10 किलो वजन घटाने के बाद और भी स्टाइलिश हो गईं हैं श्वेता तिवारी, देखें ये किलर लुक्स

टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) आए दिन अपने पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. श्वेता कभी मैरिड लाइफ तो कभी अपनी वेट ट्रांसफौर्मेशन को लेकर चर्चा में रहती हैं. वहीं इस बार सुर्खियों में रहने की वजह हाल ही में श्वेता का लुक है. दरअसल, श्वेता तिवारी ने बीते दिनों एक ग्लैमरस फोटोशूट करवाया था, जिसमें उनका लुक फैंस को काफी पसंद आ रहा है. आइए आपको दिखाते हैं वेट ट्रांसफौर्मेशन के बाद श्वेता तिवारी के फैशन की झलक…

40 की उम्र में बेटी को टक्कर दे रही हैं श्वेता तिवारी

40 साल की उम्र में भी श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) बहुत खूबसूरत लगती हैं. वहीं ट्रांसफौर्मेंशन के बाद तो वह बेटी पलक तिवारी को फैशन के मामले में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं. दरअसल, एक फोटोशूट में श्वेता तिवारी पैरेट ग्रीन कलर के स्टाइलिस गाउन में नजर आईं. वहीं इस लुक के साथ श्वेता तिवारी ने हैवी आई मेकअप और मैचिंग ज्वैलरी कैरी की थी, जो उनके लुक को और भी खूबसूरत बना रहा था.

 

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साड़ी में दिखा अलग अंदाज

 

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रेड कलर की साड़ी के साथ कौंट्रास्ट ब्लाउज पहनकर श्वेता तिवारी बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं हैवी ज्वैलरी के साथ श्वेता का ये लुक वेडिंग कलेक्शन के लिए परफेक्ट औप्शन साबित हो रहा था.

हौट अवतार में दिखीं श्वेता

 

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ब्लैक पैंट के साथ डीप नेक फ्लौरल पैटर्न वाला मल्टी कलर ब्लाउज  में एक्ट्रेस श्वेता तिवारी का ये हौट अवतार काफी खूबसूरत लुक है, जिसे किसी भी पार्टी में ट्राय किया जा सकता है.

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ड्रैस में लगीं खूबसूरत

 

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वेट ट्रांसफौरमेशन के बाद श्वेता तिवारी हर लुक में नजर आईं. वहीं रेड कलर की रफ्फल ड्रैस में यंग एक्ट्रेसेस को टक्कर देती दिखीं. वहीं उनका ये लुक काफी सिंपल लेकिन खूबसूरत लग रहा था.

Serial Story: मैं अहिल्या नहीं नंदिनी हूं – भाग 2

दोनों परिवारों के बीच इतनी मित्रता हो गई थी कि अकसर वे साथ घूमने निकल जाते. छुट्टी वाले दिन भी साथ फिल्म देखने जाते या फिर लौंग ड्राइव पर. कभी रमा अपने मायके जाती तो नंदिनी रूपेश के खानेपीने का ध्यान रखती और जब कभी नंदिनी कहीं चली जाती तो रमा विकास के खानेपीने का ध्यान रखती थी.

उस रोज भी यही हुआ था. रमा अपने भाई की शादी में गई थी, इसलिए रूपेश के खानेपीने की जिम्मेदारी नंदिनी पर ही थी. विकास भी औफिस के काम से शहर से बाहर गया था. कामवाली भी उस दिन नहीं आई थी. नंदिनी खाना पकाने के साथसाथ कपड़े भी धो रही थी. इसी बीच रूपेश आ गया, ‘‘भाभी,’’ उस ने हमेशा की तरह बाहर से ही आवाज लगाई.

‘‘अरे, भैया आ जाओ दरवाजा खुला ही है,’’ कह कर वह अपना काम करती रही.

रूपेश हमेशा की तरह सोफे पर बैठ गया और फिर टेबल पर पड़ा अखबार उठा कर पढ़ने लगा. तभी उस की नजर नंदिनी पर पड़ी, तो वह भौचक्का रह गया. भीगी सफेद साड़ी में नंदिनी का पूरा बदन साफ दिखाई दे रहा था और जब वह कपड़े सुखाने डालने के लिए अपने हाथ ऊपर उठाती तो उस का सुडौल वक्षस्थल का उभार और अधिक उभर आता. रूपेश अपलक देखे जा रहा था. उस के उरोज की सुडौलता देख कर उस का मन बेचैन हो उठा और उस ने अपनी नजर फेर ली, पर फिर बारबार उस की नजर वहीं जा कर टिक जाती.

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‘‘भैया, चाय बनाऊं क्या?’’ कह कर नंदिनी ने जब अपनी साड़ी का पल्लू कमर में खोसा तो उस का गोरागोरा पूरा पेट दिखने लगा.

नंदिनी के मादक संगमरमरी जिस्म को देख रूपेश का पूरा शरीर थरथराने लगा. उसकी आंखें चौंधिया गईं और उत्तेजना की लहर पूरे जिस्म में फैल गई. आज से पहले नंदिनी को उस ने इस प्रकार कभी नहीं देखा था. नंदिनी को इस अवस्था में देख उस का अंगअंग फड़कने लगा और बेचैन रूपेश ने क्षण भर में ही एक फैसला ले लिया. नंदिनी कुछ समझ पाती उस

से पहले ही उस ने उसे अपनी बांहों में भींच लिया और फिर अपने जलते होंठ उस के अधरों पर रख दिए और जोरजोर से उस के होंठों को चूसने लगा.

नंदिनी कुछ बोल नहीं पा रही थी. अवाक सी आंखें फाड़े उसे एकटक देखे जा रही थी. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि जिसे वह भाईर् मानती आई है आज वह उस के साथ क्या करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि रूपेश की सरलता और सहजता देख कभी उसे ऐसा नहीं लगा था कि उस के अंदर इतना यौन आक्रमण भरा हुआ है.

रूपेश का यह रूप देख नंदिनी सिहर उठी. भरसक अपनेआप को उस से छुड़ाने का प्रयास करने लगी, पर सब बेकार था. वह अभी भी नंदिनी के होठों को चूसे जा रहा था. उस का एक हाथ नंदिनी के स्तनों पर गया. जैसे ही उस ने नंदिनी के स्तन को जोर से दबाया वह चीख के साथ बेहोश हो गई और फिर जब होश आया तब तक अनहोनी हो चुकी थी.

अपनी करनी पर माफी मांग रूपेश तो वहां से भाग निकला, लेकिन वह रात नंदिनी के लिए अमावस्या की काली रात बन गई. कैसे उस ने पूरी रात खुद में सिमट कर बिताई, वही जानती. मुंह से कोई शब्द नहीं निकल पा रहा था. बस आंखों के रास्ते आंसुओं का दरिया बहे जा रहा था. समझ में नहीं आ रहा था कि किस से कहे और कैसे? जब विकास को इस बात का पता चला तो सहानभूति दिखाने के बजाय वह उसे ही भलाबुरा कहने लगा कि जरूर दोनों का पहले से ही नाजायज रिश्ता रहा होगा और अब जब उसे पता चल गया तो वह रोनेधोने का नाटक कर रही है.

विकास और नंदिनी के घर वाले रूपेश के खिलाफ पुलिस में बलात्कार का केस दर्ज कराने घर से निकल ही रहे थे कि तभी ऐन वक्त पर वहां रमा पहुंच गई और नंदिनी के पैरों में गिर कर गिड़गिड़ाते हुए अपने पति के जीवन की भीख मांगने लगी, अपने छोटेछोटे बच्चों की दुहाई देने

लगी. रूपेश भी नंदिनी के पैरों में लोट गया. कहने लगा कि चाहे नंदिनी उसे जो भी सजा दे दे, पर पुलिस में न जाए. वरना वह मर जाएगा. अपनी बेइज्जती बरदाश्त नहीं कर पाएगा.

दोनों पति पत्नी की दशा देख नंदिनी का दिल पसीज गया. कहने लगी कि उस के साथ जो होना था सो तो हो गया, अब क्यों इतनी जिंदगियां बरबाद हों? यह सुन कर तो सब का पारा गरम हो गया. विकास तो कहने लगा कि जरूर नंदिनी और रूपेश का नाजायज रिश्ता है और इसीलिए उस ने अपना फैसला बदल दिया.

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नंदिनी के मां-पापा भी गुस्से से यह बोल कर निकल गए कि अब नंदिनी से उन का कोई वास्ता नहीं है, सोच लेंगे कि उन की 1 ही बेटी है. कितना समझया नंदिनी ने सब को कि ऐसी कोई बात नहीं है और इस से क्या हो जाएगा, उलटे उस की भी बदनामी होगी सब जगह, पर किसी ने उस की बात नहीं सुनी और उसे ही दोषी मान कर वहां से चले गए.

मगर नंदिनी गलत थी, क्योंकि कुछ महीने बाद ही रमा और रूपेश ने यह बात फैलानी शुरू कर दी कि नंदिनी अच्छी औरत नहीं है. दूसरे मर्दों को फंसा कर अपनी हवस पूरी करना उस की आदत है. रूपेश को भी उस ने अपने जाल में फंसा रखा था और मौका मिलते ही उसे अपनी हवस का शिकार बना डाला और फिर रोनेधोने का नाटक करने लगी.

यह सुन कर पासपड़ोस की औरतों ने अपनेअपने मुंह पर हाथ रख लिया और ‘हायहाय’ करने लगीं. जो महल्ले की औरतें नंदिनी से रोज बातें करती थीं, अब उसे देख कर मुंह फेरने लगीं और तरहतरह की बातें बनाने लगीं. रूपेश को ले कर विकास ने भी उस पर गंदेगंदे इलजाम लगाए, कहा कि अगर वह सही थी तो क्यों नहीं उस के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया?

दुनिया की तो वह सुन ही रही थी पर जब उस का पति भी इस तरह उस पर इलजाम लगाने लगा, तो वह टूट गई. विकास की बातों ने उस का कलेजा छलनी कर दिया, ‘‘पहले तो मुझे शंका थी, पर अब वह यकीन में बदल गई. तुम जितनी सतीसावित्री दिखती हो उतनी हो नहीं. मेरी पीठ पीछे मेरे ही दोस्त के साथ… छि: और नाम क्या दे दिया इस रिश्ते को, भाईबहन का रिश्ता ताकि लोगों

को लगे कि यह तो बड़ा ही पवित्र रिश्ता है. है न? धूल झोंक रह थी मेरे आंखों में?

‘‘अरे, जो लोग मुझे टोकने तक की हिम्मत नहीं करते थे, आज वही लोग मेरी आंखों में आंखें मिला कर बात करने की जुर्रत करते हैं सिर्फ तुम्हारी वजह से. नहीं रहना अब मुझे इस घर में,’’ कह कर विकास घर से निकल गया और साथ में बच्चों को भी यह कह कर ले गया कि उस के साथ रह कर उन के भी संस्कार खराब हो जाएंगे. आज नंदिनी के साथ कोई नहीं था सिवा बदनामी के.

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Serial Story: मैं अहिल्या नहीं नंदिनी हूं – भाग 1

‘आखिर मेरा दोष क्या है जो मैं अपमान की पीड़ा से गुजर रही हूं? नाते रिश्तेदार, पास-पड़ोस यहां तक कि मेरा पति भी मुझे दोषी समझ रहा है. कहता है वह मुझ से शादी कर के पछता रहा है और लोग कहते हैं मुझे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए था. पासपड़ोस की औरतें मुझे देखते ही बोल पड़ती हैं कि मुझ जैसी चरित्रहीन औरत का तो मुंह भी देखना पाप है. जो मेरी पक्की सहेलियां थीं वे भी मुझे रिश्ता तोड़ चुकी हैं. लेकिन मेरा दोष क्या है? यही सवाल मैं बारबार पूछती हूं सब से. मैं तो अपनी मर्यादा में ही थी. क्यों समाज के लोगों ने मुझे ही धर्मकर्म के कामों से दूर कर दिया यह बोल कर कि हिंदू धर्म में ऐसी औरत का कोई स्थान नहीं?’ अपने ही खयालों में खोई नंदिनी को यह भी भान नहीं रहा कि पीछे से गाड़ी वाला हौर्न पर हौर्न बजाए जा रहा है.

‘‘ओ बहनजी, मरना है क्या’’ जब उस अजनबी ने यह कहा तो वह चौंक कर पलटी.

‘‘बहनजी? नहींनहीं मैं किसी की कोई बहनवहन नहीं हूं,’’ बोल कर नंदिनी सरपट भागी और वह इंसान उसे देखता रह गया, फिर अपने कंधे उचका कर यह बोल कर आगे बढ़ गया कि लगता है कोई पागल औरत है.

घर आ कर नंदिनी दीवार की ओट से

लग कर बैठ गई. जरा सुस्ताने के बाद उस ने

पूरे घर को बड़े गौर से निहारा. सबकुछ तो वैसे ही था. सोफा, पलंग, टेबलकुरसी, अलमारी,

सब अपनीअपनी जगह व्यवस्थित रखे हुए.

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मगर नंदिनी की ही जिंदगी क्यों इतनी अव्यवस्थित हो गई? क्यों उसे आज अपना ही घर पराया सा लगने लगा था? जो पति अकसर यह कहा करता था कि वह उस से बहुत प्यार करता है वही आज क्यों उस का चेहरा भी नहीं देखना चाहता?

जिन माता-पिता की वह संस्कारी बेटी थी, क्यों उन्होंने भी उस का बहिष्कार कर

दिया? ये सारे सवाल नंदिनी के दिल को मथे जा रहे थे. आखिर किस से कहे वह अपने दिल का दर्द और कहां जाए? मन कर रहा था उस का कि जोरजोर से चीखेचिल्लाए और कहे दुनिया वालों से कि उस की कोई गलती नहीं है.

अरे, उस ने तो इस इंसान को अपना भाई समझा था. लेकिन उस के मन में नंदिनी के लिए खोट था वह उसे कहां पता था.

‘‘दीदी’’, हिचकते हुए नंदिनी ने अपनी बड़ी बहन को फोन लगाया, ‘‘क्या आप भी मुझे ही गलत समझ रही हैं? आप को भी यही लगता है कि मैं ही उस इंसान पर गलत नजर रखती थी? नहीं दीदी ऐसी बात नहीं, बल्कि झूठा वह इंसान है, पर यह बात मैं कैसे समझाऊं सब को? मन तो कर रहा है कि मैं कहीं भाग जाऊं या फिर मर जाऊं ताकि इस जिंदगी से छुटकारा मिले,’’ कह कर नंदिनी सिसक पड़ी.

‘‘मरने या कहीं भाग जाने से क्या होगा नंदिनी? लोग तो तब भी वही कहेंगे न और मैं गुस्सा तुम से इस बात पर नहीं हूं कि तुम गलत हो. भरोसा है मुझे तुम पर, लेकिन गुस्सा मुझे

इस बात पर आ रहा है कि क्यों तुम ने उस

इंसान को माफ कर दिया? क्यों नहीं उस के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखाई, जिस ने तुम्हें कहीं का नहीं छोड़ा? तुम ने उसे अपना भाई

माना था न? रिश्तों की आड़ में पहले तो उस ने तुम्हारी आबरू लूटी और फिर उसी रिश्ते की दुहाई दे कर बच निकला और तुम ने भी तरस

खा कर उसे माफ कर दिया? क्यों, आखिर

क्यों नंदिनी?’’

‘‘उस के बच्चों की सोच कर दीदी, उस की पत्नी मेरे कदमों में गिर गिड़गिड़ाने लगी, बोली कि अगर उस का पति जेल चला जाएगा, तो वह मर जाएगी और फिर उस के बच्चे सड़क पर भीख मांगेंगे. दया आ गई मुझे उस के बच्चों पर दीदी और कुछ नहीं, सोचा उस के कर्मों की सजा उस के भोेलेभाले बच्चों को क्यों मिले.’’

‘‘अच्छा, और तुम्हारे बच्चे का क्या, जो

तुम से दूर चला गया? चलो

मान भी गए कि तुम ने उस के बच्चों का सोच कर कुछ नहीं कहा और न ही पुलिस में रपट लिखाई, लेकिन उस ने क्या किया तुम्हारे साथ? तुम्हें बदनाम कर खुद साफ बच निकला. पता भी है तुम्हें कि लोग तुम्हें ले कर क्याक्या बातें बना रहे हैं? कौन पिताभाई या पति यह बात सहन कर पाएगा भला? तुम्हारी सहेली रमा, सब से कहती फिर रही है कि भाईभाई कह कर तुम ने उस के पति को फंसाने की कोशिश की. मेरी तो समझ में नहीं आ रहा है कि तुम क्यों कर रही हो ये सब?’’ ‘‘तुम कोई अहिल्या नहीं, जो दोषी न होते हुए भी पत्थर की शिला बन जाओ और कलंकिनी कहलाओ और इंतजार करो किसी राम के आने का जो तुम्हें तार सके. तुम आज की नारी हो नंदिनी आज की. भूल गई उस लड़के को, जो कालेज की हर लड़की को परेशान करता था और जब एक दिन उस ने मुझ पर हाथ डालने की कोशिश की, तो कैसे तुम उसे घसीटते हुए प्रिंसिपल के पास ले गई थी.

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प्रिंसिपल को उस लड़के को कालेज से निकालना पड़ा था. जब उस लड़के के घमंडी पैसे वाले बाप ने तुम्हें धमकाने की कोशिश की, तब भी तुम नहीं डरी और न ही अपने शब्द वापस लिए थे. तो फिर आज कैसे तुम चुप रह गई नंदिनी? छल और बलपूर्वक जिस रावण ने तुम्हें छला उस का ध्वंस तुम्हें ही करना होगा. लोगों का क्या है. वे तो जो सुनेंगे वही दोहराएंगे. लेकिन तुम्हें यह साबित करना होगा कि तुम सही हो गलत वह इंसान है.’’

अपनी बहन की कही 1-1 बात नंदिनी को सही लग रही थी. पर वह साबित

कैसे करे कि वह सही है? कोसने लगी वह उस दिन को जब पहली बार वह रूपेश और रमा से मिली थी.

विकास और रूपेश दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और इसी वजह से नंदिनी और रमा भी अच्छी सहेलियां बन चुकी थीं. रूपेश नंदिनी को भाभी कह कर बुलाता था और नंदिनी उसे रूपेश भैया कह कर संबोधित करती थी. कहीं न कहीं रूपेश में उसे अपने भाई का अक्स दिखाई देता जो अब इस दुनिया में नही रहा.

जब भी रूपेश नंदिनी के घर आता वह उस के लिए वही सब करती, जो कभी अपने भाई के लिए किया करती थी. लेकिन रमा को ये सब अच्छा नहीं लगता. उसे लगता कि वह जानबूझ कर रूपेश के सामने अच्छा बनने की कोशिश करती है, दिखाती है कि वह उस से बेहतर है. कह भी देता कभी रूपेश कि सीखो कुछ नंदिनी भाभी से. चिढ़ उठती वह उस की बातों से, पर कुछ बोलती नहीं.

नंदिनी की सुंदरता, उस के गुण और जवानी को देख रमा जल उठती क्योंकि वह बेडौल औरत थी. इतनी थुलथुल कि जब चलती, तो उस का पूरा शरीर हिलता. कितना चाहा उस ने कि नंदिनी की तरह बन जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. वह जानती थी कि नंदिनी उस से हर मामले में 20 है और इसी बात से वह उस से जलती थी पर दिखाती नहीं थी.

दोनों के घर पासपास होने के कारण

अकसर वे एकदूसरे के घर आतेजाते रहते थे. नंदिनी के हाथों का बनाया खाना खा कर रूपेश बोले बिना नहीं रह पाता कि उस के हाथों में तो जादू है. कहता अगर रमा को भी वह कुछ बनाना सिखा दे, तो उस पर कृपा होगी, क्योंकि रोजरोज एक ही तरह का खाना खाखा कर वह ऊब जाता है. उस की बातों पर नंदिनी और विकास हंस पड़ते. लेकिन रमा चिढ़ उठती और कहती कि अब वह उस के लिए कभी खाना नहीं बनाएगी.

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Serial Story: मैं अहिल्या नहीं नंदिनी हूं – भाग 3

बड़ी हिम्मत कर एक रोज उस ने अपने मांबाप को फोन लगाया, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. जब विकास को फोन लगाया तो पहले तो उस ने फोन काटना चाहा, लेकिन फिर कहने लगा, ‘‘क्या यही सफाई देना चाहती हो कि तुम सही हो और लोग जो बोल रहे हैं वह गलत? तो साबित करो न, करो न साबित कि तुम सही हो और वह इंसान गलत. साबित करो कि छल से उस ने तुम्हारी इज्जत पर हाथ डाला.

‘‘माफ कर दूंगा मैं तुम्हें, लेकिन तुम ऐसा नहीं करोगी नंदिनी, पता है मुझे. इसलिए आज के बाद तुम मुझे कभी फोन मत करना,’’ कह कर विकास ने फोन पटक दिया. नंदिनी कुछ देर तक अवाक सी खड़ी रह गईर्.

‘सही तो कह रहे हैं विकास और मैं कौन सा रिश्ता निशा रही हूं और किस के साथ? जब उस ने ही रिश्ते की लाज नहीं रखी तो फिर मैं क्यों दुनिया के सामने जलील हुई जा रही हूं?’ परिवार से रुसवाई, समाज में जगहंसाई और

पति से विरह के अलावा मिला ही क्या मुझे? आज भी अपने पति के प्रति मेरी पूरी निष्ठा है. लेकिन छलपूर्वक मेरी निष्ठा को भ्रष्ट कर दिया उस दरिंदे ने. मेरा तनमन छलनी कर दिया उस ने, तो फिर क्यों मैं उस हैवान को बचाने की सोच रही हूं?

सही कहा था दीदी ने मैं कोई अहिल्या नहीं जो बिना दोष के ही शिला बन कर सदियों तक दुख भोगूं और इंतजार करूं किसी राम के आने का. मैं नंदिनी हूं नंदिनी जो गलत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाती आई है, तो फिर आज जब मुझ पर आन पड़ी तो कैसे चुप रह गई मैं? नहीं, मैं चुप नहीं रहूंगी. बताऊंगी सब को कि उस दरिंदे ने कैसे मेरे तनमन को छलनी किया. कोमल हूं कमजोर नहीं, मन ही मन सोच कर नंदिनी ने अपनी दीदी को फोन लगाया.

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नंदिनी के जीजाजी के एक दोस्त का भाई वकील था, पहले दोनों बहनें उन के पास गईं और फिर सारी बात बताई. सारी बात जानने के बाद वकील साहब कहने लगे, अगर यह फैसला रेप के तुरंत बाद लिया गया होता, तो नंदिनी का केस मजबूत होता, लेकिन सुबूतों के अभाव की वजह से अब यह केस बहुत वीक हो गया है, मुश्किल है केस जीत पाना. शायद पुलिस भी अब एफआईआर न लिखे.’’

‘‘पर वकील साहब, कोई तो रास्ता होगा न? ऐसे कैसे कुछ नहीं हो सकता? नंदिनी की दीदी बोली.

‘‘हो सकता है, अगर गुनहगार खुद ही अपना गुनाह कबूल कर ले तो,’’ वकील ने कहा.

‘‘पर वह ऐसा क्यों करेगा?’’ वकील की बातों से नंदिनी सकते में आ गई, क्योंकि उस के सामने एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई थी. लेकिन उसे उस इंसान को सजा दिलवानी ही है, पर कैसे यह सोचसोच कर वह परेशान हो उठी. घर आ कर भी नंदिनी चिंता में डूबी रही. बारबार वकील की कही यह बात कि सुबूत न होने की वजह से उस का केस बहुत वीक है उस का दिमाग झझकोर देती. वह न चैन से सो पा रही थी और न ही बैठ. परेशान थी कि कैसे वह रूपेश के खिलाफ सुबूत जुटाए और कैसे उसे जल्द से जल्द सजा दिलवाए. पर कैसे? यही बात उसे समझ में नहीं आ रही थी. तभी अचानक उस के दिमाग में एक बात कौंधी और तुरंत उस ने अपनी दीदी को फोन लगा कर सारा मामला समझा दिया.

‘‘पर नंदिनी, यह काम इतना आसान नहीं

है बहन,’’ चिंतातुर उस की दीदी ने कहा. उसे लगा कि कहीं नंदिनी किसी मुसीबत में न फंस जाए.

‘‘जानती हूं दीदी, पर मुश्किल भी नहीं, मुझे हर हाल में उसे सजा दिलवानी है, तो यह रिस्क उठाना ही पड़ेगा अब. कैसे छोड़ दूं उस इंसान

को मैं दीदी, जिस ने मेरी इज्जत और आत्मसम्मान को क्षतविक्षत कर दिया. उस के कारण ही मेरा पति, बच्चा मुझ से दूर हो गए,’’ कह वह उठ खड़ी हुई.

‘‘आप यहां?’’ अचानक नंदिनी को अपने सामने देख रूपेश चौंका.

‘‘घबराइए नहीं भा… सौरी, अब तो मैं आप को भैया नहीं बुला सकती न. वैसे हम कहीं बैठ कर बातें करें?’’ कह कर नंदिनी उसे पास की ही एक कौफी शौप में ले गई. वहां उस का हाथ पकड़ कर कहने लगी, ‘‘रूपेश, आप उस बात को ले किर गिल्टी फील मत कीजिए और सच तो यह है कि मैं भी आप को चाहने लगी थी. सच कहती हूं, जलन होती थी मुझे उस मोटी रमा से जब वह आप के करीब होती.

‘‘भैया तो मैं आप को इसलिए बुलाती थी ताकि विकास और रमा बेफिक्र रहें, उन्हें शंका न हो हमारे रिश्ते पर. जानते हैं जानबूझ कर मैं ने उस रोज अपनी बाई को छुट्टी दे दी थी. लगा विकास भी बाहर गए हुए हैं तो इस से अच्छा मौका और क्या हो सकता है.’’

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‘‘जैसा प्लान बना रखा था मैं ने ठीक वैसा ही किया. पारदर्शी साड़ी पहनी.

दरवाजा पहले से खुला रखना भी मेरे प्लान में शामिल था रूपेश. अगर आप न हरकत करते उस दिन तो मैं ही आप के आगोश में आ जाती. खैर, बातें तो बहुत हो गईर्ं, पर अब क्या सोचा है?’’ उस की आंखों में झांकते हुए नंदिनी बोली, ‘‘कभी विकास और रमा को हमारे रिश्ते के बारे में पता न चले यह ध्यान मैं ने हमेशा रखा,’’ कह कर रूपेश को चूम लिया और जता दिया कि वह उस से क्या चाहती है.

पहले तो रूपेश को थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर नंदिनी की साफसाफ बातों से उसे पता चल गया कि वह भी उसी राह की राही है जिस का वह.

फिर तय हुआ कल दोनों एक होटल में मिलेंगे, जो शहर से दूर है.

‘‘क्या बहाना बनाया आप ने रमा से?’’ रूपेश की बांहों में समाते हुए नंदिनी ने पूछा. ‘‘यही कि औफिस के काम से दूसरे शहर जा रहा हूं और तुम ने क्या बहाना बनाया?’’

‘‘मैं क्या बहाना बनाऊंगी, विकास मेरे साथ रहते ही नहीं अब,’’ अदा से नंदिनी ने कहा, ‘‘कब का छोड़ कर चला गया वह मुझे. अच्छा ही हुआ. वैसे भी वह मुझे जरा भी पसंद नहीं था,’’ कह कर नंदिनी ने रुपेश को चूम लिया.

पक्षी को जाल में फंसाने के लिए दाना तो डालना ही पड़ता है न, सो नंदिनी वही कर रही थी. पैग नंदिनी ने ही बनाया और अब तक 3-4 पैग हो चुके थे. नशा भी चढ़ने लगा था धीरे-धीरे.

‘‘अच्छा रूपेश, सचसच बताना, क्या तुम भी मुझे पसंद करते थे?’’ बात पहले उस ने ही छेड़ी.

‘‘सच कहूं नंदिनी,’’ नशे में वह सब सहीसही बकने लगा, ‘‘जब तुम्हें

पहली बार देखा था न तभी मुझे कुछकुछ होने लगा था. लगा था कि विकास कितना खुशहाल है जो तुम जैसी सुंदर पत्नी मिली और मुझे मोटी थुलथुल… जलन होती थी मुझे विकास से. जब भी मैं तुम्हें देखता था मेरी लार टपकने लगती थी. लगता कैसे मैं तुम्हें अपनी बांहों में भर लूं और फिर गोद में उठा कर कमरे में ले जाऊं और फिर… लेकिन जब तुम मुझे भैया कह कर बुलाती थी न, तो मेरा सारा जोश ठंडा पड़ जाता. ‘‘मौका ढूंढ़ता था तुम्हारे करीब आने का और उस दिन मुझे वह मौका मिल ही गया.

‘‘तुम्हारे गोरेगोरे बदन को देख उस दिन मैं पागल हो गया. लगा अगर तभी तुम्हें न पा लूं तो फिर कभी ऐसा मौका नहीं मिलेगा. सच में मजा आ गया था उस दिन तो,’’ एक बड़ा घूंट भरते हुए वह बोला, ‘‘जो मजा तुम में है न नंदिनी वैसा कभी रमा के साथ महसूस नहीं किया मैं ने. वैसे तुम चुप क्यों हो गई नंदिनी, बोलो कुछ…’’

जैसे ही उस ने ये शब्द कहे, कमरे की लाइट औन हो गई. सामने पुलिस को देख

रूपेश की सिट्टीपिट्टी गुम हो गई. फिर जब नंदिनी के व्यंग्य से मुसकराते चेहरे को देखा,

तो समझ गया कि ये सब उसे फंसाने की साजिश थी अब वह पूरी तरह इन के चंगुल में फंस

चुका है.

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फिर भी सफाई देने से बाज नहीं आया, कहने लगा, ‘‘इंस्पैक्टर साहब, म… म… मेरा कोई दोष नहीं है… इस ने मुझे यहां बुलाया था तो मैं आ गया.’’

‘‘हां, मैं ने ही तुम्हें यहां बुलाया था पर क्यों वह भी सुन लो’’, कह कर नंदिनी ने अपना सारा प्लान उसे बता दिया.

एक न चली रूपेश की, क्योंकि सारी सचाई अब पुलिस के सामने थी, सुबूत के साथ, जो नंदिनी ने अपने फोन में रिकौर्ड कर लिया था. पुलिस के डर से रूपेश ने अपना सारा गुनाह कबूल कर लिया. नंदिनी से जबरन बलात्कार और उसे बदनाम करने के जुर्म में कोर्ट ने रूपेश को 10 साल की सजा सुनाई.

गलत न होने के बाद भी नंदिनी को दुनिया के सामने जलील होना पड़ा, अपने पति बच्चों से दूर रहना पड़ा. सोच भी नहीं सकती थी वह कि जिस इंसान को उस ने दिल से भाई माना, वह उस के लिए इतनी गंदी सोच रखता था. रूपेश की सजा पर जहां नंदिनी ने सुकून की सांस ली वहीं विकास और उस के मायके वाले बहुत खुश थे.

अगर नंदिनी ने यह कदम न उठाया होता आज तो वह दरिंदा फिर किसी और नंदिनी को अपनी हवस का शिकार बना देता और फिर उसे ही दुनिया के सामने बदनाम कर खुद बच निकलता. रूपेश को उस के कर्मों की सजा मिल चुकी थी और नंदिनी को सुकून.

इस दिन शादी करेंगी Sugandha Mishra, पढें खबर

द कपिल शर्मा शो में अपनी कौमेडी से दर्शकों का दिल जीत चुकीं एक्ट्रेस और कौमेडियन सुगंधा मिश्रा (Sugandha Mishra) जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाली हैं. दरअसल, हाल ही में सुगंधा मिश्रा ने उनके बॉयफ्रेंड संकेत भोसले (Sanket Bhosale) से शादी का खुलासा किया था, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर उन्होंने खुद शेयर की थीं. वहीं अब सुगंधा मिश्रा की शादी की डेट का भी खुलासा हो गया है. आइए आपको बताते हैं कब करेंगी सुगंधा मिश्रा शादी

शादी को लेकर कही ये बात

दरअसल, एक इंटरव्यू में सुगंधा मिश्रा ने अपनी शादी को लेकर बताया, ‘ये फोटोज हमारे प्री वेडिंग शूट की है. हम दोनों 26 अप्रैल 2021 को जालंधर में शादी करने वाले हैं. जालंधर मेरा होमटाउन है. मेरी सगाई और शादी दोनों ही जालंधर में होगी. हालांकि हम दोनों ने अभी सगाई नहीं की है. कोरोना की वजह से शादी में केवल परिवार के लोग ही शामिल हो पाएंगे. छोटे से समारोह में हम दोनों सात फेरे लेंगे.’

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बौयफ्रेंड को लेकर कही ये बात

सुगंधा मिश्रा ने अपनी बौयफ्रेंड संकेत भोसले की बात करते हुए आगे कहा, ‘लाफ्टर हर मर्ज की दवा है. वैसे भी संकेत भोसले एक डॉक्टर है. ऐसे में मुझे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ी.’ वहीं सोशलमीडिया पर सुगंधा मिश्रा द्वारा शेयर की गई फोटोज में दोनों की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आ रही हैं. वहीं हर कोई इस कपल को बधाईयां दे रहा है.

फोटोज की थीं शेयर

अपनी प्री वेडिंग फोटोज को शेयर करते हुए सुगंधा मिश्रा ने लिखा था, ‘अब हम हमेशा साथ रहेंगे.’  बता दें, दोनों साल 2017 से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं, जिसके बाद अब दोनों ने शादी का फैसला लिया है.

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इतनी Cute हैं कपिल शर्मा की बेटी, देखें Then&Now फोटोज

कौमेडी किंग कपिल शर्मा (Kapil Sharma) आए दिन किसी न किसी खबर के कारण सुर्खियों में रहते हैं. जहां कपिल शर्मा ने दोबारा टीवी में अपने शो की ओपनिंग के चलते सुर्खियां बटोर रखी हैं. तो वहीं फैमिली संग क्वौलिटी टाइम बटोर रहे कपिल की बेटी अनायरा शर्मा की Then&Now फोटोज ने सोशलमीडिया पर तहलका मचा रखा है. आइए आपको दिखाते हैं अनायरा शर्मा के लेटेस्ट क्यूट फोटोज…

फैमिली संग वक्त बिता रहे हैं कपिल

इन दिनों घर पर मां, वाइफ गिन्नी चतरथ (Ginni Chatrath) और बच्चों यानी बेटी अनायरा और त्रिशान शर्मा (Kapil Sharma daughter and son)के साथ क्वॉलिटी टाइम बिता रहे हैं. वहीं सोशलमीडिया के जरिए फैंस के साथ अपनी खुशी को शेयर भी करते नजर आ रहे हैं.

 

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बेटी की फोटोज की शेयर

 

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अपनी लाडो अनायरा पर प्यार लुटाने वाले कपिल अक्सर उसकी फोटोज फैंस के साथ शेयर करते हैं. वहीं हाल ही में कपिल ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर बेटी अनायरा शर्मा की बचपन से लेकर अब तक की कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिनमें वह बहुत क्यूट लग रही हैं.

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डांस करती नजर आईं थी अनायरा

बीते दिनों फोटोज के अलावा कपिल शर्मा ने सोशलमीडिया पर फैंस के साथ अनायरा का एख वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह योयो हनी सिंह के गाने पर डांस करती नजर आ रही थीं. वहीं इन फोटोज को फैंस ने काफी पसंद भी किया था.

बता दें, कुछ महीनों पहले कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ का बेटा हुआ है, जिसके नाम का खुलासा हाल ही में कपिल शर्मा ने अपने बर्थडे के दौरान किया था. दरअसल, सिंगर नीति मोहन ने सोशलमीडिया के जरिए कपिल शर्मा को जन्मदिन की बधाइयां देते हुए बेटे का नाम बताने की गुजारिश की थी, जिसके बाद कपिल ने अपने बेटे का नाम त्रिशान ऱखने की बात कही थी.

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तलाक से पहले घर छोड़कर चला जाएगा वनराज तो गुस्से और दर्द से बेहाल होगी अनुपमा

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा की रुपाली गांगुली कोरोना की जंग जीत कर शो के सेट पर लौट चुकी हैं. हालांकि मुंबई में लौकडाउन के चलते शो की शूटिंग को शिफ्ट कर दिया गया है, जिसके बाद अब शो की कहानी को नया मोड़ देने की तैयारी भी मेकर्स ने कर दी है. दरअसल, हाल ही में मेकर्स ने शो का नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें अनुपमा एक नई उलझन में नजर आ रही है. आइए आपको दिखाते हैं क्या प्रोमो में खास…

 वनराज लेगा ये फैसला

अब तक आपने देखा कि अनुपमा और वनराज के तलाक में केवल दो दिन बचे हैं, जिसके चलते वनराज, काव्या को उससे और उसकी फैमिली से तलाक होने तक दूर होने के लिए कहता है. क्योंकि वह अनुपमा और फैमिली के साथ वक्त बिताना चाहता है. लेकिन अब मेकर्स द्वारा हाल ही में रिलीज किए गए प्रोमो की बात करें तो वनराज इन सब के बीच घर छोड़ने का फैसला करता नजर आ रहा है.

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क्या करेगी अनुपमा

दरअसल, प्रोमों में दिखाया गया है कि वनराज एक खत में यह लिखता है कि वह तलाक का दर्द और नही सह सकता है और वह घर छोड़कर जा रहा है. वहीं अनुपमा कहती है कि रिश्ता बचा रही थी तो वह अकेली थी और अब रिश्ता तोड़ रही है तो वह तब भी अकेली है. दूसरी तरफ काव्या सवाल करती नजर आ रही है कि वनराज उसे छोड़कर कहां गया है और उसने किसी को कुछ बताया क्यों नहीं.

 

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इसी प्रोमो के चलते अब अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा के सामने कई मुसीबतें आने वाली है, जिसे संभालते हुए अनुपमा एक बार फिर टूटती हुई नजर आएगी. हालांकि वह फिर खुद को साबित करते हुए अपने परिवार के साथ नजर आएगी. अब देखना है कि वनराज का ये जिम्मेदारियों से भागने का फैसला अनुपमा की जिंदगी में कौनसा नया मोड़ लेकर आएगा.

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बढ़ती मंहगाई और आम आदमी

एक तरफ महंगाई बढ़ रही है, नौकरियां छूट रही हैं, व्यापार खत्म हो रहे हैं, खेती भी धन्ना सेठों के कब्जे में आकर किसानों को कंगाल बनाने की योजना में फंस गई है और दूसरी ओर बैंकों ने जमापूंजी पर ब्याज घटाना शुरू कर दिया है और सरकार ने प्रोक्डिैंट फंड की ब्याज की दर भी घटाने की मंथा जाहिर कर दी है. अगर घरवाले सोच रहे थे कि उन की जमापूंजी से ये मुश्किल के दिन गुजर जाएंगे तो वे भूल कर रहे हैं.

सरकार यह तब कर रही है जब नया संसद भवन बन रहा है जिस पर न जाने कितने हजार करोड़ खर्च हो जाएंगे. राममंदिर बन रहा है जो भक्तों और जनता के टैक्स का कर्ई हजार करोड़ खा जाएगा. वहां सडक़ें, नहरें, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बिजलीघर, पार्क, सिनेमा, मौल भी बनने हैं.

सरकार का एक कदम भी ऐसा नहीं दिख रहा जिस से एक आम घरवाली को थोड़ा भी संतोष हो. हां भक्तों की कमी नहीं जो हर तकलीफ को भगवान की परीक्षा मानते हैं और सोचते है कि भगवान अंत में बरदान तो देंगे ही. उन्हें इसी बात से खुशी है कि मसजिद गिर गई, मुसलिम पकड़े गए, खुदाई में मूॢत मिल गई, चारधाम की सडक़ें बन गईं. वे अपनी बचीबचाई संपत्ति को भी अंधविश्वास की भेंट चढ़ा रहे हैं.

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शायद इसीलिए भारत सरकार दुनिया की सरकारों की तरह लोगों को कोरोनावायरस से हुए नुकसान का खामियाजा देने में कोई उत्सुक नहीं है. अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो वायडन न 1.9 मिलीयन डौलर की आॢथक सहायता का पैकेज दिया है जिस में और चीजों के साथ हर घर को लगभग 1400 डौलर मिले हैं जो औसत अमेरिकी की एक माह की तन्खवाह के बराबर तो है ही. दुनिया के और बहुत सारे देशों ने ऐसा किया है पर भारत सरकार पैट्रोल, घरेलू गैस के माध्यम से जनता को चूसने पर लगी है.

हमारे यहां मृतक भोज हमेशा चॢचत रहे है जिस में घर के कमाऊ सदस्य की मौत के बाद न केवल पंडों को मोटी दान दक्षिणा देना अनिवार्य था, पूरे समाज को खाना खिलाना भी जरूरी था, चाहे कर्ज लेना पड़े. समाज में रहने ही नहीं दिया जाता था. इसी तर्ज पर भारत सरकार ने इस वर्ष ज्यादा कर वसूल दिया है क्योंकि सरकारी कंप्यूटरों ने धड़ाधड़ आम लोगों को नोटिस भेज दिए हैं. हर व्यापारी ने कुछ खिलापिला कर कुछ कर दे कर आफत से छुटकारा पाया है. सरकार मजबूत हुई है क्योंकि नौकरशाही के इतने अच्छे दिन कभी नहीं आए थे. आम घरवाले के पहले के दिन वहीं अच्छे थे. जब से 2014 में नई सरकार आई है घरवाली को कभी नोटबंदी, कभी जीएसटी और कभी गैस की मार पड़ रही है.

सरकारी खर्च में कहीं कटौती हुई, यह नहीं दिखता. मोदी जी ने 2 बड़े हवाई जहाज अपने लिए खरीदे हैं, यह दिखता है. अपना नया घर बनवा रहे हैं, यह भी दिखता है. हां कुछ के अच्छे दिन अवश्य आए हैं.

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सावधान ! सावधानी से करें मास्क का चुनाव

“दो गज दूरी….मास्क है जरूरी” चूंकि इस वक्त कोरोना अपने चरम पर है तो मास्क की अहमियत कितनी है ये तो सभी जानते हैं और दुनिया भर में मास्क की बिक्री भी बहुत तेजी के साथ हो रही है. इस वक्त मास्क की मांग सबसे ज्यादा है. मास्क ना लगाना तो आज के कोरोना काल में एक गुनाह सा लगता है. सड़को पर अगर आप बिना मास्क के हैं तो आपका चालान तक कट जाता है. किसी भी पब्लिक प्लेस या घर से बाहर अगर आप पार्क में टहलने तक भी जाते हैं तो मास्क बहुत जरूरी है लेकिन कौन सा मास्क आप इस्तेमाल कर रहे हैं ये बहुत मायने रखता है…..आजकल हर दुकान पर लोग मास्क बेचते नजर आ रहे हैं.लेकिन सुरक्षा की टृष्टि से कौन सा मास्क आपके लिए जरूरी है ये जानना बहुत जरूरी है.

मास्क कई तरीके के होते हैं जैसे सर्जिकल मास्क N95 मास्क, किसी अन्य फेब्रिक या कपड़े से बने मास्क.

1. पहला है सर्जिकल मास्क….जो use and through होता है….यानि की सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जाता है और जिसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर हेल्थ केयर वर्कर्स करते हैं.

2. दूसरा मास्क होता है N95 इसका इस्तेमाल भी हेल्थ केयर वर्कर्स ही करते हैं.

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3. तीसरा है कपड़े से बना हुआ मास्क जो नार्मली आम लोग करते हैं.इस मास्क को धुल कर दुबारा से इस्तेमाल किया जाता है.आम पब्लिक इस मास्क को इसलिए भी इस्तेमाल करती है क्योंकि वो रोज-रोज मास्क नहीं खरीद सकते हैं.

4. हायब्रिड मास्क और टू- लेयर कॉटन मास्क – ये मास्क आम पब्लिक के लिए होता है.मुख्य तौर पर भीड़- भाड़ वाले इलाके में इसको पहना जाता है.

5. कॉटन टी- शर्ट के मास्क, सिल्क के कपड़े से बना मास्क और सामान्य सूती मास्क का इस्तेमाल खुली जगहों के लिए होता है.

6. वॉल्व वाले मास्क..इस मास्क का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए. एक रिर्पोट के मुताबिक ये मास्क आपको इंफेक्शन से सुरक्षित नहीं रख पाएंगे.

जानिए कौन सा मास्क ज्यादा इफेक्टिव है ?

एक रिर्पोट के मुताबिक N95 रेटिंग वाले मास्क कोरोना वायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क माना जाता है। यह हवा में मौजूद 99% प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा है. यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बाहर की गंदगी को भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है। जिस मास्क को आम पब्लिक इस्तेमाल कर रही है यानि कि तीन लेयर वाला फैब्रिक मास्क भी इंफेक्शन से आपको बचाएगा किसी भी तरह की गंदगी या वायरस के कण को आपके बॉडी में जाने से करीब 94% तक रोकता है.इतना ही नहीं आप डबल मास्क का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.ये भी काफी इफेक्टिव होता है.

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WHO( वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ) के मुताबिक-

कोई भी मास्क पहनने से पहले अपने हाथ को सैनिटाइज करें.
मास्क पहनने और निकालने के बाद अपने हांथों को अच्छी तरह से धोएं.
ये ध्यान रखें कि मास्क से आपकी नाक, मुंह और चिन को पूरी तरह ढका हुआ हो.
जब आप मास्क को उतारे तो उसे एक साफ प्लास्टिक के बैग में जमा करें फिर डस्बिन में डालें.
कपड़े के मास्क को हर दूसरे दिन धोएं और फिर इस्तेमाल करें.
मेडिकल मास्क को ट्रैश बिन में डालें.
वॉल्व वाले मास्क कभी भी इस्तेमाल न करें.
ढीला मास्क ना पहने और मास्क को उतार कर किसी से बात ना करें

तो इस हिसाब से अब आप अपने मास्क का चुनाव आसानी से कर सकते हैं और सावधान रहने की जरूरत फिर भी है.

Summer Special: इस सीजन ट्राय करें बौलीवुड एक्ट्रेसेस के ये सनग्लासेस लुक

गरमी में घर से बाहर निकलना किसी को पसंद नही होता, लेकिन औफिस या किसी जरूरी काम की वजह से घर से बाहर निकलना पड़ता है. सूर्य की अल्ट्रावौयलेट किरणों का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता है पर उन्हें सनग्लासेस से रोका जा सकता है. आजकल मार्केट में समग्लासेस के कई फैशन आ गए हैं, जिसे आप ट्राय करना चाहती होंगी. पर आपके फेस पर कौनसे ग्लासेस सूट करेंगे या कौन से ग्लासेस ट्रैंड में हैं यह पता कर पाना मुश्किल है. इसीलिए आज हम आपको बौलीवुड दीवाओं के सनग्लासेस फैशन के बारे में बताएंगे, जिसे आप इस गरमी अपनाकर स्टाइलिश के साथ-साथ ट्रैंडी भी दिखेंगी.

1. तारा सुतारिया का रैट्रो स्नग्लासेस फैशन करें ट्राई

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अगर आपको रैट्रो लुक पसंद आता है तो आप स्टूडेंट औफ द ईयर से बौलीवुड में डेब्यू करने वाली तारा सुतारिया के ये सनग्लासेस ट्राई कर सकती हैं. यह आपको रेट्रो लुक के साथ-साथ धूप में आंखों को भी बचाएगा.

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2. दीपिका के साड़ी के साथ स्नग्लासेस का ये लुक करें ट्राई

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अगर आप भी औफिस के लिए साड़ी में जा रही हैं या दोपहर में किसी पार्टी के लिए साड़ी में जा रहीं हैं तो दीपिका का ये लुक आपके लिए परफेक्ट रहेगा. ये आपके लुक को कम्पलीट करेगा. साथ ही तेज धूप में आपकी आंखों का ख्याल रखेगा.

3. अन्नया का ये चिल लुक जरूर करें ट्राई

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अगर आप किसी पार्टी या औफिस के लिए कूल और चिल लुक ट्राई करना टाहती हैं तो हाल ही में बौलीवुड में डेब्यू करने वाली अन्नया पांडे का यह लुक ट्राई कर सकती हैं. यह आपको कूल और चिल लुक देगा.

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4. beach पार्टी के लिए कृति सेनन का ये लुक करें ट्राई

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अगर आप किसी beach पार्टी का हिस्सा बनने जा रही तो कृति सेनन का ये beach पार्टी लुक आपके लिए परफेक्ट होगा. ये लुक आपको स्टाइलिश के साथ-साथ कूल भी दिखाएगा.

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