Hyundai Grand i10 Nios: Ride Quality

हुंडई ग्रैंड आई10 निओस के टायरों में अच्छे और हाई क्वौलिटी वाले स्टील्स का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब यह भी है कि सस्पेंशन अपना काम ठीक से करता है.

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ग्रैंड आई 10 निओस को खराब सड़कों पर भी आरामदायक तरीके से चलाई जा सकती है और बिना किसी परेशानी के अपना रास्ता बना सकती है. खासकर रियर सीट के यात्री, इस आराम का पूरा लाभ उठा सकते हैं और अपनी डेस्टिनेशन पर पूरी तरह आराम से पहुंच सकते हैं.

इसलिए खराब सड़कों के बारे में चिंता न करने का मतलब ही है हुंडई ग्रैंड आई10 निओस#MakesYouFeelAlive.

सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले पर विद्या बालन ने खोली जुबान, कही ये बड़ी बात

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से फैंस का गुस्सा थमने का नाम नही ले रहा है. जहां फैंस सुशांत के डिप्रेशन की वजह नेपोटिज्म को मान रहे हैं. वहीं स्टार किड्स को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. इसी चलते कई सेलेब्स इस मामले में अपनी राय सामने रख चुके हैं. लेकिन अब एक्ट्रेस विद्या बालन ने इस मामले में अपनी राय सामने रखी हैं. और सुशांत को लेकर कई बात कही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या कहती हैं विद्या बालन…

सुशांत को लेकर कही ये बात

एक्ट्रेस विद्या बालन ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड पर जुबान खोलते हुए कहा है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. सुशांत अब इस दुनिया में नहीं हैं और सच केवल वही जानते थे.

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सच केवल सुशांत जानते थे

विद्या बालन के अनुसार, ‘सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद हर कोई बात कर रहा है और लोगों में काफी गुस्सा है. लोग सही और गलत का फैसला करने में लगे हुए हैं लेकिन हमें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि सच सुशांत सिंह राजपूत के साथ ही चला गया है. अगर लोग अपने-अपने हिसाब से सच का निर्माण करेंगे तो यह सुशांत के साथ नाइंसाफी होगी और उनके परिवार के साथ अन्याय होगा. हम ऐसा करके सिर्फ सुशांत की आत्मा के लिए दुख पहुंचाएंगे.’

बता दें, एक्ट्रेस विद्या बालन जल्द ही फिल्म ‘शकुंतला देवी’ में नजर आने वाली हैं, जो  भारत की ह्यूमन कम्प्यूटर कही जाने वाली शकुंतला देवी की जिंदगी पर आधारित होगी. हालांकि फिल्म को कोरोनावायरस की चलते सिनेमाघरों में रिलीज करने की बजाय ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला लिया गया है.

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तलाक की खबरों के बीच चारु असोपा के हाथ लगा ये ऑफर, पढ़ें खबर

बौलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन की भाई राजीव सेन और टीवी एक्ट्रेस चारु असोपा की शादीशुदा जिंदगी बीते कई दिनों से सुर्खियों में हैं. हाल ही में अपने रिश्तों को लेकर दोनों ने कई खुलासे किए थे, जिसके बाद दोनों की तलाक की खबरों ने फैंस का दिल तोड़ दिया था, जबकि चारु असोपा और राजीव सेन की शादी को हाल ही में एक साल पूरा हुआ है. इसी बीच चारु की प्रोफेशनल लाइफ में उनके लिए अच्छी खबर सामने आई है. आइए आपको बताते हैं क्या है चारु असोपा (Charu Asopa) के लिए अच्छी खबर…

हाथ लगा बड़ा प्रोजेक्ट

खबरों की मानें तो चारु असोपा के हाथ एक बड़ा प्रोजेक्ट लगा है. दरअसल, जल्द ही चारु असोपा स्टार भारत के नए शो ‘अकबर बीरबल’ में नजर आने वाली है. शो में चारु अपोसा एक अहम किरदार को निभाती हुई दिखाई देंगी. चारु असोपा इस शो में हीराबाई का किरदार निभाती हुई नजर आएगी. वही इससे पहले चारु असोपा ‘मेरे अंगने में’, ‘जीजी मां’ और ‘विक्रम बेताल’ जैसे शोज  में नजर आ चुकी हैं.

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‘बिग बॉस 14’ में राजीव सेन का नाम आया सामने

कहा जा रहा है कि सलमान खान के अपकमिंग शो ‘बिग बॉस 14’ में कंटेस्टेंट्स की लिस्ट मे चारु असोपा के पति राजीव सेन का भी नाम शामिल है, जिसके बारे राजीव सेन ने खुद ही इस बात पर मुहर लगाई है कि वह इस शो का हिस्सा नहीं बनने वाले हैं. वहीं चारु असोपा की बात करे तो वह इस समय बिग बॉस जैसे शोज को करने के लिए बेताब हैं.

बता दें, पिछले साल राजीव सेन और चारु असोपा ने बड़े धूमधाम से शादी के बंधन में बंधे थे, जिसमें सुष्मिता सेन भी नजर आई थी. वहीं शादी के एक साल बाद ही दोनों के बीच के अलगाव की खबरों के बीच चारु असोपा के कहा था कि राजीव सेन के कोई कान भर रहा है. हालांकि राजीव ने इन खबरों को अफवाह बताया था, जिसके बाद दोनों ने हाल ही में वीडियो चैट के माध्यम से एक-दूसरे से बात भी की थी, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हुई थी.

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Monsoon Special: नाश्ते में परोसें सत्तू से बने ये टेस्टी स्नैक्स और हेल्दी ड्रिंक

सत्तू का सेवन कई जगहों पर किया जाता है.सत्तू को पसंद किये जाने का कारण सिर्फ इसका स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़े इसके अनमोल फायदे हैं. इसलिए आज हम जानेंगे सत्तू से बने स्नैक्स और हेल्थ ड्रिंक के बारे में.ये न केवल खाने या पीने में स्वादिष्ट है बल्कि ये आपके पेट के लिए भी बहुत लाभदायक हैं.

सत्तू के पराठे

पराठे हर किसी को पसंद होते है और अगर स्टफ्ड पराठे खाने को मिल जाये तो कहना ही क्या.फिर चाहे वो गोभी का हो,आलू का हो या प्याज़ का.पर अगर आप उन लोगों में से है जो अपनी हेल्थ को लेकर काफी सजग रहते है और कोई भी स्नैक्स या परांठे खाने से पहले 100 बार सोचते हैं तो आज हम आपके लिए लाये है सेहत और स्वाद से भरपूर सत्तू का पराठा .
तो चलिए बनाते है सत्तू का पराठा-

हमें चाहिए-

भरावन के लिए

सत्तू -2 कप
प्याज़ -2 medium आकार के बारीक कटे हुए
लहसुन-5 कलियाँ
हरी मिर्च -2 बारीक कटी हुई
धनिया का पत्ता-2 चम्मच बारीक कटा हुआ
आजवाइन -1/2 छोटी चम्मच
नीम्बू का रस-2 चम्मच
सरसों का तेल-2 चम्मच

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नमक-स्वादानुसार
आंटे के लिए
गेहूं का आटा – 3 कप
मोयन के लिए घी या रिफाइंड आयल-2 चम्मच
नमक –स्वादानुसार

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले एक बाउल में गेहूं का आटा,मोयन के लिए घी और नमक दाल कर पानी की सहायता से नरम आटा गूंथ लें.
2-अब एक बड़ी प्लेट में सत्तू निकाल लें.उसमे बारीक कटा प्याज़,लहसुन,हरी मिर्च, हरा धनिया,नीम्बू का रस, आजवाइन ,नमक और सरसों का तेल दाल कर उसे अच्छे से मिला ले.याद रखे सरसों का तेल सिर्फ 2 छोटी चम्मच डालना है.
3-अब इस stuffing में 1 से 2 चम्मच पानी के छीटें लगा ले ताकि stuffing में थोड़ी नमी बनी रहे इससे परांठे में भरने में आसानी रहेगी.
4-अब आंटे की लोई को काट लें.और उसमे 2 चम्मच stuffing भरें और उसका मुंह बंद करके पराठा बेल लें.
5-अब गैस को on करके उसपर तवा रखे .जब तवा हल्का गर्म हो जाए तो उस पराठे को डाल दे.जब एक तरफ पराठे पर लाल चित्ती पद जाये तो use पलट कर दूसरी तरफ भी सेक ले.अब घी या तेल लगाकर उसे दोनों तरफ से सेंक लें.जब पराठे का रंग हल्का भूरा हो जाये तब use तवे से उतार ले .
6-तैयार है सत्तू का पराठा .आप इसे आलू बैगन के चोखे या अचार या चाय के साथ भी नाश्ते में खा सकते हैं.

सत्तू की हेल्थ ड्रिंक

ये तो आप जानते ही है की गर्मियों में सत्तू का सेवन कितना फायदेमंद होता है.और जब इसे एक हेल्थ ड्रिंक की तरह बनाया या पिया जाता है तो इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं.सत्तू से बना ये हेल्थ ड्रिंक या नमकीन शरबत न सिर्फ आपको इस उमस भरी गर्मी से राहत देगा बल्कि आपको कई बीमारियों से भी बचाएगा.
तो चलिए बनाते है सत्तू का नमकीन शरबत-

हमें चाहिए-

सत्तू- 3 बड़े चम्मच
पानी-4 कप
पिसा हुआ भुना जीरा-1 छोटी चम्मच
सफ़ेद नमक या काला नमक-स्वादानुसार
नीम्बू का रस-3 छोटे चम्मच

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बनाने का तरीका –

1-सबसे पहले एक जग में सत्तू डालकर उसमे 4 बड़े कप पानी डालिए और उसे ब्लेंडर या मथानी से अच्छे से मिला लीजिये ताकि सत्तू में गुठलियाँ न रह जाए.
2-जब अच्छे से ये मिल जाए तब इसमें भुना हुआ जीरा,काला नमक,और नीम्बू का रस दाल कर फिर अच्छे से मिलाये .
3-तैयार है सत्तू का नमकीन शरबत .आप चाहे तो इसमें ऊपर से बर्फ के टुकड़े और बारीक कटा हरा धनिया डाल कर भी इसे सर्व कर सकती हैं.

Monsoon Special: बारिश में घर को यूं बनायें ‘रेन प्रूफ’

बारिश के दिनों में कपड़ों और जूते के अलावा घर का भी खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. सिलन आने से फर्नीचर, सोफा के कवर, गहनों, गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से लेकर घर की तमाम चीजों के खराब होने का खतरा रहता है. हालांकि, थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप अपने सामन को खराब होने से बचा सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में आप अपने घर की अलग-अलग चीजों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं.

1. कपड़े और अलमारी

बारिश के मौसम में कपड़ों को पूरी तरह से सुखाना एक आम समस्या है, जो ज्यादातर घरों के लोग झेलते हैं. अगर कपड़े अच्छी तरह से नहीं सूखते हैं तो उनसे अजीब तरह की बदबू आती है, जो अगली धुलाई तक नहीं जाती. अपनी अलमारी को नमी मुक्त रखने के लिए उसमें कपूर की गोलियां रखें, जो नमी सोखती हैं.

बारिश में आप अपनी अलमारी साफ नहीं रखते हैं तो उसमें फफूंद लग सकता है, जिससे अलमारी से तेज बदबू आने लगती है. दाग-धब्बे हमेशा साफ करते रहें. अलमारी में कपड़े तभी रखें, जब वे अच्छी तरह से सूख जाएं.

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2. लकड़ी के फर्नीचर

कीड़े-मकोड़े और दीमक बारिश के दिनों में बड़ी समस्या होते हैं. कपूर की गोलियों, लौंग और नीम की पत्तियों के जरिए आप इन्हें दूर रख सकते हैं. अगर आप इस मौसम में नया फर्नीचर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो फफूंद और दीमक रोधी फर्नीचर ही लें.

अगर आप कुछ दिनों के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो फर्नीचर को प्लास्टिक के कवर से ढक दें, ताकि उनमें नमी न लगे. फर्नीचर को साफ रखना भी बेहद जरूरी है. तापमान में होने वाले बदलावों और नमी से उनकी सुरक्षा करने के लिए आप ग्लिसरीन और मिट्टी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर लकड़ियां पानी से फूल जाती हैं तो एसिटोन का इस्तेमाल करें. यह पानी जल्दी सोख लेता है. लकड़ी की चीजों को पोंछने के लिए सूखे कपड़े का प्रयोग सुनिश्चित करें

3. जूते-चप्पल की रैक

समय-समय पर जूते-चप्पलों की अलमारी की सफाई करते रहें. जूते-चप्पल बड़ी मात्रा में नमी सोखते हैं और इन्हें गीला पहनने पर पैरों में संक्रमण होने का खतरा रहता है. अलमारी में कम पावर का बल्ब लगाएं, ताकि उससे निकलने वाली गर्मी जूते-चप्पलों से नमी सोखती रहे.

4. पर्दे और कालीन

बारिश के मौसम में कालीन का इस्तेमाल न करें. उन्हें मोड़कर अलमारी में रख दें. हालांकि अगर आपको वाकई कालीन के इस्तेमाल की जरूरत महसूस होती है तो उन्हें सूखा रखने कोशिश करें. कालीन पर चलने से पहले पैर अच्छे से पोंछ लें.

अगर आपकी कालीन पर धूल-मिट्टी लग जाए तो उसे ब्रश से अच्छे से झाड़ें और धोएं. परदों को मोड़कर डोरी से बांध दें. गीला होने पर उनसे तेज बदबू आ सकती है. साथ ही यह बीमारियों को भी दावत दे सकता है. पर्दों पर धूल-मिट्टी जम जाती है, इसलिए समय-समय पर उन्हें धुलते रहें. धूप निकलने पर पर्दे, कालीन और रग को बाहर जरूर सुखाएं

5. चमड़े के सोफा कवर

सोफे पर अच्छी क्वालिटी के चमड़े के कवर लगवाएं. 15 दिन में एक बार कवर को अच्छी तरह से साफ करें. उन्हें सूखे-मुलायम कपड़े से पोंछें. कवर चमकाने के लिए मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें. रूई का एक टुकड़ा लें और मॉश्चराइजर में डुबोकर कवर को अच्छी तरह से पोंछें. चमड़े के कवर में फफूंद न लगे, इसके लिए साल में दो से तीन बार उन्हें डेटॉल और पानी से धोएं

6. नकद व अन्य कीमती वस्तुएं

नकद और सोने, चांदी व अन्य धातु की वस्तुओं को रूई में लपेटकर साफ पन्नी में रखें. मानसून में चांदी के गहने अक्सर काले पड़ जाते हैं. उनकी चमक बनाए रखने के लिए बटर पेपर का इस्तेमाल करें. बाद में उसे एब्रेसिव लिक्विड से भी साफ कर सकते हैं.

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7. गैजेट्स और घरेलू उपकरण

मोबाइल फोन्स, कैमरा और आई-पॉड को बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक की पन्नी या कवर का इस्तेमाल करें. म्यूजिक सिस्टम, स्पीकर, कंप्यूटर और लैपटॉप को इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक से ढक दें. घर को संक्रमण मुक्त रखने के लिए नियमित रूप से सफाई करते रहें. घड़ों, बाल्टी और कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहें.

धीरे-धीरे उजागर हो रहा है क्रिकेट का कुटिल चेहरा

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज 43 वर्षीय मखाया एनटिनी ने हाल ही में अपने साथ खेलने वाले ऐसे ऐसे श्वेत खिलाड़ियों को बेनकाब किया है, जो पूरी दुनिया में अपने जेंटलमैन होने के तौरपर जाने जाते हैं. जी हां, यह कोई अतिश्योक्ति नहीं है. एक दशक पहले तेज गेंदबाजी में अपने किस्म के सनसनी रहे मखाया एनटिनी ने उस दक्षिण अफ्रीकी टीम के श्वेत खिलाड़ियों पर अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाया है, जिसमें तेज गेंदबाज शान पोलाक, विश्व प्रसिद्ध आलराउंडर जैक कैलिस, लांस क्रूजनर और मार्क बाउचर जैसे खिलाड़ी खेला करते थे, जो अपनी प्रतिभा के चलते तो पूरी दुनिया के आंखों के तारे थे ही, मैदान में अपने जेंटलमैन छवि के लिए भी ये जाने जाये जाते रहे हैं.

लेकिन अब मखाया ने खुलासा किया है कि ये सब उन्हें काले होने के नाम पर दोयम दर्जे का नागरिक समझते थे. ये सिर्फ इसी वजह मखाया का मजाक उड़ाते थे, उससे अलग-थलग रहने के लिए मजबूर करते थे तथा और भी बहुत कुछ जो इसी लेख में मखाया एनटिनी के जरिये आप जानेंगे. मखाया एनटिनी ने दक्षिण अफ्रीका के मीडिया ग्रुप को दिये गये एक इंटरव्यू में कहा है कि टीम में वो हमेशा अलग-थलग और अकेले ही रहते थे. कभी भी टीम का कोई श्वेत खिलाड़ी उसके साथ बैठकर खाना नहीं खाया. यही नहीं मखाया एनटिनी के मुताबिक, ‘मैदान में भी मैं आमतौर पर अकेला ही रहता था, खासकर तब जब मुझे विकेट नहीं मिलते थे, जब मैं विकेट लेता तब जरूर मेरे साथी खिलाड़ी खुशी बांटते.’ मखाया एनटिनी के इस खुलासे के बाद अगर हम करीब एक दशक पीछे लौटकर उनकी मैदान में और मैदान के बाहर की उपस्थिति पर फ्लैश बैक करें तो वाकई यह बात बिल्कुल सही लगती है, क्योंकि मखाया एनटिनी हमेशा चुपचुप से और खोये खोये लगा करते थे. अब समझ में आया कि वास्तव में इसके पीछे का राज क्या था? वह वाकई कितना बोझ लेकर क्रिकेट खेलते थे?

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मखाया जिन दिनों अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय थे, तब शायद ही किसी ने उनके साथ इस तरह के व्यवहार की कल्पना भी की होगी. गौरतलब है कि मखाया एनटिनी ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर में 662 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं. इसमें 390 टेस्ट विकेट हैं, 266 वन डे और टी-20 में उनके 20 विकेट हैं. शायद उनके सीने में अपने भेदभाव की दबी हुई यह पीड़ा कभी बाहर नहीं आती, अगर गुजरी 25 मई 2020 को अमरीका में एक श्वेत पुलिस वाले ने अश्वेत नागरिक जार्ज फ्लायड की बर्बरतापूर्वक हत्या न कर दी होती, जिसके बाद रुब्लैकलाइव्स मैटर अभियान न शुरु हुआ होता, जिसमें पूरी दुनिया के अश्वेत अपने साथ हुए तमाम तरह के भेदभावों का खुलासा कर रहे हैं. जार्ज फ्लायड का बस इतना कसूर था कि उसके पास 20-20 डाॅलर के दो नोट थे, जो नकली थे. आरोप था कि जार्ज ने ऐसे ही एक और नोट का इस्तेमाल सिगरेट लेने के लिये किया है.

जार्ज फ्लायड के इस कृत्य पर एक श्वेत पुलिस वाले को इतना गुस्सा आया कि वह जार्ज की गर्दन में तब चढ़ा बैठा रहा, जब तक कि उसकी जान न निकल गई. इसके बाद से दुनिया में उन तमाम रंगभेदी, नस्लभेदी घटनाओं को उजागर किया जा रहा है, जो किसी खूबसूरत दुनिया का बर्बर हिस्सा हैं. पूरी दुनिया में इन दिनों नस्लभेद के विरूद्ध व्यापक बहस छिड़ी हुई है. रुब्लैकलाइव्स मैटर के जरिये पूरी दुनिया के भुगतभोगी इस तरह के श्रेष्ठतावाद को बेनकाब कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम पर 20 सालों का इस वजह से प्रतिबंध लगाया गया था कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का खुल्लम-खुल्ला बोलबाला था.

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जब 20 साल बाद दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लौटी तो लगता था कि शायद इन खिलाड़ियों में वो तमाम क्रूर और गैरबराबरी की बातें नहीं होंगी, जिन्हें उन्होंने अपने जीवन और बचपन में भुगता था. लेकिन जिस तरह से मखाया एनटिनी जैसे दिग्गज गेंदबाज ने खुलासा किया है, वह उस फौरी उम्मीद और अनुमान को ध्वस्त कर देता है कि दक्षिण अफ्रीका के श्वेत खिलाड़ी अपने समाज के दुराग्रहों से ऊपर उठे होंगे. अश्वेत मखाया एनटिनी ने जिस तरह की हकीकत को दुनिया के सामने पेश किया है, उससे पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों में भले क्रिकेटर होने के नाते सज्जनता का लाबाद ओढ़ लिया हो और सफेद ड्रेस पहन ली हो, लेकिन इस सफेद ड्रेस के अंदर उनका वही काला और क्रूर चेहरा था, जैसा उनके पूर्वजों का था.

Serial Story: गर्लफ्रैंड (भाग-3)

लेखिका-  रेणु सिंह

‘‘क्या… पुलिस हमारे घर… क्यों… क्या हुआ?’’

‘‘क्या हुआ? नाक कटा दी तू ने हमारी और भोला बन कर पूछ रहा है क्या हुआ? कहां है वह लड़की?’’ पापा ने जोर से एक थप्पड़ मार कर पूछा.

‘‘क… कौन लड़की? क्या किया है मैं ने?’’

‘‘नाटक कर रहा है? मैं ने क्या समझा था तुझे और तू क्या निकला. रोमा कहां है? कहां छिपाया है तू ने उसे?’’ तूफान की तरह कमरे में संजीव घुसा और उसे घसीटते हुए कमरे से बाहर ले गया. बाहर का दृश्य देख कर कुंदन के पैरों तले जमीन खिसक गई.

बरामदे में इंस्पैक्टर 2 सिपाहियों के साथ खड़ा था. रोमा की मां जलती नजरों से उसे घूर रही थी. उस का परिवार घबरायासहमा सा खड़ा था और पूरा महल्ला उस के गेट पर खड़ा अंदर झांक रहा था.

‘‘इंस्पैक्टर साहब, गिरफ्तार कर लीजिए इसे. इस ने मेरी बेटी को फुसला कर घर से भगा लिया है. जाने कहां छिपा दिया है उसे. रात को वह घर नहीं लौटी. मोबाइल भी बंद है उस का और जिस सहेली के घर जाने के बहाने यह उसे ले गया, वह कहती है कि रोमा उस के घर आई ही नहीं. जाने किस हाल में है मेरी बेटी. कहां रखा है तू ने उसे?’’ रोमा की मां गरजी.

‘‘म… मैं ने कहीं नहीं रखा. मैं तो कल उसे नर्मदा के घर दयाल कालोनी छोड़ कर वापस आ गया था.’’

‘‘झूठ बोलता है ये. नर्मदा दयाल कालोनी नहीं इंद्रपुर में रहती है. कहीं इस ने गहनों और पैसों के लालच में उसे मार तो नहीं दिया?’’ संजीव ने पूछा.

‘‘गहने, पैसे? कैसे पैसे? मैं ने कुछ नहीं लिया,’’ घबरा कर कुंदन बोला.

‘‘कैसे पैसे? वही जो रोमा तेरे साथ भागते समय साथ ले गई थी. इंस्पैक्टर साहब, घर से मां के गहने और 25 हजार रुपए कैश गायब है.  इस ने रोमा को बेवकूफ बना कर घर में चोरी कराई और माल हथिया कर उसे ठिकाने लगा दिया.’’

‘‘यह झूठ है… मैं ने कुछ नहीं किया. रोमा ने बताया था कि वह सहेली की सगाई में पहनने के लिए कपड़े ले जा रही है. मैं ने देखा भी नहीं, आंटी, आप के सामने ही तो कहा था उस ने,’’ कुंदन ने गिड़गिड़ा कर रोमा की मां से कहा.

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‘‘और तुम ने क्या कहा था? सुरक्षित वापस ले आऊंगा? बता कहां है मेरी बेटी?’’

‘‘मैं… मैं नहीं जानता. मुझे तो उस ने यही कहा था कि वह नर्मदा के घर जा रही है और उस के पापा उसे घर छोड़ देंगे. उस के बाद वह कहां गई, मुझे नहीं मालूम.’’

‘‘नहीं मालूम? 17-18 साल उम्र होगी और यह करतूत? लड़की भगाता है. चल हवालात, बेटा, 2 डंडे तबीयत से मारूंगा न तो सब याद आ जाएगा,’’ इंस्पैक्टर उसे घसीट कर जीप की ओर ले जाता हुआ बोला. उस के लाख रोनेपीटने और घर वालों की मिन्नतों का पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ और वे कुंदन को पुलिस स्टेशन ले गए. 2 दिन हवालात में बंद रहने के बाद उसे छोड़ दिया गया. रोमा रोहित से शादी करने के बाद घर वापस आ गई थी.

‘‘पर… पर यह कैसे हो सकता है? उस का तो रोहित से ब्रेकअप हो गया था. वे दोनों तो एकदूसरे से बात तक नहीं करते थे, फिर शादी… कहीं रोहित ने जबरदस्ती तो नहीं की उस के साथ?’’ स्नेहा और सुनील के मुंह से समाचार सुनते ही कुंदन तैश में आ गया.

‘‘शांत हो जा रोमियो, तुझे बेवकूफ बनाया गया है. गर्लफ्रैंड के चक्कर में तू ऐसा अंधा हुआ है कि सीधीसादी बात समझ में नहीं आती तुझे. नर्मदा दयाल कालोनी में नहीं रहती, फिर भी रोमा झूठ बोल कर तुझे वहां ले गई. अपने साथ वह घर के गहने और सारे पैसे लपेट कर ले गई और तुझे बताया गया कि चेंज करने के लिए ड्रैस रखी है. इतनी मोटी अक्ल है तेरी कि समझ नहीं रहा. उस ने रोहित के साथ मिल कर इस्तेमाल किया है तेरा. भागी रोहित के साथ और अंदर तुझे करा दिया. वह कमीना वहीं कहीं छिपा होगा. तेरी बाइक से उतर कर वह उस के साथ चली गई.

हर कोई तेरे पीछे हैरानपरेशान था और वह आराम से रोहित के साथ शादी कर रही थी. रोहित तो सारी घटना में कहीं था ही नहीं, इसलिए किसी ने उसे खोजने की कोशिश नहीं की और उन दोनों ने बिना किसी बाधा के आराम से मंदिर में और फिर अगले दिन कोर्ट में शादी कर ली,’’ स्नेहा ने झल्ला कर कहा तो कुंदन सिर पकड़ कर बैठ गया.

‘‘तुम ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया रोमा?’’ एक दिन रोमा को कालेज आया देख कुंदन ने मौका पाते ही उस से पूछा.

‘‘आई एम वैरी सौरी कुंदन. मेरे पास और कोई रास्ता ही नहीं था. मेरे घर वालों को मेरे और रोहित के बारे में पता चल गया था. वे रोहित को बिलकुल पसंद नहीं करते थे.

भैया मेरे ऊपर नजर रखने लगा था ताकि मैं उस से न मिलूं. मेरे कहीं आनेजाने पर रोक लग गई थी. मेरा फोन भी ले लिया गया था. एक दिन रोहित ने तुम्हें अपने दोस्तों से बातें करते सुन कर अंदाजा लगाया कि तुम्हें गर्लफ्रैंड का बड़ा क्रेज है तो हम ने यह प्लान बनाया. सहेलियों से बातें करने के बहाने तुम्हारे ही फोन से मैं उस से बातें कर प्लानिंग करती थी. मेरे घर वाले भी मुझे तुम्हारे साथ देख कर निश्चिंत थे कि अब मैं रोहित के साथ नहीं हूं.

‘‘उन्हें मेरे स्वभाव से पता था कि तुम्हारे साथ मैं कोई रिलेशनशिप नहीं बनाऊंगी. इस का फायदा उठा कर मैं तुम्हारे साथ घर से भाग गई. तुम नहीं होते तो मां किसी भी तरह भैया के न रहने पर मुझे जाने नहीं देती और भैया ने मेरी सारी सहेलियों के घर देख रखे हैं.

‘‘उसे मैं बेवकूफ नहीं बना सकती थी. फिर मेरे भागते ही भैया पुलिस को ले कर रोहित के घर आ धमकता और जो तुम्हारे साथ हुआ वह उस के साथ होता. तब हमारा शादी करना असंभव था. इसलिए हम ने तुम्हारी मदद ली. मैं तुम्हारे साथ गई तो किसी ने रोहित पर शक तक नहीं किया. आई एम सौरी कुंदन, बट एज यू नो एवरी थिंग इज फेयर इन लव ऐंड वार.’’

‘‘रिलैक्स यार, तुम्हें तो खुश होना चाहिए तुम ने 2 प्रेमियों को मिलवाने में मदद की है. अपनी गर्लफ्रैंड को इस से अच्छा मैरिज गिफ्ट कोई दे सकता है क्या?’’ रोहित ने पीछे से आ कर उस के कंधे पर हाथ रख कर कहा तो वह उसे आंखें तरेर कर देखने लगा और चुपचाप वहां से चला गया.

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‘सालों ने लड़की भगाने और चोरी के इल्जाम में मुझे अंदर करा दिया और बेशर्मी से कहते हैं कि गर्लफ्रैंड को मैरिज गिफ्ट दिया है,’ अपनी सीट पर बैठ कर भुनभुनाता हुआ कुंदन बोला.

‘‘वैसे ठीक ही तो कह रहे हैं, तेरे जैसा बौयफ्रैंड मिलना आसान है क्या, जिस ने लड़की भी भगाई, पुलिस के डंडे भी खाए और लड़की भी नहीं मिली,’’ सुनील के कहने पर स्नेहा खिलखिला कर हंस दी.

‘‘और ताने देने की जरूरत नहीं, मुझे सबक मिल गया है. आज से दूसरों की देखादेखी गर्लफ्रैंड बनाने के चक्कर में किसी भी लड़की के पीछे आंख मूंद कर नहीं चलूंगा,’’ सिर झुका कर कुंदन बोला.

‘‘इतना निराश होने की जरूरत नहीं. लड़केलड़कियों में दोस्ती में कुछ गलत नहीं. गलती तब होती है जब तुम स्टाइल और दिखावे के चक्कर में इसे दोस्ती की हद से बाहर ले जाने की कोशिश करते हो.’’

‘‘हां, अब मैं भी समझ गया हूं. यह मेरी अपनी बेवकूफी का नतीजा था. दूसरों के सामने खुद को मौर्डन दिखाने के चक्कर में मैं ने बिना सोचेसमझे खुद को मुसीबत में डाल दिया. अब से ऐसा नहीं होगा,’’ स्नेहा के समझाने पर कुंदन ने मुसकरा कर कहा.

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Serial Story: गर्लफ्रैंड (भाग-2)

लेखिका-  रेणु सिंह

‘‘हां… हां… रोहित नहीं दिख रहा है कहीं,’’ उस ने इधरउधर देखते हुए पूछा.

‘‘नाम मत लो उस का. मेरा उस से ब्रेकअप हो गया है. एक नंबर का फ्लर्ट है वह. भैया ठीक कहता था कि वह लड़का मेरे लिए ठीक नहीं था. वैसे तुम्हारे बारे में उस की राय सही है.’’

‘‘मेरे बारे में?’’ कुंदन चौंक गया.

‘‘हां, ऐडमिशन के दिन उस ने मुझे तुम्हारे साथ बातें करते देखा था. कह रहा था कि तुम स्कूल में उस के जूनियर थे. मुझे घर ड्रौप कर दो, इसी बहाने भैया से भी मिल लेना.’’

‘‘हांहां… आओ, बैठो,’’ कुंदन की तो बांछें खिल गईं. उस की मनचाही मुराद पूरी हो रही थी. कालेज की सब से हसीन और स्मार्ट लड़कियों में गिनी जाने वाली रोमा उस की बाइक पर, उस की कमर में हाथ डाले हुए थी.

उस दिन के बाद दोनों कभी कैंटीन तो कभी लाइब्रेरी में साथसाथ दिखते. कभीकभी वह उसे घर भी ड्रौप कर देता. पूरे कालेज में दोनों बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड के रूप में मशहूर हो गए.

‘‘कमाल है उस के घर वाले कुछ नहीं कहते तुझे उस के साथ देख कर?’’  एक दिन सुनील ने कुंदन से पूछा.

‘‘कहेंगे क्या, वे तो खुश हैं कि उस लफंगे रोहित से उस का पीछा  छूटा. मैं ने खुद सुना था, संजीव अपनी मां से कह रहा था, ‘अच्छा हुआ रोमा ने कुंदन से दोस्ती कर ली. मैं उसे स्कूल से जानता हूं. घर भी देखा है उस का. अच्छे लोग हैं. उस के साथ रहेगी तो उस लफंगे रोहित की बुराइयां खुद ही समझ में आने लगेंगी इसे और वह भी दूसरे लड़के के साथ देख कर इस के पीछे नहीं पड़ेगा. एकदम से छोड़ देने पर वह लफंगा क्या कर दे कुछ भरोसा नहीं. कम से कम एक लड़के को साथ देख कर उस की रोमा को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं होगी.’’

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‘‘बहुत अच्छा. और अगर उस ने तुम्हें नुकसान पहुंचाने का इरादा कर लिया तो क्या करोगे?’’ स्नेहा ने पूछा.

‘‘वह कुछ नहीं करेगा. आजकल अपने लिए नई गर्लफ्रैंड ढूंढ़ने में बिजी है. मेरी या रोमा की तरफ देखने की तो फुरसत ही नहीं है उसे. आजकल तो दूसरी लड़कियों के आसपास चक्कर लगाता रहता है वह.’’

‘‘तब तो तेरी पांचों उंगलियां घी में हैं. बैठेबिठाए एक अदद गर्लफ्रैंड मिल गई. कहां तो लड़कियों को फंसाने के लिए एक से एक पैंतरे बदल रहा था और कहां मछली खुद ही आ कर जाल में फंस गई.’’

‘‘बस, सब स्टाइल का खेल है मेरे भाई. तुझ से भी कहता हूं कि इस स्कूलबौय वाली इमेज से बाहर निकल. यही तो दिन हैं दुनिया की रंगीनियों के मजे लेने के,’’ सुनील ने छेड़ा तो कुंदन ने गरदन टेढ़ी कर प्रवचन दे डाला.

‘‘अब बाकी रंगीनी क्लास में चल कर करना. वैसे भी रोमा तो तुम्हारे बगल में ही बैठती है,’’ स्नेहा ने कहा.

‘‘आज क्लास अटैंड करने का मूड नहीं है. मैं और रोमा इंगलिश मूवी देखने जा रहे हैं,’’ कुंदन ने कहा.

‘‘अच्छा, अगले साल अपनी गर्लफ्रैंड के साथ ये क्लास कर लेना, क्योंकि तुम दोनों को देख कर लगता तो नहीं कि इस साल पास करने का इरादा है. दोनों क्लास में कम और कैंटीन में ज्यादा दिखते हो.’’

‘‘हैलो कुंदन, क्या तुम अभी फ्री हो?’’ रोमा का फोन आया.

‘‘तुम्हारे लिए तो चौबीसों घंटे फ्री हूं मेरी जान, तुम बस हुक्म करो.’’

‘‘आज मेरी सहेली नर्मदा की सगाई है. भैया बैंकिंग की परीक्षा देने दूसरे शहर गया है. नर्मदा का घर काफी दूर है. शाम को रिकशे या आटो से उतनी दूर अकेले जाने में डर लगता है. क्या तुम मुझे वहां ले जाओगे? मां ने भी कह दिया है तुम साथ रहोगे तभी मुझे जाने देंगी.’’

‘‘अरे, मेरे होते हुए तुम अकेली कैसे हो गई. तैयार हो जाओ, मैं 15 मिनट में पहुंचता हूं.’’

‘‘अरे, तुम तैयार नहीं हुई, सगाई में जींस पहनोगी,’’ रोमा को सादे कपड़ों में देख कुंदन ने पूछा.

‘‘डोंट बी रिडिकुलस कुंदन. वैसी भड़कीली ड्रैस पहन कर बाइक पर चलूंगी तो सारे रास्ते लोग घूरेंगे मुझे. मैं ने अपनी ड्रैस रख ली है, वहीं जा कर तैयार हो जाऊंगी,’’ रोमा ने अपने हाथ में पकड़ा बड़ा सा बैग दिखा कर कहा और बाइक पर उस के पीछे बैठ गई.

‘‘आप बेफिक्र रहिए आंटी. मैं इसे सेफली ले जाऊंगा और वापस भी पहुंचा दूंगा,’’ उस ने रोमा की मां से कहा और बाइक स्टार्ट कर चल दिया.

‘‘बसबस, यहीं रोक दो. यहां से मैं पैदल ही चली जाऊंगी,’’ रोमा ने दयाल कालोनी के पास पहुंचते ही कहा तो उस ने मोटरसाइकिल रोक दी.

‘‘यहां? यहां सुनसान जगह पर क्यों उतर रही हो? कालोनी तो आगे है.’’

‘‘तुम नहीं समझोगे, नर्मदा की फैमिली बड़ी कंजरवेटिव है. उन्हें पता चल गया कि मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ आई हूं तो अजीबोगरीब सवाल पूछ कर मुझे पागल कर देंगे. मैं पैदल चली जाऊंगी. तुम चले जाओ.’’

‘‘जो हुक्म सरकार का. लेने कब आ जाऊं?’’

‘‘लेने आने की जरूरत नहीं है. मैं ने बताया न कि वे कंजरवेटिव लोग हैं. नर्मदा के पापा मुझे घर छोड़ने जाएंगे. देर हुई तो रात को यहीं रुक जाऊंगी.’’

‘‘पर मैं ने तो तुम्हारी मां को कहा था…’’

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‘‘ओ… तुम उन की चिंता मत करो स्वीटहार्ट, उन्हें पता है,’’ रोमा ने फ्लाइंग किस दे कर कहा और अपना बड़ा सा बैग ले कर पैदल कालोनी की ओर चल दी. देर तक कुंदन उसे जाते देखता रहा फिर जब वह कालोनी में चली गई तब वापस लौट आया.

‘कैसे दकियानूसी लोग हैं. आज के जमाने में भी लड़केलड़की को साथ देखा कि कानाफूसी करने लगेंगे. समझते नहीं जमाना बदल गया है. आज के जमाने में जिस लड़के की गर्लफ्रैंड न हो या जिस लड़की का बौयफ्रैंड न हो उसे लल्लू समझते हैं लोग. सुनील और स्नेहा की तरह. कोई स्टाइल नहीं, कोई खूबी नहीं, तभी तो कोई ध्यान नहीं देता.

‘इस उम्र में लड़कालड़की में एकदूसरे के लिए आकर्षण होना तो आम बात है. सभी जानते हैं इस फैक्ट को, पर मान नहीं सकते. रोमा का परिवार ही समझदार है, वरना यहां मां को पता लग गया तो कल ही घर में तूफान खड़ा कर देंगी, कालेज में लड़के नहीं जाते, जो लड़की से दोस्ती कर ली?’ रात बिस्तर पर लेटेलेटे कुंदन ने सोचा.

‘‘कुंदन, अरे ओ कुंदन… घोड़े बेच कर सो रहा है? उठ पुलिस आई है,’’ सुबह पापा ने गुस्से से उसे झिंझोड़ कर जगाया.

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Serial Story: गर्लफ्रैंड (भाग-1)

लेखिका-  रेणु सिंह

’कोई न कोई चाहिए प्यार करने वाला…’

‘‘यार, तू पिटवाए बिना मानेगा नहीं क्या? जहां भी कोई लड़की पास से गुजरती है तू बेहूदे गाने बुदबुदाने लगता है. कल जब उस द्वितीय वर्ष की शीला ने कालर पकड़ लिया था तो कैसे घिग्घी बंध गई थी तेरी. तू अपनी आदत सुधार ले, वरना मैं तेरे साथ उठनाबैठना भी बंद कर दूंगा. तेरे साथ रहने के कारण मुझे भी लोग ब्लैक लिस्ट में डाल देंगे. लफंगा समझेंगे मुझे. ’’ कुंदन को धीमे से गाते सुन कर सुनील झल्ला गया तो वह ढिठाई से मुसकरा दिया.

‘‘अरे यार, ब्लैक नहीं स्मार्ट लिस्ट में आ जाएगा तू. अब कालेज में आ गया है, बड़ा हो गया है. क्या अभी भी स्कूल जाने वाले बच्चे की तरह नजरें नीची किए नाक की सीध में क्लास में आताजाता है? ऐसे तो लोग तुझे बबुआ समझेंगे. जमाना स्टाइल का है यार, यहां स्मार्ट लोगों की कद्र होती है. तेरे जैसे सीधेसादे लड़कों को देख लड़कियां मुंह दबा कर हंसती हैं और पीठ पीछे खिल्ली उड़ाती हैं. शीला ने मेरा कालर झगड़ा करने के इरादे से नहीं, बल्कि मुझे गौर से देखने के लिए पकड़ा था, वरना सोच उस ने फिर अपनेआप कालर छोड़ कैसे दिया? वापस जाते समय शरमा कर मुसकराई भी थी वह.’’

‘‘बस, वह मुसकराना तुझे ही दिखाई दिया था, वरना सारे कालेज ने उसे जलती नजरों से तुझे घूरते हुए ही देखा था. उस का भाई बौक्सर है. अगर उसे पता चल गया तो फिर तुझे भी शरमाना पड़ेगा.’’

‘‘ऐसा कुछ नहीं होगा मेरे भाई, तू शर्त लगा ले. अब ब्लैक ऐंड व्हाइट फिल्मों का जमाना नहीं है. अब लड़कियां बोल्ड होती हैं और उन्हें बोल्ड माचोमैन टाइप के लड़के अच्छे लगते हैं. देखा है, अजीत, कुणाल और संजय को? कपड़ों की तरह गर्लफ्रैंड बदलते रहते हैं. स्टाइल से चश्मा लगाए बाइक धड़धड़ाते आते हैं तो सारी लड़कियों की नजरें उधर ही घूम जाती हैं.’’

‘‘और तुम्हारे जैसे नकलची बंदरों की नजरें भी उठ जाती हैं. उन का रिपोर्ट कार्ड देखा है कभी? हर क्लास में डबल शिफ्ट लगाते हैं.’’

‘‘उफ, तुम्हें समझाना नामुमकिन है. यार, यही तो दिन हैं मस्ती करने के. अब हम बच्चे नहीं रहे, जवान हो रहे हैं. पढ़ाईलिखाई अपनी जगह सही है, पर ये सुनहरे दिन भी तो लौट कर दोबारा नहीं आने वाले. अभी इन का मजा नहीं लिया तो कब लेंगे? साथ में अगर एक हसीन स्मार्ट गर्लफ्रैंड हो, तब देखो, पूरे कालेज में तुम्हारा दबदबा कैसे बनता है. बस, इसी इंतजार में हूं कि उन मोटरसाइकिल सवार हीरो लड़कों की तरह मेरी भी गोटी फिट हो जाए कहीं. पापा को हाथपैर जोड़ कर एक बाइक के लिए मना भी लिया है मैं ने,’’ सरसरी नजर से सीढ़ी पर बैठ कर गप्पें मार रही लड़कियों को देख कर वह बोला.

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‘‘तुझे गर्लफ्रैंड की क्या जरूरत है. मैं तो हूं ही तेरी फ्रैंड और गर्ल भी हूं,’’ स्नेहा पास आ कर बोली.

‘‘तेरे जैसी गर्लफ्रैंड हों तो लड़के जेब में राखियां ले कर घूमेंगे. तुम कपड़े ऐसे पहनती हो जैसी हमारी मांएं अपने जमाने में पहना करती होंगी. क्लास में पूरे वक्त किताब में नजरें गड़ाए बैठी रहोगी. अरे यार, एक पल नजरें उठा कर अगर आसपास के लोगों को एक स्माइल दे दोगी तो कोई भयंकर पाप हो जाएगा और यदि गलती से किसी लड़के ने कंधे पर हाथ रख दिया तो सीधे चप्पल निकाल लोगी.’’

‘‘साले, तेरी पिटाई तो पक्की होगी मेरे हाथ से किसी दिन,’’ स्नेहा बुदबुदाते हुए अपनी क्लास में चली गई.

कुंदन मुसकराते हुए स्टाइल से पास खड़ी लड़की की ओर बढ़ा, जो अपने मोबाइल पर बारबार कहीं फोन लगाने की कोशिश कर रही थी और फोन कट जा रहा था. उस ने जेब से फोन निकाल कर उस की ओर बढ़ाया, ‘‘नैटवर्क नहीं मिल रहा होगा, मेरा फोन ट्राइ करो. कहीं से भी कभी भी लग जाएगा.’’

‘‘ओह, थैंक्यू. ऐक्चुअली मां को बताना था कि मुझे घर आने में देर हो जाएगी, अचानक आर्ट गैलरी जाने का प्रोग्राम बन गया.’’

‘‘वह हाईफाई मौल वाली? बहुत अच्छी है, यू शुड गो. आज तो मैं भी वहां जाने वाला था. तुम्हारा तो लड़कियों का ग्रुप होगा…’’

‘‘नहीं… निखिल और रवि भी हैं.’’

सुनते ही कुंदन का मुंह उतर गया. अगले दिन जब वह काला चश्मा लगाए बाइक धड़धड़ाता हुआ आया तो स्नेहा ने उसे देख कर मुंह बिचका लिया.

‘‘उंह, लंगूर के मुंह में अंगूर.’’

‘‘मैं जानता था कि तू जलभुन जाएगी. नजर मत लगा, तुझे भी लिफ्ट दे दूंगा कभी.’’

‘‘ऐक्सक्यूज मी, तुम्हारे पास ऐक्स्ट्रा पैन है? मेरे पैन का रिफिल खत्म हो गया है और मेरी क्लास है अभी,’’ एक खूबसूरत लड़की ने कैंटीन में कुंदन के पास आ कर पूछा.

‘‘हांहां, है न…’’ कुंदन ने जेब से पैन निकाल कर झट से उस की तरफ बढ़ा दिया.

‘‘थैंक्स, मैं क्लास के बाद लौटा दूंगी. तुम्हें अर्थशास्त्र की क्लास में देखा है मैं ने.’’

‘‘मैं ने भी देखा है तुम्हें… बाइ द वे मेरा नाम कुंदन है, तुम…’’

‘‘मैं रोमा हूं,’’ उस ने मुसकरा कर कहा और अपनी क्लास में चली गई.

‘‘कमाल है, इतनी सारी सहेलियां हैं इस की, उन के पास पैन नहीं मिला इसे, जो कैंटीन में तुझे खोज कर तेरे से मांगने आई है?’’ सुनील ने अचरज से कहा.

‘‘जल गए न? यह सब स्टाइल का कमाल है मेरे दोस्त. मेरी बाइक देख कर वह इंप्रैस हो गई होगी.’’

‘‘और तू उसे देख कर इंप्रैस हो गया. पैन निकाल कर तू ने एकदम पेश कर दिया. अब क्लास में क्या नाखून से लिखेगा?’’ स्नेहा ने मुंह बना कर पूछा.

‘‘तुम दोनों अपनी बकवास बंद करो.’’

‘‘कुंदन तुझे पता भी है कि वह कौन है? हमारे सीनियर संजीव की बहन है वह. तू उसे अपनी बाइक पर बिठाने का ख्वाब भूल जा. सारा कालेज जानता है कि वह रोहित की गर्लफ्रैंड है,’’ सुनील ने बताया.

‘‘हाय, कुंदन घर जा रहे हो?’’ 2 दिन बाद कालेज की सीढि़यां उतरते कुंदन को रोमा ने टोका.

‘‘हां.’’

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‘‘तुम यहां किस का इंतजार कर रही हो?’’

‘‘रिकशे का, घर जाना है न, पर अब सोचती हूं क्यों न तुम्हारे साथ ही चलूं. बड़ी शानदार बाइक है. मुझे एक राइड दोगे?’’

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Hyundai Grand i10 Nios: सेफ्टी

हुंडई  ग्रैंड आई 10 नियोस की बात करें तो अभी तक हमने नियोस कार की बहुत सारे पार्ट्स के खासियत के बारे में जाना हैं. आज हम बात करेंगे नियोस के बॉडी के बारे में तो आईए जानते हैं क्यों खास है नियोस की बॉडी.

ग्रैंड आई 10 नियोस के बहुत सारे पार्टस स्टील के बने हुए हैं. लगभग इसका 65 प्रतिशत हिस्सा स्टील से बना हुआ है. इससे कार की वजन कम होती है और साथ ही साथ इसकी मजबूती भी बढ़ती है.
हुंडई ग्रैंड आई 10 नियोस में दो एयर बैग, ABS के साथ EBD और सीट-बेल्ट प्रेटेंसर भी उपलब्ध है. जो टकराव की स्थिति में यात्री की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है.

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यह जानते हुए कि आप हमेशा हुंडई  ग्रैंड आई 10 नियोस में सुरक्षित हैं #MakesYouFeelAlive.

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