Anupama की स्क्रिप्ट पढ़कर हैरान थे आशीष मल्होत्रा, औनस्कीन मां ने दी तोषू को सलाह

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) में इन दिनों तोषू के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण शाह परिवार की नींद उड़ गई है. वहीं अनुपमा पर तोषू का गुस्सा बढ़ गया है. हालांकि तोषू के इस नेगेटिव रोल के लिए एक्टर आशीष मेहरोत्रा (Aashish Mehrotra) को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. वहीं इस लेटेस्ट ट्रैक को निभाना अनुपमा एक्टर के लिए आसान नहीं था. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

लेटेस्ट ट्रैक देखकर रो पडे थे एक्टर

सीरियल अनुपमा में तोषू का किरदार निभाने वाले एक्टर आशीष मेहरोत्रा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि सीरियल ‘अनुपमा’ के सेट पर पहले दिन जब उन्हें स्क्रिप्ट मिली थी तो वह हैरान रह गए थे और रोने लगे थे. हालांकि उनकी औनस्क्रीन मां यानी एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने एक्टर की काफी मदद की थी. एक्टर ने कहा कि  जब मुझे अपने ट्रैक के बारे में पता चला तो मैं हैरान रह गया. मेरे मन में बहुत सारे सवाल थे. क्योंकि ये ट्रैक बहुत मुश्किल था. ऐसे में मेकर्स और पूरी टीम ने मेरी बहुत मदद की थी.

नेगेटिव रोल को लेकर एक्टर ने कही ये बात

 

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तोषू यानी एक्टर आशीष मेहरोत्रा ने रोल को लेकर कहा, ‘मुझे डर था कि पता नहीं मैं तोषू बनकर कैसे ये सीन परफॉर्म करूंगा. मेरे लिए ये बड़ा रिस्क था क्योंकि इस सीन के जरिए हमने ऐसा मुद्दा उठाया है, जिसके बारे में लोग बात करने से बचते हुए नजर आते हैं. इसके कारण मेरी हालत खराब थी. मुझे नहीं पता था कि मैं किंजल से कैसे बात करूंगा. मेकर्स के अचानक से मेरे पॉजीटिव रोल को निगेटिव होने और स्क्रिप्ट देखकर मैं रोने लग गया था. हालांकि मैंने रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) से इस बारे में बात कि और उन्होंने मुझे अपना बेस्ट देने की सलाह दी और मैने अच्छे से परफौर्म किया, जिसके बाद सभी को मेरी एक्टिंग पसंद आ रही है.

बता दें, सीरियल अनुपमा में जल्द ही किंजल औऱ तोषू के बीच दूरियां दिखेंगी. वहीं तोषू की गर्लफ्रेंड संजना की भी सीरियल में एंट्री होगी. हालांकि सीरियल के अपकमिंग ट्रैक को लेकर फैंस काफी एक्साइटेड दिख रहे हैं.

नर्सिंग और पैरामेडिकल ट्रेनिंग के लिए “मिशन निरामया”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के सम्बंध में विविध दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ हैं. कोरोना काल में हम सभी ने इनके व्यापक महत्व को देखा-समझा है. इस क्षेत्र में बेहतर कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं. भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है. ऐसे में इस महत्वपूर्ण कार्य को अभियान के रूप में लेते हुए “मिशन निरामयाः’ के शुभारंभ किया गया है.

नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों को मान्यता दिए जाने से पहले निर्धारित मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें. मान्यता तभी दी जाए, जब शिक्षक पर्याप्त हों, संस्थान में मानक के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर हो. अधोमानक संस्थानों को कतई मान्यता न दी जाए. प्रदेश के सभी नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों में सेवारत शिक्षकों का आधार सत्यापन करते हुए इनका विवरण पोर्टल भी उपलब्ध कराया जाए.

संस्थानों में दाखिला परीक्षा की शुचिता पर विशेष ध्यान दें. ऐसी व्यवस्था हो कि परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक दूसरे संस्थान से हों. परीक्षाओं की सीसीटीवी से निगरानी भी की जानी चाहिए. इस दिशा में बेहतर कार्ययोजना के साथ काम किया जाए.

प्रदेश के कई संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं. इनमें निजी क्षेत्र के संस्थान भी शामिल हैं. इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को अन्य संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिए. इसके लिए मेंटॉर-मेंटी मॉडल को अपनाया जाना चाहिए.

बेहतर प्रशिक्षण के साथ-साथ हमें बेहतर सेवायोजन के लिए भी सुनियोजित प्रयास करना होगा. इसके लिए निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से संवाद कर नीति तय की जाए. नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत आवश्यक है.

नर्सिंग और पैरामेडिकल सेक्टर में कॅरियर की बेहतर संभावनाओं के बारे में अधिकाधिक युवाओं को जागरूक किया जाने की जरूरत है. इसके लिए माध्यमिक विद्यालयों का सहयोग लिया जाना बेहतर होगा. चिकित्सा शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग इस संबंध में परस्पर समन्वय के साथ कार्य करें.

मालिनी के भड़काने पर चीनी के दिल में बढ़ी नफरत, Imlie 2 प्रोमो वायरल

सीरियल ‘इमली’ (Imlie Latest Episode) का जल्द ही दूसरा अध्याय शुरु होने वाला है, जिसके चलते सीरियल में किरदारों के साथ-साथ कहानी में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है. Imlie 2 की कहानी का शो के मेकर्स ने प्रोमो रिलीज कर दिया है, जिसमें मालिनी और इमली की बेटी दिखाई दे रही हैं. वहीं इस प्रोमो में सीरियल की अपकमिंग कहानी क्या होगी ये भी बता दिया है. आइए आपको दिखाते हैं प्रोमो…

चीनी के दिल में भरेगी नफरत

 

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इमली-आर्यन की मौते के बाद सीरियल में जनरेशन गैप देखने को मिलने वाला है. वहीं दर्शकों के लिए मेकर्स ने नया धमाकेदार प्रोमो रिलीज कर दिया है, जिसके चलते सीरियल की कहानी में इमली और मालिनी की बेटियां लीड रोल में दिखेंगी. दरअसल, प्रोमो में इमली अपनी बेटियों के लिए आखिरी मैसेज रिकॉर्ड करती नजर आ रही है, जिसमें वह वह अपनी दोनों बेटियों के लिए प्यार जाहिर करती दिख रही है. वीडियो देखकर जहां मीठी इमली इमोशनल होती है तो वहीं चीनी कहती है कि इमली ने हमेशा अपनी सगी बेटी को ही प्यार किया और न ही इमली की जिंदगी में उसकी कोई जगह थी. चीनी की ये बात सुनकर मीठी परेशान दिखती है. प्रोमो देखने के बाद फैंस इमली 2 के लिए काफी एक्साइटेड हैं.

मालिनी ने भरे चीनी के कान

लीप से पहले अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालिनी, इमली से बदला लेने के लिए बम लगा देगी. हालांकि इस बम धमाके में वह खुद भी फंस जाएगी. इमली- आर्यन जहां अपने बच्चों को बचाने की कोशिश करेंगे, जिसमें चीनी खो जाएगी और मालिनी के पास पहुंच जाएगी. इसी के साथ मालिनी मरते-मरते भी चीनी के कान भरेगी और इमली के खिलाफ उसके मन में जहर घोलेगी. वहीं इस हादसे में इमली-और आर्यन की मौत हो जाएगी.

बता दें, इमली 2 में भी दो बहनों के बीच प्यार की जंग होते हुए दिखने वाली है, जिसके चलते सीरियल में नए लीड के तौर पर हैंडसम हंक की भी एंट्री होती दिखेगी.

5 टिप्स: ड्राय और फ्लेकी स्किन से ऐसे पाएं छुटकारा

ड्राय स्किन (ज़ेरोसिस) कई कारणों से होने वाली एक सामान्य स्थिति है. ड्राय स्किन एक लक्षण हो सकता है जो अधिक गंभीर निदान का संकेत देता है. लेकिन ज्यादातर मामलों में, शुष्क स्किन पर्यावरणीय कारकों के कारण होती है जो स्किन से नमी को हटा देते हैं.

गर्मी, गर्म फुहारें, गर्म जलवायु, अधिक दवाइयों का सेवन, पोल्यूशन और कठोर साबुन सभी शुष्क स्किन को ट्रिगर कर सकते हैं. सौभाग्य से, आप शुष्क स्किन के लक्षणों को दूर करने और स्किन में नमी लौटाने के लिए घरेलू उपचार का उपयोग कर सकते हैं.

1) नारियल का तेल

नारियल के तेल में स्किन को मॉश्चराइज करने वाले गुण होते हैं. इमोलिएंट स्किन की कोशिकाओं के बीच रिक्त स्थान को भरते हैं, जिससे एक चिकनी सतह बनती है. इसलिए नारियल के तेल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सैचुरेटेड फैटी एसिड स्किन को हाइड्रेट और स्मूद कर सकते हैं.

आप अपने शरीर पर सोने से पहले रोज़ाना नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. नारियल का तेल दैनिक उपयोग के लिए इस्तमाल किया जा सकता है.

2)  पेट्रोलियम जैली

पेट्रोलियम जैली शुष्क एवं चिड़चिड़ी स्किन के पैच को ठीक करने में मदद करता है.

आप अपने होठों और पलकों सहित शुष्क स्किन से छुटकारा पा सकते हैं. सूखी स्किन के कारण आपकी स्किन में खुजली, दरार और यहां तक ​​कि खून भी निकल सकता है. क्योंकि जैली लोशन की तुलना में अधिक प्रभावी और कम परेशान करने वाली होती हैं, इसलिए पेट्रोलियम जेली को अपने होंठ और पलकों सहित शुष्क स्किन पर लगाया जा सकता है. बेहतर रिज़ल्ट के लिए, जब आपकी स्किन नम हो तब पेट्रोलियम जेली लगाएं.

3)  सही कपड़े का चुनाव

ऐसे कपड़े चुनें जो आपकी स्किन के अनुकूल हों. कपास जैसे प्राकृतिक रेशे आपकी स्किन को सांस लेने देते हैं. ऊन, हालांकि प्राकृतिक है, कभी-कभी स्वस्थ स्किन को भी परेशान करता है.

कपड़े धोने के लिए, बिना डाई या परफ्यूम के डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें, ये दोनों ही आपकी स्किन में जलन पैदा कर सकते हैं.

4)  एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3

जब आपकी स्किन सूखी होती है, तो इसका मतलब है कि आप इसे उन तत्वों के संपर्क में ला रहे हैं जो स्किन की कोशिकाओं को तेजी से नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे आपका शरीर उनकी मरम्मत कर सकता है. रिसर्च के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो आपकी स्किन को स्वस्थ दिखने में मदद कर सकते हैं.

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ विषाक्त पदार्थों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं और आपके शरीर को स्वस्थ कोशिकाएं बनाने में मदद कर सकते हैं. स्किन के स्वास्थ्य में योगदान देने वाले कुछ खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:

ब्लू बैरीज़

टमाटर

गाजर

फलियां

मटर

मसूर की दाल

सैल्मन जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ भी चमकदार स्किन वाले आहार में योगदान कर सकते हैं.

5)  हाइड्रेट रहें

शरीर अपनी कई आवश्यक प्रक्रियाओं और कार्यों को करने के लिए पानी का उपयोग करता है. यदि आप हेल्थी स्किन की चाह रखती हैं और डिहाइड्रेट एंड ड्राय स्किन से परेशान हैं तो दिन में कम से कम सात से आठ ग्लास पानी जरूर पिएं.

पति की इस आदत से स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ेगा?

सवाल

मैं 25 वर्षीय विवाहिता हूं. मेरे पति बहुत ही रोमांटिक हैं. नियमित सहवास करते हैं. कई तरह की रतिक्रीड़ाएं करते हैं. मैं भी उन्हें पूरा सहयोग देती हूं. आजकल उन पर मुखमैथुन का जनून सवार है. मैं जानना चाहती हूं कि इस से हमारे स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ेगा. कई बार मुखमैथुन करते हुए उन का वीर्य मेरे मुंह में ही स्खलित हो जाता है.

जवाब

मुखमैथुन भी संभोग की एक प्रक्रिया है. यदि इस में आप के पति को आनंद मिलता है, तो इस में कोई हरज नहीं है. जहां तक स्वास्थ्य पर इस के दुष्प्रभाव की बात है, तो यदि यौनांगों की साफ सफाई पर खास ध्यान दिया जाए, तो इस का स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता.

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अनुभा ने कैसे लिया जिस्म का मजा

क्लासरूम से बाहर निकलते ही अनुभा ने अनुभव से कहा, ‘‘अरे अनुभव, कैमिस्ट्री मेरी समझ में नहीं आ रही है. क्या तुम मेरे कमरे पर आ कर मुझे समझा सकते हो?’’

‘‘हां, लेकिन छुट्टी के दिन ही आ पाऊंगा.’’

‘‘ठीक है. तुम मेरा मोबाइल नंबर ले लो और अपना नंबर दे दो. मैं इस रविवार को तुम्हारा इंतजार करूंगी. मेरा कमरा नीलम टौकीज के पास ही है. वहां पहुंच कर मुझे फोन कर देना. मैं तुम्हें ले लूंगी.’’

रविवार को अनुभव अनुभा के घर में पहुंचा. अनुभा ने बताया कि उस के साथ एक लड़की और रहती है. वह कंप्यूटर का कोर्स कर रही है. अभी वह अपने गांव गई है.

अनुभव ने अनुभा से कहा कि वह कैमिस्ट्री की किताब निकाले और जो समझ में न आया है वह पूछ ले. अनुभा ने किताब निकाली और बहुत देर तक दोनों सूत्र हल करते रहे.

अचानक अनुभा उठी औैर बोली, ‘‘मैं चाय बना कर लाती हूं.’’

अनुभव मना करना चाह रहा था लेकिन तब तक वह किचन में पहुंच गई थी. थोड़ी देर में वह एक बडे़ से मग में चाय ले कर आ गई. अनुभव ने मग लेने के लिए हाथ बढ़ाया, तभी मग की चाय उस की शर्टपैंट पर गिर गई.

‘‘सौरी अनुभव, गलती मेरी थी. मैं दूसरी चाय बना कर लाती हूं. तुम्हारी शर्टपैंट दोनों खराब हो गई हैं. ऐसा करो, कुछ देर के लिए तौलिया लपेट लो. मैं इन्हें धो कर लाती हूं. पंखे की हवा में जल्दी सूख जाएंगे. तब मैं प्रैस कर दूंगी.’’

अनुभव न… न… करता रहा, लेकिन अनुभा उस की ओर तौलिया उछाल कर भीतर चली गई.

अनुभव ने शर्टपैंट उतार कर तौलिया लपेट लिया. तब तक अनुभा दूसरे मग में चाय ले कर आ गई थी. वह शर्टपैंट ले कर धोने चली गई. अनुभव ने चाय खत्म की ही थी कि अनुभा कपड़े फैला कर वापस आ गई. उस ने ढीलाढाला गाउन पहन रखा था. अनुभव ने सोचा शायद कपड़े धोने के लिए उस ने ड्रैस बदली हो.

अचानक अनुभा असहज महसूस करने लगी मानो गाउन के भीतर कोई कीड़ा घुस गया हो. अनुभा ने तुरंत अपना गाउन उतार फेंका और उसे उलटपलट कर देखने लगी.

अनुभव ने देखा कि अनुभा गाउन के भीतर ब्रा और पैंटी में थी. वह जोश और संकोच से भर उठा. एकाएक हाथ बढ़ा कर अनुभा ने उस का तौलिया खींच लिया.

अनुभव अंडरवियर में सामने खड़ा था. अनुभा उस से लिपट गई. अनुभव भी अपनेआप को संभाल नहीं सका. दोनों वासना के दलदल में रपट गए.

अगले रविवार को अनुभा ने फोन कर अनुभव को आने का न्योता दिया. अनुभव ने आने में आनाकानी की, पर अनुभा के यह कहने पर कि पिछले रविवार की कहानी वह सब को बता देगी, वह आने को तैयार हो गया. अनुभव के आते ही अनुभा उसे पकड़ कर चूमने लगी और गाउन की चेन खींच कर तकरीबन बिना कपड़ों के बाहर आ गई. अनुभव भी जोश में था. पिछली बार की कहानी एक बार फिर दोहराई गई. जब ज्वार शांत हो गया, अनुभा उसे ले कर गोद में बैठ गई और उस के नाजुक अंगों से खेलने लगी.

अनुभा ने पहले से रखा हुआ दूध का गिलास उसे पीने को दिया. अनुभव ने एक ही घूंट में गिलास खाली कर दिया.अभी वे बातें कर ही रहे थे कि भीतर के कमरे से उस की सहेली रमा निकल कर बाहर आ गई.

रमा को देख कर अनुभव चौंक उठा. अनुभा ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है. वह उस की सहेली है और उसी के साथ रहती है. रमा दोनों के बीच आ कर बैठ गई. अचानक अनुभा उठ कर भीतर चली गई. रमा ने अनुभव को बांहों में भींच लिया. न चाहते हुए भी अनुभव को रमा के साथ वही सब करना पड़ा. जब अनुभव घर जाने के लिए उठा तो बहुत कमजोरी महसूस कर रहा था. दोनों ने चुंबन ले कर उसे विदा किया.

इस के बाद से अनुभव उन से मिलने में कतराने लगा. उन के फोन आते ही वह काट देता. एक दिन अनुभा ने स्कूल में उसे मोबाइल फोन पर उतारी वीडियो क्लिपिंग दिखाई और कहा कि अगर वह आने से इनकार करेगा तो वह इसे सब को दिखा देगी.

अनुभव डर गया और गाहेबगाहे उन के कमरे पर जाने लगा. एक दिन अनुभव के दोस्त सुरेश ने उस से कहा कि वह थकाथका सा क्यों लगता है? इम्तिहान में भी उसे कम नंबर मिले थे. अनुभव रोने लगा. उस ने सुरेश को सारी बात बता दी.

सुरेश के पिता पुलिस इंस्पैक्टर थे. सुरेश ने अनुभव को अपने पिता से मिलवाया. सारी बात सुनने के बाद वे बोले, ‘‘तुम्हारी उम्र कितनी है?’’

‘‘18 साल.’’

‘‘और उन की?’’

‘‘इसी के लगभग.’’

‘‘क्या तुम उन का मोबाइल फोन उठा कर ला सकते हो?’’

‘‘मुझे फिर वहां जाना होगा?’’

‘‘हां, एक बार.’’

अब की बार जब अनुभा का फोन आया तो अनुभव काफी नानुकर के बाद हूबहू उसी के जैसा मोबाइल ले कर उन के कमरे में पहुंचा. 2 घंटे समय बिताने के बाद जब वह लौटा तो उस के पास अनुभा का मोबाइल फोन था.

मोबाइल क्लिपिंग देख कर इंस्पैक्टर चकित रह गए. यह उन की जिंदगी में अजीब तरह का केस था. उन्होंने अनुभव से एक शिकायत लिखवा कर दोनों लड़कियों को थाने बुला लिया.

पूछताछ के दौरान लड़कियां बिफर गईं और उलटे पुलिस पर चरित्र हनन का इलजाम लगाने लगीं. उन्होंने कहा कि अनुभव सहपाठी के नाते आया जरूर था, पर उस के साथ ऐसीवैसी कोई गंदी हरकत नहीं की गई. अब इंस्पैक्टर ने मोबाइल क्लिपिंग दिखाई. दोनों के सिर शर्म से झुक गए. इंस्पैक्टर ने कहा कि वे उन के मातापिता और प्रिंसिपल को उन की इस हरकत के बारे में बताएंगे.

लड़कियां इंस्पैक्टर के पैर पकड़ कर रोने लगीं. इंस्पैक्टर ने कहा कि इस जुर्म में उन्हें सजा हो सकती है. समाज में बदनामी होगी और स्कूल से निकाली जाएंगी सो अलग. उन के द्वारा बारबार माफी मांगने के बाद इंस्पैक्टर ने अनुभव की शिकायत पर लिखवा लिया कि वे आगे से ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगी.

अनुभव ने वह स्कूल छोड़ कर दूसरे स्कूल में दाखिला ले लिया. साथ ही उस ने अपने मोबाइल की सिम बदल दी. इस घटना को 7 साल गुजर गए.

अनुभव पढ़लिख कर कंप्यूटर इंजीनियर बन गया. इसी बीच उस के पिता नहीं रहे. मां की जिद थी कि वह शादी कर ले.अनुभव ने मां से कहा कि वे अपनी पसंद की जिस लड़की को चुनेंगी, वह उसी से शादी कर लेगा.

अनुभव को अपनी कंपनी से बहुत कम छुट्टी मिलती थी. ऐन फेरों के दिन वह घर आ पाया. शादी खूब धूमधाम से हो गई.

सुहागरात के दिन अनुभव ने जैसे ही दुलहन का घूंघट उठाया, वह चौंक पड़ा. पलंग पर लाजवंती सी घुटनों में सिर दबाए अनुभा बैठी थी.

‘‘तुम…?’’ अनुभव ने चौंकते हुए कहा.

‘‘हां, मैं. अपनी गलती का प्रायश्चित्त करने के लिए अब जिंदगीभर के लिए फिर तुम्हारी देहरी पर मैं आ गई हूं. हो सके तो मुझे माफ कर देना,’’ इतना कह कर अनुभा ने अनुभव को गले लगा लिया.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

खुश रहने के ये 19 हैल्दी और मस्त फंडे आप भी जानिए

हर किसी के जीवन में समस्याएं होती हैं. अगर आप उन से उबर गए तो आप की लाइफ हैप्पी वरना टैंशन ही टैंशन. आप को अपनी लाइफ को हैप्पी व हैल्दी बनाने के लिए वजह ढूंढ़नी पड़ेंगी. जिंदगी में खुश रहना चाहते हैं तो आप को यह करना पड़ेगा :

1. अच्छा खाना खाएं : जरूरी नहीं है कि आप ऐसा पौष्टिक व स्वस्थ भोजन करें जो आप को पसंद न हो, लेकिन ऐसा कुछ खाएं जो पौष्टिकता व स्वाद दोनों में अच्छा हो. अपने लिए अच्छा खाना तैयार कर के उस खाने का मजा उठाएं.

2. व्यायाम जरूर करें : दिन में वक्त निकाल कर 10 मिनट तक व्यायाम करें. यह आप के शरीर में कोई बहुत बड़ा बदलाव तो नहीं लाएगा लेकिन इस से आप को बेहतर होने का एहसास होगा. दरअसल, कुछ न करने से कुछ करना बेहतर है. थोड़ाथोड़ा अधिक समय व्यायाम करने में लगाएं तो आप का शरीर उक्त व्यायाम को स्वीकार करने लगेगा. इस से आप खुद को पहले से बेहतर महसूस करेंगे और आप को अच्छी नींद आने लगेगी. अगर आप बहुत अधिक वजन उठाते हैं तो व्यायाम करें. यह कुछ अलग होगा और आप को अच्छा भी महसूस होगा. कुछ अलग करना हमेशा ही अच्छा होता है.

3. थोड़ाथोड़ा कर के खाएं : 5 बार खाने की कोशिश करें. बहुत लोग 5 बार से अधिक खाने की सलाह देते हैं. कई लोग 5 बार खाना नहीं खाते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप कितना खाते हैं लेकिन कोशिश यह करें कि आप बारबार खाएं यानी दिन में 5 बार. पढ़ने की क्रिया : जब हम किसी परेशानी या तनाव में होते हैं, तो उस में खुद को खो देना आसान होता है. इस से उबरने का एक अच्छा तरीका है कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़े समय की छुट्टी जरूर लें और अपनी पसंद की किताब या पत्रिकाएं पढ़ें.

4. एडल्ट कलरिंग : यह भी एक अच्छा तरीका है. अपने लिए कलरिंग बुक लाएं और अपने बच्चे के साथ मिल कर कलरिंग करें. इस से आप को बहुत खुशी मिलेगी. थोड़ी सफाई करें : सफाई करना एक बहुत बड़ा काम हो सकता है, पर थोड़ी सी सफाई, जैसे अपने पुराने कपड़े फेंकना, जो किताबें आप नहीं पढ़ते हैं उन्हें किसी चैरिटी शौप में दे देने जैसा काम जरूर करें.

5. चैरिटी में पैसे दें : यह सुनने में बहुत अजीब लगेगा कि मैं क्या दान कर सकती हूं लेकिन कुछ ऐसी चीजें दान में दें जो आप के लिए बहुत महत्त्व रखती हों. गाना सुनें : गाड़ी चलाते समय अपना पसंदीदा गीतों का अलबम या गाना चलाएं. सोचिए यह कितना अच्छा होगा कि जब आप का समय खराब चल रहा हो और एमदम से आप का पसंदीदा गाना आ जाए.

6. वाक करने जाएं : चाहे वैसा भी मौसम क्यों न हो, कोई भी मौसम खराब नहीं होता. अगर बहुत ठंड है तो गरम कपड़े पहनें और अगर बारिश का मौसम हो तो वाटरप्रूफ कपड़े पहनें. अगर मौसम अच्छा न हो तो घर वापस आ कर अपना मनपसंद पेय पिएं. किसी का दिन अच्छा बनाएं : किसी जरूरतमंद की सहायता करें, चाहे वह पैसे से हो या आप के साथ से. कोशिश करें कि जरूरतमंद व्यक्ति की आप भरपूर सहायता कर सकें.

7. आर्ट गैलरी में जाएं : अगर आप को आर्ट का शौक है तो उस को असलियत में देखना बहुत अलग अनुभव होता है. कभीकभी उस के रंग आप को इतना आकर्षित करते हैं कि आप मंत्रमुग्ध हो कर किसी और ही दुनिया में खो जाते हैं.

8. बबल बाथ लें : अगर आप के पास बाथटब है तो बहुत सारे बबल्स, कैंडल्स और हलके कुनकुने पानी में अच्छा सा बाथ लें. यह आप को रीफ्रैश करेगा. बाथटब न हो तो थोड़ा ज्यादा देर तक पानी के नीचे बैठ कर उस का आनंद लें.

9. आदत को बदलें : अगर आप खाना खाते समय एक ही जगह पर बैठते हैं तो जगह बदल दें. बदलाव अच्छा होता है.

10. कुछ लोगों से बात करना बंद करें : अगर आप का दोस्त उतना खास नहीं रहा तो अब समय आ गया है कि आप उन से दूर हो जाएं. अगर आप चाहते हैं तो आप उसे सोशल मीडिया पर म्यूट कर दें. आप को ऐसे लोगों की अपनी जिंदगी में जरूरत नहीं जिन से आप को और दुख महसूस होता हो. लुक्स के ऊपर समय दें : उम्रदराज हैं, व्यस्क बच्चों के मातापिता हैं तो मेकअप का इस्तेमाल करें जो आप की पसंद हो. स्मार्ट बनना पागलपन नहीं होता, बल्कि ऐसा करने से आप को बहुत अच्छा लगेगा. घर से बाहर जाने से पहले अपने को शीशे में जरूर देखें.

11. छुट्टी प्लान करें : काम से फुरसत लें. थोड़े समय के लिए छुट्टी पर जाएं, अपनी पसंद का स्थान चुनें और कुछ समय अपनों के साथ बिताएं.

12. पिकनिक पर जाएं : गरमी में किसी गार्डन में पिकनिक मनाने जाएं तो चादर या दरी बिछा कर बैठें. ताजी हवा मूड को भी ताजा कर देगी.

13. एक्टिविटीज सोचें : हर रोज दिन के अंत में 3 ऐसी चीजों के बारे में सोचें जो अच्छी हों, अच्छी तरह से उन को याद करें और खुद को बधाई दें. यह चाहे छोटी हों या बड़ी, इस से फर्क नहीं पड़ता. बस, अच्छे समय और अच्छी बातों को याद करें.

14. अच्छे टीवी शो देखें : अपने मनपसंद टीवी शो को रिकौर्ड करें और समय मिलने पर उसे अकेले में सोफे पर बैठ कर या चाय, कौफी पीते वक्त देखें.

15. दोस्त से मिलें : अपने किसी दोस्त से मिलें और उस के साथ बैठ कर चाय, कौफी पिएं. काम से ब्रेक लें : काम करते समय ब्रेक लें. अपनी डैस्क पर ब्रेक लेना बंद करें, अच्छी तरह से ब्रेक लें.

16. दिन की शुरुआत मुसकराहट से : अपने दिन की शुरुआत स्माइल से करें. आप के लिए यह खास नाश्ता है.

17. कविता लिखें : जब भी आप तनाव में हों या कुछ ऐसी भावनाएं जिन्हें आप निकालना चाहते हों तो कविताएं लिखें. ऐसा करने से आप बहुत शांत महसूस करेंगे. अगर आप लिख नहीं सकते तो किसी और की लिखी कविता पढ़ें.

18. कुछ अलग सौंग सुनें : आस्ट्रेलियन फिल्म डाइरैक्टर बाज लुहरमैन का ‘ऐवरीबौडिज फ्री टू वियर सनस्क्रीन’ गाना सुनें. अगर आप ने कभी पहले यह गाना नहीं सुना तो जरूर इस गाने को सुनें नहीं तो अपनी पसंद का गाना सुनें. कुछ इस तरह एंजौय करें : कुछ ऐसा करें जो आप को पसंद हो. ऐसी कौन सी चीज है जो आप बचपन में पसंद करते थे, क्यों न उस काम को दोबारा शुरू करें. ऐसा करने से आप का तनाव कम होगा.

19.  किसी की मदद लें : किसी की मदद लें. जब चीजें कठिन होती हैं तो आप अकसर किसी से मदद मांगना भूल जाते हैं. अधिकतर लोग आप की मदद करने से मना नहीं करेंगे और हो सकता है कि बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं चले कि आप को किसी की जरूरत है. लेकिन कोई भी आप की मदद करने से इनकार नहीं करेगा. ऐसा करने से अप महसूस करेंगे कि आप के ऊपर से तनाव कितना कम हो गया.

अब आप को पता चल गया होगा कि जिंदगी में कैसे खुश रहें. इन सब बातों को जीवन में शामिल करने, व्यवहार में लाने में शुरू में परेशानी हो सकती है, परंतु कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आप बहुत खुशी से जीवन जी रहे हैं.

Festive Special: ट्राय कीजिए बिस्कुट की खीर

आपने कई तरह की खीर खाई होगी जैसे, चावल की खीर, लौकी की खीर या फिर साबुदाने की खीर आदि. पर क्‍या आपने बिस्‍कुट से बनी हुई खीर खाई है? अगर नहीं तो आज हम आपको बिस्‍कुट से बनी खीर बनाने की रेसिपी बताएंगे. आप इस टेस्‍टी खीर को अपने घर पर आराम से बना सकती हैं.

बिस्‍कुट की खीर बनाने में तो बिल्‍कुल भी समय नहीं लगता. आपको बस एक 1 पैकेट बिस्‍कुट चाहिये जो कि थोड़ा क्रंची हो. बिस्कुट को हाथों से पीस कर गाढ़े दूध में मिलाइये और खीर बना लीजिये.

तो अगर आपके घर वालों को मीठा खाने का शौक है और आपको बनाने का तो, इस बिस्‍कुट की खीर को बनाना ना भूलें. अब आइये देखते हैं इसको बनाने की विधि.

कितने- 4 सदस्‍यों के लिये

सामग्री

  • बिस्‍कुट, कोई सा भी – 1 कप
  • गरम किया हुआ दूध- 1 लीटर
  • ब्राउन शुगर या शुगर- ¾ कप
  • इलायची पावडर- ¼ चम्‍मच
  • काजू, रोस्‍ट किया हुआ- 1 चम्‍मच

विधि

1.दूध में शक्‍कर मिला कर उसे अच्‍छी तरह से उबाल कर लगभग ¾ लीटर कर लें.  2.फिर उसे स्‍टोव से उतारे और उसमें बिस्‍कुट तोड़ कर डालें और अच्‍छी तरह से मिलाएं.

3.साथ में इलायची पावडर भी डालें.

4.उसके बाद काजू को हल्‍का सा घी में रोस्‍ट कर के खीर के ऊपर सजाएं.

5.उसके बाद इसे गरमा गरम सर्व करें.

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Top 10 Festival Tips In Hindi: टॉप 10 फेस्टिवल टिप्स हिंदी में

Festive Tips In Hindi: Festive Celebration का दौर शुरु हो चुका है. जहां लगातार आने वाले सेलिब्रेशन्स के लिए ब्यूटी, फैशन और होम डेकोर से जुड़ी टिप्स जानना जरुरी हो गया है. फेस्टिव सीजन में जहां लोग Fashion और मेकअप पर ध्यान देते हैं तो वहीं घर सजाने से लेकर बुजुर्गों की सेहत को भी देखना जरुरी है. इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं फैस्टिव सीजन में ब्यूटी, मेकअप, फैशन, लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खास टिप्स. इनसे आप अपने  Festive Celebration 2022 को और भी धमाकेदार बना सकते हैं.

1. Festive स्ट्रैस नहीं चेहरे पर दिखेगा सिर्फ ग्लो

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त्योहार जहां परिवार के लिए खुशियां ले कर आते हैं, वहीं घर की महिलाओं के लिए घर के ढेर सारे काम के साथसाथ ढेर सारी थकान भी लाते हैं. घर की महिलाएं शौपिंग, कुकिंग, क्लीनिंग में इतनी अधिक बिजी हो जाती हैं कि त्योहारों में खुद पर ध्यान देना ही भूल जाती हैं जिस का परिणाम थकान के रूप में उन के चेहरे पर साफ दिखाई देने लगता है. ऐसे त्योहारों पर आप कुछ खास तरह के डी स्ट्रैस स्किन केयर प्रोडक्ट्स से अपने चेहरे के स्ट्रैस को दूर करने के साथसाथ नैचुरल ग्लो भी पा सकती हैं. आइए, जानते हैं इस संबंध में कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा से:

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2. Festive Season में खानपान ऐसे रखें Health का ध्यान

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भारत अपनी विविधता और पूरे सालभर अलगअलग आस्थाओं तथा जातियोंधर्मों के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों की वजह से जाना जाता है. साल में अपने त्योहारों को मनाने के लिए परिवार और दोस्त अकसर भोजन के इर्दगिर्द जमा होते हैं और साथ मिल कर खातेपीते, मौज करते हैं. ऐसा घर पर, रैस्टोरैंट में या बारबेक्यू में हो सकता है. साथ मिलजुल कर खानेपीने के बहुत फायदे हैं. सब से बड़ा फायदा तो सामाजिक मेलमिलाप है जोकि मानसिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है.

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3. Festive Season के लिए कम बजट वाले बेस्ट आउटफिट

Festive Celebration tips in hindi

फेस्टिव सीजन अपने साथ खुशियाँ और उत्सव लेकर आता है और विशेष रूप से सेलिब्रेशन मोड सभी के लिए एक निश्चित स्ट्रेस बस्टर होता है. कोविड की दूसरी वेव ख़त्म होने के बाद यह फेस्टिव सीजन लोगों को घर से बहार निकल कर खुशियाँ मानाने का मौका देने वाला है. और इस साल ट्रेंड एथनिक (पारम्परिक) कपड़ों का है, इसलिए कम बजट में मॉडर्न डिज़ाइन के कपड़े आपको भीड़ से अलग रखेंगे.

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4. Festive Special: थकी आंखों की चमक बनाए रखने के लिए 6 टिप्स

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आज कल की बात करें तो हम अपनी दिनचर्या में इस तरह खो गए हैं कि अपनी और अपनी आंखों का ध्यान ही नही रखतें है साथ ही ठीक ढंग से सोते नहीं जिससे वह थकी-थकी लगती हैं और आंखों में नींद भरी रहती है. हम आपको ऐसे मेकअप टिप्स के बारे में बतायेंगे जिससे आपकी थकी आंखों में चमक आ जाएगी. जानिए आंखों को खूबसूरत और चमकदार बनाने के टिप्स.

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5. Festive Special: ब्रेड क्रम्ब्स से बनाएं ये टेस्टी डिशेज

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आमतौर पर ब्रेड के इन किनारों को पीसकर ब्रेड बना लिया जाता है और फिर इन ब्रेड क्रम्ब्स को डिश के ऊपर लपेटने या डिश को थिक टैक्सचर देने के लिए किया जाता है परन्तु आज हम आपको ब्रेड क्रम्ब्स से बनने वाली दो डिशेज के बारे में बता रहे हैं जिन्हें बनाना तो बेहद आसान है ही साथ ही ये बहुत स्वादिष्ट भी बनतीं हैं. तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-

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6. Festive Special: अब घर बैठे मिनटों में करें वैक्स

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आप को फ्रैंड की बर्थडे पार्टी में जाना हो और आप यह सोचसोच कर परेशान हो रही हों कि बिना हेयर रिमूव किए कैसे पार्टी में जाऊं, इस से तो मेरी पूरी ड्रैस की शोभा ही बिगड़ जाएगी. अभी मेरे पास इतना टाइम भी नहीं है कि पार्लर से अपौइंटमैंट लूं और अगर लिया भी तो टाइम खराब होने के साथसाथ जल्दबाजी में ज्यादा पैसे भी देने पड़ेंगे तो ऐसे में आप परेशान न हों बल्कि वीट कोल्ड वैक्स स्ट्रिप्स से कुछ ही मिनटों में बनें खूबसूरत.

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7. Festive Special: Newly Weds के लिए होम डेकोर टिप्स

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अपने पहले घर को सजाने में आप दोनों के आइडिया भी आपस में टकरा सकते हैं. यह खास तौर पर तब होता है यदि आप दोनों अलग-अलग माहौल में पले बढ़े हैं. झुंझलाने की बजाय दोनों के आइडियाज को आपस में मिलाकर घर को एक विशेष लुक देते हुये इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. नव विवाहितों के लिए घर सजाने के टिप्स-

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8. Festive Special: बिना डैमेज के करें Hair Straight

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आज कल मार्केट में ढेर सारे हेयर स्‍ट्रेटनर मौजूद हैं, जो कर्ली बालों को स्‍ट्रेट करने में लाजवाब होते हैं. लेकिन अगर आपको इन्‍हें ठीक प्रकार से यूज करना नहीं आता, तो यह आपके बालों को काफी डैमेज भी कर सकते हैं. कई लड़कियां अपने गीले बालों पर हेयर स्‍ट्रेटनर का प्रयोग करने लगती हैं, जिससे उनके बाल जल जाते हैं और ठीक प्रकार से सीधे नहीं हो पाते. तो आगे से ऐसा ना हो, इसके लिये हम आपको बताएंगे कि हेयर स्‍ट्रेटनर को कैसे यूज करें कि बालों को नुकसान ना पहुंचे.

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9. Festive Special: त्योहारों के मौसम में Skin को ऐसे रखें जवां

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त्योहारों के मौसम के शुरू होते ही सर्दियों की आहट भी आने लग जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि त्योहारों के इस मौसम में त्वचा को कैसे रखें जवां और चमकदार.

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10. Festive Special: त्योहारों में जब अपने लुक को बनाना हो खास

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त्यौहार आते ही चारों तरफ खुशी का माहौल दिखाई पड़ता है. ऐसे में सबसे जरुरी होता है कि आप क्या खास पहने कि आप सबसे अलग दिखें. इस मौसम में प्रिंट्स और एम्ब्रोइडरीस की खास झलक हर जगह दिखाई पड़ेगी. फ्रेश लुक और फ्री फ्लो फैशन सबको आकर्षित करता है. इस बारे में मैक्स फैशन के डिजाइनर कामाक्षी कौल बताती है कि फैशन चाहे कुछ भी हो मिक्स एन मैच और फ्यूजन के साथ कपड़े को पहनने से उसमें एक नयी चमक आ जाती है. कुछ टिप्स निम्न है.

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REVIEW: गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध पर अति सतही फिल्म ‘सिया’

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः दृश्यम फिल्मस

निर्देशकः मनीष मुंद्रा

कलाकारः विनीत कुमार सिंह, पूजा पांडे व अन्य.

अवधिः एक घंटा पचास मिनट

‘कड़वी हवा’, ‘मसान’, ‘आंखों देखी’ और ‘न्यूटन’ जैसी सफलतम फिल्मों के निर्माता मनीष मुंद्रा ने पहली बार लेखक व निर्देशक के तौर पर ‘गैंगरेप’ जैसे कुकृत्य पर फिल्म ‘‘सिया’’ लेकर आए हैं, जिसे देखकर पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश के उन्नाव व हाथरस में घटी रेप की घटनाएं याद आ जाती हैं. मगर फिल्म अपना असर डालने में  पूरी तरह से असफल है.

कहानीः

फिल्म की कहानी केंद्र में सत्रह वर्षीय सीता सिंह उर्फ सिया है. एक गरीब परिवार की बेटी सिया (पूजा पांडे) ही पूरे परिवार की जिम्मेदारियां उठाती है. उसके पिता खाट पर बैठकर दिनभर बीड़ी फूंकते रहते हैं. सिया के चाचा चाची अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं. सिया जंगल से लकड़ी काटकर लाने से लेकर छोटे भाई को पढ़ाने, कहानी सुनाने से लेकर भाई को स्कूल छोड़ने व गेहूं पिसाने सहित सारे काम करती है. सिया एक आदर्श बेटी है. वह अब नौकरी करना चाहती है. इसलिए वह अपने चाचा के दोस्त व दिल्ली में नोटरी का काम करने वाले वकालत पास तथा जाति से मल्लाह धर्मेंद्र (विनीत कुमार सिंह) से मदद मांगती है. इस बीच नौकरी दिलाने का झांसा देकर स्थानीय विधायक एक दिन गांव की ही एक बुजुर्ग महिला की मदद से रात में अपने बंगले पर बुलाकर सिया संग गलत काम करते हैं. उसके बाद गांव के विधायक के चमचे उसके पीछे पड़ जाते हैं. एक दिन जब सिया अपने घर से निकलकर चुपचाप दिल्ली की तरफ रवाना होती है, तो बस अड्डे पहुॅचने से पहले ही विधायक के पाले हुए चार लड़के उसे जबरन अगवा कर लेते हैं. यह चारों लड़के गांव के बाहरी हिस्से के खंडहरनुमा मकान में सिया को बंदी बनाकर रखते हैं और सभी चारांे लड़के हर दिन उसके साथ गैंगरेप करते हैं. उसे यातना देते हैं. सिया की तलाश में सिया के माता पिता की मदद धर्मेंद्र करता है. पुलिस एफआई आर लिखने से इंकार कर देती है. अचानक एक पत्रकार को इस कांड की भनक लग जाती है, वह धर्मेंद्र से मिलकर सारी जानकारी लेकर एक अखबार में छाप देता है. तब विधायक जी अपना खेल कर पुलिस को इशारा करते हैं कि चारों युवकों को गिरफ्तार किया जाए. लेकिन पुलिस सिया का मेडीकल दूसरे दिन नहला धुलाकर कराती है. मजिस्ट्ेट के सामने बयान के लिए सिया को ले जाने से पहले उसे समझाती है कि वह विधायक के खिलाफ कुछ नहीं कहेगी. फिर सिया के माता पिता उसे दिल्ली में उसके चाचा चाची के पास छोड़ आते हैं. इधर सभी आरोपियों को जमानत मिल जाती है. विधायक फोन करके सिया के चाचा को समझाते हंै कि अब सब मामला रफा दफा हो जाने दो. मगर धर्मेंद्र से बात करके सिया न्याय की लड़ाई जारी रखने का निर्णय लेती है. उसके बाद कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. अब सिया को न्याय मिला या नही, यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.

लेखन व निर्देशनः

फिल्म निर्माण में पैसा लगाने वाला शख्स हमेशा यही सोचता है कि उसकी बात को ही अहमियत दी जाए. और जब वह निर्माता होने के साथ ही स्वयं लेखक व निर्देशक हो तो फिर उसके सामने किसकी चलने वाली. मूलतः व्यवसायी मनीष मंुद्रा के कई धंधे हैं. उनका व्यवसाय भारत व भारत के बाहर भी फैला हुआ है. ऐसे में उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वह संवेदनशील व नारी की अस्मिता से जुड़े मुद्दे पर गंभीरता के साथ फिल्म बनाएंगे. मगर ऐसा कुछ नही हुआ. अस्सी व नब्बे के दशक में ‘कला’ या ‘समानांतर सिनेमा’ के नाम पर जिस तरह से देश की गरीबी, गांव के हालात , गांवों की पृष्ठभूमि में पुलिस, प्रशासन व राजनीति का कलुषित चेहरा ही पेश किया जाता था, उसी तरह से मनीष मंुद्रा ने भी अपनी इस फिल्म में गांव की पृष्ठभूमि में गैंगरेप व पुलिस प्रशासन से सीबीआई तक में फैले भ्रष्टाचार व शोषण के दमनचर्क की तरफ इंगित किया है. अफसोस फिल्म देखते हुए पीड़िता के प्रति न सहानुभूति पैदा होती है और न ही अपराधियों के प्रति मन में गुस्सा आता है. निर्देशक के निर्देशन में केाई खूबी नजर नही आती. इस फिल्म में पुलिस और राजनेताओं का जिस तरह का रवैया चित्रित किया गया है, वह तो कई फिल्मों व वेब सीरीज में इससे भी बेहतर ढंग से दिखाया जा चुका है. फिल्म देखकर यही समझ में नहीं आता कि मनीष मंुद्रा जी आखिर हैं किसके साथ?

जब विधायक नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर रात के अंधेरे में अपने बंगले के अंदर सिया की इज्जत  लूटते हैं, तब सिया को गुस्सा नही आता. नौकरी पाने के लालच में सिया,  विधायक के इस कुकृत्य अपराध  के बारे में अपने माता पिता से भी नही बताती है? जब सीबीआई के सवालों में सिया खुद फंसने लगती है, तब वह विधायक के बारे मे बयान देती है. इस तरह फिल्मकार ने ‘बलात्कार’ को बहुत ही सतही बना दिया. उन्नाव व हाथरस में हुए गंैगरेप की चर्चाएं पूरे भारत में काफी हुई. इन दो गैंगरेप कांड को जिस तरह टीवी समाचार चैनलों ने दिखाया था, लगभग वैसा ही इस फिल्म में भी है. फिल्मकार इतना डरे हुए नजर आते हैं कि उन्होने छोटी जाति की लड़की की बजाय गरीब ठाकुर लड़की का ही बलात्कार ठाकुर नेता व उनके चमचों से करवाया है. फिल्म कुछ भी नई बात नही करती और कहानी कहने का अंदाज भी बहुत पुराना है. बतौर निर्देशक मनीष मंुद्रा का काम काफी सतही है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो फिल्मकार ने ‘गैंगरेप’ जैसे अतिसंवदेनशील मुद्दे को ठीक से रख नही पाए.

फिल्म इस बात को अवश्य रेखांकित करती है कि पुलिस और राजनेताओं का आपसी गंठजोड़ किस तरह सच्चाई को दबाने और उत्पीड़ितों पर अत्याचार करने के लिए अपनी शक्ति का दुरूपयोग करता है. सबूतों के साथ छेड़छाड़ किए जाने, गवाहों को धमकाने, पीड़िता के परिवार का उत्पीड़न करने सहित सारे हथकंडे इस फिल्म का हिस्सा हैं, जिन्हें देखकर हाथरस व उन्नावं कांड जेहन में आता ही है.

फिल्मकार ने समस्याएं जरुर बता दीं, पर हल नही बताया. इतना ही नहीं पुलिस व नेताओं का उत्पीड़न इस कदर दिखा दिया है कि लोग डर कर सच का साथ देने से दूर भागेगें, यह फिल्मकार की सबसे बड़ी विफलता है.

फिल्म का पाश्र्वसंगीत काफी लाउड है.

अभिनयः

सरल, कर्तव्यपरायण व बहादुर लड़की सिया के किरदार में पूजा पांडे का अभिनय ठीक ठाक ही कहा जाएगा. यदि कोई समर्थ निर्देशक होता, तो शायद वह पूजा पांडे से ज्यादा बेहतर अभिनय करवा लेता. विनम्र वकील व नोटरी का काम करने वाले धर्मेंद्र के किरदार में विनीत कुमार सिंह का अभिनय शानदार है. अन्य कलाकारों का अभिनय भी ठीकठाक है.

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