रील्स बनाने की सनक लोगों के सिर परवान चढ़ने लगी है ऐसे लोग ना जगह देखते हैं ना इन्हें मौत का भय सताता है. इन्हें सिर्फ मतलब है तो सोशल मीडिया पर फेमस होने से. हाल ही में हुआ एक ऐसा ही हादसा बताता है कि लोग रील्स की सनक में कैसे अपनी और अपनों की जीवन लीला समाप्त करने पर तुले हुए हैं.
यह हादसा है लखीमपुर खीरी का, जहां रील बनाने के चक्कर में ट्रेन की चपेट में आने से दंपती और उनके इकलौते बेटे की मौत हो गई. ये तीनों रेलवे ट्रैक पर रील बना रहे थे इसी समय लखनऊ-पीलीभीत पैसेंजर ट्रेन आ गई.

यह देख दंपती भागे. हड़बड़ी में ढाई साल का मासूम बेटा गोद से छिटककर पटरी पर गिर गया. उसे उठाने में तीनों ट्रैन की चपेट में आ गए और तीनों इंजन के अगले हिस्से में फंसने के बाद दो सौ मीटर तक घिसटते चले गए. ऐसा ही एक मामला नरकटियागंज के बसंतपुर गांव से आया जहां करताहा नदी में छलांग लगाकर रील्स बनाने गए चार छात्रों में तीन नदी में डूब गए, जिसमें दो किशोरों की मौत हो गई है. ग्रामीण गोताखोरों के करीब 4:30 घंटे के प्रयास के बाद डूबे दोनों किशोरों का शव नदी से निकाला गया.
यह मामला पहला नहीं है ऐसे ना जाने हर साल कितने लोग मौत के शिकार महज सोशल मीडिया पर फेमस होने के चक्कर में मौत को गले लगा लेते हैं.

कोई उल्टा लटक कर वीडियो बनाने की सनक में जान गवा रहा है तो कोई खतरनाक खाई, झरनों के पास शूट करने के चक्कर में जान से हाथ धो बैठते है. आए दिन हो रही ऐसी वारदात बेहद चिंताजनक है जहां एक तरफ सोशल मीडिया से हम दूर दराज बैठे लोगों के बारे में जान पाते हैं आज उसी प्लेटफौर्म पर नाम व पैसा कमाने के चक्कर में खतरे को बिना भापे जान गवाना भी आम हो गया है जरूरी है कि हमें समझदारी के साथ चीजों का सदुपयोग करने का ज्ञान हो.

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