Road Accident: बीते महीने रोहित अपनी कार से शिमला जा रहा था. अचानक सामने से आती तेज स्पीड कार के साथ उस की कार की टक्कर हो गई. पहले तो रोहित घबरा गया लेकिन अपनी सूझबूझ से न सिर्फ उस ने अपनी बल्कि तेज स्पीड में आती कार सवार लोगों की भी जान बचा ली. उस ने बहसबाजी में न फंस कर पहले तो कार में रखे फर्स्ट ऐड बौक्स को निकला और खुद की चोट पर डिटौल लगाने लगा व 108 पर कौल कर दुर्घटनाग्रस्त जगह पर ऐंबुलेंस को बुला लिया. इस से अपने साथसाथ दूसरी कार में सवार लोगों की जान भी बचा ली.

आजकल सड़क पर बढ़ता ट्रैफिक लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. आएदिन सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं सामने आती रहती हैं. लेकिन ऐसी परिस्थिति में घबराने के बजाय हमें सूझबूझ और संयम से काम लेना चाहिए. यदि आप कम चोटिल हुए हैं तो सही कदम तुरंत उठा कर न केवल अपनी, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकते हैं.

साथ ही कुछ ऐसी महत्त्वपूर्ण चीजें हैं, जो आप को हमेशा अपने वाहन में रखनी चाहिए क्योंकि पहले खुद को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है तभी हम किसी की मदद कर सकेंगे.

क्या करें

-अपने वाहन में फर्स्ट ऐड बौक्स जरूर रखें जिस में प्राथमिक उपचार में काम आने वाली चीजें रखना न भूलें, जैसे स्टरलाइज्ड गौजपैड और रोल, ऐंटीसैप्टिक सोल्यूशन (जैसे डेटौल, सेवलौन), बैंडऐड और मैडिकल टेप, दर्द कम करने की दवा (पैरासिटामोल), बर्न ओइटमैंट (बरनोल), रुई, साफ दस्ताने वगैरह.

-एक इमरजैंसी नंबर जरूर रखें ताकि यदि कोई घटना घट जाए तो घर वालों को सूचित किया जा सके.

-अपने वाहन की समयसमय पर सर्विस अवश्य कराएं ताकि ब्रेक, लाइट आदि सही स्थिति में रहें.

दोपहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें और चारपहिया वाहन में सीटबेल्ट लगाएं.

-यदि किसी कारणवश आप के द्वारा ऐक्सिडेंट हो जाता है या आप शिकार बन जाते हैं तो घबराएं नहीं, तुरंत गाड़ी रोकें और इंजन बंद करें.

-यदि आप गंभीर रूप से चोटिल नहीं हैं तो खुद को और दूसरे यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं और सामने वाले की भी मदद करें.

-घायलों को प्राथमिक उपचार दें और तुरंत एंबुलेंस (108/102) बुलाएं. साथ ही पास के थाने या 112 नंबर पर सूचना दें.

-अपने वाहन की इमरजैंसी लाइट/हैजर्ड लाइट जलाएं ताकि पीछे से आने वाले वाहन चालक सतर्क हो सकें.

-दुर्घटनास्थल की फोटो/वीडियो लें ताकि घटना का रिकौर्ड सुरक्षित रहे.

-इंश्योरैंस कंपनी को सूचित करें क्योंकि दावा (क्लेम) करने के लिए यह आवश्यक है.

-हमेशा अपने पास आवश्यक दस्तावेज रखें– ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, इंश्योरैंस और पौल्यूशन सर्टिफिकेट. साथ ही इन की फोटोकापी घर पर भी सुरक्षित रखें.

क्या न करें

-शांत रह कर स्थिति को संभालें. झगड़े या बहस से बचें.

-उपचार पर ध्यान दें. आसपास के लोगों की मदद लें.

-घायल को गलत तरीके से न उठाएं, विशेषकर रीढ़ की हड्डी की चोट के मामले में. पेशेवर मदद का इंतजार करें.

-यदि आप ने शराब या नशे में गाड़ी चलाई है तो इसे छिपाए नहीं. यह गंभीर अपराध है और पुलिस जांच में साबित हो सकता है.

-दुर्घटना की जानकारी तुरंत सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बजाय कानूनी और मैडिकल मदद को प्राथमिकता दें.

-यदि गलती आप की नहीं है तो डर में अपनी गलती न मान लें. कानून निर्दोष को सजा नहीं देता.

-पुलिस और इंश्योरैंस कंपनी को हमेशा सही और पूरी जानकारी दें.

संबंधित मुख्य अधिनियम और धाराएं

-भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)

धारा 279 : लापरवाही से वाहन चलाना.

-धारा 304ए : लापरवाही से वाहन चलाने से मृत्यु होना.

-धारा 337/338 : लापरवाही से चोट पहुंचाना (साधारण या गंभीर

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 धारा 134 : चालक का कर्तव्य (घायल को अस्पताल पहुंचाना व पुलिस को सूचना देना)

-धारा 187 : दुर्घटना के बाद मदद न करना या भाग जाना अपराध.

-धारा 146 : थर्ड पार्टी इंश्योरैंस का होना अनिवार्य होता है.

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