Serial Story: क्या वह सच था (भाग-3)

‘‘उस दिन हौस्पिटल से निकलते वक्त मैं बेतहाशा रो रही थी. संयोग से उस दिन विपुल भी अपनी नियमित जांच के लिए अस्पताल आए हुए थे. मैं उस दिन पक्का जहर खा चुकी होती. मगर विपुल ने आप का वास्ता दे कर मुझ से सारी बात जान ली. मैं बहुत भयभीत थी कि मेरी वजह से पापा और आप की इज्जत धूल में मिल जाएगी. हार्टपेशैंट पापा को कुछ हो गया तो मैं स्वयं को कभी माफ नहीं कर सकूंगी.

‘‘मगर विपुल ने दिलासा दिया कि वे मुझ से शादी कर बच्चे को अपना नाम देंगे. इसीलिए उन्होंने दूसरे शहर में अपना स्थानांतरण करा लिया ताकि मेरे शादी से पहले गर्भवती होने की बात कोई न जान सके.

‘‘मैं ने सोचा था कि सब ठीक हो जाने पर आप के पास लौट आऊंगी और सब सचसच बता दूंगी. मगर विपुल ने यह कह कर मुझे रोक दिया कि फिर आप शादी नहीं करोगी और विपुल की खातिर अकेली रह जाओगी. आप की शादी का समाचार मिला था हमें और हम आना भी चाहते थे, मगर मेरी तबीयत खराब रहने लगी थी. फिर आप का सामना करने की भी हिम्मत नहीं थी.

‘‘प्लीज दीदी, अब अपनी बहन को माफ कर देना. मैं ने आप की जिंदगी से उसे

दूर कर दिया, जो आप की जिंदगी का सब कुछ था. पर यकीन मानिए विपुल ने आज तक मुझे छुआ भी नहीं. वे आज भी केवल  आप के हैं.’’

‘‘आप की बहन.’’

पत्र पढ़तेपढ़ते श्रेया की आंखों से आंसुओं की बरसात होने लगी. अब तक दग्ध पड़ा

उस का मन विपुल के प्रेम की छांव महसूस कर शीतल हो गया था. पर बहन का दर्द आंखों से आंसुओं के सैलाब के रूप में उमड़ पड़ा था.

ये भी पढ़ें- फेसबुक का कारनामा: अंजलि ने अपने पति और बच्चों से कौनसी बात छिपाई थी?

श्रेया बदहवास सी गेट की तरफ भागी कि शायद विपुल बाहर रुका हो. पर विपुल जा चुका था. श्रेया अचानक फूटफूट कर रोने लगी. उस का पता भी तो नहीं था. कहां गया होगा वह? आ कर बिस्तर पर औंधे मुंह लेट गई. पुरानी बातें सोचतीसोचती नींद के आगोश में चली गई. फिर जब होश आया तो देखा, ज्ञान औफिस से आ चुका था और स्वयं चाय बना रहा था. श्रेया को खुद में ग्लानि महसूस हुई कि उसे कैसे ज्ञान के आने का आभास भी नहीं हुआ. वह हड़बड़ा कर उठने लगी कि चक्कर आने लगा. फिर बिस्तर पर लेट गई.

तभी चाय ले कर ज्ञान आ गया. श्रेया के लिए भी चाय बनाई थी. चाय देते हुए बोला, ‘‘जल्दी तैयार हो जाओ श्रेया, हमें चलना है.’’

श्रेया ने उदास नजरों से देखते हुए कहा, ‘‘नहीं, मैं कहीं नहीं जा सकती, प्लीज, आप

चले जाओ.’’

‘‘नहीं श्रेया, तुम्हें चलना होगा,’’ ज्ञान के स्वर में दबाव था.

श्रेया सोच रही थी कैसे मना करूं ज्ञान को और क्या कह कर? पता नहीं, वह क्या सोचेगा. फिर बिना मन के भी श्रेया को ज्ञान से साथ जाने को तैयार होना पड़ा. बड़े बेमन से कार में बैठ गई. कार सीधी एक अस्पताल के आगे जा कर रुकी. प्रश्नवाचक नजरों से श्रेया ने पति की ओर देखा.

‘‘जाओ श्रेया, अपनी बहन से मिल लो.’’

ज्ञान का गंभीर स्वर गूंजा, तो श्रेया चौंक उठी, ‘‘क्या सचमुच ज्ञान?’’ और फिर फूटफूट कर रो पड़ी.

ज्ञान ने सहारा देते हुए कहा, ‘‘कुछ सोचो या बोलो मत, बस जल्दी चलो. समय कम है, नेहा के पास.’’

श्रेया और ज्ञान लगभग दौड़ते हुए अंदर पहुंचे. नेहा बैड पर पड़ी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी. दरअसल, सालों जिस अपराधबोध का बोझ लिए वह जीती रही थी, वह दर्द आज कैंसर बन कर उस की जिंदगी पर हावी हो गया था.

श्रेया का स्वर गले में ही रह गया. पर उस के हाथों का स्पर्श पाते ही नेहा ने आंखें खोलीं. श्रेया को देखते ही, ‘‘दीदी’’, कह उस की आंखें बरस पड़ीं, ‘‘मुझे माफ कर दो दीदी… मैं आप की कुसूरवार हूं.’’

‘‘नहीं नेहा, तू कुछ न बोल. तेरा कोई दोष नहीं. जो होना था, वही हुआ. इस के लिए स्वयं को दोष क्यों दे रही है?

‘‘अब मैं अच्छी नहीं हो सकती दीदी, तुम्हारे लिए ही सांसें अटकी थीं. बस एकबार विपुल को माफ कर दो, ‘‘कहते उस ने विपुल का हाथ पकड़ उस के हाथों में दे दिया.

विपुल की आंखों से आंसू बहने लगे. श्रेया रुंधे गले से बोली, ‘‘नेहा, विपुल ने तो कोई गलती की ही नहीं. उस ने तो कुरबानी दी है. मैं माफी देने वाली कौन होती हूं?’’

श्रेया की बात सुन कर नेहा का चेहरा खिल उठा जैसे वह एक गहरे अपराधबोध से मुक्त हो गई हो. बहुत देर तक श्रेया नेहा का हाथ पकड़े सुबकती रही.

डाक्टरों ने जवाब दे दिया था. उस रात श्रेया नेहा के पास ही रुकना चाहती थी पर ज्ञान के कहने पर घर चलने को तैयार हो गई. रास्ते भर श्रेया सोचती रही. वर्षों बाद अपनी प्यारी बहन को गले लगा कर कितना सुकून मिला था उसे. फिर विपुल का निश्छल प्रेम महसूस कर उस का दिल फिर से विपुल की ओर झुकने लगा था. आज उसे किसी से कोई शिकवाशिकायत नहीं थी. सिर्फ प्यार था विपुल के लिए, नेहा के लिए.

तभी सहसा उस के मन से आवाज आई, ‘कहीं वह ज्ञान के साथ नाइनसाफी तो नहीं करने जा रही?’

‘‘ज्ञान तुम्हें कैसे पता चला कि नेहा यहां है?’’ श्रेया ने पूछा.

ज्ञान ने गंभीर स्वर में कहा, ‘‘तुम रोतीरोती सो गई थीं, तो मैं घर में दाखिल हुआ था. मैं ने पत्र पढ़ा और सारी हकीकत समझ गया. मैं सोच रहा था कि नेहा से तुम्हें कैसे मिलाऊं? तभी

मुझे विपुल की मां का खयाल आया. जब पार्टी में वे तुम से मिली थीं, तो मैं ने वहां उन से फोन नंबर ले लिया था. आज आंटी को फोन कर के ही मुझे जानकारी मिली कि नेहा यहां ऐडमिट है. तभी मैं ने…’’

ये भी पढ़ें- चेहरे की चमक: माता-पिता के लिए क्या करना चाहते थे गुंजन व रवि?

श्रेया विपुल के कंधे पर सिर रखती हुई बोली, ‘‘आप का शुक्रिया कैसे अदा करूं?’’

‘‘मेरा नहीं, विपुल का शुक्रिया अदा करो श्रेया. यदि नेहा को कुछ हो जाता है तो मुझे लगता है तुम्हें विपुल को अपने घर या हमारे बगल के घर में रहने के लिए मना लेना चाहिए. ताकि तुम विपुल को बिलकुल अकेला होने से बचा सको. फिर नेहा के बच्चे को भी तुम्हारा साथ मिल जाएगा.’’

अपने पति के सुलझे विचार जान कर श्रेया का मन और भी हलका हो गया. वह निश्चिंत हो कर ज्ञान के कंधे पर सिर रख कर सो गई, क्योंकि अब वह विपुल के प्रति अपने कर्तव्य बिना किसी हिचकिचाहट निभा सकेगी. उस का पति उस के रिश्तों को पूरी अहमियत जो दे रहा था. शायद वह विपुल के साथ अपने रिश्ते को जितने बेहतर ढंग से नहीं समझ सकी, उस से कहीं अधिक ज्ञान ने उन दोनों को समझा.

Serial Story: क्या वह सच था (भाग-2)

श्रेया को आज भी अच्छी तरह याद है वह शाम जब नेहा थकीहारी और परेशान सी कालेज से घर लौटी थी और फिर सहसा श्रेया के गले लग कर रोने लगी थी. पीछेपीछे विपुल भी आया था. उस ने नेहा को बैठने का इशारा किया और फिर श्रेया से मुखातिब होते हुए बोला, ‘‘श्रेया, मैं तुम से एक बात कहना चाहता हूं.’’

‘‘वह तो ठीक है विपुल, मगर पहले नेहा को तो देख लूं… यह रो क्यों रही है?’’

‘‘मैं ही हूं, इस की वजह,’’ विपुल श्रेया के सामने आ कर खड़ा हो गया.

‘‘मतलब?’’

श्रेया चौंक उठी.

‘‘मतलब यह कि नेहा मेरी वजह से रो रही है.’’

‘‘यह क्या कह रहे हो तुम?’’ श्रेया कुछ समझ नहीं पाई.

‘‘मैं जानता हूं श्रेया, तुम्हारे लिए समझना कठिन होगा. मगर मैं मजबूर हूं. मैं चुप नहीं रह सकता. मैं नेहा से प्रेम करने लगा हूं और इसी से शादी करूंगा.’’

‘‘क्या? तुम नेहा से प्रेम करते हो? और मैं? मैं क्या थी? तुम्हारे मन बहलाव का जरीया? टाइमपास? नहीं विपुल मैं तुम्हारी इस बात पर कभी यकीन नहीं करूंगी.’’

फिर श्रेया ने तुरंत नेहा के पास जा कर पूछा, ‘‘विपुल क्या कह रहे हैं नेहा? यह सब क्या है? यह सब झूठ है न नेहा? तू सच बता नेहा…’’

‘‘दीदी, मैं स्वयं नहीं जानती कि मेरी जिंदगी में क्या लिखा है. फिर मैं आप को क्या बताऊं?’’

‘‘सिर्फ इतना बता कि क्या तू और विपुल एकदूसरे के साथ जिंदगी बिताना चाहते हैं? क्या विपुल ने जो कहा वह सच है?’’

झुकी नजरों से नेहा ने हां में सिर हिलाया तो श्रेया के पास कुछ कहने या सुनने को

नहीं रह गया. एक धक्का सा लगा उस के दिल को. वह बिलकुल अलग जा कर खड़ी हो गई, दिल की सारी हसरतें आंसुओं में बहने लगीं.

इस घटना के बाद विपुल में श्रेया से नजरें मिलाने का भी हौसला नहीं रहा. दबी जबान में जब उस ने श्रेया के पापा से नेहा के साथ शादी की इच्छा जताई तो पूरे घर में कुहराम मच गया. कहां तो श्रेया और विपुल की शादी की तैयारी थी और कहां मामला ही उलट गया. तूफान के बाद जैसे पूरे माहौल में शांति छा जाती वैसे ही घर में नीरवता पसर गई.

ये भी पढ़ें- स्पेनिश मौस: क्या अमेरिका में रहने वाली गीता अपनी गृहस्थी बचा पाई?

उधर श्रेया का मन अभी भी इस हकीकत को स्वीकार नहीं कर पा रहा था. घर वालों के तैयार न होने पर विपुल नेहा को ले कर बहुत दूर निकल गया. उस ने जानबूझ कर ऐसी जगह अपनी पोस्टिंग करा ली जहां जानपहचान वाले आसपास न हों. उस ने अपना नया पता भी बहुत कम लोगों को दिया.

विपुल और नेहा से श्रेया और उस के घर वालों ने हर तरह के संबंध तोड़ लिए थे. विपुल ने भी लौट कर बात करने की कोशिश नहीं की और इस तरह श्रेया की यह प्रेम कहानी उस की बरबादी का सबब बन कर रह गई.

उसी दौरान श्रेया की जिंदगी में प्रेम का सागर बन कर ज्ञान आया. उस के साथ शादी घर वालों ने ही तय की. पर इस के लिए स्वयं को तैयार करना श्रेया के लिए बहुत कठिन था. खुद को काफी समझाना पड़ा उसे. ज्ञान को अपना तो लिया था उस ने, मगर प्यार के प्रति उस के मन में विपुल की वजह से एक तरह की उदासी व दर्द का साम्राज्य कायम था. वह लाख कोशिश करती, मगर दिल का सूनापन जाता नहीं. वर्षों बीत गए थे. अब तो नन्हा सौरभ ही श्रेया के जीवन का आधार बन गया था.

श्रेया सुबह उठी तो मन भारी था. पूरी रात पुरानी बातें याद करते जो गुजरी थी.

सोचा, ज्ञान औफिस और सौरभ स्कूल चला जाएगा, तो थोड़ी देर सो लेगी. काम करतेकरते 12 बज गए थे. वह थक कर लेटने गई ही थी कि दरवाजे की घंटी बज उठी. अनमने से दरवाजा खोला तो दंग रह गई.

सामने विपुल खड़ा था. परेशान, थका हुआ, बीमार सा. एकबारगी तो श्रेया उसे पहचान ही नहीं पाई. काले बालों पर अब सफेदी चढ़ चुकी थी. आंखों के नीचे गहरी कालिमा और चेहरे का रंग भी फक्क पड़ा चुका था.

श्रेया असहज होती हुई बोली, ‘‘तुम यहां? तुम वापस क्यों आए हो विपुल? मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी.’’

‘‘ठीक है श्रेया, मैं दोबारा लौट कर नहीं आऊंगा. बस यह पत्र देने आया था,’’ कहतेकहते विपुल की आंखें डबडबा आईं. पत्र थमा कर वह तेज कदमों से लौट गया.

श्रेया काफी देर तक विक्षिप्त सी खड़ी रही. जिस शख्स को वह एक पल को भी याद करना पसंद नहीं करती थी, आज वही शख्स उस के सामने खड़ा था. यों तो वह अनजाने ही चाहती रही थी कि उस के जीवन में आंसू भरने वाला शख्स कभी खुश न रहे, मगर आज अपनी नजरों के आगे उस की आंखों में आंसू देख कर एक बार फिर वह तड़प क्यों रही है? 1-2 घंटे वह यों ही परेशान सी रही. फिर न चाहते हुए भी हिम्मत कर के उस ने वह पत्र खोला. उस के हाथ कांप रहे थे. बहन की हैंडराइटिंग देख मन किया कि पत्र को चूम ले. मगर फिर पुरानी कड़वाहट जेहन में ताजा हो गई. अनमने से उस ने पत्र पढ़ना शुरू किया. लिखा था:

‘‘दीदी, मैं आप की क्षमा की हकदार तो नहीं हूं, फिर भी क्षमा मांग रही हूं. शायद जब तक यह पत्र आप के हाथों में पहुंचे तब तक मैं इस दुनिया से जा चुकी होऊं . इतने दिनों तक आप से बहुत राज छिपाए है हम ने, पर अब और नहीं. हकीकत बता कर चैन से अलविदा कह सकूंगी.’’

‘‘दीदी, मैं आप के विपुल से प्यार नहीं करती थी. वह तो सदा से आप के ही रहे. आप से बेहद प्यार करते हैं. तभी आप की प्रिय बहन की जिंदगी बचाने के लिए उन्होंने यह कुरबानी दी, यानी मुझ से शादी की.

ये भी पढ़ें- अंतिम मुसकान: प्राची क्यों शादी के लिए आनाकानी करने लगी?

‘‘दीदी, किसी लड़के ने धोखे से मेरा इस्तेमाल किया. उस से धोखा खा कर मैं पूरी तरह टूट गई थी. फिर भी हौसला रखा और सोचा कि प्रयास करूंगी, वह शादी के लिए मान जाए. इस से पहले ही वह इस दुनिया से रुखसत हो गया. 2-3 माह बाद जब मुझे अपने अंदर हलचल महसूस हुईर् तो मैं सकते में आ गई. मेरे पेट में उस धोखेबाज का अंश था. डाक्टर ने जांच कर बताया कि अब गर्भपात कराना जिंदगी पर भारी पड़ सकता है.

आगे पढ़ें- पत्र पढ़तेपढ़ते श्रेया की आंखों से आंसुओं की…

Serial Story: क्या वह सच था (भाग-1)

सफाई करते सहसा ही श्रेया के हाथ विपुल की दी वही चमचमाती रिंग आ गई जिसे उस ने वर्षों पूर्व किसी डब्बे में बंद कर एक कोने में पटक दिया था. वह विपुल को बुरे सपने की तरह भुला देना चाहती थी. मगर ऐसा कहां हो पाया. मन के किसी कोने में आज भी उस की यादों का कारवां ठहरा सा था. आज भी एक कसक रहरह कर उसे तड़पाती कि जिसे सब से ज्यादा चाहा था वही उस के सब से बड़े दुख की वजह बन गया.

कैसे भूल सकती है श्रेया अपने 27वें जन्मदिन से एक दिन पहले की उस शाम को जब विपुल के साथसाथ उस ने अपनी बहन को भी सदा के लिए खो दिया था.

वह बहन, जिस के लिए श्रेया हर मोड़ पर खड़ी रही थी, उसी ने विपुल को छीन लिया उस से. मां के गुजरने के बाद अपनी बच्ची की तरह खयाल रखा था उस ने छोटी बहन नेहा का. विपुल से भी तो अकसर जिक्र करती थी वह कि नेहा उस की बहन से कहीं ज्यादा उस की संतान है. बहुत प्यार करती है उस से. तकलीफ में नहीं देख सकती उसे. पर कब सोचा था उस ने कि उसी बहन को जरीया बना कर विपुल उसे ऐसी तकलीफ देगा कि जिंदगी में संभलना तक मुश्किल हो जाएगा.

एक अजीब से कड़वाहट श्रेया के मन में भर गई. हमेशा ऐसा ही होता है. विपुल और नेहा को याद करते ही उस के जेहन में पुरानी यादें ताजा हो उठती हैं.

‘‘श्रेया… श्रेया… कहां हो तुम?’’

पीछे से आती ज्ञान की आवाज ने उस की तंद्रा तोड़ दी. वह वर्तमान में लौट आई. वर्तमान जहां उस का पति ज्ञान और बेटा सौरभ बेसब्री से उस का इंतजार कर रहे थे.

‘‘तुम भूल गईं श्रेया कि आज हमें नमन के यहां जाना है,’’ ज्ञान ने कहा.

‘‘अरे हां, मुझे याद नहीं रहा. ठीक है मैं अभी तैयार हो कर आती हूं,’’ कह श्रेया कमरे में तैयार होने चली आई. फिर तैयार होते हुए खुद को कोसने लगी कि आज फिर क्यों उस ने पुरानी यादों के साए को खुद पर हावी होने दिया? क्यों नहीं वह विपुल को पूरी तरह भूल पाती है? वह विपुल, जिस ने उस के जज्बातों की परवाह नहीं की. उस की बहन को शिकार बना कर चलता बना. फिर दोबारा देखा भी नहीं. वह तो ज्ञान था, जिस की वजह से वह स्वयं को संभाल सकी.

ये भी पढ़ें- नया अध्याय: क्या धोखेबाज पति को भूल पाई प्राची?

श्रेया जब भी विपुल की बेवफाई याद करती बरबस ही उस के दिल में ज्ञान के लिए प्रेम उमड़ पड़ता. आज भी वही हुआ. उस ने ज्ञान की पसंद की हलकी नीली साड़ी पहनी. फिर उसी रंग की चूडि़यां, फुटवियर वगैरह पहन कर जल्दी से तैयार हो गई.

ज्ञान ने देखा तो उस के चेहरे पर एक मीठी सी मुसकान खेल गई. तीनों बहुत दिनों बाद एकसाथ बाहर जा रहे थे. रास्ते भर सौरभ की शैतानियां और ज्ञान की मजेदार बातों ने श्रेया के मन से पुरानी यादों की कड़वाहट दूर कर दी. नमनजी के बेटे की सगाई थी. उस जश्न के माहौल में श्रेया पूरी तरह रंग गई. उस ने ज्ञान के साथ जम कर डांस भी किया.

तभी पीछे से किसी महिला ने श्रेया के कंधे पर हाथ रखा. वह पलटी तो सामने खड़ी उम्रदराज महिला पर नजर पड़ते ही श्रेया के चेहरे का रंग बदल गया. वह हैरान नजरों से उस महिला की तरफ देखती रह गई.

वह महिला कोई और नहीं, विपुल की मां थीं. पहले की ही तरह उन की आंखों से वात्सल्य फूट रहा था. उन्हें सामने पा कर सहसा श्रेया से कुछ कहते न बना. फिर अचानक वर्षों पुराना दबा गुस्सा लावा बन कर आंखों से फूट पड़ा. श्रेया की बड़ीबड़ी आंखें आंसुओं से भर गईं. वह स्वयं को रोक नहीं सकी और विपुल की मां के सीने से लग कर फफकफफक कर रोने लगी.

पहली दफा किसी के आगे खुल कर रो रही थी. मां के स्नेह से भरे हाथ हौलेहौले उस के कंधों को सहलाने लगे थे मानो वे उस का सारा दर्द समझ रही हों. आखिर श्रेया ने ही तो उन से दूरी बनाई थी. सिर्फ उन से ही नहीं, विपुल से जुड़े हर शख्स, हर वस्तु और हर याद से. वह नहीं चाहती थी कि कोई उसे विपुल की याद भी दिलाए. मगर आज जैसे वह उस याद में पूरी तरह डूबी जा रही थी.

सहसा जैसे श्रेया को होश आया. यह क्या कर रही है वह? नहीं. वह किसी के आगे कमजोर नहीं पड़ सकती… पुरानी यादों से दोबारा नहीं जुड़ सकती.

फिर एक झटके से वह अलग खड़ी हो गई. सामने ज्ञान खड़ा उसे ही देख रहा था. आंसू छिपाती श्रेया तेजी से बाथरूम की ओर बढ़ गई. ज्ञान विपुल की मां से बातें करने लगा.

वापस घर लौटते वक्त श्रेया रास्ते भर न चाहते हुए भी विपुल के बारे में ही सोचती रही. उस का दिल अंदर ही अंदर तड़प रहा था. जिस इनसान के लिए वह दुनिया छोड़ने को तैयार थी, उसी को जिंदगी से निकाल कर जी रही थी वह. जब दिल में जज्बा ही न रहे तो फिर क्या फर्क पड़ता है कि कोई इनसान जिंदगी में है या नहीं.

रात भर श्रेया चाह कर भी उन पुरानी यादों से स्वयं को आजाद नहीं कर पाई. पुराने लमहे उस की आंखों के आगे से गुजरते रहे. कैसे विपुल और वह एकदूसरे का हाथ थामे पूरी दुनिया की सैर करते, भविष्य के सुनहरे सपने. देखते, विपुल मितभाषी और संकोची प्रवृत्ति का इनसान था.

आजतक श्रेया समझ नहीं पाई कि उस ने नेहा के साथ कब इतनी नजदीकियां बढ़ा लीं कि वह उस की जिंदगी बन गई और श्रेया को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंका.

ये भी पढ़ें- चमत्कार: क्या पूरा हो पाया नेहा और मनीष का प्यार

श्रेया को तो विपुल पर पूरापूरा भरोसा था. उस ने तो कभी सोचा ही नहीं था कि कभी वह उस के साथ कुछ गलत करेगा या फिर उस की दुलारी बहन नेहा ही ऐसा दिल तोड़ने वाला कदम उठाएगी. तब नेहा की ग्रैजुएशन की परीक्षा थी और श्रेया ने ही विपुल से कहा था कि नेहा को पढ़ा दिया करें. पर उसे कहां पता था कि वह अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है.

आगे पढ़ें- पीछेपीछे विपुल भी आया था. उस ने नेहा को…

Corona के कहर के बीच आज शादी करेंगी ‘दिया और बाती हम’ की एक्ट्रेस प्राची तेहलान

कई टीवी सीरियल तथा ममूटी के साथ 5 भाषाओं में बनी फिल्म ‘मामंगम’में अभिनय कर जबरदस्त शोहरत बटोरने वाली अदाकारा प्राची तेहलान 7 अगस्त को उद्योगपति और वन्य जीवन संरक्षक रोहित सरोहा के साथ विवाह के बंधन में बंधने जा रही हैं. रोहित सरोहा के साथ उनका कोई लंबा प्रेम प्रसंग भी नहीं रहा.

मजेदार बात यह है कि 25 मार्च से कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन के चलते सभी अपने अपने घरों में कैद रहे हैं . लगभग 3 माह तक फिल्म टीवी सीरियल की शूटिंग भी  नहीं हुई. मगर इसी बीच प्राची तेहलान की दिल्ली के व्यवसायी व वन्य जीवन संरक्षक रोहित सरोहा से मुलाकात हुई तथा डेढ़ माह के अंदर प्राची तेहलान ने विवाह के बंधन में बंधने का निर्णय ले लिया. सभी जानते हैं कि हर लड़की के जीवन में शादी बहुत अहमियत रखती है कोरोना महामारी  के चलते पूरी दुनिया थम सी गयी है. रिचा चड्डा व अली फजल जैसे कुछ कलाकारों के साथ-साथ आम लोगों ने अपने विवाह स्थगित कर दिए. पर ‘मांमगंम’ फ्रेम प्राची तेहलान अंधेरे में दिया जलाकर रोशनी पैदा करने में यकीन के साथ इसी दौरान विवाह करने का फैसलाकर काफी खुश हैं. उनका मानना है कि विवाह कर वह इस वक्त अपने प्यार व प्रेमी के साथ बेरोकटोक अच्छा समय बिता सकती हैं.

ये भी पढ़ें- 40 की उम्र में इस भोजपुरी एक्‍ट्रेस ने किया सुसाइड, मरने से पहले किया था ये काम

कोरोना महामारी की वजह से विवाह कार्यक्रम में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते. फिर भी 7 अगस्त को विवाह करने के अपने निर्णय की चर्चा करते हुए प्राची तेहलान कहती हैं-” मैं हमेशा उन लोगों के बीच विवाह करना चाहती थी, जो मुझसे प्यार करते हैं, जिनके साथ मैं अपनेपन का अहसास कर सकूं तो मेरे विवाह समारोह में वैसा ही होने जा रहा है. सीमित लोगों में मुझे प्यार करने वालों व ‘अपनेपन’ का अहसास दिलाने वाले लोग ही मौजूद रहेंगे.

डेढ़ माह की मुलाकात में ही रोहित सिरोहा से विवाह के निर्णय के संदर्भ में प्राची तेहलान कहती हैं -“मेरी जिंदगी में सभी महत्वपूर्ण घटना क्रम इसी तरह घटित होते रहें हैं . एक दिन मेरे कोच ने मेरे कद की तारीफ करते हुए मुझे  बास्केटबॉल खेलने की सलाह दी और दूसरे दिन ही मैं बॉस्केटबॉल कोर्ट पहुंच गयी थी. मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया. फिर अचानक इसी तरह अभिनय की शुरुआत हुई .शशि सुमित से मुलाकात होने के तीसरे दिन मैं उनके सीरियल ‘इक्यावन’ में अभिनय कर रही थी. तो हमने शादी का निर्णय भी डेढ़ माह के अंदर ही ले लिया. सच कहूं तो मुझे ऐसी ही जिंदगी खुशी देती है. प्राची कहती हैं-” मैं अपने विवाह से हर इंसान को संदेश देना चाहती हूं कि हम बुरे वक्त में भी अपनी खुशियां पा सकते हैं.”

ये भी पढ़ें- समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

बहरहाल ,7 अगस्त को शादी की प्राची तहलन की तैयारियां जोरों पर हैं. स्टाइलिस्ट रिशु ,प्राची की शादी के हर समारोह के लिए पोशाक तैयार कर रही हैं. प्राची तेहलान और रोहित सिरोहा पहले ही ‘फोटोशूट’ करा चुके हैं .

राणा दग्गुबाती-मिहिका बजाज की शादी की रस्में हुई शुरू, Photos Viral

फिल्म बाहुबली के भल्लालदेव यानी एक्टर राणा दग्गुबाती अपनी मंगेतर मिहिका बजाज से जल्द शादी करने वाले हैं. बीते दिनों सगाई की फोटोज ने सोशलमीडिया पर धमाल मचा दिया था, जिसके बाद अब शादी की रस्मों के शुरू होते ही फैंस भी फोटोज देखने के लिए बेकरार हैं. आज हम आपको साउथ स्टार राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज के हल्दी की रस्मों की कुछ फोटोज दिखाएंगे. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

 हल्दी की रस्मों हुई पूरी

बीती शाम राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की हल्द की रस्मों को पूरा किया गया. इस दौरान साउथ का ये कपल एक साथ जमकर मस्ती करता नजर आया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटोज में हल्दी की रस्मों को खूब इंजौय करते नजर आ रहे हैं. वहीं राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज का ये रोमांटिक अंदाज फैंस को बहुत लुभा रहा है.

रोमांटिक फोटोज हुई वायरल

रस्मों के दौरान राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज एक साथ बैठे नजर आए. फोटोज में राणा दग्गुबाती, मिहिका बजाज की बात सुनकर खिलखिलाकर हंसते नजर आ रहे हैं, जिसे देखकर फैंस दोनों की जोड़ी की खूब तारीफें करते नजर आ रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

@miheeka for her #haldiceremony 💛 #southindianjewellery #southindianbride #ranadaggubati #rana #miheekabajaj #miheekaranawedding

A post shared by TheObsessedGal (@theobsessedgal) on

ये भी पढ़ें- समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

इस लुक में नजर आया कपल

 

View this post on Instagram

 

All drenched in yellow hues of sunshine and happiness. 🌞 @miheeka ‘s full haldi look is here to awe you away, doesn’t she look astonishing in this pretty yellow outfit and her gorgeous beaded jewellery. 😍😍 . . . Mua @makeupartisttamanna Shot by @rohan.foto Backdrop handpainted and handwork gota by @blingmushrooms Florals by @dewdropdesignstudio Jewelry by @arpitamehtaofficial Outfit by Anand Kabra . . . #haldi #celeb #celebritywedding #indianweddings #weddings #ranadugabatti #wedding #weddingindia #ranadaggubati #miheekabajaj #ranawedding #hyderabadwedding #indianbride #bridalwear #bridalattire #bollywood #tollywood #tollywoodwedding #southasianwedding #southindianweddings #vivahamofficial

A post shared by Vivaham (@vivaham.official) on

हल्दी की रस्मों के दौरान मिहिका बजाज देसी अंदाज में पीले रंग के बहुत लहंगे में खूबसूरत लग रही थी तो वहीं राणा दग्गुबाती एकदम ट्रेडिशनल अंदाज में वाइट धोती और कुर्ते में नजर आए. साथ ही हल्दी की रस्मों का हिस्सा बनने से पहले मिहीका बजाज ने जमकर फोटोशूट करवाती नजर आईं.

 

View this post on Instagram

 

@miheeka for her #mehndi 🌸 @makeupartisttamanna #southindianbride #miheekabajaj #ranadaggubati

A post shared by TheObsessedGal (@theobsessedgal) on

फैंस को कहा शुक्रिया

 

View this post on Instagram

 

And life moves fwd in smiles 🙂 Thank you ❤️

A post shared by Rana Daggubati (@ranadaggubati) on

हल्दी की रस्मों को निभाने के बाद राणा दग्गुबाती ने सोशल मीडिया पर अपनी और मिहीका बजाज की एक फोटो शेयर करते हुए अपने दोस्त और फैंस को धन्यवाद कहा.

ये भी पढ़ें- मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो है मिथुन चक्रवर्ती की बहू

बता दें, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हो रही शादी में प्रोटोकौल का खास ध्यान रखा जा रहा है, जिसके चलते राणा दग्गुबाती की शादी में केवल 30 खास लोगों को ही शामिल होने का न्योता मिला है. वहीं सूत्रों की माने तो शादी में शामिल होने से पहले सभी मेहमानों का पहले कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जाएगा. लेकिन फैंस को उनकी शादी का इंतजार है इसलिए दोनों अपनी शादी की फोटोज को सोशलमीडिया पर शेयर कर रहे हैं ताकि उनके फैंस नाराज ना हों.

40 की उम्र में इस भोजपुरी एक्‍ट्रेस ने किया सुसाइड, मरने से पहले किया था ये काम

बीते दिन यानी 6 अगस्त को ये रिश्ते हैं प्यार के सीरियल के एक्टर समीर शर्मा के सुसाइड करने से जहां फिल्म से लेकर टीवी इंडस्ट्री सदमे में है तो वही अब एक और सुसाइड के मामले ने फैंस को चौंका दिया है. खबरें हैं कि भोजपुरी एक्ट्रेस अनुपमा पाठक ने महज 40 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. कहा जा रहा है कि उन्होंने सुसाइड करके ये कदम उठाया है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

मुंबई में लगाई फांसी

खबरों की मानें तो एक्ट्रेस अनुपमा पाठक मुंबई स्थित अपने फ्लैट पर फांसी लगाकर जान दे दी है. अनुपमा की बॉडी उनके मुंबई के दहिसर स्थित घर में फंदे पर लटकी पाई गई. वहीं अनुपमा ने मौत से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर लाइव के जरिए अपने फैन्स बात की थी.

सुसाइड नोट में कही ये बात

खबरों की मानें तो अनुपमा के फ्लैट से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने ये कदम उठाने के दो कारण बताए हैं. इस सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैंने एक दोस्त की रिक्वेस्ट पर मलाड की विसडम प्रोड्यूसर कंपनी में 10 हजार रुपये निवेश किए थे. कंपनी को मेरे पैसे दिसंबर 2019 में वापस करने थे. कंपनी मेरा पैसा वापस करने में आनाकानी कर रही है.’

ये भी पढ़ें- समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

आखिरी बार फैंस से की थी बातें

सुसाइड से पहले अनुपमा ने आखिरी बार अपने फैंस से फेसबुक लाइव में कहा था कि ‘अगर आप किसी पर भरोसा करके उसे अपनी प्रॉब्लम बताते हैं कि आप अपनी जान देने के बारे में सोच रहे हैं, तो वह आपका कितना भी अच्छा दोस्त क्यों न हो वह आपको उससे दूर रहने के लिए ही कहेगा. क्योंकि कोई भी नहीं चाहता कि मरने के बाद वह आपकी वजह से मुसीबत में न पड़ जाए. यही नहीं वह दूसरों के सामने न सिर्फ आपका अनादर बल्कि आपका मजाक भी उड़ाएगा. इसलिए कभी भी अपनी समस्याओं को किसी के साथ साझा न करें और कभी किसी को अपना दोस्त न समझें.’

आपको बात दें कि बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली एक्ट्रेस अनुपमा ने भोजपुरी फिल्म और टेलीविजन में काम किया है, जिससे उन्होंने फैंस के बीच अपनी जगह बनाई है.

ये भी पढ़ें- मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो है मिथुन चक्रवर्ती की बहू

पैसा रिश्तों में खटास की पहली वजह

किसी भी रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी होता है आपसी प्यार और विश्वास. जबकि पैसा आपसी प्यार और विश्वास पर चोट करता है, एकदूसरे के प्रति शक और दूरियों की वजह बनता है. तभी तो किसी भी रिश्ते के बीच अगर पैसा आ जाए तो समझिए रिश्तों में खटास का सिलसिला शुरू हो गया.

1. संबंधों पर पड़ता है प्रभाव

दिल्ली के तीसहजारी कोर्ट के वकील आलोक शर्मा का मानना है कि पैसा किसी भी मजबूत रिश्ते को कमजोर बना सकता है. वे कहते हैं, ‘‘पैसा शुरू से ही व्यक्ति की कमजोरी रहा है. यह पैसा ही है, जिस के लालच में व्यक्ति अपनों से भी विश्वासघात करने में कोई गुरेज नहीं करता.

‘‘बुजुर्ग मांबाप खुद के घर से बेटे द्वारा बेदखल किए जाने के बाद जब न्याय की आस लिए कोर्ट की शरण में आते हैं, तो पता चलता है कि पैसा किस तरह रिश्तों में खटास की वजह बनता है. कोर्ट में आएदिन लोग चैक बाउंस का केस दायर करने भी आते हैं और बताते हैं कि किस तरह उन्होंने मुसीबत के वक्त अपने करीबी को पैसे दिए और जब लौटाने की बारी आई तो विश्वासघात के शिकार बन बैठे. कल तक जिस रिश्ते में शहद घुला रहता था, पैसे के लेनदेन के कारण उस में खटास आ जाती है और बात कोर्टकचहरी तक पहुंच जाती है.’’

ये भी पढ़ें- लाइफ पार्टनर चुनने से पहले ध्यान रखें ये 8 बातें

2. खुद का विवेक जरूरी

ऐसे में सवाल यह उठता है कि पैसा और रिश्ते में से किसे ज्यादा अहमियत देनी चाहिए? मनोचिकित्सक समीर पारीख कहते हैं, ‘‘पैसों को ज्यादा अहमियत देना रिश्तों में दूरी की वजह बनता है. जब किसी विषम परिस्थिति में कोई दोस्त या नजदीकी रिश्तेदार पैसा उधार मांगे और पास में पैसे हों तो इनकार करना मुश्किल होता है. अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति के लिए पैसा ज्यादा अहमियत रखता है या रिश्ता? हां, इस में कोई दोराय नहीं कि जो व्यक्ति सिर्फ पैसे को अहमियत देता है उस का जीवन और समाज को देखने का नजरिया बदल जाता है. मगर वक्त और परिस्थिति के मुताबिक पैसों का लेनदेन किसी व्यक्ति को खुद के विवेक से करना चाहिए.’’

वहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट के. एल. चांडक के विचार अलग हैं. वे मानते हैं कि पैसा रिश्तों में खटास की वजह हो सकता है पर यह खटास तब होती है जब नीयत में खोट आ जाए अथवा पैसे के लिए मन ही बदल जाए. कभीकभी परिस्थितियां अनुकूल नहीं होतीं. हाथ में पैसे नहीं हों तो कर्ज लौटाने या चुकता करने में वक्त लगता है, इसलिए थोड़ा धैर्य रखना भी जरूरी होता है. मगर जब आप का कोई खास आप से थोड़े पैसे उधार मांगे तो देने से पहले यह सोच लेना बेहतर होगा कि अगर दिए पैसे वापस आ गए तो ठीक वरना जिस समय दें मान कर चलें कि वापस नहीं होंगे. इस से रिश्ते मधुर बने रहेंगे.

समीर पारीख कहते हैं, ‘‘देखिए, रिश्तों में खटास की वजह अगर पैसा बने तो इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि ऐसी नौबत ही न आए. इस के लिए खुद को न सिर्फ फाइनैंशियल बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाएं.’’

3. खास वजहों का भी रखें ध्यान

– पैतृक संपत्ति की वजह से नीयत में खोट आ जाने से रिश्तों में खटास पैदा हो जाती है.
– पत्नी द्वारा फुजूलखर्च और पति पर पैसे के लिए दबाव खटास की वजह बनता है.
– दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ पैसे के लेनदेन से विवाद बढ़ता है और रिश्तों में खटास आ जाती है.

ये भी पढ़ें- 11 टिप्स: रिलेशनशप बनाएं बेहतर

4. क्या करें

– जितनी लंबी चादर उतने ही पांव फैलाने की नीति पर अमल करें.
– लालची रिश्तेदारों, दोस्तों से दूरी बनाए रखें.
– बजट का सही मैनेजमैंट आप को दूसरों से कर्ज लेने से रोक सकता है.
– इंश्योरैंस पौलिसी अथवा बैंक की बचत संबंधी स्कीम का लाभ उठाएं.
– अगर कर्ज लेनेदेने की आवश्यकता पड़े तो भी इस में धैर्य का होना जरूरी है. संयम खोने से पैसा और रिश्ता दोनों से ही हाथ धो सकते हैं.

मुझे पिछले कुछ समय से बल्जिंग डिस्क की समस्या है?

सवाल-

मैं 42 वर्षीय एक कंटैंट राइटर हूं. मुझे पिछले कुछ समय से बल्जिंग डिस्क की समस्या है. लौकडाउन के कारण पिछले 2-21/2 महीने घर से ही काम कर रहा हूं. लगातार कंप्यूटर पर काम करने और घर पर औफिस जैसा प्रोफैशनल सैटअप नहीं होने के कारण मेरी समस्या और बढ़ गई है. कृपया बताएं कि इस से बचने के लिए क्या करूं?

जवाब-

सब से पहले तो घर पर काम करने के लिए सही व्यवस्था करें. अपने ऐर्गोनामिक्स को सुधारें, ऐर्गोनामिक्स में आता है कि आप कैसे बैठें, कंप्यूटर की पोजीशन क्या हो. बोर्ड कहां हो, टेबल और कुरसी की हाइट कितनी हो. इस के अलावा एक ही जगह लगातार न बैठें, थोड़ीथोड़ी देर में बे्रक लें, उठें और चलें. बैठने और खड़े रहने के दौरान अपना पोस्चर ठीक रखें ताकि रीढ़ और डिस्क पर दबाव कम पड़े. हर दिन 20-30 मिनट ऐक्सरसाइज जरूर करें.

ये भी पढ़ें-

कोरोनाकाल ऐसा समय है, जिस की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कोरोना वायरस का कहर इस प्रकार बरपा है कि मनुष्य जिसे सामाजिक प्राणी कहा जाता है, उसे ही समाज से दूरी बना कर रहना पड़ रहा है. यह ऐसा समय है जब समस्याएं भी नईनई हैं, तो उन के समाधान भी. कोरोना अभी इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है. इसलिए कोरोनाकाल में लिए जा रहे कुछ फैसले भी अब लंबे समय तक साथ रहेंगे.

एक नजर डालते हैं विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे उन बदलावों पर जो आने वाले भविष्य में जीवन का अभिन्न अंग बनने वाले हैं.

डिजिटल क्रांति

लौकडाउन के समय विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनैट पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है. कंप्यूटर, लैपटौप, मोबाइल फोन जीवन के अहम अंग बन कर सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लौकडाउन के दौरान इंटरनैट के प्रयोग में 13% की बढ़ोतरी हुई है.

नए धारावाहिकों की शूटिंग न होने से टीवी पर पुराने कार्यक्रम दोहराए जा रहे हैं. इस कारण मनोरंजन के लिए लोग इंटरनैट का सहारा ले रहे हैं. लगभग 1.5 करोड़ लोगों का नैटफ्लिक्स से जुड़ जाना इंटरनैट पर लोगों की निर्भरता दर्शाता है.

शिक्षा के क्षेत्र में औनलाइन क्लासेज की शुरुआत हुई है. शिक्षाविदों का मानना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति अब दूर की बात नहीं है. भविष्य में इस बात पर विचारविमर्श कर शिक्षण का कुछ भाग कक्षा में तो कुछ औनलाइन करवाया जा सकता है.

इन दिनों विभिन्न कार्यालयों के अधिकतर कर्मचारी वर्क फ्रौम होम कर रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी दोनों ही दफ्तरों में बैठकें गूगल हैंगआउट और जूम जैसे ऐप्स पर हो रही हैं. केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रियों की आपसी मीटिंग्स तथा विभिन्न इलाकों पर नजर रखने का कार्य भी औन लाइन किया जा रहा है. वीडियो कौन्फ्रैंसिंग का यह रूप एक सीमा तक भविष्य में भी अपनाया जाएगा. कार्यालयों में आए दिन की मीटिंग्स में खानेपीने व कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था में काफी खर्च हो जाता था.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कोरोनाकाल में अनुभव और बदलाव

बारिश के मौसम में जरूर बनाएं चटपटा राम लड्डू

बाजार में बर्गर, पिज्जा, पानी पूरी, चाऊमीन, मोमोज, टिक्की, राम लड्डू न जानें कितनी चीजें उपलब्ध हैं. खासकर बरसात में बाजार में मिलने वाले ये चीजें हाईजेनिक नहीं होती हैं. इस बरसात के मौसम में अगर कुछ चटपटा खाना का मन हो तो आप घर पर ही बनाए राम लड्डू. यह आसानी से बन जाते हैं.

सामग्री

अंकुरित चना दाल – 60 ग्राम

अंकुरित मूंग दाल – 200 ग्राम

भूना हुआ जीरा – 2 चम्मच

जीरा

तेल

धनिया – 1 चम्मच

अदरक का पेस्ट – 1 चम्मच

ये भी पढ़ें- शाम के नाश्ते में ऐसे बनाएं टेस्टी साबूदाना रोल

लाल मिर्च – 1/2 चम्मच

हींग – 1/8 चम्मच

नमक – 1 चम्मच

बेकिंग सोडा – 1/4 चम्मच

हरी चटनी – स्वाद अनुसार

इमली की चटनी, मूली और चाट मसाला – गार्निश के लिए

विधि

राम लड्डू बनाने के लिए आप सबसे पहले चने की दाल और मूंग दाल को तीन से चार घंटे के लिए पानी में भिगों कर रखें. अब दोनों दालों को ब्लेंडर में डालकर पीस लें और इसका पेस्ट तैयार कर लें. इसे एक बाउल में निकाल लें.

अब इसमें धनिया, जीरा, अदरक का पेस्ट, लाल मिर्च, हींग, नमक और बेकिंग सोडा डालकर अच्छे से मिला लें. अब एक पैन में तेल गर्म करें. तैयार किए हुए पेस्ट को पकौड़ों की तरह गर्म तेल में फ्राई कर लें. पकौड़ों को हल्का गोल्डन होने तक फ्राई करें.

इसके बाद इसे तेल से बाहर निकाल लें आपके राम लड्डू बनकर तैयार हैं. गार्निश करने लिए इस पर इमली की चटनी, हरी चटनी, मूली और धनिया डाल दें. राम लड्डू पर चाट मसाला डालकर सर्व करें.

ये भी पढ़ें- घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी लच्छा रोल

क्या आप भी मास्क के अंदर सांस की बद्बू से परेशान हैं?

कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी है जिसमें हम बिना मास्क लगाए बाहर निकलने की सोच भी नहीं सकते.  क्योंकि यह आपको और दूसरों को सुरक्षित रखेगा. लेकिन अब जब आप फेस मास्क पहन रहे हैं, तो क्या आप अक्सर अप्रिय गंध का शिकार होते हैं? हैरान हैं ?

अरे यह आपकी दुर्गंध वाली सांस है. हालांकि आपने पहले इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. लेकिन अब जब आपकी सांस आपके चेहरे से टकरा रही है, तो गंध को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है.

शोध बताते हैं कि लगभग 80 मिलियन से अधिक लोग सांस की दुर्गंध से पीड़ित हैं. ज्यादातर मामलों में इसकी वजह  मसूड़ों और दांतों की सड़न है.

वैसे यह एक सामान्य स्थिति है और इसे रोकने के कई तरीके हैं. इन सुझावों के पालन से आप सांसों की बदबू से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती हैं और साथ ही अपने मुंह को दैनिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं.

हमारी सांसों से बदबू आने के क्या क्या कारण हो सकते हैं

  • अपने दांतो की अच्छे ढ़ंग से सफाई न करना भी बद्बूदार सांस का एक मुख्य कारण हो सकता है.
  • यदि आप कम पानी पीते हैं तो भी आप के मुंह की अच्छे से सफाई नहीं होती है जिस वजह से आपकी सांसों से बदबू आने लगती है.
  • आपके गले का बार बार सूखना.
  • स्वच्छता में कमी रखना.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या होता है असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी

इन  कारणों की वजह से आपके मुंह में पेथॉजेनिक कीटाणु बहुत तेजी से बनने लगते हैं. जो आपकी सांसों को बदबूदार बनाते हैं. जब आप दिन में कई बार अपने मुंह को धोते हैं या ब्रश करते हैं तो आप उन सारे कीटाणुओं को भी अपने मुंह से बाहर निकाल देते हैं. जिसकी वजह से आपका मुंह व सांस स्वच्छ रहती हैं. लेकिन यदि आप ब्रश और कुल्ला करना बार बार पसंद नहीं करते हैं तो इन्हीं कीटाणुओं की अधिकता के कारण आपके मुंह से बद्बू आने लगती है.

इन टिप्स का करे पालन

बार बार पानी पिएं : आप को इस महामारी के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि क्या आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं? आप को एक दिन में 6 से 8 लीटर पानी पीना होता है. इससे आपका गला भी नहीं सूखेगा. जिस वजह से आपकी सांसों से दुर्गंध भी नहीं आएगी और आपको मास्क लगाना भी मुश्किल नहीं लगेगा. यदि आप कोई ऐसे दवा खाते हैं जिससे आपका गला सूखता है तो आपको अवश्य ही पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए.

अधिक मीठा या तला हुआ भोजन न खाएं : यदि आप जंक फूड या ज्यादा मीठा खाना पसंद करते हैं तो यह भी आपकी सांसों को बद्बूदार बना सकता है. इसलिए जितना हो सके उतना तले हुए व मीठे खाने को अवॉइड करे. क्योंकि इनमें मौजूद कीटाणु आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं. ये न केवल मास्क में आपको सांस लेने में परेशान करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत नुकसान दायक हैं.

धूम्रपान न करें : धूम्रपान व तंबाकू न केवल आपकी सांसों में बदबू उत्पन्न करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है. आपको कम से कम धूम्रपान करना चाहिए या बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. इससे आपको कैंसर, दांतो में समस्या व और भी बहुत तरह के जानलेवा रोग हो सकते हैं. स्वयं को इस वायरस से बचाने के लिए तंबाकू का सेवन बिल्कुल ही न करें.

ये भी पढ़ें- साबूदाने को खाने के फायदे जानकर  हैरान रह जायेंगे आप

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें