Serial Story: धंधा (भाग-4)

इन दिनों, जैक मारटीनो, जो एक अश्वेत अमेरिकी पुलिस अधिकारी था, इस विभाग का इंचार्ज था. जैक मारटीनो चुस्त अधिकारी था. वह अपनी कुरसी पर बैठा कौफी पी रहा था और साथ ही समुद्र तट पर छद्म वेश में तैनात व समुद्र में गश्त लगा रहे गश्ती दल की रिपोर्ट भी अपने कान पर लगे इयर फोन से सुन रहा था.

‘‘सर, आज समुद्र तट पर स्थानीय निकाय का मेयर सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी टैक्सी चलाता टैक्सी चालक की वरदी पहने आया है. वह एक चट्टान पर बैठा जैसे जासूसी कर रहा है,’’ जासूस ने रिपोर्ट दी.

‘‘वह पहले टैक्सी चालक था. कोई पंगा पड़ गया होगा, इसलिए यह छद्म रूप धारण किए है. आज उस के साथ कोई दिल बहलाने वाली नहीं आई?’’ जैक मारटीनो ने पूछा.

‘‘नहीं सर, कुछ दिन पहले एक पपाराजी इस की तसवीर खींच कर भागा था. उस के बाद इस का प्रेमालाप बंद है.’’

‘‘यह शायद उसी पपाराजी की फिराक में है. यह स्टेट काउंसिल का चुनाव लड़ रहा है. हो सकता है ब्लैकमेलिंग का चक्कर हो.’’

‘‘सर, वह पपाराजी जोड़ा भी समुद्र तट पर टहल रहा है.’’

‘‘उस पर भी नजर रखो.’’

‘‘सर, इन शरारती फोटोग्राफरों को काबू करने का और्डर क्यों नहीं करवाते.’’

‘‘अरे भाई, इन से ज्यादा कुसूरवार तो ये प्रेमी जोड़े हैं. इन में अधिकांश बूढ़े हैं और शहर की सम्मानित हस्तियां हैं. पपाराजी को पकड़ते ये सब भी उजागर होंगे तब बड़ा स्कैंडल बन जाएगा. हमारा काम तो नशीले पदार्थों की रोकथाम करना है.’’

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‘‘ओके, सर.’’

चप्पुओं वाली किश्ती को अपनी याट के समीप रोक जैक स्मिथ ने पहले इधरउधर फिर याट के ऊपर देखा. जब भी वह आता था, मोबाइल फोन से स्टाफ को सूचना देता था. याट पर तैनात सुरक्षाकर्मी या केयरटेकर याट पर लगी लिफ्ट के प्लेटफौर्म को समुद्र के पानी के समतल कर देता था.

मगर आज जैक स्मिथ का इरादा चुपचाप आने का था. वह अपनी और मारलीन डेक की तसवीरें खींची जाने से क्षुब्ध था. किश्ती को एक हुक से बांधा. वह रस्सी वाली सीढ़ी की सीढि़यां चढ़ता ऊपर चला गया.

डेक सुनसान था. चालककक्ष में अंधेरा था. केयरटेकर और सुरक्षाकर्मी शायद नीचे थे. वह दबेपांव चलता नीचे जाने वाली सीढि़यों की तरफ बढ़ा. उस के कानों में अनेक लोगों के हंसनेखिलखिलाने की आवाज आई.

इतने सारे लोग, उस को क्रोध आने लगा. फिर अपने पर नियंत्रण रखता, वह दबेपांव सीढि़यां उतरता प्रथम तल पर पहुंचा. सीढि़यों की तरफ कूड़ाकरकट फेंकने का बड़ा ड्रम रखा था.

दबेपांव चलता वह उस ड्रम के पीछे बैठ गया और चोरनजरों से प्रथम तल के बड़े हाल में झांका. बार के लंबे काउंटर के सामने पड़ी ऊंची कुरसियों पर उस के दोनों मुलाजिम बैठे शराब के घूंट भर रहे थे. अन्य कुरसियों पर 6-7 हब्शी दिखने वाले आदमी बैठे थे. उन के हाथों में भी शराब के गिलास थे.

हाल के केंद्र में रखी मेज पर सफेद पदार्थ से भरी पौलिथीन की थैलियों का ढेर लगा था. वह उन का वार्त्तालाप सुनने लगा :

‘‘इस माल की पेमैंट कब मिलेगी?’’ एक नीग्रो ने पूछा.

‘‘अगली डिलीवरी के साथ,’’ दूसरे ने कहा.

‘‘अगली सप्लाई कब चाहते हो?’’

‘‘4 दिन बाद.’’

‘‘कहां?’’

‘‘इसी याट पर.’’

‘‘नो, नैवर, मैं एक ही जगह दोबारा नहीं आता,’’ सप्लाई करने वाले नीग्रो ने दृढ़ स्वर में कहा.

‘‘ठीक है, इस याट को समुद्र में कहीं और ले आएंगे. कहां लाएं?’’

‘‘मैं फोन कर के बता दूंगा.’’

‘‘ओके,’’ फिर अपना गिलास खाली कर सब खड़े हुए. जैक स्मिथ दबेपांव सीढि़यां चढ़ता डेक पर पहुंचा. वह चालक केबिन में घुस कर एक तरफ खड़ा हो गया.

सभी ऊपर आए. लिफ्ट से बारीबारी से सब नीचे गए. सुरक्षाकर्मी और केयरटेकर डेक पर खड़े हो कर बातें करने लगे :

‘‘आज का माल क्या है?’’

‘‘शायद कोकीन है.’’

‘‘कितनी कीमत का है?’’

‘‘पता नहीं. हमें तो हर फेरे के 10 हजार डौलर मिलने हैं.’’

‘‘एक हफ्ते से सेठ नहीं आया?’’

‘‘उस की और उस की ‘वो’ की किसी ने यहां तसवीरें खींच ली थीं. वह सेठ को ब्लैकमेल कर रहा है.’’

‘‘तुम को किस ने बताया?’’

‘‘परसों मैं सेठ के दफ्तर गया था. तभी फोन आया, मैं दरवाजे पर ही था. उस की बात सुन ली थी.’’

‘‘तसवीरें कैसे खींची गईं?’’

‘‘क्या पता? इसे छोड़, बता, अंदर रखा माल कब जाएगा?’’

‘‘सुबह से पहले कभी भी.’’

‘‘अब क्या करें?’’

‘‘बीच पर चलते हैं. यहां किसे आना है.’’

दोनों नीचे उतर कर मोटरबोट में सवार हुए. उन के जाते ही जैक स्मिथ केबिन से बाहर निकला और गंभीर हो, सोचने लगा.

कितनी अजीब स्थिति थी कि अपने ही याट में उस को एक चोर की तरह प्रवेश करना पड़ा था. उस के लवनैस्ट को उस के हरामखोर नौकर नशीले पदार्थों के सौदागरों को एक वितरण स्थल का ट्रांजिट माउंट के रूप में इस्तेमाल करवा धन कमा रहे हैं. अमेरिका में अन्य देशों की भांति नशीले पदार्थों का धंधा एक गंभीर अपराध था. ऐसा करने वालों को 40 साल तक की सजा हो सकती थी. याट में नशीला पदार्थ पकड़े जाने पर जैक स्मिथ कितनी भी सफाई देता, पुलिस उस का कतई ऐतबार न करती कि वह इस धंधे में शामिल नहीं था.

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अभी तक वह पपाराजी द्वारा खींची गई तसवीरों से घबराया था. अब यह पंगा, जिस की उसे कल्पना भी नहीं, सामने आ गया था. वह धीमेधीमे सीढि़यां उतरता नीचे हाल में पहुंचा. इधरउधर तलाशी लेने पर उस को एक बैग कोने में मिल गया. बैग ठसाठस सफेद पाउडर जैसे नशीले पदार्थ, जो शायद कोकीन था, से भरा था. तभी उस के दिमाग में कौंधा कि अगर यह माल यहां से गायब हो जाए तब क्या होगा?

उस के हरामखोर नौकरों की अपनेआप शामत आ जाएगी. उस ने सारा हाल भी तलाशा. सारे कमरे तलाशे. याट दोमंजिला था. प्रथम तल के बाद ग्राउंड फ्लोर भी तलाशा. इंजनरूम भी. कहीं कोई और नशीला पदार्थ नहीं था उस ने एअरबैग उठाया और जैसे सीढि़यां चढ़ते आया था वैसे ही उतरता नीचे किश्ती में पहुंच गया. चप्पू चलाता वह पायर पर पहुंचा. उस की किस्मत अच्छी थी. उस पर न किसी मौजमेला करने वाले की नजर पड़ी न खुफिया पुलिस की.

पायर से काफी आगे घनी झाडि़यों का झुरमुट था. उस ने एअर बैग एक झाड़ी में छिपा दिया. फिर सधे कदमों से चलता अपनी मोटरसाइकिल पर सवार हुआ और शहर की तरफ बढ़ चला. मोटरबोट से काफी देर विचरण करने के बाद डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी समुद्र में जहांतहां खड़े याटों की तरफ देखने लगे.

‘‘हर सुनसान दिखते याट में प्रेमी जोड़ा प्रेमालाप कर रहा हो, यह जरूरी तो नहीं है,’’ मोटरबोट का इंजन बंद कर के उस को समुद्र के पानी पर स्थिर करते सुब्बा लक्ष्मी ने कहा.

‘‘तुम्हारी बात ठीक है. पिछली बार ऐडवैंचर से हमें नया नजारा देखने को मिला था. इस बार देखते हैं क्या होता है.’’

‘‘अगर यह ऐडवैंचर हमें उलटा पड़ गया तो?’’

‘‘देखेंगे,’’ फिर उस ने एक बड़े लग्जरी याट की तरफ इशारा किया.

‘‘मोटरबोट का इंजन शोर करता है, इस को किश्ती के समान चलाते हैं,’’ सुब्बा लक्ष्मी ने एयरजैटसी के लिए रखे चप्पुओं को मोटरबोट के हुक से फिट कर दिया. किश्ती के समान चप्पू खेते वे दोनों सुनसान दिखते याट के समीप पहुंचे.

इस याट पर भी एक लिफ्ट लगी थी. साथ ही रस्सियों वाली सीढ़ी. दोनों डेक पर पहुंचे. डेक सुनसान था. चालक कक्ष में अंधेरा था. दोनों नीचे जाने वाली सीढि़यों की तरफ बढ़े. तभी ऊपर आते भारी कदमों की आवाज सुनाई पड़ी. दोनों लपक कर चालक केबिन के पीछे जा छिपे.

चुस्त वरदी पहने हाथ में छोटीछोटी बंदूकें लिए 2 अश्वेत सुरक्षाकर्मी ऊपर आ गए और डेक के केबिन की रेलिंग के साथ लग कर गपशप मारने लगे.

डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी ने एकदूसरे की तरफ देखा. कहां आ फंसे.

‘‘तुम सो जाओ, मैं 2 घंटे पहरा दूंगा. फिर तुम्हारी बारी,’’ एक ने दूसरे से कहा.

‘‘तुम भी सो जाओ. यहां कौन आता है.’’

दोनों, डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी, डेक पर बिछी लकड़ी की बैंचों पर लेट कर सोने की तैयारी करने लगे.

‘‘नीचे उतर कर वापस चलो,’’ सुब्बा लक्ष्मी ने कहा.

‘‘एक नजर नीचे मार आते हैं,’’ डेनियल ने कहा.

‘‘पंगा मत लो, मेरा कहना मानो,’’ सुब्बा लक्ष्मी ने समझाया.

लेकिन डेनियल नहीं माना. विवश हो सुब्बा लक्ष्मी भी उस के पीछेपीछे सीढि़यां उतरती गई.

एक बड़े हाल में कुछ लोग, जिन में श्वेतअश्वेत दोनों थे, मेजों के गिर्द कुरसियों पर बैठे जुआ खेल रहे थे. एक बारबेक्यू एक तरफ बना था. उस पर मांस की बोटियां ग्रिल की जा रही थीं.

दोनों उस फ्लोर से उतर कर नीचे वाले फ्लोर पर पहुंचे. एक बड़े कमरे में कुछ लोग सफेद पाउडर को छोटेछोटे पाउचों में भर रहे थे. यहां नशीले पदार्थों का धंधा हो रहा था.

डेनियल ने सधे हाथों से उन के फोटो लिए. तभी ऊपर कुछ हल्लागुल्ला हुआ. डेक पर लेटे सुरक्षाकर्मी नीचे दौड़े आए. जुआ खेल रहे आपस में लड़ पड़े थे.

‘‘यहां हमारे मतलब का क्या है?’’ सुब्बा लक्ष्मी ने कहा. दोनों सीढि़यां चढ़ डेक पर आ गए. तभी सुरक्षाकर्मी भी ऊपर चढ़ आए. दोनों फिर चालक केबिन के पीछे चले गए.

जैक स्मिथ समुद्र तट से शहर को जाते एक सार्वजनिक टैलीफोन बूथ पर रुका. 10 सेंट का एक सिक्का कौइन बौक्स में डाला. डायरैक्टरी देख कर नशीले पदार्थों की रोकथाम करने वाले विभाग का नंबर डायल किया. झाड़ी में छिपाए बैग के बारे में बताया. गुमनाम रहते याटों पर चल रहे नशीले पदार्थों के धंधे के बारे में बताया.

जैक मारटीन ने तुरंत गश्ती दल को फोन किया. बैग बरामद हो गया. एक के बाद एक याट पर धावा बोला गया. अनेक पर यौनाचार हो रहा था. नशीले पदार्थ पकड़े गए. डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी को बच निकलने का मौका नहीं मिला. उन का धंधा

भी सामने आ गया. सरदार ओंकार सिंह ने पुलिस को पैसा खिला कर अपनी तसवीरें दबा दीं. ऐसा ही जैक स्मिथ ने किया. साथ ही दोनों ने इस तरह के मौजमेलों से तौबा की. एंड्र्यू डेक ने भारी हरजाना दे पत्नी को तलाक दे दिया. थोड़े दिन डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी को हिरासत में रहना पड़ा. लेकिन चूंकि उन की वजह से नशीले पदार्थों का धंधा सामने आया था, इसलिए पुलिस ने उन को चेतावनी दे कर छोड़ दिया.

दोनों थोड़े दिन शांत रहे, फिर इस निश्चय के साथ कि बड़ी मछली के चक्कर में न पड़ छोटामोटा शिकार ही पकड़ेंगे, दोनों का पपाराजी का धंधा फिर से चल पड़ा. बूढ़े, अधेड़ अपने मनबहलाव के लिए आते रहे, उन की तसवीरें खिंचती रहीं, ब्लैकमेलिंग का पैसा अदा होता रहा.

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Serial Story: धंधा (भाग-3)

पिछले अंक में आप ने पढ़ा कि कैसे सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी और एंड्र्यू डेक की अंतरंग तसवीरें पपाराजी डेनियल के हाथ लग गई थीं जिन के बल पर वह दोनों को ब्लैकमेल कर रहा था. क्या सरदार ओंकार सिंह और एंड्र्यू पपाराजी की ब्लैकमेलिंग से बच पाए? जानने के लिए पढि़ए अंतिम भाग.

सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी टैक्सी चालक से तरक्की करता अमीर बना था और अब मेयर होते हुए स्टेट काउंसिल का उम्मीदवार था. इसलिए बदनामी से बचना चाहता था. दूसरा जैक स्मिथ मामूली हैसियत का था. वह प्रेमविवाह होने से पत्नी के मायके से मिले धन से बना अमीर था. उस की ऐसी तसवीरें सामने आने से उस का सब चौपट हो सकता था.

डेनियल एक ब्लैकमेलर था. उस का लालच भविष्य में क्या गुल खिला दे, इसलिए सरदार के लिए और जैक स्मिथ के लिए उस को काबू करना जरूरी था. सरदार ओंकार सिंह अपने दोस्त वरनाम सिंह के पास पहुंचा.

‘‘वरनाम सिंह, मुझे एक टैक्सी और चालक की वरदी दे दे.’’

‘‘क्यों, क्या दोबारा टैक्सी चालक का धंधा करना चाहता है?’’

‘‘नहीं, उस शरारती फोटोग्राफर को काबू करना है. वह एक ब्लैकमेलर है, भविष्य में लालच में पड़ कर दोबारा पंगा कर सकता है.’’ वरनाम सिंह ने हरी झंडी दी. टैक्सी चलाता ओंकार सिंह अपने घर पहुंचा.

‘‘अरे, आप ने दोबारा टैक्सी चालक का धंधा शुरू कर दिया?’’ उस की पत्नी ने उस को टैक्सी चालक की वरदी में और टैक्सी को देख कर हैरानी से पूछा.

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‘‘नहीं, थोड़ा मनबहलाव के लिए कुछ दिन अपना पुराना धंधा करना चाहता हूं. अमीरी भोगतेभोगते बोर हो चला हूं.’’ पत्नी और बेटीबहुओं ने बुढ़ापे में चढ़ आई सनक समझ कर उस को नजरअंदाज कर दिया. उस शाम ओंकार सिंह अपनी लग्जरी कार में सैर करने नहीं निकला. वह टैक्सी चालक बन टैक्सी चलाता समुद्र तट पर पहुंचा.

वह जानता था ब्लैकमेलर यानी शरारती फोटोग्राफर अपना धंधा करने ‘बीच’ पर जरूर आएगा. उस ने सैकड़ों बार ऐसे फोटोग्राफरों को प्रेमालाप में लीन जोड़ों की गुप्त तसवीरें खींचते देखा था. मगर जब तक उस पर यही शरारत न आ पड़ी, उस ने उन का कोई नोटिस नहीं लिया था. अब ऐसा पंगा पड़ जाने से उस का दिमाग चौकन्ना हो गया था.

जैक स्मिथ मामूली हैसियत का था. मारलीन डेक से प्रेम शुरू होने से पहले वह अपनी पत्नी की तरफ पूरा ध्यान देता था. मगर मारलीन डेक उस की पत्नी की तुलना में युवा थी. दोनों में सिलसिला ठीक चल रहा था कि यह पपाराजी का पंगा पड़ गया. जिस लाइन पर सरदार ओंकार सिंह सोच रहा था उसी पर जैक स्मिथ भी सोच रहा था.

उस ने भी अनेक पपाराजी को इस तरह तसवीरें खींचते देखा था. मगर उस को अंदाजा नहीं था कि कोई उस के याट में घुस कर इस तरह तसवीरें खींचने का दुसाहस कर सकता था. एक बार दुसाहस करने पर ब्लैकमेलिंग का पैसा मिलने पर ब्लैकमेलर दोबारा लालच कर सकता था. इसलिए उस को काबू करना जरूरी था. इस घटना के बाद मारलीन डेक ने उस से मिलनाजुलना बंद कर दिया था.

जैक स्मिथ छोटामोटा धंधा करता था. वह सभी वाहन चलाना जानता था. सामान्य तौर पर अमीर बनने के बाद वह लग्जरी कार में चलता था. काफी समय बाद उस ने साधारण कपड़े पहने. सिर पर नौजवान लड़कों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी और धूप का बड़ा चश्मा पहनने से उस का हुलिया बदल गया था. हैल्मेट पहने वह बाइक पर सवार हुआ और समुद्र तट पर जा पहुंचा.

सरदार ओंकार सिंह टैक्सी एक तरफ खड़ी कर टैक्सी चालक बना एक चट्टान पर बैठा था. उस की मुद्रा ऐसी थी मानो वह समुद्र तट पर सैरसपाटा करने आई अपनी सवारी के लौटने का इंतजार कर रहा हो. जैक स्मिथ ने बाइक एक पाम के पेड़ के समीप खड़ी कर दी. लौक कर के यों समुद्र तट पर टहलने लगा जैसे वह तनहाईपसंद हो और उस को अकेला घूमना पसंद हो.

पपाराजी की शरारत का शिकार हुए दोनों की लाइन एक ही थी. किसी पपाराजी, जो हमेशा अपने शिकार की खोज में रहता था और कभी यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि वह कभी किसी की खोजी निगाहों का शिकार हो सकता है, को शिकार बनाने को ये दोनों तत्पर थे. सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी ने सतर्क निगाहों से अपने चारों तरफ देखा. विशाल समुद्र तट पर दिखने वालों को अनदेखा किए कई मेल और बेमेल प्रेमी जोड़े खुद में लीन थे और उन की निगहबानी करते दर्जनों शरारती फोटोग्राफर अपना काम बिना फ्लैशलाइट जलाए फोटो खींचने वाले कैमरों से कर रहे थे.

जैक स्मिथ भी अपनी सतर्क निगाहों से यह सब क्रियाकलाप देख रहा था. तभी उस को बीच समुद्र में खड़ी अपनी याट का ध्यान आया. जिस तरह से शरारती फोटोग्राफर चुपचाप अपना काम कर गया था, उसी तरह अगर वह भी एक चोर की तरह अपनी याट पर जाए तो? शाम का अंधेरा गहरे अंधेरे में बदल गया था. समुद्र का नीला पानी अब काले हीरे के समान चमक रहा था. उभरता चांद पानी की चमक को बढ़ा रहा था.

पायर पर बंधी चप्पुओं वाली एक नौका खोल कर उस पर बैठ चप्पू चलाता जैक स्मिथ बीच समुद्र में खड़ी अपनी याट की तरफ बढ़ता गया.

कोई उन की निगहबानी या जासूसी कर सकता था. इस से बेखबर डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी मोटरसाइकिल खड़ी कर समुद्र तट पर टहलने लगे. उन के हावभाव ऐसे थे मानो शाम बिताने आए 2 प्रेमी हों. गले या कंधे पर कैमरा लटकाए घूमने आना आम था. इसलिए यह पता चलना आसान नहीं था कि कौन शौकिया तसवीर खींचने वाला था और कौन शरारती फोटोग्राफर.

एक बारगी सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी को लगा कि उस का इस तरह जासूसी करने आना बेकार है. मगर वह धैर्य रखे था. चुपचाप प्रेमी जोड़ों की तसवीरें खींच रहे पपाराजी में उस की तसवीरें खींचने वाला कौन सा था.

‘‘एक चक्कर बीच समुद्र का लगाएं,’’ डेनियल ने कहा.

‘‘उसी याट का?’’

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‘‘उस में अब क्या मिलेगा? वह प्रेमी जोड़ा सावधान हो चुका है. वैसे भी एक जगह चोरी करने के बाद चोर दोबारा वहां चोरी करने नहीं जाता.’’

डेनियल की इस मजाकिया टिप्पणी पर सुब्बा लक्ष्मी खिलखिला कर हंस पड़ी. आज पायर पर कोई चप्पुओं वाली नौका नहीं थी. मोटरबोटों पर ताला लगी जंजीरें लगी थीं. डेनियल आखिर एक चोर ही था. उस ने अपनी जेब से एक ‘मास्टर की’ निकाली. ताला खोला.

मोटरबोट समुद्र में दौड़ पड़ी. जहांतहां छोटेबड़े याट, लग्जरी बोट लंगर डाले खड़े थे. इन में क्याक्या हो रहा था यह इन में प्रवेश करने पर ही पता चल सकता था.

चप्पुओं वाली किश्ती चलाता जैक स्मिथ अपनी याट के समीप पहुंचा. याट पर भ्रमण के दौरान 8-10 आदमियों का स्टाफ होता था. खड़ी अवस्था में 1 या 2 व्यक्ति ही होते थे. आमतौर पर याट एक लवनैस्ट ही था.

अमीर बनने के बाद, जैक स्मिथ को अमीरों की तरह पर-स्त्री से संबंध रखने व कैप्ट या रखैल रखने का शौक लग गया था. थोड़ेथोड़े अंतराल पर वह किसी नई प्रेमिका को यहां ले आता था. यह सिलसिला ठीक चल रहा था. मगर अब एक पपाराजी द्वारा यों लवनैस्ट में प्रवेश कर तसवीरें खींच लेने से यह सिलसिला थम गया था.

उस के याट के समान अन्य याट भी या तो लवनैस्ट थे या फिर अन्य अवैध कामों के लिए मिलनेजुलने के स्थल. शहर में अवैध कामों, खासकर नशीले पदार्थों को बेचने और सप्लाई करने वालों को पुलिस या नशीले पदार्थों को नियंत्रण करने वालों की निगाहों में आने से बचने के लिए बीच समुद्र में खड़े छोटेबड़े याट या लग्जरी याट काफी सुविधाजनक थे.

शाम ढलने के बाद, रात के अंधेरे में छोटेबड़े स्मगलर अपनेअपने ठिकानों पर आ जाते. अधिकांश याट प्रभावशाली अमीरों के थे. इन पर एकदम छापा मारना मुश्किल था. शक की बिना पर किसी प्रभावशाली अमीर के याट पर छापा मारना उलटा पड़ जाता था. लेकिन खुफिया पुलिस और मादक पदार्थ नियंत्रण करने वाला विभाग अपनी निगरानी चुपचाप जारी रखता था. सादे और छद्म वेश में जहांतहां भूमि, समुद्र और समुद्र तट पर तैनात जासूस अपना काम चुपचाप करते थे. वे प्रेमालाप में लीन मेल या बेमेल जोड़ों को और उन की तसवीरें खींच कर भाग जाने का शरारती फोटोग्राफरों को कोई आभास तक न होने देते और उन की निगरानी करने के साथ उन की तसवीरें भी चुपचाप नई तकनीक से कैमरों से खींच लेते थे.

डेनियल समेत अन्य सभी शरारती फोटोग्राफरों का पुराना रिकौर्ड खुफिया विभाग के पास था. और साथ ही बीच पर आने वाले बेमेल प्रेमी जोड़ों का भी लेकिन इस विभाग को नशीले पदार्थों की रोकथाम से काम था. इसलिए न प्रेमी जोड़ों के काम में दखल देता और न ही पपाराजियों के. हां, उन की रोजाना रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय में जरूर पहुंचती थी.

आगे पढ़ें- वह अपनी कुरसी पर बैठा…

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Serial Story: धंधा (भाग-2)

शाम का अंधेरा गहरा रहा था. एक किश्ती की रस्सी खोल, दोनों उस पर सवार हो, बीच समुद्र में बढ़ चले. कई याटों पर सुरक्षाकर्मी डैक पर टहल रहे थे. एक बड़े लग्जरी याट के डैक पर कोई नहीं था.

एक प्लेटफौर्म समुद्र के पानी से थोड़ा ऊपर था. यह एक खुली लिफ्ट थी. इस पर 4 व्यक्ति एकसाथ ऊपर आजा सकते थे. रस्सियों वाली एक सीढ़ी साथ ही लटक रही थी. दोनों किश्ती को एक हुक से बांध सीढि़यां चढ़ते हुए ऊपर पहुंच गए. डैक सुनसान था. चालक कक्ष भी सुनसान था. डैक से सीढि़यां नीचे जा रही थीं. सारा याट सुनसान जान पड़ता था.

डैक से नीचे के तल पर एक बड़ा हाल था. उस में एक तरफ बार बना था. खुली दराजों में तरहतरह की शराब की बोतलें सजी थीं. कई छोटेछोटे केबिन एक कतार में बने थे. एक केबिन में रोशनी थी.

दरवाजे के ऊपर वाले हिस्से में एक गोलाकार शीशा फिट था. दबेपांव चलते दोनों ने दरवाजे के करीब पहुंच कर शीशे से अंदर झांका. दोनों के मतलब का दृश्य था.

अधेड़ अवस्था का एक पुरुष एक नवयौवना सुंदरी के साथ सर्वथा… अवस्था में मैथुनरत था. डेनियल ने सुब्बा लक्ष्मी की तरफ देखा, वह निर्लिप्त भाव से मुसकराई.

डेनियल ने अपना कैमरा निकाला और दक्षता से तसवीरें खींचने लगा. अभिसारग्रस्त जोड़ा उन्माद उतर जाने के बाद अलगअलग हो, गहरी सांसें भरने लगा.

थोड़ी देर बाद दोनों ने कपड़े पहने और बाहर को लपके. डेनियल और सुब्बा लक्ष्मी तुरंत बार काउंटर के पीछे जा छिपे. प्रेमी जोड़ा सीढि़यां चढ़ता ऊपर को गया. डेनियल ने शराब की 2 बोतलें उठा कर अपनी जैकेट की जेब में डाल लीं. दोनों दबे पांव चलते सीढि़यां चढ़ते डैक पर पहुंचे.

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प्रेमी जोड़ा लिफ्ट पर सवार हो रहा था. डेनियल ने उन की इस मौके की तसवीर भी ले ली. प्रेमी जोड़ा मोटरबोट पर सवार हो तट की तरफ चला. दोनों भी उतर कर किश्ती पर सवार हुए.

‘‘एक चक्कर इस याट के इर्दगिर्द लगाते हैं?’’

‘‘क्यों?’’ सुब्बा लक्ष्मी ने पूछा.

‘‘याट किस का है? यह पता लगाना जरूरी है.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘हर किश्ती या छोटेबड़े जहाज पर उस का नाम व रजिस्ट्रेशन नंबर होता है. बिना पंजीकृत हुए कोई मोटरबोट, छोटाबड़ा समुद्री जहाज, स्टीमर कहीं भी समुद्र या नदी में नहीं चल सकता. पंजीकरण दफ्तर से इस याट के मालिक का नाम पता चल जाएगा,’’ डेनियल ने समझाया.

पंजीकरण रिकौर्ड में याट जैक स्मिथ नाम के बड़े व्यापारी के नाम दर्ज था. वह कई फैक्टरियों का मालिक था.

उस की निगहबानी करने से उस को उस की प्रेमिका का नाम भी पता चल गया. वह एक अन्य व्यापारी एंड्र्यू डैक की पत्नी मारलीन डैक थी.

‘‘तसवीरों का सैट किस को भेजना है?’’

‘‘इस मामले में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही अमीर हैं. मेरे विचार में एकएक सैट दोनों को भेज देते हैं,’’ डेनियल ने कहा.

‘‘लेकिन पैसा एक ही पार्टी से मिलेगा. 2 किश्तियों की सवारी से नुकसान होता है.’’

‘‘इस में दोनों पक्ष ही पैसे वाले हैं.’’

‘‘ज्यादा लालच अच्छा नहीं होता. आप इन से कितना पैसा मांगेंगे?’’

‘‘देखते हैं.’’

एंड्र्यू डैक अपनी फैक्टरी के दफ्तर जाने के लिए कार पर सवार हो रहा था कि उस को डाकिया एक लिफाफा थमा गया. लिफाफा उस की पत्नी के नाम था. लिफाफा एक पत्र के बजाय किसी और मैटर से भरा था.

उत्सुकतावश उस ने लिफाफा खोल डाला. मैटर देखते ही वह गंभीर हो उठा और चुपचाप कार में बैठ गया. उस के इशारे पर शोफर ने कार आगे बढ़ा दी.

एंड्र्यू डैक अपनी पत्नी की चरित्रहीनता से वाकिफ था. वह उस को तलाक देना चाहता था लेकिन उस को एकतरफा तलाक देने की कार्यवाही करने पर हरजाने के तौर पर काफी मोटी रकम देनी पड़ती.

बिना हरजाना दिए तलाक लेने के लिए या तो उस की पत्नी भी स्वेच्छा से तलाक लेती या फिर उस को चरित्रहीन साबित करने के लिए उस के खिलाफ कोई सुबूत होता.

उस ने कई महीनों तक एक प्राइवेट जासूसी फर्म से अपनी पत्नी की जासूसी करवाई थी लेकिन मारलीन डैक काफी चालाक थी. वह किसी पकड़ में नहीं आई.

अब संयोग से चरित्रहीनता को साबित करते फोटो उस के पास आ गए थे. एंड्र्यू डैक समझ गया कि यह किसी शरारती फोटोग्राफर यानी पपाराजी का काम था.

अभिसार करने वाले मर्द जैक स्मिथ को पहचानता था. जैक स्मिथ के खिलाफ एक बात यह थी कि वह अपने बूते पर अमीर नहीं बना था. वह घरजमाई था. उस की पत्नी धनी बाप की इकलौती संतान थी. उस ने जैक स्मिथ से प्रेमविवाह किया था.

ऐसी तसवीरें जैक स्मिथ की पत्नी और उस के ससुर के सामने आने पर उस का फौरन तलाक होना निश्चित था. इस तरह एंड्र्यू डैक के हाथ पत्नी और उस के प्रेमी दोनों को अर्श से फर्श पर लाने का सुबूत लग गया था.

वह अनुभवी था. उस को पता था कि बिना फोटो के नैगेटिव और उन को खींचने वाले फोटोग्राफर की गवाही के इन को अदालत में पक्का सुबूत साबित नहीं किया जा सकता था. अदालत में विरोधी पक्ष उन को ट्रिक फोटोग्राफी कह कर खारिज करवा सकता था.

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‘‘कौन था यह पपाराजी?’’

जैक स्मिथ अपनी स्टेनो द्वारा लाई डाक देख रहा था. साधारण डाक अब कम आती थी.

‘‘सर, यह लिफाफा साधारण डाक से आया है.’’

किसी व्यावसायिक फोटोग्राफर द्वारा इस्तेमाल करने वाला लिफाफा था. तसवीरें देखते ही वह उछल पड़ा. उस के निजी याट पर इतनी सफाई से तसवीरें खींची गई थीं. उस को और मारलीन डैक को आभास तक न हुआ था.

तसवीरों के सार्वजनिक हो जाने के परिणाम के विचार से चिंतित हो उठा. उस की पत्नी और ससुर उस को बाहर निकाल एकदम सड़क पर खड़ा कर देंगे.

घबरा कर उस ने तुरंत मारलीन डैक को फोन किया.

‘‘क्या कह रहे हो? मैं ने तो हमेशा सावधानी बरती है. किसी जासूस को भी भनक तक नहीं हुई.’’

‘‘यह किसी जासूस का काम नहीं है. यह किसी प्रोफैशनल फोटोग्राफर का काम है, जिस का मकसद ऐसी तसवीरें खींच कर ब्लैकमेल करना होता है. मेरा अंदाजा है कि ऐसा लिफाफा तुम्हारे पास भी आया होगा,’’ जैक स्मिथ ने कहा.

‘‘मुझे तो नहीं मिला या पता नहीं, मेरे हसबैंड को डाकिया थमा गया हो,’’ मारलीन डैक ने चिंतित स्वर में कहा. पति को ऐसी तसवीरों का मिलना, मतलब बिना हरजाना दिए एकदम से तलाक.

‘‘यह शरारती फोटोग्राफर कौन है?’’ उस ने पूछा.

‘‘हौसला रखो, जल्द ही पैसे की मांग के लिए उस का फोन आएगा,’’ जैक स्मिथ ने धैर्य बंधाते हुए कहा जबकि वह खुद घबराया हुआ था.

उधर, सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी ने जल्दबाजी में ब्लैकमेलर को एक लाख डौलर दे तो दिए थे मगर बाद में उस को खुद पर गुस्सा आ रहा था. वह पाईपाई जोड़ कर अमीर बना था. पैसे की कीमत जानता था.

उस को उम्मीद थी कि पैसा लेने के लिए ब्लैकमेलर सामने आएगा. सारे न्यूयार्क के चप्पेचप्पे से वाकिफ होने के कारण वह हर व्यवसाय के प्रमुख व्यक्तियों को जानता था. शहर में फोटोग्राफर थे कितने? एक दफा ब्लैकमेलर का चेहरा सामने आ जाता, फिर वह पंजीकरण विभाग से उस की फोटो निकलवा उस को काबू कर लेता.

लेकिन डेनियल भी पूरा घाघ था. वह उस के सामने हैल्मेट पहने आया था और पैसे का पैकेट थामते ही ये जा, वो जा.

ओंकार सिंह अपने घनिष्ठ मित्र सरदार वरनाम सिंह, जो कभी उसी के समान टैक्सी चालक था और अब टैक्सियों का भारी बेड़ा रखता था और खुद टैक्सी न चला किराए पर देता था, के पास पहुंचा.

‘‘ओए, खोते दे पुत्तर, इस उम्र में लड़की जवानी दा चक्कर. कुछ तो शर्म कर,’’ सारा मामला जानने के बाद वरनाम सिंह ने उस को झिड़कते हुए कहा.

‘‘यार, तेरी भाभी सहयोग नहीं करती.’’

‘‘इस उम्र में परजाई क्या कर सकती है? तुझे चुम्माचाटी ही करनी थी तो बंद कमरे में करता, खुले समुद्र तट पर क्यों गया था? अब बता क्या चाहता है?’’

‘‘इस फोटोग्राफर को काबू करना है.’’

‘‘वह काबू आ भी जाए तब क्या करेगा. 1 लाख डौलर थमा दिए, अब चुपचाप गम खा ले. मामला सार्वजनिक हो गया तो तेरी बदनामी ही होगी.’’

लेकिन ओंकार सिंह पर इस नेक सलाह का कोई असर नहीं हुआ, वह यह नहीं भूल पा रहा था कि एक शरारती फोटोग्राफर ने इस तरह बदनामी करने की धमकी दे कर उस से 1 लाख डौलर झटक लिए हैं.

वह पुराना खिलाड़ी होते हुए भी मात खा गया था. अब वह हर हालत में उस को काबू करना चाहता था.

इधर, अब जैक स्मिथ के लैंडलाइन पर फोन आया.

‘‘क्या चाहते हो?’’‘‘10 लाख डौलर.’’

‘‘दिमाग खराब हुआ है.’’

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‘‘जनाब, आप की माली हैसियत और सामाजिक हैसियत काफी ऊंची है, उस को देखते यह मामूली रकम है.’’

‘‘यों बदमाशी करते किसी की तसवीरें खींचना जुर्म है, पुलिस में रिपोर्ट कर दूं तो सीधे 10 साल के लिए नप जाओगे.’’

‘‘जनाब, ऐसी बातों में कुछ नहीं रखा. आप बताइए, रकम दे रहे हो या नहीं?’’

‘‘इतनी बड़ी रकम, ज्यादा से ज्यादा 10 हजार डौलर.’’

‘‘नहीं जनाब, पूरे 10 लाख डौलर. मैं कल फिर फोन करूंगा,’’ फोन कट गया.

जैक स्मिथ ने कौलर आइडैंटिटी की स्क्रीन पर नजर डाली. फोन किसी सार्वजनिक बूथ से किया गया था. उस ने टैलीफोन डायरैक्ट्री से नंबर खोजा. फोन जिस एरिया से आया था, उस को नोट कर लिया.

जैक स्मिथ के बाद डेनियल ने एंड्र्यू डैक को फोन किया. एंड्र्यू डैक जैसे उस के फोन का इंतजार कर रहा था. मरदाना आवाज सुनते डेनियल चौंका. उसे तो मारलीन डैक से बात करनी थी.

‘‘मुझे मैडम मारलीन डैक से बात करनी है.’’

‘‘मैं उस का पति बोल रहा हूं. तसवीरों का लिफाफा तुम ने ही भेजा था?’’

अब डेनियल उलझन में था. लिफाफा पत्नी के बजाय पति को मिल गया था. अब ब्लैकमेल कैसे करे. तसवीरें पति के सामने आ चुकी थीं. पत्नी अब पैसा किस बात का देगी?

‘‘हैलो, तुम ने ब्लैकमेल करने के इरादे से तसवीरें खींचीं. तुम कितना पैसा चाहते हो?’’ एंड्र्यू डेक के इस सीधे सवाल पर डेनियल सकपका गया. ऐसा सवाल मारलीन डैक करती तो समझ भी आता.

वह खामोश रहा.

‘‘देखो, अगर तुम इन तसवीरों के नैगेटिव और अदालत में गवाही देने को तैयार हो जाओ तो जो पैसा तुम मेरी पत्नी से चाहते हो वह मैं दूंगा.’’

‘‘गवाही, किस बात की गवाही?’’ उलझनभरे स्वर में डेनियल ने पूछा.

‘‘मुझे अपनी पत्नी को तलाक देना है. उस को चरित्रहीन साबित करने के लिए ऐसे फोटोग्राफ खींचने वाली गवाही चाहिए.’’

अब डेनियल को मामला समझ आ गया था. एंड्र्यू डैक काफी अधीर था. साधारण तरीके से तलाक का मुकदमा डालने पर उस को मोटा हरजाना देना पड़ता. लेकिन पत्नी के चरित्रहीन साबित हो जाने पर उस को बिना हरजाना दिए उस से तलाक मिल जाना था.

‘‘10 लाख डौलर.’’

‘‘पागल हुए हो. शरारती फोटोग्राफर को 500 डौलर, ज्यादा से ज्यादा 1 हजार मिल जाते हैं. यह एक अपराध है. मैं तुम्हें ज्यादा से ज्यादा 1 लाख डौलर दे सकता हूं.’’

‘‘ओके. मैं सोच कर तुम्हें दोबारा फोन करूंगा.’’

‘‘अब आप क्या करेंगे?’’ मारलीन डैक ने अपने प्रेमी जैक स्मिथ से पूछा.

‘‘इस पपाराजी का पता लगाऊंगा.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘अपने तरीके से. एक बार वह काबू में आ जाए.’’

अभी तक डेनियल ने जिन जोड़ों के अश्लील फोटो खींचे थे, वे किसी विशेष स्थिति में थे और खानदानी अमीर नहीं थे.

क्रमश

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Serial Story: धंधा (भाग-1)

सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी ने लवलीन मुनरों को बांहों में भरा और एक जोरदार चुंबन उस के गाल पर जड़ा, फिर अपने होंठ उस के होंठों की तरफ बढ़ाए, तभी एक फ्लैशलाइट चमकी. दोनों ने सकपका कर सामने देखा, तभी दूसरी फ्लैशलाइट चमकी. फिर एक मोटरसाइकिल के स्टार्ट होने और तेजी से जाने की आवाज.

‘‘क्या हुआ है यह?’’ अपनेआप को सरदार साहब की बांहों से छुड़ाती लवलीन ने पूछा.

‘‘कोई शरारती फोटोग्राफर हमारी फोटो खींच कर भाग गया.’’

‘‘वह क्यों?’’ लवलीन मुनरों, जो स्थानीय विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षा में पढ़ाती थी और जिस की उम्र मात्र 22 साल थी, ने पूछा.

‘‘ब्लैकमेल करने के लिए. हमारे पास नमूने के तौर पर इन तसवीरों का एक सैट आएगा. फिर हमारे पास फोन आएगा, हम से पैसा मांगा जाएगा. पैसा नहीं देने पर इन तसवीरों को अखबारों में छपवाने व इंटरनैट पर जारी करने की धमकी दी जाएगी,’’ सरदार साहब ने विस्तार से समझाया.

‘‘इस से तो मैं बदनाम हो जाऊंगी,’’ चिंतातुर स्वर में लवलीन ने कहा.

‘‘हौसला रखो, ऐसे शरारती फोटोग्राफर, जिन को पपाराजी कहा जाता है, हर बड़े नगर में होते हैं. मुझे इन से निबटना आता है.’’

दोनों की शाम का मजा खराब हो गया था. दोनों समुद्र तट से सड़क के किनारे खड़ी गाड़ी में बैठे. कार न्यूयार्क की तरफ चल पड़ी.

सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी 60 बरस का था लेकिन तंदुरुस्ती के लिहाज से 40 साल का लगता था. वह न्यूयार्क में एक रैस्टोरेंट की शृंखला का मालिक था. वह कभी न्यूयार्क में टैक्सी चलाता था. फिर एक छोटा सा रैस्तरां खोला और धीरेधीरे तरक्की करता अब अनेक रैस्तराओं का मालिक था.

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कारोबार अब दोनों बेटे देखने लगे थे. सरदार साहब के पास पैसा और समय काफी था. उस की पत्नी भी उसी की तरह 60 बरस की थी लेकिन वह एक बुढि़या नजर आती थी. वह अपना समय पोतेपोतियों को खिलाने में और घर की अन्य गतिविधियों में शिरकत कर बिताती थी. सरदारनी में यौन इच्छा नहीं रही थी लेकिन सरदार अब भी घोड़े के समान था. अपनी इच्छापूर्ति के लिए  वह कभी किसी कौलगर्ल, कभी किसी अन्य को बुलाता था. एक एजेंट के मारफत उस का संपर्क विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली अनेक श्वेतअश्वेत अमेरिकी छात्राओं से बन गया था. ऐसी बालाएं तफरीह और मौजमस्ती के लिए ऐसे जवां और ठरकी बूढ़ों के मनबहलाव के लिए आ जाती थीं. सरदार साहब शाम को ऐसी किसी लड़की को अपनी कार में ले कर किसी सुनसान समुद्र तट पर पहुंच जाता. समुद्र तट पर छितरे पाम के पेड़ों के पीछे, चट्टानों के पीछे, इधरउधर उन्हीं के समान चूमाचाटी, मौजमस्ती में लीन पड़े जोड़े होते थे.

अधिकांश जोड़े बेमेल होते थे. मर्द 60 साल का होता था जबकि लड़की  20-22 साल की. औरत 60 साल की होती थी, दिल बहलाने वाला छैला 25-30 का. अधिक उम्र वाला धनी होता था. कम उम्र वाला गरीब या मामूली हैसियत का. लवलीन मुनरों को उस के होस्टल के बाहर उतार कर ओंकार सिंह अपने घर, जो एक महल के समान बड़ी कोठी थी, में पहुंचा. वह चिंतातुर था. निकट भविष्य में स्टेट काउंसिल का चुनाव लड़ रहा था. कई साल स्थानीय निकाय का सदस्य चुना जाता रहा था. अब वह राज्य स्तर पर उभरना  चाहता था. बाद में सीनेटर बन अमेरिका की लोकसभा में जाना चाहता था.

कोई भी स्कैंडल अमेरिका में राजनीति के क्षेत्र में किसी का भविष्य एकदम बिगाड़ देता था. पपाराजी या शरारती फोटोग्राफर द्वारा खींची तसवीरें सार्वजनिक हो जाने पर सरदार ओंकार सिंह लायलपुरी का राजनीतिक कैरियर एकदम तबाह कर सकती थीं.

डेनियल एक शरारती फोटोग्राफर या पपाराजी था. वह एक श्वेत अमेरिकी और नीग्रो मां की दोगली संतान था. उस का रंगरूप एक भारतीय जैसा था. पहले वह एक फोटोग्राफर के यहां असिस्टैंट था. बाद में उस ने अपना फोटोग्राफी का स्वतंत्र व्यवसाय आरंभ किया था. एक दफा एक कंपनी ने उस को विरोधी कंपनी की जासूसी के लिए कुछ तसवीरें खींचने को नियुक्त किया. तसवीरें कंपनी के डायरैक्टर की उस की प्रेमिका के साथ मौजमेले की थीं.

इस काम के बदले उस को मोटी धनराशि मिली थी. इस के बाद वह अपने साफसुथरे फोटोग्राफी के धंधे की आड़ में एक पपाराजी बन गया था. सुब्बा लक्ष्मी दक्षिण भारत से अमेरिका एक हाउस मेड के तौर पर आई थी. एक ही इलाके में रहते हुए उस की जानपहचान डेनियल से हो गई थी. दोनों में आंखें चार हो गई थीं. वह भी फोटोग्राफी सीख अब डेनियल के साथ फोटोग्राफी करती थी.

दोनों हर शाम कभी मोटरसाइकिल से, कभी कार द्वारा समुद्र तट पर व अन्य प्रेमालाप के लिए उपयुक्त दूसरे एकांत स्थलों पर पहुंच जाते थे. इन स्थलों पर अनेक बेमेल जोड़े प्रेमालाप में लीन होते थे. वे पहले उन की निगाहबानी करते थे. फिर अपना शिकार छांट कर उस जोड़े की अंतरंग तसवीरें इन्फ्रारैड कैमरे, जिन में फ्लैशलाइट की जरूरत नहीं पड़ती थी, से खींचते थे. फिर पार्टी को चौंकाने के लिए फ्लैशलाइट की चमक इधरउधर मारते और भाग जाते थे.

बाद में तसवीरें साधारण डाक से भेज कर फोन करते और ब्लैकमेल के तौर पर छोटीबड़ी रकम मांगते. पार्टी, जो आमतौर पर बूढ़ा धनपति या अमीर बुढि़या होती थी, बदनामी से बचने के लिए उन को चुपचाप पैसा दे देती थी.

‘‘यह सरदार सुना है काफी अमीर है,’’ आज डिजिटल कैमरे से खींची तसवीरों के पिं्रट देखते हैं,’’ सुब्बा लक्ष्मी ने कहा.

‘‘हां, यह एक रैस्तरां की एक बड़ी शृंखला का मालिक है.’’

‘‘लड़की कौन है?’’

‘‘पता नहीं, मेरा अंदाजा है, कोई स्टूडैंट है. पैसा और मौजमस्ती के लिए लड़कियों का ऐसे बूढ़े या अधेड़ों के साथ मस्ती करना आम बात है.’’

‘‘तसवीरें तो सरदार को ही भेजनी हैं.’’

सरदार ओंकार सिंह ने गहरी नजरों से तसवीरों के सैट को देखा. वह कभी फोटोग्राफी का शौकीन था. टैक्सी चालक रहा था. कई साल अविवाहित रहते इच्छापूर्ति के लिए कौलगर्ल्स या अन्य औरतों से समागम करता रहा था.

लेकिन अब एक सम्मानित शहरी बन जाने पर, खासकर नगरपालिका का मेयर होते हुए और स्टेट काउंसिल का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए ऐसी तसवीरों का सार्वजनिक होना शर्मनाक था.

‘‘सरदार साहब, तसवीरें मिलीं आप को?’’ लैंडलाइन फोन पर डेनियल ने फोन कर के पूछा.

‘‘हां, क्या चाहते हो?’’

‘‘10 लाख डौलर.’’

‘‘दिमाग खराब हुआ है. ज्यादा से ज्यादा 500 डौलर.’’

‘‘सरदार साहब, आप की जो हैसियत है उस के लिहाज से 10 लाख डौलर ज्यादा नहीं हैं, ऊपर से आप स्टेट काउंसिल का चुनाव लड़ रहे हैं,’’ डेनियल के शब्दों में कुटिलता थी.

सरदार तिलमिलाया. यह पपाराजी सामने होता तो वह उस को कच्चा चबा डालता. उस ने फोन के कौलर आइडैंटिटी पर नजर डाली. फोन सार्वजनिक टैलीफोन बूथ से किया जा रहा था. ब्लैकमेलर चालाक था.

‘‘देखो, तुम ज्यादा हवा मत लो. अमेरिका में पपाराजी अपराध है. पुलिस में रिपोर्ट करते ही तुम अंदर हो जाओगे.’’

‘‘यह सब होतेहोते होगा. लेकिन आप की तसवीरें सार्वजनिक होते ही आप का राजनीतिक कैरियर खत्म हो जाएगा. साथ ही, बदनामी भी होगी.’’

‘‘तेरी ऐसी की तैसी, फोटोग्राफर,’’ सरदार फुफकारा.

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‘‘ज्यादा गुस्सा सेहत के लिए खतरनाक होता है, खासकर 60 साल की उम्र में.’’ सरदार खामोश रहा.

‘‘सरदार साहब, कल शाम तक आप 1 लाख डौलर दे देना. नहीं तो तसवीरें पहले अखबार वालों को, फिर इंटरनैट पर जारी हो जाएंगी.’’

‘‘इस बात की क्या गारंटी है, तुम भविष्य में तसवीरें सार्वजनिक नहीं करोगे और दोबारा ब्लैकमेल नहीं करोगे?’’

‘‘सरदार साहब, ऐसी सूरत में आप पुलिस को रिपोर्ट कर सकते हैं.’’

‘‘पैसा कहां देना है?’’

‘‘आप फटाफट मुझे अपना मोबाइल फोन नंबर बताओ.’’

सरदार साहब ने नंबर बताया.

‘‘ओके. कल शाम आप जैसे रोज सैरसपाटे के लिए निकलते हैं, निकलेंगे. तब मैं रास्ते में आप को फोन कर के कहीं भी पेमैंट ले लूंगा.’’

अगली शाम सरदार अपनी कार पर समुद्र तट को निकला. डेनियल हैल्मेट पहनेपहने बाइक पर सवार हो पीछेपीछे चला. एक सुनसान स्थान पर फोन आते ही सरदार ने कार रोकी. डेनियल हैल्मेट पहने सामने आया. सरदार ने खिड़की खोल एक लिफाफा उस को थमा दिया.

पहली बार एक लाख डौलर मिले थे. अब से पहले ज्यादा से ज्यादा 5 या 10 हजार डौलर ही मिले थे. डेनियल का हौसला और लालच बढ़ गया.

अभी तक वह समुद्र तट पर चट्टानों के पीछे, यहांवहां पाम के नीचे प्रेमालाप में लीन प्रेमी जोड़ों की तसवीरें खींचता था. अब उस की निगाह समुद्र के बीच खड़े छोटेछोटे समुद्री जहाज, जिन्हें आम भाषा में याट कहा जाता था, पर पड़ी.

ये याट अमीर लोगों के थे जो इन पर समुद्र विहार करते थे. कई याटों पर सुरक्षाकर्मी थे.

‘‘क्यों न आज किसी याट पर चलें?’’ मोटरसाइकिल को एक तरफ खड़ी करते डेनियल ने कहा.

‘‘पागल हुए हो, पकड़े गए तो?’’

‘‘देखेंगे, अमीर लोग छिपछिप कर इन में कैसी रंगरेलियां मनाते हैं.’’

समुद्र तट पर अनेक जगह कटाफटा स्थान था. रेतीले सपाट समुद्र तट के बजाय ऐसा कटाफटा तट किश्तियों को बांधने के लिए उपयुक्त था. इस तट पर कई अमीर लोगों ने निजी पायर यानी सीमेंट के चबूतरे बना कर अपनीअपनी मोटरबोटें या चप्पुओं से चलने वाली नौकाएं बांध रखी थीं.

आगे पढ़ें- शाम का अंधेरा गहरा रहा था. एक किश्ती….

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देश के इन बेस्ट Sunrise Point’s पर जरूर जाएं

प्रकृति अपने आप में बहुत खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती देखने के लिए हमें अपने बंद घरों से बाहर आना होगा और अपने व्यस्त दिनचर्या से थोड़ा समय निकालना होगा. अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो सनराइज देखना आपके सफर का एक अहम हिस्सा हो सकता है. भारत में कई सनराइज पौइंट्स हैं जहां पहुंचकर आपको ऐसा महसूस होगा कि इतना खूबसूरत सूर्योदय आपने पहले कभी नहीं देखा. आइए बताते हैं आपको इन सनराइज पौइंट्स के बारे में-

उमियम लेक, मेघालय

भारत के उत्तर पूर्व में स्थित यह झील भारत के खूबसूरत स्पौट्स में से एक है. यहां की अद्भुत खूबसूरती भारत के हर कोने के लोगों को खींचकर यहां लाती है. यह झील शिलौन्ग से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. सूरज की पहली किरण जब झील के पानी को छूती है तो इसे देखकर ऐसा अहसास होता है कि सच में खूबसूरती में प्रकृति का कोई जवाब नहीं है.

टाइगर हिल, दार्जिलिंग

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित टाइगर हिल सनराइज देखने के लिए सबसे अच्छी जगह है. जितने भी टूरिस्ट दार्जिलिंग घूमने आते हैं सभी सनराइज देखने टाइगर हिल जरूर जाते हैं. आप चाहें तो दार्जिलिंग से पहले स्थित घूम स्टेशन से पैदल या कार से भी टाइगर हिल जा सकते हैं.

कोवलम बीच, केरल

केरल को ‘गौड्स ओन कंट्री’ यानी भगवान का अपना देश भी कहा जाता है और इस शानदार जगह पर सनराइज देखना अपने आप में बहुत स्पेशल है. केरल में कई बीच हैं. केरल का कोवलम बीच अपनी नैचरल ब्यूटी और अरब सागर के नीले पानी के लिए मशहूर है. यहां से सनराइज देखना एक शानदार अनुभव है.

नंदी हिल्स, कर्नाटक

दक्षिण भारत के नंदी टाउन के पास स्थित नंदी हिल्स आपको शहरों के भीड़ भाड़ से निकालकर एक दूसरी दुनिया की सैर कराएगी. आप पहाड़ों और पुराने मंदिरों की खूबसूरती में खो जाएंगें. हल्की धुंध के बीच सनराइज देखने के लिए आपको यहां सुबह-सुबह जाना होगा. इस खूबसूरती को आप अपने कैमरे में भी कैद कर सकते हैं.

कुंडली भाग्य: करण और प्रीता को दूर करने में कामयाब होगी माहिरा! आएगा नया ट्विस्ट

जी टीवी का सीरियल ‘कुंडली भाग्य’ इन दिनों फैंस के बीच काफी सुर्खियां बटोर रही है. जहां शो की टीआरपी दिन पर दिन बढ़ रही है तो वहीं मेकर्स भी कहानी में आए दिन नए ट्विस्ट लाकर सीरियल को और भी दिलचस्प बना रहे हैं. लेकिन अब शो में जल्द ही इमोशनल ड्रामा देखने को मिलने वाला है, जिससे फैंस भी प्रीता के लिए परेशान होते नजर आएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

करण और प्रीता के बीच फिर बढेंगी दूरियां

शो के ट्रैक में अब तक आपने देखा कि शादी के बाद जहां करण और प्रीता के बीच की दूरियां खत्म हो रहीं थीं लेकिन दोनों के खिलाफ माहिरा की चालें कम नही हो रही हैं. यही वजह है कि शादी की रस्मों के दौरान माहिरा अपने हाथ की नस काट लेती है, जिसके बाद करण और पूरा परिवार घबरा जाता है. हालांकि माहिरा बच जाती है और लूथरा हाउस आ जाती हैं. ताकि वह करण और प्रीता को दूर रख सके.

 

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PRECAP 13.11.2020 #kundalibhagya Credits @itz_restoredd

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चालों में कामयाब होगी माहिरा

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अपनी चालों में कामयाब होती माहिरा अब प्रीता को जलाने के लिए करण के करीब जाने की कोशिश करती नजर आएगी. क्योंकि वह जान जाएगी कि करण उसकी कितनी परवाह करता है और इस बात का फायदा उठाते हुए माहिरा, प्रीता को घर से निकालने की भी कोशिश करेगी.

प्रीता को आएगा गुस्सा

करण के करीब माहिरा को जाता देख प्रीता का खून खौल उठेगा और वह करण को माहिरा की सच्चाई के बारे में बताने की कोशिश करेगी. हालांकि करण, प्रीता की किसी भी बात को सुनने से इनकार कर देगा. लेकिन प्रीता, करण को बताएगी कि उनकी शादी तोड़ने के लिए माहिरा का हाथ की नस काटना सिर्फ एक ड्रामा था. वहीं प्रीता की बात सुनने के बावजूद करण, प्रीता को गलत और जिम्मेदार ठहराता नजर आएगा.

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बौलीवुड हो या टीवी स्टार्स, इन दिनों हर कोई अपने प्यार का इजहार कर रहा है. बीते दिन जहां नेशनल टीवी पर बिग बौस 14 के कंटेस्टेंट राहुल वैद्य ने एक्ट्रेस दिशा परमार से अपने प्यार का इजहार किया तो वहीं. अब बालिका वधू की आनंदी यानी अविका गौर ने भी अपने प्यार को लेकर किए खुलासे से फैंस को चौंका दिया है. एक्ट्रेस अविका गोर ने अपने फैंस को एक खुशखबरी देते हुए बताया है कि वह रिलेशनशिप में हैं. आइए आपको बताते हैं कौन है वो शख्स…

सोशलमीडिया पर किया प्यार का खुलासा

बालिका वधू की आनंदी यानी अविका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी दो फोटोज शेयर कर बताया है कि वह रियलिटी शो रोडीज फेम मिलिंद चंदवानी को डेट कर रही हैं. वहीं दोनों इन दिनों गोवा में वेकेशन मना रहे हैं. जहां दोनों हाथों में हाथ डाल समुद्र किनारे पोज देते हुए हुए फोटोज पोस्ट कर रहे हैं.

 

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La vie en rose. My prayers have been answered. I have found the love of my life! (Shiroo ke alava😂) This kind human is mine. And I’m his.. forever.. We all deserve a partner that understands us, believes in us, inspires us, helps us grow & truly cares for us. But, most of us feel that it’s impossible to find such a partner. So, it feels like a dream, but it’s real! So so so real! I pray for all of you .. I want u all to feel what I’m feeling today.. Utmost joy.. Abundance of love.. My heart is so full and the feeling is precious. I thank God for giving me this experience that’s going to be most important chapter of my life… Haha… Nahi nahi, not getting married or anything so soon… Lekin “log kya kahenge” waale thoughts toh ab jaa chuke hai.. isiliye is pyaar ke baare mein khule aam batana chahti thi.. I feel so blessed that I feel this emotion right now for someone who entered my life with the intention of just making me smile.. Today I can proudly say that this idiot is making my heart smile.. Ufff … challo itne paise mein itna hi milega🤓 isse zayada tareef karungi toh Mr. Chandwani chand tak udega.. 🤪 Well, I’m aware yeh kaafi ganda joke tha, but pura credit goes to his sense of humour! Like they say “sangat ka asar”😜 Challo jao sab khush raho ab 🥰 I love you from the bottom of my heart❤️Thanks for completing me. 😊 @milindchandwani Pc @j.v.d23

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फोटोज शेयर करते हुए लिखी ये बात

 

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Life is really unpredictable & you find the right people when you least expect them. 😊 This kind soul entered my life to help me create a larger impact with the children that I worked with. She got so immersed in our work that I almost forgot that she was a well-known celebrity. She hosted our trainings at her house, taught our kids drama & dance, took care of them when we traveled for competitions, helped us raise more funds and so much more. Her kindness, humility & cheerful nature kept me in awe of her everyday. She stood with me when things got really hard & ensured that I never felt low. Today, I’m happy to share that this beautiful soul is an integral part of my life. No no, not getting married yet, but yes, we are together. 😊 I love her. Oh wait, she’s reading this as well. I love you, beautiful. 😊 Thanks for being patient with me. You’ve grown phenomenally in the last year or so & I love how you’re still consciously trying to evolve into an even better human every day. I know you think that I made you a better person, but as I always say, I just made you see yourself from my eyes. You guide me when I feel lost, you scold me when I’m not at my best behavior with my family, you brainstorm with me when I run short of creativity, you push me when I act lazy(Oh wait, I do that), you celebrate every small success with me and a thousand other things. So, thanks for all that you do for me & with me. I’m proud of you & hence, I’m proud of being with you. 😊 PS – Now please transfer the payment for this post. 😂😂 PPS – @shiroo_chihuahua loves me more. 😎 @avikagor PC – @j.v.d23

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गोवा में अपने वेकेशन की फोटोज शेयर करते हुए अविका ने लिखा, ‘मेरी प्रार्थनाएं स्वीकार कर ली गई हैं. मुझे अपने जीवन का प्यार मिल गया है. यह शख्स मेरा है और मैं इसकी. हम सब उस पार्टनर को डिजर्व करते हैं जो हमें समझे, हम पर विश्वास करे, हमें इंस्पायर करे, हमें आगे बढ़ने में मदद करे और सच में हमारी परवाह करे. हम में से अधिकतर को लगता है कि ऐसा पार्टनर पाना मुश्किल है. इसलिए ऐसा होना एक सपना लगता है लेकिन यह सच है. एकदम सच. मैं आप सभी के लिए प्रार्थना करती हूं. मैं चाहती हूं कि आप सभी को ऐसा फील करने का मौका मिले जो मैं कर रही हूं. मैं ये एक्सपीरियंस देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं. यह अनुभव मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा होगा. हाहा, नहीं-नहीं, अभी या जल्द ही शादी करने नहीं जा रही हूं. लेकिन लोग क्या कहेंगे जैसे विचार तो अब चुके हैं.’

बौयफ्रेंड की तारीफों के बांधे पुल

 

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Do you ever feel scared of being alone? Scared of your thoughts, your presence? Until last year, I would constantly ponder upon everything wrong with the world, my life & I. So, I always surrounded myself with people to distract myself. I would constantly get a feeling that I was wasting my time, that I could use the time to write, create or learn something new. But, I thought I needed their energy to keep going or I would go down the spiral of negative thoughts again. With a lot of conscious effort & self-preservation, I’ve started to enjoy my own company. Sometimes I write, sometimes I dance/workout & sometimes I just sit with my thoughts, allowing them to wander. Even when I’m with people now, I add energy to the group, I crack silly jokes & I give back as much as I receive. So, I understand your fear. I’ve been there for years, and I urge you to try to spend a few minutes with yourself today. No mobile, no book, just you & your thoughts. Start small, but start soon. 😊 Share your thoughts with me?

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बालिका वधू फेम अविका ने आगे लिखा, ‘इसलिए मैं इस प्यार के बारे में खुले आम बताना चाहती थी. मैं बहुत खुश हूं कि यह शख्स मुझे हंसाने के लिए मेरे जीवन में आया है. आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि यह इडियट मेरे दिल को हमेशा खुश रखता है. चलो इतने पैसे में इतना ही मिलेगा. इससे ज्यादा तारीफ करूंगी तो मि. चंदवानी चांद तक उड़ेगा. मुझे पता है कि ये काफी गंदा जोक था. मैं तुमसे अपने दिल की गहराइयों तक प्यार करती हूं. मुझे पूरा करने के लिए शुक्रिया मिलिंद चंदवानी.’

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बता दें, अविका गौर से पहले उनके खास दोस्त मनीष रायसिंघानी भी अपनी गर्लफ्रेंड संग लौकडाउन में साथ फेरे ले चुके हैं. वहीं शादी की खास बात यह थी कि दोनों की शादी अविका के बर्थडे के दिन हुई है.

Diwali Special: मीठे में बनाए टेस्टी और Healthy मूंग दाल का हलवा

हलवा – सबसे आम भारतीय मिठाइयों में से एक है जो लगभग हर घर में बनाई जाती है. और जब हलवे की बात हो रही हो तो हम मूंग दाल के हलवे को कैसे भूल सकते हैं. मूंग दाल का हलवा एक बहुत ही प्रसिद्ध नॉर्थ-इंडियन डिजर्ट है और यह पीली मूंग दाल के साथ बनाई जाती है. यह इतनी सामान्य भारतीय रेसिपी है जिसे आप लगभग सभी इंडीयन रेस्तरां के मेनू कार्ड से लेकर हर शादी-ब्याह के फंकशन में आसानी से देखेंगे.

इसकी सबसे खास बात तो ये है की ये स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी खजाना है.पर अक्सर जब हम घर पर मूंग दाल का हलवा बनाते है तो उसका स्वाद वैसा नहीं आ पाता जैसा हम रेस्तरां या पार्टी फंकशन वगैरह में खाते है. तो चलिये जानते है मूंग की दाल के हलवे की आसान रैसिपि जिसे बनाकर आप अपने परिवार वालों या मेहमानों को खिलाकर उन्हें इम्प्रेस कर सकते है.

कितने लोगों के लिए-3 से 4
कितना समय-20 से 25 मिनट
मील टाइप -वेज

हमें चाहिए-

पीली मूंग दाल -200 ग्राम
शक्कर-100 ग्राम
घी-100 ग्राम
पानी या दूध-200 ml
ड्राइ-फ्रूट – 1/2 कप कटे हुए (बादाम ,काजू ,किसमिस )ऑप्शनल

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बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले पीली मूंग दाल को 4 घंटे पहले पानी में भिगो दीजिये . अब इसका पानी छानकर इसको हल्का दरदरा पीस लीजिये.
(ध्यान रहे मूंग दाल को ज्यादा देर नहीं भिगोना है और न ही ज्यादा बारीक पीसना है)

2-अब एक पैन में घी गरम कर लीजिये.घी गरम हो जाने के बाद इसमे पिसी हुई मूंग दाल डाल कर इसे अच्छे से करीब 8 से 10 मिनट तक भूनते रहिए.
(अगर हो सके तो मूंग दाल हलवे को नॉन-स्टिक पैन में बनाए) 3-8 से 10 मिनट बाद आप देखेंगे की दाल अलग- अलग होने लगी है.अब इसमे शक्कर डाल दीजिये और करीब 4 से 5 मिनट तक भूनिए.

4-4 से 5 मिनट के बाद इसमे पानी डाल दीजिये और इसको अच्छे से चलाते रहिए.अब 6 से 7 मिनट के बाद आप देखेंगे की पानी पूरा Absorb हो चुका है.

5-अब इसे करीब 4 से 5 मिनट मध्यम आंच पर भूनिए. अब इसके बाद इसमे कटे हुए Dryfruit डाल कर इसे 4 से 5 मिनट और भूनिए.

6-अब 4 से 5 मिनट के बाद गॅस बंद कर दे .तैयार है मूंग दाल का टेस्टी हलवा .
(आप चाहे तो आप इसे 2 से 3 फ्रिज में स्टोर भी कर सकते है)

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लड़के भी सीखें खाना बनाना

16 वर्षीय अभिषेक को अपनी मैडिकल की कोचिंग की वजह से कानपुर से दिल्ली आना पड़ा. दिल्ली आ कर सब से पहले तो उस ने बजट में रहने की एक जगह ढूंढ़ी. उस के बाद उस के सामने समस्या थी खाने की, क्योंकि जिस पीजी में वह रहता था उस ने खाना न उपलब्ध कराने के लिए कहा. पीजी वालों का कहना था कि अगर आप खुद खाना बना सकते हों तो ठीक है वरना बाहर से मैनेज करें. बाहर से पता करने पर पता चला कि खाने का खर्च जहां उस का बजट बिगाड़ देगा वहीं रोजरोज बाहर का खाना खाने से उस की सेहत को खतरा था.

आज अभिषेक को लग रहा था कि काश, उस ने भी अपनी बहन की तरह खाना बनाना सीख लिया होता तो आज यह नौबत न आती. दरअसल, भारतीय समाज में किचन का काम मुख्य रूप से लड़कियों की जिम्मेदारी समझा जाता है.

लड़कों से किचन का काम करवाना या खाना बनवाना बिलो स्टैंडर्ड समझा जाता है. यही कारण है कि लड़के खाना बनाना नहीं सीख पाते और खाने के लिए घर की महिलाओं पर निर्भर रहते हैं.

बदलते समय में लड़कियों की दुनिया महज घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं है. वे घर से बाहर बड़ीबड़ी कंपनियां चला रही हैं. ऐसे में लड़कों के लिए भी कुकिंग सीखना बहुत जरूरी हो जाता है. लड़कों को कुकिंग आने के अनेक फायदे हैं, जिन्हें लड़के जान लें तो वे कुकिंग सीखने से पीछे नहीं हटेंगे.

लड़कियां होंगी इंप्रैस

आज की कामकाजी, आत्मनिर्भर लड़कियां ऐसे लड़कों की तलाश में रहती हैं जो खुद तो खाना बना ही सकें साथ ही गर्लफ्रैंड को भी अपनी बनाई डिशेज खिला कर इंप्रैस कर सकें.

15 वर्षीय वंशिका कहती है, ‘‘जब लड़कियां लड़कों के बराबर उच्च शिक्षा, नौकरी, घर से बाहर सभी कार्य कर रही हैं जो लड़के करते हैं तो फिर लड़के घर के काम यानी कुकिंग क्यों न सीखें?

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‘‘बाहर से आ कर लड़का क्यों आराम से बैठ कर और्डर करे और क्यों लड़की ही किचन में खाना बनाए. जब जमाना बराबरी का है तो लड़कों को भी कुकिंग सीखनी चाहिए. मेरे लिए परफैक्ट बौयफ्रैंड का पैरामीटर है कि लड़के को भी कुकिंग आनी चाहिए.’’

हैल्थ के लिए फायदेमंद

अभिषेक जैसे अनेक लड़के हैं जो उच्चशिक्षा या कोचिंग के लिए घरपरिवार से दूर दूसरे शहरों में रहते हैं. उन के लिए रोजरोज बाहर का खाना खाना न केवल महंगा पड़ता है बल्कि सेहत के लिए भी नुकसानदायक है. ऐसे में अगर लड़कों ने कुकिंग सीखी होगी तो वे खुद खाना बना कर खा सकते हैं जो हर लिहाज से सस्ता व सेहतमंद होगा.

फ्यूचर के लिए फायदेमंद

आजकल लड़कालड़की दोनों वर्किंग होते हैं. ऐसे में अगर लड़के को कुकिंग आती होगी, तो दोनों घरबाहर की जिम्मेदारियों को बराबरी से बांट सकेंगे वरना आएदिन खाना बनाने को ले कर दोनों के बीच तूतूमैंमैं होती रहेगी.

वैसे भी अगर विवाह के बाद लड़केलड़की दोनों को खाना बनाना आता होगा तो खाने में वैरायटी आएगी. दोनों मिल कर कुकिंग में नएनए ऐक्सपैरिमैंट कर सकेंगे और लड़के को खाने के लिए अपनी पत्नी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा बल्कि जरूरत पर पत्नी को भी खाना बना कर खिला सकेगा.

बनेंगे इंडिपैंडैंट

होस्टल में जहां लड़केलड़कियां इकट्ठे रहते हैं वहां अगर लड़कों को खाना बनाना न आता हो और लड़कियां कहीं चली जाएं या बीमार हो जाएं तो कुकिंग न आने वाले लड़कों के लिए मुसीबत हो जाएगी, लेकिन अगर लड़कों को खाना बनाना आता होगा तो वे लड़कियों पर निर्भर नहीं रहेंगे.

लड़कियों को मिलेगा स्पैशल ट्रीटमैंट

लड़कियों को कितना अच्छा लगेगा जब रूटीन से हट कर लड़की आराम से बैठेगी और लड़का उस के लिए स्पैशल डिश बना कर उसे खुश करेगा.

इसी तरह विवाह के बाद भी अगर लड़के को खाना बनाना आता होगा तो दोनों मिल कर किचन में साथसाथ कुकिंग कर सकेंगे और साथसाथ समय बिताते हुए दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा.

लड़के कुकिंग सीखने की शुरुआत कैसे करें

कुकरी ऐक्सपर्ट नीरा कुमार का कहना है कि लड़कों के लिए भी कुकिंग सीखना उतना ही जरूरी है जितना लड़कियों के लिए. उन का तो यहां तक कहना है कि पाक शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए ताकि लड़के खाना बनाना सीख सकें. वैसे भी जब लड़कियां पढ़लिख कर खाना बनाती हैं तो लड़के भी पढ़नेलिखने के बाद खाना बनाना क्यों न सीखें?

लड़के खाना बनाना सीखने की शुरुआत कैसे करें इस बारे में नीरा कुमार का कहना है कि शुरुआत में वे इंस्टैंट फूड बनाना सीखें. फिर धीरेधीरे पुलाव, पोहा, सैंडविच, पास्ता जैसी डिशेज बनाना सीखें. वे चाहें तो कुकिंग वीडियोज की भी मदद ले सकते हैं.

स्मार्टफोन की लें मदद

स्मार्टफोन का यूज सिर्फ मेल, मैसेज या वीडियोज शेयर करने के लिए न करें. आप स्मार्ट फोन में कुकिंग से रिलेटिड ऐप्स भी डाउनलोड कर सकते हैं और गुड फूड ऐप्स जैसी ऐप्लिकेशंस की सहायता से कुकिंग में आने वाली मुश्किलों का हल तलाश सकते हैं.

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लखनऊ के रहने वाले अपूर्व का कहना है कि कुकिंग एक आर्ट है और इसे हर लड़के को सीखना चाहिए. मैं 12वीं के बाद होस्टल और पीजी में रहा हूं, जहां हमेशा खाने की समस्या आती रहती थी, लेकिन कुकिंग मेरा पैशन है और मैं बचपन से कुकिंग में इंट्रैस्ट लेता था इसलिए मुझे अकेले रहने के दौरान कोई दिक्कत नहीं आई.

मुझे कई तरह का खाना बनाना आता है. मेरा मानना है कुकिंग रिलेशनशिप व बैचलर लाइफ के अलावा शादी के बाद भी काम आती है. इसलिए लड़कों को भी बचपन से ही खाना बनाना सीखना चाहिए.

कैरियर का बेहतरीन औप्शन

आज देश के जानेमाने शैफ संजीव कपूर, विकास भल्ला, रणवीर बरार, कुणाल कपूर आदि सभी पुरुष हैं और इन्होंने महिलाओं के एकाधिकार वाले क्षेत्र में अपनी पैठ बनाई है. इसलिए अगर आप का कुकिंग में पैशन है तो आप उसे अपना प्रौफैशन भी बना सकते हैं. वैसे भी सामाजिक स्तर पर जब लड़केलड़कियों का अंतर खत्म हो रहा है तो फिर लड़कों को भी लड़कियों के क्षेत्र में यानी कुकिंग में महारत हासिल कर के अपने टैलेंट को साबित करना चाहिए और यह तभी संभव हो सकता है जब बचपन से ही वे कुकिंग की ट्रेनिंग लें.

Diwali Special: फैस्टिव सीजन में कैसा हो पहनावा

आजकल हरकोई आने वाले त्योहरों की तैयारियों में व्यस्त है. त्योहारों के साथ आने वाली सकारात्मकता और उत्साह हम सभी के लिए बेहद जरूरी है. इस बार त्योहरों के मौसम में आप भी अपने स्टाइल और खूबसूरती से अपने और दूसरों के मन में नई उमंगें भर सकती हैं. तो फिर तैयार हो जाएं, जलवे दिखाने और धूम मचाने को.

आप के ओवरऔल लुक में कपड़ों का खास योगदान होता है खासकर त्योहारों में पहनावे के जरीए आप अपना लुक बदल सकती हैं. औरेलिया के ब्रैंड हैड अरिंदम चक्रवर्ती के मुताबिक फैस्टिव सीजन में आप का पहनावा कुछ इस तरह का होना चाहिए:

परफैक्ट ए लाइन

क्लासिक ए लाइन कुरता आप को आरामदायक और खूबसूरत एहसास देगा. अटैच्ड दुपट्टे वाला पिंक या रैड ए लाइन कुरता चुनें और इस के साथ सफेद चूड़ीदार, टैसल झुमके और लैट्स मैच कर आप परफैक्ट लुक पा सकती हैं.

 ऐंबैलिश्ड ऐन्सैंबल

ऐंबैलिश्ड ऐन्सैंबल त्योहारों के खास मौकों के लिए परफेक्ट है, जो आप को भीड़ से अलग लुक देगा. इसे प्रिंटेड स्कर्ट और फ्रंट पर मैचिंग प्रिंटेड जिलेट के साथ मैच करें. सिल्वर झुमकों के साथ परफैक्ट लुक दें. इस ड्रैस के साथ आप अपने बाल खुले रखेंगी तो ज्यादा अच्छे लगेंगे. इस तरह आप फैस्टिवल का आनंद उठाने के लिए एक खूबसूरत लुक के साथ तैयार हो जाएंगी.

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  कोऔर्डिनेटेड मौम ऐंड डौटर सैट्स

अपनी गेटी के साथ तालमेल बनाते हुए ड्रैस चुनिए और मौम ऐंड मी लुक के साथ सब को आकर्षित करने के लिए तैयार हो जाए. इन त्योहारों के लिए आप गहरा पीले, नीले, गुलाबी या हरे रंग के खूबसूरत प्रिंट चुन सकती हैं और अपने लुक के साथ ऐक्सपैरिमैंट कर सकती हैं.

  जिओमैट्रिक प्रिंट

त्योहारों के इस सीजन में जिओमैट्रिक प्रिंट वाले कुरते आप को ग्लैमरस लुक देंगे. ज्योमैट्रिक पीच कलर के कुरते को पीच कलर के प्लाजो पैंट्स के साथ मैच करें. हील और मिनिमल ऐक्सैसरीज के साथ अपने लुक को पूरा कीजिए.

  मिनिमलिस्ट

इस साल त्योहार वर्चुअल तरीके से मनाए जाएंगे इसलिए बेहतर होगा कि आप आरामदायक लुक चुनें. इस के लिए लंबी प्रिंटेड या टियर्ड ड्रैसज से बेहतर और क्या हो सकता है. इस तरह की ड्रैस के साथ आप छोटे सिल्वर झुमके और ब्रैंडेड हील पहनिए और अपने लुक को पूरा कीजिए.

त्योहारों में महिलाएं खासतौर पर ऐथनिक ड्रैसस पसंद करती हैं. इसे आप थोड़े प्रयास से अधिक कंफर्टेबल और आकर्षक बना सकती हैं.

लाइमरोड की क्रिएटिव वाइस प्रैसिडैंट रागिनी सिंह कुछ ऐसे ही पहनावों के बारे में जानकारी दे रही हैं:

अंगरखा विद ब्लैक प्रिंटेड प्लाजो

 

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Shot some more of the Festive Hack Series 🪔 ( Since so many of you found these helpful💕 ) Serving a festive spin with Black on black ✨🖤 Pick a black bustier from your wardrobe, pair it with black sharara / palazzo pants & experiment with a complimentary jacket , cape or dupatta like I have here 💫 Which one would you try this Diwali 1 or 2? . . . . . . . . . #festivehacks #festivewear #ethnicwear #stylingtips #stylinghacks #indianwear #indiandesigners #vocalforlocal #indianfestivals #festiveseason #shararapants #blackonblack #festivetips #reuse #rewear #restyling #repurposefashion #fashionvideo #stylingvideo #fashionblog #fashionblogger #kanikakhatri #thecovetedcode

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यदि आप साड़ी ज्यादा नहीं पहनती हैं, तो प्लाजा आप के लिए सब से अच्छा औप्शन है. इसे लंबे अंगरखे कुरते या शौर्टनीलैंथ शार्पली कट कुरते के साथ पहनें. आप पारंपरिक लुक के साथ अधिक कैजुअल दिखने के लिए दुपट्टे का इस्तेमाल नहीं भी कर सकती हैं.

  जरी मोटिफ बनारसी साड़ी ब्लाउज के साथ


लाल बनारस साड़ी में हर महिला आकर्षक लगती है. इस के साथ झुमके या गोल्ड इयररिंग्स, नैकपीस और बड़ी लाल बिंदी का इस्तेमाल आप की खूबसूरती में चार चांद लगा देगा.

कंट्रास्ट स्ट्राइप्ड बौर्डर टैंट साड़ी

कोई भी पारंपरिक भारतीय त्योहार सही ऐथनिक पहनावे के बगैर अधूरा होता है. त्योहारों के इस मौसम में आकर्षक, गौर्जियस, स्ट्राइप्ड बौर्डर से युक्त रैड कलर की बंगाली साड़ी आप किसी भी त्योहार के दिन पहन सकती हैं.

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 औरेंज आर्ट सिल्क बंधनी दुपट्टा

दुपट्टे को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है और यह आप के पहनावे को पारंपरिक से मौडर्न में बदल सकता है. सुंदर औरेंज और गोल्ड कौंबिनेशन दुपट्टा आप को आकर्षक बनाएगा. इसे लौंग स्कर्ट और क्रौप टौप, बेसिक सूट या लहंगे के साथ पहनें. आप फैस्टिव पार्टी में धूम मचाने के लिए तैयार हैं.

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