बालों को झड़ने से रोकने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

सवाल-

मैं 23 वर्षीय युवती हूं. इन दिनों मेरे बाल बहुत झड़ रहे हैं. बालों को झड़ने से रोकने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब-

बालों को रूखा न रहने दें, क्योंकि रूखे बाल अधिक टूटते हैं. अपने खानपान में प्रोटीनयुक्त आहार शामिल करें. बालों की हफ्ते में 1 बार अच्छी तरह औयलिंग करें. उन्हें मजबूत और घना बनाने के लिए दही में मेथीदाना पाउडर, काले तिल का पाउडर बराबर मात्रा में मिला कर हेयर पैक बना कर साफ धुले बालों में लगाएं. आधे घंटे बाद बालों को धो लें. ऐसा 15 दिन में 1 बार करें. जरूर लाभ होगा.

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सुंदर और मजबूत बाल भला किसे अच्छे नहीं लगते. लेकिन बदलते मौसम और भाग दौड़ भरी जिंदगी के चलते बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या पैदा हो जाती है. ऐसे में प्राकृतिक उपचारों को आजमाना बहुत आवश्‍यक है क्‍योंकि इसका ना तो कोई साइड इफेक्‍ट होता है और ना ही यह बहुत खर्चीला होता है.

आइये जानते हैं कुछ ऐसे प्राकृतिक हेयर मास्‍क जिन्‍हें नियमित लगाने से बालों का झड़ना रूक जाता है.

1. अंडे का मास्‍क

एक कटोरे में 1 अंडा फोड़ कर उसमें थोड़ा सा दूध, 2 चम्‍मच नींबू का रस और जैतून का तेल मिक्‍स करें. फिर इस मिश्रण को सिर पर लगा कर थोड़ा मसाज करें. उसके बाद एक शावर कैप से अपने सिर को ढंक लें और 20 मिनट के बाद बालों को ठंडे पानी से धोएं.

2. केले का मास्‍क

2 पके हुए केले लें, उसके साथ 1 चम्‍मच जैतून का तेल, नारियल का तेल और शहद मिक्‍स करें. इन्‍हें अच्‍छी प्रकार से एक चम्‍मच की सहायता से मसल लें. फिर इसे अपने हाथों से सिर की त्‍वचा पर लगाएं. अब इसे 5 मिनट तक के लिये सिर पर स्‍थिर हो जाने दें. उसके बाद हल्‍के गुनगुने पानी से सिर धो लें.

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सोचशक्ति से दूर होती युवाशक्ति

किसी भी आपदा में युवाओं का फर्ज होता है कि वे पीडि़तों की सेवा करने में अपना तनमनधन लगाएं. अफसोस की बात यह है कि पिछले सालों के दौरान हुई धर्म की बेहद गलत राजनीति व उस के जम कर हुए प्रचार ने सब को बेहद इंट्रोवर्ट बना दिया. लिहाजा, चारों ओर केवल मैं, मेरे धर्म और मेरे धर्म के गुरु की बात हो रही है.

कोरोना में किसी की सहायता करना थोड़ा जोखिम का काम है, फिर भी फर्ज सम झ कर या पैसे के लिए एंबुलैंस चल रही हैं, अस्पताल चल रहे हैं, वैक्सीनेशन किया जा रहा है. श्मशानों में अपेक्षाकृत कई गुना ज्यादा लाशें जलाई जा रही हैं. पर इन सब कामों में सैल्फ को छोड़ कर कम्यूनिटी के लिए, दूसरों के लिए काम करने वाले नदारद हैं.

एक समाचारपत्र ने उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर के दौरे के दौरान पाया कि राजनीतिबाज, पौलिटिकल वर्कर और धार्मिक सेवाओं का बिल्ला लगाने वाले लोग राहत पहुंचाने के काम से नदारद थे. हां, वहां पंचायत चुनाव हो रहे थे तो बाजेगाजे व भीड़ के साथ छोटेमोटे नेता घरघर का दरवाजा खटखटा रहे थे, कोई तकलीफ पूछने के लिए नहीं, कुछ देने के लिए नहीं बल्कि वोट मांगने के लिए.

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यह पाठ धर्मजनित पौलिटिकल पार्टी ने पढ़ाया है. उस का कहना है कि सेवा या तो धार्मिक पार्टी की होती है या धर्म की. बाकी सब बेकार है. अगर सेवा में मेवा नहीं मिलता, तो भूल जाओ. गीता के पाठ में ‘कर्म किए जाओ’ इसलिए है कि कृष्ण की खातिर कौरवों को मारे जाओ, बंधुबांधवों पर पड़ने वाले फल की चिंता न करो.

धर्म के दुकानदारों का नियम ही है कि इस हाथ दर्शन लो उस हाथ से दान दो. पन्ने पर पन्ने हमारे ग्रंथों के भरे पड़े हैं कि दान दो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर के पीएम केयर फंड बनाया था मार्च 2020 में और अरबों रुपए जमा कर लिए. पर जब हिसाब मांगा जाने लगा, तो उन्होंने साफ कह दिया यह तो उन का निजी फंड है. जैसे लोगों ने गुरु को चंदा चढ़ाया और भूल गए, वैसे ही मोदी को पैसा दो और भूल जाओ.

नेताजी की इस मैं यानी ईगो ने तकरीबन हर युवा को डसा है. सेवा करने से पहले वह देखता है कि उसे क्या मिलेगा. सामने वाले घर में पत्नी मर गई, बच्चे छोटे हैं. पति से संभल नहीं रहे. मजाल है कि युवा जा कर हाथ बंटा दें. क्या मिलेगा, पता नहीं चलेगा तो क्या वे फटकेंगे. बहाना है कि न जाने कौन संक्रमित है, कौन कोविड से ग्रसित है. वही युवा बाइक पर जोमैटो या स्विगी की जैकेट पहने डिलीवरी को तैयार हैं क्योंकि पैसे मिल रहे हैं. जबकि, जिस के घर में सडन डैथ हुई है वह किसी की सपोर्ट चाहता है, हीलिंग टच चाहता है लेकिन फिर भी कोई युवा आगे नहीं आ रहा हालांकि यह सपोर्ट कोई भी यूथ बिना कुछ खर्च किए दे सकता है.

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आज की राजनीति ने पहले से सैल्फिश समाज को और ज्यादा मतलबी बना दिया है. कोविड ने सब को घरों/कमरों में बंद कर दिया था, लेकिन नेताजी और धर्म के दुकानदारों ने तो उन का दिमाग भी बंद कर दिया है.

Shweta Tiwari की बेटी Palak ने इंस्टाग्राम अकाउंट किया डिलीट, पढ़ें खबर

पौपुलर टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं. जहां बीते दिनों एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने पति अभिनव कोहली के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए वीडियो जारी किया था तो वहीं अब उनकी बेटी पलक तिवारी ने भी अपनी जिंदगी का बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, पलक तिवारी ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट कर दिया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

शूटिंग में बिजी हैं श्वेता

टीवी रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी 11 की शूटिंग के कारण साउथ अफ्रीका के केपटाउन में समय बिता रही एक्ट्रेस श्वेता तिवारी इन दिनों काफी बिजी हैं. हालांकि इस दौरान वह फैमिली और फैंस सभी के लिए अपडेट शेयर कर रही हैं. हालांकि इस दौरान उनकी बेटी ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है. दरअसल, एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया है. वहीं इस कारण काफी लोग परेशान हैं और सोशलमीडिया पर सवाल पूछ रहे हैं.

 

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सोशलमीडिया पर रहती हैं एक्टिव

 

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श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी की बात करें तो वह जल्द ही बौलीवुड में डेब्यू करने वाली हैं. इस दौरान वह सोशलमीडिया पर काफी एक्टिव भी नजर आती हैं. वहीं फैंस भी उनकी फोटोज काफी पसंद करते हैं और उनके हर एक अपडेट का इंतजार करते हैं. इसी बीच इंस्टाग्राम डिलीट होने के बाद सभी उनके लिए परेशान नजर आ रहे हैं.  वहीं फैंस कयास लगा रहे हैं कि पलक तिवारी का ये कदम उनकी मां श्वेता तिवारी और उनके सैपरेटेड हसबैंड के बीच सार्वजनिक तौर लड़ाई होने के बाद उठाया है.

 

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बता दें, बीते दिनों श्वेता तिवारी ने केपटाउन पहुंचने के बाद उनके हसबैंड अभिनव कोहली के खिलाफ आरोप लगाकर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह अपने बेटे को खींचते हुए नजर आए थे. हालांकि इसके बाद श्वेता तिवारी के सपोर्ट में महिला समाजिककर्ता भी सामने आईं थीं.

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देवयानी की बच्ची का सच आएगा सामने, क्या खुल जाएगी भवानी की पोल

स्टार प्लस का सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) इन दिनों दर्शकों के बीच चर्चा में हैं. वहीं शो के सितारे टीआरपी की रेस में नंबर वन पर बने रहने के लिए कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं. इसी बीच मेकर्स ने भी सीरियल की कहानी में नया ट्विस्ट लेकर आए हैं. सई (Ayesha Singh) और विराट (Neil Bhatt) की लव स्टोरी के बीच आने वाले एपिसोड में भवानी की पोल चौहान परिवार के सामने आने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

पाखी का बर्थडे मनाएगी सई

 

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो सई और पाखी के बीच विराट को लेकर टशन देखने को मिल रहा है. जहां सई और पाखी आए दिन एक दूसरे को ताने देते रहते हैं. इसी बीच ‘गुम है किसी के प्यार में’ के अपकमिंग एपिसोड में काफी ड्रामा देखने को मिलने वाला है. दरअसल, जल्द ही सई, पाखी का बर्थडे मनाती हुई नजर आएगी, जिसे देखकर पाखी मन ही मन सई का उसके खिलाफ नया प्लान जानने की कोशिश करती नजर आएगी. हालांकि इस दौरान वह विराट के करीब आने की कोशिश करेगी, जिसे देखकर सई और विराट के बीच दूरिया देखने को मिलेंगी.

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भवानी का खुलेगा सच

 

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दूसरी तरफ पाखी का हर कदम पर साथ देने वाली भवानी भी अपकमिंग एपिसोड में फंसती हुई नजर आएगी. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में सई को देवयानी की बच्ची हरिनी के बारे में पता लग जाएगा, जिसके बाद वह पाखी की बर्थडे पार्टी में भवानी से हरिनी को लेकर सवाल करेगी. हालांकि पूरा परिवार सई से पूछेगा कि हरिनी कौन है. लेकिन वह भवानी से कहेगी कि या तो वह सभी के सामने अपना राज खोले या तो वह पूरे परिवार को देवयानी की बच्ची का सच बता देगी.

 

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बता दें, देवयानी की बेटी की बात करें तो भवानी ने उसकी बेटी को उससे दूर कर दिया था, जिसकी भनक किसी को भी नही थी. हालांकि एक अनाथ आश्रम में सई की मुलाकात उस बच्ची से हो जाती है. अब देखना ये है कि क्या सई के इस वार से क्या भवानी बच पाएगी.

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औयली स्किन पर पिंपल और उसके दागों से छुटकारा पाने का तरीका बताएं?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवती हूं. मेरी त्वचा औयली है, जिस की वजह से मेरे चेहरे पर बारबार पिंपल्स हो जाते हैं और बाद में उन के दाग भी रह जाते हैं. इस वजह से चेहरा खराब दिखता है. कृपया पिंपल्स के दागों को हलका करने का उपाय बताएं?

जवाब-

दरअसल, औयली स्किन धूलमिट्टी को अधिक आकर्षित करती है, जिस की वजह से तैलीय त्वचा पर अधिक पिंपल्स होते हैं. तैलीय त्वचा पर पिंपल्स न हों, इस के लिए चेहरे की त्वचा को दिन में 3-4 बार ठंडे पानी से धोएं. इस के अलावा पिंपल्स के दागों को हटाने के लिए दागों पर गुलाबजल व चंदन पाउडर का लेप लगाएं व सूखने पर पानी से धो लें. आप चाहें तो मेथीदाने का पेस्ट भी लगा सकती हैं.  इस के अलावा आलू, नीबू व टमाटर का रस भी पिंपल्स के दागों को हलका करने में मदद करता है.

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औयली (तैलीय) त्वचा वाली महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. त्वचा पर मौजूद अधिक तेल चेहरे को चिपचिपा बना देता हे, जिस से चेहरे पर कीलमुंहासे होने का डर बना रहता है, लेकिन अब इस डर को घर में बनाए जाने वाले फेस पैक, जिन्हें घरेलू फेस पैक के नाम से भी जानते हैं, का इस्तेमाल कर दूर किया जा सकता है.

डा. दीपाली भारद्वाज, त्वचा रोग विशेषज्ञा बताती हैं कि तैलीय त्वचा से परेशान बहुत सी महिलाएं उन के पास आती हैं, जो विभिन्न क्रीमों व अन्य चिकित्सीय उपचार ले चुकी होती हैं, लेकिन डा. दीपाली के मुताबिक घरेलू उपचार से बेहतर कोई इलाज नहीं.

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इन 5 घरेलू उपचारों का प्रयोग कर आप औयली त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पा सकती हैं:

1 केला, शहद और लैमन फेस पैक: केला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह त्वचा से अतिरिक्त तेल निकालने में भी मदद करता है. केले के साथ शहद और नीबू भी कमाल के गुणों से भरपूर होते हैं. आप को अपने लिए फेस पैक बनाने के लिए बस इतना करना है कि एक केले को मैश कर उस में 1 चम्मच शहद और नीबू का रस मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर तब तक लगाए रखना है जब तक कि यह सूख न जाए. फिर चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें.

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Mother’s Day Special: बची रोटी से बनाएं मेक्सिकन कटोरी चाट

गर्मियों के लंबे दिनों में शाम होते होते भूख लगना स्वाभाविक सी बात है. कोरोना काल के इन दिनों में हर समय कचौरी समोसे जैसा तला भुना भी नहीं खाया जा सकता. लॉक डाउन के कारण बाजार से भी नाश्ता मंगवाना सम्भव नहीं है वैसे भी स्वास्थ्य की दृष्टि से  बाजार के खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन करना चाहिए. अक्सर हमारे घरों में रोटियां बच ही जातीं हैं, आज हम आपको बची रोटियों से एक बहुत ही स्वादिष्ट मेक्सिकन डिश बनाना बता रहे हैं जो बहुत हैल्दी है और जिसे बनाना भी बहुत आसान है. आप घर में उपलब्ध सामग्री से ही इसे झटपट बना सकतीं हैं. तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोंगों के लिए           4

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

कटी हरी मिर्च                4

बारीक कटा लहसुन       4 कली

बारीक कटा  प्याज         1

बारीक कटा अदरक        1 छोटी गांठ

टमाटर                            2

कटा हरा धनिया               1 टेबलस्पून

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उबले कॉर्न                       2 टेबलस्पून

उबले राजमा                     2 टेबलस्पून

नमक                              स्वादानुसार

टोमेटो सॉस                      2 टेबलस्पून

उबले आलू                      2

काली मिर्च पाउडर           1/2 टीस्पून

चाट मसाला                    1 टीस्पून

चिली फ्लैक्स                  1/2 टीस्पून

बासी रोटी                      6

तलने के लिए तेल          पर्याप्त मात्रा में

ताजा दही                    1 टेबलस्पून

नीबू का रस                   1 टीस्पून

विधि

टमाटर का बीच का बीज वाला भाग निकालकर अलग कर दें और इसे छोटे छोटे  टुकड़ों में काट लें. एक बाउल में कटे टमाटर, प्याज, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, कॉर्न, राजमा, नमक और टोमेटो सॉस डालकर अच्छी तरह मिलाएं. अब एक रोटी को चकले पर फैलाकर लगभग डेढ़ डेढ़ इंच के तीन कोनों पर कट लगाएं. इसे एक हैंडल वाले चमचे में रखकर कटोरी जैसा फोल्ड करें, ऊपर से दूसरे हैंडल वाले चमचे से दबाकर गर्म तेल में धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें. इसी प्रकार चारों रोटियों से कटोरी तैयार करके बटर पेपर पर निकाल लें. आलू को छीलकर मोटे मोटे टुकड़ों में काट लें. बची दो रोटियों को भी आधे इंच चौड़ी स्ट्रिप में काट लें. आलू और रोटी की स्ट्रिप को भी गर्म तेल में सुनहरा होने तक तल लें. अब तले आलू, चाट मसाला, काली मिर्च पाउडर, चिली फ्लैक्स नीबू का रस, दही और रोटी की स्ट्रिप को तोड़कर डाल दें. इसे भलीभांति चलाएं. इस मिश्रण को तैयार कटोरी में भरकर ऊपर से कटे हरे धनिए से सजाकर सर्व करें.

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कोरोना ने बदले फैशन के तरीके

कोविड महामारी ने फैशन की दुनिया को बदलकर रख दिया है. लॉकडाउन की वजह से लोग घर में कैद है, इसलिए कही घूमने जाना,फिल्में देखना, पार्टी में शामिल होना,शोपिंग करना आदि सब गुजरे ज़माने की बात हो चुकी है. डिज़ाइनर भी आज यही समझने लगे है कि उन्हें इस इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए कुछ अलग कदम उठाने की जरुरत है, जो आज ज़माने की जरुरत है. फैशन भी बहुत हद तक तकनीक पर आधारित हो चुका है और हाई ट्रेंड फैशन का चलन अब नहीं रहा, लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने इसे और अधिक कमजोर बना दिया है. आज लोग फैशन से अधिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने लगे है. बड़े डिजाइनर्स को इसका अधिक प्रभाव भले ही कम पड़ा हो, लेकिन नए डिजाइनर्स इससे काफी प्रभावित हुए है. वर्क फ्रॉम होने की वजह से लोग आरामदायक वस्त्रों पर अधिक ध्यान देने लगे है.

 सस्टेनेबल फैशन की है मांग 

इस बारें में लेवल दासगुप्ताके डिज़ाइनर राहुल दासगुप्ताकहते है कि कोविड की वजह से पिछले साल से काफी बदलाव फैशन में करना पड़ रहा है. अभी सस्टेनेबल फैशन, जो नीड बेस्ड यानि जरुरत के अनुसार ही कपडे ख़रीदे जा रहे है. पहले लोग अपनी शौक से कभी भी कपडे खरीदने जाते थे,लेकिन वैसी भावना अब लोगों में नहीं रही. मैं मेंस वेअर पर अधिक ध्यान देता ., जिसमें कुर्ता पायजामा, जैकेट और कुछ वेस्टर्न पैटर्न के कपडे होते थे, जिसे मैंने अब थोडा इंडियन लुक देकर वेडिंग कलेक्शन को अधिक महत्व दे रहा ., ताकि मेरा ब्रांड सस्टेनेबल रहे. कोविड की वजह से सभी ब्रांड के कपड़ों की बिक्री बहुत कम हो चुकी है. अभी लोग घर से काम कर रहे है,इसलिए डिजाईन के अलावा लोग कम्फर्ट पर अधिक ध्यान देने लगे है,क्योंकि किसी को अभी बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती, क्योंकि सब बंद है. हाई फैशन अब कोई नहीं खोजता. आज एथ्लेजर कपड़ों की मांग बढ़ी है, जिसे घर पर या कहीं पहनकर भी जाया जा सकता है. सभी ब्रांड उस पर अधिक फोकस कर रहे है.इसके अलावा कोविड काल में लोग फिटनेस पर अधिक जोर दे रहे है, जब भी किसी को जिम जाने या वर्कआउट करने का मौका मिलता है. लोग फिटनेस को बनाये रखने के लिए वहां चले जाते है. इसलिए वे वैसी ड्रेसेस को अधिक महत्व देने लगे है, जो घर और बाहर पहना जा सकें. इसलिए जो भी कपडा स्किन के लिए आरामदायक हो उसे ही मैं अपने पोशाक में प्रयोग करता .

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कठिन है फैशन इंडस्ट्री में टिके रहना

डिज़ाइनर राहुल मानते है कि फैशन इंडस्ट्री में टिके रहना और व्यवसाय करना बहुत मुश्किल हो चुका है, लेकिन मुझे हमेशा से ही कुछ अलग करने की इच्छा रही है, जिसमें साथ दिया मेरी माँ ने. राहुल बताते है कि कॉलेज के बाद मैंने भी महिलाओं के लिए कपडे एक कंपनी के लिए शुरू किया था, पर मुझे कुछ अलग क्रिएटिव काम करना था, जिसमें मुझे मेंस वेअर में काम करना अच्छा लगा. इस क्षेत्र में चुनौतियाँ बहुत है, क्योंकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुष कम कपडे खरीदते है. इसके अलावा मैं मार्केट में घूमकर लोगों की चॉइस देखता . और उसमे कुछ सुधार मैं अपनी स्टाइल के अनुसार वस्त्र तैयार करता ., जिससे वह सुंदर लगे. लॉकडाउन के बाद कट्स,एसिमेट्रिकल सिल्वेट्स, आदि कपड़ों की डिमांड अधिक रही है. साथ ही अभी लोग उन कपड़ों को अधिक पसंद कर रहे है,जो सिंपल होने के साथ-साथ क्लासी हो और जिसे रिपीट किया जा सकें.

फीलगुड फैक्टर है जरुरी

इसके आगे डिज़ाइनर कहते है कि अभी फीलगुड फैक्टर अधिक है, जिसमें प्योर कॉटन अधिक लोकप्रिय है. अभी मेरे पेरेंट्स बहुत खुश है, क्योंकि जिस काम में मेरी ख़ुशी है,मेरी माँ की ख़ुशी भी उसमें ही है. मेरे वस्त्र स्टोर्स, मुंबई और ऑनलाइन आसानी से मिल जाते है. बहुत से कोलकाता के सेलिब्रिटीस मेरे स्टाइल किये हुए कपडे पहनते है, जिसमें अंकुश हाजरा, अबीर चटर्जी, शोहम आदि है. मेरी इच्छा है कि आगे मैं लड़कों की स्टाइल और पर्सनालिटी को कपडे के द्वारा और अच्छा बना सकूँ.

लॉकडाउन से हुआ नुकसान

जम्मू यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट्स में गोल्ड मेडेलिस्ट और अहमदाबाद के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिजाईन से ग्रेजुएट करने के बाद डिज़ाइनर वजाहत राथेरने क्राफ्ट्स और टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में होमटाउन कश्मीर से काम शुरू किया. कश्मीर की अनोखी कारीगरी और उत्कृष्ट कढ़ाई को इस युवा डिज़ाइनर ने अपने परिधानों में शामिल कर ब्रांड ‘रफुघर’ स्थापित किया है, लेकिन कोविड महामारी ने उनके इस पैशनको थोडा कम कर दिया. वजाहत कहते है कि लेक्मे फैशन शो में भाग लेने के बाद काफी लोगों ने मेरे वस्त्रों की मांग थी. मुझे ख़ुशी थी कि मेरा काम लोगों तक पहुँच रहा है. स्टॉक सारे बन जाने तक मुंबई में सबसे पहले लॉकडाउन हो गया था, दिल्ली में भी वही बात थी. इंटरनेशनल मार्केट में बिक्री बंद है. अभी पर्सनल जानकार लोगों ने मेरे कुछ पोशाक लिए है. इसके अलावा मैंने दिल्ली की स्टूडियो को पिछले एक महीने से लॉक डाउन की वजह से बंद कर दिया है. इस महामारी में मेरे कारीगरों का ठीक रहना जरुरी है,क्योंकि सभी ने अपने किसी प्रियजन को खोया है, ये बहुत कठिन घड़ी है. कारीगर काम करना चाहते है और मैं उन्हें काम दे नहीं सकता, क्योंकि मेरा व्यवसाय छोटा है. मैंने पहली और दूसरी कोरोना वेब में सभी कारीगरों को वेतन दिया था, पर अब समस्या अधिक है. इसलिए सारी टीम के लोगों को मैने घर भेज दिया है, ताकि वे अपने परिवार के साथ रहे. मैं बीच-बीच में सबकी खैरियत के बारें में पूछता रहता ..

लक्जरी कलेक्शन है ख़ास

बचपन से ही क्रिएटिव फील्ड में जाने की इच्छा रखने वाले डिज़ाइनर वजाहत के पेरेंट्स की इच्छा एक जॉब की थी, लेकिन ग्रेजुएट होने के बाद वजाहत को कॉलेज में पढ़ाने का जॉब मिला, जिससे उनके माता-पिता खुश हुए. वे आगे कहते है कि जॉब से अधिक मुझे कुछ अलग करने की इच्छा थी, ताकि मेरा नाम फैशन इंडस्ट्री में हो, क्योंकि कश्मीर में बहुत कम कारीगर बचे है. मुझे उनके काम को एक्स्प्लोर कर कुछ नया करना है. यहाँ के कारीगर ‘नीडल वर्क’ में बहुत माहिर हुआ करते है. जिससे प्रेरित होकर मैंने अपनी ब्रांड का नाम ‘रफूगर’ रखा है. कढ़ाई के अलावा मैं यहाँ की नेचर,कहानियां, कलाकृति आदि को अपने कपड़ों मेंलाना चाहता .. पहली लॉकडाउन के बाद कुछ अच्छा आर्डर मिला,लेकिन इस बार मैं बहुत मायूस हुआ था, इसलिए कश्मीर अपने परिवार के साथ रहने आ गया. अभी नए कलेक्शन के लिए आर्ट वर्क, जो लक्ज़री कलेक्शन होता है. इसके लिए बहुत शोध करना पड़ता है. मैं किसी ट्रेंड को फोलो नहीं करता, अपनी सोच से सब नया करता ., जिसमें रंग, फेब्रिक्स और आर्ट वर्क पर ध्यान दे रहा .. मेरे काम में समय अधिक लगता है और थोडा एक्सपेंसिव भी होता है. ऑनलाइन स्टोर्स बहुत सारे है, जिसपर मेरे प्रोडक्ट है. मैं वेडिंग ड्रेस नहीं बनाता. मेरे ड्रेसेस रिलैक्स फिट होते है.

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हायजिन का खास ख्याल

इसके आगे वजाहत का कहना है कि हायजिन और कम्फर्ट अभी मुख्य मुद्दा है, लोग वैसे ही ड्रेस खरीदना पसंद कर रहे है. मैं हैंड वुवेन फेब्रिक्स, जैसे चंदेरी के साथ सिल्क कॉटन,रिसायकल यार्न और मस्लीन फेब्रिक्स पर अधिक काम करता .. रंगों के बारें में सोचा नहीं है, लेकिन नए और होपफुलरंग प्रयोग करना चाहता ., ताकि घर बैठे परेशान महिलाएं मेरे परिधान को लेना चाहे.अभी कोई भी व्यक्ति संख्या में अधिक वस्त्र न लेकर दो चार ही लेना चाहते है, जो सस्टेनेबल और आरामदायक हो, जिससे हमारे इको सिस्टम ख़राब न हो. मैं हमेशा सीजन लेस और ट्रेंड लेस पोशाक बनाता ..इसके अलावा अगर व्यवसाय फॅमिली की न हो तो फैशन इंडस्ट्री में काम करने में चुनौती बहुत आती है, क्योंकि अनुभव कम, वित्तीय समस्या, बाज़ार को पहचानना आदि बहुत सारे छोटी-छोटी समस्याएं आती रहती है. आगे मैं चाहता . कि मैं कश्मीर की हालात को सही हो जाय, ताकि किसी पहाड़ी पर मेरा एक स्टूडियो यूरोप के जैसा हो और आसपास के लोग उसमें काम करते हो.

जानें क्या है नेल्स की हैल्थ का राज

सोचिए आप फ्रैंड की मैरिज में जाने के लिए बिलकुल रेडी हो, सब कुछ मैचिंग का और आप भी अपने इस अलग लुक में काफी गॉर्जियस लग रही हो. लेकिन जैसे ही आपकी उंगली आपके नाखून पर लगी तो एकदम से आपका नेल्स टूट गया. ऐसे में आखिरी समय में आपके पास कोई ओप्शन नहीं बचा है. बस आप अपना दिल छोटा कर वहां चली तो जाएंगी, लेकिन सारा ध्यान आपका अपने टूटे हुए नेल्स पर ही टिका रहेगा. और आप बस मन ही मन यही सोचेगी कि मैंने तो मैचिंग की नेलपौलिश व नेलआर्ट से अपने हाथों को खूबसूरत लुक दिया था, लेकिन मेरी मेहनत पर तो पानी फिर गया. अब तो मैं खुल कर अपने हाथों को भी सबके सामने नहीं ला पाऊंगी. तो ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ कि आपने अपने नेल्स की सिर्फ बाहरी सुंदरता को बढ़ाने पर ध्यान दिया, और उसकी हैल्थ को पूरी तरह इग्नोर किया. जिस कारण वे कमजोर होने के कारण टूट गए. लेकिन अब परेशान होने से नहीं बल्कि नेल्स को हैल्दी व शाइनी बनाने पर ध्यान देना है. ताकि आपके नेल्स का अट्रैक्शन इस कदर बढ़ जाए कि सब उसे देखते ही रह जाएं , नज़रें उस पर से हटे ही नहीं, फिर चाहे आपने अपने नेल्स को रंगा हो या नहीं. तो जानते हैं कैसे नेल्स को बनाएं हैल्दी व शाइनी.

1. नेल मसाज

क्यूटिकल आयल मार्केट से आपको आसानी से मिल जाएगा. ये एक ऐसा प्रोडक्ट है , जो आपके नेल्स व क्यूटिकल्स को मॉइस्चरिजे करके नेल्स की हैल्थ का खास ध्यान रखने का काम करता है. क्योंकि ये वेजिटेबल आयल, विटामिन्स व सिट्रिक एसिड से मिलकर बनता है. जो नेल्स को पोषण देकर उन्हें शाइनी भी बनाए रखता है. क्योंकि जब नेल्स व उसके आसपास की स्किन ड्राई रहती है तो न तो वो सुंदर दिखते हैं और डॉयनेस धीरेधीरे नेल्स को कमजोर करके उन्हें तोड़ने का भी काम करती है. इसके लिए जरूरी है क्यूटिकल आयल से नेल्स व आसपास मसाज करने की.

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कैसा हो क्यूटिकल आयल- आयल थिन हो, ताकि उसे स्किन में एब्सॉर्ब होने में आसानी हो. जो भी क्यूटिकल आयल खरीदें, उसमें जोजोबा आयल, एन्टिओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज , विटामिन इ, व सिट्रिक एसिड जरूर हो. ताकि वो नेल्स को डीप नौरिश करके उनकी ग्रोथ को बढ़ाने व शाइन को वापिस लौटाने में मददगार हो.

2. मैनीक्योर से एक्सफोलिएट करें

अकसर हम यही सोचते हैं कि सिर्फ स्किन की क्लीनिंग ही जरूरी होती है. लेकिन हम आपको बता दें कि स्किन के साथसाथ नेल्स को भी क्लीन करते रहना जरूरी होता है, वरना वे केयर के अभाव में टूटने व पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं. क्योंकि जब नेल्स पर डेड स्किन जमा हो जाती है , तो वो डल नजर आने के साथसाथ उनके टूटने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं. जबकि मैनीक्योर से डेड स्किन सेल्स निकलने से न्यू स्किन सेल्स की ग्रोथ होती है. जो हैल्दी , स्ट्रौंग नेल्स के लिए बहुत जरूरी है. मैनीक्योर करने के लिए मसाज लोशन, माइल्ड स्क्रब, हैंड क्रीम, क्यूटिकल रिमूवर आदि की जरूरत होती है. आपको इसके लिए पार्लर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप मार्केट से मैनीक्योर किट खरीद कर घर पर खुद से कर सकती हैं. अगर आप स्किन केयर रूटीन में इसे भी शामिल कर लेती हैं तो कुछ ही दिनों में आपके नेल्स स्ट्रौंग व चमक उठेंगे.

3. नेल्स को भी दें थोड़ा स्पेस

अधिकांश लड़कियों व महिलाओं की ये हैबिट होती है कि वे नेल्स को हमेशा रंगे ही रखती हैं. यहां तक कि एक नेल पेंट के ऊपर दूसरा नेलपेंट लगाने से भी नहीं हिचकती हैं. जबकि आपको बता दें कि ऐसा करने से नेल्स की हैल्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. क्योंकि इससे नेल पीले व हार्ड होकर अपनी नेचुरल साफ्टनेस खोने लगते हैं. इसलिए उन्हें हवा लगाना बहुत जरूरी होता है. इसलिए जब भी आप नेलपेंट उतारे तो 2 – 3 दिन बाद ही दूसरा नेलपेंट लगाएं.

4. बेस कोड से दें प्रोटेक्शन

अगर आपका लाइफस्टाइल बहुत बिजी है और आपके पास मैनीक्योर करने का टाइम नहीं है तो आप मार्केट में मिलने वाले नेल्स को हाइड्रेट व मजबूती प्रदान करने वाले बेस कोड का इस्तेमाल करें. और अगर आप कमजोर, नाजुक व पीलिंग नेल्स की समस्या से परेशान हैं तो जब भी नेल बेस कोड खरीदें तो देखें कि उसमें केराटिन , विटामिन इ, कैल्शियम, सोया प्रोटीन, कैस्टर आयल जैसे इंग्रेडिएंट्स जरूर होने चाहिए. ये नेल्स को डैमेज होने से बचाकर उन्हें हैल्दी रखने में अहम रोल निभाते हैं. बेस कोड के ऊपर ही हमेशा नेल पेंट लगाएं.

5. ब्रैंडेड नेलपेंट ही हो चोइज

आज जिस तरह से आए रोज फैशन बदलते रहते हैं , उसी तरह नेलपेंट का बाजार भी काफी गरम है. लड़कियों की पसंद को देखते हुए हर तरह के नेल पेंट मार्केट में उपलब्ध है वो भी सस्ते दामों में. ऐसे में बस पसंद आते ही आप सस्ते नेलपेंट न ख़रीद लें, क्योंकि इनमें टोल्यूनि व इससे मिलते जुलते केमिकल्स डाले जाते हैं. जिससे नाखून कमजोर होने के साथसाथ सिरदर्द की भी शिकायत होती है. साथ ही अगर आपको जैल व अक्रिलिक्स नेल पेंट लगाने का शौक है, तो सावधान हो जाएं. क्योंकि इसमें ढेरों केमिकल्स नेल्स की नेचुरल ग्रोथ पर इफेक्ट डालने का काम करते हैं. इसलिए आपका नेलपेंट ऐसा हो, जिसमें केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल न किया गया हो. केमिकल फ्री नेलपेंट भले ही थोड़ी महंगी होती है, लेकिन नेल्स को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं.

6. नेल बाइट की आदत तो नहीं

अधिकांश लोगों की यह आदत होती है कि वे नाखूनों को नेल कटर से काटने व फाइल करने के बजाह मुंह से ही उन्हें काट देते हैं. जो एक तो उनके तनाव को दर्शाने का काम करता है और दूसरा नाखूनों की शेप खराब होने के साथसाथ उन्हें कमजोर बनाने का भी काम करता है. साथ ही इससे कई बार नेल्स इतने अधिक निकल जाते हैं , कि इससे स्किन को भी नुकसान पहुंच जाता है. सबसे अहम बात कि इससे नेल्स के जरिए पेट में इंफेक्शन होने का भी डर बना रहता है. इसलिए हमेशा नेल कटर से ही नेल्स को काटकर उन्हें फाइलर की मदद से फाइल करें. इससे प्रोपर कट होने के साथसाथ नेल्स की खूबसूरती भी बरकरार रहेगी.

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7. नेल रिमूवर में कहीं एसीटोन तो नहीं

नेल रिमूवर जो नेल पौलिश को रिमूव करने का काम करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें एसीटोन नामक तत्व आपके नेल्स को पीला, कमजोर बनाने के साथसाथ कई बार क्यूटिकल्स ड्राई होने के साथसाथ उनमें से ब्लड भी निकलने लगता है. यहां तक कि इंफेक्शन के चांसेस भी काफी बढ़ जाते हैं. इसलिए एसीटोन नेल रिमूवर के बजाय आपको मार्केट में नोन एसीटोन , नेचुरल व आर्गेनिक नेल रिमूवर मिल जाएंगे, उन्हें ही इस्तेमाल करें. इससे नेल्स हैल्दी भी रहते हैं.

8 . ओमेगा 3 फोर शाइनी नेल्स

हमारी इंटरनल हैल्थ का सीधा असर हमारी स्किन, बालों व नेल्स पर दिखाई देता है. ऐसे में अगर आपके नेल्स ड्राई, उनकी शाइन चली गई है तो आप अपनी डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड को जरूर शामिल करें. क्योंकि ये हैल्दी सेल्स को प्रमोट करने का काम जो करता है. इसके लिए आप अपनी डाइट में फिश, एप्रीकॉट, सोया, अंडे आदि को शामिल कर अपने नेल्स को बनाएं खूबसूरत.

PCOS: न करें अनदेखी

एक जमाना था जब महिलाओं के लिए घर से बाहर काम करना बहुत मुश्किल था. लेकिन वर्तमान समय में बाहरी दुनिया ही नहीं चांद पर भी उन का परचम लहरा रहा है. ऐसे में घर और बाहर को संतुलित करतेकरते एक महिला खुद के लिए समय नहीं निकाल पाती है. बेवक्त खाना, सेहत की अनदेखी, मशीनी बनती जीवनशैली और तनाव के कारण आजकल महिलाएं अनेक बीमारियों से ग्रस्त रहने लगी हैं. कैंसर, हार्ट डिजीज व आर्थ्राइटिस जैसी बीमारियों से आज हर तीसरी महिला ग्रस्त है. इन्हीं में से एक है पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस.

क्या है पीसीओएस

दिल्ली के बीएल कपूर हौस्पिटल की गाइनैकोलौजिस्ट डा. इंदिरा गणेशन बताती हैं, ‘‘महिलाओं के मासिकधर्म में अनियमितता और हारमोनल असंतुलन के कारण यह बीमारी जन्म लेती है. हर 10 में से 5 महिलाएं पीसीओएस की शिकार हैं. उत्तरी भारत की 40% महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं.’’ समय पर भोजन न करना, अतिरिक्त तनाव और शरीर की सही देखभाल न करने की वजह से पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में शरीर की पाचन क्षमता ग्रहण करने वाली ग्रंथियों की क्षमता कम हो जाती है, जिस की वजह से रिप्रोडक्टिव डिसऔर्डर के मामले सामने आते हैं.

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लक्षण

पीसीओएस से ग्रस्त रोगियों में प्राय: निम्न लक्षण देखे जाते हैं:

– मासिकधर्म का नियमित न होना. कई बार 2-3 महीनों तक नहीं होता है.
– चेहरे पर अनचाहे बालों का उगना, ऐक्ने की समस्या जो इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं.
– पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का शिकार होने वाली 50% महिलाओं को मोटापे की शिकायत होती है.

कैसे की जा सकती जांच

डा. इंदिरा गणेशन बताती हैं, ‘‘इस बीमारी की जानकारी के लिए हम रोगी का ब्लड टैस्ट कराते हैं. इस के अलावा अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भी चैक किया जा सकता है. यदि अल्ट्रासाउंड में ओवरी का साइज मिनिमम साइज (6 एमएम) से बढ़ कर (8 से 10 एमएम) आता है, तो इस का मतलब है कि रोगी इस बीमारी से ग्रस्त है.’’

उपचार

डा. इंदिरा गणेशन का कहना है, ‘‘इस बीमारी को रोका तो नहीं जा सकता है, लेकिन इसे कंट्रोल जल्द किया जा सकता है. सब से पहले हर युवा लड़की और महिला को इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि साल में 5-6 बार पीरियड जरूर आना चाहिए. अगर पीरियड बहुत कम आते हैं या 2-3 महीने के अंतराल में आते हैं, तो तुरंत महिला डाक्टर से संपर्क करें. इस के अलावा 2 तरह के हारमोंस होते हैं- प्रोजेस्टेरौन और ऐस्ट्रोजन. इन का संतुलन बनाए रखने के लिए दवा दी जाती है. इस बीमारी से गर्भ ठहरने में भी काफी दिक्कत होती है, इसलिए इस बीमारी के लक्षण दिखते ही सतर्क हो जाएं. लापरवाही कतई न बरतें.’

बचाव

– शरीर और चेहरे के अनचाहे बालों और मुंहासों का उपचार कराना.

– सही समय पर गर्भधारण करना.

– गर्भाशय की बाहरी परत के पतले होने पर कैंसरे के बढ़ते खतरे से बचाव करना.

– चरबी बनाने वाली कोशिकाओं को नियंत्रित रखना. ऐसा करने पर दिल से संबंधित बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकता है.

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प्रभाव

अगर पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का वक्त रहते सही उपचार नहीं होता है तो इस का पूरे शरीर पर असर दिखने लगता है. इस बीमारी की वजह से पाचन क्षमता वाली ग्रंथियां भी कमजोर होने लगती हैं. पीसीओएस को जड़ से खत्म न किए जाने पर कई और खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं, जैसे स्तन कैंसर, ओवरी कैंसर, मधुमेह, रिप्रोडक्टिव सिस्टम में अनियमितता आदि.

सीरत-रणवीर को हल्दी लगाएगा कार्तिक, वायरल हुई फोटोज

 स्टार प्लस के सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Ka Kehlata Hai) में जल्द ही सीरत  (Shivangi Joshi) और रणवीर (Karan Kundrra) की शादी होने वाली हैं, जिसकी तैयारियां कार्तिक करता हुआ नजर आ रहा है. इसी बीच सीरियल में शादी की रस्मों का भी शुभारंभ हो गया है, जिसकी फोटोज इन दिनों फैंस के बीच वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं सीरत-रणवीर की हल्दी सेरेमनी की खास फोटोज…

सीरत और रणवीर की हुई हल्दी

अपकमिंग एपिसोड में सीरत और रणवीर की शादी की रस्में शुरु हो जाएंगी, जिसमें कार्तिक जमकर मस्ती करता हुआ नजर आएगा. दरअसल, संगीत के बाद सीरियल में हल्दी सेलिब्रेशन देखने को मिलेगा, जिसमें रणवीर और सीरत के हल्दी लगेगी. वहीं कार्तिक भी इस हल्दी सेलिब्रेशन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता दिखेगा.

 

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हल्दी में होगा अपशकुन

 

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दरअसल, सीरत और रणवीर की हल्दी सेरेमनी में कार्तिक दोनों को गले लगाकर फोटोज क्लिक करवाता नजर आएगा. इस दौरान सीरत की हल्दी कार्तिक को लग जाएगी, जिसके बाद कार्तिक की चाची बवाल कर देगी. हालांकि इन सबसे अलग पूरा परिवार मस्ती करता नजर आएगा, जिसका सबूत सोशलमीडिया पर वायरल फोटोज से लगाया जा सकता है.

 

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रणवीर के पिता करेंगे शादी रोकने की कोशिश

सीरियल के ट्रैक की बात करें तो रणवीर के पिता यानी नरेंद्र चौहान को सीरत और रणवीर की शादी के बारे में पता लग गया है, जिसके चलते वह हर कदम पर कोशिश कर रहा है कि दोनों की शादी रुकवा दें. हालांकि कार्तिक उसकी सारी चालों को नाकामयाब करने में लगा हुआ है. लेकिन आने वाले एपिसोड में देखना होगा कि क्या रणवीर के पिता अपनी चालों में कामयाब होंगे और क्या सीरत सच में रणवीर से शादी करेगी या कार्तिक के साथ अपना रिश्ता जोड़गे.

 

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