‘बारिश’ के टीजर में शिवांगी और मोहसिन की दिखी सिजलिंग केमिस्ट्री, देखें Video

टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है की नायरा-कार्तिक की जोड़ी फैंस के बीच काफी पौपुलर है. वहीं रियल लाइफ की बात की जाए तो फैंस मोहसिन खान और शिवांगी जोशी को साथ देखने के लिए बेकरार रहते हैं और दोनों की फोटोज और वीडियोज सोशलमीडिया पर शेयर करते रहते हैं. इसी बीच मोहसिन और शिवांगी ने अपने फैंस को तोहफा देने वाले हैं. दरअसल दोनों जल्द ही एक म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं, जिसका टीजर सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं क्या है इस म्यूजिक वीडियो की….

सिजलिंग केमिस्ट्री आएगी नजर

मोहसिन खान और शिवांगी जोशी जल्द ही ‘बारिश’ म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं. हाल ही में मेकर्स ने इस गाने का टीजर जारी किया है, जिसमें शिवांगी जोशी और मोहसिन खान की सिजलिंग केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आ रही है.

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शिवांगी ने शेयर किया वीडियो

फैंस के बीच अपने इंस्टाग्राम पर शिवांगी जोशी ने म्यूजिक वीडियो का टीजर शेयर करते हुए कैप्शन दिया, ‘तुम्हें बारिश बड़ा याद करती है…आज भी मुझसे तेरी बात करती है! बारिश गाना जल्द ही 11 अगस्त 2020 को रिलीज होने जा रहा है. कैसा लगा टीजर?’ वहीं टीजर को देखने के बाद फैंस उनकी जमकर तारीफें कर रहे हैं. वहीं ‘बारिश’ गाने के लिए पायल देव और स्टेबिन बेन ने अपनी आवाज दी है. इसके बोल कुनाल वर्मा द्वारा लिखे गए हैं. इस बीच आरिफ खान द्वारा निर्देशित वीडियो का म्यूजिक आदित्य देव ने दिया है.

बता दें, हाल ही में लौकडाउन के बाद शो में नए-नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. हालांकि टीआरपी चार्ट्स में वह अपनी जगह नही बना पाए. लेकिन हाल ही में शो के प्रोमो ने एक बार दर्शकों के बीच खलबली मचा दी है, जिसे देखकर लोग शो में क्या होने वाला है, जानने के लिए बेताब हैं.

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किचन में न दें कीटाणुओं को न्योता

जिस जगह से हम अपने परिवार को पौष्टिक भोजन परोसते हैं वहां अगर कीटाणु रहेंगे तो हमारे अपने स्वस्थ नहीं रह पाएंगे. ऐसे में किचन की खास साफसफाई की जरूरत होती है, खास कर उन चीजों और जगहों की जहां बैक्टीरिया के पनपने और छिपे होने की सब से ज्यादा संभावना होती है. जानिए, जर्म्स व बैक्टीरिया के हौटस्पौट्स और उन्हें क्लीन करने के तौरतरीकों के बारे में:

बैक्टीरिया का घर किचन टौवेल

हर घर की किचन में स्लैब को साफ करने के लिए टौवेल्स होती ही हैं, जिन से न सिर्फ हम स्लैब साफ करते हैं, बल्कि कई बार जल्दी में होने के कारण उन से बरतन तक साफ कर लेते हैं. अगर आप भी ऐसा कुछ करती हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि किचन टौवेल में मौइस्चर रहने के कारण उस में कैलिफौर्म बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो लिवर से जुड़ी समस्याओं जैसे इंफैक्शन इत्यादि का कारण बनते हैं.

किचन टौवेल को रोज इस्तेमाल के बाद डिशवाश जैल मिले कुनकुने पानी में कुछ देर भिगो कर रखें और फिर पानी से धो कर सुखा लें. हाथ व बरतन पोछने वाले कपड़ों को भी इसी तरह अलगअलग भिगो कर साफ करें. कोरोना काल में तो ऐसा रोजाना करने का नियम जरूर बनाएं.

माइक्रोवेव प्लेट पर पनपते हैं जर्म्स

मौडर्न किचन के इस दौर में हर घर में माइक्रोवेव होता ही है. ऐसे में हम हर छोटीछोटी चीज के लिए स्टोव पर निर्भर न रह कर माइक्रोवेव से ही काम चला लेते हैं, जैसे खाना गरम करना या अन्य छोटीमोटी डिशेज तैयार करना. अगर आप ने इसे सही तरीके से साफ नहीं किया तो आप बीमार हो सकते हैं.

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रिसर्च में यह साबित हुआ है कि माइक्रोवेव प्लेट पर 100 गुणा ज्यादा कीटाणु होते हैं. और हम यही सोचते हैं कि जब हम माइक्रोवेव को गरम करते हैं तो उस से बैक्टीरिया मर जाते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. कुछ बैक्टीरिया मर जाते हैं लेकिन कुछ बैक्टीरिया काफी स्ट्रौंग होते हैं, जिन पर इस का कोई असर नहीं पड़ता है और ये संख्या में बढ़ते ही चले जाते हैं.

माइक्रोवेव का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में उस की प्लेट को अच्छे से साफ करना न भूलें. हफ्ते में एक बार माइल्ड क्लीनर से माइक्रोवेव को अच्छी तरह साफ करें और सूखने दें. आप बैक्टीरिया को मारने के लिए पानी में नीबू को काट कर माइक्रोवेव में 30 सैकंड के लिए चलाने वाली ट्रिक भी यूज कर सकती हैं. इस से निकली स्टीम बैक्टीरिया को मारने में सक्षम होती है.

चौपिंग बोर्ड को न करें नजरअंदाज

चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल सब्जियों, फलों को काटने के अलावा और भी कई कामों में होता है. ज्यादातर गृहिणियां इसे इस्तेमाल करने के बाद सिर्फ पानी से साफ कर रख देती हैं. यदि आप ऐसा करती हैं तो जान लें कि यह सीधेसीधे सेहत से खिलवाड़ करना है.

एक शोध की मानें तो चौपिंग बोर्ड पर टौयलेट सीट से भी कहीं ज्यादा संख्या में कीटाणु पनप सकते हैं. जिस में सालमोनेला और कैंपाइलोबैक्टर बैक्टीरिया शामिल हैं, जो फूड पौइजनिंग का कारण बनते हैं. इसलिए जरूरी है कि कच्चे और पके हुए खाने के लिए अलगअलग चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल हो.

इस्तेमाल करने के बाद उस पर बैक्टीरिया न पैदा हो, इस के लिए आप उसे हर बार यूज करने के बाद गरम पानी में नीबू मिला कर या फिर गरम पानी से अच्छे से साफ करें. इस से सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं. कोशिश करें उसे सूखने के बाद ही इस्तेमाल करें.

किचन सिंक

रिसर्च में यह साबित हुआ है कि कैलिफौर्म बैक्टीरिया और मोल्ड्स किचन सिंक में पनपते हैं, क्योंकि यही वह जगह होती है जहां हम फलों, सब्जियों और जूठे बरतनों को साफ करते हैं. ऐसे में सिंक की सफाई को नजरअंदाज करना परिवार की सेहत पर भारी पड़ सकता है.

इस के लिए जरूरी है कि आप सिंक में गरम पानी डाल कर फिर स्पौंज पर एक बड़ा चम्मच ब्लीच डाल कर उस से सिंक को साफ कर के 5 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से साफ कर लें. यह बैक्टीरिया को मारने में काफी असरदार है.

स्टोव नौब्स

जब भी गैस पर काम करने जाते हैं तो उस के नौब को ओपन करना ही पड़ता है. जिस कारण बारबार उस पर हाथ लगता ही है. ऐसे में स्टोव नौब में सब से ज्यादा बैक्टीरिया के पैदा होने के चांसेस होते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि घर में स्टोव नौब को टौप 10 जर्म्स वाली जगह में गिना जाता है.

ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आप के खाने में बैक्टीरिया न जाएं तो 3-4 दिन में आप गरम पानी में डिशवाश जैल डाल कर उस की सफाई करें, साथ ही गैस स्टोव को भी साफ करें और सूखने के बाद ही उस का इस्तेमाल करें.

डस्टबिन है जर्म्स का अड्डा

ज्यादातर घरों में डस्टबिन तो होते हैं, मगर उन्हें व्यवस्थित रखने में परिवार के सदस्य कोई खास रुचि नहीं लेते. कई बार तो गीलासूखा कूड़ा हफ्तों तक उस में सड़ता रहता है. यदि आप के घर में भी डस्टबिन का यही हाल है तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि इस में पनपे कीटाणु घर में बहुत तेजी से फैलते हैं. डस्टबिन को हफ्ते में 2 बार सिरके में पानी मिला कर, डिसइंफैक्टैंट लिक्विड डाल कर साफ करें. इस बात का खास ध्यान रखें कि भले ही उस में कम कूड़ा हो लेकिन फिर भी रोजाना उस की थैली बदलें.

हैंडल्स

सफाई के मामले में सब से ज्यादा नजरअंदाज की जाने वाली चीजों में किचन कैबिनैट्स और फ्रिज के हैंडल्स मुख्य हैं. खाना बनाते समय हम इन्हें बारबार खोलते और बंद करते हैं और हर बार साफ हाथों से ऐसा करना असंभव है. इस तरह किचन के जर्म्स इन हैंडल्स के जरीए पूरे परिवार तक पहुंच सकते हैं.

इसलिए इन की जल्दीजल्दी सफाई करना बहुत जरूरी है. इस के लिए आप हैंडल्स को डिसइंफैक्टैंट या फिर गरम पानी से साफ करें. इस से संक्रमण का खतरा नहीं रहता.

स्लैब व फर्श की सफाई

स्लैब जहां हम खाना बनाते और रखते हैं, दीवार जहां चिकनाई जमने के ज्यादा चांसेस रहते हैं और फर्श जहां पूरे दिन कुछ न कुछ गिरता ही रहता है. ऐसे में इन जगहों की रोजाना सफाई करने की जरूरत होती है. इस के लिए या तो आप गरम पानी का इस्तेमाल करें या फिर पानी में डिसइंफैक्टैंट डाल कर उस से अच्छे से सफाई करें. इस से आप का किचन साफसुथरा रहने के साथसाथ बैक्टीरियाफ्री भी रहेगा.

रोटी टूल

रोटी हर घर में बनती है और इस के लिए चकलाबेलन ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कभी आप ने सोचा है कि जो रोटी हमें ऐनर्जी देने का काम करती है अगर उसे बनाने वाले टूल को साफ नहीं किया गया तो वह इंफैक्शन व पेट संबंधित बीमारी का कारण भी बन सकती है. इसलिए जब भी रोटी बनाएं उस के बाद उस पर लगी चीजों को चाकू की मदद से हटा कर पानी से साफ कर के ही रखें. इस से उस पर बैक्टीरिया के पैदा होने की संभावना नहीं रहेगी.

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चम्मच स्टैंड

भले ही चम्मच स्टैंड में नीचे से पानी निकलने के लिए स्पेस होता है फिर भी उस में पानी रह जाने के कारण उस में इ. कोली बैक्टीरिया, मोल्ड, यीस्ट उत्पन्न हो जाते हैं, जिस के कारण किसी भी तरह का इंफैक्शन हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप इस में चम्मच तभी रखें जब वह अच्छे से सूख जाए. हर हफ्ते इसे डिसइंफैक्टैंट से साफ कर के ही इस्तेमाल करें.

वाइट टी यंग रखने के साथ आपको रखे हैल्दी

चाय पीना किसे पसंद नहीं होता. अधिकांश लोगों के दिन की शुरुवात चाय से ही होती है. कोई अदरक वाली मिल्क टी पीना पसंद करता है, तो लोई ग्रीन टी पीना पसंद करता है तो कोई लेमन टी , ताकि सुबह की शुरुवात ताजगी के साथ हो और हम अपनी हैल्थ को भी मैंटेन रख पाएं . लेकिन क्या कभी आपने वाइट टी के बारे में सुना है ? अगर नहीं, तो आपको बता दें कि वाइट टी में बाकी चाय के मुकाबले ज्यादा एन्टिओक्सीडैंट्स होते हैं. यह चाय कैमेलिया के पतों से तैयार की जाती हैं , जो शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाती हैं. तो जानते हैं क्यों है वाइट टी फायदेमंद.

1. पावरहाउस ओफ एन्टिओक्सीडैंट्स

वाइट टी में भरपूर मात्रा में एन्टिओक्सीडैंट्स होते हैं , जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं. जिससे ओवरआल हैल्थ इम्प्रूव होती है. क्योंकि शरीर में फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी से अंगों के खराब होने का डर बना रहता है. जबकि वाइट टी में पोलीफेनोल्स तत्व होता है, जो शरीर में एन्टिओक्सीडेंट के रूप में काम करके फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके आपको स्वस्थ रखने का काम करता है.

2. दिल संभंधित बीमारियों से बचाए

आजकल दिल संभंधित बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है. क्योंकि इसके पीछे हमारा खराब लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार जो है. ऐसे में हैल्थी ईटिंग हैबिट्स से काफी हद तक इसे कंट्रोल किया जा सकता है. आपको बता दें कि वाइट टी में फ्लेवोनोइड्स तत्व पाया जाता है, जो दिल संभंधित बीमारियों से बचाने में सक्षम माना जाता है. रोजाना इसका एक कप आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ साथ खून को पतला करने व रक्त वाहिकाओं के कार्य को इम्प्रूव करने का काम करता है.

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3. इंसुलिन रेजिस्टेंस के खतरे को कम करे

बहुत सारे कारणों से , जिनमें चीनी का बार बार व ज्यादा मात्रा में सेवन करने से, अनुवांशिक कारणों से , हार्मोन्स में गड़बड़ी की वजह से शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जिससे डाईबीटीज़ की समस्या पैदा होती है. बता दें कि इंसुलिन बहुत ही जरूरी हॉर्मोन होता है, जो बलूड स्टरीम्स से न्यूट्रिएंट्स को सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है. लेकिन शोधों में यह साबित हुआ है कि वाइट टी में में पोलीफेनोल्स नामक तत्व डाईबीटीज़ के खतरे को काफी हद तक कम करने में सक्षम होता है.

4. स्किन एजिंग से बचाकर आपको रखे यंग

जैसे जैसे उम्र बढ़ती है स्किन का ढीला पड़ना व एजिंग की समस्या आम हो जाती है. लेकिन एजिंग की समस्या सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ ही नहीं बल्कि सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों के ज्यादा संपर्क में आने से भी स्किन पर प्रभाव पड़ता है, जो एजिंग का कारण बनता है. लेकिन अनेक ाद्यानो में यह साबित हुआ है कि वाइट टी में पाया जाने वाला पोलीफेनोल्स तत्व स्किन के टेक्सचर को भीतर से इम्प्रूव करके उसे टाइट व फर्म करने का काम करता है. जिससे आप लंबे समय तक यंग व जवां बने रह सकते हो.

5. कैंसर से लड़ने की ताकत दे

वाइट टी में एन्टिओक्सीडैंट्स होने के कारण ये कोलन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है. साथ ही ये नोर्मल सेल्स को भी हानिकारक मोलेक्यूल्स से नस्ट होने से बचाता है. कह सकते हैं कि वाइट टी के नियमित सेवन से रोगियों को कैंसर से लड़ने की ताकत मिलती है.

6. स्ट्रेस को कम करे

प्रतिस्पर्धा के समय व ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से आज हर कोई स्ट्रेस में रहने को मजबूर हो गया है. जिसके कारण डिप्रेशन जैसी समस्या आम हो गयी है. ऐसे में अगर समय रहते खुद को तनाव से मुक्त नहीं किया गया तो इस बीमारी को कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो सकता है. ऐसे में दवाइयों के सहारे रहना सही नहीं है , इसलिए अगर आप खुद को स्ट्रेस फ्री रखना चाहते हैं तो रोजाना एक कप वाइट टी का सेवन जरूर करें. ये आपके दिन को तरो ताजा बनाने के साथ साथ आपको स्ट्रेस से बाहर निकालने का भी काम करेगा. क्योंकि इसमें थीनाइन तत्व होता है, जो आपकी नसों को आराम पहुंचाकर आपके स्ट्रेस को कम करने का काम करता है.

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7. एनर्जी बूस्टर

जब हम खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे तभी हम ज्यादा अच्छे से व बेहतर तरीके से चीजों को समझ पाएंगे और साथ ही हम उसके प्रति ध्यान भी केंद्रित कर पाएंगे . ऐसे में हैल्थी डाइट के साथ साथ अगर आप वाइट टी को भी अपने रूटीन में शामिल कर लेते हैं तो ये आपकी एनर्जी को बूस्ट करने का काम करेगा. क्योंकि इसमें l – थेनिन न्यूट्रिएंट होता है, जो हमारे मस्तिष्क को शांत रखने के साथ साथ हमारी अलर्टनेस को बढ़ाने का काम करता है.

ICC क्रिकेट सुपर लीग के चलते क्या अगला विश्व कप ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगा?

क्रिकेट की दुनिया में ‘आईसीसी क्रिकेट सुपर लीग’ नई लीग है. इसे विश्व क्रिकेट की नियामक संस्था इंटरनेशनल काउंसिल आफ क्रिकेट लेकर आयी है. इस लीग में आईसीसी के 12 फुलटाइम मेंबर के साथ 13 देश खेलेंगे. हर टीम को अगले दो सालों के भीतर 24 वन डे मैच खेलने होंगे. इस लीग का पहला वन डे 30 जुलाई 2020 को इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच सम्पन्न हो चुका है, जिसमें इंग्लैंड बायें हाथ के तेज गेंदबाज डेविड विली के 30 रन पर पांच विकेट की तूफानी गेंदबाजी और सैम बिलिंग्स की 67 रनों की शानदार पारी की बदौलत जीत हासिल की.

क्रिकेट की यह सुपर लीग कई मायने में महत्वपूर्ण है. इससे जहां विश्व क्रिकेट का दायरा बड़ा होगा, दुनिया में क्रिकेट को गंभीरता से लिये जाने की कोशिश होगी, वहीं इससे क्रिकेट के उन उभरते हुए देशों को भी दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा, जो देश और उनके खिलाड़ी क्रिकेट के ग्लोब में अपनी बड़ी जगह बनाना चाहते हैं, मसलन आयरलैंड, नीदरलैंड, अफगानिस्तान आदि. इस लगातार चलने वाली सुपर लीग के कारण अगले वल्र्ड कप क्रिकेट में वे 10 टीमें हिस्सा लेंगी जो लगातार बेहतर खेल रही होंगी और जो वास्तव में बाकी बची टीमों के मुकाबले ज्यादा अच्छी होंगी. एक तरह से यह लीग लगातार क्रिकेट की अच्छी टीमों को छांटेगी और अंत में दुनिया को विश्व कप क्रिकेट के रूप में शानदार और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का कौशल दिखायेगी.

क्रिकेट के जो 12 स्थायी सदस्य देश हैं उनमें- भारत, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, आॅस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, वेस्टंइडीज, अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे शामिल हैं. इनमें एक और देश ने दस्तक दी है, वह है नीदरलैंड, जिसने साल 2017 में हुई वल्र्ड क्रिकेट लीग चैंपियनशिप जीती थी. इस तरह देखें तो अब आईसीसी के 12 नहीं बल्कि 13 फुलटाइम मेंबर देश हो गये हैं. लेकिन अभी नीदरलैंड को पूरी तरह से मान्यता नहीं मिली है, इसलिए क्रिकेट के फुलटाइम मेंबर 12 ही माने जाते हैं. सुपर लीग का जिस तरीके से ढांचा और कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, उससे लीग की हर टीम 8 अन्य टीमों से 3-3 मैच की सीरीज खेलेगी.

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इन सीरीज में से 4 सीरीज घर में और 4 विदेश में खेली जायेंगी. कहने का मतलब यह है कि हर टीम को 24 वन डे खेलकर प्वाइंट जुटाने होंगे. इन्हीं प्वाइंट के आधार पर साल 2023 के वल्र्ड कप क्रिकेट की मेरिट बनेगी. यह वास्तव में वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तर्ज पर ही हो रही है. लीग के मैच आईसीसी के फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम का हिस्सा होंगे. कहने का मतलब इस लीग की सीरीज के लिए अलग से कोई स्लाॅट नहीं बनाया जायेगा. जहां तक इस सीरीज के चलते नंबर जुटाने की बात है तो जीतने पर हर टीम को 10 प्वाइंट मिलेंगे. अगर मैच टाइ हो जाता है या रद्द हो जाता है तो दोनो ही टीमों को 5-5 अंक बांट दिये जाएंगे. लेकिन किसी टीम को हारने पर एक भी अंक नहीं मिलेगा.

यह सुपर लीग भारत में सम्पन्न होने वाले 2023 के वल्र्ड कप क्रिकेट हेतु एक किस्म से बड़े स्तर पर चयन का जरिया है. लेकिन ध्यान रखिए इस वल्र्ड कप के लिए जो प्रारंभिक 8 टीमें तय होंगी, उनमें एक भारत होगा और भारत को चुने जाने की दरकार नहीं हैं. मतलब यह कि 7 टीमें चुनी जाएंगी, भारत को मेजबान होने के नाते 2023 के वल्र्ड कप में पहले ही पहुंच चुका है. प्वाइंट टेबल पर नीचे की पांच टीमों को एक बार फिर वल्र्ड कप क्रिकेट खेलने के लिए मौका मिलेगा, जब निचली पांच टीमों को क्वालीफाई टूर्नामेंट खेलना होगा. इस तरह 2023 के वल्र्ड कप में 8 मूल, 2 और कुल मिलाकर 10 टीमें टूर्नामेंट खेलेंगी. इस सुपर लीग के टाइम टेबल को देखकर आम क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या अगले दो सालों मंे सिर्फ सुपर लीग के ही वन डे मैच होंगे? तो इस सवाल का जवाब है कि ऐसा नहीं है. कई टीमें सुपर लीग से अलग भी सीरीज खेलेंगी. यही नहीं ऐसा भी हो सकता है कि किन्हीं दो देशों के बीच खेली जाने वाली कोई सीरीज तीन मैचों से ज्यादा की हो और उसके महज तीन मैचों को ही आईसीसी लीग का हिस्सा माना जाए.

अब कई लोगों के जहन में एक सवाल यह पैदा हो रहा होगा कि जब 13 नियमित क्रिकेट खेलने वाले देशों में से 8 मुख्य टीमें टूर्नामेंट के लिए चुन ली जाएंगी तो नीचे की बची 5 टीमें किस तरह क्वालीफाइ करेंगी? ये क्वालीफाइ टूर्नामेंट खेलेंगे, इन पांच टीमों से खेलने के लिए पांच अन्य टीमें चैलेंजर और लीग टू से आएंगे. इनमें चैलेंजर से तीन और लीग टू से दो टीमें आएंगी. इन 10 टीमों में से 2 टीमें वल्र्ड कप के लिए क्वालीफाइ करेंगी. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आईसीसी के इस बहुनियोजित टूर्नामेंट को कोरोना की नजर तो नहीं लग जायेगी? तो कहना होगा कि ऐसा अभी तक के हिसाब से तो लगता है नहीं हो पायेगा. हालांकि इस लीग को 1 मई 2020 से शुरु होना था, लेकिन कोरोना के कारण 30 जुलाई 2020 को पहला मैच खेला गया है. बहरहाल कहने की बात ये है कि अभी तक दावे से यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना का इसमें फर्क पड़ेगा या नहीं.

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हां, नियमों के हिसाब से इसमें कई बदलाव होंगे. फ्रंट फुट, नो बौल इस टूर्नामेंट में इसे फील्ड अंपायर नहीं देंगे बल्कि यह थर्ड अंपायर का काम होगा. …और हां, दो चीजें और समझ लीजिए कोरोना के कारण अगर किसी टीम पर स्लो ओवर फेंकने का आरोप लगता है तो इससे उस टीम के प्वाइंट भी कटेंगे.

नए रिश्तों के साथ एडजस्टमेंट

शादी एक ऐसा बंधन  है जिसमें कई नए रिश्ते आपकी जिंदगी के साथ जुड़ जाते हैं. आप एक बेटी से बहू, पत्नी, भाभी, चाची, मामी और न जाने क्या-क्या रिश्तो में बंध जाती हैं.  हर रिश्ते की आपसे कुछ अपेक्षा होती है.

लेकिन हर रिश्ता इमानदारी और खूबसूरती के साथ निभाने के लिए बहुत जरूरी है कि  पति पत्नी एक दूसरे को समझे. शादी के बाद बनने वाले हर नए रिश्ते को लेकर धैर्य के साथ सोच-विचार करें न कि आरोप- प्रत्यारोप.

एक सच यह भी है कि लड़की अपना घर छोड़कर दूसरे घर में जाती है. ऐसे में उसे वहां के लोगों को और माहौल को समझने में कुछ समय तो लगेगा.

लेकिन यदि आपस में मतभेद बढ़ रहे हों और आप इस नये परिवार के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रही हों, तब ऐसे में दोनों पति-पत्नी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

जब कोई लड़की अपने पति के परिवार के साथ रहना पसंद ही नहीं करती, वे शादी के बाद पति के साथ अलग घर में रहने की मांग करने लग जाती हैं. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं जैसे अनुकूलता, मतों में टकराव आदि.

केस 1- सुगंधा  जो कि एक आइ टी प्रोफेशनल हैं कहती हैं कि जब वह शादी से पहले अपने पति के मां बाप से मिलीं तो उनका व्यवहार  बहुत नरम था और धीरे धीरे उसके ससुराल वालो के साथ उसका , एक बहुत अच्छा रिश्ता बन गया था. लेकिन जैसी ही उसकी शादी हुई न केवल उसकी सास बल्कि उसके ससुर भी पहले से बिल्कुल बदल गये. वह सुगंधा को केवल भारतीय कपड़े पहनने को बोलते और सलाह देते कि वह सब काम ससुराल के अनुसार ही करे. अपने मन से कुछ भी करने पर  वह  उसके साथ बहुत दुर्व्यवहार करते .

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केस 2-35 साल की सौम्या कहती हैं कि उसकी सास को उसके ऑफिस जाने की टाइमिंग से समस्या है. सौम्या की अरेंज मैरिज है और उसकी सास को उसकी जॉब का पहले से ही पता था. लेकिन जैसे ही उसकी शादी हुई उसकी सास का व्यवहार एक दम से बदल गया. वह कहती हैं कि,” मै कभी कभार ऑफिस से लेट हो जाती हूं. इससे मेरे पति को कोई समस्या नहीं है लेकिन मेरी सास को यह अच्छा नहीं लगता. एक दिन मेरे ससुराल वालों ने मुझे जॉब छोड़ने के लिए कहा क्योंकि वे मानते हैं कि महिलाओं के लिए देर से घर आना सुरक्षित नहीं है. इसके बाद वह कहने लगे कि घर के कामों में हेल्प कराने के लिए मुझे यह जॉब छोड़ देनी चाहिए”. इन सब बातों से तंग आकर सौम्या अब अपने पति के साथ अलग रहती है.

केस 3- तोषिता जोकि एक मीडिया प्रोफेशनल हैं कहती हैं कि मेरी सास मुझे मेरी पति को सिखाने के आरोप भी लगाती है. शादी से पहले मुझे बहुत स्पेशल तरीके से ट्रीट किया जाता था. परन्तु शादी के बाद मुझे मेरा ससुराल मेरी अपेक्षाओं से एकदम हट कर मिला. मेरे ससुराल वाले मुझे वह चीज करने को कहते हैं जो मेरे हिसाब से बहुत पुराने जमाने की हैं. जबकि मेरे पति अपने सारे निर्णय खुद से लेते हैं फिर भी मेरी सास को यह लगता है कि मै उन्हें मेरे निर्णय लेने पर मजबूर कर रही हूं.

रिलेशनशिप एक्सपर्ट और कंसल्टेंट साइकेट्रिक स्वाति मित्तल का मानना है कि सास और बहू में जनरेशन गैप होता है. जो कि इस रिश्ते को और भी बद्तर बना देता है. पहले सास अपने बच्चो को सफल देख कर खुश रहती थी. लेकिन अब उनमें एक भय आ गया है कि अब  घर की चाबियां अपनी बहु को सौंपनी पड़ेंगी. वह घर अलग ढ़ंग से चलाती थी और चूंकि उनकी बहु नए खयालात वाली है तो वह घर को अलग ढंग से चलाएगी.

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वे आगे कहती हैं कि यदि पति पत्नी अलग रहने का निर्णय कर भी लेते हैं तो उनको एक बार अपने माता पिता की सहमति अवश्य ले लेनी चाहिए. यदि उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है तो वह अलग रह सकते हैं. अलग रहने के बाद अपने माता पिता को भूल ही नहीं जाना है बल्कि समय समय पर उनसे मिलते रहें. उनका हाल चाल पूछते रहें ताकि आपके घर वाले भी आपसे खुश रहें और आप का पार्टनर भी.

सीधी सी बात है एक अच्छे रिश्ते की नींव तभी पड़ेगी जब उनमें किसी भी प्रकार की मजबूरी ना हों. आपसी मतभेद न हों साथ ही खुलकर बात कर सकने की क्षमता हो. तभी आप सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हर रिशता बखूबी जी पायेंगी.

हिप्स रिप्लेसमैंट सर्जरी कराने से कोरोना में जटिलताएं होने की खतरा बढ़ सकता है?

सवाल-

मेरी उम्र 64 साल है. मैं जानना चाहती हूं कि कोविड-19 महामारी के दौरान अगर मैं हिप्स रिप्लेसमैंट सर्जरी कराने का विकल्प चुनती हूं तो क्या जटिलताएं होने की खतरा बढ़ सकता है?

जवाब-

किसी भी महामारी के दौर में संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिस से औपरेशन के कारण जटिलताओं का खतरा भी 20% तक बढ़ सकता है. आप औपरेशन के समय या रिकवरी के दौरान संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं. इन जटिलताओं के कारण आप को आईसीयू में शिफ्ट करने की आशंका बढ़ सकती है और मृत्यु होने का खतरा भी अधिक होता है. अगर आप पहले से ही किसी गंभीर बीमारी जैसे हृदय रोग, किडनी या लिवर से संबंधित बीमारियों, डायबिटीज या फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रही हैं तो जटिलताओं का खतरा और अधिक होगा.

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कोरोना वायरस का फैलाने में मूक वाहक यानि साइलैंट कैरियर्स का भी योगदान रहा है. कुछ लोगों में खांसी, बुखार या कोई अन्य कोरोना का सिम्पटम नहीं होता है पर वे इस वायरस के प्रसार में सक्षम हैं. वाशिंगटन डीसी की जौर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के अनुसार यह संभव है. ऐसे साइलैंट कैरियर्स बेरोकटोक समाज में अपने दोस्तों या प्रियजनों से मिलते हैं और अनजाने में कोरोना का प्रसार करते हैं. हालांकि कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद रोग के सिम्पटम नहीं होना अचंभित करता है फिर भी यह सच है.

कितने लोग मूक वाहक श्रेणी में आते हैं और उन में कितनों का कोरोना के फैलाव में योगदान है, इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है और इस दिशा में और ज्यादा जानने का प्रयास हो रहा है. मूक वाहकों को 3 श्रेणियों में रख कर इस का विश्लेषण किया गया है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कोरोनावायरस के साइलैंट कैरियर्स

सीमा: सालों बाद मिले नवनीत से क्यों किनारा कर रही थी सीमा?

‘‘माया तुम पहले चढ़ो. नेहा आदिल को मुझे दो. अरे, संभाल कर…’’ ट्रेन के छूटने में केवल 5 मिनट शेष थे. सीमा ने अपनी सीट पर बैठ कर अभी पत्रिका खोली ही थी कि दरवाजे से आती आवाज ने सहसा उस की धड़कनें बढ़ा दीं. यह वही आवाज थी, जिसे सीमा कभी बेहद पसंद करती थी. इस आवाज में गंभीरता भी थी और दिल छूने की अदा भी. वक्त बदलता गया था पर सीमा इस आवाज के आकर्षण से कभी स्वयं को मुक्त नहीं कर सकी थी.

अकसर सोचती कि काश कहीं अचानक यह आवाज फिर से उसे पुकार कर वह सब कुछ कह दे, जिसे सुनने की चाह सदा से उस के दिल में रही.

आज वर्षों बाद वही आवाज सुनने को मिली थी. मगर सीमा को उस आवाज में पहले वाली कोमलता और सचाई नहीं वरन रूखापन महसूस हो रहा था. कभी कुली तो कभी अपने परिवार पर झल्लाती आवाज सुनते हुए सीमा बरबस सोचने लगी कि क्या जिंदगी की चोटों ने उस स्वर से कोमलता दूर कर दी या फिर हम दोनों के बीच आई दूरी का एहसास उसे भी हुआ था.

कई दफा 2 लोगों के बीच का रिश्ता अनकहा सा रह जाता है. फासले कभी सिमट नहीं पाते और दिल की कसक दिल में ही रह जाती है. कुछ ऐसा ही रिश्ता था उस आवाज के मालिक यानी नवनीत से सीमा का.

सीमा बहुत उत्सुक थी उसे एक नजर देखने को, 10 साल बीत चुके थे. वह सीट से उठी और दरवाजे की तरफ देखने लगी, जिधर से आवाज आ रही थी. सामने एक शख्स अपने बीवीबच्चों के साथ अपनी सीट की तरफ बढ़ता नजर आया.

सीमा गौर से उसे देखने लगी. केवल आंखें ही थीं जिन में 10 साल पहले वाले नवनीत की झलक नजर आ रही थी. अपनी उम्र से वह बहुत अधिक परिपक्व नजर आ रहा था. माथे पर दूर तक बाल गायब थे. आंखों में पहले वाली नादान शरारतों की जगह चालाकी और घमंड था. शरीर पर चरबी की मोटी परत, निकली हुई तोंद. लगा ही नहीं कि कालेज के दिनों का वही हैंडसम और स्मार्ट नवनीत सामने खड़ा है.

नवनीत ने भी शायद सीमा को पहचाना नहीं था. वह सीमा को देख तो रहा था, मगर पहचानी नजरों से नहीं, अपितु एक खूबसूरत लड़की को देख कर जैसे कुछ पुरुषों की नजरें कामुक हो उठती हैं वैसे और यह सीमा को कतई बरदाश्त नहीं था. वह चुपचाप आ कर सीट पर बैठ गई और पुरानी बातें सोचने लगी…

कालेज का वह समय जब दोनों एकसाथ पढ़ते थे. वैसे उन दिनों सीमा बहुत ही साधारण सी दिखती थी, पर नवनीत में ऐसी कई बातें थीं, जो उसे आकर्षित करतीं. कभी किसी लड़के से बात न करने वाली सीमा अकसर नवनीत से बातें करने के बहाने ढूंढ़ती.

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पर अब वक्त बदल गया था. अच्छी सरकारी नौकरी और सुकून की जिंदगी ने सीमा के चेहरे पर आत्मविश्वास भरी रौनक ला दी थी. फिजिकली भी उस ने खुद को पूरी तरह मैंटेन कर रखा था. जो भी पहनती उस पर वह खूब जंचता.

सीमा चुपचाप पत्रिका के पन्ने पलटने लगी. ऐसा नहीं है कि इस गुजरे वक्त में सीमा ने कभी नवनीत के बारे में सोचा नहीं था. 1-2 दफा फेसबुक पर उस की तलाश की थी और उस की गुजर रही जिंदगी को फेसबुक पर देखा भी था. उस का नया फोन नंबर भी नोट कर लिया था पर कभी फ्रैंड रिक्वैस्ट नहीं भेजी और न ही फोन किया.

आज सीमा फ्री बैठी थी तो सोचा क्यों न उस से चैटिंग ही कर ली जाए. कम से कम पता तो चले कि वह शख्स नवनीत ही है या कोई और. उसे कुछ याद है भी या नहीं. अत: उस ने व्हाट्सऐप पर नवनीत को ‘‘हाय,’’ लिख कर भेज दिया. तुरंत जवाब आया, ‘‘कैसी हो? कहां हो तुम?’’

वह चौंकी. एक पल भी नहीं लगा था उसे सीमा को पहचानने में. प्रोफाइल पिक सीमा ने ऐसी लगाई थी जिसे ऐडिट कर कलरफुल बनाया गया था और फेस क्लीयर नहीं था. शायद मैसेज के साथ जाने वाले नाम ने तुरंत नवनीत को उस की याद दिला दी थी.

सीमा ने मैसेज का जवाब दिया, ‘‘पहचान लिया मुझे? याद हूं मैं ?’’

‘‘100 प्रतिशत याद हो और सब कुछ…’’

‘‘सब कुछ क्या?’’ सीमा चौंकी.

‘‘वही जो तुम ने और मैं ने सोचा था.’’

सीमा सोच में पड़ गई.

नवनीत ने फिर सवाल किया, ‘‘आजकल कहां हो और क्या कर रही हो?’’

‘‘दिल्ली में हूं. जौब कर रही हूं,’’ सीमा ने जवाब दिया.

‘‘गुड,’’ उस ने स्माइली भेजी.

‘‘तुम बताओ, घर में सब कैसे हैं? 2 बेटे हैं न तुम्हारे?’’ सीमा ने पूछा.

‘‘हां, पर तुम्हें कैसे पता?’’ नवनीत ने चौंकते हुए पूछा.

‘‘बस पता रखने की इच्छा होनी चाहिए,’’ सीमा ने नवनीत के जज्बातों को टटोलते हुए जवाब दिया.

वह तुरंत पूछ बैठा, ‘‘तुम ने शादी की?’’

‘‘नहीं, अभी तक नहीं की. काम में ही व्यस्त रहती हूं.’’

‘‘मैं तो सोच रहा था कि पता नहीं कभी तुम से कौंटैक्ट होगा भी या नहीं, पर तुम आज भी मेरे लिए फ्री हो.’’

नवनीत की फीलिंग्स बाहर आने लगी थीं. पर सीमा को उस के बोलने का तरीका अच्छा नहीं लगा.

‘‘गलत सोच रहे हो. मैं किसी के लिए फ्री नहीं होती. बस तुम्हारी बात अलग है, इसलिए बात कर ली,’’ सीमा ने मैसेज किया.

‘‘मैं भी वही कह रहा था.’’

‘‘वही क्या?’’

‘‘यही कि तुम्हारे दिल में मैं ही हूं. सालों पहले जो बात थी वही आज भी है, नवनीत ने मैसेज भेजा.

जब सीमा ने काफी देर तक कोई मैसेज नहीं किया तो नवनीत ने फिर से मैसेज किया, ‘‘आज तुम से बातें कर के बहुत अच्छा लगा. हमेशा चैटिंग करती रहना.’’

‘‘ओके श्योर.’’

अजीब सी हलचल हुई थी सीमा के दिलोदिमाग में. अच्छा भी लगा और थोड़ा आश्चर्य भी हुआ. वह समझ नहीं पा रही थी कि कैसे रिऐक्ट करे. उस ने मैसेज किया, ‘‘वैसे तुम हो कहां फिलहाल?’’

‘‘फिलहाल मैं ट्रेन में हूं और बनारस जा रहा हूं.’’

‘‘विद फैमिली?’’

‘‘हां.’’

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‘‘ओके ऐंजौय,’’ कह सीमा ने फोन बंद कर दिया. यह तो पक्का हो गया था कि वह नवनीत ही था. वह सोचने लगी कि जिंदगी भी कैसेकैसे रुख बदलती है. फिर बहुत देर तक वह पुरानी बातें याद करती रही.

घर आ कर सीमा काम में व्यस्त हो गई. सफर और नवनीत की बातें भूल सी गई. मगर अगले दिन सुबहसुबह नवनीत का गुड मौर्निंग मैसेज आ गया. सीमा जवाब दे कर औफिस चली गई.

शाम को औफिस से घर आ कर टीवी देख रही थी, तो फिर नवनीत का मैसेज आया, ‘‘क्या कर रही हो?’’

‘‘टीवी देख रही हूं और आप?’’ सीमा ने सवाल किया.

‘‘आप का इंतजार कर रहा हूं.’’

मैसेज पढ़ कर सीमा मुसकरा दी और सोचने लगी कि इसे क्या हो गया है. फिर मुसकराते हुए उस ने मैसेज किया, ‘‘मगर कहां?’’

‘‘वहीं जहां तुम हो.’’

‘‘यह तुम ही हो या कोई और? अपना फोटो भेजो ताकि मुझे यकीन हो.’’

‘‘मैं कल भेजूंगा. तब तक तुम अपना फोटो भेजो, प्लीज.’’

सीमा ने एक फोटो भेज दिया.

तुरंत कमैंट आया, ‘‘मस्त लग रही हो.’’

‘‘मस्त नहीं, स्मार्ट लग रही हूं,’’ सीमा ने नवनीत के शब्दों को सुधारा.

नवनीत चुप रहा. इस के बाद 2 दिनों तक उस का मैसेज नहीं आया. तीसरे

दिन फिर से गुड मौर्निंग मैसेज देख कर सीमा ने पूछा, ‘‘और बताओ कैसे हो?’’

‘‘वैसा ही जैसा तुम ने छोड़ा था.’’

‘‘मुझे नहीं लगता… तुम्हारी जिंदगी में तो काफी बदलाव आए हैं. तुम पति परमेश्वर बने और पापा भी, सीमा ने कहा.’’

इस पर नवनीत ने बड़े ही बेपरवाह लहजे में कहा, ‘‘अरे यार, वह सब छोड़ो. तुम बताओ क्या बनाओगी मुझे?’’

‘‘दोस्त बनाऊंगी और क्या?’’ सीमा ने टका सा जवाब दिया.

‘‘वह तो हम हैं ही,’’ कह कर उस ने ‘दिल’ का निशान भेजा.

‘‘अच्छा, अब कुछ काम है. चलती हूं. बाय,’’ कह कर सीमा व्हाट्सऐप बंद करने ही लगी कि फिर नवनीत का मैसेज आया, ‘‘अरे सुनो? मैं कुछ दिनों में दिल्ली आऊंगा.’’

‘‘ओके, आओ तो बताना.’’

‘‘क्या खिलाओगी? कहांकहां घुमाओगी?’’

‘‘जो तुम्हें पसंद हो.’’

‘‘पसंद तो तुम हो.’’

उस के बोलने की टोन से एक बार फिर सीमा चकित रह गई. फिर बोली, ‘‘क्या सचमुच? मगर पहले कभी तो तुम ने कहा नहीं.’’

‘‘क्योंकि तुम औलरैडी समझ गई थीं.’’

‘‘हां वह तो 100% सच है. मैं समझ गई थी.’’

‘‘मगर तुम ने क्यों नहीं कहा?’’ नवनीत ने उलटा सवाल दागा, तो सीमा ने उसी टोन में जवाब दिया, ‘‘क्योंकि तुम भी समझ गए थे.’’

‘‘अब तुम कैसे रहती हो?’’

‘‘कैसे मतलब?’’ सीमा ने पूछा.

‘‘मतलब ठंड में,’’ नवनीत का जवाब था.

‘‘क्यों वहां ठंड नहीं पड़ती क्या?’’ नवनीत का यह सवाल सीमा को अजीब लगा था.

नवनीत ने फिर लिखा, ‘‘मेरे पास तो ठंड दूर करने का उपाय है. पर तुम्हारी ठंड कैसे दूर होती होगी?’’

‘‘कैसी बातें करने लगे हो?’’ सीमा ने झिड़का.

मगर नवनीत का टोन नहीं बदला. उसी अंदाज में बोला, ‘‘ये बातें पहले कर लेते तो आज का दिन कुछ और होता.’’

‘‘वह तो ठीक है, पर अब यह मत भूलो कि तुम्हारी एक बीवी भी है.’’

‘‘वह अपनी जगह है, तुम अपनी जगह. तुम जब चाहो मैं तुम्हारे पास आ सकता हूं,’’ नवनीत ने सीधा जवाब दिया.

सीमा को नवनीत का शादीशुदा होने के बावजूद इस तरह खुला निमंत्रण देना

पसंद नहीं आया था. पहले नवनीत से इस तरह की बातें कभी नहीं हुई थीं, मगर उस के लिए मन में फीलिंग्स थीं जरूर. अब बात तो हो गई थी, मगर फीलिंग्स खत्म हो चुकी थीं. उस के मन में नवनीत के लिए एक अजीब सी उदासीनता आ गई थी.

2 घंटे भी नहीं बीते थे कि नवनीत ने फिर मैसेज किया, ‘‘कैसी हो?’’

‘‘अरे क्या हो गया है तुम्हें? ठीक हूं,’’ सीमा ने लिखा.

‘‘रातें कैसे बिताती हो? नवनीत ने अगला सवाल दागा.’’

सीमा के लिए यह अजीब सवाल था. सीमा ने उस से इस तरह की बातचीत की अपेक्षा नहीं की थी. अत: सीधा सा जवाब दिया, ‘‘सो कर.’’

‘‘नींद आती है?’’

यह सवाल सीमा को और भी बेचैन कर गया. पर लिखा, ‘‘हां पूरी नींद आती है.’’

‘‘और जब…’’

नवनीत ने कुछ ऐसा अश्लील सा सवाल किया था कि वह बिफर पड़ी, ‘‘आई डौंट लाइक दिस टाइप औफ गौसिप.’’

मैं सोच रहा था कि अपने दोस्त से बातें हो रही हैं. मगर सौरी, तुम तो दार्शनिक निकलीं.

नवनीत ने सीमा का मजाक उड़ाया तो सीमा ने कड़े शब्दों में जवाब दिया, ‘‘मैं ने चैटिंग करने से मना नहीं किया, मगर एक सीमा में रह कर ही बातें की जा सकती हैं.’’

‘‘दोस्ती में कोई सीमा नहीं होती.’’

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‘‘पर मैं कभी ऐसी दोस्ती के लिए रजामंदी नहीं दूंगी, जिस में कोई सीमा न हो,’’ सीमा ने फिर से दृढ़ स्वर में कहा.

‘‘यह मत भूलो कि तुम भी मुझे पसंद किया करती थीं सीमा.’’

‘‘पसंद करना अलग बात है, पर उसे अपनी जिंदगी की गलती बना लेना अलग. शायद मैं यह कतई नहीं चाहूंगी कि ऐसा कुछ भी हो. इस तरह की बातें करनी हैं तो प्लीज अब कभी मैसेज मत करना मुझे,’’ मैसेज भेज सीमा ने फोन बंद कर दिया.

अब सीमा का मन काफी हलका हो गया था. नवनीत से सदा के लिए दूरी बना कर उसे तनिक भी अफसोस नहीं हो रहा था. नवनीत, जिसे कभी उस ने मन ही मन चाहा था और पाने की ख्वाहिश भी की थी, अब वह बदल चुका या फिर उस की असली सूरत सीमा को रास नहीं आई.

सेहत के लिए अच्छे हैं अचार

हर घर की किचन में आपको तरह तरह के अचार दिख जाएंगे. क्योंकि अचार खाना आमतौर पर हर किसी को पसंद होता है , क्योंकि ये न सिर्फ खाने की प्लेट की शोभा को बढ़ाने का काम करते हैं बल्कि खाने के स्वाद को भी कई गुणा बढ़ा देता है. लेकिन अक्सर जब परिवार के लोग इसे रोज अपनी प्लेट में परोसते हैं तो यही सुनने को मिलता है कि रोज रोज अचार खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. जबकि आपको बता दें कि आपकी ये धारणा बिलकुल सही नहीं है कि अचार सेहत के लिए अच्छे नहीं होते. जबकि अचार तो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं जब वे खासकर के घर पर बने होते हैं. इस सम्बंद में जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट प्रीति त्यागी से कि अचार क्यों है सेहत के लिए फायदेमंद.

अचार है एन्टिओक्सीडेंट्स से भरपूर

एन्टिओक्सीडेंट्स सूक्षम पोषक तत्व होते हैं , जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते है. क्योंकि अगर ये फ्री रेडिकल्स रक्त में मिल जाते हैं तो शरीर पर इसका काफी ख़राब प्रभाव पड़ता है. जबकि भारतीय अचार में अचार बनाने के लिए कच्ची सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, जो एन्टिओक्सीडैंट्स का स्रोत होते हैं . जो हमें हैल्थी रखने के साथ साथ यंग बनाने का भी काम करते हैं.

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इम्युनिटी बूस्टर

जब भी हम कोई अचार बनांते हैं तो उसमें आमतौर पर हलदी का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. हलदी में कुरकुमीन नामक रसायन होता है, जिसमें एन्टिओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज होने के कारण ये शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है . साथ ही ये मस्तिष के ग्रोथ हॉर्मोन के स्तर में भी बढ़ोतरी करने का काम करता है, जिसे ब्रेन ड्राइव ड न्यूरोट्रोफिक कारक के लिए जिम्मेदार माना जाता है. जिससे ब्रेन संबंधित बीमारियों से बचाव होता है. आपके शरीर में कुरकुमीन की वृद्धि इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए बहुत जरूरी होती है.

विटामिन्स, मिनरल्स के अच्छे स्रोत

अचार में सब्जियों के अलावा धनिया, मेथी दाना, पुदीना व करी लीव्स का भी इस्तेमाल किया जाता है. जो विटामिन्स जैसे विटामिन ए , सी और के के स्रोत होते हैं साथ ही ये मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम और पोटैसियम के अच्छे स्रोत माने जाते हैं. इसलिए कह सकते हैं कि अचार के माध्यम से शरीर की विटामिन और मिनरल्स की जरूरत पूरी होती है.

पाचन तंत्र को सुधारने में सक्षम

भारत में अधिकांश व्यंजनों के साथ अचार को परोसे जाने का एक कारण यह भी है कि ये हमारे पाचन तंत्र को सुधारने का काम करता है. हमारे पेट में प्रोबिओटिक बैक्टीरिया होते हैं , जो हमारे खाने को पचाने का काम करते हैं. लेकिन दवाओं के ज्यादा सेवन से व हमारे ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से पेट के सुसम जीव प्रभावित होते हैं , जिसके कारण पेट संभंधित विकार हो सकते हैं. जबकि नेचुरल तरह से फरमेंट हुए अचार में इन बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता होती है. जो हमारे पाचन तंत्र को सुधारने में सक्षम है.

भारत में प्रचलित विभिन अचार

आयल बेस्ड अचार

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आम का अचार, हरी मिर्च का अचार, सब्ज़ियां का अचार, नींबू का अचार , ये बहुत ही मशहूर अचार हैं. जितने मशहूर हैं उतने ही इसके फायदे भी हैं. इन अचार को बनाने के लिए आयल और नमक का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ इसमें ऐसे मसाले इस्तेमाल किये जाते हैं , जो एन्टिओक्सीडैंट्स और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स में रिच होने के कारण शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं.

शुगर बेस्ड अचार

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शुगर बेस्ड अचार में मीठा नींबू का अचार, आम का अचार, गाजर का अचार और चुकंदर का अचार आदि आते हैं. ये अचार स्वाद में काफी अच्छे होते हैं लेकिन इसे बनाने के लिए चीनी का प्रयोग किया जाता है. इन अचारों के सेवन से आपका पाचन तंत्र दुरस्त होता है लेकिन अगर आपको शुगर या फिर मोटापे की समस्या है तो आप रोजाना इसका सेवन न करें.

विनेगर – लेमन जूस बेस्ड अचार

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बहुत सारे अचार जैसे कच्ची हलदी, अदरक व हरी मिर्च को नींबू के रस या विनेगर में डिप करके तैयार किया जाता है. जो न सिर्फ पेट के लिए अच्छे होते हैं बल्कि वजन को कम करने में भी सहायक माने जाते हैं. ये विटामिन सी की अच्छे स्रोत होने के कारण इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं.

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हींग बेस्ड अचार

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भारत में हींग बेस्ड अचार बहुत ही प्रचिलित है. आम का अचार, नींबू का अचार बनाने में अकसर इसका इस्तेमाल किया जाता है. ये पेट के लिए तो फायदेमंद होता ही है साथ ही विटामिन सी और डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण इम्युनिटी को भी बूस्ट करने का काम करता है. इसलिए अचार सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं , लेकिन ये बात का भी ध्यान रखें कि अति हर चीज की बुरी होती है.

फेस्टिव या शादी, हर ओकेशन के लिए परफेक्ट है नुसरत जहां के ये साड़ी लुक

तृणमूल कांग्रेस की सांसद और एक्ट्रेस नुसरत जहां अक्सर सोशलमीडिया पर फैंस के बीच छाई रहती हैं. हाल ही में नुसरत जहां ने फेस्टिवल सेलिब्रेशन के दौरान अपने लुक की कुछ फोटोज शेयर की थी, जिसके कारण वह ट्रोलिंग का शिकार हो गई हैं. दरअसल, बीते दिनों रक्षाबंधन के त्यौहार पर अपने लुक और पति के साथ कुछ रोमांटिक शेयर की थीं. लेकिन कुछ ट्रोलर्स ने उन्हें इस बात पर ट्रोल कर दिया कि रक्षाबंधन पर भाई की बजाय वह पति के साथ रोमांटिक फोटोज शेयर कर रही हैं. पर आज हम उनके ट्रोलिंग की नहीं बल्कि उनके साड़ी लुक की करेंगे. नुसरत साड़ियों की शौकीन हैं औऱ वह शादी के बाद अक्सर साड़ी पहनें नजर आती हैं. तो इसलिए आइए आपको दिखाते हैं नुसरत जहां के कुछ साड़ी लुक्स…

1. फेस्टिव लुक के लिए परफेक्ट है नुसरत जहां की ये साड़ी

गोल्डन जरी के बॉर्डर वाली पिंक साड़ी और मिंट ग्रीन रंग के फ्लोरल फुल स्लीव ब्लाउज के साथ नुसरत के माथे पर बिंदी बेहद खूबसूरत लग रहा है. इसी के साथ में मोतियों का नेकपीस और मंगलसूत्र नुसरत के लुक पर चार चांद लगा रहा है. मेकअप की बात करें तो पिंक लिप्स, शाइनी पिंक चिक्स के साथ वेल डिफाइन आइब्रो और ओवरलोड मस्कारे के साथ नुसरत हमेशा की तरह खूबसूरत दिख रही थीं.

 

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Rakshabandhan look book..

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2. सिंंपल साड़ी है बेस्ट

 

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CONGRATULATIONS @nusratchirps mam🥰🥰🥰🥰

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अगर आप साड़ी या किसीं फंक्शन में खूबसूरत लुक बनाना चाहती हैं तो नुसरत जहां की तरह लाइट पर्पल कलर की साड़ी के साथ शाइनी गोल्डन टच वाली साड़ी आपके फेस्टिव लुक पर चार चांद लगा देगी. इसी के साथ हैवी इयरिंग्स आपके लुक को स्टाइलिश बना देंगे.

3. पर्पल साड़ी है परफेक्ट

 

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What comes easy won’t last long, and what lasts long won’t come easy. #nusratjahan #actress #tollywood #beauty #traditional #nusratjahanlovers

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अगर आप किसी फंक्शन में पर्पल लुक का कौम्बिनेशन रखना चाहती हैं तो नुसरत जहां की इस शाइनी पर्पल साड़ी के साथ सिल्वर ज्वैलरी आपके लुक पर चार चांद लगा देगा.

4. स्काई ब्लू कलर करें ट्राय

 

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I’ll let the picture do the talking 💫 #PremierNightLook #Asur #InCinemasNow @rangoliindia @sandip3432 @majhisarmistha @makeupartist.sourab

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अगर आपके पास भी स्काई ब्लू कलर की कोई सिंपल साड़ी है तो उसके साथ ट्रैंडी ब्लाउज और हैवी ज्वैलरी आपके लुक पर चार चांद लगा देगी. ज्वैलरी की बात करें तो मार्बल ज्वैलरी आपके लुक के हर तरह से परफेक्ट है.

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