां बुरी तरह से अनुपमा को अपमानित करेगा. इतना ही नहीं आगे चलकर अनुज का ऐसी हरकतें बढ़ती ही रहेंगी, वो अब अनुपमा को मेंटली हैरेस करना शुरू कर देगा. वहीं बेचारी अनुपमा एक बार फिर से मेंटल एब्यूज का सामना करेगी. क्या अनुपमा, अनुज को डिप्रेशन से बाहर निकालने में मदद कर पाएगी? क्या अनुज और अनुपमा अपनी शादी बचा पाएंगे?

 

छोटी अनु होगी घर से गायब

पहले यह देखा गया है कि माया ने छोटी अनु के दिमाग के साथ छेड़छाड़ की है और उसे अनुज-अनुपमा को छोड़कर अपने साथ रहने के लिए राजी कर लिया है. हालांकि छोटी अनु अपने माता-पिता के बिना नहीं रह पाती है क्योंकि वह उन्हें बहुत मिस करती है. अब छोटी अनु एक बहुत बड़ी गलती करती नजर आएगी क्योंकि वह खुद अनुज और अनुपमा के पास वापस जाने का फैसला करेगी. वह माया को बिना बताए घर छोड़ देगी क्योंकि वह नहीं चाहती कि माया उसे वापस जाने से रोके.

 

दूसरी तरफ माया चौंक जाएगी क्योंकि उसे एहसास होगा कि छोटी अनु घर से मिसिंग है. माया पागल हो जाएगी और हर जगह छोटी अनु को खोजने लगेगी. क्या माया छोटी को अपने घर वापस ला पाएगी या नहीं? अब छोटी अनु अनुपमा या माया में से किए चुनेगी?

समलैंगिक विवाह

समलैंगिक विवाह अब एक अच्छी खासी बहस पैदा कर रहे हैं. स्त्रीस्त्री व पुरुषपुरुष का विवाह वैसे तो विवाह करने वालों का आपसी मामला है पर सदियों से समाज, धर्म और उन के कहने पर राजाओं के कानून लोगों के व्यक्तिगत जीवन को कंट्रोल करते रहे हैं. स्त्री समलैंगिक विवाह 2 जनों की अपनी इच्छा साथ रहने की है और इस से न तो नैतिकता का पड़ता है न सामाजिक कानून व्यवस्था को.
बंद कमरों में कौनकौन क्या कर रहा है, यह किसी की ङ्क्षचता नहीं होनी चाहिए. पर हर समाज, देश और खासतौर पर धर्म इस बात से घुले जाता है कि बंद मकान में क्या हो रहा है. उस की कुछ वजह तो यह कही जाती है कि आसपास के लोगों को अपने बच्चों की ङ्क्षचता होती है कि कहीं वे भी ऐसा न करने लगें पर
ज्यादातर यह तकलीफ उन को होती हैं जिन की रोजीरोटी समाज को एक सीधे
बचे बचाए रास्ते पर चलाने से मिलती है.

एक साधारण विवाह जिस में बच्चे हों धर्म के दुकानदारों के लिए भारी इंकम का सांसे है. पहले तो जीवन साथी की खोज करने के लिए पैसा मिलता है. भारत में तो बहुत मोटा पैसा पंडित कमा लेते है सिर्फ लडक़ेलडक़ी को ढूंढऩे में. ङ्क्षहदुओं में गुंडली बनवाने में ही खूब पैसा मिलता है. फिर उन के दोष निकालने पर पैसा मिलता है.

विवाह के समय लंबीचौड़ी लिस्टें छोटेमोटे अनुष्ठानों की बनती हैं जिन में घर की औरतों के व्यस्त तो रखा ही जाता है, पंडितों को हर बार कुछ न कुछ मिलता है. विवाह बाद बच्चे को पैदा होने के लिए तरहतरह से पूजापाठ किए जाते हैं, पंडितों की हर जगह कमाई होती है. बच्चा गर्भ में आ जाए तो फिर एक लंबी फेहरिस्त तैयार हो जाती है पूजापाठों की जिन में पंडित पुरोहितों का योगदान होता है. आज
के जमाने में इस कमाई में डाक्टर भी आ गए हैं. प्रीनेटेल केयर के नाम पर पैसा मिलने लगा है, वे भी इसी बात में रूचि रखते हैं कि विवाह ऐसे हो जिन में बच्चों हों ताकि यह धंधा बढ़ें. विवाह होता है तो वे विवाद भी होते हैं. इन विवादों में धर्म के दुकानदारों और वकीलों व दोनों की बनती है. स्त्रीपुरुष विवाहों में विवाद ज्यादा होते हैं क्योंकि इसमें एक पार्टनर हावी होता है, दूसरा दबा हुआ. सेमसैक्स मैरिज में भी एकदूसरे
पर हावी हो सकते है पर दोनों लगभग बराबर के से होंगे तो फैसले आसान होंगे और यह बहुतों को मंजूर नहीं है.

सेमसैक्स मैरिज से बच्चे नहीं होंगे तो जनसंख्या नियंत्रण में रहेगी यह पक्का पर फिर भी जो लोग जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना चाहते हैं वे ही इस का विरोधकर रहे हैं. असल में वे बच्चे कला नहीं चाहते 2 से ज्यादा बच्चों के मातापिताओं को गुलामी की लाइन के परे धकेल देना चाहते हैं. उन्हें अपराधी बना
देना चाहते हैं ताकि उन से कैदियों की तरह का काम लिया जा सके. सेमसैक्स मैरिज कितनी होंगी इस का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता पर जहां इन्हें कानूनी मान्यता मिली है वहां भी बहुत नहीं हुई हैं और वहां भी जोड़े फिर बच्चे गोद न लेने में लग जाते हैं, बच्चे पैदा करने की प्राकृतिक आवश्यकता प्रेम पर देरसबेर हावी हो जाती है पर यह फैसला हर जनें का अपना है और किसी को हक नहीं कि इस में दखल दें.
भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस का विरोध कर रही है क्योंकि यह तो आजकल पूजापाठियों की है जो पौराणिक तौरतरीका लाना चाहते हैं जिस में पुत्र जन्म सब से महत्वपूर्ण है क्योंकि वही ङ्क्षपडदान करेगा तो मृतक की आत्मा को मुक्ति मिलेगी.

भारत सरकार कह रही है कि इस से सामाजिक परेशानियां पैदा होंगी, सैंकड़ों कानूनों को बदलना होगा. ये तर्क निरर्थक है. अगर पुराने कानून किसी तरह व्यक्ति की आजादी को छीनते हैं तो उन्हें बदलने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए.

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