पंकज ने प्रश्नसूचक दृष्टि से नीरज की तरफ देखा.
‘‘अंकल के ड्राइवर का एटीएम कार्ड चल रहा है. पर उस के खाते में रुपए नहीं हैं. अंकल ने पापा से कहा है कि वे ड्राइवर के खाते में 25 हजार रुपए जमा कर दें, वे दिल्ली आ कर मैनेज कर देंगे. ड्राइवर का एटीएम कार्ड भारतीय स्टेट बैंक का है. मैं वहीं जमा कराने जा रहा हूं.’’
‘‘एक मिनट रुको नीरज. मुझे मामला कुछ उलझा सा लग रहा है. रामचंदर बाबू आप को कुछ अटपटा नहीं लग रहा है?’’
‘‘कैसा अटपटा?’’
‘‘उन्होंने अपने साले से लुधियाना, जहां रात में रुके भी थे, रुपया जमा कराने के लिए क्यों नहीं कहा?’’
‘‘शायद रिश्तेदारी में न कहना चाहते हों.’’
‘‘तो आप से क्यों कहा? आप से तो नाजुक रिश्तेदारी होने वाली है.’’
‘‘शायद मुझ पर ज्यादा भरोसा हो.’’
‘‘कैसा भरोसा? अभी तो आप लोगों ने एकदूसरे का चेहरा भी नहीं देखा है. फिर 2-2 फैक्टरियों के किसी मैनेजर को फोन कर के रुपया जमा करने को क्यों नहीं कहा?’’
‘‘अरे, दिल्ली से 45 किलोमीटर दूर ही तो हैं वे. मुंबई दूर है.’’
ये भी पढ़ें- Short Story: अब क्या करूं मैं
‘‘क्या बात करते हैं? कंप्यूटर के लिए क्या दिल्ली क्या मुंबई. लड़का भी तो साथ है. उस का भी कोई कार्ड नहीं चल रहा है. आजकल तो कईकई क्रैडिटडैबिट कार्ड रखने का फैशन है.’’
‘‘क्या मालूम?’’ रामचंदर बाबू भी सोच में पड़ गए.
‘‘किसी का कार्ड नहीं चल रहा है. सिर्फ ड्राइवर का कार्ड चल रहा है. बात जरा समझ में नहीं आ रही है.’’
‘‘तो क्या किया जाए भैया. बड़ी नाजुक बात है. अगर सच हुआ तो बात बिगड़ी ही समझो.’’
‘‘इसीलिए तो मैं कुछ बोल नहीं पा रहा हूं?’’
‘‘नहीं. तुम साफ बोलो. अब बात फंस गई है.’’
‘‘यह फ्रौड हो सकता है. आप रुपया जमा करा दें और फिर वे फोन ही न उठाएं तो आप उन्हें कहां ढूंढ़ेंगे?’’
‘‘25 हजार रुपए का रिस्क है,’’ नीरज धीरे से बोला.
‘‘मेरा तो दिमाग ही नहीं चल रहा है. इसीलिए तो तुम्हें बुलाया है. बताओ, अब क्या किया जाए?’’
‘‘नीरज, तुम्हें अकाउंट नंबर तो बताया है न.’’
‘‘हां, ड्राइवर का अकाउंट नंबर बताया है. स्टेट बैंक का है. इसी में जमा करने को कहा है.’’
‘‘चलो, सामने वाले पीसीओ पर चलते हैं. तुम उन को वहीं से फोन करो और कहो कि बैंक वाले बिना खाता होल्डर की आईडी प्रूफ के रुपया जमा नहीं कर रहे हैं. कह देना मैं मैनेजर साहब के केबिन से बोल रहा हूं. आप इन्हीं के फैक्स पर ड्राइवर की आईडी व अकाउंट नंबर फैक्स कर दें. वैसे, ऐसा कोई नियम नहीं है. 25 हजार रुपए तक जमा किया जा सकता है. हो सकता है वे ऐसा कुछ कहें. तो कहना, लीजिए, मैनेजर साहब से बात कर लीजिए. तब फोन मुझे दे देना. मैं कह दूंगा कि अब यह नियम आ गया है.’’
‘‘इस से क्या होगा?’’
‘‘आईडी और अकाउंट नंबर का फैक्स पर आ गया तो रुपया जमा कर देंगे, वरना तो समझना फ्रौड है.’’
‘‘अगर वहां फैक्स सुविधा न हुई तो?’’ रामचंदर बाबू बोले.
‘‘जब एटीएम है तो फैक्स भी होगा. फिर उन्हें तो कहने दीजिए न.’’
‘‘ठीक है. ऐसा किया जाए. इस में कोई बुराई नहीं है.’’ रामचंदर बाबू के दिमाग में भी शक की सूई घूमी. पंकज व नीरज पीसीओ पर आए. उस का फैक्स नंबर नोट किया व फिर नीरज ने फोन मिलाया.
‘‘अंकल नमस्ते,’’ नीरज बोला, ‘‘मैं रामचंदरजी का बेटा नीरज बोल रहा हूं.’’
उधर से कुछ कहा गया.
‘‘नहीं अंकल, बैंक वाले रुपए जमा नहीं कर रहे हैं. कह रहे हैं अकाउंट होल्डर का आईडी प्रूफ चाहिए. मैं बैंक से ही बोल रहा हूं,’’ नीरज उधर की बात सुनता रहा.
‘‘लीजिए, आप मैनेजर साहब से बात कर लीजिए,’’ नीरज ने फोन काट दिया.
‘‘क्या हुआ,’’ मैं ने दोबारा पूछा.
‘‘उन्होंने फोन काट दिया,’’ नीरज बोला.
‘‘काट दिया? पर कहा क्या?’’
‘‘मैं ने अपना परिचय दिया तो अंकल ने पूछा कि रुपया जमा किया कि नहीं. मैं ने बताया कि बैंक वाले जमा नहीं कर रहे हैं, तो अंकल बिगड़ गए, बोले कि इतना सा काम नहीं हो पा रहा है. मैं ने जब कहा कि लीजिए बात कर लीजिए तो फोन ही काट दिया.’’
‘‘फिर मिलाओ.’’
नीरज ने फिर से फोन मिलाया लेकिन लगातार स्विच औफ आता रहा.
पंकज ने राहत की सांस ली. ‘‘अब चलो.’’
वे दोनों वापस घर आ गए व रामचंदर बाबू को विस्तार से बताया.
‘‘हो सकता है गुस्सा हो गए हों, परेशान होंगे,’’ वे सशंकित थे.
‘‘आप मिलाइए.’’ रामचंदर बाबू ने भी फोन मिलाया पर स्विच औफ आया.
‘‘15 मिनट रुक कर मिलाइए.’’
ये भी पढ़ें- जेठ जीजाजी: ससुराल के रिश्तों में उलझी प्रशोभा की कहानी
15-15 मिनट रुक कर 4 बार मिलाया गया. हर बार स्विच औफ ही आया.
‘‘ये साले वाकई फ्रौड थे,’’ आखिरकार रामचंदर बाबू खुद बोले, ‘‘नहीं तो हमारी रिनी कौन सी ऐसी हूर की परी है कि वे लोग शादी के लिए मरे जा रहे थे. उन का मतलब सिर्फ 25 हजार रुपए लूटना था.’’
‘‘ऐसे नहीं,’’ पंकज ने कहा, ‘‘अभी और डिटेल निकालता हूं.’’
उस ने अपने दोस्त अखिल को फोन किया जो एसबीआई की एक ब्रांच में था. उस ने उस अकाउंट नंबर बता कर खाते की पूरी डिटेल्स बताने को कहा. उस ने देख कर बताया कि उक्त खाता बिहार के किसी सुदूर गांव की शाखा का था.
‘‘जरा एक महीने का स्टेटमैंट तो निकालो,’’ पंकज ने कहा.
‘‘नहीं यार, यह नियम के खिलाफ होगा.’’
पंकज ने जब उसे पूरा विवरण बताया तो वह तैयार हो गया. ‘‘बहुत बड़ा स्टेटमैंट है भाई. कई पेज में आएगा.’’
‘‘एक हफ्ते का निकाल दो. मैं नीरज नाम के लड़के को भेज रहा हूं. प्लीज उसे दे देना.’’
‘‘ठीक है.’’
नीरज मोटरसाइकिल से जा कर स्टेटमैंट ले आया. एक सप्ताह का स्टेटमैंट 2 पेज का था. 6 दिनों में खाते में 7 लाख 30 हजार रुपए जमा कराए गए थे व सभी निकाल भी लिए गए थे. सारी जमा राशियां 5 हजार से 35 हजार रुपए की थीं. उस समय खाते में सिर्फ 1,300 रुपए थे. स्टेटमैंट से साफ पता चल रहा था कि सारे जमा रुपए अलगअलग शहरों में किए गए थे. रुपए जमा होते ही रुपए एटीएम से निकाल लिए गए थे. अब तसवीर साफ थी. रामचंदर बाबू सिर पकड़ कर बैठ गए.
‘‘देख लिया आप ने. एक ड्राइवर के खाते में एक हफ्ते में 7 लाख से ज्यादा जमा हुए हैं. फैक्टरियां तो उसी की होनी चाहिए.’’
‘‘मेरे साथ फ्रौड हुआ है.’’
‘‘बच गए आप. कहीं कोई लड़का नहीं है. कोई बाप नहीं है. कोई फैक्टरी नहीं है. यहीं कहीं दिल्ली, मुंबई या कानपुर, जौनपुर जगह पर कोई मास्टरमाइंड थोड़े से जाली सिमकार्ड वाले मोबाइल लिए बैठा है और सिर्फ फोन कर रहा है. सब झूठ है.’’
‘‘मैं महामूर्ख हूं. उस ने मुझे सम्मोहित कर लिया था.’’
‘‘यही उन का आर्ट है. सिर्फ बातें कर के हर हफ्ते लाखों रुपए पैदा
कर रहे हैं. इस की तो एफआईआर होनी चाहिए.’’
रामचंदर बाबू सोच में पड़ गए और बोले, ‘‘जाने दो भैया. लड़की का मामला है. बदनामी तो होगी ही, थाना, कोर्टकचहरी अलग से करनी पड़ेगी. फिर हम तो बच गए.’’
‘‘आप 25 हजार रुपए लुटाने पर भी कुछ नहीं करते. कोई नहीं करता. किसी ने नहीं किया. लड़की का मामला है सभी के लिए. कोई कुछ नहीं करेगा. यह वे लोग जानते हैं और इसी का वे फायदा उठा रहे हैं.’’
‘‘हम लोग तुम्हारी वजह से बच गए.’’
‘‘एक बार फोन तो मिलाइए रामचंदर बाबू. हो सकता है वे लोग रैडिसन में इंतजार कर रहे हों.’’
रामचंदर बाबू ने फोन उठा कर मिलाया व मुसकराते हुए बताया, ‘‘स्विच औफ.’’
बाद में पंकज ने अखिल को पूरी बात बता कर बैंक में रिपोर्ट कराई व खाते को सीज करा दिया. पर एक खाते को सीज कराने से क्या होता है.
और बाद में, करीब 6 महीने बाद रिनी की शादी एक सुयोग्य लड़के से हो गई. मजे की बात विवाह इंटरनैट के मैट्रिमोनियल अकाउंट से ही हुआ. रिनी अपनी ससुराल में खुश है.
ये भी पढ़ें- आशियाना: क्यों अपने ही आशियाने की दुश्मन बन बैठी अवनी