भाई को बनाएं जिम्मेदार

अर्चित 3 भाइयों में सब से छोटा होने के कारण घर में सब का लाड़ला था. यही वजह थी कि वह कुछ ज्यादा ही सिर चढ़ गया था. यदि उसे कोई काम करने को कह दिया जाता तो वह उसे पूरा नहीं करता था या फिर इतने बुरे ढंग से तब करता था जब उस की कोई वैल्यू ही नहीं रह जाती थी. शुरू में तो सभी उस की इन बातों को नजरअंदाज करते रहे, लेकिन अब वह कालेज में था और उस की इन हरकतों से परिवार वालों को सब के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था.

इसी तरह रमेश को अगर कुछ काम करने जैसे कि बिजली का बिल जमा करने या बाजार से कुछ लाने को कहो तो वह कोई न कोई बहाना बना देता था. यह समस्या लगभग हर घर में देखने को मिल जाएगी. अकसर छोटे भाईबहन लापरवाह हो जाते हैं. दरअसल, आजकल के युवा कोई जिम्मेदारी लेना ही नहीं चाहते. ऐसे ही युवा आगे चल कर हर तरह की जिम्मेदारी से भागते हैं. फिर धीरेधीरे यह उन की आदत बन जाती है. फिर वह अपने मातापिता की, औफिस की व समाज की जिम्मेदारियों से खुद को दूर कर लेते हैं. लेकिन यदि कोशिश की जाए तो उन्हें भी जिम्मेदार बनाया जा सकता है. इस के लिए बड़े भाई को ही प्रयास करना होगा, क्योंकि वह आप की बात जल्दी मानेगा.

ऐसे बनाएं भाई को जिम्मेदार

घर की परेशानियों में शामिल करें :

अकसर हम अपने छोटे भाईबहनों को घर में आने वाली छोटीमोटी परेशानियों से दूर रखते हैं. घर में आने वाली मुश्किलों की भनक तक उन्हें नहीं लगने देते. ऐसे में घर के छोटों को पता ही नहीं होता कि उन के बड़े किस समस्या से जूझ रहे हैं. बस, वे अपनी फरमाइशें पूरी करवाने में ही लगे रहते हैं. ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि इस से छोटे भाईबहन जिंदगी के अच्छे और बुरे पहलू देखने और समझने से वंचित रह जाते हैं. उन्हें भी अपनी परेशानियों में शामिल करें ताकि वे भी इन का सामना कर सकें.

जरूरी काम भाई को भी सौंपें :

भाई को भी काम करने को दें. यह न सोचें कि इस के बस का नहीं है. यह कहां करेगा, मैं तो इसे मिनटों में कर लूंगा और भाई की समझ से बाहर हो जाएगा. अगर आप ऐसे करेंगे तो भाई सीखेगा कैसे? उसे भी कुछ काम करने दें. फिर चाहे वह उसे करने में ज्यादा समय ले या फिर गलत करे, लेकिन उसे करने दें. इस तरह धीरेधीरे उसे इन कामों को करने की आदत हो जाएगी, लेकिन अगर आप उसे काम सौंपेंगे ही नहीं, तो वह करेगा कैसे?

भाई को छोटा न समझें :

‘अभी तो यह छोटा है,’ अगर आप ऐसे समझते रहेंगे तो वह कभी बड़ा नहीं होगा. वैसे भी वह हमेशा आप से छोटा ही रहेगा. उसे बड़ा बनाने की जिम्मेदारी आप की ही है.

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पैसे की कीमत समझाएं :

यदि भाई हर वक्त मातापिता से किसी न किसी बात की डिमांड करता रहता है और पेरैंट्स को तंग करता है तो उसे घर की आर्थिक स्थिति के बारे में बताएं. उसे बताएं कि पैसा कितनी मुश्किल से कमाया जाता है. घरखर्च में उस का भी सहयोग लें और घर का सामान आदि उस से मंगाए. जब वह अपने हाथ से खर्च करेगा तो उसे पैसे की वैल्यू पता चलेगी.

रिश्ते निभाना भी सिखाएं :

छोटी बहन को राखी पर अपनी पौकेटमनी से या अपने कमाए हुए पैसे से गिफ्ट देने की आदत डालें. कभीकभी घर के छोटे बच्चों से कहें कि आज चाचा ही बच्चों को आइस्क्रीम खिला कर आएंगे. घर में आए मेहमान को भी सब के बीच बैठने को कहें और बातचीत में उसे भी शामिल करें.

खुद मिसाल बनें :

आप खुद भाई के सामने मिसाल बनें. जब वह घर और बाहर का सभी काम आप को जिम्मेदारी से निभाते हुए देखेगा तो आप को अपना रोलमौडल समझने लगेगा और खुद भी आप के जैसा बनने की पूरी कोशिश करेगा. आप जो भी गुण अपने भाई में देखना चाहते हैं पहले उन्हें आप खुद में लाएं और फिर भाई को सिखाएं.

उस के काम को आप भी टाल जाएं : अगर भाई आप का कहना नहीं मानता, कोई भी काम जिम्मेदारी से नहीं करता और आप उस की इस आदत से परेशान हैं, तो आप उसे उसी की भाषा में समझाएं. जब वह आप से या घर के किसी मैंबर से अपने किसी जरूरी काम को वक्त पर करने को कहे तो आप भी टालमटोल करें और काम समय पर न करें. इस के बाद उसे गुस्सा आएगा और उलझन होगी तब उसे प्यार से समझाएं कि जब वह खुद ऐसा करता है तो अन्य लोगों को भी ऐसी ही परेशानी होती है.

गैरजिम्मेदारी के नुकसान बताएं

–       अगर आप गैरजिम्मेदार होंगे तो लोग आप को गंभीरता से नहीं लेंगे.

–       पीठ पीछे आप के बचपने की लोग बुराइयां करेंगे.

–       मांबाप भी आप पर भरोसा करने में कतराएंगे.

–       बाहर ही नहीं घर में भी कोई आप की इज्जत नहीं करेगा.

–       एक बार यदि काम करने का समय निकल गया तो यह लौट कर दोबारा नहीं आएगा और फिर आप के हाथ सिवा पछतावे के कुछ नहीं बचेगा.

–       लड़कियां आप से दूर भागेंगी कि यह तो किसी काम का नहीं, इस से दोस्ती बढ़ा कर आगे कोई फ्यूचर नहीं है.

इन बातों का भी रखें खयाल

– अगर आप रोब दिखा कर काम करवाने की कोशिश करेंगे तो वह कोई काम नहीं करेगा इसलिए प्यार से बात करें, रोब से नहीं.

– छोटे भाईबहन पर जिम्मेदारी धीरेधीरे डालें, एकदम से सारा काम न सौंपें, क्योंकि इस से वह इरीटेट होने लगेगा.

– आप का मकसद काम निकलवाना नहीं बल्कि काम सिखाना होना चाहिए इसलिए बस आज का काम किसी तरह हो जाए इस मानसिकता के साथ काम करवाएंगे तो वह कभी नहीं सीख पाएगा.

– यदि भाई को काम करने में कोई परेशानी है और वह काम ढंग से नहीं कर पा रहा है, तो उस का हौसला बढ़ाएं. वह घबराए तो उसे समझाएं कि वह यह काम इस ढंग से कर सकता है.

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– अगर वह अपनी कोई जिम्मेदारी बखूबी निभाता है, तो उस की तारीफ की जानी चाहिए. इस से उस में आगे भी अच्छा करने की इच्छा पैदा होगी.

– अगर भाई ने कोई काम अच्छा किया है, तो उस का क्रैडिट खुद न लें, बल्कि सब को बताएं कि यह भाई की अपनी मेहनत है.

– जो जिम्मेदारी या काम आप उसे सौंपना चाहते हैं पहले उसे खुद करें ताकि आप को काम करता देख वह भी सीखे और उस काम में उस का भी मन लगे. फिर चाहे वह काम घर के छोटे बच्चों को पढ़ाने का ही क्यों न हो. जब आप उन्हें पढ़ाएंगे तो एक दिन भाई भी खुद ब खुद पढ़ाने लगेगा.

– शुरूशुरू में भाई को वही काम दें, जिस में उस का इंट्रस्ट है. जब उसे उस काम को करने में मजा आने लगे और वह अपनी जिम्मेदारी सही से निभाने लगे, तो उसे अन्य काम करने की जिम्मेदारी देना शुरू करें.

मैटरनिटी फोटोशूट में बेबी बंप फ्लौंट करती दिखीं सुष्मिता सेन की भाभी Charu Asopa, देखें फोटोज

बीते साल 2020 में अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में रहने वाली सुष्मिता सेन की भाभी चारू असोपा (Charu Asopa) जल्द ही मां बनने वाली हैं, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर छाई हुई हैं. वहीं हाल ही में चारू असोपा (Charu Asopa) का मैटरनिटी फोटोशूट फैंस के बीच छाया हुआ है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं मैटरनिटी फोटोशूट की झलक…

मैटरनिटी फोटोशूट से छाईं चारू असोपा

 

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चारू असोपा (Charu Asopa) इन दिनों अपनी प्रेग्नेंसी का पूरा मजा ले रही हैं, जिसका अंदाजा हाल ही में उनके शानदार मैटरनिटी फोटोशूट को देखकर लगाया जा सकता है. मैटरनिटी फोटोशूट में चारू ग्लैमरस लुक में पोज देती नजर आ रही हैं.

 

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बेबी बंप फ्लॉन्ट करती दिखीं चारू असोपा

 

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ग्लैमरस मैटरनिटी फोटोशूट में चारू असोपा (Charu Asopa) अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करती दिख रही हैं. तीन लुक्स में चारू असोपा (Charu Asopa) का फैशन देख फैंस काफी तारीफें कर रहे हैं. एक से बढ़कर एक गाउन में चारू असोपा  (Charu Asopa) लुक वायरल हो रहा है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

पति के साथ दिखीं चारू

 

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हाल ही में गोदभराई के फंक्शन की फोटोज शेयर करते हुए चारू असोपा  (Charu Asopa) ने फैंस की तारीफे बटोरीं. वहीं गोदभराई के लुक की बात करें तो पिंक कलर के लहंगे में चारू असोपा  (Charu Asopa) बेहद खूबसूरत लग रही थीं. राजस्थानी लुक कैरी करते हुए चारू बेहद फैशनेबल लग रही थीं. इस दौरान सुष्मिता सेन भी नजर आईं.

 

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इंडियन लुक्स करती हैं शेयर

 

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हौट लुक्स को लेकर सुर्खियों में रहने वाली चारू असोपा  (Charu Asopa) इंडियन लुक्स शेयर करती रहती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. एक से बढ़कर एक इंडियन लुक में वह बेहद खूबसूरत लगती हैं.

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तो इस वजह से ‘गुम है किसी के प्यार में’ की सई बनीं आयशा सिंह, जानें वजह

मुंबई में जन्मी और आगरा में पली-बड़ी हुई अभिनेत्री आयशा सिंह ने लॉ की पढाई पूरी कर अभिनय के क्षेत्र में उतरी. अभिनय की शुरुआत उन्होंने कई विज्ञापनों में मॉडलिंग कर की है, उनकी पहली टीवी शो ‘डोली अरमानों की’ है, इसके बाद उन्हें स्टार प्लस की धारावाहिक ‘गुम है किसी के प्यार में’ सई जोशी की भूमिका मिली, जिससे वह हर घर में पहचानी गई. अभिनय की इच्छा उन्हें बचपन से ही थी, लेकिन उनके पेरेंट्स चाहते थे कि आयशा अपनी शिक्षा पूरी कर कुछ आगे सोचे. चुलबुली और हंसमुख आयशा से टेलीफोनिक बात हुई, जिसमे उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में बात की पेश है कुछ खास अंश.

सवाल- इस शो में खास बात क्या थी, जिससे आप आकर्षित हुई?

जब मैंने ऑडिशन दिया तो ये पता नहीं चला था कि ये शो दर्शकों को इतनी पसंद आएगी, लेकिन मेरी भूमिका सई जोशी बहुत ही वाईव्रेंट, पॉजिटिव, फुल ऑफ एनर्जी, जीवन के प्रति आशावादी और फाइटर स्प्रिट की है, यही बात मुझे शो को करने के लिए प्रेरित की और मैंने  हाँ कर दी.

सवाल- इसमें आपकी भूमिका कैसी है?

इसमें मेरा विवाह आई पी एस ऑफिसर विराट चौव्हाण के साथ हो जाती है, जो बहुत ही मजबूत दिमाग की है और अपनी बातों पर पूरा विश्वास रखती है, किसी बात से डरती नहीं. वह एक शेरनी है. समस्याएं कितनी भी हो, वह उससे एक प्यारी सी मुस्कान के साथ निकल जाती है.

सवाल- शो की हिट होने से आपको कितना कितना फायदा हो रहा है? कितना ग्रो कर रही है?

शुरू में पता नहीं था कि ये शो हिट होगी, लेकिन मुझे दर्शकों का बहुत सारा प्यार मिला है और मैं हर घर में पहुँच चुकी हूं. यहाँ मुझे हर दिन कुछ सीखने और देखने को मिलता है. कलाकार चाहे अभिनेत्री हो या एंकर हर चीज से उसे कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य मिलती है, जिससे आगे कई रास्ते खुल जाते है, क्योंकि अभी मैं सीख रही हूं.

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सवाल-पहला ब्रेक कब मिला?

पहला ब्रेक मुझे ‘डोली अरमानों की’ से मिला,जिसमें मेरी भूमिका घर की सबसे छोटी बेटी की थी. मुझे अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ा, मैंने करीब 6 महीने ऑडिशन दिया, जिसमें कुछ विज्ञापनों और मॉडलिंग एसाइनमेंट कर रही थी. शो के लिए एक ऑडिशन दिया और उन्हें मेरा ऑडिशन पसंद आया, क्योंकि शो आगे बढ़ रही थी, सबकुछ बहुत जल्दी-जल्दी हो रहा था. लीड रोल के लिए मेहनत अवश्य करनी पड़ी.

सवाल- पहली बार परिवार से अभिनय की इच्छा जाहिर करने पर उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?

मेरे बड़े भाई को एनिमेशन के क्षेत्र में जाना था, जब उन्होंने इच्छा पेरेंट्स से जाहिर की, तो उन्हें मना कर दिया गया, क्योंकि किसी को इस फील्ड से कोई जानकारी नहीं थी. फिर उन्होंने अपनी पढ़ाई मनेजमेंट में करने लगे. ऐसे में मुझे चिंता हुई कि मैं अपनी अभिनय की बात कैसे कहूं? फिर मैंने उन्हें बिना कुछ कहे लॉ की पढाई की. उन दिनों मुझे किसी की मिमिक्री, डांस या अभिनय करना पसंद था. ये सब अधिकतर मैंने अपनी फ्रेंड्स के सामने किया करती थी. मेरी एक सहेली गरिश्मा ने मुझे एक्टिंग की ओर कोशिश करने की सलाह दी और मैंने साहस जुटाकर अपने पेरेंट्स से पढाई पूरी करने के बाद अभिनय के क्षेत्र में जाने की इच्छा जाहिर की और आसपास के कई जगहों पर मॉडलिंग के लिए ऑडिशन देने लगी, घर पर किसी ने मना नहीं किया. तब मैंने अपना फूलप्रूफ प्लान के साथ पिता को अनुपम खेर की एक्टिंग क्लास में ज्वाइन करने की इच्छा बताई, वे राज़ी हो गए और वही से मैं एक्टिंग में आ गयी. पहले वे मुझे एक्टिंग में देखकर आश्चर्य में पड़ गए थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि मुझे काम नहीं मिलेगा, लेकिन मुझे मिला. मेरी माँ ने मेरा एडमिशन लॉ में मास्टर करने के लिए फीस भी दे दी थी. मैंने मना किया और पढने नहीं गयी, लेकिन अभी वे मेरी ख़ुशी से खुश है.

सवाल- आपने वकालत की पढाई की है,ऐसे में एक्टिंग की प्रेरणा कहाँ से मिली?

मैं बचपन में फिल्में और थिएटर देखने पेरेंट्स के साथ जाती थी. कई बार मेरे दिमाग में आती थी कि ये दृश्य पर्दे पर कैसे आती है? क्या होता होगा ? आदि कई सवाल बचपन में उठते थे और भारतीय सिनेमा का प्रभाव मेरे ऊपर रहा है, जिसमे चुपके-चुपके मेरी पसंदीदा फिल्म है. गर्मियों की छुट्टी में मैं अधिकतर माँ के साथ फिल्में देखती थी और बहुत अच्छा भी लगता था. इसमें धर्मेन्द्र, नूतन, रानी मुखर्जी, अमिताभ बच्चन आदि की अभिनय ने मुझे बहुत प्रेरित किया. इसके अलावा जब आप शिक्षित होते है,तो आप अपनी बुद्धि से सही, गलत का फैसला कर सकते है और अपने भविष्य को सही रास्ते पर ले जा सकते है.

सवाल- इतनी पढ़ी-लिखी होने के बाद क्या संघर्ष करना आसान था?

मैं शिक्षित हूं और किसी नई चीज को सीखने में कभी पीछे नहीं हटती. इसमें अगर संघर्ष हो भी, तो मैं उसे सही समझती हूं. बिना संघर्ष के कुछ भी मिलने पर उसकी अहमियत कम हो जाती है. शिक्षा मुझे सफलता और असफलता दोनों में बैलेंस करना सिखाती है. संघर्ष को भी आसान बना देती है.

सवाल- ये सुनने में आ रहा है कि आपको सपनों का राजकुमार मिल गया है, क्या ये सही है?

सही तो बिलकुल भी नहीं है, क्योंकि मैं अभी अपने काम पर फोकस्ड हूं.

सवाल- आगे की योजनायें क्या है?

अभी कुछ योजना नहीं है, क्योंकि मैं इस धारावाहिक में पूरा समय दे रही हूं, लेकिन मुझे अच्छे निर्देशक और अच्छी टीम के साथ काम करने की इच्छा है. फिर चाहे वह फिल्म, थिएटर, धारावाहिक, म्यूजिक एल्बम या वेब सीरीज कुछ भी हो सकता है. मैं हर प्रोजेक्ट के साथ ग्रो करना चाहती हूं. इससे मुझे अधिक ख़ुशी मिलती है.

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सवाल- हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज में आप कब आने वाली है?

अच्छी प्रोजेक्ट और अच्छी कहानी के साथ मुझे जुड़ना है, उसका इंतजार कर रही हूं.

सवाल- क्या कोई सोशल वर्क करना चाहती है?

कानून की पढाई करते हुए मैं कई बार ओल्ड होम और अनाथालय गयी हूं. वहां मैंने उनकी दुर्दशा देखकर बहुत आहत हुई, इसलिए मैं एक ऐसा शेल्टर होम बनाना चाहती हूं, जिसमें बुजुर्ग, प्रताड़ित व्यक्ति, बच्चे आदि सभी रह सकते है, इससे बच्चों को बड़ों का और बड़ों को बच्चों का प्यार मिले, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सही रहेगा. ऐसी कॉमन छत, जिन्हें देखने वाला कोई भी न हो.

अनुज कपाड़िया ने किया Anupama से प्यार का इजहार! Video Viral

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) की कहानी में नया मोड़ आ रहा है. इसी बीच सीरियल की नई एंट्री काफी सुर्खियों में है. दरअसल, अनुज कपाड़िया की एंट्री से अनुपमा की जिंदगी में नया मोड़ आया है, जिसके चलते फैंस काफी खुश हैं. इसी बीच अनुज कपाड़िया यानी गौरव खन्ना ने अनुपमा के लिए अपना प्यार का इजहार कर दिया है. आइए आपको दिखाते हैं वीडियो…

अनुज के किया इजहार

 

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हाल ही में अनुज कपाड़िया के रोल में नजर आ रहे गौरव खन्ना ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह अपने #baspankapyar का इजहार कर रहे हैं. दरअसल, वीडियो में अनुज बचपन का प्यार गाना गाते नजर आ रहे हैं. वहीं इस दौरान अनुपमा भी साथ में नजर आ रहे है.

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Anupama के लिए खड़ा होगा अनुज

 

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अब तक आपने देखा कि अनुपमा, अनुज के साथ डील करने के लिए राजी हो जाती है, जिसके चलते वनराज और बा काफी नाराज हो जाते हैं. हालांकि अनुपमा, अनुज को सिर्फ दोस्ती और पार्टनरशिप करने के लिए कहती है. वहीं अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज का बदला व्यवहार देखकर अनुज काफी परेशान होगा और अपने काका से कहेगा कि अगर अनुपमा के सामने कोई ऐसी मुसीबत आई, जिसे वह नहीं सामना कर सकी तो वह उसके साथ खड़ा होगा.

समर देगा अनुपमा-अनुज का साथ

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज से मिलने अनुपमा जाएगी. वहीं दूसरी तरफ वनराज फैसला करेगा कि उसके कैफे में अनुपमा की कोई डिश नही रखी जाएगी, जिसके चलते अनुपमा हैरान होगी. दूसरी तरफ अनुपमा से नाराज बा को काव्या भड़काने की कोशिश करेगी. वहीं समर, अनुज और अनुपमा का साथ देगा, जिससे वनराज नाराज हो जाएगा और उसे डांटेगा, जिसके जवाब में समर कहेगा अभी वह उससे बात कर रहा है वनराज वह भी बंद हो जाएगी.

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इन 4 टिप्स से करें बालों की नैचुरल केयर

खूबसूरती निखारने में खूबसूरत बालों का अहम रोल होता है. ऐसे में जरूरत है बालों की नैचुरल ब्यूटी को बरकरार रखने के लिए पौष्टिकता से भरपूर डाइट लेने के साथ-साथ नैचुरल चीजों के इस्तेमाल. तो जानते हैं कि आपके शैंपू में कौनकौन से इंग्रीडिएंट्स हों, जो आपके बालों की हैल्थ का ध्यान रखें.

1. आंवला दे बालों को स्ट्रैंथ

आंवला विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ एंटीऔक्सीडैंट्स से?भरपूर होता है. जिससे न सिर्फ पाचनतंत्र, लिवर की हैल्थ दुरुस्त होती है बल्कि यह बालों की ग्रोथ व उनकी हैल्थ के लिए भी बहुत जरूरी माना जाता है क्योंकि आंवला में मौजूद फैटी एसिड्स फॉलिकल्स तक पहुंच कर बालों को सॉफ्ट, शाइनिंग व उन्हें वौल्यूम देने का काम करते हैं. साथ ही इसमें आयरन व कैरोटीन कंटैंट बालों की ग्रोथ के लिए लाभकारी माना जाता है. इससे बालों को स्ट्रैंथ मिलती है.

2. शिकाकाई दे पोषण

सालों से शिकाकाई का इस्तेमाल हेयर केयर के लिए हो रहा है क्योंकि इसमें विटामिंस, ऐंटीऔक्सीडैंट्स, ऐंटीफंगल, ऐंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज होने के कारण ये इंफैक्शन को हील करने, डैंड्रफ से निजात दिलवाने, हेयर फॉलिकल्स को नरिश करने के साथ बालों को सॉफ्ट व शाइनी बनाने का काम करती है. साथ ही इससे बाला ज्यादा मजबूत भी बनते हैं.

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3. ग्रीन ऐप्पल रोके हेयर फॉल

ग्रीन ऐप्पल में विटामिंस व न्यूट्रिएंट्स होने के कारण ये जड़ों को मजबूत कर बालों को झड़ने से रोकता है. साथ ही जब बालों को प्रॉपर न्यूट्रिशन मिलता रहता है, तो इससे बाल घने, लंबे व चमकदार भी बनते हैं. इसमें हाई फाइबर कंटैंट होने के कारण इससे बालों की क्वालिटी भी इंप्रूव होती है. जिससे बालों की धीरे-धीरे खोई हुई रंगत वापस लौटने लगती है.

3. व्हीट प्रोटीन दे मॉइस्चर

शैंपू में व्हीट प्रोटीन इंग्रीडिएंट बालों के मॉइस्चर को रिटेन करने का काम करता है. जिससे बाल ज्यादा चमकदार दिखते हैं व उन्हें वौल्यूम मिलता है. अगर आपके बाल भी डल, बेजान व ज्यादा हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के कारण अपनी नैचुरल कोमलता खो चुके हैं तो आप व्हीट प्रोटीन युक्त शैंपू का इस्तेमाल करें क्योंकि ये बालों को सॉफ्ट बनाने के साथ बालों में फ्रिजीनेस को भी रोकने का काम करता है. खूबसूरत बालों के लिए इन इंग्रीडिएंट्स से युक्त रोजा हर्बल शैंपू का चुनाव कर सकती हैं.

4. हर्बल शैंपू जो बालों को बनाए स्ट्रौंग

बात करें शैंपू की और रोजा हर्बल केयर शैंपू का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता. क्योंकि हर्बल शैंपू प्योर और आर्गेनिक इंग्रीडिएंट्स से बने होने के कारण ये बालों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. साथ ही स्किन फ्रैंडली भी होते हैं. ये शैंपू नेचुरल ऑयल्स, मिनरल्स और हर्बल एक्सट्रेक्ट तत्वों से बने होने के कारण ये जड़ों को हैल्दी बनाने के साथ हेयर ग्रोथ को प्रमोट करने का काम करते हैं. इससे स्कैल्प का ऑयल व पीएच लेवल बैलेंस में रहने के कारण बाल खूबसूरत, हैल्दी व स्ट्रौंग बनते हैं. तो फिर अपने बालों की हर्बल शैंपू से करें खास केयर.

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फैमिली के लिए बनाएं हेल्दी और टेस्टी बादाम लड्डू

अगर आप अपनी फैमिली के लिए घर पर टेस्टी और हेल्दी स्वीट डिश खिलाना चाहते हैं तो बादाम लड्डू आपको लिए परफेक्ट औप्शन होगा.

सामग्री:

1 कप बादाम,

आधा कप कोकोनट फ्लेक्स,

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1 कप पाउडर शुगर,

1 टेबल स्पून इलायची पाउडर,

2 टेबल स्पून घी.

तैयारी में लगने वाला समय: 20 मिनट. 

कैसे बनायें:

1. बादाम और कोकोनट फ्लेक्स को अलग-अलग 3-4 मिनट तक भून लें.

2. भुने हुये कोकोनट फ्लेक्स को पीसकर पाउडर बना लें.

3. इसमें पिसी हुई शक्कर और इलायची डालें.

4. अब इस मिश्रण में बादाम के बारीक टुकड़ों को तब तक मिलायें, जब तक कि यह तेल न छोड़ दे और यह मिश्रण एकसा हो जाए.

5. इस मिश्रण में फ्लेवर के लिये थोड़ा सा घी डालें और इससे अपनी पसंद के अनुसार छोटे या बड़े लड्डू बना लें.

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किडनी स्टोन की समस्या बारबार हो रही है, इसका क्या इलाज है?

सवाल-

मेरी उम्र 32 वर्ष है. मुझे किडनी में स्टोन था जो दवा से ठीक हो गया पर अभी टैस्ट में पता चला कि फिर से स्टोन हो गया है. यह समस्या बारबार क्यों हो रही है तथा इस का क्या इलाज है?

जवाब-

एक बार किडनी स्टोन हो जाने पर दोबारा भविष्य में पुन: किडनी स्टोन होने की संभावना बनी रहती है. जीवनशैली में बदलाव ही दोबारा किडनी स्टोन होने की संभावना को कम कर सकता है. आप खूब पानी पीएं. यह किडनी स्टोन से बचाव का सब से अच्छा तरीका है. कैल्सियम युक्त भोजन का अधिक प्रयोग न करें, सोडियम की मात्रा को भोजन में कम करें, भोजन में ऐनिमल प्रोटीन बहुत कम लें, साथ ही विटामिन सी से युक्त चीजों से भी परहेज करें.

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यदि आप की किडनी में पथरी है तो आप को पता होगा कि लो ऑक्सीलेट डाइट क्या होती है. जिन लोगों को किडनी मे स्टोन कि समस्या होती है उन्हे डॉक्टर इसी प्रकार की डाइट सुझाते हैं. परन्तु क्या यह सच मे प्रभावकारी है? क्या इससे आप के किडनी स्टोन को कम होने में किसी प्रकार की मदद मिलती है या नहीं. आइए जानते हैं लो ऑक्सीलेट डाइट के बारे में. इसमें आप क्या क्या चीजें खा सकते हैं और कौन कौन सी चीजें खाने से आप को बचना है? आज हम इन सभी प्रश्नों के बारे में जानेंगे.

ऑक्सालिक एसिड एक तत्त्व है जोकि आप का शरीर बनाता है. यदि यह आप के शरीर द्वारा कम उपजता है तो आप इसे कुछ खाद्य पदार्थों द्वारा भी प्राकृतिक रूप से अपने शरीर में ले जा सकते हैं. इस तत्त्व का व कैल्शियम का आप के यूरिनरी ट्रैक्ट में कम मात्रा में होना आम तौर पर आप को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं देता है..

परन्तु कुछ केस में यह दोनो तत्त्व इकठ्ठे हो जाते हैं और कैल्शियम ऑक्सीलेट नामक किडनी स्टोन बना लेते हैं. यह उन लोगों में आम होता है जिनका शरीर यूरिन की कम मात्रा बना पाता है. अतः यदि आप को इस प्रकार का किडनी स्टोन हो जाता है तो आप को अपनी डाइट से ऑक्सीलेट की मात्रा बहुत कम कर देनी चाहिए.

कैसे पालन करें एक लो ऑक्सीलेट डाइट का?

इस डाइट का मतलब है कि उन चीजों को कम करना जिनमे ऑक्सीलेट की मात्रा कम होती है. कुछ भोजन जोकि ऑक्सीलेट में हाई होते हैं वह कुछ फल व सब्जियां, नट्स, अनाज आदि होते हैं. बहुत से विशेषज्ञ यह मानते हैं कि आप को एक दिन में 40-50 मिली ग्राम से कम ऑक्सीलेट खाना चाहिए.

खाने पीने की शौकीन हैं तो करें दक्षिण भारत की सैर

हम में से कई लोग ऐसे होते हैं, जो ट्रिप पर घूमने ही इसलिए जाते हैं ताकि उन्हें नई-नई जगहों के जायके को चखने का मौका मिले क्योंकि उन्हें खाने पीने और नई जगहों के स्वाद को चखने का शौक होता है. अगर आप भी घूमने-फिरने के साथ खाने-पीने की शौकीन हैं, तो आपको दक्षिण भारत की फूड डेस्टिनेशन पर घूमना चाहिए. आइए, जानते हैं खास फूड डेस्टिनेशन के बारे में.

मैंगलोर

मैंगलोर शाकाहारी और मांसाहारी खाने के शौकीनों के लिए परफेक्ट जगह है यहां नारियल के दूध मसालों और टेंगी सिरका के साथ सीफूड खास है, जिसे नौनवेज खाने वाले लोग ट्राई कर सकते हैं. इसके अलावा नीर डोसा, जिसे मछली की करी या नारियल चटनी के साथ परोसा जाता है.

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अम्बुर

अम्बुर तमिलनाडु में स्थित एक छोटा सा कस्बा है, जो चेन्नई और बैंगलूरु के मध्य में स्थित है. अंबुर लगभग बिरयानी का पर्याय माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यहां बिरयानी छोटे चावल से बनाया जाता है, जिसे सेरेगा साम्बा कहते हैं जो अम्बुर बिरयानी को इतना स्वादिष्ट बना देता है कि लोग उस स्वाद को भूल नहीं पाते.

मालाबार

यह पश्चिमी घाट और राजसी अरब सागर के बीच स्थित जगह है. यह दक्षिण-पश्चिम तट जो कि कर्नाटक और केरल के पास स्थित है. यहां का खानपान सिर्फ स्थानीय लोगो को ही नहीं बल्कि यहां आने वाले व्यापारियों को भी बेहद भाता है. मुख्य रूप से, मालाबार के व्यंजन में मसाले और नारियल होते है.

हैदराबाद

निजामों के शहर में प्रसिद्ध इमारतों जैसे चारमीनार, फलकनुमा पैलेस,मक्का मस्जिद के साथ पेट-पूजा के लिए भी बेहतरीम इंतजाम है. आज भी मुगलई पाक कला को हैदराबादी खाने में देखी जा सकती है, जैसे बिरयानी जो उत्कृष्ट मसालों के साथ है. इसके अलावा यहां हलीम, बोटी कबाब आदि भी खा सकती हैं.

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कूर्ग

कूर्ग के स्वादिष्ट व्यंजनों को मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है. पोंडी करी और पोर्क करी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसे फूली हुई रोटी के साथ खाया जाता है. कदंबुत्तु (चावल की डंपलिंग) के साथ भी खा सकते हैं. एक कप कौफी या फिर चाय के साथ कूर्ग के लजीज व्यंजनों का मजा ले सकती हैं.

चेट्टिनाड

चेट्टीनाद पूरे देश में एक लोकप्रिय व्यंजन है. मछली, झींगे और चिकन चेट्टीनाड या समुद्री भोजन को अनूठे चेट्टिनाड में स्टाइल में पकाया जाता है.

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राज्य में सुरक्षा और सुशासन के वातावरण का सृजन हुआ: मुख्यमंत्री

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में वर्तमान राज्य सरकार के साढ़े चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में राज्य सरकार को अब तक के कार्यकाल में पूरी सफलता मिली है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री तथा केन्द्रीय कैबिनेट का धन्यवाद करते हुए कहा कि सुरक्षा और सुशासन की दृष्टि से राज्य सरकार का कार्यकाल अविस्मरणीय है. राज्य में सुरक्षा और सुशासन के वातावरण का सृजन हुआ है. आज प्रदेश में महिलाओं सहित समाज के सभी लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. विगत साढ़े चार वर्षों में राज्य सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों ने पूरे देश व दुनिया में प्रदेश के प्रति नजरिए को बदला है. विगत साढ़े चार वर्षों में राज्य सरकार प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हुई है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए. अपराध और भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी. जिस भी व्यक्ति ने प्रदेश में अपराध किया, वह किसी भी जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, राजनीतिक दल अथवा कद का रहा हो, उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई. माफियाओं द्वारा अवैध ढंग से अर्जित 1800 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्तियां जब्त/ध्वस्त की गईं. साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ. उन्होंने ने कहा कि सभी प्रमुख त्योहार, धार्मिक जुलूस, मेले आदि सकुशल सम्पन्न हुए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए ‘मिशन शक्ति अभियान’ संचालित किया गया है. वर्तमान में ‘मिशन शक्ति’ का तृतीय चरण गतिमान है. महिलाआंे के सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना इत्यादि योजनाएं लागू की गई हैं. ग्राम सचिवालयों में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए एक कक्ष आरक्षित करते हुए वहां महिला पुलिस बीट अधिकारियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है, जो उनकी समस्याओं का समाधान कर रही हैं. पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाएं चुनी गई हैं. इससे उनके सशक्तीकरण को गति मिल रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती में 30,000 महिला आरक्षियों की भर्ती की गई है. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 01 करोड़ महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है. यह दर्शाता है कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सुशासन के माध्यम से जनता की सेवा कर रही है. राज्य सरकार ने सुशासन के माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ हर जरूरतमन्द तक पहुंचाया है. आज उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार की पेंशन, छात्रवृत्तियां, किसानों को अनुदान, उनकी उपज की खरीद का भुगतान सहित सभी सरकारी सहायता राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे पहुंच रही है. अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत नौजवानों, गरीबों, महिलाओं व किसानों सहित अन्य लाभार्थियों को डी0बी0टी0 की गई धनराशि लगभग 05 लाख करोड़ रुपए है. वर्तमान सरकार में बिचौलियों और दलालों की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त हो गई है. किसानों से बड़े पैमाने पर उनकी उपज की खरीद एम0एस0पी0 के तहत की जा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को नवम्बर, 2021 तक के लिए प्रति माह प्रति यूनिट 05 किलोग्राम अतिरिक्त निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश सरकार द्वारा भी 15 करोड़ पात्र लोगों को 03 माह तक निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सरकारी नियुक्तियों और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित की है. पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियों में 4.5 लाख से अधिक युवाओं का नियोजन कराया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग का उद्योग पूरी तरह से समाप्त कर दिया. मेरिट के आधार पर ट्रांसफर किए जाने से प्रशासनिक व्यवस्था में स्थिरता का माहौल बना, जिससे कर्मियों का मनोबल बढ़ा. परिणामस्वरूप विकास कार्य प्रभावी ढंग से संचालित हुए, जिसका लाभ जनता को मिल रहा है. प्रधानमंत्री जी के संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को अक्षरशः लागू करते हुए वर्तमान सरकार ने सभी मत, मजहब, जाति, वर्ग और क्षेत्र का समावेशी विकास किया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिना भेदभाव सभी को पात्रता के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. प्रत्येक वृद्धजन, दिव्यांगजन तथा निराश्रित महिला को पंेशन का लाभ दिलाया गया. ऐसे जरूरतमन्द जो भारत सरकार की योजनाओं की पात्रता के दायरे में नहीं आ रहे, उन्हें राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से योजना संचालित कर लाभान्वित कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के मानक स्थापित करते हुए प्रयागराज कुम्भ-2019 का सफल आयोजन, बेहतर कोरोना प्रबन्धन, बाढ़ के दौरान तत्परतापूर्वक राहत कार्यों का संचालन इत्यािद सरकार एवं नेतृत्व की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं. इसी प्रकार वाराणसी में पीबीडी तथा प्रदेश में पहली इनवेस्टर समिट का आयोजन उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनाने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था है.

मुख्यमंत्री जी ने कोरोना महामारी के प्रबन्धन का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना की पहली लहर में तमाम संकटों के बावजूद सभी सुरक्षित थे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष वे स्वयं भी कोरोना की चपेट में आ गये थे, लेकिन संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आते ही फील्ड में काम करने निकल गये. जिलों, कस्बों और गांवों का निरीक्षण किया तथा लोगों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ समीक्षा की तथा संसाधनों की समुचित व्यवस्था करायी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आबादी की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने दुनिया में कोरोना प्रबन्धन का बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किया. इसके लिए परिश्रम और टीम वर्क से कार्य किया गया. प्रदेश में कोरोना महामारी से सभी को सुरक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत अब तक साढ़े नौ करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास मंे अवस्थापना सुविधाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में एक्सप्रेस-वेज़ का निर्माण कया जा रहा है, जिनमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे इत्यादि शामिल हैं. इसी प्रकार तहसील मुख्यालयों एवं विकासखण्ड मुख्यालयों को 02 लेन सड़क मार्गों से जोड़ा जा रहा है. जबकि राज्य मुख्यालय से जिला मुख्यालय की सड़कों को फोर-लेन किया जा रहा है. प्रदेश में जगह-जगह पर आवश्यकतानुसार आरओबी, दीर्घ तथा लघु सेतुओं का निर्माण कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से नए एयरपोर्टों का विकास किया जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में 10 नए एयरपोर्ट बन रहे हैं. प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयर पोर्ट मौजूद हैं. इसी प्रकार प्रदेश के कई शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएं संचालित हो रही हैं. कानपुर और मेरठ शहरों में इस वर्ष के अन्त तक मेट्रो रेल सेवा संचालित होने लगेगी. शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में 07 नए विश्वविद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं. साथ ही, प्रदेश में 50 नए महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का शिलान्यास किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में तकनीक का व्यापक प्रयोग किया जा रहा है. सरकार ने सत्ता में आने पर राशन कार्डाें का सत्यापन कराया. फर्जी राशन कार्डाें को निरस्त कराकर वास्तविक पात्र लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराये गये. 80 हजार राशन दुकानों को पीओएस से जोड़ा गया. आज हर गरीब अपने गांव में अथवा देश के किसी कोने में राशन प्राप्त कर सकता है. तकनीक के प्रयोग से गरीब को राशन मिलने के साथ ही 1200 करोड़ रुपये की सालाना बचत हो रही है. प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में तकनीक का उपयोग करते हुए किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की सहूलियतें विकसित की हैं. एमएसपी के तहत किसानों से उनकी उपज की खरीद में ई-पॉप सिस्टम के उपयोग से भ्रष्टाचार पर रोक लगी है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में चीनी मिलों को बन्द कराया गया, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने बन्द चीनी मिलों को चालू कराया. यहां तक कि कोरोना काल मंे सभी 119 चीने मिलें कार्यरत रहीं. सरकार द्वारा गन्ना किसानों को अब तक 1.43 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्रीय सहायतार्थ योजनाओं में वर्ष 2012-17 के मुकाबले वर्ष 2017-21 तक लगभग दोगुनी सहायता प्राप्त हुई. विगत साढ़े चार वर्षों में 02 लाख करोड़ रुपए से अधिक की केन्द्रीय सहायता प्राप्त हो चुकी है. इसका परिणाम यह रहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिला है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश केन्द्र सरकार की 44 योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में प्रथम स्थान पर है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व की सरकारों के मुख्यमंत्रियों में स्वयं के आवास बनाने हेतु होड़ लगती थी, उनमें एक प्रतिस्पर्धा चलती थी. लेकिन सुशासन को समर्पित विगत साढ़े चार वर्षों में हमने अपने आवास नहीं बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों को मिलाकर 42 लाख से अधिक आवास गरीबों के लिए निर्मित करवाए. इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2.61 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया है. उज्ज्वला योजना में 1.56 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए, वहीं सौभाग्य योजना में 01 करोड़ 38 लाख से अधिक निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए हैं. आयुष्मान भारत के तहत 06 करोड़ लाभार्थियों को स्वास्थ्य बीमा कवर तथा 03 करोड़ प्रवासी/निवासी श्रमिकों को 02 लाख रुपये सामाजिक सुरक्षा गारण्टी दी गई है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रारम्भ से अब तक 02 करोड़ 53 लाख 98 हजार किसानों को 37,521 करोड़ रुपए हस्तान्तरित किया गया है. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से 08 लाख 80 हजार स्ट्रीट वेण्डर्स लाभान्वित हुए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दशकों से लम्बित बाणसागर सिंचाई परियोजना को पूर्ण कराते हुए प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से इसका लोकार्पण सम्पन्न हुआ. पहाड़ी बांध, बण्डई बांध, जमरार बांध, पहुंज बांध, मौदहा बांध, लहचुरा बांध, गुण्टा बांध, रसिन बांध परियोजनाएं एवं जाखलौन पम्प प्रणाली पूर्ण की जा चुकी हैं. तरकुलानी रेगुलेटर परियोजना का लोकार्पण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि 12 अन्य सिंचाई परियोजनाएं पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है. सिंचाई परियोजनाओं पर किए गए कार्यों को प्रदेश में 3.77 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के त्वरित औद्योगिक विकास तथा अपने युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार अनेक कदम उठा रही है. कानून और व्यवस्था की उत्कृष्ट स्थिति तथा सरकार की इन्वेस्टर फ्रैण्डली सेक्टरवार नीतियों के कारण हमारा राज्य निवेश का सबसे आकर्षक गन्तव्य बनकर सामने आया है. चीन से अपना कारोबार समेटने वाली कम्पनी ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए चुना. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर मृतप्राय हो गया था, परन्तु आज बदले माहौल में वही एम0एस0एम0ई0 सेक्टर एक लाख इक्कीस हजार करोड़ रुपए का प्रति वर्ष निर्यात कर रहा है. आज उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट के एक नये हब के रूप में देश में विकसित हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के फलस्वरूप ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. यूपी इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से 03 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मूर्तरूप दिया गया है. इसके माध्यम से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर सृजित हुए. प्रदेश सरकार पारम्परिक उद्योगों एवं पारम्परिक कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ संचालित कर रही है. यह योजनाएं बड़ी संख्या मंे रोजगार सृजन का माध्यम बन रही हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नौकरी एवं रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के कारण वर्ष 2017 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 17.5 से घटकर मार्च, 2021 में

4.1 प्रतिशत रह गई. राज्य सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान, प्रतिष्ठा और गरिमा को पुनर्स्थापित करने में सफल हुई है. प्रधानमंत्री जी द्वारा 05 अगस्त, 2020 को अयोध्या में भगवान श्रीराम मन्दिर के भव्य निर्माण का भूमि पूजन किया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आजादी दीवानों, सभी अमर शहीदों की स्मृति में चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन पूरी भव्यता के साथ प्रत्येक शहीद स्थल पर मनाया जा रहा है. यह आयोजन जनता के मन में समस्त स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान का भाव पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के नाम पर सड़कों का नामकरण, विभिन्न प्रकार के स्मारकों का निर्माण व उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, वाराणसी में देव दीपावली तथा बरसाना में रंगोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की स्थापना की गई है. विन्ध्यधाम तीर्थ विकास परिषद तथा श्री चित्रकूटधाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का निर्णय भी सरकार ने लिया है.

इससे पूर्व मुख्यमंत्री जी ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित ‘विकास की लहर हर गांव-हर शहर पारदर्शी और जवाबदेह सरकार’ पुस्तिका का विमोचन किया. उन्होंने इस अवसर पर सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यों पर केन्द्रित सूचना विभाग द्वारा निर्मित एक फिल्म का अवलोकन भी किया.

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्रिगण श्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ0 दिनेश शर्मा, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एव सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

पांच और शहरों में मेट्रो का काम अंतिम चरण में : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल का सफल संचालन किया जा रहा है. कानपुर और आगरा में मेट्रो का काम  चल रहा है. इसके साथ ही पांच अन्य प्रमुख शहरों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झांसी में मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार है या अंतिम चरण में है. इन शहरों में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी.

सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर से कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का वर्चुअल अनावरण कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए उल्लास का क्षण है. वास्तव में मेट्रो जैसा सुरक्षित और आरामदायक पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज की आवश्यकता है. हम अपेक्षा करते हैं कि 30 नवम्बर के आसपास हम कानपुर मेट्रो को देश को समर्पित करने की स्थिति में होंगे.

प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से इसका शुभारंभ कराया जाए. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वड़ोदरा के उपक्रम में कोविडकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन को समय से पहले उपलब्ध कराया गया है. सीएम ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भी साकार हो रही है. मुख्यमंत्री ने आगरा व कानपुर मेट्रो के प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन के वर्चुअल अनावरण के दौरान वड़ोदरा से जुड़े यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, मेसर्स एचटॉम इंडिया ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को इसके लिए बधाई भी दी.

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