Jaya Vaidhyanathan : जया वैद्यनाथन बीसीटी डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ हैं जो एक अग्रणी फिनटेक, रेगटेक और सस्टेनेटेक कंपनी है. वह PwC ग्लोबल और PwC इंडिया के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा वह यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी, इंडीग्रिड और गोदरेज प्रॉपर्टीज में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में काम करती हैं.
इंजीनियर से मैनेजमेंट प्रोफेशनल बनीं जया ने मद्रास विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की है और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से फाइनेंस और स्ट्रैटेजी में एमबीए किया है. वह सीएफए चार्टर होल्डर भी है. दो दशकों से अधिक के अनुभव के साथ जया वैद्यनाथन ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सेंचर और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
उन का मानना है कि टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करके बिजनेस पर स्थायी प्रभाव डाला जा सकता है. उन के अनुसार भविष्य के लिए तैयार ऐसे वित्तीय इकोसिस्टम बनाए जाएं जो इनोवेशन, स्ट्रेंथ और एथिकल गवर्नेंस का सही तालमेल हो.
पेश है उन से की गई बातचीत के मुख्य अंश;
आपने इस क्षेत्र में आने का निर्णय कब और कैसे लिया?
शुरू से ही मुझे बड़ी समस्याओं को हल करने में रुचि थी और फाइनेंस में कुछ सबसे जटिल चुनौतियां होती हैं जैसे रिस्क मैनेजमेंट और रेगुलेटरी कंप्लायंस. उस में मैंने अपने आपको निखारा. जब मैं लीडर के रोल में आई तो मैंने देखा कि कैसे पारंपरिक सिस्टम बदलते वित्तीय माहौल के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहे थे. टेक्नोलॉजी केवल एक सहायक माध्यम नहीं थी बल्कि यह पूरे फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स को बदलने की एक महत्वपूर्ण कड़ी थी.
यह एहसास मुझे ऐसे सॉल्यूशंस बनाने की दिशा में ले गया जो जोखिमों को रोकने और उसका पूर्वानुमान करने में मदद कर सकें बजाय इसके कि नुकसान होने के बाद सॉल्यूशन खोजे जाएं. यही सोच एआई-आधारित रियल-टाइम रिस्क इंटेलिजेंस पर ध्यान केंद्रित करने का कारण बनी जिससे आरटी 360 बना जो
वित्तीय संस्थानों को जोखिम और फ्रॉड से बचाने में मदद करता है. मेरा लक्ष्य हमेशा स्पष्ट रहा है कि टेक्नोलॉजी का उपयोग करके वास्तविक वित्तीय समस्याओं को हल करना और मजबूत, भविष्य-के-लिए-तैयार सिस्टम बनाया जाए.
आपका सबसे बड़ा सपोर्ट कौन रहा है?
सफलता कभी भी एक व्यक्ति की नहीं होती है. यह मेंटर, सहकर्मियों और परिवार के समर्थन पर आधारित होती है. मुझे प्रेरित करने वाले मेंटर मिले जिन्होंने मुझे रूढ़ियों को चुनौती देने के लिए प्रोत्साहित किया. एक समर्पित टीम जो मेरे विजन को अपनाती है और एक परिवार जिसने हमेशा मेरी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन किया है. मुझ पर उनका विश्वास प्रोफेशनल और व्यक्तिगत दोनों तरह से मेरे विकास का आधार रहा है.
आपके जीवन में घटी कोई घटना जिसने आपका नजरिया बदल दिया हो या आपके जीवन
को नया स्वरूप दिया हो?
मेरे करियर के सबसे निर्णायक क्षणों में से एक, कॉरपोरेट लीडरशिप से टेक ड्रिवेन रिस्क सॉल्यूशन कंपनी बनाने का फैसला था. चैलेंजेज को मैनेज करने से लेकर उन्हें बड़े पैमाने पर हल करने तक जाने से मेरा दृष्टिकोण बदल गया. सच्चा प्रभाव समस्याओं पर प्रतिक्रिया करने के बारे में नहीं है बल्कि यह उन सॉल्यूशन को बनाने के बारे में है जो उन्हें पहले स्थान पर होने से रोकते हैं. इस विश्वास ने लीडरशिप, इनोवेशन और रिस्क मैनेजमेंट के प्रति मेरे एप्रोच को आकार दिया है.
आपकी राय में महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत क्या है?
महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत उन की फ्लेक्सिबिलिटी और एम्पैथी है. आज की तेजी से विकसित होती दुनिया में ये दो गुण आवश्यक हैं. महिलाएं सिर्फ चुनौतियों का सामना नहीं करतीं वे उसे अपनाती भी हैं. इनोवेट करती हैं और बाधाओं को अवसरों में बदल देती हैं.
लीडरशिप पॉइंट ऑफ़ व्यू से मुझे हर दिन इसका नजारा देखने को मिलता है जहां महिलाएं प्रॉब्लम सॉल्विंग, सहयोग और परिवर्तन लाने में आगे हैं. वे लॉजिक और इंट्यूशन को संतुलित करती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि निर्णय स्ट्रैटेजिक और पीपुल सेंटर्ड हों. यह टेक्नोलॉजी से लेकर फाइनेंस तक
किसी भी क्षेत्र में एक जरूरी एसेट है.
महिलाओं को जो बात अलग बनाती है वह है उनकी स्ट्रेंथ और कम्पैशन के साथ लीडरशिप की क्षमता. वे बड़ी बात को ध्यान में रखते हुए कठिन निर्णय लेती हैं जिससे टीमों, व्यवसायों और समाज के लिए दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित होती है. खुद आगे बढ़ते हुए दूसरों को आगे बढ़ाने की उनकी क्षमता उन्हें
प्रगति और इनोवेशन के लिए अमूल्य बनाती है.
एक महिला के सफल बिजनेसवुमेन बनने के लिए क्या जरूरी है?
किसी भी व्यवसाय का लक्ष्य किसी समस्या का स़ॉल्यूशन करना होता है और साथ ही हितधारकों के लिए वैल्यू क्रिएशन के इरादे से रेवेन्यू और प्राफिट अर्जित करना होता है. जो भी महिला व्यवसाय की दुनिया में प्रवेश करना चाहती हैं उन्हें पहला कदम उठाने और आगे आने की जरूरत है. पहला कदम समस्या की पहचान करना, रूढ़िवादिता को तोड़ना और यथास्थिति को चुनौती देना है.
आप दूसरों से अलग कैसे सोचती हैं?
मैं कम इस्तेमाल होने वाला रास्ता चुनती हूं. मैं चुनौतियों का सामना साल्यूशन-फर्स्ट माइंडसेट के साथ करती हूं. इस बात पर ध्यान केंद्रित करती हूं कि कैसे टेक्नोलॉजी जोखिमों पर प्रतिक्रिया करने के बजाय उन्हें पहले से ही रोक सकती है. सीमाओं को स्वीकार करने के बजाय मैं बाधाओं को तोड़ने का तरीका देखती हूं चाहे वह फाइनेंस, टेक्नोलॉजी या लीडरशिप में हो.
मैं इनोवेशन और प्रैक्टिकैलिटी के बीच बैलेंस बनाने में विश्वास करती हूं. मुश्किलें तभी मूल्यवान होती हैं जब वे रियल, मापने योग्य प्रभाव पैदा करती हैं. मेरा फोकस विजन और एग्जीक्यूशन के बीच की खाई को पाटने पर है. यह सुनिश्चित करना कि विचार व्यावसायिक परिणामों में तब्दील हों.
मेरे लिए अलग ढंग से सोचने का मतलब सिर्फ नए विचार रखना नहीं है. इसका मतलब है उन्हें प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का दृढ़ विश्वास रखना.
आपके जीवन का कोई ऐसा पल जब आप बहुत भावुक हो गईं हों?
मेरे लिए कई भावुक करने वाले पल हैं जैसे मेरे बेटे का जन्म. पहली बार जब उस ने चलना शुरू किया और मुझे ‘अम्मा’ कहकर पुकारा तो मैं बहुत भावुक हो उठी थी इसके अलावा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिलना मेरे लिए ‘सपनों को पंख लगने’ जैसा था.
हमें अपने बिजनेस के बारे में बताएं
बीसीटी डिजिटल एक रिस्क और कंप्लायंस प्रोडक्ट कंपनी है. हम वित्तीय संस्थानों को धोखाधड़ी से निपटने, कंप्लायंस का प्रबंधन करने और रिस्क को सक्रिय रूप से कम करने के लिए रियल टाइम साल्यूशंस से लैस करके रिस्क मैनेजमेंट को फिर से परिभाषित करते हैं. हमारा rt360 सुइट मार्केट में सबसे आगे है. भारत के सरकारी बैंकों में 80% हिस्सा हासिल करता है और सालाना 21 लाख करोड़ रुपये ($250 अरब) से अधिक की संपत्ति पर की निगरानी करता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने संभावित NPA में 2,100 करोड़ रुपये ($2.5 अरब) की रिकवरी करने में मदद की है जिससे वित्तीय
स्थिरता मजबूत हुई है.
हमारे इनोवेशंस को रेगुलेटर्स ने भी मान्यता दी है. भारतीय रिजर्व बैंक के रेगुलेटरी सैंडबॉक्स के हिस्से के रूप में, हमारे आरटी360 रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम (आरटीएमएस) का एक अग्रणी बैंक के साथ सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया जिससे मिलीसेकंड में धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाने
की इसकी क्षमता साबित हुई.
आपकी सफलता का क्या राज है?
किसी भी बिजनेस की सफलता के केंद्र में टीम होती है. ऐसे लोगों को काम पर रखें जिन पर आप भरोसा करते हैं और जो आप पर भरोसा करते हैं और उन्हें सशक्त बनाएं. इस के परिणाम स्वरुप ऐसे लोग मिलते हैं जो रूढ़ियों को चुनौती देते हैं, स्वतंत्र रूप से सोचते हैं और विविध दृष्टिकोण रखते हैं.
सफलता की कुंजी लचीलापन, दूरदर्शिता और एग्जीक्यूशन में निहित है. चुनौतियों का पहले से अनुमान लगाना और सार्थक परिवर्तन लाने के लिए टेक्नोलौजी का लाभ उठाना ही सफलता के प्रति मेरा विजन रहा है.
साल्यूशन-फर्स्ट माइंडसेट ने मुझे बैंकिंग जोखिमों, एआई-संचालित वित्तीय स्थिरता और उद्योग व्यवधानों से निपटने में मदद की है. सफलता सिर्फ इनोवेशन के बारे में नहीं है. यह स्केलेबिलिटी और इम्पैक्ट के बारे में है.
आज के समय में महिलाओं को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
प्रोग्रेस के बावजूद महिलाओं को अभी भी ऐसी सिस्टेमिक चैलेंजेज का सामना करना पड़ रहा है जो उनके प्रोफेशनल ग्रोथ और आर्थिक भागीदारी में बाधा डालती हैं. कार्यस्थल पर पक्षपात, नेतृत्व में कम प्रतिनिधित्व और जेंडर पे गैप महिलाओं को खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर करता है, जिससे निर्णय लेने वाली भूमिकाओं तक उनकी पहुंच सीमित हो जाती है. इसके अलावा अनपैड लेबर , केयरगिविंग और घरेलू जिम्मेदारियों का बोझ कैरियर की उन्नति को प्रभावित करती हैं. व्यवसायों में शिक्षा और कौशल विकास में लिंग-आधारित बाधाएं अवसरों को सीमित करती हैं.
इन बाधाओं को तोड़ने के लिए इनक्लूजिव लीडरशिप, समान वेतन, फंडिंग तक पहुंच और मेंटरशिप कार्यक्रमों की आवश्यकता होती है. विविधता को अपनाने वाली कंपनियां न सिर्फ महिलाओं को सशक्त बनाती हैं वे मजबूत फाइनेंशियल परफॉरमेंस और इनोवेशन को बढ़ावा देती हैं. बिजनेस का भविष्य एक ऐसा माहौल बनाने पर निर्भर करता है जहां महिलाएं आत्मविश्वास से नेतृत्व कर सकें और बिना किसी सीमा के उद्योगों को आकार दे सकें.
आपकी उपलब्धियां क्या हैं? क्या आपको कोई पुरस्कार मिला है?
मेरी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने में हमारी आरटी360 रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रणाली (आरटीएमएस) को इसकी प्रभावशीलता के लिए रिकग्नाइज किया जिसके परिणामस्वरूप रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा इसे अपनाया गया. आज हमारे सॉल्यूशन 21 लाख करोड़ रुपये ($250 बिलियन) से अधिक की एसेट्स को ट्रैक करते हैं और 2,100 करोड़ रुपये ($2.5 बिलियन) के संभावित एनपीए को रोकने में मदद कर चुके हैं.
इंडस्ट्री रिकग्निशन:
चार्टिस ने रिस्कटेक 100 रिपोर्ट में बीसीटी डिजिटल को 68वां स्थान दिया भारतीय रिजर्व बैंक ने रेगुलेटरी सैंडबॉक्स के चौथे कॉहोर्ट के दौरान बीसीटी डिजिटल के आरटी360 रियल टाइम मॉनिटरिंग सॉल्यूशन का सफलतापूर्वक परीक्षण और मूल्यांकन किया.
फिनटेक लीडर ऑफ द ईयर 2025 (भारत फिनटेक समिट, द डिजिटल फिफ्थ)
द फिनटेक मेवरिक – मोस्ट डेयरिंग सीईओ 2024 (एंटरप्रेन्योर इंडिया)
फिनटेक लीडर ऑफ द ईयर 2023 (बिजनेसवर्ल्ड फेस्टिवल ऑफ फिनटेक)
भारत का सबसे भरोसेमंद सीईओ अवार्ड 2022 (WCRC)
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 (वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस और तमिलनाडु
बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर)
उन्हें फिनटेक लीडर पुरस्कार सहित विभिन्न वैश्विक पुरस्कार मिले हैं.