दिल्ली प्रैस के लिए संपादकीय इंटर्न

दिल्ली प्रैस की हिंदी पत्रिकाओं के लिए इंटर्नस के अवसर उपलब्ध हैं. आवेदक हिंदी माध्यम से हानर्स स्नातक हों और उनकी लेखन में क्षमता हो. दिल्ली, मुंबई, पटना, जयपुर, भोपाल, फरीदाबाद, गुड़गांव में अवसर. आवेदन में पूरा पता और मोबाइल नंबर देते हुए ईमेल करें: pn2@delhipress.biz

पोस्टल पता: दिल्ली प्रैस, ई 8, झंडेवाला एस्टेट, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली 110055

Bigg Boss 15: Devoleena से भयंकर लड़ाई के दौरान बेहोश हुई Shamita, देखें वीडियो

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 15’ (Bigg Boss 15) में VIP मेंबर्स की एंट्री के बाद से शो में लड़ाई और बहस देखने को मिल रही है. वहीं देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) और शमिता शेट्टी (Shamita Shetty) के बीच वीकेंड के वार पर हुई लड़ाई के बाद अब एक और बहस देखने को मिली, जिसमें  शमिता शेट्टी बेहोश हो गईं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

शमिता औऱ देवोलीना में हई बड़ी लड़ाई

हाल ही में शो का नया प्रोमो सामने आया है, जिसमें देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) और शमिता शेट्टी (Shamita Shetty) के बीच दोबारा बड़ी लड़ाई हो गई है. दरअसल, प्रोमों में टास्क के दौरान जहां कंटेस्टेंट के बीच बहस हो गई है तो वहीं देवोलीना और शमिता एक दूसरे से भिड़ते नजर आए. इसी कारण दोनों की लड़ाई इतनी बढ़ गई की. शमिता बेहोश हो गईं और करण कुंद्रा उन्हें गोद में ले जाते नजर आए.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by FILMY INTERVEIWS (@filmyinterviews)

ये भी पढे़ं- अनुज के सामने Anupama की बेइज्जती करेगी काव्या, कहेगी ये बात

तेजस्वी और उमर की हुई बहस

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ColorsTV (@colorstv)

दूसरी तरफ शो के दूसरे कंटेस्टेंट की बात करें तो तेजस्वी प्रकाश और उमर रियाज के बीच लड़ाई देखने को मिली है, जिसमें उमर, तेजस्वी पर भड़कते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि करण कुंद्रा उन्हें समझाते नजर आ रहे हैं. वहीं इस मामले में तेजस्वी इमोशनल होती हुई भी नजर आईं.

बता दें, शो में इन दिनों वीआईपी औऱ नौन वीआईपी का केस चल रहा है, जिसे फैंस काफी पसंद रहे हैं. हालांकि शो में इस कारण कई लड़ाईयां भी होती हुई देखने को मिल रही  हैं. वहीं टास्क के दौरान ये लड़ाई इतनी बढ़ गई हैं कि नौन वीआईपी एक साथ आ गए हैं.

ये भी पढ़ें- Imlie Promo: इमली को तलाक देगा आदित्य, पूरा होगा मालिनी का सपना

अनुज के सामने Anupama की बेइज्जती करेगी काव्या, कहेगी ये बात

रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) स्टारर सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) टीआरपी चार्ट्स में पहले नंबर पर बना हुआ है. हालांकि मेकर्स सीरियल में और भी कई धमाकेदार ट्विस्ट लाने के लिए तैयार है. दरअसल, जहां अनुज (Gaurav Khanna) की लाइफ में नई हसीना की एंट्री होने वाली है तो वहीं काव्या (Madalsa Sharma) की अनुपमा को लेकर जलन बढ़ने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा अनुपमा में आगे (Anupamaa Latest Episode)…

अनुपमा की होगी बेइज्जती

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupama (@anupama.love.u)

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा की शाह परिवार में एंट्री काव्या को खलती नजर आएगी. वहीं शाह फैमिली की फोटो में वनराज, अनुपमा को साथ आने के लिए कहेगा, जिसे देखकर काव्या का गुस्सा बढ़ जाएगा और वह अनुपमा को खींचकर फोटो खिचवानें से हटवा देगी. काव्या अनुपमा से कहेगी कि तोषू की शादी में वह घरवाली थी और अनुपमा बाहर वाली और अब वह घरवाली है और वह बाहरवाली तो उसे शाह हाउस में रहने का कोई हक नहीं है. वहीं अनुपमा के लिए काव्या का ये बरताव देखकर वनराज और अनुज दोनों गुस्से में नजर आएंगे और काव्या को खरी खोटी सुनाएंगे.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by @anupamaaily

ये भी पढ़ें- Imlie Promo: इमली को तलाक देगा आदित्य, पूरा होगा मालिनी का सपना

शो में होगी नई एंट्री

खबरों की मानें तो सीरियल अनुपमा में नई एक्ट्रेस की एंट्री होने वाली है, जो अनुज की एक्स गर्लफ्रैंड के किरदार में नजर आएगी. हालांकि वह अनुपमा को उसके प्यार का एहसास करवाने वाली है, जिसके चलते सीरियल की कहानी में नया ट्विस्ट आएगा.

पाखी की बात सुनकर हैरान हुआ शाह परिवार

अब तक आपने देखा कि बा के कहने पर अनुज और जीके शाह हाउस आते हैं. जहां बा और वनराज उनसे माफी मांगते हैं, जिसे देखकर अनुपमा बेहद खुश होती है. वहीं बापूजी तुमसे मिलके दिल का है जो हाल क्या करें गाने पर डांस करते हुए नजर आते हैं. वहीं अनुपमा के साथ अनुज डांस करने का सपना देखता है. दूसरी तरफ पाखी सभी को शादी न करने का फैसला सुनाती है, जिसे सुनकर पूरा परिवार हैरान हो जाता है.

ये भी पढ़ें- वनराज-काव्या की शादी पर ताना मारेगी पाखी, Anupama समेत हैरान होगा शाह परिवार

नजरिया: क्यों पुरुषों से नफरत करती थी सुरभि

romantic story in hindi

Winter Special: स्नैक्स में बनाएं हलके मीठे शकरपारे

स्नैक्स में अगर आप कोई आसान और कोई टेस्टी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो हलके मीठे शकरपारे आपके लिए परफेक्ट रेसिपी है.

सामग्री

–  1/2 कप आटा

–  1/2 कप मैदा

–  2 छोटे चम्मच सूजी

–  1/2 कप दूध –  1/6 कप घी

–  1/2 कप चीनी

ये भी पढ़ें- Winter Special: फैमिली के लिए बनाएं मूली कबाब

– 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

–  1/8 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा

–  2 छोटे चम्मच तिल

–  थोड़ा सा रिफाइंड औयल शकरपारे सेंकने के लिए.

विधि

दूध में चीनी और घी डाल कर उबालें. मैदा, सूजी और आटा छान लें. इस में दूध वाला मिश्रण, बेकिंग सोडा, इलायची पाउडर और तिल डाल कर आटा गूंध लें. 15 मिनट ढक कर रखें फिर छोटीछोटी लोइयां बना कर मोटा बेलें और मनचाहे आकार में काट लें. गरम तेल में मीडियम आंच पर सुनहरा होने तक सेंक लें. ये भी काफी दिनों तक खराब नहीं होते.ट

ये भी पढ़ें- Winter Special: घर पर बनाएं चटपटा इंडो-चाइनीज चिल्ली पोटैटो

सेहत की निशानी नहीं मोटापा

भारतीयों में पिछले 12-15 वर्षों के दौरान मोटापा बड़ी तेजी से बढ़ा है. मोटापे की 2 श्रेणियां मानी जाती हैं. पहली है ओवरवेट यानी जरूरत से ज्यादा वजन. इस से दिल और सांस से जुड़ी कई बीमारियां हो जाती हैं. दूसरी श्रेणी है ओबेसिटी, जो ढेर सारी बीमारियों का आधार होने के अलावा खुद में एक बीमारी है. इसे डाक्टर की मदद के बिना ठीक नहीं किया जा सकता है.

मैडिकल जर्नल ‘लांसेट’ में प्रकाशित सर्वे के अनुसार, भारत में करीब 20 प्रतिशत लोग मोटापे से जुड़ी किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हैं. खाने की खराब गुणवत्ता और शारीरिक श्रम का अभाव मोटापे की 2 बड़ी वजहें मानी जाती हैं. कार से सफर करना, एयरकंडीशंड में रहना, होटलों में खानापीना व लेटनाइट पार्टियों के मजे लेना आदि आज खातेपीते लोगों की जीवनशैली बन चुकी है.

ऐसी आदतों और जीवनशैली को ले कर हमें समय रहते चेत जाना जरूरी है क्योंकि कड़ी मेहनत की कमाई अगर हमें मोटापे से जुड़ी बीमारियों पर लुटानी पड़े तो यह अफसोसजनक है.

एक अन्य अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2030 तक मोटापा नौन कम्यूनिकेबल डिजीज का एक बड़ा कारण बन जाएगा और दुनिया में 70 प्रतिशत मौतें मोटापे से जुड़ी बीमारियों की वजह से होंगी. इस सर्वे के अनुसार, वर्ष 2030 तक मोटापे से जुड़ी बीमारियों से मरने वाले लोगों में भारत जैसे विकासशील देश के लोगों की संख्या काफी अधिक होगी. मोटापा महामारी बन जाए, इस से पहले इस की रोक पर हमें गंभीर प्रयास शुरू कर देने चाहिए.

यह सवाल, कि हम ओवरवेट या मोटे हैं या नहीं, इस को डा. पारुल आर सेठ की रिपोर्ट से बेहतर ढंग से जाना जा सकता है.

कैसे जानें अपना बीएमआई :

अपनी लंबाई और वजन के जरिए बौडी मास इंडैक्स यानी बीएमआई को कैलकुलेट किया जा सकता है. बीएमआई को जानने के लिए अपनी लंबाई को (मीटर में) इसी नंबर से गुणा कर दें. फिर जो नंबर मिले उसे अपने वजन (किलोग्राम) से भाग कर दें. इस से जो नंबर आएगा वह आप की बौडी का बीएमआई होगा.

क्या हो बीएमआई :

अगर आप का बीएमआई 18.50 से कम है तो आप अंडरवेट हैं. बीएमआई 30 से ज्यादा होने का मतलब है कि आप मोटे हैं और आप को अपने बढ़ते वजन पर नियंत्रण करने की जरूरत है.

कमर कितनी हो: शरीर के मध्य भाग पर जमे फैट का अंदाजा कमर के मापने से हो जाएगा. इस के लिए टेप को अपने लोअर रिब्स और हिप्स के बीच के हिस्से में रखते हुए गहरी सांस छोड़ते हुए घेरा नापें.

ये भी पढ़ें- जानें क्या है Drashti Dhami की फिटनेस का राज, पढ़ें इंटरव्यू

पुरुषों में यह नाप 94 सैंटीमीटर और महिलाओं में 88 सैंटीमीटर से ज्यादा होने का मतलब है कि आप कार्डियोवैस्कुलर, स्ट्रोक या डायबिटीज जैसी बीमारियों के खतरे पर खड़े हैं. पुरुषों में यह नाप 102 सैंटीमीटर और महिलाओं में 88 सैंटीमीटर से ऊपर जाने की स्थिति में मोटापे से जुड़ी बहुत सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

वेस्ट-हिप रेशियो :

वेस्ट यानी कमर, हिप्स यानी कूल्हे पर जमे फैट का अंदाजा लगाने के लिए उन का रेशियो निकाला जाता है. नाभि के पास से कमर की नाप लें और फिर कूल्हे के निचले हिस्से को नापें. कमर की नाप को कूल्हे की नाप से भाग कर दें. पुरुषों में यह रेशियो एक से ज्यादा और महिलाओं में 0.8 से ज्यादा आने का मतलब है कि आप हैल्थ प्रौब्लम के रिस्क जोन में हैं. ऐसे में आप को अपनी सेहत को ले कर सावधान हो जाने की सख्त जरूरत है.

वेट ज्यादा है तो :

बीएमआई और वेस्ट की नाप ज्यादा होने का साफसाफ मतलब है कि आप ओवरवेट हैं और अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए अब आप को हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सख्त जरूरत है. इस समय अगर आप अब भी रोजाना ऐक्सरसाइज व नियंत्रित खानपान पर ध्यान नहीं देंगे तो आप का शरीर और भी फैल जाएगा.

बढ़ते वजन पर नियंत्रण : सब से पहले हमें इस मूल धारणा को दिमाग से निकालना होगा कि बढ़ता वजन ‘सेहत बन रही है’ की निशानी है. दरअसल, बढ़ता वजन सेहत की नहीं, मोटापे की निशानी है. वजन पर नियंत्रण करें.

मोटापे से बचने के उपाय

–      प्रतिदिन ऐक्सरसाइज अवश्य करें. जिस में एरोबिक व कार्डियो ऐक्सरसाइज भी हो सकती हैं.

–      भोजन एकसाथ ज्यादा न करें. इकट्ठा बहुत सारा भोजन मोटापा लाता है. दिनभर में 6-7 बार थोड़ाथोड़ा कर भोजन लें.

ये भी पढ़ें- घर में ये पौधे लगाएं और मच्छरों को दूर भगाएं

–      हमेशा सुबह जल्दी सो कर उठें. सो कर उठने के बाद एकदम से काम में न लग जाएं. कम से कम 5 मिनट तक सीधा हो कर हलकेहलके कदम से कमरे के भीतर ही चलफिर कर शरीर का रक्तसंचार ठीक कर लें. फिर काम में लगें.

–      खाने में फल, जूस, दालें और कच्ची हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें.

–      अपना आकारप्रकार देख कर और यदि ज्यादा असुविधा न हो तो किसी डाक्टर से परामर्श ले कर वजन व रक्त की मात्रा के आधार पर भोजन का निर्धारण करें.

–      तेलयुक्त चीजों का सेवन कम से कम करें.

–      डिनर जल्दी लिया करें.

–      लंच व डिनर हलका लें किंतु ब्रेकफास्ट भारी लिया करें.

Winter Special: Moisturized स्किन है जरूरी

चाहे सर्दी हो गर्मी, हैल्दी और मॉइस्चराज्ड स्किन बहुत जरूरी है, हमें अक्सर कहा जाता है कि स्किन पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं. स्किन की चमक बढ़ाने के लिए यह बहुत जरूरी है. ग्लोइंग और निखरी स्किन हम सभी की चाहत है. खासतौर पर गर्ल्स चाहती हैं कि उनकी स्किन हर समय सॉफ्ट बनी रहे. ताकि वे अपनी मनपसंद शॉर्ट्स पहनें और खूबसूरत दिखें. लेकिन स्मूद और ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी होता है कि आप अपनी स्किन को मॉइस्चराइज करें. आइए, जानते हैं कि मॉइस्चराइजर आपकी स्किन पर कैसे काम करता है.

1. ड्राईनेस रोकता है

अब मौसम बदलने लगा है. खासतौर पर ड्राईनेस की दिक्कत विंटर में होती है. लेकिन हम लोग अब ज्यादातर वक्त एसी में रहते हैं. ऐसे में हमारी स्किन को मॉइस्चराइजर की जरूरत होती है. इससे हमारी स्किन सेल्स में नमी बनी रहती है. हर मौसम में अपनी स्किन को तैयार रखें ताकि आपकी स्किन खिलीखिली और ग्लोइंग रहे.

2. उम्र का असर कम करता है

शरीर को मॉइस्चराइज्ड रखने से बढ़ती उम्र का असर जल्दी से स्किन पर नजर नहीं आता. स्किन को जरूरी पोषण मिलने से फाइन लाइन्स और रिंकल्स की समस्या नहीं होती है. इससे आप हमेशा युवा नजर आती हैं. आपकी स्किन का खास खयाल रखा जाये, तो आप दावे के साथ 10 साल जवान लग सकते हैं, अपने लिए सही मॉइस्चराइजर चुनें.

ये भी पढ़ें- फेस स्क्रब टिप्स व ट्रिक्स

3. ऐक्ने से रोकथाम

ऐक्ने की समस्या आमतौर पर ऑइली स्किन वालों को होती है. ऐसे में मॉइस्चर लगाने की सलाह देना आपको अजीब लग सकता है. लेकिन यह सच है कि ऑइली स्किन को क्लीन करके समय-समय पर मॉइस्चराइज किया जाए तो ऐक्ने की समस्या को दूर किया जा सकता है. चेहरे पर मसाज करने से स्किन पोर खुलते हैं और स्किन स्वस्थ बनती है.

4. लाइट वेट मॉइस्चराइजर

एक लाइट वेट मॉइस्चराइजर आपके लिए किसी जादू से कम नहीं, अपने लिए सही प्रोडक्ट चुनें, ताकि आपकी स्किन को सही देखभाल मिल सके और आपकी स्किन का मॉइस्चर बना रहे.

5. सन प्रोटेक्शन

धूप के कारण होने वाली टैनिंग भी बहुत जल्दी स्किन पर असर नहीं डाल पाती अगर आपकी स्किन में नमी और पूरा पोषण होगा. इसलिए सन प्रोटेक्शन में भी मॉइस्चराइजर मददगार है. इसलिए अपनी स्किन की जरूरत के हिसाब से सही एसपीएफ वाला मॉइस्चराइजर और मॉइस्चराइजिंग क्रीम आपको ठंड के मौसम में भी अप्लाई करनी चाहिए.

6. रूखी स्किन

मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल न करने की वजह से आपको एक और स्किन की समस्या हो सकती है. अगर महिलाएं नियमित रूप से मॉइस्चराइजर नहीं करती हैं तो उससे उनकी स्किन रूखी हो जाती है, जो महिलाएं नियमित रूप से मॉइस्चराइजर लगाती हैं, उनकी स्किन स्मूथ और सॉफ्ट रहती है.

ये भी पढ़ें- Winter Special: गिरते बालों के लिए अपनाएं ये उपाय

7. डिहाइड्रेटेड स्किन

अगर आप अपने चेहरे पर अच्छी तरह मॉइस्चराइजर नहीं लगते हैं तो ऐसे में आपकी स्किन डिहाइड्रेटेड भी हो सकती है. इससे आपकी स्किन पर अन्य दिक्कतें आ सकती हैं जो आपकी स्किन को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं. फ्रूटामिन लोशन, फ्रूटामिन क्रीम और रोज वॉटर आपको आपकी स्किन हाइड्रेट करने में मदद कर सकते हैं.

बच्चों पर बुरा असर डालता है तलाक

‘परफैक्शनिस्ट’ अभिनेता आमिर खान और किरण राव का 15 साल बाद तलाक लेना शौकिंग है क्योंकि हर इंटरव्यू में आमिर खान हमेशा किरण राव की तारीफ करते थे. हालांकि दोनों ने आपसी सहमति से डिवोर्स लिया है, जिस में आमिर खान और किरण राव एक पेरैंट्स की तरह ही आजाद का पालनपोषण करेंगे, लेकिन मातापिता के अलग होने पर सब से अधिक प्रभाव बच्चों पर होता है क्योंकि उन्हें कभी भी मातापिता का मतभेद और डिवोर्स पसंद नहीं होता और फिर बड़े हो कर वे किसी रिश्ते में जाना पसंद नहीं करते.

आमिर की पहली पत्नी रीना दत्त से डिवोर्स लेने के बाद भी कई साल जुनैद डिप्रैशन का शिकार रहा. उस का मन पढ़ाई में नहीं लगता था. कक्षा में पीछे बैठ कर सोता रहता था. बाद में टीचर को पता चला कि आमिर खान और रीना में डिवोर्स हुआ है. बहुत मुश्किल से रीना ने अपने बच्चे जुनैद और ईरा को संभाला है. वैसी हालत एक बार फिर किरण को 10 साल के आजाद को संभालने में होगी. उन के डिवोर्स की खबर के बाद ‘दंगल’ गर्ल फातिमा सना शेख की तसवीरें सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई हैं. हालांकि आमिर ने डिवोर्स की वजह नहीं बताई है, पर समय के साथ सब पता चल जाएगा.

मुश्किल घड़ी

मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान का फिल्मी कैरियर बहुत सफल रहा, लेकिन उन का निजी जीवन नहीं क्योंकि पहले की दोनों पत्नियों ने कई सालों तक साथ रहने के बाद डिवोर्स दिया, लेकिन आमिर खान दोनों पत्नियों से डिवोर्स के बाद कोपेरैंट रह कर बच्चों की परवरिश करने की बात कह चुके हैं. पेरैंट्स और कोपेरैंट में बहुत अंतर होता है, जिसे हर मातापिता को मानना आवश्यक है.

एक इंटरव्यू के दौरान आमिर कह चुके है कि जब मेरी और रीना का डिवोर्स हुआ और मीडिया में बात फैली, तब उस का फोन आया कि वह मुझ से मिलना चाहती है और मुझे डिवोर्स से रोकना चाहती है. मैं उस समय किसी से मिलना भी नहीं चाहता था, लेकिन वह आई और उसे न छोड़ने की सलाह दी थी. मुझे उस दिन लगा था कि कहीं न कहीं उस के दिल में मेरे लिए जगह है, जिस से वह मेरी मुश्किल घड़ी में मुझ से मिलने आई.

ये भी पढे़ं- जब कहना हो न

मानसिक और शारीरिक विकास पर असर

इस बारे में मुंबई की मनोवैज्ञानिक राशिदा कपाडि़या कहती हैं कि अभिनेता आमिर खान एक अच्छे कलाकार के साथसाथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. उन की अधिकतर फिल्मों के सफल होने में उन का खुद हर फिल्म को बनाने में सक्रिय होना है. उन्हें 2003 में पद्मश्री और वर्ष 2010 में पद्मभूषण अवार्ड भी मिल चुका है. उन की अच्छी इमेज है और उन्हें लोग फौलो करते हैं. ऐसे में इस तरह की छवि ठीक नहीं. कोपेरैंट का अर्थ साथ रहना नहीं, बल्कि कभीकभी बच्चे से मिलना होता है. इस से बच्चा बहुत कन्फ्यूजन में रहता है कि वह किसे अपनाए, किस की बात सुने, किस की नहीं. मातापिता के अलग होने में बच्चे ही सब से अधिक प्रभावित होते हैं. मातापिता की मनमानी से बच्चे खुद को उपेक्षित महसूस करने लगते हैं. देखा जाय तो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. कुछ प्रभाव निम्न हैं, जिन से बच्चे को निकलना आसान नहीं होता:

– बच्चों को मातापिता दोनों का प्यार चाहिए, पिता का सहयोग और मां की ममता बच्चे दोनों  चाहते हैं.

– दोनों के साथ रहने पर बच्चों को एक स्ट्रैंथ मिलती है, उन्हें समझ में आता है कि परिवार उन की अच्छी परवरिश के लिए कमाई कर  उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना चाहता है.

– मातापिता के अलग होने पर सपोर्ट की दीवार एकदम गिर जाती है. बच्चे बहुत अकेला महसूस करते हैं क्योंकि जब पिता होते हैं. तो मां नहीं और जब मां होती है, तो पिता नहीं क्योंकि मातापिता एकदूसरे के साथ सामंजस्य कर के ही एक अच्छी परिवेश देते हैं.

– मां का प्यार पिता नहीं दे सकता और पिता की स्ट्रैंथ मां नहीं दे सकती. बच्चों का मानसिक संतुलन बिगड़ता है. कई बार वे मातापिता के अलग होने का जिम्मेदार खुद को मानने लगते हैं.

– बच्चे बड़े हो कर परिवार, रिश्तों और प्यार में विश्वास करना भूल जाते हैं.

– डिवोर्स हो कर भी साथ में रहना, बहुत ही अलग बात है. यह औनलाइन मीटिंग की तरह है, बात में साथ हूं, लेकिन शारीरिक रूप से दूर हूं,

औफिस में बैठ कर काम करना और औनलाइन काम करने में बहुत बड़ा अंतर होता है, बौंडिंग अलग तरह की होती है, मातापिता बनने के लिए फिजिकल बौंडिंग की जरूरत होती है.

– मानसिक के अलावा शारीरिक विकास पर भी अधिक प्रभाव होता है क्योंकि बच्चे स्ट्रैस में होते हैं. खानेपीने की इच्छा नहीं होती. शरीर कमजोर होने पर वे बीमार पढ़ने लगते हैं.

ये भी पढ़ें- अहंकार से टूटते परिवार

– इन हालात से खुद को दूर रखने के लिए वे खुद, ड्रग और नशे का शिकार हो जाते हैं, गलत आदतें पाल लेते हैं और बुरी संगत में रहने लगते हैं.

– किसी के कुछ कहने पर बच्चे चिड़चिड़ेपन के शिकार हो कर विद्रोही हो जाते हैं. उन की बातचीत का तरीका बहुत गलत हो जाता है.

– इस के अलावा बच्चे कन्फ्यूज हो जाते हैं क्योंकि अलग होने के बाद अगर आमिर खान की कोई गर्लफ्रैंड अगर साथ में आई या किरण राव के साथ कोई आता है, तो बच्चे को नया रिलेशन जोड़ना पड़ता है.

– मां के साथ आए व्यक्ति को वह दूसरा पिता या स्टैप फादर कह कर संबोधन करेगा और पिता के साथ आई दूसरी महिला को वह स्टैप मदर या डैडी की गर्लफ्रैंड कहेगा और वह बहुत मुश्किल होता है. बच्चा अगर टीनऐजर है, तो वह नए व्यक्ति को अपने परिवार का सदस्य नहीं मान सकता क्योंकि उसे ये सब थोपा जाने वाला रिश्ता लगने लगता है.     -सोमा घोष –

 

किचन में न दें कीटाणुओं को दावत, इन बातों का रखें ध्यान

किचन घर की सब से महत्त्वपूर्ण जगह होती है. यहीं पूरे घर के सदस्यों के लिए पोषक भोजन तैयार होता है. मगर यदि किचन में कीटाणुओं को दूर रखने का पर्याप्त इंतजाम न हो तो भोजन के संक्रमित होने का खतरा भी सब से ज्यादा यहीं होता है. इस का मतलब यह नहीं कि आप बारबार किचन के दरवाजे, दराजों, स्लैब आदि पर पोंछा लगाती रहें. कुछ आवश्यक बातों का खयाल रख कर आप इस खतरे को दूर रख सकती हैं. पहले ध्यान दीजिए कि कीटाणुओं के पनपने की वजह क्या हो सकती है.

रसोई का कपड़ा

रसोई के कपड़ा कीटाणुओं के पनपने की एक मुख्य वजह बन सकते हैं. इन में नमी रहती है. रसोई का कपड़ा रोज इस्तेमाल के बाद धो कर रखें. खाना बनाने के बाद स्लैब आदि पोंछने के लिए लाइजोल किचन क्लीनर स्प्रे कर कपड़े से साफ करें. कुकिंग टौप व स्लैब इत्यादि साफ करने वाला कपड़ा और हाथ पोंछने वाला कपड़ा अलगअलग होना चाहिए ताकि कीटाणुओं को फैलने से रोका जा सके.

काटने की जगह

कच्ची फलसब्जियां, सलाद आदि काटने की जगह साफ करती रहें. खासकर यदि उपयोग करने के बाद इस जगह को बगैर धोए हुए छोड़ दिया जाए तो कीटाणुओं को दावत मिल जाती है. इसी तरह चाकू को काम में लाने के बाद अच्छी तरह साफ करना चाहिए. कटिंग बोर्ड को भी हर बार इस्तेमाल के बाद धो कर रखें.

कुंडी, हत्था नल, फ्रिज की सतह, प्रैशर कुकर का हत्था, दरवाजे की कुंडी, दराज का हत्था, डब्बों के ढक्कन आदि को भी समयसमय पर कीटाणुमुक्त करते रहना चाहिए वरना इन के जरीए कीटाणु हमारे हाथ में आएंगे और फिर खाने को दूषित करेंगे.

कचरे का डब्बा

कचरे का डब्बा हमेशा कीटाणुओं के आकर्षण का केंद्र रहता है. फलसब्जियों को छीलनेकाटने के बाद बची फालतू सामग्री के साथ अकसर हम सड़ी या बची खाने की चीजें भी कूड़ेदान में फेंक देते हैं. इस से कीटाणुओं को वहां पनपने का पूरा मौका मिलता है. इसलिए कोशिश करें कि ढक्कन वाले कचरे का डब्बा ही उपयोग में लाएं और बचे हुए खाद्यपदार्थों को कूड़ेदान में फेंकने के बजाय अलगअलग पैकेट में बांध कर फिर कूड़ेदान में फेंकें. कूड़ेदान में डब्बे और आसपास की जगह को बीचबीच में लाइजोल किचन क्लीनर या ऐसे ही किसी अन्य कीटाणुनाशक से धोती रहें.

हाथों के जरिए

कीटाणु हाथों के जरीए भी आप के भोजन में जा सकते हैं. इसलिए खाना बनाने की तैयारी से पहले, खाना खाने से पहले और खाना परोसते समय अपने हाथों को साबुन से साफ जरूर करें.

यदि स्लैब पर खाने के कण छूटे हुए हैं तो वे चींटियों और कौकरोचों को दावत देंगे. इसलिए खाना बनाने के बाद स्लैब और चूल्हे को लाइजोल किचन क्लीनर से अच्छी तरह साफ करना न भूलें. खाने को ढक कर रखें. पैन और कड़ाही पर ढक्कन जरूर रखें ताकि उन पर मक्खियों, कौकरोच या कीटाणुओं का हमला न हो और वे दूषित होने से बचे रह सकें.

कीटाणु हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं. इन के कारण सामान्य त्वचा रोग होने से ले कर जानलेवा बीमारियां तक हो सकती हैं. कीटाणुओं के कारण फैलने वाली प्रमुख बीमारियां हैं:

निमोनिया

निमोनिया फेफड़ों की सूजन से संबंधित एक खतरनाक बीमारी है. इस के प्रमुख लक्षण हैं- सीने में तेज दर्द के साथ बुखार आना, सांस लेने में कठिनाईर् होना आदि. ये रोग सीधे व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं.

ट्यूबरकुलोसिस

ट्यूबरकुलोसिस यानी क्षय रोग भी कीटाणुओं के कारण फैलता है. यह प्रमुख रूप से फेफड़ों को नष्ट करता है. इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति से यह रोग दूसरे व्यक्तियों में हवा के जरीए आसानी से हो सकता है, क्योंकि उस के थूकखांसी में इस रोग के कीटाणु होते हैं. बुखार, पसीना आना, वजन कम होना और बारबार कफ वाली खांसी होना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं.

हैजा

यह कीटाणुओं से फैलन वाली एक संक्रामक बीमारी है. इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं- लगातार उल्टियां आना, पानी जैसे दस्त होना, मांसपेशियों में ऐंठन. यदि दस्त बहुत ज्यादा होने लगें तो व्यक्ति के शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है जिस से जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. इस बीमारी के कीटाणु खासतौर पर सड़ीगली सब्जियों और फलों, गंदे भोजन और दूषित पानी में पाए जाते हैं. मक्खियां इस बीमारी की प्रमुख वाहक होती हैं जो गंदी चीजों पर बैठती हैं और फिर कीटाणुओं को खाने में मिला देती हैं.

टिटनैस

टिटनैस भी कीटाणुओं की वजह से फैलता है. धूलमिट्टी, लार और पशुओं के मल में पाए जाने वाले टिटनैस के कीटाणु शरीर की कटीफटी त्वचा के जरीए शरीर में प्रवेश करते हैं.

टाइफाइड

टाइफाइड को आंतों का बुखार भी कहते हैं. टाइफाइड पैदा करने वाले कीटाणु मनुष्य की आंतों में रह कर वृद्धि करते हैं और फिर वहां से खून में पहुंच जाते हैं. कीटाणु अकसर दूषित भोजन और पानी से शरीर में पहुंचते हैं. इस के कारण पेट दर्द और कब्ज की शिकायत, कमजोरी और तेज बुखार हो सकता है.

बंद किताब : रत्ना के लिए क्या करना चाहता था अभिषेक

लेखक- रामदेव लाल श्रीवास्तव

‘‘तुम…’’

‘‘मुझे अभिषेक कहते हैं.’’

‘‘कैसे आए?’’

‘‘मुझे एक बीमारी है.’’

‘‘कैसी बीमारी?’’

‘‘पहले भीतर आने को तो कहो.’’

‘‘आओ, अब बताओ कैसी बीमारी?’’

‘‘किसी को मुसीबत में देख कर मैं अपनेआप को रोक नहीं पाता.’’

‘‘मैं तो किसी मुसीबत में नहीं हूं.’’

‘‘क्या तुम्हारे पति बीमार नहीं हैं?’’

‘‘तुम्हें कैसे पता चला?’’

‘‘मैं अस्पताल में बतौर कंपाउंडर काम करता हूं.’’

‘‘मैं ने तो उन्हें प्राइवेट नर्सिंग होम में दिखाया था.’’

‘‘वह बात भी मैं जानता हूं.’’

‘‘कैसे?’’

‘‘तुम ने सर्जन राजेश से अपने पति को दिखाया था न?’’

‘‘हां.’’

‘‘उन्होंने तुम्हारी मदद करने के लिए मुझे फोन किया था.’’

‘‘तुम्हें क्यों?’’

‘‘उन्हें मेरी काबिलीयत और ईमानदारी पर भरोसा है. वे हर केस में मुझे ही बुलाते हैं.’’

‘‘खैर, तुम असली बात पर आओ.’’

‘‘मैं यह कहने आया था कि यही मौका है, जब तुम अपने पति से छुटकारा पा सकती हो.’’

‘‘क्या मतलब?’’

‘‘बनो मत. मैं ने जोकुछ कहा है, वह तुम्हारे ही मन की बात है. तुम्हारी उम्र इस समय 30 साल से ज्यादा नहीं है, जबकि तुम्हारे पति 60 से ऊपर के हैं. औरत को सिर्फ दौलत ही नहीं चाहिए, उस की कुछ जिस्मानी जरूरतें भी होती हैं, जो तुम्हारे बूढ़े प्रोफैसर कभी पूरी नहीं कर सके.

‘‘10 साल पहले किन हालात में तुम्हारी शादी हुई थी, वह भी मैं जानता हूं. उस समय तुम 20 साल की थीं और प्रोफैसर साहब 50 के थे. शादी से ले कर आज तक मैं ने तुम्हारी आंखों में खुशी नहीं देखी है. तुम्हारी हर मुसकराहट में मजबूरी होती है.’’

‘‘वह तो अपनाअपना नसीब है.’’

‘‘देखो, नसीब, किस्मत, भाग्य का कोई मतलब नहीं होता. 2 विश्व युद्ध हुए, जिन में करोड़ों आदमी मार दिए गए. इस देश ने 4 युद्ध झेले हैं. उन में भी लाखों लोग मारे गए. बंगलादेश की आजादी की लड़ाई में 20 लाख बेगुनाह लोगों की हत्याएं हुईं. क्या यह मान लिया जाए कि सब की किस्मत

खराब थी?

‘‘उन में से हजारों तो भगवान पर भरोसा करने वाले भी होंगे, लेकिन कोई भगवान या खुदा उन्हें बचाने नहीं आया. इसलिए इन बातों को भूल जाओ. ये बातें सिर्फ कहने और सुनने में अच्छी लगती हैं. मैं सिर्फ 25 हजार रुपए लूंगा और बड़ी सफाई से तुम्हारे बूढ़े पति को रास्ते से हटा दूंगा.’’

ये भी पढ़ें- जिद: क्या परिवार से हटकर चंचल कुछ सोच पाई

अभिषेक की बातें सुन कर रत्ना चीख पड़ी, ‘‘चले जाओ यहां से. दोबारा अपना मुंह मत दिखाना. तुम ने यह कैसे सोच लिया कि मैं इतनी नीचता पर उतर आऊंगी?’’

‘‘अभी जाता हूं, लेकिन 2 दिन के बाद फिर आऊंगा. शायद तब तक मेरी बात तुम्हारी समझ में आ जाए,’’ इतना कह कर अभिषेक लौट गया.

रत्ना अपने बैडरूम में जा कर फफकफफक कर रोने लगी. अभिषेक ने जोकुछ कहा था, वह बिलकुल सही था.

रत्ना को ताज्जुब हो रहा था कि वह उस के बारे में इतनी सारी बातें कैसे जानता था. हो सकता है कि उस का कोई दोस्त रत्ना के कालेज में पढ़ता रहा हो, क्योंकि वह तो रत्ना के साथ कालेज में था नहीं. वह उस की कालोनी में भी नहीं रहता था.

रत्ना के पति बीमारी के पहले रोज सुबह टहलने जाया करते थे. हो सकता है कि अभिषेक भी उन के साथ टहलने जाता रहा हो. वहीं उस का उस के पति से परिचय हुआ हो और उन्होंने ही ये सारी बातें उसे बता दी हों. उस के लिए अभिषेक इतना बड़ा जोखिम क्यों उठाना चाहता है. आखिर यह तो एक तरह की हत्या ही हुई. बात खुल भी सकती है. कहीं अभिषेक का यह पेशा तो नहीं है? बेमेल शादी केवल उसी की तो नहीं हुई है. इस तरह के बहुत सारे मामले हैं. अभिषेक के चेहरे से तो ऐसा नहीं लगता कि वह अपराधी किस्म का आदमी है. कहीं उस के दिल में उस के लिए प्यार तो नहीं पैदा हो गया है.

रत्ना को किसी भी तरह के सुख की कमी नहीं थी. प्रोफैसर साहब अच्छीखासी तनख्वाह पाते थे. उस के लिए काफीकुछ कर रखा था. 5 कमरों का मकान, 3 लाख के जेवर, 5 लाख बैंक बैलेंस, सबकुछ उस के हाथ में था. 50 हजार रुपए सालाना तो प्रोफैसर साहब की किताबों की रौयल्टी आती थी. इन सब बातों के बावजूद रत्ना को जिस्मानी सुख कभी नहीं मिल सका. प्रोफैसर साहब की पहली बीवी बिना किसी बालबच्चे के मरी थी. रत्ना को भी कोई बच्चा नहीं था. कसबाई माहौल में पलीबढ़ी रत्ना पति को मारने का कलंक अपने सिर लेने की हिम्मत नहीं कर सकती थी.

रत्ना ने अभिषेक से चले जाने के लिए कह तो दिया था, लेकिन बाद में उसे लगने लगा था कि उस की बात को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता था. रत्ना अपनेआप को तोलने लगी थी कि 2 दिन के बाद अभिषेक आएगा, तो वह उस को क्या जवाब देगी. इस योजना में शामिल होने की उस की हिम्मत नहीं हो पा रही थी.

अभिषेक अपने वादे के मुताबिक 2 दिन बाद आया. इस बार रत्ना उसे चले जाने को नहीं कह सकी. उस की आवाज में पहले वाली कठोरता भी नहीं थी. रत्ना को देखते ही अभिषेक मुसकराया, ‘‘हां बताओ, तुम ने क्या सोचा?’’

‘‘कहीं बात खुल गई तो…’’

‘‘वह सब मेरे ऊपर छोड़ दो. मैं सारी बातें इतनी खूबसूरती के साथ करूंगा कि किसी को भी पता नहीं चलेगा. हां, इस काम के लिए 10 हजार रुपए बतौर पेशगी देनी होगी. यह मत समझो कि यह मेरा पेशा है. मैं यह सब तुम्हारे लिए करूंगा.’’

‘‘मेरे लिए क्यों?’’

‘‘सही बात यह है कि मैं तुम्हें  पिछले 15 साल से जानता हूं. तुम्हारे पिता ने मुझे प्राइमरी स्कूल में पढ़ाया था. मैं जानता हूं कि किन मजबूरियों में गुरुजी ने तुम्हारी शादी इस बूढ़े प्रोफैसर से की थी.’’

‘‘मेरी इज्जत तो इन्हीं की वजह से है. इन के न रहने पर तो मैं बिलकुल अकेली हो जाऊंगी.’’

‘‘जब से तुम्हारी शादी हुई है, तभी से तुम अकेली हो गई रत्ना, और आज तक अकेली हो.’’

‘‘मुझे भीतर से बहुत डर लग रहा है.’’

‘‘तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. अगर भेद खुल भी जाता है, तो मैं सबकुछ अपने ऊपर ले लूंगा, तुम्हारा नाम कहीं भी नहीं आने पाएगा. मैं तुम्हें सुखी देखना चाहता हूं रत्ना. मेरा और कोई दूसरा मकसद नहीं है.’’

‘‘तो ठीक है, तुम्हें पेशगी के रुपए मिल जाएंगे,’’ कह कर रत्ना भीतर गई और 10 हजार रुपए की एक गड्डी ला कर अभिषेक के हाथों पर रख दी. रुपए ले कर अभिषेक वापस लौट गया.

ये भी पढे़ं- स्पर्श दंश: क्या घटा था सुरेश के साथ

तय समय पर रत्ना के पति को नर्सिंग होम में भरती करवा दिया गया. सभी तरह की जांच होने के बाद प्रोफैसर साहब का आपरेशन किया गया, जो पूरी तरह से कामयाब रहा. बाद में उन्हें खून चढ़ाया जाना था. अभिषेक सर्जन राजेश की पूरी मदद करता रहा. डाक्टर साहब आपरेशन के बाद अपने बंगले पर चले गए थे. खून चढ़ाने वगैरह की सारी जिम्मेदारी अभिषेक पर थी. सारा इंतजाम कर के अभिषेक अपनी जगह पर आ कर बैठ गया था. रत्ना भी पास ही कुरसी पर बैठी हुई थी. अभिषेक ने उसे आराम करने को कह दिया था.

रत्ना ने आंखें मूंद ली थीं, पर उस के भीतर उथलपुथल मची हुई थी. उस का दिमाग तेजी से काम कर रहा था. दिमाग में अनेकअनेक तरह के विचार पैदा हो रहे थे. अभिषेक ड्रिप में बूंदबूंद गिर कर प्रोफैसर के शरीर में जाते हुए खून को देख रहा था. अचानक वह उठा. अब तक रात काफी गहरी हो गई थी. वह मरीज के पास आया और ड्रिप से शरीर में जाते हुए खून को तेज करना चाहा, ताकि प्रोफैसर का कमजोर दिल उसे बरदाश्त न कर सके. तभी अचानक रत्ना झटके से अपनी सीट से उठी और उस ने अभिषेक को वैसा करने से रोक दिया.

वह उसे ले कर एकांत में गई और फुसफुसा कर कहा, ‘‘तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे, रुपए भले ही अपने पास रख लो. मैं अपने पति को मौत के पहले मरते नहीं देख सकती. जैसे इतने साल उन के साथ गुजारे हैं, बाकी समय भी गुजर जाएगा.’’ अभिषेक ने उस की आंखों में झांका. थोड़ी देर तक वह चुप रहा, फिर बोला, ‘‘तुम बड़ी कमजोर हो रत्ना. तुम जैसी औरतों की यही कमजोरी है. जिंदगीभर घुटघुट कर मरती रहेंगी, पर उस से उबरने का कोई उपाय नहीं करेंगी. खैर, जैसी तुम्हारी मरजी,’’ इतना कह कर अभिषेक ने पेशगी के रुपए उसे वापस कर दिए. इस के बाद वह आगे कहने लगा, ‘‘जिस बात को मैं ने इतने सालों से छिपा रखा था, आज उसे साफसाफ कहना पड़ रहा है.

‘‘रत्ना, जिस दिन मैं ने तुम्हें देखा था, उसी दिन से तुम्हें ले कर मेरे दिल में प्यार फूट पड़ा था, जो आज बढ़तेबढ़ते यहां तक पहुंच गया है. ‘‘इस बात को मैं कभी तुम से कह नहीं पाया. प्यार शादी में ही बदल जाए, ऐसा मैं ने कभी नहीं माना.

‘‘मैं उम्मीद में था कि तुम अपनी बेमेल शादी के खिलाफ एक न एक दिन बगावत करोगी. मेरी भावनाओं को खुदबखुद समझ जाओगी या मैं ही हिम्मत कर के तुम से अपनी बात कह दूंगा.

‘‘इसी जद्दोजेहद में मैं ने 15 साल गुजार दिए. आज तक मैं तुम्हारा ही इंतजार करता रहा. जब बरदाश्त की हद हो गई, तब मौका पा कर तुम्हारे पति को खत्म करने की योजना बना डाली. रुपए की बात मैं ने बीच में इसलिए रखी थी कि तुम मेरी भावनाओं को समझ न सको.

‘‘तुम ने इस घिनौने काम में मेरी मदद न कर मुझे एक अपराध से बचा लिया. वैसे, मैं तुम्हारे लिए जेल भी जाने को तैयार था, फांसी का फंदा भी चूमने को तैयार था.

‘‘मैं तुम्हें तिलतिल मरते हुए नहीं देख सकता था रत्ना, इसलिए मैं ने इतना बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया था.’’

अपनी बात कह कर अभिषेक ने चुप्पी साध ली. रत्ना उसे एकटक देखती रह गई.

ये भी पढ़ें- पाखंड का अंत : बिंदु ने कैसे किया बाबा का खुलासा

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें