WINTER SPECIAL: सर्दियों में सेहतमंद है स्वादिष्ट सूप

सूप संतुलित भोजन का अहम हिस्सा है. जिस प्रकार सलाद खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है उसी प्रकार सूप भी अत्यधिक स्वास्थ्यप्रद होता है. सूप का सेवन भोजन करने से पूर्व किया जाता है क्योंकि यह जठराग्नि अर्थात भूख को जाग्रत करता है. सर्दियों में सूप अवश्य पीना चाहिए क्योंकि तासीर गर्म होने के कारण यह शरीर को गर्म रखता है. चूंकि सूप विभिन्न सब्जियों को उबालकर नाममात्र के मिर्च मसाले से बनाया जाता है इसलिए ये शरीर को भरपूर पोषण भी प्रदान करते हैं. आजकल बाजार में विभिन्न कम्पनियों के रेडीमेड सूप भी मिलते हैं जो पाउडर फॉर्म में होते है और इनमें सिर्फ गर्म पानी मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. आमतौर पर सब्जियों, दालों, हर्ब्स, और नानवेज से विभिन्न सूप बनाये जातें हैं. सूप को शाम को डिनर से पूर्व पीना ठीक रहता है परन्तु इसे सदैव ताजा बनाकर ही पीना चाहिए.आइए सूप के कुछ अन्य लाभों पर भी नजर डालते हैं-

-सूप में नाममात्र के मसाले और बटर का प्रयोग किया जाता है जिससे इनकी कैलोरी बहुत ही कम हो जाती है इसीलिए ये वजन को कम करने में काफी मददगार हैं.

-भूख को जगाने के साथ साथ ये भोजन की तलब को भी कम करते हैं.

-सब्जियां विटामिन्स, खनिज लवण और फाइबर से भरपूर होतीं है इसलिए विभिन्न सब्जियों से बने सूप बहुत सेहतमंद होते हैं.

-सूप एक तरल पेय है इसलिए ये शरीर में पानी की कमी को संतुलित करते हैं.

-यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो ऊपर से क्रीम डालने से बचें.

कुछ पौष्टिक सूप की रेसिपीज

-टमाटर पालक सूप

कितने लोंगों के लिए 6
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री

मध्यम आकार के टमाटर 6
पालक 12 पत्ते
पानी 6 कप
काली मिर्च पाउडर 1/4 टीस्पून
काला नमक 1/2टीस्पून
ब्रेड स्लाइस 2

विधि

ब्रेड स्लाइस के किनारे चाकू से अलग कर दें. इन्हें आधे इंच के चौकोर टुकड़ों में काट लें. अब एक नॉनस्टिक पैन में 1 टीस्पून मक्खन डालकर मंदी आंच पर इन्हें ब्राउन कर लें. पालक के पत्तो और टमाटर को मोटा मोटा काटकर 2 कप पानी डालकर प्रेशर कुकर में मंदी आंच पर 2 सीटियां लेलें. जब ये ठंडे हो जाएं तो पीस लें. अब पिसे मिश्रण को छलनी से छानकर गैस पर एक पैन में चढ़ाएं. काला नमक, काली मिर्च और बचा पानी डालकर अच्छी तरह उबालें. तले ब्रेड के टुकड़े डालकर सर्व करें.

नोट-पालक के पत्ते डाले जाने से सामान्य टोमेटो सूप की अपेक्षा यह आयरन से भरपूर हो जाता है.

-खजूर आंवला सूप

कितने लोंगों के लिए 4
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री

आंवला पेस्ट 1/2 कप
ख़जूर पेस्ट 1/4 कप
पानी 4 कप
नमक स्वादानुसार
हींग चुटकी भर
काली मिर्च 1/2 टीस्पून
लहसुन बारीक कटा 2 कली
अदरक किसा 1 छोटा टुकड़ा
मक्खन 1 टेबलस्पून
कटा हरा धनिया 1 टीस्पून

विधि

एक नॉनस्टिक पैन में मक्खन गर्म करके लहसुन, अदरक और हींग भूनें. अब आंवला, ख़जूर का पेस्ट, काला नमक, काली मिर्च और 2 कप पानी डालकर 2-3 उबाल आने तक पकाएं. अब इसे गैस से उतारकर छान लें. छने मिश्रण को शेष पानी डालकर पुनः 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं. गर्मागर्म सूप हरा धनिया डालकर सर्व करें.

-मंचाऊ सूप

कितने लोंगों के लिए 6
बनने में लगने वाला समय 25 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री

तेल 2 टीस्पून
अदरक बारीक कटा 1 इंच
लहसुन कटी 2 कली
हरी मिर्च 1
प्याज बारीक कटा 1
सूखी लाल मिर्च 1
बारीक कटी गाजर 1
कटा पत्तागोभी 1/2कप
चौकोर कटे मशरूम 3
सोया सॉस 2 टेबलस्पून
नमक स्वादानुसार
काली मिर्च पाउडर 1 टीस्पून
शकर 1 टेबलस्पून
सिरका 1 टेबलस्पून
बारीक कटी फ्रेंच बीन्स 6
स्प्रिंग अनियन कटा 2 टेबलस्पून
कटा धनिया 1 टेबलस्पून
उबले नूडल्स 1 कप
कॉर्नफ्लोर 3टेबलस्पून
तलने के लिए तेल पर्याप्त मात्रा में

विधि

उबले नूडल्स में 1 टेबलस्पून कॉर्नफ्लोर अच्छी तरह मिलाएं और गर्म तेल में सुनहरा तलकर टिश्यू पेपर पर निकाल लें. अब एक नॉनस्टिक पैन में 2 टीस्पून तेल गरम करके अदरक, लहसुन, हरी मिर्च, और प्याज को 1 मिनट तक सॉते करें. अब सूखी लाल मिर्च भूनकर सभी सब्जियां 3 से 4 मिनट तक तेज आंच पर भूनें. इसमें सोया सॉस, नमक, काली मिर्च पाउडर, शकर,वेनेगर और पानी डालकर 5 मिनट तक पकाएं. बचे 2 टेबलस्पून कोर्नफ्लोर में 1 कप पानी मिलाएं और तैयार मिश्रण में डालकर चलाते हुए उबालें. बढ़िया गाढ़ा सूप तैयार है. तले नूडल्स और कटा धनिया डालकर सर्व करें.

-ब्रोकली आलमंड सूप

कितने लोंगो के लिए 6
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री

मध्यम आकार की ब्रोकली 1
मक्खन 1 टेबलस्पून
बारीक कटा प्याज 1
मैदा 1 टेबलस्पून
बादाम 10
तेजपात के पत्ते 2
दूध 1 कप
नमक स्वादानुसार
काली मिर्च पाउडर 1/2टेबलस्पून

विधि

बादाम को भिगोकर उसका छिलका उतार दें. एक पैन में लगभग 2 ग्लास पानी को उबालें और नमक डालकर ब्रोकली डालें. जब ब्रोकली हल्की सी नम हो जाये तो गैस से उतारकर ठंडे पानी में छान लें ताकि इसका रंग बरकरार रहे. अब एक पैन में मक्खन डालकर प्याज को सॉते करें, तेजपात के पत्ते भूनकर मैदा को हल्का सा भून लें ध्यान रखें कि मैदे का रंग न बदले. दूध डालकर अच्छी तरह चलाएं. 1 कप पानी मिलायें और छलनी से छान लें.इस छने मिश्रण को गैस पर चढ़ाएं. बादाम को बारीक काटकर नॉनस्टिक पैन में हल्का ब्राउन भून लें. ब्रोकली को भी 2 कप पानी के साथ पीस लें. अब पिसी ब्रोकली को उबलते दूध और मैदा के मिश्रण में डालें. नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर भली भांति चलाएं. भुने बादाम डालें और गर्मागर्म सर्व करें.

मेनोपॉज़ के बाद पैप स्मीयर और जाँच : सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, भारतीय महिलाओं में कैंसर के हर पाँच मामलों में से एक सर्वाइकल कैंसर (गर्भग्रीवा का कैंसर) का मामला होता है. अनुमान है कि 30 वर्ष से 50 वर्ष आयुवर्ग में लगभग 160 मिलियन भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का ख़तरा है.

भारत में देखा गया है कि अधिकाँश महिलाएँ जब तक उनका कैंसर आगे बढ़ चुका होता है, तब तक इलाज नहीं करातीं और इसके कारण स्वास्थ्यलाभ एवं उपचार, दोनों मुश्किल हो जाता है. अनेक महिलाएँ नियमित रूप से सामान्य जाँच नहीं कराती हैं, जबकि ऐसा करने से शुरुआती चरणों में सर्वाइकल कैंसर का या कुछ असामान्यताओं का पता चल सकता है. इसके पीछे पेडू की जाँच (पेल्विक एग्जामिनेशन) कराने में संकोच एक बड़ा कारण है.

मनीषा तोमर, वरिष्ठ परामर्शदाता प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा का कहना है कि-
शुरुआती चरण में सर्वाइकल कैंसर में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं. जब कैंसर काफी आगे बढ़ चुका होता है तभी इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दूसरी बीमारियों के समान लग सकते हैं, जिसके कारण स्थिति और ज्यादा जटिल हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर को रोकने का सबसे कारगर तरीका है किसी असामान्य अवस्था का जल्दी पता लगाने के लिए नियमित जाँच कराना और समय रहते इलाज शुरू करना. महिलाओं को, जब तक डॉक्टर अन्यथा कुछ नहीं बताएँ, मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) के बाद भी अपनी नियमित जाँच कराना बंद नहीं करना चाहिए. कैंसर की जाँच का प्राथमिक उद्देश्य है कैंसर से सम्बंधित मौतों को और कैंसर के शिकार होने वाले लोगों की संख्या को कम करना.

आइए, हम उन विधियों को समझें जिसमें कैंसर की रोकथाम या शीघ्र पहचान की जा सकती है.

पैप स्मीयर जाँच – यह जाँच क्यों ज़रूरी है?

शीघ्र पता चल जाने से सर्वाइकल कैंसर ठीक हो सकता है। कैंसर-पूर्व रोग जो सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकते हैं, उन्हें पता करने का सबसे बढ़िया तरीका है पैप स्मीयर जाँच। पैप स्मीयर जाँच गर्भाशय (सर्विक्स) की कोशिकाओं में बदलाव का पता लगाती है। इस जाँच से सर्वाइकल कैंसर या रोगों के संकेत मिलते हैं जो आगे चल कर कैंसर में बदल सकते हैं. जाँच के दौरान नमूने के लिए गर्भाशय से कोशिकाएँ निकाली जाती हैं. यह गायनेकोलॉजिकल जाँच के तहत एक बाईमैन्युअल पेल्विक एग्जाम (पेडू की दोनों हाथ से जाँच) के साथ-साथ बार-बार की जाती है.

किसी तरह की कैंसर-पूर्व अवस्था का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए नियमित रूप से पैप जाँच और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) जाँच कराकर सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है. इसकी रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीन लेना एक और तरीका है। 9 वर्ष से 26 वर्ष के बीच की लड़कियाँ और महिलाएँ एचपीवी वैक्सीन ले सकती हैं. लड़कियों को यौन क्रिया आरम्भ करने के पहले एचपीवी वैक्सीन दिया जाए, तो यह सबसे प्रभावकारी माना जाता है

मुझे कब-कब जाँच करानी चाहिए?

21 वर्ष से 65 वर्ष तक की महिलाओं के लिए हर तीन साल पर सामान्य जाँच करानी की सलाह दी जाती है. 30 वर्ष की आयु के बाद हर पाँच वर्षों पर एचपीवी टेस्‍ट के साथ पैप टेस्‍ट या सिर्फ एचपीवी टेस्‍ट कराया जा सकता है.

क्या मुझे मेनोपॉज़ के बाद भी जाँच करानी चाहिए?

अगर आप मेनोपॉज़ के दौर से गुजर रही है, या मेनोपॉज़ हो चुका है, तब भी आपको पैप या एचपीवी टेस्‍ट कराना चाहिए। जिन महिलाओं ने किसी गैर-कैंसर व्याधि के लिए गर्भाशय पूरा काट कर निकलवा लिया है और उनका कैंसर-पूर्व पैप जांच का कोई इतिहास नहीं है, वैसी महिलाएँ अपने चिकित्सीय इतिहास या ह्यूमन पैपिलोमा वायरस होने के जोखिम के आधार पर जाँच बंद कर सकती हैं. 65-70 वर्ष की आयु होने पर महिलाएँ जांच कराना छोड़ सकती हैं, बशर्ते कि कम से कम लगातार तीन बार सामान्य पैप टेस्‍ट हुए हों और पिछले दस वर्षों में पैप टेस्‍ट में कोई असामान्यता नहीं पाई गई हो

उपर्युक्त के अलावा, निम्नलिखित चीजों से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है :

– किशोरावस्था के अंतिम वर्षों या बाद तक प्रथम यौन सम्भोग करने से परहेज,
– यौन क्रियाओं में सहयोगी की संख्या कम रखना,
– अनेक लोगों से सहवास करने वाले व्यक्ति के साथ सम्भोग करने से परहेज,
– जननांग में गाँठ (जेनिटल वार्ट्स) या अन्य चिन्ह दर्शाने वाले व्यक्ति के साथ सम्भोग से परहेज,
– धूम्रपान छोड़ना।

‘‘छत्रीवालीः कंडोम की निंदा न करे और सेक्स षिक्षा आवष्यक की बात करने वाली अति सतही फिल्म..’’

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः रौनीस्क्रूवाला

निर्देषकः तेजस विजय देउस्कर

लेखकः संचित गुप्ता व प्रियदर्षी श्रीवास्तव

कलाकारः रकुलप्रीत सिंह,सुमित व्यास, राकेष बेदी,सतीष कौषिक,डौली अहलूवालिया, राजेष तेलंग,फिरोज चैधरी,

अवधिः एक घ्ंाटा 56 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः जी 5

बौलीवुड में भेड़चाल का भी दौर आता रहता है.जिसके चक्कर मंे फिल्मकार कभी कुछ नया नही सोचता.पर दावे जरुर करता है.अब ‘अजिंक्य’,‘प्रेमसूत्र’,‘बकेट लिस्ट’ जैसी मराठी फिल्मों के लेखक व निर्देषक तेजस देउस्कर पहली बार बतौर निर्देषक समाज में टैबू समझे जाने वाले कंडोम व स्कूली बच्चों को सेक्स षिक्षा देने की वकालत करने वाली फिल्म ‘‘छत्रीवाली’’ लेकर आए हैं,जो कि बीस जनवरी 23 से ओटीटी प्लेटफार्म, ‘जी 5 ’ पर स्ट्ीम हो रही है.उनका दावा है कि उन्होने एक नया सब्जेक्ट उठाने का साहस दिखाया है.जबकि हकीकत में वह कुछ भी नया नही परोस रहे हैं.

समाज में टैबू समझे जाने वाले कंडोम पर बनी 1977 में प्रदर्षित फिल्म ‘‘दूसरा आदमी’’ में  नवविवाहित ऋषि कपूर को तथा 1986 में प्रदर्षित फिल्म ‘‘ अनुभव’’ में ने शेखर सुमन को दर्षक एक मेडिकल स्टोर के सामने खड़े और कंडोम खरीदने के लिए संघर्ष करते देख चुके हैं.इन दोनो फिल्मों में मेडिकल स्टोर वाला दोस्त नजर आया था,वह उनकी शर्मिंदगी में इजाफा नहीं करता था.लेकिन फिल्मकार तेजस देउस्कर नया परोसने के नाम पर अपनी फिल्म ‘छत्रीवाली’ मे मेडिकल स्टोर के मालिक मदन चाचा (राकेष बेदी  )  कंडोम खरीदना बताते हुए कंडोम खरीदने आने वाले पुरूषों को अपनी पत्नियों के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए उकसाते हैं…क्या इसे जाजय कहा जाए? षायद फिल्मकार तेजस विजय देउस्कर को यह भी पता नही है कि आज हम 2023 मे जी रहे हैं,जहां स्कूली बच्चों के बैग में भी कंडोम मिल रहे हैं.

इतना ही नही कुछ दिन पहले ही अपारषक्ति खुराना की फिल्म ‘हेलमेट’,नुसरत भरूचा की फिल्म ‘जनहित में जारी’ के अलावा  अविका गोर की फिल्म ‘‘कहानी रबर बैंड की’’ में कंडोम,सेक्स षिक्षा आदि की बातें की जा चुकी हैं,पर इन फिल्मों को दर्षकों ने नकार दिया था,क्योंकि यह फिल्में भी सही ढंग से नही बनी थी.

  कहानीः

फिल्म ‘छत्रीवाली’ की कहानी के केंद्र मंे करनाल,हरियाणा की सान्या धींगरा (रकूल प्रीत सिंह ) हैं, जो कि अपनी मां धींगरा आंटी (डौली अहलूवालिया ) के साथ रह रही है.केमिस्ट्ी में महारत रखने वाली सान्या धींगरा,रतन लांबा (सतीष कौषिक) की कंडोम बनाने वाली कंपनी में नौकरी कर रही हैं.बस में सान्या की मुलाकात रिषि कालरा (  सुमित व्यास) से होती है.रिषि संस्कारी है.उसकी ‘कालरा पूजा भ्ंाडार’ नामक धार्मिक पूजा के सामनांे की विक्री करने वाली दुकान है.रिषि का बड़ा भाई राजन कालरा (राजेष तेलंग) एक कालेज में जीव विज्ञान के प्रोफेसर हैं,कड़क स्वभाव के चलते उनकी पत्नी निषि(प्राची शाह पंड्या) व बेटी मिनी(रीवा अरोड़ा) डरती है.रिषि के माता पिता भी है.पूरा धार्मिक व संस्कारी परिवार है.कंडोम का उपयोग करना गलत मानते हैं.करनाल षहर में मदन चाचा (राकेष बेदी  ) की अपनी दवा की दुकान हैं,जो कि कंडोम को अष्लील मानते हैं.उनकी राय में कंडोम खरीदना अष्लील संस्कृति है.

सान्या धींगरा पहली मुलाकात मे ही रिषि कालरा को दिल दे बैठती है.सान्या,रिषि के परिवार से झूठ बोलती है कि वह मेहता छत्री कंपनी में नौकरी करती है.षादी के बाद सुहागरात में रिषि कंडोम का उपयोग करने से इंकार कर देता है.पर सान्या उसके मन से कंडोम के प्रति विष्वास जगाकर धीरे धीरे कंडोम का उपयोग करवाना षुरू कर देती है.फिर वह आस पड़ोस की महिलाओं को चोरी छिपे कंडोम का उपयेाग करने के  बारे में बताती है.जब ढेर सारे मर्द मदन की दुकान पर कंडोम खरीदने जाते हैं,तो मदन चाचा सभी को हड़काते हंै कि वह लोग औरतो की बातांे में आकर अष्लीलता फैलाने वाला काम कर रहे हैं.इसी बीच एक अखबार में रतन लांबा की कंपनी का ही एक मुलाजिम सान्या की तस्वीर छपवा देता है कि वहह कंडोम कंपनी में काम करती है.उस अखबार की प्रति व कई पुरूषों के साथ मदन चाचा ,कालरा के घर पहुॅचकर खरी खोटी सुनाते हैं.तब राजन कालरा आदेष देते हैे कि सान्या नौकरी छोड़ दे.वह उसे षिक्षक की नौकरी दिलो देंगें.पर सान्या नौकरी छोड़ने की बजाय पति का घर छोड़ देती है.उसके बाद कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं.अंततः सान्या नौकरी के साथ ही अपने परिवार का भी साथ पा ही जाती है.

लेखन व निर्देषनः

फिल्म की कहानी व पटकथा काफी कमजोर व सतही है,जिसके चलते कइ्र दृष्य जबरन ठॅंूसे हुए लगते हैं.फिल्म की गति भी काफी धीमी है.कमजोर पटकथा के चलते रकुल की सतही क्रांति का कोई असर नही पड़ता.तेजस देउस्कर ने फिल्म में कंडोम की फैक्टरी का दौरा तो करा दिया,पर ऐसा कुछ नहीं दिखाया,जिससे उपभोक्ताओं में घृणा पैदा न हो.सुस्त यौवन जिज्ञासा के बीच स्कूल में यौन शिक्षा का प्रचार करने के जो दृष्य रखे गए हैं,वह अज्ञानी इंसान द्वारा लिखे गए नजर आते हैं.सान्या और स्कूल के प्रिंसिपल के बीच यौन षिक्षा को लेकर पूरी बातचीत लेखक व निर्देषक की अज्ञानता को उजागर करती है.फिल्म इस बात पर कोई रोषनी नही डालती कि मेडिकल की दुकान का मालिक कंडोम बेचने व खरीदने के खिलाफ क्यो है? योनि स्वास्थ्य के बारे में जानना महत्वपूर्ण है और बच्चों को योनि स्वच्छता के बारे में जीवन की शुरुआत में ही सिखाया जाना बेहतर है.इस संदेष को भी यह फिल्म दर्षकों तक पहुॅचाने में असफल रहती है.जबकि फिल्म में रकूल प्रीत सिंह को एक दृष्य में स्कूली बच्चों को लड़के व लड़िकयों  के अंगो,ओवरी व प्रजनन की जानकारी देते हुए दिखाया गया है.पर यह पूरा दृष्य बहुत ही बचकाना है.फिल्म में गर्भपात गोलियों और गर्भपात के दुः परिणामों के बारे में संवेदनषील तरीके से बात की गयी है.फिल्म के कुछ संवाद काफी घटिया है.बतौर निर्देषक तेजस देउस्कर प्रभावित नही कर पाते.फिल्म का गीत संगीत प्रभावहीन है.

अभिनयः

कंडोम कंपनी में नौकरी करने वाली सान्या के किरदार में रकुल प्रीत सिंह फिल्में खूबसूरत नजर आयी हैं.वह काॅमेडी दृष्यों में जमी हैं,मगर गंभीर दृष्यो में असफल रही है.संवाद अदायगी में कई जगह वह मात खा जाती हैं.उनकी बौडीलैगवेजभी संवादों से मात नही खाती.रिषि के किरदार में सुमित व्यास प्रभावित नहीं करते.उनके अभिनय में अब दोहराव ही नजर आता है. राजन उर्फ भाईजी के किरदार में राजेष तेलंग के किरदार को लेखक ने ठीक से गढ़ा ही नहीं,इसलिए वह कई जगह कन्फ्यूज नजर आते हैं.डौली अहलूवालिया की प्रतिभा को जाया किया गया है.

BIGG BOSS: अपनी हरकतों से सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज’ बन बैठे ये कंटेस्टेंट्स,देखें लिस्ट

सलमान खान के धमाकेदार शो ‘बिग बॉस’ ने लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. शो में हर सीजन अलग-अलग कंटेस्टेंट्स और उनकी पर्सनैलिटी देखने को मिलती है. कुछ कंटेस्टेंट्स जहां अपने अंदाज से लोगों का दिल जीत लेते हैं तो वहीं कुछ पूरे सीजन लोगों की नजरों में चढ़े रहते हैं. इतना ही नहीं, बिग बॉस के कुछ सदस्यों को ‘सबसे बड़े ड्रामेबाज’ तक का टैग मिल चुका है. इस लिस्ट में जहां पहले राखी सावंत और शहनाज गिल का नाम शामिल था तो वहीं सूची में शालीन भनोट का भी नाम जुड़ चुका है. तो चलिए एक नजर डालते हैं बिग बॉस के सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज’ कंटेस्टेंट्स पर-

1. शालीन भनोट (Shalin Bhanot)

शालीन भनोट ने बीते दिन के एपिसोड में बिग बॉस के सामने घर से बाहर निकलने के लिए काफी कुछ कहा. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी बीमारी का भी जिक्र किया। उनकी हरकतों से बिग बॉस तक परेशान हो गए थे. वहीं उनका यह अंदाज देख लोगों ने भी उन्हें ‘ड्रामेबाज’ का टैग दे दिया.

 

 

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2. राखी सावंत (Rakhi Sawant)

राखी सावंत को बिग बॉस के सबसे बड़े ड्रामेबाज कंटेस्टेंट का टैग मिल चुका है. लोगों का मानना है कि वह हर सीजन में जबरदस्ती की ओवरएक्टिंग करती हैं और ड्रामा दिखाती हैं.

 

 

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3. रश्मि देसाई (Rashami Desai)

रश्मि देसाई को सबसे बड़े ड्रामेबाज का टैग किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनकी को-कंटेस्टेंट शहनाज गिल ने दिया था. शहनाज ने उन्हें झगड़े के दौरान ‘बेवकूफ औरत’ तक कहा था.

 

 

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4. डॉली बिंद्रा (Dolly Bindra)

बिग बॉस 4 का हिस्सा रहीं डॉली बिंद्रा को भी उनकी हरकतों के लिए ‘ड्रामेबाज’ कहा गया था. वह अक्सर कंटेस्टेंट्स से झगड़ा करती हुई दिखाई देती थीं. उनका डायलॉग ‘बाप पर मत जाना’ खूब मशहूर भी हुआ था.

 

 

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5. निमृत कौर आहलुवालिया (Nimrit Kaur Ahluwalia)

‘बिग बॉस 16’ की निमृत कौर आहलुवालिय अपनी हरकतों के लिए खूब ट्रोल होती हैं. लोगों का मानना है कि जब भी वह घर से बेघर होने के लिए नॉमिनेट होती हैं तो रोना-पीटना शुरू कर देती हैं. इतना ही नहीं, मंडली का कोई सदस्य अगर प्रियंका से बात करता है तो भी उन्हें परेशानी होती है.

 

 

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6. इमाम सिद्दीकी (Imam Siddiqui)

इमाम सिद्दीकी ने बिग बॉस में कई बार ड्रामेबाजी की थी. उन्होंने बिग बॉस को खुद को जलाने तक की धमकी दी थी. साथ ही को-कंटेस्टेंट्स के सामने दावे किये थे कि उन्होंने शाहरुख खान जैसे सितारों को बनाया है.

7. शहनाज गिल (Shehnaaz Gill)

 

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‘बिग बॉस 13’ कंटेस्टेंट शहनाज गिल को ‘ड्रामेबाज’ के साथ-साथ ‘नौटंकी’ और ‘मतलबी’ का भी टैग मिल चुका है. गेम के लिए वह एक एपिसोड में सिद्धार्थ का साथ छोड़ पारस और माहिरा के साथ आ गई थीं, जिसके लिए दर्शकों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था. इतना ही नहीं, उनकी कुछ हरकतें भी फैंस को पसंद नहीं आती थीं.

8. प्रियंका चाहर चौधरी (Priyanka Chahar Choudhary)

 

प्रियंका चाहर चौधरी के यूं तो कई चाहने वाले हैं, लेकिन खुद अब्दु रोजिक ने उन्हें सीजन का सबसे बड़ा ‘ड्रामेबाज’ कहा था. इतना ही नहीं, अपने एक इंटरव्यू में अब्दु ने प्रियंका को काले दिल वाला भी कहा था.

सुशांत सिंह राजपूत का आखिरी वीडियो वायरल, वीडियो देख फैंस हुए भावुक

दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा ही उनके फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगी. एक्टर के निधन ने पूरी इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया था. 14 जून, 2020 को आकस्मिक निधन से पूरे देश में उनके फैंस हैरान रह गए थे. सुशांत के निधन के बाद उनकी मौत को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आज उनकी मौत को दो साल पूरे हो गए हैं और फैंस को अभी भी उनकी मौत से जुड़े सवालों के जवाब नहीं मिले हैं.

आज सुशांत सिंह राजपूत का जन्मदिन है. सुशांत अगर आज जिंदा होते वो अपना 37वां जन्मदिन मना रहे होते. एक्टर के निधन के बाद उनका आखिरी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद आपका भी दिल दहल जाएगा.

वायरल हो रहा है सुशांत का आखिरी वीडियो

सुशांत सिंह राजपूत का जन्म 21 जनवरी, 1986 को पटना में हुआ था. एक्टर की मौत के बाद उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो उनके आखिरी दिनों का बताया जा रहा है. सुशांत का ये वीडियो महज कुछ सेकेंड का है, जिसमें वो काफी परेशान नजर आ रहे हैं. एक्टर की हालत देखकर फैंस भी काफी परेशान और दुखी नजर आ रहे हैं.

 

 

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एक्टर की हालत देख परेशान हुए फैंस

सुशांत सिंह राजपूत के वायरल हो रहे वीडियो में आप देख सकते हैं कि वो परेशान दिख रहे हैं. साथ ही जब उनसे कोई सवाल किया जा रहा है तो वो अजीब तरह से बड़बड़ाते दिख रहे हैं. उनकी हालत देखकर साफ पता चल रहा है कि एक्टर अपनी होश में नहीं हैं. उनके बाल बिखरे हुए हैं और उनकी जबान लड़खड़ाती ​नजर आ रही है. इस दौरान सुशांत ने ग्रे कलर की सिंपल सी टी-शर्ट कैरी की है.

 

 

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वीडियो देख भड़के फैंस

सुशांत सिंह राजपूत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद फैंस काफी नाराज दिख रहे हैं. साथ ही सुशांत के फैंस उन्हें इंसाफ दिलाने की बात करते दिख रहे हैं. वहीं कई यूजर्स ने सुशांत की इस हालत का जिम्मेदार उनकी एक्स गर्लफ्रेंड और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बताया है.

फर्टिलिटी और जिंदगी को कैसे प्रभावित करता है तनाव? जानें यहां

श्रीमती नैना अरोरा फर्टिलिटी क्लीनिक में अपनी बारी आने का इन्तजार कर रही थी तभी उन्हें एक पोस्टर दिखा जिस पर समझदारी (माइंडफुलनेस) के मह्त्व के बारे में लिखा गया था. इसने अचानक से नैना का ध्यान अपनी ओर खींचा. वह पिछले 2 साल से गर्भधारण की कोशिश कर रही थी लेकिन दूसरे सेमेस्टर में ही उनका बच्चा पेट में ख़राब हो जाता था.  इसे लेकर वह बहुत चिंतित थी क्योंकि वह नही जानती थी कि इसका परिणाम क्या होगा. उसने उत्साहपूर्वक माइंडफुलनेस प्रोग्राम में यह सोचते हुए साइन इन किया कि इससे उसकी समस्या को हल करने में सहूलियत मिलेगी.

ऐसा समय जब अनिश्चितता और डर हर तरफ फैला हुआ है तो माइंडफुलनेस रोजमर्रा की जिंदगी का एक अभिन्न अंग बन गया है. तनाव के परिणामस्वरूप न केवल गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, बल्कि कई फर्टिलिटी और फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं भी होती हैं. दुनिया भर के फर्टिलिटी एक्सपर्ट माइंडफुलनेस के लिए सलाह देते हैं जिसमें योग, मेडिटेशन और सीखने की व्यवहार तकनीक शामिल होती है.  इन तकनीको में इलाज के बेहतर परिणाम के लिए नकारात्मक विचारों पर काबू पाना शामिल होता है.

फर्टिलिटी और स्ट्रेस (तनाव) के पीछे का विज्ञान

इस बारें में कई स्टडी हुई है जिससे पता चला है कि महिला के जीवन में बहुत ज्यादा तनाव उनके गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर रहा है. हमारा शरीर भी तनाव के स्तर को समझता है. यही एक कारण है यह महिला के गर्भधारण की संभावना को प्रभावित करता है क्योंकि बच्चा पैदा करने के लिए तनाव अच्छा नही होता है. इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि तनाव से पीड़ित महिला अक्सर कम इन्टीमेट होती है और जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए वह अक्सर शराब और तंबाकू का सेवन करने लगती है. और इस तरह की आदत महिला के गर्भवती होने की संभावना को और भी बदतर बना देता है.

वहीं ग्रुप थेरेपी, व्यक्तिगत संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी, और गाइडेड इमेजरी जैसी रिलैक्सेशन तकनीकों से तनाव कम करने से कुछ माँ बनने में असफल  महिलाओं को गर्भवती होने में मदद मिली है. इसके पीछे कारण यह है कि कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन मस्तिष्क और अंडाशय के बीच सिग्नलिंग को बाधित करते हैं, जो ओव्यूलेशन को बढ़ा सकते हैं. लेकिन जब हम माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करते हैं तो इस समस्या से निजात पाई जा सकती है और इसका रिजल्ट सकारात्मक आ सकता है.

स्ट्रेस का निवारण करना

सीडीसी के अनुसार  माँ बनने की उम्र वाली 10 में से 1 महिला को गर्भवती होने में परेशानी महसूस होती है या बिना किसी परेशानी के वह गर्भधारण नहीं कर पाती है. वहीं जब महीनो के बाद भी गर्भधारण नहीं हो पाता है तो फिर तनाव हावी होने लगता है. यह वही समय होता है जब दिमाग और शरीर को आराम देने वाले प्रोग्राम मददगार साबित होते हैं. इन प्रोग्राम का लक्ष्य विभिन्न एप्रोच के जरिये, जिसमे बातचीत करने की थेरेपी शामिल होती, तनाव को कम किया जाए. कई महिला इस नकारात्मक विचार से कि ‘वे कभी माँ नहीं बन सकती है’ से भी पीड़ित हो सकती है. इसके लिए वे खुद को दोष दे सकती है.

एक्सरसाइज

तनाव कम करने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी होता है.  मध्यम रूप से काम करना – उदाहरण के लिए सप्ताह में 1 से 5 घंटे के लिए गतिविधियों में लिप्त रहने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही जो महिलाएं ज्यादा मेहनत वाला काम करती हैं उनमे भी गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है.

वजन

तनाव होने से हम भावनात्मक आराम के लिए बहुत ज्यादा चीजें खाने लगते हैं. ज्यादा वजन या मोटापा होने से गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है. कुछ रिसर्च बताते हैं कि जो महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं उन्हें गर्भधारण करने में अन्य महिलाओं की तुलना में तीन गुना ज्यादा परेशानी हो सकती है.

स्वस्थ डाईट

हमारे तनावपूर्ण समय के दौरान हम प्रोसेस्स्डए शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने लगते हैं. लेकिन अध्ययनों ने साबित कर दिया है कि जो महिलाएं साबुत अनाज, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मछली और सोया से भरपूर मेडीटेरियन डाईट का पालन करती हैं, उनके गर्भधारण की संभावना उन लोगों की तुलना में ज्यादा होती है जो बहुत ज्यादा फैट वाले, भारी प्रोसेस्स्ड डाईट खाती हैं.

नोवा आईवीऍफ़ फर्टिलिटी, नई दिल्ली के फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ अस्वती नायर 

जानें क्या हैं मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स के फायदे

अगर आप Makeup पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना चाहतीं और कम समय में जल्द से जल्द मेकअप करना चाहती हैं, तो मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को अपनी पहली पसंद बना सकती हैं. ये मल्टी टास्किंग होने के साथसाथ काफी किफायती भी हैं.

क्यों खरीदें मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स

– मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स का चुनाव हर तरह से फायदेमंद है. 1 के दाम में 2 प्रोडक्ट्स खरीदे जा सकते हैं जैसे अगर मौइश्चराइजर ₹120 और सनस्क्रीन ₹100 का है, तो सनस्क्रीन युक्त मौइश्चराइजर ₹150 में मिल सकता है, जिस में मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन दोनों के गुण होते हैं.

– जितना समय एक मेकअप प्रोडक्ट लगाने में लगता है उतने समय में 2 लगाए जा सकते हैं जैसे अगर चेहरे पर पहले मौइश्चराइजर फिर फाउंडेशन लगाती हैं तो मौइश्चराइजर लगाने में 1 और फाउंडेशन लगाने में 2 मिनट लगते हैं, जबकि फाउंडेशन युक्त मौइश्चराइजर सिर्फ

1 मिनट में पूरे चेहरे पर लगा सकती हैं.

– मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को कैरी करना भी आसान है. अलग से लिपस्टिक और आईशैडो का पैलेट कैरी करने से बैग की काफी जगह भर जाती है. जबकि लिपस्टिक कम आईशैडो पैलेट कम जगह में आसानी से ऐडजस्ट होने के साथसाथ लिप और आई मेकअप दोनों के काम आता है.

कौन से मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट खरीदें

अपने वैनिटी बौक्स में इन मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को दें खास जगह.

सनस्क्रीनयुक्त मौइश्चराइजर

मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन रोजाना लगाना जरूरी है. मौइश्चराइजर त्वचा को कोमलता प्रदान करता है, तो सनस्क्रीन सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की हिफाजत करता है. ऐसे में अलग से मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन खरीदने और लगाने के बजाय सनस्क्रीन युक्त मौइश्चराइजर खरीदें, जो मौइश्चराइजर के साथसाथ सनस्क्रीन का भी काम करे. ओले कंप्लीट, लोरियल पैरिस, गार्नियर स्किन रिन्यू जैसे सनस्क्रीनयुक्त मौइश्चराइजर खरीद सकती हैं.

क्लींजर कम टोनर

स्वस्थ त्वचा के लिए जितनी जरूरत क्लींजर की होती है उतनी ही टोनर की भी होती है. ऐसे में क्लींजर और टोनर दोनों खरीदने के बजाय क्लींजर कम टोनर खरीदें यानी ऐसा क्लींजर खरीदें, जिस में टोनर के भी गुण हों ताकि उस में निहित क्लींजर चेहरे को क्लीन करे और टोनर त्वचा के खुले रोमछिद्रों को बंद कर त्वचा में कसाव लाए.

टिंटेड मौइश्चराइजर

पहले चेहरे पर मौइश्चराइजर उस के बाद फाउंडेशन अप्लाई करने से बचना चाहती हैं, तो मेकअप बैग में टिंटेड मौइश्चराइजर को जगह दे सकती हैं. इस में मौइश्चराइजर के साथसाथ फाउंडेशन के भी गुण होते हैं. यह रूखी त्वचा को मुलायम बनाता है और इस में पाया जाने वाला फाउंडेशन मेकअप के लिए परफैक्ट बेस भी रैडी करता है. कुछ टिंटेड मौइश्चराइजर में सनस्क्रीन भी होता है. अच्छे परिणाम के लिए क्लीनिक, मैरी के, नार्स जैसे टिंटेड मौइश्चराइजर खरीद सकती हैं.

बीबी/सीसी/डीडी क्रीम

मौइश्चराइजर, सीरम, सनस्क्रीन, प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन आदि को बारीबारी से लगाने से बचना चाहती हैं, तो एक ही बार में सब कुछ एकसाथ बीबी या सीसी क्रीम से लगाएं. अगर इन दोनों में से किसी एक का इस्तेमाल करने के बाद भी ऐंटीऐजिंग क्रीम लगानी पड़ रही है, तो डीडी क्रीम खरीदें. इस से अलग से ऐंटीऐजिंग क्रीम नहीं लगानी होगी. बीबी और सीसी क्रीम के लिए पौंड्स, मेबलिन, लैक्मे आदि का चुनाव कर सकती हैं.

पैंसिल आईलाइनर

अपने मेकअप बौक्स में आईलाइनर और काजल दोनों रखने के बजाय एक पैंसिल आईलाइनर खरीदें. इस का इस्तेमाल काजल की तरह निचली आईलाइनर पर लगाने के लिए कर सकती हैं और आईलाइनर की तरह आंखों की निचली और ऊपरी दोनों आईलिड पर भी लगा सकती हैं. इस तरह एक कौस्मैटिक से 2 काम कर सकते हैं.

टु साइडेड पैंसिल

बाजार में ड्यूअल पैंसिल की भी काफी डिमांड है. यह पैंसिल 2 मेकअप प्रोडक्ट्स का काम करती है. इस के एक ओर लिपलाइनर तो दूसरी ओर आईब्रो पैंसिल होती है. इसी तरह कुछ पैंसिल्स के एक तरफ लिपलाइनर तो दूसरी ओर आईलाइनर होता है यानी 1 से 2 का काम निकाला जा सकता है.

ग्लौसी लिपस्टिक

चूंकि आप को मेकअप का ग्लौसी इफैक्ट पसंद है, इसलिए आप होंठों पर लिपस्टिक के बाद लिपग्लौस लगाती हैं, तो अपने होंठों पर 2 मेकअप प्रोडक्ट्स लगाने में लगने वाले समय को बरबाद करने के बजाय ग्लौसी लिपस्टिक खरीदें. इसे लगाने के बाद आप को लिपस्टिक के ऊपर फिर से ग्लौस लगाने की जरूरत नहीं होगी.

कलर टिंट

लिपस्टिक के साथ ही ब्लशर का काम करने वाले कलर टिंट की भी बाजार में ढेरों वैराइटी उपलब्ध हैं. यह आप को अलगअलग कलर के साथसाथ मैट और ग्लौसी 2 डिफरैंट टैक्स्चर में भी आसानी से मिल जाएगा. ऐसे में आप मौके के अनुसार शेड और टैक्स्चर का चुनाव कर सकती हैं.

मल्टीपर्पज पैलेट

अगर आप डिफरैंट शेड की लिपस्टिक या आईशैडो लगाने की शौकीन हैं और उस के लिए लिपस्टिक या आईशैडो पैलेट खरीदने का मन बना रही हैं, तो सिर्फ लिपस्टिक पैलेट या आईशैडो पैलेट खरीदने के बजाय मल्टीपर्पज पैलेट खरीदें, जिस का इस्तेमाल लिपस्टिक और आईशैडो दोनों के लिए कर सकती हैं.

कलर स्टिक

बाजार में ऐसा भी मल्टीपर्पज मेकअप प्रोडक्ट है, जिसे थ्री इन वन कह सकते हैं यानी होंठों पर बतौर लिपस्टिक, चीक्स पर ब्लशऔन और आंखों पर आईशैडो की तरह इसे लगाया जा सकता है. इसे कलर स्टिक भी कहते हैं. ज्यादा न सही लेकिन एक कलर स्टिक आप भी खरीद सकती हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कलर स्टिक लाइट शेड में हो, क्योंकि डार्क शेड आप लिपस्टिक के लिए यूज कर सकती हैं, लेकिन आईशैडो और ब्लशऔन के लिए डार्क शैड जरूरी नहीं कि आप पर सूट करे.

किफायती मेकअप टिप्स

– सिंगल शेड की 3-4 अलगअलग लिपस्टिक खरीदने के बजाय लिपस्टिक पैलेट खरीदें. इस में आप को कम से कम 12 लिपस्टिक के शेड्स मिल जाएंगे और वह भी कम दाम में.

– आईशैडो के डिफरैंट शेड खरीदने के बजाय आईशैडौ पैलेट खरीदें. इस में आप को 8 से 16 आईशैडो शेड आसानी से मिल जाएंगे.

– चीकबोंस को हाईलाइट करने के लिए ब्लशर पैलेट खरीदें. एक पैलेट में आप को कम से कम 6 से 12 कलर मिल जाएंगे.

– अलग से फाउंडेशन, आईशैडो, लिपस्टिक खरीदने के बजाय मेकअप किट भी खरीद सकती हैं. इस में ए टु जैड मेकअप प्रोडक्ट्स होते हैं और यह काफी सस्ती भी मिलती है.

चिकन चंगेजी रेसिपी

सर्दियों में नौनवेज खाने और बनाने के अलग ही मजा होता है तो आज हम के लिए लेकर आए है ऐसे ही नौनवेज डिश जिसे आप सर्दियों जल्दी पका भी सकती है और खा भी सकती है.

सामग्री:

– चिकन लेग पीस (800ग्रा)

– टमाटर की प्यूरी ( 01 कप)

– तेल ( 1/2 कप)

– दही (04 बड़े चम्मच)

– लौंग (03 नग)

– छोटी इलाइची (02 नग)

– बड़ी इलाइची ( 01 नग)

– दालचीनी ( 01 स्टिक)

– सूखी लाल मिर्च ( 3 नग)

– प्याज (बारीक कटी हुई)

– अदरक-लहसुन पेस्ट ( 02 छोटे चम्मच)

– जीरा पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– हल्दी पाउडर ( 01 छोटा चम्मच)

– धनिया पाउडर ( 01 छोटा चम्मच)

– गरम मसाला पाउडर (1/2 छोटा चम्मच)

– केवड़ा जल ( 01 बड़ा चम्मच)

– नमक (स्वादानुसार)

चिकन चंगेजी बनाने की विधि :

– सबसे पहले एक फ्राई पैन में तेल गर्म करें.

– गर्म तेल में लेग पीस डालें अैर डीप फ्राई कर लें.

– अब एक दूसरा पैन लेकर उसमें 6 बड़े चम्मच तेल डाल कर गर्म करे.

– तेल गर्म होने पर इसमें बड़ी इलाइची, छोटी इलाइची, दालचीनी, लौंग, सूखी लाल मिर्च और प्याज डालें   और अच्छी तरह से फ्राई कर लें.

– इसके बाद पैन में अदरक-लहसुन का पेस्ट और टमाटर की प्यूरी डालें और इन्हें भी 1 मिनट के लिए   फ्राई कर लें.

– इसके बाद पैन में हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर डालें और चलाते हुए भूनें.

– जब सारे मसाले अच्छी तरह से भुन जाएं, पैन में दही और गरम मसाला डाल दें और चलाते हुए भूनें.

– जब मसाले तेल छोड़ने लगें, इसमें लेग पीस डाले कर चला लें.

– अगर आपको शोरबा पसंद है, तो इसमें थोड़ा सा पानी डाल दें और 3 मिनट ढ़क कर पकायें.

– इसके बाद इसमें केवड़ा जल डाल दें और 1 मिनट तक पकाने के बाद गैस बंद कर दें.

BB 16 Elimination: क्या सलमान खान करेंगे सौंदर्या शर्मा को शो से बाहर!

बिग बॉस 16 में इस बार घर से बेघर होने के लिए चार कंटेस्टेंट नॉमिनेटेड हैं. इसमें सुम्बुल तौकीर खान, शालीन भनोट, टीना दत्ता और सौंदर्या शर्मा का नाम शामिल है. अब खबर आ रही है कि इस बार भी कोई फीमेल कंटेस्टेंट ही शो से एलिमिनेट होगी. इस हफ्ते के वोटिंग ट्रेंड्स सामने आ चुके हैं और साथ ही उस कंटेस्टेंट का नाम भी जिसे इस बार घर में सबसे कम वोट्स मिले हैं.

 

 

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ये कंटेस्टेंट होगा बाहर

बिग बॉस 16 के वोटिंग ट्रेंड्स पर नजर डालें तो फिलहाल सुम्बुल तौकीर खान को घर में सबसे ज्यादा वोट मिले हैं और इसके साथ ही वो टॉप पर पहुंच गई हैं. सुम्बुल के बाद नंबर है टीना और शालीन का. वोटिंग ट्रेंड्स में आखिरी नंबर पर आईं हैं सौंदर्या शर्मा. इन्हें इस हफ्ते सबसे कम वोट मिले हैं. तो वहीं लोगों को लगाता है कि मेकर्स आखिरी तक शालिन और टीना को उनके ‘कन्फ्यूज्ड लव एंगल’ के लिए नहीं निकालेंगे.

 

 

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सुम्बुल को मिले सबसे ज्यादा वोट्स

सुम्बुल तौकीर खान इस हफ्ते नॉमिनेट थीं और उन्हें अपने दोस्त एमसी स्टेन, निमृत और शिव ठाकरे के फैन्स से भी अच्छी खासी संख्या में वोट मिल रहे हैं. तो इमली फेम एक्ट्रेस इस हफ्ते के लिए सेफ हैं. इन सब बातों को देखते हुए यह साफ है कि बिग बॉस 16 में सौंदर्या का सफर इस हफ्ते खत्म हो सकता है. अगर वह घर जाती हैं तो ये देखना और भी दिलचस्प होगा कि अर्चना गौतम का गेम किस तरफ जाता है.

निमृत बनीं पहली फाइनलिस्ट

दूसरी तरफ इस निमृत कौर अलहूवालिया शो की पहली फाइनलिस्ट बन गई है और उनकी और शिव की दोस्ती के बीच दरारा भी आ गई है. मंडली में खलबली इस बात से मच गई कि शिव ने निमृत की जगह शो में प्रियंका को स्ट्रॉन्ग कंटेस्टेंट बताया था. जिसके बाद निमृत, शालीन को गले लगाती नजर आईं जिसे देखकर शिव और स्टैन जल गए.

YRKKH : अक्षरा को देख अभिमन्यु हुआ शॉक, शो मे आएगा बड़ा ट्विस्ट

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) दर्शकों के दिलों पर राज कर रहा है. इस सीरियल में प्रणाली राठौड़ (Pranali Rathod) और हर्षद चोपड़ा (Harshad Chopda) की जोड़ी नजर आ रही है. दोनों अक्षरा और अभिमन्यु का किरदार निभा रहे हैं. साथ ही जय सोनी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस सीरियल में छह साल के लीप के बाद अक्षरा और अभिमम्यु का आमना-सामना हो चुका है. बीते एपिसोड में देखने को मिला था कि अभी अक्षु के घर पर डिनर करने पहुंचता है और यहां पर दोनों एक-दूसरे को देखकर हैरान रह जाते हैं.

 

नॉर्मल रहने की कोशिश करेंगे अक्षरा-अभिमन्यु

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि अक्षरा और अभिमन्यु डिनर टेबल पर एक-दूसरे के साथ नॉर्मल रहने की कोशिश करेंगे. वहीं, इन सबके बीच अभिनव की खुशी का ठिकाना नहीं होगा, क्योंकि वह अभिमन्यु को अपने घर पर देखकर बहुत खुश है. वह खुद अभी को खाना परोसता है. दूसरी तरफ अक्षरा अपने बेटे अभीर में बिजी होती है. हालांकि, अभिमन्यु, अक्षु-अभीर और अभिनव को साथ देखकर कम्फर्टेबल हो जाता है.

 

अक्षरा के घर से जल्द निकलेगा अभिमन्यु

कहानी में ज्यादातर सीन्स टेबल के आसपास ही बीत जाएंगे. सीरियल में देखने को मिलेगा कि अक्षु को देखने को बाद अभिमन्यु जल्द से जल्द उस घर से जाने की कोशिश करेगा. लेकिन अभिनव ऐसा होने नहीं देता. इसी वजह से अभिमन्यु खाना खाने के तुरंत बाद वहां से निकल जाता है. हालांकि, इससे पहले वह तीनों को गिफ्ट भी देता है. साथ ही अभी अभिनव को उसके पैसे भी देता है. लेकिन अभिमन्यु के हाथ से कैश अक्षरा लेती है.

 

अभिनव को सच बताने को कोशिश करेगी अक्षरा

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के अपकमिंग एपिसोड में आगे देखने को मिलेगा कि अभिमन्यु अक्षरा के घर से बाहर निकलने के बाद काफी ज्यादा परेशान हो जाता है. उसे सारी पुरानी बातें याद आती हैं. दूसरी तरफ अक्षरा भी शॉक में गेट पर खड़ी रहती है. वहीं, जब वह अंदर आती है तो अभिनव को अभिमन्यु के बारे में बताने की कोशिश करती है. लेकिन ऐसा नहीं कर पाती, जिस वजह से वह और ज्यादा परेशान हो जाती है. हालांकि, कहानी में अक्षरा और अभिमन्यु का आमना-सामना एक और बार होगा.

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