दरबदर- भाग 2: मास्साब को कौनसी सजा मिली

रेलवे अधिकारी की एकलौती बेटी के साथ मोहब्बत की पींगे बढ़ा कर सईद मास्साब ने पहले उस के साथ कोर्टमैरिज की, फिर उस के दादादादी के पास कर्नाटक जा कर निकाह किया और ससुराल वालों के चहेते दामाद बन गए. आयरीन के  अब्बू ने शहर से दूर नए विकसित इलाके में एक आलीशान डुप्लैकस घर खरीदा था. आयरीन उन्हीं के साथ रह रही थी.

लाखों की आबादी वाले शहर और 30 किलोमीटर से ज्यादा के क्षेत्रफल वाले शहर के आखिरी छोरों पर रहने वालों को सईद मास्साब की असलियत का पता कैसे चलता? मीठी बातों के चलते नौकरीपेशा दामाद की छानबीन करने की जरूरत ही नहीं समझी रेलवे अधिकारी ने. दक्षिण भारत में बेटी की शादी में लगने वाले लाखों के दहेज और कई तोले सोना देने से वे बच गए थे, यही क्या कम था. कहां मिलते हैं ऐसे नेक लड़के आजकल के जमाने में. जब आयरीन के अम्मीअब्बू ने सईद मास्साब के बारे में कुछ जानने की जरूरत नहीं समझी, तो मैं ने भी कुछ बतलाने की पहल नहीं की.

आयरीन की मुसकराहट अब खिलखिलाहट में बदल गई थी. अब सईद मास्साब ने उस के लिए कार खरीद दी तो वह शीशे चढ़ा कर खुद ड्राइव कर के स्कूल आने लगी. ‘बहुतबहुत प्यार करते हैं मुझे मेरे हस्बैंड. स्कूल के बाद शाम तक मेरे साथ ही रहते हैं. रात को कोचिंग क्लास पढ़ाते हैं. देररात को 30-40 किलोमीटर आनाजाना मुश्किल होता है, इसलिए शहर में ही रुक जाते हैं.’

यह सुन कर मुझे तरस आता आयरीन के भोलेपन पर. कितनी खूबसूरती से छली जाती हैं ये पढ़ीलिखी बेवकूफ औरतें? लोभी, फरेबी और मक्कार मर्द की शहद टपकती जबान से निकली कोरी जज्बाती बातों में आ कर अपना सबकुछ लुटा बैठती हैं.

सईद मास्साब ने शहर की 3 दिशाओं में 3 गृहस्थियां बसा ली थीं. दिन के चौबीस घंटों को इतनी खूबसूरती से बांटा कि किसी भी बीवी को शिकवाशिकायत तो दूर, उन के किरदार पर शक करने की गुंजाइश ही नहीं बचती. मुसलिम औरत शौहर की हर बात पत्थर की लकीर की तरह सच मान कर नेक बीवियां बने रहने की मृगतृष्णा में फंसी मास्साब की तीनों बीवियां मास्साब की ईमानदारी के प्रति पूरी तरह से संतुष्ट थीं.

मैं ने नौकरी के साथसाथ बीए की पढ़ाई पूरी कर के एमए उर्दू में ऐडमिशन ले लिया. कालेज 12 बजे लगता था. मैं स्कूल से सीधे कालेज जाने लगी. अब्बू की मौत के बाद उन की नौकरी भाई को मिल गई थी. घर के हालात सुधरने लगे थे.

रफीका मैडम एमए क्लास की लैक्चरर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की डिगरी होल्डर थीं. लंबीचौड़ी, मामूली शक्लोसूरत की तेजतर्रार रफीका मैडम को एक दिन मैं ने मौल से बाहर निकलते देखा. उन के पीछे सईद मास्साब दोनों हाथों में बड़ेबड़े प्लास्टिक बैग संभालते हुए सड़क के किनारे खड़ी कार की तरफ बढ़ रहे थे. मैं उन के बाजू से निकल गई, मगर दोनों ने मुझे पहचाना नहीं, क्योंकि मैं ने परदा कर रखा था.

अधेड़ उम्र की कमाऊ, कुंआरी लैक्चरर सईद मास्साब का नया शिकार थी. शहर से दूर यूनिवर्सिटी कैंपस में रफीका मैडम बिलकुल अकेली रहती थीं. यूनिवर्सिटी कैंपस में सिक्योरिटी इतनी सख्त थी कि परिंदा पर भी नहीं मार सकता था. सईद मास्साब का रफीका मैडम के शौहर की हैसियत से आईडैंटिटी कार्ड बन गया था, इसलिए उन का बेरोकटोक मैडम के पास आनाजाना होता रहता.

सईद मास्साब बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन के व्यक्तित्व का आकर्षण सब को बांध लेता था. लेकिन जेहन और मेहनत के साथ चापलूसी ने पहले उन्हें राज्य शिक्षा परिषद का इंस्टैटिव अवार्ड दिलवाया. फिर 2 साल बाद ही उन का नाम नैशनल अवार्ड के लिए चुन लिया गया. सईद मास्साब ने अलगअलग वक्त में एकएक कर के सभी बीवियों और बच्चों को अपनी कामयाबी के जश्न में शामिल कर के दिल खोल कर खुशियां मनाईं.

लेकिन रफीका मैडम की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही. वे मुंहफुला कर बोलीं, उर्दू डिपार्टमैंट में रीडर की पोस्ट खाली है, मगर आप अपनी कामयाबी व शोहरत के नशे में इतने चूर हैं कि बीवी की तरक्की का खयाल ही जेहन में नहीं आता. यह नहीं कि अपने रसूख का फायदा उठा कर मेरी पोस्ंिटग करवा दें.

‘मेरे खयाल से रीडर पोस्ट के लिए आप का ऐक्सपीरियंस कम है,’ मास्साब ने सहज भाव से कह दिया.

‘अच्छा तो आप को जो खिताब मिले हैं, वे आप की काबिलीयत की वजह से मिले हैं या चमचागीरी की वजह से मिले हैं, क्या मैं नहीं जानती. और आप ने भी तो नैशनल अवार्ड के लिए मोटी रकम… खैर, इस जमाने में पैसे से क्या नहीं खरीदा जाता. यूनिवर्सिटी के वाइसचांसलर से ले कर चपरासी तक बिकते हैं. मगर मेरी तरक्की की बात तो आप सोच ही नहीं सकते,’ बड़ा बुरा सा मुंह बना कर व्यंग्य से बोलीं रफीका मैडम.

रफीका मैडम सईद मास्साब के कंधे को सीढि़यां बना कर आसमान में छेद करना चाहती थीं.

‘आप गलत कह रही हैं. मैं समाज के उन लोगों में से हूं जो मुसलमान औरतों की खुदमुख्तारी की पैरवी करते हैं. मैं भला आप की तरक्की क्यों नहीं चाहूंगा.’ मास्साब ने बात संभालने की कोशिश की लेकिन रफीका मैडम तो जैसे खार खाए बैठी थीं, चिढ़ कर बोलीं, ‘बस, रहने दीजिए, रहने दीजिए बनावटी बातें. आप मेरे लिए कुछ नहीं करेंगे. मुझे ही स्टेट एजुकेशन मिनिस्टर से मिलना पड़ेगा. आप मेरे लिए कुछ भी नहीं करेंगे, इतना मैं समझ गई हूं.’

‘क्या समझ गई हैं आप? आप समझती हैं कि मिनिस्टर इतना बड़ा बेवकूफ होगा कि आप के तजरबे की प्रोफाइल देखे बगैर आप को रीडर बना देगा. हंसीखेल है क्या. उसे भी सरकार को जवाब देना होता है. और बाई द वे, रीडर का चुनाव वाइसचासंलर एजुकेशन बोर्ड के साथ मिल कर करता है. बड़ी तीसमारखां समझती हैं अपनेआप को. हम भी देखते हैं कब तक बनती हैं आप रीडर,’ मर्दाना अहं सिर चढ़ कर बोलने लगा, ‘पैर की जूती पैर में ही रहे तो ठीक लगती है. लैक्चररशिप मिल गई तो समझती हैं बड़ा भारी तीर मार लिया. शरीफ बीवियां शौहरों की बराबरी नहीं करतीं. जरा सी छूट क्या मिल गई, लगी मर्दों के कद से कद मिलाने,’ मास्साब ने रफीका मैडम को लताड़ा.

‘माइंड योर लैंग्वेज. काबिलीयत के बल पर लैक्चरर बनी हूं. आप की तरह मिठाइयों के डब्बे और तोहफों की चमचागीरी के बलबूते पर नहीं. और हां, मैं कमाऊ औरत हूं. आप के  ऊपर डिपैंड नहीं हूं जो आप की ऊलजलूल बातें बरदाश्त कर लूं. जाइए आप, मैं अकेले भी रह सकती हूं,’ रफीका मैडम का नारीत्व और आत्मनिर्भरता का दंभ सिर चढ़ कर बोलने लगा.

‘तो ठीक है, रह लो अकेली,’ कह कर सईद मास्साब गुस्से से जूते पहन कर निकल गए उन के घर से.

सईद मास्साब की पहली और दूसरी बीवियों की बेटियां शादी के लायक हो गई थीं. उन्होंने जानबूझ कर दूसरे शहरों में रिश्ता किया और वहीं ले जा कर बेटियों का निकाह कर दिया.

बेवजह दिखावा या शोशा न करने की दलील दे कर केवल बीवियों के मायके वालों को जबरदस्त दावतें खिला कर रुखसत कर दिया.

तीसरी बीवी आयरीन निसंतान थी. खर्चीले इलाज से पता चला कि प्रजनन करने वाली गर्भाशय कि एक नली बंद है. मास्साब ने तीनों बीवियों की कमाई और जमा पूंजी से शहर से दूर 10 एकड़ जमीन खरीद कर सीनियर सैकंडरी स्कूल की तामीर का काम शुरू कर दिया. उन का लाखों का अलगअलग बैंकों में बैंकबैलेंस, शेयर, सोने की गिन्नियां लौकर्स में महफूज थीं.

सईद मास्साब का रिटायरमैंट भी गुपचुप तरीके से हो गया. खानदान में कैजुअल्टी हो गई है, हमारा जश्न मनाना इंसानियत के खिलाफ है,’ कह कर मास्साब ने बड़ी खूबसूरती से रिटायरमैंट के फंड्स का बंटवारा रोकने की सोचीसमझी प्लानिंग के तहत सारे मंसूबे हल कर दिए. तीनों बीवियों, बच्चों को अपनी बीमा पौलिसीज और जमा धनराशि से दूर रखने के लिए अपनी जायदाद का किसी को वारिस नहीं बनवाया. हां, छोटे भाई के नाम वसीयत कर के अपनी पूरी जायदाद का मालिकाना हक उसे दे दिया.

Anupama: काव्या को एक्स हस्बैंड का ताना देगा वनराज, कहेगा ये बात

सीरियल अनुपमा (Anupama) के स्टोरी ट्रैक को देखकर #maan के फैंस बेहद खुश हैं. दरअसल, सीरियल में इन दिनों अनुपमा (Rupali Ganguly) और अनुज (Gaurav Khanna) का रोमांस फैंस को काफी पसंद आ रहा है, जिसके चलते वह सुर्खियों में हैं. हालांकि वनराज और काव्या का ड्रामा देख फैंस का गुस्से में नजर आते हैं. लेकिन हाल में शो के नए प्रोमों ने फैंस को और भी ज्यादा खुश कर दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

तोषू और काव्या बने मोहरा

 

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अब तक आपने देखा कि बापूजी, समर, किंजल और देविका मिलकर अनुपमा की तारीफ करते हैं और उसे अपनी शादी में खुश रहने के लिए कहते हैं. वहीं वनराज और परितोष गुस्से में नजर आते हैं. दूसरी तरफ, राखी दवे एक बार फिर काव्या को नौकरी के बाद तलाक लेने की सलाह देती है. हालांकि राखी दवे अपना मकसद पूरा करने के लिए तोषू और काव्या को मोहरा बनाती नजर आती है.

वनराज को हो रहा है गलती का एहसास

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा अपनी शादी के लिए पैसे जुटा लेगी, जिसे देखकर बा बेहद खुश होगी कि उन्हें अब पैसे नहीं देने पड़ेगे. लेकिन वनराज परेशान होगा कि अनुपमा को सब जगह से पैसे मिल रहे हैं, जिसे सोचकर वनराज को बापूजी की कही बात याद आएगी कि अनुपमा एक लक्ष्मी है. इसी के साथ काव्या अपने एक्स हस्बैंड को कौल करती है, जिसे वनराज सुन लेगा.

वनराज देगा काव्या को ताना

इसके अलावा आप देखेंगे कि अनुज और अनुपमा एक साथ क्वालिटी मोमेंट शेयर करेंगे. वहीं काव्या, वनराज से पूछेगी कि क्या वह कुछ भी करने से पहले उससे पूछता है तो वनराज कहेगा कि अगर उसे कोई प्रौब्लम है, तो उसे तलाक ले लेना चाहिए और उसे छोड़ देना चाहिए क्योंकि एक बार जब उसने अनिरुद्ध को छोड़ दिया, तो वह सफल हो गया. वहीं अगर वह उसे भी छोड़ेगी तो वह कामयाब हो जाएगा.

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Deepika-Katrina ने यूं दी Alia-Ranbir को शादी की बधाई

बौलीवुड की बिग फैट वैडिंग यानी आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी (Alia Bhatt and Ranbir Kapoor Wedding) सुर्खियों में हैं. जहां पूरी बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री दोनों को ऑफिशियली मिस्टर एंड मिसेज कपूर बनने की बधाई दे रहे हैं तो वहीं अब कपल के एक्स रह चुके सितारों ने भी दोनों की शादी पर रिएक्शन दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दीपिका-कटरीना ने लिखी ये बात  पादुकोण

रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की फोटोज पर एक्स गर्लफ्रेंड दीपिका पादुकोण  (Deepika Padukone) ने कमेंट में लिखा, मैं उम्मीद करती हूं कि तुम दोनों का प्यार जिंदगी भर सलामत रहे. वहीं कटरीना कैफ  (Katrina Kaif) ने भी दोनों की वेडिंग फोटो स्टोरी पर शेयर करते हुए बधाई दी है. इसी के साथ लिखा कि तुम दोनों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं. मेरी दुआ है कि तुम दोनों हमेशा ऐसे ही खुश रहो. इसके अलावा आलिया भट्ट के एक्स बौयफ्रेंड रह चुके सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) ने भी दोनों को बधाई देते हुए लिखा, बधाई हो दोस्तों. मेरी तरफ से दोनों को प्यार.

 

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(क्रेडिट- विरल भयानी)

सेलेब्स ने दी बधाई

 

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आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी की फोटोज पर टीवी आर बौलीवुड के कई हस्तियों ने कमेंट करते हुए बधाई दी. वहीं शादी का हिस्सा रहे डायरेक्टर करण जौहर ने भी इमोशनल होते हुए लिखा,  लगता है कि हम ये दिन देखने के लिए ही जिंदा हैं. यहां एक बहुत ही खूबसूरत फैमिली है जिसमें इमोशन्स की कोई कमी नहीं है. मैं आज बहुत खुश हूं. मेरी डार्लिंग आलिया भट्ट आज शादी के बंधन में बंध गई है. ऊपर वाला उसे हमेशा खुश रखे. रणबीर कपूर अब से तुम मेरे दामाद हुए. बधाई हो…. अब से तुम्हारी जिंदगी में हमेशा खुशियां ही खुशियां रहेंगी. इसके अलावा मौनी रॉय, अनिल कपूर, साउथ एक्ट्रेस सामंथा और अनन्नया पांडे जैसे सितारों ने दोनों को बधाई दी हैं.

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आलिया भट्ट और रणबीर कपूर बनें पति-पत्नी 

पिछले 5 सालो तक एक दूसरे को डेटिंग करने के बाद अलिया भट्ट और रणवीर कपूर की शादी 14 अप्रैल को मुंबई में संपन्न हुई. इनके शादी के बारें में कई बार अफवाहें उडती रही, लेकिन दोनों ने कुछ न कुछ बहाना बनाकर टालते रहे, यहाँ तक की नीतू कपूर जो एक डांस रियलिटी शो की जज बनी है, उन्होंने भी एक इंटरव्यू के दौरान शादी की तारीख बताने में अनाकानी की, जबकिशादी की बात सब जानते थे.रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी बांद्रा के पाली हिल स्थित ‘वास्तु’ अपार्टमेंट में हुई, जहाँ इस शादी में आने वाले गेस्ट की संख्या बहुत कम थी.

इस शादी में करीना कपूर, करिश्मा कपूर, पूजा भट्ट, आकाश अम्बानी से लेकर कई सेलेब्स ने शिरकत की थी. कपूर और भट्ट परिवार खुशी से झूम उठे है. शादी बहुत ही गुपचुप तरीके से की गई, लेकिन शादी के बाद दोनों ने मिडिया के सामने आकर कई पोज दिए. दूल्हा-दुल्हन के गेटअप में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की तस्वीरें बहुत ही सुंदर है. शादी में आलिया ने ऑफ व्हाइट लहंगा पहना, जिसे डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने डिजाईन की थी,जिसमें तितलियां बनी हुई थी, अभी तक आलिया कई बार ऑन स्क्रीन ब्राइड बन चुकी है और ऐसे में उन्होंने अपनी शादी के लिए ट्रेडिशनल ब्राइडल कलर्स की जगह अलग लुक को चुना है.वहीं रणबीर ने व्हाइट शेरवानी पहनी, जिससेएम्ब्रॉइडरी वाली सिल्क शेरवानी के साथ अनकट डायमंड बटन लगे हुए है, इसके साथ, सिल्क ऑर्गेंजा साफा और शॉल भी रणबीर ने कैरी की है, इनकी शॉल में जरी मारोरी एम्ब्रॉयडरी है, इसी के साथ किलांगी भी सब्यसाची हेरिटेज ज्वेलरी की ही है, जिसमें अनकट डायमंड्स, पन्ना और मोती लगे है. रणबीर कपूर के वास्तु अपार्टमेंट के इस आलीशान घर में आलिया भट्ट, दुल्हन बनकर आई है, जिसे गौरी खान ने डिजाईन की है. इस अपार्टमेंट में रणबीर कपूर वर्ष 2016 में शिफ्ट हुए थे, लेकिन अबतक अपने पेरेंट्स के साथ ही रहते थे.

 

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यहाँ यह भी जान ले कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने डेटिंग से पहले दोनों ने कईयों को डेटिंग की है. आलिया से मिलने से पहले रणबीर ने कई अभिनेत्रियों के साथ डेटिंग की है, जिसमें अभिनेत्री कैटरिना कैफ से रणबीर की दोस्ती काफी सीरियस थी, दोनों ने शादी का प्लान भी बनाया था, लेकिन शादी नहीं हुई, रणबीर और दीपिका की डेटिंग बहुत गहरी थी, लेकिन यह रिश्ता शादी तक नहीं पहुंची. दीपिका ने रणबीर को विश्वासघाती कहा और कई वर्षों तक डिप्रेशन में रही.सोनम कपूर के साथ भी रणबीर कपूर का नाम जुड़ा. आलिया फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ़ द इयर’ के बाद सिद्दार्थ मल्होत्रा के साथ डेटिंग की खबरें आई.

बहरहाल आलिया और रणबीर की डेटिंग का अंत शादी के रूप में हुआ और दोनों के पति-पत्नी बनने पर उनके फैन्स काफी खुश है. सूत्रों की माने,तो कोविड और ऋषि कपूर की अचानक मृत्यु से ये शादी टल गयी थी. उन दोनों ने अपने प्यार को निर्देशक आयान मुखर्जी की फिल्म ‘ब्रह्माश्त्र’ के सेट पर खोज पाए और शादी का निश्चय किया. इस शादी से  फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ की रिलीज में कितना फायदा होगा, ये तो फिल्म की रिलीज के बाद ही पाता चलेगा.

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बहार: भाग 2- क्या पति की शराब की लत छुड़ाने में कामयाब हो पाई संगीता

लेखिका- रिचा बर्नवाल

अपने पति के कटाक्ष को नजरअंदाज कर आरती ने मुसकराते हुए संगीता से कहा, ‘‘मुझे चाट खाने का शौक था और इन्हें एसिडिटी हो जाती थी बाहर का कुछ खा कर… तुम्हें एक घटना सुनाऊं?’’

‘‘सुनाइए, मम्मी,’’ संगीता ने फौरन उत्सुकता दिखाई.

‘‘तेरे ससुर शादी की पहली सालगिरह पर मुझे आलू की टिक्की खिलाने ले गए. टिक्की की प्लेट मुझे पकड़ाते हुए बड़ी शान से बोले कि जानेमन, आज फिर से करारी टिकियों का आनंद लो. तब मैं ने चौंक कर पूछा कि मुझे आप ने पहले टिक्की कब खिलाई? इस पर जनाब बड़ी अकड़ के साथ बोले कि इतनी जल्दी भूल गई. अरे, शादी के बाद हनीमून मनाने जब मसूरी गए थे, क्या तब नहीं खिलाई थी एक प्लेट टिक्की?’’

आरती की बात पर संगीता और रवि खिलखिला कर हंसे. रमाकांत झेंपेझेंपे अंदाज में मुसकराते रहे. शरारत भरी चमक आंखें में ला कर आरती उन्हें बड़े प्यार से निहारती रहीं.

अचानक रमाकांत खड़े हुए और नाटकीय अंदाज में छाती फुलाते हुए रवि से बोले, ‘‘झठीसच्ची कहानियां सुना कर मेरी मां मेरा मजाक उड़ा रही है यह मैं बरदाश्त नहीं कर सकता.’’

‘‘आप को इस बारे में कुछ करना चाहिए, पापा,’’ रवि बड़ी कठिनाई से अपनी आवाज में गंभीरता पैदा कर पाया.

‘‘तू अभी जा और पूरे सौ रुपए की टिक्कीचाट ला कर इस के सामने रखे दे. इसे अपना पेट खराब करना है, तो मुझे क्या?’’

‘‘बात मेरी चाट की नहीं बल्कि संगीता के फिल्म न देख

पाने की चल रही थी, साहब,’’ आरती ने आंखें मटका कर उन्हें याद दिलाया.

‘‘रवि,’’ रमाकांत ने सामने बैठे बेटे को उत्तेजित लहजे में फिर से आवाज दी.

‘‘जी, पिताजी,’’ रवि ने फौरन मदारी के जमूरे वाले अंदाज में जवाब दिया.

‘‘क्या तू जिंदगीभर अपनी बहू से फिल्म न दिखाने के ताने सुन कर अपमानित होना चाहेगा?’’

‘‘बिलकुल नहीं.’’

‘‘तब 4 टिकट फिल्म के भी ले आ, मेरे लाल.’’

‘‘ले आता हूं, पर 4 टिकट क्यों?’’

‘‘हम दोनों भी इन की खुशी की खातिर 3 घंटे की यातना सह लेंगे.’’

‘‘जी,’’ रवि की आवाज कुछ कमजोर पड़ गई.

‘‘अपने घटिया मुकद्दर पर आंसू वहां लेंगे.’’

‘‘जी.’’

‘‘कभीकभी आंसू बहाना आंखों के लिए अच्छा होता है, बेटे.’’

‘‘जी.’’

‘‘जा फिर चाट और टिकट

ले आ.’’

‘‘लाइए, पैसे दीजिए.’’

‘‘अरे, अभी तू खर्च कर दे. मैं बाद में दे दूंगा.’’

‘‘उधार नहीं चलेगा.’’

‘‘मेरे पास सिर्फ 2-2 हजार के नोट हैं.’’

‘‘मैं तुड़ा देता हूं.’’

‘‘मुझ पर विश्वास नहीं तुझे?’’

रवि मुसकराता हुआ खामोश खड़ा रहा. तभी संगीता और आरती ने ‘‘कंजूस… कंजूस,’’ का नारा बारबार लगाना शुरू कर दिया.

रमाकांत ने उन्हें नकली गुस्से से घूरा, पर उन पर कोई असर नहीं हुआ. तब वे अचानक मुसकराए और फिर अपने पर्स से निकाल कर उन्होंने 5 सौ के 2 नोट रवि को पकड़ा दिए.

संगीता और आरती अपनी जीत पर खुश हो कर खूब जोर से हंसीं. उन की हंसी में रवि और रमाकांत भी शामिल हुए.

उस रात संगीता और रवि एकदूसरे की बांहों में कैद हो कर गहरी नींद सोए. उन का वाह रविवार बड़ा अच्छा गुजरा था. एक लंबे समय के बाद रवि ने दिल की गहराइयों से संगीता को प्रेम किया था. प्रेम से मिली तृप्ति के बाद उन्हें गहरी नींद तो आनी ही थी.

अगले दिन सुबह 6 बजे

के करीब रसोई से आ रही खटपट की आवाजें सुन कर संगीता की नींद टूटी. वह देर तक सोने की आदी थी. नींद जल्दी खुल जाए

तो उसे सिरदर्द पूरा दिन परेशान करता था.

सुबह बैड टी उसे रवि ही

7 बजे के बाद पिलाता था. उसे अपनी बगल में लेटा देख संगीता ने अंदाजा लगाया कि उस के सासससुर रसोई में कुछ कर रहे हैं.

संगीता उठे या लेटी रहे की उलझन को सुलझ नहीं पाई थी कि तभी आरती ने शयनकक्ष का दरवाजा खटखटाया.

दरवाजा खोलने पर उस ने अपनी सास को

चाय की ट्रे हाथ में लिए खड़ा पाया.

‘‘रवि को उठा दो बहू और दोनों चाय पी लो. आज की चाय तुम्हारे ससुर ने बनाई है. वे नाश्ता बनाने के मूड में भी हैं,’’ ट्रे संगीता के हाथों में पकड़ा कर आरती उलटे पैर वापस चली गईं.

संगीता मन ही मन कुढ़ गई. रवि को जागा हुआ देख उस ने मुंह फुला कर कहा, ‘‘नींद टूट जाने से सारा दिन मेरा सिरदर्द से फटता रहेगा. अपने मातापिता से कहो मुझे जल्दी न उठाया करें.’’

रवि ने हाथ बढ़ा कर चाय का गिलास उठाया और सोचपूर्ण लहजे में बोला, ‘‘पापा को तो चाय तब बनानी नहीं आती थी. फिर वे आज नाश्ता बनाएंगे? यह चक्कर कुछ समझ में नहीं आया.’’

संगीता और सोना चाहती थी, पर वैसा कर नहीं सकी. रमाकांत और आरती ने रसोई में खटरपटर मचा कर उसे दबाव में डाल दिया था. बहू होने के नाते रसोई में जाना अब उस की मजबूरी थी.

चाय पीने के बाद जब संगीता रसोई में पहुंची, तब रवि उस के पीछपीछे था.

रसोई में रमाकांत पोहा बनाने की तैयारी में लगे थे. आरती एक तरफ स्टूल पर बैठी अखबार पढ़ रही थीं.

उन दोनों के पैर छूने के बाद संगीता ने जबरन मुसकराते हुए कहा, ‘‘पापा, आप यह क्या कर रहे हैं? पोहा मैं तैयार करती हूं… आप कुछ देर बाहर घूम आइए.’’

रमाकांत ने हंस कर कहा, ‘‘तेरी सास

से मैं ने 2-4 चीजें बनानी

सीखी हैं. ये सब करना मुझे अब बड़ा अच्छा लगता है. बाहर घूमने का काम आज तुम और रवि कर आओ.’’

‘‘मां, पापा ने रसोई के काम कब सीख लिए और उन्हें ऐसा करने की जरूरत क्या आ पड़ी थी?’’ रवि ने हैरान हो कर पूछा.

‘‘तेरे पिता की जिद के आगे किसी की चलती है क्या? पतिपत्नी को घरगृहस्थी की जिम्मेदारियां आपस में मिलजुल कर निभानी चाहिए, यह भूत इन के सिर पर अचानक कोविड-19 के लौकडाउन के दौरान चढ़ा और सिर्फ सप्ताहभर में पोहा, आमलेट, उपमा, सूजी की खीर, सादे परांठे और आलू की सूखी सब्जी बनाना सीख कर ही माने,’’ आरती ने रमाकांत को प्यार से निहारते हुए जवाब दिया.

‘‘यह तो कमाल हो गया,’’ रवि की आंखों में प्रशंसा के भाव उभरे.

‘‘जब तक मैं यहां हूं, तुम सब को नाश्ता कराना अब मेरा काम है,’’ रमाकांत ने जोशीले अंदाज में कहा.

‘‘आज पोहा खा कर ही हमें मालूम पड़ेगा कि रोजरोज आप का बनाया नाश्ता हम झेल पाएंगे या नहीं,’’ अपने इस मजाक पर सिर्फ रवि ही खुद हंसा.

‘‘आप रसोई में काम करें, यह ठीक नहीं है,’’ संगीता ने हरीमिर्च काट रहे रमाकांत के हाथ से चाकू लेने की कोशिश करी.

‘‘छोड़ न, बहू,’’ आरती ने उठ कर उस का हाथ पकड़ा और कहा, ‘‘ये रवि करेगा अपने पिता की सहायता. चल तू और मैं कुछ देर सामने वाले पार्क में घूम आएं. बड़ा सुंदर बना हुआ है पार्क.’’

संगीता ‘न… न,’ करती रही, पर आरती उसे घुमाने के लिए घर से बाहर ले ही गईं. इधर रमाकांत ने रवि को जबरदस्ती अपनी बगल में खड़ा कर पोहा बनाने की विधि सिखाई.

आगे पढ़ें- अचानक आरती ताली बजाती हुई…

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क्या आप गईं है फूलों की घाटी चमोली में, अगर नहीं तो जरूर जाएं

हम में से कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें नेचर और वाइल्डलाइफ के बारे में जानने का बड़ा शौक होता है. उन्हें किसी हिल स्टेशन या बीच पर घूमने से ज्यादा पेड़-पौधे, फूल, पक्षी देखने में मजा आता है, अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, तो हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तराखंड की ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में जहां जाकर आपका मूड फ्रेश हो जाएगा. आज हम आपको सैर करवाएंगे चमोली की. चमोली जनपद की प्रसिद्ध तीर्थ स्थली बद्रीनाथ धाम के पास गंधमादन पर्वत पर स्थित फूलों की घाटी या वैली औफ फ्लावर्स. आइए जानते हैं यहां क्या है खास.

सांखरी जोहर

पुरौला से आगे है सांखरी जोहर की दून का बेस कैंप है. यहां तक बसें और टैक्सियां आती हैं. इसके बाद शुरू होती है लगभग 35 किमी. की ट्रैकिंग यानी पद यात्रा. यह खांई बद्दान क्षेत्र कहलाता है और यहां के सीधे-सादे निवासी अब भी आधुनिक सुख-सुविधाओं से वंचित हैं. सांखरी में आपको पोर्टर और गाइड मिल जाएंगे और आप रात्रि विश्राम के बाद सुबह अपनी रोमांचक यात्रा शुरू कर सकती हैं.

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गोपेश्वर

गोपेश्वंर शहर में तथा इसके आस-पास बहुत सारे मंदिर है. यहां के प्रमुख आकर्षण केन्दों में पुराना शिव मंदिर, वैतामी कुंड आदि है.

फूलों की घाटी

प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है. इस स्थान की खोज फ्रेंक स्मिथ और आर.एल. होल्डवर्थ ने 1930 में की थी. इस घाटी में सबसे अधिक संख्या में जंगली फूलों की किस्में देखी जा सकती हैं. पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा के लिए यहां से संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे. इस घाटी में पौधों की 521 किस्में हैं. 1982 में इस जगह को राष्ट्रीय उद्दान के रूप में घोषित कर दिया गया था. इसके अलावा यहां आपको कई जानवर जैसे, काला भालू, हिरण, भूरा भालू, तेंदुए, चीता आदि देखने को मिल जाएंगें.

कैसे पहुंचे

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोलीग्रांड है. यह चमोली से 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल और अल्मोड़ा सभी जगह से चमोली के लिए बसें चलती है.

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#aliakishaadi: फैशन के मामले में आलिया को टक्कर देती हैं नीतू कपूर

बौलीवुड एक्ट्रेस नीतू कपूर जल्द ही सास बनने वाली हैं. आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी के रस्में शुरु होने के बाद से नीतू कपूर काफी एक्टिव नजर आ रही हैं. वहीं उनके लुक्स भी सोशलमीडिया पर वायरल हो रहे हैं. दरअसल, नीतू कपूर के लुक्स की बात करें तो वे अपने टाइम की खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से एक रह चुकी है और आज भी उनका इंडियन से लेकर वेस्टर्न तक का फैशन वर्किंग वूमन और लेडिज के बीच काफी पौपुलर है. इसलिए आज हम आपको उनके कुछ लुक्स के बारे में बताएंगे. जिन्हें आप किसी भी पार्टी या आउटिंग के लिए अपना सकते हैं.

रियलिटी शो में दिखा रही हैं लुक्स के जलवे

 

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इन दिनों टीवी रियलिटी शो Dance Deewane Juniors में नजर आ रही हैं, जिसमें वह इंडियन और वेस्टर्न लुक से फैंस का दिल जीत रही हैं. शरारा हो या सूट, हर लुक में नीतू कपूर बेहद खूबसूरत लग रही हैं.

 

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 नीतू का सिंपल लुक है परफेक्ट

 

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नीतू कपूर अपने सिंपल फैशन के लिए जानी जाती हैं. उनकी सिंपल वाइट टौप और ग्रीन पैंट आपके लुक को कम्पलीट करने के लिए बेस्ट है. आप नीतू कपूर के इस लुक को औफिस के लिए ट्राय कर सकते हैं.

 

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So many memories dances weddings with @masterjirocks was quite a reunion reminiscing ????

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ग्रीन लुक है पार्टी के लिए परफेक्ट

 

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Congratulations Shweta ?? outstanding collection ?? #shwetabachchan#mxsworld

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ग्रीन लुक मौनसून के लिए परफेक्ट है. मौनसून में आजकल लोगों को ब्राइट कलर ज्यादा पसंद आते हैं. अगर आप भी मौनसून में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल ग्रीन टौप विद ग्रीन पैंट के साथ हिल्स आपके लुक को पार्टी के लिए परफेक्ट बनाएगा.

मौनसून में शौर्ट्स लुक है परफेक्ट 

 

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Acha chalte hain ??will miss the madness ❤️??

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अगर आप मौनसून में कहीं beach पर या कहीं घूमने का प्लैन कर रहें हैं तो ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल शर्ट के साथ ब्राउन शौर्ट्स और उससे मैचिंग के शूज आपको कम्फरटेबल का एहसास दिलाएगा.

 ब्लैक लुक औफिस या फौर्मल गैदरिंग के लिए है परफेक्ट

 

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Super time @kapilsharma show !!!great talent ?? never laughed so much ?????

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नीतू कपूर का ब्लैक पैंट और बो के साथ चेक शर्ट आपके लिए परफेक्ट लुक है. ये लुक आप अपने औफिस या किसी सिंपल फौर्मल गैदरिंग के लिए ट्राय कर सकते हैं. ये लुक सिंपल के साथ-साथ एलिगेंट भी है.

Summer Special: फैमिली को परोसें अनार की चटनी

अनार सेहत के लिए फायदेमंद होता है, जिसका जूस या दाने निकालकर खाए जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी अनार की चटनी ट्राय की है. आइए आपको बताते हैं अनार की चटनी की आसान रेसिपी.

सामग्री

– 500 ग्राम अनारदाना

– 70 ग्राम चीनी

– 1 छोटा चम्मच गरममसाला

– 1/2 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– नमक स्वादानुसार.

विधि

थोड़ा सा अनारदाना अलग रख दें, बाकी का जूस निकाल लें. एक पैन में अनार का जूस और चीनी डाल कर धीमी आंच पर अनार का जूस आधा होने तक पकाएं. अब इस में बाकी सारी सामग्री डाल कर उबाल लें. अलग से रखा अनारदाना डाल कर आंच बंद कर दें. ठंडा कर जार में भर फ्रिज में रखें व फिर रोटी या परांठे के साथ सर्व करें.

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बादाम तेल के 11 फायदे

बादाम सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए फायदेमंद होता है. बादाम का तेल भी कई तरह से फायदे पहुंचाता है. बादाम में 44% तेल होता है, जिसे कोल्ड प्रैस कर के निकाला जाता है. बादाम के तेल में ऐंटीइनफ्लैमेटरी, इम्यूनिटी बूस्टिंग सहित कई गुण होते हैं. इस में विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है. पोषक तत्त्वों से भरपूर बादाम का तेल कई बीमारियों से दूर रखता है. बादाम तेल से बच्चों की मालिश की जाए तो उन का शारीरिक विकास तेजी से होता है.

बादाम तेल के कुछ ऐसे गुणों के बारे में जानिए जो खूबसूरती बरकरार रखने के साथसाथ आप को हैल्दी रखने में भी मदद करते हैं:

1. त्वचा के लिए फायदेमंद:

बादाम तेल का खूबसूरती निखारने में जवाब नहीं. यह चेहरे की रंगत निखारने के साथसाथ उसे ग्लो देने में भी बहुत असरदार होता है. इस से त्वचा को सही मात्रा में पोषण मिलता है, जिस से वह पहले से ज्यादा चमकदार और मुलायम हो जाती है. बादाम तेल में ग्लाइकोसाइड ऐमिगडेलिन होता है जो रफ त्वचा, झाइयों, अल्ट्रावायलेट किरणों से हुए स्किन को नुकसान आदि में फायदेमंद होता है. जिन लड़कियों को बाहर रहना पड़ता हो और स्किन सांवली या काली हो गई हो, उन के लिए बादाम तेल के निर्माता इसे फायदेमंद बताते हैं.

2. डार्क सर्कल्स के लिए फायदेमंद:

डार्क सर्कल्स जैसे समस्या से भी नजात पाने के लिए आप बादाम तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं. रात को सोने से पहले आंखों के नीचे इस तेल से मालिश करें. इस तेल से हलकी मालिश करने से बहुत फायदा मिलता है.

3. जब हो जाए टैनिंग:

विभिन्न गुणों से भरपूर है यह तेल नैचुरल सनस्क्रीन की तरह भी काम करता है. टैनिंग से बचने या टैनिंग रिमूव करने के लिए बादाम तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह सूर्य की अल्ट्रावायलैट किरणों से त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है. सेल्स गर्ल, फिजिकल क्लासें लेने वाली टीचर्स, खेलों में काम करने वाली लड़कियों को इस तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है.

4. डैंड्रफ से छुटकारा:

बादाम तेल डैड सैल्स को हटा कर डैंड्रफ से छुटकारा दिलाता है. बालों को डैंड्रफ फ्री और हैल्दी रखने के लिए इस तेल की मसाज के बाद हेयर स्टीम जरूर लें. इस से बालों की सौफ्टनैस और वौल्यूम दोनों में फर्क नजर आएगा.

5. स्प्लिट एंड्स से छुटकारा:

बालों को स्प्लिट एंड्स से छुटकारा दिलाना है तो समय पर ट्रिमिंग कराने के साथसाथ हलके गरम बादाम तेज को बालों के जड़ों और बालों के लंबाई के आखिर में लगाएं. इस से बालों का रूखापन खत्म होगा और स्प्लिट एंड्स से छुटकारा मिलेगा.

6. हृदय रोगों से सुरक्षा:

बादाम तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट एलडीएल यानी खराब कोलैस्ट्रौल को कम करता है और एचडीएल यानी अच्छे कोलैस्ट्रौल को बढ़ाता है जो रक्तचाप व हृदय की समस्याओं को कम करते हैं.

7. डायबिटीज:

बादाम का तेल ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है.

8. वजन कम करने में सहायक:

बादाम के तेल के फायदों में वजन कम करना भी शामिल है. बादाम में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट वजन घटाने में मदद सकता है.

9. आंखों के लिए फायदेमंद:

बादाम के तेल में मिलने वाला विटामिन ई आंखों को स्वस्थ बनाने का काम करता है. बादाम के तेल में अल्फाटोकोफेरोल नामक विटामिन ई मौजूद होता है जो बूढ़ी होती आंखों की रोशनी को भी बढ़ा सकता है.

10. पाचन की समस्याओं में लाभकारी:

बादाम का तेल कब्ज, डायरिया, पेट दर्द आदि को दूर करता है.

11. बच्चों के लिए फायदेमंद:

शिशु के त्वचा के लिए बादाम तेल बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इस में विटामिन ए, बी-1, बी-2, बी-6 विटामिन ई और आवश्यक फैटी ऐसिड होते हैं, जो शिशु की त्वचा को पोषित करने के साथसाथ उस की रंगत निखारने में भी मदद करते हैं. इस से शिशु की त्वचा मुलायम रहती है.

शिशु के शारीरिक विकास के लिए बादाम तेल से नियमित मालिश करें. इस से शिशु के शरीर के मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. सर्दियों के मौसम में तो यह और भी फायदेमंद होता है.

बादाम तेल में मौजूद औमेगा-6 फेटी ऐसिड फायदेमंद होता है. इसे आप दूध में मिला कर बच्चों को दे सकती हैं.

गर्भावती महिलाओं के लिए:

गर्भावस्था में बादाम तेल का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. गर्भावस्था में बादाम तेल के सेवन से डिलिवरी के नौर्मल होने की संभावना बढ़ जाती है. इस में मौजूद फौलिक ऐसिड, आयरन, कैल्सियम और दूसरे पोषक तत्त्व मां और बच्चा दोनों को फायदा पहुंचाते हैं. इस में भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है. इस में मौजूद कैल्सियम और मैग्नीशियम दोनों शरीर की कई आवश्यकताओं को पूरा करते हैं.

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स्पीचलेस मर्डर

लेखक- निखिल अग्रवाल  

प्राची सुंदर और प्रतिभावान नाट्य कलाकार थी. उस की गलती यह थी कि वसीम से प्रेमिल रिश्ते निभाते हुए उस ने कभी उस की प्रवृत्ति को जाननेसमझने की जरूरत नहीं समझी. यही वजह थी कि ब्रेकअप के बाद भी वह सिर्फ इसलिए उस की जान का प्यासा बन कर घूमने लगा क्योंकि वह अपने साथी कलाकार और दोस्त अंकित के साथ घूमनेफिरने लगी थी. आखिर उस ने…

तारीख – 25 अप्रैल, 2019

समय – सुबह 7 बजे

घटनास्थल – यूनाइटेड वे गरबा ग्राउंड

स्थान – गुजरात का महानगर वडोदरा.

सुबह भले ही अलसाई सी थी, लेकिन सूरज ऊपर चढ़ आया था. हल्की हवा जरूर चल रही थी, लेकिन गरमी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. कुछ लोग घरों से मौर्निंग वौक पर निकले थे तो कुछ दूध ब्रेड वगैरह लेने के लिए. कुछ लोग जब गरबा ग्राउंड के पास से निकल रहे थे तो उन की निगाह पेड़ के नीचे लेटी एक लड़की पर पड़ी. उस के आधे चेहरे पर दुपट्टा पड़ा हुआ था, जिस की वजह से चेहरा ठीक से नजर नहीं आ रहा था.

सुबहसुबह एक लड़की को इस तरह पड़ी देख लोगों के  कदम ठिठक गए. एक बुजुर्ग ने लोगों को उस के बारे में बात करते देखा तो बोले, ‘‘ऐसे क्या देख रहे हो, आवाज लगाओ, ठीक होगी तो कुछ बोलेगी.’’

लोगों को बुजुर्ग की बात ठीक लगी. एक दो ने आवाज दी, ‘‘ऐ लड़की, उठो, यहां क्यों सो रही हो?’’

लेकिन लड़की में कोई हलचल नहीं हुई. दोबारा आवाज लगाने का भी कोई परिणाम नहीं निकला. यह देख लोगों ने अपनीअपनी राय देनी शुरू कर दी. कुछ कह रहे थे कि संभव है किसी नशे में हो तो कुछ की राय थी कि उस के साथ कोई अनहोनी हुई है. तभी एक आदमी ने आगे बढ़ कर लड़की के चेहरे से दुपट्टा हटा दिया. एक करवट पड़ी वह लड़की 23-24 साल की थी, देखने में सुंदर.

लड़की के शरीर पर ऐसा कोई निशान नजर नहीं आया, जिस से यह लगता कि उस के साथ कोई अनहोनी हुई है. एक व्यक्ति ने लड़की की नब्ज टटोल कर देखी, तो उस में जीवन के लक्षण नजर नहीं आए. उस का शरीर ठंडा पड़ चुका था.

वहां मौजूद लोगों ने लड़की को पहचानने की कोशिश की लेकिन कोई भी पहचान नहीं पाया. अलबत्ता एक दो लोगों ने यह जरूर कहा कि इस लड़की को कभीकभार आसपास आतेजाते देखा जरूर था. उन्होंने यह अंदेशा भी जताया कि संभव है, वह कहीं आसपास की ही रहने वाली हो.

इस बीच किसी ने मोबाइल से पुलिस को सूचना दे दी थी. कुछ ही देर में जेपी रोड थाने की पुलिस वहां पहुंच गई. पुलिस ने लड़की को हिलाडुला कर देखा. पता चला कि उस की मृत्यु हो चुकी है. उस के शरीर पर किसी तरह के हमले के निशान नहीं थे. अलबत्ता गौर से देखने पर गले पर छीनाझपटी और दबाने के निशान जरूर दिखाई दिए.

इस से यह बात साफ हो गई कि उस की हत्या गला घोंट कर की गई है. पुलिस ने सबूतों की तलाश में इधरउधर नजरें दौड़ाईं तो लाश से कुछ दूरी पर एक स्कूटी खड़ी दिखाई दी. वहीं एक लेडीज पर्स भी पड़ा था. पुलिस ने पर्स खोल कर देखा तो उस में कुछ कागज मिले, जिन से यह पता चल गया कि मृतका का नाम प्राची मौर्य है.

इस बीच वहां काफी भीड़ एकत्र हो गई थी. लड़की की हत्या की सूचना मिलने पर पुलिस के कई अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे. भीड़ में से कुछ लोगों ने उस लड़की के शव की शिनाख्त प्राची मौर्य के रूप में कर दी. लोगों से पता चला कि प्राची पुरानी पादरा रोड पर रिलायंस मौल की गली में स्थित आर्किड बंगला में रहती थी. जहां प्राची की लाश मिली थी, उस से उस का मकान करीब 200 मीटर दूर था.

थाना जेपी रोड पुलिस हत्या का केस दर्ज करने के बाद आर्किड बंगला पहुंची और प्राची की मां यशोदा और बहन साची से पूछताछ की. सुबहसुबह पुलिस को घर पर आया देख प्राची की मां और बहन डर गए. पुलिस ने उन्हें प्राची की लाश मिलने के बारे में बता कर पूछा कि उसे कौन मार सकता है?

प्राची की मौत की खबर सुन कर उस की मां व बहन रोने लगीं. पुलिस ने उन्हें ढांढस बंधा कर प्राची के दोस्तों आदि के बारे में पूछा. पता चला कि प्राची नाट्य कलाकार थी. वह एक दिन पहले यानी 24 अप्रैल को अपने थिएटर ग्रुप के साथ वडोदरा से खंभात गई थी. वह घर पर कह कर गई थी कि आधी रात के बाद तक वडोदरा लौट आएगी.

घर वाले रातभर प्राची के घर आने का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आई. मां यशोदा ने रात को उस के मोबाइल पर फोन भी किया, पर बात नहीं हुई. इस के बाद घर वालों ने सोचा कि संभव है रात हो जाने की वजह से प्राची का थिएटर ग्रुप खंभात में ही रुक गया हो. सुबह आ जाएगी. इसलिए वे लोग निश्चित हो कर सो गए थे.

पुलिस को प्राची की मां यशोदा और बहन साची पूछताछ में ऐसी कोई खास बात तो पता नहीं चली लेकिन उस के एकदो दोस्तों के मोबाइल नंबर जरूर मिल गए. पुलिस ने प्राची के उन दोस्तों से बात की. उन से पता चला कि प्राची वडोदरा के एप्लौस थिएटर एंड आर्ट ग्रुप में काम करती थी. एप्लौस थिएटर ग्रुप 24 अप्रैल को एक परफौरमेंस देने के लिए खंभात गया था.

खंभात वडोदरा से करीब 70 किलोमीटर दूर है. इस थिएटर ग्रुप को खंभात के औयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) के औफिसर्स क्लब ने नाटक ‘स्पीचलैस’ की परफौरमेंस देने के लिए बुलाया था. नाटक के लिए प्राची के साथ 20 कलाकारों की टीम वडोदरा से खंभात गई थी.

प्राची के दोस्तों से पता चला कि रंगकर्मियों की टीम नाटक की परफौरमेंस दे कर 24-25 अप्रैल की रात को करीब साढ़े बारह-एक बजे के बीच खंभात से वडोदरा लौट आई थी. पुलिस को प्राची के दोस्तों से यह भी पता चला कि प्राची अपने थिएटर ग्रुप के साथी अंकित के साथ अपने घर चली गई थी.

पुलिस ने प्राची के दोस्तों से अंकित का मोबाइल नंबर ले लिया. एक पुलिस टीम ने पंचनामा बना कर प्राची के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया.

पुलिस ने अंकित को फोन किया तो पता चला कि जब वह प्राची को उस के घर छोड़ने जा रहा था, तो उस का पुराना बौयफ्रैंड वसीम मिला था. वसीम और प्राची के बीच काफी कहासुनी हुई थी, झगड़ा भी हुआ था.

अंकित ने यह भी बताया कि वसीम ने प्राची पर हमला भी किया था, लेकिन उस ने प्राची को बचा लिया था. बाद में रात करीब सवा 2 बजे वह प्राची को उस की सोसाइटी के पास मेन रोड पर छोड़ कर अपने घर चला गया था.

वसीम ने प्राची के साथ झगड़ा और मारपीट की थी. यह पता चलने पर पुलिस ने उस की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने प्राची के दोस्तों से वसीम के घर का पता मालूम कर लिया. एक पुलिस टीम वसीम के घर पहुंची.

वसीम के पिता सीआईएसएफ के रिटायर्ड सबइंसपेक्टर हैं. वसीम के घर वालों से पुलिस को पता चला कि वह भरूच के इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रौनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. वह सुबह कालेज जाने की बात कह कर घर से निकल गया था.

पुलिस ने वसीम के घर से उस की एक फोटो ले ली. घर वालों से पता चला कि वसीम भरूच स्थित अपने कालेज ट्रेन द्वारा जाता है. भरूच शहर वडोदरा से करीब 70 किलोमीटर दूर है. वडोदरा से भरूच के लिए थोड़ीथोड़ी देर के अंतराल से रोजाना 45 से ज्यादा ट्रेनें हैं. इसलिए यह पता नहीं चल पाया कि वसीम कौन सी टे्रन से भरूच जाता है.

पुलिस की एक टीम तुरंत वडोदरा रेलवे स्टेशन पहुंच गई. पुलिस ने स्टेशन पर फोटो के सहारे वसीम की तलाश की. लेकिन लगातार ट्रेनों की आवाजाही और सैकड़ों यात्रियों की भीड़ में वसीम को खोजना मुश्किल था.

एक पुलिसकर्मी ने टिकट विंडो पर जा कर वहां मौजूद क्लर्क को वसीम की फोटो दिखा कर पूछा कि इस हुलिए के किसी युवक ने भरूच की टिकट ली है क्या. क्लर्क ने फोटो देख कर बताया कि कुछ देर पहले ही इस युवक ने टिकट ली थी.

इस से पुलिस को यकीन हो गया कि वसीम या तो किसी ट्रेन से भरूच के लिए निकल चुका है, या ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर ही होगा. पुलिस ने सब से पहले यह पता लगाया कि भरूच जाने वाली सब से पहली टे्रन कब और कौन से प्लेटफौर्म पर आएगी.

पता चला कि टे्रन आने वाली है. पुलिस टीम उस ट्रेन के आने से पहले ही प्लेटफार्म पर चारों तरफ फैल गई. फोटो के आधार पर पुलिस ने वसीम को प्लेटफौर्म पर ही पकड़ लिया.

पुलिस टीम उसे थाने ले आई और उस से पूछताछ की. पूछताछ में वसीम ने प्राची से दोस्ती होने की बात तो स्वीकार की, लेकिन उस से झगड़ा होने और उस की हत्या करने की बात से साफ इनकार कर दिया. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उस ने प्राची मौर्य की हत्या करने की बात कबूल कर ली.

थिएटर कलाकार की हत्या की सूचना वडोदरा महानगर के रंगकर्मियों में आग की तरह फैली. रंगकर्मियों में इस से आक्रोश छा गया. सोशल मीडिया के जरिए प्राची हत्याकांड चर्चा का विषय बन गया था.

प्राची हत्याकांड का कुछ ही घंटों में खुलासा होने पर डीसीपी (अपराध) जयदेव सिंह जडेजा ने स्वयं वसीम से पूछताछ की. पूछताछ में प्राची मौर्य की हत्या की जो कहानी उभर कर सामने आई वह वसीम की कुंठा और बदले की आग का परिणाम निकली.

प्राची और वसीम उर्फ अरहान मलेक इंजीनियरिंग के विद्यार्थी थे. प्राची सीनियर थी और वसीम जूनियर. करीब 4 साल पहले प्राची इंजीनियरिंग के 5वें सेमेस्टर में थी. उस समय वसीम तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा था. वसीम ने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी, जिस की वजह से उस की बैक लग गई थी.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई वैसे भी काफी टफ होती है. उस पर वसीम की बैक लग गई. तो उसे पढ़ाई में पिछड़ने की चिंता होने लगी. अब उसे एक साथ 2 सेमेस्टर की परीक्षा देनी थी. वसीम ने दोस्त होने के नाते अपनी सीनियर साथी प्राची से मदद मांगी. प्राची ने आगे बढ़ कर उसे ट्यूशन देने की बात कही. वसीम भी यही चाहता था.

ट्यूशन पढ़ते पढ़ाते हुए दोनों में प्यार के बीज अंकुरित होने लगे. पहले वे कालेज के सीनियर और जूनियर स्टूडेंट होेने के नाते केवल दोस्त थे. अब वे दोस्ती से आगे बढ़ कर प्यार की पींगे बढ़ाने लगे. समय के साथ उन का प्यार परवान चढ़ने लगा. यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद दोनों पार्क में बैठ कर घंटों तक प्रेमप्यार की बातें करते. समय के साथ उन का प्यार प्रगाढ़ होता गया.

चढ़ते यौवन की उम्र ही ऐसी होती है कि अच्छाबुरा या आगेपीछे कुछ नहीं सूझता. प्राची और वसीम के साथ भी यही हुआ. एक मिनट भी एकदूसरे से जुदा नहीं होना चाहते थे. दिन में अधिकांश समय साथ बिताने के बाद भी उन का मन नहीं भरता था, तो दोनों देर रात तक चैटिंग करते थे. नित्य नियम से दोनों कम से कम 20 मिनट चैटिंग करते थे.

फिर अचानक ऐसा कुछ हुआ कि इसी साल फरवरी में प्राची और वसीम के बीच ब्रेकअप हो गया. 4 साल का प्यार एक ही झटके में परिंदों के घोंसलों के तिनकों की तरह बिखर गया. दोनों एकदूसरे से अलग हो गए. दिलों में एकदूसरे के लिए नफरत पैदा हो गई.

वसीम से अलग होने के बाद प्राची अभिनय पर ध्यान देने लगी. वह बेहतरीन ड्रामा आर्टिस्ट थी. उस की गिनती वडोदरा के मंझे हुए कलाकार के रूप में होती थी. कालेज के जमाने से ही वह नाटकों में भाग लेती थी, धीरेधीरे उस के अभिनय में निखार आ गया था.

प्राची ने अपने जीवन में खुशियों के रंग भरने के लिए करीब 2 महीने पहले एप्लौस थिएटर एंड आर्ट ग्रुप जौइन कर लिया था. वह एप्लौस के कलाकारों के साथ रंगकर्म में अभिनय करने लगी. अपने इस काम से वह पूरी तरह खुश थी और नए सिरे से अपनी जिंदगी को संवारने के बारे में सोचने लगी थी.

दूसरी ओर वसीम अपने पुराने प्यार को नहीं भूला. अलग होने के बावजूद उस ने कई बार प्राची को फोन किया. प्राची मोबाइल स्क्रीन पर वसीम का नाम देख कर ही झुंझला जाती थी. उस ने कई बार वसीम को प्यार से और कई बार फटकार कर समझाया. लेकिन वसीम ने उसे फोन करना बंद नहीं किया. थकहार कर प्राची ने वसीम का नंबर ब्लौक कर दिया.

नंबर ब्लौक कर दिए जाने के बाद वसीम गुस्से में भर उठा. वह प्राची से बदला लेने की सोचने लगा. उस ने प्राची की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी. वसीम को पता लगा कि प्राची रोजाना देर रात तक मोबाइल पर औनलाइन रहती है. इस से वसीम को शक हुआ कि प्राची अब किसी अन्य युवक के संपर्क में है.

वसीम ने प्राची के नए दोस्त के बारे में मालूमात किया. पता चला कि उस का अपने साथी कलाकार अंकित से दोस्ताना व्यवहार है. वसीम को लगा कि प्राची का अंकित से कोई चक्कर है. यह बात उसे नागवार लगी. पहले तो वह प्राची से बदला लेने की सोच रहा था. अब उस ने प्राची को ठिकाने लगाने की योजना बनाई.

प्राची एप्लौस ड्रामा स्टूडियो के थिएटर ग्रुप के साथ 24 अप्रैल को नाटक ‘स्पीचलैस’ की परफौरमेंस देने खंभात गई. वसीम ने पहले ही पता लगा लिया था कि प्राची और उस के साथी कब लौटेंगे. उस ने प्राची के रात को ही वापस लौटने की बात कंफर्म करने के लिए फेसबुक पर सर्च कर प्राची के एक साथी का नंबर हासिल किया.

फिर वसीम ने किसी कलाकार का घर वाला बन कर उस से बात की और पूछा कि आप लोग कहां हैं और कब लौटेंगे. प्राची के साथी ने जवाब दिया कि हम खंभात से वडोदरा आ रहे हैं, अभी रास्ते में हैं. रात करीब साढ़े 12 बजे के आसपास पहुंच जाएंगे.

इस पर वसीम वडोदरा में अलकापुरी इलाके में एप्लौस ड्रामा स्टूडियो के पास प्राची के आने का इंतजार करने लगा. रात करीब पौने एक बजे कलाकारों की गाड़ी अलकापुरी पहुंची. सारे कलाकार गाड़ी से उतर गए. इन में प्राची सहित कई युवतियां भी थीं. युवतियों को लेने के लिए उन के घर वाले आए थे. प्राची के साथ अंकित भी गया था, वह भी साथ लौट आया था.

प्राची की स्कूटी और अंकित की मोटरसाइकिल स्टूडियो में खड़ी थीं. दोनों ने अपनीअपनी गाडि़यां लीं. अंकित ने प्राची से कहा कि रात बहुत हो गई है. मैं तुम्हें घर छोड़ आता हूं. प्राची को अंकित से केई परेशानी नहीं थी, क्योंकि वह उस का दोस्त था. वसीम छिप कर दोनों पर नजर रखे हुए था.

दोनों अपनेअपने दुपहिया पर चल पड़े. वसीम ने अपनी गाड़ी से उन का पीछा किया. प्राची और अंकित रास्ते में रुक कर एक गार्डन में बैठ कर बातें करने लगे. दोनों को इतनी रात गए गार्डन में बैठ कर बातें करते देख वसीम को यकीन हो गया कि प्राची और अंकित के बीच प्यार की खिचड़ी पक रही है. यह देख कर वसीम आगबबूला हो उठा.

गार्डन में जा कर उस ने उन दोनों से कहा कि तुम इतनी रात गए यहां क्यों बैठे हो. इसी के साथ उस ने मोबाइल से दोनों की तसवीरें ले लीं. साथ ही कहा कि पुलिस को फोन करता हूं.

प्राची समझ गई कि ब्रेकअप होने के बावजूद वसीम अभी तक उस पर अपना हक जताता है. इसीलिए परेशान करने के मकसद से उस ने तसवीरें ली हैं, और पुलिस को बुलाने की धौंस दे रहा है.

प्राची ने वसीम को फटकारा, तो वह उस से झगड़ा करने लगा.  अंकित भी समझ गया कि वसीम के इरादे नेक नहीं है. इसलिए उस ने प्राची के साथ वहां से निकलने में ही भलाई समझी.

अंकित और प्राची गार्डन से निकल गए और अपनेअपने दुपहिया पर सवार हो कर चल दिए. रात करीब सवा 2 बजे अंकित ने प्राची को उस के घर के पास सोसायटी की बिल्डिंग के बाहर मेन रोड पर छोड़ दिया. अंकित प्राची को गुडनाइट बाय कह कर अपने घर चला गया.

अंकित के चले जाने के बाद प्राची अपने घर जाने लगी, तभी छिप कर पीछा कर रहा वसीम वहां आ गया. उस ने प्राची से पुराने प्रेम संबंध बनाए रखने की बात कहते हुए अंकित को ले कर सवाल किए. प्राची ने कहा कि मेरातुम्हारा ब्रेकअप हो चुका है. यह मेरा पर्सनल मामला है, तुम हमारे बीच में मत पड़ो और जाओ यहां से.

इस बात पर प्राची और वसीम में झगड़ा हो गया. प्राची ने गुस्से में आ कर वसीम के दो चांटे लगा दिए. इस से वसीम तिलमिला उठा. वह प्राची का गला दबाने लगा.

प्राची ने मुकाबला किया, तो उस के नाखून वसीम को चुभ गए. दोनों सड़क पर गिर गए. सड़क पर गिरते ही वसीम उस के गले को कस कर दबाने लगा. वसीम के हाथों की कसावट से प्राची बेहोश हो गई.

इस बीच एक मोटरसाइकिल सवार वहां से गुजरा तो वसीम ने खड़े हो कर मोबाइल पर बात करने का नाटक किया. बाइक सवार कुछ देर रुक कर वहां से चला गया. इस के बाद वसीम ने सड़क पर बेहोश पड़ी प्राची का गला एक बार फिर जोरों से दबाया. जब उसे लगा कि अब प्राची जीवित नहीं है. तो वह वहां से चला गया.

रास्ते में कुछ दूर जाने के बाद वसीम का दिमाग घूमा तो वह प्राची का मोबाइल उठाने के लिए वापस आया. जब वह प्राची के पास से मोबाइल उठा रहा था तो उस ने देखा कि प्राची की सांसें चल रही हैं.

इस बार उस ने प्राची के गले में पड़ा दुपट्टा निकाला और उसी से उस का गला घोंट दिया. प्राची के मरने का पक्का यकीन होने पर वसीम ने उस की लाश को घसीट कर सड़क के किनारे पेड़ और दीवार के बीच फेंक दिया. फिर उस ने उस के चेहरे पर उसी का दुपट्टा डाल दिया.

प्राची को मौत की नींद सुलाने के बाद वसीम रात करीब साढ़े 3 बजे गोरवा इलाके में स्थित अपने घर पहुंचा. घर जा कर वह अपने कमरे में सोने चला गया. लेकिन नींद नहीं आई. वह बैड पर करवटें बदलता रहा. बारबार उस के सामने प्राची का चेहरा घूमता रहा.

सुबह उठ कर वसीम नहायाधोया, फिर बैग उठा कर भरूच स्थित कालेज जाने के लिए घर से निकल गया. वडोदरा स्टेशन पहुंच कर उस ने भरूच की ट्रेन का टिकट लिया. वह ट्रेन का इंतजार कर ही रहा था कि तभी पुलिस टीम ने उसे स्टेशन पर ही दबोच लिया.

अगर पुलिस टीम 5-7 मिनट भी लेट हो जाती तो वसीम भरूच चला जाता. फिर पता नहीं कब हाथ आता और कब प्राची हत्याकांड का रहस्य उजागर हो पाता.

प्राची की मौत से रहस्य का पर्दा उठने और उस के कातिल के पकड़े जाने के बाद 26 अप्रैल को प्राची की अंतिम यात्रा के समय मां यशोदा और छोटी बहन साची के रुदन से माहौल गमगीन हो गया. मां मेरा बेटा चला गया. कह कर रो रही थी.

बहन आई लव यू, तू मत जा… कहते हुए प्राची की लाश से लिपट रही थी. मांबेटी के इस रुदन से वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू आ गए. मध्य प्रदेश में रहने वाले प्राची के पिता बेटी के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सके थे.

(कहानी सौजन्य- मनोहर कहानियां) 

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