Serial Story: अब और नहीं (भाग-4)

घर आ कर भूपेश बहुत देर तक उत्तेजित होता रहा. दीपमाला उस आदमी के साथ कितनी खुश लग रही थी, उसे यह बात रहरह कर दंश मार रही थी. उपासना से शादी कर के उस के अहं को संतुष्टि तो मिली, लेकिन उपासना दीपमाला नहीं थी. शादी के बाद भी उपासना पत्नी न हो कर प्रेमिका की तरह रहती थी. घर के कामों में बिलकुल फूहड़ थी.

उस की फजूलखर्ची से भूपेश अब परेशान रहने लगा था. कभी उस पर झुंझला उठता तो उपासना उस का जीना हराम कर देती, तलाक और पुलिस की धमकी देती.

जो शारीरिक सुख उपासना से प्रेमिका के रूप में मिल रहा था वह उस के पत्नी बनते ही नीरस लगने लगा. इश्क का भूत जल्दी ही सिर से उतर गया.

दीपमाला के साथ शादी के शुरुआती दिनों की कल्पना कर के भूपेश के मन में बहुत से विचार आने लगे. वह एक बार फिर दीपमाला के संग के लिए उत्सुक होने लगा. खाने की थाली की तरह जिस्म की भूख भी स्वाद बदलना चाहती थी.

किसी तरह दीपमाला के घर और सैलून का पता लगा कर एक दिन वह

दीपमाला के फ्लैट पर आ धमका. एक अरसे बाद अचानक उसे सामने देख दीपमाला चौंक उठी कि भूपेश को आखिर उस का पता कैसे मिला और अब यहां क्या करने आया है?

‘‘कैसी हो दीपमाला? बिलकुल बदल गई हो… पहचान में ही नहीं आ रही,’’ भूपेश ने उसे भरपूर नजरों से घूरा.

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दीपमाला संजसंवर कर रहती थी ताकि उस के सैलून में ग्राहकों का आना बना रहे. अब वह आधुनिक फैशन के कपड़े भी पहनने लगी थी. सलीके से कटे बाल और आत्मनिर्भरता के भाव उस के चेहरे की रौनक बढ़ा रहे थे. उस का रंगरूप भी पहले की तुलना में निखर आया था.

कांच के मानिंद टूटे दिल के टुकड़े बटोरते उस के हाथ लहूलुहान भी हुए थे, मगर उस ने अपनी हिम्मत कभी नहीं टूटने दी. वह अब जीवन की हर मुश्किल का सामना कर सकती थी तो फिर भूपेश क्या चीज थी.

‘‘किस काम से आए हो?’’ उस ने बेहद उपेक्षा भरे लहजे में पूछा.

उस की बेखौफी देख भूपेश जलभुन गया, लेकिन फौरन उस ने पलटवार किया, ‘‘मैं अपने बेटे से मिलने आया हूं. तुम ने मुझे मेरे ही बेटे से अलग कर दिया है.’’

‘‘आज अचानक तुम्हें बेटे पर प्यार कैसे आ गया? इतने दिनों में तो एक बार भी खबर नहीं ली उस की,’’ एक व्यंग्य भरी मुसकराहट दीपमाला के अधरों पर आ गई.

‘‘तुम्हें क्या लगता है मैं अंशुल से प्यार नहीं करता? बाप हूं उस का, जितना हक तुम्हारा है उतना मेरा भी है.’’

‘‘तो तुम अब हक जताने आए हो? कानून ने तुम्हें बेशक हक दिया है, मगर वह मेरा बेटा है,’’ दीपमाला ने कहा.

बेटे से मिलना बस एक बहाना था भूपेश के लिए. उसे तो दीपमाला के साथ की प्यास थी. बोला, ‘‘सुनो दीपमाला, मैं तुम्हारा गुनाहगार हूं. मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई… हो सके तो मुझे माफ कर दो.’’

भूपेश के तेवर अचानक नर्म पड़ गए. उस ने दीपमाला का हाथ पकड़ लिया.

तभी एक झन्नाटेदार तमाचा भूपेश के गाल पर पड़ा. दीपमाला ने बिजली की फुरती से फौरन अपना हाथ छुड़ा लिया.

भूपेश का चेहरा तमतमा गया. इस खातिरदारी की तो उसे उम्मीद ही नहीं थी. वह कुछ बोलता उस से पहले ही दीपमाला गुर्राई, ‘‘आज के बाद दोबारा मुझे छूने की हिम्मत की तो अंजाम इस से भी बुरा होगा. यह मत भूलो कि तुम अब मेरे पति नहीं हो और एक गैरमर्द मेरा हाथ इस तरह नहीं पकड़ सकता, समझे तुम? अब दफा हो जाओ यहां से.’’

उसे एक भद्दी सी गाली दे कर भूपेश बोला, ‘‘सतीसावित्री बनने का नाटक कर रही हो. किसकिस के साथ ऐयाशी करती हो सब जानता हूं, अगर उन के साथ तुम खुश रह सकती हो तो मुझ में क्या कमी है? मैं अगर चाहूं तो तुम्हारी इज्जत सारे शहर में उछाल सकता हूं… इस थप्पड़ का बदला तो मैं ले कर रहूंगा और फिर दीपमाला को बदनाम करने की धमकी दे कर भूपेश वहां से चला गया.

कितना नीच और कू्रर हो चुका है भूपेश… दीपमाला की सहनशक्ति जवाब दे गई. वह तकिए पर सिर रख कर खुद पर रोती रही, जुल्म उस पर हुआ था, लेकिन कुसूरवार उसे ठहराया जा रहा था.

इस मुश्किल की घड़ी में उसे अमित की जरूरत होने लगी. उस के प्यार का मरहम उस के दिल को सुकून दे सकता था. उस ने अपने फोन पर अमित का नंबर मिलाया. कई बार कोशिश करने पर भी जब उस ने फोन नहीं उठाया तो वह अपना पर्स उठा कर उस से मिलने चल पड़ी.

भूपेश किसी भी हद तक जा सकता है, यह दीपमाला को यकीन था. वह चुप नहीं बैठेगा. अगर उस की बदनामी हई तो उस के सैलून के बिजनैस पर असर पड़ सकता है. वह अमित से मिल कर इस मुश्किल का कोई हल ढूंढ़ना चाहती थी. क्या पता उसे पुलिस की भी मदद लेनी पड़े.

अमित के औफिस में ताला लगा देख कर वह निराश हो गई. अमित उस के एक बार बुलाने पर दौड़ा चला आता था, फिर आज उस का फोन क्यों नहीं उठा रहा? उसे याद आया जब वह पहली बार अमित से मिली थी तो उसे अपना विजिटिंग कार्ड दिया था. उस ने पर्स टटोला, कार्ड मिल गया. औफिस और घर का पता उस में मौजूद था. उस ने पास से गुजरते औटो को हाथ दे कर रोका और पता बताया.

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धड़कते दिल से दीपमाला ने फ्लैट की घंटी बजाई. एक आदमी ने

दरवाजा खोला. दीपमाला ने उस से अमित के बारे में पूछा तो वह अंदर चला गया. थोड़ी देर बाद एक औरत बाहर आई. बोली, ‘‘जी कहिए, किस से मिलना है? लगभग उस की ही उम्र की दिखने वाली उस औरत ने दीपमाला से पूछा.’’

‘‘मैं अमित से मिलने आई हूं. क्या यह उन का घर है?’’ पूछते हुए उसे थोड़ा अटपटा लगा कि पता नहीं यह सही पता है भी या नहीं.

‘‘मैं अमित की पत्नी हूं. क्या काम है आप को? आप अंदर आ जाइए,’’ अमित की पत्नी विनम्रता से बोली.

दीपमाला ने उस औरत को करीब से देखा. वह सुंदर और मासूम थी, मांग में सिंदूर दमक रहा था और चेहरे पर एक पत्नी का विश्वास.

कुछ रुक कर अपनी लड़खड़ाती जबान पर काबू पा कर दीपमाला बोली, ‘‘कोई खास बात नहीं थी. मुझे एक मकान किराए पर चाहिए था. उसी सिलसिले में बात करनी थी.’’

‘‘मगर आप ने अपना नाम तो बताया नहीं… मैं अपने पति को कैसे आप का संदेश दूंगी.’’

‘‘वे खुद समझ जाएंगे,’’ और दीपमाला पलट कर तेज कदमों से मकान की सीढि़यां उतर सड़क पर आ गई.

अजीब मजाक किया था कुदरत ने उस के साथ. उस ने शुक्र मनाया कि उस की आंखें समय रहते खुल गईं.

अमित ने भी वही दोहराया था जो भूपेश ने उस के साथ किया था. एक बार फिर से वह ठगी गई थी. मगर इस बार वह मजबूती से अपने पैरों पर खड़ी थी. जिस जगह पर कभी उपासना खड़ी थी, उसी जगह उस ने आज खुद को पाया. क्या फर्क था भला उस में और उपासना में? दीपमाला ने सोचा.

नहीं, बहुत फर्क है, उस का जमीर अभी मरा नहीं, वह इतनी खुदगर्ज नहीं हो सकती कि किसी का बसेरा उजाड़े. जो गलती उस से हो गई है उसे अब वह दोहराएगी नहीं. उस ने तय कर लिया अब वह किसी को अपने दिल से खेलने नहीं देगी. बस अब और नहीं.

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Serial Story: अब और नहीं (भाग-3)

दीपमाला को नींद में बेखबर समझ बड़ी देर बाद भूपेश अपने कमरे में लौट आया और चुपचाप बिस्तर पर लेट गया मानो कुछ हुआ ही नहीं.

दूसरी सुबह जब उपासना औफिस के लिए निकली रही थी तभी दीपमाला ने उस का रास्ता रोक लिया. बोली, ‘‘सुनो उपासना अब तुम यहां नहीं रह सकती. इसलिए आज ही अपना सामान उठा कर चली जाओ,’’ दीपमाला की आंखों में उस के लिए नफरत के शोले धधक रहे थे.

‘‘यह क्या कह रही हो तुम? उपासना कहीं नहीं जाएगी,’’ भूपेश ने बीच में आते हुए कहा.

‘‘मैं ने बोल दिया है. इसे जाना ही होगा.’’

भूपेश की शह पा कर उपासना भूपेश के साथ खड़ी हो गई तो दीपमाला के तनबदन में आग लग गई.

एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी, उपासना की ढिठाई देख कर दीपमाला से रहा नहीं गया. गुस्से की ज्वाला में उबलती दीपमाला ने उपासना की बांह पकड़ कर उसे लगभग धकेल दिया.

तभी एक जोरदार तमाचा दीपमाला के गाल पर पड़ा. वह सन्न रह गई. एक दूसरी औरत के लिए भूपेश उस पर हाथ उठा सकता है, वह सोच भी नहीं सकती थी. उस की आंखें भर आईं. भूपेश के रूप में एक अजनबी वहां खड़ा था उस का पति नहीं.

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किसी जख्मी शेरनी सी गुर्रा कर दीपमाला बोली, ‘‘सब समझती हूं मैं. तुम इसे यहां क्यों रखना चाहते हो… कल रात अपनी आंखों से देख चुकी हूं तुम दोनों की घिनौनी करतूत.’’

मर्यादा की सारी हदें तोड़ते हुए भूपेश ने दीपमाला के सामने ही उपासना की कमर में हाथ डाल दिया और एक कुटिल मुसकान उस के होंठों पर आ गई.

‘‘चलो अच्छा हुआ जो तुम सब जान गई, तो अब यह भी सुन लो मैं उपासना से शादी करने वाला हूं और यह मेरा अंतिम फैसला है.’’

दीपमाला अवाक रह गई. उसे यकीन हो गया भूपेश अपने होशोहवास में नहीं है. जो कुछ कियाधरा है उपासना का किया है.

‘‘तुम अपने होश में नहीं हो भूपेश… यह हम दोनों के बीच नहीं आ सकती… मैं तुम्हारी बीवी हूं.’’

‘‘तुम हम दोनों के बीच आ रही हो. मैं अब तुम्हारे साथ एक पल भी नहीं रहना चाहता,’’ भूपेश ने बिना किसी लागलपेट के दोटूक जवाब दिया.

दीपमाला अपने ही घर में अपराधी की तरह खड़ी थी. भूपेश और उपासना एक पलड़े में थे और उन का पलड़ा भारी था.

जिस आदमी के साथ ब्याह कर वह इस घर में आई थी, वही अब उस का नहीं रहा तो उस घर में उस का हक ही क्या रह जाता है.

बसीबसाई गृहस्थी उजड़ चुकी थी. भूपेश ने जब तलाक का नोटिस भिजवाया तो दीपमाला की मां और भाई का खून खौल उठा. वे किसी भी कीमत पर भूपेश को सबक सिखाना चाहते थे, जिस ने दीपमाला की जिंदगी से खिलवाड़ किया. रहरह कर दीपमाला को वह थप्पड़ याद आता जो भूपेश ने उसे उपासना की खातिर मारा था.

दीपमाला के दिल में भूपेश की याद तक मर चुकी थी. उस ने ठंडे लहजे में घर वालों को समझाबुझा लिया और तलाकनामे पर हां की मुहर लगा दी. जिस रिश्ते की मौत हो चुकी थी उसे कफन पहनाना बाकी था.

वक्त ने गम का बोझ कुछ कम किया तो दीपमाला अपने आपे में लौटी. अपने घर वालों पर मुहताज होने के बजाय उस ने फिर से नौकरी करने का फैसला लिया. दीपमाला दिल कड़ा कर चुकी थी. नन्ही जान को अपनी मां की देखरेख में छोड़ वह उसी शहर में चली आई, जिस ने उस का सब कुछ छीन लिया था. सीने में धधकती आग ले कर दीपमाला ने अपने को काम के प्रति समर्पित कर दिया. जिंदगी की गाड़ी एक बार फिर पटरी पर आने लगी.

ब्यूटी सैलून में उस के हाथों के हुनर के ग्राहक कायल थे. उसे अपने काम में महारत हासिल हो चुकी थी. कुछ समय बाद ही दीपमाला ने नौकरी छोड़ दी. अब वह खुद का काम शुरू करना चाहती थी. अपने बेटे की याद आते ही तड़प उठती. वह उसे अपने पास रखना चाहती थी, मगर फिलहाल उसे किसी ढंग की जगह की जरूरत थी जहां वह अपना सैलून खोल सके.

तलाक के बाद कोर्ट के आदेश पर दीपमाला को भूपेश से जो

रुपए मिले उन में अपनी कुछ जमापूंजी मिला कर उस के पास इतना पैसा हो गया कि वह अपना सपना पूरा कर सकती थी.

अपने सैलून के लिए जगह तलाश करने की दौड़धूप में उस की मुलाकात प्रौपर्टी डीलर अमित से हुई, जिस ने दीपमाला को शहर के कुछ इलाकों में कुछ जगहें दिखाईं. असमंजस में पड़ी दीपमाला जब कुछ तय नहीं कर पाई तो अमित ने खुद ही उस की परेशानी दूर करते हुए एक अच्छी रिहायशी जगह में उसे जगह दिलवा दी. अपना कमीशन भी थोड़ा कम कर दिया तो दीपमाला अमित की एहसानमंद हो गई.

अमित के प्रौपर्टी डीलिंग के औफिस के पास ही दीपमाला का सैलून खुल गया. आतेजाते दोनों की अकसर मुलाकात हो जाती. कुछ समय बाद उन का साथ उठनाबैठना भी हो गया.

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अमित दीपमाला के अतीत से वाकिफ था, बावजूद इस के वह कभी भूल से भी दीपमाला को पुरानी बातें याद नहीं करने देता. उस की हमदर्दी भरी बातें दीपमाला के टूटे मन को सुकून देतीं. जिंदगी ने मानो हंसनेमुसकराने का बहाना दे दिया था.

दोस्ती कुछ गहरी हुई तो दोनों की शामें साथ गुजरने लगीं. शहर में अकेली रह रही दीपमाला पर कोई बंदिश नहीं थी. वह जब चाहती तब अमित की बांहों में चली आती.

एक सुहानी शाम दीपमाला की गोद में सिर रख कर उस के महकते आंचल से आंखें मूंदे लेटे अमित से दीपमाला ने पूछा, ‘‘अमित हम कब तक यों ही मिलते रहेंगे. क्या कोई भविष्य है इस रिश्ते का?’’

रोमानी खयालों में डूबा अमित एकाएक पूछे गए इस सवाल से चौंक गया. बोला, ‘‘जब तक तुम चाहो दीप, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा.’’

दीपमाला खुद तय नहीं कर पा रही थी कि इस रिश्ते का कोई अंजाम भी है या नहीं. किसी की प्रेमिका बन कर प्यार का मीठा फल चखने में उसे आनंद आने लगा था, पर यह साथ न जाने कब छूट जाए, इस बात से उस का दिल डरता था.

जब अमित ने उसे बताया कि उस के घर वाले पुराने विचारों के हैं तो दीपमाला को यकीन हो गया कि उस के तलाकशुदा होने की बात जान कर वे अमित के साथ उस की शादी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. आने वाले कल का डर मन में छिपा था, मगर अपने वर्तमान में वह अमित के साथ खुश थी.

अमित की बाइक पर उस के साथ सट कर बैठी दीपमाला को एक दिन जब भूपेश ने बाजार में देखा तो वह नाग की तरह फुफकार उठा. दीपमाला अब उस की पत्नी नहीं थी, यह बात जानते हुए भी दीपमाला का किसी और मर्द के साथ इस तरह घूमनाफिरना उसे नागवार गुजरा. उस की कुंठित मानसिकता यह बात हजम नहीं कर पा रही थी कि उस की छोड़ी हुई औरत किसी और मर्द के साथ गुलछर्रे उड़ाए.

आगे पढें- दीपमाला उस आदमी के साथ…

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हुंडई i20 की परफॉर्मेंस है दमदार

नई हुंडई i20 मे नया पॉवरट्रेन लगाया गया है जो एक सरप्राइज़ है, इसमें 1.0लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन 7-स्पीड डीसीटी के साथ है. यह इंजन 118 bhp की पावर और 17.5 kg-m पीक टॉर्क बनाता है.

जब उन सभी टार्क को आगे के पहिए में भेजा जाता है तो वह पूरी तरह से स्ट्रांग हो जाता है और ट्रांसमिशन तेजी से बदलता है जिससे आपके इंजन को यह हर समय पावरबैंड में रहने देता है. इससे कार के ड्राइविंग में औऱ भी ज्यादा आसानी होती है साथ ही कार का इंजन औऱ भी ज्यादा पावरफूल हो जाता है.

नई हुंडई i20 अभी तक अपने सेगमेट में सबसे बेस्ट पावरट्रेन दिया गया है. और यह निश्चित रूप से #BringsTheRevolution है

कोरियोग्राफर पुनीत पाठक ने मंगेतर संग लिए सात फेरे, Photos Viral

साल 2020 में जहां कई सेलेब्रिटी ने इस दुनिया को अलविदा कहा तो वहीं कुछ सेलेब्स ने अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की. बीते दिनों नेहा कक्कड़, आदित्या नारायण और मनीष रायसिंघानी के शादी करने के बाद अब कलर्स के शो ‘खतरों के खिलाड़ी 9’ के विनर और कोरियोग्राफर पुनीत पाठक भी बीते दिन मंगेतर संग शादी के बंधन में बंध गए हैं. आइए आपको दिखाते हैं उनकी शादी की खास फोटोज और वीडियो….

एक शानदार फंक्शन में पुनीत पाठक ने अपनी मंगेतर निधी मूनी सिंह संग पूरे रीति रिवाज के साथ सात फेरे ले लिए हैं, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. फोटोज में दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं.

पुनीत पाठक (Punit Pathak ) की दुल्हनिया का अंदाज था अलग

शादी में पुनीत पाठक की दुल्हनिया निधी पिंक कलर के लहंगे में नजर आईं, जिसके साथ उन्होंने हैवी गोल्ड ज्वैलरी कैरी की थी. वहीं अपनी शादी में पुनीत पाठक ने बेबी पिंक कलर की शेरवानी पहने नजर आए. साथ ही सिर पर सेहरा बांधे पुनीत पाठक दुल्हा बनकर बेहद खुश नजर आ रहे थे.

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शादी की फोटोज हुई वायरल

 

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शादी की रस्मों के दौरान पुनीत पाठक और निधी कैमरे के आगे पोज देते नजर आए. जहां दोनों ने खूब फोटोज क्लिक करवाईं. तो वहीं पुनीत पाठक की ये फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

जमकर नाची भारती

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए शादी में परिवारवालों के अलावा करीबी दोस्त और रिश्तेदार ही शामिल होते नजर आए, जिनमें कौमेडियन भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिम्बाचिया भी नजर आए. वहीं एक वीडियो में भारती पति संग जमकर डांस करती नजर आईं. हालांकि शादी में खास दोस्तों में ज्यादा मेहमान ना दिखने का कारण रेमो डिसूजा का अस्पताल में भर्ती होना भी था. क्योंकि कुछ सितारे शादी में शामिल होने की बजाय अस्पताल में नजर आए, जिनमें धर्मेश और आमिर अली जैसे सितारे शामिल हैं.

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REVIEW: प्रभाव छोड़ने में असफल है हिना खान की फिल्म ‘विशलिस्ट’

रेटिंगः आधा स्टार

निर्माताः हिना खान, राहत काजमी, तारिक खान, मोनिका अग्रवाल, जीतेंद्र राय

निर्देशकः राहत काजमी

कलाकारः हीना खान, जीतेंद्र राय, तारिक खान, नमिता लाल, मोनिका अग्रवाल, विमलेश घोड़ेश्वर व अन्य

अवधिः एक घंटा, तेंतिस मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः एम एक्स प्लेअर  पर 11 दिसंबर से

‘कई संजीदा विषयों पर फिल्में बना चुके राहत काजमी पहली बार एक रोमांटिक फिल्म ‘विशलिस्ट ’ लेकर आए हैं, जिसे ओटीटी प्लेटफार्म ‘एमएक्सप्लेअर’पर देख जा सकता है. मगर यह फिल्म बुरी तरह से निराश करती है.

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कहानीः

यह कहानी है शालिनी और मोहित की. दोनो शादी के तुरंत बाद विदेश घूमने जाते हैं और उस वक्त वह एक विशलिस्ट बनाते हैं कि उन्हे कहां कहां घूमना है. मगर चंद दिनांे के बाद मोहित अपनी नौकरी में इस कदर व्यस्त हो जाते हैं कि उनके पास अपना जन्म दिन मनाने का भी समय नहीं होता है. पूरे सात वर्ष गुजर जाते हैं. अचानक एक दिन मोहित आफिस में बेहोश हो जाते हैं. डाक्टर बताते हैं कि उनके स्पाइनल कॉर्ड में ट्यूमर है और अब उनकी जिंदगी महज दो तीन माह की है. तब शालिनी कहती है कि हम दुःख नहीं मनाएंगे बल्कि इतने कम वक्त में हम अपनी विशलिस्ट को पूरा करते हुए इंज्वॉय करेंगें. फिर दोेनों विशलिस्ट के अनुसार इटली,  स्विटजरलैंड व यूरोप की यात्रा पर निकल पड़ते हैं. वहीं पर मोहित के मौत हो जाती है.

लेखन व निर्देशनः

फिल्म ‘विशलिस्ट’ देखने के बाद इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि इस फिल्म के निर्देशक वही राहत काजमी हैं,  जिन्होने‘आईडेंटीटी कार्ड’ और ‘मंटोस्तान’जैसी बेहतरीन फिल्में निर्देशित की थीं. फिल्म ‘विशलिस्ट’ लेखन व निर्देशन दोनों स्तर पर काफी बुरी है. जबकि इस विषय पर बेहतरीन फिल्म बन सकती थी. यह फिल्म जीवन की दुखद घटना यानी कि मृत्यु के आने की कहानी है, मगर इसमें कहानी का घोर अभाव है. सिर्फ दो इंसान विदेश घूम रहे हैं, तो स्विटजरलैंड की खूबसूरत प्राकृतिक छटा के अलावा कहीं कोई चित्रण नही है. जब इंसान कहीं भी यात्रा करने जाता है, तो कुछ रोचक घटनाएं भी घटती हैं. मगर इस फिल्म में कहीं कुछ नही है. हकीकत में यह एक 15 से बीस मिनट की लघु फिल्म ही है, जिसे जबरन विस्तार दिया गया है.

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अभिनयः

पूरी फिल्म हिना खान और जितेंद्र राय के ही किरदारों पर केंद्रित है. मगर दोनों के बीच पति पत्नी वाली केमिस्ट्री का घोर अभाव है. इतना ही विपत्ति आने यानी कि जब डाक्टर कह देते हैं कि मोहित की जिंदगी सिर्फ दो तीन माह की है, तब भी इनके बीच जिस तरह की केमिस्ट्री व भाव होने चाहिए, वह कहीं नजर नहीं आता. हिना खान ने टीवी पर अभिनय करते हुए खुद को बेहतरीन अभिनेत्री साबित किया है, मगर इस फिल्म में वह प्रभावित नही करती. एक दो दृश्यों में आंसू बहा लेना या हंसना ही अभिनय नही है. जितेंद्र रॉय का चेहरा रोग-ग्रस्त नजर आता है, मगर वह अच्छा अभिनय नही कर पाए. भावनात्मक क्षणों में तो जीतेंद्र ने काफी निराशाजनक अभिनय किया है. सह कलाकारो में से किसी को भी अभिनय का कोई अवसर ही नही मिला. सभी कुछ कुछ समय के लिए जबरन ठूसे गए नजर आते हैं. अफसोस हिना खान निर्माता और अभिनेत्री दोनों ही स्तर पर असफल रही हैं.

साल 2020 में एक और झटका, हार्ट अटैक के कारण कोरियोग्राफर Remo D’souza हुए अस्पताल में एडमिट

साल 2020 खत्म होने वाला है. लेकिन बावजूद इसके एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री बुरी खबर आना कम नही हो रहा है. हाल ही में जहां टीवी एक्ट्रेस दिव्या भटनागर ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया तो वहीं अब फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा (Remo D’souza) के अस्पताल में भर्ती हो गए है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

रेमो को आया हार्ट अटैक

खबरों की मानें तो कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा (Remo D’souza) को बीते दिन हार्ट अटैक आया है. रेमो डिसूजा को तुरंत मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. खबरें हैं कि कोकिलाबेन अस्पताल पहुंचने के बाद रेमो डिसूजा की एंजियोग्राफी करवाई गई है, जिसके बाद रेमो डिसूजा को आईसीयू में भर्ती करवाया गया है. जहां उनका पूरा परिवार मौजूद नजर आया.

 

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अस्पताल पहुंचे लोग

रेमो के अस्पताल में भर्ती होते ही रेमो के चाहने वालों के मैसेज आना शुरु हो चुका है. वहीं कुछ सितारे जैसे एक्टर आमिर अली और कोरियोग्राफर धर्मेश अस्पताल पहुंचे. वहीं रेमो के फैंस उनके ठीक होने की दुआ मांग रहे हैं.

 

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फिल्मी करियर रहा खास

टीवी शो में जज बनने के साथ रेमो ने ‘दिल पे मत ले यार’, ‘ये जवानी है दीवाना’, ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘कलंक’ जैसी फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी करके फैंस का दिल जीता है.

 

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बता दें, साल 2020 में इरफान खान (Irrfan Khan), ऋषि कपूर (Rishi Kapoor), सरोज खान (Saroj Khan), सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) जैसे सितारों ने इस दुनिया को अलविदा कहा, जिसके बाद फैंस इस साल को बेहद बुरा साल कह रहे हैं.

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मम्मी की पाठशाला

शिक्षाशास्त्री कहते हैं कि इंसान सबसे ज्यादा बचपन में सीखता है और यह भी सबसे ज्यादा मां से सीखता है. शायद यही कारण है किंडरगार्टन पद्धति की स्कूली शिक्षा में सिर्फ महिला टीचरों को ही रखे जाने की बात कही जाती है. बहरहाल पिछले काफी दिनों से देश में बच्चों की पढ़ाई जिस तरह बाधित है, उसमें बिना दबाव के तात्कालिक जानकारियों वाली यह क्विज काफी काम की हो सकती है, ..तो आइये बच्चों यहां मम्मी के साथ इस क्विज में जोर आजमाइश करते हैं.

1. हाल ही में वैज्ञानिकों को दुनिया में सबसे साफ हवा कहां मिली है?
क- अंटार्कटिक महासागर के ऊपर
ख- सवाना घास मैदान के ऊपर
ग- साइबेरिया के ऊपर
2. तेज रफ्तार संचार के लिए किस तकनीक का जोरशोर से भारत सहित तमाम देशों में इंतजार किया जा रहा है?
क- 4जी सुपरनेट
ख- 5जी
ग- 7जी
3. भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों में से सफेद रंग किस भावना का प्रतीक है?
क- भाईचारे का
ख- दोस्ती का
ग- शांति का
4. भारत मंे प्रधानमंत्री का कार्यकाल पांच साल का होता है, अमरीका में राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने सालों का होता है?
क- 5 साल का
ख- 4 साल का
ग- 6 साल का
5. मिसाइल मैन के नाम से भारत में किसको जाना जाता है?
क- महान वैज्ञानिक होमी भाभा को
ख- भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम को
ग- आजादी के आंदोलन में अलग तरह के भूमिका निभाने वाले सर सैय्यद अहमद खां को
6. हाल मंे इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट में शिखर धवन ने कौन सा ऐसा रिकाॅर्ड बनाया है, जो अब तक नहीं था?
क- डबल सेंचुरी मारने का
ख- दो बार शून्य पर आउट होने का
ग- लगातार दो मैचों मंे सेंचुरी बनाने का
7. जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया में भारत का स्थान कौन सा है?
क- दूसरा
ख- पहला
ग- तीसरा
8. अमरीका के पहले राष्ट्रपति कौन थे?
क- जाॅर्ज वाशिंगटन
ख- अब्राहम लिंकन
ग- थाॅमस जेफर्सन
9. ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है?
क- गंगा
ख- नर्मदा
ग- यमुना
10. शून्य की खोज किस भारतीय वैज्ञानिक ने की थी?
क- वाराहमिहिर
ख- आर्यभट्ट
ग- बौद्धायन
11. चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला भारतीय कौन था?
क- कल्पना चावला
ख- सुनीता विलियम्स
ग- राकेश शर्मा
12. देश के किस प्रांत को पांच नदियों की भूमि कहा जाता है?
क- पंजाब
ख- हरियाणा
ग- हिमाचल प्रदेश
13. कोणार्क का सूर्य मंदिर देश के किस राज्य में स्थित है?
क- कनार्टक
ख- उड़ीसा
ग- तमिलनाडु
14. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी?
क- बछेंद्री पाल
ख- सुनीता यादव
ग- निहारिका पाल
15. भारत के किस राज्य को ‘ईश्वर का अपना देश’ कहते हैं?
क- देवभूमि उत्तराखंड
ख- किन्नरभूमि हिमाचल प्रदेश
ग- नारियलभूमि केरल
16. चैराहे में चालकों के रूकने के वास्ते किस रंग की बत्ती का इस्तेमाल किया जाता है?
क- हरे रंग की
ख- लाल रंग की
ग- पीले रंग की
17. दिल्ली के पहले भारत की राजधानी देश का कौन सा शहर था?
क- आगरा
ख- कोलकाता
ग- हैदराबाद
18. हमारे शरीर में कुल कितनी हड्डियां पायी जाती हैं?
क- 328
ख- 248
ग- 206
19. सूरज किस दिशा में उगता है?
क- पूरब
ख- उत्तर
ग- पश्चिम
20. भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
क- महानदी
ख- गंगा
ग- गोदावरी
उत्तर- 1. (क), 2. (ख), 3. (ग), 4. (ख), 5. (ख), 6. (ग), 7. (क), 8. (क), 9. (ग), 10. (ख), 11. (ग), 12. (क), 13. (ख), 14. (क), 15. (ग), 16. (ख), 17. (ख), 18. (ग), 19. (क), 20. (ख)

मैं सेल्फ ग्रोथ पर अधिक विश्वास करती हूं – छवि पांडे

 धारावाहिक ‘एक बूंद इश्क’ से चर्चा में आने वाली अभिनेत्री छवि पांडे बिहार के पटना की है. कला के माहौल में पैदा हुई छवि को बचपन से क्रिएटिविटी के क्षेत्र में काम करने की इच्छा थी, जिसमें साथ दिया उसकी माँ गीता पांडे और पिता उमेश कुमार पांडे ने. उन्होंने हर तरह की आज़ादी बेटी को दी है, जिससे उसे आगे बढ़ने में आसानी हुई. छवि अभिनेत्री के अलावा कथक डांसर और सिंगर भी है. छवि आज एक सफल कलाकार है और इसका श्रेय मेहनत और लगन को देती है. दंगल टीवी पर उनकी नई धारावाहिक प्रेम बंधन शुरू हो चुकी है, जिसमें उन्होंने मुख्य भूमिका जानकी श्रीवास्तव की निभाई है. स्वभाव से हंसमुख और विनम्र छवि से बात हुई ,पेश है कुछ अंश.

सवाल-इस शो को करने की खास वजह क्या है?

ये एक बड़ी शो है, जिसे बालाजी टेलिफिल्म्स ने बनाई है और इसके निर्माता एकता कपूर है. इसके अलावा दंगल चैनल मेरे क्षेत्र में बहुत देखा जाता है. इस तरह की कॉम्बिनेशन ने ही मुझे इसे करने के लिए प्रेरित किया. इसमें मैंने जानकी की भूमिका निभाई है, जो मध्यम वर्गीय परिवार की है और वह परिवार की देखभाल मुश्किल परिस्थितियों में भी ख़ुशी से करती है. उसे ही दिखाने की कोशिश की गयी है.

सवाल-इस भूमिका से खुद को कितना जोड़ पाती है?

ये चरित्र मेरे जैसा ही है. मेरे परिवार में भी सिखाया गया है कि अगर कोई समस्या परिवार में आती है, तो बिना संकोच के उसे सही करने की दिशा में लग जाना चाहिए और मैंने ये सब देखा है. इसके अलावा आत्मसम्मान को बनाये रखना, जरूरतों के अनुसार ख़ुशी से काम करना आदि सबकुछ जो चरित्र में है, मुझसे बहुत मेल खाता है. 

सवाल-आप अपने माता-पिता के कितने करीब है?

मैं अपने पिता से अधिक नहीं, माँ के अधिक करीब हूं, क्योंकि मैं सबसे छोटी हूं, इसलिए माँ की दुलारी हूं. 

सवाल-पटना से मुंबई कैसे आना हुआ?

मैंने पहले गायन में अपना कैरियर शुरू किया था. मुझे सिंगर बनने का शौक था. इण्डियास  गोट टैलेंट में मैं अपने बहन के साथ गई थी, वहां जज सोनाली बेंद्रे ने कहा था कि आप अभिनय में ट्राई कर सकती है, क्योकि आपका चेहरा क्यूट है, पर मेरे लिए संगीत पहली प्रायोरिटी थी, एक्टिंग नहीं. मुझे संगीत में कुछ अच्छा करना था, लेकिन मैंने जब से अभिनय शुरू किया, सभी ने मेरे काम की सराहना की. 

सवाल-कितना संघर्ष था?

मुंबई आने में संघर्ष बहुत रहा है, क्योंकि मैं बहुत कंजरवेटिव परिवार से हूं, जहाँ लड़कियों को बाहर काम करने के लिए नहीं भेजा जाता है. मेरे मुम्बई आने के बाद मेरे माता-पिता ब्रॉड माइंडेड हो चुके है. मेरा मुंबई आना इंडस्ट्री में काम करने को लेकर पहले मेरे पिता एकदम राजी नहीं थे, पर माँ ने समझाया और वे मान गए और मेरी जर्नी शुरू हुई. इसके अलावा पिता ने मुझे एक साल का समय काम के लिए दिया था. इस दौरान अगर एक्टिंग का अवसर नहीं मिलता है, तो मुझे वापस पटना लौटना था. मुंबई में भी मुझे काम जल्दी मिला, लेकिन कुछ न कुछ समस्या होने की वजह से मैं काम नहीं कर पाई. मैं लकी थी कि 8 महीने बाद मुझे एक अच्छी शो मिल गई. 

सवाल-पहला ब्रेक कब मिला?

मुंबई आने के 8 महीने बाद मुझे पहला शो ‘एक बूंद इश्क’ मिला, जिसमें मैं मुख्य भूमिका में थी. उसके बाद एक के बाद एक कई शो मिलता गया. 

सवाल-आप एक कथक डांसर भी है, क्या अभिनय की वजह से उसके छूटने का कोई मलाल है?

मुझे कोई मलाल नहीं है, क्योंकि बचपन से ही मैने डांस और संगीत सीखा है. पटना में हमारा एक संगीत का स्कूल है, इसलिए घर में ही सीखने का मौका मिला. अभी मेरे लिए ये अच्छा हुआ है कि मैं एक्ट्रेस के अलावा सिंगर और डांसर भी हूं, ऐसे में कहीं कोई मौका मिलने पर मैं अवश्य उसे करना चाहूंगी. मैं बहुत फ्लेक्सिबल हूं और खाली समय में डांस और संगीत की प्रैक्टिस करती हूं. अभी मैं जहाँ हूं, खुश हूं. 

सवाल-आपके दिल के करीब कौन सी शो है?

मेरी पहली धारावाहिक एक बूंद इश्क और दूसरी सीरियल लेडीज स्पेशल 2, जिसमें लड़की बिहार की बताई गयी थी. उसे करने में बहुत अच्छा लगा था. 

सवाल-क्या फिल्मों या वेब सीरीज में आने की इच्छा है?

फिल्मों में काम करने की इच्छा हर कलाकार की होती है, मुझे अच्छी स्क्रिप्ट मिले, तो अवश्य करुँगी, लेकिन इस समय मैं टीवी धारावाहिकों में काम कर बहुत खुश हूं, क्योंकि टीवी ने मुझे नाम, शोहरत, ग्लैमर आदि सब कुछ दिया है. 

सवाल-कोरोना संक्रमण की वजह से काम के दौरान आप कितनी सावधानियां बरतती है?

मैं जहाँ भी जाती हूं, हर जगह मास्क, सेनीटाईजर, टेम्परेचर चेक करना आदि होता है. मैं भी खुद का बहुत ध्यान रखती हूं, क्योंकि काम तो करना है, बिना काम के जिंदगी नहीं चल सकती. 

सवाल-आप किसे अपना आदर्श मानती है?

मैं अपने आसपास के लोगों को देखकर किरदार निभाती हूं. किसी को आदर्श नहीं मानती. मैं सेल्फ ग्रोथ पर अधिक विश्वास करती हूं. 

सवाल-क्या कोई ड्रीम है?

मैं कंगना रनौत के जैसे वुमन ओरिएंटेड अलग-अलग तरीके की फिल्मों में काम करने की इच्छा रखती हूं.

सवाल-क्या बिहार में कुछ परिवर्तन करने की इच्छा रखती है?

बिहार में लोगों की सोच पर काम करना जरुरी है, क्योंकि वहां आज भी पेरेंट्स कंजरवेटिव स्वभाव के है. वे अपने बच्चों को किसी भी क्षेत्र में काम करने की आज़ादी नहीं देते. बच्चे की ड्रीम को उन्हें आगे बढाने की जरुरत है, ताकि बच्चा सफल हो सके. 

सवाल- क्या गृहशोभा के जरिये कोई सन्देश देना चाहती है?

मैं अपने क्षेत्र के बारें में कहना चाहती हूं कि वहां की महिलाएं शादी या रिलेशनशिप में रहने के बाद अपनी समस्या को किसी से कह नहीं पाती. मेट्रो के शहरों को छोड़कर आज भी बाकी क्षेत्र की महिलाएं अपने साथ हो रहे अत्याचार को कहने से डरती है और उसे सहती रहती है. महिलाओं को खुद को इतना काबिल बनाने की जरुरत है, जिससे कोई भी व्यक्ति  उसके साथ गलत व्यवहार न कर सकें.

Winter Special: छुहारा बादाम मिल्क

इन दिनों पारा कुछ ज्यादा ही कम हो गया है. कई इलाके तो धूप की एक नजर को तरस रहे हैं. और कहीं कहीं पर रही सही कसर बरसात ने पूरी कर दी है. ऐसे में शरीर को अंदर से गर्म रखना भी उतना ही जरूरी हो गया है. पूरे परिवार के लिए बनायें छुहारा बादाम मिल्क, ताकि सर्दी में बिमारियां रहें आपसे दूर.

सामग्री:

– 6 छुहारे

– 7 बादाम

– 2 काजू

– 4 पिस्ते

– 5-6 धागे केसर

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– चीनी स्वादानुसार

– 1/4 छोटा चम्मच इलायची चूर्ण

– 30 एमएल दूध

विधि:

– बादाम और छुहारों को पानी में भिगो दें.

– छुहारों की गुठलियां अलग कर लें.

– बादाम का छिलका उतार लें.

– थोड़े से दूध में सारी सामग्री को मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें.

– बचे दूध को उबालें और उस में यह पेस्ट डाल दें.

– धीमी आंच पर 10 मिनट पकाएं फिर इलायची चूर्ण बुरक कर सर्व करें.

व्यंजन सहयोग: नीरा कुमार

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बेड टी की आदत हो सकती है खतरनाक, जानिए नुकसान

ज्यादातर लोगों को सुबह उठते ही चाय पीने की लत होती है. इसे बेड टी भी कहते हैं. लोगों की ये लत काफी खतरनाक और हानीकारक होती है. सुबह की चाय की आदत हमारे शरीर और दांतों के लिए ठीक नहीं है. आपके मुंह की साफ सफाई पर आपका स्वास्थ्य निर्भर करता है. जरूरी है कि आप सुबह में चाय या कौफी पीने से पहले अपने दांत और मुंह साफ करें. बेड टी क्यों नहीं लेनी चाहिए इसके कुछ कारण बताएंगे हम.

1. दांतों और मसुड़ों के लिए है खतरनाक

बिना मुंह धोए चाय पीने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया शुगर में आ जाते हैं, इससे मुंह में एसिड लेवल बढ़ जाता है और यह इनामेल या दांतों के बाहरी आवरण को खराब कर देता है. कैवीटी पैदा होने का यह सबसे मुख्य कारण है.

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2. पाचन पर होता है बुरा असर

बिना मुंह धोए जब आप चाय पीती हैं तो, मुंह के सारे बैक्टीरिया पेट में पहुंचते हैं, इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है.

3. इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है

सुबह उठते ही चाय पीने की आदत अलसर के खतरे को बढ़ा देती है. इससे पेट में सूजन हो सकती है और इससे इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है.

4. बढ़ता है एसिडिटी का लेवल

रात में सोने के बाद आपके मुंह में हजारों बैक्टीरिया पैदा होते हैं. शरीर पर इसका बुरा असर होता है. सुबह उठते ही चाय पीने से ये सारे बैक्टीरिया पेट में चले जाते हैं. इससे आपके पेट में एसिड लेवल बढ़ सकता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

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5. शरीर में बढ़ता है टौक्सिन लेवल

जानकारों का मानना है कि सोने के बाद शरीर में काफी टौक्सिक पदार्थ पैदा होते हैं. उन्हें खत्म करने के लिए जागते ही एक ग्लास पानी पीना चाहिए. सुबह उठते ही चाय पीने से आपके रक्त में जहरीले पदार्थ बढ़ सकते हैं. इससे आपके लिवर, फेफड़े और किडनी को टौक्सिन के कारण खतरा हो सकता है.

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