पूर्वोत्तर भारत की नायाब सुंदरता में 'तेज' भरता है असम स्थित तेजपुर. कभी 'मोहब्बत का शहर' तो अक्सर देश के 'सबसे उपयुक्त रहने लायक' शहरों में इसका नाम लिया जाता है. क्या है खास इस शहर में आज हम आपको बताएंगे.

गुवाहाटी से तकरीबन 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तेजपुर. कल-कल बहती और अपनी मौज में लहराती विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर बसे इस शहर को असम की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है. मंदिरों, घाटों और हजारों साल पुरानी स्थापत्य कला के अवशेषों के लिए मशहूर यह शहर असम का पांचवां सबसे बड़ा शहर है. तेजपुर असम का वह छोर है, जिसके आगे से अरुणाचल प्रदेश आरंभ हो जाता है. अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ों की तलहटी पर बसा यह शहर अपनी भौगोलिक बसावट के कारण सामरिक दृष्टि से भी खासी अहमियत रखता है. इतना ही नहीं, यह शहर 'सिटी औफ रोमांस' के नाम से भी मशहूर है यानी यह है मोहब्बत का शहर भी. इतने विशेषणों से सजा उत्तर-पूर्व का यह शहर बहुआयामी है. यहां आकर आप खुद पाएंगे कि यह देश अनोखा है और इसका हर शहर अनूठेपन से भरा हुआ.

जब खाली करना पड़ा पूरा शहर

वह 1962 के भारत-चीन युद्ध का दौर था और नवंबर का महीना था, जब भारत की सेना को कामेंग सेक्टर से पीछे हटना पड़ा था. कामेंग सेक्टर अब अरुणाचल प्रदेश में है पर तब इसे नौर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (नेफा) के नाम से जाना जाता था. भारत के पीछे हटने की खबर से नजदीकी शहर तेजपुर में यह बात फैल गयी कि चीन की सेना कभी भी यहां तक पहुंच सकती है. इस खबर से पूरा शहर दहशत में आ गया. जान-माल के नुकसान से बचने के लिए एहतियातन पूरे शहर को खाली करवा दिया गया. हजारों लोग बैलगाडि़यों में सामान लादकर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे जमा होने लगे, ताकि स्टीमर की मदद से नदी पार करके सुरक्षित ठिकानों तक पहुंच सकें

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