रिलीज हुआ शिवांगी जोशी-मोहसिन खान का पहला म्यूजिक VIDEO ‘बारिश’, फैंस हुए दीवाने

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Ye Rishta Kya Kehlata Hai) फेम शिवांगी जोशी और मोहसिन खान रियल लाइफ में फैंस को बेहद पसंद आते हैं और दोनों को साथ देखने के लिए बेताब रहते हैं. बीते दिनों जहां दोनों के रोमांटिक सौंग बारिश के टीजर ने सोशलमीडिया पर सुर्खियां बटोरी थीं तो वहीं अब सौंग के रिलीज होने के बाद भी फैंस गाने पर अपना प्यार बरसा रहे हैं. मोहसिन और शिवांगी के बारिश गाने को रिलीज हुए कुछ ही मिनटों में हजारों लोग देख चुके हैं. आइए आपको दिखाते हैं गाने की वीडियो….

देखें बारिश का ट्रेलर

मोहसिन खान और शिवांगी जोशी ‘बारिश’ म्यूजिक वीडियो में नजर आ रहे हैं. हाल ही में मेकर्स ने इस गाने का टीजर जारी किया था, जिसमें शिवांगी जोशी और मोहसिन खान की सिजलिंग केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आ रही थी. लेकिन अब ट्रेलर में दोनों का रोमांटिक अंदाज भी फैंस का ध्यान खीच रहा है.

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मोहसिन ने लिखी ये बात

अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर गाने का ट्रेलर शेयर करते हुए मोहसिन खान ने लिखा कि #Baarish गाना यूट्यूब पर आ चुका है. गाने को लाइक और कमेंट के साथ शेयर करते रहें.

शिवांगी और मोहसिन कर चुके हैं गाने को प्रमोट

बीते दिनों फैंस के बीच अपने इंस्टाग्राम पर शिवांगी जोशी ने म्यूजिक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, ‘तुम्हें बारिश बड़ा याद करती है…आज भी मुझसे तेरी बात करती है! बारिश गाना जल्द ही 11 अगस्त 2020 को रिलीज होने जा रहा है. कैसा लगा टीजर?’ वहीं टीजर को देखने के बाद फैंस उनकी जमकर तारीफें कर रहे हैं. वहीं ‘बारिश’ गाने के लिए पायल देव और स्टेबिन बेन ने अपनी आवाज दी है. इसके बोल कुनाल वर्मा द्वारा लिखे गए हैं. इस बीच आरिफ खान द्वारा निर्देशित वीडियो का म्यूजिक आदित्य देव ने दिया है.

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FILM REVIEW: जानें कैसी है जान्हवी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सेना

रेटिंग : साढे़ तीन स्टार

निर्माता:  करण जोहर, ज़ी स्टूडियो, हीरू यश जोहार, अपूर्वा मेहता

निर्देशक: शरण शर्मा

कलाकार: जान्हवी कपूर, पंकज त्रिपाठी, अंगद बेदी, विनीत कुमार सिंह, मानव विज, आएशा रजा मिश्रा व अन्य

ओटीटी प्लेटफॉर्म: नेटफ्लिक्स

अवधि: 1 घंटा 57 मिनट
1999 कारगिल युद्ध में पहली महिला वायुसेना पायलट के रूप में शरीक होकर भारत को विजयश्री दिलाने वाली गुंजन सक्सेना के जीवन  पर बनी फिल्म “गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल” महज एक बायोपिक फिल्म नहीं है, बल्कि फिल्मकार शरण  शर्मा की इस फिल्म में देशभक्ति और नारी उत्थान की भी बात की गयी है. यह फिल्म फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेन की कहानी है, जिन्होंने 24 वर्ष की उम्र में कारगिल युद्ध के दौरान अद्भुत साहस का परिचय देते हुए तमाम घायल सैनिकों को अस्पताल तक पहुंचाया था .2004 में उन्होंने  स्क्वार्डन लीडर के रूप में अवकाश लिया था. यह फिल्म 12 अगस्त, बुधवार से ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है.

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कहानी:

फिल्म की कहानी लखनऊ में रह रहे पूर्व आर्मी ऑफिसर अनूप सक्सेना (पंकज त्रिपाठी) के घर से शुरू होती हैं. अनूप सक्सेना की बेटी गुंजन सक्सेना और गुंजू (जान्हवी कपूर) की अपने बड़े भाई (अंगद बेदी) के संग नोकझोंक चलती रहती है. गुंजू का सपना है पायलट बनकर हवाई जहाज उड़ाना .उसके इस सपने के साथ उसका भाई और मां (आयशा रजा मिश्रा) नहीं है, मगर उसके पिता का उसे पूरा समर्थन हासिल है. गुंजन तीन बार पायलट बनने के लिए दिल्ली के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में जाती है ,मगर हर बार शैक्षणिक योग्यता बढ़ जाती है.ग्रेजुएशन करने के बाद जब वह पहुंचती है ,तो पता चलता है कि फीस 5 लाख से बढ़कर 10 लाख हो गयी तथा पायलट बनने में 6 से 7  वर्ष लगेंगे .अब उसका परिवार इतना धन देने में असमर्थ है.  गुंजन मन मसोसकर रह जाती है. लेकिन कहते हैं कि जहां चाह हो, वहां राह निकल आती है,.अचानक एक दिन अखबार में पहली बार भारतीय वायु सेना में महिलाओं की भर्ती का विज्ञापन छपता है और गुंजन के सपनों को पंख मिल जाते हैं.

ट्रेनिंग के दौरान बार-बार पुरुष अफसर उसे एक लड़की होने के नाते कमजोर होने का अहसास कराते रहते हैं .पर वह  उनसे लड़ते हुए अपने आप को सशक्त बनाते हुए उधमपुर बेेस की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना पायलट अफसर बनती है .यूनिट के प्रमुख कमांडर (मानव विज) का भी उसे साथ मिलता है. अंततः 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना को भी देश की सेवा करने का अवसर मिलता है.
जहां पर उसका भाई सैन्य अधिकारी है, कारगिल युद्ध में देश को विजय दिलाने में गुंजन का भी योगदान होता है. और युद्ध भूमि पर उतरने वाली पहली भारतीय महिला वायुसेना पायलट बनती है .

लेखक व निर्देशन

एक  बेहतरीन पटकथा पर बनी यह फिल्म है. जिसमें पहली वायुसेना महिला पायलट की तैयारियों व संघर्ष के साथ पुरुषों  के साथ नारी की बराबरी के संघर्ष के मुद्दे को भी उठाया गया है. निर्देशक शरण शर्मा ने बड़ी खूबसूरती से इसका चित्रण किया है कि एक महिला को वहां ना पहुंचने दिया जाए कि उससे आदेश लेना पड़े, इसके लिए पुरुष क्या-क्या करता है . इसमें पुरुष की मर्दानगी पर भी कटाक्ष किया गया है, इसी के साथ देशभक्ति का जज्बा भी जगाती है.

निर्देशक शरण शर्मा की स्वतंत्र निर्देशक के रूप में यह पहली फिल्म है, पर वह एक मंजे हुए निर्देशक का परिचय देने में सफल रहे हैं. कारगिल युद्ध के दृश्य छोटे समय के लिए भले ही हो, मगर वह कैरीकेचर नहीं लगते ,बल्कि फिल्म देखते समय अहसास होता है कि 1999 कारगिल युद्ध के वक्त ऐसा ही हुआ होगा.

फिल्म के कुछ दृश्य बहुत अच्छे बन पड़े हैं. जिसमें गुंजन व उसके पिता के बीच के कुछ दृश्यों के अलावा एक दृश्य वह है, जिसमें गुंजन का भाई अपने पिता के साथ बहन की सुरक्षा की चिंता व्यक्त करता है.

तो वहीं कुछ संवाद काफी बेहतरीन बने हैं. जैसे “डर अक्सर गलती करवाता है”अथवा “जो मेहनत का साथ नहीं छोड़ते भाग्य उनका साथ नहीं छोड़ता”.

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अभिनय:

पूरी फिल्म को अनूप सक्सेना के किरदार को निभाते हुए पंकज त्रिपाठी अपने कंधे पर लेकर चलते हैं.पंकज त्रिपाठी ने काफी सधा हुआ अभिनय किया है. पंकज त्रिपाठी के साथ जान्हवी कपूर के कई दृश्य काफी अच्छे बन पड़े हैं. गुंजन सक्सेना की शीर्ष भूमिका मैं जान्हवी कपूर हैं ,यह उनके कैरियर की ‘धड़क’,  ‘घोस्ट स्टोरीज’ के बाद तीसरी फिल्म है . पर अभी उन्हें काफी मेहनत करने की जरूरत है .’घोस्ट स्टोरीज’ के छोटे किरदार में उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया था , पर यहां कुछ कमी रह गयी.कुछ भावनात्मक दृश्यों के साथ साथ कारगिल युद्ध के दौरान पायलट की सीट पर बैठे हुए जब वह एक सख्त निर्णय लेती है, उस वक्त यह भाव ठीक से उनके चेहरे पर  नहीं उभरता. बहन की सुरक्षा के प्रति सचेत भाई के किरदार में अंगद बेदी ने ठीक-ठाक अभिनय किया है. विनीत कुमार सिंह, आयशा रजा मिश्रा, मानव विज ने ठीक-ठाक अभिनय किया है.

सुशांत के जाने के बाद पहली बार खुश दिखीं अंकिता लोखंडे, जानें क्या है वजह

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले में कई नए खुलासे देखने को मिल रहे हैं. वहीं रिया चक्रवर्ती के खिलाफ फैंस का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है. इसी बीच लेट एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की एक्स गर्लफ्रेंड और टीवी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे ने हाल ही में अपनी एक लेटेस्ट फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसमें वह काफी दिनों बाद बेहद खुश नजर आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

खुशी की ये है वजह

दरअसल, अंकिता अपनी इस फोटो में खुशी से चहकती हुई दिख रही हैं. इतना ही नहीं, उनके हाथों में दो जुड़वां बच्चे भी दिखाई दे रहे हैं. साथ ही फोटो पर कैप्शन देते हुए अंकिता ने बताया है कि उनके परिवार में दो जुड़वां बच्चों ने कदम रखा है. अंकिता लोखंडे ने लिखा, ‘हमारा परिवार एक नई जिंदगी के घर आने पर खुशियां मना रहा है. हमारा सर्कल इन दो जुड़वां बच्चों के आने से और भी ज्यादा अमीर हो गया है. अबीर और अबीरा तुम्हारा परिवार में स्वागत है.’ अंकिता लोखंडे की इन फोटोज पर टीवी सेलेब्स जमकर बधाइयां दे रहे हैं. अंकिता लोखंडे इन बच्चों के आने से बेहद खुश नजर आ रही है.

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इससे पहले किए थे ये पोस्ट

 

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HOPE,PRAYERS AND STRENGTH !!! Keep smiling wherever you are😊

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सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से अंकिता लोखंडे ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी. हालांकि अंकिता लोखंडे ने पहली फोटो एक्टर की मौत को 1 महीना पूरा होने पर शेयर की थी, जिसमें मंदिर में जलता हुआ दिया रखा हुआ दिखाई दिया था. साथ ही कैप्शन में लिखा था, ईश्वर का बच्चा’.

 

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Believe you both are together ❤️ #warriors4ssr

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बता दें, एक्स बॉयफ्रेंड सुशांत सिंह राजपूत की कथित सुसाइड केस को लेकर जहां सीबीआई जांच का गठन हुआ है तो वहीं ईडी भी रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से घंटो पूछताछ में जुटी है. साथ ही अंकिता भी अपने बयानों के जरिए साफ कर चुकी हैं कि सुशांत कभी खुदकुशी कर ही नहीं सकता था. वहीं फैंस भी उनके सुशांत के लिए सपोर्ट को लेकर अंकिता की तारीफें कर रहे हैं.

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नेशनल स्कॉलरशिप के लिए कैसे करें आवेदन

देश में लाखों लोग नेशलन स्कॉलरशिप पाने की चाह रखते हैं और इसके लिए अप्लाई भी करते हैं, क्योंकि इससे आवेदनकर्ता अलग-अलग तरह की स्कीम का लाभ ले सकते हैं. दरअसल, नेशनल स्कॉलरशिप में एक ही तरह की छात्रवृत्ति नहीं मिलती बल्कि अलग-अलग समय पर कई तरह के नोटफिकेशन आते रहते हैं. जिसके लिए आप उस वक्त अप्लाई कर सकते हैं. अगर आप नेशनल स्कॉलरशिप के पोर्टल को देखेंगे तो समझ आएगा कि कई आधार पर स्कीम निकाली जाती है. जिसके अलग-अलग फायदे मिलते हैं.

चार आधार पर दी जाती है स्कॉलरशिप

सेंट्रल स्कीम
यूजीसी स्कीम
एआईसीटीई स्कीम
स्टेट स्कीम

कौन-कौन कर सकता है आवेदन

ये हर स्कीम के उपर डिपैंड करता है कि नेशलन स्कॉलरशिप में कौन अप्लाई कर सकता है. अप्लाई करने के लिए हर स्कीम की योग्यता भी अलग होती है. उस वक्त आपको स्कीम के लिए जारी हुई गाइडलाइन देखनी चाहिए और उसी के अनुसार यह पता लगाना चाहिए कि आप स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं या नहीं.

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अप्लाई करने की आखिरी सीमा

नेशलन स्कॉलरशिप के लिए आप कब तक अप्लाई कर सकते हैं, इसके लिए भी आपको गाइडलाइन पहले ही देख लेनी चाहिए, क्योंकि हर स्कीम के लिए आवेदन की आखिरी तारीख अलग-अलग हो सकती है.

आधिकारिक गाइडलाइन पर करें भरोसा

इधर उधर से जानकारी लेने के बजाय आप स्कीम की गाइडलाइन देखने के लिए आधिकारिक वेबसाइट scholarships.gov.in पर ही जाएं. इसके होम पेज पर आपको सभी स्कीम के हिसाब से सही जानकारी मिल जाएगी.

अप्लाई करना है आसान

-आधिकारिक वेबसाइट scholarships.gov.in पर जाएं.
-इसके बाद होमपेज पर सेंट्रल, यूजीसी के अनुसार अपनी स्कीम का चयन करें.
– स्कीम को सेलेक्ट करने के बाद उसके आगे लिखी हुई गाइड लाइन जरूर पढ़ें.
– स्कीम में आवेदन का ऑप्शन देखें, यहां से आप अप्लाई कर सकते हैं.
– यहां सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा उसके बाद ही आवेदन कर सकते हैं.
– ध्यान रखें कि रजिस्टर करने के लिए भी आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
– अगर एक बार आपने रजिस्टर कर लिया तो बार-बार रजिस्टेशन नहीं करना पड़ेगा.

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 हैंड सैनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल,कर सकता है आपको बीमार 

कोरोना का कहर जारी है. इससे बचाव के लिए लोग अपनी-अपनी तरह से सावधानियाँ बरत रहे हैं. कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी के दौर में मास्क के साथ-साथ हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी जरूरी बताया गया है. इसलिए किसी भी चीज को छूने के बाद हम अपने हाथों को सैनिटाइज़ करना नहीं भूलते. विश्व स्तर पर सैनिटाइजर की मांग भी काफी बढ़ गई है. हम घर में हों या बाहर कहीं भी जाएँ, अपने साथ सैनिटाइजर का एक बोतल रखना नहीं भूलते हैं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल  करना सुविधाजनक भी है. लेकिन क्या आपको पता है कि सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल या जरा सी चूक से आप दुर्घटना ग्रस्त हो सकते हैं ?

रसोई में खड़े होकर सैनिटाइजर से मोबाइल फोन, चाबी व घर के अन्य सामान को साफ करना हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले एक शख्स को काफी भारी पड़ गया. दरअसल, जब वह इन सब सामानों को सैनिटाइजर से साफ कर रहा था तब उस वक़्त ही उसकी पत्नी खाना बना रही थी. इस दौरान सैनिटाइजर उस व्यक्ति के कपड़ों पर गिर गया और देखते ही देखते कपड़ों पर आग पकड़ ली. आननफानन में उसने अपने कपड़े तो उतारें, पर वह शख्स तब तक 35 फीसदी तक जल चुका था. इस घटना में पीड़ित व्यक्ति का छाती, पेट और दोनों हाथों की त्वचा झुलस गई.

डॉक्टर का कहना है कि सैनिटाइजर में 75 फीसदी तक अल्कोहल होता है. ज़्यादातर में 62 फीसदी तक इथाइल अल्कोहल होता है. इससे यह बहुत ज्वलनशील हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि रसोई में सैनिटाइजर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. डॉक्टर का यह भी कहना है कि बार-बार और बहुत ज्यादा मात्रा में सैनिटाइजर के इस्तेमाल से त्वचा रूखी हो जाती है. इसके अलावा कुछ दूसरी दिक्कतें भी हो सकती है. रिसर्च में पाया गया है कि सैनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल करने से हमारे इम्यून सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ता है.

  • केमिकल से होता है नुकसान

सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नामक एक केमिकल होता है. यह त्वचा में सूख जाता है. लेकिन अगर सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल किया जाए तो यह त्वचा के भीतरी परतों में भी जा सकता है और खून में मिल कर मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए जब हाथ साफ करने का दूसरा कोई विकल्प न हो, तभी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए.

  • हो सकता है एलर्जी

सैनिटाइजर में बेंजाल्कोनियम होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को मारता है. लेकिन इससे कुछ लोगों को एलर्जी की भी समस्या हो सकती है. जैसे त्वचा में जलन, खुजली जैसी समस्या हो सकती है.

  • अंगों पर कर सकता है नुकसान

सैनिटाइजर का इस्तेमाल सुविधाजनक तो है ही, और इसे आप कहीं भी कैरी कर के ले जा सकते हैं.  इसलिए दिन-प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है. सैनिटाइजर में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी मात्रा कुछ सैनिटाइजर में ज्यादा होता है. अत्यधिक खुशबू वाले सैनिटाइजर के इस्तेमाल से लीवर, किडनी, फेफड़े और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है.

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गाड़ी के अंदर सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचें

अगर आप कार के अंदर सिगरेट पी रहे हैं तो सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचें. क्योंकि इससे आग लग सकती है. सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है, इसलिए इसे ठंडी जगह पर रखने का निर्देश दिया जाता है. कार के अंदर सैनिटाइजर रखा है तो इस बात का ध्यान रखें कि विंडशील्ड के सामने न रखा हो. सैनिटाइजर को कार के अंदर ऐसी जगह पर रखें जहां धूप सीधे सैनिटाइजर की बोतल पर न पड़े. जब भी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, तो हाथों को कुछ देर के लिए आँखों से दूर रखें.

  • सैनिटाइजर बच्चों के लिए ठीक नहीं

आप छोटे बच्चों की केयर को लेकर परेशान हैं और बार-बार सैनिटाइजर का प्रयोग करती हैं, तो ध्यान रखें कि बच्चों के लिए सैनिटाइजर सुरक्षित नहीं है. बच्चों के हाथ में सैनिटाइजर डालने से बचना चाहिए, क्योंकि बच्चों की त्वचा कोमल होती है इसलिए सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बच्चों के कोमल त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है. बच्चों की त्वचा रूखी हो सकती है. सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बच्चों में एलर्जी होने की संभावना हो सकती है. 5 साल से छोटे बच्चे मास्क नहीं लगा पाते, इसलिए बेहतर है कि बच्चों को बाहर न निकालें और न ही उन्हें दूसरों के संपर्क में आने दें. छोटे बच्चों को परिवार के सदस्य के अलावा अन्य की गोद में न दें.

  • एल्कोहल से बुरा असर

कुछ सैनिटाइजर में एल्कोहल की मात्र ज्यादा होती है. एल्कोहल से त्वचा ड्राई हो जाती है. कुछ लोगों को सैनिटाइजर की आदत हो जाती है. कुछ भी छूने पर, वे तुरंत बाद हाथ पर सैनिटाइजर लगा लेते हैं. इससे त्वचा की नमी खत्म हो जाती है. रूखापन बढ़ने से त्वचा फटने लगती है और कई बार तो खून भी निकलने लगता है. इसलिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करना चाहिए, जब आप घर से बाहर हों और साबुन पानी की व्यवस्था न हो. कई प्रकर के सैनिटाइजर में हानिकारक केमिकल होते हैं, इसलिए हमेशा खाना खाने से पहले इसके इस्तेमाल के बाद, पानी हाथ जरूर धो लें.

  • 5 ऐसी स्थितियाँ जहां आपको हैंड सैनिटाइजर करने की जरूरत बिल्कुल नहीं है

1-साबुन और पानी होने पर

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, किटाणुओं से छुटकारा पाने के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना बहुत कारगर तरीका है. कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए . सैनिटाइजर के बदले साबुन पानी को प्राथमिकता देनी चाहिए.

2-जब हाथ गंदे दिखाई दे

अगर आपके हाथों में गंदगी दिखाई दे रही है, लग रहा है आपका हाथ गंदा है,तो साफ करने के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल करें. गंदगी को हटाने के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग प्रभावी नहीं है. अल्कोहल बेस्ट हैंड सैनिटाइजर आपके हाथों से गंदगी को दूर नहीं करता है और अगर आपके हाथ गंदे हैं तो वायरस और बैक्टीरिया को मारने में भी ये कम प्रभावी हैं.

3-अगर आपके बगल में कोई छींक रहा हो

अगर आपके बगल में कोई छींकता है तो आप हैंड सैनिटाइजर का कितनी बार इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, इसके इस्तेमाल से कोई खास फायदा नहीं होगा. आपके पास अगर कोई खाँसता छींकता है तो सांस लेते समय हवा के माध्यम से आप संक्रमण हो सकते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि खाँसने छींकने वाले इंसान से दूरी बनाकर रहें. क्योंकि सावधानी ही सुरक्षा है.

4- बिना किसी चीज को छूए

कई लोग बिना किसी चीज को छूए ही बार-बार अपने हाथों को सैनिटाइज़ करते रहते हैं. उन्हें लगता है, कुछ छू दिया हो तो ? इसलिए वह सैनिटाइजर से हाथ साफ कर लेते हैं. लेकिन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हैंड सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से प्रतिरोधी बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं. हम जितना ज्यादा हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, उतने ही किटाणु अल्कोहल के प्रति सहनशील बनते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि जब बहुत ज्यादा जरूरत महसूस हो तभी हैंड  सैनिटाइजर का उपयोग करें.

क्योंकि इसके ज्यादा उपयोग से त्वचा में जलन, एलर्जी और त्वचा शुष्क होने लगती है. सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, हैंड सैनिटाइजर लगाने का सही तरीका यह है कि इसे हाथों पर लगभग 20 सेकेंड तक दोनों हाथों से रगड़ें, तब तक, जब तक की हाथ सुख न जाए.

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन खतरनाक हैंड सैनिटाइजर को लेकर चेतावनी देते हैं कि इसमें ऐसे उत्पाद पाये जाते हैं जिनमें जहरीले मेथनॉल होते हैं एक जहरीली शराब जो प्रणालीगत प्रभाव, अंधापन और मृत्यु का कारण बन सकती है.

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी व्यापक स्तर पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन पर्यावरण के जानकार इसे पारिस्थिकी तंत्र के लिए नया खतरा बता रहे हैं. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में सैनिटाइजर के छिड़काव से कई छोटे किट-पतंगे और तितलियाँ मर रही है.

कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए हम काफी मेहनत कर रहे हैं, हालांकि, अगर आप प्रभावी और सस्ते तरीके की तलाश में हैं, तो बॉलीवुड एक्ट्रेस जुही चावला के इन आयुर्वेदिक नुख्से को जरूर आज़माएँ.

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हाल ही में, एक्ट्रेस जुही चावला ने अपने इंस्टाग्राम पर एक उपयोगी वीडियो शेयर किया. उन्होंने एक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के साथ बात की और घर के हैंड सैनिटाइजर और एयर प्युरीफायर बनाने का तरीका बताया. उन्होंने वीडियो शेयर किया और कैप्शन में लिखा, “पवार ऑफ आयुर्वेद फन फ़ैक्ट. आप घर में प्युरीफायर लगाए बिना अपने कमरे की हवा को शुद्ध कर सकते हैं. कोरोना वायरस ने दुनिया भर के लोगों में आयुर्वेद की शक्ति में विश्वास को बढ़ाया है. आपके हाथों को साफ करने के लिए सैनिटाइजर घर में प्रभावी तरीके से बनाने के लिए सिर्फ नीम की पत्तियाँ और थोड़ी सी हल्दी की जरूरत होती है.

हैंड सैनिटाइजर और एयर प्युरीफायर बनाने के तरीके

सामग्री

नीम के पत्ते, मुट्ठी भर

हल्दी पाउडर, ½ चम्मच

पानी एक बाउल

बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका

एक बाउल में नीम की पत्तियाँ डालें और पानी भरें.

इसके बाद ½ चम्मच हल्दी पाउडर डालें, अच्छे से हिलाएँ और यह तैयार है. इस बाउल को अपने कमरे में रखें. यह हवा को शुद्ध करेगा.

अगर आप इसे सैनिटाइजर के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे एक बोतल में स्टोर करें और इसे अपने हाथों को धोएँ.

नीम हल्दी के फायदे

नीम में एंटी-बैक्टीरिया, एंटी-फंगल गुण पाये जाते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया और फंगल को दूर रखने में मदद करते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, इसलिए लंबे समय से यह भारतीय चिकित्सा का एक अहम हिस्सा है. माना जाता है कि नीम हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे पौधों में से एक है. एयर प्युरीफायर तैयार करने के लिए नीम की पत्तों का उपयोग करना बहुत अच्छा माना जया है, क्योंकि यह हवा को तुरंत साफ करता है और आपके लिए पर्यावरण को हेल्दी बनाता है. नीम के पत्तों के कुछ और स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे

नीम की पत्तियाँ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो शरीर को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाती है जिससे कैंसर, हार्ट प्रोब्लेम और डायबिटीज़ जैसे हेल्थ प्रॉब्लेम्स दूर हो सकती है. इसमें एंटी-फंगल बैक्टीरिया गुण शरीर में अनहेल्दी बैक्टीरिया को मारते हैं. नीम की पत्तियाँ में क्लीजिंग गुण होते है, ये हवा और शरीर से टॉक्सिन को निकालने में मदद करते हैं.

हैंड सैनिटाइजर और एयर प्युरीफायर को बनाने में इस्तेमाल होने वाला दूसरा तत्व हल्दी है। अधिकांश लोग हल्दी के फायदे के बारे में जानते हैं. यह एक प्रकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते है जो एक अच्छा कीटाणुनाशक बनाते हैं. हल्दी के एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरस और एंटी-फंगल गुण हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं.

एक्सपर्ट भी कहते हैं

हल्दी में बायोएक्टिव तत्व मौजूद होने के कारण दवाओं को तैयार करने के लिए इसे एक बेहतरीन तत्व माना जाता है. इसमें शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं. ये एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर है. यह हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले किटाणुओं से लड़ती है. हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है, जिससे कई स्वास्थय समस्याएँ हो सकती हैं.

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जब आप हैंड सैनिटाइजर और एयर प्युरीफायर बनाने का यह तरीका जान गए हैं तो इसे बनाए और जहरीले सैनिटाइजर से खुद को बचाएं.

घर पर बनाएं कच्चे केले की चटपटी सूखी सब्जी, Immunity बढाने और वजन घटाने में होगी मदद

केला एक ऐसा फल है जो लगभग सभी स्थानों पर आसानी से पाया जाता है और पके हुए केले को खाने के ढेरो फायदे के बारे में भी आप सब जानते ही होंगे. पर क्या आप जानते है की कच्चा केला भी गुणों की खान होता है.कच्चे केले में उपस्थित औषधीय गुण आपको कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने में कारगर होती है. तो चलिए जानते है कच्चे केले के फायदों के बारे में-

1-वज़न कम करने में सहायक-

कच्चे केले में भरपूर मात्रा में फाइबर और स्टार्च होता है.जो हमारे शरीर में मौजूद फैट सेल्स को कम करने में मददगार होता है. और इसमें उपस्थित कई पोषक तत्व भूख को कंट्रोल करने का काम करते हैं. कच्चा केला खाने से बार-बार भूख नहीं लगती है और हम जंक फूड खाने से बच जाते हैं.

2-Immunity बढाने में सहायक-

कच्चे केले में भरपूर मात्रा में पोटेशियम ,फाइबर और प्रोटीन होता है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाये रखता है. मध्‍यम आकार के कच्‍चे केला में लगभग 81- 105 कैलोरी होती है जो आपके शरीर को दिन भर एक्टिव बनाए रखने में मदद करती है.

3- कब्ज़ की समस्या में फायदेमंद-

1 कप उबले हुए कच्‍चे केला में लगभग 3.6 ग्राम फाइबर होता है और ये तो हम सभी जानते हैं कि फाइबर पाचन तंत्र और आंतो संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में प्रभावी होता है. नियमित रूप से कच्चे केले के सेवन से आपकी पाचन संबंधी समस्‍याओं काफी हद तक दूर हो जाएँगी.

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4- डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक-

डायबिटीज रोगी के लिए कच्चा केला बहुत ही फायदेमंद होता है. क्‍योंकि कच्‍चे केला में चीनी की बहुत ही कम मात्रा होती है. हरे केले में पेक्टिन और प्रतिरोधी स्टार्च आपके ब्लड सुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

5- हृदय संबंधी समस्‍याओं को रोकने में सहायक-

पके केले की तरह ही कच्‍चा केला भी हृदय संबंधी समस्‍याओं को रोकने में कारगर होता है. 1 उबले हुए कच्‍चे केले में लगभग 531 मिली ग्राम पोटेशियम होता है. सामान्‍य रूप से पोटेशियम को एक वैसोडिलेटर (vasodilator) के रूप में जाना जाता है जो रक्‍तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है. यदि आप भी हृदय को स्‍वस्‍थ रखना चाहते हैं तो कच्‍चे केला को अपने आहार का हिस्‍सा बना सकते हैं.

ये तो थे कच्चे केले के फायदे .पर कच्चे केले को हम ऐसे तो खा नहीं पायेंगे .तो चलिए अब बनाते हैं कच्चे केले और प्याज की चटपटी सूखी सब्जी.ये खाने में तो बहुत स्वादिष्ट होती है साथ ही साथ ये फायदेमंद भी बहुत होती है.

कितने लोगों के लिए : 3 से 4
समय : 15 से 20 मिनट
मील टाइप : वेज

हमें चाहिए-

कच्चे केले-6
तेल -1 टेबल स्पून
प्याज-2 मीडियम आकार की
तेज़ पत्ता-2
जीरा-1/2 टी स्पून
हल्दी-1/2 टी-स्पून
धनिया-1 टी-स्पून
अमचूर पाउडर-1 टी-स्पून
मिर्च बारीक कटी हुई
हींग-चुटकीभर
नमक-स्वादानुसार
हरा धनिया -1 टेबल स्पून बारीक कटा हुआ

बनाने का तरीका –

1-सबसे पहले केले को धोकर उसके दोनों और के डंठल काटकर हटा दीजिये.अब केले को छीलकर उसका छिलका उतार लीजिये. अब हर केले को गोल-गोल आकार में काट लीजिये.प्याज को भी लम्बा और बारीक काट लीजिये.

2- एक पैन में तेल गर्म करिए.अब थोडा-थोडा करके केले के टुकड़ों को तेल में तल लीजिये.जब वो हलके गोल्डन कलर के हो जाए तोएक बार चेक कर लीजिये की वो पके हैं या नहीं .अब उनको तेल से बाहर निकाल लीजिये.

3-अब के पैन में 1 टेबल स्पून तेल गर्म करे.गर्म हो जाने के बाद उसमे जीरा डाल दीजिये जीरा और तेज़ पत्ता डाल दीजिये .उसको कलछी से थोडा चलाने के बाद उसमे हींग,हल्दी और कटी हुई प्याज डाल दीजिये.जब प्याज गोल्डन कलर की हो जाए तब उसमे पिसा हुआ धनिया और मिर्च डाल दीजिये.

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4-अब उनको अच्छे से मिला लीजिये.अब उसमे फ्राई किये हुए केले डाल दीजिये.अब ऊपर से उसमे अमचूर पाउडर और नमक डाल कर उसे मध्यम आंच पर भून लीजिये.2 मिनट बाद गैस बंद कर दीजिये.

5-अब उसे एक प्लेट में निकाल लीजिये और उसपर ऊपर से हरा-धनिया डाल कर गार्निश कर लीजिये.

6-तैयार है केले की चटपटी सब्जी आप इसे ,रोटी,पराठे या डाल,चावल के साथ खा सकते है.

दिल में घृणा जबान पर कालिख

सोशल मीडिया पर नुकसानदेह वीडियो, मैसेज आदि इस तरह चल रहे हैं मानो इस देश के लोगों को सिवा झूठ और गप्प के कुछ और सुहाता ही नहीं है. फोटोशौप कर के शातिर लोगों ने केवल घरों में शर्मिंदगी बिखेर रहे हैं, वे देश की विदेश नीति तक को भी नहीं बख्श रहे.

सोशल मीडिया पर 1 फोटो को बदल कर मोदी को लेह दौरे के दौरान 3 कुत्तों के साथ दिखाया गया है, जिन में एक का चेहरा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का लगाया गया, दूसरा चीन के राष्ट्रपति का और जो सब से आपत्तिजनक बात थी कि तीसरा नेपाल के प्रधानमंत्री का लगाया गया था.

नेपाल के साथ भारत के संबंध खराब चल रहे हैं पर इतने खराब भी नहीं हैं कि उसे पाकिस्तान की तरह दुश्मनों की गिनती में डाल दिया जाए.

नेपाल में अभी भी जाने के लिए भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं है और अभी भी वहां भारतीय रुपए ही चल रहे हैं. लाखों नेपाली भारत में काम कर रहे हैं और हजारों भारतीय नेपाल में हैं. नेपाल के तराई के इलाके के मधेशी अपनेआप को भारत के ज्यादा निकट महसूस करते हैं, बनिस्बत पहाड़ों के गोरखों के. वे नेपाली की जगह हिंदी, बिहार की स्थानीय भाषा बोलते हैं. वैसे भी भारतीयों का व्यापार नेपाल से हजारो सालों से लगातार चला आ रहा है. सोशल मीडिया में डाले गए ऐसे बिगड़ैल पोस्ट से माहौल काफी बिगड़ सकता है.

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इसी तरह उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के मामले में एक ब्राह्मण हैंडल से उसे विल्लास बना दिया गया और उस के दादानाना मुसलमान घोषित कर दिए गए ताकि ब्राह्मणों की श्रेष्ठता पर कोई आंच नहीं आए.

यह घृणा का पाठ हमें बचपन से पढ़ाया जाता है. कहने को हम जगद्गुरु हैं, कहने को लोग यहां पूजाअर्चना से दिन शुरू करते हैं और खत्म करते हैं, कहने को लोग बुरे कर्मों के बुरे फल का नारा दिन में 4 बार दोहराते हैं, कहने को लोग प्रवचनों, गीतारामायण के पाठों, कीर्तनों, आरतियों में जा कर अपना चरित्र सुधारते रहते हैं पर असल में जरा सी परत उतारी नहीं कि कसैले मन वाले नजर आते हैं, जिन के दिल में घृणा और जबान पर कालिख भरी रहती है.

जो बातें वे पाकिस्तान, मुसलमानों, दलितों को कहते हैं वे ही बातें घरों में बीवियों को, भाईबहनों को, चाचाओं, सालों को और पड़ोसियों को कहने से नहीं हिचकते.

ये गालियां और अपशब्द उन की जबान का हिस्सा बन चुके हैं और उन की इस भाषा को धर्म का  पूरापूरा समर्थन है जो अपने प्रति तो नहीं पर हर दूसरे के खिलाफ इस तरह के शब्दों का उपयोग बिलकुल जायज मानता है.

टीका लगाए, जनेऊ पहने, कलेवा बांधे लोग जब झगड़ा करते हैं, तो कौन सी मांबहन की गाली है, जो नहीं देते? यही सोच उन्हें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बरखा दत्त के खिलाफ आग उगलने की ट्रेनिंग देती है और यही अब नेपाल जैसे मित्र देश को पूरी तरह दुश्मन बना रही है.

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महाभारत में ऐसे ही थोड़े पांडवों का मामा कौरवों की तरफ से लड़ रहा था? रामायण में भरत आखिर क्यों रामरावण युद्ध में अयोध्या से अपनी सेना कर नहीं आया था? हमारी संस्कृति पर हजारहजार अपनी धाती पीट ले, असल में मानवता का सद्व्यवहार कहीं से नहीं सिखाती. नेपाल इस च?पेटे में जल रहा है, यह तो बहुत अफसोस की बात है.

10,000 घंटों में बना था राणा दग्गुबाती की दुल्हन मिहिका बजाज का लहंगा, जानें खास बातें

बीते दिनों बाहुबली फेम भल्लाल देव यानी साउथ स्टार राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) और मिहिका बजाज (Miheeka Bajaj) की शादी सुर्खियों में रही. कोरोनावायरस के चलते भले ही दोनों की शादी में कम लोगों ने शिरकत की. लेकिन साउथ फिल्मों के कुछ स्टार्स शादी में जरूर नजर आए. लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियां दुल्हन मिहिका बजाज के लुक और लहंगे ने बटोरीं.

मिहिका बजाज (Miheeka Bajaj) ने दुल्हन बनने से पहले अपने सभी लुक्स और ड्रेसेस पर काफी मेहनत की थी. इस बात का पता उनके प्री-वेडिंग से लेकर ब्राइडल आउटफिट से साफ पता लग रहा है. आइए आपको दिखाते हैं मिहिका बजाज के शादी की रस्मों के लुक….

मिहिका बजाज के ब्राइडल लहंगे ने बटोरी सुर्खियां

शादी के जोड़े में मिहिका बजाज बेहद खूबसूरत लग रही थी. उनके ब्राइडल अटायर पर सभी का ध्यान था. आमतौर पर दुल्हनें शादी के खास दिन के लिए लाल, महरून या पिंक कलर का शादी का जोड़ा चुनना पसंद करती हैं. लेकिन  मिहिका बजाज ने क्रीम कलर का लहंगा चुना.

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इतने घंटो में बना मिहिका बजाज का लहंगा

गोल्ड मेटल वर्क और चिकन कारी की कढ़ाई वाले जरदोजी कारीगरी से तैयार हुए गोल्डन क्रीम लहंगे के साथ मिहिका बजाज ने लाल रंग की ओढ़नी ने उनके ब्राइडर लुक को पूरा किया. वहीं खबरों की मानें तो इस पूरे लहंगे की कढ़ाई और लुक को तैयार में करीबन 10000 यानी सवा साल तक का वक्त लगा था.

हैवी ज्वैलरी से लुक पर लगे चार चांद

 

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The power of colours and textures, the sparkle of real diamonds 💫 & the confidence of a woman who believes in her beauty – every little detail was meticulously brought together for this inspirational timeless look for @ranadaggubati wife @miheeka for their wedding.💕 The plethora of the things to be harmoniously synced together inspired this timeless royal look❤ – Firmly rooted from our vibrant culture and ready to change the ever evolving world of beauty concepts!💫 Jewellery: @krsalajewellery Outfit : @anamikakhanna.in Decor:@blingmushrooms 📸 : @rohan.foto #bajaoed . . . . . . . #weddingseason #regalbride #miheekabajaj #ranadaggubati #2020weddings #tamannabride #bollywoodwedding #tollywoodwedding #teluguweddings #bridalinspiration #telugubride #indianbridalmakeup #tamannamakeupstudio #tamannamakeupstudioandacademy #tamannabridestory #weddinginspo #miheekabajajdaggubati #celebritywedding #bridalgoals #bridetobe #miheekarana

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मिहिका बजाज की हैवी ज्वैलरी ने उनके दुल्हन लुक को पूरा किया. वहीं ज्वैलरी की बात करें तो मिहिका बजाज ने कुंदन की ज्वैलरी का खासा ध्यान रखा.

हल्दी का लुक था सिंपल

हल्दी में मिहिका के लहंगे की बात करें तो सिंपल पीले कलर के लहंगे के साथ हैवी इयरिंग्स और कौड़ियों से बना मांगटीका बेहद खूबसूरत था, जिसे हर कोई पसंद कर रहा था.

मेहंदी पर था खास लुक


मेहंदी पर हरा रंग पहनने की बजाय मिहिका बजाज ने पिंक कलर चुना था. लहंगे की बजाय मिहिका ने एक हैवी ड्रेस पहनी थी, जिसके साथ लाइट ज्वैलरी कैरी की थी.

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सगाई पर भी खास था लुक

शादी की तरह सगाई पर भी मिहिका बजाज ने लाइट कलर के साथ हैवी कारीगरी वाला लहंगा चुना था. वहीं ज्वैलरी की बात करें तो मोतियों से बनी ज्वैलरी पर कुंदन का कौम्बिनेशन बेहद खूबसूरत था.

4 टिप्स: ऑयली स्किन से परेशान हैं तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे

वैसे तो normally oil हमारी स्किन के लिए अच्छा होता है. ये हमारी स्किन को ड्राई होने से बचाता है, उसे healthy रखता है,और तो और ऑयली स्किन वालों को झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ती.
लेकिन हद से ज्यादा oil भी हमारी स्किन के लिए ठीक नहीं होता .हमारी स्किन में मौजूद एक्स्ट्रा oil के कारण डस्ट और धुआं हमारी स्किन में बहुत ही आसानी से चिपक जाता है और हमारे pores को block कर देता है. जिससे हमारी स्किन में फंगस और कील मुहांसे पनपने लगते हैं.इसलिए जिन लोगों की स्किन बहुत ऑयली होती है उन्हें अक्सर फेस पर फंगल इन्फेक्शन और pimples हो जाते है.

पर क्या आप जानते है की ऑयली स्किन होने के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं.आइये जानते है की वो क्या है-

1- तनाव

जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारे शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोन का रिसाव शुरू हो जाता है और हमारा हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है. जिससे हमारी त्वचा ऑयली हो जाती है .

2- ब्यूटी प्रोडक्ट्स का ज्यादा इस्तेमाल-

ये तो हम सभी जानते है की हमारे चेहरे की स्किन बहुत ही सेंसिटिव होती है पर जब हम अपने चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए और कील मुहांसों से छुटकारा पाने के लिए मार्किट में उपलब्ध विभिन्न स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते है या जरूरत से ज्यादा अपने चेहरे की स्क्रबिंग करते है तो हमारे चेहरे की रंगत उड़ने लगती और हमारी स्किन बहुत ज्यादा ऑयली हो जाती है.

3- अधिक दवाओं का सेवन-

हमारी स्किन का बहुत ज्यादा ऑयली होने का एक कारण अधिक दवाओं का सेवन भी है. अत्याधिक हार्मोनल गर्भनिरोधक दवा या फिर हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा का लगातार सेवन करने से भी हमारी स्किन ऑयली हो जाती है और हमें कील मुहांसों का सामना करना पड़ता है.

4-चेहरे पर मेकअप का use अधिक करना-

ऑयली स्किन का एक मुख्य कारण अधिक मेकअप करना भी है. मेकअप ब्रश और कॉस्मेटिक क्रीम का ज़्यादा इस्तेमाल करने से चेहरे के पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे स्किन ऑयली हो जाती है.

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5- गलत खानपान-

हमारे खान पान का हमारी स्किन पर बहुत असर पड़ता है.ज्यादा चिकना या तला हुआ , मिर्च-मसाले व अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करने से भी त्वचा ऑयली हो सकती है.

अभी तक हमने जाना कि ऑयली स्किन के पीछे कौन-कौन से कारण है. अब हम बात करेंगे कुछ घरेलू उपचारों की, जिनकी मदद से इस समस्या से निपटा जा सकता है. इन्हें बनाना ना सिर्फ बेहद आसान है, बल्कि इनका कोई हानिकारक प्रभाव भी नहीं है.

1- मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल और कच्चा दूध का फेस पैक-

मुल्तानी मिटटी का उपयोग हर तरह की स्किन वाले लोग कर सकते है.ये न सिर्फ स्किन को चिकना या चमकदार बनाने में बल्कि ये आपकी स्किन से एक्स्ट्रा oil ,धूल मिटटी और म्रतकोशिकाओं को हटाने में भी मदद करती है.

आइये जानते है की इसका फेस पैक कैसे बनाये-

हमें चाहिए-

मुल्तानी मिट्टी-1 टेबल-स्पून
गुलाब जल-1 टेबल-स्पून
कच्छा दूध -1 टेबल-स्पून

बनाने का तरीका-

1-मुल्तानी मिटटी,गुलाब जल और कच्चा दूध ,इन सभी सामग्रियों को एक कटोरी में डालकर मिक्स करके अच्छे से पेस्ट बना ले.

2-अब चेहरे को पानी से अच्छे से धो लें और तौलिये से साफ कर लें. इसके बाद पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं.

3-जब फेस पैक पूरी तरह से सूख जाए, तो ठंडे पानी से चेहरा धो लें.अगर ठंडक का मौसम है तो हलके गुनगुने पानी से चेहरे को धोये.

4-चेहरा धोने के बाद कोई भी अच्छी माश्चराइज़र क्रीम जरूर लगाएं. इस फेस पैक को आप हफ्ते में तीन बार लगा सकते हैं.

2- मसूर की दाल का फेस पैक

मसूर की दाल का उपयोग खाने के लिए तो किया ही जाता है साथ ही इसका उपयोग स्किन के लिए भी किया जाता है.इसमें मौजूद मिनरल,विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट स्किन के लिए काफी अच्छे होते है. आइये जानते है की इसका फेस पैक कैसे बनाये-

हमें चाहिए-

मसूर की दाल का पाउडर -2 टेबल स्पून
कच्चा दूध -1 ½ टेबल-स्पून

बनाने का तरीका-

1-मसूर की दाल के पाउडर में कच्चा दूध मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना ले.
2-इस फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाकर करीब 20 मिनट तक सूखने दें.
3-अब चेहरे को ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें. आप चाहे तो इस फेस पैक से आप चेहरे की स्क्रबिंग भी कर सकते हैं.
4-आप इस हफ्ते में 3 से 4 बार लगा सकते हैं.

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3- नीम,हल्दी और दही का फेस पैक

नीम को हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना गया है .इसकी पत्तियों से लेकर इसकी लकड़ियों तक का अपना एक अलग महत्व है .नीम के पत्तों व उसके रस से बनीं आयुर्वेदिक औषधियां स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं. साथ ही शरीर की सुंदरता को बढ़ाने में भी नीम का प्रयोग किया जाता है.
नीम ,हल्दी और दही से बने इस मास्क में चेहरे पर ज़्यादा तेल न बनने देने की क्षमता है, इसमें लैक्टिक एसिड होता है जिससे कारण चेहरे पर पड़े दाग धब्बे मिट जाएंगे और चेहरा मुलायम रहेगा.

हमें चाहिए-

नीम पाउडर-1 टेबल-स्पून
दही -2 टेबल-स्पून
हल्दी-1/4 टी-स्पून

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले नीम पाउडर, दही और हल्दी को अच्छे से मिलकर इसका पेस्ट बना लें.
2-अब इसे अपने चेहरे पर लगा लें. इसे सूखने दें और 20 मिनट बाद ठन्डे पानी से धो ले.
3-आप इस फेस पैक को रोजाना लगा सकते हैं.

4-बेसन और टमाटर का फेस पैक

जहाँ एक ओर बेसन से बनी चीज़े खाने में स्वादिष्ट और healthy होती है वहीँ दूसरी तरफ इसका उपयोग प्राचीनकाल से चेहरे में निखार लाने के लिए भी किया जा रहा है.बेसन में बहुत सारे विटामिन ,मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते है जो ऑयली स्किन से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार होते है.

वही टमाटर बड़े पोर्स को कम करने के साथ-साथ चेहरे के एक्सेस ऑयल को भी कम करता है. इससे चेहरे पर ऑयल प्रोडेक्शन धीरे-धीरे कम हो जाता है, इससे पिंपल्स और एक्ने की परेशानी कम होती है. ये चेहरे पर चमक बनाए रखने में भी मदद करता है और टैन को हटाता है.
आइये जाने बेसन और टमाटर का फेस पैक कैसे बनाये-

हमें चाहिए-

बेसन -1 टेबल स्पून
टमाटर का रस -1/2 टेबल स्पून

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले बेसन और टमाटर के रस को मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर ले .
2-अब उसे चेहरे पर अच्छे से लगा ले और 20 मिनट के लिए सूखने दे.
3 -सूख जाने के बाद चेहरे को ठन्डे पानी से धो ले.

4-आप इसे सप्ताह में 3 से 4 बार लगा सकते हैं.

ध्यान रहे –

1-अगर आपकी स्किन ऑयली हो रही है तो अपने फेस को बार बार हार्ड सोप या facewash से न धुले.
2- फेस को धोने के बाद उसे किसी तौलिये या कपडे से रगड़ कर न पोछे क्योंकि ऑयली स्किन पहले से ही मुलायम होती है और रगड़ने से छिल जाती है.जिससे उसमे जलन होने लगती है और फिर उसमे आसानी से फंगल इन्फेक्शन या pimples हो सकते है.

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दूरबीन: नंदिनी ने सामने वाले घर में क्या देख लिया था?

सुबह 9 बजे नंदिनी ने खाने की मेज पर अपने पति विपिन और युवा बच्चों सोनी और राहुल को आवाज दी, ‘‘जल्दी आ जाओ सब, नाश्ता लग गया है.’’

नंदिनी तीनों के टिफिन भी पैक करती जा रही थी. तीनों लंच ले जाते थे. सुबह निकल कर शाम को ही लौटते थे. विपिन ने नाश्ता शुरू किया. साथ ही न्यूजपेपर पर भी नजर डालते जा रहे थे. सोनी और राहुल अपनेअपने मोबाइल पर नजरें गड़ाए नाश्ता करने लगे. नंदिनी तीनों के जाने के बाद ही आराम से बैठ कर नाश्ता करना पसंद करती थी.

सोनी और राहुल को फोन में व्यस्त देख कर नंदिनी झुंझला गई, ‘‘क्या आराम से नाश्ता नहीं कर सकते? पूरा दिन बाहर ही रहना है न, आराम से फोन का शौक पूरा करते रहना.’’

विपिन शायद डिस्टर्ब हुए. माथे पर त्योरियां डाल कर बोले, ‘‘क्यों सुबहसुबह गुस्सा करने लगती हो? कर रहे होंगे फोन पर कुछ.’’

नंदिनी चिढ़ गई, ‘‘तीनों अब शाम को ही आएंगे… क्या शांति से नाश्ता नहीं कर सकते?’’

विपिन ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘हम तो शांति से ही नाश्ता कर रहे हें. शोर तो तुम मचा रही हो.’’

बच्चों को पिता की यह बात बहुत पसंद आई. दोनों एकसाथ बोले, ‘‘वाह पापा, क्या बात कही है.’’

नंदिनी ने तीनों के टिफिन टेबल पर रखे और चुपचाप उदास मन से वहां से हट गई. सोचने लगी कि पूरा दिन अब अकेले ही रहना है… इन तीनों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि कुछ देर हंसबोल लें. शाम को सब थके आएंगे और फिर बस टीवी और फोन. किसी के पास क्यों आजकल कोई बात नहीं रहती करने के लिए?

बच्चों के हर समय फोन पर रहने ने तो घर में ऐसी नीरसता भर दी है कि खत्म होने को नाम ही नहीं लेती है. अगर मैं तीनों से अपना मोबाइल, टीवी, लैपटौप बंद कर के थोड़ा सा समय अपने लिए चाहती हूं, तो तीनों को लगता है पता नहीं मुझे क्या हो गया है.

जबरदस्ती दोस्त बनाने में, सोशल नैटवर्किंग के पागलपन में समय बिताने में, पड़ोसिनों से निरर्थक गप्पें मारने में अगर मेरा मन नहीं लगता तो क्या यह मेरी गलती है? ये तीनों अपने फेसबुक मित्रों की तो छोटी से छोटी जानकारी भी रखते हैं पर इन के पास मेरे लिए कोई समय नहीं.

तीनों चले गए. घर में फिर अजीब सी खामोशी फैल गई, मन फिर उदास सा था. नाश्ता करते हुए नंदिनी को जीवन बहुत नीरस और बोझिल सा लगा. थोड़ी देर में काम करने वाली मेड श्यामा आ गई. नंदिनी फिर रूटीन में व्यस्त हो गई.

उस के जाने के बाद नंदिनी इधरउधर घूमती हुई घर ठीक करती रही. सोचती रही कि वह कितनी खुशमिजाज हुआ करती थी, कहेकहे लगाती रोमानी सपनों में रहती थी और अब रोज शाम को टीवी, फोन और लैपटौप के बीच घुटघुट कर जीने की कोशिश करती रह जाती है.

पता नहीं क्याक्या सोचती वह अपने फ्लैट की अपनी प्रिय जगह बालकनी में आ खड़ी हुई. उसे लखनऊ से यहां मुंबई आए 1 ही साल हुआ था. यहां दादर में ही विपिन का औफिस और बच्चों का कालेज है, इसलिए यह फ्लैट उन्होंने दादर में ही लिया था.

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रजनीगंधा की बेलों से ढकी हुई बालकनी में वह कल्पनाओं में विचरती रहती. यहां इन तीनों में से कोई नहीं आता. यह उस का अपना कोना था. फिर वह यों ही अपने छोटे से स्टोररूम में जा कर सामान ठीक करने लगी. काफी दिन हो गए थे यहां का सामान संभाले. वह सब कुछ ठीक से रखने लगी. अचानक उस ने बच्चों के खिलौनों का एक बड़ा डब्बा यों ही खोल लिया. ऐसे ही हाथ डाल कर खिलौने इधरउधर कर देखने लगी. 3 साल पहले चारों नैनीताल घूमने गए थे, वहीं बच्चों ने यह दूरबीन खरीदी थी.

वह दूरबीन ले कर डब्बा वापस रख कर अपनी बालकनी में आ कर खड़ी हो गई. सोचा ऐसे खड़े हो कर देखना अच्छा नहीं लगेगा. कोई देखेगा तो गड़बड़ हो जाएगी. अत: फूलों की बेलों के पीछे स्टूल रख कर अपनी दूरबीन संभाले आराम से बैठ गई.

आंखों पर दूरबीन रख कर देखा. थोड़ी दूर स्थित बिल्डिंग बने ज्यादा समय नहीं हुआ था, यह वह जानती ही थी. अभी काफी फ्लैट्स में काम हो रहा था. एक फ्लैट की बालकनी और ड्राइंगरूम उसे साफ दिखाई दे रहा था. उस की उम्र की एक महिला ड्राइंगरूम में दिखाई दी.

उस घर में शायद म्यूजिक चल रहा था. वह महिला काम करतेकरते सिर को जोरजोर से हिला रही थी.

अचानक उस की बेटी भी आ गई. दोनों मिल कर किसी गाने पर थिरकीं और फिर खिलखिलाईं. नंदिनी भी मुसकरा उठी. मांबेटी के स्टैप से नंदिनी को लगा शायद ‘बेबी डौल’ गाना चल रहा है. नंदिनी अकेली ही खिलखिला दी. अचानक उस ने मन में ताजगी सी महसूस हुई. आसपास फूलों की खुशबू और सामने मांबेटी के क्रियाकलाप देख कर नंदिनी बिलकुल मस्ती के मूड में आ गई और गुनगुनाने लगी. फिर मांबेटी शायद घर के दूसरे हिस्से में चली गईं.

नंदिनी ने अंदर जा कर घड़ी देखी. 12 बज रहे थे. आज टाइम का पता ही नहीं चला. वह वापस स्टूल पर आ बैठी. दूरबीन से इधरउधर देखती रही. कहीं कुछ खास नहीं दिखा. ज्यादातर फ्लैट्स बंद थे या फिर परदे खिंचे थे.

फिर अचानक उस की नजर एक फ्लैट की बालकनी पर अटक गई. झटका सा लगा. दूरबीन उस के हाथों से गिरतेगिरते बची.

एक लंबाचौड़ा, जिम में तराशी सुगठित देह वाला हैंडसम लड़का तौलिए से अपने बाल पोंछ रहा था. शायद नहा कर निकला था. बस शौर्ट्स पहले तौलिया तार पर टांग ही रहा था कि उस की खूबसूरत नवविवाहिता पत्नी उस लड़के की कमर में पीछे से हाथ डाल दिया. लड़के ने पलट कर उसे वहीं किस कर लिया और फिर उस की कमर में हाथ डाल कर अंदर जा कर ड्राइंगरूम में सोफे पर लेट सा गया.

एकदूसरे का भरपूर चुंबन लेते दोनों साफ दिख रहे थे. नंदिनी की कनपटियां तक लाल हो गईं. उस का दिल तेज धड़कने लगा. ठंडे पसीने से पूरा शरीर भीग गया. बहुत दिनों बाद तनमन की यह हालत हुई थी. नंदिनी ने देखा फिर वह जोड़ा सोफे से उठ कर घर के किसी और हिस्से में चला गया. शायद बैडरूम में. नंदिनी यह सोच कर हंस पड़ी.

अब 1 बज रहा था. नंदिनी ने लंच किया. आज लंच करतेकरते वह अकेली मुसकराती रही. आज अचानक उसे पता नहीं क्याक्या याद आने लगा. सालों पुरानी अपनी लाल चूडि़यां याद आने लगीं. मन हुआ शुरुआती दिनों की तरह खूब सजधज कर विपिन के साथ कुछ समय बिताए. लंच कर के उस ने फिर दूरबीन उठा ली. फिर कुछ नहीं दिखा. वह भी जा कर सो गई. फिर उठ कर घर के कुछ काम निबटाए.

4 बजे चाय का कप ले कर फिर दूरबीन उठा कर स्टूल पर बैठ गई. मांबेटी वाले घर में तो कोई हलचल नहीं दिखी, पर नवविवाहित जोड़ा घर की सैटिंग में व्यस्त था. दोनों मिल कर सामान ठीक कर रहे थे. शायद नएनए आए थे फ्लैट में. बीचबीच में दोनों का रोमांस भी चल रहा था. लड़के ने पत्नी को गोद में उठा कर घुमा दिया. आकर्षक जोड़ा था.

नंदिनी ने हंस कर अपनी दूरबीन को चूम लिया. आज उसे एक नया रोमांच महसूस हो रहा था. पूरा दिन कब बीत गया, पता ही नहीं चला. सब से बड़ी बात उसे पति और बच्चों की कोई बात याद कर के गुस्सा नहीं आया. आज कोई झुंझलाहट नहीं थी मन में. एकदम खिलाखिला था मन.

5 बज रहे थे. नंदिता अपनी शाम की सैर पर जाने के लिए तैयार होने लगी. वह शाम को रोज 1 घंटा सोसायटी के पार्क में सैर करती थी. आज उस के कदमों में गजब की तेजी थी. मन में स्फूर्ति थी. सैर करते हुए सोच रही  थी कि इस दूरबीन का किस्सा घर में किसी को नहीं बताऊंगी.

वह जानती है यह हरकत अच्छी नहीं है पर उसे तो आज पूरा दिन मजा आया, सहीगलत के चक्कर में नहीं पड़ेगी वह. 6 बजे आ कर वह किचन में व्यस्त हो गई. शाम को सब के आने के समय नंदिनी ने दूरबीन अपनी साडि़यों की तह में छिपा दी.

विपिन राहुल और सोनी के आने के बाद नंदिनी नाश्ते के बाद डिनर की तैयारी में व्यस्त हो गई. वह बच्चों से बीचबीच में दिन भर की बातें पूछती रही. कालेज के कुछ और सवाल पूछने पर फोन में व्यस्त राहुल झुंझला गया, ‘‘मां, कितने सवाल करती हो?’’

आज नंदिनी खुद ही अपने ऊपर हैरान रह गई. उसे राहुल की इस बात पर जरा भी गुस्सा नहीं आया. वह गुनगुनाती हुई अपने काम करती रही. डिनर के बाद विपिन न्यूज देखने लगे. बच्चे अपने रूम में चले गए. नंदिनी का मन हुआ अपनी दूरबीन उठा ले पर नहीं, यह तो असंभव था. वह घर में किसी को भनक नहीं लगने देगी. उस ने फिर बड़े ही रोमांटिक अंदाज में विपिन के गले में बांहें डाल दीं, ‘‘चलो, बाहर टहल कर आते हैं.’’

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विपिन को हैरत का एक तेज झटका लगा. नंदिनी को ध्यान से देख कर पूछा, ‘‘तुम्हें क्या हुआ है?’’

नंदिनी हंस पड़ी, ‘‘बस यही पूछते रहते हो तुम्हें क्या हुआ है, कभी कुछ और भी तो कहो.’’

विपिन ने मुसकराते हुए टीवी बंद कर दिया.

दोनों टहल आए. नंदिनी का मूड बहुत अच्छा था1 उस नवविवाहित जोड़े की प्रणयलीला याद कर एक भूलीभटकी सी रोमानियत उस के मन में भी उतरती जा रही थी. उस रात उस ने अपने और विपिन के प्रणयपलों को बड़ी उमंग से जीया.

सुबह नंदिनी तीनों के जाते ही जल्दी से दूरबीन उठा कर स्टूल पर बैठ गई. मांबेटी वाले फ्लैट में मां शायद कामकाजी थी, वह साड़ी पहने तैयार थी. बेटी शायद कालेज में होगी. दोनों साथ ही निकलती थीं. घर में कोई और नहीं था. कल शायद लेट गई थीं. तभी तो नाचगा रही थीं. दोनों बहुत फ्रैश और खुश लग रही थीं.

फिर नंदिनी ने दूरबीन दूसरे फ्लैट की ओर घुमाई कि क्या कर रहे होंगे ये हीरोहीरोइन. वह खुद ही जोर से हंस दी. देखा, शायद हीरो औफिस के लिए तैयार था. हीरोइन अपने हाथ से उसे नाश्ता करा रही थी. वाह, रोमांस चल रहा है. हां, यही तो दिन हैं भई… चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात. वह खुद ही सब सोच कर मुसकराती रही. तभी श्यामा आ गई तो नंदिनी ने दूरबीन छिपा दी.

आज एक अरसे बाद नंदिनी ने विपिन को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया, ‘आई लव यू.’

विपिन की हैरानी वाली बात स्माइली आई और ‘सेम टू ये, डियर’ का जवाब. नंदिनी विचित्र सी अनुभूतियों में घिरी घर के काम निबटाती रही. फिर वह दोपहर में ब्यूटीपार्लर गई. बढि़या फेशियल, मैनीक्योर, पैडीक्योर, एक मौडर्न हेयरकट करवाया, खुद को आईने में देख कर खुश हुई. फिर अपने लिए नई कुरती खरीदी.

घर आते ही दूरबीन उठाई पर कुछ नहीं दिखा. मांबेटी शायद शाम को ही वापस आती थीं. हीरोइन एकाधबार बालकनी में दिखाई दी. फिर शाम के समय एकदम सजीसंवरी हीरो का इंतजार करती. नंदिनी भी शाम के समय आज कुछ अलग ढंग से तैयार हुई.

शाम को सोनीराहुल आए तो नंदिनी को देखते ही सोनी बोली, ‘‘वाह, मां, कितनी अच्छी लग रही हो. वाह, नया हेयरकट, बहुत अच्छा है.’’

राहुल ने भी कहा, ‘‘ऐसे ही रहा करो मां, लुकिंग गुड.’’

विपिन तो कल से ही नंदिनी में आए परिवर्तन पर हैरान थे. नंदिनी को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोले, ‘‘वाह, क्या बात है. भई, क्या इरादा है?’’

नंदिनी हंसतेह हुए बोली, ‘‘अच्छा ही है.’’

‘‘तो चलो, आज इस मेकओवर पर आइसक्रीम तो बनती है, डिनर के बाद सब ‘कूल कैंप’ चलेंगे.’’

‘‘वाह पापा, वैरी गुड.’’

चारों हंसीखुशी आइसक्रीम खा कर घर लौटे. नंदिनी हैरान थी. अपने मन के बदलाव

पर, पहले वह तीनों की हर बात पर चिढ़ती, झुंझलाती रहती थी. पर अब कल से उसे सब कुछ कितना अच्छा लग रहा था. यह क्या हो गया? उस के खुश रहते ही घर में भी एक अलग माहौल था. तो क्या सिर्फ उस के कुढ़ते रहने से, शिकायत करते रहने से माहौल में उदासीनता आती जा रही थी? अपने मन की उदासी, जीवन में आई नीरसता के लिए वह स्वयं दोषी थी?

अपने जीवन में फैली बोझिलता के लिए उस का मन उसे ही जिम्मेदार ठहरा रहा था. वह क्यों इन तीनों से शिकायतों में ही अपनी ऊर्जा नष्ट करती रहती? वह खुश रहने के लिए किसी पर निर्भर क्यों है? पता नहीं क्याक्या सोचते हुए घर आ गया.

अब नंदिनी का यही रूटीन रहने लगा. मौका मिलते ही वह दूरबीन उठा लेती. फूलों की मोहक खुशबू की आड़ में दूरबीन की आंखों से देखती. उस हीरोहीरोइन के नएनए मादक रोमांस की साक्षी थी वह. उन का नयानया प्यार उसे भी पुराने दिनों में ले गया था, जब उस ने विपिन के साथ नया जीवन शुरू किया था. वह उन के वर्तमान को देख कर अपना अतीत फिर जीने लगी थी.

वह अचानक अपने दिल में वही उत्साह, वही रोमांच, वही रोमांस महसूस करने लगी थी. विपिन के टूर पर जाने पर अब वह कलपती नहीं थी, विपिन के टूर पर जाने पर कभी सोनी के साथ मूवी देख आती, कभी दोनों बच्चों के साथ लंच पर चली जाती थी.

मांबेटी वाले फ्लैट में मांबेटी को खुश देख उसे बहुत अच्छा लगता. अंदाजा लगाती पता नहीं दोनों का कोई भी या नहीं. क्यों अकेली हैं दोनों? इन के साथ क्या हुआ होगा? उन के बारे में बहुत कुछ सोचती नंदिनी. अब उस का दिन कब बीत जाता था उसे पता ही नहीं चलता था.

अब सामने वाली बिल्डिंग में और लोग भी आ रहे थे. खाली फ्लैट्स धीरेधीरे भर रहे थे. दूरबीन आंखों पर लगाए अब टाइमपास करते नंदिनी को 4 महीने हो रहे थे. हीरोहीरोइन के रोमांस में तो उसे जीवन का सारा थ्रिल लगता, उन्हें देखदेख कर ही तो वह बदलती चली गई.

मगर एक दिन सुबह 11 बजे ही उसे बहुत बड़ा झटका लगा. वह जैसे अपने सपनों की दुनिया से यथार्थ के कठोर धरातल पर आ गिरी. दूरबीन पकड़े हाथ कांप से गए. हीरोहीरोइन फ्लैट खाली कर रहे थे. नीचे रोड पर खड़ा ट्रक भी उसे दिखाई दे गया. सामान पैक करने वालों की ड्राइंगरूम में बहुत हलचल थी, जो साफ दिख रही थी.

यह क्या? नंदिनी को अपनी आंखों की नमी दिल में उतरती महसूस हुई. वह कितना जुड़ गई थी उन से. वे दोनों तो कभी जान भी नहीं जाएंगे कि कोई उन्हें खुश देख कर खुश रहने लगा था. उफ अब ये जा रहे हैं. फिर वही उदासी, वही बोरिंग रूटीन. नंदिनी को पूरा दिन चैन नहीं आया. वह दूरबीन लिए अंदरबाहर बेचैन सी चक्कर काटती रही.

शाम होतेहोते ट्रक सामान भर कर चला गया. उस के हीरोहीरोइन भी कार से चले गए. नंदिनी दूरबीन अपनी गोद में रख कर सिर दीवार से टिका कर गुमसुम बैठी रह गई.

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शाम को नंदिनी का उतरा चेहरा घर में सब ने नोट किया. वह खराब तबीयत का बहाना बन कर बिस्तर में जल्दी लेट गई. उस के 3-4 दिन बेहद उदास बीते. सामने वाली मांबेटी सुबह की गईं शाम को ही आती थीं. प्रणयलीला में डूबे हीरोहीरोइन याद आते. अब उस के जीवन में फिर वही नीरसता थी, फिर वही बोझिलता. 15 दिन उस ने दूरबीन को हाथ भी नहीं लगाया.

फिर एक दिन नंदिनी स्टूल पर बैठी सामने वाले फ्लैट्स पर अपनी दूरबीन दौड़ा रही थी. अधिकतर घरों के परदे खिंचे थे. अचानक उस का मन झूम उठा. हीरोहीरोइन वाला फ्लैट शायद 2-3 लड़कों ने शेयर कर के ले लिया था.

3 हैंडसम लड़के घर ठीक करने में व्यस्त थे. एक परदे टांग रहा था. एक के हाथ में शायद कोई कपड़ा था. वह शायद डस्टिंग कर रहा था. तीसरा सफेद टीशर्ट और ब्लैक शौर्ट्स पहने बालकनी में कपड़े सुखा रहा था और उस के बराबर वाले फ्लैट की बालकनी में एक युवा लड़की पौधों में पानी डाल रही थी. वह बारबार उस कपड़े सुखाते लड़के को देख रही थी.

नंदिनी मुसकरा उठी. उस ने लड़के को ध्यान से देखा. वह भी उस लड़की को देख कर मुसकरा उठा था. वाह, यहां तो एक लवस्टोरी भी शुरू हो गई. अब तो मजा आएगा, वाह, दोनों एकदूसरे को देख रहे हैं. मतलब शिफ्ट करते ही रोमांस शुरू.

तभी अचानक एक वृद्ध महिला ने बालकनी में आ कर लड़की से कुछ कहा. यह शायद उस की नानी, या दादी होंगी. लड़की ने फौरन लड़के की तरफ पीठ कर ली. लड़का भी फौरन अंदर चला गया. महिला कुछ देर पौधों को देखती रही, फिर वे भी अंदर चली गईं. काफी दिनों बाद दूरबीन अपनी अलमारी में रखते हुए नंदिनी फिर गुनगुना रही थी.

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