Serial Story: वह चालाक लड़की (भाग-2)

बातचीत के दौरान अंजुल के नयनों का मटकना, उस के भावों का अर्थपूर्ण चलन उस के अधरों पर आतीजाती स्मितरेखा, कभी पलकें उठाना तो कभी झाकाना, सबकुछ इतना मनमोहक था कि रणदीप के पुरुषमन ने उसे एक अवसर देने का निश्चय कर डाला, ‘‘ठीक है, सोचता हूं कि तुम्हें किस अकाउंट में डाल सकता हूं.’’

उस शाम अंजुल ने आर्ट गैलरी में कुछ समय व्यतीत करने का सोची. जब से जौब लगी तब से उस ने कोई तफरी नहीं की. दिल्ली आर्ट गैलरी शहर की नामचीन जगहों में से एक है सो वहीं का रुख कर लिया. मंथर गति से चलते हुए अंजुल वहां सजी मनोरम चित्रकारियां देख रही थी कि अगली पेंटिंग पर प्रचलित लौंजरी ब्रैंड ‘औसम’ के मालिक महीप दत्त को खड़ा देखा. ऐजेंसी में उस ने सुना था कि पहले महीप दत्त का अकाउंट उन्हीं के पास था, किंतु पिछले साल से उन्होंने कौंट्रैक्ट रद्द कर दिया, जिस के कारण ऐजेंसी को काफी नुकसान हुआ. स्वयं को सिद्ध करने का यह स्वर्णिम अवसर वह जाने कैसे देती. उस ने तुरंत महीप दत्त की ओर रुख किया.

‘‘आप महीप दत्त हैं न ‘औसम’ ब्रैंड के मालिक?’’ अपने मुख पर उत्साह के सैकड़ों दीपक जला कर उस ने बात की शुरुआत की.

‘‘यस. आप हमारी क्लाइंट हैं क्या?’’ महीप अपने ब्रैंड को प्रमोट करने का कोई मौका नहीं चूकते थे.

‘‘मैं आप की क्लाइंट हूं और आप मेरे.’’

‘‘मैं कुछ समझा नहीं?’’

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‘‘दरअसल, मैं आप के ब्रैंड की लौंजरी इस्तेमाल करती हूं और एक हैप्पी क्लाइंट हूं. मेरा नाम अंजुल है और मैं मचल ऐडवर्टाइजिंग ऐजेंसी में कार्यरत हूं, जिस के आप एक हैप्पी क्लाइंट नहीं हैं. सही कहा न मैं ने?’’ वह अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए बोली.

‘‘तो आप यहां मचल की तरफ से आई हैं?’’ महीप ने हैंड शेक करते हुए कहा, परंतु उन के चेहरे पर तनाव की रेखाएं सर्वविदित थीं, ‘‘मैं काम की बात केवल अपने औफिस में करता हूं,’’ कहते हुए वे आगे बढ़ गए.

‘‘काम की बात तो यह है महीप दत्तजी कि मैं आप को वह फीडबैक दे सकती हूं, जो आप के लिए सुननी जरूरी है और वह भी फ्री में. मैं यहां आप से मचल की कार्यकर्ता बन कर नहीं, बल्कि आप की क्लाइंट के रूप में मिल रही हूं. विश्वास मानिए, मुझे आइडिया भी नहीं था कि मैं यहां आप से मिल जाऊंगी,’’ अंजुल के चेहरे पर मासूमियत के साथ ईमानदारी के भाव खेलने लगे. वह अपने चेहरे की अभिव्यक्ति को स्थिति के अनुकूल मोड़ना भली प्रकार जानती थी.

बोली, ‘‘मैं जानती हूं कि अब आप अपने विज्ञापन किसी एजेंसी के द्वारा नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर इन्फ्लुऐंसर के जरीए करते हैं. किंतु एक इन्फ्लुऐंसर की पहुंच केवल उस के फौलोअर्स तक सीमित होती है. मेरा एक सुझाव है आप को- आप का प्रोडक्ट प्रयोग करने वाली महिलाएं आम गृहिणियां या कामकाजी महिलाएं अधिक होती हैं, उन की फिगर मौडल की दृष्टि से बिलकुल अलग होती है.

‘‘मौडल का शरीर एक आदर्श फिगर होता है, जबकि आम महिला की जरूरत भिन्न होती है. तो क्यों न आप अपने विज्ञापन में मौडल की जगह आम महिलाओं से अपनी बात कहलवाएं. यदि वे कहेंगी तो यकीनन अधिक प्रभाव पड़ेगा,’’ अपनी बात कह कर अंजुल महीप दत्त की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करने लगी.

कुछ क्षण मौन रह कर महीप ने अंजुल के सुझाव को पचाया. फिर अपनी कलाई पर

बंधी घड़ी देख कहने लगे, ‘‘तुम से मिल कर अच्छा लगा, अंजुल. आल द बैस्ट,’’ और महीप चले गए.

उन के चेहरे पर कोई भाव न पढ़ने के कारण अंजुल असमंजस में वहीं खड़ी रह गई.

अगले दिन अंजुल औफिस में अपने कंप्यूटर पर कुछ काम कर रही थी कि रणदीप का फोन आया, ‘‘क्या मेरे कैबिन में आ सकती हो?’’

अंजुल तुरंत रणदीप के कैबिन में पहुंची. वहां उन के साथ महीप दत्त को बैठा देख कर उस के आश्चर्य का ठिकाना न रहा. सिर हिला कर हैलो किया. रणदीप ने उसे बैठने का इशारा किया.

‘‘महीप हमारे साथ दोबारा जुड़ना चाहते हैं और साथ ही यह भी कि उन का अकाउंट तुम हैंडल करो,’’ कहते हुए रणदीप के मुख पर कौंटै्रक्ट वापस मिलने की प्रसन्नता थी तो अंजुल के चेहरे पर अपनी जीत की दमक. अब उस के रास्ते में कोई रोड़ा न था. उस ने साधिकार अपना स्वतंत्र अकाउंट प्राप्त किया था.

‘‘इस कौंट्रैक्ट की खुशी में क्या मैं आप को एक डिनर के लिए इन्वाइट कर सकती हूं?’’ अचानक अंजुल ने पूछा.

यह सुन कर रणदीप चौंक गया. फिर बोला, ‘‘कल चलते हैं. आज मुझे अपनी पत्नी के साथ बाहर जाना है,’’ रणदीप ने जानबूझा कर अपनी पत्नी का जिक्र छेड़ा ताकि अंजुल भविष्य की कोई कल्पना न करने लगे और फिर फ्लर्ट किसे बुरा लगता है खासकर तब जब सबकुछ सेफजोन में हो.

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‘औसम’ के औफिस में जब अंजुल मीडिया प्लानिंग डिपार्टमैंट की तरफ से क्रिएटिव दिखाने पहुंची तो वहां उसे करण मिला. करण ‘औसम’ की ओर से अंजुल को काम समझाने के लिए नियुक्त किया गया था. आज एक लौंजरी ब्रैंड के साथ मीटिंग के लिए अंजुल बेहद सैक्सी ड्रैस पहन कर गई. उसे देखते ही करण, जोकि लगभग उसी की उम्र का अविवाहित लड़का था, अंजुल पर आकृष्ट हो उठा. जब उसे ज्ञात हुआ कि अंजुल के यहां आने का उपलक्ष्य क्या है, तो उस के हर्ष ने सीमा में बंधने से इन्कार कर दिया.

‘‘हाय अंजुल,’’ करण की विस्फारित आंखें उस के मन का हाल जगजाहिर कर रही थीं, ‘‘मैं तुम्हारा मार्केटिंग क्लाइंट हूं.’’

होंठों को अदा से भींचती हुई अंजुल ने जानबूझा कर अपना हाथ बढ़ा कर मिलाते हुए कहा, ‘‘और मैं तुम्हें सर्विस दूंगी, पर कोई ऐसीवैसी सर्विस न मांग लेना वरना…’’ कहते हुए अंजुल ने उस के कंधे पर आहिस्ता से अपना हाथ रखा और हंस पड़ी.

उस के शरारती नयन करण के अंदर एक सुरसुरी पैदा करने लगे. मन ही मन वह बल्लियों उछलने लगा. आज से पहले उस ने कभी इतनी हौट लड़की के साथ काम नहीं किया था. बहुत जल्दी दोनों में दोस्ती हो गई. करण ने अंजुल को अगले हफ्ते अपने औफिस की पार्टी का न्योता दे डाला.

‘‘इतनी जल्दी पार्टी इन्वाइट? हम आज ही मिले हैं,’’ अंजुल ने करण की गति को थामने का नाटक करते हुए कहा.

‘‘मैं टाइम वेस्ट करने में विश्वास नहीं करता,’’ वह अपने पूरे वेग से दौड़ना चाह रहा था.

‘‘दिन में सपने देख रहे हो…’’

‘‘दिन में सपने देखने को प्लानिंग कहते हैं, मैडम,’’ अंजुल की खुमारी पहले ही दिन से करण के सिर चढ़ कर बोलने लगी.

पार्टी में अंजुल काली चमकदार ड्रैस में कहर ढा रही थी. करण तो उस के पास से हटने का नाम ही नहीं ले रहा था. कभी दौड़ कर स्नैक्स लाता तो कभी ड्रिंक.

‘‘क्या कर रहे हो करण. मैं खुद ले लूंगी जो मुझे चाहिए होगा,’’ उस की इन हरकतों से मन की तहों में पुलकित होती अंजुल ने ऊपरी आवरण ओढ़ते हुए कहा.

‘‘ये सब मैं तुम्हारे लिए नहीं, अपने लिए कर रहा हूं. मुझे पता है किस को खुश करने से मैं खुश रहूंगा,’’ करण फ्लर्ट करने का कोई अवसर नहीं गंवाना चाहता था.

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पार्टी में सब ने बहुत आनंद उठाया. खायापीया, थिरकेनाचे. पार्टी खत्म होने

को थी कि अंजुल के पास अचानक महीप आ पहुंचे. इसी बात की राह वह न जाने कब से देख रही थी.

औसम की पार्टी में आने का एक कारण यह भी था.

‘‘तुम्हें यहां देख कर अच्छा लगा,’’ संक्षिप्त सा वाक्य महीप के मुख से निकला.

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Serial Story: वह चालाक लड़की (भाग-4)

‘‘हमारे तो शहर की रौनक ही चली गई,’’ करण ने अपने स्वर में उदासी घोलने का अभिनय किया. अच्छा, मैं ने कुछ भेजा है तुम्हें… अपने फोन में चैक करो मेरी किस मिला क्या?’’ करण ने अंजुल को एक चुंबन की इमोजी भेजी.

‘‘तुम भी न,’’ अंजुल को लगने लगा कि दूर होने से शायद करण को उस की कमी खल रही है और वह रिश्ते को आगे बढ़ाने की फिराक में है. खैर, इस समय करण उस का काम आपने औफिस में करवाता रहे, अंजुल को यही चाहिए था.

आज ऋषि ने बताया कि शाम को औफिस में एक एचआर इवेंट है, जिस में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे जाने वाले हैं. आमंत्रण पर अंजुल शाम तक वहीं रुक गई. कई लोगों ने रंगारंग

कार्यक्रम में अपने हुनर दर्शाए. ऋषि की दरख्वास्त पर अंजुल ने एक गाना गया, ‘ख्वाबों में बसे हो तुम, तुम्हें दिल में छुपा लूंगी,

जब चाहे तुम्हें देखूं, आईना बना लूंगी…’

‘‘मैं तुम्हारे गाने पर फिदा हो गया,’’ महफिल की समाप्ति पर ऋषि ने कहा.

‘‘बस गाने पर?’’अंजुल ने तिरछी मुसकान लिए पूछा.

‘‘अरे, मैं तो तुम्हारी हर अदा पर मिटने लगा हूं.’’

‘‘अच्छा फ्लर्ट कर लेते हो,’’ अंजुल थोड़ा लजाते हुए बोली.

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‘‘कौन कमबख्त फ्लर्ट कर रहा है, मैं तो सचाई बयान कर रहा हूं,’’ ऋषि ने भरपूर अदायगी से उत्तर दिया.

आज गाना गाते हुए अंजुल ने कई बार ऋषि को आंखों ही आंखों में इशारे किए थे, जिन से उस की हिम्मत काफी बढ़ गई. यह बात ऋषि के साथ औफिस के और कई लोगों ने भी भांप ली.

अब कई सहकर्मी अंजुल व ऋषि को एकदूसरे के साथ छेड़ने लगे. अंजुल इस छेड़खानी से पुलकित हो उठती. ऋषि भी मुसकरा कर अपनी सहमति दिखाता.

‘‘आज मुंबई के मौसम की खनक सुनने का मन कर रहा है. शाम को जुहू बीच ले चलो न…’’ अंजुल इठला कर कहने लगी.

औफिस के बाद ऋषि और अंजुल जुहू बीच के लिए निकल गए. रात को चांद की मखमली ठंडी लुनाई में दोनों ने एक एकांत कोना खोज निकाला. वहां की ठंडी सीली रेत पर बैठ कर वे आतीजाती लहरों में अपने पांव भिगोने  लगे.

कुछ ही देर में अंजुल ने गुनगुनाना आरंभ किया, ‘ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा, कहा दो दिलों ने कि मिल कर कभी हम न होंगे जुदा…’

अंजुल की आंखों में कुछ ऐसा आकर्षण था कि ऋषि ने आगे बढ़ कर उस के अधरों पर अपने अधर रख दिए. अंजुल ने भी उसे नहीं रोका. कुछ पानी की शीतलता, कुछ चांदनी की खुमारी, कुछ उम्र का उफान… इन स्नेहिल क्षणों में दोनों ने अपने रिश्ते को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया.

दिल्ली लौट कर अंजुल ने सब से पहले रणदीप से मुलाकात की.

‘‘आप आए बहार आई. भई, यहां हमारा औफिस अधिक वीरान हो गया था या हमारा दिल, कहना जरा मुश्किल है,’’ हर बार की तरह हलकाफुलका फ्लर्ट करते हुए रणदीप ने उसे देखते ही कहा, ‘‘तुम्हारे लौटने की खुशी में कल एक पार्टी रखी है. पार्टी में अच्छे से तैयार हो कर आना. तुम्हारा दमकता रूप देखने का मन हो रहा है.’’

अंजुल मन ही मन चिढ़ गई कि अपनी तो बीवी है, बच्चा है, गृहस्थी है. ऐसे में फ्लर्ट करने को भी मिल जाए तो क्या बुरा है. मुझे तो अपने बारे में खुद ही सोचना पड़ेगा न. फिर ऊपर से हंसते हुए अपनी लटों को अदा से कानों के पीछे धकेलते हुए कहने लगी, ‘‘आप बुरा न मानें तो अपने क्लाइंट को भी बुला लूं?’’

रणदीप ने सहर्ष स्वीकृति दे दी.

करण को जैसे ही ज्ञात हुआ कि अंजुल शहर में लौट आई है, उस ने तुरंत उसे फोन किया, ‘‘हाय जानेमन, तभी आज मौसम इतना कातिलाना हुआ जा रहा है.’’

‘‘हाहा… कोरी बातें बनाना तो कोई तुम से सीखे. पर अभी नहीं, कल मेरे औफिस की पार्टी में मुलाकात होगी. अभी मैं काफी व्यस्त हूं,’’ जल्दबाजी में अंजुल ने फोन काट दिया.

उस की बेरुखी करण को अटपटी अवश्य लगी, मगर पार्टी में जो धमाका उस की प्रतीक्षारत था, वह उस की कल्पना से भी परे था.

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पार्टी में अंजुल खिलखिलाती हुई ऋषि की बांहों में बांहें डाले प्रविष्ट हुई. प्यार में मदहोश दोनों एक प्रेमसिक्त युगल जोड़ा प्रतीत हो रहा. सर्वप्रथम वह रणदीप की ओर बढ़ी, ‘‘इन से मिलिए रणदीप, ये हैं ऋषि मुंबई के हमारे क्लाइंट,’’ अंजुल और ऋषि के मुखड़ों पर फैली रोशनी उन का रिश्ता समझाने के लिए पर्याप्त थी.

‘‘आई एम हैप्पी फौर यू, अंजुल,’’ रणदीप ने कहा तो अंजुल आगे कहने लगी, ‘‘केवल हैप्पी होने से काम नहीं चलेगा, मुझे आप से कुछ चाहिए. मैं मुंबई औफिस में स्थानांतरण चाहती हूं.’’

अंजुल के मुख से अचानक यह सुन कर रणदीप को एक झाटका लगा, ‘‘नहीं अंजुल, यह संभव नहीं. तुम्हारी हमारे दिल्ली औफिस में बेहद आवश्यकता है. मैं तुम्हें मुंबई नहीं भेज सकता.’’ उस ने दो टूक जवाब दे कर अंजुल का हौसला गिराना चाहा.

तभी करण ने पार्टी में प्रवेश किया. आज अंजुल ने उस की ओर से नजर फेर ली.

करण अंजुल के बदले रुख पर हैरान हो ही रहा था कि किसी ने शायरी की फरमाइश कर दी. सभी कुछनकुछ सुनाने लगे. जब माइक अंजुल की तरफ बढ़ाया गया तो उस ने सुनाया:

‘‘सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां.

जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहां.’’

उस के इस शेर पर खूब तालियां बजीं. चुप थे तो बस रणदीप और करण. आज के इस समा के लिए दोनों ही तैयार न थे.

अगला नंबर करण का आया. उस ने अपनी आवाज में पूरा दर्द उड़ेल कर कहा:

‘‘मैं ने सहेज रखी हैं तुम से जुड़ी सभी यादों को. अकसर हंस देता हूं मैं याद कर उन वादों को.’’

मगर अंजुल ने उस की बात के मर्म पर किंचित ध्यान नहीं दिया, उलटा उन्मुक्त हास लिए उस से ऋषि को मिलवाया.

अगले दिन औफिस में अंजुल ने रणदीप की मेज पर अपना  त्यागपत्र रखा, ‘‘रणदीप, यदि आप मेरा 15 दिन का नोटिस पीरियड छोड़ देंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी, लगेगा कि मेरे काम की, मेरी मेहनत की कदर की आप ने.’’

‘‘अंजुल, किसी के वादों के लिए अपनी जौब छोड़ना अक्लमंदी नहीं होती. मैं कहता हूं एक बार फिर सोच लो,’’ रणदीप के लिए अंजुल का यह कदम अप्रत्याशित था.

‘‘रणदीप, वादों व सपनों में तो मैं अब तक घिरी थी. लेकिन अब मैं यथार्थ की धरा पर खड़ी हूं. मैं ने ऋषि से शादी कर ली है.’’

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अंजुल की इस बात से जैसे रणदीप को करंट लगा, ‘‘और जो यहां रह गया है?’’

‘‘नौट माई सर्कस, नौट माई मनी, मुझे क्या करना है,’’ आज अंजुल केवल अपने आने वाले वक्त के बारे में सोच रही थी. आखिर उसे वह मिल गया था, जिस की तलाश में वह अब तक इधरउधर भटकती रही थी.

Serial Story: वह चालाक लड़की (भाग-3)

‘‘तुम महीप दत्त को कैसे जानती हो?’’ उन की मुलाकात से करण अवश्य अचरज में पड़ गया, ‘‘बहुत ऊंची चीज लगती हो.’’

‘‘हैलो, चीज किसे बोल रहे हो?’’ अंजुल ने अपनी कोमल उंगलियों से एक हलकी सी चपत करण के गाल पर लगाते हुए कहा, ‘‘आफ्टर औल, महीप दत्त हमारे क्लाइंट हैं,’’ उस ने इस से अधिक कुछ बताने की आवश्यकता नहीं समझा.

अंजुल हर दूसरे दिन औसम के औफिस पहुंच जाती. करण से फ्लर्ट करने से उस के कई काम बन जाते, यहां तक कि जब उस की ऐड कैंपेन डिजाइन में कुछ कमी रह जाती तब भी उसे काम करवाने के लिए फालतू समय मिल जाता. ‘औसम’ के फाइनैंस सैक्सशन से भी अंजुल एकदम समय पर पेमैंट निकलवाने में कारगर सिद्ध होती.

‘‘हमारे यहां एक फाइनैंस डिपार्टमैंट पेमैंट को ले कर बहुत बदनाम है, पर देखता हूं कि तुम्हारी हर पेमैंट टाइम से हो जाती है. वहां भी अपना जादू चलाती हो क्या?’’ एक दिन करण के पूछने पर अंजुल खीसें निपोरने लगी. अब उसे क्या बताती कि अपनी सैक्सी बौडी पर मर्दों की लोलुप्त नजरों को झेलना उस की कोई मजबूरी नहीं, अपितु कई नफे हैं. जरा अदा से हंस दिए, एकाध बार हाथ से हाथ छुआ दिया, आंखों की गुस्ताखियों वाला खेल खेल लिया और बन गया अपना मन चाहा काम.

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कुछ माह बीतने के बाद इतने दिनों की जानपहचान, हर मुलाकात में फ्लर्ट, दोनों का लगभग एक ही उम्र का होना, ऐसे कारणों की वजह से अंजुल को आशा थी कि संभवतया करण उस के साथ लिवइन में रहने की पेशकश कर सकता है. तभी तो वह हर बार अपने मकानमालिक के खड़ूस होने, अधिक किराया होने, कमरा अच्छा न होने जैसी बातें किया करती, ‘‘काश, मैं किसी के साथ अपना किराया आधा बांट सकती.’’

‘‘तुम अपना रूम शेयर करने को तैयार हो? मैं तो कभी भी शेयर न करूं. मुझे अपनी प्राइवेसी बहुत प्यारी है,’’ करण की ऐसी फुजूल की बातों से अंजुल का मनोबल गिर जाता.

‘‘जरा मेरे कैबिन में आना, अंजुल,’’ रणदीप ने इंटरकौम पर कहा.

अंजुल ने उस के कैबिन में प्रवेश किया तो हर ओर से ‘हैप्पी बर्थडे टु यू’ के सुर गुंजायमान होने लगे.

रणदीप आज उस का जन्मदिन खास अपने कैबिन में औफिस के सभी लोगों को बुला कर मना रहा था, ‘‘अंजुल, हमारे औफिस में जब से आईं हैं तब से इन की मेहनत और लगन ने हमारी ऐजेंसी को कहां से कहां पहुंचा दिया…’’, रणदीप सब को संबोधित करते हुए कहने लगा.

‘‘ऐसा लग रहा है जैसे हम तो यहां काम करने नहीं तफरी करने आते हैं,’’ लोगों में सुगबुगाहट होने लगी.

‘‘हमारा तो कभी जन्मदिन नहीं मनाया गया,’’ अर्पित फुंका बैठा था. आखिर उस के नीचे आई अंजुल आज औफिस में उस से अधिक धूम मचा रही थी.

‘‘आप अंजुल हैं क्या जो रणदीप आप की तरफ यों मेहरबान हों?’’ दबेढके ठहाकों के स्वर अंजुल के कानों में चुभने लगे.

औफिस में शानदार पार्टी फिर कभी रणदीप तो कभी करण तो कभी फाइनैंस डिपार्टमैंट के अनिल साहब… अंजुल ने कहां नहीं अपने तिलिस्म का जादू बिखेरने का प्रयास किया. किंतु हाथ क्या लगा. केवल दफ्तर के लोगों की खुसपुसाहट. पुरुष सहकर्मियों की लार टपकाती निगाहें या फिर महिला सहकर्मियों की घृणास्पद हेय दृष्टि.

आज अंजुल पूरे 32 वर्ष की हो गई थी, परंतु इतनी खूबसूरती और इतनी हौट फिगर होते हुए भी कोई उस का हाथ थामने को तैयार नहीं था. सब को केवल उस की कमर में अपनी बांह की चाहत थी. व्यग्र मन और निद्राहीन नयन लिए अंजुल कई घंटे बिस्तर पर लेटी अपने कमरे की छत ताकती रही.

जब पिछले महीने वह अपना रूटीन चैकअप करवाने डाक्टर के पास गई थी तब उस लेडी डाक्टर ने भलमनसाहत में सलाह दी थी कि देखिए अंजुल, स्त्रियों का शरीर एक जैविक घड़ी के हिसाब से चलता है. मां और बच्चे की अच्छी सेहत के लिए 30 वर्ष की आयु से पहले बच्चा हो जाए तो सर्वोत्तम रहता है किंतु 35 वर्ष से देर करना श्रेयस्कर नहीं रहता. आप की बायोलौजिकल क्लौक चल रही है. आप को सैटल होने के बारे में सोचना चाहिए. इन विचारों में घिरी अंजुल के कानों में घड़ी की टिकटिक का शोर बजने लगा. व्याकुलता से उस ने तकिए से अपने कान ढक लिए.

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अगले दिन अंजुल ने औफिस में एक नए प्रोजैक्ट की पिच के बारे में सुना तो रणदीप से उसे मांगने पहुंच गई.

‘‘परंतु यह प्रोजैक्ट मुंबई में है और तुम दिल्ली का ‘औसम’ अकाउंट हैंडल कर रही हो,’’ रणदीप के सुरों में हिचकिचाहट थी.

‘‘सो वाट, रणदीप, मैं दोनों को हैंडल कर सकती हूं. मुंबई में भी तो हमारा एक औफिस है. मैं वहां विजिट करती रहूंगी और ‘औसम’ तो जाती ही रहती हूं,’’ अंजुल ने रणदीप को अपनी बात मानने हेतु राजी कर लिया.

मुंबई पहुंच कर अंजुल औफिस के गैस्ट हाउस में ठहरी. कमरा एकदम साधारण

था, किंतु उस के यहां आने का लक्ष्य कुछ और था. अंजुल डरने लगी थी कि कहीं ऐसा न हो जाए कि उस के हाथों से उस की उम्र तेजी से रेत की मानिंद फिसल जाए और वह खाली हथेलियों को मलती रह जाए. अपनी सैक्सी बौडी की बदौलत उस ने कई अवसर पाए थे, जिन्हें उस ने अपनी बुद्धि व चपलता के बलबूते बखूबी भुनाया था.

उस का अनुमान रहा था कि इसी आकर्षण के कारण उसे अपना जीवनसाथी मिल जाएगा, परंतु अब बढ़ती उम्र ने उसे डरा दिया था. हो सकता है करण बात आगे बढ़ाए, मगर अभी तक उस ने ऐसा कोई इशारा नहीं दिया, केवल फ्लर्ट करता रहता है.

इसलिए समय रहते उसे अपने लिए एक जीवनसाथी तो खोजना ही पड़ेगा. मुंबई में 2 दफ्तरों में जा कर हो सकता है उसे अपने औफिस या फिर क्लाइंट औफिस में कोई मिल जाए…

जब अंजुल मुंबई में क्लाइंट के औफिस पहुंची तो उसे एक लड़के से मिलवाया गया. लड़का बेहद खूबसूरत लगा. उसे देख कर अंजुल के मन में सुनहरे ख्वाब सजने लगे.

‘‘माई नेम इस ऋषि. मैं इस औफिस की तरफ से आप का कौंटैक्ट पौइंट रहूंगा,’’ ऋषि ने अपना परिचय दिया.

‘‘आप का नाम, आप का व्यक्तित्व, सबकुछ शानदार है. आप से मिल कर बेहद प्रसन्नता हुई,’’ अंजुल ने अपने दिल में उठ रही हिलोरों को बाहर बहने से बिलकुल नहीं रोका.

उस की बात सुन कर ऋषि हौले से हंस पड़ा. काम पर अपनी पकड़ से अंजुल ने उसे पहली ही मीटिंग में प्रभावित कर दिया. फिर लंच के समय ऋषि ने अंजुल से पूछा कि औफिस की तरफ से उस के लिए क्या मंगवाया जाए?

‘‘कुछ भी चलेगा बस साथ में आप की कंपनी जरूर चाहिए,’’ अंजुल अब समय बरबाद नहीं करना चाहती थी.

पहले ही दिन से दोनों में अच्छी मित्रता हो गई. अपने बचपन, शिक्षा, कैरियर, परिवार संबंधी काफी बातें साझा करने के बाद दोनों ने शाम को एकदूसरे से विदा ली. गैस्ट हाउस लौट कर अंजुल ने कपड़े बदले और निकल गई गेटवे औफ इंडिया की सैर करने. ‘कल ऋषि से कहूंगी कि मुंबई की सैर करवाए,’ वह सोचने लगी. आज इसलिए नहीं कहा कि कहीं वह डैसपरेट न लगे. सुबह जो कमरा उसे बहुत साधारण लगा था, अब वहीं उसे उजले सपनों ने घेर लिया.

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अगले दिन क्लाइंट औफिस जाते हुए रास्ते में करण का फोन आया, ‘‘हाय जानेमन, कैसा लग रहा है मुंबई?’’

‘‘फर्स्ट क्लास, शहर भी और यहां के लोग भी,’’ अंजुल ने चहक कर उत्तर दिया.

आगे पढें- आज ऋषि ने बताया कि शाम को…

ड्राइविंग के वक्त ज़रूरी है पैदल चालकों का ध्यान रखना

जब हम गाड़ी चला रहे होते हैं तब हम  आमतौर पर अपनी कारों में काफी सुरक्षित होते हैं, लेकिन ऐसे में ज़रूरी है की हम पैदल चलने वालों की सुरक्षा पर भी नजर रखें. जब आप भारी आबादी वाले क्षेत्र में ड्राइव कर रहे हों,  तो सतर्क रहें  और उन पैदल चालकों पर ध्यान दें जो आपके रास्ते में आ सकते हैं.

आपके पास अपनी गाड़ी में सुरक्षा के सभी नए उपकरण मौजूद हैं लेकिन पैदल चालक अपनी सुरक्षा के लिए आपकी सतर्कता पर निर्भर करते हैं. तो ज़रूरी है की आप गाड़ी चलाते वक्त अपना फोकस सड़क पर ही रखें और रास्ते में आने वली सभी ज़ेब्रा क्रोसिंग पर गाड़ी रोकें और आपके साथ सड़क का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों का सम्मान करें.

Bigg Boss 14: ट्रोलर्स से परेशान हुईं Jasmin Bhasin, दिया करारा दवाब

‘बिग बॉस 14’ (Bigg Boss 14) के घर से बाहर हो चुकीं जैस्मिन भसीन इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. जहां वह शो में अली गोनी को लेकर सपोर्ट करती नजर आ रही हैं तो वहीं बार-बार रुबीना दिलाइक पर निशाना साधती दिख रही हैं. हालांकि ये बात  रुबीना दिलाइक के फैंस को बिल्कुल पसंद नहीं आ रही है, जिसके चलते वह लगातार जैस्मिन भसीन को ट्रोल कर रहे हैं. लेकिन अब इसी ट्रोलिंग को लेकर जैस्मिन भसीन ने सोशलमीडिया पर करारा जवाब दिया है. आइए आपको दिखाते हैं क्या कहा जैस्मिन भसीन ने…

वर्कवाउट वीडियो पर किया थो लोगों ने ट्रोल

हाल ही में जैस्मिन भसीन (Jasmin Bhasin) ने अपनी फिटनेस का जिक्र करते हुए  इंस्टाग्राम पर अपना एक वर्कआउट वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह बौक्सिंग करती नजर आ रही थीं. हालांकि जैस्मिन की इस वीडियो पर ट्रोलर्स उनके लिए भद्दी-भद्दी बातें लिख कर उन्हें ट्रोल कर रहे थे. वहीं ट्रोलर्स के इन भद्दे कमेंट को पढ़ने के बाद जैस्मिन भसीन खुद को नहीं रोक नहीं पाईं और उन्होंने ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए अपनी स्टोरी पर कुछ फोटोज शेयर करके ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है.

 

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स्क्रीनशौट किया शेयर

jasmin

ट्रोलर्स को करारा जवाब देते हुए जैस्मिन भसीन ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी वीडियो पर किए गए कमेंटबॉक्स का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘सीरियसली गाइज…क्या मेरे वर्कआउट के ऐसे नॉर्मल वीडियो पर ये सब डिजर्व करती हूं? शेम ऑन यू….’ . जैस्मिन भसीन के गुस्से को देखकर जहां ट्रोलर्स की बोलती बंद हो गई है तो वहीं साफ दिख रहा है कि जैस्मिन अब ट्रोलर्स की बिल्कुल नही सहेंगी.

बता दें, जैस्मिन भसीन ने शो में ही अली गोनी के संग अपनी लाइफ बिताने का मन बना लिया था. वहीं घर से बाहर आने के बाद जहां वह अली गोनी को सपोर्ट करती नजर आ रही हैं तो वहीं सोशलमीडिया पर रुबीना दिलाइक की जमकर बुराई करती दिख रही हैं, जिसके कारण रुबीना के फैंस गुस्से में हैं.

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#ssrbirthday: भाई सुशांत को याद कर इमोशनल हुईं श्वेता, शेयर किया खास पोस्ट

बीते साल 2020 में कई सेलेब्स ने इस दुनिया को अलविदा कहा. लेकिन कुछ सितारों की मौत ने दुनिया को चौंका दिया. वहीं इन नामों में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का नाम भी शादी है. पिछले साल 14 जून अपने बांद्रा स्थित फ्लैट में मृत पाए गए सुशांत को आज हर कोई याद कर रहा है. दरअसल, आज यानी 21 जून को सुशांत सिंह राजपूत का 35वां बर्थडे हैं. लेकिन वह आज हमारे साथ नही हैं, जिसका दुख उनके फैंस और फैमिली को बेहद महसूस हो रहा है. वहीं इस खास दिन पर उनके फैंस के साथ-साथ उनकी बहन श्वेता सिंह कीर्ति उन्हें याद करते हुए एक पोस्ट शेयर किया है. आइए आपको दिखाते हैं भाई के लिए एक बहन का खास पोस्ट….

भाई की फोटो की शेयर

दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के जन्मदिन के मौके पर श्वेता सिंह कीर्ति ने एक थ्रोबैक फोटोज का कोलाज शेयर किया है, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत, उनकी बहन श्वेता सिंह कीर्ति, उनकी भतीजी और पूरा परिवार नजर आ रहा है. वहीं इन फोटोज में सुशांत के बचपन की भी एक फोटो मौजूद है.

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सुशांत को पल पल याद कर रहीं हैं उनकी बहन

इकलौते भाई के अचानक चले जाने के बाद से श्वेता सिंह कीर्ति अक्सर सुशांत को याद करती रहती हैं. वहीं बर्थडे के खास मौके पर भी कोलाज के साथ श्वेता ने एक खास मैसेज शेयर करते हुए लिखा “लव यू भाई. आप मेरा हिस्सा हो और हमेशा ही रहोगे..” इसी के साथ जहां श्वेता के इस पोस्ट पर फैंस जमकर कमेंट कर रहे हैं तो वहीं ट्विटर पर #ssrbirthday, #ssrday के नाम से ट्रैंड कर रहे हैं.

सुशांत के बर्थडे पर किया ये काम

श्वेता सिंह कीर्ति ने सुशांत के बर्थडे पर एक नई खास चीज भी शुरु की है, जिसके चलते उन्होंने एक पोस्ट शेयर किया है और लिखा है कि “मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि भाई के 35वें जन्मदिन पर, उनके एक सपने को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया है. यूसी बर्कले में सुशांत सिंह राजपूत मेमोरियल फंड 3500 डॉलर देगा. यूसी बर्कले में एस्ट्रोफिजिक्स में रूचि रखने वाला कोई भी छात्र इसके फंड के लिए अप्लाई कर सकता है.” उन्होंने आगे लिखा,”हैप्पी बर्थडे मेरे छोटे भाई. उम्मीद करती हूं, तुम जहां भी हो खुशी से रह रहे होगे.”

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बता दें, सुशांत सिंह राजपूत के बर्थडे पर फैंस और फैमिली के साथ-साथ सेलेब्स भी अपनी बातें शेयर कर रहे हैं. वहीं एक्ट्रेस कंगना रनौत ने इस मौके पर एक बार फिर रिया चक्रवर्ती पर ताना कसा है, जिसके चलते कुछ लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं.

 इम्यूनिटी बढ़ाने के 7 टिप्स

2020 हम सब के लिए काफी अलग रहा. घूमनेफिरने पर रोक, लोगों से मिलनेजुलने की मनाही यानी लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गई थी. लेकिन अब जब हम 2021 में नई उम्मीदों के साथ कदम रख चुके हैं तो हमें अपने अंदर पौजिटिविटी लाने के साथसाथ न सिर्फ अपनी मैंटल, बल्कि फिजिकल हैल्थ पर भी काफी ध्यान देना होगा ताकि खुद को फिट रख कर हर बीमारी से लड़ सकें.

तो आइए जानते हैं उन 7 चीजों के बारे में, जिन्हें आप अपने लाइफस्टाइल में ला कर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं.

खानपान का रखें खास खयाल

जब भी हमारा ब्रेन थक जाता है तो वह सिगनल जरूर देता है जैसे आप काम में मन नहीं लगा पाते, अच्छी तरह नहीं सोच पाते. ऐसा अकसर तब होता है जब आप भरपूर नींद नहीं लेते हैं या फिर सोने के समय को टीवी या फिर मोबाइल देखने में लगा देते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप का ऐसा करना आप की इम्यूनिटी को भी कमजोर बनाने का कारण बन सकता है? एक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि नींद और हमारी इम्यूनिटी सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं, क्योंकि जब हम सोते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम कुछ खास तरह के कीटौकिंस रिलीज करता है, जो इन्फैक्शन, जलन, सूजन और तनाव को कम करने में सहायक होता है.

लेकिन जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो ये सुरक्षा प्रदान करने वाले टौक्सिंस और संक्रमण से लड़ने वाली ऐंटीबौडीज बननी कम हो जाती हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम करती हैं. इसलिए जरूरी है कि रोज 6-7 घंटे की नींद जरूर लें खासकर रात की नींद से बिलकुल सम?ौता न करें.

दिमाग को दें आराम

कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ महीनों से घर में रहने के कारण हमारा लाइफस्टाइल काफी खराब हो गया है. ज्यादा खाने की हैबिट व ऐसे स्नैक्स को पसंद करने लगे हैं, जिन में न्यूट्रिऐंट्स बहुत कम होते हैं और फैट्स, शुगर व साल्ट की मात्रा काफी होती है, जो शरीर को अंदर से खोखला बनाने के साथसाथ आप को बीमारियों की गिरफ्त में भी ला देती है.

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रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्लांट बेस्ड फूड्स, सब्जियां, फल ऐंटीऔक्सीडैंट्स में रिच होने के साथसाथ बीटा कैरोटिन, विटामिन सी, डी और ई जैसे न्यूट्रिऐंट्स प्रदान करते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ औक्सिडेटिव स्ट्रैस को भी कम करने में मदद करते हैं.

बीटा कैरोटिन में ऐंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण ये शरीर में बीमारियों से लड़ने वाले सैल्स को बढ़ा कर जलन व सूजन को कम करने तथा इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें.

विटामिन ए और सी शरीर में फ्री रैडिकल्स को खत्म कर के इम्यून सिस्टम को सुचारु रूप से काम करने में मदद करते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में संतरा, ब्रोकली, नट्स, पालक, नीबू, स्ट्राबेरी तथा फलों व सब्जियों को शामिल करें. आप विटामिन डी के लिए सुबह की धूप लेने के साथसाथ सप्लिमैंट्स भी लें, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं.

इस से आप की बौडी इन्फैक्शन से लड़ने में सक्षम बन जाती है. अत: आप बीमारियों से बचना है तो अपने खानपान में हैल्दी चीजों को जरूर शामिल करें.

से नो टु अलकोहल

शराब का एक जाम आप की रात को सुहावना बना देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप की रोजाना शराब पीने की आदत आप की इम्यूनिटी को भी प्रभावित करने का काम करती है? एक अध्ययन के अनुसार, अलकोहल के ज्यादा सेवन करने से फेफड़ों व ऊपरी स्वशन तंत्र में इम्यून सैल्स को काफी नुकसान पहुंचता है. इसलिए नए साल से अलकोहल को अपनी जिंदगी से करें आउट.

हो सकता है शुरुआत में आप को इसे छोड़ने में दिक्कत हो, लेकिन आप की विल पावर इसे छोड़ने में आप की मदद करेगी. जब भी आप का मन शराब पीने का करे तो नीबू पानी, सूप, जूस लें, क्योंकि ये शरीर को डीटौक्स करने के साथसाथ आप को अलकोहल से दूर करने में भी आप की मदद करेंगे.

बूस्ट योर इम्यूनिटी

कुछ शोधों में साबित हुआ है कि ऐक्सरसाइज से इम्यूनिटी बूस्ट होती है. लेकिन आजकल लोगों का रूटीन इतना बिजी हो गया है कि वे खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में अगर आप के पास मौडरेट ऐक्सरसाइज करने के लिए समय नहीं है तो आप रोज 15 मिनट ऐक्सरसाइज जरूर करें. इस में आप ब्रिस्क वाक, जौगिंग, साइक्लिंग को शामिल कर सकते हैं.

अगर आप को स्विमिंग का शौक है तो यह आप के लिए काफी अच्छी ऐक्सरसाइज साबित होगी. रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि अगर आप हफ्ते में 150 मिनट मौडरेट ऐक्सरसाइज करते हैं तो यह आप के इम्यून सैल्स के पुनर्निर्माण में मदद करती है.

पानी से रखें खुद का खयाल

क्या आप जानते हैं कि 60% तक वयस्क शरीर पानी से बना होता है, जिस में फेफड़ों में 83% पानी और हार्ट और ब्रेन में 73% पानी होता है? आप के शरीर के हर सिस्टम को ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है. लेकिन जब हम खाना खाते हैं, सांस लेते हैं या फिर जब शरीर से पसीना निकलता है तो हमारे शरीर से पानी कम होता है, जिस की पूर्ति हम जो पानी या फिर फ्लूड लेते हैं उस से पूरी होती है.

इसलिए जरूरी है कि दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं. पानी के जरीए औक्सीजन और न्यूट्रिऐंट्स पूरी बौडी में पहुंच कर विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल कर आप को बीमारियों से बचाते हैं. इसलिए खूब पानी, नीबू पानी, कुनकुना पानी पीएं. क्योंकि ये ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करने, बौडी को डीटौक्स कर के आप की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करते हैं.

मैंटेन करें हैल्दी वेट

इम्यून सिस्टम विभिन्न तरह के सैल्स से बनता है, जो शरीर को बैक्टीरिया, वायरस से बचाने का काम करता है. इन सब को शरीर में एकसाथ संतुलन के साथ रहना होता है ताकि शरीर फिट रहे. लेकिन शरीर में जब फैट की मात्रा अधिक हो जाती है तो यह इम्यून सैल्स को कमजोर बनाने का काम करता है, जिस से शरीर बीमारियों से अच्छी तरह लड़ नहीं पाता और कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है.

इसलिए इम्यून सिस्टम को ठीक से कार्य करने के लिए अपने वेट को मैंटेन रखें.

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स्ट्रैस को कहें बायबाय

हमारी लाइफ में कब कैसी स्थिति आ जाए, कहा नहीं जा सकता. ऐसे में न चाहते हुए भी हम स्ट्रैस की गिरफ्त में आ जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस के कारण शरीर में जलन व सूजन होने से हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, क्योंकि जब हम तनाव में रहते हैं तो हमारे इम्यून सिस्टम की एंटीजन्स से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिस से हमें इन्फैक्शन होने का डर काफी बढ़ जाता है.

इसलिए स्ट्रैस में न रहें. स्ट्रैस को कम करने के लिए चाहे जैसी भी परिस्थिति हो पौजिटिव सोचें, ब्रेन को आराम दें, नियमित ऐक्सरसाइज करें, हैल्दी ईटिंग हैबिट्स फौलो करें. इस तरह अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं.

सैनिटाइज करने से मेरी स्किन ड्राय और बेजान हो रही है, मैं क्या करुं?

सवाल-

इस सदी में कोरोना महामारी के साथ हाथों को नियमित धोना और उन्हें लगातार सैनिटाइज करना बेहद जरूरी है, लेकिन हर घंटे हाथ धोने या सैनिटाइज करने से मेरी त्वचा ड्राई और बेजान हो रही है. मैं अपने हाथों की देखभाल कैसे करूं?

जवाब-

हाथों की केयर के लिए आप मौइस्चराइजिंग वाले साबुन से हाथ धोएं या जैल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. हर बार हाथ धोने के बाद सामान्य मौइस्चराइजर या वैसलीन का हाथों पर इस्तेमाल करें. अगर हाथों की त्वचा रूखी और दरारों वाली है तो उस को ठीक करने के लिए हाथों पर बारबार नारियल तेल का इस्तेमाल करें.

झाड़ूपोंछा, बरतन, कपड़े की सफाई करते समय जब आप डिटर्जेंट या डिस्इनफेक्टैंट का इस्तेमाल करते हैं तो ग्लव्स पहन कर रखें. अगर आप की त्वचा

पर कट या हाथों पर ड्राई पैच बन गए हैं, जो मौइस्चराइजर के उपयोग से भी ठीक नहीं हो रहे हैं तो किसी डर्मेटोलौजिस्ट से इस का ट्रीटमैंट करवाएं.

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लौकडाउन के दौरान घर का काम करते हुए हाथों और पैरों का इस्तेमाल सब से ज्यादा होता है. आजकल हमें ऐसे कई तरह के काम करने पड़ रहे हैं जो हाथों की त्वचा को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं. जैसे कपड़े धोते समय तरहतरह के डिटर्जेंट का उपयोग करना पड़ता है. उन में केमिकल्स कंपोनेंट काफी हाई होता है. यही नहीं कपड़े धोते समय कभी गर्म तो कभी ठंडे पानी का इस्तेमाल होता है. यह सब हमारे हाथों के लिए काफी परेशानी पैदा करते हैं. त्वचा पर रैशेज या फिर इरिटेशन हो जाती है.

इसी तरह बर्तन धोते समय भी हम कई बार जूना, हार्ड स्पंज वाले स्क्रबर या ब्रश का प्रयोग करते हैं. बर्तन की सफाई के लिए लिक्विड सोप या गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं. इस से नाखूनों के साथसाथ हथेलियों की आगे और पीछे की त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कोरोना काल में कैसे करें हाथों की देखभाल

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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Beauty Blog: मेरा सफ़र बालों के संग

जब से  मैंने होशा संभाला था, अपने बालों को एक सुनामी जैसे पाया था.12 या 13 वर्ष की उम्र उस समय( 90 के दशक में) इतनी ज्यादा नही होती थी कि मुझे कुछ समझ आता .तेल से तो उस समय मेरा दूर दूर तक नाता नही था.शायद ही कभी तेल को बालों में लगाया हो.मेरे बाल बहुत घने थे जिसके लिए अधिकतर लोग तरसते हैं.मेरी अपनी सहेलियां और दूर पास की रिश्ते की बहने मेरे जैसे बाल चाहती थी.मेरे बाल वेवी थे इसलिए बिना ड्रायर के ही हमेशा फूले हुए लगते थे.

बाल क्योंकि वेवी थे,इसलिये मेरी मम्मी हमेशा बोयकट ही करवाती थी .बॉय कट के कारण मुझे अपना साधरण चेहरा और अधिक साधरण लगता था.कंडीशनर, स्पा इत्यादि का तब प्रचलन नही था.बाल धोने के लिए हमे हफ़्ते में एक बार ही शैम्पू मिलता था .हफ्ते में बाकी दिन मुझे नहाने के साबुन से ही बाल धोने पड़ते थे.साबुन से धोने के कारण और तेल या अन्य कोई घरेलू नुस्खा  ना अपनाने के कारण मेरे कड़े बाल और अधिक रूखे और कड़े हो गए थे.

पर फिर भी बिना किसी प्रकार की देखभाल के भी मेरे बाल ना झड़ते थे, ना टूटते थे.

फिर जब मैं कॉलेज में आई तो स्टेपकट करा लिया जो मेरे बालो के टेक्सचर कारण अच्छा लगता था.फिर शुरू हुआ इक्का दुक्का सफ़ेद बालो का दिखना.अब सोचती हूँ कि उन सफ़ेद बालो को ऐसे ही छोड़ सकती थी. पर मैंने अपने बालों में मेहंदी लगानी शुरू कर दी थी.हर 15 दिन बाद में मेहंदी लगा लेती थी, बाल चमकने के साथ साथ बहुत सख्त भी हो गए थे.ये सारे प्रयोग मैं  चाची, नानी इत्यादि के घरेलू नुस्खों की मदद से कर रही थी.

जब भी बाल कटाने जाती तो हमेशा कहा जाता कि मेहंदी की एक परत मेरे बालो पर जम गई हैं.अधिक मेहंदी बालो के लिए नुकसानदेह हैं.पर मैने अधिक ध्यान नही दिया.विवाह के पश्चात मेरे ब्यूटी रूटीन में कंडीशनर भी जुड़ गया था.अब मैं हफ़्ते में तीन दिन बाल धोती थी और बाद में कंडीशनर लगाती थी.

पर यहाँ भी मैंने एक गलती करी थी कि मैंने शैम्पू और कंडीशनर का चुनाव अपने बालों के हिसाब से नही बल्कि मूल्य के हिसाब से किया था.

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फिर विवाह के डेढ़ वर्ष बाद मैंने बेटी को जन्म दिया .बाल बेहिसाब झड़ रहे थे, सब ये ही कह रहे थे कि माँ बनने के बाद ये बदलाव नार्मल हैं.बेटी के जन्म के पश्चात मुझे हाइपोथायरायडिज्म की समस्या भी हो गई थी. पर फिर भी मैंने अपने बालों की देखभाल में कोई परिवर्तन नही किया था. फिर धीरे धीरे जब मेहंदी की परत के कारण जब मेरे बाल एकदम लाल हो गए तो परिवार के कहने पर मैंने हेयर कलर करना आरंभ कर दिया था.ये बात झूठ नही होगी अगर मैं ये कहूं कि कलर के बाद बाल थोड़े ज्यादा अच्छे लगते हैं और उनमें रूखापन भी थोड़ा कम हो जाता हैं.कभी घर पर कलर करती थी और कभी पार्लर में.जब भी पार्लर में कलर करवाने जाती ,एक ही बात बताई जाती”स्पा लेना जरूरी हैं”

पर जैसे की आमतौर पर सबको लगता हैं, मुझे भी ये ही लगा कि ये पार्लर वाले ,पैसा उघाहने के कारण ऐसा बोलते हैं.32 वर्ष से 40 वर्ष तक लगातार कलर करने के कारण बाल इतने अधिक रूखे हो गए थे जैसे कोई झाड़ू हो.फिर भी मैंने कुछ नही सीखा और घुस गई हेयर केराटिन की दुनिया में. पार्लर में बोला गया ये मेरे बालो को एकदम ठीक कर देगा पर मुझे स्पा कराना जरूरी हैं.

अब मैं एक बात बताना चाहूंगी कि केराटिन, स्मूथीनिंग या स्ट्राइटेनिंग सब मे केमिकल्स का ही प्रयोग होता हैं.इस भुलावे में मत रहे कि केराटिन में केमिकल्स नही होता हैं. हेयर कलर हो या किसी भी प्रकार का हेयर ट्रीटमेंट सब मे केमिकल्स होते हैं.जरूरत हैं कि अपने बालों को समझ कर उस हिसाब से ही देखभाल करें.

अब इतने वर्षो बाद मुझे समझ आया हैं कि आपके बालों को आपसे बेहतर कोई नही समझ सकता हैं.अपने पति, बच्चो, बहन, दोस्तो या फिर पार्लर के कहने पर बालो पर कदापि भी प्रयोग मत करे.ये बात याद रखिये ये आपके बाल हैं ,कोई प्रयोगशाला नही हैं.उल्टे सीधे प्रयोग बंद कीजिए.

अब 44 वर्ष की उम्र में ये तो नही कहूंगी कि मेरी जुल्फें काली, रेशमी और घनी हो गयी है.पर मैंने अब अपने बालों को समझ कर उनकी देखभाल आरंभ कर दी हैं.आईये मैं कुछ छोटे छोटे टिप्स शेयर करती हूँ शायद ये आपके लिए भी फायदेमंद साबित हो.ये सारे ही टिप्स या सुझाव मेरे अपने अनुभव पर आधरित हैं.

1.आयल मसाज हैं ज़रूरी-ऑयल मसाज  का कोई भी विकल्प नही हैं.बाजार में उपलब्ध खुश्बूदार तेल के बजाय घर मे उपलब्ध सरसों का तेल या प्राकृतिक नारियल के तेल का इस्तेमाल करे.बाल धोने से पहले मसाज आवश्यक हैं.अगर रात भर तेल लगा कर नही रख सकती हैं तो कम से कम दो  घँटे पहले अवश्य रखे.

2.घरेलू हेयर मास्क चुने बालो के हिसाब से-दो चम्मच प्याज का रस बालो पर अगर आप धोने से पहले लगाती हैं तो ये आपके बालों को मुलायम बनाने के साथ साथ मजबूत भी बनाता हैं.मेथी दाना और दही का मास्क भी रूखे बालो के लिए लाभकारी हैं.मुल्तानी मिट्टी का पैक तैलीय बालो के लिए उत्तम हैं. आपकी रसोई में ही सब कुछ हैं पर जरूरत हैं अपने बालों को समझे और फिर उनकी देखभाल करे.अकसर हम दूसरों की देखादेखी कोई भी हेयर मास्क लगा लेते हैं जो सही नही हैं.

3.हेयर कलर और हेयर स्पा साथ साथ हैं-अगर आप हेयर कलर करती हैं तो माह में कम से कम एक बार हेयर स्पा जरूरी हैं.तीन माह में एक बार हेयर कलर पार्लर पर करवा सकती हैं .टच उप हर 15 दिन में घर पर कर सकती हैं.हेयर स्पा भी आप एक माह घर पर और एक माह पार्लर पर करवाए. बालो की सेहत बनी रहेगी.

4.नेचुरल बालों से ही होती हैं शान-जहाँ  तक हो सके बालो पर रिबॉन्डिंग, केराटिन या कर्लिंग मत करवाए. ये सब केमिकल ट्रीटमेंट हैं जो आपके बालो की क्वांटिटी और क़्वालिटी दोनो को खराब कर देते हैं.आपके बाल चाहे सीधे हो, घुंघराले हो या फिर वेवी हो उन्हें वैसे ही रहने दे.ये केमिकॉली ट्रीटेड बालो से अधिक मजबूत और घने होते हैं.

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5.ट्रिमइंग हैं जरूरी- हर दो या तीन माह में ट्रिमिंग अवश्य कराए.ट्रिमिंग कराते रहने से बाल संभले हुए और बेहतर लगते हैं.

6.विटामिन और मिनरल्स को भी बनाये साथी- विटामिन्स और मिनरल्स को फल, सब्ज़ी या कैप्सूल के रूप में अपनी थाली में शामिल कर ले.जिंक, विटामिन ई इत्यादि बालो के लिए बहुत अच्छे रहते हैं

7.हार्मोनल इम्बलनस का कराया उपचार- हाइपोथायरायडिज्म बालो को रूखा करता हैं.बालो के झड़ने के पीछे भी इसका भी हाथ होता हैं.अगर कोई हार्मोनल असंतुलन हैं तो उसका उपचार अवश्य करवाए.

8.उम्र के हिसाब से करे देखभाल में परिवर्तन- जो हेयर मास्क 20 की उम्र के लिए कारगर हैं वो 40 में नही होगा.अपनी उम्र, जीवनशैली के हिसाब से ही अपने बालों की देखभाल करे.

आपके बालों का टेक्सचर आपकी जीन, आपकी जीवनशैली पर बहुत हद तक निर्भर करता हैं.पर अपने अनुभव के आधार पर ये अवश्य कह सकती हूँ कि थोड़ी सी मेहनत से, कुछ सजगता से हम बालो को संभाल जरूर सकते हैं.

घर को दें प्रकृति का साथ

पौधों से सजा धजा घर किसे अच्छा नहीं लगता. देखने में सुंदर लगने के साथ साथ पेड़ पौधे मन को भी बड़ा सुकून देते हैं. कोरोना के बाद से तो इंसानों का प्रकृति के प्रति झुकाव और अधिक हो गया है तथा सेहतमंद रहने के लिए घरों की आबोहवा को स्वस्थ और ताजे रखने के लिए स्मार्ट उपाय खोजे जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त कोरोना ने हमें यह भी सिखा दिया कि जिंदगी में ऐसा वक्त भी आ सकता है जब कि महीनों घरों में बंद रहने को हम मजबूर हो जाएं ऐसे में घर के पेड़ पौधे दिल दिमाग पर नकारात्मकता को हावी नहीं होने देते.

बढ़ते वायु प्रदूषण के असर को कम करने में भी पेड़ पौधे कारगर हैं परन्तु आजकल महानगरों में फ्लैट कल्चर के चलते पेड़ पौधों को लगाने के लिए जगह का अभाव होता है. हाल ही में की गई एक रिसर्च के अनुसार आज 10 में से 8 घरों में प्राइवेट गार्डन के लिए जगह नहीं होती ऐसे में प्रकृति को कैसे घरों में प्रवेश कराया जाए इसके लिए निरन्तर विकल्प तलाशे जा रहे हैं. तो आइए हम आपको बताते हैं गार्डनिंग की कुछ तकनीकें जिनको अपनाकर आप अपने छोटे घरों में भी पेड़ पौधों को समुचित स्थान दे सकते हैं-

-बालकनी गार्डनिंग

रिसर्च के अनुसार 2021 में बालकनी गार्डनिंग सबसे बड़ा ट्रेन्ड साबित होगा. बालकनी में जैस्मीन, लेवेंडर, यूकेलिप्टस, स्नैक प्लांट, क्रोटन, जेड प्लांट और पीस लिली के पौधों को आसानी से जगह दी जा सकती है. इन्हें लगाने के लिए आप हैंगिग गमलों का प्रयोग करें इससे आपका उद्देश्य भी पूरा हो जाएगा और आप उपलब्ध जगह का समुचित उपयोग भी कर पाएंगे. बालकनी की रेलिंग के अतिरिक्त आप दीवारों पर भी हुक की सहायता से गमले टांग सकतीं हैं. ध्यान रखें कि टाँगे जाने वाले गमले बहुत अधिक भारी न हों.

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-विंडोसिल गार्डनिंग

बागवानी की इस विधा के अंतर्गत कुकिंग में प्रयोग की जाने वाली सामग्री को किचन की खिड़कियों पर छोटे छोटे गमलों में उगाया जाता है. इस पद्धति का प्रयोग करके किचन की खिड़कियों पर मिर्च, धनिया, बेबी चुकंदर, पालक, मैथी, पोदीना आदि को बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है. पेंडेमिक के बाद से लोंगो में घर में सब्जियां उगाने का प्रचलन बहुत बढ़ा है. इससे ताजी और केमिकल रहित सब्जियां आसानी से उगाई जा सकतीं हैं.

-इंडोर गार्डनिंग

रिसर्च के अनुसार पेंडेमिक के बाद आम लोंगों में हाउस होल्ड प्लांट्स लगाने का प्रचलन बढ़ा है. वर्क फ्रॉम होम के कारण भी लोंगो ने प्रकृति को घरों में जगह देना प्रारम्भ किया है. इंडोर गार्डनिंग में घरों के अंदर ड्राइंग रूम, लिविंग रूम, हॉल आदि में ऐसे पौधों को स्थान दिया जाता है जिन्हें धूप की आवश्यता नहीं होती. आमतौर पर इन्हें सजावटी गमलों में लगाया जाता है. एरिका पाम, विविध प्रकार के स्नैक प्लांट, रबर प्लांट, मनी प्लांट आदि को घरों के अंदर बड़ी आसानी से लगाया सकता है ये हवा को शुद्ध करने का कार्य करते हैं.

-हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग

गार्डनिंग की इस नई विधा में पौधों को बिना मिट्टी के पानी में उगाया जाता है. घरों के अंदर इन्हें लगाने के लिए आप कांच के जार या बोतल का प्रयोग कर सकतीं हैं. मनी प्लांट, बेम्बू प्लांट, स्नैक प्लांट, सिंगोनियम आदि की विभिन्न वैराइटीज के पौधों को इस तकनीक के जरिये उगाया जा सकता है. मिट्टी में उगाए पौधों की अपेक्षा इनके बढ़ने की गति कुछ धीमी होती है परन्तु इन्हें कम जगह में बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. ये दिखने में तो बहुत अच्छे लगते ही हैं साथ ही बहुत कम मेंटेनेन्स भी मांगते हैं.

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रखें इन बातों का ध्यान

-बालकनी में रखे जाने वाले पौधों के नीचे गार्डन प्लेट अवश्य रखें ताकि इनका पानी बहकर आपकी बालकनी को खराब न करे.
-यहां के पौधों में बहुत अधिक पानी न डालें केवल उतना ही पानी डालें जिससे मिट्टी गीली हो जाये.
-किचन की ग्रिल या खिड़की पर छोटे छोटे गमलों में सब्जियां लगाएं क्योंकि इन्हें रखना आसान होता है.
-इंडोर प्लांट्स के पत्तों को साफ अवश्य करें जिससे ये देखने में सुंदर लगते हैं.
-पानी में उगाए पौधों का प्रति सप्ताह पानी बदलना अत्यंत आवश्यक होता है अन्यथा इनकी जड़ें सड़ने लगतीं हैं.
-फिल्टर या आर ओ के पानी के स्थान पर सादे नल के पानी का ही प्रयोग करें.
-बेम्बू प्लांट का पानी बदलते समय पानी में 3-4 शकर के दाने डाल देने से इसकी पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है.
-अन्य पौधों के पानी में माह में एक बार डी ए पी के 2-3 दाने डालने से उनकी ग्रोथ अच्छी रहती है.
-समय समय पर इनकी पीली पत्तियों को हटाते रहें और चारों ओर से कटाई छटाई करना अत्यंत आवश्यक है.
-बाजार से गमले लाने की अपेक्षा घर में उपलब्ध खाली तेल की केन, बेकार प्लास्टिक की डलियों, हरे नारियल के खोल और बेकार कांच के जार और मग का प्रयोग करें.

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