घर बनाएं खुलाखुला

खूबसूरत और बड़े घर की चाह हर किसी को होती है. मगर महानगरों  में ऐसे घरों की चाह पूरी होना आसान नहीं. छोटे घरों में रहने को मजबूर होना पड़ता है. मगर थोड़ी सी सूझबूझ व साजसजावट के तरीकों पर ध्यान दे कर छोटे घर में रह कर भी बड़े और हवादार घर में रहने का एहसास ले सकती हैं.

1. रखें घर को व्यवस्थित:

आप अपने घर को जितना अधिक व्यवस्थित व साफसुथरा रखेंगी, कमरों में उतनी ही ज्यादा जगह दिखेगी. सामान करीने से रख कर और फालतू सामान को हटा कर काफी जगह खाली कर सकती हैं.

2. सफेद व हलके रंगों का प्रयोग करें:

गहरे रंग बड़ी जगह के प्रभाव को कम कर देते हैं. इसलिए घर की दीवारों पर सफेद रंग करवाएं. फर्नीचर भी हलके रंग का खरीदें. अगर दीवारों पर सफेद रंग पसंद नहीं आता हो तो हलका हरा, गुलाबी, आसमानी, पीला आदि रंगों का चुनाव करें. पेंट एक ही रंग का करवाएं, फिर देखें कैसे कमरा बड़ा नजर आता है.

3. रोशनी का चुनाव:

घर में भरपूर रोशनी आने दें, क्योंकि घर में पर्याप्त रोशनी उसे उज्ज्वल और बड़ा दिखाने में मदद करती है. अपने घर में रंगों का प्रभाव दिखाने  के लिए लैंप्स भी लगाएं. इस से घर आकर्षक भी दिखेगा.

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4. मल्टीपर्पज फर्नीचर का इस्तेमाल:

ऐसे फर्नीचर में निवेश करें जो बहुद्देशीय हो. इस तरह का फर्नीचर आप के कमरे को व्यवस्थित दिखाता है और जगह भी ज्यादा नजर आती है. उदाहरण के लिए किचन में ऐसी बहुद्देशीय मेज का प्रयोग किया जा सकता है, जिस में बहुत से रैक हों. इस में आप अपनी रसोई के कुछ सामान के साथसाथ दूसरी जरूरी चीजें भी एक जगह रख सकेंगी और सामान अतिरिक्त जगह भी नहीं घेरेगा.

5. घर में मिरर का प्रयोग:

मिरर के प्रयोग से आप अपने कमरे को बड़ा होने का आभास दे सकती हैं. फोकल पौइंट का प्रयोग करें और अपने मिरर को ऐसे केंद्रित करें कि घर में गहराई का भ्रम पैदा हो. घर की खिड़की के सामने वाली दीवार पर दर्पण लगाएं. रोशनी के प्रतिबिंब के कारण आप के कमरे का क्षेत्र बड़ा दिखेगा.

6. स्ट्राइप्स का प्रयोग:

घर के डैकोर में हलका सा फेरबदल ला कर भी घर का रूप बदल सकती हैं. उदाहरण के लिए धारीदार कारपेट्स कमरे को लंबा होने का आभास दे सकता है. इसी तरह घर के परदे आदि में स्ट्राइप्स वाली डिजाइनें घर को बड़ा दिखाती हैं.

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7. मार्गों को ब्लौक न करें:

घर के छोटे प्रवेशमार्गों, लौबियों या हौलवे में संकीर्ण कौन्सोल टेबलों के उपयोग से घर के प्रवेश स्थान के बड़े होने का आभास दे सकती हैं. मार्गों को ब्लौक न करें या प्रवेश स्थान को इतना संकीर्ण न करें कि लोगों को वहां चलने में परेशानी हो. जितनी दूर तक आप की आंखें कमरे को देख पाएंगी, कमरे के उतना ही बड़ा होने का आप को एहसास होगा.

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विवाह से पहले एकदूसरे को पाने की चाह में जो युगल समाज तथा परिवार के विरुद्ध जाने से भी संकोच नहीं करते, अचानक विवाह होते ही या उम्र के किसी भी पड़ाव में एकदूसरे से आखिर अलग होने का निश्चय क्यों कर लेते हैं. यह बहुत चिंतनीय विषय है, क्योंकि पहले के जमाने के विपरीत आधुनिक समय में अधिकतर विवाह युवाओं द्वारा स्वेच्छा से किए जा रहे हैं. मातापिता द्वारा पारंपरिक सुनियोजित विवाह को उन के द्वारा नकारा जा रहा है. इन के असफल होने के कई ठोस कारण हैं:

– प्रेम विवाह बौलीवुड की ही देन है, जहां जीवनसाथी ढूंढ़ते समय न उम्र की परवाह होती है न जाति के बंधन की. जिस रफ्तार से प्रेम विवाह का फैसला यहां लिया जाता है उसी रफ्तार से तलाक भी हो जाता है. ‘तू नहीं और सही’ यह सोच पूरे बौलीवुड को अपनी गिरफ्त में लिए हुए है, जिस के प्रभाव से साधारण जनता भी अछूती नहीं है. यह तो सर्वविदित है ही कि फिल्मों के नायकनायिका की जीवनशैली आम जनता को बहुत जल्दी प्रभावित करती है, क्योंकि वे उन के आदर्श होते हैं.

– बौंबे हाई कोर्ट ने एक केस के संदर्भ में 2012 में बताया था कि अरेंज्ड मैरिज के बजाय प्रेम विवाहों में तलाकों की संख्या कहीं ज्यादा है. 1980 से प्रेम विवाह के चलन ने जोर पकड़ा. उस से पहले प्रेम की अभिव्यक्ति ही इतनी कठिन थी कि परिवार वालों के सामने जाहिर होने से पहले ही वह कहीं और रिश्ता जुड़ने के कारण दम तोड़ देती थी. यह चलन अभी महानगरों तक ही सीमित है. अभी छोटे शहरों और गांवों में इसे समाज द्वारा मान्यता नहीं मिली है. यह स्थिति भी देखने को मिल सकती है कि यदि परिवार वालों को पता लग जाता है, तो समाज में अपने मानसम्मान को ठेस न पहुंचे, इस से बचने के लिए वे अपने बच्चों की हत्या तक करने से भी गुरेज नहीं करते.

– प्रेम जिस की परिणति विवाह में होती है वह वास्तव में प्रेम नहीं होता, महज शारीरिक आकर्षण होता है. प्रेम और विवाह सिक्के के दो पहलू होते हैं. कोई जरूरी नहीं कि एक प्रेमी अच्छा पति भी साबित हो या एक प्रेमिका अच्छी पत्नी साबित हो. विवाह के पहले एक ही व्यक्ति के गुणों पर रीझ कर उस के साथ जीवनयापन का निर्णय करते हैं, लेकिन भारत में विवाह के बाद पत्नी को पति के सारे परिवार से तालमेल बना कर चलना पड़ता है, पति को भी पत्नी के साथ अपने परिवार की जिम्मेदारी निभानी होती है.

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प्रेम विवाह तभी सफल होता है जब इस का आधार त्याग, प्रतिबद्धता, समर्पण, समझौता हो जोकि प्राय: आधुनिक युवावर्ग में देखने को नहीं मिलता है, इसलिए विवाह के पहले देखे गए दिवास्वप्न विवाह के बाद धराशायी होते देख कर पत्नी विद्रोह करने लगती है, जिस का परिणाम तलाक होता है.

– आधुनिक लड़कियां पढ़लिख कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गई हैं. इस का सकारात्मक प्रभाव के साथ नकारात्मक प्रभाव यह पड़ रहा है कि वे असहनशील होने के साथसाथ अभिमानी भी हो रही हैं, जोकि सफल वैवाहिक जीवन के लिए घातक है.

– आधुनिक युवावर्ग अपनी वैयक्तिकता को प्राथमिकता देता है और किसी भी प्रकार का समझौता करने से कतराता है, जोकि वैवाहिक जीवन का आधार है. इसी कारण केरल राज्य में तलाकों की संख्या सब से अधिक है. वहां के लोगों की सोच है कि हर व्यक्ति को विवाह करना ही क्यों चाहिए?

– अमेरिका और कनाडा के साथसाथ कई पश्चिमी देशों के लोग भी अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता देते हैं. आजकल हमारे युवा भी या तो उन देशों में नौकरी के कारण वहां जा कर बस गए हैं या फिर भारत में रह कर विदेशी कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं, इसलिए वहां के लोगों के वैवाहिक जीवन का हमारी युवा पीढ़ी पर भी बहुत प्रभाव पड़ रहा है. मगर वे भूल जाते हैं

कि भारत के विपरीत वहां के युवा न तो परिवार और न ही समाज के प्रति उत्तरदायी होते हैं.

15-16 साल की उम्र के बाद ही न वे मातापिता के प्रति कर्तव्यों के लिए बाध्य होते हैं और न ही मातापिता का उन के प्रति कोई कर्तव्य शेष रह जाता है. उन्हें समाज क्या कहेगा, इस का उन्हें कतई भय नहीं होता है.

– फिर अब तलाक लेना भी बहुत आसान हो गया है खासकर महिलाओं के लिए संविधान की धारा 498 के अंतर्गत वे ससुराल पक्ष पर शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगा कर बहुत आसानी से उन से छुटकारा पा सकती हैं. इस के लिए उन्हें कोई प्रमाण दिखाने की भी आवश्यकता नहीं होती है. हां, इस का महिलाओं द्वारा दुरुपयोग करने के कारण लोगों के दबाव डालने पर संविधान के इस कानून में अब संशोधन किया गया है.

– समाज में दिनप्रतिदिन तलाकों की संख्या में बढ़ोतरी भी युवावर्ग को तलाक लेने के लिए प्रेरित कर रही है. ‘दोस्त तलाक ले सकता है तो मैं क्यों नहीं? शायद दूसरा पार्टनर इस से बेहतर मिल जाए’, यह सोच युवावर्ग पर हावी है.

– प्रेम विवाह अधिकतर बिना सोचेसमझे, अपनी मरजी से होता है, इसलिए उसे अपनी मरजी से तोड़ना भी बहुत आसान लगता है, क्योंकि समाज या परिवार का उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं होता.

– लिव इन रिलेशनशिप भी प्रेम विवाह का ही एक रूप है. महानगरों में इस का चलन खूब जोर पकड़ रहा है. इस में लड़केलड़कियां अपने परिवार को सूचित किए बिना ही स्वेच्छा से एकदूसरे के साथ रहते हैं और आवश्यक नहीं कि साथ रहते हुए वे विवाह के बंधन में बंध ही जाएं. उन्हें रिश्ता टूटने पर तलाक लेने के लिए किसी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की आवश्यकता नहीं होती है यानी बंधनरहित विवाह में यह बहुत सुखदायी रिश्ता लगता है. लेकिन यह तभी तक ठीक है, जब तक दोनों में तालमेल है, क्योंकि समाज और परिवार की मानसिकता इस रिश्ते की स्वीकृति नहीं देती और उन का सहयोग न मिलने के कारण एक के भी द्वारा रिश्ता तोड़ने पर दूसरा भावनात्मक रूप से आहत हो कर अवसाद में चला जाता है. आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाता है. अभिनेत्री प्रत्यूषा इस का ताजा उदाहरण हैं. उन से पहले जिया खान ने भी यह कदम उठाया था.

2005 में साउथ की प्रसिद्ध अभिनेत्री खुशबू के लिव इन रिलेशनशिप और विवाह से पहले शारीरिक रिश्ता रखने के समर्थन में साक्षात्कार में खुलेआम बोलने पर विरोधियों का कहना था कि इस से हमारे समाज की लड़कियों पर बुरा असर पड़ेगा. अत: उन के विरोध में 22 एफआईआर दर्ज होने के बाद खुशबू द्वारा केस दर्ज करने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि कोई स्त्री और पुरुष साथ रहना चाहते हैं तो उस का विरोध क्यों हो? ऐसा कर के वे क्या अपराध कर रहे हैं? यह लोगों की मानसिकता के अनुसार गलत हो सकता है, लेकिन गैरकानूनी नहीं. संविधान के आर्टिकल 21 में दिए गए मौलिक अधिकार ‘स्वतंत्रता से जीने का अधिकार’ के अंतर्गत यह आता है. यह उन का व्यक्तिगत मामला है.

प्रेम विवाह की तरह 22 मई, 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को भी विवाहित रिश्ते के समान वैधानिक घोषित कर दिया था.

तलाक लेने के लिए कानून हमारे हित को ध्यान में रख कर ही बनाया गया है, लेकिन उपयोग के स्थान पर उस का दुरुपयोग भी धड़ल्ले से हो रहा है. मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताडि़त होने पर ही तलाक लेना उचित है. छोटीछोटी बातों को तूल दे कर या कोई दूसरा पसंद आ जाए तो तलाक लेने का परिणाम कभी सुखद नहीं हो सकता. विवाह चाहे किसी भी प्रकार का हो उस की नींव आपसी समझदारी और समझौते पर ही टिकी होती है.

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पश्चिमी देशों के विपरीत हमारे देश में वैवाहिक जीवन में परिवार का जो सहयोग मिलता है वह उसे सफल बनाने के लिए बहुत आवश्यक है.

विवाह सामाजिक बंधन के रूप में ही ठीक है, बिना बंधन के वह बिना पतवार की नौका के समान है, जिस की कोई मंजिल नहीं होती. यहां प्रेम विवाह का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने अति आवश्यक हैं.

मातापिता को अपने बच्चों की भावनाओं को समझ कर उन की पसंद को स्वीकार करते हुए सहयोगात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए. उन के मार्गदर्शन से ही बच्चों के वैवाहिक जीवन में ठहराव और अनुशासन की कल्पना की जा सकती है.

ट्रेंड में है फ्लोरल ज्वैलरी

आजकल शादी विवाह के अवसर पर फ्लोरल अर्थात फूलों से बनी ज्वैलरी का प्रयोग बहुतायत से किया जाने लगा है. यूं तो हमने प्राचीन कालीन शकुंतला को भी चित्रों में फूलों से बनी ज्वैलरी पहने ही देखा है परन्तु आजकल शादी में हल्दी, मेंहदी तथा बेबी शावर अथवा गोद भराई के समय भी नायिका और उसके परिवार की महिला सदस्यों द्वारा फूलों से बनी ज्वैलरी पहनने का ही चलन है. भांति भांति के फूलों से बनी फ्लोरल ज्वैलरी सस्ती होने के साथ साथ इकोफ्रेंडली और अत्यधिक सस्ती भी होती है. फूलों से गले के हार से लेकर झुमके, मांग टीका, कंगन, करधनी और अंगूठी जैसे सभी गहने बड़ी आसानी से बनाये जा सकते हैं.

कौन से फूलों का करें उपयोग

-मोगरा

रंग में सफेद होने के साथ साथ मोगरा दिखने में बहुत सुंदर और चारों ओर अपनी खुशबू बिखेरने वाला होता है. सफेद होने के कारण गेंदे, गुलाब जैसे दूसरे रंग के बड़े फूलों के साथ इसे पेयर करना काफी आसान होता है.

-गुलाब

यूं तो गुलाब अनेक रंगों में पाया जाता है परन्तु लाल और गुलाबी रंग का शादी विवाह के अवसर पर विशेष महत्व होता है.इसके अतिरिक्त यदि आप कुछ हैवी ज्वेलरी पहनना चाहतीं हैं तो गुलाब से बनी ज्वेलरी सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.

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-गुलदाउदी/सेवंती

गुलदाउदी को सेवंती भी कहा जाता है. इसके फूल पीले, सफेद और बैंगनी रंग के   सुंदर होते है. इनसे बनी ज्वैलरी बहुत सुंदर और दिखने में भारी लगती है.

-हरसिंगार

नारंगी डंडी और सफेद फूल वाले हरसिंगार या पारिजात के फूलों की ज्वैलरी मनमोहक सुगन्ध के साथ साथ कन्ट्रास रंग के कारण देखने में बहुत अच्छी लगती है. चूंकि इसमें स्वयम ही दो रंग होते हैं इसलिए इसमें किसी दूसरे रंग के फूल लगाने की आवश्यकता नहीं होती. आकार में छोटे होने के कारण इनसे मल्टीलेयर्ड ज्वेलरी भी बड़ी आसानी से बनाई जा सकती है.

रखें इन बातों का ध्यान

फ्लोरल ज्वैलरी चूंकि बहुत नाजुक होती है इसलिए इसे बनवाते या खरीदते समय निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है.

-ज्वैलरी का चयन करते समय अवसर का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, मसलन हल्दी मेंहदी के लिए सुर्ख लाल, बेबी शावर के लिए सफेद और लाल या नारंगी रंग के फूलों का चयन करना उत्तम रहता है.

-ज्वैलरी खरीदने या बनवाने के लिए किसी कुशल माली या फूलवाले का चयन करें ताकि गुणवत्ता के साथ आपको कोई समझौता न करना पड़े.

-ज्वैलरी बनवाते समय अपनी ड्रेस के रंग का भी ध्यान रखें सम्भव हो तो ऐसी ड्रेस और ज्वैलरी का चुनाव करें जिसमें कुछ न कुछ समानता अवश्य हो.

-माली को ताजे फूलों का ही प्रयोग करने को कहें क्योंकि एक दिन पुराने फूलों की ही पंखुड़ियां गिरने लगतीं हैं.

-ज्वैलरी बनाने वाले को डिजाइन आप स्वयम बताएं ताकि आपके मनमुताबिक ज्वैलरी बन सके. साथ ही मजबूत धागे का प्रयोग करने को कहें.

-यदि आपका कार्यक्रम एकदम सुबह है तो ज्वैलरी एक दिन पहले ही लाकर फ्रिज में रख लें ताकि सुबह कोई हड़बड़ी न रहे.

-छोटे बच्चों को फूलों की ज्वैलरी पहनाने से बचें क्योंकि इनकी पत्तियां उनके मुंह में जा सकतीं हैं.

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-फूलों के साथ साथ बीच बीच में कलियों का प्रयोग ज्वैलरी के सौंदर्य को दोगुना कर देता है.

-ताजे फूलों की अपेक्षा आप चाहें तो आर्टिफिशियल फूलों से बनी ज्वेलरी का भी प्रयोग किया जा सकता है. ये ताजे फूलों की अपेक्षा काफी सस्ती पड़ती है.आजकल बाजार में भांति भांति के डिजाइन की ज्वैलरी उपलब्ध है.

-यदि आपका कम बजट है तो आप दुल्हन के लिए ताजे और शेष मेहमानों के लिए आर्टिफिशियल फूलों का मांग टीका आदि ले सकतीं हैं.

स्लिप डिस्क का इलाज हुआ आसान

लगभग हर आदमी को अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द का अनुभव अवश्य होता है. आज कमर दर्द बहुत बड़ी समस्या बन गया है. हर उम्र के लोग इस से परेशान हैं और दुनिया भर में इस के सरल इलाज की खोज जारी है.

मनुष्य के शरीर में कमर को सब से मजबूत भाग माना जाता है. कमर की बनावट में हड्डियां, कार्टिलेज (डिस्क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामैंट व नसें आदि शमिल हैं. इन में से किसी के भी विकारग्रस्त होने पर कमर दर्द उत्पन्न हो सकता है. मैकैनिकल कारणों के साथ टीबी से ले कर कैंसर तक कोई भी कारण दर्द पैदा कर सकता है. कमर दर्द का शिकार पुरुषों से अधिक महिलाएं होती हैं, जिस का मुख्य कारण होता है कमर की मांसपेशियों की कमजोरी. इस का दूसरा कारण है कमर की हडिडयों के जोड़ों में विकार होना.

कमर दर्द से जुड़ी बीमारियों के लक्षण

पैरों का सुन्न होना, कमजोरी का एहसास होना, पेशाब में परेशानी, चलने पर पैरों के दर्द का बढ़ना, झुकने या खांसने पर पूरे पैर में करंट जैसा लगना आदि. कई बार रोगी की चाल शराबीयों जैसी लड़खड़ाती है.

कमर दर्द के ये सभी कारण कई रीढ़ संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं जैसे स्पौंडिलाइटिस, सर्वाइकल, कमर में ट्यूमर, स्लिप्ड डिस्क आदि. इन में स्लिप्ड डिस्क एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है.

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नई दिल्ली स्थित फोर्टिस हौस्पिटल के वरिष्ठ कंसल्टैंट डा. प्रदीप मुले का कहना है कि आज पूरी दुनिया में कमर दर्द का सब से बड़ा कारण है स्लिप्ड डिस्क. आखिर यह स्लिप्ड डिस्क क्या होता है? दरअसल, स्लिप्ड डिस्क एक ऐसी बीमारी है, जिसे समझने के लिए रीढ़ की बनावट के बारे में जानना जरूरी है.

हमारी रीढ़ की हड्डी 33 हड्डियों के जोड़ से बनती है और प्रत्येक 2 हड्डियां आगे की तरफ एक डिस्क के द्वारा और पीछे की तरफ 2 जोड़ों के द्वारा जुड़ी होती है.

यह डिस्क प्राय: रबड़ की तरह होती है जो इन हड्डियों को जोड़ने के साथसाथ इन्हें लचीलापन भी प्रदान करती है. इन्हीं डिस्क में उत्पन्न हुए विकारों को स्लिप्ड डिस्क कहते हैं.

कमर दर्द से जुड़ी बीमारियों की पहचान है कमर से ले कर पैरों में जाता दर्द, पैरों का सुन्न या भारी होना अथवा चीटियां चलने जैसा एहसास भी हो सकता है. चलने पर असहनीय दर्द होना. कई बार लेटेलेटे भी कमर से पैर तक असहनीय दर्द होता रहता है.

स्लिप्ड डिस्क का रोग कमर के अलावा गरदन में भी हो सकता है. अभी तक पुराने स्लिप्ड डिस्क के औपरेशन से लोग काफी भयभीत थे. क्योंकि इस में नसों के कट जाने व अपाहिज हो जाने का डर रहता था.

इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं. कई प्रयोगों ने बहुत सी नवीन तकनीकों को जन्म दिया है. इस के अलावा कई दवाओं के माध्यम से भी इन का इलाज किया जा रहा है. किंतु इन सब के द्वारा बीमारी को जड़ से उखाड़ पाना अभी तक संभव नहीं था.

उपचार

यदि इस के उपचार की बात की जाए तो कई प्रकार के उपचार मौजूद हैं. बैड रैस्ट, इंजैक्शन, शल्य चिकित्सा, स्पाइनल फ्यूजन, डिस्क प्रत्यारोपण, वर्टिब्रोप्लास्टी, पिन होल सर्जरी और मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी आदि. लेकिन हर उपचार की कुछ सीमाएं हैं. मगर अब एक नई सर्जरी की शुरुआत की गई है और यह है ओजोन थेरैपी. दरअसल, ओजोन थेरैपी से इस का इलाज आसान हो गया है.

औक्सीजन ओजोन थेरैपी एक शल्यरहित प्रक्रिया है, जोकि देश में अब उपलब्ध है. इस प्रक्रिया के दौरान डिस्क सिकुड़ती है, जिस से नर्व रूट कंप्रैशन घटता है और औक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगती है. इस की सफलता दर 80% है. इस का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता और न ही शरीर में कोई सूजन या संक्रमण होता है.

इस चिकित्सा के कई लाभ हैं जैसे कि यह पुरानी सर्जरी के मुकाबले कम जटिल है. पुरानी सर्जरी से सस्ती होती है. त्वचा पर कोई दाग नहीं पड़ता. इमेज गाइडेंस के जरीए बीमारी की निश्चित जगह का पता लगाया जा सकता है.

यह लोकल ऐनेस्थीसिया दे कर किया जाता है. इसे एक दिन में ही किया जा सकता है.

वास्तव में इस पूरी चिकित्सा के लिए केवल 1 से 4 घंटे तक के लिए अस्पताल जाना होता है. इस के मुख्य फायदे हैं कि मरीज उसी दिन से चलफिर सकता है. इस में खून बहने व संक्रमण का रिस्क नहीं होता. मरीज को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है. इस से दवाओं व अस्पताल का खर्च बच जाता है.

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कमर दर्द से बचने के टिप्स

– उठनेबैठने के ढंग में परिवर्तन करें. बैठते वक्त सीधे तन कर बैठें. कमर झुका कर या कूबड़ निकल कर न बैठें और न ही चलें.

– यदि बैठतेबैठते ही अलमारी के रैक से कुछ उठाना हो तो झुक कर ही उठाएं.

– क्षमता से अधिक वजन न उठाएं.

– नरम या गुदगुदे बिस्तर पर न सोएं, बल्कि सपाट पलंग या तख्त पर सोएं ताकि पीठ की मांसपेशियों को पूर्ण विश्राम मिले.

– वजन हरगिज न बढ़ने दें. भले ही इस के लिए आप को डाइटिंग या व्यायाम ही क्यों न करना पड़े.

– तनाव से बचें. चिंता दूर करने के लिए खुले में टहलें. कोई भी मनोरंजक क्रियाकलाप करें ताकि ध्यान बंटे.

– नियमित व्यायाम की आदत डालें ताकि शरीर चुस्तदुरुस्त व फुरतीला रहे. शरीर के सभी अंग क्रियाशील रहें. इस में पैदल चलना या जौगिंग सर्वश्रेष्ठ हैं. साइकिल चलाना, गोल्फ या बैडमिंटन खेलना आदि भी फायदेमंद है.

डा. प्रदीप मुले

फोर्टिस हौस्पिटल, वसंत कुंज, नई दिल्ली

होममेड Hair Mask से पाएं खूबसूरत बाल

लेखिका- आभा यादव

वैसे तो बाजार में बालों के ट्रीटमैंट के लिए कई तरह के हेयर मास्क उपलब्ध हैं पर महंगे होने के साथ साथ उन में कैमिकल्स भी होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बालों को नुकसान से बचाने के लिए मेकअप ऐक्सपर्ट रेनू महेश्वरी कुछ होममेड हेयर मास्क बता रही हैं.

जानें बालों के प्रकार

कोई भी हेयर मास्क चुनने से पहले अपने बालों के प्रकार को जानना जरूरी होता है. बाल 3 प्रकार के होते हैं- ड्राई हेयर, औयली हेयर और नौर्मल हेयर.

ड्राई व दोमुंहे बाल होने के कारण

बालों को सुरक्षित रखने वाले प्रोटैक्टिव क्यूटिकल्स जब कम या खत्म हो जाते हैं अथवा बालों का नैचुरल औयल स्कैल्प से बालों के छोर तक नहीं पहुंच पाता तब बालों के सिरे रूखे हो फट कर दोमुंहे हो जाते हैं.

स्ट्रौंग हेयर कलर व हेयर ड्रायर का प्रयोग, तेज धूप या हवा में रहने और बहुत तेजतेज कंघी करने पर भी बालों का नैचुरल औयल खत्म हो जाता है, जिस से वे दोमुंहे हो जाते हैं.

धातु के कंघे का इस्तेमाल करने, गीले बालों में कंघी करने, बहुत देर तक बालों में तौलिया बांधे रखने या गीले बालों को तौलिए से झाड़ते हुए पोंछने पर भी वे दोमुंहे हो जाते हैं.

सोते समय साटन का तकिया प्रयोग करने से भी बाल दोमुंहे हो जाते हैं. खाने में पौष्टिकता की कमी होने से भी बाल रूखे व दोमुंहे होते हैं.

परांदे या रिबन के इस्तेमाल से भी बालों का नैचुरल औयल खत्म हो जाता है. ज्यादा हेयरपिन लगाने से भी बालों को नुकसान पहुंचता है.

ड्राई बालों के लिए होममेड हेयर मास्क

फ्रूट मास्क

पपीता ड्राई व दोमुंहे बालों का अच्छा उपचार है. इस के लिए मध्यम आकार के पके पपीते को मैश कर उस में दही मिलाएं और फिर अच्छी तरह फेंटें. अब इसे बालों में मेहंदी की तरह लगा कर 30 मिनट बाद पानी से धो लें.

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क्रीम टौनिक मास्क

1/2 कप दूध में 1 बड़ा चम्मच क्रीम मिला कर अच्छी तरह फेंटें. फिर बालों में लगा कर 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें.

औलिव एग मास्क

औलिव औयल और अंडे के पीले भाग को मिला कर बालों पर लगाएं और 1 घंटे बाद हर्बल शैंपू से धो लें. इस के बाद बालों में कंडीशनर भी कर लें.

बीयर मास्क

यह ड्राई और नौर्मल दोनों तरह के बालों के लिए है. बालों को फुल प्रोटैक्शन देने के लिए अंडे का सफेद भाग और बीयर को एकसाथ फेंट लें. फिर बालों में शैंपू करने के बाद इसे लगाएं और 10 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें.

नारियल मास्क

इस मास्क में मौइश्चराइज करने वाले तत्त्व बालों को मौइश्चराइज कर के उन्हें मुलायम व चमकदार बनाते हैं. नारियल और जैतून के तेल को अच्छी तरह मिला कर बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं. फिर बालों को 1 घंटा कवर कर के रखें. बाद में शैंपू और कंडीशनर लगा लें.

केला क्रीम मास्क

यह मास्क कमजोर और रूखे बालों में नई जान डालेगा. यह जड़ों को नुकसान से बचा कर बालों को मजबूती देता है. केले में मौजूद आयरन और विटामिन बालों को पोषण भी देते हैं.

इसे बनाने के लिए 1 केले का ग्राइंडर में पेस्ट बना लें. फिर उस में 1 चम्मच शहद डालें. इस पूरे घोल को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं. 15-20 मिनट लगा रहने दें. बाद में कुनकुने पानी से धो लें. इस लेप को फिर प्रयोग करने के लिए फ्रिज में भी रख सकती हैं.

नौर्मल बालों के लिए हेयर मास्क

नरिशिंग हनी मास्क पैक

1/2कप दूध में 1 बड़ा चम्मच शहद मिला कर अच्छी तरह फेंटें. फिर स्कैल्प में लगा कर हलके हाथों से मालिश करें. 30 मिनट बाद बालों को धो लें.

प्रोटीन पैक

1/2कप छिलके वाली उरद दाल में 1 छोटा चम्मच मेथीदाना मिला कर ग्राइंड करें. फिर 1/2 कप दही में डाल कर फेंट लें. कुछ देर तक बालों में लगाए रखें. फिर बालों को धो लें.

घुंघराले बालों के लिए हेयर मास्क

15-20 करीपत्ते, 1 टुकड़ा रतनजोत और एकचौथाई कप नारियल का तेल लें. करीपत्तों को पानी में और रतनजोत को नारियल तेल में रात भर भिगोए रखें. सुबह रतनजोत को तेल से निकाल लें. फिर तेल और भीगे करीपत्तों को एकसाथ अच्छी तरह मिला कर पीस लें. इसे सिर की त्वचा और बालों में अच्छी तरह लगाएं. 1 घंटा बालों में लगा रहने दें. फिर बालों को अच्छी तरह धो लें. यह हेयर मास्क घुंघराले बालों के लिए बहुत अच्छा होता है.

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औयली हेयर के लिए हेयर मास्क

जई से बना हेयर मास्क

यह हेयर मास्क सिर की तैलीय त्वचा, रूसी, खुजली और जलन से जूझने वालों के लिए बेहतरीन है.

इसे बनाने के लिए 1 चम्मच जई, 1 चम्मच दूध और 1 चम्मच बादाम के तेल को एकसाथ मिला कर लेप बना लें. लेप में कोई गांठ न हो. फिर इसे बालों में लगा लें. इस लेप को 15-20 मिनट बालों में लगा रहने के बाद उन्हें कुनकुने पानी से धो लें.

एग मास्क और औलिव औयल

अंडे के हेयर मास्क में काफी ज्यादा प्रोटीन, विटामिन और फैटी ऐसिड होता है. इस से बालों के झड़ने की समस्या नहीं होती. साथ ही जैतून का तेल आप के बालों में मजबूती भरेगा और उन्हें कोमल बनाएगा.

इसे बनाने के लिए 2 अंडों का सफेद भाग, 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच जैतून का तेल ले कर एक कटोरे में तीनों को मिक्स कर के बालों में लगा कर शावर कैप पहन लें. 15-20 मिनट बाद बालों को शैंपू से धो लें. इस मास्क को महीने में 1-2 बार ही प्रयोग करें.

मास्क बनाने में तेल का प्रयोग

यदि आप पहली बार मास्क बना रही हैं, तो शुरुआत में आप जैतून के तेल का प्रयोग करें. यह सब से अच्छा होता है. बाद में आप दूसरे तेल का प्रयोग कर सकती हैं.

जोजोबा तेल: तैलीय से सामान्य बालों के लिए.

बादाम का तेल: सामान्य से रूखे बालों के लिए.

नारियल तेल: रूखे बालों के लिए.

गाय का घी: कंडीशनर करने और बालों को सफेद होने से बचाने के लिए.

ऐक्स्ट्रा ड्राई बालों के लिए तेल

अगर बाल बहुत ज्यादा नाजुक और रूखे हो गए हैं, तो आप अंडे और जैतून के तेल के मिश्रण के अलावा कुछ और भी लगा सकती हैं. जैसे शहद, ऐलोवेरा जैल, दूध, अंडा, कच्चा ऐवोकैडो या केला.

कलर्ड हेयर के लिए

यदि आप नियमित हेयर कलर लगाती हैं तब जोजोबा औयल आप के लिए बेहतरीन है. इस से क्षतिग्रस्त कलर्ड और रूखे बालों को रिपेयर किया जा सकता है.

बाल झड़ने के ट्रीटमैंट पैक

ये सभी तरह के बालों के लिए उपयोगी हैं.

हेयर पैक पाउडर

आंवला, शिकाकाई, हरड़, भृंगराज, ब्राह्मी, मेथी, मिनरल क्ले, रोजमैरी, ऐलोवेरा और सागा. इन सब को पीस कर पैक तैयार करें. जरूरत पड़ने पर इस पाउडर को गरम पानी में 2 घंटे तक भिगो कर बालों में लगाएं. अगर बाल तैलीय हैं, तो सादा पैक लगाएं और अगर बाल रूखे हैं, तो उस में 2 अंडे फेंटें. फिर इसे बालों की जड़ों में 30 मिनट लगा कर साफ पानी से धो कर बालों में हलका सा सीरम लगाएं. इस से वे चमकदार बनते हैं.

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बालों की कमजोर जड़ों के लिए मास्क

हिबिस्कस (गुड़हल) हेयर मास्क

अगर आप के बालों की जड़ें काफी कमजोर हैं, तो यह पैक आप के लिए बहुत अच्छा रहेगा. यह मास्क स्कैल्प में खून के संचार को सुचारु करता है और रोमछिद्रों को अवरुद्ध होने से रोकता है. यह बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचा कर उन्हें घना बनाता है.

विधि

1 कप पानी में 6-7 गुड़हल की पत्तियां डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें. सुबह एकचौथाई पानी और 2 चम्मच कच्चे दूध के साथ पत्तियों को मिक्सी में पीस लें. फिर इसे हलके हाथों से बालों में लगाएं. 20-25 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें. इसे नियमित लगाएं.

सुपर पॉवर से ‘Ishq Mein Marjawan 2’ फेम एक्ट्रेस चांदनी शर्मा क्या बदलेगी? पढ़े इंटरव्यू

इश्क में मरजावा 2 फेम अभिनेत्री चांदनी शर्मा हिमाचल प्रदेश की मंडी से है. चांदनी बचपन से ही बबली और नॉटी हुआ करती थी और बड़ी होकर अभिनेत्री बनने का सपना देखती थी. बहुत कम लोगों को पता होगा कि बचपन में केवल 3 साल की उम्र में चांदनी अभिनेत्री बनने के लिए घर से निकल पड़ी थी, फिर उनके बड़े भाई ने उन्हें वापस घर लेकर आये थे.

चांदनी ने मॉडलिंग से अपनी कैरियर शुरू की और कई ब्यूटी कांस्टेंट में भाग लिया, जिसमें इंडियन प्रिंसेस विनर 2014, मिस टूरिज्म क्वीन ऑफ़ द इयर इंटरनेशनल 2015 आदि कई प्रतियोगिता में वह विजेता रही. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने फिल्म ‘डार्क लाइट’ से अभिनय करना शुरू किया. साल 2020 में उन्होंने शो ‘इश्क में मरजावा 2’ में इशानी राज सिंहानिया की भूमिका निभाकर घर-घर पहचानी गयी. सोनी टीवी पर चांदनी की शो ‘कामना’ शुरू हो चुकी है, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे है. चांदनी से उनकी जर्नी के बारें में बात हुई, जो बहुत रोचक रही.

सवाल-इस शो में आपकी भूमिका क्या है और इससे खुद को कितना रिलेट कर पाती है?

‘कामना’ शो में मैं आकांशा की भूमिका निभा रही हूं, जिसकी लाइफ में बहुत सारी कामनायें है और मैं रियल लाइफ में भी बहुत महत्वाकांक्षी हूं और इसे पूरा करने हिमाचल प्रदेश से मुंबई आई हूं, इसलिए इस भूमिका से मैं खुद को रिलेट कर पाती हूं.

सवाल-क्या इस शो के लिए कुछ तैयारियां करनी पड़ी?

कुछ खास तैयारी नहीं करनी पड़ी,लेकिन मैं इसमें थोडा अलग अभिनय करने की कोशिश कर रही हूं, ताकि दर्शक को एक जैसी ही भूमिका देखने को न मिले.

 

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सवाल-इस शो में आप एक पत्नी की भूमिका निभा रही है, जबकि आपने शादी नहीं की है, ऐसे में आप पति-पत्नी के रिश्तो को मजबूत दिखाने के लिए क्या करना जरुरी है?

मैने शादी नहीं की है, पर शादी-शुदा कईयों को देखा है,इसमें एक दूसरे पर विश्वास, पारदर्शिता, समझदारीआदि है, तो महिला हर काम कर सकती है, क्योंकि किसी भी रिश्ते में नोक-झोंक होती है, लेकिन समझदारी से उसे ख़त्म किया जा सकता है.

सवाल-आज अधिकतर यूथ रिलेशनशिप पर जाते है, आप किस पर अधिक यकीन रखती है, शादी या रिलेशनशिप?

ये हर व्यक्ति की निजी जिंदगी पर निर्भर करता है, क्योंकि शादी कभी सफल होती है तो कभी नहीं, उसी प्रकार रिलेशनशिप भी कभी अच्छा रहता है, कभी नहीं. खुश रहने का कोई फार्मूला नहीं है. व्यक्ति को जिससे ख़ुशी मिलती है, उसे ही करनी चाहिए, लेकिन कुछ भी करने के बाद उस व्यक्ति को पछतावा नहीं होनी चाहिए.

सवाल-हिमाचल प्रदेश से मुंबई कैसे आना हुआ?

मैंने पहले ही सोच रखा था कि पढाई पूरी होने के बाद मैं मुंबई आ जाउंगी. इंजिनीयरिंग की फाइनल एग्जाम के कुछ दिनों बाद मैं मुंबई शिफ्ट हो गयी.  मुंबई में कुछ लड़कियों के साथ मैं पेइंग गेस्ट बनकर रही और दो महीने बाद मैंने ब्यूटी पेजेंट में भाग लिया और उसे जीत भी लिया. इससे मुझे थोडा काम मिलने लगा.

सवाल-पहली बार मुंबई जाकर अभिनय करने की बात जब पेरेंट्स से कही, तो उनकी प्रतिक्रियां कैसी रही?

मुझे कहना नहीं पड़ा कि मैं मुंबई जा रही हूं, क्योंकि बचपन में ही उन्हें ये बता दिया गया था. मैं डांस करने में हमेशा सबसे आगे रहती थी. हमारे घर में दूध वाला भी मुझे हिरोइन बनाने की बात मेरी माँ से कहता था. एक्टिंग मेरे अंदर बचपन से थी, लेकिन पहले तो सबने इसे मजाक में लिया,पर मेरे अंदर ये घर कर चुकी थी कि मुझे एक्टिंग ही करना है. पेरेंट्स ने कहा था कि मैं अपनी पढाई पूरी कर लूँ, मैंने उनकी बात सुनी, उन्होंने मेरा मान रख लिया और मना नहीं किया.

सवाल-क्या इंडस्ट्री में कभी आपको कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा?

कास्टिंग काउच जैसी बात कभी सामने नहीं आई, क्योंकि जब भी मुझे ऐसी नकारात्मक वाइब्स दिखती थी, मैं वहाँ से हट जाती थी. पढ़ा-लिखा व्यक्ति एक उम्र के बाद जब इंडस्ट्री में कदम रखता है, तो इतना समझना मुश्किल नहीं होता. मैंने ऐसा कभी फेस नहीं किया.

 

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सवाल-कितना संघर्ष रहा और पहला ब्रेक कैसे मिला?

मैं पहले शो नहीं करना चाहती थी. मैंने ब्यूटी पेजेंट्स में भाग लिया और 2 महीने में एक ब्यूटी पेजेंट जीत लिया, इसके बाद भारत को प्रतिनिधित्व करने मैं पहले जर्मनी फिर मलेशिया चली गयी. मैं उसकी भी विनर बनी, इसके बाद मैंने न्यूयार्क फैशन शो में रैंप पर उतरी और कई इंटरनेशनल इवेंट करने लगी. इस दौरान मैंने कई ऑडिशन भी दिए और मुझे टीवी शो भी मिल गई. मेरे हिसाब से जब आप किसी चीज को चाहते है, तो वह आपको अवश्य मिल जाती है, लेकिन धीरज धरने की जरुरत होती है.

सवाल-किस शो ने आपकी जिंदगी बदल दी?

धारावाहिक ‘इश्क में मरजावा 2’ से मेरी जिंदगी बदली. मेरी भूमिका को सभी ने पसंद किया और मेरी पहचान बन गयी.

सवाल-मुंबई में हर रोज न जाने कितने लड़के लड़कियां अभिनय के क्षेत्र में काम करने चले आते है, आप के अनुसार यूथ ऐसा क्यों करते है और आप भी किस सोच से यहाँ आई थी?

मुंबई मायानगरी कहलाती है और यहाँ हर किसी के सपने पूरे हो सकते है, ऐसा सोचकर वे आ जाते है. मैंने भी यही सोचा था,ये सही है कि आप जितना मेहनत करते है, ये शहर आपको उतना देती भी है.

सवाल-क्या आपके सपनो का कोई राजकुमार है?

(हंसती हुई) है न शाहरुख़ खान और प्यार कोई उम्र नहीं देखता.

सवाल-समय मिलने पर क्या करना पसंद करती है?

समय बहुत कम मिल पाता है. समय मिलने पर बहुत सोती हूं. सोने के बाद मुझे लगता है कि मेरी पूरी बॉडी हील हो रही है. मुझे सोना बहुत पसंद है. इसके अलावा जिम जाना, स्क्रिप्ट देखना आदि कई चीजे करती हूं. मुझे खाना पकाना, बेकिंग आदि कुछ भी पसंद नहीं.

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सवाल-फैशन कितना पसंद करती है?

फैशन मुझे बहुत अधिक पसंद है. मुझेशॉपिंग बहुत अच्छा लगता है. मुझे हर चीज खरीदना पसंद है. इसलिए मैं अधिक सेविंग नही कर पाती. मुझे घूमना, अच्छे कपडे पहनना, शूज खरीदना आदि सब अच्छे लगते है. मेकअप के सामान भी मैं इकठ्ठा करती हूं. असल में ग्लैमर से जुड़े सब कुछ मुझे बहुत अच्छा लगता है.

सवाल-अगर कोई सुपर पॉवर मिले, तो देश में क्या बदलना चाहती है?

जॉब के मौके को बढ़ाना चाहती हूं, क्योंकि हमारे देश के डॉक्टर्स और इंजीनियर्स यहाँ से पढ़कर बाहर काम की तलाश में जाते है,इसे ड्रेन ऑफ़ नॉलेज कहा जा सकता है,क्योंकि इससे सारे अच्छे डॉक्टर्स और इंजिनीयर्स को हम खो रहे है. असल में यहाँ सही वेतन नहीं है, इसलिए सारे प्रतिभाशाली लोग बाहर चले जा रहे है. हमारे देश में काम और प्रतिभा के आधार पर वेतन देना बहुत जरुरी है, क्योंकि हमारे यहाँ के बच्चेमेहनत से पढाई करते है, अगर उनके मन मुताबिक वेतन न मिले तो वह विदेश अवश्य जायेगा.

Anupmaa: लीप के बाद अनुज की होगी ‘अनुपमा’, वनराज लेगा बदला

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा (Anupama) में आए नए ट्विस्ट के चलते शो टीआरपी चार्ट में लगातार पहले नंबर पर बना हुआ है. हालांकि मेकर्स सीरियल की कहानी को और भी दिलचस्प बनाने के लिए कई नए ट्विस्ट लाने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

लीप के बाद बदलेगी कहानी

 

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अब तक आपने देखा कि शाह हाउस हथियाने के बाद काव्या ने अपनी बदतमीजियों से सबको परेशान कर रही है. वहीं बा को अब अनुपमा की कद्र समझ में आ गई है. लेकिन खबरों की मानों तो सीरियल में जल्द ही लीप आने वाला है. दरअसल, शो का मेकर्स ने सीरियल की कहानी में लीप के बाद कई नए बदलाव लाने का फैसला किया है, जिसके चलते अनुपमा और अनुज की शादी का भी दर्शकों को ट्रैक दिखेगा. वहीं वनराज अपनी मेहनत से शहर का एक बड़ा बिजनेसमैन बन जाएगा और वह काव्या के पास लौटकर उसे तलाक देने का फैसला करेगा.

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बा-बापूजी के लिए होगा सेलिब्रेशन

 

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो इन दिनों शाह हाउस में काव्या का राज नजर आ रहा है, जिसके चलते सभी घरवाले परेशान हैं. इसी कारण बा और बापूजी अपनी 50वीं सालगिरह मंदिर में भजन कीर्तन मनाकर सेलिब्रेट करने का फैसला करते हैं. लेकिन अनुपमा ये बात सुन लेगा. अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा, वनराज और अपने बच्चों से बा और बापूजी की दोबारा शादी कराने की बात कहेगा, जिस पर सभी सहमत होंगे. लेकिन काव्या, वनराज को जाकर कहेगी कि अब शाह हाउस के फैसले वो लेगी. हालांकि वनराज काव्या को धमकाते हुए कहेगा कि उसे अपने माता-पिता की शादी की सालगिरह मनाने से कोई नहीं रोक सकता और पूछेगा कि क्या उसे अपने परिवार के साथ घर छोड़ देना चाहिए, जिसे सुनकर काव्या हैरान रह जाएगी.

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कभी न रखें फ्रिज में ये 12 चीजें, पढ़ें खबर

हम अक्सर खाने-पीने की चीजों को फ्रिज में ही रखते हैं. हालांकि ऐसा जरूरी नहीं कि फ्रिज में रखने से सब फ्रेश ही रहे. इनमें से कई चीजें फ्रिज में रखने के लिए नहीं होतीं. आइए जानें, ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्हें भूलकर भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए.

1. आलू

ठंडे तापमान में आलू को रखने से स्टार्च शुगर में बदल जाता है. आलू को पेपर बैग में रूम टेमप्रेचर पर घर के ठंडे और अंधेरे स्थान में रखना चाहिए.

2. लहसुन

आलू की तरह लहसुन को भी फ्रिज में रखने पर वही प्रॉब्लम आती है. लहसुन को हमेशा रूम टेमप्रेचर पर घर के ठंडे और अंधेरे स्थान पर रखें.

3. ब्रेड

बहुत से लोग ब्रेड के खराब हो जाने के डर से उसे फ्रिज में रखते हैं और उसे कई दिनों तक खाते हैं. फ्रिज में रखी ब्रेड बहुत जल्दी सूख जाती है.

4. तुलसी

तुलसी को फ्रिज में रखने से यह आसपास रखे सभी खाने की महक को सोख लेती है. तुलसी को पानी में रखना चाहिए, जिससे महक बनी रहती है.

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5. टमाटर

टमाटर को फ्रिज में रखने से उसका टेस्ट खराब हो जाता है. फ्रिज की ठंडी हवा से टमाटर के अंदर की झिल्ली टूट जाती है, जिससे वह मुलायम हो जाता है.

6. अचार

अचार में विनेगर ज्यादा होता है. अचार को किचन में रखने पर वह ज्यादा ताजा रहता है. अचार फ्रिज में रखने से अन्य सामान भी खराब हो सकता है.

7. प्याज

प्याज में थोड़ी नमी होती है. फ्रिज में रखने पर उसमें फफूंद लग जाती है. प्याज को हमेशा सूखे और अंधेरे स्थान पर रखें.

8. जैतून के तेल

जैतून के तेल को फ्रिज में न रखें. कम तापमान पर ऑलिव ऑयल संघनित हो जाता है और मक्खन की तरह गाढ़ा हो जाता है.

9. साइट्रस फ्रूट्स

नीबू, संतरे और मौसंबी को कमरे के तापमान पर और किचन में रखना चाहिए.

10. शहद

शहद को अच्छी तरह सील करके रखा जाए तो इसे फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं होती. शहद को फ्रिज में रखते ही इसमें क्रिस्टल बनने लगते हैं.

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11. कॉफी

कॉफी को फ्रिज में रखने पर इसका टेस्ट खराब हो जाता है. फ्रिज में रखी कॉफी अपने आसपास के खाने की महक को सोख लेती है.

12. सलाद की ड्रेसिंग

अगर सलाद की ड्रेसिंग में तेल या सिरका मिला हुआ हो तो अन्य मसालों की तरह इन्हें भी फ्रिज के बाहर ही रखा जाना चाहिए.

अपनी Skin को बनायें जवां

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

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3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

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2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

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Winter Special: रात के खाने में बनायें पनीर मसाला

पनीर की सब्जी देखकर बच्चे तो बच्चे बड़ों के मुंह में भी पानी आ जाता है. रात के खाने में बनायें पनीर तवा मसाला, ताकि आप भी खुश और आपका परिवार भी खुश.

कितने लोगों के लिए : 3

सामग्री :

– 250 ग्राम पनीर

– 3 टेबल स्पून तेल

– 1 टेबल स्पून दही

– आधा टी स्पून जीरा

– 1/2 टी स्पून अजवायन

– 1 1/2 टी स्पून कसूरी मेथी

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– 1 बड़ा प्याज

– 1/2 इंच अदरक का टुकड़ा

– 1 टी स्पून हरी मिर्च का पेस्ट

– 1/4 टी स्पून हल्दी पाउडर

– 1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर

– 1 टी स्पून धनिया पाउडर

– 1/2 आधा टी स्पून गरम मसाला पाउडर

– 1/2 कप टॉमेटो प्यूरी

– 1 टेबल स्पून क्रीम

– 2 टेबल स्पून नींबू का रस

– नमक स्वादानुसार

– गार्निशिंग के लिए हरा धनिया

विधि :

– एक बाउल में दही फेंट लें उसमें हल्दी पाउडर, आधा टी स्पून लाल मिर्च पाउडर और आधा टी स्पून कसूरी मेथी डालकर मिला लें.

– पनीर को छोटे टुकड़ों में काट लें. दही में पनीर के टुकड़े डालकर मैरिनेट करें.

– एक पैन में तेल डालकर पनीर के टुकड़ों को हल्का फ्राई कर लें.

– अब कड़ाही में तेल गरम करें जब तेल गरम हो जाये तो उसमें जीरा और अजवायन डालकर हलका सा भूनें. अब उसमें प्याज, अदरक और लहसुन डालकर भून लें.

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– जब प्याज भुन जाये तो उसमें हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और कसूरी मेथी डालकर अच्छी तरह भून लें.

– टॉमेटो प्यूरी डालकर 6-7 मिनट तक और भूने.

– कढ़ाई में पनीर के टुकड़े डालें, आधा कप पानी डालकर धीमी आंच पर 10 मिनट तक पकने दें.

– गरम मसाला पाउडर, ताजी क्रीम डालकर अच्छी तरह मिला लें. नींबू का रस डालकर आंच से उतार लें.

– सर्विग बाउल में निकालकर हरे धनिये से गार्निश करें.

– गर्मागर्म नान, रोटी या परांठों के साथ सर्व करें.

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