राइस क्रीम बढ़ाएगी चेहरे की चमक

क्याआप अपने चेहरे के रूखेपन व डल स्किन से परेशान हैं. महंगीमहंगी क्रीम्स भी ट्राई कर के देखीं की लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं मिला. यहां तक कि क्रीम्स में कैमिकल्स होने के कारण ऐजर्ली की समस्या होने के साथसाथ आप की स्किन पहले से और ज्यादा खराब हो गई है. ऐसे में आप के मन में यह बात तो जरूर आई होगी कि अब तो मैं ने अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में भी काफी बदलाव किए हैं फिर ऐसा क्यों?

असल में जिन बड़ेबड़े दावों को देख कर आप ने क्रीम खरीदी होती है असल में उस में नैचुरल इंग्रीडिऐंट्स न के बराबर होते हैं जिस से क्रीम स्किन पर कोई खास असर नहीं दिखा पाती है. ऐसे में एक बार राइस क्रीम स्किन पर जरूर आजमाएं, यकीन मानें आप इसे एक बार यूज करने के बाद फिर इसे अपनी ब्यूटी किट से आउट नहीं करेंगी.

क्या है राइस क्रीम

यह एक ऐसी क्रीम है जिसे दुनिया भर में नैचुरल ग्लो पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. चावल और दूध का प्रयोग कर के इसे घर पर बड़ी आसानी से बना कर चेहरे पर जो भी दाग धब्बे, कालापन, अनइवन स्किन टोन होती है, से बड़ी आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है और इस का कोई साइडइफैक्ट भी नहीं होता है.

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कैसे बनाएं राइस क्रीम

राइस क्रीम बनाने के लिए आप को ज्यादा चीजें खरीदने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह क्रीम ऐसी चीज से बनती है जो हर घर में आसानी से मिल जाती है और स्किन को ढेरों फायदे पहुंचाती है.

राइस क्रीम बनाने की विधि

– 4 बड़े चम्मच चावल को आप रातभर के लिए पानी में भिगो कर रख दें.

– फिर एक पैन में इस सामग्री को डाल कर तब तक पकाएं जब तक चावल सौफ्ट न हो जाएं और सारा पानी सूख न जाए.

– फिर इसे 10 मिनट के लिए ठंडा करने के लिए रख दें.

– ठंडा होने के बाद इसे मिक्सर में डाल कर इस में 2 बड़े चम्मच दूध, 2 बड़े चम्मच शहद, 3 बड़े चम्मच गुलाब जल डाल कर स्मूद पेस्ट तैयार करें.

– जब पेस्ट तैयार हो जाए तब इस में थोड़ा सा ऐलोवेरा जैल ऐड करें, ताकि और क्रीमी टैक्सचर बन पाए.

– अब इसे अच्छे से मिला कर साफ कंटेनर में स्टोर कर के आप इसे फ्रिज में 10-15 दिन के लिए रख सकते हैं.

हर स्किन के लिए बैस्ट

इसे हर कोई अप्लाई कर सकता है. भले ही किसी की ड्राई स्किन हो, औयली स्किन हो या फिर कौंबिनेशन स्किन. इसे आप दिन में भी लगा सकते हैं और रात को लगा कर भी सो सकते हैं बस अगली सुबह आप को साफ पानी से फेस को क्लीन करने की जरूरत होगी. आप को धीरेधीरे अपनी स्किन में निखार दिखने लगेगा.

ढेरों समस्याओं से नजात

अगर आप एजिंग, ऐक्ने, डार्क सर्कल्स, डल स्किन या फिर स्किन पिगमैंटेशन की समस्या से परेशान हैं तो आप के लिए राइस क्रीम बैस्ट है.

ऐसे करती है काम

– दूध में लैक्टिक ऐसिड होता है, जो त्वचा में कोलोजन की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जिस से स्किन सौफ्ट व स्मूद बनती है.

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– चावल से स्किन में कोलोजन बढ़ता है, जिस से झुर्रियों की समस्या नहीं होती और स्किन का सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाव होता है.

– शहद में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीसैप्टिक प्रौपर्टीज होने के कारण यह स्किन से गंदगी को हटा कर ऐक्ने की समस्या से नजात दिलवाता है. साथ ही स्किन को ग्लोइंग भी बनाता है.

– गुलाब जल से स्किन का पीएच लेवल बैलेंस में रहने के साथसाथ स्किन हाइडे्रट रहती है.

– ऐलोवेरा में कूलिंग प्रोपर्टीज होने के कारण यह स्किन को ठंडक पहुंचाता है. साथ ही स्किन को सनबर्न, स्किन एजिंग, एक्ने से बचाने के साथ स्किन को मौइस्चर प्रदान करने का काम करता है और जब यही सब इंग्रीडिऐंट्स राइस क्रीम में होते हैं तो वे स्किन को ढेरों फायदे पहुंचाने का काम करते हैं. तो अब राइस क्रीम को स्किन पर अप्लाई कर पाएं क्लियर और ग्लोइंग स्किन.

लोग खुद को प्यार नहीं करते इसलिए डिप्रेस्ड हैं- अरुणा ब्रूटा

तमाम देसी विदेशी मीडिया रिपोर्टें इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि जब से देश में कोरोना की दहशत रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनी है, तब से लोगों में डिप्रेशन की बीमारी काफी ज्यादा बढ़ गई है. इसकी सबसे बुरी परिणति इसके इसके मैनिक हो जाने के बाद लोगों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याएं हैं. पिछले कुछ दिनों में देश में एक के बाद एक करीब 400 लोगों ने आत्महत्याएं की हैं.

ऐसा नहीं है कि कोरोना के संकट के पहले देश में आत्महत्याएं नहीं हुआ करती, लेकिन इन दिनों इनकी रफ्तार थोड़ी बढ़ गई है. इसकी पुष्टि सिर्फ मीडिया की खबरें ही नहीं कई गंभीर विदेशी जनरल भी कर रहे हैं. एशियन जनरल आफ साइक्रेटी ने हाल में एक रिसर्च रिपोर्ट छापी है, जिसके मुताबिक 40 प्रतिशत भारतीय कोरोना महामारी के बारे में सोचते ही असहज हो जाते हैं.

आखिर कोरोना की दहशत लोगों को इस कदर परेशान क्यों कर रही है कि लोग आत्महत्या करने पर उतारू हो जाते हैं? देश की जानीमानी साइकोलाॅजिस्ट और नैदानिक मनोचिकित्सक जवाब से इस संबंध में विस्तार से बात हुई है, पेश है इस बातचीत के कुछ जरूरी अंश जो हमें ऐसी ही स्थिति से निपटने में संबल दे सकते हैं.

सवाल– तमाम रिपार्टों में आ रही क्या यह बात सच है कि लाॅकडाउन के चलते लोगों में डिप्रेशन बढ़ा है?

जवाब– लौकडाउन के कारण लोगों में डिप्रेशन भी बढ़ा है और एंग्जायटी भी. इसके बहुत सारे कारण हैं- एक तो यही कि लोगों को यह नहीं पता चल पा रहा कि वे कब इस सबसे बाहर आ पाएंगे? लोग इस दुश्चिंता से भी घिरे हैं कि कल को अगर मुझे कोरोना हो जाता है, तो मैं हौस्पिटल कैसे पहुंचूगा? चीजें कैसे मैनेज होंगी? हमारे पास साधन क्या हैं? सरकार और सिस्टम में जो जिम्मेदार लोग हैं, क्या वे ठीक भी बोल रहे हैं? इस तरह का भी शक है कि कहीं हम इस महामारी के कैरियर तो नहीं हैं. बहुत सारी अपनी ही बातों पर डिसबिलीफ भी हो रहा है. कई बार यह भी लगता है कि ये सब बेकार की बातें हैं, ऐसा कुछ नहीं होता मास्क लगाने की भी जरूरत नहीं हैं. ये सब डौक्टर लोग बढ़ा चढ़ाकर बातें बता रहे हैं.

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सवाल- मतलब यह कि लोग सरकार पर, सिस्टम पर डिसबिलीफ कर रहे हैं?

जवाब- सिर्फ सरकार और सिस्टम पर ही नहीं  लोगों का समूची रिएल्टी से डिसबिलीफ हो रहा है. यह डिसबिलीफ स्वभाविक है. आमतौर पर जब महामारी जैसे बातें नहीं होती, तब भी इस तरह के डिसबिलीफ की बातें होती हैं. बस होता यह है कि तब हमें यह सब समझ में नहीं आता. आप कई बार जिन चीजों को मानते हैं, जिन पर भरोसा करते हैं, उन पर भी डिसबिलीफ करते हैं. मसलन आप डायबिटिक पेशेंट हैं फिर भी आपका मिठाई खाने का मन है तो आप खुद ही तर्क गढ़ लेंगे, अरे कुछ नहीं होता. अरे एक बार में कुछ नहीं होता. जब एक बार कर लेंगे तो फिर यह भी स्थिति आयेगी कि आप दूसरी बार भी वही हरकत दोहरा सकते हैं और उसके पीछे वही तर्क होंगा, कुछ नहीं होता. एक बार में कुछ नहीं होता तो जाहिर है आप मानेंगे कि दो बार में भी कुछ नहीं होता. कहने का मतलब यह कि हम अपने आपसे भी डिसबिलीफ करते हैं.

सवाल– लेकिन सुशांत सिंह राजपूत जैसे सक्सेस सितारे के लिए तो खुद से भरोसा उठने जैसी कोई बात नहीं थी, फिर आत्महत्या की इतनी त्रासद हरकत क्यों?

जवाब- हर कोई हैरान है कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कैसे कर ली? क्योंकि वो सफल है, उठता हुआ सितारा है, चढ़ता हुआ सूरज है वगैरह वगैरह. लेकिन मेरा दावा है कि ऐसा कहने वाले सुशांत सिंह के साथ छह दिनों तक लगातार नहीं बिताये होंगे. दूर से हम सबको हर किसी की जिंदगी बहुत अच्छी लगती है, बहुत सफल लगती है. क्योंकि हम उसकी रिएल्टी नहीं जान रहे होते. सब लोगों ने यह तो देखा कि वह स्क्रीन में बहुत सक्सेसफुल हैं. लेकिन उसके दिल में क्या बीत रही थी? क्या वह मेंटली बीमार था? क्या वह अपने लिए बहुत कुछ रातोंरात चाहिए था जो नहीं मिला? क्या वह किसी फाइनेंशियल स्ट्रेस में था? क्या पता उसे कोई ब्लैकमेल कर रहा हो? क्या पता वह डिप्रेशन का शिकार हो? मीनिया में आ गया हो; क्योंकि डिप्रेशन में कोई आत्महत्या नहीं कर सकता, डिप्रेशन में तो उठकर के एक गिलास पानी भी नहीं पिया जाता. जबकि सुसाइड के लिए तैयारी करने पड़ती है, कुछ चीजें व्यवस्थित करनी पड़ती हैं.
डिप्रेशन में कोई आत्महत्या नहीं कर सकता. डिप्रेशन का मतलब है ‘यू आर इन लो’. ऐसे में आप अपने को फांसी पर कैसे चढ़ाओगे? जब आप थोड़े हाई होंगे तभी तो यह सब कर सकते हैं. वास्तव में इस तरह की घटनाओं के पीछे एक ही बड़ा कारण होता है, हम अपने आपसे प्यार नहीं करते. हम खुद अपनी जरूरत नहीं समझते, हम अपने को महत्वपूर्ण नहीं मानते. इसलिए अपने को खत्म कर लेते हैं. इस सबके पीछे एक ही कारण होता है कि आप अपने आपको प्यार नहीं करते.

सवाल– सवाल है क्या इस पूरी त्रासदी में गरीब आदमी का जो रवैय्या रहा, उसे ही हम गैरजिम्मेदारी मान लें? क्या हम यह मान लें कि सारी स्थिति के लिए वही जिम्मेदार थे?

जवाब- नहीं. मैं ऐसा नहीं कहूंगी. मेरे हिसाब से मजदूरों को आश्वासन गलत तरीके से दिये गये. उन्हें न तो सही तरीके से हकीकत बतायी गई और न ही उन्हें विश्वास हो ऐसा कोई उन्हें आश्वसन दिया गया. निश्चित रूप से समूची व्यवस्था की चूक है. लेकिन उनको इन मजदूरों को और ज्यादा आश्वसन दिया जाना था, उन्हें भरोसा दिलाया जाना चाहिए कि सरकार उनके साथ है. अगर मजदूरों तक विश्वसनीय ढंग से सूचनाएं पहुंच रही होतीं और वे सत्ता के साथ कम्युनिकेट कर रहे होते तो ऐसी स्थितियां कभी नहीं होती. आखिर सामान्य दिनों में भी लाखों लोग इधर से उधर जाते हैं. लेकिन इस तरह की अव्यवस्था या गड़बड़ी कहीं देखने को नहीं मिलती. मीडिया अगर इस मौके पर बजाय मजदूरों की करूण कहानियों पर फोकस करके एडमिनिस्ट्रेशन को गाईड करता, उसे बताता कि सरकार और ज्यादा काउंटर खोलने चाहिए, व्यवस्था और चाकचैंबद करनी चाहिए, तब आज उसका नतीजा ही कुछ अलग होता.

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सवाल– आपको लगता नहीं कि डौक्टर लोगों की डरी हुई स्थिति का फायदा उठा रहे हैं?

जवाब– जो लोग डाक्टरों पर यह आरोप लगाते हैं कि डौक्टर सही से सपोर्ट नहीं कर रहे, प्राइवेट डौक्टर बहुत पैसा ले रहे हैं, उनसे मैं कहना चाहती हूं कि बहुत से मरीज हैं, जिन्हें मैं जानती हूं. वे एडमिट तो हो जाते हैं लेकिन कुछ दिन में भाग खड़े होने की कोशिश करते हैं. अब अगर आप इसके लिए तर्क तलाशेगे तो कोई न कोई तर्क तो मिल ही जायेगा. लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि जब हम इलाज के लिए प्राइवेट हौस्पिटल और प्राइवेट डौक्टर चुनते हैं तो हम जान रहे होते हैं कि प्राइवेट हास्पिटल में हमें जो सुविधा मिल सकती है, जो सुख मिल सकता है वो सरकारी हास्पिटल में नहीं मिलेगा. अब सवाल है प्राइवेट हास्पिटल की जो सुविधा है, उसका जो सुख है, उसकी भी तो कोई कीमत होती है. अगर वह कीमत नहीं वसूली जायेगी तो सबको कैसे वो सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं? वास्तव में सुविधाएं कीमत अदा करके ही मिलती है.

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करण सिंह ग्रोवर की जगह ये एक्टर बनेगा ‘कसौटी जिंदगी के 2’ का ‘मिस्टर बजाज’!

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच हाल ही में कुछ टीवी एक्टर्स ने शूटिंग करने से मना कर दिया था, जिनमें टीवी सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ के मिस्टर बजाज यानी करण सिंह ग्रोवर का नाम भी शामिल है. वहीं करण के शूटिंग ना करने के चलके शो को नए क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच एकता कपूर ने नए बजाज को लाने का मन बना लिया है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

मिस्टर बजाज के रोल में नजर आएगा ये सितारा

कई लोगों को उम्मीद थी कि करण सिंह ग्रोवर ‘कसौटी जिंदगी के 2’ (Kasautii Zindagii Kay 2) पर दोबारा ना लौटने के फैसले को बदल लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मेकर्स इस सीरियल के लिए नए मिस्टर बजाज की तलाश में जुट गए थे. खबरों की मानें तो टीवी एक्टर गौरव चोपड़ा जल्द ही इस सीरियल में मिस्टर बजाज बनकर एंट्री मारने वाले हैं. गौरव चोपड़ा को आखिरी बार स्टार प्लस के सीरियल ‘संजीवनी 2’ में नजर आए थे.

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गौरव चोपड़ा ने कही ये बात

हाल ही में एक इंटरव्यू में गौरव चोपड़ा ने इस मामले में कहा है कि, ‘मैं उसके साथ बातचीत कर रहा हूं लेकिन अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. अभी कुछ भी कहना गलत होगा.’

फैंस पूछ रहे हैं ये सवाल

सोशल मीडिया पर ‘कसौटी जिंदगी के 2’ के फैंस ट्वीट करके मेकर्स से लगातार ये बात पूछ रहे हैं कि आखिर वो इस सीरियल के नए एपिसोड को कब देख पाएंगे? वहीं महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में मेकर्स को एक नई गाइडलाइन के तहत सीरियल्स, वेब सीरीज और फिल्मों की शूटिंग शुरु करने की इजाजत दे दी है.

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बता दें, इन दिनों एकता कपूर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड केस के कारण सुर्खियों में छाई हुई हैं. वहीं उनके साथ-साथ 7 निर्माताओं पर केस भी दर्ज किया है. अब देखना ये है कि इसका असर उनके अपकमिंग प्रौजेक्ट्स पर कैसे पड़ता है.

सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद केस दर्ज होने पर ऐसे फूटा एकता कपूर का गुस्सा

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्महत्या पर पुलिस की कार्रवाई धीरे-धीरे नया मोड़ ले रही है, जहां केस से जुड़े नए पहलू सभी के सामने आ रहे हैं. हाल ही में खुलासा हुआ था कि एक्टर सुशांत बौलीवुड की क्रूरता यानी प्रोफेशनल राइवलरी और नेपोटिज्म के शिकार हुए थे, जिसके चलते वकील सुधीर कुमार ओझा ने करण जौहर, संजय लीला भंसाली, सलमान खान और एकता कपूर के खिलाफ बिहार के मुज्जफरपुर कोर्ट में केस दर्ज किया है. वहीं अब इस मामले में टीवी सीरियल निर्माता एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने अपना गुस्सा जाहिर किया है. आइए आपको बताते हैं सुशांत को लेकर क्या कहती हैं एकता कपूर…

एकता कपूर ने शेयर किया पोस्ट

केस के दर्ज होने के बाद टीवी सीरियल निर्माता एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने एक हार्ड हिटिंग पोस्ट लिखते हुए कहा है, ‘थैंक्यू, मुझ पर सुशी (सुशांत सिंह राजपूत) को कास्ट न करने को लेकर केस करने के लिए… जबकि मैंने ही उन्हे इंडस्ट्री में लॉन्च किया था. मैं बेहद दुखी हूं ये जानकर कि लोग कैसे अलग-अलग थ्योरी बना लेते हैं. कृप्या दोस्तों और परिवार को इस वक्त सुकून से दुख मनाने दें. एक पुलिस केस दर्ज हुआ है करीब 8 लोगों के खिलाफ जिसमें करण जौहर, संजय लीला भंसाली, एकता कपूर के अलावा एक्टर सलमान खान को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में शामिल किया गया है. बुधवार को एक न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट किया है.’

 

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Thanku for the case for not casting sushi….when Actually I LAUNCHED HIM. I’m beyond upset at how convoluted theories can b! Pls@let family n frns mourn in peace! Truth shall@prevail. CANNOT BELIEVE THIS!!!!! credit: @jagranenglishnews… A police case has been filed against eight people including Bollywood directors @karanjohar, Sanjay Leela Bhansali and @ektarkapoor along with actor @beingsalmankhan in connection with the death of actor Sushant Singh Rajput, news agency ANI reported on Wednesday . “In the complaint, I have alleged that Sushant Singh Rajput was removed from around seven films and some of his films were not released. Such a situation was created which forced him to take the extreme step,” Advocate Sudhir Kumar Ojha was quoted as saying . . . #sushantsinghrajput #sushantsinghrajputdeath #sushantsinghrajpurrip #jagranenglish #instawithjagranenglish #ripsushantsinghrajputsir💔🙏 #ripsushant #ripsushantsinghrajput🙏 #ripsushantsinghrajput💔 #ripsushantsinghrajput🙏🙏 #ripsushantsinghrajput #sushantnomore #salmankhan #salmankhanfans #salmankhanswag #salmankhanmerijaan #salmankhanfilms #salman #salmankhanfanclub #salmankhanfc #karanjohar #karanjoharfilm #karanjoharupdates #karanjoharfan

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केस दर्ज होने की कही बात

इतना ही नहीं एकता कपूर ने लिखा है, ‘शिकायत में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत को करीब 7 फिल्मों से हटाया गया था और कुछ फिल्में उनकी रिलीज नहीं हुई. इस वजह से एक्टर पर इतना बड़ा कदम उठाने का दबाव आ गया था.’ ये बात वकील सुधीर कुमार ओझा ने कही है.’

करण जौहर पर भी लोग उठा रहे हैं सवाल

 

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I blame myself for not being in touch with you for the past year….. I have felt at times like you may have needed people to share your life with…but somehow I never followed up on that feeling…will never make that mistake again…we live in very energetic and noisy but still very isolated times …some of us succumb to these silences and go within…we need to not just make relationships but also constantly nurture them….Sushants unfortunate demise has been a huge wake up call to me …to my level of compassion and to my ability to foster and protect my equations…..I hope this resonates with all of you as well….will miss your infectious smile and your bear hug ….💔💔💔

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जहां एक तरफ एकता कपूर गुस्से में हैं तो वहीं निर्माता करण जौहर भी अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से कई लोगों को अनफौलो कर दिया है, जिसके चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुशांत के फैंस का उन पर कितना असर हो रहा है.

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बता दें, बौलीवुड में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला इस समय काफी गर्माया हुआ है. बौलीवुड से लेकर टीवी सितारे सभी अपनी-अपनी तरह से इस मुद्दे पर रिएक्शन दे रहे हैं. वहीं अभी तक दबंग खान यानी सलमान खान का इस पर कोई रिएक्शन देखने को नही मिला है.

Father’s day Special: बेटे को जिंदगी का लक्ष्य मानते हैं तुषार कपूर

फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने वाले अभिनेता तुषार कपूर की पहली फिल्म कामयाब रही, लेकिन इसके बाद उनकी कई फिल्में असफल साबित हुई. करीब दो वर्षों तक उन्होंने इस असफलता का सामना करने के बाद फिल्म ‘खाकी’ से उनका कैरियर ग्राफ चढ़ा और कई सफल फिमें की. इस उतार-चढ़ाव को उन्होंने हमेशा साधारण तरीके से लिया और आगे बढ़ते गए. इस फ़िल्मी जर्नी में उन्होंने माना कि वे टाइपकास्ट के शिकार हुए, जिसका फायदा और नुकसान दोनों उनके साथ हुआ. फिल्मों के अलावा उन्होंने वेब सीरीज में भी काम किया है. तुषार जीवन में आये किसी भी चुनौती को स्वीकार करने से डरते नहीं. 

शांत और हंसमुख स्वभाव के तुषार कपूर सिंगल फादर है और 4 साल के बेटे लक्ष्य के साथ इस फेज को एन्जॉय कर रहे है. उनका कहना है कि मैं सिंगल फादर बना और इसे बहुत एन्जॉय भी कर रहा हूं. मैंने सही समय में इसका निर्णय लिया और पिता बना. कोई रिग्रेट नहीं, बल्कि मैं अपने आपको ब्लेस्ड मानता हूं. मेरी लाइफ अब पूरी हो चुकी है. मेरे लाइफ में एक बदलाव की जरुरत थी जिसे मैंने किया. सभी माता-पिता के लिए लाइफ पार्टनर से अधिक कीमती उसके बच्चे होते है, क्योंकि काम से थककर जब व्यक्ति घर आता है, तो बच्चे ही उसकी थकान को मिनटों में दूर कर देते है. अगर मुझे दूसरा बच्चा भी मिलता है,फिर भी लक्ष्य मेरे लिए पूरी जिंदगी लक्ष्य ही रहेगा. इस लॉक डाउन में मैं उसके साथ खेल रहा हूं और फनी वीडियोज बनाकर समय बिता रहा हूं. मुझे मानसून पहले कभी पसंद नहीं था, पर अब लक्ष्य की वजह से अच्छा लगता है, क्योंकि उसके साथ मुझे पार्क में जाना पड़ता है, क्योंकि दिनभर की बारिश के बाद पार्क में खेलने की उसकी मांग को मैं पूरा कर पाता हूं. 

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तुषार कपूर का अपने पिता जितेन्द्र के साथ एक गहरा सम्बन्ध है, पिता उनके जीवन के आदर्श है, जिनसे वे बहुत सारी बातों को ग्रहण करते है. पिता बनने के बाद लक्ष्य के साथ वैसी ही बोन्डिंग का अनुभव करते है, जैसा उन्होंने अपने पिता के साथ महसूस किया था, लेकिन थोडा अलग है. वे कहते है कि आज के ज़माने में पिता पुत्र के सम्बन्ध में काफी बदलाव आया है. पहले पिता भोजन को बेटे के पास टेबल तक पहुँचाता था, पर आज के पिता बच्चे के खान-पान से लेकर खेलकूद, स्वास्थ्य, कहानियां सुनाना आदि हर चीज में बच्चे के साथ भागीदार बनते है. तब माँ की जिम्मेदारी अधिक होती थी, बच्चे की देखभाल का जिम्मा उनके पास होता था. आज दोनों की जिम्मेदारी होती है. मैं तो माँ और पिता दोनों की भूमिका निभा रहा हूं, जो मुश्किल है पर एन्जॉय कर रहा हूं.

एडॉप्शन को छोड़ सेरोगेसी का सहारा लेने के बारें में तुषार का कहना है कि मैं एडॉप्शन को बढ़ावा देता हूं. बच्चे के साथ किसी के सम्बन्ध को जुड़ने के लिए उसका बायोलॉजिकल माता-पिता होना जरुरी नहीं. कई अडॉप्ट बच्चे भी अडॉप्ट करने वाले माता-पिता की तरह दिखते है. ये हर इंसान की अपनी चॉइस है.

 

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Some Fridays just don’t turn out the way they were expected to! Nevertheless, friyay!

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बेटे लक्ष्य के लिए तुषार ने अभी कुछ सोचा नहीं है. वह किस फील्ड में जायेगा, यह उसपर निर्भर करता है. वे हंसते हुए कहते है कि मैं अपने बच्चे की प्रतिभा के आधार पर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं. केवल अधिक नंबर लाना मेरे लिए जरुरी नहीं. अगर उसे अभिनय की इच्छा मन से है तो मैं उसमें भी सपोर्ट करूँगा. मेरी बहन एकता कपूर भी उसे बहुत पसंद करती है और परिवार का पहला बच्चा मानती है. 

फादर्स डे पर सिंगल पेरेंट्स के लिए तुषार कहते है कि ये एक बड़ी कदम और जिम्मेदारी होती है. ये आपकी चॉइस होती है. पर ध्यान रखे जब आप पूरी तरह से इसके लिए तैयार हो, तभी ऐसा कदम उठाएं. मुझे पिता बनने की लालच थी. तब मैं किसी से मिला और उन्होंने इसके बारें में गाइड किया और मैंने अपनाया. पिछले कई सालों से ये मेरे दिमाग में चल रहा था. मैंने सुना था कि अमेरिका में ऐसा होता है, वहां जाकर करना पड़ेगा, पर बाद में पता चला कि ये भारत में हो सकता है और एक बड़ी इंडस्ट्री इसके लिए काम करती है. पहले बहुत सारी आलोचनाएं मुझे सुननी पड़ी, पर अब सब ठीक हो चुका है.

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दांतो को स्वस्थ रखने के लिए टार्टर को करें दूर

डॉ स्वाति अग्रवाल,
बीडीएस
श्री सिद्धि विनायक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मन्दसौर

आप सभी जानते हैं कि ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और मुंह में एंटीसेप्टिक सलूशन के साथ मुंह को अच्छे से कुल्ला करना बहुत ही अनिवार्य है. यह करने से मुंह में टारटर यानी कि प्लाक नहीं बनता है.

टार्टर क्या है?

जब आप अच्छे से ब्रश नहीं करते हैं और मुंह का अच्छे से ध्यान नहीं रखते हैं तो मुंह में कुछ प्रकार के बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं, यह बैक्टीरिया जब अपने खाने और खाने के जो प्रोटीन है उससे मिलते हैं तो एक चिपचिपी परत बना देते हैं, उस परत को प्लाक कहते हैं. प्लाक बहुत तरह के बैक्टीरिया से बनता है जो कि अपने दांत की बाहरी परत जो कि इनेमल कहलाती है, उसे खराब करता है और उसमें कैविटी यानी कि कीड़े उतपन्न करता है. तो जब हम इसको हटा देंगे तो मुंह में कैविटी यानी कीड़े नहीं लगेंगे और मसूड़े भी स्वस्थ रहेंगे.
सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब यह प्लाक आपके दांतों पर हमेशा रहता है और एक बहुत ही कड़क पर में बदल जाता है.
टाटर को हम कैलकुलस भी कहते हैं
जो कि दांत के ऊपर और मसूड़ों के अंदर बन जाती है. यह दांतो को हिला देती है और दातों में झनझनाहट कर देती है.यह परत डेंटल क्लीनिक में एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट से निकाली जा सकती है.

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हमारे दांतों और मसूड़ों को किस तरह से प्रभावित करता है यह टारटर?

यह हमारे दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत ही खराब है. इसमें जो बैक्टीरिया होते हैं वह मसूड़ों को खराब कर सकते हैं और मसूड़ों की बीमारी पैदा कर सकते है, जैसे कि पायरिया,
जब हम अच्छे से ब्रश करते हैं, फ्लॉस करते हैं और मुंह में एंटीसेप्टिक माउथवॉश से मुंह को क्लीन रखते हैं, तो हम टारटर से बच सकते हैं. अन्यथा यह एक गंभीर समस्या लेकर आ सकता है. जोकि पायरिया है.
पायरिया हमारे दांतों और मसूड़ों के बीच में एक जगह बना लेता है और उसे खराब करता है हमारा प्रतिरक्षा तंत्र वहां पर कुछ रसायन भेजता है ताकि दांतों और मसूड़ों को बचा सके. वहां जाकर यह रसायन बैक्टीरिया से मिलकर एक तरह का मिश्रण बनाता है जो हमारे दांतो के आसपास की हड्डियों को खराब करता है और दांतो को हिला देता है.

टारतर और कैलकुलस से बचाव के उपाय —

सबसे अच्छा तरीका है टारटर से बचने की टारटर होने ही ना दें कैसे ??
रोजाना दिन में दो बार ब्रश करें. ब्रश के दात बहुत ही मुलायम होने चाहिए और हर जगह पर जैसे की पीछे की दाढ़े हुई सब जगह पर ब्रश का पहुंचना अनिवार्य है.

मशीनी टूथब्रश टारटर को ज्यादा अच्छे से हटा पाता है.

कुछ टूथपेस्ट ऐसे होते हैं जो टार्टर को कंट्रोल करते हैं और जिस में फ्लोराइड की मात्रा अच्छी होती है फ्लोराइड दांत के बाहरी परत को रिपेयर करता है. किसी किसी टूथपेस्ट में ट्राई क्लॉसन नामक पदार्थ होता है जो टारटर में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ता है

चाहे आप कितना भी अच्छा ब्रश क्यों ना कर ले फ्लॉसिंग एक बहुत ही अनिवार्य चीज है जो कि आपको रोज करनी चाहिए, यह उस जगह के टार्टर को हटाती है जो दो दांत के बीच में मौजूद होता है. दोनों दांतो के बीच की जगह पर ब्रश का जाना संभव नहीं

और ब्रशिंग के बाद आता है, मुंह को एक एंटीसेप्टिक माउथवॉश से रोजाना कुल्ला करके उसको बैक्टीरिया से मुक्त करना, एंटीसेप्टिक माउथवॉश बैक्टीरिया को मार देती है और टारटर नहीं होने देती है.

अपने खान-पान पर ध्यान रखें बैक्टीरिया जो आपके मुंह में है वह शक्कर और स्टार्टर पदार्थ चाहता है — जब वह ऐसे दो पदार्थों के संपर्क में आता है तो हानिकारक एसिड छोड़ता है जिससे दांतों की बाहरी परत इनेमल गलने लगती है इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपना खानपान सही रखें और अगर ऐसे पदार्थों का सेवन आप करते हैं तो दिन में दो बार ब्रश जरूर करें और हर खाने के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पिया.

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धूम्रपान ना करें

जो लोग धूम्रपान या तंबाकू का किसी और तरह से सेवन करते हैं उन्हें टार्टर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है इसलिए ऐसे पदार्थों से बचें.

 

सोशल मीडिया के इस्तेमाल से पहले जान लें ये 6 बातें, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप की बीच सोशलमीडिया पर फेक न्यूज और बेकार खबरों के कारण लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. वहीं सोशलडिस्टेंसिग की बात की जाए तो सोशलमीडिया में भी इस बात का ख्याल रखने की पूरी जरूरत है. हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने के लिए गृह मंत्रालय की साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर हो रहे फ्रॉड और फेक न्यूज को देखते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है और कुछ बातों को लेकर आगाह रहने की बात कही है. आइए आपको बताते हैं क्या है वह बातें….

1. पर्सनल जानकारी शेयर करने से बचें

सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की निजी जानकारी शेयर ना करें. जैसे कि मोबाइल नंबर, आधार नंबर, घर का पता आदि. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पारिवारिक फोटो को भी शेयर करने से परहेज करना चाहिए. आपको द्वारा शेयर की गई इन जानकारियों का इस्तेमाल आपको ही परेशान करने के लिए किया जा सकता है.

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2. सेटिंग्स को प्राइवेट रखें हमेंशा

अगर आप सोशल मीडिया पर कोई फोटो या वीडियो शेयर करते हैं तो उसकी सेटिंग प्राइवेट रखें या सीमित रखें. कहने का मतलब है कि सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो, फ्रेंड लिस्ट की प्राइवेसी आदि को ओनली मी करके रखें, पब्लिक ना रखें. इसके लिए प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर सेटिंग्स बदलें.

3. फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से पहले लें पूरी जानकारी

किसी का भी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लें. उसकी प्रोफाइल चेक करें और टाइमलाइन पर नजर डालें और अगर आप किसी को नहीं जानते हैं तो उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार ना करें.

4. वर्चुअल और वास्तविक दोस्ती में समझें फर्क

किसी भी ऑनलाइन दोस्ती पर यकीन करना आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकता है. सोशल मीडिया के जरिए अगर आपसे कोई पैसे मांगता है तो किसी भी कीमत पर पैसे ना भेजें और अगर आपके किसी पहचान वाले दोस्त या परिवार के किसी सदस्य की आईडी से पैसे मांगे जाते हैं तो पहले उस दोस्त या सदस्य को फोन करें. उससे बात करें. सीधे पैसे ट्रांसफर ना करें.

5. फ्रेंड लिस्ट की जांच करना हा जरूरी

साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर आपसे ज्यादा एक्टिव हैं और नकली प्रोफाइल बनाकर बैठे हैं. आपकी एक गलती का वे इंतजार कर रहे हैं. यदि आपके किसी ऐसे दोस्त की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है जो कि पहले से ही आपकी लिस्ट में है और आप उसे जानते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि दूसरी प्रोफाइल साइबर अपराधी ने बनाई है.

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6. पुलिस की सहायता लेना न भूलें

अगर आप किसी कारणवश साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं तो घबराएं नहीं. परिवार के सदस्यों या करीबी दोस्त से बात करें. अधिक दिक्कत होने पर पुलिस को रिपोर्ट करें. आप नेशनल साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाकर शिकायत भी कर सकते हैं.

अगर आप इन नियमों या बातों का ख्याल रखेंगी तो यह आपके और आपके परिवार के लिए सुरक्षित रहेगा. साथ ही आप फ्रौड या धोखेबाजी से बच पाएंगे. इसलिए सोशलमीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना है जरूरी.

मौनसून में आंखों का संक्रमण ज्यादा हो रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरा 24 साल की कामकाजी महिला हूं. मौनसून का मौसम जल्द ही शुरू होने वाला है. मैं ने सुना है कि इस मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. क्या यह सच है? यदि यह सच है तो कृपया इस से बचाव का उपाय बताएं?

 जवाब-

आप ने बिलकुल सही सुना है. दरअसल, बारिश के पानी में कई प्रकार के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं और साथ ही इस मौसम में कीड़ेमकोड़ों की भरमार हो जाती है.

वातावरण में नमी और बैक्टीरिया के कारण आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इस से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वछता जरूरी है. आंखों को छुएं नहीं, रगड़ें नहीं और दिन में कम से कम 2-3 बार आंखों पर साफ और ठंडे पानी के छींटे मारें. इस से संक्रमण का खतरा कम होता है.

जिस जगह पानी भरा हो उस से दूर रहें, क्योंकि वहां पर बैक्टिरिया सब से ज्यादा पनपते हैं. आंखों में बारिश का पानी बिलकुल न जानें दें.

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कई बीमारियों के भी चपेट में आ जाते है. ऐसे में शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है क्योंकि आंखों में होने वाली जरा सी दिक्कत चिंता का सबब बन सकती है. अक्सर लोग आंख में धूल या मिट्टी चले जाने पर उसे तेजी से रगड़ने लगते हैं जिसके कारण आंखे लाल हो जाती है और उन्हें परेशानियां होने लगती है. गर्मी के मौसम में सबसे आम दिक्कत है एलर्जिक रिएक्शन. आंखों में एलर्जी होने से आंखों में पानी, चुभन होना और लालपन आने लगता है. एलर्जिक कांजेक्टिवआइटिस इस मौसम में सबसे आम है जो कि एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- आंखों को ऐसे बचाएं एलर्जी से…

मौनसून फैशन ट्रेंड: पाएं कंफर्ट के साथ स्टाइल भी

मानसून का मौसम आ चुका है. इस मौसम में आउटफिट्स का ट्रेंड बिल्कुल बदल जाता है. इसलिए हम इन दिनों ऐसे आउटफिट्स सर्च करते है, जो कि मौसम के साथ ही साथ फैशन के साथ बैठ जाएं. अगर इस मौसम के लिए आप ड्रेस खरीदने जा रही हैं, तो पहले ये खबर पढ़ ले और जान लें कि आखिर इस मौसम में कौन सा फैशन ट्रेंड में है.

एक फैशनीस्ता यह बात अच्छी तरह से जानती है कि इस मौसम में क्या आउटफिट्स पहनने चाहिए और क्या नहीं. हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ कूल फैशन हैक्स. जो कि इस बारिश के मौसम में सबसे बेस्ट है. जिसमें आप कंफर्ट के साथ स्टाइलिश भी लगेंगी.

1. रेन कोट

बारिश का मौसम हो और रेनकोट न हो. ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. अभी तक कलर्ड रेनकोट चलते थे. लेकिन इस समय ट्रांसपेरेंट रेनकोट का ट्रैंड चल रहा है. जी हां, अब आप प्यारी सी ड्रेस के ऊपर बेकार सा रेनकोट नहीं पहनना पड़ेगा. इस रेनकोट में आपकी ड्रेस भी नजर आएगी. इसके साथ ही आप स्टाइलिश भी लगेंगी.

 

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НЕЗАМЕНИМАЯ ВЕЩЬ ЛЕТОМ – ДОЖДЕВИК💧 ⠀ Перечисляем бонусы: • материал: влагостойкая и ветронепродуваемая мембранная ткань. • плащ длинный, так что сухими останутся не только плечи, но и ноги. • удобный капюшон. • боковые карманы на молнии. • основная молния с двумя замками. Так что плащ можно расстегнуть снизу, если нужно подобраться к карманам в джинсах. • низ рукавов и капюшон затягивается резинкой • можно снять верх и оставить сохнуть на поясе, если вдруг стало жарко ⠀ Ждем тебя по двум адресам: 📍СПБ ул. Коломенская 20, магазин К20; 📍Москва. Складочная 1 стр. 10. У нас все ещё нет вывески, так что пишите нам на московский аккаунт @cortimorcor_moscow , мы вас сориентируем. ⠀ Ну и не забывай, у нас доставка по всему миру 🌍 ⠀ #womenstyle #уличнаямода #streetstyle #streetfashion #плащ #raincoat #coat #rain #casualstyle #casulwear #photooftheday #cortimorcor #cortimorcorgirls #сашалюбиттебя

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2. ट्रेंच कोट

 

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Молочный тренч из 100% хлопка

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आमतौर पर इस तरह के कोट को सर्दियों में पहना जाता है लेकिन इसे आप मानसून में भी पहन सकती है. यह मानसून ट्रेंड के सबसे बेस्ट कोट हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि जब इसका इस्तेमाल कर रहे हो तो इसके साथ में छाता ले जाना न भूले.

3. कोटेड स्किनी जिंस

कोटेड स्किनी जिंस बहुत ही पुराना फैशन है. लेकिन एक बार फिर यह फैशन में आ गया है. आप इस कोटेड जींस को पहन ऐसा फील करेंगी कि आपने लैदर पहना हुआ है.

4. रेन बूट

बारिश के मौसम में बूट्स बहुत ही जरुरी पार्ट है. अब आपने रैनी ड्रेस तो अच्छी पहन ली है, लेकिन बूट्स नहीं पहने, तो आपका पूरा लुक बेकार है. इसलिए आप इस मौसम में क्लासिक कलर के बूट्स खरीद लें. जो कि आपके बजट में हो. इसके साथ ही आपके लुक को पूरा करने के साथ-साथ आपके पैरों को सही रखें.

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5. ड्रेस

मानसून में ड्रेस की बात करें तो इन दिनों फ्लोरल प्रिंट की ड्रेसेस का फैशन तेजी से चल रहा है. जिसमें फ्लोरल पैंट, शर्ट के अलावा फ्लोरल साड़ी भी आपको मिल जाएगी. जो कि मानसून में भी आपके लुक पर चार चांद लगा देगी.

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