घर को डिक्लटर करने के 5 टिप्स

बारिश का मौसम लगभग जा चुका है त्यौहारों ने अपनी दस्तक दे दी है. इन दिनों घरों की साफ सफाई और रंगाई पुताई का काम जोरों पर होता है. हर कोई अपने घर को कुछ नए ढंग से सजाना चाहता है, वर्ष भर एक जैसे घर को देखते हुए कुछ नयापन देना चाहता है. दीवाली पर तो यूं भी नया सामान लाया जाता है. अक्सर हम नया सामान तो ले आते हैं परन्तु पुराने बेकार हुए सामान को हटाते नहीं है जिससे घर में उथल पुथल और अव्यवस्था होनी शुरू हो जाती है.

घर के कमरे ही नहीं यह बात हमारे कपड़ों की कवर्ड पर भी लागू होती है क्योंकि नए कपड़े आने और पुराने के न हटने से कवर्ड की क्षमता भी अंतिम सांसे गिनने लगती है. कोई भी नया सामान लाने से पूर्व घर को डिक्लटर करना बेहद आवश्यक है ताकि नया सामान अपनी जगह बना सके और घर अस्तव्यस्त के स्थान पर सुव्यवस्थित लगे. घर को डिक्लटर करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है-

1. बारीकी से करें निरीक्षण

घर के प्रत्येक कमरे और रसोई का अच्छी तरह निरीक्षण करें और जो भी वस्तु या बर्तन पिछले एक वर्ष से उपयोग में नहीं आयी है उसे घर से बाहर कर दें क्योंकि जिस वस्तु की आवश्यकता एक वर्ष तक नहीं पड़ी है इसका सीधा सा तात्पर्य है कि वह वस्तु आपके लिए अनुपयोगी है और वह व्यर्थ में जगह घेरे है.  इस सामान में मिठाई के खाली डिब्बे, पेपर, पुरानी घड़ियां,  अनुपयोगी कपड़े और बर्तन आदि को शामिल करें.

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2. कवर्ड पर भी डालें नजर

अनीता ने बाजार जाने के लिए जैसे ही साड़ी निकालनी चाही, उसमें से सारे कपड़े भरभराकर नीचे गिर पड़े उस पर भी जो साड़ी उसे पहननी थी उसका ब्लाउज नहीं मिल पाया. दरअसल हम नए कपड़े खरीदते जाते हैं और पुरानों को हटाते नहीं है जिससे कवर्ड ओवरलोड हो जाती है. जिन कपड़ों का आपने बहुत लंबे समय से उपयोग नहीं किया है और आगे भी उनके प्रयोग करने की संभावना नहीं है उन्हें किसी जरूरतमंद को दे दें. पुराने कपड़ों को हटाकर ही नए लाएं इससे आपकी कवर्ड व्यवस्थित रहेगी.

और आपको कपड़े खोजने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.

3. बास्केट बनाएं

एक साथ पूरे घर की सफाई करके डिक्लटरिंग करने के स्थान पर आप एक एक कमरे की सफाई करें. जब भी सफाई करें तो तीन बास्केट या कार्टून अपने पास रखें. सफाई करते समय अक्सर काम आने वाली, माह दो माह में कभी कभी काम आने वाली तथा पिछले 1 वर्ष में एक बार भी काम न आने वाली चीजों को अलग अलग डिब्बे में डालती जाएं. जिस कार्टून में आपने वर्ष भर में प्रयोग न आने वाली वस्तुएं रखीं है उन पर एक बार पुनः नजर डालें, यदि बहुत अधिक उपयोगी कोई वस्तु हो तो उसे अलग कर लें अन्यथा इस सामान को बिना लालच किये हटा दें. यह सिद्धांत घर के प्रत्येक कमरे ड्रेसिंग टेबल, किचन आदि सब पर लागू करें. कभी काम आएगी इस सोच को त्याग दें.

4. किताबें और पेपर्स

हमारे घरों में किताबों और पेपर्स का भंडार होता है. इनकी छंटाई करना बहुत मुश्किल होता है. इनकी छंटाई बहुत फुर्सत में समय लेकर करें ताकि कोई जरूरी कागज इधर उधर न हो जाये. अखबारों को सहेजकर कतई न रखें क्योंकि एक तो यह हर दिन आते हैं, दूसरे अनावश्यक जगह भी घेरते हैं. आमतौर पर घरों में बड़े बच्चे की किताबों से ही छोटा बच्चा पढ़ता है इसलिए यदि आपके कोई दूसरा बच्चा पढ़ने वाला है तो ही कोर्स की किताबें रखें अन्यथा किसी जरूरतमंद को दे दें. सभी जरूरी कागजों की फाइल बनाकर रखें इससे जरूरत पड़ने पर खोजना काफी आसान हो जाएगा.

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5. जूते चप्पल

जूते चप्पल भी घर के बहुत जरूरी सामान हैं. इनकी संख्या भी काफी होती है. क्योंकि डेली वीयरिंग, ओकेजनल और फॉर्मल वीयरिंग के अलग अलग जूते चप्पल होते हैं. इसके अतिरिक्त कई बार हम ड्रेस की मैचिंग के भी फुटवीयर खरीदते हैं यहां पर साल भर से प्रयोग में न आने वाला सामान अनुपयोगी है वाला सिद्धांत लागू नहीं हो सकता. इन्हें छांटने का सबसे अच्छा तरीका है कि ऐसे फुटवीयर जिन्हें आप पहनना पसंद नहीं करते या आप नए ले आये हैं अथवा जो टूटे फटे अनुपयोगी से हैं उन्हें हटा दें… ताकि आपकी शू रैक में जगह हो सके. जूतों के साथ साथ मोजों को भी छांटे जिनकी इलास्टिक लूज हो गयी है या जो फट गए हैं, रोएं निकल आये हैं उन सबको शू रैक से बाहर कर दें .

इस प्रकार आप अभी से अपने घर की डिक्लटरिंग करना प्रारम्भ कर दें ताकि नए सामान के लिए जगह भी बन सके और घर व्यवस्थित भी हो सके.

राखी दवे को घर से निकालेगी Anupama, तोड़ेगी मां-बेटी का रिश्ता

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) की कहानी में अनुज कपाड़िया की एंट्री से दर्शक बेहद खुश हैं, जिसका अंदाजा टीआरपी चार्ट्स की लिस्ट से लगाया जा सकता है. फैंस को अनुपमा की जिंदगी में मची उथल पुथल और वनराज की जलन काफी पसंद आ रही है. वहीं जल्द ही शो की कहानी में अनुपमा का एक और दुश्मन  कदम रखने वाल है, जिससे अनुज और अनुपमा का रिश्ता और मजबूत होता नजर आएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अनुपमा ने की वनराज की बेइज्जती


अब तक आपने देखा कि वनराज और अनुज नशे में होटल पहुंचते हैं. जहां काव्या वनराज का ख्याल रखती है तो वहीं अनुपमा अपने दोस्त होने का फर्ज निभाते हुए अनुज की मदद करती है. लेकिन अगली सुबह वनराज दोनों के साथ में रात बिताने पर तंज कसता नजर आता है, जिसके जवाब में अनुपमा, वनराज को आइना दिखाते हुए कहती है कि ‘मिस्टर शाह आप मुझे अपने ऑफिस की पार्टी में नहीं ले जाते थे क्योंकि आपको मेरे हाथों से मसालों की बदबू आती थी. लेकिन अब आपकी बातों और विचारों से घटिया सोच और ओछेपन की बदबू आती है. इसलिए मेहरबानी करके मेरे काम की जगह से दूर ही रहिएगा.’, अनुपमा का ये रुप देखकर वनराज और काव्या का मुंह खुला का खुला रह जाता है.

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किंजल का सुनाएगी फैसला

 

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दूसरी तरफ बा, अनुपमा को लेकर परेशान नजर आती है. इसी बीच किंजल की मां राखी दवे आकर बा को अनुपमा के खिलाफ भड़काती है. वहं अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि राखी दवे शाह हाउस में अपना हक जमाती नजर आएगी और बा का नेकलेस फेंक देगी, जिसे बा और किंजल उठा रहे होंगे. इसी बीच मुंबई से शाह हाउस लौटते ही अनुपमा और वनराज ये सब देख लेंगे, जिसे देखते ही अनुपमा का सब्र का बांध टूट जाएगा और वह राखी दवे के नाम की नेम प्लेट के साथ उसे पैसे वापस करते हुए चेक देगी, जिसे देखकर राखी दवे हैरान रह जाएगी. वहीं अनुपमा फैसला करेगी कि ना ही किंजल उनके घर जाएगी और ना ही वो कभी भी शाह हाउस लौटेंगी. इसी के साथ वनराज, अनुपमा का साथ देते हुए राखी दवे को घर से बाहर निकाल देगा.

 

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राखी दवे लेगी बदला

खबरों की मानें तो अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए राखी दवे अनुपमा और अनुज के रिश्ते पर लांछन लगाती नजर आएगी.

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रूह का स्पंदन: भाग 3- क्या था दीक्षा ने के जीवन की हकीकत

लेखक- वीरेंद्र बहादुर सिंह

अचानक सुदेश की नजर दक्षा पर पड़ी तो दोनों की नजरें मिलीं. ऐसा लगा, दोनों एकदूसरे को सालों से जानते हों और अचानक मिले हों. दोनों के चेहरों पर खुशी छलक उठी थी.

खातेपीते दोनों के बीच तमाम बातें हुईं. अब वह घड़ी आ गई, जब दक्षा अपने जीवन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें उस से कहने जा रही थी. वहां से उठ कर दोनों एक पार्क में आ गए थे, जहां दोनों कोने में पेड़ों की आड़ में रखी एक बेंच पर बैठ गए. दक्षा ने बात शुरू की, ‘‘मेरे पापा नहीं हैं, सुदेश. ज्यादातर लोगों से मैं यही कहती हूं कि अब वह इस दुनिया में नहीं है, पर यह सच नहीं है. हकीकत कुछ और ही है.’’

इतना कह कर दक्षा रुकी. सुदेश अपलक उसे ही ताक रहा था. उस के मन में हकीकत जानने की उत्सुकता भी थी. लंबी सांस ले कर दक्षा ने आगे कहा, ‘‘जब मैं मम्मी के पेट में थी, तब मेरे पापा किसी और औरत के लिए मेरी मम्मी को छोड़ कर उस के साथ रहने के लिए चले गए थे.

‘‘लेकिन अभी तक मम्मीपापा के बीच डिवोर्स नहीं हुआ है. घर वालों ने मम्मी से यह कह कर उन्हें अबार्शन कराने की सलाह दी थी कि उस आदमी का खून भी उसी जैसा होगा. इस से अच्छा यही होगा कि इस से छुटकारा पा कर दूसरी शादी कर लो.’’

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दक्षा के यह कहते ही सुदेश ने उस की तरफ गौर से देखा तो वह चुप हो गई. पर अभी उस की बात पूरी नहीं हुई थी, इसलिए उस ने नजरें झुका कर आगे कहा, ‘‘पर मम्मी ने सभी का विरोध करते हुए कहा कि जो कुछ भी हुआ, उस में पेट में पल रहे इस बच्चे का क्या दोष है. यानी उन्होंने गर्भपात नहीं कराया. मेरे पैदा होने के बाद शुरू में कुछ ही लोगों ने मम्मी का साथ दिया. मैं जैसेजैसे बड़ी होती गई, वैसेवैसे सब शांत होता गया.

‘‘मेरा पालनपोषण एक बेटे की तरह हुआ. अगलबगल की परिस्थितियां, जिन का अकेले मैं ने सामना किया है, उस का मेरी वाणी और व्यवहार में खासा प्रभाव है. मैं ने सही और गलत का खुद निर्णय लेना सीखा है. ठोकर खा कर गिरी हूं तो खुद खड़ी होना सीखा है.’’

अपनी पलकों को झपकाते हुए दक्षा आगे बोली, ‘‘संक्षेप में अपनी यह इमोशनल कहानी सुना कर मैं आप से किसी तरह की सांत्वना नहीं पाना चाहती, पर कोई भी फैसला लेने से पहले मैं ने यह सब बता देना जरूरी समझा.

‘‘कल कोई दूसरा आप से यह कहे कि लड़की बिना बाप के पलीबढ़ी है, तब कम से कम आप को यह तो नहीं लगेगा कि आप के साथ धोखा हुआ है. मैं ने आप से जो कहा है, इस के बारे में आप आराम से घर में चर्चा कर लें. फिर सोचसमझ कर जवाब दीजिएगा.’’

सुदेश दक्षा की खुद्दारी देखता रह गया. कोई मन का इतना साफ कैसे हो सकता है, उस की समझ में नहीं आ रहा था. अब तक दोनों को भूख लग आई थी. सुदेश दक्षा को साथ ले कर नजदीक की एक कौफी शौप में गया. कौफी का और्डर दे कर दोनों बातें करने लगे तभी अचानक दक्षा ने पूछा था, ‘‘डू यू बिलीव इन वाइब्स?’’

सुदेश क्षण भर के लिए स्थिर हो गया. ऐसी किसी बात की उस ने अपेक्षा नहीं की थी. खासकर इस बारे में, जिस में वह पूरी तरह से भरोसा करता हो. वाइब्स अलौकिक अनुभव होता है, जिस में घड़ी के छठें भाग में आप के मन को अच्छेबुरे का अनुभव होता है. किस से बात की जाए, कहां जाया जाए, बिना किसी वजह के आनंद न आए और इस का उलटा एकदम अंजान व्यक्ति या जगह की ओर मन आकर्षित हो तो यह आप के मन का वाइब्स है.

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यह कभी गलत नहीं होता. आप का अंत:करण आप को हमेशा सच्चा रास्ता सुझाता है. दक्षा के सवाल को सुन कर सुदेश ने जीवन में एक चांस लेने का निश्चय किया. वह जो दांव फेंकने जा रहा था, अगर उलटा पड़ जाता तो दक्षा तुरंत मना कर के जा सकती थी. क्योंकि अब तक की बातचीत से यह जाहिर हो गया था. पर अगर सब ठीक हो गया तो सुदेश का बेड़ा पार हो जाएगा.

सुदेश ने बेहिचक दक्षा से उस का हाथ पकड़ने की अनुमति मांगी. दक्षा के हावभाव बदल गए. सुदेश की आंखों में झांकते हुए वह यह जानने की कोशिश करने लगी कि क्या सोच कर उस ने ऐसा करने का साहस किया है. पर उस की आंखो में भोलेपन के अलावा कुछ दिखाई नहीं दिया. अपने स्वभाव के विरुद्ध उस ने सुदेश को अपना हाथ पकड़ने की अनुमति दे दी.

दोनों के हाथ मिलते ही उन के रोमरोम में इस तरह का भाव पैदा हो गया, जैसे वे एकदूसरे को जन्मजन्मांतर से जानते हों. दोनों अनिमेष नजरों से एकदूसरे को देखते रहे. लगभग 5 मिनट बाद निर्मल हंसी के साथ दोनों ने एकदूसरे का हाथ छोड़ा. दोनों जो बात शब्दों में नहीं कह सके, वह स्पर्श से व्यक्त हो गई.

जाने से पहले सुदेश सिर्फ इतना ही कह सका, ‘‘तुम जो भी हो, जैसी भी हो, किसी भी प्रकार के बदलाव की अपेक्षा किए बगैर मुझे स्वीकार हो. रही बात तुम्हारे पिछले जीवन के बारे में तो वह इस से भी बुरा होता तब भी मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ता. बाकी अपने घर वालों को मैं जानता हूं. वे लोग तुम्हें मुझ से भी अधिक प्यार करेंगे. मैं वचन देता हूं कि बचपन से ले कर अब तक अधूरे रह गए सपनों को मैं हकीकत का रंग देने की कोशिश करूंगा.’’

सुदेश और दक्षा के वाइब्स ने एकदूसरे से संबंध जोड़ने की मंजूरी दे दी थी.

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आशा की नई किरण

family story in hindi

इन आदतों से बढ़ता है किडनी फेल होने का खतरा, पढ़ें खबर

भारत में किडनी फेलियर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अक्सर लोग डॉक्टर की सलाह लेने के बजाय सीधे मेडिकल स्टोर से सिरदर्द और पेट दर्द की दवाएं लेकर खा लेते हैं. इनसे किडनी को नुकसान पहुंचता है. आज हम उन आदतों के बारे में बता रहे हैं जो किडनी में प्रॉब्लम की वजह बन रही हैं.

1. ज्यादा नमक खाना

ज्यादा नमक खाने से किडनी खराब हो सकती हैं. नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है.

2. ज्यादा नॉनवेज खाना

मीट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है. ज्यादा मात्रा में प्रोटीन डाइट लेने से किडनी पर मेटाबॉलिक लोड बढ़ता है, जिससे किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है.

3. बहुत ज्यादा दवाएं

छोटी-छोटी समस्या आने पर एंटीबायोटिक या ज्यादा पेनकिलर्स लेने की आदत किडनी पर बुरा असर डाल सकती है. डॉक्टर्स से पूछे बगैर ऐसी दवाएं न लें.

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4. शराब पीना

ज्यादा मात्रा में और नियमित अल्कोहल के सेवन से आपके लिवर और किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ज्यादा कोल्ड ड्रिंक भी नुकसानदेह होती है.

5. सिगरेट या तंबाकू

सिगरेट या तंबाकू के सेवन से टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं, जिससे किडनी डैमेज होने की समस्या हो सकती है. इससे बीपी भी बढ़ता है, जिसका असर किडनी पर पड़ता है.

6. यूरिन रोक कर रखना

यूरिन रोककर रखने पर ब्लैडर फुल हो जाता है. यूरिन रिफ्लैक्स की समस्या होने पर यूरिन ऊपर किडनी की ओर आ जाती है. इसके बैक्टीरिया के कारण किडनी इंफेक्शन हो सकता है.

7. पानी कम या ज्यादा पीना

रोज 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी होता है. इससे कम पानी पीने पर शरीर में जमा टॉक्सिंस किडनी फंक्शन पर बुरा असर डालते हैं. ज्यादा पानी पीने पर भी किडनी पर प्रेशर बढ़ता है.

8. ओवर ईटिंग

सामान्य लोगों की तुलना में मोटे लोगों की किडनी डैमेज होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. ओवर ईटिंग से वजन तेजी से बढ़ता है, इसलिए ज्यादा खाने से बचें.

9. पूरी नींद न लेना

स्टडी की मानें तो रोज 7-8 घंटे से कम सोने वालों को हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में किडनी डिजीज की आशंका बढ़ जाती है.

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फैशन में किसी से कम नहीं हैं Bigg Boss 15 में नजर आने वाली तेजस्वी प्रकाश, देखें फोटोज

टीवी सीरियल्स से लेकर रियलिटी शोज में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस तेजस्वी प्रकाश (Tejasswi Prakash) जल्द ही सलमान खान के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 15’ (Bigg Boss 15) में नजर आने वाली है, जिसका हाल ही में प्रोमो रिलीज हो चुका है. प्रोमो की बात करें तो तेजस्वी की दिलकश अदाएं और लुक फैंस का दिल जीत रहे हैं. इसी के साथ फैंस बेसब्री  से शो के प्रीमियर का इंतजार कर रहे हैं. इसी के चलते आज हम आपको तेजस्वी प्रकाश के हौट और ट्रैंडी लुक्स की झलक दिखाएंगे…

हौट लुक में गिराती हैं बिजलियां

 

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तेजस्वी प्रकाश के लुक्स सोशलमीडिया पर छाए रहते हैं. वहीं उनके हौटनेस की तारीफ करते रहते हैं. हाल ही में पार्टी ड्रैस में तेजस्वी का लुक बेहद हौट लगता है. फैंस तेजस्वी के लुक्स को बेहद पसंद कर रहे हैं.

 

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वर्किंग वूमन के लिए परफेक्ट है तेजस्वी का लुक

 

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इन दिनों गर्ल्स के सूट काफी ट्रैंडी हैं. वहीं तेजस्वी प्रकाश भी ये ट्रैंड ट्राय कर चुकी हैं, जिसमें वह बेहद स्टाइलिश और खूबसूरत लग रही थीं. ब्लू कलर के सूट को पार्टी या वेडिंग में भी ट्राय कर सकती है.

प्रिंटेड ड्रैसेस का कलेक्शन है खास

 

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अगर आप पार्टी या वेडिंग में ट्रैंडी लगना चाहती हैं तो तेजस्वी प्रकाश की ये ड्रेसेस कलेक्शन को ट्राय कर सकते हैं. फ्लावर प्रिंटेड ड्रैस को ट्राय करके आप वेडिंग या पार्टी में चार चांद लगा सकते हैं.

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इंडियन लुक में लगती हैं खूबसूरत

 

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अगर आप इंडियन लुक के औप्शन की तलाश कर रहे हैं तो तेजस्वी प्रकाश का लहंगा और साड़ी कलेक्शन बेहद खास है. प्रिंटेड साड़ी हो या लहंगा काफी खूबसूरती से तेजस्वी कैरी करती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कार्य करने में आसानी व पारदर्शिता आती है. इसके इस्तेमाल से कार्य क्षेत्र में दक्षता आती है. यह कार्य को सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्मान का पात्र भी बनाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जा रहा स्मार्ट फोन उनकी कार्य पद्धति को स्मार्ट बनाएगा. इसके माध्यम से आप सब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री शासन-प्रशासन एवं जनविश्वास जीतकर अपनी पहचान बना सकती हैं.

मुख्यमंत्री जी ने लोकभवन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलांे द्वारा 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किये. उन्होंने ‘एक संग मोबाइल एप’ लॉन्च किया. इस अवसर पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी.

इस अवसर पर प्रदेश में पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1,23,000 ‘स्मार्ट फोन’ एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1,87,000 ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्य रूप से कहने के लिए यह केवल ‘स्मार्ट फोन व ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए. इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे संसाधन उन लोगों को उपलब्ध कराए जाएं, जो शासन की योजनाओं को अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के प्रति लोगों में सम्मान व आदर का भाव बढ़ा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की पहचान विपत्ति व आपत्ति के समय पता चलती है. जो व्यक्ति संकट आने पर भाग खड़ा हो, सहयोग न करे वह, कितना भी बड़ा, सम्पन्न व बुद्धिमान हो, अगर उसकी बुद्धिमत्ता व उसका ऐश्वर्य लोक कल्याण व समाज कल्याण के उपयोग में नहीं आ रहा है, तो उसका कोई महत्व नहीं है. संकट के समय सहयोगात्मक व लोक कल्याणकारी कार्य करने वाला ही महत्वपूर्ण होता है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर के समय प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक ग्राम व शहरी मोहल्लों में एक निगरानी समिति बनायी जाएगी. अप्रैल, 2021 में प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गयीं. इनके द्वारा घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की पहचान कर संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी गयी. इनकी सूची बनाकर अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम द्वारा जांच कराने की कार्यवाही की गयी. इस कार्य में 10 से 12 लोगों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पार्षद, सहित ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग के कर्मी शामिल थे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वर्करों एवं निगरानी समितियों के सहयोग से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है. प्रदेश में कोरोना नियंत्रण एक मॉडल के रूप में सामने आया है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से एक महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व, राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का मॉडल प्रस्तुत कर चुकी है. वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों सहित प्रदेश के कुल 38 जनपदों में इन्सेफेलाइटिस रोग से मौतें होती थीं. इसमें अकेले बस्ती व गोरखपुर जनपद में प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो हजार बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी. प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस रोग से होने वाली 95 से 97 प्रतिशत मृत्यु को नियंत्रित किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में कोरोना वॉरियर्स, खास तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा, ए0एन0एम0 ने अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करेंगे, तो समाज आपको सम्मान देगा. यही भूमिका आपको आगे बढ़ाएगी. कार्य करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से परिपक्व तथा आत्मविश्वास से भरपूर होता है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. उसकी क्वॉलिटी की जांच की व्यवस्था की जा रही है. यह प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने व देश के औसत के समकक्ष लाने में मदद करेगा. इससे राज्य सरकार की दवा एवं अन्य खर्चाें में बचत होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दिनों पोषण माह के कार्यक्रम में मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी या आशा वर्कर का जितना पिछला मानदेय बकाया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए. विभाग ने उसकी कार्यवाही प्रारम्भ की है. यह पिछला वाला था. अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में एक्साइज के क्षेत्र में हावी गिरोह को पारदर्शी कार्यपद्धति एवं नीतियों को लाकर पूरी तरह से समाप्त किया. जब भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बन्द कर दिये जाते हैं, तो विकास अपने आप बढ़ता हुआ दिखायी देता है. प्रदेश सरकार द्वारा सर्वांगीण विकास की नींव को रखने का कार्य किया जा रहा है. प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी भवनों को बाद में प्री-प्राइमरी के रूप में बनाने पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है.

इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने बड़ी निष्ठा से कार्य किया. मुख्यमंत्री जी नेे वर्ष 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही, राज्य में गुड गवर्नेंस लाए. इस गुड गवर्नेंस का आधार ई-गवर्नेंस है. मुख्यमंत्री जी की मान्यता है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ई-गवर्नेंस से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक गुड गवर्नेंस की सोच को साकार नहीं किया जा सकता. इसके दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘एक संग मोबाइल एप’ आंगनबाड़ी केन्द्रों को सामुदायिक भागीदारी का एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एवं संस्था अपनी सहायता प्रदान कर सकता है.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चौहान, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, सूचना निदेशक श्री शिशिर, निदेशक राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह, निदेशक बाल विकास सुश्री सारिका मोहन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

यूपी के हर जिले में मेडिकल कॉलेज का संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार की आकर्षक नीति की वजह से देश के कई बड़े संस्थानों ने पहल की है. इन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं. विभाग की ओर से http://etender.up.nic.in वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है. सरकार की ओर से निजी निवेशकों को कई तरह की छूट भी दी जा रही है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए थे. हर विकल्प के लिए नियम और शर्तें अलग हैं. निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर भी मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं. खास बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई बड़े निवेशकों ने इच्छा जाहिर की है. विभाग की ओर से नीति जारी कर दी गई है. निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निविदा प्रक्रिया के तहत निवेशकों का चयन किया जाएगा. सीएम योगी के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है.

हर साल मिलेंगे 16 सौ नए डॉक्टर, 10 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी

प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 16 सौ नए डॉक्टर मिलेंगे. साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब छह हजार नए बेड उपलब्ध होंगे. इन मेडिकल कॉलेजों में आम लोगों को भी उच्च स्तरीय सहुलियत मिलेगी.

सीएम योगी ने इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का लिया है संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. हालांकि इन जिलों में जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी की सुविधा उपलब्ध है. इन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में मेडिकल कालेज का खोलने का संकल्प लिया है.

‘निर्भया-एक पहल’ 75,000 महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कल 29 सितम्बर, 2021 को यहां मिशन शक्ति के अन्तर्गत ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के विशेष आवरण तथा विशेष विरूपण का विमोचन भी किया जाएगा.

‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों मेें प्रति जनपद 1,000 महिलाओं का एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम तथा 03 दिवसीय कौशल क्षमता विकास प्रशिक्षण संचालित किया जाएगा. 75,000 महिलाओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा.

प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कल सम्बन्धित जनपद के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद के सम्बन्ध में भारतीय डाक विभाग के सहयोग से एक विशेष कवर तथा विशेष विरूपण का अनावरण एवं विमोचन किया जाएगा. इस प्रकार, एक ही दिवस और समय पर प्रदेश में 75 विशेष आवरण जारी किए जाएंगे. यह सभी आवरण देश के विभिन्न डाक घरों में भेजे जाएंगे, जिससे प्रदेश के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों को व्यापक राष्ट्रीय पहचान मिलेगी.

पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू की वीरता की दास्तान होगा सीरियल ‘विद्रोही‘

देश की आजादी का 75 वां वर्ष चल रहा है. हमें यह आजादी कई निःस्वार्थ भावी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली है. मगर तमाम ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ऐसे भी हैं,जिनका नाम कुछ लोगों ने इतिहास के पन्नों में दर्ज ही नही होने दिया. ऐसे ही उड़ीसा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू हैं. अब ‘स्टार प्लस’’ अक्टूबर माह से प्रसारित होने वाले सीरियल  ‘विद्रोही‘ में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू की वीरता व महानता का चित्रण करने जा राह है. ज्ञातब्य है कि अंग्रेजों ने इनकी कहानी को इतिहास की रचना का हिस्सा नहीं बनने दिया था.

सीरियल ‘‘विद्रोही’ का निर्माण गाथा फिल्म्स, एलएलपी द्वारा बनाए जा रहे सीरियल ‘‘विद्रोही ’’ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू का किरदार बहुमुखी अभिनेता शरद मल्होत्रा निभा रहे है. इसमें हेमल इंगले,सुलगना पाणिग्रही की भी अहम भूमिकाएं होंगी.

अभिनेता शरद मल्होत्रा एक दशक से अधिक समय से टेलीविजन इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और विभिन्न सीरियलों में अपने अभिनय का जलवा विखेरते हुए हर बार प्रशंसा बटोरते रहे हैं.

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इस स्वतंत्रता सेनानी के किरदार को निभाने की चर्चा चलने पर अभिनेता शरद मल्होत्रा बताते हैं-‘‘यह एक अद्भुत किरदार  है.  जब किरदार में अपार संभावनाएं होती हैं, तो स्वतः ही अभिनेता का काम एक बड़ी जिम्मेदारी बन जाता है.  एक अभिनेता को हमेशा अच्छे कंटेंट की भूख होती है और‘विद्रोही‘ जैसा सीरियल हर दिन नहीं बनता है.  लेकिन जिस चीज ने मुझे कहानी की ओर आकर्षित किया, वह थी बक्सी जगबंधु के चरित्र की निस्वार्थता और मैं चाहता था कि देश उड़ीसा की भूमि के इस महान नायक के बारे में जाने. ऐसे सीरियल की अपनी चुनौतियाँ होती हैं, जिसे सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए कि आप केवल अपने द्वारा निभाए जा रहे किरदार को न सिर्फ स्वीकार करें, बल्कि इसे एक प्रामाणिक अनुभव देने के लिए उस अवधि की छोटी बारीकियों को भी समझना होगा. मैं इस सीरियल का हिस्सा बनकर खुद को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं.  मैं इस किरदार को पर्दे पर निभाने के लिए बहुत उत्साहित हूं क्योंकि मेरे किरदार में बहुत विविधताएं हैं.  इन सबसे बढ़कर, मैं सेट पर वापसी  करके और इस नए सामान्य में शूटिंग करके बहुत खुश हूं.  मुझे उम्मीद है कि दर्शक और प्रशंसक मुझपर अपना प्यार और सराहना जारी रखेंगे क्योंकि मैं एक नए सफर की शुरुआत कर रहा हूं. ‘‘

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