‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ फेम करण कुंद्रा शूटिग साथ कर रहे हैं ये काम

टीवी सीरियल ‘‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’’फेम अभिनेता करण कुंद्रा हाल ही में एक एनजीओ के साथ हाथ मिलाकर कोविड-राहत कार्यो के काम में जुटे हुए हैं,तो वहीं लॉक डाउन व कोरोना महामारी के बीच अपने इस सीरियल की लगातार शूटिंग करते हुए वह अपने दर्शकों व प्रशंसकों के मनोरंजन धर्म को निभाने को भी बाखूबी अंजाम दे रहे हैं. महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान उन्होंने शूटिंग करने से एक भी दिन परहजे नहीं किया.यह करण कंुद्रा का अपने काम के प्रति समर्पण भावना का प्रतीक भी है.

करण कुंद्रा सीरियल‘‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’’की पूरी टीम व क्रू मेंबर के साथ गुजरात सीमा पर सिलवासा में शूटिंग के दौरान कोविड -19 की सभी आवश्यक सावधानी बरतने पर भी ध्यान दे रहे है.यूनिट में हर कोई बायो बबल में रहा है. वह सभी भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर हैं और वहां के एक रिसॉर्ट में शूटिंग में व्यस्त हैं.इस तरह करण अपने प्रशंसकों का मनोरंजन करते रहने की कोशिश कर रहे हैं,जो इस लॉकडाउन के दौरान घर पर फंसे हुए हैं और कहीं बाहर जाने में असमर्थ हैं. वह सीरियल के माध्यम से अपने प्रशंसकों के चेहरों पर मुस्कान बनाए रखने की उम्मीद करते हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Karan Kundrra (@kkundrra)

ये भी पढ़ें- अनुपमा पर फूटेगा काव्या का गुस्सा, घरवालों के सामने करेगी वनराज की बेइज्जती

अपने काम के प्रति करण कुंद्रा के समर्पण की सराहना की जानी चाहिए. हाल ही में उन्होंने बताया कि कैसे वह लगभग 4 दिनों से बिना नेटवर्क के फंसे हुए थे क्योंकि वह सीमा के बहुत करीब शूटिंग कर रहे थे और आसपास कोई सेलफोन टावर नहीं थे.इस पर  उन्होंने कहा था, “हम गुजरात सीमा के आसपास शूटिंग कर रहे थे और चक्रवात के कारण हमारे पास बहुत खराब नेटवर्क था. हमने लगभग 4 दिनों के लिए लगभग सभी संचार खो दिए थे. मैं अपने माता-पिता से भी कॉन्टैक्ट कर नही सका था.‘‘

करण कुंद्रा कहते है ‘‘पिछले कुछ समय से सिलवासा के बाहर गुजरात सीमा के आसपास शूटिंग हो रही है. हम सभी बायो-बबल में रह रहे हैं और सरकार के निर्देशों के अनुसार सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. बाहर भी ज्यादा लोग नहीं हैं. यहां सेल फोन नेटवर्क वास्तव में कमजोर हैं और कई बार हम किसी से भी संपर्क नहीं कर पाते हैं, यहां तक कि अपने माता-पिता से भी नही. हम सभी यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि यह सीरियल बिना बाधा के प्रसारित होता रहे और लोग, जो महामारी के दौरान घर पर फंसे हुए हैं, उनके जीवन में कुछ आनंद भर सके.’’

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Karan Kundrra (@kkundrra)

ये भी पढ़ें- Shilpa Shetty ने कुछ इस अंदाज में मनाया 46वां बर्थडे, देखें फोटोज

सीरियल की शूटिंग में व्यस्त होने के बावजूद करण कुंद्रा ने इस कोविड -19 महामारी में लोगों की मदद करने के लिए उदय फाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया. उन्होंने वेलनेस किट, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और यहां तक कि कोविड -19 से संबंधित दवाओं के साथ लोगों की मदद की.

दिशा की दृष्टिभ्रम- भाग 3 : क्या कभी खत्म हुई दिशा के सच्चे प्यार की तलाश

लेखक- राम महेंद्र राय

मानस ने सोचने के लिए दिशा से कुछ दिन का समय मांगा, लेकिन उस ने समय नहीं दिया. उस पर दबाव बनाने के लिए दिशा ने अपने घर वालों को बताया कि मानस ने बहलाफुसला कर उस से संबंध बना लिए हैं और अब गलत इलजाम लगा कर शादी से मना कर रहा है.

उस के पिता और भाई गुस्से में मानस के घर गए. उस के मातापिता के सामने ही उसे खूब लताड़ा और दिशा की बेहयाई का सबूत मांगा.

मानस के पास कोई सबूत नहीं था. मजबूर हो कर वह दिशा से मंगनी करने के लिए राजी हो गया. 15 दिन बाद की तारीख रखी गई. आखिर वह दिन आ ही गया. मानस उस से मंगनी करने आ रहा था.

एक सहेली ने दिशा की तंद्रा भंग की तो वह वर्तमान में लौट आई. सहेली कह रही थी, ‘‘देखो, मानस आ गया है.’’

दिशा ने खुशी से दरवाजे की तरफ देखा. मानस अकेला था. उस के घर वाले नहीं आए थे. उस के साथ एक ऐसा शख्स था जिसे देखते ही दिशा के होश उड़ गए. वह शख्स था डा. अमरेंदु.

मानस को अकेला देख दिशा के भाई और पापा भी चौंके. उस का स्वागत करने के बाद भाई ने पूछा, ‘‘तुम्हारे घर वाले नहीं आए?’’

‘‘कोई नहीं आएगा.’’ मानस ने कहा.

‘‘क्यों नहीं आएगा?’’

‘‘क्योंकि मैं दिशा से शादी नहीं करना चाहता. मुझे उस से अकेले में बात करनी है? वह सब कुछ समझ जाएगी. खुद ही मुझ से शादी करने से मना कर देगी.’’

भाई और पिता के साथ दिशा भी सकते में आ गई. उस की भाभी उस के पास ही थी. उस की बोलती भी बंद हो गई थी.

ये भी पढ़ें- भरमजाल : रानी के जाल में कैसे फंस गया रमेश

दिशा के पिता ने उसे अकेले में बात करने की इजाजत नहीं दी. कहा, ‘‘जो कहना है, सब के सामने कहो.’’

मजबूर हो कर मानस ने लोगों के सामने ही कहा, ‘‘दिशा दुश्चरित्र लड़की है. अब तक कई लड़कों से संबंध बना चुकी है. 2 बार एबौर्शन भी करा चुकी है. इसीलिए मैं उस से शादी नहीं करना चाहता.’’

भाई को गुस्सा आ गया. उस ने मानस को जोरदार थप्पड़ मारा और कहा, ‘‘मेरी बहन पर इल्जाम लगाने की आज तक कभी किसी ने हिम्मत नहीं की. अगर तुम प्रमाण नहीं दोगे तो जेल की हवा खिला दूंगा.’’

‘‘भाईसाहब, आप गुस्सा मत कीजिए अभी सबूत देता हूं. जब मेरे शुभचिंतक ने बताया कि दिशा का चरित्र ठीक नहीं है, तभी से मैं सच्चाई का पता लगाने में जुट गया था. अंतत: उस का सच जान भी लिया.’’

मानस ने बात जारी रखते हुए कहा, ‘‘मेरे साथ जो शख्स हैं, उन का नाम डा. अमरेंदु है. दिशा ने उन के क्लिनिक में 2 बार एबौर्शन कराया था. आप उन से पूछताछ कर सकते हैं.’’

डा. अमरेंदु ने मानस की बात की पुष्टि करते हुए कुछ कागजात दिशा के भाई और पिता को दिए. कागजात में दिशा ने एबौर्शन के समय दस्तखत किए थे.

दिशा की पोल खुल गई तो चेहरा निष्प्राण सा हो गया. उस की समझ में नहीं आ रहा था  कि अब उसे क्या करना चाहिए. भाई और पापा का सिर शर्म से झुक गया था. फ्रैंड्स भी उसे हिकारत की नजरों से देखने लगी थीं.

दिशा अचानक मानस के पास जा कर बोली, ‘‘तुम ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी. तुम्हें छोडूंगी नहीं. तुम्हारे जिंदगी भी बर्बाद कर के रख दूंगी. तुम नहीं जानते मैं क्या चीज हूं.’’

‘‘तुम्हारे साथ जो कुछ भी हो रहा है वह सब तुम्हारे लाइफस्टाइल की वजह से हो रहा है. इस में किसी का कोई दोष नहीं है. जब तक तुम अपने आप को नहीं सुधारोगी, ऐसे ही अपमानित होती रहोगी.’’

पलभर चुप रहने के बाद मानस ने फिर कहा, ‘‘आज की तारीख में तुम इतना बदनाम हो चुकी हो कि तुम से कोई भी शादी करने के लिए तैयार नहीं होगा.’’

वह एक पल रुक कर बोला, ‘‘हां, एक ऐसा शख्स है जो तुम्हें बहुत प्यार करता है. तुम कहोगी तो खुशीखुशी शादी कर लेगा.’’

‘‘कौन?’’ दिशा ने पूछा.

ये भी पढ़ें- Father’s day Special: अथ से इति तक- बेटी के विद्रोह ने हिला दी माता-पिता की दुनिया

‘‘परिमल…’’ मानस ने कहा, ‘‘गेट पर उस से मिल कर आने के बाद तुम उसे भूल गई थीं, पर वह तुम्हें नहीं भूला है. होटल के गेट पर अब तक इस उम्मीद से खड़ा है कि शायद तुम मुझ से शादी करने का अपना फैसला बदल दो. कहो तो उसे बुला दूं.’’

‘‘तुम उसे कैसे जानते हो?’’ दिशा ने पूछा.

मानस ने बताया कि वह परिमल को कब और कहां मिला था.

कार पार्क कर मानस डा. अमरेंदु के साथ होटल में आ रहा था तो गेट पर परिमल मिल गया था. न जाने वह उसे कैसे जानता था. उस ने पहले अपना परिचय दिया फिर दिशा और अपनी प्रेम कहानी बताई.

उस के बाद कहा, ‘‘तुम्हें दिशा की सच्चाई भविष्य में उस से सावधान रहने के लिए बताई है. अगर उस से सावधान नहीं रहोगे तो विवाह के बाद भी वह तुम्हें धोखा दे सकती है.’’

मानस ने परिमल को अंदर चलने के लिए कहा तो उस ने जाने से मना कर दिया. कहा, ‘‘मैं यहीं पर तुम्हारे लौटने का इंतजार करूंगा. बताना कि तुम से मंगनी कर वह खुश है या नहीं?’’

कुछ सोच कर मानस ने उस से पूछा, ‘‘मान लो दिशा तुम से शादी करने के लिए राजी हो जाए तो करोगे?’’

‘‘जो हो नहीं सकता, उस पर बात करने से क्या फायदा? जानता हूं कि वह कभी भी मुझ से शादी नहीं करेगी.’’ परिमल ने मायूसी से कहा.

मानस ने परिमल की आंखों में देखा तो पाया कि दिशा के प्रति उस की आंखों में प्यार ही प्यार था. उस ने चाह कर भी कुछ नहीं कहा और डा. अमरेंदु के साथ होटल में चला आया.

मानस ने दिशा को सच्चाई से दोचार करा दिया तो उसे भविष्य अंधकारमय लगा. परिमल के सिवाय उसे कोई नजर नहीं आया तो वह उस से बात करने के लिए व्याकुल हो गई.

उस का फोन नंबर उस के पास था ही, झट से फोन लगा दिया. परिमल ने फोन उठाया तो उस ने कहा, ‘‘तुम से कुछ बात करना चाहती हूं. प्लीज होटल में आ जाओ.’’

कुछ देर बाद ही परिमल आ गया और दिशा ने उस का हाथ अपने हाथ में ले कर कहा, ‘‘मुझे माफ कर दो, परिमल. मैं तुम्हारा प्यार समझ नहीं पाई थी, लेकिन अब समझ गई हूं. मैं तुम से शादी करना चाहती हूं. अभी मंगनी कर लो, बाद में जब कहोगे शादी कर लूंगी.’’

कुछ सोचने के बाद परिमल ने कहा, ‘‘यह सच है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं. पर तुम आज भी मुझ से बेवफाई कर रही हो. सच नहीं बता रही हो. सच यह नहीं है कि मेरा प्यार तुम समझ गई हो, इसलिए मुझ से शादी करना चाहती हो. सच यह है कि आज की तारीख में तुम इतना बदनाम हो गई हो कि तुम से कोई भी शादी नहीं करना चाहता. मानस ने भी शादी से मना कर दिया है. इसीलिए अब तुम मुझ से शादी कर अपनी इज्जत बचाना चाहती हो.

‘‘तुम से शादी करूंगा तो प्यार की नहीं, समझौते की शादी होगी, जो अधिक दिनों तक नहीं टिकेगी. अत: मुझे माफ कर दो और किसी और को बलि का बकरा बना लो. मैं भी तुम्हें सदैव के लिए भूल कर किसी और से शादी कर लूंगा.’’

ये भी पढ़ें- Serial Story: कीर्तन, किट्टी पार्टी और बारिश

परिमल रुका नहीं. दिशा की पकड़ से हाथ छुड़ा कर दरवाजे की तरफ बढ़ गया. वह देखती रह गई. किस अधिकार से रोकती?

कुछ देर बाद मानस और डा. अमरेंदु भी चले गए. दिशा के घर वाले भी चले गए. सहेलियां चली गईं. महफिल खाली हो गई, पर दिशा डबडबाई आंखों से बुत बनी रही.

पापा जल्दी आ जाना- भाग 3: क्या पापा से निकी की मुलाकात हो पाई?

एक दिन मैं ने पापा को स्कूल की पार्किंग में इंतजार करते पाया. बस से उतरते ही मैं ने उन्हें देख लिया था. मैं उन से लिपट कर बहुत रोई और पापा से कहा कि मैं उन के बिना नहीं रह सकती. मम्मी को पता नहीं कैसे इस बात का पता चल गया. उस दिन के बाद वह ही स्कूल लेने और छोड़ने जातीं. बातोंबातों में मुझे उन्होंने कई बार जतला दिया कि मेरी सुरक्षा को ले कर वह चिंतित रहती हैं. सच यह था कि वह चाहती ही नहीं थीं कि पापा मुझ से मिलें.

मम्मी ने घर पर ही मुझे ट्यूटर लगवा दिया ताकि वह यह सिद्ध कर सकें कि पापा से बिछुड़ने का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. तब भी कोई फर्क नहीं पड़ा तो मम्मी ने मुझे होस्टल में डालने का फैसला किया.

इस से पहले कि मैं बोर्डिंग स्कूल में जाती, पता चला कि पापा से मिलवाने मम्मी मुझे कोर्ट ले जा रही हैं. मैं नहीं जानती थी कि वहां क्या होने वाला है, पर इतना अवश्य था कि मैं वहां पापा से मिल सकती हूं. मैं बहुत खुश हुई. मैं ने सोचा इस बार पापा से जरूर मम्मी की जी भर कर शिकायत करूंगी. मुझे क्या पता था कि पापा से यह मेरी आखिरी मुलाकात होगी.

मैं पापा को ठीक से देख भी न पाई कि अलग कर दी गई. मेरा छोटा सा हराभरा संसार उजड़ गया और एक बेनाम सा दर्द कलेजे में बर्फ बन कर जम गया. मम्मी के भीतर की मानवता और नैतिकता शायद दोनों ही मर चुकी थीं. इसीलिए वह कानूनन उन से अलग हो गईं.

धीरेधीरे मैं ने स्वयं को समझा लिया कि पापा अब मुझे कभी नहीं मिलेंगे. उन की यादें समय के साथ धुंधली तो पड़ गईं पर मिटी नहीं. मैं ने महसूस कर लिया कि मैं ने वह वस्तु हमेशा के लिए खो दी है जो मुझे प्राणों से भी ज्यादा प्यारी थी. रहरह कर मन में एक टीस सी उठती थी और मैं उसे भीतर ही भीतर दफन कर लेती.

ये  भी पढ़ें- Short Story: आ, अब लौट चलें

पढ़ाई समाप्त होने के बाद मैं ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर ली. वहीं पर मेरी मुलाकात संदीप से हुई, जो जल्दी ही शादी में तबदील हो गई. संदीप मेरे अंत:स्थल में बैठे दुख को जानते थे. उन्होंने मेरे मन पर पड़े भावों को समझने की कोशिश की तथा आश्वासन भी दिया कि जो कुछ भी उन से बन पड़ेगा, करेंगे.

हम दोनों ने पापा को ढूंढ़ने का बहुत प्रयत्न किया पर उन का कुछ पता न चल सका. मेरे सोचने के सारे रास्ते आगे जा कर बंद हो चुके थे. मैं ने अब सबकुछ समय पर छोड़ दिया था कि शायद ऐसा कोई संयोग हो जाए कि मैं पापा को पुन: इस जन्म में देख सकूं.

घड़ी ने रात के 2 बजाए. मुझे लगा अब मुझे सो जाना चाहिए. मगर आंखों में नींद कहां. मैं ने अलमारी से पापा की तसवीर निकाली जिस में मैं मम्मीपापा के बीच शिमला के एक पार्क में बैठी थी. मेरे पास पापा की यही एक तसवीर थी. मैं ने उन के चेहरे पर अपनी कांपती उंगलियों को फेरा और फफक कर रो पड़ी, ‘पापा तुम कहां हो…जहां भी हो मेरे पास आ जाओ…देखो, तुम्हारी निकी तुम्हें कितना याद करती है.’

एक दिन सुबह संदीप अखबार पढ़तेपढ़ते कहने लगे, ‘जानती हो आज क्या है?’

‘मैं क्या जानूं…अखबार तो आप पढ़ते हैं,’ मैं ने कहा.

‘आज फादर्स डे है. पापा के लिए कोई अच्छा सा कार्ड खरीद लाना. कल भेज दूंगा.’

‘आप खुशनसीब हैं, जिस के सिर पर मांबाप दोनों का साया है,’ कहतेकहते मैं अपने पापा की यादों में खो गई और मायूस हो गई, ‘पता नहीं मेरे पापा जिंदा हैं भी या नहीं.’

‘हे, ऐसे उदास नहीं होते,’ कहतेकहते संदीप मेरे पास आ गए और मुझे अंक में भर कर बोले, ‘तुम अच्छी तरह जानती हो कि हम ने उन्हें कहांकहां नहीं ढूंढ़ा. अखबारों में भी उन का विवरण छपवा दिया पर अब तक कुछ पता नहीं चला.’

मैं रोने लगी तो मेरे आंसू पोंछते हुए संदीप बोले थे, ‘‘अरे, एक बात तो मैं तुम को बताना भूल ही गया. जानती हो आज शाम को टेलीविजन पर एक नया प्रोग्राम शुरू हो रहा है ‘अपनों की तलाश में,’ जिसे एक बहुत प्रसिद्ध अभिनेता होस्ट करेगा. मैं ने पापा का सारा विवरण और कुछ फोटो वहां भेज दिए हैं. देखो, शायद कुछ पता चल सके.’?

‘अब उन्हें ढूंढ़ पाना बहुत मुश्किल है…इतने सालों में हमारी फोटो और उन के चेहरे में बहुत अंतर आ गया होगा. मैं जानती हूं. मुझ पर जिंदगी कभी मेहरबान नहीं हो सकती,’ कह कर मैं वहां से चली गई.

मेरी आशाओं के विपरीत 2 दिन बाद ही मेरे मोबाइल पर फोन आया. फोन धर्मशाला के नजदीक तपोवन के एक आश्रम से था. कहने लगे कि हमारे बताए हुए विवरण से मिलताजुलता एक व्यक्ति उन के आश्रम में रहता है. यदि आप मिलना चाहते हैं तो जल्दी आ जाइए. अगर उन्हें पता चल गया कि कोई उन से मिलने आ रहा है तो फौरन ही वहां से चले जाएंगे. न जाने क्यों असुरक्षा की भावना उन के मन में घर कर गई है. मैं यहां का मैनेजर हूं. सोचा तुम्हें सूचित कर दूं, बेटी.

‘अंकल, आप का बहुतबहुत धन्यवाद. बहुत एहसान किया मुझ पर आप ने फोन कर के.’

मैं ने उसी समय संदीप को फोन किया और सारी बात बताई. वह कहने लगे कि शाम को आ कर उन से बात करूंगा फिर वहां जाने का कार्यक्रम बनाएंगे.

‘नहीं संदीप, प्लीज मेरा दिल बैठा जा रहा है. क्या हम अभी नहीं चल सकते? मैं शाम तक इंतजार नहीं कर पाऊंगी.’

संदीप फिर कुछ सोचते हुए बोले, ‘ठीक है, आता हूं. तब तक तुम तैयार रहना.’

ये भी पढ़ें- Short Story: साथी- कौन था प्रिया का साथी?

कुछ ही देर में हम लोग धर्मशाला के लिए प्रस्थान कर गए. पूरे 6 घंटे का सफर था. गाड़ी मेरे मन की गति के हिसाब से बहुत धीरे चल रही थी. मैं रोती रही और मन ही मन प्रार्थना करती रही कि वही मेरे पापा हों. देर तो बहुत हो गई थी.

हम जब वहां पहुंचे तो एक हालनुमा कमरे में प्रार्थना और भजन चल रहे थे. मैं पीछे जा कर बैठ गई. मैं ने चारों तरफ नजरें दौड़ाईं और उस व्यक्ति को तलाश करने लगी जो मेरे वजूद का निर्माता था, जिस का मैं अंश थी. जिस के कोमल स्पर्श और उदास आंखों की सदा मुझे तलाश रहती थी और जिस को हमेशा मैं ने घुटन भरी जिंदगी जीते देखा था. मैं एकएक? चेहरा देखती रही पर वह चेहरा कहीं नहीं मिला, जो अपना सा हो.

तभी लाठी के सहारे चलता एक व्यक्ति मेरे पास आ कर बैठ गया. मैं ने ध्यान से देखा. वही चेहरा, निस्तेज आंखें, बिखरे हुए बाल, न आकृति बदली न प्रकृति. वजन भी घट गया था. मुझे किसी से पूछने की जरूरत महसूस नहीं हुई. यही थे मेरे पापा. गुजरे कई बरसों की छाप उन के चेहरे पर दिखाई दे रही थी. मैं ने संदीप को इशारा किया. आज पहली बार मेरी आंखों में चमक देख कर उन की आंखों में आंसू आ गए.

भजन समाप्त होते ही हम दोनों ने उन्हें सहारा दे कर उठाया और सामने कुरसी पर बिठा दिया. मैं कैसे बताऊं उस समय मेरे होंठों के शब्द मूक हो गए. मैं ने उन के चेहरे और सूनी आंखों में इस उम्मीद से झांका कि शायद वह मुझे पहचान लें. मैं ने धीरेधीरे उन के हाथ अपने कांपते हाथों में लिए और फफक कर रो पड़ी.

‘पापा, मैं हूं आप की निकी…मुझे पहचानो पापा,’ कहतेकहते मैं ने उन की गर्दन के इर्दगिर्द अपनी बांहें कस दीं, जैसे बचपन में किया करती थी. प्रार्थना कक्ष के सभी व्यक्ति एकदम संज्ञाशून्य हो कर रह गए. वे सब हमारे पास जमा हो गए.

पापा ने धीरे से सिर उठाया और मुझे देखने लगे. उन की सूनी आंखों में जल भरने लगा और गालों पर बहने लगा. मैं ने अपनी साड़ी के कोने से उन के आंसू पोंछे, ‘पापा, मुझे पहचानो, कुछ तो बोलो. तरस गई हूं आप की जबान से अपना नाम सुनने के लिए…कितनी मुश्किलों से मैं ने आप को ढूंढ़ा है.’

‘यह बोल नहीं सकते बेटी, आंखों से भी अब धुंधला नजर आता है. पता नहीं तुम्हें पहचान भी पा रहे हैं या नहीं,’ वहीं पास खड़े एक व्यक्ति ने मेरे सिर पर हाथ रख कर कहा.

‘क्या?’ मैं एकदम घबरा गई, ‘अपनी बेटी को नहीं पहचान रहे हैं,’ मैं दहाड़ मार कर रो पड़ी.

ये भी पढ़ें- Short Story: लॉकडाउन- बुआ के घर आखिर क्या हुआ अर्जुन के साथ?

पापा ने अपना हाथ अचानक धीरेधीरे मेरे सिर पर रखा जैसे कह रहे हों, ‘मैं पहचानता हूं तुम को बेटी…मेरी निकी… बस, पिता होने का फर्ज नहीं निभा पाया हूं. मुझे माफ कर दो बेटी.’

बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपना संतुलन बनाए रखा था. अपार स्नेह देखा मैं ने उन की आंखों में. मैं कस कर उन से लिपट गई और बोली, ‘अब घर चलो पापा. अपने से अलग नहीं होने दूंगी. 15 साल आप के बिना बिताए हैं और अब आप को 15 साल मेरे लिए जीना होगा. मुझ से जैसा बन पड़ेगा मैं करूंगी. चलेंगे न पापा…मेरी खुशी के लिए…अपनी निकी की खुशी के लिए.’

पापा अपनी सूनी आंखों से मुझे एकटक देखते रहे. पापा ने धीरे से सिर हिलाया. संदीप को अपने पास खींच कर बड़ी कातर निगाहों से देखते रहे जैसे धन्यवाद दे रहे हों.

उन्होंने फिर मेरे चेहरे को छुआ. मुझे लगा जैसे मेरा सारा वजूद सिमट कर उन की हथेली में सिमट गया हो. उन की समस्त वेदना आंखों से बह निकली. उन की अतिभावुकता ने मुझे और भी कमजोर बना दिया.

‘आप लाचार नहीं हैं पापा. मैं हूं आप के साथ…आप की माला का ही तो मनका हूं,’ मुझे एकाएक न जाने क्या हुआ कि मैं उन से चिपक गई. आंखें बंद करते ही मुझे एक पुराना भूला बिसरा गीत याद आने लगा :

‘सात समंदर पार से, गुडि़यों के बाजार से, गुडि़या चाहे ना? लाना…पापा जल्दी आ जाना.’

Summer Special: लंच में परोसें गरमागरम राजमा

राजमा एक स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाला पंजाबी डिश है. राजमा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और आयरन होता है.

सामग्री

1 कप राजमा (रातभर भिगोया हुआ)

2 प्याज (कटे हुए)

6 लहसुन की कालिया (कटी हुई)

1 चम्मच अदरक (पीसी हुई)

2 हरी मिर्च (कटी हुई)

2 टमाटर (पिसे हुए)

1 चम्मच धनिया पत्ती (बारीक कटी हुई)

ये भी पढ़ें- Summer Special: 10 मिनट में बनाएं ये 7 हैल्दी समर ड्रिंक्स

¾ चम्मच लाल मिर्च पाउडर

½ चम्मच हल्दी पाउडर

1 चम्मच काली मिर्च

1 चम्मच धनिया पाउडर

1 चम्मच गरम मसाला

स्वादानुसार नमक

1 चम्मच बटर

1 चम्मच तेल

राजमा बनाने की विधि

एक कढ़ाई लें, उसमे राजमा और एक चुटकी नमक के साथ 3 कप पानी डाले. 20-30 मिनट तक पकायें. तब तक पकायें जब तक की राजमा नरम और मुलायम नहीं हो जाता.

एक छोटा बर्तन लें और उसमें सभी मसाले मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, नमक और काली मिर्च डालें. मसालों को अच्छी तरह से मिला ले.

ये भी पढ़ें- ईवनिंग स्नैक्स में बनाएं सोया चीज मेकरोनी

अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. कड़ाई में कटे हुए प्याज डालें और 7 से 8 मिनट तक पकाएं. अब प्याज में लहसुन और हरी मिर्च डालें और कुछ मिनटों तक पकने दें.

अदरक और टमाटर डाले और मिश्रण को अच्छी तरह से मिलने दें. जबतक मिश्रण में से तेल नहीं दीखता तब तक उसे कम से कम 7-8 मिनटों तक पकने दें. अब इस मिश्रण में पका हुआ राजमा बटर और एक कप पानी डालें. अब धीमी आंच पर उसे 30 मिनटों तक पकने दे.

आपका राजमा बन कर तैयार है. इसे एक बर्तन में निकालें और धनिया पत्ती से सजायें.

#coronavirus: तो तीसरी लहर बच्चों पर रहेगी बेअसर

हमारे बच्चों को दुनिया की हर खुशी मिले, उन्हें कोई बीमारी छूने न पाए, यही कामना करते हैं सभी पेरैंट्स. इस के लिए उन की हर खुशी का, उन के खानपान का खास खयाल रखते हैं. लेकिन आज के हालात अलग और ज्यादा मुश्किल हैं. हर जगह डर का माहौल है.

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी होने का डर पेरैंट्स को सता रहा है. ऐसे में डरने की नहीं, बल्कि बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने की जरूरत है ताकि वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम बन सकें.

आइए, जानते हैं कैसे बच्चों की इम्यूनिटी को बनाए रखें:

मील हो फ्रूट व वैजिटेबल्स से भरपूर

बच्चे फलों व सब्जियों को खाने से आनाकानी करते हैं. इन की बजाय उन्हें फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद होता है, जो भले ही उन की भूख को तो शांत कर देता है, लेकिन यह उन के शरीर को थुलथुला व अंदर से खोखला बनाने का काम करता है, जबकि फल व सब्जियां ऐंटीऔक्सीडैंट्स व विटामिंस से भरपूर होती हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करती हैं. इस से आप के बच्चे में ऐनर्जी का स्तर भी बना रहता है और वह अपने हर कार्य को पूरी ऊर्जा से कर पाता है.

क्रिएटिव आइडिया: अगर बच्चों को सीधे फू्रट्स व वैजिटेबल्स सर्व करेंगे तो वे इन्हें खाने में आनाकानी करेंगे. ऐसे में आप उन्हें अपनी क्रिएटिव कुकिंग के जरीए फ्रूट्स व वैजिटेबल्स सर्व करें. दाल व सब्जियों के कटलेट और सब्जियों के कलरफुल सैंडविच, जिन में उन की पसंद की सौसेज हो बना कर उन्हें सर्व करें.

वहीं फू्रट्स को फ्रूट्स कटर्स से मनचाहे आकार में काट कर उन्हें दें. यकीन मानिए  आप की यह क्रिएटिविटी उन की फूट्स व वैजिटेबल्स के प्रति क्रेविंग को बढ़ाने में  मददगार साबित होगी.

ये भी पढ़ें- #Coronavirus: मानसिक तनाव से जूझने के लिए बच्चों को दें ब्रेन डायट

ड्राईफ्रूट्स बनाएं स्ट्रौंग

बच्चे जो ग्रोइंग ऐज में होते हैं, उन के खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है वरना छोटी उम्र से ही उन में ढेरों कमियां रह जाती हैं, जो आगे चल कर उन के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं.

इसलिए जरूरी है कि उन्हें अंदर से स्ट्रौंग बनाने के लिए रोजाना ड्राईफू्रट्स सर्व करें. ड्राईफ्रूट्स प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फाइबर रिच होने के कारण ये बीमारियों से लड़ने में सक्षम बढ़ाने के साथसाथ बच्चों की ब्रेन हैल्थ व उन की मैमोरी को भी शार्प बनाने का काम करते हैं. इन में ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण ये वायरस व विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं.

क्रिएटिव आइडिया: अगर बच्चों को डाइरैक्ट ड्राईफ्रूट्स खिलाना मुश्किल है, तो आप ड्राईफ्रूट्स का पेस्ट बना कर दूध में मिला कर दे सकती हैं. उन की पसंद की स्मूथी में डाल कर दे सकती हैं या फिर स्वीट डिश में ऐड कर सकती हैं. इस से बच्चा इन्हें शौक से खा भी लेंगे और आप की भी टैंशन कम होगी.

योगर्ट बड़े काम का

आप अपने बच्चों को दिन में एक बार जब भी उन्हें भूख लगे तो दही या योगर्ट जरूर खिलाएं, क्योंकि यह ऐसे न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता  है, जिस की शरीर को सब से ज्यादा जरूरत होती है. इस में भरपूर मात्रा में कैल्सियम होता है, जो दांतों व हड्डियों के लिए बहुत ही काम का साबित होता है.

इस में प्रोटीन व विटामिन डी की मौजूदगी इम्यून सिस्टम को स्ट्रौंग बनाने के साथसाथ मैटाबोलिज्म को स्ट्रौंग बनाने का काम भी करती है. इस में मैग्नीशियम, सेलेनियम, जिंक की उपस्थिति शरीर में वायरस के कारण किसी भी तरह की जलन व सूजन को नहीं होने देती, जिस से मौसमी बीमारी भी दूर रहती है.

इस में हैल्दी प्रोबायोटिक होते हैं, जो जर्म्स से बचाने का काम करते हैं. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि अगर बच्चा रोज योगर्ट खाता है, तो उस में खासीजुकाम, कान व गले के दर्द का खतरा 19% कम होता है.

क्रिएटिव आइडिया: आप अपने बच्चों को दही में चौकलेट सिरप, रोज सिरप व ड्राईफ्रूट्स डाल कर उन के टेस्ट को बढ़ा सकती हैं या फिर मैंगो, रसबेरी, ब्लूबेरी, अलफांसो मैंगो, स्ट्राबेरी योगर्ट दे कर उन की हैल्थ का खास ध्यान रख सकती हैं.

नो सप्लिमैंट औनली न्यूट्रिशन

जब तक हमारी इम्यूनिटी स्ट्रौंग नहीं होगी, हम बीमारियों से फाइट नहीं कर पाएंगे. तभी तो आज इस महामारी के समय में हरकोई चाहे वायरस की गिरफ्त में आया हो या नहीं, खुद को बचाने के लिए हैल्थ सप्लिमैंट्स यानी विटामिन व मिनरल से भरपूर सप्लिमैंट्स का सहारा ले रहा है ताकि इम्यूनिटी को बूस्ट कर पाए.

मगर सवाल यह है कि क्या बच्चों को सप्लिमैंट देना चाहिए? इस संबंध में फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के सीनियर कंसलटैंट पीडिएट्रिक ऐंड नियोनेटोलोजिस्ट डाक्टर सुमित चक्रवर्ती बताते हैं कि आप अपने बच्चों के लिए सप्लिमैंट्स का सहारा बिलकुल न लें, क्योंकि इस से उन के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ये दवाएं शरीर में गरमी पैदा कर के ऐसिडिटी, उलटियों का कारण बनती हैं, जिस से बच्चे खाने से भी जी चुराने लगते हैं. ऐसे में उन्हें खाने में सिर्फ न्यूट्रिशन दें.

उन में विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए खट्टे फल, ऐंटीऔक्सीडैंट्स व आयरन के लिए चुकुंदर, विटामिंस के लिए 3-4 साल या इस से ज्यादा के बच्चों को दिन में 10-12 बादाम व  2-3 अखरोट और बौडी को हाइड्रेट रखने व विटामिंस, मिनरल्स की कमी को दूर करने के लिए नारियल पानी देती रहें.

टाइमली स्लीप से बढ़ाएं इम्यूनिटी

रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो लोग समय पर नहीं सोते या फिर पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उन में दिल से संबंधित दिक्कतें होने के साथसाथ ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल नामक हारमोन निकलता है, जो स्ट्रैस को बढ़ाने का काम करता है. साथ ही फ्लू से लड़ने वाले ऐंटीबौडीज भी आधे हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि रात को 6-7 घंटे की पूरी नींद लेने से साइटोकिन नामक हारमोन का उत्पादन होता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है.

जरमनी के शोधकर्ताओं ने बताया कि अच्छी व गहरी नींद लेने से मैमोरी की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है, जो संक्रमण से लड़ने में कारगर मानी जाती हैं. इसलिए अपने बच्चों में टाइम से सोने की आदत डैवलप करें.

ये भी पढ़ें- बढ़ती उम्र मे बढ़ता अबौर्शन का खतरा

फिजिकल ऐक्टिविटीज बढ़ाएं इम्यूनिटी

कोरोना वायरस से जहां बच्चों को घरों में कैद कर दिया है, जिस से क्रिएटिव ऐक्टिविटीज के अभाव में वे काफी स्ट्रैस भरे माहौल में रहने लगे हैं. ऐसे में उन की बोरियत को दूर करने व उन की फिटनैस, इम्यूनिटी के लिए उन्हें फिजिकल क्रिएटिव चीजों से जोड़े रखना बहुत जरूरी है.

इस के लिए आप उन्हें औनलाइन डांस, जुंबा व फिटनैस क्लासेज जौइन करवा सकते हैं. अगर घर में स्पेस थोड़ी ज्यादा है, तो हाईड ऐंड सीक गेम खिलाएं, क्योंकि इस से बच्चों की विजुअल ट्रैकिंग मजबूत होने के साथसाथ ‘सैंस औफ ह्यूमर’ भी अच्छा होता है और भागने से बौडी भी मजबूत होती है. साथ ही  5 साल से बड़े बच्चों की लंग्स कैपिसिटी को बढ़ाने के लिए डीप ब्रीदिंग, बोलिंग ऐक्सरसाइज पर जोर दें. आप जब खुद उन के साथ ये सब करेंगी तो वे इन्हें ऐंजौय करते हुए करेंगे. इस से हैल्थ और एंजौयमैंट दोनों मिल जाएंगे.

मैं अपने सपने को नहीं छोड़ सकता – राजीव मित्रा

 (संगीतकार, गायक, प्रोड्यूसर)

धीरज और लगन ये अगर किसी में हो तो वह व्यक्ति अपनी मंजिल को पा लेता है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, म्यूजिक कंपोजर, गायक और प्रोड्यूसर राजीव मित्रा ने, जिन्होंने 20 साल की अथक प्रयास के बाद हिंदी वेब सीरीज7 कदम के लिए संगीत दिया, जिसे श्रेया घोषाल, जावेद अली और शफाकत अमानत अली ने गाया है. वेब सीरीज रिलीज हो चुकी है और राजीव को काफी तारीफे मिल रही है. उत्तरी बंगाल के शहर कूचबिहार के राजीव की  संघर्षपूर्ण जीवन में साथ दिया है, उनकी पत्नी रोनिता मित्रा, बेटा आकाश मित्रा और बेटी मोहना मित्रा ने.

मिली प्रेरणा

संगीत की प्रेरणा के बारें में पूछे जाने पर राजीवकहते है कि मैं नार्थ बंगाल के कूचबिहार का शहर दिनहाटा से हूं. मेरी पढाई कूचबिहार में हुई, लेकिन मुझे शुरू से ही हिंदी गानों और फिल्में देखने का शौक था. हालाँकि बंगाल में हिंदी गाना सुनने पर लोग मुझे बांग्ला संस्कृति की कम जानकार कहकर ताना भी मारते थे,पर मेरे पेरेंट्स ने मुझे हर काम की आज़ादी दी है. कूचबिहार में मैंने लता मंगेशकर, आशा भोसले, किशोर कुमार, अमित कुमार आदि सभी की लाइव शो देखा है. पहली बार मंच पर भी मैं महेंद्र कपूर का हाथ पकड़कर ही पहुंचा था. कलाकार को सम्मान हर जगह मिलता है और मैं उसे पाने के लिए आर्टिस्ट बनना चाहता था. इसके अलावा मेरे पिता संगीत के शौक़ीन थे और कई जगह गाया भी करते थे.  84 साल की उम्र में आज भी गाते है. वही से मुझे संगीत की प्रेरणा मिली. पहले छोटा मंच और बाद में बड़े मंच पर गाना गाकर मैं पोपुलर हुआ. मैंने अपना म्यूजिक बैण्ड भी बनाया था और जलपाईगुड़ी से गौहाटी तक शो करने लगा. बप्पी लहड़ी के साथ मैंने एक शो किया था और उन्होंने मुझसे मिलकर मुंबई आने की सलाह दी, पर वे मुझे किसी प्रकार सहायता नहीं कर पायेंगे, ये भी साफ़ कर दिया.

ये भी पढ़ें- धर्म से ही है लैंगिक असमानता

आसान नहीं थे रास्ते

राजीव बंगाल में लाइव शो करते-करते थक चुके थे और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी साख जमाना चाहते थे. वे कहते है कि मैं आज से लगभग 21 साल पहले मैं परिवार के साथ मुंबई आया.यहाँ आने पर संगीत के रास्ते आसान नहीं दिखे. यहाँ मुझे बहुत कुछ सीखना है और उसे सीखकर ही मैं आगे बढ़ सकता हूं. इस दौरान पत्नी का साथ हमेशा रहा.शुरू में मुंबई आकर मैं लाइव शो करना चाहता था, लेकिन यहाँ पार्टीज में ही गानों के शो हुआ करता है, जिसकी जानकारी मुझे नहीं थी. मैं पार्टी में गाना नहीं गा सकता. कुछ क्रिएट करने की इच्छा हुई और मैंने धुन बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया और साथ में विज्ञापनों के जिंगल्स किये. कई गानों के रिमिक्स भी गाया. दुर्गा पूजा पर बंगाल जाकर  स्टेज शो कर पैसा लेकर आता था, इससे घर गृहस्थी चलती रही. हर बार मेरा संघर्ष मुंबई आकर फिर से शुरू हो जाता था. मेरी पत्नी ने कोशिश करमुंबई की एक बांग्ला चैनेल में प्रोग्रामिंग हेड का काम शुरू किया. मैंने भी कई सालों तक सीरियल में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया, लेकिन इसमें रातभर जागकर काम करना पड़ता था और उस पैसे से परिवार चलता था. इसके अलावा एड फिल्मों के गाने भी तैयार किये. आज से 5 साल पहले मैंने संगीत की धुन बनाना शुरू किया.

आखिर मिला मौका

जहाँ भी राजीव जाते काम नहीं बन पाता था. सीरियल के बैकग्राउंड संगीत देने की वजह से टीवी में अच्छी पहचान हो गयी थी, पर उनका सपना फिल्मों में संगीत देने का रहा. राजीव कहते है कि एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे वेब सीरीज 7 कदम की म्यूजिक देने के लिए फोन किया. मैं उसी रात इरोज के ऑफिस पहुंचा और3 गानों का कॉन्ट्रैक्ट मिला. उसे मैंने अगले दिन ही दे दिया. उनको मेरा काम पसंद आया, क्योंकि इस फिल्म में मैंने स्क्रिप्ट के आधार पर गाने दिए है, जो पहले होता था. मैं हमेशा एक अच्छी धुन बनाने की कोशिश करता हूं.मुझे ख़ुशी है कि 7 कदमवेब सीरीज में संगीत कोसभी ने पसंद किया.

मिला सहयोग परिवार का

राजीव को निराशा तब हुई जब उनकी वेब सीरीज कई वजह से रिलीज नहीं हो पायी. उस समय परिवार का सहयोग ही उनके काम आया. धीरज धरने के बाद आखिरकार वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गयी.राजीव का बेटा भी उनके साथ संगीत की दुनिया में काम कर रहा है. राजीव हँसते हुए कहते है कि मेरा गाना किसी दिन मैं रास्ते पर जाते हुए रेडियो पर बजता हुआ सुन सकूँ और यह अभी तक नहीं हुआ है. मैं संघर्ष इसके लिए करता रहूंगा, क्योंकि कठिन समय में भी मैंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा, जिसे कूचबिहार से मुंबई ले आया हूं. मुश्किल समय में मैं अपने परिवार का सहयोग लेता हूं.

ये भी पढ़ें- शादी पर भारी कोरोना महामारी

रियलिस्टिक फिल्मों का है दौर

राजीव आगे कहते है कि संगीत अस्पताल से लेकर हर जगह पर चाहिए. रियलिस्टिक फिल्मों में भी भाव होते है और उसे दिखाने के लिए संगीत जरुरी होता है.  फिल्म ‘विकी डोनर’ रियलिस्टिक फिल्म होते हुए भी भाव को सजीव करने के लिए संगीत डाले गए.इसके अलावा पहले किसी गाने में 3 से 4 अंतरा होता था, अब एक या दो अंतरे में ही गाना ख़त्म हो जाता है. गानों में पुराना और नया कुछ नहीं होता. लोग अभी भी मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार के गाने सुनते है. हर व्यक्ति अपने हिसाब से गाना सुनता है. कोविड महामारी और लॉकडाउन में मैं परिवार के साथ समय बिता रहा हूं. समय के अभाव में पहले गिटार 2 घंटे बजा रहा था,अब खुद की प्रोग्रेस  के लिए 4 घंटे बजाऊंगा. आज सभी लोग डिप्रेशन में है, कोई खुश नहीं है, सभी डरे हुए है. मैं अब एक अच्छी धुन बना रहा हूं, जिसे सभी घर पर बैठकर सुने और तनावमुक्त हो जाएँ.

हौट अवतार में Asha Negi ने बिखेरे जलवे, वायरल हुईं फोटोज

टीवी के पौपुलर सीरियल्स में से एक ‘पवित्र रिश्ता’ की कास्ट आए दिन सुर्खियों में रहती हैं. बीते दिनों जहां एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे अपनी शादी को लेकर खबरों में छाई हुई थीं तो वहीं एक्ट्रेस आशा नेगी के हाल ही में वायरल फोटोशूट ने सोशलमीडिया पर धमाल मचा दिया है, दरअसल, एक्ट्रेस आशा नेगी  ने हाल ही में हॉट फोटोशूट करवाया है, जिसमें उनका लुक फैंस के बीच छाया हुआ है. आइए आपको दिखाते हैं आशा नेगी के हौट अवतार की झलक…

बोल्ड अंदाज में दिखीं आशा नेगी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

दरअसल, नए फोटोशूट में आशा नेगी (Asha Negi)का बोल्ड अंदाज नजर आया. थाई-हाई स्लिट गाउन में आशा नेगी बेहद हौट और स्टाइलिश लग रही हैं. इस ड्रेस में आशा नेगी का कॉन्फिडेंस बढ़ता हुआ दिख रहा है. उनका ये लुक फैंस को काफी पसंद आ रहा है और सोशलमीडिया पर जमकर आशा नेगी की फोटोज वायरल हो रही है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

ये भी पढ़ें- इतनी बदल गई हैं Taarak Mehta की पुरानी सोनू, Summer Look में बिखेरती हैं जलवे

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

ड्रैस में छाया जलवा

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

समर ड्रैसेस के कलेक्शन की बात करें तो आशा नेगी की ये ड्रैस काफी ट्रैंडी है. ब्राउन कलर की इस ड्रैस को समर में आप ट्राय कर सरते हैं. वहीं इसके साथ मैचिंग ब्लैक मास्क आपके लुक पर चार चांद लगाएगा.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

सूट्स का ट्रैंड है परफेक्ट

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

इन दिनों लड़कियों के सूट्स मार्केट में काफी पौपुलर हो गए हैं. वहीं ट्रैंडी सूट्स की बात करें तो चेक पैटर्न वाले आशा नेगी के इस सूट से आप अपने औफिस लुक पर चार चांद लगा सकती हैं.

ये भी पढ़ें- Sasural Simar Ka 2 की रीमा का ग्लैमरस अवतार, फोटोज ने मचाई खलबली

जंक ज्वैलरी करती हैं पसंद

 

View this post on Instagram

 

A post shared by MsNegi (@ashanegi)

समर में जंक ज्वैलरी का काफी ट्रैंड रहता है. वहीं आशा नेगी भी जंक ज्वैलरी ट्राय करना काफी पसंद करती हैं. उनके पास हर ओकेजन के लिए डिफरेंट टाइप की जंक ज्वैलरी का अच्छा कलेक्शन मौजूद है.

Summer Special: दूध से पाएं सौफ्ट एंड शाइनी स्किन

दूध सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं बल्कि ब्यूटी के लिए भी बेहद अच्छा होता है. जिस तरह दूध एक आदमी को बड़ा होने में मदद करता है उसी तरह उसमें मौजूद प्रोटीन और विटामिन स्किन के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं. दूध का प्रयोग करके चेहरे को निखारा जा सकता है और कई सारी स्किन समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है. आइए आपको दूध के इस्तेमाल से चेहरे की ब्यूटी में कैसे चार चांद लगाया जा सकता है, इसके बारे में बताएं.

1. फेस पर निखार लाने के लिए इस्तेमाल करें दूध

कच्चे दूध को गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन पर निखार आता है. गुलाब के 2 फूलों को पीसकर आधा ग्लास कच्चे दूध में 30 मिनट तक भिगोएं, फिर इस लेप को आहिस्ता-आहिस्ता स्किन पर मलें, सूखने पर ठंडे पानी से धुल दें, स्किन गुलाबी और नर्म हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- 5 टिप्स: अब घर बैठे करें बालों को कर्ल

इसके अलावा, दूध में थोड़ा सा नमक मिलाकर चेहरे पर सुबह-शाम लगाने से मुहांसे दूर होते हैं. एक और तरीका है मुंहासे दूर करने के लिए. आधा चम्मच काला तिल और आधा चम्मच सरसों को बारीक पीसकर दूध में मिलाकर मुहांसे पर लगाने से मुहांसे समाप्त हो जाते हैं.

2. होंठों के कालेपन और फटे होठों के लिए इस्तेमाल करे दूध

किसी कारण होंठ अगर काले हो गए हों तो दूध को होठों पर लगाने से कालापन दूर होता है. अगर आपके होंठ फट गए हैं तो रात को सोने से पहले एक बूंद गुलाबजल और एक बूंद नींबू का रस दूध की मलाई में मिलाकर लगा लें, इससे राहत मिलती है. बादाम, बेसन, गाजर का रस दूध में मिलाकर उबटन की तरह लगाने से स्किन में निखार आता है.

3. हाथों और नाखूनों को ब्यूटीफुल दिखाने के लिए दूध

बरतन साफ करने से हाथ खुरदुरा हो जाता है, इन पर दूध में नींबू का रस मिलाकर लगाने से हाथ की स्किन मुलायम हो जाती है. नाखूनों को सुंदर बनाने के लिए कुछ देर तक दूध में भिगोकर रखें. दूध की मलाई और हल्दी पावडर मिलाकर चेहरे पर मलें, दो हफ्ते बाद चेहरे पर निखार आ जाएगा.

ये भी पढ़ें- 5 Tips: नारियल तेल से बढाएं खूबसूरती

अच्छी सेविंग के लिए ध्यान में रखें ये 5 जरूरी बातें

घर की पूरी जिम्मेदारी महिलाएं संभालती हैं. राशन से लिए हाउस मैनेजमेंट संबंधी सारी चीजें उनके हिस्से की होती हैं. महिलाएं पुरुषों से अच्छा घर संभाल सकती हैं इसका कारण उनके अंदर की बचत की भावना है. महिलाएं पुरुषों से बेहतर बचत करती हैं. उनकी इस आदत में चार चांद लगाने के लिए हम बताने वाले हैं कुछ जरूरी टिप्स. ये टिप्स महिलाओं को बेहतर बचत करने में सहायक होंगी.

1. हर महीने का खर्च की करें तुलना

आपकी बेहतर बचत के लिए जरूरी है कि आप कहां और कितना खर्च कर रही हैं इसका ब्योरा रखें. हर महीने के खर्च की तुलना करें. यह बचत का पहला चरण है. अगक किसी महीने में ज्यादा खर्च हो रहा है तो उसकी वजह जानने की कोशिश करें.

ये भी पढ़ें- Corona: औरत के कंधे पर बढ़ा बोझ

2. ट्रांजेक्शन के स्‍टेटमेंट चेक करें

जोभी आपके खर्चे हैं उनको कहीं नोट कर के रखें. जो भी ट्रांजेक्शन बैंक से हैं उनका स्‍टेटमेंट चेक करें और पिछले कुछ महीने के खर्च पर ध्‍यान दें. इसके लिए आपके बैंक का मोबाइल ऐप की सहायता ले सकती हैं. इसके अलावा आप हर सप्‍ताह के खर्च की एक डायरी बना सकती हैं.

3. बजट बनाने की शुरूआत करें

जो भी आपके खर्चे होते हैं उनका बजट बना लें, अपने खर्च का सही ब्योरा रखने के लिए ये जरूरी है.  इसे आप साप्ताहिक, मासिक या हर तिमाही रख सकती हैं. सबसे जरूरी बात यह कि आपको यह ध्‍यान रहे कि आप इस बजट का पालन कर रही हैं या नहीं.

4. घर में करें सेविंग्स

बैंक की सेविंगस अपनी जगह हैं, कोशिश करें की आप अपने घर में भी एक मिनी बैंक बना कर रखें जिसमें हर महीने छोटी-छोटी राशि बचत के रुप में रखें. बजट बनाते समय आपको सेविंग के आप्‍शन पर भी ध्‍यान देना चाहिए. आपकी छोटी-छोटी बचत किसी दिन बड़े निवेश में काम आएगी.

ये भी पढ़ें- क्या इंसानों पर राज करेंगे Future के रोबोट?

5. ना करें बिना सोचे समझे खर्च

अक्सर शौपिंग पर आप जरूरत से ज्यादा चीजें खरीद लेती हैं. कभी दोस्तों के साथ बाहर निकलने पर गैर जरूरी खर्च भी कर आती हैं. इन आदतों को छोड़े.

10 मिनट दीजिए और समय बचाइए

महिला चाहे गृहिणी हो या कामकाजी घर के कामकाज उसका पीछा नहीं छोड़ते. धुले कपड़ों का अंबार लगा रहता है तो सिंक बर्तनों से भरा रहता है. हर दिन वह यही सोचती है कि कैसे काम करे कि उसका कुछ समय बच पाए. यहां हम आपको 10 टिप्स बता रहे हैं जिनमें आपको केवल10 मिनट देने हैं परन्तु ये 10 मिनट आपके समय को भी बचाएंगे और घर को व्यवस्थित भी रखेंगे. यूं तो 10 मिनट कोई मायने नहीं रखते परन्तु निम्न कार्यों में 10 मिनट देने से आपके कार्यों का बोझ काफी हद तक हल्का हो जाएगा.

1-नहाने के बाद बाथरूम में साबुन, शैम्पू आदि को जगह पर रखकर वाइपर चलाने में केवल 10 मिनट देने से अगले दिन तक बाथरूम सूखा और साफ रहेगा.

2-खाना बनाने के बाद 10 मिनट देकर गैस, प्लेटफॉर्म और चिमनी को सर्फ के घोल से साफ कीजिये और हरदम चमकती किचिन पाइए.

ये भी पढ़ें- Mother’s Day Special: इस बार अपनी मां को दें ये खास तोहफा

3-मशीन में धुलकर सूखे कपड़ों को यूं ही बेड पर डाल देने की अपेक्षा 10 मिनट में यथास्थान रख देने से वे बेड पर पड़े आपको मुंह नहीं चिढाएंगे.

4-शादी, ब्याह जैसे फंक्शन से वापस आने पर 10 मिनट में अपनी ज्वैलरी, ड्रेस आदि को उनके जोड़े के साथ ही यथास्थान रखने से अगली बार उपयोग करने में होने वाली असुविधा से आप बची रहेंगी.

5-मेहमानों के जाने के बाद ड्राइंग रूम से नाश्ते की प्लेटों को खाली करने और कप प्लेट धोने में मात्र 10 मिनट लगते हैं परन्तु इससे आपका किचिन और ड्राइंग रूम दोनों ही साफ सुथरे और व्यवस्थित रहते हैं.

6-ऑफिस से आकर पर्स, मोबाइल, घड़ी, लेपटॉप, फ़ाइल और लंचबॉक्स आदि को जगह पर रखने में मात्र 10 मिनट दीजिए और अगले दिन होने वाली असुविधा से बचिए.

7-किराना और सब्जी की लिस्ट बनाने से पूर्व 10 मिनट देकर किचिन में उनकी उपलब्धता जांच लें ताकि अनावश्यक सामान आने से बच जाए.

ये भी पढ़ें- सावधान आपके खाते से रकम चोरी हो रही है

8-भोजन समाप्त होने के बाद 10 मिनट देकर बचा भोजन फ्रिज में रखने और डायनिंग टेबल को साफ करने से इनके लिए आपको अतिरिक्त समय नहीं देना पड़ेगा.

9-डॉक्टर के पास जाने से पूर्व आप 10 मिनट देकर अपनी बीमारी के लक्षणों को एक कागज पर लिख लें इससे आप डॉक्टर के सामने सोचने विचारने से बच जाएंगे.

10-सुबह सोकर उठने के बाद 10 मिनट देकर बेड की चादर को व्यवस्थित कर देने से पूरे दिन बेडरूम साफ साफ नजर आता है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें