सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद केस दर्ज होने पर ऐसे फूटा एकता कपूर का गुस्सा

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्महत्या पर पुलिस की कार्रवाई धीरे-धीरे नया मोड़ ले रही है, जहां केस से जुड़े नए पहलू सभी के सामने आ रहे हैं. हाल ही में खुलासा हुआ था कि एक्टर सुशांत बौलीवुड की क्रूरता यानी प्रोफेशनल राइवलरी और नेपोटिज्म के शिकार हुए थे, जिसके चलते वकील सुधीर कुमार ओझा ने करण जौहर, संजय लीला भंसाली, सलमान खान और एकता कपूर के खिलाफ बिहार के मुज्जफरपुर कोर्ट में केस दर्ज किया है. वहीं अब इस मामले में टीवी सीरियल निर्माता एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने अपना गुस्सा जाहिर किया है. आइए आपको बताते हैं सुशांत को लेकर क्या कहती हैं एकता कपूर…

एकता कपूर ने शेयर किया पोस्ट

केस के दर्ज होने के बाद टीवी सीरियल निर्माता एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने एक हार्ड हिटिंग पोस्ट लिखते हुए कहा है, ‘थैंक्यू, मुझ पर सुशी (सुशांत सिंह राजपूत) को कास्ट न करने को लेकर केस करने के लिए… जबकि मैंने ही उन्हे इंडस्ट्री में लॉन्च किया था. मैं बेहद दुखी हूं ये जानकर कि लोग कैसे अलग-अलग थ्योरी बना लेते हैं. कृप्या दोस्तों और परिवार को इस वक्त सुकून से दुख मनाने दें. एक पुलिस केस दर्ज हुआ है करीब 8 लोगों के खिलाफ जिसमें करण जौहर, संजय लीला भंसाली, एकता कपूर के अलावा एक्टर सलमान खान को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में शामिल किया गया है. बुधवार को एक न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट किया है.’

 

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Thanku for the case for not casting sushi….when Actually I LAUNCHED HIM. I’m beyond upset at how convoluted theories can b! Pls@let family n frns mourn in peace! Truth shall@prevail. CANNOT BELIEVE THIS!!!!! credit: @jagranenglishnews… A police case has been filed against eight people including Bollywood directors @karanjohar, Sanjay Leela Bhansali and @ektarkapoor along with actor @beingsalmankhan in connection with the death of actor Sushant Singh Rajput, news agency ANI reported on Wednesday . “In the complaint, I have alleged that Sushant Singh Rajput was removed from around seven films and some of his films were not released. Such a situation was created which forced him to take the extreme step,” Advocate Sudhir Kumar Ojha was quoted as saying . . . #sushantsinghrajput #sushantsinghrajputdeath #sushantsinghrajpurrip #jagranenglish #instawithjagranenglish #ripsushantsinghrajputsir💔🙏 #ripsushant #ripsushantsinghrajput🙏 #ripsushantsinghrajput💔 #ripsushantsinghrajput🙏🙏 #ripsushantsinghrajput #sushantnomore #salmankhan #salmankhanfans #salmankhanswag #salmankhanmerijaan #salmankhanfilms #salman #salmankhanfanclub #salmankhanfc #karanjohar #karanjoharfilm #karanjoharupdates #karanjoharfan

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केस दर्ज होने की कही बात

इतना ही नहीं एकता कपूर ने लिखा है, ‘शिकायत में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत को करीब 7 फिल्मों से हटाया गया था और कुछ फिल्में उनकी रिलीज नहीं हुई. इस वजह से एक्टर पर इतना बड़ा कदम उठाने का दबाव आ गया था.’ ये बात वकील सुधीर कुमार ओझा ने कही है.’

करण जौहर पर भी लोग उठा रहे हैं सवाल

 

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I blame myself for not being in touch with you for the past year….. I have felt at times like you may have needed people to share your life with…but somehow I never followed up on that feeling…will never make that mistake again…we live in very energetic and noisy but still very isolated times …some of us succumb to these silences and go within…we need to not just make relationships but also constantly nurture them….Sushants unfortunate demise has been a huge wake up call to me …to my level of compassion and to my ability to foster and protect my equations…..I hope this resonates with all of you as well….will miss your infectious smile and your bear hug ….💔💔💔

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जहां एक तरफ एकता कपूर गुस्से में हैं तो वहीं निर्माता करण जौहर भी अपने गुस्से को जाहिर करने के लिए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से कई लोगों को अनफौलो कर दिया है, जिसके चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुशांत के फैंस का उन पर कितना असर हो रहा है.

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बता दें, बौलीवुड में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला इस समय काफी गर्माया हुआ है. बौलीवुड से लेकर टीवी सितारे सभी अपनी-अपनी तरह से इस मुद्दे पर रिएक्शन दे रहे हैं. वहीं अभी तक दबंग खान यानी सलमान खान का इस पर कोई रिएक्शन देखने को नही मिला है.

Father’s day Special: बेटे को जिंदगी का लक्ष्य मानते हैं तुषार कपूर

फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने वाले अभिनेता तुषार कपूर की पहली फिल्म कामयाब रही, लेकिन इसके बाद उनकी कई फिल्में असफल साबित हुई. करीब दो वर्षों तक उन्होंने इस असफलता का सामना करने के बाद फिल्म ‘खाकी’ से उनका कैरियर ग्राफ चढ़ा और कई सफल फिमें की. इस उतार-चढ़ाव को उन्होंने हमेशा साधारण तरीके से लिया और आगे बढ़ते गए. इस फ़िल्मी जर्नी में उन्होंने माना कि वे टाइपकास्ट के शिकार हुए, जिसका फायदा और नुकसान दोनों उनके साथ हुआ. फिल्मों के अलावा उन्होंने वेब सीरीज में भी काम किया है. तुषार जीवन में आये किसी भी चुनौती को स्वीकार करने से डरते नहीं. 

शांत और हंसमुख स्वभाव के तुषार कपूर सिंगल फादर है और 4 साल के बेटे लक्ष्य के साथ इस फेज को एन्जॉय कर रहे है. उनका कहना है कि मैं सिंगल फादर बना और इसे बहुत एन्जॉय भी कर रहा हूं. मैंने सही समय में इसका निर्णय लिया और पिता बना. कोई रिग्रेट नहीं, बल्कि मैं अपने आपको ब्लेस्ड मानता हूं. मेरी लाइफ अब पूरी हो चुकी है. मेरे लाइफ में एक बदलाव की जरुरत थी जिसे मैंने किया. सभी माता-पिता के लिए लाइफ पार्टनर से अधिक कीमती उसके बच्चे होते है, क्योंकि काम से थककर जब व्यक्ति घर आता है, तो बच्चे ही उसकी थकान को मिनटों में दूर कर देते है. अगर मुझे दूसरा बच्चा भी मिलता है,फिर भी लक्ष्य मेरे लिए पूरी जिंदगी लक्ष्य ही रहेगा. इस लॉक डाउन में मैं उसके साथ खेल रहा हूं और फनी वीडियोज बनाकर समय बिता रहा हूं. मुझे मानसून पहले कभी पसंद नहीं था, पर अब लक्ष्य की वजह से अच्छा लगता है, क्योंकि उसके साथ मुझे पार्क में जाना पड़ता है, क्योंकि दिनभर की बारिश के बाद पार्क में खेलने की उसकी मांग को मैं पूरा कर पाता हूं. 

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तुषार कपूर का अपने पिता जितेन्द्र के साथ एक गहरा सम्बन्ध है, पिता उनके जीवन के आदर्श है, जिनसे वे बहुत सारी बातों को ग्रहण करते है. पिता बनने के बाद लक्ष्य के साथ वैसी ही बोन्डिंग का अनुभव करते है, जैसा उन्होंने अपने पिता के साथ महसूस किया था, लेकिन थोडा अलग है. वे कहते है कि आज के ज़माने में पिता पुत्र के सम्बन्ध में काफी बदलाव आया है. पहले पिता भोजन को बेटे के पास टेबल तक पहुँचाता था, पर आज के पिता बच्चे के खान-पान से लेकर खेलकूद, स्वास्थ्य, कहानियां सुनाना आदि हर चीज में बच्चे के साथ भागीदार बनते है. तब माँ की जिम्मेदारी अधिक होती थी, बच्चे की देखभाल का जिम्मा उनके पास होता था. आज दोनों की जिम्मेदारी होती है. मैं तो माँ और पिता दोनों की भूमिका निभा रहा हूं, जो मुश्किल है पर एन्जॉय कर रहा हूं.

एडॉप्शन को छोड़ सेरोगेसी का सहारा लेने के बारें में तुषार का कहना है कि मैं एडॉप्शन को बढ़ावा देता हूं. बच्चे के साथ किसी के सम्बन्ध को जुड़ने के लिए उसका बायोलॉजिकल माता-पिता होना जरुरी नहीं. कई अडॉप्ट बच्चे भी अडॉप्ट करने वाले माता-पिता की तरह दिखते है. ये हर इंसान की अपनी चॉइस है.

 

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Some Fridays just don’t turn out the way they were expected to! Nevertheless, friyay!

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बेटे लक्ष्य के लिए तुषार ने अभी कुछ सोचा नहीं है. वह किस फील्ड में जायेगा, यह उसपर निर्भर करता है. वे हंसते हुए कहते है कि मैं अपने बच्चे की प्रतिभा के आधार पर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं. केवल अधिक नंबर लाना मेरे लिए जरुरी नहीं. अगर उसे अभिनय की इच्छा मन से है तो मैं उसमें भी सपोर्ट करूँगा. मेरी बहन एकता कपूर भी उसे बहुत पसंद करती है और परिवार का पहला बच्चा मानती है. 

फादर्स डे पर सिंगल पेरेंट्स के लिए तुषार कहते है कि ये एक बड़ी कदम और जिम्मेदारी होती है. ये आपकी चॉइस होती है. पर ध्यान रखे जब आप पूरी तरह से इसके लिए तैयार हो, तभी ऐसा कदम उठाएं. मुझे पिता बनने की लालच थी. तब मैं किसी से मिला और उन्होंने इसके बारें में गाइड किया और मैंने अपनाया. पिछले कई सालों से ये मेरे दिमाग में चल रहा था. मैंने सुना था कि अमेरिका में ऐसा होता है, वहां जाकर करना पड़ेगा, पर बाद में पता चला कि ये भारत में हो सकता है और एक बड़ी इंडस्ट्री इसके लिए काम करती है. पहले बहुत सारी आलोचनाएं मुझे सुननी पड़ी, पर अब सब ठीक हो चुका है.

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दांतो को स्वस्थ रखने के लिए टार्टर को करें दूर

डॉ स्वाति अग्रवाल,
बीडीएस
श्री सिद्धि विनायक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मन्दसौर

आप सभी जानते हैं कि ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और मुंह में एंटीसेप्टिक सलूशन के साथ मुंह को अच्छे से कुल्ला करना बहुत ही अनिवार्य है. यह करने से मुंह में टारटर यानी कि प्लाक नहीं बनता है.

टार्टर क्या है?

जब आप अच्छे से ब्रश नहीं करते हैं और मुंह का अच्छे से ध्यान नहीं रखते हैं तो मुंह में कुछ प्रकार के बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं, यह बैक्टीरिया जब अपने खाने और खाने के जो प्रोटीन है उससे मिलते हैं तो एक चिपचिपी परत बना देते हैं, उस परत को प्लाक कहते हैं. प्लाक बहुत तरह के बैक्टीरिया से बनता है जो कि अपने दांत की बाहरी परत जो कि इनेमल कहलाती है, उसे खराब करता है और उसमें कैविटी यानी कि कीड़े उतपन्न करता है. तो जब हम इसको हटा देंगे तो मुंह में कैविटी यानी कीड़े नहीं लगेंगे और मसूड़े भी स्वस्थ रहेंगे.
सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब यह प्लाक आपके दांतों पर हमेशा रहता है और एक बहुत ही कड़क पर में बदल जाता है.
टाटर को हम कैलकुलस भी कहते हैं
जो कि दांत के ऊपर और मसूड़ों के अंदर बन जाती है. यह दांतो को हिला देती है और दातों में झनझनाहट कर देती है.यह परत डेंटल क्लीनिक में एक स्पेशल इंस्ट्रूमेंट से निकाली जा सकती है.

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हमारे दांतों और मसूड़ों को किस तरह से प्रभावित करता है यह टारटर?

यह हमारे दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत ही खराब है. इसमें जो बैक्टीरिया होते हैं वह मसूड़ों को खराब कर सकते हैं और मसूड़ों की बीमारी पैदा कर सकते है, जैसे कि पायरिया,
जब हम अच्छे से ब्रश करते हैं, फ्लॉस करते हैं और मुंह में एंटीसेप्टिक माउथवॉश से मुंह को क्लीन रखते हैं, तो हम टारटर से बच सकते हैं. अन्यथा यह एक गंभीर समस्या लेकर आ सकता है. जोकि पायरिया है.
पायरिया हमारे दांतों और मसूड़ों के बीच में एक जगह बना लेता है और उसे खराब करता है हमारा प्रतिरक्षा तंत्र वहां पर कुछ रसायन भेजता है ताकि दांतों और मसूड़ों को बचा सके. वहां जाकर यह रसायन बैक्टीरिया से मिलकर एक तरह का मिश्रण बनाता है जो हमारे दांतो के आसपास की हड्डियों को खराब करता है और दांतो को हिला देता है.

टारतर और कैलकुलस से बचाव के उपाय —

सबसे अच्छा तरीका है टारटर से बचने की टारटर होने ही ना दें कैसे ??
रोजाना दिन में दो बार ब्रश करें. ब्रश के दात बहुत ही मुलायम होने चाहिए और हर जगह पर जैसे की पीछे की दाढ़े हुई सब जगह पर ब्रश का पहुंचना अनिवार्य है.

मशीनी टूथब्रश टारटर को ज्यादा अच्छे से हटा पाता है.

कुछ टूथपेस्ट ऐसे होते हैं जो टार्टर को कंट्रोल करते हैं और जिस में फ्लोराइड की मात्रा अच्छी होती है फ्लोराइड दांत के बाहरी परत को रिपेयर करता है. किसी किसी टूथपेस्ट में ट्राई क्लॉसन नामक पदार्थ होता है जो टारटर में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ता है

चाहे आप कितना भी अच्छा ब्रश क्यों ना कर ले फ्लॉसिंग एक बहुत ही अनिवार्य चीज है जो कि आपको रोज करनी चाहिए, यह उस जगह के टार्टर को हटाती है जो दो दांत के बीच में मौजूद होता है. दोनों दांतो के बीच की जगह पर ब्रश का जाना संभव नहीं

और ब्रशिंग के बाद आता है, मुंह को एक एंटीसेप्टिक माउथवॉश से रोजाना कुल्ला करके उसको बैक्टीरिया से मुक्त करना, एंटीसेप्टिक माउथवॉश बैक्टीरिया को मार देती है और टारटर नहीं होने देती है.

अपने खान-पान पर ध्यान रखें बैक्टीरिया जो आपके मुंह में है वह शक्कर और स्टार्टर पदार्थ चाहता है — जब वह ऐसे दो पदार्थों के संपर्क में आता है तो हानिकारक एसिड छोड़ता है जिससे दांतों की बाहरी परत इनेमल गलने लगती है इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपना खानपान सही रखें और अगर ऐसे पदार्थों का सेवन आप करते हैं तो दिन में दो बार ब्रश जरूर करें और हर खाने के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पिया.

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धूम्रपान ना करें

जो लोग धूम्रपान या तंबाकू का किसी और तरह से सेवन करते हैं उन्हें टार्टर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है इसलिए ऐसे पदार्थों से बचें.

 

सोशल मीडिया के इस्तेमाल से पहले जान लें ये 6 बातें, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप की बीच सोशलमीडिया पर फेक न्यूज और बेकार खबरों के कारण लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. वहीं सोशलडिस्टेंसिग की बात की जाए तो सोशलमीडिया में भी इस बात का ख्याल रखने की पूरी जरूरत है. हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने के लिए गृह मंत्रालय की साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर हो रहे फ्रॉड और फेक न्यूज को देखते हुए लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है और कुछ बातों को लेकर आगाह रहने की बात कही है. आइए आपको बताते हैं क्या है वह बातें….

1. पर्सनल जानकारी शेयर करने से बचें

सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की निजी जानकारी शेयर ना करें. जैसे कि मोबाइल नंबर, आधार नंबर, घर का पता आदि. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पारिवारिक फोटो को भी शेयर करने से परहेज करना चाहिए. आपको द्वारा शेयर की गई इन जानकारियों का इस्तेमाल आपको ही परेशान करने के लिए किया जा सकता है.

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2. सेटिंग्स को प्राइवेट रखें हमेंशा

अगर आप सोशल मीडिया पर कोई फोटो या वीडियो शेयर करते हैं तो उसकी सेटिंग प्राइवेट रखें या सीमित रखें. कहने का मतलब है कि सोशल मीडिया पर फोटो, वीडियो, फ्रेंड लिस्ट की प्राइवेसी आदि को ओनली मी करके रखें, पब्लिक ना रखें. इसके लिए प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर सेटिंग्स बदलें.

3. फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से पहले लें पूरी जानकारी

किसी का भी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लें. उसकी प्रोफाइल चेक करें और टाइमलाइन पर नजर डालें और अगर आप किसी को नहीं जानते हैं तो उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार ना करें.

4. वर्चुअल और वास्तविक दोस्ती में समझें फर्क

किसी भी ऑनलाइन दोस्ती पर यकीन करना आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकता है. सोशल मीडिया के जरिए अगर आपसे कोई पैसे मांगता है तो किसी भी कीमत पर पैसे ना भेजें और अगर आपके किसी पहचान वाले दोस्त या परिवार के किसी सदस्य की आईडी से पैसे मांगे जाते हैं तो पहले उस दोस्त या सदस्य को फोन करें. उससे बात करें. सीधे पैसे ट्रांसफर ना करें.

5. फ्रेंड लिस्ट की जांच करना हा जरूरी

साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर आपसे ज्यादा एक्टिव हैं और नकली प्रोफाइल बनाकर बैठे हैं. आपकी एक गलती का वे इंतजार कर रहे हैं. यदि आपके किसी ऐसे दोस्त की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है जो कि पहले से ही आपकी लिस्ट में है और आप उसे जानते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि दूसरी प्रोफाइल साइबर अपराधी ने बनाई है.

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6. पुलिस की सहायता लेना न भूलें

अगर आप किसी कारणवश साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं तो घबराएं नहीं. परिवार के सदस्यों या करीबी दोस्त से बात करें. अधिक दिक्कत होने पर पुलिस को रिपोर्ट करें. आप नेशनल साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाकर शिकायत भी कर सकते हैं.

अगर आप इन नियमों या बातों का ख्याल रखेंगी तो यह आपके और आपके परिवार के लिए सुरक्षित रहेगा. साथ ही आप फ्रौड या धोखेबाजी से बच पाएंगे. इसलिए सोशलमीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना है जरूरी.

मौनसून में आंखों का संक्रमण ज्यादा हो रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरा 24 साल की कामकाजी महिला हूं. मौनसून का मौसम जल्द ही शुरू होने वाला है. मैं ने सुना है कि इस मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. क्या यह सच है? यदि यह सच है तो कृपया इस से बचाव का उपाय बताएं?

 जवाब-

आप ने बिलकुल सही सुना है. दरअसल, बारिश के पानी में कई प्रकार के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं और साथ ही इस मौसम में कीड़ेमकोड़ों की भरमार हो जाती है.

वातावरण में नमी और बैक्टीरिया के कारण आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ता है. इस से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वछता जरूरी है. आंखों को छुएं नहीं, रगड़ें नहीं और दिन में कम से कम 2-3 बार आंखों पर साफ और ठंडे पानी के छींटे मारें. इस से संक्रमण का खतरा कम होता है.

जिस जगह पानी भरा हो उस से दूर रहें, क्योंकि वहां पर बैक्टिरिया सब से ज्यादा पनपते हैं. आंखों में बारिश का पानी बिलकुल न जानें दें.

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कई बीमारियों के भी चपेट में आ जाते है. ऐसे में शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है क्योंकि आंखों में होने वाली जरा सी दिक्कत चिंता का सबब बन सकती है. अक्सर लोग आंख में धूल या मिट्टी चले जाने पर उसे तेजी से रगड़ने लगते हैं जिसके कारण आंखे लाल हो जाती है और उन्हें परेशानियां होने लगती है. गर्मी के मौसम में सबसे आम दिक्कत है एलर्जिक रिएक्शन. आंखों में एलर्जी होने से आंखों में पानी, चुभन होना और लालपन आने लगता है. एलर्जिक कांजेक्टिवआइटिस इस मौसम में सबसे आम है जो कि एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- आंखों को ऐसे बचाएं एलर्जी से…

मौनसून फैशन ट्रेंड: पाएं कंफर्ट के साथ स्टाइल भी

मानसून का मौसम आ चुका है. इस मौसम में आउटफिट्स का ट्रेंड बिल्कुल बदल जाता है. इसलिए हम इन दिनों ऐसे आउटफिट्स सर्च करते है, जो कि मौसम के साथ ही साथ फैशन के साथ बैठ जाएं. अगर इस मौसम के लिए आप ड्रेस खरीदने जा रही हैं, तो पहले ये खबर पढ़ ले और जान लें कि आखिर इस मौसम में कौन सा फैशन ट्रेंड में है.

एक फैशनीस्ता यह बात अच्छी तरह से जानती है कि इस मौसम में क्या आउटफिट्स पहनने चाहिए और क्या नहीं. हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ कूल फैशन हैक्स. जो कि इस बारिश के मौसम में सबसे बेस्ट है. जिसमें आप कंफर्ट के साथ स्टाइलिश भी लगेंगी.

1. रेन कोट

बारिश का मौसम हो और रेनकोट न हो. ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. अभी तक कलर्ड रेनकोट चलते थे. लेकिन इस समय ट्रांसपेरेंट रेनकोट का ट्रैंड चल रहा है. जी हां, अब आप प्यारी सी ड्रेस के ऊपर बेकार सा रेनकोट नहीं पहनना पड़ेगा. इस रेनकोट में आपकी ड्रेस भी नजर आएगी. इसके साथ ही आप स्टाइलिश भी लगेंगी.

 

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2. ट्रेंच कोट

 

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Молочный тренч из 100% хлопка

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आमतौर पर इस तरह के कोट को सर्दियों में पहना जाता है लेकिन इसे आप मानसून में भी पहन सकती है. यह मानसून ट्रेंड के सबसे बेस्ट कोट हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि जब इसका इस्तेमाल कर रहे हो तो इसके साथ में छाता ले जाना न भूले.

3. कोटेड स्किनी जिंस

कोटेड स्किनी जिंस बहुत ही पुराना फैशन है. लेकिन एक बार फिर यह फैशन में आ गया है. आप इस कोटेड जींस को पहन ऐसा फील करेंगी कि आपने लैदर पहना हुआ है.

4. रेन बूट

बारिश के मौसम में बूट्स बहुत ही जरुरी पार्ट है. अब आपने रैनी ड्रेस तो अच्छी पहन ली है, लेकिन बूट्स नहीं पहने, तो आपका पूरा लुक बेकार है. इसलिए आप इस मौसम में क्लासिक कलर के बूट्स खरीद लें. जो कि आपके बजट में हो. इसके साथ ही आपके लुक को पूरा करने के साथ-साथ आपके पैरों को सही रखें.

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5. ड्रेस

मानसून में ड्रेस की बात करें तो इन दिनों फ्लोरल प्रिंट की ड्रेसेस का फैशन तेजी से चल रहा है. जिसमें फ्लोरल पैंट, शर्ट के अलावा फ्लोरल साड़ी भी आपको मिल जाएगी. जो कि मानसून में भी आपके लुक पर चार चांद लगा देगी.

अगर लिवइन में हैं आप

भारतीय समाज में विवाह के रिश्ते को जन्मजन्म का बंधन समझा जाता रहा  है. लेकिन, आज विवाह की जगह लिवइन रिलेशन दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं.  बड़े शहरों व  खुलीसोच वाले समाज में पश्चिमी सभ्यता अपना असर खूब दिखने लगा है.  युवा समाज इन रिश्तों को जहां ज्यादा सुविधाजनक समझ रहा है, वहीँ इन्हें अनैतिक समझने वाले लोग भी हैं. यह भी सच है कि अगर 2 इंसान एकदूसरे को प्यार करते हैं,  तो उन्हें सामाजिक, धार्मिक, कानूनी सैंक्शन की जरूरत क्यों हो,  लिवइन में रहने वालों की अलग सोच होती है.

लिवइन आज भले ही एक नया टर्म लगता हो, पर यह सदियों से होता रहा है. वेदों में 8 तरह के विवाह हैं. उन में से एक है गन्धर्व विवाह, जिस में पुरुष और स्त्री अपनी मरजी से विवाह कर लेते थे. ऐसे विवाह में न कोई फेमिली मेंबर शामिल होता था न कोई रस्मरिवाज.  यह सिर्फ मुंह से एक कमिटमेंट होता था और  उन्हें पति व पत्नी का दर्जा हासिल हो जाता था.

बौलीवुड का कौंसेप्ट समाज में बदलाव ले आता है. यह बदलाव चाहे अच्छा हो या बुरा, वास्तविक जीवन पर प्रभाव छोड़ता है.  इन में से ही एक बदलाव है,  लिवइन रिलेशन. बौलीवुड की एक नहीं , कई सेलिब्रिटीज हैं जो कभी न कभी अपनी लाइफ में खुल कर लिवइन में रही हैं, चाहे सुपरस्टार राजेश खन्ना हों या मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान हों , कइयों ने लिवइन रिलेशन को एंजौय किया.  इन में से कुछ रिश्ते टूट गए,  कुछ विवाह में भी बदले. जौन अब्राहम-बिपाशा बासु, रणबीर कपूर-कटरीना कैफ, अभय देओल-प्रीति देसाई, देव पटेल-फ्रीडा पिंटो, सुशांत सिंह-अंकिता लोखंडे, कुणाल खेमू-सोहा अली खान, राजेश खन्ना-अनीता आडवाणी आदि व अन्य की लिस्ट लंबी है जिन्होंने लिवइन में काफी समय बिताया. जौन अब्राहम और बिपाशा बासु  लगभग 10 दस साल एकदूसरे के साथ रहे.  पर अचानक सम्बंध खराब हो गए और दोनों अलग हो गए.

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बिपाशा ने बाद में करण सिंह ग्रोवर से शादी की और जौन ने मौडल प्रिय रुंचाल से. रणबीर कपूर और कटरीना कैफ सालों लिवइन रिलेशनशिप में रहे.  दोनों बांद्रा में एक पौश अपार्टमेंट में रहते थे. पर फिर दोनों अलग हो गए.  ब्रेकअप के बाद रणबीर नए फ्लैट में चले गए तो कटरीना अपने पहले के घर में. देव पटेल और फ्रीडा पिंटो ‘स्लमडॉग मिलियनेर’ के समय करीब आए.  तब से दोनों साथ रह रहे हैं. आमिर खान और किरण राव ‘लगान’ के सेट पर मिले और एकदूसरे के करीब आते चले गए.  विवाह से पहले दोनों कई साल लिवइन रिलेशनशिप में रहे. लारा दत्ता और भूटानी एक्टर केलि दोरजी 10 साल से ज्यादा लिवइन रिलेशनशिप में रहे पर फिर अलग हो गए. लारा दत्ता ने टेनिस प्लेयर महेश भूपति से विवाह किया.  केलि सोशल सीन से गायब हैं. राजेश खन्ना की डैथ के बाद उन की लिवइन पार्टनर अनीता आडवाणी ने अपने रिश्ते को खुल कर स्वीकारा.  उन्होंने कहा कि वे तब से राजेश खन्ना के साथ रह रही थीं जब से उन का डिंपल कपाड़िया से तलाक हुआ था.

टीवी पर्सनैलिटीज़ गुरमीत और देबिना एक टैलेंट हंट कौन्टेस्ट में मिले थे. औनस्क्रीन राम-सीता जोड़ी ने विवाह करने से पहले 5 साल एकदूसरे को डेट किया.  एकदूसरे  को अच्छी तरह जानने के लिए लिवइन में भी रहे. कमेडियन कृष्णा अभिषेक और कश्मीरा 2013 में परिवार और दोस्तों की उपस्थिति में शादी करने से पहले लगभग 9 साल लिवइन में रहे. अचिन्त्य कौर और मोहन कपूर लगभग 16 साल लिवइन में रहे. फिर अलग हो गए. पर वे अभी भी अच्छे दोस्त हैं, और एक ही बिल्डिंग में रहते हैं. ‘पवित्र रिश्ता’ एक्टर्स सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे 6 साल रिलेशनशिप में रहे, फिर अलग हो गए.

बौलीवुड और क्रिकेट कई प्लेटफौर्म्स पर एकसाथ नजर आते रहे हैं.  चाहे मूवी का प्रमोशन हो, आईपीएल हो या बौलीवुड एक्ट्रेसेस के साथ रिलेशनशिप की बात हो, क्रिकेट और बौलीवुड का  नाता हमेशा से रहा है और रहेगा. मोहम्मद अजहरुद्दीन और संगीता बिजलानी के रिश्ते ने समाचारपत्रों की खूब सुर्खियां बटोरी थीं. वे कई साल साथ रहे. 1996 में अजहरुद्दीन ने अपनी वाइफ नौरीन को तलाक दे कर  संगीता से विवाह किया पर दोनों 2010  में अलग हो गए. विवियन  रिचर्ड्स और नीना गुप्ता का लिवइन तो शायद सब से ज्यादा चर्चित लिवइन रिलेशनशिप रहा.  नीना गुप्ता के करीब आने के समय विव पहले से ही मैरिड थे.  दोनों काफी समय लिवइन में रहे. शादी नहीं की. विव और नीना गुप्ता की बेटी मसाबा एक फैशन डिजाइनर है.

जहीर खान और ईशा शेरवानी लगभग 10 साल तक लिवइन में रहे, फिर दोनों का ब्रेकअप हो गया. टीवी एक्ट्रेस नेहा फेंड्से ने हाल ही में पुणे के बिज़नेसमैन शार्दुल व्यास से विवाह किया है.  उन का कहना है कि लिवइन में रहने से वे एकदूसरे को अच्छी तरह से जान पाए.

नेताओं के लिवइन के किस्से भी खूब चर्चा में रहते हैं. राजनीति और विवाद साथसाथ चलते हैं. लव अफेयर्स हो या मनी स्कैम्स हों,  ये चर्चा में रहते ही हैं. कभी खुलेआम, कभी गुपचुप. कुछ किस्सों ने तो खूब सुर्खियां बटोरीं. चंद्र मोहन और अनुराधा बाली, एनटीआर और लक्ष्मी पार्वती.  1993 में एनटीआर ने 70 साल की उम्र में तेलुगू राइटर लक्ष्मी पार्वती से विवाह करने की बात कह कर सब को चौंका दिया था. एन डी तिवारी और उज्ज्ववला शर्मा, दिग्विजय सिंह-अमृता राय, यह लिस्ट भी बहुत लंबी है.

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जब लिवइन की बात आती है, कुछ लोग इस के बहुत खिलाफ होते हैं. वहीँ, आजकल कुछ लोग यह भी कहने लगे हैं कि इस में कोई बुराई नहीं. कुछ लोग अंदाजा नहीं लगा पाते कि जब आप किसी को प्यार करते हैं तो उस के साथ लिवइन में रहना कैसा लगता है. जब 2 लोग लिवइन में रहने का फैसला लेते हैं तो दोनों की लाइफ में बहुत सारे परिवर्तन और प्लानिंग से सामना होता है. पार्टनर के साथ लिवइन में रहने पर आप न सिर्फ भावनात्मक बल्कि शारीरिक और मानसिक स्तर पर भी बहुतकुछ सीखते हैं. आप किसी के साथ एडजस्ट करना और एकदूसरे के पेरेंट्स के साथ निभाना भी सीखते हैं.

पर, सब से महत्त्वपूर्ण बात जो आप लिवइन में सीखते हैं, वह है एकदूसरे की कमियां और खूबियां. इस दौरान आप एकदूसरे को रेस्पेक्ट देना भी सीखते हैं, साथ ही, आप ये सब चीजें भी सीखते चले जाते हैं –
1. रूम शेयर करने के साथसाथ आप घर साफ़ करना, बरतन धोना, घर का सामान लाना और अपने कपड़े धोना आदि  सब काम सीखने के साथ बहुत सारी जिम्मेदारियों को निभाना और समझौते करना सीखते हैं. जो चीजें, जो काम आप ने अपने घर पर कभी नहीं किए थे, अब वे सब काम आप करते हैं और उन की चिंता भी करते हैं. अब ज्यादातर आप के वीकेंड्स घर के काम, और महत्त्वपूर्ण चीजों को करने में बीत जाते हैं.

2. कभीकभी किसी से सिर्फ मिल कर ही उस के  बारे में सबकुछ पता नहीं चल पाता. पर जब आप उन के साथ रहना शुरू करते हैं तो आप सब समझते हैं कि वह कैसा इंसान है, उस की क्या आदतें हैं, वह मुश्किल स्थिति से कैसे निबटता है, वह आर्थिक और सामान्य जीवन के फैसले कैसे लेता है, एक सब से जरूरी बात जो आप सीखते हैं ,वह है उस की ईगो और खराब मूड के साथ प्राइवेसी व पर्सनल स्पेस के कौंसेप्ट का ध्यान रखना.

3. साथ रहने से एकदूसरे की पर्सनल हाइजीन और आदतों को समझने का मौका मिलता है. एकदूसरे की हाइजीन सम्बंधी प्रौब्लम्स को आप समझ पाते है और आप अपनी किसी भी तरह की प्रौब्लम उस से शेयर कर पाते हैं.

4. जब आप अपने पार्टनर के साथ रहना शुरू करते हैं तो आप के जीवन में ही बदलाव नहीं आते, बल्कि उस की फेमिली और उस के फ्रेंड्स के विचार भी आप के लिए बदलते हैं. यही आप की फेमिली के साथ भी होता है. तो, जब भी आप दोनों में से किसी की फेमिली या फ्रेंड्स मिलने आते हैं, आप ज्यादा मिलनसार हो जाते हैं. आप कैसे एकदूसरे की फेमिली और फ्रेंड्स के साथ व्यवहार करते हैं, इस बात पर आप दोनों का आपसी रिश्ता बहुत माने रखता है.

5. किसी के साथ रहना कम्पेटिबिलिटी टेस्ट ही नहीं है, यह एकदूसरे के गुस्से से निबटने का सेशन भी है. कभीकभी आप को अपने पार्टनर की कोई बात पसंद नहीं आएगी, उस के काम करने का तरीका पसंद नहीं आएगा. तो, आप थोड़ा शांत रहने की, सब्र से समझने की कोशिश करेंगे और उस के साथ आराम से बैठ कर बात करना पसंद करेंगे, चिल्लाने पर कंट्रोल रखेंगे.

6. मैं की जगह आप ‘हम’ का महत्त्व समझेंगे, साथ रह कर आप को समझ आ जाएगा कि यह रिश्ता कैसा चलेगा, कुछ महीने साथ रह कर आप की अपने रिश्ते से उम्मीदें भी बदलती हैं.

7. आरती सिंह, जिन्होंने  हाल ही में अपने बौयफ्रेंड के साथ रहना शुरू किया है, कहती हैं, ”लिवइन में आप को वैसे कौंप्रोमाइज़ नहीं करने पड़ते जैसे शादी में करने पड़ते हैं. आप अपने खर्चे आराम से शेयर कर सकते हैं. रिश्तेदारों और फेमिलीज़ को खुश रखने का प्रेशर नहीं होता. आप अपना पर्सनल स्पेस एंजौय कर सकते हैं. आप तो पहले से ही समाज का नियम तोड़ रहे होते हैं, ऐसे में आप पर कोई सोशल प्रेशर होता ही नहीं.”

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8. आप लीगल कपल नहीं हैं तो आप काफी कानूनी चीजों से दूर हैं. तलाक किसी विवाह का दुखद अंत होता है, जो काफी कड़वे अनुभव दे जाता है. अंजू जैन, जो 3 साल से लिवइन में हैं, कहती हैं, ”लिवइन रिलेशनशिप से इमोशनल फ़ायदा होता है. मुझे लगता है कि ब्रेकअप से निबटना तलाक के ट्रॉमा को झेलने से ज्यादा आसान है.”

9. लिवइन रिलेशन में सब से अच्छा यह है कि दोनों अपनेअपने खर्चों के लिए जिम्मेदार होते हैं. इस बाबत आलोक सिंह का कहना है, ”मुझे अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च करना पसंद है. पर वह मुझ से मेरे हर खर्च पर सवाल नहीं पूछती है. हम बिल्स शेयर करने में बहुत कम्फर्टेबल हैं. हम अपनी फिनांशियल फ्रीडम एंजौय करते हैं.

10. आजकल जिस तरह से तलाक के मामले बढ़ रहे हैं, उस में लिवइन में रह कर यह देखना कि यह रिश्ता चलेगा या नहीं, बुरा आइडिया नहीं है. चौबीसों घंटे साथ रह कर अपने पार्टनर की सही पर्सनैलिटी पता चल जाती है. नीता पांडेय, जिन्होंने 2 साल लिवइन में रहने के बाद अपने पार्टनर से शादी की, कहती हैं, “साथ रह कर आप एकदूसरे को ज्यादा अच्छी तरह जान जाते हैं, जिस से शादी के बाद काफी फ़ायदा होता है.”

11. नेहा वर्मा, जो लिवइन में हैं, कहती हैं, ”लिवइन रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर्स समान होते हैं. दोनों जानते हैं कि रिश्ता न रहा तो दरवाजे खुले हैं. इसलिए वे हमेशा इस रिश्ते को प्यार से संभाल कर चलते हैं.” नेहा का कहना सही है, दोनों पार्टनर्स आर्थिक रूप से, सामजिक और कानूनी रूप से एकदूसरे पर निर्भर नहीं हैं तो वे समान स्पेस एंजौय करते हैं और इस रिश्ते की रेस्पेक्ट करते हैं.

12. यदि आप इस रिश्ते से खुश नहीं हैं, तो आप तलाक की मुहर लगवाए बिना इस रिश्ते से बाहर आ सकते हैं. हमारे देश में आज भी तलाक एक टैबू है और तलाकशुदा स्त्रियों को सम्मान से नहीं देखा जाता. लिवइन रिलेशनशिप से बाहर निकलना ज्यादा आसान है. अगर आप खुश नहीं हैं तो आप को इस रिश्ते को जीवनभर ढोने की जरूरत नहीं है.

13. जो लोग लिवइन में रह रहे हैं, उन का मानना है कि उन की बौन्डिंग मैरिड कपल से ज्यादा स्ट्रांग है क्योंकि उन पर कमिटमेंट्स और जिम्मेदारियों का बोझ नहीं है. शादी के बाद सारे एफर्ट्स  फौर ग्रांटेड मान लिए जाते हैं. लिवइन में ऐसा नहीं है. पार्टनर्स एकदूसरे की रेस्पेक्ट करते हैं और इस रिश्ते को बनाए रखने के एफर्ट्स  की तारीफ भी करते हैं.

14. लिवइन रिलेशन में आप को शारीरिक सुख की चिंता भी नहीं करनी पड़ती. आप अपने घर की चारदीवारी में ख़ुशी से अपने पार्टनर के साथ मनचाहा समय बिता सकती हैं.

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तेल के खेल से खजाना भरने की जुगत

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का कथन – अज्ञानता से ज़्यादा अगर कुछ ख़तरनाक है तो वह घमंड है – एकदम फिट है, कम से कम देश की मौजूदा सरकार पर तो है ही. अज्ञानता के चलते ही सरकार ने अपने अभी तक के 6 वर्षों के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था को गहरे गड्ढे में पहुंचा दिया है. देश का खजाना खाली हो गया है. सत्ता व विपक्ष के राजनेताओं ने ही नहीं, बल्कि देशीविदेशी अर्थविदों ने भी भारत की जीडीपी में भारी गिरावट का अनुमान लगाया है. लेकिन, सत्ता के घमंड में चूर सरकार अपनी अज्ञानता को स्वीकार करने के बजाय ‘सबकुछ ठीक है’ की दहाड़ करती नज़र आती है. हालांकि, खाली खजाने को ले कर सरकार के भीतर खलबली है.

दुनियाभर में तेल ने हमेशा खलबली ही मचाई है. कभी इस तेल ने लोगों को झुलसाया, कभी यह संगठित आतंक का कारण बना तो कभी पानी की तरह सस्ता हो गया. तेल के दाम बढ़ते हैं तो कुछ देशों की अर्थव्यवस्थाएं डांवांडोल हो जाती हैं, जब तेल सस्ता होता है तो उन्हें राहत मिलती है.

तेल की झुलसन :

भारत हमेशा ही तेल कीमतों में आग से झुलसता रहा है. भारत का सब से बड़ा बिल तेल आयात का ही है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है, इसलिए घटने पर भारत को फायदा होता है. यह भारत की अर्थव्यवस्था के वित्तीय घाटे और चालू खाते के घाटे के लिए फायदेमंद रहता है. भारत का व्यापार घाटा कम हो जाता है. वहीं, जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो भारतीय तेल कंपनियां फ़ौरन लोगों पर बोझ डाल देती हैं.

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हैरानी यह है कि दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है, जबकि हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है. भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में सरकार ने 16 जून को लगातार 10वें दिन बढ़ोतरी की है.

देश में तेल की कीमतों में सरकार द्वारा लगाई जा रही आग में देशवासी झुलसते जा रहे हैं. पहले ही से बेरोज़गारी बढ़ रही है, जो रोजगार से लगे हुए हैं उन की इनकम में कमी हो रही है, लौकडाउन ने देशवासियों की अलग कमर तोड़ राखी है. लेकिन सरकार को कुछ नहीं दिख रहा, उसे सिर्फ अपने खाली खजाने की चिंता है.

विपक्ष का चिट्ठी बम :

केंद्र सरकार के तेल के इस खेल से छुब्ध विपक्षी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी हुकूमत पर चिट्ठी बम फोड़ा है. उन्होंने कहा है कि उन्हें, उन की पार्टी को देश की जनता की चिंता है. कोरोना वायरस संकट के बीच पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से जनता की जेब पर पड़ रहा बोझ न्यायोचित नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के संकट में लोगों की हालत ख़राब है और सरकार है कि उन लोगों से मुनाफ़ा कमाने में लगी है. सोनिया गांधी की इस चिट्ठी को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है.

ट्वीट में लिखा गया है कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि तेल की बढ़ी हुई क़ीमतें तुरंत कम की जाएं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में आई कमी का लाभ नागरिकों को दिया जाए.

गिरते दाम, बढ़ती कीमत :

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में कमी आने के बावजूद देश में आज लगातार 10वें दिन पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें बढ़ीं. दिल्ली में 16 जून को पेट्रोल का दाम बढ़ कर 76.73 रुपए प्रति लीटर हो गया और डीजल का दाम 75.19 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है. मुंबई में अब पेट्रोल 83.62 रुपए प्रति लीटर और डीजल 73.75 रुपए प्रति लीटर हो गया है. वहीं, चेन्नई में पेट्रोल 80.37, डीजल 73.17, कोलकाता में पेट्रोल 78.55 और डीजल 70.84 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया.

उधर, 15 जून को कच्चे तेल की क़ीमत इंटरनेशनल मार्केट में क़रीब 2 फ़ीसदी से ज़्यादा गिर गई. इस से कच्चा तेल 35 डौलर प्रति बैरल के क़रीब आ गया है. वहीं, ब्रेंट क्रूड भी 1.7 फ़ीसदी गिर कर 38.07 डौलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है.

इन्हीं गिरावटों की तरफ़ संकेत कर सोनिया ने चिट्ठी में लिखा है, “मुझे इस में कोई तर्क नहीं दिखाई देता है कि सरकार ऐसे समय में इतनी क़ीमतवृद्धि पर विचार क्यों करेगी जब कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव लाखों लोगों को नौकरियों और आजीविका से वंचित कर रहा हो, व्यवसाय को तबाह कर रहा हो, मध्यवर्ग की आय को तेज़ी से घटा रहा हो, यहां तक कि किसान खरीफ सीजन की फ़सल बोने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

देशवासियों से खेल करती सरकार :

सोनिया ने लिखा, “यह देखते हुए कि पिछले हफ्ते की तुलना में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत में लगभग 9 फीसदी की गिरावट आई है, सरकार अपने लोगों से मुनाफा कमाने में कोई कमी नहीं कर रही है, जबकि उन की स्थिति ख़राब है.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ़साफ़ लिखा कि सरकार क़ीमतें बढ़ाने की अनैतिक हरकत कर करीब 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने लिखा कि लोगों पर एक अतिरिक्त बोझ डालना न तो तर्कसंगत है और न ही उचित.

सोनिया ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में तेल की क़ीमतों के ऐतिहासिक रूप से कम होने के बावजूद 12 अलगअलग अवसरों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार ने तकरीबन 18 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं.

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कम हुई खपत :

बता दें कि लौकडाउन की वजह से भारत में कच्चे तेल की ख़पत 70 प्रतिशत कम हो गई है. इस की वजह यह है कि परिवहन के सभी तरह के साधन और कई तरह की तेलआधारित आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं.

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक़, भारत में कच्चे तेल की रोज़ाना खपत में 31 लाख बैरल की कमी आई है.

लौकडाउन के पहले ही कच्चे तेल की खपत में कमी होनी शुरू हो गई थी क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई थी, डीज़ल की मांग कम हो गई थी, जेट फ्यूल की मांग घट कर एकतिहाई हो गई थी और गैसोलीन की मांग में 17 प्रतिशत की कमी आ गई थी.

मालूम हो कि भारत सरकार ने लौकडाउन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम कम होने का फ़ायदा उठाते हुए अपनी  क्षमता से अधिक तेल स्टोर कर लिया था, लेकिन इस का फ़ायदा आम लोगों को नहीं दिया. वह तो अपनी अज्ञानता के चलते जो सरकारी खजाना खाली कर डाला था, उसे किसी भी तरह भरने की जुगत में लगी है. घमंड में डूबी सरकार को देशवासियों की कोई फ़िक्र नहीं है. सरकार का मुखिया अपने पांच ट्रिलियनी सपने के चक्कर में है, जो पूरा होना मुमकिन नहीं दिख रहा.

Hyundai #AllRoundAura: हर पल आपके साथ

हुंडई Aura के शानदार वारंटी के बारे में तो आप जानते ही हैं, मगर Aura के खजाने में सिर्फ इतना ही नहीं है. Aura स्टैंडर्ड के रूप में 3 साल के रोड-साइड असिसटेंस के साथ आती है. इसका मतलब ये कि सड़क पर आपातकाल की स्थिति में, कोई आपकी सहायता के लिए वहां मौजूद रहेगा, चाहे आप कहीं भी हों.

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इस रोड साइड असिसटेंस के तहत गाड़ी के चक्के बदलना, 5 लीटर तक ईंधन पहुंचाना, टैक्सी का इंतज़ाम करना, चाभी लॉक-आउट की स्थिति में वाहन खोलना, बैटरी और फ्यूज से संबंधित इलैक्ट्रिकल समस्याओं को ठीक करना, कार दुर्घटना या टूटने के मामलों में ऑन-साइट मरम्मत करना, और नजदीकी वर्कशॉप तक गाड़ी को पहुंचाने जैसी सेवाएं शामिल हैं.

हुंडई Aura आपको एक टेंशन मुक्त और शांतिपूर्ण ओनरशिप का अनुभव देती है. #AllRoundAura 

50 Wish: अधूरे रह गए Sushant singh rajput के ये सपने, खुद बनाई थी लिस्ट

जब इंसान धीरे-धीरे बड़ा होता है तो उसके सपने भी धीरे- धीरे बड़े होने लगते हैं.कोई भी इंसान हो उसके कुछ न कुछ सपने या विश होती हैं कि मैं ये चीज करूं हालांकि उसके सारे सपने तो पूरे नहीं हो पाते हैं लेकिन फिर भी वो उसे पूरा करने की कोशिस करता है.अब भले ही सुशांत सिंह राजपूत के पास दौलत और शौहरत की कोई कमी नहीं थी लेकिन एक आम इंसान की तरह उनके भी कुछ सपने थे कुछ विशेज थीं जिन्हें वो पूरा करना चाहते थें.

सुशांत ने जो कदम उठाया, वे इसके ठीक उलट थे क्योंकि सुशांत ने अपने 50 सपनों और इच्छाओं की एक विशलिस्ट तैयार की थी जिसे कुछ समय पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी की थी.वो अपने उन सपनों को पूरा करना चाहते थें. सुशांत ने अपने जीवन में कुछ इच्छाओं की लिस्ट बनाई थी. उन्होंने अपने 50 ड्रीम्स बाकायदा लिखे थे. उनके दुनिया से चले जाने के बाद अब सोशल मीडिया पर यह लिस्ट शेयर की जा रही है.जो काफी तेजी से वायरल हो रही हैं.

पिछले साल सितम्बर में सुशांत ने 50 ख्वाबों की लिस्ट अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की थी. हालांकि, उन्होंने अपने ख्वाबों की लिस्ट बाद में डिलीट भी कर डाली थी लेकिन बाद में उन्होंने कई वीडियो पोस्ट किए और तस्वीरें पोस्ट की, जिसमें उन्होंने अपने कुछ ख्वाब पूरे भी किये थे. उन वीडियोज़ को भी इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.एक-एक करके अपने सपनों को पूरा करने की ख्वाहिश रखने वाले सुशांत ने सुसाइड क्यों किया पता नहीं लेकिन जरा देखिए कि उनकी विश लिस्ट क्या थी.

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विश लिस्ट में जो चीजें शामिल थीं उनमें जैसे- एक जानें ट्रेन से यूरोप तक यात्रा करें, एक दिन सीईआरएन जाना जो कि द यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च इसे सीईआरएन के नाम से जाना जाता है,यहां गॉड पॉर्टिकल से संबंधित लार्ज हेड्रोन कोलाइडर का परीक्षण चल रहा है.

उनकी लिस्ट में विमान उड़ाना, टेनिस खेलना जैसी चीज़ें शामिल थीं. प्लेन चलाना सीखना चाहते थें, बच्चों की मदद करना चाहते थें स्पेस के बारे में जानने के लिए, किसी टेनिस चैंपियन के साथ टेनिस खेलना चाहते थें, कैलाश पर मेडिटेट करना चाहते थें, एक हजार पेड़ लगाना चाहते थें, किताब लिखना चाहते थें, छह महीने में ही छह पैक ऐब बनाना चाहते थें,जंगलों में अपनी छुट्टियां बिताना चाहते थें, दस तरीके के डांस फार्म सिखना, और बच्चों को डांस सिखाना चहाते थें.

क्रिया योगा सिखना था, लंबरगिनी खरीदना चाहते थें, स्वामी विवेकानंद पर डाक्यूमेंट्री बनाना चाहते थें,यूरोप घूमना था लेकिन इन सब के अलावा और भी बहुत से सपने थें सुशांत की विशलिस्ट में जिन्हें उनको पूरा करना अभी बाकी था लेकिन वो इसे अधूरा ही छोड़ गए.काश सुशांत अपने इस विश लिस्ट को पूरा करके जाते काश! देखिए सुशांत के सारी विश की लिस्ट…

1.Learn how to fly a plane

2.Train for ironman triathion

3.Play a cricket match left-handed

4.Learn morse code

5.Help kids learn about space

6.Play tennis with a champion

7.Do a four clap push-up

8.Chart trajectories of moon, mars,jupiter and saturn for a week

9.Dive in a blue- hole

10.Perform the double slit experiment

11.Plant 1000 trees

12.Spend an evening in my delhi college of engineering hostel

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13.Send 100 kids for workshop in isro/nasa

14.Meditate in kailash

15.Play poker with a champ

16.Write a book

17.Visit cern

18.Pain aurora borealis

19.Attend another NASA workshop

20. 6 pack abs in 6 months

21.Swim in cenotes

22.Teach coding to visually impaired

23.Spend a week in a jungle

24.Understand vedic astrology

25.Disneyland

26.Visit LIGO

27.Raise a horse

28.Learn at least 10 dance forms

29.Work for free education

30.Explore andromeda with powerful telescope

31.Learn kriya yoga

32.Visit antarctica

33.Help train women in self-defense

34.Shoot an active volcano

35.Learn how to farm

36.Teach dance to kids

37.Be an ambidextrous archer

38.Finish reading the entire resnick halliday physics book

39.Understand polynesian astronomy

40.Learn guitar chords of my fav 50 songs

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41.Play chess with a champion

42.Own a lamborghini

43.Visit st.stephen’s cathedral in vienna

44.Perform experiments of cymatics

45.Help prepare students for indian defence forces

46.Make a doucumentary on swami vivekananda

47.learn to surf

48.Work in al & exponential technologies

49.Learn capoeira

50.Travel through europe by train

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