बेटी के साथ घर लौटीं Meri Aashiqui Tum Se Hi फेम Smriti Khanna, फैंस के लिए शेयर की फोटो

लॉकडाउन के बीच टीवी सीरियल ‘मेरी आशिकी तुमसे ही’ फेम स्मृति खन्ना (Smriti Khanna) के घर नन्ही परी आई है, जिसकी खबर स्मृति (Smriti Khanna) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था. लेकिन अब एक्ट्रेस स्मृति खन्ना (Smriti Khanna) और उनके पति गौतम गुप्ता बेटी को घर ले आए हैं, जिसकी फोटोज वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं स्मृति खन्ना की बेटी की फोटोज…

Smriti Khanna की बेटी की पहली झलक

हाल ही में स्मृति खन्ना (Smriti Khanna) ने फोटो शेयर करते हुए बेटी होने की फैंस को खुशखबरी दी थी, जिसके बाद घर वापस आने से पहले स्मृति खन्ना ने बेटी के साथ अस्पताल में एक मिरर सेल्फी भी ली. जो वायरल हो रही है.

 

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Time to go home 💎🥳 Please ignore the swollen face and puffy eyes 🥱🥺🥴😴 #newmom #welcomeprincess

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बेटी के साथ दिखे स्मृति के पति

 

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Friday Night Jazz with his dancing partner ❤️

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स्मृति खन्ना के साथ-साथ उनके पति बेटी के आने से काफी खुश हैं, जिसके चलते गौतम गुप्ता बेटी को सुलाते-सुलाते डांस भी करने लगे. वहीं बेटी के साथ घर वापस आने के बाद गौतम गुप्ता अपनी बेटी के साथ जमकर क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं.

फैंस को जरुरी जानकारी

 

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Our princess has arrived 💗 15.04.2020

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स्मृति खन्ना को बीते दिनों उनकी डिलीवरी से जुड़े कई सवालों के मैसेज भी आए. इस पोस्ट के जरिए स्मृति खन्ना ने खुलासा किया है कि उनकी बेटी नॉर्मल डिलीवरी से हुई है.

 

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Not a prank but I did scare you @mistergautam 😂😂😂 #couplevideos #stayhome #staysafe

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बता दें, गौतम ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ है. इसी के साथ उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि लॉकडाउन होने के बावजूद भी मैं बहुत आराम से अस्पताल पहुंच गया. गौतम ने बताया हम जुहू में रहते हैं और अस्पताल खार में है. इस दौरान हमने फैसला लिया कि हम दोनों अकेले ही अस्पताल में जाएंगे. बहुत आसानी से हम अस्पताल पहुंच गए. मैं स बात से बहुत खुश हूं कि लॉकडाउन होने के बावजूद सबकुछ ठिकठाक से हो गया.

यादों का अक्स: भाग 2

वह तो दवा ले कर गहरी नींद सो गया था पर मैं रवि की याद में तड़प कर रह गई थी. बारबार सोचती कि काश, आज समीर की जगह रवि होता तो इस हनीमून का, इस बारिश का मजा ही कुछ और होता.

वैसे समीर ने हनीमून पर मुझे पूरा मजा दिया था, लेकिन मैं चाह कर भी पूरे मन से उस का साथ नहीं दे पाई थी. में

जब भी समीर मेरे पास होता मुझे ऐसा लगता मानो मेरा शरीर तो समीर के पास है, लेकिन मन कहीं पीछे छूट गया है, रवि के पास.

मुझे हमेशा ऐसा लगता कि हम दोनों के बीच रवि का वजूद आज भी बरकरार है, जो मुझ से रहरह कर अपना हक मांगता है.

यह शायद रवि के वजूद का ही असर था कि मैं चाह कर भी समीर से खुल नहीं पाई. मेरे मन का एक कोना अभी भी रवि की याद में तड़पता रहता था.

जब भी बादल बरसते समीर बारिश में भीगते हुए उस का आनंद लेता, मगर मैं दरवाजे की ओट में खड़ी रवि को याद कर रोती.

तब अचानक समीर का चेहरा रवि का रूप ले लेता और फिर मेरी यह बेचैनी तड़प में बदल जाती. तब मैं सोचने लगती कि काश, मेरी इस तड़प में रवि भी मेरा हिस्सेदार बन पाता तो कितना अच्छा होता.

बारिश की ठंडी फुहारों के बीच अगर मैं अपनी इस तड़प से रवि को अपना दीवाना बना देती और टूट कर उसे प्यार करती तो शायद मेरा मन भी इस मौसमी ठंडक से सराबोर हो उठता.

वैसे मैं ने अपने मन की सारी बातें अपने मन के किसी कोने में छिपा रखी थीं तो भी समीर की पारखी नजरों ने मेरे मन की बेचैनी को भांप लिया था.

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‘‘घर से बाहर निकलो, नएनए दोस्त बनाओ. घर की चारदीवारी में कैद हो कर क्यों बैठी रहती हो?’’ एक दिन समीर मुझे समझाते हुए बोला.

समीर की बात मुझे जंच गई और मैं अपनी सोसाइटी की किट्टी पार्टी की सदस्य बन गई.

नएनए लोगों से मिलने से मेरा अकेलापन कम होने लगा, जिस कारण मन में छाई निराशा आशा में बदलने लगी.

अपनी जिंदगी में आए इस बदलाव से मैं खुश थी. धीरेधीरे मुझे ऐसा लगने लगा शायद अब मेरी जिंदगी में एक ठहराव आ गया है.

पर यह ठहराव ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया, क्योंकि शांत नदी में अचानक रवि ने आ कर अपने प्यार का पत्थर जो फेंक दिया था, जिस कारण मेरी जिंदगी में फिर से तूफान आ गया.

मैं उस दिन अकेली पिक्चर देखने गई थी. वैसे समीर भी मेरे साथ आने वाला था, लेकिन अचानक जरूरी काम आने से वह नहीं आ आ सका. अत: अकेली पिक्चर देखने आई थी. लेकिन पिक्चर शुरू होने से पहले ही अचानक रवि से मुलाकात हो गई.

जब हम एकदूसरे के सामने आए तब न जाने कितनी देर तक हम दोनों एकदूसरे को बिना कुछ बोले निहारते रहे.

‘‘मैं कोई सपना देख रही हूं क्या?’’ मैं ने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा.

‘‘हां, शायद यह सपना ही है,’’ कहतेकहते रवि का गला भर आया.

फिर हम दोनों भीड़ से दूर एक तरफ ओट में जा कर खड़े हो गए.

‘‘कहां थे? न कोई फोन…जाओ, मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी,’’ मैं लगभग रो पड़ी थी.

‘‘नेहा, आज तक कोई पल ऐसा नहीं बीता होगा, जब मैं ने तुम्हें याद न किया हो. बस यह समझ लो कि मेरा तन मेरे पास था पर मन हमेशा तुम्हारे पास रहा है,’’ रवि भरे गले से बोला.

इस से पहले कि मैं कुछ और बोल पाती, रवि ही बोल पड़ा, ‘‘अच्छा, अब ये गिलेशिकवे छोड़ो और अंदर चलो, आज की पिक्चर में मेरा हीरो का रोल तो नहीं है नैगेटिव है पर हीरो के रोल से ज्यादा दमदार है,’’ कह कर उस ने मेरा हाथ पकड़ा और दोनों हौल के अंदर चले गए.

वाकई रवि का अभिनय दमदार था. इतने सालों की उस की मेहनत नजर आ रही थी. जब वह हौल से बाहर निकला तो उस के प्रशंसकों की भीड़ ने उस का रास्ता रोक लिया.

उस के बाद से तो रवि का जादू मेरे सिर चढ़ कर बोलने लगा. अब मुझे न दिन की सुध थी और न रात की.

मेरा अब ज्यादा समय रवि के साथ ही बीतने लगा था. कभीकभी तो मैं शूटिंग के समय भी उस के साथ होती. मैं ने कई बार उस से कहा कि वह चल कर समीर से मिल ले पर हर बार टाल जाता.

जब भी मैं उस के सामने समीर का जिक्र करती, वह गमगीन हो उठता और तड़पते हुए कहता, ‘‘मेरे उस दुश्मन का नाम मेरे सामने ले कर मेरे जख्मों को हरा मत किया करो.

‘‘नेहा, बस यह समझ लो कि तुम से मेरी शादी न हो पाना मेरी सब से बड़ी हार है, जिसे मैं एक दिन जीत में बदल कर ही रहूंगा.’’

तब मेरा मन करता कि मैं उस से लिपट जाऊं और अपना सर्वस्व उसे सौंप दूं पर लोकलाज के भय से अपने बढ़े कदम रोक लेती.

कई बार मेरे मन में आया कि उस से पूछूं कि वह मेरी शादी के समय कहां था, पर यह सोच कर चुप रह जाती कि इस से रवि को दुख पहुंचेगा और मैं उसे दुखी नही करना चाहती.

एक दिन शाम के 5 बजे थे जब मेरे पास रवि का फोन आया.

‘‘क्या कर रही हो जान?’’

‘‘कुछ भी तो नहीं.’’

‘‘तो चली आओ, आलीशान होटल में,’’

‘‘पर अचानक…’’

‘‘ज्यादा सवाल न पूछो एक सरप्राइज है.’’

रवि का इतना कहना था कि मैं उस के प्यार में खिंची होटल के लिए निकल पड़ी. उस दिन समीर टूअर पर था और मैं ने अपने बेटे बंटू को अपनी सहेली राधिका के यहां छोड़ दिया.

जब रवि के पास पहुंची तो देखा वह एक सजे कमरे में मेरी प्रतीक्षा कर रहा है.

‘‘जान, बहुत देर कर दी आने में…’’

‘‘यह सब क्या है?’’ मैं अचकचाते हुए उस से पूछ बैठी.

‘‘आज मुझे एक बहुत बड़ा रोल मिला है. अगर यह पिक्चर हिट हुई तो समझो मैं रातोंरात स्टार बन जाऊंगा,’’ कहतेकहते उस ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

‘‘यह सही नहीं है, रवि,’’ मैं ने खुद को उस से छुड़ाते हुए कहा.

‘‘प्यार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता. प्यार तो सिर्फ प्यार होता है जो कुरबानी मांगता है. वैसे भी तुम्हारा और मेरा प्यार तो सच्चा प्यार है जो न जाने कब से एकदूसरे का साथ पाने को तड़प रहा है,’’ यह कह उस ने मुझे पैकेट थमा दिया.

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जब मैं ने पैकेट खोला तो हैरान रह गई, उस में एक गुलाबी रंग की झीनी नाइटी थी.

इधर मैं कपड़े बदलने चली गई तो उधर रवि सारे बिस्तर पर लाल गुलाबों की बरसात करने लगा.

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यादों का अक्स: भाग 1

पहला प्यार तो सावन की उस पहली बारिश के समान होता है, जिस की पहली फुहार से ऐसा लगता है मानो मन की सारी तपिश दूर हो गई हो.

मेरा पहला प्यार रवि जब मुझे अचानक मिला तो ऐसा लगा जैसे मैं ने उस क्षितिज को पा लिया, जहां धरती व आसमान के सिरे एक हो जाते हैं. वैसे मैं चाहती नहीं थी कि रवि और मेरे बीच शारीरिक संबंध स्थापित हों पर जब सारे हालात ही ऐसे बन जाएं कि आप अपने प्यार के लिए सब कुछ लुटाने के लिए तैयार हो जाएं तब यह सब हो ही जाता है.

सच, रवि से एकाकार होने के बाद ही मैं ने जाना कि सच्चा प्यार क्या होता है. रवि के स्पर्श मात्र से ही मेरा दिल इतनी जोरजोर से धड़कने लगा मानो निकल कर मेरे हाथ में आ जाएगा.

रवि से मिलने के बाद ही मुझे एहसास हुआ कि अब तक की जितनी भी रातें मैं ने अपने पति समीर के साथ बिताई हैं वह मात्र एक शारीरिक उन्माद था या फिर हमारे वैवाहिक संबंध की मजबूरी.

शादी से ले कर आज तक जबजब भी समीर मेरे नजदीक आया, तबतब मेरा शरीर ठंडी शिला की तरह हो गया. वह अपना हक जताता रहता, लेकिन मैं मन ही मन रवि को याद कर के तड़पती रहती.

यह शायद रवि के प्यार का ही जादू था कि शादी के इतने साल बाद भी मैं उसे भुला नहीं पाई थी. तभी तो मेरे मन का एक कोना आज भी रवि की एक झलक पाने को तरसता था.

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‘‘मैं शादी करूंगी तो सिर्फ रवि से वरना नहीं,’’ शादी से पहले मैं ने यह ऐलान कर दिया था.

‘‘हां, वह तो ठीक है, पर जनाब मिलने आएं तो पता चले कि वे भी यह चाहते हैं या नहीं,’’ भैया के स्वर में व्यंग्य था.

‘‘हांहां, मैं जानती हूं कि आप का इशारा किस तरफ है? वह हीरो बनना चाहता है, इसीलिए तो दिनरात स्टूडियो के चक्कर काटता है. बस एक ब्रेक मिला नहीं कि उस की निकल पड़ेगी. इसीलिए वह मुंबई चला गया है.’’

‘‘न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी,’’ भैया न हंसते हुए कहा और बाहर चले गए.

‘‘देखो मां, भैया कैसे रवि का मजाक उड़ाते रहते हैं. देख लेना वह एक दिन बहुत बड़ा आदमी बन कर दिखाएगा,’’ मैं यह कहतेकहते रो पड़ी थी.

‘‘बेटी, वह हीरो जब बनेगा तब बनेगा, असली बात तो यह है कि वह अभी कर क्या रहा है?’’ पापा ने चाय पीते हुए मुझ से पूछा.

अब उन से क्या कहती. मैं खुद नहीं जानती कि वह आजकल मुंबई में क्या कर रहा है. मुझे तो बस इतना मालूम था कि शायद अभी फिर से विज्ञापन की शूटिंग कर रहा है.

जब सब कुछ धुंधला सा था तब भला कोई सटीक निर्णय कैसे लिया जाता? फिर मैं ने हथियार डाल दिए यानी समीर से शादी के लिए हामी भर दी.

मेरे इस निर्णय से घर के सभी लोग बहुत खुश थे पर मेरे भीतर अवश्य कुछ दरक कर टूट गया था.

मैं ने न जाने कितनी बार रवि को फोन किया पर वह शायद मुंबई से बाहर था. एक बार तो मैं ने भावावेश में मुंबई जाने का मन भी बना लिया पर तब मातापिता के रोते चेहरे मेरी आंखों के आगे घूम गए और तब मैं ने हथियार डाल दिया. वैसे भी रवि मुंबई में कहां है, यह पता तो मुझे नहीं था.

समीर से शादी हुई तो मैं उस के जीवन की महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गई. समीर ने मुझे वह सब दिया, जिस पर मेरा हक था. पर शायद मैं समीर के साथ पूरी तरह न्याय न कर पाई.

जिस मन पर किसी और का अधिकार हो, उस मन पर किसी और के अरमानों का महल बनना मुश्किल ही था.

मैं जब भी अकेली होती रवि को याद कर के रो पड़ती. मुझे उस की ज्यादा याद तब आती जब बारिश आती. मुझे आज भी याद है वह दिन जब बहुत ज्यादा उमस के बाद अचानक काले बादल घिर आए थे और देखते ही देखते मूसलाधार बारिश शुरू हो गई थी. उस समय रवि और मैं पिक्चर देख कर मोटरसाइकिल पर लौट रहे थे.

बारिश तेज होती देख कर रवि मोटरसाइकिल रोक कर सड़क की दूसरी ओर मैदान में जा कर बारिश का मजा लेने लगा.

उसे ऐसा करते देख मुझे बहुत अजीब लगा. मैं एक पेड़ के नीचे खड़ी बारिश का मजा ले रही थी. तभी अचानक वह आया और मुझे खींच कर मैदान में ले गया.

‘‘नेहा, अपनी दोनों बांहें खोल कर इस रिमझिम का मजा लो. इन बूंदों में भीगने का मजा लोगी तभी तुम्हें लगेगा कि शरीर की तपिश कम हो रही है और तुम्हारा तनमन हवा की तरह हलका हो गया है.’’

पहले तो मुझे रवि का ऐसे भीगना अजीब लगा पर फिर मैं भी उस के रंग में रंग गई.

जब मैं ने अपने दोनों हाथ फैला कर बारिश की ठंडी बूंदों को अपने में आत्मसात करने की कोशिश की तो ऐसा लगा मानो मैं किसी जन्नत में पहुंच गई हूं. बहुत देर तक बारिश में भीगने के बाद मुझे हलकी ठंड लगने लगी और मैं कांपने लगी.

तब रवि मेरा हाथ पकड़ मुझे सड़क किनारे बने एक छोटे टीस्टाल में ले गया. रिमझिम बारिश के बीच गरमगरम चाय पीते हुए हम ने अपने कपड़े सुखाए और फिर अपनेअपने घर चले गए.

उस के बाद न जाने कितनी बारिशों में मैं और रवि साथसाथ थे. भीगे बदन पर जबजब रवि के हाथों का स्पर्श हुआ तबतब मैं एक नवयौवना सी चहक उठी.

समीर को भी रवि की तरह तेज बारिश में भीगना पसंद है. मुझे याद है जब हम लोग हनीमून के लिए मसूरी गए थे. मालरोड पर घूमते हुए अचानक बारिश शुरू हो गई. समीर तो वहीं खड़ा हो कर बारिश का मजा लेने लगा पर मैं एक पेड़ की ओट में खड़ी हो गई.

‘‘नेहा, आओ मेरे साथ इस बारिश में भीगो. देखो, कितना मजा आ रहा है.’’

‘‘न बाबा न, ठंड लग गई तो? तुम भी यहां आ जाओ,’’ मैं अपना छाता खोलते हुए बोली.

‘‘जानेमन, ठंड लगने के बाद मैं तुम्हें ऐसी गरमी दूंगा कि मेरे प्यार में पिघलपिघल जाओगी.’’

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समीर की इस बात पर आसपास खड़े लोग हंस रहे थे पर मैं शर्म से लाल हुई जा रही थी. हिल स्टेशन की बारिशों में देर तक भीगने से समीर को ठंड लग गई थी और फिर वह 3 दिन तक बिस्तर से नहीं उठ पाया था.

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#coronavirus: हाइजीन और साफ-सफाई है अब ज़माने की मांग 

कोविड 19 को फैलने से रोकने के लिए सबसे अधिक हाइजीन की जरुरत होती है, जिसकी आदत देश में आधे से अधिक लोगों को नहीं है. सरकार ने भी इसे मजबूत करने के लिए सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माना या कैद की सजा का प्रावधान किया है, ऐसे में हैदराबाद के लूकैफे के फाउंडर अभिषेक नाथ ने स्पेशल सैनिटेशन की पद्यति को अपनाकर पिछले कई सालों से लूकैफे की स्थापना हैदराबाद के कई जगहों पर किया और अवार्ड जीते. उन्होंने रेस्टरूम को अच्छी तरह से सेनिटाइज कर बेक्टेरिया और वायरस से दूर रखा . इसे पब्लिक के लिए मुफ्त रखा गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका प्रयोग कर सके.

इस बारें में अभिषेक का कहना है कि साफ़ सफाई और हाइजीन हमारे देश में एक चुनौती है. मैंने माल्स और शौपिंग क्पम्प्लेक्स क्लीनिंग और सेनिटाइजेशन के क्षेत्र में 20 सालों तक काम करने के बाद पाया कि हमारे देश में क्लीनिंग एक बड़ी समस्या है, इसलिए मैंने इसमें कुछ नया करने को सोचा और कंपनी एक्जोरा कॉर्पोरेट सर्विसेज में मेरा लूकैफे मेरा पहला प्रोजेक्ट रहा, जिसमें शिपिंग कंटेनर को दो भाग में विभाजित कर आधे में कैफे और आधे में वाशरूम बनाया. ये सभी महिला, पुरुष और हैंडीकैप्ड सभी के लिए बनाया गया है.

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इसमें वाटरलेस यूरिनल्स होते है. ये इकोफ्रेंडली होने के साथ-साथ सैनीटरी नैपकिन डिकॉमपोजर भी है. सभी वाशरूम लोगों के लिए फ्री है. इसमें जो पैसा कैफे से मिलता है, उससे साफसफाई करने वाले लोगों का वेतन, वाशरूम की देखरेख, सब मैंनेज होता है. इसमें सरकार कोई पैसा नहीं देती सारा खर्चा मैं उठाता हूँ. सरकार केवल जगह मुहैया करवाती है. इस काम के लिए साल 2019 में मुझे बेस्ट इनोवेशन का अवार्ड भी मिल चुका है.

इसके आगे अभिषेक कहते है कि कोरोना वायरस की वजह से मैंने सोसाइटी में कुछ अलग करने के बारें में सोचा और डॉक्टर की सलाह पर हॉस्पिटल क्लीनिंग का काम करना शुरू किया, फिर मैंने पूरी टीम को प्रशिक्षित कर क्लीनिंग पर जोर दिया और सोशल डिस्टेंस को फोलो करते हुए काम शुरू किया. एक अच्छी तकनीक को देश में लाने के लिए मैंने यू के के डॉक्टर से भी संपर्क किया,  जिसमें मैंने टीम मेम्बर्स को उस तकनीक से परिचय करवाया. इसमें खासकर, हाइजीन, क्लीनिंग और सेनिटाइजेशन को महत्व दिया गया. यहाँ के सारे वर्कर्स बेस्ट क्लीनिंग की पूरी प्रक्रिया को फोलो करते हुए काम कर रहे है. इसमें सेनिटेशन डी टनल को स्थापित करना मेरा काम है. जिसे 24 घंटे में बनाया गया है. इसमें से जाने वाला व्यक्ति पूरी तरह से अपने आपको सेनिटाइज कर, वेंडिंग मशीन से मास्क निकाल कर पहनकर बाहर जा सकता है. इसमें व्यक्ति का पूरा डेटा आ जाता है, जिससे उसकी किसी भी बीमारी का पता आसानी से बाद में भी लगाया जा सकता है. ये मशीन पब्लिक ऑफिसेस, अस्पतालों,घरों और फार्मासीज आदि किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है. सबसे पहले इस डी टनल को हैदराबाद के अधिकतर अस्पतालों में लगाया गया है. हैदराबाद के बाद इसे मुंबई दिल्ली,कश्मीर, जम्मू आदि कई बड़ी शहरों में लगाये जाने का प्रावधान है.

इनदिनों अस्पतालों में साफसफाई का काम जोरो पर है. यहाँ काम करने वाले वर्कर्स के डाइट भी अभिषेक ने बना कर दिए है, ताकि उनकी इम्युनिटी अच्छी रहे. वे कहते है कि सावधानी बड़ी चीज है. हर जगह अगर वेंडिंग मशीन में मास्क मिलने लगे, तो लोगों को उसे निकालकर पहनने में आसानी होगी. डी टनल के साथ उसे भी लगाया जा रहा है. इस काम में समस्या है सही स्टाफ का मिलना, लोगों को समझाना, वीडियो पर लोगों को ट्रेनिंग देना आदि. इसके अलावा जो गाइड लाइन इस टनल को लगाने के बाद है, उसे सही तरीके से 100 प्रतिशत फोलो, लोगों को और स्टाफ को करवाना भी चुनौती है, जिसके लिए लगातार काम चल रहा है.

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आगे अभिषेक की प्लानिंग है कि किसी भी मॉल या शोपिंग काम्प्लेक्स में जाने पर वहां व्यक्ति की पूरी जांच केवल दो हाथों से हो, ऐसी व्यवस्था हो, ताकि ऐसे किसी भी बीमारी से लोग आसानी से बच सकें.

पार्टनर से चीटिंग : बता दिया जाए या नहीं

आप ने अपने पार्टनर से चीटिंग की है. अब वजह चाहे वन नाइट स्टैंड हो या ज्यादा ड्रिंक करने के बाद लिया गया डिसीजन अथवा किसी कुलीग से  अफेयर के चक्कर में पार्टनर को धोखा दिया है, इन सब बातों से अब कोई फर्क नहीं पड़ता. धोखा तो दे ही दिया है. अब सवाल यह उठता है कि आप अपने रिश्ते को बरकरार रखने में दिलचस्पी भी रखते हैं या नहीं? अगर हां, तो क्या करें?

1. सच का सामना

ज्यादातर यही सलाह देंगे कि आप अपने गिल्ट का निवारण अपने साथी को सच बता कर करें कि आप ने उसे धोखा दिया. लेकिन ज्यादातर मैरिज काउंसलर और सैक्स थेरैपिस्ट कहते हैं कि ‘ओनैस्टी इज द बैस्ट पौलिसी’ वाली नीति रिलेशनशिप के मामले में खास कारगर नहीं होती.

न्यूयौर्क की सैक्स थेरैपिस्ट ऐंड मैरिज काउंसलर मेगन फ्लेमिंग के मुताबिक, ‘‘यह सुनने में भले कंट्रोवर्सियल लगे, लेकिन मेरा यही सुझाव है कि आप अपने पार्टनर को बेवफाई के बारे में न ही बताएं तो अच्छा है.’’

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2. भारी पड़ता है कन्फैशन

मेगन कहती हैं, ‘‘आप भले ही सच बोल कर अपने अपराधबोध से छुटकारा पा लें और यह सोचें कि सच बोला है तो आप का पार्टनर आप को डंप नहीं करेगा, लेकिन उस पर नकारात्मक भावनाओं का अंबार लग जाता है. चिड़चिड़ापन, शक, भ्रम, क्रोध, रिजैक्शन जैसे भाव उसे घेर लेते हैं. ये सब मिल कर आप के और साथी के बीच के रिश्ते की नींव हिला देंगे. इस कन्फैशन के बाद आप का पार्टनर आप पर कभी भरोसा नहीं कर पाएगा, यह तय है.’’

3. रिलेशनशिप क्राइसिस

यदि आप वास्तव में रिश्ते को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो सब से पहले यह सोचें कि आप ने उन्हें चीट किया ही क्यों. यानी ऐसी नौबत क्यों आई कि आप को अपने पार्टनर से बेवफाई करनी पड़ी? जाहिर है, इस सवाल का जवाब खोजने में आप को अपने रिश्ते की कई उलझनों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन समस्या की जड़ तक जाने के लिए यह जरूरी है. इस मामले में डाक्टर फ्लेमिंग कहती हैं कि आमतौर पर जब इस तरह के मामले ले कर क्लाइंट उन के पास आते हैं तो उन की बेवफाई के पीछे अमूमन यही कारण होता है कि उन की जरूरतें अपने पार्टनर से पूरी नहीं हो पा रही थीं. फिर चाहे वे सैक्सुअल नीड्स हों या इमोशनल, जबकि वे इस मामले में अपने करीबी रिश्तेदारों से बात कर इस समस्या को सुलझा सकते थे. लेकिन इस के बजाए उन्होंने चीटिंग का औप्शन चुना.

दरअसल यह रिलेशनशिप क्राइसिस का पड़ाव होता है. जहां कपल का रिश्ता संकट में होता है और वे इस संकट को सुलझाने के बजाय किसी और पार्टनर की बाहों में जाना बेहतर समझते हैं. जबकि वे अपने रिश्ते की मरम्मत करने का अवसर गंवा रहे होते हैं.

4. अब क्या करें

अगर आप का वन नाइट स्टैंड ओवर हो चुका है और औफिस कुलीग से भी दिल भर गया है तो जाहिर है आप अपने पार्टनर के पास वापस जाना चाहेंगे. ऐसे में पहले तो सच को दबाकर यह संकल्प लें कि दोबारा ऐसी नौबत नहीं आएगी. उस के बाद किसी रिलेशनशिप काउंसलर के पास जाएं ताकि आप की जरूरतों और कमियों को समझा जा सके. फिर जरूरत पड़ तो पार्टनर को भी सैक्स थेरैपिस्ट या मैरिज काउंसलर के पास ले जाएं.

5. बता दिया जाए या नहीं

कुछ लोग मानते हैं कि पार्टनर से धोखे की बात छिपानी नहीं चाहिए, क्योंकि एक बार धोखा देने वाला व्यक्ति यह काम बारबार करता है. इसलिए उस के कन्फैशन से कम से कम पार्टनर अलर्ट तो रहेगा. कुछ मानते हैं कि साथी को कभी न कभी यह पता चल ही जाता है कि उसे धोखा दिया गया है. इस से बेहतर है कि आप ही सब सचसच बता दें. फिर भले ही वह डिप्रैशन में जाए या उस रिश्ते को खत्म कर ले.

मगर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि रिश्तों के नाजुक मसलों में हर सच कई बार इतनी दरारें पैदा कर देता है कि वह चरमरा कर टूट जाता है. इसलिए सच नहीं बोलना है तो यह जरूर निश्चय कर लें कि अब उस गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे, तब जा कर आप का झूठ किसी हक तक जायज माना जा सकता है.

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बालों में इस तरह से लगाएं मेहंदी और ऐसे करें केयर

मेहंदी बालों में न केवल सफ़ेद बाल छुपाने के लिए लगाई जाती है बल्कि, मेहंदी लोग अक्सर गर्मी में अपने सर को ठंडा करने के लिए भी लगते है.  यदि आपके बाल सफ़ेद है तो अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए  केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट का इस्तेमाल बिलकुल न करें. बेहतर यही होगा कि आप नेचुरल चीज़े जो कि पूरी तरह से केमिकल फ्री हैं उसी का इस्तेमाल करें. मेहंदी से न सिर्फ आपके सफ़ेद बाल ठीक होंगे. बल्कि यह आपके बालों  कोमल, मुलायम व कंडिशन्ड भी होगें. आइए जानते हैं बालों को किस तरह से मेहंदी द्वारा कंडीशनिंग करें और पाएं लंबे घने और मजबूत बाल.

मेहंदी का घोल बनाने के लिए आपको 5 से 6 चीज़ो की ज़रूरत होगी:

-हर्बल मेहंदी

-वैसलीन

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-गुनगुना पानी

-और अच्छे निखार के लिए (नींबू, कॉफ़ी, आंवला, या फिर अंडा) आप इसमें से किसी एक चीज़ का ही प्रयोग करें .

सबसे पहले एक कटोरी में मेहंदी, और नींबू का रस मिलाएं. फिर धीरे धीरे उसमें गुनगुना पानी मिलायें और एक ब्रश की सहायता से तीनो चीज़ो को एकसार कर दे. इस मिश्रण को 1 से 2 घंटे के लिए छोड़ दें.

मेहंदी लगाने से लगभग 12 घंटे पहले हमे अपने बालों को धोना नहीं चाहिए. आप चाहे तो मेहंदी लगते समय हल्का सिर गीला कर लें. आप अपने कान, गर्दन व माथे पर वैसलीन  की एक पतली लेयर लगाएं ताकि मेहंदी का रंग आपके बाकि हिस्सों पर न चढ़े.

बालो को आप दो भाग में बा़टें. जड़ से ब्रश की मदद से मेहंदी को अपने बालो की लेंथ तक लगाए. इस प्रक्रिया को सारे बालों में दोहराएं और अपने बालो को एक जूड़े में बांध लें.  और अंत में एक प्लास्टिक कैप पहनें. आप इसको लगभग 3 से 4 घंटे के लिए अपने बालों में लगा रहने दें और 3- 4 घंटे के बाद साफ़ पानी से बालों को अच्छे से धोएं. अच्छा रंग चढाने के लिए बालो को आप 24 घंटे तक शैम्पू न करें.

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बालों में मेहंदी लगाने से पहले उसमें एक कपूर और एक चम्मच मेथी का पाउडर या दो चम्मच संतरे का रस मिला लें. ये बालों को असमय सफेद होने से बचाएगा.

यदि आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं तो हर दूसरे दिन मेहंदी लगाएं. बालों को आराम मिलेगा.

मैकेट्रेस, पारुल बुद्धि राजा अरोड़ा से बातचीत पर आधारित.

19 दिन 19 टिप्स: क्यों जरुरी है क्लीन अप?

सर्दी हो या गर्मी चेहरे की साफ सफाई बेहद जरूरी है. बदलते मौसम के चलते और धूप व धूल के कारण चेहरे की त्‍वचा रूखी और पैची पड़ जाती है. कई बार तो चेहरे पर जोरों की खुजली भी होने लगती है. ऐसे में त्वचा संबंधित कई समस्याएं भी हो सकती हैं, इन सब से बचने के लिए क्‍लीन अप जरूरी है. तो आइए जानते हैं कि क्‍यूं जरुरी है चेहरे का क्‍लीनअप और क्या हैं इसके फायदे.

1. नमी बरकरार रखने के लिये

चेहरे को साफ रखने और उनमें नमी बरकरार रखने के लिए क्‍लीनअप किया जाता है. सर्दियों में त्‍वचा रूखी और खुजलीदार बन जाती है. क्‍लीन अप करने में जो प्रोडक्‍ट इस्‍तेमाल होता है वह क्रीम बेस्‍ड होता है, जिससे लंबे समय तक चेहरे में पोषण बना रहता है.

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2. चेहरे के रूखे भाग को नरिश करे

यह रूखी त्‍वचा पर पड़े हुए पैच को भी नरिश करता है. यह त्‍वचा को सही मात्रा में हाइड्रेट करता है.

3. डेड स्‍किन साफ होती है

अगर आप स्‍क्रब नहीं करती हैं तो चेहरे पर मृत कोशिकाएं जम जाती हैं, जिससे चेहरा पैची दिखने लगता है. सर्दियों में त्‍वचा पर पसीना नहीं होता इसलिये क्‍लीनअप करने से डेड स्किन निकल जाती है.

4. फेस पैक भी है जरुरी

एक पोषण और हाइड्रेट करने वाला फेस पैक त्‍वचा की नमी को वापस ले आता है. जब भी फेस पैक बनाएं, उसमें दूध या मलाई जरुर मिक्‍स करें. इससे चेहरा कोमल बन जाएगा और रूखा भी नहीं दिखेगा.

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#lockdown: फैमिली के लिए बनाएं आलू के कोफ्ते

अगर आप लौकडाउन के बीच खाने में कुछ टेस्टी डिश ट्राय करना चाहते हैं तो आलू के कोफ्ते की रेसिपी आपके लिए आसान है. ये कम समय में बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप अपनी फैमिली को दोपहर या डिनर में परोस सकती हैं. आइए आपको बताते हैं आलू के कोफ्ते की रेसिपी….

हमें चाहिए

– आलू (400 ग्राम उबले हुए)

– अरारोट (04 बड़े चम्मच)

– हरा धनिया ( 01 बड़ा चम्मच कटी हुई)

– काजू (10 नग बारीक कतरे हुए)

– तेल (तलने के लिये)

– नमक (स्वादानुसार)

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– टमाटर (04 मीडियम आकार के)

– क्रीम (1/2 कप)

– तेल (03 बड़े चम्मच)

– हरी मिर्च (02 नग)

– हरा धनिया (01 बड़ा चम्मच कतरा हुआ)

– अदरक ( 01 इंच का टुकड़ा)

– धनिया पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– जीरा (1/2 छोटा चम्मच)

– हल्दी पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– लाल मिर्च पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– गरम मसाला (1/4 छोटा चम्मच)

– नमक (स्वादानुसार)

आलू के कोफ्ते बनाने की विधि :

– सबसे पहले आलू को छील कर कद्दूकस कर लें.

– इसके बाद उसमें अरारोट, नमक, हरा धनिया मिला दें और आटे की तरह गूथ लें.

– अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें, जब तक तेल गर्म हो रहा है आलू के थोड़े से मिश्रण को लेकर उसके       बीच   में काजू के 2-3 टुकड़े रख लें और फिर उसे गोल कर लें.

– ऐसे ही सारे आलू के मिश्रण के गोले बना लें. तेल गर्म होने पर उसमें आलू के गोले डालें और हल्का भूरा    होने तक तल लें.

– अब तरी की तैयारी करें, इसके लिए सबसे पहले टमाटर, हरी मिर्च और अदरक को मिक्सर में बारीक     पीस लें.

– इसके बाद क्रीम को अच्छी तरह से फेंट लें.

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– अब एक कढाई में तेल गर्म करें और उसमें जीरा का तड़का लगाएं.

– उसके बाद उसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर डालें और हल्का सा भून लें.

– फिर कढ़ाई में टमाटर का पेस्ट डालें और उसे अच्छ तरह से भून लें.

– इसके बाद कढ़ाई में क्रीम डालें और इसे तब तक भूनें, जब तक यह तेल न छोड़ दे.

– अब कढ़ाई में 2 कप पानी डाल दें.

– साथ ही स्वादानुसार नमक भी डालें और उबाल आने तक पकने दें.

– जब कढ़ाई में उबाल आ जाए, इसमें कोफ्ते डाल दें और 2 मिनट पकाने के बाद गैस बंद कर दें.

– अब आपके स्वादिष्ट आलू के कोफ्ते तैयार हैं.

– बस इसे हरी धनिया से गार्निश करें और गर्मा-गरम रोटी या पराठों के साथ परोसें.

होंठों के पास डार्क मार्क्स हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 31 साल की हूं. होंठों के पास डार्क मार्क्स हैं. कृपया इन्हें दूर करने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब

डार्क मार्क्स दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडि़यों को कच्चे दूध में पीस कर पेस्ट बना कर उसे रोज होंठों पर लगाएं. ऐसा करने से होंठों का रंग धीरेधीरे गुलाबी हो जाएगा. ध्यान रहे लिपस्टिक किसी अच्छे ब्रैंड की ही प्रयोग करें.

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विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण पूरा देश लॉकडाउन कर दिया गया है. आप घरों से बाहर नहींं जा सकतीं. समस्या घर में रहने में नहीं है बल्कि घर में खत्म होते ब्यूटी केयर प्रोडक्ट. जब तक बाजार में खुलेगा यह ब्यूटी प्रोडक्ट्स घर में आना मुश्किल है.  अब क्या किया जाए ? मैं लाई हूं आपके लिए कुछ आसान से उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपनी खूबसूरती बरकरार रख सकतीी हैं इन प्रोडक्ट्स के बिना भी.

1. बनायें फेसवॉश

फेसवॉश खत्म हो गया है तो परेशान क्यों हो रही हैं? घर पर ही बनाइए एक नेचुरल फेस वाश.कुछ आसान से टिप्स अपनाएं और फेस की रौनक बढ़ाएं. एक बड़ा चम्मच कच्चा दूध लीजिए और उसे साफ सी काॅटन बाॅल से पूरे फेस पर थपथपाते हुए लगाएं. आपकी फेस की स्किन साफ ही नहीं बल्कि टोन भी हो जाएगी. आप चाहें तो इसमें दो बूंद गुलाब जल की भी मिला सकती हैं.

2. बचे हुए साबुन की बार से

यही नहीं आप बची हुई साबुन की बार को पानी में घोल लें और एक बोतल में भर लें अब इसे फेसवॉश की तरह इस्तेमाल कर सकती हैं.

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