जब साथ रहें अनमैरिड बहनें

32साल की मोना और 37 साल की नेहा 2 अविवाहित बहनें थीं. मोना जहां हंसतीखिलखिलाती सी आजाद विचारों की लड़की थी वहीं नेहा धीरगंभीर और अपने में ही मगन रहने वाली खामोश सी लड़की. नेहा की मुंबई में जौब लगी और वह वहां कमरा ले कर अकेली रहने लगी. कुछ समय बाद मोना को भी वौइस ओवर आर्टिस्ट की जौब मुंबई में ही मिल गई. नेहा खुश थी कि उसे अब अकेले नहीं रहना होगा. दोनों ने मिल कर एक घर किराए पर लिया और मिल कर रहने लगीं.

नेहा के जौब आवर निश्चित थे. वह रोज सुबह 8 बजे निकलती और शाम 6 बजे घर में घुसती जबकि मोना के काम का समय तय नहीं था. कई बार उसे रिकौर्डिंग के लिए शाम को जाना पड़ता और रात को लौटती. तो कभी दोपहर में निकल कर अगले दिन सुबह आती. नेहा को मोना की वजह से टैंशन भी रहती और डिस्टर्बैंस भी होती. मोना घर के खर्चे में भी बराबर की हिस्सेदारी नहीं देती. समय के साथ मोना ने कुछ और प्रोजैक्ट्स हाथ में ले लिए. उस की सैलरी भी नेहा से ज्यादा हो गई और उस का एक बौयफ्रैंड भी बन गया जो अकसर घर आने लगा.

एक तरफ छोटी बहन की सैलरी अधिक होना और दूसरी तरफ उस के जीने का अलग ढंग नेहा को रास नहीं आ रहा था. शुरूशुरू में तो नेहा ने सब बरदाश्त किया, मगर एक दिन उस के अंदर का लावा फट पड़ा. दोनों बहनों में  झगड़ा हुआ और मोना ने अलग कमरा ले कर रहने का फैसला लिया. नेहा ने भी उसे रोका नहीं. दोनों बहनें अलग रहने लगीं और बातचीत भी बंद हो गई.

इस बात को 2 महीने बीत गए. एक दिन दोनों बहनों की कौमन फ्रैंड ने मोना को खबर दी कि नेहा 3 दिन से बहुत बीमार है. उसे तेज बुखार है. मोना ने औफिस से छुट्टी ली और तुरंत बहन के पास पहुंच गई. उस ने दिल लगा कर बहन की सेवा की. नेहा की तबीयत ठीक हुई तो उस ने छोटी बहन को गले लगा लिया. दोनों ने गिलेशिकवे दूर किए. नेहा ने मोना को फिर रहने के लिए अपने पास बुला लिया.

अब मोना खयाल रखने लगी थी कि नेहा को क्या बात बुरी लगती है. वह बौयफैं्रड को घर पर नहीं बुलाती. घर खर्च में पूरा सहयोग करती और नेहा ने भी बहन की छोटीछोटी गलतियों पर ध्यान देना छोड़ दिया.

मिल कर रहने के हैं बड़े फायदे

सच है मिल कर रहने के बहुत फायदे हैं, मगर रिश्ता कोई भी हो तालमेल बैठाना जरूरी है. एकदूसरे के लिए प्यार और केयर हो तभी खुश रहा जा सकता है वरना बड़ेबड़े शहरों में अकेलापन इंसान को कब अवसाद के घेरे में ले ले पता ही नहीं चलता.

कुछ साल पहले राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में 7 महीनों से भूखीप्यासी एक घर में बंद 2 बहनों की मौत हो गई थी. बड़ी बहन 42 वर्षीय अनुराधा बहल के कुपोषण के चलते कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और बाद में हृदयाघात से उस की मौत हो गई. अनुराधा की छोटी बहन 38 साल की सोनाली बहल की हालत भी काफी खराब थी और बाद में उस की भी मौत हो गई. दोनों बहनों ने अपने ही घर में खुद को बंद कर लिया था. दरअसल, दोनों बहनें अपने पिता कर्नल ओपी बहल की मौत के बाद से भारी दबाव में थीं. दोनों अविवाहित थीं.

दोनों बहनों के छोटे भाई विपिन बहल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नोएडा में ही रहते थे. वे और उन के मामा दोनों बहनों का ध्यान रखते थे, लेकिन गहरे अवसाद में होने के कारण दोनों बहनें उन के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं.

जब दोनों बहनों ने उन के साथ सहयोग करना बंद कर दिया तो उन लोगों ने भी संपर्क कम कर दिया. दोनों बहनों ने अपने साथ एक कुत्ता भी रखा था जिस की मृत्यु करीब ढाई महीने पहले हो गई थी. दोनों बहनें पढ़ीलिखी थीं.

अनुराधा ने चार्टर्ड अकाउंटैंसी की शिक्षा पूरी करने के बाद पीएचडी भी की थी, लेकिन मातापिता की मृत्यु के बाद उन्होंने प्रैक्टिस करना छोड़ दिया था. सोनाली ने इतिहास विषय से पीएचडी की थी.

छोटीछोटी बातों को दिल से न लगाएं

जाहिर है अकेलेपन और अवसाद की वजह से उन की यह हालत हुई. इसलिए बहुत जरूरी है कि अगर 2 अविवाहित बहनें साथ रह रही हैं तो वे एकदूसरे को मोटिवेट करती रहें, लोगों से मिलती रहें और आपस में भी हंसीमजाक करें. जिंदगी को अच्छी तरह जीने का प्रयास करें. छोटीछोटी बातों को दिल से न लगाएं.

2 अविवाहित कमाऊ बहनें जब साथ रह रही हों तो उन्हें इन बातों का ख्याल रखना चाहिए:

घर का बंटवारा : अगर आप अपने पैतृक घर में रह रही हैं तो खयाल रखें कि उस पर आप दोनों का बराबर का हक है. यदि घर में 2 कमरे हैं तो दोनों 1-1 कमरा लें और ड्राइंगरूम को कौमन रखें. ज्यादा कमरे हैं तो उसी हिसाब से बंटवारा करें. घर के सामान पर दोनों का हक होगा. अगर आप दोनों किराए के घर में रहती हैं तो हमेशा किराए को आधाआधा बांटें. संभव है कि कोई बहन ज्यादा कमा रही हो और कोई कम, फिर भी पैसे के मामले में हिसाब क्लीयर रखें वरना जो ज्यादा किराया दे रही है  वह धीरेधीरे दूसरी को डौमिनेट करने लगेगी और रिश्ता खराब होगा.

काम का बंटवारा: काम का बंटवारा भी आधाआधा होना चाहिए. आप दोनों पतिपत्नी नहीं कि कोई एक बहन घर के काम करे और दूसरी कमा कर लाए. यहां दोनों को औफिस जाना है और ऐसे में एकदूसरे की सुविधा का खयाल रखते हुए काम बांट लें. अगर एक बहन घर से काम कर रही हो या घर से ही कोई बिजनैस कर रही हो तब जरूर काम में वह दूसरी की हैल्प कर सकती है क्योंकि वह आनेजाने का एक्जरसन और लगने वाले टाइम से बची रहेगी.

काम को ले कर जब बहनों के बीच  झगड़े होंगे तो साथ रहना कठिन हो जाएगा. आप को सम झना होगा कि साथ रहने का फायदा यह है कि अगर किसी की तबीयत खराब है या उसे अर्जैंटली कहीं जाना है तो ऐसे में बहन उस की केयर करेगी, खाना बना कर और घर साफ कर के रखेगी.

पैसों का हिसाब: कमाऊ बहनों को आपस में पैसों के मामले में बिलकुल क्लीयर रहना चाहिए. जैसे आप सहेलियों के साथ कहीं जाती हैं और अपना खर्च खुद करती हैं वैसे ही बहन के साथ भी हिसाब रखें वरना रिश्ता बिगड़ने में समय नहीं लगेगा. आप रैस्टोरैंट में खाने गए हों, कहीं जाने के टिकट्स लिए हों, कोई ड्रैस खरीदी हो या फिर मूवी देखने गए हों अथवा घर के लिए कुछ सामान या राशन खरीदा हो, हमेशा पैसे बराबरबराबर खर्च करें ताकि किसी को कुछ कहने का मौका न मिले.

साथ घूमने जाने का प्लान: अगर आप दोनों अकेली हैं तो जिंदगी में बदलाव और रोमांच लाने के लिए कभीकभी घूमने भी निकलना चाहिए. दोनों यदि मिल कर कहीं जाती हैं तो मन भी लगा रहेगा और सुरक्षा के प्रति भी आश्वस्त रहा जा सकता है. मगर यह ध्यान रखिए कि सफर के दौरान भी खर्च आपस में बांट लें.

कहां और कैसे जाना है इस बात को ले कर एकदूसरे की पसंद या इच्छा का भी सम्मान करें. सफर के दौरान एकदूसरे को कुछ सरप्राइज गिफ्ट भी दें.

बौयफ्रैंड: अगर दोनों बहनों में से किसी का कोई बौयफ्रैंड या मेल फ्रैंड है तो इस तरफ से थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है. आप इस बारे में अपनी बहन से सबकुछ डिस्कस करें और एक मर्यादा भी बनाए रखें. उस लड़के को घर पर कम ही बुलाएं. आप उस से बाहर रैस्टोरैंट या ऐसी किसी जगह मिल सकती हैं. जहां बैठ कर दुनिया जहां की बातें कर सकें. अगर आगे शादी करने का इरादा है तो बहन को पहले से सारी जानकारी दें. आप अचानक बहन को अपना फैसला बताएंगी तो रिश्ते में तनाव आएगा. बहन को इस मामले में सहेली की तरह सम झें. मिल कर लड़के के बारे में छानबीन भी करें तभी कोई कदम उठाएं.

थोड़ा मस्ती, मजाक जरूरी: अविवाहित और कामकाजी बहनें होने का मतलब यह नहीं कि आप दोनों केवल सीरियस टौपिक्स पर चर्चा करें या अपनेअपने काम में व्यस्त रहे. आप को अपने लिए समय निकालना चाहिए. जब आप एकदूसरे के साथ समय बिताएं, मस्ती करें, हंसीमजाक करें. मूवी देखने जाएं. इस से दोनों बहनों के बीच का रिश्ता भी मजबूत बनता है और मन भी खुश रहता है.. कभीकभी दूसरी सहेलियों को घर पर इनवाइट करें या खुद उन के घर जाएं. आम लोगों की तरह जिंदगी जीएं और खुश रहें.

एकदूसरे के काम को सम्मान दें: दोनों बहनों को एकदूसरे के काम को रिस्पैक्ट देनी चाहिए. मान लीजिए आप किसी कौरपोरेट औफिस में ऊंचे ओहदे पर हैं जबकि बहन कोई साधारण काम करती है या किसी तरह के सोशल वर्क अथवा फ्रीलांस जौब में है तो कभी भी बहन को नीचे दिखाने की कोशिश न करें. दोनों एकदूसरे के काम का सम्मान करें और इस बात का एहसास भी दिलाएं. ऐसा करने से ही आप का रिश्ता कायम रहेगा.

घर के दूसरे सदस्यों के साथ संबंध: आप दोनों भले ही अलग रहती हों और खुश हों मगर इस का मतलब यह नहीं कि दूसरों से कट कर रहें. घर के दूसरे सदस्यों या रिश्तेदारों के साथ अच्छा संबंध बना कर चलना ही सम झदारी है. त्योहार या दूसरे अवसरों पर दोनों बहनें रिश्तेदारों के घर जाएं. कभीकभी घर में भी गैटटुगैदर करती रहें. इस से जीवन में नई ऐनर्जी आती है.

फलाहार के लिए यूं बनाएं चुकंदर का रायता

सुर्ख लाल रंग के चुकंदर आजकल बाजार में भरपूर मात्रा में मिल रहे हैं. न केवल इसकी जड़ें बल्कि इसके पत्ते भी आयरन, फायबर और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं. चुकंदर में विटामिन बी, विटामिन सी, फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.  चुकंदर मानव शरीर में  एनीमिया को दूर करके खून को बढ़ाने में सहायक होते हैं. चुकंदर को जूस के अलावा सलाद तथा विभिन्न रेसिपीज के द्वारा भी अपनी डायट में शामिल किया जा सकता है. आज हम आपको चुकंदर का रायता रेसिपीज को बनाना बता रहे हैं जिनके माध्यम से आप चुकंदर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.  तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं.

सामग्री

– 1 चुकंदर उबाल कर कद्दूकस किया

– 400 ग्राम दही

-1 प्याज बारीक कटा

– 1 टमाटर बीज निकाल कर बारीक कटा

– 1 बड़ा चम्मच तेल

-थोड़े से करीपत्ते

-1/2 छोटा चम्मच जीरा

– 1/2 छोटा चम्मच सरसों के बीज

– नमक स्वादानुसार.

विधि

दही में कद्दूकस किया हुआ चुकंदरप्याजटमाटर और नमक डालें. अब पैन में तेल गरम कर जीराराई और करीपत्ते डाल कर तड़का तैयार करें और रायते में मिला दें.

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पाव भाजी

सामग्री

– 4 मध्यम आलू उबाल कर मसले हुए

– 1 कप फूलगोभी कद्दूकस

– 1 कप गाजर बारीक कटी

– 1/2 कप शिमलामिर्च बारीक कटी

– 1/2 कप हरी मटर उबली

– 1 बड़ा प्याज बारीक कटा

– 3 मध्यम आकार के टमाटर कद्दूकस किए

– 1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

– 21/2 बड़े चम्मच पाव भाजी मसाला

– 3 बड़े चम्मच मक्खन

-1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

– गार्निश के लिए प्याजधनियामक्खन और नीबू द्य नमक स्वादानुसार.

विधि

एक पैन में मक्खन गरम करें और प्याज को पारदर्शी होने तक भूनें. फूलगोभी और गाजर डाल कर तेज आंच पर 2-3 मिनट तक चलाएं. अब अदरकलहसुन का पेस्टपाव भाजी मसालालालमिर्च पाउडरहलदी पाउडर और नमक डाल कर अच्छी तरह मिक्स करें. मैश किए हुए आलू डाल कर मिश्रण को अच्छे से मिलाएं. अब टमाटर डाल कर धीमी आंच पर ढक कर पकाएं. आप चाहें तो इस में थोड़ा पानी मिला सकते हैं. शिमलामिर्च और मटर के अच्छे से पकने तक मध्यम आंच पर पकनें दें. तैयार भाजी को प्याजधनियापत्तीनीबू का रस और मक्खन डाल कर टोस्टेड पाव के साथ सर्व करें.

GHKKPM: हर्षद अरोड़ा ने की आएशा सिंह की तारीफ, नील भट्ट के बारे में कहीं ये बात

गुम है किसी के प्यार में (Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein) के सेट पर हर्षद अरोड़ा (Harshad Arora) और आयशा सिंह  (Ayesha Singh) का काफी अच्छा बॉन्ड बन गया है. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमारा बॉन्ड लाजवाब है. आयशा एक अच्छी इंसान हैं और जो किरदार वह निभा रही हैं, उसमें भी बेस्ट हैं. वह जब पहली बार मुझसे मिलीं तो काफी प्यारी लगीं. जब कोई शो हिट होता है और आपको दर्शकों का प्यार मिलता है क्योंकि आप एक लीड चेहरा होते हो तो आपको अपने आप में गुरूर हो जाता है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे सेट पर कोई ऐसा शख्स मिला भी है.”

 

 

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हर्षद अरोड़ा (Harshad Arora) ने इंटरव्यू के दौरान नील भट्ट (Neil Bhatt) के व्यवहार पर भी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा, “मैंने नील के साथ भी शूटंग की और वो बहुत अच्छे इंसान हैं और काम को लेकर काफी सतर्क हैं. मैंने अभी तक जितनों के साथ भी काम किया है, उनके साथ मेरा अच्छा बॉन्ड बन चुका है. ऐसा मुझे किसी ने नहीं कहा कि यार तुम नए हो और हम यहां पहले दिन से ही हैं. मुझे सेट पर हर किसी से खूब सारा प्यार मिल रहा है.”

 

विराट और सई को एक बेड पर देखेगी पत्रलेखा

टीवी सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में‘ (Gum Hai Kisi Ke Pyar Mein) के बीते एपिसोड में देखने के लिए मिला था कि विराट सई दोनों बच्चों के साथ पिज्जा पार्टी करते हैं और फिर वही लगे टेंट में सो जाते हैं। लेकिन अपकमिंग एपिसोड में देखने के लिए मिलेगा कि सई विनायक पर अपना प्यार बरसाते बरसाते वही सो जाती है। इस दौरान पत्रलेखा भी वहां पहुंच जाती है। वह विराट, सई को दोनों बच्चों के साथ सोते हुए काफी ज्यादा दुखी होती है और वहां से गुस्से में निकल जाती है और फिर सुबह छह बजे विराट की नींद खुलती है और वह तुरंत पत्रलेखा के पास भागता है.

अंतर्द्वंद्व: आखिर क्यूं सीमा एक पिंजरे में कैद थी- भाग 4

मु?ो रमेश को साफसाफ कह देना चाहिए था कि यह सब नहीं हो सकता. हमें यह सब करना शोभा नहीं देता पर मैं यह क्यों नहीं कह पाई. वह कौन सी शक्ति थी जो मु?ो यह सब कहने से रोक रही थी. कहीं मु?ो भी उन से प्यार तो नहीं हो गया है. उस ने स्वयं से प्रश्न किया. प्रतिउत्तर में सीमा का दिल जोरजोर से धड़कने लगा और उसे अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया.

अब फोनों और मुलाकातों का सिलसिला चल निकला. ऐसे ही एक मुलाकात में रमेश ने सीमा का हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा, ‘‘सीमा क्या हमतुम एक नहीं हो सकते?’’

‘‘मगर कैसे? आप भी शादीशुदा हैं और मैं भी. एकदूसरे को पसंद करना तो किसी हद तक ठीक है परंतु इस के आगे कुछ सोचना हमारे लिए ठीक नहीं होगा,’’ सीमा ने रमेशजी से कहा.

‘‘इश्क में ठीक और गलत किस ने देखा है. जानती हो जब किसी से प्यार हो जाता है तो वह उस पर अपना पूरा अधिकार सम?ाने लग जाता है और उसे पूरा पाना चाहता है. मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा ही हो रहा है?’’

रमेश की बात सुन कर एक क्षण तो सीमा का मन किया कि वह भी चीखचीख कर कह दे हां मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा है क्योंकि ऐसा होना स्वाभाविक है परंतु सामाजिक मर्यादाओं और इतने वर्षों सतीश के साथ सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत करने के बाद उसे ऐसा बोलना विवेकहीन लग रहा था.

वह बोली, ‘‘रमेश हमारे चाहने या न चाहने से सबकुछ नहीं होता. यदि हो भी जाए तो इस में कौन सी भलाई है? हम अपनी एक छोटी सी इच्छा पूरी करने के लिए सबकुछ दांव पर तो नहीं लगा सकते?’’

‘‘पर इस में बुराई ही क्या है? ऐसा तो आदिकाल से होता चला आ रहा है?’’

‘‘जरूर हो रहा होगा पर हम ऐसा नहीं करेंगे.’’

‘‘मगर क्यों? मु?ो पूरा विश्वास है कि यह सब तुम्हें भी अच्छा लगेगा क्योंकि सिर्फ यह प्रेम है, मेरी बात पर गौर करना शायद तुम्हारा विचार बदल जाए,’’ कह कर रमेश बाबू स्वयं को रोक नहीं पाए और उन्होंने आगे भावावेश में सीमा के गालों पर एक चुंबन जड़ दिया.

सीमा को प्रतिरोध करने का वक्त भी नहीं मिला. उस के बदन में ऊपर से नीचे तक एक सिहरन सौ दौड़ गई. रमेश बाबू का कहना सही था. सचमुच यह उसे भी अच्छा लगा था.

यह क्या हो रहा है मेरे साथ… मैं किस धारा में बहती जा रही हूं. चाह कर भी स्वयं को क्यों नहीं रोक पा रही हूं. सीमा हैरान भी थी तथा परेशान भी. परंतु रमेश न तो हैरान थे, न परेशान. बस वे तो एक ही बात जानत थे कि उन्हें सीमा से सच्चा प्रेम हो गया है और वह किसी भी हालत में उसे खोना नहीं चाहते.

 

यकीनन सीमा को भी रमेश से प्रेम हो गया था परंतु उसे अपने पति

सतीश से भी प्रेम था और वह किसी भी हालत में सतीश का मन नहीं दुखाना चाहती थी. उम्र के इस पड़ाव पर जबकि पतिपत्नी को एकदूसरे की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, वह हर पल सतीश का साथ निभाना चाहती थी इसलिए उस ने निर्णय लिया कि अब वह रमेश जी से अधिक मेलजोल नहीं बढ़ाएगी.

‘‘क्या बात है सीमा आजकल तुम ने पेंटिंग बनाना छोड़ दिया है? आजकल तुम खोईखोई सी रहती हो? क्या बात है कोई परेशानी है क्या? यदि है तो मु?ो बताओ मैं तुम्हारा पति हूं. मैं तुम्हारी हर समस्या का हल बता सकता हूं,’’ सतीश ने सीमा से कहा क्योंकि वह सीमा जो हर समय चहकती रहती थी और उसे उस से मीठी बहस और ?ागड़ा करती रहती थी आजकल कुछ चुपचुप रहती थी.

सतीश की बात सुन कर सीमा, जिस के मन में पहले से ही उथलपुथल मची हुई थी, फफकफफक कर रोने लगी.

यह देख कर सतीश घबरा गया और बोला, ‘‘क्या बात है तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है? हुआ क्या है तुम्हें?’’

‘‘कुछ नहीं, मैं ठीक हूं,’’ सीमा ने कहा.

‘‘तो फिर यह उदासउदास चेहरा, यह खोयाखोया मन क्यों रहता है?’’

‘‘कुछ नहीं. कभीकभी ऐसा हो जाता कि बिना कारण ही हम उदास हो जाते हैं. चिंता की कोई बात नहीं है. सब ठीक हो जाएगा,’’ कह कर सीमा सतीश से लिपट कर सो गई. वह सतीश को कैसे बता सकती थी कि उसे कैसी उल?ान सता रही है. कभीकभी तो उसे ऐसा भी लगता था कि वह रमेश की चाह में सतीश को धोखा दे रही है.

 

‘‘प्लीज सीमा, बात करने के लिए तो मना मत करो. मैं जानता हूं कि

तुम सतीश को बहुत प्यार करती हो, तुम दोनों एकदूसरे के लिए बने हो परंतु उसी प्यार में से कुछ प्यार मु?ो भी दे दो. जानती हो मु?ो तुम्हारे प्यार में वह सुख मिलता है जो मु?ो जिंदगी में अभी तक नहीं मिला,’’ रमेश ने सीमा से अनुरोध करते हुए कहा.

‘‘रमेश प्यार सिर्फ एक से ही किया जाता है और मैं यह कई वर्षों पूर्व सतीश से कर चुकी हूं. अब उसे भूलना नामुमकिन है.’’

‘‘भूलने के लिए कौन कह रहा है. मैं तो बस अपना हिस्सा चाहता हूं. थोड़ा सा प्यार मु?ो भी दे दो. जानती हो आजकल मु?ा मैं जीने की उमंग फिर से जाग उठी है. मेरा मन फिर से बननेसंवरने को करता है. जब मैं तुम से फोन पर बात कर लेता हूं तो घंटों तक मु?ा में ऊर्जा बनी रहती है. तुम्हारे साथ ने मु?ो जीने का एक मकसद दिया है. मैं इसे खोना नहीं चाहता.’’

‘‘पर यह प्यार बढ़ गया तो? इतना कि आप मु?ा से समर्पण की उम्मीद करने लगे तो फिर क्या होगा? नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती. आप को यह प्यार भूलना ही होगा और मु?ो भी.’’

‘‘कोशिश कर के देख लो. तुम भूल नहीं पाओगी और न ही मैं.’’

‘‘ऐसे में क्या करना होगा? इस समस्या का समाधान भी आप ही बताइए क्योंकि यह आप की ही देन है,’’ सीमा ने कहा क्योंकि वह जानती थी कि रमेश बाबू ठीक कह रहे हैं. हालात ऐसे ही हो गए थे कि उस के लिए भी रमेश बाबू को भूलना नामुमकिन हो गया था. यकीनन रमेश बाबू के प्यार ने उस के जीवन में भी उजाला भर दिया था.

इस में बुरा ही क्या है उस ने सोचा. यदि किसी का प्यार हमारे जीवन में खुशियां बन कर आता है तो ऐसा प्यार नाजायज या बुरा कैसे हो सकता है? सीमा ने सोचा.

सीमा यह एक मृगतृष्णा है. एक ऐसी प्यास जो कभी नहीं बु?ोगी. इस के पीछे भागना मूर्खता कहलाएगा. इस से किसी का भला नहीं हो सकता न तुम दोनों का न ही तुम्हारे परिवारों का. अत: इसे भूलना ही अच्छा होगा सीमा के दिमाग ने उसे चेतावनी दी.

 

मगर इसे कैसे भुला जाए. यह तो दिल से जुड़ा हुआ मामला हो गया. भला अपने दिल

को कोई कैसे भूल सकता है. सीमा की अंतरात्मा बोली.

माना कि इसे भूला नहीं जा सकता परंतु तुम्हें इस पर अंकुश लगाना ही होगा.

सीमा के दिलोदिमाग में कब से यह अंतर्द्वंद्व चल रहा था. उस के सामने रहरह कर अपने परिवारजनों के चेहरे घूम रहे थे. कैसा लगेगा उन्हें जब यह बात खुल जाएगी? कौन सम?ोगा इस प्रेम को? ऐसे प्रेम से केवल बदनामी ही हासिल होगी और कुछ नहीं. दिमाग तर्क पर तर्क दे रहा था परंतु दिल कुछ मानने को तैयार नहीं था. दिल को ऐसे प्रेम में कुछ बुराई नजर नहीं आ रही थी.

दिल और दिमाग की एक लड़ाई में सीमा एक पंछी की तरह पिंजरे में कैद थी जो निकलने के लिए बेचैन हो रही थी परंतु उसे भय भी लग रहा था. काश रमेशजी उस के जीवन में आए ही न होते तो आज उसे इस परेशानी का सामना ही न करना पड़ता या फिर उन्हें अपने प्रेम का इजहार नहीं करना चाहिए था. वह उसे अपने मन में ही रखते तो ठीक था. सोचतेसोचते सीमा की आंखों में आंसू आ गए. उस की नजरों में आज रमेशजी एक अपराधी बन गए थे जोकि उस के सुखी गृहस्थ जीवन में आग लगाने आए.

3-4 दिन हो गए थे. रमेशजी का कोई फोन नहीं आया था न ही वे मिलने आए थे. सीमा बेचैन हो उठी. न जाने क्यों उस का मन रमेशजी से बात करने के लिए तड़प उठा. बेचैन हो कर उस ने फोन उठाया और रमेशजी का नंबर डायल किया. मगर फोन बंद था. सीमा की बेचैनी कम नहीं हुई. वह अनमनी हो कर सोफे पर बैठ गई. तभी डोरबैल बजी. दरवाजे पर सतीश था. बेचैन सीमा सतीश की बांहों में समा गई.

सतीश ने पूछा, ‘‘आज तबीयत कैसी है?’’

इस से पहले कि सीमा कोई उत्तर देती लैंड लाइन फोन की घंटी बज उठी. फोन सतीश ने रिसीव किया. रमेश का फोन था.

‘‘कैसे हैं सर? कई दिन हो गए आप से मुलाकात हुए. यदि फुरसत में हैं तो आज घर पधारिए,’’ सतीश ने रमेशजी से अनुरोध किया.

‘‘जरूर. आज ही दिल्ली से लौटा हूं. मेरी भी आप से मिलने की इच्छा हो रही है. कुछ ही देर में आता हूं,’’ रमेशजी ने कहा.

सीमा चुपचाप खड़ी उन का वार्त्तालाप सुन रही थी. वह जानती थी कि रमेशजी के रूप में सतीश को भी एक अच्छा मित्र मिला है. रमेश उन दोनों के जीवन में ही एक नया सवेरा ले कर आए थे. अत: वह उन्हें किसी हालत में भी खोना नहीं चाहती थी. इसलिए उस ने निर्णय लिया कि वह रमेश से मित्रता बनाए रखेगी परंतु मर्यादित रूप में. वह रमेशजी से भी कहेगी कि वे भी अपने प्यार को अपने मन में ही रखें ताकि उन का प्यार एक समस्या नहीं अपितु उन के जीवन का संबल बन जाए. यह सोच कर वह प्रफुल्लित मन से रसोईघर में गई ताकि नाश्ते का प्रबंध कर सके. रमेशजी को मोमोज बहुत पसंद थे. वह उन्हीं की व्यवस्था में जुट गई.

कई दिनों से चल रहा मानसिक अंतर्द्वंद्व आज खत्म हो गया था क्योंकि सीमा ने एक ऐसा फैसला किया जिस में सभी का हित समाहित था. यह फैसला ले कर सीमा को ऐसा लगा कि उस के जीवनरूपी कैनवस पर फिर से सुंदर रंग बिखर गए हैं.

होली पार्टी में अनुज ने अनुपमा से की बदसलूकी, परिवार हुआ हैरान

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा‘ ने लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. शो लगातार बीते कई सप्ताह से टीआरपी लिस्ट में नंबर वन पर बना हुआ है, लेकिन ‘अनुपमा’ का करंट एपिसोड दर्शकों को जरा भी पसंद नहीं आ रहा है. बीते दिन भी ‘अनुपमा’ में दिखाया गया कि धीरज और देविका, अनुज और अनुपमा को शादी के बाद की पहली होली मनाने के लिए कहते हैं. वहीं अनुपमा उसे बताती है कि यह परी, अधिक और पाखी की भी पहली होली है. लेकिन उसके मुंह से ये बात सुनते ही अनुज का पारा चढ़ जाता है. हालांकि रुपाली गांगुली के ‘अनुपमा’ में आने वाले ट्विस्ट यहीं पर खत्म नहीं होते हैं.

 

छोटी की याद में गुम होगी अनुपमा

रुपाली गांगुली के ‘अनुपमा‘ में देखने को मिलेगा कि अनुपमा देविका के साथ होली पार्टी में पहुंच जाती है. वहां पूरा शाह परिवार मौजूद होता है. उसके तीनों बच्चे काफी खुश होते हैं और धूमधाम से होली मनाते हैं.  लेकिन अनुपमा को छोटी की कमी खलती है. यहां तक कि उसे सपने में भी दिखता है कि छोटी अनु वहां पर उनके साथ होली मनाने आई है. वह अनुपमा के गले भी लगती है, लेकिन कुछ ही देर में अनुपमा का यह सपना टूट जाता है.

 

एक्स के साथ डांस करेगी काव्या

‘अनुपमा’ में जल्द ही देखने को मिलेगा कि होली पार्टी में काव्या वनराज को छोड़कर अनिरुद्ध के साथ डांस करती है. उसे ऐसा करता देख पूरा मोहल्ला बातें बनाने लगता है. ये चीज देखकर वनराज भड़क जाता है और उसे हाथ पकड़कर खींचकर अपने साथ ले जाता है. अनिरुद्ध वनराज का व्यवहार देखकर चेतावनी देता है कि उसके साथ ऐसा व्यवहार मत करो, क्योंकि जब वो मुझे छोड़कर तुम्हारे पास आ सकती है तो तुम्हे छोड़कर मेरे पास भी आ सकती है.

 

होली पर सबके सामने अनुपमा को डांटेगा अनुज

‘अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का डोज यहीं पर खत्म नहीं होता है. शो में दिखाया जाएगा कि अनुज धीरज के साथ होली पार्टी में पहुंच जाएगा. लेकिन वहां अनुज देखता है कि अनुपमा को सब रंग लगा रहे हैं और वह भी सबके साथ होली खेल रही है. अनुपमा को जैसे ही अनुज नजर आता है, वह हाथों में गुलाल लेकर उसके पास पहुंच जाती है. लेकिन अनुज पूरे परिवार और लोगों के सामने अनुपमा पर भड़क जाता है.

 

मौत पर अंध विश्वास

एक सफल व्यक्ति के पिता की उस के विवाह के चंद दिनों बाद 20वीं मंजिल से गिर जाने से हो जाए तो एक गंभीर सदमे वाली बात है. ओसो होटल सेवा देने वाली कंपनी के फाउंडर रितेश अग्रवाल 65 वर्षीय रमेश प्रसाद अग्रवाल दिल्ली के पास गुडग़ांव में क्रैस्ट सोसायटी में 20वीं मंजिल से गिरने पर मृत पाए गए. यह सदमा अच्छेअच्छे परिवार को हिला सकता है. बीमारी या दुर्घटना की मौत को अपने हाथ में न होने का बहाना कहा जा सकता है पर 20वीं मंजिल से सुरक्षित ग्रिलों वाली सोसायटी में से किसी का अनायास गिर जाना एक आसान बात नहीं. लोग दोपहर के 1 बजे हवा लेने के लिए बालकौनी में नहीं आते. आमतौर पर इन भव्य महंगे अपार्टमैंटो की बालकानियों में कपड़े भी नहीं सूखते नजर आएंगे उन के लिए अलग ड्राई एरिया बनाया जाता है ताकि सोसायटी की भव्यता खराब न हो.

मौत का कारण चाहे कोई भी हो, बचे लोगों पर यह काला साया वर्षों तक रहेगा इन में शक नहीं. एक साधारण सामान्य परिवार से आए रितेश अग्रवाल ने असमान्य मौत शायद पहले कभी देखी भी न हो. इस के लिए इस समस्या से जूझना आसान नहीं है. यह एक सबक हर युवा के लिए कि उसे मातापिता के साथ अपने हर संबंध का हर एक्शन का ख्याल रखना होगा और कुछ भी अचानक घट सकता है. यह संभव है. रितेश नरेंद्र मोदी को विवाह अवसर पर आमंत्रित करने गया था.

यह बात स्पष्ट करती है कि उस के जान पहचान वाले अच्छे रुतबे के हैं और इन जैसों को अपने हर कदम को सावधानी से उठाना होता है. कोर्ई भी अचानक आया मोड़ आम लोग किस निगाह से लेंगे कहा नहीं जा सकता. घर में हुई एक भी आसमयिक मौत बहुत से दिलों में खालीपन, दर्द, अपराध भाव और संदेह छोड़ जाता है. जीवन में सफलता निजी संबंधी की अचानक मौत में सामने निरर्थक सी लगने लगती है. रमेश प्रसाद अग्रवाल ने अपनी जान क्यों खोई, इस का सही व पूरा जवाब कभी सामने नहीं आएगा पर सवाल हमेशा मंडराता रहेगा.

दिल्लगी: क्या था कमल-कल्पना का रिश्ता- भाग 4

आज सहसा एक अरसे बाद कमल ने उस के सामने आ कर उस के मन की शांत ?ाल में फिर से हलचल मचा दी थी. उस के विचारों की लहरों ने तूफानी रूप धारण कर लिया था. कमल को देखते ही उस का सोया हुआ नारी स्वाभिमान पुन: जोश मार उठा था. उस के मन ने भय व अपराधबोध के अधीन सोचा, यदि राजीव यह जान ले कि कालेज युग के दौरान उस ने केवल कमल को अपना जीवनसाथी बनाने के सपने देखे थे, बल्कि कमल द्वारा उस का प्रेम ठुकरा देने पर उसे बुरी तरह लज्जित भी होना पड़ा था तो वह उस की दृष्टि में किस कदर अपमानित हो जाएगी. कहीं उस के पास वह वीडियो न हो और वह कीमत वसूल करने आया हो उस स्थिति में क्या यह अपना सुखी और शांत दांपत्य जीवन नष्ट होता सहन कर पाएगी ऐसा होने के बाद क्या वह जीवित रह सकेगी? वह राजीव की घृणा सह पाएगी?

नहीं, यह हरगिज नहीं हो सकता,’’ सहसा उस के होंठ कांप कर बुदबुदा उठे.

‘‘अरे तुम अभी तक नहीं सोई,’’ अचानक राजीव की आंखें खुल गईं.

‘‘एक बात बताओ, आप ने कैसे जाना कि मु?ो कमल का आना अच्छा नहीं लगा है?’’

‘‘रहने दो वरना तुम बुरा मान जाओगी.’’

‘‘नहीं मानूंगी, आप बताइए.’’

‘‘कमल मेरे लिए अजनबी नहीं है. हम दोनों पुराने मित्र हैं.’’

‘‘तो क्या आप को सब मालूम है?’’

‘‘हां कल्पना, मु?ो सब मालूम है. सच पूछो तो हमारा विवाह कमल के जरीए ही हुआ है,’’ राजीव ने दूसरा रहस्योद्घाटन किया.

‘‘क्या?’’ कल्पना का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया.

‘‘हां, यह उन दिनों की बात है जब हमारे रिश्ते की बात चल रही थी. कमल बाजपुर में था. मां की तबीयत खराब होने के कारण वह नैनीताल नहीं जा सका था. कुछ दिन पूर्व ही मैं ने उसे एक पत्र भेजा था, जिस में मैं ने लिखा था, ‘‘यार, तुम नैनीताल में पढ़ते रहे हो. क्या इस लड़की के बारे में कुछ बता सकते हो. उत्तर में उस ने लिखा था कि अरे, यह लड़की तो मेरे साथ ही पढ़ती थी. मैं इसे खूब अच्छी तरह जानता हूं.

‘‘उस के मुख से तुम्हारी प्रशंसा सुन कर ही मैं ने तुम्हें बिना देखे पसंद कर लिया

था. उस ने मु?ा से कुछ भी नहीं छिपाया था. बचपन की बातें, जवानी का साथ, अपने प्रति तुम्हारी गलतफहमी, सब उस ने खुलासा कर के बता दिया था,’’ कह कर राजीव फिर कल्पना को निहारने लगा.

‘‘लेकिन तुम ने आज तक मु?ा से ये सब क्यों छिपाए रखा?’’ कल्पना ने पूछा.

‘‘केवल इसलिए कि तुम अपनेआप को मेरे सामने लज्जित न महसूस करो.’’

‘‘और आज शाम जो नाटक किया, उस की क्या जरूरत थी?’’

‘‘ओह,’’ राजीव हंस पड़ा और देर तक हंसता रहा. फिर बोला, ‘‘कमल आज दोपहर अचानक दफ्तर में आ धमका था. तब सोचा, कुछ दिल्लगी ही हो जाए. उसे भी मैं ने इस बात के लिए राजी कर लिया कि वह तुम्हारे सामने अकस्मात पहुंच कर ऐसा प्रकट करे मानो हम दोनों पहली बार ही मिल रहे हैं.’’

‘‘तुम ने यह नहीं सोचा कि तुम्हारी दिल्लगी किसी की जान आफत में डाल देगी?’’ कल्पना ने मुखड़े पर कृत्रिम गुस्से के भाव ला कर कहा.

‘‘दिल्लगी कौन सी रोजरोज की जाती है, जानेमन,’’ राजीव ने मुसकरा कर कहा और फिर कल्पना को खींच छाती से लगा लिया.

कल्पना का भय व अपराधबोध आंखों के रास्ते खुशी के आंसुओं के रूप में बह कर राजीव का गाऊन भिगोने लगा. अगली सुबह जब राजीव अपने क्लाइंट्स के साथ बैठा था, कमल ने कल्पना को एक पैकेट दिया और कहा, ‘‘यह तुम्हारी धरोहर है. मैं तुम्हें लौटा रहा हूं. इसे नष्ट कर देना. मैं ने संभाल कर सिर्फ इसलिए रखी थी कि कभी भी तुम्हारे मन में शक न हो. हम दोस्त हैं और रहेंगे और यह है मेरी शादी का इनवाइट. मैं इसीलिए आया था. तुम दोनों अब शादी में मुंबई आना. शीतल हमारे बारे में सब जानती है सिवा इस वीडियो वाले कार्ड के. राजीव तो हां कर चुका है पर मेरा तुम्हारे पर ज्यादा हक है इसलिए यह कार्ड और मिठाई लो,’’ कह कर उस ने कल्पना का माथा चूम लिया.

कल्पना को यह क्षण अद्भुत लगा. उस दिन से दिल्लगी का बो?ा जो दिल पर पड़ा था, वह उतर गया.

ईवनिंग स्नैक्स में बनाए चीजी आलू कटलेट

कटलेट का नाम लेते हा मुंह में पानी आ जाता है. आपने आलू का कटलेट तो खाया ही होगा, लेकिन इस बार गर्मी में खाइए  का आलू कटलेट. इस रेसिपी के साथ लीजिए गर्मी का मजा.

1- चीजी आलू कटलेट

सामग्री

–  3-4 उबले आलू

–  2-3 हरीमिर्चें

–  1/4 कप धनियापत्ती कटी

– 1/2 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च कुटी

–  नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

–  3 बड़े चम्मच चीज स्प्रैड

–  2 बड़े चम्मच कसा पनीर

– तेल तलने के लिए

– 3 बड़े चम्मच मैदा

–  1 कप ब्रैडक्रंब्स.

विधि

उबले आलुओं को छील कर कद्दूकस कर लें. भरावन की सामग्री छोड़ बाकी सारी सामग्री एकसाथ मिला कर अच्छी तरह गूंध लें. अब इस के मध्यम आकार के गोले बना लें. अब 1-1 बौल्स लें. उस में उंगली से एक छेद बना उस में पनीर और चीज स्प्रैड को मिला कर बना मिश्रण भरें और सावधानी से छेद बंद कर दें. मैदे का घोल बना लें. बौल्स को मैदे के घोल में डुबो कर ब्रैडक्रंब्स में लपेटे गरम तेल में तल कर चटनी के साथ परोसें.

2- उरद पकौड़ा

सामग्री

–  1 कटोरी साबूत उरद

– 1/4 कप प्याज बारीक कटा

–  1/2 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट

–  1 उबला आलू

–  1 हरीमिर्च कटी

–  1 छोटा चम्मच चाटमसाला

–  1/2 कप धनियापत्ती कटी

–  1/2 कप बेसन

– 1/4 कप चावल का आटा

–  1 कप मूली के लच्छे

–  1 कप हरी चटनी

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

उरद दाल को आधा गलने तक पका लें. एक बाउल में प्याज, अदरकलहसुन पेस्ट, मसला आलू, हरीमिर्च, नमक, चाटमसाला व धनिया मिलाएं. दाल का पानी निथार कर इस में मिला दें. बेसन व चावल का आटा मिलाएं. अब थोड़ाथोड़ा पानी डाल कर भजिया बनाने जैसा घोल बना लें. थोड़ाथोड़ा तैयार बैटर हाथ या चम्मच की सहायता से उठा कर गरम तेल में पकौड़े जैसा तल लें. मूली के लच्छों व हरी चटनी के साथ परोसें.

महिलाओं में क्यों बढ़ रहा मोटापा

एक रिपोर्ट के अनुसार रजोनिवृत्ति के दौरान हुए हारमोनल परिवर्तन महिलाओं में अत्यधिक वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं. सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने यह खोज निकाला है कि वसा का वितरण कहांकहां होगा. दरअसल, इसे नियंत्रित करने में ऐस्ट्रोजन का मस्तिष्क में एक गुप्त, छिपा हुआ रोल है.

मनोचिकित्सक असिस्टैंट प्रोफैसर डेबरा क्लेग का अनुसंधान बताता है कि रजोनिवृत्ति के बाद ऐस्ट्रोजन उत्पत्ति में कमी, मस्तिष्क के एक विशेष क्षेत्रों में जो भोजन की ग्रहणता और वसा को रखने की जगह निर्धारित व उसे नियंत्रित करता है, पर असर करता है.

विशेषरूप से हाइपोथैलेमस के वे ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर्स, जो मस्तिष्क का वह क्षेत्र जो शरीर के तापमान, भूख और प्यास को नियंत्रित करता है, वजन बढ़ने व वजन के वितरण में प्रत्यक्ष रोल अदा करते हैं.

क्लेग का कहना है कि यह अनुसंधान वैज्ञानिक ज्ञान में एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि है. यह बिना स्वास्थ्य संबंधी खतरों के आज की तकलीफों से जुड़ी स्तन व ओवेरियन कैंसर और कार्डियोवैस्कुलर रोगों, हृदय की नाडि़यों से जुड़ी आजकल की रिप्लेसमैंट तकनीकों की हारमोन थेरैपीज में सुधार कर सकती है.

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

जब नारियां रजोनिवृति का अनुभव करती हैं तो एस्ट्रोजन की उत्पत्ति कम हो जाती है और उन का वजन बढ़ जाता है. अधिकतर नारियों में रजोनिवृत्ति के बाद वसा ‘फैट’ जो पहले कूल्हों के क्षेत्र में एकत्रित होती थी, उस का स्टोरेज स्थान में जमा होने की जगह अब पेट, उदर हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा खराब है.

क्लेग का कहना है कि जब नारियों में कूल्हों और जांघों के क्षेत्र से हट कर, जो अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित स्थान है वसा का ट्रांसफर उन के उदर, पेट में हो जाता है तब मोटापे से संबंधित रोगों के खतरों के बढ़ने की बहुत बड़ी संभावना हो जाती है.

एक रहस्य भी है

यह एक रहस्य होता था कि वसा के सेल्स कैसे यह निर्णय लेते हैं कि शरीर के किस स्थान में वे अपना घर बनाएं, निवास करें.

क्लेग की टीम ने रीढ़ की हड्डी के पास, खोपड़ी के आधारस्थल पर हाइपोथैलेमस में ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर्स को केंद्रित पाया है.

जवानी के उत्तरार्द्ध में मादा चूहों का इस्तेमाल करते हुए विशेषज्ञों ने वे न्यूरोलोजिकल रिसेप्टर्स जो ऐस्ट्रोजन को सेल में प्रवेश करने देते हैं, शांत कर दिया. जब रिसेप्टर्स आरएनए इंटरफिएरैंस तकनीक द्वारा बंद कर दिए गए, चुहियों का वजन बढ़ने लगा और वसा का वितरण उदर के क्षेत्रों में होने लगा. क्लेग का कहना है कि चुहियों के मस्तिष्क के ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर्स को बंद करने से वही स्थिति पैदा होती है जो रजोनिवृत्ति के बाद नारियों में जिन का हाइपोथैलेमस, जैसेजैसे उन के शरीर के उत्पादन में कमी होती जाएगी, हारमोन से वंचित होता जाएगा.

यह अनुसंधान उन हारमोन रिप्लेसमैंट थेरैपीज की ओर अग्रसर कर सकता है जो मस्तिष्क के सिर्फ उस भाग को लक्ष्य करेगा जो शरीर के वजन वितरण को नियंत्रित करता है.

मोटापे के लिए जिम्मेदार

क्लेग का कहना है कि इस प्रकार से किया इलाज स्तनों के स्तर पर प्रभाव नहीं डालेगा और न ही हृदय के स्तर पर ही प्रभाव डालेगा, जैसाकि वर्तमान की हारमोन रिप्लेसमैंट थेरैपीज से खतरा है.

कैनेडियन संस्थान के हैल्थ रिसर्च के फिजियोलौजिस्ट, जीन मार्क लावोई का कहना है कि यह बहुत रुचिकर तथ्य है क्योंकि यह रजोनिवृत्ति के बाद वजन बढ़ने पर बहुत महत्त्वपूर्ण नया प्रकाश डालता है. पर अभी तक वे इस बात से निर्णयात्मक रूप से सहमत नहीं हो पाए हैं कि हाइपोथैलेमस में ऐस्ट्रोजन की कमी वजन वितरण के लिए जिम्मेदार है.

लावोई का कहना है, ‘‘वसा उदर क्षेत्रों में ही क्यों ज्यादा जाती है, अन्य क्षेत्रों में क्यों नहीं. यह इसलिए भी हो सकता है कि ऐस्ट्रोजन रिसेप्टर्स वसा के टीसूज के बिलकुल पास हैं, जरूरी नहीं है कि वे मस्तिष्क में हैं.’’

पौष्टिक भोजन और व्यायाम

जो भी हो रजोनिवृत्त महिलाओं के लिए कम से कम यह आशा तो बन ही गई है कि यदि अभी नहीं तो कम से कम इस दिशा में काम शुरू हो जाने से भविष्य तो सुनहरा दिखने ही लगा है. इस प्रक्रिया से भविष्य में उन के भी छरहरे दिखने की संभावना है.

पर साथ ही भविष्य के सपने चाहे कितने भी रंगीन क्यों न हों, वर्तमान की ठोस धरा पर जीवन जीना भी जीवन की एक बहुत बड़ी आवश्यकता है. इसलिए रजोनिवृत्त महिलाओं को भी आज की परिस्थितियों से सम झौता कर अपने मोटापे को पौष्टिक भोजन और व्यायाम से नियंत्रित करना पड़ेगा.

परफेक्ट सेल्फी के लिए मेकअप आइडियाज

आजकल लोगों में सेल्फी लेने का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ चूका है. खासकर लड़कियां और महिलाएं अपने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं को कमरे में कैद करना नहीं भूलतीं. पहनावा नया हो या हेयरस्टाइल या फिर मेकअप, वे अपनी खूबसूरती को बेहतरीन अंदाज में तस्वीरों में उतारने के लिए दिन में कई कई बार सेल्फी लेती दिख जाती हैं. पर याद रखें खुद की परफेक्ट सेल्फी लेना कोई छोटी बात नहीं है. लाइटिंग से ले कर बेहतर एंगल और साथ ही अच्छे मेकअप के अंदाज भी आने चाहिए तभी आप एक परफेक्ट सेल्फी क्लिक कर सकेंगी.

कई दफा ऐसा भी होता है जब आप आईने में तो बेहद हसीं नजर आती हैं मगर जब जब सेल्फी लेती है तो चेहरे पर कुछ अबनॉर्मल सा नजर आता है. कभी चेहरे पर दाग धब्बे तो कभी नैन नक्श का अजीबोगरीब दिखना. वहीं सेल्फी की पोज भी वैसी नहीं आती जैसी हम लेना चाहते हैं. ऐसा अमूमन ज्यादातर लड़कियों के साथ होता है. ऐसे में जरुरी है कि आप मेकअप से जुड़े कुछ ऐसे आइडियाज के बारे में जानें जिन की मदद से एक परफेक्ट सेल्फी क्लिक कर सकें.

इस सन्दर्भ में सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट गुंजन अघेरा पटेल कुछ टिप्स बताती हैं;

1- सेल्फी के लिए जरुरी हेल्दी और ग्लोइंग स्किन

अगर अंदर से आप की स्किन हेल्दी और फ्रेश है तो आप का मेकअप भी उभर कर आएगा. दरअसल मेकअप सॉफ्ट और हाइड्रेटेड स्किन पर बेहतर नजर आता है. स्किन टाइप के मुताबिक आप एक अच्छे क्लींजर, एक्सफोलिएटर और मॉइस्चराइज़र को कस्टमाइज़ करें ताकि आप को सेल्फी से पहले हाईलाइटर की जरूरत न पड़े.

2- जरूरी है फाउंडेशन का सही शेड

एक बेहतर सेल्फी के लिए परफेक्ट शेड का एक परफेक्ट फाउंडेशन जरुरी है जो फुल कवरेज वाला हो. इस से आप को सेल्फी क्लिक करते वक्त किसी तरह के फिल्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे अप्लाई करने के बाद आप की स्किन इवन टोन नजर आएगी और बेस केकी नजर नहीं आएगा. अगर आप को फ़्लैश लाइट में सेल्फी
लेनी हो तो सही फाउंडेशन का इस्तेमाल कीजिये और उस का शेड भी फेस के अकॉर्डिंग ही लीजिए.

3- सही ढ़ंग से हो ब्लेंड

कैमरा लगभग हर छोटी से छोटी चीज को भी पकड़ लेता है. इसलिए जो भी बेस या
फाउंडेशन का इस्तेमाल करें उसे अच्छे ब्लेंड जरूर कर लें. इसके लिए आप ब्रश, अपनी उंगलियों या मेकअप ब्लेंडर का इस्तेमाल कर सकती हैं. सेल्फी लेते वक्त इस से चेहरे पर मेकअप थोपा हुआ नजर नहीं आता.

4- मेकअप को रखें मैट

सेल्फी क्लिक करते वक्त मैट मेकअप लुक सब से अच्छा होता है. क्योंकि यह
अलग से चमकता नहीं. सेल्फी के वक्त शिमर को बिलकुल नो कह देना चाहिए. क्योंकि यह चेहरे को जरूरत से ज्यादा चिकना बना सकता है. इसलिए अच्छी सेल्फी के लिए हमेशा मैट बेस का ही चुनाव करना सही माना जाता है.

5- प्ले विथ आईज

सेल्फी लेते वक्त आंखों पर फोकस होता है. खूबसूरत गहरी आँखें आप की सेल्फी को दिलकश बनाती हैं. अपनी आंखों को बड़ा दिखाने के लिए काजल का
इस्तेमाल करें. आई लाइनर यूज करते समय इस के लिए ग्लिटरी नीले या हरे जैसे पॉप रंगों का इस्तेमाल करें. यही नहीं याद रखें आप की पलकें जितनी लंबी होंगी आंखें उतनी ही बड़ी नजर आएंगी. इस के लिए आप मस्कारा का इस्तेमाल करें. सही तरीके से लगाया गया मस्कारा आप के लुक में चार चांद लगा सकता है. इस से आप की सेल्फी भी खूबसूरत नजर आएगी. ज्यादा वॉल्यूम पाने के लिए पहले अपनी पलकों को कर्ल करें, फिर मस्कारा के दो कोट अप्लाई करें. ज्यादा वॉल्यूम के लिए आप दो कोट से भी ज्यादा कोट ट्राई कर सकती
हैं.

6- आइब्रो को भी न करें नजरअंदाज

आइब्रो आप के चेहरे की खूबसूरती को और भी ज्यादा निखारने का काम करती हैं. इसलिए सेल्फी लेने से पहले इन्हें बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आप अपनी आइब्रो को सेट रखें या फिर इन्हें उभरी हुई या मोटी दिखाने के लिए आइब्रो पेंसिल का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से आप की सेल्फी
पर बेहद खूबसूरत आएगी.

7- ब्लश रखें नेचुरल

बात जब ब्लश की हो तो इसे जितना नेचुरल रखेंगी आप की सेल्फी उतनी ही खूबसूरत आएगी. आप पीच पॉप ब्लश का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसे न सिर्फ अपने गालों पर लगाएं बल्कि इसे चीक बोंस पर भी स्वीप करें. इससे गाल गोल मटोल नजर नहीं आएंगे और आप को चेहरा लिफ्ट करता हुआ नजर आएगा.

8- बोल्ड लिप्स के साथ दें पोज

खूबसूरत स्माइल और बोल्ड लिप्स सभी पसंद करते हैं. आप इस के जरिये एक बेहतर सेल्फी क्लिक कर सकती हैं. बोल्ड होंठों का मतलब सिर्फ लाल रंग की लिपस्टिक ही नहीं है. जरूरी है कि आप जिस शेड का चुनाव करें वह आप की त्वचा और ड्रेस के रंग से मैच करे. बोल्ड रेड अक्सर बहुत गोरे रंग वाले
चेहरे पर ही खिलता है जबकि गोरे या गेंहुए रंग के लिए न्यूड या बोल्ड
पिंक, डस्की त्वचा के लिए पीच, मेटालिक शेड्स विकल्प हो सकते हैं.

9- जरूर करें कॉन्टूरिंग

अगर आप को परफेक्ट सेल्फी लेनी है तो हले इस बात को सुनिश्चित कर लें कि कैमरे पर क्लिक करने के लिए आप के फीचर्स उभर कर आ रहे हैं या नहीं. अगर नहीं तो इसके लिए कॉन्टूरिंग का इस्तेमाल करें. आप कंटोर पाउडर को अपने चीकबोंस, नाक के किनारे और जॉलाइन पर लगाएं. इस से आप के फीचर्स फोटो में काफी उभर कर आएंगे.

10- अच्छी सेल्फी के लिए पेस्टल शेड्स को कहें नो

ज्यादा अच्छी और आकर्षक सेल्फी के लिए पेस्टल शेड्स की जगह रूबी रेड और ग्रीन कलर का इस्तेमाल करें. साथ ही डल लिपस्टिक, लाइम येलो नेल पेंट और
बेज आई शैडो से आप की सेल्फी काफी थकी हुई नजर आ सकती हैं. इसलिए ऐसे रंगों का बिलकुल भी इस्तेमाल न करें.

11- फिल्टर को भी न भूलें

एक अच्छी सेल्फी के लिए जितना जरूरी मेकअप है उतना ही जरूरी एक परफेक्ट फिल्टर भी है. फिल्टर के जरिए आप दाग धब्बे या उम्र के निशान पूरी तरह
दूर कर सकती हैं. यह आप की सेल्फी को एक अच्छा ग्लो और खूबसूरती भी दे
सकता है.

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