#coronavirus: प्रैग्नेंट महिलाएं रखें खास ख्याल

डॉ सागरिका अग्रवालआईवीएफ एक्सपर्ट , इंदिरा आईवीएफ अस्पताल, नई दिल्ली

कोरोना वाइरस एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है, पिछले कुछ दिनों से हमारे देश में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस केवल बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को ही अपना शिकार नहीं बना रहा है, बल्कि युवा और बच्चे भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में यह चिंता होना स्वाभाविक है कि कोविड-19 का संक्रमण प्रैग्नेंट महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं के लिए कितना खतरनाक है. दरअसल गर्भावस्था में महिलाओं का शरीर कईं बदलावों से गुजर रहा होता है और उनका इम्यून तंत्र भी संवेदनशील हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. तो जानिए प्रैग्नेंट महिलाओं के लिए कितना है खतरा कोविड-19 के संक्रमण का, मां से गर्भस्थ्य शिशु में ट्रांसफर होने की आशंका कितनी होती है? मां और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए कौन-कौनसे कदम उठाए जा सकते हैं?

कोविड-19 और प्रैग्नेंट महिलाएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण का प्रैग्नेंट महिलाओं पर कितना प्रभाव पड़ता है, इसके बारे में अनुसंधान किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं कि प्रैग्नेंट महिलाओं को आम लोगों की तुलना में खतरा अधिक होता है. क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर और इम्यून तंत्र में कईं परिवर्तन होते हैं, जिससे उनमें श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. चूंकि कोरोना वायरस भी श्वसन तंत्र पर ही प्रमुख रूप से अटैक करता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके संक्रमण की आशंका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रैग्नेंट महिलाएं  कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां रखें और सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों को गंभीरता से लें.

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सुरक्षात्मक उपाय

प्रैग्नेंट महिलाएं अपने आपको कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए निम्न उपाय करें.

  • रोजमर्रा कार्य के लिए घर से बाहर बिल्कुल न निकलें, केवल आपात स्थितियों में ही बाहर जाएं.
  • जब भी जरूरी हो साबुन और पानी से अपने हाथों को धोएं या हाथों को साफ रखने के लिए सेनेटाइज़र का इस्तेमाल करें.
  • लोगों से दूर रहें, अगर गलती से किसी के नज़दीक भी चली जाएं तो तुरंत दूर हो जाएं.
  • छींकने या खांसने के लिए रूमाल की बजाय टिशु पेपर का इस्तेमाल करें. इस्तेमाल किए हुए टिशु पेपर को अच्छी तरह फोल्ड करके तुरंत डस्टबिन में डाल दें.
  • अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार-बार हाथ न लगाएं.
  • उन लोगों से दूर रहें जो बीमार हैं.
  • अगर कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • बहुत जरूरी हो तभी डॉक्टर के पास जाएं, आप वीडियो कॉल के द्वारा भी डॉक्टर से कंसल्टेशन प्राप्त कर सकती हैं.

तो सतर्क हो जाएं

अगर आप में निम्न में से एक या अधिक लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीक स्थित किसी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं या सरकार द्वारा उपलब्ध कराए इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करें;

  • सांस लेने में परेशानी होना.
  • शरीर में उर्जा की कमी और अत्यधिक थकान.
  • तेज बुखार.
  • लगातार कईं दिनों तक खांसी रहना.
  • सूंघने और स्वाद को पहचाने की क्षमता प्रभावित होना.

क्या गर्भस्थ शिशु के लिए बढ़ जाता है खतरा

सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि प्रैग्नेंट महिला जो कोविड-19 से संक्रमित है वो गर्भावस्था या प्रसव के दोरान अपने गर्भस्थ शिशु में इस संक्रमण को पास कर सकती है. क्योंकि एम्नियॉटिक फ्ल्यूड, ब्रेस्ट मिल्क या दूसरे मैटर्नल फ्ल्यूड्स के नमूनों में वायरस नहीं मिला है. लेकिन सभी प्रैग्नेंट महिलाएं जो कोविड-19 से संक्रमित है या संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें गर्भावस्था, प्रसव और बच्चे के जन्म के पश्चात विशेष देखभाल की जरूरत है.

क्या कोविड-19 से संक्रमित महिला स्तनपान करा सकती है

कोविड-19 से संक्रमित महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं, लेकिन उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए;

  • रेस्पिरेटरी हाइजीन का ध्यान रखें;जब भी बच्चे को स्तनपान कराएं मॉस्क जरूर लगाएं.
  • अपने बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को जरूर धोएं.
  • बच्चे से दूरी बनाकर रखें, स्तनपान के दौरान या जब बहुत जरूरी हो तभी उसे अपने नज़दीक रखें.
  • कमरे की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें.

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स्वस्थ्य गर्भावस्था के लिए टिप्स

  • संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें ताकि शरीर बच्चेके विकास और मां के शरीर में हो रहे बदलावों के लिए तैयार हो सके.
  • गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम, फोलेट और आयरन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रतिदिन सप्लीमेंट्स का सेवन जरूर करें.
  • रात में कम से कम आठ घंटे और दिन में दो घंटे सोना चाहिए. अनिद्रा के कारण शरीर की लय गड़बड़ा जाती है.
  • गर्भावस्‍था के दौरान भी अपनी सामान्‍य दिनचर्या जारी रखें. घर का काम करें,, रोज आधा घंटा टहलें.
  • धुम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुन न करें.
  • कैफीन (चाय, कॉफी आदि) का सेवन सीमित मात्रा में करें.
  • अपने भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखें; गर्भावस्था के दौरान होने वाले मूड स्विंग से बचने और मानसिक षांति बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 15-20 मिनिट ध्यान जरूर लगाएं.
  • कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय करें, लेकिन अनावश्यक तनाव न पालें.

अडल्ट कंटेंट के औफर देने वालों पर भड़क जाती हैं Rashami Desai, करती हैं ये काम

बिग बॉस 13 फेम एक्ट्रेस रश्मि देसाई (Rashami Desai) टीवी के कईं हिट सीरियल्स में नजर आ चुकी हैं. साथ ही वह फैंस के बीच अपनी पहचान भी बना चुकी हैं. वहीं इन दिनों रश्मि देसाई (Rashami Desai) एकता कपूर के पौपलुर सुपरनैचुरल ड्रामा नागिन 4 में नजर आ रही हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि रश्मि देसाई को सफल करियर के पीछे कितनी मेहनत करनी पड़ी है और वह कितनी मुश्किलें भी उठा चुकी हैं. आइए आपको बताते हैं रश्मि देसाई के करियर के खुलासों के बारे में….

अडल्ट कंटेट में काम करने के मल चुके हैं औफर

 

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अडल्ट कंटेंट शो में काम करने का ऑफर देता है तो रश्मि देसाई भड़क जाती हैं, जिसका खुलासा उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में किया है. रश्मि देसाई ने बताया है कि वह घटिया और अडल्ट कंटेंट के ऑफर्स आने पर पहले तो सामने वाले की पूरी बात सुनती हैं. एडल्ट कंटेंट देखकर उनको यकीन हो जाता है कि ये प्रोजेक्ट उनके लायक नहीं है. ऐसे में रश्मि देसाई अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाती हैं. साथ ही रश्मि देसाई ने ये भी बताया है कि वो अडल्ट कंटेंट का ऑफर देने वाले को जमकर खरीखोटी सुनाती हैं.

 

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भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी हैं रश्मि

 

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रश्मि देसाई ने इस बात का भी खुलासा किया कि वह भोजपुरी फिल्मों में भी हाथ आजमा चुकी हैं. भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग के दौरान उनकी मम्मी सेट पर उनके साथ जाती थीं और उनका पूरा ख्याल रखती थीं.

बता दें, एक्ट्रेस रश्मि देसाई जल्द ही एक म्यूजिक एलबम में नजर आने वाली हैं. ‘सलाम है तुमको’ (Salaam Hai Tumko) नाम की म्यूजिक वीडियो के जरिए रश्मि देसाई कोरोना वायरस वॉरियर्स को ट्रिब्यूट देती नजर आएंगी. वहीं इस गाने में रश्मि के साथ और भी कई सेलेब्स नजर आने वाले हैं.

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स्मार्ट मेकअप टिप्स से करें गरमी में सीसी क्रीम से दोस्ती

रोजमर्रा में लाइट मेकअप के लिए सीसी क्रीम एक बेहतरीन विकल्प है. यह त्वचा को हैल्दी बनाती है और चेहरे से दागधब्बों को छिपाती है. सजनासंवरना आज हर किसी को भाता है, लेकिन मेकअप के नाम पर कुछ भी इस्तेमाल कर लेना आज महिलाओं को पसंद नहीं है. आज की महिलाएं कम समय में ज्यादा लाभ देने वाले प्रोडक्ट्स की तलाश में रहती हैं और डेली में लाइट मेकअप करना पसंद करती हैं. पहले जहां मेकअप के लिए हैवी फाउंडेशन का इस्तेमाल किया जाता था, वहीं आज इंस्टैंट ग्लो के लिए सीसी क्रीम का प्रयोग खूब किया जा रहा है.

सीसी क्रीम

सीसी क्रीम को कौंप्लैक्शन करैक्टर यानी रंग सुधारक क्रीम भी कहा जाता है. जो रंगत को समान करने के साथसाथ कलर टोन उभारने में भी मदद करती है. इस में सनस्क्रीन मौजूद है, जो सूर्य की अल्ट्रावायलैट किरणों से आप की रक्षा करती है. चेहरे के दागधब्बों को आसानी से छिपाने में मदद करती है. क्रीम एक काम अनेक डेली मेकअप के चहेतों के लिए सीसी क्रीम अच्छा विकल्प है. यह स्किन की रंगत को निखारती है. अगर आप की स्किन पर लाइट, डार्क पैच हैं, तो यह उन्हें भी छिपाती है. इस के अलावा सीसी क्रीम स्किन के साथ आसानी से ब्लैंड हो जाती है.

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मौइश्चराइज के साथ सन प्रोटेक्शन….

यह मौइश्चराइज के साथ सन प्रोटेक्शन देती है. इस एक क्रीम में मौइश्चराइजर सनस्क्रीन, फाउंडेशन बेस और कंसीलर के सारे गुण मौजूद होते हैं.

कैसे प्रयोग करें

सीसी क्रीम सीसी क्रीम प्रयोग करने से पहले आप के लिए यह जानना जरूरी होगा कि इसे लगाने का सही तरीका क्या है, क्योंकि ड्राई, औयली और सैसिटिव स्कीन पर सीसी क्रीम लगाने का तरीका अलग होता है.

अलग-अलग स्किन के लिए अलग है तरीका…

अगर आप ड्राई स्क्रीन पर सीसी क्रीम लगा रही हैं, तो पहले मौइश्चराइजर अप्लाई करें और फिर सीसी क्रीम लगाएं. लेकिन अगर आप औयली स्किन पर लगा रही हैं तो आप इसे सीधे ही अप्लाई कर सकती हैं.

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स्किन पर आती है चमक…

सीसी क्रीम बड़ी जल्दी से ब्लैंड हो जाती है. इसे लगाने से चेहरे पर ग्लो आता है और चीक्स हाईलाइट हो जाते हैं. आप की स्किन शाइन करती है और यह लंबे समय तक टिकी रहती है. सीसी क्रीम को लगा कर आप कूल मेकअप लुक पा सकती हैं.

सीसी का चुनाव कैसे करें?

स्पावेक की सीसी क्रीम हरएक महिला की जरूरत को पूरा करती है. यह सीसी क्रीम सभी की मेकअप किट का आवश्यक हिस्सा बन चुकी है. गर्मियों में यह मेकअप के साथसाथ 10 घंटों तक यूवी और एयर पौल्यूशन से प्रौटैक्शन भी देती है. लेकिन फलालेस लुक चाहिए, तो इस के लिए सही सीसी क्रीम को चुनना जरूरी है.

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मार्केट में ऐसे कई विकल्प मौजूद हैं, जो कम समय और कीमत में आप को बेहतरीन लुक देने का दम भरते हैं लेकिन थोड़ी सी समझदारी दिखाइए और हमेशा अच्छे ब्रैंड की सीसी क्रीम ही खरीदें.

Ayushmann Khurrana भी झेल चुके हैं कास्टिंग काउच का दर्द, किए कईं खुलासे

बौलीवुड के कई सेलेब्स कास्टिंग काउच का दर्द झेल चुके हैं, जिस पर कई लोग अपने दर्द को बयां कर चुके हैं. वहीं अब इसमें आयुष्मान खुराना का भी नाम शामिल हो गया है.

फिल्म ‘विक्की डोनर’ से बौलीवुड में एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) आज “बॉलीवुड की हिट मशीन” के नाम से जाना जाता है. बॉक्स ऑफिस पर लगातार 6 सुपरहिट फिल्में हिट देने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) के साथ हर कोई काम करना चाहता है, लेकिन अब उन्होंने कास्टिंग काउच को लेकर बड़ा खुलासा किया है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

आयुष्मान का खुलासा

 

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Woh saamne waali building kuch din pehle seal ho gayi. Aur tab se aas pados ke logon ki zindagi thodi tabdeel ho gayi. Ussi building ke neeche waali dukaan se toh ghar ka samaan aata tha. Woh bimaari ke baare mein pehle bata deta toh kya jaata tha. Aaj hum dare hue hain. Jeevit hain par mare hue hain. Aaj lagta hai kaash kar dein sab kuch theek is duniya ko karke rewind. But believe me this is nothing but the collective karma of mankind. Salaam hai usko jo sadkein saaf karta hai, kachra le kar jaata hai, ghar ka saamaan le kar aata hai. Aur phir apne ghar jaata hai. Par humne unko kabhi izzat dee hee nahi. Hum paise waale hain. Humare baap ka kya jaata hai. Aur woh bechaara darta hai ki coronavirus uske parivaar ko na ho jaaye. Woh apne chote bachche ko choo nahi paata hai. Yeh ameer gareeb ka insaaniyat se pare ka naata hai. Is desh ko gareeb hee chalata tha. Gareeb hee chalayega. Humein is samay bhi sab suvidhaaen gareeb hee dilaayega. Ab jab sab theek ho jaayega toh in logon ko izzat dena. Koi kaam chota nahi hota yeh baat apne palle baandh lena. Aaj doctor nurses, police, humaare security gaurd hain sabse zyaada kaam ke Hum sab Bollywood hero hain bas naam ke Hum bas paise de sakte hain. Hathiyaar de sakte hain. Ladhna unko hai. Unhi ko sab kuch sehna hai. Humko toh sirf ghar pe rehna hai. Humko toh sirf ghar pe rehna hai.

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आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) ने बताया है कि, एक वक्त ऐसा भी था जब ए-ग्रेड की अदाकाराएं उनके साथ स्क्रीन स्पेस शेयर नहीं करना चाहती थीं. आयुष्मान खुराना ने बताया है कि, ‘एक कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे कहा था. अगर आप मुझे अपना टूल दिखाएंगे तो मैं आपको मुख्य भूमिका दूंगा. मैंने उसे बताया कि मैं उस तरह का इंसान नहीं हूं और मैंने विनम्रता से उसके ऑफर को अस्वीकार कर दिया.’

 

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Entertainer of the Year #ZeeCineAwards

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बौलीवुड जर्नी को लकर आयुष्मान ने कही ये बात

बॉलीवुड में अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए आयुष्मान खुराना ने कहा, ‘शुरुआत में जब मैं ऑडिशन देने जाता था तो एक कमरे में एक ही कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन करता था लेकिन बाद में लोग बढ़ने लगे और एक कमरे में 50-50 लोग तक रहने लगे. जब मैं इसका विरोध करता था तो ऑडिशन लेने वाले मुझे वहां से जाने को कहते थे.’

 

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‘अब मैं असफलता से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार रहता हूं क्योंकि मैंने अपने शुरुआती दिनों में इस तरह की काफी चीजें देखी हैं. अब ऐसी चीजें मेरे साथ दोबारा होती हैं तो मैं इन्हें बेहतर तरीके से हैंडल कर सकता हूं. यहां हर शुक्रवार को नई चीजें देखने को मिलती हैं. मेरे खाते में पिछले 2-3 सालों से अच्छे शुक्रवार आ रहे हैं, जिसके लिए मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूं.’

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बता दें, हाल ही में आयुष्मान खुराना की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान रिलीज हुई थी, जिसमें वह गे के रोल में नजर आए थे. वहीं इस रोल में उनकी काफी तारीफ हुई थी.

#coronavirus: अब एंटी-वायरस कार

‘कार बिना जीना कहां रे’ की सोच रखने वालों के लिए मौजूदा वायरसी तांडव के बीच खुशखबरी है. बाजार में ऐसी कार आने वाली है जो वायरसप्रूफ होगी.

कहा जा रहा है कि नोवल कोरोना वायरस खत्म नहीं होगा, इसके संग जीना सीखना होगा. देशबंदी एक न एक दिन खत्म करनी ही पड़ेगी. सभी देशवासियों को एहतियात बरतना होगा. वायरस से खुद को बचाना होगा.

कोविड-19 महामारी के जारी तांडव के बीच,  विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ के एक प्रतिनिधि ने चेतावनी दी है कि संभव है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन कभी विकसित ही न की जा सके. हालांकि, दुनियाभर के शोधकर्ता और वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं.

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ऐसे हालात के दरम्यान, चीन की कार कंपनी जीली ने एंटी-वायरस कारें तैयार करने की 52 मिलियन डौलर की परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है. इस परियोजना के तहत तैयार की जाने वाली कारों की ख़ास बात यह होगी कि वे गाड़ी में सवार लोगों को वायरस से भी बचाएंगी.

कंपनी ने गाड़ी की स्टेयरिंग, गेयर और दरवाज़ों के हैंडल को वायरस से बचाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल पदार्थ भी तैयार किया है जो स्टेयरिंग, गेयर, बटन और दरवाज़ों के हैंडल को स्टरलाइज़ करता रहेगा.

एक इंग्लिश डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जीली कंपनी ने जिस परियोजना पर काम शुरू किया है वह दूसरी कंपनियों के लिए भी आकर्षक है और कोरोना वायरस के दौर में निश्चितरूप से इसका बड़ा स्वागत किया जाएगा.

जीली कंपनी का दावा है कि वह गाड़ी के भीतरी वातावरण को उसी तरह सुरक्षित बना देगी जिस तरह पीपीई के प्रयोग से इंसान सुरक्षित हो जाता है.

डा. डेविड नाबैरो, जो इम्पीरियल कालेज लंदन में विश्व स्वास्थ्य के प्रोफ़ैसर होने के साथ डब्लूएचओ प्रतिनिधि हैं, ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, “कुछ वायरस ऐसे हैं, हम आज तक जिनकी वैक्सीन तैयार नहीं कर सके हैं. हम पूरे विश्वास से नहीं सकते हैं कि कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो जाएगी या तैयार हो रही है. इसलिए कि एक वैक्सीन को सुरक्षा व प्रभाव की दृष्टि से कई परीक्षणों से गुज़रना होता है.”

हां, कोरोना वायरस का इलाज विकसित किया जा सकता है, लेकिन दुनिया में वर्षों तक कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रह सकता है. संक्रमण व मौतें होने के साथसाथ समयसमय पर लौकडाउन लागू करने की ज़रूरत पड़ सकती है.

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नाबैरो के मुताबिक़, कोरोना वायरस के जैसे ही सामान्य राइनो वायरस और एडेनो वायरस के लिए भी वैक्सीन विकसित करना एक चुनौती बनी हुई है.

इन सबके मद्देनजर, वायरसप्रूफ गाड़ियों का सड़क पर दौड़ना स्वास्थ्य के लिए मुफीद होगा ही. उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में भारतीय वाहन निर्माता कंपनियां भी एंटी-वायरस कारें बनाएंगी.

शादी के 8 साल बाद भी मैं मां नहीं बन पा रही हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 35 साल की विवाहित महिला हूं. मेरी शादी को 8 साल हो गए हैं, लेकिन मैं मां नहीं बन पा रही हूं. डाक्टर की जांच के अनुसार मेरी रिपोर्ट नौर्मल है और पति के स्पर्म की संख्या भी सही है. बावजूद इस के मेरे साथ यह समस्या हो रही है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप की जांच रिपोर्ट नौर्मल है, तो आप को हताश नहीं होना चाहिए. आप दोनों प्रयास करते रहें. कोशिश करें कि आप दोनों पीरियड्स आने से 10-15 दिन पहले शारीरिक संबंध बनाएं. इस से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है. अगर इस से भी लाभ नहीं मिलता तो आप आईवीएफ तकनीक की मदद ले सकती हैं.

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डौ. अर्चना धवन बजाज बांझपन उपचार और आईवीएफ के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में एमबीबीएस, डीजीओ, डीएनबी और एमएनएएस की डिग्रियां हासिल करने के बाद उन्होंने यूके स्थित नॉटिंघम विश्वविद्यालय से मेडिकल रिप्रोडक्टिव टेक्नोलौजी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की है. वे हैचिंग, वीर्य भू्रण के संरक्षण, ओवरियन कौर्टिकल पैच, क्लीवेज स्टेज भ्रूण पर ब्लास्टमोर बायोप्सी और ब्लास्टक्रिस्ट की अग्रणी विशेषज्ञ हैं. दिल्ली में नर्चर आईवी क्लिनिक की निदेशक के तौर पर काम करते हुए डौ. बजाज ने स्त्रीरोग विशेषज्ञ, एक परामर्शदाता, प्रसूति विशेषज्ञ और फर्टिलिटी एंड आईवीएफ विशेषज्ञ के तौर पर विशेष ख्याति पायी है.

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जब एक बिल्ली बीमार बच्चे को लेकर अस्पताल जा पहुंची

कोरोना महामारी से जहां पूरे विश्व में दहशत का माहौल है, वहीं कुछ ऐसी खबरें भी वायरल हो जाती हैं जिन्हें देख कर मन खुश हो जाता है. हाल ही में एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक कुत्ता पानी में डूब रहा होता है कि तभी एक अन्य कुत्ता उसे बचाने आ जाता है. वह लकङी के एक डंडे को मुंह से दबा कर डूब रहे कुत्ते की ओर बढ़ाता है, जिसे डूब रहा कुत्ता मुंह से पकङ कर बहते पानी से बाहर आ जाता है. लेकिन हाल ही में एक ऐसी तसवीर सामने आई है जिसे देख करकोई मुसकराए बिना नहीं रह सकता.

वायरल खबर के अनुसार एक बिल्ली का बच्चा बीमार हुआ तो उस की मां उसे मुंह में दबाए अस्पताल पहुंच गई.

पहले तो वहां अस्पताल के स्टाफों को आश्चर्य हुआ लेकिन जल्दी ही वे समझ गए कि माजरा क्या है.

1) फोटो में देखिए कि बिल्ली का बच्चा काफी बीमार और कमजोर नजर आ रहा है और उस की मां उसे अस्पताल ले कर आई हुई है.

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2) जैसे ही बिल्ली उसे अस्पताल ले कर आती है, वहां के स्टाफ पहले बिल्ली को खाना खिलाते हैं और पीने के लिए दूध देते हैं.

3) अस्पताल के स्टाफ उस बीमार बिल्ली के बच्चे को ले कर अस्पताल के अंदर चले जाते हैं और बिल्ली वहीं बैठ जाती है.

सोशल मीडिया पर यह तसवीर खूब वायरल हो रही है और इसे लोग जम कर लाइक्स और कमैंट्स भी कर रहे हैं.

इसे अस्पताल के एक स्टाफ ने ही ट्विट किया और कहा,”आज हम इमरजैंसी में थे कि तभी यह बिल्ली मुंह में अपने बच्चे को दबाए आ गई.”

महज कुछ ही घंटों में इस वायरल खबर को 1 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके थे.

वायरल खबर के अनुसार यह घटना तुर्की के इंस्ताबुल की है जहां हजारों बिल्लियां रहती हैं. अच्छी बात यह है कि यहां के लोग बिल्लियों के साथ ही जीते हैं और कोई इन्हें परेशान नहीं करता.

अब लोग जहां अस्पताल के स्टाफ की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं एक बिल्ली की ममता देख कर बेहद खुश हो रहे हैं. पर यह शुक्र है कि घटना हमारे देश की नहीं है, जहां लोग आज भी बिल्लियों को अंधविश्वास की नजर से ही देखते हैं. कुदरत हर प्राणी को जीने का अधिकार देता है मगर इसे इंसान समझता कहां है?

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https://www.youtube.com/watch?v=48AbFwlXfFI

#coronavirus: PMNRF की मौजूदगी के बावजूद पीएम केयर्स फंड क्यों?

प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों से निबटने के लिए आजादी के बाद देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय राहत कोष बनाया था. अभी नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से उभरी कोविड-19 आपदा की चुनौतियों से निबटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 28 मार्च को पीएम केयर्स (प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस) फंड बनाया गया है.

मालूम हो कि ऐसी चुनौतियों से जूझने के लिए आज़ादी के 6 महीने बाद ही जनवरी 1948 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष यानी प्राइम मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड (पीएमएनआरएफ) बना लिया गया था, जो आज भी मौजूद है. बहरहाल, दोनों राहत फंड्स एकजैसे हैं या यों कहें कि पीएमएनआरएफ की फ़ोटोकौपी है पीएम केयर्स फंड. इसीलिए, यह सवाल लाज़िमी है कि जब बिलकुल हुबहू फंड पहले से मौजूद था तो फिर एक और नया बनाने की क्या ज़रूरत थी?

मोदी सरकार से इस बुनियादी सवाल को कई बार पूछा गया. सरकार की तरफ से बताया गया कि, ‘पीएमएनआरएफ का संबंध सभी तरह की आपदाओं से है, जबकि पीएम केयर्स को ख़ासतौर पर कोरोना संकट को देखते हुए बनाया गया है.’ यह जवाब भ्रामक है क्योंकि पीएमएनआरएफ की वैबसाइट पर साफ़साफ़ लिखा है कि इस फंड का इस्तेमाल किसी भी ‘प्राकृतिक आपदा’ में राहत और बचाव के लिए होगा. अब सवाल यह बचा कि क्या कोरोना की आफ़त को ‘प्राकृतिक आपदा’ का दर्ज़ा हासिल नहीं है? बिल्कुल है. पूरी तरह से है. तालाबंदी के वक़्त से ही मोदी सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 को लागू कर रखा है.  इसी के मुताबिक़, केंद्र सरकार की हिदायतों का पालन करना राज्यों के लिए अनिवार्य बनाया गया है.

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आयकर क़ानून 1961 के अनुसार, दोनों फंड्स को चैरिटेबल ट्रस्ट का दर्ज़ा हासिल है. दोनों फंड्स में सिर्फ़ दानदाताओं से प्राप्त चंदे को ही रखा जा सकता है. दोनों फंड्स ग़ैरसरकारी श्रेणी के हैं. हालाँकि दोनों के इस्तेमाल की शक्ति प्रधानमंत्री के ही पास है लेकिन दोनों फंड्स में कोई सरकारी धन नहीं डाला जा सकता. दोनों फंड्स को एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) की रोकटोक से छूट हासिल है. दोनों फंड्स में दी जाने वाली रक़म को आयकर क़ानून की धारा 80-जी से छूट हासिल है. दोनों फंड्स में सीएसआर यानी कौरपोरेट सोशल रिस्पौंसिबिलिटी पौलिसी की रक़म भी डाली जा सकती है. कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार, हरेक कौरपोरेट कंपनी सीएसआर पौलिसी से बँधी हुई है. इसके तहत, उसके लिए बीते वित्तीय वर्ष के मुनाफ़े में से 2 फ़ीसदी रक़म सामाजिक कार्यों पर ख़र्च करना अनिवार्य है.

क्या ज़बरन है वेतन कटौती?

जनता के लिए पीएम केयर्स और पीएमएनआरएफ दोनों ही फंड्स में दान या अंशदान देना पूरी तरह से स्वैच्छिक है. लेकिन सरकार ने बाद में नीतियों में बदलाव करके इस ‘स्वैच्छिक’ का चरित्र बदल दिया. 17 अप्रैल को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से जारी हुए सर्कुलर में सरकारी कर्मचारियों से अपील की गई थी कि वे मार्च 2021 तक हर महीने अपनी एक दिन की तनख़्वाह को पीएम केयर्स फंड में दान करें. इसी सर्कुलर में यह भी लिखा था कि, ‘जो कर्मचारी स्वेच्छा से दान करना चाहते हैं वे अपने वेतन विभाग को इसकी लिखित अनुमति दें.’ लेकिन 12 दिनों बाद 29 अप्रैल को राजस्व सचिव ने पिछले सर्कुलर में रद्दोबदल करके यह लिख दिया कि, ‘जो कर्मचारी स्वेच्छा से दान नहीं करना चाहते हैं वे अपने वेतन विभाग को लिखित में सूचना दें.’

साफ़ है कि बहुत चतुराई से और चुटकी बजाकर सरकार ने ‘नहीं’ शब्द का इस्तेमाल करके व्यावहारिक तौर पर पीएम केयर्स फंड को भरने का रास्ता बना लिया. इस सर्कुलर का कमाल यह रहा कि अप्रैल से ही कर्मचारियों के वेतन में एक दिन की कटौती लागू हो गई. अब जिसे अपनी तनख़्वाह नहीं कटवानी, जिसे ‘ज़बरन’ दान देने से ऐतराज़ है वह अपने वेतन विभाग को लिखकर दे और कटौती रुकवाए. इसीलिए, करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को लग रहा है कि कोरोना की आफ़त के नाम पर पीएम केयर्स फंड बनाकर सरकार उनसे जबरन वसूली कर रही है. उधर, सरकार ख़ुश है कि उसकी अपील को देखते हुए सभी कर्मचारी कथित ‘स्वेच्छापूर्वक’ क़ुर्बानी दे रहे हैं.

हां, पीएमएनआरएफ के लिए कभी भी ऐसी कोशिश नहीं की गई. हालाँकि, अतीत में भी अनेक आपदाओं के वक़्त सरकारें अपने कर्मचारियों से वेतन का कुछ अंश दान देने की अपील करती रही हैं, लेकिन पिछले दरवाज़े से होने वाली ज़बरन कटौती का खेल पहले कभी नहीं हुआ.

अब सवाल यह है कि पीएम केयर्स और पीएमएनआरएफ में क्या कोई भी अंतर नहीं है? जवाब है, कुछेक फ़र्क़ ज़रूर हैं. मसलन, पीएमएनआरएफ के इस्तेमाल की सारी शक्तियां प्रधानमंत्री कार्यालय के पास हैं जबकि पीएम केयर्स फंड के मामले में ये शक्तियां पदेन ट्रस्टियों के समूह को दी गई हैं. दोनों फंड्स के बीच अगला फर्क यह है कि पीएम केयर्स में जहाँ न्यूनतम 10 रुपए जमा किए जा सकते हैं, वहीं पीएमएनआरएफ के लिए यह सीमा 100 रुपए की है. दोनों फंड्स के बीच आख़िरी अंतर यह है कि एक को नेहरू ने बनाया था, तो दूसरे को मोदी ने.

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बहरहाल, यह अब भी समझ से परे ही है कि पीएमएनआरएफ के रहते पीएम केयर्स फंड क्यों बनाया गया. शायद इसी वजह से विपक्षी पार्टियां पीएम केयर्स को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर शक करती हैं. विपक्षी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कई बार यह शंका जाहिर कर चुके हैं कि भविष्य में फंड का मनमाना इस्तेमाल किया जा सकता है.

Summer में ट्राय करें कसौटी जिंदगी के 2 एक्ट्रेस Aamna Sharif का चिकन कुर्ती फैशन

सीरियल कहीं तो होगा (Kahin toh hoga) से टीवी इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाली आमना शरीफ (Aamna Sharif) ने हाल ही सीरियल कसौटी जिंदगी के 2 (Kasautii Zindagii Kay 2) में कौमोलिका के रोल में एंट्री की थी. लेकिन इन दिनों लॉकडाउन बढ़ने के कारण वह शो की शूटिंग नही कर रही हैं, जिसके कारण आमना (Aamna Sharif) अब सोशल मीडिया पर अपने फैशन के जरिए फैंस का दिल जीत रही हैं.

आमना शरीफ(Aamna Sharif) शरारा और चिकन कुर्तियों की शौकीन हैं. अगर आप भी समर फैशन में कुछ नया और कम्फरटेबल लुक ट्राय करना चाहती हैं तो आमना शरीफ (Aamna Sharif) का चिकन कर्ती फैशन ट्राय करना ना भूलें.

1. peach कलर है परफेक्ट

 

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Alhamdulillah..

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टीवी स्टार आमना शरीफ को चिकन की कढ़ाई से जबरदस्त लगाव है. वह अलग-अलग तरह के चिकन की कुर्तियां, इन दिनों रमजान के दिनों में पहन रही हैं. कसौटी जिंदगी के 2 (Kasautii Zindagii Kay 2) स्टार आमना शरीफ ने हाल ही में पीच कलर की इस चिकन कारीगरी की कुर्ती पहनकर अपनी फोटो क्लिक करवाई, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं.

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2. समर के लिए परफेक्ट है पिंक कलर

 

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RAMADAN KAREEM outfit @inshacreationsnx

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आमना शरीफ (Aamna Sharif) के पास चिकन की कुर्तियों का कलेक्शन है. इनमें से एक है आमना की पिंक कलर में चिकन कुर्ती. अगर आप पिंक कलर की शौकीन हैं तो आमना की ये चिकन कुर्ती आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

3.  काले रंग की कुर्ती में भी हैं शानदार कढ़ाई

 

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Find comfort in the chaos…. @inshacreationsnx

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आमना शरीफ ने काले रंग की कढ़ाईदार कुर्ती को पहनकर भी अपनी फोटो शेयर की थी. ब्लैक कलर आप किसी भी कलर के साथ या जींस के साथ पहन सकती हैं. ये आपके लुक को ट्रैंडी बनाने में मदद करेगा.

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4. रमजान में पहन रही हैं शानदार कुर्तियां

 

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अदाकारा रमजान के दिनों में रोजाना एक से बढ़कर एक शानदार कुर्तियां पहन रही हैं. अगर आप कहीं या घर पर ही रमजान पार्टी का सोच रही हैं तो आमना की ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

5. समर के लिए परफेक्ट है ये कलर

 

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Who said you cant wear same bangles everyday 💛 @inshacreationsnx

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अगर आप समर कलेक्शन में नए आउटफिट जोड़ना चाहती हैं तो आमना की यह यैलो कलर की चिकन कुर्ती आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ये आपको समर में कम्फरटेबल और सुकून देगी.

समर में 10 टिप्स से बनाएं स्किन को हेल्दी

टेम्परेचर बढ़ने के साथ ही साथ गर्मियों का आगमन हो गया है. समर्स आने के साथ दिनों दिन ह्यूमिडिटी और गर्मी भी बढ़ती जा रही है. यह चिलचिलाती गर्मी, पल्युशन और ह्यूमिडिटी स्किन की नेचुरल चमक को मिटा सकती है और कभी-कभी अनेक प्रकार के स्किन इन्फेक्शन्स को भी आमंत्रित कर सकते हैं. गर्मियों में ऑयली स्किन और ज्यादा ऑयली और ड्राई स्किन और ज्यादा रफ़ और खुरदरी दिखाई देने लगती हैं.

गर्मियों में हार्श सनलाइट अधिक मेलेनिन पिगमेंट्स का प्रोडक्शन करके स्किन टैनिंग का कारण बन जाती है और अधिक मेलेनिन डार्क स्किन, उम्र के साथ सनबर्नड स्किन और कैंसर का कारण बन जाती है. समर्स के दौरान गर्मी स्किन के छोटे-छोटे पोर्स खोल देती हैं, जिससे ऑयल और गन्दगी उसमे फंस जाती है. इसके कारण स्किन पर पिम्पल्स और एक्ने जैसी अनेक तरह की बीमारियाँ होने का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में अपनी स्किन को बीमारियों से बचाने के लिए आप कुछ टिप्स अपना सकते हैं.

गर्मियों में हेल्दी स्किन के लिए टिप्स- डॉ. अजय राणा

विश्व प्रसिद्ध डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन, संस्थापक और निदेशक, आईएलएएमईडी बता रहे 10 हेल्दी टिप्स.

1. फेशिअल स्किनकेयर रूटीन के लिए हमेशा एंटीऑक्सीडेंट्स का इस्तेमाल करें. यह एंटीऑक्सीडेंट सीरम स्किन को हाइड्रेट करता है और अनेक तरह के एनवायर्नमेंटल डैमेज से भी स्किन को बचाता है. ये एंटीऑक्सिडेंट कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा देने में मदद करते है और हानिकारक फ्री रैडिकल्स से स्किन के नुकसान को रोकते हैं.

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2. समर्स वह समय है जब स्किन को ह्यूमिडिटी के साथ-साथ हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है. इसीलिए गर्मियों में खासकर खूब पानी पिए और नियमित रूप से अच्छे हाइड्रेटिंग मास्क का उपयोग करें. इन मास्क का उपयोग स्किन लेयर को रिपेयर, रिहाइड्रेट और शांत करने के लिए किया जाता है.

3. गर्मियों में, समर्स के लिए उपयुक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग करें. गर्मियों में, उन उत्पादों का उपयोग करें जो आपकी स्किन को नेचुरल रूप से साँस लेने दें. हल्के लोशन और सीरम का उपयोग करें जो आपकी स्किन को हेल्दी और स्मूद बनाये.

4. समर में, जब भी बाहर जाते हैं तो सूरज की यूवी रेज़ आपकी स्किन के लिए हानिकारक हो सकती है. इसलिए ऐसी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें जो आपकी स्किन में चमक लाए और आसानी से एब्सॉर्ब हो जाए. गर्मियों में उपयोग करने के लिए मिनिमम 30 एसपीएफ़ वाला सनस्क्रीन सबसे अच्छा होता है.

5. नींबू और टमाटर को अपनी स्किन में लगायें. ये आपकी स्किन को फ्रेश बनाए रखने के लिए बहुत अच्छे होते हैं. टमाटर के रस का उपयोग करें और नियमित बर्फ-ट्रे का उपयोग करके रस को फ्रीज करें. इसे सौम्य के स्क्रब रूप में नियमित रूप से इस्तेमाल करें और रस को स्किन की लेयर पर पहले सूखने दें, फिर इसे पानी से धो लें. टमाटर में मौजूद लाइकोपीन हेल्दी स्किन केलिए बहुत अच्छा होता है.

6. गर्मियों के दौरान हेल्दी स्किन के लिए बेसिक स्किनकेयर रूटीन सबसे महत्वपूर्ण रूल है कि अपनी स्किन को एक्सफोलिएट करें. गर्मियों में बॉडी ड्राईनेस के कारण स्किन सेल्स को छोड़ देती है. इसके लिए एक नियमित इंटरवल पर स्किन को एक्सफोलिएट करें इससे स्किन की डलनेस और ड्राई लेयर दूर हो जाती है.

7. समर्स के दौरान कम मेकअप का इस्तेमाल सबसे अच्छा होता है. हार्श धूप और चिलचिलाती गर्मी के समय नेचुरल लुकऔर नेचुरल स्किन ही सबसे अच्छी होती है. कम से कम मेकअप का इस्तेमाल करें जैसे फाउंडेशन, पैची स्किन से बचने के लिए एसपीएफ़ वाले फेस पाउडर का इस्तेमाल करें. अपने होठों को ड्राई होने से बचाने के लिए ग्लॉस का इस्तेमाल करें.

8. हमेशा एक अच्छे गर्मियों के लोशन के साथ अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखें. इससे आपकी स्किन हाइड्रेट होती है और यह स्किन को स्मूद और ग्लोइंग भी बनाता है.

9. गर्मियों के दौरान विटामिन सी बहुत महत्वपूर्ण है, विटामिन सी हाईपरपिगमेंटशन को रोकने में, स्किन की फाइन लाइन्स को इम्प्रूव करने और स्किन लेयर पर कॉलेजन के प्रोडक्शन में मदद करता है. क्लींजिंग और मॉइस्चराइजर के दौरान विटामिन सी की कुछ ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने से यह हेल्दी स्किन में काफी मदद कर सकता है.

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10. स्किन के लिए एक अच्छा टोनर इस्तेमाल करें, एक अच्छा टोनर स्किन के सभी पोर्स को खोलने में मदद करता है. गर्मियों के दौरान यह ऑयल एक्युम्युलेशन को रोकने के लिए सबसे जरुरी है. चेहरे की स्किन के टी-ज़ोन में सिबेसियस ग्लैंड्स की सबसे ज्यादा कॉनसेनट्रेशन होती है और यह गर्मियों के दिनों में सबसे अच्छे तौर पर दिखतें है. इसलिए हेल्दी स्किन के लिए एक अच्छा टोनर सबसे अच्छा समाधान है.

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