मैं प्रैग्नेंसी में अकेली हूं, क्या आगे जाकर कोई प्रौब्लम होगी?

सवाल-

मैं एक युवक से (जो सैनिक है) बहुत प्यार करती हूं. हम दोनों ने अपने घर वालों से चोरीछिपे विवाह कर लिया है. हमारी शादी रजिस्टर्ड नहीं है. विवाह के बाद मैं ने अपना घर छोड़ दिया और 5 महीनों से दिल्ली में अकेली रह कर नौकरी कर रही हूं. मैं 2 महीने की गर्भवती हूं. मेरा पति अपनी ड्यूटी पर चला गया है. कहता है कि नवंबर में आ कर मुझे ले जाएगा. मैं चिंतित हूं कि यहां अकेले में मुझे कोई समस्या हुई तो क्या करूंगी? मैं अपने घर भी नहीं जा सकती.

जवाब-

आप ने पूरा खुलासा नहीं किया कि क्या वजह थी कि आप दोनों ने ही अपने घर वालों को विश्वास में लिए बिना चोरीछिपे शादी की. यदि दोनों ही परिवार शादी के खिलाफ थे तो भी आप को कोर्ट मैरिज करनी चाहिए थी अथवा जिस भी विधि से विवाह किया था उस का रजिस्ट्रेशन तो कराना चाहिए था. अब भी समय गंवाए बिना अपनी शादी को रजिस्टर कराएं. जहां तक अपनी गर्भावस्था को ले कर आप की चिंता है वह सही है. जब तक आप अकेली रह रही थीं संतानोत्पत्ति के लिए जल्दी नहीं करनी चाहिए थी. अब भी आप को लगता है कि आप दोनों अभी संतानोत्पत्ति की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं तो पति की सहमति से गर्भपात करवा लें. बाद में जब स्थिति अनुकूल हो तब इस विषय में सोच सकते हैं.

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गर्भावस्था के दौरान मां की सेहत का तुरंत और लंबे समय में बच्चे की सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. गर्भकाल की डायबिटीज और एनीमिया, यानी कि मां में एनीमिया और डायबिटीज बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. मां में एनीमिया हो तो बच्चे का जन्म के समय 6.5 प्रतिशत मामलों में वजन कम होने और 11.5 प्रतिशत मामलों में समय से पहले प्रसव की समस्या हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की वजह से बच्चे को 4.9 प्रतिशत मामलों में एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भरती होने और 32.3 प्रतिशत मामलों में सांस प्रणाली की समस्याएं होने का खतरा रहता है.

गर्भावस्था में इन समस्याओं की वजह से पैदा हुए बच्चों में मोटापे, दिल के विकार और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा उम्रभर रहता है.

गर्भावस्था के दौरान हाइपरटैंशन, जो कि 20वें सप्ताह में होता है, पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस से गर्भनाल (एअंबीलिकल कौर्ड) की रक्तधमनियां सख्त हो जाती हैं जिस से भू्रूण तक औक्सीजन और पोषण उचित मात्रा में नहीं पहुंच पाता. इस वजह से गर्भाशय में बच्चे की वृद्धि में रोक, जन्म के समय बच्चे का कम वजन, ब्लडशुगर में कमी और लो मसल टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में आगे चल कर किशोरावस्था में बच्चे में हाइपरटैंशन की समस्या भी हो सकती है.

मां में मोटापा हो तो गर्भावस्था में डायबिटीज होने की संभावना होती है जिस वजह से समय से पहले प्रसव और बच्चे में डायबिटीज व मोटापा होने के खतरे रहते हैं. गर्भावस्था के दौरान मां के पोषण में मामूली कमी का भी प्रतिकूल असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है, जैसे कि गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से आगे चल कर जच्चा और बच्चा दोनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- प्रैग्नेंसी में रखें ये सेहतमंद आदतें

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

एक और मित्र- भाग 3: प्रिया की मदद किसने की

वीरा और भाभी के बहुत जोर देने पर वह बाहर आ कर बैठ तो गई पर उस का मन अनमना ही रहा. कानपुर जाने के लिए उन लोगों को अगले दिन का आरक्षण मिला था.

रात में भैया, प्रणव और दिनेश की खानेपीने की विशेष महफिल जम गई. भाभी और वीरा ने मिल कर कई तरह के मांसाहारी व्यंजन बना लिए थे.

‘‘वीरा, मटन चाप तो तुम्हीं बनाओ, तुम्हारे भैया बहुत पसंद करते हैं,’’ भाभी ने हंस कर वीरा से कहा. पर उस समय वे यह नहीं देख पाईं कि वहीं खड़ी प्रिया का मुंह अचानक ही सिकुड़ कर रह गया था.

मन में पलती अपमान की पीड़ा को सिरदर्द का नाम दे कर प्रिया जल्द ही बिस्तर पर आ गई. प्रणव भी 12 बजते- बजते नींद से बोझिल आंखें लिए पलंग पर लेटते ही सो गए. पर बिस्तर पर करवटें बदलते हुए देर तक जागती प्रिया के कानों में कुछ आवाजें रहरह कर आ रही थीं.

प्रणव के आने के बाद वह स्नानघर जाने के लिए कमरे से बाहर निकली ही थी कि खाने के कमरे से आती दिनेश की आवाज सुन कर वह चौंक कर ठिठक गई. वह कह रहा था, ‘‘भैया, आप चिंता मत करिए, कोई न कोई हल शीघ्र ही निकल आएगा.’’

‘‘अरे, मुझ से ज्यादा तो चिंता सुलेखा को है जो दिनरात उसी में घुली जाती है. देखते नहीं इस का चेहरा,’’ यह भैया का स्वर था.

‘‘अरे भाभी, जब तक हम हैं तब तक तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं. हम लोग कोई न कोई रास्ता खोज ही लेंगे,’’ वीरा के स्वर में दिलासा के रंग लबालब छलक रहे थे, जिन्हें महसूस कर के ही शायद भैया ने भरे कंठ से कहा, ‘‘मैं जानता हूं. तुम लोग ही तो हो जिन पर मुझे पूरा भरोसा है.’’

स्नानघर से आते ही अपमान की अग्नि में प्रिया का तनमन सुलग उठा, ‘तो क्या मैं इतनी पराई हूं, दिनेश के सम्मुख भैया अपनी समस्या कह सकते हैं, पर अपनी ही सगी बहन से इतना दुराव? मैं तो भैयाभाभी के घर कोे बिलकुल अपना समझ कर यहां आने को उत्सुक रहती थी. पर क्या मालूम था कि उन का स्नेह और सत्कार केवल दिखावा है. अपनापन तो केवल वीरा के हिस्से में…’

मन आहत हुआ तो आंखों से बरबस ही गंगाजमुना की धार बह निकली और वह उसी पानी में डूब कर कब सो गई, पता ही नहीं चला.

सुबह जब वह सो कर उठी तो वाकई उस का सिर भारी था पर रात के अनुभव की खटास अभी दिल से मिटी नहीं थी. उस ने फैसला कर लिया कि अब वह दिल्ली जल्दी नहीं आएगी. पर रात को वीरा, दिनेश और भैया की बात का अधूरा सिरा अभी भी उस के सीने में फांस की तरह चुभ रहा था. जब सबकुछ असहनीय हो गया तो वह वीरा को ले कर ऊपर चली आई, ‘‘मुझे तुझ से अकेले में कुछ बात करनी है.’’

उस दिन इतवार था. बच्चे टीवी देखने में व्यस्त थे और नाश्ते के बाद प्रणव दिनेश के साथ बाजार चले गए. भैया बैठक में किसी से बातें कर रहे थे और भाभी नहा रही थीं.

‘‘पर ऐसी क्या बात है जो तुम भाभी के सामने…?’’ वीरा ने छत की मुंडेर पर बैठते हुए पूछा तो प्रिया बीच में ही बोल पड़ी, ‘‘क्यों, बहुत सी बातें क्या ऐसी नहीं हैं जो भाभी मेरे सामने नहीं कहना चाहतीं?’’

‘‘मैं समझी नहीं, तुम कहना क्या चाहती हो?’’ बहन का तल्ख स्वर वीरा को हतप्रभ कर गया.

‘‘देख वीरा, अनजान बनने की कोशिश मत कर. मैं कल से देख रही हूं अपने प्रति सब का बेगाना व्यवहार. और जिसे मैं इतने दिन तक उन का प्यार समझती रही, अब जा कर मालूम हुआ कि वह एक खोखला दिखावा था,’’ प्रिया का स्वर अभी भी कसैला था.

पर वीरा ने अपना स्वर यथासंभव कोमल बना लिया, ‘‘यह तुम कैसे कह सकती हो?’’

‘‘कैसे कह सकती हूं,’’ प्रिया गुस्से से बोली, ‘‘कल से मैं देख नहीं रही कि हर बात में भैयाभाभी का तुझ से मशवरा करना, वह घुटघुट कर बातें करना और भैया की कुछ समस्या…’’ आखिरी शब्दों पर प्रिया हिचकिचा गई तो वीरा व्यंग्य से मुसकरा दी, ‘‘हूं, तो तुम ने सब सुन लिया. चलो, यह भी अच्छा ही हुआ.’’

पर उस ओर बिना ध्यान दिए प्रिया अपनी ही रौ में शिकायत करती जा रही थी, ‘‘देख वीरा, मैं तुझ से बड़ी हूं. फिर 2 बहनों के बीच भैया का यों अंतर रखना क्या अच्छी बात है? और मुझे तुझ से भी ऐसी उम्मीद नहीं थी.’’

बहन के आखिरी लफ्जों पर ध्यान न दे कर वीरा अपने एकएक शब्द पर जोर दे कर बोली, ‘‘पर दीदी, यह अंतर बनाया किस ने? यह तुम ने कभी सोचा?’’

 

‘‘मतलब?’’

‘‘मतलब यह कि यह अंतर तुम ने स्वयं अपने हाथों गढ़ा है,’’ वीरा अचानक ही जैसे कू्रर हो उठी.

‘‘मैं ने? पर…’’

‘‘हां, दीदी, तुम ने भैया को सदैव रिश्ते की छड़ी से दबाए रखा. उन के कर्तव्यों की तो हमेशा तुम्हें याद रही पर अपने फर्ज की ओर भूल कर भी नहीं देखा. दीदी, तुम यह भूल गईं कि खून के संबंध जन्म से जरूर अपना महत्त्व और मजबूती लिए होते हैं पर कभीकभी बाद में यही संबंध मात्र बोझ बन कर रह जाते हैं, जिन्हें निभाने की बस एक विवशता होती है. अब समय आ गया है कि इस बोझ को हम जानबूझ कर अपनों के कंधों पर न डालें.’’

‘‘यह तू क्या कह रही है, वीरा? तू कहना चाहती है कि मैं भैया से अपना संबंध…’’ प्रिया का स्वर हैरानी के आरोह को पार कर पाता इस से पहले ही वीरा ने हंस कर उसे पकड़ लिया, ‘‘नहीं, दीदी, भैया से तुम्हारा संबंध अपनी जगह पर है. पर हां, यदि तुम इसी रिश्ते में विवशता की जगह मित्रता का रंग मिला दो तो तुम्हारा संबंध और गहरा हो उठेगा. क्योंकि मित्रता उस पुष्प की भांति है जिस की सुगंध कभी खत्म नहीं होती.

‘‘रिश्ते चुने नहीं जा सकते पर मित्र बनाना हमारे अपने अधिकार में है. रिश्ते हमारे शरीर के साथ जन्म लेते हैं जबकि मित्र हमारा मन स्वयं चुनता है. इसीलिए उन में औपचारिकता नहीं होती, रिश्तों का परंपरागत आडंबर नहीं होता.

‘‘मैं ने भी यही किया है दीदी, औपचारिकता की सारी कडि़यां एक ओर समेट मैं ने भैयाभाभी को अपना मित्र बना लिया है.’’

‘‘मैं समझी नहीं, वीरा?’’

‘‘तुम तो जानती हो दीदी, दिनेश के साथ मैं अकसर दिल्ली आ जाती हूं. पर एक बहन के अधिकार से नहीं बल्कि एक मित्र की हैसियत से और इसी नाते मैं उन का हर सुखदुख बांटने का प्रयत्न करती हूं.

अजीब दास्तान- भाग 3: क्या हुआ था वासन और लीना के साथ

2 माह ऐसे ही बीत गए. वासन ने उसे कभी पत्नी की नजर से नहीं देखा. स्त्रीत्व का इतना घोर अपमान. लीना सहन नहीं कर पाई थी. उस ने ही पत्नीधर्म निभाने की पहल की थी. लीना को अब जीने के लिए कोई तो आधार चाहिए था. वासन जाने किस मिट्टी का बना था. उस ने लीना की इस पहल को भी बिना किसी भावना के स्वीकार कर लिया था.

जिस दिन लीना को पता लगा कि वह गर्भवती है उस ने वासन को नकार

दिया था. वासन को तो कभी लीना की चिंता थी ही नहीं. उस ने तो अपनी मां को खुश करने के लिए विवाह किया था. उस की मां लीना को गर्भवती जान कर खुश हो गई और उस की देखभाल में जुट गई. समय पर मंगला पैदा हुई.

समय बीतता गया, फिर इसी प्रकार शुभम भी पैदा हुआ. अब दोनों बच्चों की देखभल में लीना ऐसी रमी कि वह वासन की ओर से बिलकुल लापरवा हो गई. वासन के औफिस में जब भी कोई पार्टी होती, वह लीना को ले कर जाता. लीना हमेशा सजधज कर जाती. उस के औफिस में सब लीना से बहुत प्रभावित होते थे. तब वासन को भी बहुत गर्व होता और वह बोलता, ‘आई लव माई फैमिली, आई एम अ फैमिलीमैन.’

राजन का घर में आनाजाना भी शुरू हो गया था. दोनों बचपन के दोस्त थे. शादी के बाद सेल्वी का भी आनाजाना शुरू हो गया था. सेल्वी की शादी की दास्तान तो और भी दुखभरी थी. वे लोग बेंगलुरु में रहते थे. औफिस की ओर से वासन हफ्ते में 2 बार बेंगलुरु जाता था. इन सब के बीच कब सेल्वी और वासन के बीच नजदीकियां बढ़ गईं, लीना नहीं जान पाई.

एक फैमिलीमैन ने अपनी फैमिली  को छोड़ कर सेल्वी के साथ रहना शुरू कर दिया. दोनों एक फ्लैट में एकसाथ रहते थे. सेल्वी पीने में भी वासन का साथ देती थी. दोनों की खूब जमती थी. सेल्वी की किसी बात ने वासन को सचेत कर दिया था. वासन ने जब सेल्वी को बताया कि उस ने अपना सबकुछ लीना के नाम कर दिया है तो उस के रंग बदलने लगे. और वासन के प्रौपर्टी देने के काम ने स्वयं को उस की नजरों में नीचे नहीं गिरने दिया था, उस ने कभी भी बच्चों को उस के विरुद्ध नहीं किया था.

एक दिन फिर से वासन आया. उस की आवाज सुन कर लीना अतीत से वर्तमान में लौट आई. उस ने मंगला का फोन नंबर और पता मांगा. वह आस्ट्रेलिया जाने वाला था. लीना ने उस से कहा, ‘‘मंगला के यहां ध्यान से जाना. वहां दामाद का मामला है. दामाद के मातापिता भी उसी शहर में अलग रहते हैं. वह पूरा परिवार ही डाक्टरों का परिवार है.’’

‘‘तुम चिंता मत करो. मैं जानता हूं कि मु झे किस प्रकार बात करनी है.’’

आस्ट्रेलिया जा कर वासन मंगला के घर गया. दामाद दामोदर और नाती श्रेय से मिला. उन दोनों के ऊपर भी वासन का जादू चल गया. दामाद को तो उस ने अपने ज्ञान से आकर्षित कर लिया था. वासन को आर्थिक मामलों की बहुत जानकारी थी. दामोदर के पास पैसा था पर उसे निवेश करने का ज्ञान नहीं था. ससुर का अनुभव उस को रास आ गया था. नाती को तो उस ने उपहारों से लाद दिया था. उस के साथ बाहर लौन में क्रिकेट भी खेला. घर में अकेला रहने वाला बच्चा अपने साथ खेलने वाले नाना को पा कर बोल उठा था, ‘ग्रैंड पा, आप हमारे साथ ही रह जाओ.’

मंगला पिता के पास नहीं आई. उस ने मां को दुख उठाते देखा था. वह इतनी आसानी से सबकुछ नहीं भूल सकती थी.

आस्ट्रेलिया से लौट कर वासन फिर लीना के पास आया. उस ने फिर से लीना को धन्यवाद दिया और बोला, ‘‘तुम बहुत अच्छी मां हो, तुम

ने मंगला को बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं. बहुतबहुत धन्यवाद.’’

‘‘इस की जरूरत नहीं है. मैं ने अपना कर्तव्य निभाया है. मेरे बच्चे ही मेरा सबकुछ हैं.’’

कुछ देर तक बातचीत करने के बाद वासन वहां से चला गया.

लीना ने फोन पर मंगला को भी वही सलाह दी जो उस ने बेटे शुभम को दी. वे दोनों अपनी सम झ के अनुसार अपने पिता के साथ रिश्ता रखने के लिए आजाद थे.

इधर, कुछ दिनों से लीना के मन में यूरोप घूमने की इच्छा बलवती हो उठी थी. बच्चों के पास समय नहीं था और अकेले वह जाना नहीं चाहती थी. दोनों बच्चों ने योजना बनाई और मांपिता के लिए 2 टिकटें भेज दीं. दोनों ने फोन पर मां को बोला, ‘इस से अच्छा मौका और इस से अच्छा गाइड आप को दोबारा नहीं मिलेगा.’

इस बार लीना स्वार्थी बन गई और अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए उस ने वासन के साथ जाने की बात स्वीकार कर ली.

जब यह बात वासन को पता चली तो उस ने मना नहीं किया. कुछ ही दिन पश्चात दोनों यूरोप ट्रिप के लिए निकल पड़े. वासन ने तो बहुत बार वहां का चक्कर लगाया हुआ था, इसलिए वह बहुत अच्छा गाइड बना. सब होटलों के रजिस्टरों में वे मिस्टर और मिसेज वासन के नाम से ही जाने गए. बस, लीना ही जानती थी कि वे दोनों केवल जानकार थे इस से अधिक और कुछ नहीं. उस के मन के जख्म इतने गहरे थे कि वे अभी भी रिसते थे.

यूरोप घूम कर जब वे दोनों वापस आए तो अड़ोसपड़ोस व रिश्तेदारों के मन में यह उत्सुकता थी कि क्या वे फिर से साथ रहने लगेंगे?

पर ऐसा नहीं हुआ. लीना ने अपनी बहन के साथ ही रहना जारी रखा. हां, अब वासन फोन पर अकसर बात करने लगा.

आज लीना का जन्मदिन था. वासन ने फोन किया और बोला, ‘‘हैपी बर्थडे माई फेयर लेडी.’’

लीना ने थैंक्यू कह कर फोन रख दिया. फिर से उसे अतीत की बातें याद आने लगीं, शादी के बाद उस का पहला जन्मदिन आया. मां ने सुबह ही वासन से बोला, ‘आज बहू को बाहर ले जाना.’

लीना शाम से ही सजधज कर तैयार बैठी थी. वह बाहर किसी होटल में जा कर भोजन करना चाहती थी. शाम रात में ढल गई और रात भोर में पर वासन नहीं आया. जब आया तो एक बार भी लीना की ओर नहीं देखा और न ही कोई बात की. उस की बेरुखी देख कर वह अंदर तक जल गई थी.

बड़ी बहन ने जब आवाज लगाई तो वह वर्तमान में लौट आई. बड़ी बहन से

उस का अकेलापन देखा नहीं जा रहा था. वह अकसर उसे सलाह देती, ‘‘अब तो सारी उमर बीत गई, वह भी बूढ़ा हो गया है. उसे माफ कर दे, उसे अपने पास बुला ले या फिर तू ही उस के पास चली जा.’’

‘‘नहीं, मैं दोनों ही बातें नहीं कर सकती. उस ने अपने कर्मों से ही अपना जीवन बिगाड़ा है. उसे अपने कर्मों की सजा तो मिलनी ही चाहिए.’’

दोनों के जन्मदिन में केवल 10 दिन का अंतर था. दोनों ही जीवन के 75 साल पूरे कर चुके थे. वासन आज भी सब के सामने यही बोलता, ‘आई एम अ फैमिलीमैन. आई लव माई फैमिली’, पर लीना की नजर में यह स्लोगन मात्र था. वासन बस, रटारटाया नारा दोहरा देता था पर वह ही जानता था कि उस ने जो भी किया हो, किसी भी राह पर भटका हो, उस का परिवार उस के दिमाग में रहा. जबजब बच्चों ने पढ़ाई में अच्छा किया उस की छाती गर्व से फूली. जबजब समाज में लीना की तारीफ हुई वह खुशी से  झूम उठा. आज भी उस का परिवार ही उस के लिए सबकुछ है. दोनों की दास्तान भी अजीब दास्तान बन गई. वे दोनों रेल की पटरियों की तरह समानांतर चलते रहे पर कभी मिल नहीं पाए.

समस्या का अंत: बेचारा अंबर करे तो क्या करे

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गरबा 2022: इन 8 मस्टर्ड ऑयल टिप्स से निखारें अपनी स्किन

अगर आप ग्लैमरस दिखना चाहती हैं तो अपने ब्यूटी प्रॉडक्ट में मस्टर्ड ऑयल यानी सरसों का तेल शामिल करें. अगर आप यह सोच रही हैं कि मस्टर्ड ऑयल केवल खाना बनाने के ही काम आता है, तो आप गलत हैं. यह ऑयल केवल खाने के लिए नहीं, बल्कि बॉडी मसाज, स्किन, बालों से जुड़ी अनेक समस्याओं में काम आता है.

स्किन में होने वाले किसी इन्फेक्शन और बॉडी के दूषित पदार्थों और रेशेज से लड़ने में ये मदद करता है. इस तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो आपकी स्किन में होने वाले रेशेज और स्किन की रंगत को हल्का करने में मदद करता है.

1. नैचूरल सन्स्क्रीन

आजकल हम ऐसे सन्स्क्रीन का चयन करने लगे हैं, जिनमें एसपीएफ 20 या फिर उससे अधिक हो. लेकिन हम आपको बता दें कि सरसों के तेल से बेहतर सन्स्क्रीन कोई नहीं है. इसमें उच्च लेवल का विटामिन ई होता है, जो नेचरल सन्स्क्रीन की तरह काम करता है. यह सूरज की हानिकारक किरणों से हमारी स्किन को बचाता हैं और समय से पहले झुर्रियों को आने से भी रोकता है.

2. बालों को काला रंग देने के लिए

शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन रिसर्च के बाद पता चला है कि मस्टर्ड ऑयल में वे तत्व हैं, जो आपके बालों को लंबे समय तक काला बनाए रखते हैं. इतना ही नहीं यह बालों को सफेद होने से भी बचाता है. स तेल को आप सीधे ही अपने बालों में लगा सकती हैं. इसे आधा घंटा बालों में रखने के बाद शैम्पू कर लें.

3. स्किन के रंग को हल्का करने के लिए

स्किन की रंगत को हल्का करने के लिए हम जिन फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, वह हमारी स्किन के लिए काफी हानिकारक होते हैं. लेकिन सरसों के तेल को इस्तेमाल करने से ऐसा कुछ नहीं होता बल्कि यह ऐसा प्राकृतिक उपचार है जिसकी मदद से आप अपनी स्किन की रंगत को हल्का कर सकती हैं. आपको कुछ ही दिनों में अपने चेहरे पर होने वाला फर्क नजर आएगा और आपके चेहरे से टैनिंग, डार्क स्पॉट और ब्लेमिशिंग खत्म हो जाएगा.

इसके अलावा आप बेसन में नींबू और सरसों का तेल मिला लें. इसके बाद इस पेस्ट को मिलाकर अपने चेहरे पर लगा लें, इसे 10 से 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगा रहने दें और फिर चेहरा धो लें. अच्छे परिणाम के लिए इस पेस्ट को हफ्ते में कम से कम तीन बार इस्तेमाल करें.

4. रंग साफ करने के लिए

अधिकांश लोगों को यह गलत धारणा है कि सरसों के तेल को सीधे चेहरे या फिर स्किन पर लगाने से स्किन काली पड़ जाती हैं. लेकिन असल में ऐसा बिल्कुल नहीं होता, बल्कि इसके विपरित होता है. सरसों और नारियल तेल को बराबर मात्रा में मिला लें.

इस मिश्रण हो सीधे अपने चेहरे पर लगा लें और उंगलियों की मदद से चेहरे पर मालिश करें. इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है. इस तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर चेहरे पर चमक आती है.

5. नैचुरल स्किन ग्लो

ऐसे बहुत सारे लोग आपको मिलेंगे, जो बॉडी की मसाज के लिए सरसों का तेल ही यूज करते हैं. यह स्किन की ड्राईनैस को खत्म करता है. लेकिन अगर आप टैन हटाना चाहती हैं, तो सरसों के तेल को योगर्ट और लेमन जूस के साथ मिला लें और इस बॉडी पैक से बॉडी की मसाज करें. बॉडी नेचरल ग्लो करने लगेगी.

6. अगर स्किन है ड्राई

स्किन ड्राई है और आपको ड्राई स्किन पर करना है मेकअप, तो न हों परेशान. कुछ बूंदे सरसों का तेल लें. इससे 3 से 5 मिनट चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें. इसके बाद पानी से फेस को धो लें. स्किन स्मूथ हो जाएगी और आप इस स्किन टोन पर आसानी से फाउंडेशन और मेकअप कर पाएंगी.

7. बालों की केयर करे परफेक्ट

अगर आप परेशान बालों की डैंड्रफ, खुजलाहट, बालों का गिरना जैसी प्रॉब्लम्स से गुजर रही हैं, तो मस्टर्ड ऑयल का हॉट ट्रीटमेंट करवाएं. इसके लिए आप बालों की लेंथ के मुताबिक एक कटोरी पर सरसों का तेल ले लें. उसे हल्का गुनगुना कर लें और हल्के हाथों से बालों की जड़ों पर मसाज करें. इसके बाद किसी माइल्ड शैंपू से बालों को वॉश कर लें. आप 10 से 12 दिन में ही इस समस्या से निजात पा लेंगी.

8. होंठ फटने से बचाए

विंटर की एक आम प्रॉब्लम है लिप्स का फटना. ऐसे में मस्टर्ड ऑयल आएगा आपके खूब काम. रात को सोने से पहले लिप्स पर दो से तीन बूंदे मस्टर्ड ऑयल की लगाएं और फिर इसे ऊपर से लिप बाम से कवर कर दें. वैसे, भी आपने दादी मां का सदियों पुराना घरेलू नुस्खा तो सुना ही होगा कि बच्चे के नाभि पर दो बूंद मस्टर्ड ऑयल की लगाएं और सुबह बच्चे के लिप्स सॉफ्ट पाएं.

Richa Chadha ने लगाई पति के नाम की मेहंदी, नाचते दिखे Ali Fazal

बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) जल्द ही अपने लौंग टाइम बौयफ्रेंड और एक्टर अली फजल (Ali Fazal) संग शादी के बंधन में बंधने वाली है. वहीं दोनों की शादी की रस्मों की शुरुआत भी हो गई है, जिसकी फोटोज और वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है. इसी बीच एक्ट्रेस ने अपनी मेहंदी की फोटो और वीडियो फैंस के साथ शेयर की हैं. आइए आपको दिखाते हैं रिचा चड्ढा और अली फजल की मेहंदी से जुड़ी अपडेट्स (Ali Fazal-Richa Chadha Mehandi Photos…

एक्ट्रेस ने लगाई मेहंदी

लगभग 10 साल से एक दूसरे को डेट कर रहे एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा और एक्टर अली फजल 4 अक्टूबर (Ali Fazal-Richa Chadha Wedding) को दिल्ली में सात फेरे लेने वाले हैं, जिसके चलते 29 सितंबर को शादी की रस्मों की शुरुआत के साथ मेहंदी सेलिब्रेशन देखने को मिला. दरअसल, एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा और अली फजल ने अपने-अपने हाथों में एक दूसरे के नाम का पहला अक्षर लिखवाया है, जिसकी फोटो और वीडियो एक्ट्रेस ने सोशलमीडिया पर फैंस के साथ शेयर की है.

नाचते दिखे अली फजल

 

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जहां एक तरफ एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा अपनी मेहंदी का डिजाइन फैंस के साथ शेयर करते हुए फ्लौंट करती दिखीं तो वहीं एक्टर अली फजल ढोल की धुन पर नाचते हुए नजर आए. एक्टर की ये वीडियो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसे देखकर फैंस दोनों को बधाई देते दिख रहे हैं. वहीं शादी की बात करें तो दिल्ली में सात फेरे लेने के बाद ये सेलेब्रिटी कपल मुंबई में ग्रैंड रिसेप्शन देने वाला है, जिसमें कई बौलीवुड सेलेब्स के शिरकत करने की उम्मीद है.

बता दें, एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा और अली फजल की पहली मुलाकात फिल्म फुकरे के दौरान हुई थी, जिसके बाद दोनों ने करीब 10 सालों तक एक दूसरे को डेट किया. हालांकि 2 साल पहले कपल ने शादी के प्लान्स बनाए थे. लेकिन कोरोना के कारण यह टल गया. लेकिन अब वह दिल्ली में ग्रैंड वैडिंग  (Ali Fazal-Richa Chadha Wedding) कर रहे हैं, जिसकी फोटोज और वीडियो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.

राजा राज चोल ने अपने शासनकाल में पांच हजार बांध बनवाए थे- चियान विक्रम

इतिहास से सबक लेकर हर इंसान प्रगति की राह पर जा सकता है. इसी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए मशहूर फिल्मकार मणि रत्नम नौंवी सदी के चोल साम्राज्य की अंदरूनी राजनीतिक उठापटक पर फिल्म ‘‘पी एस -एक’’ लेकर आ रहे हैं. तीस सितंबर को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम व कन्नड़ भाषा में अंग्रेजी सब टाइटल के साथ पूरे विश्व में प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘पीएस एक’ ऐतिहासिक सबूतों व कुछ कल्पना के साथ सत्तर वर्ष पहले कल्कि द्वारा लिखी गयी किताब ‘‘पोन्नियिन सेलवन’’ पर आधारित है. यह फिल्म अरुलमोझीवर्मन के शुरुआती दिनों की कहानी बताती है,  जो बाद में महान चोल सम्राट राज राजा चोल प्रथम (947 सीई – 1014 सीई) बने थे. फिल्म की कहानी के केंद्र में नौवीं शताब्दी के चोल राजवंश और सिंहासन के लिए संघर्ष है.

फिल्म ‘‘पी एस -एक’’ के प्रमोशन के लिए हाल ही में मणि रत्नम अपनी इस फिल्म के सभी कलाकारों के साथ मीडिया के सामने मुखातिब हुए. उसी दौरान इतिहास से सबक सीखने की चर्चा करते हुए फिल्म में अदिथा करिकालन का किरदार निभा रहे अभिनेता चियान विक्रम ने कहा-‘‘हर इंसान की अपनी रूचि होती है. किसी को विज्ञान मंे, किसी को इतिहास में तो किसी को गणित या भूगोल में. लेकिन मेरी समझ से रोचक बात यह है कि हम बचपन में ‘चंदामामा’ या ‘अमर चित्रकथा’’के माध्यम से कहानियां पढ़ते व सुनते रहे हैं. इन किताबों मंे अतीत या राजाओं की कहानी ही लिखी गयी है. हमारा अतीत काफी समृद्ध रहा है. राजा राजा चोल ने अपने शासनकाल में पांच हजार डैम@बांध बनवाए थे. राजा राजा चोल ने अपने समय में ‘पानी मंत्रालय’ बनाया था. गांव के नेताओं यानी कि सरपंच के चुनाव करवाए थे. उन्होने शहरोें के नाम औरतों के नाम पर रखे थे. उनके शासन काल में तीन बड़े अस्पताल थे, जहां हर नागरिक का मुफ्त में इलाज होता था. वह अपनी जनता की मदद के लिए खैरात नही बांटता था, मगर कर्ज दिया करता था. यानी कि वह लोगों से पूरे सम्मान@डिग्निटी के साथ जिंदगी जीने की बात करता था. क्या हमें यह सब इतिहास से नहीं सोचना चाहिए.  इतना ही नहीं हम अक्सर पिरामिड की बात करते हैं कि आखिर कइ वर्ष पहले पिरामिड किस तरह बनाए गए होंगे. मगर क्या हम जानते हंै कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिन्हे हम सिर्फ मंदिर या पूजा गृह के रूप में देखते हैं.

हम कभी भी उनकी स्थापत्य कला की तरफ ध्यान नही देते. दक्षिण भारत के तंजावुर, जहां नौंवी सदी में  चोल साम्राज्य था. तब राजा राजा चोलन ने एक मंदिर बनवाया था. जो कि विश्व का सबसे उंचा मंदिर है. सबसे उपर जो पत्थर है, वह एक ही पत्थर है, जिसका वजन अस्सी टन है. इसके निर्माण में प्लास्टर का उपयोग नहीं किया गया. इस अस्सी टन वजन के पत्थर को उंचाई पर ले जाकर स्थापित करने के लिए उस वक्त रैम का उपयोग किया गया था. जो कि छह किलोमीटर लंबा था. इसे बैल व इंसानो की मदद से उपर चढ़ाया गया था. उस वक्त कोई मशीन नही थी. बिजली नही थी. क्रेन नहीं थी. इस मंदिर को प्लास्टर नहीं किया गया. मगर इसने छह बड़े भूकंप झेले हैं. उस वक्त इसे बनाते हुए एक बाहरी दीवार खड़ी की. उसके अंदर छह फीट का कोरीडोर बनाया. उसके बाद उसके अंदर एक दूसर स्ट्क्चर है, जो कि उपर तक जाता है. इसी वजह से यह मंदिर हजार वर्ष से भी अधिक समय से अपने स्थापत्य कला को प्रदर्शित कर रहा है. इस पर भूकंप का भी असर नहीं होता.

हमें यह जानना चाहिए. हम आज सुपर पॉवर की बात करते हैं. लेकिन नौंवी शताब्दी में राजा राजा चोल के शासन में पूरे विश्व के मुकाबले सबसे बड़ी मैरिन टाइन नेवल थी. यह बाली,  मलेशिया व चीन तक फैला हुआ था. उस वक्त तक कोलंबस ने अमरीका की खोज तक नही की थी. इसलिए हमें अपने कल्चर के बारे में सेाचना चाहिए. हमे इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम नौंवी सादी में कितना आधुनिक थे. इसका उत्तर भारत या दक्षिण भारत से कोई लेना देना नही है. पश्चिमी भारत या पूर्वी भारत से भी लेना देना नही है. हम सब सिर्फ भारतीय हैं. इसलिए हमें अपने इतिहास का जश्न मनाना चाहिए और इतिहास से सीखना चाहिए. ’’

गरबा 2022: एक्सपर्ट से जानें किस तरह की है अपनी स्किन

खूबसूरत दिखने के लिए सिर्फ मेकअप की जरूरत नही होती हमारी स्किन का खूबसूरत होना भी बेहद जरूरी है. और उसके लिए स्किन की देखभाल बहुत आवश्यक स्किन की देखभाल एक कला और विज्ञान दोनों है, जिसे सावधानीपूर्वक और सोच-समझकर करने की आवश्यकता है.

स्किन की देखभाल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू 10 लम्बे स्टेप्स की दिनचर्या या विदेशी सामग्री का उपयोग नहीं करना है, बल्कि सही उत्पाद ढूंढना है जो आपके लिए प्रभावी ढंग से काम करते हैं. स्किन की देखभाल वाले उत्पादों में वो जादुई एक-आकार-फिट-सभी वाला विकल्प नहीं होता है, इसलिए अपनी स्किन की देखभाल की दिनचर्या का अधिकतम लाभ उठाने और इसकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपनी स्किन के प्रकार को जानना अनिवार्य है.

इस बारे में बता रहीं हैं-रिया वशिष्ठ सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट प्रोस्थेटिक FX व् स्पेशल इफेक्ट्स एक्सपर्ट USA  सर्टिफाइड.

क्यों है जरुरी ये जानना की मेरी स्किन किस प्रकार की है ?

जहाँ बात हमारी स्किन की आती है तो हम सभी अच्छे से अच्छे प्रोडक्ट्स खरीदना व इस्तेमाल करना चाहते हैं, मगर ये नहीं जानते की कौन सा प्रोडक्ट ले और कौनसा नही. बाज़ारों में बड़ी मात्रा में काफी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हैं जो हर तरह की स्किन के लिए बने हैं. इसीलिए आपका ये जानना बेहद जरुरी है कि आपकी स्किन किस प्रकार कि है ताकि जब आप किसी भी प्रोडक्ट का उपयोग करें तो उससे आपकी नेचुरल स्किन को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंच पाए. बिना ये जाने कि आपकी स्किन पर किस प्रकार का प्रोडक्ट इस्तेमाल करना सुरक्षित हैं और आपकी स्किन किस प्रकार कि है, यदि आप कोई भी मनभावन प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं तो उससे भविष्य में आपकी स्किन पर स्किन एलर्जी, मुहांसे, चेहरे पर ज्यादा आयल आना, अधिक मात्रा में स्किन का सूखेपन से खिचाव व लाल पड़ जाना, इत्यादि तकलीफों से गुजरना पड़ सकता है.

इन सभी तरह कि परेशानियों से बचने के लिए तथा अपनी स्किन को नैचुरली स्वस्थ रखने के लिए आइये जानते हैं कि हम घर पर ही टेस्ट करने के बहुत आसान से टिप्स.

टेस्ट करने के आसान टिप्स-

1 )  एक रात पहले अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लें और उसके बाद किसी भी तरह के नाईट केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें न ही कोई और क्रीम या टोनर या कुछ भी लगाएं.

2 )  चेहरे को अच्छी तरह से धोने के बाद, अब आप जाके सो जाएं मगर बिना किसी आर्टिफीसियल एयर कंडीशनिंग के.

3 ) सुबह जब आप उठें तो सबसे पहले अपने चेहरे को एकदम बीचों बीच यानी कि ‘ टी ” जोन हिस्से को छू कर देखें. ये ‘ टी ‘ जोन वाला हिस्सा हमारे चेहरे का बीच वाला भाग होता है जिसमें माथा, नाक वे ठोड़ी आते हैं. और उसके बाद अपने चेहरे का ‘ सी ‘ जोन यानी कि बाहरी आउटलाइन वाला भाग छू कर देखें.

यदि आपका ‘ टी ‘ जोन चिपचिपा या ऑयली है तो समझें कि आपकी स्किन ऑयली स्किन है.  और यदि आपका ‘ टी ‘ जोन ऑयली है परन्तु ‘ सी ‘ जोन ड्राई है तो इसका मतलब ह कि आपकी स्किन नार्मल है.

इस टेस्ट के बाद यदि आपको अपनी स्किन में सूखापन महसूस हो रहा है या फिर खुजली या तनाव महसूस हो रहा है बोलने, हंसने पर, तो ये साबित होता है कि आपकी स्किन ड्राई है.

इस टेस्ट के आलावा एक और तरीका है जोकि इसी तरह बेहद आसान है. आप अपने चेहरे को शीशे में निहार कर भी समझ सकते हैं कि आपकी स्किन किस प्रकार कि है.

टेस्ट करने का दूसरा तरीका-

1 ) जैसे ही आप अपने चेहरे को शीशे में देखेंगे और आपको दिखता है कि ‘ टी ‘ जोन वाला भाग में रोम छिद्र चौड़े खुले हुए हैं तथा चेहरा दिखने में फ्रेश नहीं लग रहा है बल्कि काफी थका हुआ वो पहले से थोड़ा काला पड़ा हुआ है, तो आपकी स्किन ऑयली है जिसपे मुहांसे बड़ी ही आसानी से हो जाते हैं.

2 ) यदि आपको आपकी स्किन सही तरह से फैली हुई, फ्रेश, चिकनी व काफी सुकून भरा चेहरा लग रहा है तो यक़ीनन आपकी स्किन नार्मल है या साथ में बहुत हलकी सी ड्राई है.

3 ) ध्यान देने वाली बात अब है कि अगर आपकी स्किन को ज़रा सा भी चिड़चिड़ापन महसूस हो रहा हो या फिर चेहरे पे लालपन आ रहा हो किसी भी भाग में परतदार लग रही हो तो समझ जाएं कि आपकी स्किन ड्राई है और काफी नाजुक है.

यदि आप अपने चेहरे को अब पानी से अच्छे से धो लेते हैं और फिर भी आपको स्किन पर एक जलन सी महसूस होती हैं, उसके बाद अगर आप अपनी रोज़ाना लगाने वाली डे क्रीम लगाते हैं मगर फिर भी जलन होती है, तो निश्चित रूप से आपकी स्किन काफी ड्राई है, जिसकी रक्षा व सुरक्षा दोनों ही महत्वपुर्ण हैं.

देखिये इतना ही आसान है अपनी स्किन के प्रकार का पता लगाना वे उसके हिसाब से प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना. मगर साथ साथ ये समझना भी जरुरी है कि हमारी स्किन हमेशा ऐसी ही नहीं रहती, वह और भी कई तथ्यों पर निर्भर करती है, जैसे कि -:

– हमारा स्वास्थ्य

– हमारी उम्र

– मौसम

– तापमान ( अंदर, बहार, ऐसी कि कूलिंग, इत्यादि )

– प्रदूषण

– स्मोकिंग, इत्यादि.

स्किन में उम्र के साथ बदलाव-

उम्र के साथ हमारी स्किन में बदलाव आते रहते हैं इसीलिए ये जानना बहुत जरुरी है कि स्किन में बदलाव कब आ रहा है और किस वजह से आ रहा है, और आपको कैसे अपने स्किनकेयर कि रोजमर्या के दिनचर्या को बदलना है स्किन के अनुसार.

यदि आप अपनी स्किन को अच्छे से पहचान जायेंगे तो आपको ये भी बहुत अच्छे से ध्यान रहेगा कि उसका ख्याल कैसे रखना है.

ब्यूटीफुल और शाइनी नेचुरल स्किन के लिए हेल्थ से जुड़े 5 टिप्स

आजकल प्रदूषण का स्तर बहुत ही तेज़ी से दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है तथा आज की दुनिया में खुद को साबित करने की दौर में हम सभी इस कदर लगे हुए हैं की उस अवस्था का मेन्टल और फिजिकल प्रेशर हमारी स्किन की कई परेशानिओं को जन्म देता है.हमारे वातावरण में होने वाली हर एक गतिविधि स्किन को प्रभावित करती है.

रिया वशिष्ठ सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट

प्रोस्थेटिक एफएक्स और विशेष प्रभाव विशेषज्ञ (यूएसए प्रमाणित) का कहना है कि कुछ लोगों की चमकदार, खूबसूरत स्किन प्राकृतिक यानी नेचुरल होती है. जबकि जेनेटिक होर्मोनेस कभी-कभी एक अहम भूमिका निभा जाते हैं, इन फैक्ट्स के अलावा अक्सर दैनिक आदतें होती हैं जो आपकी स्किन के रंग-रूप को प्रभावित करती हैं. कई मामलों में, अद्भुत स्किन वाले लोग अपने ताजा, सुंदर रूप को बनाए रखने के लिए इन पांच प्रभावी आदतों का उपयोग करते हैं.

सुंदर और चमकदार प्राकृतिक स्किन पाना इतना कठिन नहीं है. बस कुछ छोटी आदतें और आप रॉक करने के लिए तैयार हैं. इसीलिए आगे, एक चमकदार स्किन के लिए कुछ स्वस्थ आदतें जानने के लिए पढ़ें.

हल्दी वाला गर्म पानी पिएं –

हम अक्सर ठंडे पानी का सेवन करना पसंद करते हैं, लेकिन यकीन मानिए ग्लोइंग स्किन पाने के लिए गर्म या गुनगुना पानी पीना सही विकल्प है. गुनगुने पानी का सेवन करना अपनी दिनचर्या की एक आदत बनालें, इस आदत से आपकी स्किन में एक नेचुरल ग्लो आएगा.

हल्दी का सेवन-

सबसे जरुरी आदत जो आपकी स्किन के साथ साथ अपनी पूरी बॉडी को प्रभावित करेगी वो है, रोज़ाना रात को सोने से पहले हल्दी के साथ गर्म पानी का सेवन करें. हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह इम्युनिटी बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत है. हल्दी शरीर में किसी भी प्रकार के दर्द को ठीक करने में फलदायक होती है और आपकी स्किन के स्वास्थ्य को बढ़ाती है. यह एक देसी डिटॉक्स पानी है जो आपकी स्किन पर जादुई प्रभाव छोड़ेगा.

घर पर हल्दी का पानी कैसे बनाएं:

  1. एक पैन में एक कप पानी डालकर उबाल लें. अगर आप कच्ची हल्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे उबालते समय डालें.
  2. अब एक और कप लें और उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर (उबलते समय कच्ची हल्दी का इस्तेमाल किया हो तो हल्दी पाउडर न डालें) और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएं.
  3. ऊपर से गर्म पानी डालें.
  4. अंत में, आप चाहें तो इसे थोड़ा मीठा करने के लिए कुछ बुँदे शहद की मिला सकते हैं. इसे अच्छी तरह मिलाएं और गुनगुना सेवन करें.

इस डिटॉक्स हल्दी पानी को नियमित रूप से पिएं और अपने स्वास्थ्य और स्किन में धीरे-धीरे सुधार देखें.

सोने से पहले मेकअप हटाना है जरूरी, क्यों ?  –

मेकअप सिर्फ आपकी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए होता है, लेकिन इसके साथ साथ आपको प्राकृतिक रूप से भी खूबसूरत होने की जरूरत है. अगर आप अपनी स्किन पर मेकअप लगा रही हैं, तो सोने से पहले इसे हटाना कभी न भूलें. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने थके हुए हैं, इस आदत का पालन करने के लिए आपका सख्त नियम होना चाहिए. मेकअप रिमूवर से हमेशा मेकअप हटाएं, वर्तमान में कई मेकअप रिमूवर फेस वाश हैं जो विशेष रूप से मेकअप रिमूवर आवश्यक और मॉइस्चराइज़र के साथ बनाये गए हैं. मेकअप हटाने के बाद अपनी स्किन को मॉइस्चराइजर या सीरम से हाइड्रेट करना बहुत जरूरी है. कम से कम 5 मिनट के लिए चेहरे की मालिश करें और फिर स्लीपिंग मास्क लगाएं, और इस तरह आप एक स्वस्थ एवं सुंदर स्किन के साथ तैयार हैं.

विटामिन सी – विटामिन सी का सेवन और उपयोग दोनों ही हमारी कोमल और नाजुक स्किन के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. विटामिन सी का उपयोग और सेवन स्किन को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है जिसके कारण स्किन में कई नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं. आप शायद सोच रहे होंगे कि फ्री रेडिकल्स का मतलब क्या होता है, तो इसके कुछ उदाहरण हैं यूवी किरणें, धूम्रपान और प्रदूषण. विटामिन सी स्किन को उज्ज्वल करता है, काले धब्बों को हल्का करता है, झुर्रियों को वक़्त से पहले आने से रोकता है, और इसके कई और सकारात्मक लाभ हैं.

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं –

हमारे शरीर में 70% पानी होने के कारण, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपकी स्किन को स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखने का सबसे आसान तरीका है. पर्याप्त पानी पीने से हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है, पिंपल्स और मुंहासों को रोका जा सकता है और स्किन की इलास्टिसिटी को बढ़ाया जा सकता है. कोई आश्चर्य नहीं, जल को जीवन का अमृत कहा जाता है.

जरुरी है अपनी स्किन को बार बार छुने की आदत को सुधारना –

यदि आप उन लोगों में से हैं जो 5 मिनट में 3 से 4 बार अपने चेहरे को छूते हैं, तो आपको वास्तव में यह समझने की जरूरत है कि चेहरा छूना नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन का एक रूप है, और यह आपकी स्किन में कीटाणुओं और संक्रमणों को संचारित करने का आसान तरीका. दिन भर में, हम सैकड़ों वस्तुओं को छूते हैं: दरवाज़े की कुंडी, कार की चाबियां, आस पास की और नजाने कितनी चीज़ें. इन वस्तुओं में लाखों रोगाणु और संभावित एलर्जेंस होते हैं. ये सूक्ष्म जीवाणु आपके शरीर में आँख वे चेहरे को बार बार छुने के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं जो तब होता हैं जब आप अपनी आँखें रगड़ते हैं या अपने गालों को खरोंचते हैं. संभावित रूप से बीमार होने के अलावा, ये कीटाणु और एलर्जी संभावित रूप से फफोले, सिस्ट, मुंहासे या अन्य अवांछनीय स्किन समस्याओं का कारण बन सकते हैं. अपने चेहरे को दूषित होने से बचाने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ बार बार धोएं. इस आदत को तोड़ने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने चेहरे को जितना हो सके साफ रखें और उसे ड्राई न होने दें.

“सुबह और रात एक सौम्य क्लीन्ज़र का उपयोग करें. मुँहासे को नियंत्रित करने के लिए, दिन में एक बार पैड का उपयोग करें जिसमें ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड होता है, जो स्किन को साफ़ एवं शुद्ध रखने में मदद करता है. “और अपना मेकअप लगाने से पहले, हाइलूरोनिक एसिड के साथ बना हुआ मॉइस्चराइज़र या किसी नेचुरल एस्सेटीएल आयल का उपयोग करें. ”

खुद के लिए समय निकाले-

यह एक  तथ्य है कि तनाव में रहने से मुंहासों का होना संभव है. तनाव के कारण मस्तिष्क अधिक हार्मोन जारी करता है, जिससे मुंहासे होते हैं. इसलिए, भले ही आप काम के बोझ और तनाव से भरे हों, फिर भी कम से कम 5 मिनट आराम करने और खुद को तरोताजा करने के लिए कुछ समय निकालने का प्रयास जरूरी करें.  उस समय अपनी पसंदीदा और संभावित गतिविधियाँ करें, अपने आप को संगीत, नृत्य, ड्राइंग, लेखन या अपनी पसंद के किसी व्यक्ति के साथ बातचीत में शामिल करें, कम से कम कुछ ऐसा जो आपको मानसिक खुशी दे. क्योंकि स्वस्थ चमकती स्किन के लिए खुश रहना सबसे जरूरी है.

इन 7 टिप्स से झटपट साफ हो जायेंगे बर्तन

बर्तन धोना एक बहुत बड़ा काम है लेकिन अगर आप थोड़ी सी समझदारी दिखाएं और इन ट्रिक्स को आजमाएं तो निश्चित तौर पर बर्तन धोना आपको इतना बुरा नहीं लगेगा जितना की अभी.

यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए जा रहे हैं जो बर्तन धोने के दौरान आजमाकर आप अपना बोझ कुछ कम कर सकती हैं:

1. फटाफट से बर्तन साफ करने का ये पहला नुस्खा है कि आप बर्तनों को एकसाथ धोने का ख्याल छोड़ दें और कोशिश करें कि साथ के साथ बर्तनों को साफ करते जाएं.

2. अपने लिए एक समय सीमा तय करें कि कुछ भी हो जाए आपको इतने समय इतने वक्त में बर्तन साफ कर ही लेने हैं.

3. दूध, चाय या किसी दूसरी चीज को तेज आंच पर न पकाएं. ऐसा करने से बर्तन जल जाता है और बाद में इन्हें धोने में बहुत अधिक वक्त लगता है.

4. बर्तनों को बिखेरकर मत रखें. सारे गंदे बर्तनों को एकसाथ सलीके से रखें ताकि धोते वक्त आपको जगह-जगह से उन्हें उठाकर लाने में वक्त बर्बाद न करना पड़े.

5. आप चाहें तो बर्तनों को री-यूज भी कर सकती हैं. मसलन दूध के बर्तन में अगर थोड़ा सा दूध बचा है तो उसी में चाय बना सकती हैं. या फिर जिस बर्तन में आपने पानी गर्म किया है उसी में दूध भी गर्म कर सकती हैं.

6. बर्तन धोने के दौरान संगीत सुनना काफी अच्छा है. इससे मन झल्लाता नहीं है और काम का पता भी नहीं चलता है.

7. अगर आपका पार्टनर अंडरस्टैंडिंग है तो आप दोनों आपस में काम बांटकर काम को आसान कर सकते हैं. मसलन आप डिश बार से रगड़ सकती हैं और वो धोने या फिर बर्तन सजाने का काम कर सकता है.

इन टिप्स को अपनाकर आप फैस्टिव सीजन में आराम से बर्तन को साफ कर सकती हैं और अपनी फैमिली के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता सकती हैं.

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