Serial Story: न जानें क्यों (भाग- 1)

राघव कमरे में दाखिल हुआ तो देखा मानसी अपने मायके से मिले तोहफों को अलमारी में संभाल कर रख रही थी. वह बिना कुछ कहे पलंग पर बैठ कर तिरछी नजरों से अपनी पत्नी की ओर देखने लगा. शायद मानसी का मूड अब भी खराब ही था. आज अपने भतीजे की बर्थडे पार्टी के दौरान भी उस का मूड उखड़ाउखड़ा ही था. चेहरे पर जबरदस्ती की मुसकराहट रख कर वह बाकी सब को तो मूर्ख बना सकती थी, लेकिन उसे नहीं. राघव ने इस वक्त यह सोच कर चुप रहना ठीक समझा कि शायद सुबह तक उस का मूड अपनेआप ठीक हो जाएगा. अत: चुपचाप लाइट बंद कर सोने की कोशिश करने लगा.

राघव के लाइट बंद कर सोते ही मानसी की आंखों से आंसू बह निकले. उसे महसूस हुआ जैसे राघव को उस के दुखी या नाराज होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है. वह अच्छी तरह से जानता है कि उस का मूड कितना खराब है. फिर भी उस से इतना नहीं हुआ कि एक बार मूड खराब होने की वजह पूछे. शायद अब वह पहले वाला राघव नहीं रहा, जिस के लिए मानसी ही उस की पहली प्राथमिकता हुआ करती थी. समय के साथ कितना कुछ बदल जाता है. यही सोचतेसोचते मानसी भी नींद के आगोश में समा गई.

मानसी सुबह उठ कर चुपचाप घर के कामों में लग गई. राघव ने 1-2 बातें करने की कोशिश भी की, लेकिन उस ने हांहूं में उत्तर दे कर टाल दिया. फिर अपनी 4 वर्षीय बेटी मुसकान को तैयार कर के स्कूल छोड़ने के लिए चली गई. हार कर राघव भी चुपचाप औफिस चला गया. मुसकान को स्कूल छोड़ कर आने के बाद मानसी ने अपनी सब से प्रिय सहेली रुखसाना का नंबर डायल किया. कुछ ही देर बाद रुखसाना ने डोरबैल बजा दी.

‘‘क्या हुआ मानसी आज तेरा मूड इतना खराब क्यों है?’’ रुखसाना ने मानसी

का उतरा चेहरा देख कर पूछा.

‘‘आजकल मेरा मूड खराब होने की एक ही वजह है और वह है मेरा पति,’’ मानसी ने उखड़े मन से कहा.

‘‘तुम दोनों के बीच फिर कोई झगड़ा हुआ है क्या?’’ रुखसाना ने सोफे पर बैठते हुए पूछा.

‘‘अब तो यह रोज का ड्रामा है रुखसाना,’’ मानसी भी रुखसाना के सामने बैठ गई.

‘‘तुम दोनों को क्या हो गया है मानसी? कालेज में सब तुम्हारे प्यार की मिसाल देते थे और अब,’’ रुखसाना ने चिंतित हो कर कहा तो मानसी की रुलाई फूट पड़ी.

रुखसाना उठ कर मानसी के निकट जा बैठी और उसे चुप कराने लगी.

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रुखसाना का सहारा पा कर मानसी ने अपने दिल का गुबार निकाल दिया, ‘‘ये सब राघव की वजह से हो रहा है रुखसाना. शादी से पहले मैं ने जितने सपने देखे थे, वे सब टूट गए. पता है कल हम नीरज भैया के बेटे की बर्थडे पार्टी में गए थे. वहां सभी लोग एक से बढ़ कर एक महंगे उपहार ले कर आए थे. केवल हम ही थे जो सस्ता सा खिलौना पकड़ा कर आ गए. तू तो मेरे मायके वालों का स्टेटस जानती है. मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि मैं क्या बताऊं.’’

‘‘तो क्या हो गया अगर तुम लोग औरों की तरह ज्यादा महंगा तोहफा नहीं ले जा पाए? मानसी, हर इंसान को अपनी जेब देख कर खर्च करना चाहिए, चाहे तुम्हारे नीरज भैया हों या कोई और, तुम कितनी भी कोशिश कर लो हर किसी की हर किसी से बराबरी तो नहीं कर पाओगी,’’ रुखसाना ने तर्क दिया.

‘‘बात दूसरों से बराबरी करने की नहीं है रुखसाना. कभीकभी मुझे लगता है कि शायद राघव खुद ही नहीं चाहता है कि समाज में उस का कद और हैसियत बढ़े. तुझे पता है राघव से नीचे काम करने वाले प्रमोशन पा कर उस से ऊपर पहुंच गए हैं. लेकिन वह पहले जहां था आज भी वहीं है. तू शोएब भाई  को ही देख ले, उन्होंने एक छोटी सी दुकान से अपना बिजनैस शुरू किया था और आज वे कितने बड़े शोरूम के मालिक हैं. कल तो पार्टी में शालिनी भाभी ने मुझे ताना मारते हुए पूछ भी लिया कि राघव का प्रमोशन क्यों नहीं होता है,’’ मानसी ने रुखसाना को उसी के शौहर का उदाहरण दे कर उस का तर्क काटने का प्रयास किया.

‘‘मानसी, क्या तू भूल गई है कि शोएब को अपना काम जमाने के लिए कितनी जद्दोजहद करनी पड़ी थी? जगहजगह से कर्जा उठाया, दिनरात भागदौड़ की, तब कहीं जा कर हमारा काम चला. राघव एक ईमानदार और मेहनती इंसान है. जब उस का वक्त आएगा तो वह भी बहुत ऊपर तक जाएगा. कभी तू भी उस की इन्हीं खूबियों की तारीफ किया करती थी. और तू कहां शालिनी भाभी की बातों को दिल से लगा कर बैठ गई है. क्या मुझे तेरी भाभी की आदत नहीं पता है? तू उन की बातों में आ कर अपने घर में कलह मत कर बैठना,’’ रुखसाना ने मानसी को समझाने के लिहाज से कहा.

‘‘शोएब भाई ने तरक्की की, क्योंकि उन के इरादे मजबूत थे. लेकिन मुझे नहीं लगता है कि राघव का ऐसा कोई इरादा है. मुझे लगता है कि मैं एक दिन इसी तरह तंगहाली और मुश्किलों में ही एडि़यां घिसघिस कर मर जाऊंगी. अपनी मुसकान को वह भविष्य नहीं दे पाऊंगी जो मैं ने सोचा था और मैं ये सब शालिनी भाभी की बातों में आ कर नहीं कह रही हूं. रुखसाना कभीकभी मुझे भी लगता है कि…’’ मानसी बोलतेबोलते रुक गई.

‘‘क्या लगता है?’’ मानसी ने पूछा.

‘‘कभीकभी मुझे भी महसूस होता है कि शायद मैं ने राघव से शादी कर के अपनी जिंदगी की सब से बड़ी गलती कर दी,’’ मानसी ने रुखसाना से नजरें चुराते हुए कहा.

‘‘मानसी, तुझे जरा भी अंदाजा है कि तू क्या बोल रही है,’’ रुखसाना मानसी की बात सुन कर चौंक गई.

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आगे पढ़ें- लंबी कहानी: न जानें क्यों भाग- 2

Serial Story: न जानें क्यों (भाग- 5)

पिछला भाग पढ़ने के लिए- लंबी कहानी: न जानें क्यों भाग-4

मानसी को हैरानी हो रही थी कि भाभी ने खुद एक मां होने के बावजूद कितनी आसानी से मुसकान को उस से दूर करने की बात कह दी.

उस दिन रौकी और रौनी के झूठ बोलने पर कि मानसी ने उन पर हाथ उठाया है, उन का दिल तड़प उठा था. लेकिन आज वह मानसी से उस की बच्ची को दूर कर देना चाहती थीं. तलाक और दूसरी शादी की बात सुन कर उसे यह एहसास हुआ कि वह आज भी राघव से बहुत प्यार करती है. उसे भाभी के साथसाथ राघव पर भी गुस्सा आ रहा था. क्या वह जिद छोड़ कर उसे लेने नहीं आ सकता था. मानसी फूटफूट कर रो पड़ी.

जैसाकि मानसी को अंदेशा था, शालिनी ने नीरज को फोन कर के घर आने के लिए कह दिया था. नीरज के घर आने पर शालिनी ने सारा घर सिर पर उठा लिया. नीरज ने नौकर को भेज कर मानसी को बाहर बुलवा लिया. मानसी चुपचाप एक कोने में जा कर खड़ी हो गई. उसे यकीन था कि भैया उस की बात जरूर समझेंगे. शोरशराबा सुन कर मां भी वहां आ गई थीं.

‘‘आप को अंदाजा नहीं है नीरज, आज आप की बहन ने मेरी और मेरे भाई की कितनी बेइज्जती की है. इस की वजह से मुझे अपने भाई के सामने कितना शर्मिंदा होना पड़ा,’’ मानसी ने टेढ़ी नजर से मानसी को देखते हुए कहा.

‘‘तुम्हारी भाभी क्या कह रही हैं मानसी?’’ नीरज ने मानसी से सवाल किया.

‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ था भैया. भाभी मेरा तलाक करवा कर मेरी शादी अपने भाई कौशिक से करवाना चाहती हैं. मैं ने इनकार कर दिया तो इन्हें बुरा लग गया. ये तो मुसकान को भी मुझ से दूर करने की बात कह रही थीं,’’ मानसी ने अपना पक्ष रखा.

‘‘तो इस में गलत क्या है? शालिनी ठीक कह रही है. हम जो भी करेंगे तुम्हारे भले के लिए ही करेंगे.’’

नीरज को अपनी पत्नी का पक्ष लेते देख कर मानसी को बहुत दुख हुआ. अपने बड़े भाई से सवाल पूछे बिना उस से रहा नहीं गया, ‘‘राघव से तलाक ले कर अपनी बेटी से दूर होने में मेरी कौन सी भलाई है भैया? और उस कौशिक से शादी करने में मेरा क्या भला होगा?’’

‘‘क्यों, मेरे भाई में ऐसी क्या बुराई है, जो तुम उस से शादी नहीं कर सकतीं? पहले भी तुम ने उसे ठुकरा कर उस फटीचर राघव से शादी कर ली थी. वह तो मेरे भाई की शराफत है कि इस सब के बावजूद वह तुम से शादी करने के लिए तैयार है,’’ शालिनी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा.

‘‘आप को सुनना है तो सुनिए… आप का भाई एक नंबर का आवारा है. क्या मैं नहीं जानती हूं कि उस की नजर कितनी खराब है. जब आप मेरे लिए उस का रिश्ता ले कर आई थीं उस वक्त भी वह एक लड़की से बदसलूकी करने के आरोप में जेल की हवा खा कर आया था. क्या मैं ऐसे घटिया आदमी से शादी करती? मेरे राघव के पास आप के भाई जितनी दौलत भले न हो, लेकिन वह उस से हर लिहाज से बेहतर और शरीफ इंसान है,’’ मानसी ने गुस्से में कहा.

‘‘एक तो हम ने तुम्हें और तुम्हारी बेटी को अपने घर में रख कर एहसान किया, ऊपर से तुम हमें ही आंखें दिखा रही हो. मेरे जिस भाई के बारे में तुम बकवास कर रही हो, उसी ने तुम्हारे भाई के नए बिजनैस में लाखों रुपए इनवैस्ट किए हैं. अगर तुम्हारा पति इतना ही अच्छा और शरीफ आदमी है, तो तुम उसे छोड़ कर यहां क्यों हो? मुफ्त की रोटियां क्यों तोड़ रही हो? चली जाओ अपने घर,’’ शालिनी चीख पड़ी.

मानसी की आंखों से आंसू बहने लगे. उस ने नीरज की ओर देखा तो वह दूसरी ओर देखने लगा. मां की ओर देखा तो उन्हें लगा कि जैसे उन की आंखें उसे चुनौती दे रही हों. तभी मुसकान नौकर के साथ स्कूल से वापस आ गई और भाग कर मानसी की टांगों से लिपट गई.

‘‘मम्मी आप रो रही हो?’’ मुसकान ने सवाल किया तो मानसी ने आंसू पोंछे और अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में चली गई.

कमरे में जाते ही मानसी ने अपना सारा सामान समेटना शुरू कर दिया. अपना बैग पैक करने के बाद उस ने रुखसाना को फोन किया और उस के फोन उठा कर हैलो कहते ही कहा, ‘‘मैं अपने घर वापस जा रही हूं रुखसाना. वह घर भले ही छोटा है, लेकिन मेरा अपना है.’’

रुखसाना मानसी की भर्राई आवाज सुन कर सब समझ गई थी. उस ने केवल इतना कहा, ‘‘तू बिलकुल ठीक कर रही है मानसी.’’

कुछ ही देर बाद मानसी औटो से अपने और राघव के घर के बाहर उतर रही थी.

मानसी ने हिम्मत कर के डोरबैल बजाई. राघव ने दरवाजा खोला तो उसे व मुसकान को सामने पा कर चौंक गया. मुसकान पापापापा कहते हुए उस से लिपट गई.

मानसी ने देखा कि राघव कुछ ही दिनों में काफी कमजोर हो गया था. उस की दाढ़ी बढ़ी हुई थी. आंखें देख कर लग रहा था कि वह कई दिनों से ठीक से सोया नहीं है. मानसी का दिल आत्मग्लानि से भर गया.

उस ने राघव से कहा, ‘‘अंदर आने के लिए नहीं कहोगे?’’

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राघव बिना कुछ कहे एक तरफ हट गया. मानसी ने अंदर आ कर मुसकान को खेलने के लिए उस के कमरे में भेज दिया. राघव सोफे पर जा कर बैठ गया. मानसी राघव के पास जा कर नीचे बैठ गई और उस का हाथ अपने हाथों में ले कर कहा, ‘‘आई एम सौरी राघव. मेरा दिमाग खराब हो गया था जो मैं ने भैयाभाभी की बातों में आ कर तुम्हारे प्यार पर शक किया और अपना घर छोड़ कर चली गई. मैं आइंदा कभी ऐसी गलती नहीं करूंगी. मुझे तुम्हारे साथ और प्यार के अलावा और कुछ नहीं चाहिए. प्लीज मुझे माफ कर दो.’’

राघव बिना कुछ कहे उस के चेहरे को ध्यान से देखता रहा. कोई जवाब न मिलने पर मानसी ने लगभग रोते हुए कहा, ‘‘राघव प्लीज कुछ तो बोलो. मुझ से झगड़ा कर लो, मुझे डांटो, अपना सारा गुस्सा मुझ पर निकाल लो, मगर प्लीज मुझे इस तरह से न देखो.’’

‘‘मैं तुम से और मुसकान से बहुत प्यार करता हूं मानसी. अगर तुम फिर से मुझे छोड़ कर चली गई तो मैं जी नहीं पाऊंगा,’’ राघव ने मानसी की आंखों में देख कर लगभग फुसफुसाते हुए कहा.

‘‘मैं भी तुम से बहुत प्यार करती हूं राघव. मैं वादा करती हूं कि मैं आज के बाद तुम्हें और अपने घर को छोड़ कर कभी नहीं जाऊंगी. आई एम सौरी राघव,’’ मानसी राघव की गोद में सिर रख कर फूटफूट कर रो रही थी. राघव की आंखों से भी आंसुओं की बूंदें लुढ़क गईं. वह आंखें बंद कर मानसी का सिर सहलाने लगा.

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Hyundai Verna: इस गाड़ी के इंटीरियर ने मार्केट में मचाई धूम

कार निमर्ता कंपनी हुंडई ग्राहकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए समय-समय पर गाड़ियों के फीचर्स में बदलाव करती रही है. इस बार हुंडई वरना के इंटीरियर ने ग्राहकों का दिल जीत लिया है. नई वरना में कार कनेक्टेड ब्लूलिंक दिया गया है. वहीं 20.32-सेमी-एवीएनटी टचस्क्रीन है जिसके जरिए सभी इन्फोटेनमेंट फंक्शन को चलाना काफी आसान हो गया है.

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नए डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर से ड्राइविंग भी काफी आसान हो गई है, क्योंकि इसमें इंस्ट्ररक्शन की जानकारी को आसानी से पढ़ा भी जा सकता है. यानी नई वरना टेक्नोलोजी के मामले में #BetterThanTheRest है.

आत्महत्या: सुसाइड का दौर और राहत

दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लोगों में अवसाद की स्थिति अपनी चरम पर देखी जा रही है. दुनिया भर में त्रस्त, भयभीत होकर आत्महत्या का दौर जारी है. हमारे देश में भी और छत्तीसगढ़ में भी.

हाल ही में छत्तीसगढ़ के एम्स हॉस्पिटल में जहां कोरोना से ग्रस्त एक शख्स का इलाज जारी था. उसने उपरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. यह एक वाकया बताता है कि कोरोना पेशेंट किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. उन्हें कैसा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार मिलना चाहिए. आज हम इस आलेख में यही बता रहे हैं कि किस तरह लोग आत्महत्या कर रहे हैं. और बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं-

पहला मामला-कोरोना के मरीज ने एक दिन अचानक घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली. घटना छत्तीसगढ़ के मुंगेली शहर में घटित हुई.

दूसरा मामला- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक महिला ने विष खाकर आत्महत्या कर ली. वह चिट्ठी लिख गई की इसका कोई दोषी नहीं है. बताया गया कि वह कोरोना संक्रमण से भयभीत थी और उसे जिंदगी निसार लग रही थी.

तीसरा मामला- दुनिया में फैलते कोरोना संक्रमण से भयभीत होकर एक डॉक्टर ने अंबिकापुर में आत्महत्या कर ली. तथ्य सामने आए की वह कोरोना संक्रमण से अवसाद ग्रस्त हो गई थी और जिंदगी का उसे अब कोई मायने नहीं लग रहा था.

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बाद देश में आए दिन यह सुनने में आ रहा है कि फलां ने आत्महत्या कर ली. आखिर इस आत्महत्या करने का मनोविज्ञान आदमी की मानसिक बुनावट क्या है ? इस पर गौर करना अति आवश्यक है.हालांकि आत्महत्या एक अवसाद का क्षण होता है जिससे अगर आप ऊबर गए तो सब कुछ ठीक हो गया अन्यथा इहलीला समाप्त. मगर इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण काल के पश्चात आत्महत्याओं के दौर में एक बड़ी वृद्धि देखी जा रही है आए दिन यह समाचार आ रहे हैं कि कोरोना के कारण अवसाद में आकर अथवा भयभीत होकर फलां ने आत्महत्या कर ली. हाल ही में छत्तीसगढ़ के एम्स में कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने उपरी मंजिल से नीचे कूदकर आत्महत्या कर ली. ऐसे ही घटनाओं के संदर्भ में कहा जा सकता है कि दरअसल यह जल्दी में उठाए कदम होते हैं.अगर ऐसी सोच के लोगों को सही समय पर किसी का साथ और संबल मिल जाए तो वह अवसाद की परिस्थितियों से निकल सकता है. आज इस आलेख में हम इन्हीं विसंगतियों पर चर्चा कर रहे हैं.

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जरूरत हौसला बढ़ाने की

छत्तीसगढ़ के आईपीएस वर्तमान में सरगुजा के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी कहते हैं -कोरोना संक्रमित लोगों का आत्महत्या जैसा कदम उठाना बेहद चिंता का सबब है. इसके लिए आवश्यकता है की हम सब ऐसे अवसाद ग्रस्त लोगों का हौसला बढ़ाएं.

देश व प्रदेश मे कोरोना संक्रमित लोगों के द्वारा आत्महत्या करने की खबरें आज नेशनल मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं.आत्महत्या करने वाले युवक जरा सोचें कि जिस वायरस जनित बिमारी में 90% रिकवरी रेट के बावजूद आपको अपनी जीवनलीला समाप्त करने जैसे कदम उठाने की क्या आवश्यकता है.

रतनलाल डांगी कहते हैं-हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोके. इसमें सबसे बड़ी है भूमिका परिवार,मित्र,पड़ौसी, डॉक्टर और समाज की है. और यही नहीं रतनलाल डांगी सोशल मीडिया के माध्यम से भी जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं जिसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है.
डॉक्टर गुलाब राय पंजवानी बताते हैं-

संक्रमित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाना परिवार का दायित्व है. अगर परिवार ऐसे समय में संबल बन जाए तो कोई भी आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम नहीं उठाएगा.

अधिवक्ता बी के शुक्ला के अनुसार ऐसे अवसाद ग्रस्त व्यक्ति के साथ सहानुभूति पूर्वक चर्चा करके उसके अपने बल को बढ़ाना चाहिए कभी भी किसी भी प्रकार का कटाक्ष नहीं करना चाहिए.उसको हिम्मत दे कि यह ऐसी बीमारी है जिसमें कुछ समय के परहेज से बिल्कुल ठीक हो जाते है.

डॉक्टर उत्पल अग्रवाल के अनुसार जब किसी कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराया गया हो तो परिजनों को चाहिए कि समय समय पर उससे मोबाइल पर विडिओ,चैटिंग से सम्पर्क बनाए रखे.उसका मनोबल बढ़ाएं.

आईपीएस रतनलाल डांगी के शब्दों में कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ आसपास के लोगों को भी उस परिवार व संक्रमित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए,किसी प्रकार का सामाजिक बहिष्कार जैसी चीजें न बातचीत मे आए और न ही अपने व्यवहार मे लाएं.भौतिक दूरी रखें न कि सामाजिक दूरी.
जैसे ही मित्रों को जानकारी मिले उनकों भी अपने मित्र से बातचीत करना चाहिए उसे अकेलापन महसूस नहीं होना चाहिए. यही नही अस्पताल मे यदि रखा गया हो तो संक्रमित व्यक्ति की काउंसलिंग की जानी चाहिए.

कोरोना एक सामान्य संक्रमण

कुल मिलाकर सच्चाई यह है कि कोरोना वायरस बड़ी अन्य बीमारियों की अपेक्षा एक संक्रमणकारी बीमारी है जो चर्चा का बयास बनी हुई है.जबकि सच्चाई यह है कि कुछ सामान्य बातों को ध्यान में रखकर हम इससे आसानी से बच सकते हैं दिन में हाथ धोना फिजिकल डिस्ट्रेसिंग आदि है और अगर यह संक्रमण हो भी जाता है तो अब यह बहुत हद तक काबू में आने वाला संक्रमण है. ऐसे में भला करके आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाना नादानी ही कही जा सकती है. यहां यह भी तथ्य सामने आए हैं कि शासकीय हॉस्पिटल में डॉक्टर सुबह नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार करोना पेशेंट के साथ मानवीय नहीं होता. कई जगहों पर तो डाक्टर और स्टाफ हाथ खड़ा कर लेता है और अच्छा व्यवहार नहीं करता. मगर यह बहुत ही रेयर है हमारे देश और दुनिया में लगातार यह बात सामने आई है कि मेडिकल स्टाफ कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अपनी आहुति दे रहा है और लोगों का इलाज कर रहा है.

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि डॉक्टर व‌ स्टाफ का बर्ताव भी नम्र,शालीन व आत्मीय होने से व्यक्ति को संबल मिलता है. हॉस्पिटल का माहौल अगर बेहतर है तो व्यक्ति को आत्मशक्ति की अनुभूति होती है. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि ऐसे लोगों को‌ चाहे वो घर में हो या अस्पताल मे ऐसे व्यक्ति को व्यस्त रखा जाए.जिससे उसके दिमाग मे निराशाजनक विचार न आ पाएं.

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प्रतिदिन स्वस्थ होने वालों की जानकारी साझा करने से भी मानसिक रूप से ताकत मिलती है और मनोबल बढ़ता है. इसलिए यहां पर पुलिस अधिकारी रतनलाल डांगी के यह शब्द महत्व रखते हैं कि हमारे छोटे छोटे प्रयास भी कई जानें बचा सकता है इसलिए हम अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील रहें और स्वयं भी जागरूक रह कर यह काम अब अपरिहार्य रूप से करें.

पति सैफ के बर्थडे सेलिब्रेशन में बेबी बंप फ्लॉन्ट करती दिखीं करीना कपूर, Video Viral

 बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. कभी फिल्म तो कभी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर फैंस के बीच काफी पौपुलर हैं. हालांकि इस बार करीना के सुर्खियों में रहने की वजह उनकी दूसरी प्रैग्नेंसी है. दरअसल, हाल ही में सैफ अली खान ने अनाउंसमेंट की थी कि करीना दूसरी बार प्रैग्नेंट है, जिसके बाद बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया था. लेकिन अब प्रैग्नेंसी की अनाउंसमेंट के बाद करीना बेबी बंप फ्लौंट करती हुई नजर आई हैं, जो तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

पति के बर्थडे पर दिखाया बेबी बंप

दरअसल, रविवार को सैफ अली खान ने अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया था और करीना ने सैफ के लिए स्पेशल पार्टी रखी थी. पार्टी में करीना ने जो ड्रेस पहना था उसमें वह काफी खूबसूरत लग रही थीं और साथ ही इस आउटफिट में उनका बेबी बंप भी नजर आ रहा था. साथ ही करीना ने सैफ के बर्थडे पर वीडियो और फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरी जिंदगी की चमक को जन्मदिन की शुभकामनाएं.’

 

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Happy birthday to the sparkle of my life ❤️

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बर्थडे पर किया ये वीडियो शेयर

सैफ के बर्थडे पर एक खास वीडियो शेयर करते हुए करीना ने लिखा, मैंने अपने सैफ की 50 सालों की लाइफ को कैद करते हुए एक वीडियो बनाया, जिसे मैंने कल रात उनके साथ शेयर किया था. यह 22 मिनट लंबा था और मुझे अभी भी लगा कि इतना कुछ कहा जा सकता है! मैं 50 फोटोज के साथ बनी ये वीडियो फैंस के साथ शेयर कर रही हूं.  हैप्पी बर्थडे लव … आप 50 के लुक को इतना अच्छा और इतना अच्छा बनाते हैं!

गौरतलब है कि जहां सैफ अली खान चौथी बार पिता बनने वाले हैं तो वहीं करीना दूसरी बार मां बनने जा रही हैं. हालांकि साल 2018 सितंबर में दूसरी प्रैग्नेंसी को लेकर जब करीना कपूर ने कहा था कि वह दो साल बाद दूसरा बेबी प्लान करेंगे.

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Wedding Album: सामने आई राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी की अनदेखी फोटोज

बाहुबली फेम साउथ सुपरस्टार राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) और मिहिका बजाज की शादी ने बीते हफ्ते काफी सुर्खियां बटोरीं. वहीं फोटोज की बात करें तो वीडियो से लेकर फोटोज को फैंस ने काफी पसंद किया. लेकिन अब दुल्हन मीहिका ने शादी के एक हफ्ते बाद कुछ खास फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं, जो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज.

फैमिली पर लुटाया था प्यार

शादी के लिए मिहिका बजाज ने खास तैयारियां की थी. जहां फोटोज में मिहिका बजाज मेकअप करती नजर आईं तो वहीं मंडप में जाने से पहले मिहिका बजाज ने अपनी मां को लगे लगाया था. वायरल फोटोज में मिहिका बजाज अपनी मां पर प्यार लुटाती नजर आ रही हैं.

 

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शादी में मस्ती करती दिखीं मिहिका बजाज

अपनी शादी की रस्मों के दौरान राणा दग्गुबाती के साथ बैठी मिहिका बजाज जमकर मस्ती करती नजर आईं. वायरल फोटोज मिहिका बजाज शोर मचाती नजर आ रही हैं. इसी बीच शादी की हर एक फोटो में राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की धमाकेदार केमिस्ट्री भी देखने को मिली. वहीं फैंस इस नए नवेले जोड़े की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं. साथ ही फैंस एक दूसरे की आंखों में खोए नजर आ रहे राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की फोटोज को जमकर वायरल कर रहे हैं.

 

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राणा दग्गुबाती में आए थे खास मेहमान

 

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राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी में अल्लू अर्जुन, रामचरण, वेंकटेश डग्गुबाती, सामंथा अक्कीनेनी और नागा चैतन्य जैसे साउथ के सितारे नजर आए. हालांकि कोरोना के कारण मेहमानों की संख्या ज्यादा नहीं थी.


जब मिहिका बजाज को पहनाया मंगलसूत्र

राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी मारवाड़ी रीति रिवाज के साथ हुई थी, जिसमें सात फेरे लेने के बाद कुछ इस अंदाज में राणा दग्गुबाती ने मिहिका बजाज को मंगलसूत्र पहनाया था.

 

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बता दें, कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए जहां मेहमानों की गिनती बेहद कम थी तो वहीं शादी में शामिल होने वाले मेहमानों को पहले कोरोनावायरस टेस्ट करवाना पड़ा था. साथ ही शादी की सभी रस्मों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया था.

Web Series Review: जानें कैसी है कुणाल खेमू की साइकोलॉजिकल क्राइम सीरीज अभय सीजन 2

रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

निर्माता: बी पी सिंह

कंसेप्ट: बी पी सिंह

निर्देशक: केन घोष

कलाकार: कुणाल खेमू, बिदिता बाग, राम कपूर, मोहन कपूर, करण मेहात, निधि सिंह, राघव जुयाल आशा नेगी व अन्य

अवधि: हर एपिसोड 40 से 45 मिनट के बीच

ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी 5

आपराधिक घटनाओं की जांच कर अपराधी को पकड़कर सजा दिलाने के काम में लगी पुलिस से प्राप्त सत्य घटना क्रमो को नाटकीयता के साथ टीवी के पर्दे पर सीरियल के रूप में लाने का ख्याल सबसे पहले बी पी सिंह के दिमाग में आया था, जिन्होंने आज से 32 साल पहले सोनी टीवी के लिए बतौर निर्माता निर्देशक व लेखक टीवी सीरियल “सीआईडी ‘ की शुरुआत की थी . उसके बाद उन्होंने एक नए अंदाज में इसी तरह का एक दूसरे सीरियल “आहत” की शुरुआत की थी.”सीआईडी” अभी भी प्रसारित हो रहा है. इनके एपिसोड 40 से 45 मिनट के हुआ करते थे. बी पी सिंह इन दिनों पुणे फिल्म संस्थान के चेयरमैन भी हैं.और अब वही बी पी सिंह अपराध कथाओ को वेब सीरीज “अभय दो” में लेकर आए हैं, जिसका प्रसारण 14 अगस्त 2020 से शुरू हुआ है. मगर “जी फाइप” ने अभी इस वेब सीरीज के सिर्फ 3 एपिसोड ही ऑन एयर किए हैं. बाकी के एपिसोड 4 सितंबर को किए जाएंगे. वैसे 4 एपिसोड फोन एयर किया जाना चाहिए था.पहले और दूसरे एपिसोड की कहानी अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच जाती है, मगर तीसरे एपिसोड की कहानी का अंत चौथे एपिसोड में होगा. यह जी 5 की कमजोरी कही जाएगी.

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कहानी:

इसमें रोमांचक अपराध कहानियों का समावेश है.स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) लखनऊ के साथ इंस्पेक्टर अभय प्रताप सिंह (कुणाल केमू) जुड़ते हैं,उनके सामने पहली चुनौती शहर में लगातार हो रही स्टूडेंट्स की हत्याओं की जांच पर अपराधी को पकड़ना. एक सीरियल किलर है ने बीते दो साल में ऐसे नौ लड़कों की हत्या करने के बाद उन्हें जला कर उनकी राख व अस्थि पंजर को पॉलीथिन में पैक करके शहर के हाईवे से लगे जंगल में गाड़ दिया था, जो कि पढ़ाई में टॉपर होते हैं.यह लड़के किसी न किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.अभय प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ इसकी जांच कर हत्यारे को पकड़ने में कामयाब होते हैं . वहीं दूसरी कहानी में ऐसी लाशें मिलती हैं, जिनका एक पैर टखने से कटा होता है और उसके कुछ दांत उखाड़ने गए होते हैं. अंततः हत्यारे का सच सामने आ जाता है. तीसरे एपिसोड की कहानी में एक व्यक्ति (राम कपूर)द्वारा स्कूल बस को अगुवा कर लिया गया है और एक टीवी एंकर की हत्या कर दी गई है. नन्हें बच्चों से भरी बस अगुवा करने वाला यह हत्यारा (राम कपूर) खुद ही नाटकीय ढंग से अपने आप को पुलिस को सौंप देता है. मगर थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद भी एक शब्द नहीं बोलता. उसे सिर्फ अभय प्रताप सिंह से मिलना है.वह अभय के साथ एक खतरनाक खेल खेलना चाहता है. अब यह खेल क्या है और हत्यारे का मकसद क्या है? इसका फैसला तो 4 सितंबर को होगा, जब चौथा एपिसोड प्रसारित होगा.

लेखन व निर्देशन:

एक बेहतरीन पटकथा वाली वेब सीरीज में कहीं भी कोई फिजूल की बकवास नहीं की गई है .अपराध हुआ है, पुलिस डांस करती हैं और अपराधी पकड़ा जाता है .इसमें कहीं कोई नाटकीय दृश्य या संवाद नहीं रखे गए हैं .सब कुछ पॉइंट टू पॉइंट है. हर एपिसोड की कथा दर्शकों को अपने साथ बांध कर रखती है.
केन घोष अपनी निर्देशकीय क्षमता का लोहा पहले भी मनवा चुके हैं. अब वेब सीरीज “अभय दो” मैं उन्होंने साबित कर दिखाया कि साइको लॉजिकल थिलर बनाने में भी उन्हें महारत हासिल है.

अभिनय:

“अभय सीजन 2” के पहले एपिसोड को अपने कंधे पर धोते हुए अपनी जबरदस्त अभिनय क्षमता का परिचय दिया है अभिनेता चंकी पांडे ने.संपर्क मुस्कुराते और हंसते हुए तथा प्यार से बात करते-करते हर्ष जिस तरह से क्रूर हत्याएं करता है ,वह देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. ऐसा हर्ष के किरदार को निभाने वाले अभिनेता चंकी पांडे की अभिनय क्षमता से संभव हो पाया है.फिल्म “हाउसफुल” में पास्ता के किरदार में चंकी पांडे को देख चुके लोग “अभय सीजन 2” में उन्हें हर्ष के नेगेटिव किरदार में देखकर ना सिर्फ आश्चर्यचकित होंगे, बल्कि यह सोचने पर मजबूर होंगे कि उनकी अभिनय क्षमता का अब तक सही उपयोग क्यों नहीं हुआ?

दूसरे एपिसोड को लोग पूरी तरह से बिंदिया बाग के उत्कृष्ट अभिनय के कारण याद रखेंगे. जबकि तीसरे एपिसोड में राम कपूर ने कमाल का शानदार अभिनय किया है. पुलिस अफसर के किरदार में कुणाल खेमू ने काफी सधा हुआ अभिनय किया है. आशा नेगी व निधि सिंह ने भी ठीक अभिनय किया है.

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अब सीजन 2 देखने के बाद दर्शकों को एहसास होता है कि बिदिता बाग, राम कपूर और चंकी पांडे की अभिनय क्षमता का अब तक फिल्मकार सही ढंग से उपयोग करने में असफल रहे हैं.

पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स का सामना करती हैं तो कुछ लड़कियों को कोई खास बदलाव महसूस नहीं होता है. ऐसे ही कुछ लड़कियां डिप्रैशन और इमोशनल आउटबर्स्ट का शिकार होती हैं. इसे कहते हैं प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम और 90 प्रतिशत लड़कियां वर्तमान में इसे महसूस कर रही हैं.

पीरियड के दौरान अनेक परेशानियां भी आती हैं. महीने में 2 बार पीरियड्स क्यों हो रहे हैं? मसलन, फ्लो इतना ज्यादा या इतना कम क्यों है ? पीरियड्स और लड़कियों के समान क्यों नहीं हैं? अनियमित पीरियड्स क्यों हैं? ये सब प्रश्न अकसर हमारे दिमाग में घर कर लेते हैं.

हमें यह समझने की जरूरत है कि ये सब परेशानियां असामान्य नहीं हैं. हर महिला का मासिकधर्म और रक्तस्राव का स्तर अलगअलग है.

असामान्य माहवारी

पिछले कुछ मासिक चक्रों की तुलना में रक्तस्राव असामान्य होना, पीरियड्स देर से आना, कम से कम रक्तस्राव से ले कर भारी मात्रा में खून बहना आदि असामान्य पीरियड माने जाते हैं. यह कोई बीमारी नहीं है. इसे अलगअलग हर लड़की में देखा जाता है. इस में अचानक मरोड़ उठने लगती है और बदनदर्द होने लगता है. अनियमित और असामान्य पीरियड को एनोबुलेशन से भी जोड़ा जा सकता है. आमतौर पर इस कारण हार्मोंस में असंतुलन हो सकता है.

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प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम हर साल भारत की एक करोड़ से भी ज्यादा लड़कियों में देखा जाता है. यह एक ऐसी समस्या है जो लड़कियों को हर महीने पीरियड से कुछ दिनों पहले प्रभावित करती है. इस दौरान लड़कियां शारीरिक और भावनात्मक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती हैं.

मुंहासे, सूजन, थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स इस के कुछ सामान्य लक्षण हैं. सटीक लक्षण और उन की तीव्रता लड़की से लड़की और चक्र से चक्र पर निर्भर करती है.

हार्मोंस में परिवर्तन इस सिंड्रोम का एक महत्त्वपूर्ण कारण है. विटामिन की कमी, शरीर में उच्च सोडियम का स्तर, कैफीन और शराब का अधिक सेवन पीएमएस का कारण बन सकते हैं. पीएमएस 20 से 40 वर्ष की महिलाओं में देखा जा सकता है.

इलाज है जरूरी

माहवारी में आने वाले अनियमित पीरियड्स या पीएमएस जैसी परेशानियों का इलाज बहुत ही सरल है. ऐक्सरसाइज हमेशा से ही पीरियड्स की परेशानी का हल रही है. एक स्त्रोत के अनुसार हफ्ते में 5 दिन 35 से 40 मिनट ऐक्सरसाइज करने से उन हार्मोंस की मात्रा कम हो जाती है जिन के कारण अनियमित माहवारी हो सकती है.

यदि किसी लड़की को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द हो, भारी रक्तस्राव हो, 7 दिनों? से ज्यादा पीरियड के बीच उल्टियां हों तो अच्छा यही होगा कि तुरंत उसे डाक्टर के पास ले कर जाएं.

क्या खाएं क्या नहीं

–  दोपहर के भोजन में मिक्स दाल, सलाद, पनीर और उबले अंडे शामिल करें. इन के सेवन से शरीर में प्रोटीन की जरूरत पूरी होगी.

–  काले चने, राजमा और फलियां न खाएं तो बेहतर होगा. इन के सेवन से पेट दर्द या मरोड़ की शिकायत हो सकती है जो माहवारी के दर्द को और मुश्किल बना सकती है.

–  इस दौरान खून में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित रख जरूरी है, इसलिए मीठी चीजों का सेवन कम करें.

–  विटामिन बी6 और आयरन की कमी को पूरा करने के लिए ब्रोकली, टमाटर, मक्का इत्यादि खा सकती हैं. साथ ही विटामिन सी ने भरपूर चीजें जैसे नीबू, संतरा इत्यादि भी लें.

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–  माहवारी के दर्द से मैगनिशियम और पोटैशियम युक्त चीजें नजात दिलाने में सहायक हैं. इस के लिए केला, सोया पनीर यानी टोफू और सेम इत्यादि का सेवन कर सकती हैं.

किचन से लेकर बेडरूम तक, नई दुल्हन के लिए ऐसे सजाएं घर

शादी एक ऐसा पल है जब जिंदगी का हर पहलू बदलाव की सुनहरी चादर में लिपट जाता है. यह बदलाव भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक होने के साथ भौतिक भी होता है. खासतौर पर लड़की के लिए क्योंकि उसे अपने बचपन के घरआंगन को छोड़ कर पति के आशियाने को बसाना होता है. ऐसे में पति के घर को ले कर हर लड़की के कुछ ख्वाब भी होते हैं. वह सोचती है कि भले ही पति का घर उस के ड्रीम हाउस के खाके से मेल खाता हुआ न हो, लेकिन घर में उस का कमरा और रसोई कुछ हद तक उस के हिसाब से ही होगी. ऐसे में हर लड़के की जिम्मेदारी है कि अपनी पत्नी को घर लाने से पहले अपने बैडरूम और रसोई को बैचलर लुक से न्यूली वैड लुक में बदल लें. यदि आप को कमरे का इंटीरियर तय करने में समस्या आ रही है, तो नीचे दिए टिप्स आप के लिए मददगार साबित हो सकते हैं:

बैडरूम का रंग हो ऐसा

बैडरूम के इंटीरियर का सब से महत्त्वपूर्ण हिस्सा दीवारों पर चढ़ा पेंट होता है. आइए जानते हैं कि कैसा होना चाहिए न्यूली वैड कपल के कमरे का रंग. शादी के माहौल में अकसर वाइब्रैंट कलर्स देखने को मिलते हैं. लगातार हफ्ते भर वाइब्रैंट रंगों को देखतेदेखते दुलहन का मन उन्हीं में खो जाता है और वह उन रंगों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है. खासतौर पर लाल, बैगनी, रौयल ब्लू, गोल्डन और मैरून रंग से उसे लगाव सा हो जाता है. इसलिए दुलहन के कमरे को तैयार करते वक्त कमरे की दीवारों के रंग का चुनाव इन्हीं रंगों में से करें.

नईनई शादी में रोमांस और ऐलिगैंस को बहुत महत्त्व दिया जाता है और गहरे रंग इन दोनों के ही प्रतीक हैं. इन रंगों के साथ डीप ज्वैल कलर्स जैसे गोल्डन, ब्रौजन एवं मेटैलिक का कौंबिनेशन दुलहन को और भी अधिक सूदिंग फीलिंग देता है. अपने घर से ज्यादा किसी को और कहां कोजी फीलिंग हो सकती है? जरा सोचिए, आप की दुलहन आप के लिए अपना घर छोड़ कर आ रही है ऐसे में उसे कोजी फील देने में भी ये डार्क कलर काफी मददगार हैं.

यदि कमरा बड़ा है तो पूरे कमरे में गहरा रंग कराया जा सकता है, लेकिन यदि कमरा छोटा है तो कमरे की एक दीवार पर ही गहरा रंग करवाएं. अन्य दीवारों पर गहरे रंग से मेल खाता हलका रंग करवा सकते हैं. यह कमरे को आकार में बड़ा भी दर्शाता है.

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कमरे में फर्नीचर की मौजूदगी उस के खालीपन को भरती है बिलकुल वैसे ही जिस तरह आप की पत्नी आप के जीवन के खालीपन को दूर करती है. लेकिन फर्नीचर का चुनाव करते वक्त कुछ बातों का जरूर ध्यान दें.

– अब आप बैचलर नहीं रहे इसलिए आप जो भी फर्नीचर लें इस बात को ध्यान में ले कर लें कि आप 1 नहीं 2 हैं. खासतौर पर बैठने का सोफा, बैड और अलमारी का चुनाव करते वक्त पत्नी की चौइस का भी ध्यान रखें.

– रूम के साइज के हिसाब से बैड का साइज तय करें. जरूरी नहीं कि किंगसाइज बैड ही लिया जाए. यदि आप का काम क्वीन साइज बैड में चल सकता है तो वही लें.

– नए घर में दुलहन का सब से अच्छा दोस्त आईना होता है. ड्रैसिंग टेबल का चयन करते वक्त लंबाई में बड़े शीशे वाले ड्रैसिंग टेबल को चुनें क्योंकि तैयार होते वक्त कई बार दुलहन को ऊपर से नीचे तक खुद को देखना पड़ता है. ऐसे में लंबे शीशे की वश्यकता पड़ती है.

– केनोपी बैड भी न्यूली वैड्स के लिए एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह बैड ऐरिया को कवर कर लेता है और बहुत रोमांटिक अपीयरैंस देता है.

– नईनवेली दुलहन अपने साथ बहुत से महंगे तोहफे और कपड़े लाती है. इस के लिए उसे ऐसे स्टोरेज की जरूरत होती है जहां उस का सामान सेफ रहे. इसलिए वार्डरोब के साइज में कंजूसी मत करें. वार्डरोब ऐसी होनी चाहिए जिस में दूल्हा और दुलहन दोनों  कपड़े रखने के अलावा ऐक्स्ट्रा स्टोरेज की भी जगह हो.

ऐसी हों लाइट्स

रोशनी पौजिटिविटी का प्रतीक होती है. दुलहन के कमरे में खूबसूरत लैंप्स, झूमर और सीलिंग लाइट्स होनी चाहिए. लेकिन इन की सैटिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

– जिस तरफ बैड हो उस की सीध में लाइट नहीं होनी चाहिए. लाइट की चकाचौंध से आंखों में इरिटेशन होने लगता है, इसलिए लाइट की सैटिंग हमेशा बैड के दाईं और बाईं तरफ ही होनी चाहिए.

– आजकल कलरफुल लाइट्स का ट्रैंड है. अगर आप के कमरे के कलर और इंटीरियर की खूबसूरती में कलरफुल लाइट्स से इजाफा हो रहा हो तो इस का प्रयोग भी कर सकते हैं.

– यदि आप का कमरा झूमर लगवाने के लिए उपयुक्त नहीं है तो आप कमरे की सीलिंग पर डिम लाइट्स लगवा सकते हैं. डिम लाइट्स माहौल को रोमांटिक बनाने में बहुत मददगार होती हैं.

फ्लोरिंग का भी रखें ख्याल

नई-नवेली दुलहन के लिए कमरे की फ्लोरिंग पर भी विशेष ध्यान दें. आइए हम आप को बताते हैं कुछ टिप्स.

– कमरे की दीवारें और छत जितनी अहम है उतनी ही अहम है कमरे की फर्श. इसलिए यदि आप दीवारों पर डिजाइनर पेंट करवा रहे हैं तो फर्श पर डिजाइनर कार्पेट जरूर डलवाएं.

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– फर्श के इंटीरियर के लिए मार्केट में आजकल कई डिजाइनर विकल्प उपलब्ध हैं. जैसे कमरे की फर्श का रंग तकनीक द्वारा बदलवाया जा सकता है, डिजाइनर टाइल्स लगवाए जा सकते हैं, तो वुडेन फ्लोरिंग भी काफी ट्रैंड में हैं.

परदे काभी रखें ध्यान

बैडरूम इंटीरियर में परदों का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है. खासतौर पर बात जब न्यूली वैड कपल के बैडरूम की हो तो इन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है. लेकिन परदों के चुनाव में भी सावधानी बरतनी चाहिए.

– दुलहन के कमरे में परदे हमेशा गहरे रंग के होने चाहिए. साथ ही वे पारदर्शी न हों. दुलहन को प्राइवेसी की जरूरत होती है,  इसलिए परदों में थोड़ा भारीपन और मोटापन होना चाहिए.

– परदों का फैब्रिक सिल्क या साटन होना चाहिए. ये परदे शाइनी और भारी होते हैं. बहुत रंगबिरंगे परदे बैडरूम के इंटीरियर को खराब करते हैं. यदि फिर भी चाहें तो 2 रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

रसोई भी हो खास

नई दुलहन के लिए ससुराल में बैडरूम के बाद रसोई घर दूसरा सब से महत्त्वपर्ण स्थान होता है. जहां स्वादिष्ठ पकवान बना वह अपने पति और ससुराल वालों का दिल जीत लेती है. लेकिन रसोई को दुलहन के हाथों सौंपने से पहले उस के इंटीरियर पर थोड़ा ध्यान जरूर देना चाहिए. आइए जानते हैं कि नई दुलहन की रसोई कैसी होनी चाहिए.

– आजकल बहुत बड़ी रसोई का चलन नहीं है, इसलिए रसोई छोटी भी हो तो इसे मैनेज कर के अच्छा बनाया जा सकता है. मसलन, रसोई साफसुथरी लगे इस के लिए फर्श और दीवारों पर टाइल्स जरूर लगवाएं.

– रसोई को मौड्युलर भी बनवाया जा सकता है. इस से सामान फैला हुआ नहीं दिखता और दुलहन को नई रसोई में सामान खोजने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती.

– रसोई में रखे मसालों और अनाज के डिजाइनर डब्बे बाजार में उपलब्ध हैं. इन्हें भी रसोई के डैकोरेशन का हिस्सा बनाया जा सकता है. साथ ही जिस डब्बे में जो सामान रखा है उस डब्बे पर उस का लेबल जरूर लगाएं.

– आजकल रसोई में भी अधिकतर चीजें इलैक्ट्रौनिक ही होती हैं. इस से खाना स्वादिष्ठ पकने के साथ जल्दी भी पकता है. दुलहन को रसोई में बहुत वक्त न गुजारना पड़े इस के लिए किचन गैजेट्स की मौजूदगी अनिवार्य है. मसलन, सैंडविच मेकर, स्टर, मिक्सर ग्राइंडर, माइक्रोवेव, राइस मेकर आदि कुछ ऐसे आवश्यक आइटम हैं जो आज के समय में हर रसोई में होने ही चाहिए.

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– बाजार में डिजाइनर कुकवेयर भी उपलब्ध हैं, जो भोजन की पौष्टिकता और स्वाद को बरकरार रख जल्दी भोजन तैयार करने में मददगार और किचन इंटीरियर का महत्त्वपूर्ण भाग होते हैं. रसोई में इन की मौजूदगी दुलहन को स्वादिष्ठ भोजन पकाने का आत्मविश्वास दिलाती है.

मेरे बालों में काफी खुजली होती है, इसका क्या कारण है?

सवाल-

इन दिनों मेरे बालों में काफी खुजली होती है, जबकि मैं हमेशा तेल लगा कर ही बाल शैंपू करती हूं. बालों में जुएं भी नहीं हैं, कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप अपना शैंपू बदल कर देखिए क्योंकि कई बार किसी शैंपू से ऐलर्जिक होने के कारण भी ऐसा होता है. इस के अलावा एक बार अपना स्कैल्प चैक करें कि कहीं बालों में डैंड्रफ तो नहीं, अगर ऐसा है तो रूसी और खुजली वाले बालों की त्वचा के लिए जैतून के तेल की मालिश करें फिर गरम तौलिए से बालों को भाप दे कर 4-5 घंटे बाद बाल धो लें. इस के अलावा रूसी फैले नहीं, इस के लिए आप अपनी कंघी, तौलिया व तकिए को अलग रखें और इन की सफाई का भी खासतौर पर खयाल रखें. जब भी बाल धोएं, तो ये तीनों चीजें किसी अच्छे ऐंटीसैप्टिक के घोल में आधा घंटा डुबो कर रखें और धूप में सुखा कर ही दोबारा इस्तेमाल करें.

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मानसून में बारिश की बूंदे जहां गर्मी की चिलचिलाती धूप से राहत दिलाती हैं वही स्किन और बालों के लिए काफी नुक्सान दायक हो सकती हैं, बारिश के समय में होने वाली चिपचिपाहट और नमी बालों और स्काल्प के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है , इस मौसम में नमी और तेल के कारण पसीने का स्राव होता है जो की बालों और खोपड़ी से चिपक जाता है और मिट्टी और प्रदूषकों को आकर्षित करता है, इस स्थिति से जहां बालों का गिरना शुरू हो जाता है वही स्काल्प भी एलर्जिक हो जाती है. बालों में रूसी, एलर्जी, संक्रमण, बदबू, कमजोर रोम जैसी समस्याएँ भी सामने आती हैं. इसके साथ ही असंतुलित और खराब आहार, हार्मोनल असंतुलन जैसे अन्य कारक, हेयर डाई और केमिकल युक्त उत्पादों के उपयोग से भी समस्या बढ़ जाती है और आपके बालों को सुस्त और कमज़ोर दिखाती है.

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