Monsoon Special: क्रीमी अचारी पूरी

अगर आप मानसून में कुछ चटपटा और टेस्टी रेसिपी ट्राय करने का मन कर रहा है तो क्रीमी अचारी पूरी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

हमें चाहिए

गाढ़ा दही 4 छोटी चम्मच

मूंगफली चूरा 2 छोटी चम्मच

नारियल चूरा 2 छोटी चम्मच

फ्रेश क्रीम 3 छोटी चम्मच

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प्याज बारीक कटा 2 छोटी चम्मच

टमाटर बीज निकाला हुआ 3 बड़ी चम्मच

शिमला मिर्च बारीक कटी 2 छोटी चम्मच

हरा धनिया बारीक कटा 1 छोटी चम्मच

मिक्स हर्ब्स 2 छोटी चम्मच

अचार मसाला 1 छोटी चम्मच

नमक 1/4 छोटी चम्मच.

बनाने का तरीका

सबसे पहले एक बाउल में दही, मूंगफली चूरा, फ्रेश क्रीम, नारियल चूरा लेकर अच्छे से मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें. बनाये हुए मिश्रण को आधा-आधा करके अलग रख लें और बाकी बचे मिश्रण में प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, मिक्स हर्ब्स, अचार मसाला, नमक डालकर अच्छे से मिला लें.

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गोलगप्पे को बीच में से फोड़ कर पहले जो दही वाला मिश्रण अलग निकाला था, उस मिश्रण की   एक-एक छोटी चम्मच लेकर गोलगप्पे में भरते जाएं, उसके बाद सब्जी वाला मिश्रण भरकर सभी गोलगप्पे तैयार कर ऊपर से मिक्स हर्ब्स, अचार मसाला बुरक दें, केले के पत्तों को नारियल चूरा से सजा कर गोलगप्पे सर्व करें.

नहीं शुरू हो पाई इन 9 TV सीरियल की शूटिंग, देखें list

बौलीवुड मे 17 मार्च से सब कुछ ठप्प पड़ा हुआ है.‘इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स कौसिंल’’(आईएफटीपीसी )और ब्राडकास्टर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री संग चार पांच बैठक कर 31 मई को सरकार की तरफ से गाइडलाइंस के साथ शूटिंग शुरू करने की इजाजत का आदेश जारी करवाने में सफल भी हो गए थे.इतना ही नहीं इन निर्माताओं ने ‘सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएषन’(‘‘सिंटा’’) तथा ‘फेडरेषन आफ वेस्टर्न सिने इम्पलाइज’ (‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’)की अवहेलना करते हुए 23 जून से शूटिंग शुरू करने का ऐलान करते हुए निम्न सीरियलों से जुड़े कलाकारो को फोन भी कर दिया था,मगर 23 जून की सुबह शूटिंग शुरू नही हो पायी.

जी हां! ‘‘कुमकुम भाग्य’’, ‘‘कुंडली भाग्य’’,‘‘तुझसे है राब्ता’’,‘‘कुर्बान है’,‘सारेगामापा लिटिल चैम्प्स’,‘‘सारेगामापा पंजाबी’’जैसे टीवी सीरियल व रियालिटी शो की शूटिंग आज शुरू होनी थी,मगर ऐसा संभव नहीं हो पाया. इसकी मूल वजह यह रही कि इन निर्माताओ ने कलाकारों,तकनीशियन व श्रमिकों की ‘कोविड 19’के चलते सुरक्षा मानको व उनकी पारिश्रमिक राषि के मुद्दे की अवहेलना करते हुए तीन माह से आर्थिक संकट झेल रहे कलाकारों के पास एक ‘डिक्लरेशन फार्म’भेजा कि वह इस फार्म को भर कर जमा करे और शूटिंग के लिए सेट पर पहुॅचे.मगर ‘सिंटा’ने अपने सदस्य कलाकारों से साफ साफ कह दिया कि वह इस ‘डिक्लरेशन फार्म’पर हस्ताक्षर कर अपने स्वास्थ्य व खुद  की सुरक्षा पर कुल्हाड़ी न चलाए.परिणामतः किसी ने भी यह फार्म नहीं भर कर दिया.इस संदर्भ में ‘‘सिंटा’’के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं-‘‘जब मैं खुद  इन हालातों में शूटिंग करने नहीं जा रहा हूं,तो मैं अपनी एसोसिएशन के सदस्यों से कैसे कह दूं कि वह शूटिंग करने जाएं. देखिए, जितनी मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता है, उतनी ही हमें अपने सदस्यों की सुरक्षा की भी चिंता है.’’

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वास्तव में निर्माताओं के संगठन ‘आईएफटीपीसी’ के साथ ‘सिंटा’व ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ने पिछले सप्ताह लगातार चार बार बैठक की,फिर उन्हे ईमेल भेजे, मगर ‘आईएफटीपीसी’हर मामले में चुप्पी साधे रही.‘सिटा’ की तरफ से ‘आईएफटीपीसी’ से पूछा गया कि वह लोगों की पारिश्रमिक राशि में कितनी किस हिसाब से कटौती करेंगे, ‘कोविड 19’की सुरक्षा और पिछली बकाया राशि कब मिलेगी,मगर वह चुप हैं. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के आदेश के बावजूद अभी तक ‘‘सिंटा’’और‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’के लगभग हजार सदस्यों की बकाया राशि का भुगतान निर्माताओं ने नहीं किया है. मजेदार बात यह है कि यह रकम पिछले एक साल से बकाया है.

तो वही 65 साल की उम्र के कलाकारों,निर्देशक,कैमरामैन और तकनीशियन के काम करने का मामला भी उलझा हुआ है.राजश्री प्रोडक्शन को मोहन जोशी और भारती आचरेकर के साथ सोनी के लिए सीरियल की शूटिंग करनी है.पर इनकी उम्र 65 साल हो चुकी है.तो वहीं कंवलजीत के साथ भी एक सीरियल की शूटिंग रूकी है. पर इस मसले पर कोई साफ साफ बात नही कर रहा है.

हालात पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री में कमोबेश यही है.केरला व चेन्नई में निर्माताओं ने सरकार के साथ बातकर शूटिंग शुरू कर दी, पर ‘कोविड 19’व अन्य मुद्दे पहले नहीं सुलझाए,परणिमातः अब वहां पुनः शूटिंग रूक गयी है. जबकि कलकत्ता में तीन दिन तक शूटिंग रूकी रही. फिर जब सेट व स्टूडियो व उपकरण सेनेटाइज किए गए तथा सभी कलाकारों व क्रू मेंबर को पच्चीस लाख रूपए का बीमा दिया गया,तब शूटिंग शुरू हुई. बौलीवुड के निर्माता भी इसी तरह की जल्दबाजी कर गलती कदम उठा रहे थे,इससे चेन्नई व केरला की तरह यहां भी दो चार दिन में श्ूाटिंग बंद हो सकती है.इसीलिए ‘सिंटा’और ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरत रहे हैं.वह नहीं चाहते कि शूटिंग शुरू हो और दो दिन बाद बंद करने की नौबत आए या किसी की जान जोखिम में जाए.

सिंटा के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं- ‘‘हमें ब्राडकास्टर और निर्माताओ की आमदनी की भी चिंता है, पर साथ में हमें कलाकारों, तकनीशियन व वर्करों के स्वास्थ्य व उनकी जान की भी चिंता है. हम चाहते हैं कि एक सही राह बने और काम शुरू हो सके. सबसे पहले निर्माताओ को चाहिए कि ‘फिल्मसिटी’स्टूडियो के एक फ्लोर को पूरी तरह से सेनेटाइज कर वहां पर कोविड सेंटर बना दिया जाए.देखिए,कोरोना सिर्फ कलाकार या तकनीशियन ही नही निर्माता को भी हो सकता है.तो हम सभी की चिंता कर रहे हैं.’’

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तो उधर कई कलाकार अपना नाम उजागर न करते हुए निर्माताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि निर्माता और उनके प्रोडक्शन के लोग उन्हे फोन पर धमका रहे हैं कि ‘सिंटा’या ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’उन्हे काम नही देगा. काम तो वही देंगें. इसलिए उन्हे तुंरत ‘डिक्लरेशन फार्म पर हस्ताक्षर कर शूटिंग पर आना चाहिए. मगर इन डिक्लेरशन फार्म (डिक्लरेशन फार्म की काॅपी हमारे पास है) पर हस्ताक्षर करने का अर्थ होता है कि कलाकार व तकनीशिन या श्रमिक की ही सारी जिम्मेदारी हो जाती है,निर्माता की कोई जिम्मेदारी नही होगी.ऐसे में भला कलाकार या तकनीशियन या श्रमिक कैसे अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना शुरू करता…परिणामतः निर्माताओं की चाल असफल हो गयी और शूटिंग शुरू नहीं हो पायी.

जानें सुशांत के सुसाइड के बाद किस पर भड़की दीपिका पादुकोण, लगाई लताड़

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की एक्टिंग स्किल्स की बात करें तो एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) उनकी एक्टिंग कायल है. बीते दिनों सोशलमीडिया पर दीपिका की सुशात की परफॉर्मेंस रेटिंग को टौप पर बताने वाली एक वीडियो ने फैंस का दिल जीत लिया था. वहीं डिप्रेशन की बात की जाए तो दीपिका ने हाल ही में सुशांत (Sushant Singh Rajput) के सुसाइड के बाद लगातार इंस्टा पर पोस्ट डालती नजर आईं. अब हाल ही में दीपिका ने सुशांत की वायरल फोटोज को लेकर पापाराज्जी को जमकर लताड़ लगाई है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

फोटोज और वीडियोज पर भड़की दीपिका

deepika-padukone

दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद पापाराज्जी उनके पुराने वीडियोज और फोटोज को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. साथ ही मीडिया फोटोग्राफर्स ने वीडियो और फोटोज को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘हमारी इजाजत के बिना इन फोटोज और वीडियोज को इस्तेमाल करना मना है.’ जिसे देखने के बाद दीपिका (Deepika Padukone) को बेहद गुस्सा आ गया और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कमेंट लिखा, ‘ठीक है… लेकिन क्या ये आपके लिए ठीक है कि आप इन वीडियोज और फोटोज को न सिर्फ पोस्ट करें बल्कि उनके (सुशांत) परिजनों की इजाजत के बिना इससे पैसे भी कमाएं.’

 

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🤝 #youarenotalone

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दीपिका की अंकिता संग सुशांत की फोटोज हुई वायरल

बीते दिनों जहां सोशलमीडिया पर फैंस स्टार किड्स को ट्रोल कर रहे हैं, वहीं फैंस दीपिका और अन्य स्ट्रगल करने वाले स्टार्स को सपोर्ट कर रहे हैं. वैसे तो दीपिका पादुकोण और सुशांत सिंह राजपूत कभी सिल्वर स्क्रीन पर एक साथ नहीं देखे गए लेकिन सुशांत अदाकारा के एक बेहद बड़े फैन थे.

 

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Deepika about Sushantsinghrajpuat So sweet of her #deepikapadukone #Sushantsinghrajput Cr. @mainbhimeme

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सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनकी कुछ पुरानी फोटोज और वीडियोज जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिनमें सुशांत अपनी एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे के साथ दीपिका पादुकोण संग फोटोज क्लिक करवाते नजर आ रहे हैं.

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शह और मात: भाग-1

“पल्लवी, तुम्हारे चेहरे पर कुछ लगा है,” शरद ने पल्लवी के चेहरे की ओर इशारा करते हुए कहा.

वह उस की सहकर्मी भी थी और अच्छी दोस्त भी.

“कहां?” पल्लवी ने अपने चेहरे पर उंगलियां फिराते हुए पूछा.

“यहां,” शरद ने आगे झुक कर जैसे ही पल्लवी के गाल को छुआ, वह दर्द से कराहते हुए पीछे हो गई.

“संजीव ने तुम पर फिर से हाथ उठाया?” शरद ने उस की आंखों में झांकते हुए प्रश्न किया.

“ऐसा कुछ नहीं है. बेखयाली में कुछ लग गया होगा. मैं अभी आती हूं,” पल्लवी नजरें चुराती हुई उठ कर वहां से जाने लगी.

“अपने जिस्म पर पड़े निशानों को कब तक मेकअप से छिपाती रहोगी पल्लवी? मैं अब भी कहता हूं, मेरा हाथ थाम लो,” शरद के सवाल को सुन कर पल्लवी एक पल के लिए रुकी, लेकिन अगले ही पल तेज कदमों से वहां से चली गई.

पल्लवी के जाने के बाद भी शरद वहीं बैठा रहा. उस के दोस्त मोहसिन ने पीछे से आ कर उसकी पीठ पर धौल जमाई, “और तुम कब तक पल्लवी से इकतरफा मोहब्बत करते रहोगे? क्या तुम जानते नहीं कि वह शादीशुदा है?”

“जानता हूं यार. पूरा औफिस जानता है कि पल्लवी का पति उस के साथ कैसा जानवरों जैसा सुलूक करता है. मगर वह फिर भी उस के खिलाफ एक शब्द नहीं कहती है. मुझ से उस की यह हालत देखी नहीं जाती है,” शरद ने हताश हो कर अपने बालों में हाथ फिराया.

“लेकिन जब पल्लवी ही उस के साथ रहना चाहती है तो कोई कर भी क्या सकता है. वैसे एक बात बता, क्या तू पल्लवी को ले कर सीरियस है?” मोहसिन ने पूछा.

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“मैं पल्लवी से बहुत प्यार करता हूं और मैं जानता हूं कि वह भी मुझ से प्यार करती है. वह बस एक बार हां कह दे फिर मैं सब संभाल लूंगा,” शरद ने गंभीरता से उत्तर दिया.

“मैं कामना करुंगा कि तुम्हारी मोहब्बत को मंजिल मिल जाए. अब जल्दी चल लंच ब्रैक खत्म हो गया है.”

ब्रैक खत्म होने के बाद भी शरद की नजरें रह रहकर पल्लवी पर जा कर टिक जाती थीं. पल्लवी ने कुछ ही महीनों पहले यह औफिस जौइन किया था. उस के सरल और सुंदर व्यक्तित्व ने शरद का मनमोह लिया था. उसे पता था कि पल्लवी शादीशुदा है इसलिए उस ने अपनी भावनाओं को मन में ही रखा और मर्यादा की लकीर पार नहीं की.

पल्लवी सब से बहुत कम बात करती थी पर जब शरद ने पल्लवी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो उस ने खुशीखुशी थाम लिया. वह चाहता था कि पल्लवी हमेशा खुश रहे. लेकिन जब धीरेधीरे पल्लवी की शादीशुदा जिंदगी की कुरूप सचाई सामने आनी शुरू हुई तो वह खुद पर काबू नहीं रख पाया.

पल्लवी का पति संजीव एक नंबर का नकारा और शराबी था. वह अकसर पल्लवी के साथ मारपीट करता था, जिस के निशान वह कई दिनों तक मेकअप के सहारे छिपाती रहती थी.

पल्लवी की हालत देख कर शरद का मन तड़प उठता था. वह बस किसी तरह उसे इस नर्क से मुक्ति दिलाना चाहता था और इस के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार था. लेकिन इस बात से डरता था कि कहीं पल्लवी उसे गलत न समझ ले. इसी उधेड़बुन में एक दिन उसने पल्लवी को अपने दिल की बात बता दी. शरद को लगा था कि वह उस की बात सुन कर नाराज हो जाएगी लेकिन पल्लवी की प्रतिक्रिया तो उस की उम्मीद के बिलकुल परे थी. पल्लवी ने हां नहीं की तो इनकार भी नहीं किया. बस डबडबाई आंखों से शरद की ओर देखती रही जैसे खुद भी मन ही मन उस से प्यार करती हो.

पल्लवी की इस मूक सहमति से शरद को थोड़ी हिम्मत मिल गई थी और वह उस पर अपना अधिकार समझने लगा था. इसी अधिकार के नाते वह पल्लवी से कहता था कि वह संजीव को छोड़ कर उस से शादी कर ले. मगर पल्लवी को पता नहीं किस बात ने अब तक रोक रखा था. शरद ने गहरी सांस ली और अपने काम में व्यस्त हो गया.

अगले दिन शाम के समय पल्लवी अपने औफिस के बाहर सड़क पर औटोरिकशा का इंतजार कर रही थी. शरद‌ उसी समय बाइक से अपने घर जाने के लिए निकल रहा था. वह पल्लवी को देख कर रुक गया, “पल्लवी, आओ मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूं.”

पल्लवी बिना कुछ कहे बाइक पर बैठ गई. रास्ते में उस ने शरद को एटीएम के सामने बाइक रोकने के लिए कहा और बाइक से उतर कर भीतर चली गई. कुछ मिनटों के बाद पल्लवी बाहर आई तो वह बहुत मायूस लग रही थी.

“क्या बात है पल्लवी? सब ठीक तो है ना?” शरद ने उस की मायूसी की वजह जाननी चाही.

“मुझे घर का किराया देने के लिए ₹ 10 हजार निकालने थे, लेकिन मेरे अकाउंट में इतना बैलेंस ही नहीं है. जरूर संजीव ने रुपए निकाल लिए होंगे. किराया भी आज ही देना है,” पल्लवी ने परेशान होते हुए कहा.

“बस इतनी सी बात. तुम परेशान क्यों हो रही हो, मैं तुम्हें रुपए दे देता हूं,” शरद ने कहा.

“लेकिन शरद मैं तुम से रुपए कैसे ले सकती हूं और अभी तो सैलरी मिलने को भी कई दिन बाकी हैं.”

“लेकिनवेकिन कुछ नहीं. मैं अभी रुपए निकाल कर लाता हूं.”

शरद पल्लवी एटीएम से रुपए निकाल लाया और पल्लवी के हाथ में नोट पकड़ा दिए.

“शरद मैं सैलरी मिलते ही तुम्हारे रुपए  वापस कर दूंगी,” पल्लवी ने भावुक होते हुए कहा.

“ज्यादा मत सोचो पल्लवी. घर का किराया समय पर दे देना बस. अब चलो घर नहीं जाना है क्या?” शरद ने मुसकराते हुए कहा और बाइक स्टार्ट कर दी.

अपने घर से कुछ दूरी पर पल्लवी ने शरद को बाइक रोकने के लिए कहा, “बस शरद यहां से मैं अपनेआप चली जाऊंगी.”

शरद ने कुछ कहे बिना बाइक रोक दी और पल्लवी उसे बाय बोल कर चली गई.

शरद ने पहले भी कई बार पल्लवी को यहां छोड़ा था. वह जानता था कि पल्लवी अपने पति संजीव के डर के कारण उसे यहीं रोक देती थी. पल्लवी के जाने के बाद शरद वहीं खड़ा हो कर उसे आंखों से ओझल होने तक देखता रहा.

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इधर पल्लवी जैसे ही चाबी से दरवाजा खोल कर अपने घर में दाखिल हुई, संजीव हाथ में शराब का गिलास लिए सोफे पर बैठा उस का इंतजार कर रहा था.

“रुपए मिले?” संजीव ने पूछा.

“हां, ₹10 हजार मिले हैं,” पल्लवी ने पर्स से नोट निकाल कर मेज पर रख दिए.

“चलो आज की पार्टी का इंतजाम तो ‌हो गया. लेकिन अगली बार अपने प्रेमी की जेब से जरा बड़ी रकम निकलवाना. आजकल ₹10 हजार में क्या होता है?” संजीव ने नोटों को अपनी ओर सरकाते हुए कहा.

आगे पढ़ें- पल्लवी बिना कुछ कहे अपने कमरे में चली गई. वहां रुक कर…

जल्द शुरू हो सकती है ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की शूटिंग, कहानी में होंगे ये 5 बदलाव!

अनलॉक 1 के बाद से सीरियल्स की शूटिंग भी धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं. हाल ही में राजन शाही के एक शो की शूटिंग शुरू की गई थी, जिसके बाद उनके सबसे पौपुलर शो ये रिश्ता क्या कहलाता है पर फैंस ने अपनी राय रखते शो को दोबारा टीवी पर लाने की गुजारिश की थी. वहीं बीते दिन ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) की शूटिंग भी शुरु होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से शूटिंग नही शुरू हो पाई. इसी बीच शूटिंग के शुरू होते ही शो की कहानी में 5 बदलाव देखने को मिलने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है नए बदलाव…

नहीं दिखेगा नायरा-कार्तिक की बेटी का ट्रैक

लॉकडाउन से पहले जहां ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नायरा और कार्तिक की बेटी कायरा का ट्रैक चल रहा था. वहीं अब नायरा और कार्तिक की बेटी का ट्रैक मेकर्स ने हटाने का फैसला लिया है. क्योंकि ये गाइडलाइन्स के चलते 10 साल से छोटे बच्चे सेट पर अलाउड नहीं होंगे.

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वंश और कैरव भी नहीं दिखेंगे

कोरोनावायरस गाइडलाइन्स के चलते तन्मय ऋषि और मैज ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के सेट से कुछ दिन के लिए गायब नजर आने वाले हैं यानी फैंस को नायरा कार्तिक के साथ कायरव की जोड़ी नही दिखने वाली है.

नहीं दिखेंगी दादी

 

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Unglich ring daal de ft. Kaira…✨ . . . @khan_mohsinkhan @shivangijoshi18 @starplus @nidhhiagerwal @jyoticatangri . . #kaira #shivin #yrkkh

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कोरोनावायरस गाइडलाइंस के चलते टीवी सीरियल्स के सेट पर बच्चों के साथ-साथ 60 साल से ज्यादा उम्र के बड़े लोगों को भी आना मना है, जिसके चलते शो में सुहासिनी दादी भी कुछ दिनों के लिए शो की शूटिंग से दूर रहेंगी.

नायरा-कार्तिक का रोमांस रहेगा अधूरा

कोरोनावायरस गाइडलाइन के मुताबिक अब टीवी सीरियल्स और वेब सीरीज में लोगों को रोमांटिक सीन नहीं दिखेंगे. कोरोना वायरस से बचने के लिए सेट पर नई गाइडलाइन के मुताबिक ही काम करते हुए इंटीमेट और रोमांटिक सीन फिल्माने की सख्त मनाही होगी, जिसके चलते नायरा रोमांस भी अधूरा रहेगा.

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फैंस को मिलेगा सरप्राइज

हाल ही में ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के प्रोड्यूसर राजन शाही ने खुलासा किया था कि लॉकडाउन के बाद सीरियल की कहानी में बदलाव के जरिए शो के फैंस को सरप्राइज मिलने वाला है.

बता दें, बीते दिनों मोहसिन खान ने एक्टिंग की दुनिया में 6 साल पूरे किए थे, जिसका जश्न मनाते हुए वह फैंस से लाइव चैट करते नजर आए थे. वहीं इस लाइव चैट में उनका लुक चेंज नजर आया था, जिसके बाद फैंस उनको सीरियल में देखने को बेताब हो गए हैं.

Medela Flex Breast Pump: इजी टू हैंडल, इजी टू यूज

हर मां चाहती है कि उसके बच्चे को भरपूर पोषण मिले, इसके लिए वह बच्चे के जन्म लेते ही उसे अपना दूध पिलाती है, चाहे उसे इसके लिए कितनी भी पीड़ा क्यों सहनी पड़े. आखिर ये रिश्ता होता ही ऐसा है. मां से अपने बच्चे की पीड़ा देखी नहीं जाती. वह जानती है कि अगर बच्चे को हैल्थी रखना है, उसकी इम्युनिटी को बढ़ाना है तो उसे मां का दूध पिलाना ही होगा

लेकिन कई बार ऐसी स्थिति  जाती है जब मां चाहा कर भी अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती. जैसे कई बार स्तनों में दूध नहीं आता या फिर अधिक दूध आने के कारण स्तनों में अत्यधिक पीड़ा होती है या जौब के कारण मजबूरन उसे अपने बच्चे का पेट भरने के लिए  फार्मूला मिल्क का सहारा लेना ही पड़ता है. जो भले ही बच्चे की भूख को शांत कर दे लेकिन इससे बच्चे को सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं, जो आगे चलकर उसमें कई कमियों का कारण भी बन सकते हैं

लेकिन अब नई टेक्नोलॉजी के आने के कारण हमारा जीवन आसान हो गया है. हमारे सामने आज ढेरों विकल्प होते हैं. इसी में एक है ब्रैस्ट पंपअब ऐसे ब्रैस्ट पंप्स  गए हैं जिसने मां की परेशानी को दूर करने का काम किया है

क्या है ब्रैस्ट पंप 

ब्रैस्ट पंप एक ऐसा यंत्र है, जिसकी मदद से मां अपने दूध को संग्रहित करके रख सकती है और जब बच्चे को इसकी जरूरत हो आसानी से पिलाया जा सकता है. एक बार दूध संग्रहित होने के बाद मां दूसरे काम भी आसानी से टेंशन फ्री हो कर कर सकती है. हर मां के मन में ये सवाल जरूर आता है कि कहीं ब्रैस्ट पंप के इस्तेमाल से हमें दर्द तो नहीं होगा या फिर बच्चे को इस दूध से कोई नुकसान तो नहीं पहुंचेगा. तो आपको बता दें कि ये पूरी तरह से सेफ है. बस आप पंप की साफ़ सफाई का खास ध्यान रखें

आपको बता दें कि ब्रैस्ट पंप वैक्यूम के कारण काम करते हैं. जब इन पंप्स को दोनों स्तनों पर अच्छे से लगाया जाता है तो वैक्यूम के कारण स्तनों से दूध निकल कर पंप से जुड़ी हुई बोतल में भरने लगता है. जिन्हें आप आसानी से फ्रिज में स्टोर करके रख सकती हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को दूध तभी पिलाएं जब दूध नोर्मल टेम्परेचर पर जाए. इससे जहां आपको सुविधा होगी वहीं आपके बच्चे को सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी मिल जाएंगे

वैसे को मार्केट में आपको ढेरों ब्रैस्ट पंप मिल जाएंगे. लेकिन सवाल है बच्चे की हैल्थ का जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता. ऐसे में मेडेला फ्लेक्स ब्रैस्ट पंप का जवाब नहीं. क्योंकि उन्होंने एक मां की जरूरतों को ध्यान में रखकर ब्रेस्ट पंप बनाए हैं. जिसमें  हैल्थ भी और कम्फर्ट भी. चाहे बच्चा जन्म से पहले जन्मा  हो, स्तनों से दूध बाहर पा रहा हो, ऐसे में उच्च क्षमता वाले मेडेला फ्लेक्स ब्रैस्ट पंप मां के दूध को स्तनों से आसानी से बाहर निकाल के  बच्चे तक मां के दूध को पहुंचाने का काम करते हैं. इसके अधिकांश पम्प में 2 फेज एक्सप्रेशन टेक्नोलोजी है, जो काफी यूनिक है

तो फिर मेडेला फ्लेक्स ब्रैस्ट पंप से आप भी रहें रिलैक्स और बच्चे को भी दें पूरा पोषण. साथ ही में अपनी पर्सनल और प्रौफेशनल लाइफ का भी रखें ख्याल.

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Monsoon Special: इन 6 टिप्स से अपने लुक को बनाएं परफेक्ट

मानसून का सीजन आते ही जहां ब्यूटी से जुड़ी प्रौबल्म्स देखने को मिलती हैं वहीं फैशन से जुड़ी प्रौब्लम भी लोगों के सामने आती हैं. फैशन हर वक्त बदलता है और कोरोनावायरस लॉकडाउन में बाहर जाकर कपड़े खरीदने की बजाय आप खुद ही अपने फैशन को अपडेट करके अपने लुक पर ध्यान दे सकती हैं. आज हम आपको कुछ मानसून टिप्स बताएंगे, जिसका इस्तेमाल करके आप मानसून में अपने लुक को चमका सकती हैं.

1. बॉयज के लिए जरूरी है  फैशनेबल टी शर्ट

रफ एंड टफ लुक के लिए चैक पैटर्न वाली टी शर्ट के साथ कैपरी या जींस परफेक्ट कौम्बिनेशन है. इसके साथ ही मानसून के बदलते मौसम के बीच ब्लू या ऑरेंज सनग्लास आपको फंकी लुक देने के लिए बेस्ट औप्शन है. वहीं मल्टी कलर वॉच का इस्तेमाल आपके लुक को और भी स्टाइलिश बनाएगा.

2. ब्रेसलेट से दें नया लुक

रेनबो ब्रेसलेट का फैशन बॉयज के बीच हमेशा बना रहता है. प्लेन से लेकर प्रिंटेड कपड़ों के साथ इस तरह के ब्रेसलेट अच्छे लगते हैं. लेकिन इन दिनों गर्ल्स के लिए भी बेहद खूबसूरत पैटर्न वाले ब्रेसलेट मार्केट में आए हैं, जिसे आप आप ट्रेडिशनल से लेकर वेस्टर्न हर लुक के साथ पेयर कर सकते हैं.

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3. गर्ल्स के लिए परफेक्ट हैं ये टॉप्स

मानसून में रेनबो से इंस्पायर्ड होकर आप कलरफुल लेगिंग्स या टॉप ट्राय कर सकती हैं. अगर आप रेनबो कलर का टॉप पहन रही हैं, तो उसके साथ ब्लैक कलर की जींस पहनें. रेनबो लेगिंग्स के साथ प्लेन टॉप भी अच्छे लगते हैं. अपनी प्लेन ड्रेस के साथ रेनबो कलर का मफलर या दुपट्टा ओढ़ें. या सिंपल रेनबो या मल्टी कलर ड्रैस आपके लिए परफेक्ट औप्शन हैं.

4. हुप ईयररिंग्स  करें ट्राय

कलरफुल मल्टी लेयर्ड हुप ईयरिंग्स बॉलीवुड दीवा से लेकर टीवी एक्ट्रेस के बीच ट्रेंडिंग हैं. आप इन्हें एथनिक वियर के अलावा जींस-टॉप के साथ कैरी कर सकती हैं. इससे आपको ग्लैमरस लुक मिलेगा.

5. बच्चों के लिए बाल गाउन ड्रेस

 

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बारिश में बच्चों का कलरफुल लुक बाल गाउन ड्रेस में और निखरता है. इसके साथ फ्लोरल हेयर बैंड और रंग-बिरंगे फुटवियर्स पहनें. फ्रॉक से लेकर गाउन के साथ ब्राइट कलर एसेसरीज भी अच्छी लगती हैं.

 

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6. प्रिंटेड पैटर्न कपड़े हैं मानसून परफेक्ट

हेयर क्लिप का बोज स्टाइल आपको डिफरेंट लुक देगा. साटन से बने कलरफुल क्लिप्स प्रिंटेड पैटर्न में भी अच्छे लगते हैं. अपनी पसंद के अनुसार इसी कलर का फ्लोरल टियारा भी आपकी खूबसूरती बढ़ाने में मदद करेगा.

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मानसून में आप अगर अपने लुक और दिमाग को फ्रेश रखना चाहती हैं तो कलरफुल और प्रिंटेड पैटर्न आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है.

Covid 19 और स्ट्रोक का संबंध: स्ट्रोक की समस्या के बीच फसीं युवा आबादी

डॉक्टर Vipul गुप्ता, निदेशक, न्यूरोइंटरवेंशन, अग्रिम इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरो साइंसेस, आर्टमिस हॉस्पिटल

कोविड19 के बारे में किए गए कई अध्ध्यनों के अनुसार, यह बीमारी व्यक्ति के फेफड़ों और सांस की नली को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिसके कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. लेकिन एक तथ्य से लोग अभी भी वाकिफ नहीं हैं और वह यह है कि यह बीमारी कई मरीजों के मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को भी गहरा नुकसान पहुंचाती है.

कुछ हालिया अध्ध्यन बताते हैं कि कोविड के 30-40% मरीजों में न्यूरोलॉजिकल यानी कि मस्तिष्क संबंधी समस्या होने का खतरा है. जिन मरीजों को कोरोना के साथ-साथ मस्तिष्क संबंधी समस्या है उनमें से अधिकतर मरीजों को स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से गुज़रना पड़ा है. वहीं कुछ मरीजों को बेहोशी की समस्या हुई तो कई मरीजों ने मसल इंजरी की शिकायत भी की. ये सभी समस्याएं सीधा-सीधा नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा कोविड के कई मरीजों ने यह भी कहा कि उन्हें सूंघने में समस्या आ रही है, जो एक मस्तिष्क संबंधी समस्या है.

कोरोना के मरीजों को क्यों हो रहा स्ट्रोक?

कोरोना के कई मरीजों को स्ट्रोक की समस्या क्यों हो रही है और इसका मूल कारण क्या है, अबतक इसपर कई अध्ध्यन किए जा चुके हैं. इसका एक कारण यह है कि मरीजों के शरीर में डी-डाइमर नाम के केमिकल की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जो खून के थक्कों के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

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कोविड स्ट्रोक के लक्षण सामान्य स्ट्रोक से बिल्कुल अलग

विश्वस्तर पर, डॉक्टरों ने कोविड के मरीजों में स्ट्रोक की समस्या पाई, जिसमें इंग्लैंड, अमेरिका और चाइना जैसे देश भी शामिल हैं. हालांकि, कोविड स्ट्रोक के मरीजों में जो लक्षण पाए गए वे सामान्य स्ट्रोक के मरीजों से बहुत अलग थे. स्ट्रोक की समस्या सबसे ज्यादा युवा आबादी, 50-55 की उम्र वाले लोग और सामान्य तौर पर 65-70 की उम्र वाले लोगों में देखने को मिलती है.

कोविड के संक्रमण को हटाकर बात की जाए तो स्ट्रोक के मरीजों में कोई अन्य गंभीर बीमारी होने की संभावना नहीं पाई गई है. स्ट्रोक की समस्या आमतौर पर बुज़ुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है, जो हाइपरटेंशन, डायबिटीज या कोलेस्ट्रॉल आदि जैसी समस्याओं से पहले से ग्रस्त हैं. इसके अलावा यह समस्या उन बुजुर्गों को भी होती है जो धूम्रपान के आदी होते हैं. लेकिन कोविड के कारण युवा आबादी बेवजह स्ट्रोक का शिकार बनी हुई है.

हालांकि, कुछ मरीजों में स्ट्रोक के लक्षण कोविड के लक्षणों से पहले नज़र आ सकते हैं तो वहीं कुछ मरीजों में स्ट्रोक के लक्षण कोविड के निदान के 7-10 दिनों के बाद नज़र आते हैं.

निदान में देर करना  

जबसे लॉकडाउन लगा है, तबसे अस्पतालों में आपातकालीन मामलों में कमी आई है. निदान के लिए सही समय पर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई. यह हाल सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पूरी विश्व का है.

सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बहुत से बुजुर्ग अकेले रह रहे हैं, जिसके कारण उनकी स्ट्रोक की समस्या पर किसी का ध्यान ही नहीं गया. दरअसल, आजकल यदि किसी परिवार में किसी सदस्य में स्ट्रोक के लक्षण नज़र आते हैं तो वे कोरोना के डर से मरीज को अस्पताल ले ही नहीं जाते हैं. अब ऐसे में यदि मरीज सही समय पर निदान नहीं कराएगा तो बाद में किए गए इलाज के परिणाम कुछ खास नहीं होते हैं.

समय पर इलाज ही इसका उचित समाधान है

डॉक्टरों के लिए भी आपातकालीन वाले मरीजों का इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन गई है. कुछ मरीज कोरोना से संक्रमित होते हैं लेकिन डॉक्टर इमरजेंसी वाले मरीजों के इलाज में देर नहीं करते हैं.

डॉक्टर विपुल गुप्ता ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वायरस के निदान के लिए उनकी टीम मरीजों का तत्काल सीटी स्कैन कर रही है. हमारी अनेस्थीलिया की टीम ने एक ऐसी तकनीक बनाई है जो इस वायरस को फैलने से रोकती है.  हम हर तरह से एहतिहात बरत रहे हैं, जहां हम न्यूरोइंटरवेंशन की प्रक्रिया के दौरान सिर्फ मास्क की बजाय रेस्पीरेटर्स और स्क्रीन का इस्तेमाल भी करते हैं. इस प्रकार हम टेस्ट के लिए बिना देर किए इलाज समय पर शुरू कर पाते हैं.

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प्राइवेट सेक्टर में अपनी स्ट्रोक की टीम के लिए चर्तित अग्रिम इंस्टीट्यूट में, इस प्रकार का प्रोटोकॉल अपनाया जाता है, जिसकी मदद से हम आज भी स्ट्रोक के मरीजों का आसानी से इलाज कर पा रहे हैं. हमारी टीम में जाने-माने अनुभवी डॉक्टर शामिल हैं, जिनके द्वारा लिखे गए दिशा-निर्देशों को अंतरराष्ट्रीय जरनल में छापा जा चुका है. ये दिशा-निर्देश कोविड स्ट्रोक के मरीजों के उचित इलाज के बारे में बताते हैं.

Monsoon Special: ठंडाई रखे आपको हैल्दी

बच्चे हो या फिर बड़े सभी ठंडे पेय पदार्थ पीना पसंद करते हैं, क्योंकि ये न सिर्फ प्यास बुझाने का काम करते हैं बल्कि शरीर को ठंडक भी पहुंचाते हैं. ऐसे में अगर घर में हर समय कोल्ड ड्रिंक्स ही चलती रहेंगी तो ये शरीर को नुकसान पहुंचाने का ही काम करेंगी. और साथ ही इससे धीरे धीरे भूख भी खत्म होने लगती है. क्योंकि ये शरीर को भीतर से खोखला बनाने का काम जो करती हैं . ऐसे में आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको एक ऐसी रेसिपी के बारे में बता रहे हैं , जो आपके परिवार की प्यास को भी बुझाने का काम करेगी और साथ ही उन्हें हैल्थी भी रखेगी. और वो है ठंडाई . जिसे हर कोई पसंद करता है और इसे बनाना भी काफी आसान होता है. तो चलो शुरू करते हैं ठंडाई बनाना.

हमें चाहिए

– 5 बड़े चम्मच खसखस
– 5 बड़े चम्मच मगज
– 3 बड़े चम्मच काली मिर्च
– 20 – 25 काजू
– थोड़ा सा केसर

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– 3 बड़े चम्मच सौंफ
– 2 बड़े चम्मच इलाइची
– 20 – 25 बादाम
– थोड़े से पिस्ता
– थोड़ी सी सूखे गुलाब की पत्तियां

बनाने का तरीका

– सबसे पहले एक मिक्सर जार लेकर उसमें सारी चीजों को मिलाकर उस का स्मूद पेस्ट तैयार करें. और फिर इसे ठंडा कर एयर टाईड डिब्बे में रखकर इसे फ्रिज में स्टोर करके रखें. तैयार है आपका ठंडाई मसाला. और फिर जब भी आपको किसी के लिए भी ठंडाई बनानी हो तो आप जितने लोगों के लिए ठंडाई बनानी हो , उस हिसाब से जार में दूध , आइस क्युबेस और ब्राउन शुगर या फिर वाइट शुगर लेकर उसे 1 – 2 बार चलाएं. और फिर एक गिलास दूध में 1 बड़ा चम्मच ठंडाई मसाला डालकर अच्छे से चलाते हुए ऊपर से ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करके सर्व करें. ये न सिर्फ पीने में स्वादिष्ट लगता है बल्कि काफी हैल्थी भी होता है.

क्यों है फायदेमंद

– दूध में कैल्शियम , विटामिन डी और जिंक जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं , साथ ही ठंडा दूध एंटासिड के तौर पर कार्य करता है, जिससे पेट को ठंडक पहुँचती है, और काफी हद तक एसिडिटी की समस्या से निजात मिलता है.

– सौंफ में एन्टिओक्सीडैंट्स और एंटी इंफ्लैमटोरी गुण होते हैं , जो पेट को ठंडक पहुंचाने के साथ साथ पाचन क्रिया में सुधार लाने का काम करते हैं.

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– खसखस प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण जहां शरीर की जरूरतों को पूरा करना का काम करता है, वहीं गैस की समस्या से भी राहत मिलती है.

– ठंडाई में मिले ड्राई फ्रूट्स से शरीर की कमजोरी दूर होने के साथ साथ शरीर को एनर्जी मिलती है. तभी तो कहा जाता है कि रोजाना एक मुठी ड्राई फ्रूट्स से आप रहेंगे हमेशा फिट.

– काली मिर्च एंटी ओक्सीडैंट्स गुणों से भरपूर होने के कारण हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करती है. वहीं इससे ब्लड शुगर, कोलोस्ट्रोल कंट्रोल होने के साथ साथ ये कैंसर से भी लड़ने में मददगार होता है.

– केसर में एन्टिओक्सीडेंट प्रोपर्टीज होने के कारण ये हमारे मूड को ठीक करने के साथ साथ हमारे वजन को भी मैंटेन रखता है.

– मगज में प्रोटीन, विटामिन, फैटी एसिड्स, मिनरल्स होने के कारण ये हमारी मैंटल और फिजिकल हैल्थ को इम्प्रूव करने का काम करता है.

– इलाइची में एंटीबैक्टीरियल और एंटी ओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज होती हैं , जिसके कारण ये क्रोनिक डिजीज, कैविटी, इंफेक्शन से बचाता है.

– ड्राई रोज पेटल्स एंटीऑक्सीडैंट्स गुणों से भरपूर होने के कारण ये स्किन क्लींज़र का काम करती है. तो हुई न ठंडाई फायदेमंद.

आखिर तुम दिनभर करती क्या हो

मुझे आज से अधिक सुंदर वह कभी न लगी. उस की कुछ भारी काया जो पहले मुझे स्थूल नजर आती थी आज बेहद सुडौल दिखाई दे रही है. बालों का वह बेतरतीब जूड़ा जिस की उलझी लटें अकसर उस के गालों पर ढुलक कर मेरे झल्लाने की वजह बनती थीं आज उन्हें हौले से सुलझाने को जी चाह रहा था. उस का वह सादा लिबास जिस को मैं कभी फूहड़, गंवार की संज्ञा दिया करता था आज सलीकेदार लग रहा था.

मैं अचंभित था अपनी ही सोच पर क्योंकि मेरे दो बच्चों की मां, मेरी वह पत्नी आज मुझे बेहद हसीन लग रही थी. भले ही आप को यह अतिश्योक्ति लगे पर मुझे कहने से गुरेज नहीं कि वह मुझे किसी कवि की कल्पना की खूबसूरत नायिका सी आकर्षक प्रतीत हो रही थी जिस का रूपसौंदर्य बड़ेबड़े ऋषिमुनियों की तपस्या को भंग करने की ताकत रखता था. आज उसे प्रेम करने की अभिलाषा ने मेरे अंतरमन को हुलसा दिया था.

ऐसा नहीं था कि पत्नी के प्रति विचारों ने पहली बार मेरे दिल पर दस्तक दी थी. 12 वर्ष पूर्व जब छरहरी सुंदर देहयष्टि वाली नंदिनी मेरी संगिनी बनी थी तो मैं अपनी किस्मत पर फूला न समाया था. कजिन की शादी में होने वाली भाभी की सांवलीसलोनी बहन के कमर तक लहराते केशों को देखते ही मैं अपनी सुधबुध खो बैठा था और स्वयं ही मां के हाथों उस के घर विवाह प्रस्ताव भिजवा दिया था.

जिंदगी की गाड़ी बड़ी खुशीखुशी चल रही थी कि दोनों बच्चों के जन्म के बाद उस की प्राथमिकताएं जैसे बदलने लगीं. मेरी बजाय अब वह बच्चों को काफी वक्त देने लगी. अपनी ओर से बेपरवाह हो कर अकसर वह घर के कामों में लगी रहती. धीरेधीरे उस के शरीर में आते परिवर्तन ने भी उस के प्रति मेरी विरक्ति को बढ़ा दिया.

मेरे सारे कार्य वह अब भी सुचारु रूप से किया करती. लेकिन मुझे अब उस में वह कशिश दिखाई न देती और मैं उस से चिढ़ाचिढ़ा सा रहता. घरगृहस्थी के कामों से फुर्सत हो जब रात को बिस्तर पर वह मेरा सानिध्य चाहती तो उस के अस्तव्यस्त कपड़ों से आती तेलमसालों की गंध मुझे बेचैन कर देती और मैं उसे बुरी तरह झिड़क देता.

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अब किसी फंक्शन या पार्टी में भी उसे अपने साथ ले जाने से मुझे कोफ्त होती, क्योंकि अपने दोस्तों की फैशनेबल, स्लिमट्रिम व स्मार्ट बीवियों की तुलना में वह मुझे गंवार दिखाई देती जिसे न कपडे़ पहनने की तमीज थी और न ही सजने का सलीका. कभीकभी मैं उस पर झल्ला पड़ता कि दूसरों की बीवियों को देखो कैसे सजसंवर कर कायदे से रहती हैं और एक तुम हो कि तरीके से कभी बाल भी नहीं बनातीं. आखिर घर पर बैठेबैठे दिनभर तुम करती क्या हो?

अगर मुझे मालूम होता कि तुम इतनी आलसी होगी तो तुम से शादी कर मैं अपनी जिंदगी कभी बर्बाद नहीं करता. मेरी झल्लाहट पर उस की आंखों के कटोरे छलकने को हो आते और उस के होंठों पर चुप्पी की मुहर लग जाती. तब मैं गुस्से से पैर पटकता बाहर निकल जाता और यहां वहां बेवजह भटकता देर रात ही घर में दाखिल होता और वह चेहरे पर बगैर कोई शिकन लाए मेरा खाना गरम कर मुझे परोस देती.

ऐसा नहीं कि उस ने मेरे मुताबिक अपने आप को कभी ढालने की कोशिश नहीं की. लेकिन जब भी वह ऐसा कुछ करती मुझे वह और भी गईगुजरी नजर आती. धीरेधीरे मेरे रवैए से दुखी हो कर उस ने अपने आप को बच्चों की परवरिश व घर की जिम्मेदारियों में समेट लिया और उस के साथ ही शादी को मैं अपनी फूटी किस्मत मान अपने भाग्य को कोसता रह गया.

इसी बीच आया कोरोना

इस बीच कोरोना के कहर से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा उठी. आमजन की सुरक्षा के मध्यनजर सरकार द्वारा लौकडाउन की घोषणा कर दी गई. इसे भी नियति का एक कुठाराघात समझ मैं ने दुखी मन से स्वीकार किया, क्योंकि अब 24 घंटे अपनी फूहड़ पत्नी के साथ उस का चेहरा देखते हुए बिताना था. कुछ दिन यों ही गुजर गए. कुछ देर टीवी देख कर और कुछ देर बच्चों के साथ मस्तीमजाक में मैं अपना वक्त बिताता. यारदोस्तों के साथ मोबाइल पर बात कर के भी मेरा थोड़ा समय बीत जाता.

शाम का वक्त मुझे अपनी मां के साथ बिताना अच्छा लगता. पर उन के ऊपर नंदिनी

ने न जाने क्या जादू कर रखा था कि वे हमेशा उस की तारीफों के पुल बांधा करतीं और मैं अनमना हो कर वहां से उठ कर अपने कमरे में आ जाता जहां रात से पहले नंदिनी का प्रवेश न के बराबर होता.

2 दिन से मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही थी. हलकी हरारत के साथ शरीर में टूटन थी. हालांकि रात को क्रोसिन लेने से बुखार तो फिलहाल ठीक था पर सिर दर्द से जैसे फटा जा रहा था. रात में अच्छे से नींद न आने के कारण भी शरीर निस्तेज जान पड़ता था.

जैसेतैसे फै्रश हो कर मैं ने चाय पी और थोड़ा सा नाश्ता किया. मेरी तबियत खराब जान नंदिनी मेरे सिरहाने बैठ कर मेरा सिर दबाने लगी. न जाने क्यों अरसे बाद उस के हाथों का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था या इतने दिनों से घर पर रहने के कारण शायद उस के प्रति मेरा नजरिया बदल रहा था. कारण कोई भी हो, उस की इस जादुई छुवन ने मेरा सिरदर्द काफी हद तक कम कर दिया और कुछ ही देर में मुझे गहरी नींद आ गई. इस वक्त नंदिनी ने मेरा बहुत ध्यान रखा. इस बीच उस के स्नेहसिक्त सामीप्य ने मुझ में जैसे एक नई शक्ति का संचार कर दिया था. उसे सहज रूप से तल्लीनतापूर्वक घर के काम करते देख मुझे अच्छा लगने लगा था.

खुद से हुआ शर्मिंदा

आज शाम कुछ देर पहले अपने दोस्तों से फोन पर मेरी बात हुई थी. आश्चर्य की बात थी उन में से ज्यादातर अपनी पत्नियों से दुखी थे और जल्द से जल्द लौकडाउन के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे. वे बता रहे थे कि किस तरह बाईयों के न आने से उन की पत्नियों ने उन का जीना दूभर कर दिया है. घर के ज्यादातर काम उन्हें थमा कर वे स्वयं टीवी या मोबाइल पर अपना पूरा समय बिताती हैं. न समय पर खाना बनता है और न ही बच्चों पर ध्यान दिया जाता है.

उन से बात करतेकरते अचानक मेरी नजर नंदिनी पर जा टिकी जो मेरी मां और बच्चों के साथ हौल में बैठी राजा, मंत्री, चोर, सिपाही खेल रही थी. कभी राजा बन कर वह सब पर हुकुम चलाती तो कभी चतुर मंत्री बन चोर को झट से पकड़ लेती. कभी सिपाही की पर्ची मिलते ही मुसकरा उठती तो कभी चोर बन कर मंत्री को बरगलाने की पूरी कोशिश करती. उस वक्त सभी के खिलखिलाते चेहरे देख कर मेरे मन को कैसा सुकून मिला, मैं बता नहीं सकता.

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थोड़ी देर बाद बच्चे अपनी दादी से कहानी सुनने में व्यस्त हो गए और मेरी नजर चौके में चाय बनाती अपनी पत्नी पर फिर जा टिकी. आखिर उस की गलती ही क्या थी. अपने आप को भूल कर उस मासूम ने मेरे घरपरिवार और बच्चों को संभाला था. मेरी बीमार मां की तनमन से सेवा की थी. अगर उस वक्त मैं ने थोड़ा भी उस का हौसला बढ़ाया होता तो शायद वह आज अपने प्रति भी जागरूक रहती.

हलके पीले रंग के सलवारकुरते में उसे देख मुझे बचपन के अपने घर के बगीचे का ध्यान हो आया. जिस में बने लौन के चारों किनारों पर मांपापा ने सूरजमुखी के पेड़ लगा रखे थे जिन पर लगे बड़े पीले फूल मुझे खासा आकर्षित करते थे. जिन्हें मैं दिनभर इस उत्सुकता से निहारा कराता था कि वे सूरज के जाने की दिशा में ही अपना मुंह कैसे घुमाए जाते हैं. आज मेरे बावरे नयन भी पत्नी का अनुसरण करते उसे निहारने की कोशिश में लगे थे. सोचते हुए अनायास ही मेरे मुख पर मुसकान आ गई.

सब के साथ चाय पीने की लालसा में मैं बालकनी से उठ कर हौल में चला आया. मेरी चोर नजरें अभी भी उस का पीछा कर रही थीं. आडंबर विहीन उस के सादगी भरे सौंदर्य ने मुझे अभिभूत कर दिया था. मुझे अपने ऊपर तरस आ रहा था कि सालों तक उस की इस अंदरूनी खूबसूरती को मैं कैसे न देख पाया, कैसे अपनी सुलक्षणा पत्नी के गुणों को न पहचाना और जानेअनजाने उस के निश्छल हृदय को अपने व्यंग्यबाणों से पलपल बेधता रहा.

आज उन सभी गलतियों के लिए मन ही मन शर्मिंदा हो उस से क्षमायाचना हेतु मैं उठ खड़ा हुआ आने वाले सभी लम्हों को उस के साथ जीने के लिए. लौकडाउन में मिले फुर्सत के क्षणों ने मुझे मेरी जीवनसंगिनी लौटा दी थी और मैं लौटा देना चाहता था उसे उस के चेहरे की वह मुसकान जो मेरी सच्ची खुशी की परिचायक थी.

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