लेख-मृदुला भारद्वाज
हर युवा चाहता है कि देखने में उस की बौडी फिट लगे यानी उभरी हुई मसल्स हों. डंबल्स से आप अपनी यह इच्छा पूरी कर सकते हैं. कमर, थाइज और बांहें वजन बढ़ने की सूचना तब देती हैं जब आप का शरीर बेडौल हो चुका होता है. हैवी डाइट लेने और वर्कआउट न करने के कारण यह सब होता है. हर कोई चाहता है कि वह फिट ऐंड फाइन नजर आए, खासकर युवाओं में तो अपने मसल्स और कर्व्स को ले कर कुछ ज्यादा ही क्रेज होता है. हर युवा की तमन्ना होती है कि फिट बौडी के साथ उस के मसल्स भी उभरे हुए हों और उस की बौडी में कर्व्स भी दिखें.मसल्स बनाने का जनून आज लगभग हर युवा पर सवार है और अब तो युवतियां भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गई हैं.
युवतियां भी अपनी बौडी में अब मसल्स और कर्व्स चाहती हैं.मसल्स और कर्व्स बनाने के लिए वैसे तो जिम में बहुत से उपकरण हैं जो बेहद आधुनिक हैं, लेकिन आज भी एक ऐसा उपकरण है जो बहुत पुराने जमाने से चला आ रहा है. वह उपकरण है डंबल. डंबल आज भी फिट बौडी चाहने वालों के फिटनैस मंत्र का अहम हिस्सा है. जिम के अत्याधुनिक उपकरणों के बावजूद डंबल्स में आज भी इतनी क्षमता है कि वे आप के मसल्स भी बना सकते हैं और आप की बौडी को कर्व्स भी दे सकते हैं.वैसे तो डंबल्स को सिर्फ हाथों के व्यायाम करने का एक उपकरण माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. डंबल्स से आप अपने पूरे शरीर का व्यायाम भी कर सकते हैं और शरीर के किसी भी भाग की मसल्स को भी बिल्डअप कर सकते हैं.
आर एम टैस्ट
लक्ष्मीबाई स्पोर्ट्स एजुकेशन ऐंड वैलफेयर सोसाइटी के डिप्टी डायरैक्टर (औपरेशंस) डा. दीपक डोगरा के अनुसार, डंबल्स व्यायाम करने के लिए एक टैस्ट किया जाना बहुत जरूरी है. यह टैस्ट ही बताता है कि कितने भार के डंबल्स के साथ व्यायाम करना आप के लिए सही है. इसे आर एम टैस्ट कहते हैं. यह रिपिटेशन टैस्ट होता है. इस में देखते हैं कि व्यक्ति एक बार में कितना भार अधिकतम उठा पाता है. यह प्रक्रिया लगभग 5 बार दोहराई जाती है. जो भार आप एक बार में उठाते हैं वह आप की 100 प्रतिशत इंटैनसिटी है. वजन बढ़ाने के लिए डंबल व्यायाम को 3 से 6 सैट में करना चाहिए.यदि आप अपना वजन कम करना और मसल्स को शेप और कर्व्स देना चाहते हैं, तो आप का रिपिटेशन एवरेज 61 से 70 फीसदी कम होना चाहिए और सैट 15 से ज्यादा नहीं होने चाहिए.अगर आप घर पर ही डंबल व्यायाम करते हैं तो 2 से 4 सैट हफ्ते में 4 बार एक दिन छोड़ कर करें, लेकिन इस के लिए आप पहले दिन अपर बौडी, दूसरे दिन लोअर बौडी का व्यायाम करें.
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डंबल्स व्यायाम से पहले
किसी भी वर्कआउट को करने के कुछ नियम होते हैं. चाहे आप घर में कसरत करें या जिम में, आप को नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, तभी आप फिट बौडी और मसल्स बना पाएंगे. वर्कआउट के लिए पुश ऐंड पुल के सिद्धांत को अपनाया जाता है. कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले जरूरी होता है वौर्मआप. इस के बाद आप डंबल्स के साथ कोर असिस्टैंस करें.डा. दीपक डोगरा का कहना है कि डंबल्स का इस्तेमाल मुख्यतया संतुलन और सामंजस्य के लिए किया जाता है. हमारे शरीर का एक हाथ दूसरे हाथ से अधिक ताकतवर होता है. अगर आप दाहिने हाथ से काम करते हैं तो आप के दाहिने हाथ में बाएं हाथ से ज्यादा स्ट्रैंथ होती है. डंबल्स हमारी इस स्ट्रैंथ को दोनों हाथों में बराबर करता है, ताकि बाकी उपकरणों पर कसरत करने में हमें इस परेशानी का सामना न करना पड़े. इस के साथ ही डंबल्स हमारी कोर और असिस्टैंस मसल्स को डैवलप करता है.
विभिन्न डंबल्स व्यायाम
डा. दीपक डोगरा का कहना है कि डंबल्स के साथसाथ आप अपनी पूरी बौडी के मसल्स और कर्व्स बना सकते हैं. इस के लिए शरीर के हर भाग की डंबल्स के साथ एक अलग कसरत होती है.
छाती
छाती के व्यायाम में आप की छाती मुख्य मसल होती है, जबकि कंधे और ट्राइसैप्स मददगार मसल्स के रूप में काम करती हैं.
डीबी बेंचप्रैस : आप बैंच पर लेट कर डंबल्स को प्लैट, ऊपर की तरफ और नीचे की तरफ ले जाएं.
डीबी फ्लाइस : इस में आप बैंच पर लेट कर डंबल्स ले कर हाथों को छाती की सीध में लाएं, फिर दोनों हाथों को खोलें.कंधेकंधे का व्यायाम करते वक्त ध्यान रखें कि पहले कम वजन ही उठाएं. इस से चोट लगने का खतरा कम रहता है. यदि आप की किसी तरह की शोल्डर इंजरी हो तो आप यह व्यायाम न करें.
डीबी प्रैस : बैंच पर बैठ कर थाई की सहायता से एकएक कर के डंबल को कंधे के ऊपर उठाएं. अब एक हाथ को ऊपर की तरफ ले जाएं, उसे नीचे दोबारा कंधे के ऊपर रखें. अब दूसरे हाथ के साथ यही प्रक्रिया फिर से दोहराएं.
डीबी साइड लेटरल : दोनों हाथों में डंबल्स नीचे की तरफ पकड़ें. अब एकसाथ दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं. हाथों को कंधे की सीध में ले जाएं. इस में हाथों को शरीर के दोनों साइड्स की तरफ ले जाते हैं.
डोबी फ्रंट लेटरल : दोनों हाथों में डंबल्स नीचे की तरफ पकड़ें. अब एक हाथ को सामने की तरफ कंधे की सीध में उठाएं, फिर वापस नीचे की ओर ले जाएं. इसी तरह दूसरे हाथ की कसरत करें. इस प्रक्रिया को बारीबारी दोहराएं.ट्राइसैप्सकुहनी से ऊपर का भाग ट्राइसैप्स होता है.
टू आर्म्स ट्राइसैप्स एक्सटैंशन : दोनों हाथों में एक ही डंबल पकड़ें. अब हाथ को सिर के ऊपर ले जाएं. अब कुहनियों को मोड़ते हुए हाथों को सिर के पीछे की तरफ ले जाएं. कुछ देर रुकें, फिर दोबारा हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराएं.
वन आर्म ट्राइसैप्स एक्सटैंशन : टू आर्म्स ट्राइसैप्स एक्सटैंशन की प्रक्रिया को ही एक हाथ से करें.
ट्राइसैप्स किकबैक : अपने एक हाथ और एक घुटने को बैंच पर रखें. दूसरे हाथ में डंबल पकड़ें. डंबल वाले हाथ को पीछे की तरफ धकेलें. थोड़ी देर रुकने के बाद उसी पहले वाली अवस्था में आ जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.बेंट ओवर वन आर्म ट्राइसैप एक्सटैंशन: एक बैंच पर बैठें. पेट के बल मुड़ जाएं. एक हाथ में डंबल पकड़ें और हाथ को पीछे की तरफ 90 डिग्री तक ले जाएं. थोड़ी देर रुकें और दोबारा पोजिशन की अवस्था में आ जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराएं.
लेइंग ट्राइसेप एक्सटैंशन : पीठ के बल बैंच पर लेट जाएं. अब दोनों हाथों से एक डंबल पकड़ें. हाथों को सामने की ओर ले जाएं. अब डंबल को सिर के ऊपर की तरफ ले जाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.
बाईसैप्सबाइसेप्स ऊपरी बांह की मसल्स को कहते हैं.
डेक्लाइन सिटिड बाइसैप कर्ल्स : बैंच 45 डिग्री के एंगल के अनुसार हो. दोनों तरफ हाथों में डंबल्स पकड़ें. कुहनियों को अपने शरीर के निकट लाएं. कुहनी को मोड़ते हुए वजन को ऊपर की तरफ उठाएं. इस प्रक्रिया को बारीबारी एकएक हाथ से दोहराएं.
हैमर कर्ल्स : डंबल्स को दोनों हाथों में अलगअलग पकड़ कर सीधे खड़े हो जाएं. कुहनी को मोड़ते हुए हाथों को मुंह के सामने लाएं. इस प्रक्रिया को एकएक हाथ से बारीबारी से करें.
प्रिएचर कर्ल्स : बैंच को 45 डिग्री के ऐंगल पर सैट करें. कमर को हलका सा कर्ल दें. एक हाथ में डंबल पकड़ कर आराम से बैंच पर पीठ रखें. अब डंबल वाले हाथ को नीचे से चेहरे की तरफ ले जाएं. इसी तरह थोड़ा रुक कर प्रक्रिया को दोहराते रहें.
कंसंट्रेशन कर्ल्स : एक बैंच पर बैठ जाएं और पैरों को जमीन पर सीधा रखें. एक हाथ को थाई पर रखें, ठीक घुटने के ऊपर. अब नीचे की तरफ दूसरे हाथ में डंबल पकड़ें. अब डंबल वाले हाथ को ऊपर की तरफ चेहरे के सामने लाएं. अपनी कमर को वेट उठाते समय न घुमाएं. इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें.पीठ का व्यायाम
डेड लिफ्ट्स : सीधे खड़े हों. अब लोअर बैक और घुटनों को मोड़ कर वेट उठाएं. कमर को सीधा रखें. पूरी प्रक्रिया के दौरान आप का सिर ऊपर की ओर रहेगा. इसे दोहराएं.
सिंगल आर्म रा : बैंच पर एक घुटना और एक हाथ रखें. एक हाथ में डंबल पकड़ें. अब उस बाजू को ऊपर की तरफ खींचें. इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें. वन आर्म ऐक्सरसाइज में दूसरे हाथ से भी उतनी ही ऐक्सरसाइज करें.पैरपैर के व्यायाम में अपर थाई, लोअर थाई और इनर थाई शामिल होती हैं.
हाफ स्क्वैट : दोनों हाथों में एकाएक डंबल नीचे की तरफ पकड़ें. अब अपनी थाइज को मोड़ते हुए नीचे की तरफ बैठें. कमर को सीधा रखें. सिर को ऊपर रखें. जिस तरह उठकबैठक होती है, इसे बिलकुल उसी तरह करें.
डंबल लंज्स : दोनों तरफ हाथों में नीचे की ओर डंबल पकड़ें. एक पैर को आगे की तरफ 2 फुट बढ़ाएं और घुटने को 90 डिग्री के ऐंगल पर मोड़ें. जब आप अपने पैर को मोड़ें तो आप का घुटना फर्श को छूना चाहिए. आगे के पैर को धकेलते हुए पहली वाली अवस्था में वापस आ जाएं. अब ऐसा ही दूसरे पैर के साथ करें. इसी प्रक्रिया को बारीबारी से दोनों पैरों के साथ दोहराते रहें.काल्फइस में घुटने से नीचे का भाग होता है.
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सिंगल लैग काल्फ प्रैस : कमर को सीधा रखें. एक हाथ को बैंच के ऊपरी हिस्से पर सहारे के लिए रखें और दूसरे हाथ में डंबल को नीचे की तरफ पकड़ें. एक पैर को बैंच के फ्रेम में रखें. दूसरे पैर को नीचे लटकाएं. अब बिना हाथों का सहारा लिए पैर को जमीन पर रखें. फिर ऊपर की ओर खींचें. इस प्रक्रिया को बारीबारी दोहराते रहें. याद रहे, जिस तरफ के पैर को बैंच पर रखा है उसी तरफ के हाथ में डंबल भी पकड़ें.
सिटिड काल्प रेजेस : बैंच के किनारे पर पैरों को जमीन से 12 इंच ऊपर रख कर बैठें. डंबल्स को हाथों में पकड़े हुए ही थाइज पर रखें. पैरों की उंगलियों के सहारे से एडि़यों को ऊपर की तरफ उठाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.
डंबल्स के प्रकार
डंबल्स 3 प्रकार के होते हैं : प्लास्टिक डंबल्स, रबड़ डंबल्स और आयरन डंबल्स.प्लास्टिक और रबड़ के बने डंबल्स ज्यादा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि इन से किसी तरह की चोट लगने का खतरा नहीं होता है, जबकि आयरन डंबल्स ज्यादा प्रभावशाली होते हैं. आयरन डंबल्स में मैगनेटिक फील्ड होती है जो आप की मसल्स को बनाने में ज्यादा असरदार होती है.
पोषण
अच्छी बौडी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है. सभी युवा अपनी बौडी बनाना, मसल्स बनाना पसंद करते हैं. कुछ लोग मसल्स बनाने के लिए कसरत तो करते हैं, लेकिन पर्याप्त और सही खुराक नहीं लेते. नतीजतन, मसल्स तो बनतीं नहीं, उलटे, वे और दुबले हो जाते हैं.इंडियन काउंसिल औफ मैडिकल रिसर्च, हैदराबाद के अनुसार, हर देश के लोगों का खानपान, बौडी स्ट्रक्चर अलगअलग होता है. इसलिए उन की क्षमताएं भी एकदूसरे से भिन्न होती हैं. अगर आप बौडी फिटनैस के लिए वर्कआउट करते हैं, तो आप की डाइट इस प्रकार होनी चाहिए.- अगर आप वर्कआउट के साथ अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आप को हाई प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए.- अगर आप अपनी बौडी को मैंटेन रखना चाहते हैं तो आप को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए. इस के लिए आप की डाइट में 50 से 60 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 10 से 15 फीसदी प्रोटीन और 25 से 30 फीसदी वसा होनी चाहिए.- अगर आप वर्कआउट से अपना वजन कम करना चाहते हैं, मसल्स और कर्व्स चाहते हैं, तो आप को लो कार्बोहाइड्रेट डाइट लेनी चाहिए.
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत में पिछले 45 वर्षों में आज सबसे ज्यादा बेरोज़गार हैं. देश की तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता का स्वाद ले चुकी हैं गठबंधन में रहकर ही सही. रामराज्य स्थापित करने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को सत्ता मिली तो देशवासियों को रोजी तो मिली नहीं, उलटे, उनके रोजगार छिनने लगे.
बेरोज़गारी खत्म करने का वादा/दावा करने वाली सभी पार्टियों ने सत्ता में आने के बाद बेरोज़गारी को बढ़ाया है. आज वायरसरूपी वैश्विक महामारी से निबटने के नाम पर लागू किए गए लौकडाउन के चलते देश में 12 करोड़ लोगों से रोजगार छिन गया है. इतना ही नहीं, विदेशों में रोजीरोटी कमा रहे लाखों भारतीय रोजी छिनने के चलते वापस आने की कतार में हैं. ऐसे में स्थिति कैसी होगी जबकि बेरोज़गारी के चरम पर भारत पहले से ही है. आने वाला वक्त बहुत ही डरावना हो सकता है.
कोविड-19 को फैलने से रोकने को लगाए गए लौकडाउन की वजह से 12 करोड़ से ज़्यादा लोगों की रोज़ीरोटी छिन गई है. इनमें छोटेमोटे कामधंधे करने वाले और इस तरह के धंधों से जुड़ी दुकानों या कंपनियों में काम करने वाले लोग ज़्यादा हैं. सैंटर फ़ौर मौनिटरिंग इंडियन इकोनौमी यानी सीएमआईई ने अनुमान लगाया है कि इसमें से कम से कम 75 फीसद तो दिहाड़ी मज़दूर ही हैं.
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लौकडाउन की चपेट में आकर रोज़गार गंवाने वालों में सबसे अधिक लोग तमिलनाडु में हैं. दूसरी ओर, केरल पर इसका इस मामले में सबसे कम असर पड़ा है. इसके अलावा वेतन पर नौकरी करने वालों की तादाद भी कम नहीं है.
सीएमआईई ने कहा है कि लौकडाउन खत्म होने के बाद दिहा़ड़ी मज़दूरों और दुकान वगैरह में छोटेमोटे काम करने वालों को तो जल्द ही काम मिल जाएगा लेकिन वेतनभोगी लोगों को नौकरी पाने में बहुत दिक्क़तों का सामना करना होगा, उन्हें पहले की तरह की नौकरी आसानी से नहीं मिलेगी.
एक मोटे अनुमान के मुताबिक़, अप्रैल महीने में लगभग 1.80 करोड़ छोटे व्यवसायियों का धंधा बंद हो गया. आंकड़ों के अनुसार, देश में इस तरह के लगभग 7.80 करोड़ धंधे थे, लेकिन अप्रैल में यह संख्या घट कर 6 करोड़ रह गई. मतलब साफ है, लगभग 1.80 करोड़ कारोबार बंद हो गए.
इस तरह के कारोबार के इतनी बड़ी तादाद में बंद होने का मतलब यह है कि ये कारोबारी ही नहीं, इनसे जुड़े कर्मचारियों का रोज़गार भी गया. इसके अलावा इनके कामकाज से जुड़े दूसरे लोगों और सप्लाई चेन के लोगों की भी रोज़ीरोटी छिन गई.
सीएमआईई ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इस तरह के रोज़गारों की तादाद लगभग 40.4 करोड़ से घट कर 39.6 करोड़ पर आ गई थी. लौकडाउन के दौरान इसमें और कमी आई, वह गिर कर 28.2 करोड़ तक पहुँच गई. इस तरह लगभग 12.2 करोड़ लोगों की रोज़ीरोटी छिन गई.
वहीं, सवाल यह भी है कि महानगरों और विदेश से लौटने वाले प्रवासियों को कैसे मिलेगा रोज़गार? कोविड-19 ने बिहार जैसे ग़रीब राज्य के लिए जो परेशानी पैदा की है और जिसे आगेपीछे बाक़ी प्रदेशों को भी भुगतना है, वह यह है कि क्या उन मज़दूरों को जो इस संकल्प के साथ वापस लौट रहे हैं कि चाहे जो हो जाए वे महानगरों को वापस नहीं जाएंगे, वे बरदाश्त कर पाएंगे जो एक जर्जर अर्थव्यवस्था में अपने लिए जगह बनाने के लिए पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं?
यही नहीं, एक अनुमान के अनुसार, 5 सौ से ज़्यादा विमानों और 3 बड़े युद्धपोतों की सेवाएं अलगअलग कारणों से विदेशों से भारत लौटने का इंतज़ार कर रहे लोगों को वापस लाने में लगने वाली हैं. वापस लौटने वाले ये लोग कौन हैं? इनमें अधिकांश वे हैं जिनकी नौकरियां चली गईं हैं, वीज़ा की अवधि समाप्त हो गई है, पढ़ने वाले छात्र हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो चिकित्सा संबंधी या किन्हीं पारिवारिक कारणों से वापस आना चाहते हैं. ये उन 15 लाख लोगों से अलग हैं जो लौकडाउन लागू होने से पहले के 2 महीनों में भारत लौट चुके हैं.
एक अनुमान के अनुसार,लगभग 3 करोड़ प्रवासी और भारतीय मूल के नागरिक अलगअलग देशों में काम कर रहे हैं. यह संख्या थोड़ी कमज़्यादा हो सकती है. अकेले यूएई में ही 35 लाख और सऊदी अरब तथा अमेरिका में 20-20 लाख भारतीय हैं.
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विदेशों से लौटने वाले लोग अगर एक लंबे समय तक यहीं रुकते हैं तो वे उसी अर्थव्यवस्था में अपने लिए भी ‘स्पेस’ ढूंढ़ेंगे जिसमें कि इस समय पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोज़गारी बताई जाती है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि देश की हालत ‘सोने की चिड़िया’ जैसी नहीं, बल्कि ‘सोती चिड़िया’ जैसी है.
बालों की समस्या ऐसी है जिससे आज लगभग हर इंसान जूझ रहा है. भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रदूषण ने सेहत के साथ साथ हमारे बालों पर भी बुरा प्रभाव डाला है. ऐसे में जहां हम अपनी सेहत के लिए इतना कुछ करते हैं वहीं हमें अपने बालों की सेहत के लिए भी कुछ समय जरूर निकालना चाहिए. दिल्ली के अनवाइंड सैलून की हेयर एंड स्किन एक्सपर्ट नीति चोपड़ा बताती हैं कि अगर हम रुटीन में छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें तो बालों की टूटने व झड़ने संबंधी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं. जैसे- हम सब अपने बाल धोते हैं लेकिन हर कोई अपने बालों की कंडिशनिंग नहीं करता जोकि बहुत जरूरी है. वहीं कुछ लोग बालों से शैंपू को भी ठीक तरीके से वॉश नहीं करते.
कुछ लोग जो कंडिशनर इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन उसे बालों से अच्छी तरह वॉश नहीं करते जिस वजह से कंडिशनर बालों पर ही चिपका रह जाता है. इसलिए जब भी बाल धोएं पहले शैंपू को अच्छी तरह बालों से हटाएं. उसके बाद कंडिशनर जरूर यूज करें और कंडिशनर को भी अच्छी तरह से वॉश करें. शैंपू और कंडिशनर यूज करने के बाद बालों को अच्छी तरह वॉश करना बहुत जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते तो उससे बाल कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं. यह बालों के कमजोर होने व टूटने की एक सबसे बड़ी वजह है.
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एक बात का और ध्यान रखे कि जब भी आप कंडिशनर यूज करें तो वह आपके स्कैल्प पर नहीं लगना चाहिए. कंडिशनर का इस्तेमाल केवल बालों की लेंथ पर करना है जड़ों पर नहीं. कई लोग अज्ञानतावश शैंपू की तरह ही कंडिशनर को भी सर पर अच्छे से लगा देते हैं, यह गलत है. कंडिशनर कैसे यूज करना है यह आपको पता होना चाहिए. जिस प्रकार बालों के लिए कंडिशनर लगाना जरूरी है, उसी प्रकार उसे बालों से अच्छी तरह धोकर निकालना भी जरूरी है.
अगर आप शैंपू या कंडिशनर को अच्छी तरह धोकर नहीं निकालेंगे तो इससे आपके बालों पर बहुत जल्दी गंदगी जमा हो जाती है. बाल चिपचिपे हो जाते हैं. धूल मिट्टी बालों पर जल्दी चिपक जाती है. कंडिशनर बालों से अच्छी तरह न निकालने की वजह से हेयर फॉल बहुत तेजी से होने लगता है.
जब भी आप बाल धोएं तो उन्हें पूरी तरह से सुखाकर ही घर से बाहर निकलें. गीले बालों के साथ घर से बाहर न निकलें. अगर आप पार्लर जाकर अपना सर धुलवा रहे हैं तो बालों को पूरी तरह से सुखाकर ही या ब्लोड्राई कराकर ही पार्लर से बाहर निकलें. आधे सूखे आधे गीले बालों को लेकर पार्लर से बाहर न आएं. गीले बाल सबसे वीक पोजिशन में होते हैं और सूखे बाल उतने ही स्ट्रॉग होते हैं.
इसके अलावा बाल जल्दी सुखाने के लिए गीले बालों पर जोर से तौलिया न रगड़ें. बस तौलिये को बालों पर लपेट लें.
गीले बालों पर कंघी भी नहीं करनी चाहिए. पहले बालों को सौ प्रतिशत सुखाना बहुत जरूरी है. उसके बाद आप कंघी करें.
कई लोगों का मानना है कि बाल सुखाने के लिए ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नीति बताती हैं कि ड्रायर में भी दो विकल्प होते हैं गरम हवा और ठंडी हवा का. अगर कहीं जाना है और आपके पास सामान्य तरीके से बाल सुखाने का समय नहीं है तो जल्दी बाल सुखाने के लिए ड्रायर के ठंडी हवा वाले विकल्प को चुनें. यह उतना नुक्सान नहीं करता.
अच्छे बालों के लिए ऑयलिंग करना भी बहुत जरूरी है. अच्छा तो यह है कि सप्ताह में चार बार ऑयलिंग की जाए.
बहुत सारे लोगों को यह शिकायत होती है कि हम ऑयलिंग भी करते हैं इसके बावजूद हमारे बाल बहुत सूखे हैं. नीति बताती हैं कि यह इसलिए होता है क्योंकि हम तेल लगा तो लेते हैं लेकिन उसे निकालने के लिए तीन-चार बार शैंपू भी कर लेते हैं. यह गलत है. आप एक बार ही शैंपू अच्छे से यूज करें. अगले दिन बेशक फिर से शैंपू से बाल धो लें लेकिन एक ही समय में तीन-तीन बार शैंपू लगाकर बालों को धोना ठीक नहीं है. कई लोगों की यह आदत भी होती है बेशक उन्होंने सर पर तेल न भी लगाया हो तो भी वे पहले एक बार शैंपू लगाते हैं फिर उसे धोकर फिर से शैंपू लगाते हैं. फिर से धोते हैं. तीसरी बार भी ऐसा ही करते हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से सर अच्छी तरह साफ हो जाएगा. यह बालों की सेहत के लिए बहुत ही गलत है. आप जब भी नहाएं चाहे आपने बालों में तेल लगाया हो या न लगा हो, नहाते वक्त शैंपू एक बार ही यूज़ करें. अगर किसी के बहुत घने और लंबे बाल हैं वो इंसान बेशक दो बार यूज़ कर लें, लेकिन बाकी लोग नहीं. यह बाल टूटने की बड़ी वजहों में से एक है.
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बीच-बीच में बालों की जरूरत के अनुसार हेयर स्पा जरूर कराएं. महीने में कम से कम एक बार सैलून जाकर सर जरूर धुलवाएं.
क्या हर किसी को हेयर स्पा की जरूरत होती है? नीति बताती हैं कि हेयर स्पा एक ट्रीटमेंट है हमारी बालों की देखभाल करने के लिए. हेयर स्पा के बहुत सारे वैरिएशन आते हैं. इसे आप ऑयल मसाज के साथ भी ले सकते हैं. यह अलग-अलग ब्रॉड के होते हैं. सबसे जरूरी यह समझना है कि सामने वाले ने आपकी बालों की दिक्कत को अच्छी तरह समझा या नहीं? अगर आप किसी समस्या को लेकर किसी सैलून में गए लेकिन वहां वो इंसान आपकी समस्या को अनंदेखा कर किसी और ही सर्विस के बारे में आपको बताने लगे तो वहां दिक्कत आती है. लेकिन अगर वह आपके बालों की समस्या के आसपास ही कोई सर्विस सजेस्ट करे तो वो बिल्कुल फायदा रहेगी. हेयर स्पा में बहुत सारी चीज़ें आती हैं इसलिए यह किसी न किसी रूप में हर किसी को सूट करती ही है.
हेयर केयर को लेकर कुछ और बातों की जानकारी होना भी जरूरी है. जैसे जिन लोगों को हेयर फॉल हो रहा होता है उन्हें अपने सर पर चंपी नहीं करानी चाहिए. हेड मसाज करानी चाहिए वह भी सॉफ्ट हाथों से. हेड मसाज के साथ-साथ में शोल्डर मसाज भी करानी चाहिए.
सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) फेम एक्ट्रेस शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) का हर कोई दीवाना है. वहीं शिवांगी की मोहसिन खान संग कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आती है. लेकिन इसी बीच शिवांगी जोशी को लेकर ‘बिग बॉस 13’ फेम विशाल आदित्य सिंह (Vishal Aditya Singh) सुर्खियों में हैं. दरअसल इसकी वजह उनका एक स्टेटमेंट है, जिसमें विशाल ने बताया है कि वह शिवांगी को बीवी कहकर बुलाते हैं, जिसके बाद उनके फैंस चौंक गए हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….
शो में साथ काम करते हुए बनी थी बौंडिंग
विशाल आदित्य सिंह ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा है कि सीरियल की शूटिंग के दौरान हम काफी नए थे और ये शिवांगी के करियर की शुरुआत थी. ये शिवांगी का पहला बड़ा प्रोजेक्ट था और हम शूटिंग के दौरान खूब मस्ती किया करते थे. मैं आज भी उसे बीवी ही कहकर बुलाता हूं क्योंकि शो में शिवांगी ने मेरी पत्नी का रोल अदा किया था. हम अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं. शिवांगी की मम्मी बहुत ही प्यारी है और वो शिवांगी के लिए खाना बनाती थी तो हर दिन मेरे लिए भी अलग से टिफिन भेजा करती थी क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि मुझे घर का खाना पसंद है. उन्हें पता था कि मैं अपने परिवार के बिना अकेला रहता हूं तो वो हमेशा मेरे लिए खाना भिजवाती थी और मुझे बहुत प्यार करती थी. मैं उन्हें मासी बुलाता था और कभी-कभी मैं उन्हें उनके नाम से भी बुला लिया करता था. शिवांगी के साथ मेरा बॉन्ड एक दोस्त के जैसा है और हम-एक दूसरे के साथ काफी फ्रेंडली हैं वो मेरी अच्छी दोस्त है.’
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साथ काम करने पर विशाल ने कही ये बात
साथ काम करने पर विशाल आदित्य सिंह ने बताया कि, ‘बेगुसराय में हमें हमारी केमेस्ट्री काफी पसंद आती थी. एक अलग मजा था उस शो में काम करने का. मुझे लगता है कि जब आपका को-एक्टर अच्छा हो तो अलग ही बात होती है और मैं शिवांगी जैसे को-स्टार पाकर काफी खुश था. शिवांगी के साथ मेरा कम्फर्ट लेवल काफी अलग है. लेकिन ये हमारे हाथ में नहीं है कि हम दोबारा काम करें..सिर्फ समय और प्रोड्यूसर ही ये फैसला लेगा. मैं उसके साथ दोबारा काम करना पसंद करुंगा.’
बता दें, शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) और विशाल आदित्य सिंह सीरियल ‘बेगुसराय’ (Begusarai) में साथ नजर आ चुके हैं, जिसमें दोनों ने पति-पत्नी के रोल में नजर आ चुके हैं. वहीं दोनों की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आई थी.
अब गरमियों के दिन शुरू हो गए हैं, जिसके लिए जरूरी है की हर कार में कूलिंग के लिए के लिए एक पावरफुल एयर कंडीशनिंग सिस्टम हो. वहीं Hyundai Venue में कुछ ऐसे नए फीचर्स हैं, जो साल के सबसे गरम दिनों में भी आपको कूलिंग का एहसास कराएगा.
औटोमैटिक temperature फीचर्स के साथ ये कार को गरमी में ठंडा और सर्दी में गरम रखेगा. रियर-सीट यात्रियों के लिए समर्पित वेंट हैं, जिसमें वायु प्रवाह की मात्रा को समायोजित करने की क्षमता मिलती है. एयर कंडीशनिंग सिस्टम इको कोटिंग के जरिए किसी भी माइक्रोबियल ग्रोथ को बढ़ने से रोकता है, जिससे कार के अदर ताजगी बनी रहती है.
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गर्मी के दिनों में Hyundai Venue अब एक कोल्ड ड्रिंक हो या स्नैक्स को ठंडा रखने में मदद करेगा.
वेन्यू आपको ठंडा रखने के साथ आपकी आगे की यात्रा को आरामदायक और ड्राइविंग पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, इसीलिए #WhyWeLoveTheVenue है.
भारत में 56000 से अधिक मरीजों की संख्या एक चिंताजनक विषय बन चुका है. संक्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. गुरुवार के सुबह तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 52 हजार 951 मामले दर्ज किए गए हैं. गुरुवार के रात तक ( covid19india.org के अनुसार ) यह संख्या 56,351 पहुंच गया, इसमें 37,682 कोरोना मरीज सक्रिय है , वही 16,776 इलाज के बढ़ ठीक हो गए है. वही 1,889 लोगो का मौत हो चुका है.
संक्रमित के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इनमें सब में एक ही सकारात्मक बात है कि देश में संक्रमण मुक्त से होने वाले व्यक्तियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 15300 से अधिक पहुंच चुका है. आइए एक नजर डालते हैं , भारत में किस तरह से कोरोना संक्रमण ने अपना पांव पसारा और किस तरह से 56 हजार की सफर तय किया. इन सभी सवालों का जवाब जानते है 05 विन्दु में…
(1) एक से 1 हजार तक का सफर
संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या पर सप्ताहिक दृष्टि से नए मामले पर नजर डालें तो एक बात पाते हैं कि यह अचानक से नहीं बढ़ा, इसकी बढ़ोतरी की दर धीरे-धीरे थी. 30 जनवरी को भारत के केरल राज्य में संक्रमण का पहला मामला पाया गया था. 15 फरवरी को संक्रमित मरीजों की संख्या 3 थी. 2 मार्च तक किया संख्या बढ़कर 6 हो गई. 6 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 31 थी. 10 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 62 हो गई. 14 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 100 पहुंच गई. वहीं 18 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 169 थी , चार दिन बाद 22 मार्च को यह संख्या 332 पहुंच गई. उसके चार दिन बाद 26 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 727 पहुंच गई. जबकि 30 मार्च को संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 पार कर चुका था.
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(2) 1 हजार से 30 हजार तक सफर
अप्रैल में मामला तेजी से बढ़ा, 1 हजार से 30 हजार का सफर तय हुआ. 1 अप्रैल को संकमित मरीजों की 1397 पहुंच चुका था ,7 अप्रैल को 5351 थे 14 अप्रैल को एक 11487 जबकि यही आंकड़ा 21 अप्रैल को 20080 पहुंच गया. 28 अप्रैल को संक्रमित लोगों की संख्या 31324 था. अप्रैल के आखिरी दिन 30 अप्रैल को 34863 था.
(3) 34 हजार से 56 हजार तक सफर
1 मई को संक्रमित लोगों की संख्या 37257 तक था. 3 मई को यह संख्या 42505 हो गया. 5 मई को संक्रमित लोगों की संख्या 49400 था. 6 अप्रैल को संक्रमित लोगों की संख्या 52987 था. बीते गुरुवार को संक्रमित लोगों की संख्या 53045 पहुंच गया. वही शुक्रवार के सुबह तक यह संख्या 56,351 पहुंच गया.
(4) संक्रमण से तेजी से बढ़ा मौत का आंकड़ा
12 मार्च को भारत में कोरोना के कारण पहला मौत दर्ज किया गया. 23 मार्च को भारत में दसवां में दर्ज किया गया. 27 मार्च को भारत में 20 वां मामला दर्ज किया गया. 4 अप्रैल को भारत में 99 लोगों का मौत संक्रमण से हुआ. 10 अप्रैल को भारत में 249 लोग कोरोना वायरस से मारे जा चुके थे. 20 अप्रैल को यह संख्या 592 तक पहुंच गई. 25 अप्रैल को 825 लोगों का मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुआ. 28 अप्रैल तक मौत के आंकड़े ने 1000 की संख्या को पार कर दिया, मृतक की कुल संख्या 1008 दर्ज किया गया. जबकि 6 मई को यह संख्या 1785 पहुंच गया.
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(5) तेजी से बढ़ा है रिकवरी रेट
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अच्छी बात ये है कि साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार को देश मे कोरोना पीड़ितों की संख्या देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या कुल 52 हजार 952 संक्रमित हैं. 35 हजार 902 का इलाज जारी है. 15 हजार 266 ठीक हो चुके हैं, जबकि 1783 मरीजों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि गुरुवार को 13 राज्यों में कोई नया मामला सामने नहीं आया. दूसरे देशों के मुकाबले भारत में मृत्युदर (3.3%) कम है. रिकवरी रेट बढ़कर 28.83% हो गई है.
श्रुति की शादी को अभी 10 दिन भी नहीं हुए थे कि लौकडाउन हो गया. कहां तो श्रुति सोच रही थी कि और वह और रोहन हनीमून के लिए सिंगापुर जाएंगे परंतु कोरोना के कारण हनीमून तो दूर उन्हें घर में कैद होना पड़ गया. नई शादी, नए रिश्ते और ढेर सारे सपने. श्रुति भी हर नई दुलहन की तरह सुंदर दिखना चाहती थी. परंतु सारे पार्लर बंद थे. श्रुति बेहद परेशान थी कि कैसे वह इस समय अपनी ब्यूटी केयर कैसे करे, क्योंकि श्रुति तो हर चीज के लिए पार्लर ही जाती थी.
लौकडाउन का एक हफ्ता बीत गया था और श्रुति को अपने चेहरे और अपर लिप्स पर रोएं साफ नजर आ रहे थे. श्रुति को यह समस्या बचपन से थी और जब से वह 18 वर्ष की हुई थी हर 15 दिन बाद वह इन बालों से पार्लर जा कर छुटकारा पा लेती थी. परंतु अब क्या करे?
बालों की प्रैसिंग भी खत्म हो गई थी और श्रुति को अपने बाल झाड़ू जैसे लग रहे थे और रहीसही कसर एकाएक ऐक्ने के हमलों ने कर दी थी. श्रुति अब रोहन के नजदीक नहीं आना चाहती थी. उसे बेसब्री से लौकडाउन के खुलने का इंतजार था.
परंतु लौकडाउन फिर से 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया और यह भी नहीं पता था कि 3 मई को भी ये खुलेगा या नहीं. परंतु इस समय श्रुति की मौसी ने उसे रसोई में छिपे सौंदर्य के खजाने से परिचित करवाया और श्रुति को अब लग रहा है कि अगर पार्लर नहीं भी खुले तो भी वह अपना नूर बरकरार रख पाएगी.
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ब्यूटी टिप्स
– बेसन और हलदी हर किसी की स्किन के लिए ठीक होता है परंतु अगर स्किन रुखी है तो मलाई और यदि तैलीय है तो नींबू का रस मिला कर आप लेप बना सकती हैं. नहाने से 10 मिनट पहले चेहरे पर या अगर चाहे तो पूरे शरीर पर भी लगा कर छोड़ सकती हैं. इस से आप के चेहरे की मृत स्किन बड़े आराम से निकल जाती है और चेहरा दमकने लगता है. वहीं शरीर के बाकी हिस्सों के लिए बौडी पौलिशिंग का काम करेगा.
– रात को सोने से पहले ऐलोवेरा जैल लगा कर छोड़ दें, अगर कोई दागधब्बे हैं तो वह रात भर उन पर कार्य करेगा साथ ही साथ नए ऐक्ने होने से रोकेगा भी.
– यदि ऐक्ने की समस्या है तो जायफल या लौंग को घिस कर उस स्थान पर लगा लें. तीन
दिन के अंदर ही ऐक्ने सूख जाएंगे और दाग भी नहीं छोड़ेंगे.
– चेहरे पर बालों की समस्या से घबराएं नहीं, लाल मसूर की दाल रात भर भिगो दें और सुबह उसे मिक्सी में पीस कर चेहरे पर लगा दें. जब सूख जाए तो धीरेधीरे हटा लें, इस लेप से चेहरे के बालों से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा.
– हर नई दुल्हन की मेकअप किट में ब्लीच अवश्य होता है तो आप घर पर भी निर्देशानुसार ब्लीच कर सकती हैं. इस से आप के चेहरे के मुलायम रोएं छुप जाएंगे और जो थोड़ेबहुत रोएं रह जाएंगे उस के लिए आप प्लकर का इस्तेमाल कर सकती हैं.
– आइब्रो को भी काफी हद तक प्लकर की मदद से संवार सकती हैं. परंतु रोज प्लक करने की भूल मत करें. हर तीसरे या चौथे दिन आप ऐक्सट्रा ग्रोथ को प्लक कर सकती हैं.
– अगर बाल रूखे हैं तो धोने से पहले नारियल का तेल और दही का मिश्रण जरूर लगाएं. बाल मुलायम और चमकदार हो जाएंगे.
– मेथी दानों को भी रात भर भिगा कर रखें, सुबह उन का पेस्ट बना कर बालों में लगा लें, बाल मजबूत और रेशमी हो जाएंगे.
– चेहरे का ग्लो बरकरार रखने के लिए दही से 5 से 7 मिनट चेहरे पर मसाज करिए और फिर चेहरा धो लीजिए.
– कुहनी और घुटनों पर नींबू के छिलके रगड़ने से उन की मृत स्किन हट जाएगी और कालापन भी दूर होगा.
ग्लोइंग और बेदाग स्किन के लिए
नई दुलहन का दमकता ग्लो बरकरार रखने में ये टिप्स आप के बेहद काम आएंगे:
दागधब्बों के लिए: दागधब्बों और रिंकल्स से छुटकारा पाने के लिए बादाम बहुत कारगर है. इस के लिए बादाम को पीस कर उस में 1 चम्मच शहद व कुछ बूंदे नीबू का रस मिलाएं. तैयार पैस्ट को 10 मिनट चेहरे पर लगाने के बाद पानी से धो लें. इस से दागधब्बे व रिंकल्स काफी हद तक कम ने लगेंगे. यह पेस्ट हफ्ते में 2 बर लगा सकती है.
स्क्रबिंग: स्क्रबिंग के लिए बेसन और ओटमील का कोई जवाब नहीं. बेसन में कच्चा दूध मिला कर चेहरे, कोहनी और हथेलियों के पिछले हिस्से की स्क्रबिंग कर सकती हैं. ओटमील में शहद और कच्चा दूध मिला कर स्क्रबिंग करने के नतीजे भी काफी अच्छे होते हैं. यदि स्किन संवेदनशील है तो हलके हाथों से हफ्ते में एक बार ही मसाज करें.
रूखी स्किन के लिए: यदि स्किन ज्यादा रूखी है तो रात को सोने से पहले नारियल या जैतून के तेल से चेहरे गर्दन की सर्कुलर मोशन में मसाज करें. स्किन को ऐक्सफोलिएट करना चाहती हैं तो तौलिया गरम पानी में डप करें और मसाज के बाद कुछ देर उस से चेहरा ढंक लें.
अनचाहे बाल: चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए बेसन का सदियो से इस्तेमाल हो रहा है. बेसन में एक चुटकी हलदी, पानी और कुछ बूंदें सरसों के तेल को मिला कर प्रभावित जगह पर हलके हाथों से मसाज करें. ऐसा हफ्ते में 2 बार करने से धीरेधीरे बाल कम होने लगेंगे. यदि सरसों के तेल से स्किन पर जलन की समस्या होने की शिकायत है तो इसे इस्तेमाल न करें.
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ब्लैकहेड्स: ब्लैकहेड्स की समस्या से छुटकारा पाने के लिए चीनी, शहद और नीबू के रस का इस्तेमाल करें. इन तीनों को मिला कर थोड़ा सा थिक मिश्रण तैयार करें और प्रभावित जगह पर हलके हाथों से क्लौक और ऐंटीक्लौक वाइज मसाज करें. ध्यान रखें कि ज्यादा रगड़ें नहीं वरना स्किन को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसा 10 दिन में एक बार करें.
याद रखिए कि लौकडाउन केवल संक्रमण रोकने के लिए है परंतु आप छोटेछोटे उपायों से अपने सौंदर्य को बरकरार रख सकती हैं.