Family Story In Hindi: स्वस्थ दृष्टिकोण- क्या हुआ था नंदा के साथ

Monsoon Special: बारिश में बनाएं भुट्टा कटलेट

इन दिनों देश में मानसून दस्तक दे चुका है. बारिश अपने साथ लाता है, छाते, रैनकोट, और भुट्टे. भुट्टे में फाइबर, विटामिन बी तथा मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक और आयरन जैसे अनेकों पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. पीले रंग के नरम दानों वाले भुट्टे को यूं तो आंच पर सेंककर खाया जाता है परन्तु इससे बनने वाले स्नैक्स तथा मिठाईयां भी कम स्वादिष्ट नहीं होतीं. आज हम आपको ऐसे ही एक स्नैक के बारे में बता रहे हैं जिसे बनाना बहुत आसान है तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोंगों के लिए         6

बनने में लगने वाला समय   30 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

नरम भुट्टे के दाने          3 कप

ब्रेड क्रम्ब्स                  2 कप

उबले आलू                 2

कटा प्याज                  1

कटी हरी मिर्च               4

कटी शिमला मिर्च          1

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किसी गाजर                   1

किसा पनीर                   1/2 कप

नमक                          स्वादानुसार

जीरा                            1/4 टीस्पून

धनिया पाउडर                1/2 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर            1/2 टीस्पून

गरम मसाला पाउडर         1/4टीस्पून

अमचूर पाउडर                  1/2 टीस्पून

बारीक कटा धनिया            1 टीस्पून

तलने के लिए तेल

विधि

भुट्टे के दानों को बिना पानी के मिक्सी में पीस लें. अब इसमें डेढ़ कप ब्रेड क्रम्ब्स और 1/4 टीस्पून नमक मिलाकर 10 मिनट के लिए रख दें. 1 टीस्पून गरम तेल में जीरा डालकर प्याज और हरी मिर्च को सॉते करके शिमला मिर्च और गाजर डालकर ढक दें. जब शिमला मिर्च और गाजर नरम हो जाये तो पनीर, सभी मसाले और आलू को मैश करके डाल दें. अच्छी तरह चलाकर 5 मिनट तक पकाकर हरा धनिया डालकर गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर 1 टेबलस्पून मिश्रण को हथेली पर रखकर हल्का सा चपटा कर लें. भुट्टे के मिश्रण में से थोड़ा सा मिश्रण लेकर हथेली पर फैलाकर बीच में भरावन की फ्लेट बॉल रखकर चारों ओर से बंद कर दें. इसे ब्रेड क्रम्ब्स में लपेटकर गरम तेल में सुनहरा होने तक तलकर टिश्यू पेपर पर निकालें और टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ सर्व करें.

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कोरोना और बच्चों की Handwriting

कोरोना के इस संसार में आगमन के बाद से आर्थिक, सामाजिक जैसे क्षेत्रों में देश के प्रत्येक नागरिक को नुकसान उठाना पड़ा है. बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इससे बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं, लॉक डाउन के कारण लंबे समय तक घरों में रहने से वे चिड़चिड़े और तनावग्रस्त रहने लगे हैं. पूरे वर्षभर से वे लेपटॉप और मोबाइल के सामने घण्टों बैठकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. कमजोर होती नींव, दोस्तों के साथ होने वाली मौज मस्ती का अभाव, घर में निरन्तर रहने से कमजोर होता आत्मविश्वास, गजेट्स से पढ़ने से बीमार होती  आंखें, कमजोर होती लर्निंग कैपेसिटी जैसे अनेकों नुकसान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ने से हो रहे हैं परन्तु इस दौरान उनकी खराब होती हैंडराइटिंग सबसे बड़े नुकसान के रूप में उभरा है.

एक समाचार पत्र एजेंसी के द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि कोरोना के ऑनलाइन क्लासेज के दौरान कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की हैंडराइटिंग को बहुत अधिक प्रभावित किया है. जब कि इस उम्र में सबसे ज्यादा फोकस हैंडराइटिंग पर होता था क्योंकि बाल्यावस्था में बन गयी अक्षरों की बनावट घर की नींव की भांति होती है जो जिंदगी भर वैसी ही होती है. ग्वालियर के एयरफोर्स स्कूल की शिक्षिका और कैलीग्राफी विशेषज्ञ कीर्ति दुबे कहतीं हैं , ”बच्चों के अक्षरों की बनावट, उनके मध्य कस स्पेस और लाइनों के बीच का अंतर अब कहीं नजर नहीं आता वे किसी तरह जल्दी जल्दी लिखकर हमें ऑनलाइन दिखा देते हैं जिसमें हमारे द्वारा दी गयी समझाइश का कोई असर होते नहीं दिखता क्योंकि उन्हें पता है कि स्क्रीन के उस पार बैठकर हम कुछ नहीं कर सकते.”

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हैंडराइटिंग बिगड़ने के क्या हैं कारण

-उनकी हैंडराइटिंग खराब होने का सबसे बड़ा कारण है कि कोरोना काल से पूर्व टीचर द्वारा बोर्ड पर लिखे शब्दों को देखकर वे  काफी कुछ सीखते थे जो अब नहीं हो पा रहा है.

-उन्हें पता है कि वे कैसा भी लिख लें अब कोई उसे देखने वाला नहीं है.

-स्कूल जाने पर शिक्षक बच्चों को होमवर्क दिया करते थे जिससे बच्चों को लिखने की आदत रहती थी.

-कक्षा में एक दूसरे को देखकर बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना रहती थी जिससे वे सुंदर लेखन के द्वारा शिक्षक पर अपना प्रभाव जमाने का प्रयास करते थे परन्तु अब यह सब नदारद है.

क्या करें अभिभावक

स्कूल कब खुलेंगे यह नहीं कहा जा सकता परन्तु इस समय घर में रह रहे बच्चों को माता पिता थोड़े से प्रयास करके बच्चों की हैंडराइटिंग को सुधार सकते हैं. इस समय चूंकि स्कूल की पढ़ाई का प्रेशर भी नहीं है तो उनकी हेंडराइटिंग पर आसानी से काम किया जा सकता है-

-ऑनलाइन स्टडी से समझकर कॉपी पर लिखने का प्रयास करें.

-बच्चों को सही से अक्षर की बनावट लाइन स्पेसिंग पर पर्याप्त ध्यान देने को कहें.

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-अच्छा लिखने के लिए सबसे पहली शर्त है पढ़ना, इसलिए अपने बच्चों को बाल पत्रिकाएं अवश्य पढ़ने को दें, पढ़ने से नवीन जानकारी प्राप्त करने के साथ साथ वे अक्षरों को बनाना भी सीखते हैं.

-इंग्लिश और हिंदी भाषा के लिए बाजार में उपलब्ध कर्सिव राइटिंग की कापियों का उपयोग किया जा सकता है.

-बच्चों से नियमित रूप से 8 से 10 लाइनें लिखवाएं.

-सबसे महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों से कोई भी काम करवाएं उसे चेक अवश्य करें ताकि उनका उत्साह कायम रहे.

Travel Special: नैनीताल की खूबसूरती के दीवाने हैं हजारों

दोस्तों के साथ घूमने-फिरने का प्लान बने तो सबसे पहले नैनीताल का नाम ही जहन में आता है. जहां गर्मियों में नैनीताल की खूबसूरती और ठंडा मौसम सैलानियों को अपनी ओर खींच लाता है वहीं सर्दियों में बर्फबारी और विंटर स्पोर्ट्स के दीवानों के लिए नैनीताल स्वर्ग बन जाता है.

कहा जाता है कि एक समय में नैनीताल जिले में 60 से ज्यादा झीलें हुआ करती थीं. यहां चारों ओर खूबसूरती बिखरी है. सैर-सपाटे के लिए दर्जनों जगहें हैं, जहां जाकर पर्यटक मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं.

एनएच 87 नैनीताल को पूरे देश से जोड़ता है. नैनीताल में रेल और हवाई सेवाएं नहीं हैं, लेकिन यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन यहां से सिर्फ 34 किमी दूर काठगोदाम में है. काठगोदाम से नैनीताल के लिए राज्य परिवहन की गाड़ियां दिन में हर समय उपलब्ध रहती हैं. अगर आप हवाई मार्ग से नैनीताल जाना चाहती हैं तो यहां का नजदीकी पंतनगर एयरपोर्ट करीब 55 किमी दूर है.

नैनीताल की खोज सन् 1841 में एक अंग्रेज चीनी (शुगर) व्यापारी ने की. बाद में अंग्रेजों ने इसे अपनी आरामगाह और स्वास्थ्य लाभ लेने की जगह के रूप में विकसित किया. नैनीताल तीन ओर से घने पेड़ों की छाया में ऊंचे-ऊंचे पर्वतों के बीच समुद्रतल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. यहां के ताल की लंबाई करीब 1358 मीटर और चौड़ाई करीब 458 मी‍टर है. ताल की गहराई 15 से 156 मीटर तक आंकी गई है, हालांकि इसकी सही-सही जानकारी अब तक किसी को नहीं है.

ताल का पानी बेहद साफ है और इसमें तीनों ओर के पहाड़ों और पेड़ों की परछाई साफ दिखती है. आसमान में छाए बादलों को भी ताल के पानी में साफ देखा जा सकता है. रात में नैनीताल के पहाड़ों पर बने मकानों की रोशनी ताल को भी ऐसे रोशन कर देती है, जैसे ताल के अंदर हजारों बल्ब जल रहे हों.

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ताल में बत्तखों के झुंड, रंग-बिरंगी नावें और ऊपर से बहती ठंडी हवा यहां एक अदभुत नजारा पेश करते हैं. ताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है.

नैनीताल में सैर-सपाटे की जगह

तल्लीताल और मल्लीताल

नैनीताल का मल्ला भाग (ऊपरी हिस्सा) मल्लीताल और नीचला भाग तल्लीताल कहलाता है. मल्लीताल में एक फ्लैट खुला मैदान है और यहां पर खेल तमाशे होते रहते हैं. इस फ्लैट पर शाम होते ही सैलानी इकट्ठे हो जाते है. भोटिया मार्केट में गर्म कपड़े, कैंडल और बेहतरीन गिफ्ट आइटम मिलते हैं.

मल्लीताल से तल्लीताल को जोड़ने वाली सड़क को मॉल रोड कहा जाता है. मॉल रोड पर जगह-जगह लोगों के बैठने और आराम करने के लिए बेंच लगे हुए हैं. सैर-सपाटे के लिए यहां आने वाले सैलानी पैदल ही करीब डेढ़ किमी की इस दूरी को शॉपिंग करते हुए तय कर लेते हैं. वैसे दोनों ओर से रिक्शों की अच्छी व्यवस्था है.

चाइना पीक या नैनापीक

नैनीताल की सात चोटियों में 2611 मीटर ऊंची चाइना पीक सबसे ऊंची चोटी है. चाइना पीक की दूरी नैनीताल से लगभग 6 किलोमीटर है. इस चोटी से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों के दर्शन होते हैं. यहां से नैनीताल झील और शहर के भी भव्य दर्शन होते हैं. यहां एक रेस्तरां भी है.

लड़ियाकांटा

इस पर्वत श्रेणी की ऊंचाई 2481 मीटर है और यह नैनीताल से लगभग साढ़े पांच किलोमीटर दूर है. यहां से नैनीताल के ताल को देखना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है.

किलवरी

2528 मीटर की ऊंचाई पर दूसरी पर्वत चोटी है और इसे किलवरी कहते हैं. यह पिकनिक मनाने के लिए शानदार जगह है.

डेरोथी सीट और टिफिन टॉप

एक अंग्रेज ने अपनी पत्नी डेरोथी की याद में इस पहाड़ की चोटी पर उसकी कब्र बनाई और उसका नाम डेरोथी सीट रख दिया. तभी से यह डेरोथी सीट के नाम से जाना जाता है. नैनीताल से चार किलोमीटर की दूरी पर 2290 मीटर की ऊंचाई पर यह चोटी है. टिफिन टॉप से हिमालय के खूबसूरत नजारे दिखते हैं, यहां से नेपाल की ऊंची-ऊंची हिमालय पर्वत श्रृंखलाएं भी नजर आती हैं.

देवपाटा और केमल्स बैक

देवपाटा और केमल्स बैक नाम की ये दोनों चोटियां साथ-साथ हैं. देवपाटा की ऊंचाई 2435 मी‍टर है जबकि केमल्स बैक 2333 मीटर ऊंची है. इस चोटी से भी नैनीताल और उसके आसपास के इलाके के बेहद सुंदर नजारे दिखते हैं.

स्नोव्यू और हनी-बनी

नैनीताल से केवल ढाई किलोमीटर और 2270 मीटर की ऊंचाई पर हवाई पर्वत चोटी है. मल्लीताल से रोपवे पर सवार होकर यहां आसानी से जाया जा सकता है. यहां से हिमालय का विहंगम दृश्य दिखाई देता है. स्नोव्यू से लगी हुई दूसरी चोटी हनी-बनी है, जिसकी ऊंचाई 2179 मीटर है, यहां से भी हिमालय का सुंदर नजारा दिखता है.

नैनीताल का चिड़ियाघर

नैनीताल का चिड़ियाघर बस अड्डे से करीब 1 किमी दूर है. इसका नाम उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है. चिड़ि‍याघर में बंदर से लेकर हिमालय का काला भालू, तेंदुए, साइबेरियाई बाघ, पाम सिवेट बिल्ली, भेड़िया, चमकीले तितर, गुलाबी गर्दन वाले प्रकील पक्षी, पहाड़ी लोमड़ी, घोरल, हिरण और सांभर जैसे जानवर हैं.

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राजभवन

इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस की तर्ज पर बनाए गए राजभवन का निर्माण अंग्रेजों ने उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के गवर्नर के रहने के लिए किया था. अब यहां उत्तराखंड के राज्यपाल का निवास है और राज्य के अतिथि‍ भी यहां आकर ठहरते हैं. दो मंजिला इमारत में 113 कमरे हैं. यहां शानदार गार्डन, गोल्फ लिंक, स्वीमिंग पुल, झंडीदार मोदी हाइट्स, मुंशी हाइट्स जैसी जगहें राजभवन में देखने योग्य हैं.

घुड़सवारी

नैनीताल आने वाले सैलानियों के लिए हॉर्स राइडिंग एक और आकर्षण है. यहां बारापत्थर से घोड़े किराए पर लेकर सैलानी नैनीताल की अलग-अलग चोटियों की सैर करते हैं. शहर के अंदर घुड़सवारी अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

इन जगहों पर ना भूलें जाना

1. इको केव

इको केव यहां के सबसे मशहूर जगहों में से एक है . इसमें कई सारी गुफाएं हैं. इस गुफा की सबसे खास बात ये है कि बाहर चाहे जैसा भी मौसम हो लेकिन इस गुफा में हमेशा ठंड ही रहती है. यहां से स्नो व्यू पौइंट भी देखा जा सकता है.  इस गुफा के आसपास कई सारी बौलिवुड फिल्मों की शूटिंग भी हुई है.

2. नैनी झील

नैनीताल के दिल में बसी है खूबसूरत नैनी झील. नैनी झील में आसपास के सारे पहाड़ों का रिफ्लेक्शन पड़ता है जिससे इसका पानी बिल्कुल हरा दिखता है और यह दृश्य काफी मनोरम लगता है. इस झील में आप बोटिंग का भी लुत्फ उठा सकती हैं, इससे आप झील की खूबसूरती को करीब से महसूस कर पाएंगे.

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3. नौकुचिया ताल

जैसा कि आप जानती हैं कि नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है. यहां आप घूमते-घूमते थक जाएंगी लेकिन झीलों का सिलसिला खत्म नहीं होगा. यहां की नौकुचिया ताल काफी मशहूर है, भीमताल से 11 किमी. की दूरी पर स्थित नौकुचिया ताल की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस झील की गहराई तकरीबन 160 फीट है. यहां आप सूकून के पल बिता सकती हैं.

Monsoon Special: फैमिली के लिए बनाएं स्पाइसी इडली

अगर आप अपनी फैमिली के लिए कुछ चटपटा, टेस्टी और हेल्दी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो स्पाइसी इडली की रेसिपी बनाएं. ये आसानी से बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप अपनी फैमिली को डिनर या शाम की चाय में परोस सकती हैं.

हमें चाहिए

–  2 बड़े चम्मच औयल

–  1 बड़ा चम्मच सरसों

–  1 बड़ा चम्मच गोटा उड़द

–  1/4 छोटा चम्मच हींग

–  1 बड़ा चम्मच लाल और हरीमिर्च कटी हुई

–  7-8 काजू कटे हुए

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–  1 कप सूजी

–  ग्रीस करने के लिए औयल

–  1/2 कप दही

–  थोड़ी सी धनियापत्ती कटी हुई

–  1 बड़ा चम्मच फ्रूट साल्ट

–  नमक स्वादानुसार.

गार्निशिंग के लिए

–  भुने हुए काजू.

बनाने का तरीका

एक पैन में औयल गरम कर उस में सरसों, गोटा उड़द, हींग, लाल और हरीमिर्च और काजू डाल कर अच्छी तरह चलाएं. फिर इस में नमक, अदरक और सूजी डाल कर मीडियम आंच पर भूनें.

फिर इसे एक बाउल में निकाल कर इस में दही और पानी डाल कर अच्छी तरह मिला कर 20 मिनट के लिए भिगो कर रख दें. अब बैटर में फ्रूट साल्ट ऐड कर अच्छी तरह मिलाएं.

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अब इडली मोल्ड को ग्रीस कर उस में बैटर डाल कर काजू डालें. फिर इसे 3-4 मिनट तक पकाएं और नारियल की चटनी के साथ सर्व करें.

वजन कम करने के लिए ऐसे करें डायट प्लान

लेखिका- स्नेहा सिंह 

इंडियन फूड का नाम लेते ही हमारे दिमाग में पंजाबी,साउथ इंडियन, राजस्थानी आदि व्यंजनो की छवि नजर आ जाती है और मुंह में पानी आ जाता है. यह स्वाभाविक भी है. क्योंकि हमारे देश में सब से अधिक प्रकार के व्यंजन खाए जाते हैं. पर इस के साथ हमारे मन में हमेशा एक्स्ट्रा चर्बी और फैट को ले कर भी चिंता बनी रहती है कि क्या खाएं और क्या न खाएं? कितना खाएं और कब खाएं? इन सभी समस्या को दूर करने के लिए अपने स्वाद को ध्यान में रख कर वेट लौस डायट के प्लान की बात करेंगे.

हम जो भी खाते हैं, उससे हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है और यह शक्ति हमें केलरी के रूप में मिलती है. केलरी चार तरह की होती है.

1. कार्बोहाइड्रेट 

यह शरीर को कार्बन के रूप में ऊर्जा (शक्ति) देता है. ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है. जिससे शरीर को सभी प्रकार के कार्य करने की शक्ति मिलती है. एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से चार केलरी के बराबर ऊर्जा मिलती है.

2. प्रोटीन

प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर के स्नायुओं और पेशियों का निर्माण करना और उन्हें स्वस्थ रखना है. इसलिए बच्चों एवं युवकों के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. एक ग्राम प्रोटीन से भी 4 केलरी ऊर्जा मिलती है.

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3. फैट

फैट शरीर के स्नायुओं को फैटी एसिड के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है. इस बीच जो फैट रह जाता है, वह ड्राइग्लिसराइड्स के रूप में स्नायुओं में जमा होता है. एक ग्राम फैट में 9 केलरी होती है. इसलिए वेट लौस डायट में ज्यादा चर्बी वाला खाना खाने से मना किया जाता है.

4. विटामिन और मिनरल्स

विटामिन और मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाने में, घाव ठीक करने में और शरीर में रोगप्रतिकारक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. ये भोजन को ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं और स्नायुओं को स्वस्थ रखते हैं.

5. वेट लौस के लिए कितनी केलरी लें

यह जानना बहुत जरूरी है कि पूरे दिन में महिलाओं को कितनी केलरीयुक्त भोजन खाना चाहिए, जिससे शरीर का वजन नियंत्रण में रहे. तो इसका जवाब यह है कि सामान्य रूप से पूरे दिन में महिलाओं को 18– से 2— केलरीयुक्त खुराक खानी चाहिए. पूरे दिन में केलरी लेने का मापदंड कई बातों पर निर्भर करता है. इसमें पूरे दिन काम करने के प्रकार, उम्र, शरीर के आकार और जीवनशैली आदि के आधार पर तय किया जाता है. अगर आप 25– केलरीयुक्त भोजन लेती हैं और इतनी ही ऊर्जा खर्च करती हैं तो शरीर में शून्य केलरी रहती है. इस परिस्थिति में वजन एकदम स्टबल रहता है. परंतु अगर आप मात्र 2— केलरी खर्च करती हैं तो 5– केलरी बचेगी और आप का वजन एक सप्ताह में आधा किलोग्राम बढ़ जाएगा. महीने में 2 से 3 किलोग्राम शरीर का वजन बढ़ जाएगा.

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तो वजन कम करने के लिए पूरे दिन में 3 बार खाएं, पर थोड़ाथोड़ा खाएं. कुछ डायटीशियन दिन में 5 बार डायट की सलाह देते हैं, तब थोड़ी मुश्किल होती है. वर्कआउट अधिक करना पड़ता है. इसके अलावा अगर आप का मेटाबोलिज्म कम होगा, तो पाचनतंत्र पर अधिक श्रम पड़ेगा और पाचन ठीक से नहीं होगा.

वजन कम करने के लिए सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि दिन के शुरू में सुबह का नाश्ता दिन भर की डायट की अपेक्षा अधिक होना चाहिए. क्योंकि सुबह के नाश्ते की केलरी तेजी और पूरी तरह बर्न हो जाती है. यानी कि हम दिन भर अनेक एक्टिविटी करते हैं, जिसमें अधिक केलरी खर्च होती है. इसलिए सुबह नाश्ता जरूर करपा चाहिए.

नई-नई ज्वैलरी फ्लौंट करती दिखीं सपना चौधरी, स्टाइलिश अंदाज से बटोर रही हैं फैंस की तारीफें

कलर्स के पौपुलर रियलिटी शो बिग बौस में अपने जलवे बिखेर चुकीं हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी सोशलमीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वहीं उनके नए-नए लुक्स औऱ अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की झलक वह फैंस के साथ शेयर करती हैं. इसी बीच मां बनने के बाद सपना चौधरी का लुक और भी खूबसूरत हो गया है, जिसका अंदाजा हाल ही में वायरल हुई फोटोज में लगाया जा सकता है.

पोल्क डौट साड़ी में दिखाए जलवे

 

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हाल ही में सपना चौधरी ने कुछ फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं, जिसमें वह ब्लैक ऐंड वाइट कौम्बिनेशन वाली पोल्का डौट साड़ी में नजर आ रहा है. पोल्का डॉट प्रिंट वाली साड़ी को सपना ने बेल स्लीव्स के ब्लाउज और वाइट पर्स के साथ पर्ल ज्वैलरी के साथ कैरी किया है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं.

झुमकों पर आया फैंस का दिल

 

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सपना ने अपने ‘साड़ी वाली गर्ल’ सॉन्ग पर वॉक करते हुए शॉर्ट क्लिप फैंस के साथ शेयर की है, जिसमें वह बेबी ब्लू कलर की फ्लोरल प्रिंट साड़ी और उसके साथ पिंक ब्लाउज मैच करते हुए खूबसूरत अंदाज में नजर आ रही हैं. वहीं इस लुक के साथ सपना के हैवी झुमके बेहद खूबूसरत लग रहे हैं. फैंस उनके इस लुक की तारीफें करते नहीं थक रहे हैं.

ज्वैलरी को देती हैं अलग लुक

 

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अलग-अलग लुक्स में नजर आने वाली सपना चौधरी के पास साड़ी से लेकर ज्वैलरी तक के बेहद खूबसूरत कलेक्शन हैं, जिसे वह फैंस के साथ लगातार शेयर करती रहती हैं. वहीं ज्वैलरी की शौकीन सपना के पास हैवी झुमके फैंस का दिल जीत लेते हैं.

सूट में दिखा खूबसूरत अंदाज

 

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साड़ियों के अलावा सूट में भी सपना बेहद खूबसूरत लगती हैं. वहीं हैवी सूट संग हैवी झुमके उनके लुक पर चार चांद लगाते हैं.

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मौर्डन लुक भी है स्टाइलिश

 

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मौर्डन लुक में भी सपना चौधरी ज्वैलरी को अलग लुक देना नही भूलतीं. मौडर्न ज्वैलरी के साथ वह अपने लुक को सजाने में परफेक्ट हैं, जिसका अंदाजा इन फोटोज से लगाया जा सकता है.

Family Story In Hindi: स्वस्थ दृष्टिकोण- भाग 1- क्या हुआ था नंदा के साथ

मैं इस चेहरे के बारे में. कुछ ऐसा जो इस चेहरे से बहुत जुड़ा हुआ सा, कुछ इस के अतीत से, कुछ इस के बीते हुए कल से, कौन है आखिर वह? कार्यालय में भी मैं फुरसत में उसी चेहरे के बारे में सोचता रहा, कौन था आखिर वह?

वापसी में भी मैं भीड़ में नजर दौड़ाता रहा, शायद वह चेहरा नजर आ जाए.

ऐसा होता है न अकसर, हम बिना वजह परेशान हो उठते हैं. अचेतन में कुछ ऐसा इतना सक्रिय हो उठता है कि बीता हुआ कुछ धुंधली सी सूरत में मानस पटल पर आनेजाने लगता है. न साफ नजर आता है न पूरी तरह छिपता ही है.

‘‘क्या बात है, आज आप कुछ परेशान से नजर आ रहे हैं. कुछ सोच रहे हैं?’’ पत्नी ने आखिर पूछ ही लिया. उस ने भी पहचान लिया था मेरा भाव. हैरान हूं मैं, कैसे मेरी पत्नी झट से जान जाती है कि मैं किसी सोच में हूं. 28 साल से साथ हैं हम. हजार बार ऐसा हुआ होगा जब मैं ने चाहा होगा कि पत्नी से कुछ छिपा जाऊं मगर आज तक मेरा हर प्रयास असफल रहा.

‘‘आज मुझे एक चेहरा जानापहचाना लगा और ऐसा लगा कि उसे मैं बहुत करीब से जानता हूं और इतना भी आभास है कि जो भी उस चेहरे से जुड़ा है सुखद कदापि नहीं है. यहां तक कि मैं अपनी जानपहचान में भी दूर तक नजर दौड़ा आया हूं वह कहीं भी नजर नहीं आया.’’

‘‘होगा कोई. एक दिन अपनेआप याद आ जाएगा. आप आराम से खाना खाइए,’’ झुंझला कर उत्तर दिया पत्नी ने.

मेरी यह आदत उसे अच्छी नहीं लगती थी सो बड़बड़ाने लगी थी वह, ‘सारे जहां का दर्द मेरे दिल में है.’

‘‘तो क्या तुम्हारे दिल में नहीं है? पड़ोस में कोई गलत काम करता है तो यहां तुम्हारा खून उबलने लगता है. तब मुझे सुनासुना कर मेरा दिमाग खराब करती हो. अब जब मैं सुना रहा…’’

‘‘आप तो हवाई तीर चला रहे हो. जिस की चिंता है उसे जानते भी तो नहीं हो न. कम से कम मैं जिस की बात करती हूं उसे जानती तो हूं.’’

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‘‘मैं उसे जानता हूं, नंदा, यही तो परेशानी है कि याद नहीं आ रहा.’’

मैं बुदबुदा रहा था, ‘आखिर कौन था वह?’

दूसरे दिन, तीसरे दिन और उस के बाद कई दिन मैं उस के बारे में सोचता रहा. लोकल ट्रेन से आतेजाते निरंतर नजर भी दौड़ाता रहा, पर वह चेहरा नजर नहीं आया. धीरेधीरे मैं उसे भूल गया.

सच है न, समय से बड़ा कोई मरहम नहीं है. समय से बड़ा कोई आवरण भी नहीं. समय सब ढक लेता है. समय सब छिपा जाता है. चाहे सदा के लिए छिपा पाए तो भी कुछ समय का भुलावा तो होता ही है.

एक शाम पता चला, पड़ोस में कोई रहने आया है. पत्नी बहुत खुश थी. हमारी दोनों बेटियों के ससुराल चले जाने के बाद उसे अकेलापन बहुत खलता था न. पड़ोस में कोई बस जाएगा ऐसा सोच कर मुझे भी सुरक्षा का सा भाव प्रतीत होने लगा. कभी देरसवेर हो जाए तो मुझे चिंता होती थी. अब बगल के आंगन में होने वाली खटरपटर बड़ी सुखद लगने लगी थी. अभी जानपहचान नहीं थी फिर भी उन का एहसास ही बड़ी गहराई से हमें पुलकित करने लगा था.

‘‘चलो, उन से मिलने चला जाए या फिर उन्हें ही अपने घर पर बुला लें,’’ मैं ने पत्नी से कहा.

‘‘लगता है

वे किसी से

भी मिलना नहीं चाहते. आज

वह लड़की

सब्जी लेने बाहर निकली थी, मैं ने बात करनी चाही थी मगर वह बिना कुछ सुने ही चली गई.’’

‘‘क्यों?’’

पलक झप- काना ही भूल गया मैं. भला ऐसा क्यों? क्या इतने बूढ़े हैं हम जो एक जवान जोड़ा हम से बातें करना भी नहीं चाहता.

‘‘हम इतने बुरे लगते हैं क्या?’’

‘‘पता नहीं,’’ कह कर मुसकरा पड़ी थी नंदा.

नंदा सब्जी उठा कर रसोई में चली गई. अखबार पढ़ने में मन नहीं लगा मेरा सो उठ कर घर के बाहर निकल आया. गली में चक्कर लगाने लगा पर आतेजाते नजर पड़ोसी के बंद दरवाजे पर ही थी.

बहुत ही सुहानी हवा चल रही थी मगर उस के घर के दरवाजेखिड़कियां सब बंद थे. मैं सोचने लगा, क्या वे ठंडी हवा लेना नहीं चाहते? क्या दम नहीं घुटता उन का बंद घर में?

सुबह जब मैं कार्यालय जाने को निकला तो सहसा चौंक गया. पड़ोस के द्वार पर वही खड़ा था. वही सूरत जिसे मैं ने स्टेशन पर भीड़ में उस रोज देखा था. उसे देखते ही मैं पलक झपकाना भूल गया और दिमाग पर जोर डालने लगा, कौन है यह लड़का? कहां देखा है इसे?

मुझ से उस की नजरें मिलीं और वह झट से मुंह फेर कर निकल गया. तब मुझे ऐसा लगा, वह परिवार वास्तव में किसी से मिलना नहीं चाहता. यह लड़का कौन है? मैं कुछ जानता हूं इस के बारे में. अरे, मुझे सहसा सब याद आ गया, यह तो भाईसाहब का दामाद था, था क्या अभी भी है. इतना ध्यान आते ही काटो तो खून नहीं रहा मुझ में.

यह मेरी भतीजी का पति है जिस से उस का रिश्ता निभ नहीं पाया था और वह शादी के 4-5 महीने बाद ही वापस लौट आई थी.

भाई साहब तो यही बताते थे कि लड़के वाले दहेज के लालची थे. काफी लंबीचौड़ी कहानी बन गई थी. बाद में पुलिस काररवाई और दामाद की  जेलयात्रा, कितना दुखद था न सब.

मुझे तो यही पता था कि अभी भतीजी का तलाक नहीं हुआ है. भला बिना तलाक वह लड़का दूसरी शादी कैसे कर सकता है? मन में आया वापस घर आ कर पत्नी को सब बता दूं.

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बेचैन हो उठा था मैं. यह समस्या तो मेरे ही घर की थी न, हमारी ही बेटी का जीवन अधर में लटका कर यह लालची पुरुष चैन से जी रहा था.

वापस चला आया मैं. जब नंदा को बताया तो हक्कीबक्की रह गई वह. सोचने लगी, तो क्या यह मानसी का पति है? जेठजी तो घुलघुल कर आधे रह गए हैं बेटी के दुख में और लड़का दूसरा घर बसा कर चैन से जी रहा है.

एक बार तो जी चाहा झट से साथ वाले घर पर जाएं और…मगर फिर सोचा, आखिर उस लड़की का क्या दोष है? कौन जाने उसे कुछ पता भी है या नहीं. पता नहीं यहां इस लड़के ने क्या रंग घोल रखा है. हम भी बेटियों वाले हैं, कैसे किसी की बेटी का घर ताश के पत्ते सा गिरा दें? पहले भाई साहब से ही क्यों न बात कर लें?

उसी शाम भाई साहब से फोन पर बात हुई और पता चला, मानसी का तलाक हो गया है. चलो, एक बात तो साफ हो गई. चैन की सांस ली मैं ने

परंतु वह प्रश्न तो वहीं रहा न, अगर यह लड़का लालची था तो इस लड़की के साथ तो ऐसा नहीं लगता कि बहुत अमीरी में रह रहा हो. उन का सामान तो

हमारे सामने ही छोटे से ट्रक से उतरा था. नईनई गृहस्थी जमाने को बस,

ठीकठाक सामान ही था. क्या पता इस लड़की के पिता से नकद दहेज ले

लिया हो?

पत्नी ने बताया कि लड़की भी बड़ी मासूम, सीधीसादी, प्यारी सी है. तब वह क्या था जब मानसी के साथ दुखद घटा था? सीधासादा सा सामान्य परिवार ही तो है इस लड़के का. हम जैसा सामान्य वर्ग, तो फिर उस कार की मांग का क्या हुआ? भाई साहब तो बता रहे थे कि लड़का कार की मांग कर रहा है. मानसी के बाद अब यहां मुझे तो कोई कार दिखाई नहीं दी.

उथलपुथल मच गई थी मेरे अंतर्मन में. हजारों सवाल नागफनी से मुझे डसने लगे थे. क्यों मानसी का घर उजड़ गया और यह लड़का यहां अपना घर बसा कर जी रहा है? एक जलन का सा भाव पनप रहा था मन में, हमारी बच्ची को सता कर वह सुखी क्यों है?

आगे पढ़ें- कुछ पल को तो हम समझ ही नहीं पाए कि…

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सई के बैडरुम में अजिंक्य को देख खौला विराट का खून, पाखी ने लगाई आग

सीरियल गुम है किसी के प्‍यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin ) में आए दिन विराट और सई की कहानी में ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. वहीं पाखी पूरी कोशिश कर रही है कि दोनों को अलग रख सके. इसी बीच अपकमिंग एपिसोड में विराट को सई की तरफ गुस्सा देखने को मिलने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

सई पर पाखी लगाती है आरोप

 

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अब तक आपने देखा कि पाखी, सई पर घर से पैसे लेकर भागने का आरोप लगाती है. वहीं यह भी कहती है कि वह अजिंक्य के साथ गई होगी, जिसके बाद विराट और उसके परिवार में गुस्सा देखने को मिलता है. हालांकि सई के ससुर उसका साथ देते हैं और उसके खिलाफ कोई बात नही कहते . वहीं उसकी सास भी उसका साथ देती है, जिसके कारण पाखी को गुस्सा आ जाता है.


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विराट को भड़काएगी पाखी

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि सई की अजिंक्य के साथ बढ़ती नजदीकियां देखकर विराट गुस्से में नजर आता है. वहीं पाखी इस गुस्से को बढ़ाने के लिए विराट के दिल में सई के लिए गलतफहमी डालती है. इस बीच आप देखेंगे कि अजिंक्य, सई के बैडरुम में आएगा. वहीं विराट दोनों को बैडरुम में एक साथ देखकर बौखला जाएगा औऱ सई पर बरस पड़ेगा, जिसके कारण सीरियल में ड्रामा देखने को मिलेगा.

औफस्क्रीन सई संग रोमांस फरमाते दिखे विराट

औफस्क्रीन रोमांस की बात करें तो बीते दिनों विराट यानी नील भट्ट अपनी औफस्क्रीन सई यानी एश्वर्या शर्मा संग क्वालिटी टाइम बिताते नजर आए, जिसकी फोटोज इन दिनों सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. वहीं फैंस दोनों की जोड़ी की तारीफें करते नजर आ रहे हैं.

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‘ये रिश्ता…’ में हुई रणवीर की मौत, सीरत-कार्तिक पर लगा ये बड़ा इल्जाम

स्टार प्लस का पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है एक बार फिर दर्शकों के दिल में राज करने के लिए तैयार हैं. जहां बीते दिनों सीरियल के सेट से रणवीर यानी करण कुंद्रा के फेयरवेल की फोटोज वायरल हुई थीं. तो वहीं अपकमिंग एपिसोड में रणवीर की मौत का ट्विस्ट भी दिखाया जाएगा. इसी बीच मेकर्स सीरियल में कार्तिक-सीरत की जिंदगी में नया तूफान लाने की तैयारी में हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

कार्तिक-सीरत की हुई लड़ाई

अब तक आपने देखा कि जहां रणवीर की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है तो वहीं कार्तिक-सीरत के बीच लड़ाई देखने को मिल रही है. दरअसल, सीरत, कार्तिक पर आरोप लगाती है कि उसने रणवीर की हेल्थ के बारे में उसे नहीं बताया, वरना वो उसे बचा लेती. हालांकि कार्तिक, रणवीर से किया वादा निभा रहा था, जिसके कारण वह सच सीरत को नही बता पाया.

 

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रणवीर की हुई मौत

 

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दूसरी तरफ रणवीर अपनी आखिरी सांस लेने से पहले कार्तिक से वादा करने को कहता है कि वह सीरत का साथ हर कदम पर देगा और उसका ख्याल रखेगा. इसके बाद रणवीर की मौत हो जाती है और सीरत टूट जाती है. वहीं कार्तिक, रणवीर से किए वादे को भुला नहीं पाता.

सीरत को पड़ा थप्पड़

 

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रणवीर की मौत के बाद जहां पूरा परिवार सदमे में है तो वहीं अपकमिंग एपिसोड में उसकी मां का गुस्सा सीरत और कार्तिक पर देखने को मिलेगा. दरअसल, रणवीर की मां रोते हुए सीरत को थप्पड़ मारते हुए कहेगी कि पहले उसने मेरे बेटे को घर से अलग कर दिया और फिर दुनिया से, जिसे सुनकर कार्तिक कहेगा कि हम आपका दर्द नही समझ सकते. पर रणवीर की मां सीरत और कार्तिक पर इल्जाम लगाएगी कि दोनों के गंदे इरादों ने उनके बेटे को छीन लिया.

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