‘ये रिश्ता’ में ‘कायरव’ संग ‘वेदिका’ का बर्ताव देख ‘कार्तिक’ लेगा बड़ा फैसला, पढ़े खबर

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘नायरा-कार्तिक’ और ‘वेदिका’ का ड्रामा फैंस को काफी एंटरटेन कर रहा है. हाल ही में हमने आपको फैंस की बेरूखी के चलते पंखुरी अवस्थी यानी ‘वेदिका’ के ट्रेक को खत्म करने के बात कही थी, लेकिन अब खबर है कि नए ट्विस्ट के चलते ‘कार्तिक और कायरव’ के बीच ‘वेदिका’ का नया ड्रामा देखने को मिलने वाला है. आइए आपको बताते हैं शो में आने वाले नए ट्विस्ट की कहानी….

‘कायरव’ के लिए ‘कार्तिक’ लड़ेगा केस

हमने आपको बताया था कि अपकमिंग एपिसोड में ‘नायरा-कार्तिक’ को तलाक के कागजात भेजेगी, वैसे ही ‘कार्तिक’ ‘कायरव’ की कस्टडी के लिए कोर्ट में केस फाइल करेगा. ‘कार्तिक’ को ऐसा लगने लगेगा कि तलाक होते ही नायरा उसे और ‘कायरव’ को हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर देगी.

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‘कार्तिक’ जीतेगा ‘कायरव’ की कस्टडी

खबरों की मानें तो ‘कायरव’ की कस्टडी के लिए ‘नायरा-कार्तिक’ के बीच ड्रामा देखने को मिलेगा, लेकिन आखिर में ‘कार्तिक-कायरव’ की कस्टडी जीत जाएगा. वहीं जीतने के बाद ‘कार्तिक’ की खुशी का कोई भी ठिकाना नहीं रहेगा और ‘कार्तिक’ खुशी-खुशी में ‘कायरव’ को वापस गोयनका हाउस लेकर आएगा.

‘वेदिका’ करेगी ‘कायरव’ को परेशान

केस जीतने के बाद आपको ‘वेदिका’ के व्यवहार में बदलाव देखने को मिलेगा, जिसके चलते वह ‘कायरव’ को परेशान करना शुरू कर देगी. वह ‘कायरव’ के साथ धीरे-धीरे बुरा बरताव करना शुरू कर देगी.

‘कार्तिक’ करेगा ‘वेदिका’ से रिश्ता खत्म

‘कार्तिक’ का पूरा फोकस धीरे-धीरे ‘कायरव’ की ओर ही जाता देख ‘वेदिका’ की ‘कायरव’ के लिए जलन पैदा हो जाएगी और वह ‘कायरव’ को अकेले में परेशान कर देगी. वहीं ‘वेदिका’ का ये व्यवहार देख ‘कार्तिक’ ‘वेदिका ‘से सारे रिश्ते खत्म कर देगा.

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बता दें, ‘कार्तिक’ के ‘कायरव’ की कस्टडी का केस जीतते ही ‘नायरा’ पूरी तरह टूट जाएगी, लेकिन अब ये देखना होगा की ‘कायरव’ को अपने से दूर जाता देख क्या ‘नायरा’ कोई फैसला लेगी या ‘कार्तिक और कायरव’ से हमेशा के लिए दूर चली जाएगी.

किताबें-आपकी हमदम, आपकी साथी

किताबें आप का व्यक्तित्व बनाती हैं, निखारती हैं और पथप्रदर्शन भी करती हैं. पुस्तकें हमारी अवधारणा को सही या गलत दिशा में ले जाने की शक्ति रखती हैं. पुस्तकों में वह ताकत होती है जो हमारी सोच को मोड़ प्रदान करती है. हम सफलता की ओर चलें या निराशा के अंधेरे में डूब जाएं, यह इस पर भी निर्भर करता है कि हम कैसा साहित्य पढ़ते हैं. किताबें पढ़ने से हमारी सोच खुद ही विकसित होती है. सोच और पाठ्य को एकदूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है.

हम जैसा पढ़ते हैं, वैसी ही हमारी सोच बनती है. सोचने से बुद्धि का विकास होता है. इस का सीधा मतलब है कि अपने मस्तिष्क का विकास करना हमारे वश में है. सही साहित्य हमारी सोचनेसमझने की क्षमता को वृद्धि प्रदान करता है, हमारी बौद्धिक शक्ति को अग्रसर करता है. इसीलिए कहा जाता है कि आप कैसी किताबें पढ़ते हैं, वैसे ही आप की पर्सनैलिटी बनती है.

आजकल के तकनीकी युग में मोबाइल के नशे में चूर, हम अकसर अपनेअपने 5-7 इंच के स्क्रीन से चिपके रहते हैं. हमें गलतफहमी हुई रहती है कि हम ने दुनिया को मुट्ठी में कर लिया है. शायद हम सोचते हैं कि कितनी आसानी से हम एक से दूसरी जगह भ्रमण कर रहे हैं. किंतु सचाई यह है कि मोबाइल के अंदर कैद हम केवल एक साइट से दूसरी साइट पर भटक रहे होते हैं.

किताबों के फायदे

हाल ही में किशोर पाठकों पर किए गए एक शोध से पता चला कि जो छपी हुई पुस्तक को पढ़ते हैं उन्हें स्क्रीन पर पढ़नेवालों की अपेक्षा बहुत बेहतर समझ आता है. इस का कारण यह भी हो सकता है कि स्क्रीन पर पढ़ने वालों को टैक्स्ट समझने से ज्यादा जरूरी है स्क्रीन सैवी होना. उन का ध्यान अकसर स्क्रीन की बारीकियों पर अधिक रहता है. जबकि एक किताब पाठक से कमिटमैंट मांगती है, यह गुण स्क्रीन में नदारत है.

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किताब की एकएक लाइन का क्या मतलब है, शब्दों के बीच के भावों में लेखक क्या कहना चाहता है, इस का तानाबाना पाठक अपने मनमस्तिष्क में बुनता है. शायद इसीलिए फैशन डिजाइनर दीपिका गोविंद कहती हैं कि पढ़ने के लिए उन्हें किंडल नहीं, पुराने तौरतरीके की पुस्तकें ही चाहिए.

विशेषज्ञों की राय

द फ्यूचर औफ पब्लिशिंग में पब्लिशिंग एडिटर थेड मैकलौय कहते हैं, ‘‘इलैक्ट्रौनिक तरीके से पढ़ने की तुलना में पुस्तकों से पढ़ना श्रेयस्कर लगता है. पुस्तकों को पढ़ते समय एक टैक्स्ट से दूसरे टैक्स्ट पर जाना आसानी से हो जाता है. कब किस ने क्या कहा था, कहानी में कौन सा चरित्र, कौन सा मोड़ आया था, यह आसानी से रेफर किया जा सकता है. इतनी सुविधा ई बुक में नहीं होती.

यूनिवर्सिटी औफ एरिजोना की एसोसिएट प्रोफैसर सबरीना हेम के अनुसार, ‘‘किताबों के प्रति लोग अकसर मानसिक स्वत्व या स्वामित्व अधिकार अनुभव करते हैं. जबकि ई बुक पर कोई अधिकार की भावना उत्पन्न नहीं होती क्योंकि वह क्लाउड पर मौजूए एक प्रोडक्ट लगती है. पुस्तकें हमारे हाथ में, हमारी बुकशैल्फ में, हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाती हैं.

किताबें सच्ची हमसफर

जब कभी आप को कहीं जाना हो- रैस्तरां में, बस या रेल यात्रा पर या कैब में, तब अपने बैग में रास्ते में पढ़ने हेतु किताब अवश्य पैक करें. यात्रा भी आसानी से कट जाएगी और आप का ज्ञान बढ़ेगा, सो अलग. रास्ते में मोबाइल पर अनर्गल चैट पर वक्त खराब करने से अच्छा है कि किताबों की दुनिया में सैर करें, भिन्न साहित्य के बहाने आप कितने ही पात्रों की ओट में नित नए चरित्रों से मिलते हैं, उन की मानसिकता से परिचित होने का अवसर प्राप्त करते हैं. आप नई परिस्थितियों में उलझते हैं, उन से निबटना सीखते हैं.

टोरंटो यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफैसर कीथ ओटले कहते हैं, ‘‘फिक्शन पढ़ने वाले लोगों को बेहतर समझ सकते हैं. किताब पढ़ने से न केवल हमारा शब्दज्ञान बढ़ता है बल्कि हमारी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का विकास भी होता है. कोशिश करें कि हर बार एक नई तरह की पुस्तक पढ़ें. इस से आप को बैठेबैठे कितने ही तरह के अनुभव प्राप्त होते रहेंगे. साथ ही, अपने से अलग लोगों व संस्कृतियों के प्रति हमारी सहानुभूति भी जागती है. जबकि मोबाइल पर फालतू गेम खेलने का नशा कब आप का कीमती वक्त खा जाता है, यह बात आप तब समझ पाते हैं जब समय की रेत मुट्ठी से फिसल चुकी होती है.’’

हाथ में अच्छी किताब देख कर कोई भी पुस्तकप्रेमी बिना आप से बात किए नहीं रह सकेगा. और आप को नए मित्र बनाने का अच्छा मौका मिलेगा. इस के विपरीत मोबाइल की दुनिया में कैद हम अपने आसपास बैठे लोगों की शक्लें तक नहीं देखते. इसीलिए अपने पास एक किताब जरूर रखें. यदि अकेले होने की सूरत हो तो किताब आप का साथ पूरी ईमानदारी से निभाएगी. यहां तक कि यदि रैस्तरां में आप के दोस्तसाथी अभी तक नहीं आए हैं तो निकाल लीजिए उस किताब को अपने बैग से और रम जाइए उस पन्ने में जिस में छिपा है ज्ञान का भंडार. तभी तो शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफैसर औफ मैडिसिन, डा, मार्टिन टोबिन, ब्रिटिश मैडिकल जर्नल में प्रकाशित अपने एक आर्टिकल में लिखते हैं, ‘अपना स्मार्टफोन नीचे रखो और किताब उठाओ.’

किताबों से भावनात्मक जुड़ाव

कितने ही लोग बचपन की कहानियों की किताबों को सारी उम्र याद रखते हैं. कौन सी किताब में कहां क्या नोट किया, किस पन्ने में एक सूखा हुआ गुलाब का फूल रखा, या फिर कौन सी किताब को परमप्रिय मित्र ने उपहारस्वरूप दिया, ये सब भूलना मुश्किल होता है.

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बहुत से पाठक यह भी मानते हैं कि पुस्तकों को छू कर पढ़ना हमारे अंदर एक खास स्पर्शनीय याद छोड़ जाता है. बचपन में नए सत्र की नई किताबों के पन्नों की खुशबू कौन भूल पाया है भला. किताब में पढ़ने से पढ़ा गया याद रखने में आसानी रहती है. कैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर कर रही शिखा जैन के लिए पन्ना पलट कर किताब पढ़ने का आनंद अद्वितीय है.

बैंक में कार्यरत श्वेग के बैग में कोई न कोई पुस्तक अवश्य मिलेगी. वे कहती हैं, ‘‘मेरे लिए मेरी किताब 3 जगह जरूर मेरा साथ देती है- बाथरूम में, बस में सफर करते समय और बैड पर सोने से पहले.’’

स्क्रीन रीडिंग का सेहत पर असर

यह बात साबित हो चुकी है कि किताबें पढ़ने से स्ट्रैस कम होता है और हम 6 मिनटों के अंदर ही रिलैक्स फील करने लगते हैं. किंतु गैजेट पर पढ़ने से इस का उलटा असर हो सकता है. डिजिटल रीडिंग से अटैंशन स्पैन कम होता है और पढ़ने का फोकस बिगड़ता है. औनलाइन पढ़ते हुए हम एक लिंक से दूसरे पर, फेसबुक से ट्विटर पर, स्नैप से व्हाट्सऐप पर जाते हुए ही इतना थक जाते हैं कि हमारा दिमाग पढ़ने लायक नहीं रहता.

रात को स्क्रीन पर पढ़ने से नींद उचट जाना आज एक आम अनुभव बन गया है. हारवर्ड यूनिवर्सिटी ने एक शोध में इस की वजह मालूम की है- रात को ई बुक पढ़ने के कारण नींद का अहम हार्मोन मैलाटोनिन कम बनता है. साथ ही, स्क्रीन की रोशनी सीधे आंखों में चौंधियाती है. जबकि किताब पढ़ने से नींद आने की संभावना बढ़ जाती है. किताबें हमारा स्ट्रैस कम करती हैं, हमें अपने संसार में ले जा कर अच्छी नींद लाने में मददगार होती हैं. इसी कारण जब मातापिता अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कुछ देना चाहते हैं तो किताबें ही उन की पहली पसंद होती हैं न कि डिजिटल बुक्स.

डिजिटल रीडर के नुकसान

जब आज की पीढ़ी किंडल या आईपैड पर कुछ पढ़ती है तो उसे केवल ऐसा प्रतीत होता है कि वह पढ़ रही है. किंतु वाकई में यह केवल पढ़ने का एहसास होता है. दिल्ली में रहने वाली गृहिणी मोइना कहती हैं, ‘‘जब मैं मोबाइल पर कोई ई बुक पढ़ती हूं तो एक चैप्टर पढ़ने के बाद कब मैं औनलाइन ऐड्स की ओर भटक जाती हूं, पता ही नहीं चलता. फिर 2 घंटे बाद ध्यान आता है कि ई बुक तो रह ही गई, और मेरा सारा टाइम वेस्ट हो गया.’’

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गैजेट्स पर पढ़ने से ध्यान भटकने के पूरे चांसेज रहते हैं. हम कब एक एप्लिकेशन से दूसरी में पहुंच जाते हैं. इस का भान तक नहीं होता. होती है तो बस समय की बरबादी.

अनूठी सूखी सब्जी

अगर आप डिनर के लिए कुछ अच्छी और टेस्टी सब्जी बनाने का सोच रही हैं तो ये सब्जी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. आज हम आपको अनूठी सूखी सब्जी के बारे में बताएंगे, जिसे आप आसानी से और कम समय में अपनी फैमिली को डिनर में परोस सकते हैं.

हमें चाहिए

–  1 कप डेढ़ इंच लंबे और 1/2 इंच से कम मोटी टुकड़ों में कटी गाजर

–  1 कप मूली छील कर गाजर की तरह कटी हुई

–  2 कप तोरई छिली व लंबे टुकड़ों में कटी

–  2 छोटे चम्मच अदरक व हरीमिर्च बारीक कटी

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–  1/2 छोटा चम्मच मेथीदाना

–  1/4 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

–  1/4 कप प्याज बारीक कटा

–  2 छोटे चम्मच मस्टर्ड औयल

–  1 बड़ा चम्मच सजावट के लिए धनियापत्ती कटी

–  नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के मेथीदाने का तड़का लगाएं फिर प्याज, अदरक व हरीमिर्च सौते करें. अब सारी सब्जियां डाल कर उलटेंपलटें. नमक डालें. आंच मीडियम टु हाई रखें ताकि तोरई से निकला पानी जल्दी सूख जाए. सब्जी गल जाए और पानी सूख जाए तो लालमिर्च पाउडर डालें. धनियापत्ती डाल कर सर्व करें.

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एक्टिंग करियर को लेकर बोलीं ‘बिग बौस’ फेम ऐली अवराम, पढ़ें पूरी खबर

बचपन से हिंदी फिल्मों में अभिनय की इच्छा रखने वाली ग्रीक स्वीडिश एक्ट्रेस ऐली अवराम ने साल 2013 में फिल्म ‘मिकी वायरस’ से डेब्यू किया, लेकिन उसकी पहचान ‘बिग बौस 7’ से बनी, जिसके बाद उसे कई फिल्मों और शो में काम करने का अवसर मिला. ऐली शांत और हंसमुख स्वभाव की है और जो मौका उसे अभिनय का मिलता है, वैसे ही काम करना पसंद करती है. उसे शाहरुख खान की फिल्म ‘देवदास’ बहुत पसंद है. जिसमें माधुरी दीक्षित की डांस और अदाएं बेहद अच्छा लगता है. वह एक्टिंग और डांस के द्वारा लोगों के बीच अपनी अलग छवि बनाना चाहती है. उसके पिता म्यूजिशियन और मां स्वीडन की एक्ट्रेस है. मुंबई आकर उसने अपने आसपास के लोगों और अपने ड्राईवर के साथ बातचीत कर अच्छी हिंदी सीख ली है. उसकी वेब सीरीज ‘द वर्डिक्ट स्टेट वर्सेज नानावटी’ में वह सिल्विया नानावटी की भूमिका निभा रही है. नए प्रोजेक्ट को लेकर वह बहुत खुश है, पेश है अंश.

सवाल- इस कहानी को लेकर फिल्म रुस्तम बन चुकी है, उससे ये कितना अलग है?

कहानी वही है, मैं इसे जानती  भी हूं , लेकिन उसमें केवल 2 घंटे में पूरी कहानी को दिखाया गया है. इसमें 10 एपिसोड है, इसलिए पूरी कहानी को विस्तारपूर्वक दिखाने का मौका मिलेगा. इसमें सिल्विया की मानसिक दशा और कोर्ट रूम ड्रामा को अच्छी तरह से दिखाने की कोशिश की गयी है, जो फिल्म में नहीं दिखाया गया है. ये दर्शकों को और अच्छी जानकारी कहानी के बारें में देगी.

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सवाल- इस कहानी में आपके लिए चुनौती क्या थी?

सिल्विया को पोट्रेट करना और फील करना मेरे लिए चुनौती थी, क्योंकि वह इंग्लैंड से आई, प्यार किया, शादी की और 3 बच्चों की मां बनी. इसके बाद उसकी जिंदगी में ऐसी घटना घटी, ये सबकुछ अभिनय करने के लिए मेहनत करनी पड़ी.

सवाल-इतनी अच्छी हिंदी आपने कैसे सीखी?

मेरे स्टाफ से लेकर सबसे मैं हिंदी में बात करती हूं. बिग बौस के बाद मेरा ड्राईवर जिसे अंग्रेजी नहीं आती थी. उसके साथ बात करना शुरू कर दिया था. इसके अलावा जब मैं डांस रिहर्सल के लिए जाती थी तो वहां पर भी मैंने इंस्ट्रक्टर के साथ हिंदी में ही बातचीत किया करती थी, इससे मुझे हिंदी बोलना आ गया. मैंने कोई टीचर अपने लिए नहीं रखा, क्योंकि वैसे मेरे लिए सीखना मुश्किल था.

सवाल-क्या आपको लगता है कि बाहर से आने की वजह से आपकी अभिनय क्षमता का सही उपयोग नहीं हो पाया है ?

इस बताना बहुत मुश्किल है, क्योंकि मैं बाहर से हूं. बहुत सारे सोच लोगों ने मेरे बारें में बनाएं है, मसलन मुझे हिंदी नहीं आती, अभिनय भी शायद नहीं आती, सीरियस नहीं है, कैसे काम करेगी आदि रही है. मुझे दुःख इस बात से है कि मुझे एक मौका नहीं मिलता था. औडिशन के लिए लोग नहीं बुलाते थे, ताकि मैं अभिनय कर प्रूव कर सकूं कि मैं एक अच्छी एक्टर हूं. मुझे बिग बौस के बाद काफी लोगों ने औडिशन का मौका दिया है, पर मुझे और अधिक काम मिल सकता था, जो मुझे नहीं मिला है. यहाँ कितने विदेशी हर रोज अभिनय के लिए आते है. कौन सही होगा, ये समझना भी मुश्किल है. मुझे खुशी है कि बिग बौस की वजह से मेरी पहचान इंडस्ट्री में बनी. निर्देशक अब्बास मस्तान ने बिग बौस में मुझे देखकर फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ में साईन किया था.

सवाल- कला के माहौल में पैदा होने के बाद भी स्वीडन से भारत आना कितना मुश्किल था?

बहुत मुश्किल था, क्योंकि घरवालों ने पहले स्वीडन में ही कैरियर को बढ़ाने की बात कही थी, पर मुझे बौलीवुड ही पसंद था. उन्हें समझाने में 3 साल लगे. मेरे पिता बहुत स्ट्रिक्ट है और मुझे यहां इतनी दूर आने से मना कर रहे थे. मुझे पता चल गया था कि पिता मुझे यहां आने के लिए पैसे देने वाले नहीं है. मैंने वहां थोड़े दिनों तक काम कर पैसा जमा किया और यहां के बारें में जानकारी इन्टरनेट पर ली. स्वीडन में ही बौलीवुड डांस सीखे और एक दिन मुंबई आ गयी. यहां आकर पहले फैमिली फ्रेंड, एक गुजराती परिवार के साथ रही. जहां मुझे पारंपरिक रूप से रहने और खाने का मौका मिला, जिसे मैंने बहुत एन्जौय किया. इसके बाद औडिशन देते हुए फिल्म मिली और सफर शुरू हुआ. अब मैं अलग घर लेकर रह रही हूं.

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सवाल- आप एनिमल लवर है और जानवरों से बहुत प्यार करती है, आगे क्या करने की इच्छा रखती है?

मैंने एक बिल्ली को अडौप्ट किया है. वह मेरे साथ रहती है. एक दिन वह वैनिटी वेन के अंदर आ गयी और नहीं गयी. उस दिन से वह मेरी फैमिली मेंबर बन गयी है. एनिमल के लिए काम करना मुझे बहुत पसंद है.

सवाल- यहां के त्योहारों के बारें में आप कितनी जानकारी रखती है, क्या कभी किसी त्यौहार को सेलिब्रेट किया है?

मैंने सबसे पहले होली के त्यौहार को सेलिब्रेट किया है. मुझे बहुत मजा आया था, जब एक अंजान लड़की ने मुझे खुशी- खुशी रंग लगाया. इसके अलावा गणपति और दिवाली भी मुझे बहुत पसंद है, लेकिन मैं चाहती हूं कि त्योहारों को मनाते हुए अपने वातावरण का भी ख्याल रखने की जरुरत हम सभी को है.

जानें क्या है ‘बेबो’ के इस छोटे से नेकपीस की कीमत, हैरान हो जाएंगे आप

बेबो यानी करीना कपूर खान बौलीवुड की फैशनेबल एक्ट्रसेस में से एक हैं. उनके लुक्स और फैशन के न सिर्फ उनके फैन्स बल्कि बौलीवुड सेलेब्स भी दीवाने हैं. अब हाल ही में करीना का एक लुक और उनके नेकपीस की काफी चर्चा हो रही है, लेकिन क्या आपको पता है करीना के इस नेकपीस की क्या कीमत है. आइए आपको बताते हैं नेकपीस की कीमत…

इतनी है नेकपीस की कीमत

दरअसल, हाल ही में करीना लाइट पिंक कलर के हौट आउटफिट में नजर आईं. करीना इस आउटफिट में बेहद ग्लैमरस लग रही थीं, लेकिन इससे भी ज्यादा जो सुर्खियों में है वो है उनका नेकपीस. दरअसल, करीना ने इस दौरान गले में स्नेक चोकर पहना था जो काफी अट्कैटिव लग रहा था. लेकिन इस चोकर की कीमत जानकर तो आप भी चौंक जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस चोकर की कीमत 38 लाख है.

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करीना और प्रियंका नाचे थे साथ

 

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They are the best!❤

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करीना का ये लुक डांस शो डांस इंडिया डांस के लिए था. इसी एपिसोड के लिए प्रियंका चोपडा भी शो में पहुंची. इस दौरान दोनों एक्ट्रेसेस ने साथ में खूब मस्ती की. दोनों ने फिल्म ‘डौन’ के गाने ‘आज की रात’ पर डांस भी किया. बता दें कि डौन में प्रियंका लीड रोल में थीं, वहीं करीना एक आइटम नंबर में नजर आईं थीं. बेबो और पीसी की डांस वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था.

हाल ही में पटौदी हाउस में मनाया बर्थडे

 

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#birthdayvibes?

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करीना ने अभी कुछ दिनों पहले ही पटौदी हाउस में अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया. इस दौरान की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. करीना ने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ ही अपना बर्थडे मनाया. इस पार्टी की एक फोटो सबसे ज्यादा सुर्ख़ियो में रही थी और वो थी सैफ और करीना की किस फोटो. करीना इस फोटो में सैफ को लिप किस करती नजर आई थीं. दोनों साथ में काफी प्यारे लग रहे थे.

 

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#birthdaywishes?

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बता दें कि प्रियंका शो में अपनी अपकमिंग फिल्म द स्काई इज पिंक के प्रमोशन के लिए गई थीं. फिल्म में प्रियंका के साथ फरहान अख़्तर और जायरा वसीम लीड रोल में हैं. दिलचस्प बात ये है कि शादी के बाद ये प्रियंका की पहली फिल्म है. वहीं करीना की अपकमिंग फ़िल्मों की बात करें तो वो जल्द ही फिल्म ‘गुड न्यूज’ में नजर आने वाली हैं. इस फिल्म में करीना के साथ अक्षय कुमार, कियारा अडवाणी और दिलजीत देसांझ लीड रोल में हैं.

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‘नच बलिए 9’ की इस जोड़ी का हुआ ब्रेकअप, कहा- मेरी सबसे बड़ी है गलती

रियलिटी शो ‘नच बलिए 9’ में बतौर कपल नजर आने वाले फैजल खान और मुस्कान का ब्रेकअप हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्कान ने फैजल पर चीटिंग का आरोप लगाया है. ऐसी खबरें आई थीं कि फैजल ‘चंद्रगुप्त मोर्य’ की सीनियर एक्ट्रेस स्नेहा को डेट कर रहे हैं. जिसे लेकर फैजल ने इन सब आरोपों पर अपना रिएक्शन दिया है. आइए आपको बताते हैं क्या कहा फैजल ने…

रिलेशन को दूसरा मौका देना चाहते थे फैजल

फैजल ने एक इंटरव्यू में कहा, शो में आने से पहले हमारे बीच बहुत लड़ाइयां हुई थी, लेकिन तब हम अलग नहीं हुए थे. मैं अपने रिलेशन को दूसरा मौका देना चाहता था. फैजल ने आगे कहा, मुस्कान मुझसे हर छोटी-छोटी बात पर लड़ती थी. मैं इन सबसे काफी परेशान था.

 

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Everything you deserve will be yours. Be patient.

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चीटिंग के आरोपों पर बोले फैजल

 

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“Main Rocket hoon beta hum pe puncture nahi lagte” ???? Motivating myself with this song sung by @raftaarmusic

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अपने ऊपर चीटिंग के आरोपों पर फैजल ने कहा, मैं ये जानकर चौंक गया था कि मुस्कान ने मुझपर चीटिंग के आरोप लगाए हैं. मैंने कभी उसे धोका नहीं दिया है. फैजल ने कहा, ये सारे आरोप मेरे नच बलिए शो को छोड़ने के बाद ही क्यों सामने आए? जब तक मैं शो में था तब तक मुस्कान बहुत अच्छा और रोमांटिक बिहेव कर रही थीं. रही बात स्नेहा की तो वो और मैं अच्छे दोस्त हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं हैं.

मुस्कान के डिप्रेशन पर फैजल ने कही ये बात…

मुस्कान के डिप्रेशन में जाने वाली बात पर फैजल ने कहा, ‘मुझे भी कोई डिप्रेशन से बाहर निकलने का सल्यूशन दे दो. आप मेरी हालत देखिए आपको पता चल जाएगा कि डिप्रेस में होना कैसा होता है. मैं चल-फिर नहीं पा रहा हूं. मुझे 3 महीनों के लिए बेडरेस्ट दिया गया है. मैं डांस नहीं कर सकता हूं और जिस इंसान की लाइफ सिर्फ डांस हो सोचिए उसे कैसा लगता होगा. अगर वो डिप्रेशन में जाने की बात कर रही है तो सोशल मीडिया पर हैप्पी फोटोज कैसे शेयर कर सकती है.’

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जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है- फैजल

 

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Who’s the culprit? . . #FaisAan @muskaankataria #NachBaliye9 @starplus @banijayasia

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फैजल ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि वो मेरे साथ लाइमलाइट के लिए थी. वो मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है. आज मैं अपने मम्मी-पापा से नजर नहीं मिला सकता हूं. अब मैं किसी को डेट नहीं करना चाहता. मुझे लगता है कि मैंने गलत इंसान से प्यार किया.’ फैजल ने फिर लास्ट में कहा, मैं बस सही कहूंगा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है, लेकिन अगर कोई मेरे बारे में गलत बोलेगा तो मैं चुप नहीं बैठूंगा.

कैसे बिठाएं बच्चों के साथ बेहतर तालमेल

अगर आप जान लें कि आप के बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है तो इस स्थिति से निबटना आप के लिए आसान होगा. बच्चे के साथ बेहतर तालमेल बैठाने के लिए पेरैंट्स को इन बातों का खयाल रखना चाहिए:

सिखाएं अच्छी आदतें

घर में एकदूसरे के साथ कैसे पेश आना है, जिंदगी में किन आदर्शों को अहमियत देनी है, अच्छाई से जुड़ कर कैसे रहना है और बुराई से कैसे दूरी बढ़ानी है जैसी बातों का ज्ञान ही संस्कार हैं. इस की बुनियाद एक परिवार ही रखता है. पेरैंट्स ही बच्चों में इस के बीज बोते हैं.

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थोड़ी आजादी भी दें

घर में आजादी का माहौल पैदा करें. बच्चे को जबरदस्ती किसी बात के लिए नहीं मनाया जा सकता. मगर जब आप सहीगलत का भेद समझा कर फैसला उस पर छोड़ देंगे तो वह सही रास्ता ही चुनेगा. उस पर किसी तरह का दबाव डालने से बचें. बच्चा जितना ज्यादा अपनेआप को दबाकुचला महसूस करेगा उस का बरताव उतना ही उग्र होगा.

खुद मिसाल बनें

बच्चे के लिए खुद मिसाल बनें. बच्चे से आप जो भी कुछ सीखने या न सीखने की उम्मीद करते हैं पहले उसे खुद अपनाएं. ध्यान रखें बच्चे मातापिता के नक्शेकदम पर चलते हैं. आप उन्हें सफलता के लिए मेहनत करते देखना चाहते हैं तो पहले खुद अपने काम के प्रति समर्पित रहें. बच्चों से सचाई की चाह रखते हैं तो कभी खुद झूठ न बोलें.

सजा भी दें और इनाम भी

जहां बच्चों को बुरे कामों के लिए डांटना जरूरी है वहीं वे कुछ अच्छा करते हैं तो उन की तारीफ करना भी न भूलें. आप उन्हें सजा भी दें और इनाम भी. अगर आप ऐसा करेंगे तो बच्चे को निश्चित ही इस का फायदा मिलेगा. वह बुरा करने से घबराएगा और अच्छा कर इनाम पाने को उत्साहित रहेगा. यहां सजा देने का मतलब शारीरिक तकलीफ देना नहीं है, बल्कि यह उसे मिलने वाली छूट में कटौती कर के भी दी जा सकती है जैसे टीवी देखने के समय को घटा या घर के कामों में लगा कर.

अनुशासन को लेकर संतुलित नजरिया

जब आप अनुशासन को ले कर संतुलित नजरिया कायम कर लेते हैं तो आप के बच्चे को पता चल जाता है कि कुछ नियम हैं, जिन का उसे पालन करना है पर जरूरत पड़ने पर कभीकभी इन्हें थोड़ाबहुत बदला भी जा सकता है. इस के विपरीत यदि आप हिटलर की तरह हर समय में उस के ऊपर कठोर अनुशासन की तलवार लटाकाए रहेंगे तो संभव है उस के अंदर विद्रोह की भावना जल उठे.

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घरेलू कामकाज भी कराएं

बच्चे में शुरू से ही अपने काम खुद करने की आदत डालें. मसलन, अपना कमरा, बिस्तर, कपड़े आदि सही करने से ले कर दूसरी छोटीमोटी जिम्मेदारियों का भार उस पर डालें. हो सकता है कि इस की शुरुआत करने में मुश्किल हो, मगर समय के साथ आप राहत महसूस करेंगे और बाद में उन्हें जीवन में अव्यवस्थित देख कर गुस्सा करने की संभावना खत्म हो जाएगी.

अच्छी संगत है जरूरी

शुरू से ध्यान रखें और प्रयास करें कि आप के बच्चे की संगत अच्छी हो. अगर आप का बच्चा किसी खास दोस्त के साथ बंद कमरे में घंटों समय गुजारता है तो समझ जाएं कि यह खतरे की घंटी है. इस की अनदेखी न करें. इस बंद दरवाजे के खेल को तुरंत रोकें. इस से पहले कि बच्चा गलत रास्ते पर चल निकले आप थोड़ी सख्ती और दृढ़ता से काम लें.

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दूसरों के सामने बच्चे को डांटना उचित नहीं. याद रखें जब आप अकेले में समझाते, वजह बताते हुए बच्चे को किसी काम से रोकेंगे तो इस का असर पौजिटिव होगा. इस के विपरीत सब के सामने डांटफटकार करने से बच्चा जिद्दी और विद्रोही बनने लगता है. किसी भी समस्या से निबटने की सही जगह है आप का घर.

उस की पसंद को भी दें मान

आप का बच्चा जवान हो रहा है और चीजों को पसंद और नापसंद करने का उस का अपना नजरिया है, इस सचाई को समझने का प्रयास करें. अपनी इच्छाओं और पसंद को उस पर थोपने की कोशिश न करें. किसी बात को ले कर बच्चे पर तब तक दबाव न डालें जब तक कि आप के पास इस के लिए कोई वाजिब वजह न हो.

यह सच है कि किशोर/युवा हो रहे बच्चे मातापिता से अपनी जिंदगी से जुड़ी हर बात साझा करने से बचते हैं. मगर इस का मतलब यह नहीं कि आप प्रयास ही न करें. प्रयास करने का मतलब यह नहीं कि आप जबरदस्ती करें और उन से हर समय पूछताछ करते रहें. जरूरत है बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने, उन से दोस्ताना रिश्ता बनाने, उन के साथ फिल्म देखना, बाहर खाने के लिए जाना, खुले में उनके साथ कोई मजेदार खेल खेलना वगैरह. इससे बच्चा खुद को आप से कनैक्टेड महसूस करेगा और खुद ही आप से अपनी हर बात शेयर करने लगेगा.

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वेडिंग सीजन के लिए परफेक्ट हैं कृति सेनन के ये इंडियन लुक

बौलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन अपनी पर्सनल लाइफ और प्रौफेशनल लाइफ में सुर्खियों में रहती है. कृति इन दिनों बौलीवुड की कई फिल्मों में काम कर रही हैं, जिनमें अक्षय कुमार की फिल्म हाउसफुल 4 भी है. हाल ही में हाउसफुल 4 का सोशल मीडिया पर पोस्टर रिलीज किया गया, जिसमें अक्षय कुमार के साथ कृति सेनन अहम किरदार में नजर आ रहे हैं. वहीं इस फिल्म में बौबी देओल, रितेश देशमुख, कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े जैसे सितारे भी स्क्रीन शेयर करते नजर आएंगे. पर आज हम कृति की फिल्मों की नहीं बल्कि उनके फैशन की बात करेंगे, जिसे आप फेस्टिवल या वेडिंग में आसानी से ट्राय कर सकते हैं. आइए आपको दिखाते हैं कृति के ब्यूटीफुल फेस्टिव लुक…

1. कृति का साड़ी लुक है परफेक्ट

अगर आप फेस्टिवल या वेडिंग में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो कृति की पोलका डौट वाली साड़ी के साथ औफ शोल्डर ब्लाउज ट्राय करें. साथ ही साड़ी के साथ जूड़ा बनाकर उसमें बड़े बड़े गोल्डन झुमके आपके लुक को पार्टी स्पेशल बनाने में मदद करेगा और आपके लुक को परफेक्ट बनाएगा.

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2. प्रिंटेड अनारकली सूट है परफेक्ट

 

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?? #ArjunPatiala OOTD @anitadongre Styled by @sukritigrover Hmu @danielcbauer

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आजकल मार्केट में प्रिंटेड सूट काफी पौपुलर है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो प्रिंटेड अनारकली सूट के साथ हैवी गोल्डन झुमके ट्राय करें. ये ट्रेंडी के साथ-साथ आपको सिंपल लुक देगा.

3. कृति का शरारा लुक करें ट्राय

अगर आप वेडिंग या फेस्टिवल में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो शरारा लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ग्रीन कलर के शरारा पजामी और सूट के साथ हैवी मैचिंग झुमके आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा. ये सिंपल के साथ-साथ आपको खूबसूरत लुक देने में मदद करेगा.

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4. रफ्फल साड़ी है पौपुलर 

आजकल रफ्फल लुक काफी पौपुलर है अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो रफ्फल साड़ी के साथ प्रिंटेड कौम्बिनेशन आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल प्रिंटेड पर्पल साड़ी के साथ रफ्फल पैटर्न आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. साथ ज्वैलरी की बात करें तो आप जंक ज्वैलरी ऐसी साड़ियों के साथ ट्राय करें तो आपका लुक ट्रेंडी बन जाएगा.

‘सांड की आंख’ की कास्टिंग पर बोलीं आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान, कही ये बात

बौलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की फिल्म सांड की आंख के ट्रेलर की एक तरफ जबरदस्त तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ फिल्म की कास्ट को लेकर भी कई कमेंट्स आ रहे हैं. अब आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने फिल्म के लिए सही उम्र के एक्टर्स ना लेने पर निराशा जाहिर की है. आइए आपको बताते हैं ऐसा क्या कहा सोनी राजदान ने…

सोनी राजदान ने कही ये बात

सोनी ने दरअसल, एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा, मैं दोनों एक्ट्रेसेस (तापसी और भूमि) से प्यार करती हूं और मुझे पता है कि बौक्स औफिस के बारे में सोचना पड़ता है. लेकिन फिर 60 साल के इंसान की कहानी बनाना ही क्यों? जब आप उसमें असली के 60 साल के लोग नहीं ले सकते. सोनी ने आगे कहा, ‘मैं बस ये कह रही हूं कि ये बौलीवुड के स्टीरियोटाइप तोड़ने की बातें बकवास हैं, अगर हमें आखिर में आकर यही करना है तो.’

 

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Sometimes it’s good to get the animal in you out of the closet …

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अनुपम खेर को लेकर कही ये बात

 

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Reflections in black and white …

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सोनी ने एंड में कहा, ‘मैं ये समझती हूं कि अनुपम खेर को यंग एज में फिल्म ‘सारांश’ में 60 साल के आदमी का किरदार निभाना पड़ा था और ये बात उनके करियर के लिए अच्छी साबित हुई. तो एक डायरेक्टर को फिल्म बनाते समय बांधकर रखना भी सही नहीं है. वैसे ही बड़ी उम्र के एक्टर्स के लिए काम इतना कम हो गया है कि किसी को भी बुरा लगेगा.’

 

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Laut ke buddhu ghar ko aaye ????? ?: @houseofmasaba ?: @birdhichand

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बता दें कि सोनी से पहले नीना गुप्ता ने भी कास्ट को लेकर कमेंट किया था. दरअसल, एक फैन ने नीना गुप्ता से ट्विटर पर कहा था कि अगर ‘सांड की आंख’ में नीना गुप्ता और शबाना आजमी को लिया जाता तो कैसा होता? जिस पर नीना ने कहा था, मैं भी वही सोच रही थी. हमारी उम्र के रोल तो कम से हमें करने दो. फिल्म सांड की आंख की बात करें तो ये हरियाणा की शूटर दादी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की ज़िंदगी पर आधारित है.

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पत्रलेखा का हौट अवतार देख बौयफ्रेंड राजकुमार हुए दीवाने, फोटो पर किया ये कमेंट

बौलीवुड एक्ट्रेसेस अपने फैशन और पर्सनल लाइफ के चलते अक्सर सुर्खियां बटोरती नजर आती हैं हाल ही में हुए वोग ब्यूटी अवौर्ड में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. जहां एक तरफ मलाइका का जलवा देखने को मिला तो वहीं एक्ट्रेस पत्रलेखा भी अपने लुक में जलवे बिखेरती नजर आईं. खास बात ये है कि उनका लुक इतना खूबसूरत था कि बौयफ्रेंड राजकुमार राव भी सोशल मीडिया के जरिए अपना दिल दोबारा दे बैठे. आइए आपको बताते हैं क्या हुआ पत्रलेखा और राजकुमार राव के बीच….

हौट लुक में नजर आईं पत्रलेखा

हाल ही में पत्रलेखा वोग ब्यूटी अवौर्ड में पहुंचीं. इस दौरान पत्रलेखा काफी हौट लग रही थीं. उन्होंने ब्लैक कलर का गाउन पहना हुआ था जो जिसका बैक डिजाइन काफी अट्रैक्टिव था. पत्रलेखा इस दौरान काफी हौट लग रही थीं.

 

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#voguebeautyawards2019

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राजकुमार राव ने किया पत्रलेखा की फोटो पर ये कमेंट

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राजकुमार राव और पत्रलेखा की जोड़ी काफी क्यूट है. दोनों का रिलेशन किसी से छिपा नहीं है, हालांकि दोनों अपने रिलेशन को लेकर ज्यादा बात नहीं करते. वहीं पत्रलेखा ने अपने लुक की फोटोज जब इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं. पत्रलेखा की फोटो पर राजकुमार ने फायर इमोजी के साथ दिल का इमोजी कमेंट किया है.

ऐसे शुरू हुई दोनों की लव स्टोरी…

पत्रलेखा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने पहली बार राजकुमार को फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ में देखा था. राजकुमार को देखकर पत्रलेखा को लगा कि वो कितने अजीब हैं. वहीं राजकुमार ने जब पत्रलेखा को देखा था तो उन्होंने तभी तय कर लिया था कि वो शादी करेंगे तो बस पत्रलेखा से. इसके बाद दोनों की बातचीत शुरू हुई और फिर दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. फिल्म ‘सिटी लाइट’ में दोनों ने साथ काम किया. पत्रलेखा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि राज जब भी उनसे मिलने आते थे तो लेट हो जाते थे. लेकिन एक बार तो वो ट्रैफिक में फंस गए थे तब उन्होंने कैब को एयरपोर्ट के पास रोक दी और वो जुहू तक पैदल गए.

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पैसे न होने के बावजूद दिया था महंगा गिफ्ट

 

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Hey @rajkummar_rao,we celebrate love and life everyday..But just a shout out to you #Happyvalentinesday ❤️

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पत्रलेखा ने ये भी बताया था कि जब राजकुमार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे तब उन्होंने पत्रलेखा को एक महंगा गिफ्ट दिया था. लेकिन एक बार एक ट्रिप के दौरान वो बैग चोरी हो गया था जिसके बाद पत्रलेखा काफी दुखी हुईं और उन्होंने इस बारे में राजकुमार को बताया. इसके बाद जब पत्रलेखा घर पहुंचीं तो वो वैसा ही बैग राजकुमार ने घर पर रखा था. पत्रलेखा को ये मोमेंट आज तक याद है.

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