सवाल-
मैं एक युवक से (जो सैनिक है) बहुत प्यार करती हूं. हम दोनों ने अपने घर वालों से चोरीछिपे विवाह कर लिया है. हमारी शादी रजिस्टर्ड नहीं है. विवाह के बाद मैं ने अपना घर छोड़ दिया और 5 महीनों से दिल्ली में अकेली रह कर नौकरी कर रही हूं. मैं 2 महीने की गर्भवती हूं. मेरा पति अपनी ड्यूटी पर चला गया है. कहता है कि नवंबर में आ कर मुझे ले जाएगा. मैं चिंतित हूं कि यहां अकेले में मुझे कोई समस्या हुई तो क्या करूंगी? मैं अपने घर भी नहीं जा सकती.
जवाब-
आप ने पूरा खुलासा नहीं किया कि क्या वजह थी कि आप दोनों ने ही अपने घर वालों को विश्वास में लिए बिना चोरीछिपे शादी की. यदि दोनों ही परिवार शादी के खिलाफ थे तो भी आप को कोर्ट मैरिज करनी चाहिए थी अथवा जिस भी विधि से विवाह किया था उस का रजिस्ट्रेशन तो कराना चाहिए था. अब भी समय गंवाए बिना अपनी शादी को रजिस्टर कराएं. जहां तक अपनी गर्भावस्था को ले कर आप की चिंता है वह सही है. जब तक आप अकेली रह रही थीं संतानोत्पत्ति के लिए जल्दी नहीं करनी चाहिए थी. अब भी आप को लगता है कि आप दोनों अभी संतानोत्पत्ति की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं तो पति की सहमति से गर्भपात करवा लें. बाद में जब स्थिति अनुकूल हो तब इस विषय में सोच सकते हैं.
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गर्भावस्था के दौरान मां की सेहत का तुरंत और लंबे समय में बच्चे की सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. गर्भकाल की डायबिटीज और एनीमिया, यानी कि मां में एनीमिया और डायबिटीज बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. मां में एनीमिया हो तो बच्चे का जन्म के समय 6.5 प्रतिशत मामलों में वजन कम होने और 11.5 प्रतिशत मामलों में समय से पहले प्रसव की समस्या हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की वजह से बच्चे को 4.9 प्रतिशत मामलों में एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भरती होने और 32.3 प्रतिशत मामलों में सांस प्रणाली की समस्याएं होने का खतरा रहता है.
गर्भावस्था में इन समस्याओं की वजह से पैदा हुए बच्चों में मोटापे, दिल के विकार और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा उम्रभर रहता है.
गर्भावस्था के दौरान हाइपरटैंशन, जो कि 20वें सप्ताह में होता है, पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस से गर्भनाल (एअंबीलिकल कौर्ड) की रक्तधमनियां सख्त हो जाती हैं जिस से भू्रूण तक औक्सीजन और पोषण उचित मात्रा में नहीं पहुंच पाता. इस वजह से गर्भाशय में बच्चे की वृद्धि में रोक, जन्म के समय बच्चे का कम वजन, ब्लडशुगर में कमी और लो मसल टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में आगे चल कर किशोरावस्था में बच्चे में हाइपरटैंशन की समस्या भी हो सकती है.
मां में मोटापा हो तो गर्भावस्था में डायबिटीज होने की संभावना होती है जिस वजह से समय से पहले प्रसव और बच्चे में डायबिटीज व मोटापा होने के खतरे रहते हैं. गर्भावस्था के दौरान मां के पोषण में मामूली कमी का भी प्रतिकूल असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है, जैसे कि गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से आगे चल कर जच्चा और बच्चा दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
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