करण पटेल ने छोड़ा सीरियल ‘ये है मोहब्बतें’, जानें क्या है वजह

एकता कपूर के सीरियल ‘ये है मोहब्बतें’ से अंततः एक्टर करण पटेल का रिश्ता खत्म हो गया. पिछले कुछ महीनों से टीवी इंडस्ट्री में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सीरियल ‘ये है मोहब्बते’ में रमन भल्ला का किरदार निभा रहे एक्टर करण पटेल कभी भी सीरियल ‘ये है मोहब्बते’ को छोड़ सकते हैं. बहरहाल, अब टीवी इंडस्ट्री में खबरें हैं कि ‘‘बिग बौस 13’ का हिस्सा बनने के लिए करण पटेल ने सीरियल ‘ये है मोहब्बते’को छोड़ा है. जबकि कुछ सूत्रों का दावा है कि करण पटेल लंबे समय से इस सीरियल के सेट पर घुटन महसूस कर रहे थे, उन्हें लग रहा था कि अब उनके रोल में कुछ भी रोचकता नहीं रही.

करण ने मीडिया कहा ये…

 

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Too Lazy to click new ones but active enough to re-post older ones ??????

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करण पटेल ने एक अंग्रेजी के वेब पोर्टल से कहा है, ‘‘यह सच है कि अब मैं सीरियल‘ ये है मोहब्बते’ का हिस्सा नहीं हूं. यह भी सच है कि मेरा किसी से कोई मनमुटाव या मेरे रोल को लेकर कोई शिकायत भी नहीं है. यह भी सच है कि अब अगले हफ्ते से मेरे किरदार को निभाने के लिए एक्टर चैतन्य चौधरी शूटिंग शुरू करेंगे.’’

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‘बिग बौस 13’ में आ सकते हैं नजर

करण पटेल के सीरियल छोड़ने के पीछे ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह सलमान खान के फेमस रियलिटी शो बिग बौस के 13वें सीजन में नजर आ सकते हैं.

शो के दौरान मिले थे औफस्क्रीन ससुर से

करण की औफस्क्रीन वाइफ यानी अंकिता भारगव के पिता भी शो ये हैं मोहब्बतें में इशिता के पिता का किरदार निभा चुके हैं. इसी दौरान अंकिता करण से मिली थी.

बता दें, स्टार प्लस के सीरियल ‘ये है मोहब्बतें’ शो लंबे समय से लोगों को एंटरटेन कर रहा है. वहीं इस सीरियल में  करण के अलावा कई लोकप्रिय स्टार कास्ट भी हैं, जिनमें एक्ट्रेस दिव्यंका त्रिपाठी, अनीता हसनंदानी जैसे सितारे भी हैं.

Edited by Rosy

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ताकि मानसून में भी बनी रहे घर की सेहत

मौनसून का मौसम काफी आनंददायक होता है लेकिन यही हमारे घरों को सब से ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इस मौसम में पानी का छतों और दीवारों से रिसाव सब से बड़ी समस्या होती है. इस के अलावा बारिश और नमी छत और दीवारों को ही नहीं बल्कि लकड़ी के दरवाजों, खिड़कियों और फर्निचर को भी नुकसान पहुंचाती है. आइए जानते हैं मौनसून में घर को कैसे सुरक्षित रखा जाए…

ऐसे करें मानसून से बचाव

मानसून के दस्तक देने से पहले ही हमें अपने घर का एक बार अच्छी तरह मुआयना करना चाहिए. जहां रिपेयर और रंगरोगन की जरूरत हो तो कराने में देरी न करें. मुसलाधार बारिश और आद्रता से बाहरी दीवारें और छत सब से अधिक प्रभावित होती हैं. दीवारों और छत में दरारें आ गई हों तो उन्हें ठीक कराएं. अगर आप मानसून के पहले कुछ जरूरी कदम नहीं उठाएंगे तो आप के घर पर मौसम का काफी बुरा असर पड़ सकता है.

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छत

अगर हर साल मानसून में छत से पानी का रिसाव होता है तो छत पर टाइल्स लगवा लें. टाइल्सों के बीच जो 3-5 मिलि मीटर का स्थान होता है उसे एक रसायन, जिसे एपॉक्सी कहते हैं से भराएं. मानसून आने से पहले ही छत और पाइपों को साफ करा लें ताकि पाइपों के ब्लॉक होने से छत पर पानी न भरे. छत से पानी की निकासी की उपयूक्त व्यवस्था न होना घर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है.

दीवारें

दीवारों का प्लास्टर गीला हो जाता है तो दीवारों में जो दरारें हैं उन्हें वाटर प्रूफ मोर्टार और पेंट से भरें. वाटर प्रूफ सीलिंग एजेंट घर को पहुंचने वाली क्षति को रोकता है. वाटर प्रूफिंग से माकान में पानी नहीं रिसता है और उसे क्षति नहीं पहुंचती है. अगर दीवारें ज्यादा खराब हो गई हों तो लूज़ प्लास्टर को निकलवा कर वाटर प्रूफ प्लास्टर कराएं. दीवारों पर पुट्टी लगाएं. उस के बाद पेंट कराएं.

दरवाजें

बरसात के मौसम में लकड़ी के दरवाजे अक्सर फूल जाते हैं क्यों कि लकड़ी नमी को सोख लेती है. मानसून आने से पहले इन्हें वार्निश या पेंट करा लें.

खिड़कियां और बालकनी

बालकनियों और खिड़कियों में भी शेड लगा लें ताकि बारिश का पानी अंदर न आए.

फर्नीचर

हमेशा फर्निचर को दीवारों से कुछ इंच दूर रखें ताकि नमी इन तक न पहुंचे. अगर आप का फर्निचर लकड़ी का है तो पांच साल में एक बार उस पर वार्निश या पेंट जरूर कराएं.

इनडोर प्लांट्स

मानसून में सभी इनडोर प्लांट्स को बाहर रखें क्यों कि आप इन्हें लगातार पानी देंगे जिस से घर में आद्रता का स्तर बढ़ जाएगा. नमी के कारण इन की बाहरी सतह पर व्हाइट मोल्ड भी जमा हो जाती है जो वायु को प्रदूषित कर आप को बीमार बना सकती है.

कार्पेट और कालीन

कार्पेट और कालीन नमी को सोख लेते हैं और इन से बदबु आने लगती है. इन की नियमित रूप से वैक्यूम क्लीनिंग करें. इस से इन में धूल और नमी एकत्र नहीं होगी. अगर बहुत जरूरी न हो तो इन्हें रोल कर के सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क से दूर साफ और सुखे स्थान पर रखें. इन्हें प्लास्टिक शीट्स में पैक कर के रखें क्यों कि आद्रता इन के टेक्सचर को खराब कर सकती है.

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पेंट

5 साल में एक बार घर को पेंट जरूर कराएं. घर की बाहरी दीवारों पर वाटर प्रूफ पेंट कराएं ताकि पानी न रिसे. सिलिकौन वाला पेंट चुनें जिस का वाटर रेजिस्टेंस अधिक हो. मकान के जिस भाग पर मोल्ड और फंगस लगी है पेंट कराने से पहले उसे डिसइंफेक्टेंट से साफ करें.

मकान बनाते समय इन बातों का रखें ख्याल

अगर आप मकान बनाते समय ही कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो हर साल मानसून के मौसम में आप को परेशान नहीं होना पड़ेगा.

छत

यहां से पानी आने की सब से अधिक संभावना होती है. जब घर बनाते हैं तो उसे वाटर प्रूफ करना बहुत जरूरी है. छत तैयार करने के बाद एक लेयर ब्रिक फोबा की लगाते हैं. मार्केट में कई वाटर प्रूफिंग केमिकल उपलब्ध हैं जैसे डॉक्टर फिक्सिट आदि, आप इन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. छत बनाने के बाद एक लेयर टार की बिछा देते हैं. यह तरल रूप में होता है. छत बनाते समय अगर कोई दरारें छूट जाएं तो यह उसे भर देता है.

दीवारें

अगर आप मकान बना रहे हैं तो बाहरी दीवारों की मोटाई साढ़े चार इंच के बजाय नौ इंच रखें. घर की दीवारों के बाहरी ओर जो प्लास्टर हो वह कम से कम पंद्रह मिलि मीटर का हो. इसे तैयार करने के लिए सीमेंट और रेत का अनुपात 1:4 रखें. इस से पानी के रिसाव की आशंका नहीं रहेगी. आप चाहें तो प्लास्टर में ही वाटर प्रूफिंग केमिकल भी मिला सकते हैं.

पेंट

पेंट कराने से पहले दीवारों पर वाटर प्रूफ पुट्टी लगवाएं. पूरे घर की बाहरी दीवारों पर वाटर प्रूफ एक्सटीरियर पेंट लगाएं. यह पानी को रूकने नहीं देता और वह फिसल कर निकल जाता है. मकान तैयार होने के बाद जब आप पहली बार पेंट कराएं तब ही क्वालिटी का ध्यान रखें क्योंकि अगर एक बार आप की दीवारे खराब हो गईं तो फिर आप को हमेशा समस्याएं आएंगी.

ग्रे इंक स्टूडियो के आर्किटेक्ट सर्वेश चड्डा से की गई बातचीत पर आधारित

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सर्जरी से पाएं सैलिब्रिटी लुक

संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण कोरिया के बाद भारत कौस्मैटिक सर्जरी प्रक्रियाओं की संख्या के लिए दुनिया में चौथे स्थान पर है. अब यहां भी लोग पर्सनैलिटी निखारने के लिए कौस्मैटिक सर्जरी का सहारा लेने लगे हैं. आइए, आप को इस के बारे में विस्तार से बताते हैं:

राइनोप्लास्टी: इसे नोज जौब के रूप में भी जाना जाता है. यह न केवल पुननिर्माण या नाक के आकार को बदलने के लिए की जाती है, बल्कि इस से फंक्शन में भी सुधार आता है.

लिप औग्मैंटेशन: यह एक लोकप्रिय कौस्मैटिक प्रक्रिया है, जो आप को फुलर और प्लंपर लिप्स दे सकती है. इन दिनों इंजैक्टेबल डरमिनल फिलर्स सब से आम लिप औग्मैंटेशन विधि है.

हेयर ट्रांसप्लांट: यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिस में सर्जन आमतौर पर बालों को पीछे या सिर के पीछे की ओर से घुमा कर उन्हें सिर के अगले या ऊपरी हिस्से (गंजे हिस्सों) में लगाते हैं. यह पुरुषों में सब से आम है, क्योंकि कई पुरुष गंजेपन और बाल झड़ने से पीडि़त होते हैं.

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ब्रो लिफ्ट: इसे फोरहैड लिफ्ट कहा जाता है. यह माथे के साथसाथ नोज ब्रिज पर मौजूद शिकन की रेखाओं को भी कम करती है और ऊपरी पलकों को हुड करने वाली सैगिंग ब्रो को उठाने में मदद करती है.

रिटिडैक्टोमी: इसे आमतौर पर फेस लिफ्ट के रूप में जाना जाता है. यह जौ लाइन के आसपास ढीली स्किन में कसाव लाती है. यह मुंह और नाक के आसपास के गहरे क्रेज को भी दूर करती है. यह ठुड्डी और गरदन के अतिरिक्त फैट और मास को भी हटा सकती है.

बोटोक्स औग्मैंटेशन: इस का उपयोग नितंबों के आकार बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह आप की फिगर के संतुलन को बेहतर बनाती है.

ब्रैस्ट औग्मैंटेशन: इस में स्तनों के आकार को बढ़ाने के लिए ब्रैस्ट ट्रांसप्लांट या फैट ट्रांसफर का उपयोग किया जाता है ताकि वे बेहतर दिखें.

लाइपोसक्शन: यह कौस्मैटिक प्रक्रिया है, जो वसा को हटाती है. इसे आहार और व्यायाम के माध्यम से कम नहीं किया जा सकता है. शरीर के खास हिस्सों जैसेकि पेट, कूल्हों, नितंबों, जांघों, गरदन या बांहों से वसा को हटाने के लिए सक्शन तकनीक का उपयोग किया जाता है.

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ऐब्डौमिनोप्लास्टी: इसे टक के रूप में भी जाना जाता है. यह अतिरिक्त वसा और स्किन को हटा कर पेट की दीवार की मांसपेशियों को कस कर पेट को चपटा बना देती है.

इंजैक्शन और फिलर: उम्र बढ़ने के कारण होने वाली रेखाओं और झुर्रियों को दूर करने के लिए यह सब से अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला गैरसर्जिकल तरीका है.

बोटुलिनम टौक्सिन: यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिस का उपयोग रेखाओं और झुर्रियों को दूर करने के लिए किया जाता है. यह विश्व में एक न्यूनतम इनवेसिव कौस्मेटिक प्रक्रिया है और उपचार के बाद महसूस होने वाले सही परिणामों के लिए सब से प्रसिद्ध है.

कैमिकल पीलिंग: इस प्रक्रिया में एक रासायनिक समाधान स्किन पर लगाया जाता है जो उसे ऐक्सफौलिएट करता है और अंतत: पील औफ करता है, जिस से युवा स्किन की प्राकृतिक नवीनीकरण प्रक्रिया प्रोत्साहित होती है.

लेजर हेयर रिमूवल: यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो प्रकाश की एक संकेंद्रित किरण यानी लेजर का उपयोग करती है. यह अनचाहे बालों को हटाती है, क्योंकि यह स्किन के नीचे के रोमछिद्रों को नष्ट कर देती है, जिस से बाल पैदा होते हैं. एलएचआर सौंदर्यचिकित्सा लेजर प्रक्रियाओं की दुनिया का गोल्डन गेटवे है.

-डा. अजय राणा

आईएलएएमडी के संस्थापक और निर्देशक

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क्या आपको लगने लगा है मोटापा बोझ

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की रहने वाली वर्निका शुक्ला खुद को उत्तर प्रदेश की पहली प्लस साइज मौडल बताती हैं. उन्होंने नैशनल लैवल की कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीती हैं. वे मौडलिंग करती हैं और साथ ही सिंगल मदर्स के लिए ‘मर्दानी द शेरो’ संस्था भी चलाती हैं. वे टीचर हैं. वे इतने काम करती हैं कि उन्हें देख कर कोई यह नहीं कह सकता कि प्लस साइज सुंदर नहीं होता. वर्निका शुक्ला कहती हैं, ‘‘भारत में औरतों की 36-24-36 फिगर को परफैक्ट माना जाता है, जबकि यहां ज्यादातर लोगों को महिलाओं की कर्वी बौडी शेप अच्छी लगती है. विद्या बालन जैसी अभिनेत्री प्लस साइज के बावजूद सफलता के मानदंड स्थापित कर चुकी हैं.’’

प्लस साइज को ले कर फैशन की दुनिया बदल चुकी है. वर्निका बताती हैं कि अब फैशन वीक में प्लस साइज का अलग राउंड होता है. फैशन के तमाम स्टोर ऐसे हैं, जिन में प्लस साइज के कपड़े मिलते हैं. ऐसे कपड़ों के लिए प्लस साइज मौडलिंग की जरूरत होती है. ऐसे में अब प्लस साइज को ले कर परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब इस की पहचान बन रही है.

साइज नहीं सोच बदलिए

समाज में तमाम तरह के लोग रहते हैं. इन में बहुत सारे ऐसे होते हैं जो मोटे होने के बाद भी अपना काम सही तरह से करते हुए ऐक्टिव रहते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो उतने मोटे तो नहीं होते हैं पर परेशान रहते हैं. अपने मोटापे को कम करने में ही लगे रहते हैं.

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साइको थेरैपिस्ट नेहा आनंद मानती हैं, ‘‘मोटापा भी अपनेआप में एक मनोवैज्ञानिक परेशानी है. अगर आप यह सोच कर बैठ गए कि आप मोटे हैं और कोई काम नहीं कर सकते तो सच में आप कोई भी काम नहीं कर पाएंगे. अपना मोटापा आप को बोझ लगने लगेगा. अगर आप अपना खानपान सही रख रहे हैं और एक्सरसाइज कर के शरीर को फिट रख रहे हैं, तो मोटापा कभी आप की राह में रोड़ा नहीं बन सकता है.’’

यह जान लेना बहुत जरूरी है कि फैट शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है. यह बौडी के बायोलौजिकल फंक्शन में खास रोल अदा करता है. फैट की एक फाइन लाइन होती है. अगर मोटापे की फाइन लाइन पेट के आसपास क्रौस कर जाती है तो खतरा बढ़ जाता है. लड़कियों को अपनी वेस्ट लाइन 35 इंच से कम और लड़कों को 40 इंच से कम रखनी चाहिए.

डाइट से करें फैट कंट्रोल

पेट भरने के लिए खाना न खाएं. खाना खाते समय इस बात का खयाल रखें कि वह ऐसा हो, जिस से शरीर को अच्छी मात्रा में कैलोरी मिल सके. कुछ खाद्यपदार्थ ऐसे होते हैं कि उन के खाने से पेट भर जाता है पर कैलोरी सही मात्रा में नहीं मिलती. केवल फैट बढ़ता है. जितनी कैलोरी खाने के जरीए आप ले रहे हैं उसे बर्न करने के लिए भी उतनी मेहनत करनी चाहिए. एक शरीर को 1600 कैलोरी की जरूरत होती है. यदि काम कम करते हों तो 1000 से 1200 के बीच कैलोरी लेनी चाहिए. अखरोट, बादाम, मस्टर्ड औयल और दालों में फैट को कम करने वाले पदार्थ पाए जाते हैं.

फ्राइड आइटम्स की जगह भुने स्प्राउट्स लें. इन से पेट भी भर जाता है और बौडी को पौष्टिक आहार भी मिल जाता है. डाइट शैड्यूल को प्लान करते समय लिक्विड आइटम्स को भी प्लान करें. नारियल पानी और मौसमी के जूस का ज्यादा प्रयोग करने से फैट नहीं बढ़ता है. फैट को कम करने के लिए किसी स्लिमिंग सैंटर जाने के बजाय कुछ एक्सरसाइज करें. मोटापा शरीर से मिलने और खर्च होने वाली कैलोरी के बीच असंतुलन से बढ़ता है. इस के अलावा जब ज्यादा फैट वाले आहार का प्रयोग किया जाता है तो भी मोटापा बढ़ता है.

एक्सरसाइज न करने और बैठेबैठे काम करने वालों में भी यह परेशानी बढ़ती है. कुछ लोग मानसिक तनाव में भी ज्यादा भोजन करने लगते हैं. इस से भी मोटापा बढ़ जाता है. किशोरावस्था में होने वाला मोटापा बड़ा होने पर बना रहता है. महिलाओं में कुछ शारीरिक बदलाव होने पर मोटापा बढ़ता है. गर्भावस्था के समय भी मोटापा बढ़ती है. बौडी का अपेक्षित वजन बौडी की लंबाई के हिसाब से होना चाहिए, जिस से उस की शारीरिक बनावट अच्छी लगे. बौडी मास शरीर के वजन को नापने का सब से सही उपाय है. बौडी मास इनडैक्स (बीएमआई) को नापने के लिए लंबाई को दोगुना कर के वजन किलोग्राम से भाग दे कर निकाला जाता है.

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सैक्स में बाधक नहीं मोटापा

ज्यादातर लोगों का मानना है कि मोटापा सैक्स में बाधक होता है. सैक्स से संतुष्ट न होने के कारण वैवाहिक जीवन में भी दरार पड़ जाती है. जिन लोगों में मोटापा उन की पर्सनैलिटी को खराब नहीं करता लोग उन के प्रति आकर्षित होते हैं और उन्हें सैक्स करने में परेशानी नहीं आती. अगर कोई साथी मोटा है तो दूसरे को उसे सैक्स के लिए तैयार करने का प्रयास करना चाहिए. सैक्स के दौरान उन क्रियाओं को अपनाना चाहिए, जिन से मोटापा सैक्स में बाधा न डाल सके. मोटापे में शरीर जल्दी थक जाता है.

मोटापे की शिकार महिलाओं और पुरुषों की अलगअलग परेशानियां होती हैं. मोटापे को सहज भाव में ले कर सैक्स क्रियाओं में बदलाव कर के उस का मजा लिया जा सकता है. मोटापे के शिकार व्यक्ति को लगता है कि वह अपने साथी को सैक्स में संतुष्ट नहीं कर पा रहा. इसलिए उसे अपने मन में यह हीनभावना न रख अपने साथी की जरूरतों को समझ उस का साथ देना चाहिए.

तनमन से रहें फिट

मोटापे के लिए अपने ही पुराने समय से तुलना करना सही नहीं होता है. अकसर लोग अपने पहले के फोटो देखते हुए कहते हैं कि पहले मैं ऐसा था. मैं दुबलापतला था तो कितना आकर्षक लगता था. इस सोच से मोटापा डिप्रैशन के लिए मददगार हो जाता है. हम हर समय मोटापे के बारे में ही सोचते रहते हैं. यह सोच अच्छी नहीं है कि जब मैं 20 साल का था तो दुबलापतला और आकर्षक था. अब शायद मैं उतना आकर्षक नहीं दिख सकूंगा.

शारीरिक आकर्षण ही सबकुछ नहीं

नेहा आनंद कहती हैं, ‘‘शारीरिक आकर्षण ही जरूरी नहीं होता है. आदमी अपने को तब ज्यादा परेशान महसूस करता है जब उसे मोटे की जगह बेवकूफ समझा जाए. बाहरी सुंदरता को ज्यादा अहमियत नहीं देनी चाहिए. आदमी में अनुशासन, परिश्रम और काम के प्रति ईमानदारी की भावना उसे आकर्षक बनाती है.’’

120 किलोग्राम वजन के दिवाकर का कहना है, ‘‘मेरे मोटापे को देख कर डाक्टर कहता है कि डायबिटीज और ब्लडप्रैशर से दूर रहने के लिए मुझे 6 माह में 20-25 किलोग्राम वजन कम करना चाहिए. इस के बाद भी मुझे लगता है कि मैं अभी भी 5 पीस वाला पिज्जा 3-4 घंटे में खा सकता हूं. मेरा मानना है कि लाइफ बहुत छोटी है. इसे अपनी तरह से जीना चाहिए. अपनी मनपसंद चीजों को खाना छोड़ कर पागलों की तरह दुबला होने का प्रयास नहीं करना चाहिए. आप जैसे हैं वैसे ही खुश रहना सीखें.’’

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दूसरों से तुलना कर के अपने को कभी असहज न करें. कुछ लोग असहज महसूस करते हुए नशे का शिकार हो जाते हैं. समाज से अपने का अलग कर लेते हैं. उम्र बढ़ने के साथ यह असहजता कम हो जाती है, क्योंकि व्यक्ति को लगता है कि बूढ़ा होने के बाद कोई फर्क नहीं पड़ता है. उलटे उसे यह लगने लगता है कि वह और भी ज्यादा परिपक्व हो गया है. वह अपनेआप को माहौल में पूरी तरह से ढाल चुका होता है.

कुछ खामोशियों को खामोश ही रहने दो…

एक औफिस में दो लोग वैभव और दिव्या काम करते थे. काम तो कई लोग करते थे लेकिन मैं उन दो लोगों की बात कर रहीं हूं जो ऑफिस में साथ काम करते-करते अच्छे दोस्त बन गए, लेकिन दिव्या को पता ही नहीं चला कि वैभव उसे पसंद करने लगा था. वैभव उसे रोज़ फोन करता था…उससे प्यार-प्यारी बातें करता था लेकिन उसकी कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई कि वो दिव्या को पसंद करता है. वो कहते हैं न कि कुछ खामोशियां…अगर खामोशियां ही बनकर रहें तो रिश्ता बना रहता है…शायद वैभव भी ऐसा ही सोचता था.

वैभव को दिव्या से बात करना बहुत पसंद था.उसे अच्छा लगता था खुशी होती थी जब वो दिव्या से बात करता था हर बार वो कुछ कहने की कोशिश करता था लेकिन वही खामोशी सामाने आ जाती थी. औफिस में मिलना –जुलना तो लगा ही रहता था लेकिन फोन किए बिना भी रह नहीं पाता था.एक दिन की बात है वैभव ने दिव्या को फोन किया और बोला कि मैं तुम्हें याद कर रहा हूं…बहुत मिस कर रहा हूं तब दिव्या को थोड़ा अटपटा सा लगा और उसने सवाल कर लिया कि आप मुझे क्यों याद कर रहें हैं? वैभव ने तुरन्त पलटकर जवाब दिया कि काश तुम ये कह देती कि अरे वैभव आज ही तो मिले थे हम औफिस में फिर क्यों याद आ रही है तो ज्यादा अच्छा लगता. दिव्या थोड़ा घबराई उसके हांथ-पांव ठंडे हो रहे थें. उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं.उसे ये तो समझ आ चुका था कि कुछ तो है वैभव के दिल में… वो अबतक ये समझ चुकी थी कि वैभव क्या चाहता है और उसके दिल में उसके लिए क्या है, लेकिन फिर वही बात आड़े आती है कि कुछ खामोशियों को खामोश ही रहने दें.

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वैभव ने एक दिन दिव्या को फोन करके कहा कि तुम सफेद शर्ट और ट्राउज़र पहन कर आना दिव्या चाहती तो मना कर सकती थी लेकिन शायद वो खुद भी उसकी तरफ अट्रैक्ट हो रही थी और उसने वैभव का कहना मान लिया. वो वही कपड़ा पहन कर गई जिसमें वैभव ने उसे बुलाया था. उसी दिन की बात है…रात के करीब साढ़े बारह बज रहे थे… दोनों की बात हो रही थी और बात ही बात में वैभव ने कुछ कहा जिसपर दिव्या ने पूछा की आप इनता मेरे बारे में क्यों सोचते हो? वैभव ने कहा कि क्यूं तूम मुझे सफेद कपड़ों में अच्छी लगती हो? क्यूं मैं तुमसे आधी रात को भी मिलने के लिए तैयार रहता हूं? तुम जो भी सोचती हो मैं उसे पूरा करना चाहता हूं क्यूं ? क्यूं तुमसे मिलना मुझे अच्छा लगता है? और क्यूं तुम्हारी याद आती है?शायद इसका जवाब मैं तुम्हें दे सकता हूं लेकिन मैं खामोश रहना चाहता हूं……

दिव्या अबतक सब कुछ समझ चुकी थी और उसने धीमी सी आवाज में बस इतना ही कहा कि कुछ खामोशियों को खामोश ही रहने दों…..वो खामोशियां अच्छी होती हैं…. वैभव आज भी बात करता है, दिव्या भी उसे शायद चाहने लगी थी लेकिन इन सबके बीच एक मोड़ ऐसा था जिसपर दिव्या दोराह में खड़ी थी और जिंदगी में उसके कश्मकश थी..जानते हैं क्यूं? क्योंकि वो पहले से ही एक रिलेशनशिप में थी शायद इसलिए ही उसने कहा था कि कुछ खामोशियों को खामोश ही रहने दों…..अब ये रिश्ता गुमनाम ही रहेगा या आगे कुछ होगा ये तो वक्त ही बताएगा….

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Nach baliye 9: एक्स बौयफ्रेंड के साथ डांस करती नजर आएंगी एक्ट्रेस उर्वशी, दिया ये बयान

बिग बौस सीजन 6 की विनर रह चुकी एक्ट्रेस उर्वशी ढोलकिया जल्द ही स्टार प्लस के रियलिटी शो नच बलिए के नौंवे सीजन में नजर आएंगी, जिसमें वे एक्स-बौयफ्रेंड अनुज सचदेवा के साथ परफौर्म करती दिखेंगी. नच बलिए 9 के निर्माताओं ने इस बार शो में एक्स-कपल्स को लाने का फैसला किया है, जिसके कारण उर्वशी ने अनुज से हाथ मिलाया है. वहीं हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने एक्स के साथ एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बयान दिया है. आइए आपको बताते हैं उर्वशी ने अपने एक्स बौयफ्रेंड के बारे में क्या कहा…

मीडिया से कहा ये…

शो में हिस्सा लेने से पहले उर्वशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस शो के माध्यम से अपने रिश्ते को कोई दूसरा मौका देने का नहीं सोच रही हैं. ‘एक बार जब किस्सा खत्म हो गया है तो उसे बार-बार दोहराने का कोई फायदा नहीं है. क्यों न हम एक नया रिश्ता शुरू करें और एक नया रिश्ता बनाएं. मुझे ऐसा लगता है कि जो दो लोग रिश्ते में रह चुके हैं वो अच्छे दोस्त भी हो सकते हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. जिंदगी में आगे बढ़ते रहना जरूरी होता है.’

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मैं जिंदगी में बढ़ चुकी हूं आगे- उर्वशी

उर्वशी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है, ‘मैं 20 साल की नहीं हूं, इसलिए मैं जिंदगी के बारे में अलग थोड़ा अलग सोचती हूं. मुझे ऐसा लगता है कि मैच्योर लोग पुराने झगड़े याद नहीं रखते हैं. कभी-कभी आपको जिंदगी में आगे बढ़ना पड़ता है और इसी में खुशी मिलती है. मैंने अपनी जिंदगी में यही किया है. मैं अपने एक्स के साथ शो में आ रही हूं इसका मतलब यह कतई नहीं है कि मैं अपने रिश्ते को दूसरा मौका देने जा रही हूं. लोगों को समझना चाहिए कि मैं जिंदगी के बारे में अलग तरह के विचार रखती हूं.’

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बता दें, नच बलिए 9 स्टार प्लस पर 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जिसमें इस बार एक्स का तड़का लगाते हुए कईं जोड़िया नजर आएंगी. वहीं कईं नए कपल लोगों का दिल जीतते हुए भी नजर आएंगे, जिनमें फैजल खान और अनीता हसनंदानी जैसे बड़े सितारे अपने पार्टनर के साथ जलवा बिखेरते नजर आएंगे.

‘झूठा कहीं का’ फिल्म रिव्यू: सतही दर्जे की फिल्म

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताःदीपक मुकुट व अनुज शर्मा

निर्देशकःसमीप कंग

कलाकारः ऋषि कपूर, जिम्मी शेरगिल, लिलेट दुबे,सनी सिंह,ओंकार कपूर, मनोज जोशी निमिशा मेहता, पूजिता, राजेश शर्मा व अन्य.

अवधिः दो घंटे 13 मिनट

एक बहुत पुरानी कहावत है कि ‘एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं. ’’इस कहावत को लेकर समीप कंग ने अपनी हास्य फिल्म ‘‘झूठा कहीं का’’ की कहानी का ताना बना बुना है, मगर फिल्म अति सतही दर्जे की बनकर उभरी है. मजेदार बात यह है कि अभी लगभग एक माह पहले ही इसी तरह की कहानी पर दर्शक अमित अग्रवाल की फिल्म ‘‘फंसते फंसाते’’ देख चुके हैं.

कहानीः

फिल्म की कहानी के केंद्र में मौरीशस में रह रहे दो दोस्त वरूण (ओंकार कपूर) व करण सिंह (सनी सिंह) हैं. वरूण के पिता व अवकाशप्राप्त पुलिस वाले योगराज सिंह (रिषि कपूर) पंजाब, भारत में अपने साले कोका सिंह (राजेश शर्मा) व उनकी पत्नी के साथ रहते हैं. मौरीशस में अपना भविष्य बनाने की फिराक में जुटे वरूण को एक लड़की रिया मेहता (निमिषा मेहता) से प्यार हो जाता है, जो कि अपने व्हील चेअर पर रहने वाले पिता (मनोज जोशी) व मां रूचि मेहता (लिलेट दुबे) को छोड़कर जाना नहीं चाहती. रिया को पाने के लिए वरूण खुद को अनाथ बताकर उसके साथ उसके घर में ही रहने लगता है और कह देता है कि उसे घर जमाई बनने से परहेज नहीं है. जबकि करण को रूचा (रूचा वैद्य) से प्यार है. करण का बड़ा भाई टौमी पांडे (जिम्मी शेरगिल) जेल में है, मगर करण, रूचा से कहता है कि उसके भाई अमरिका में रहते हैं, लेकिन वरूण के सिर पर उस वक्त मुसीबत आ जाती है,जब योगराज अपने साले कोका व उसकी पत्नी के साथ मौरीशस आकर रिया के बंगले में ही रहने पहुंच जाते है. वरूण,करण को रिया का पति बताता है. अब वरूण व करण दोनो दोस्त झूठ की दलदल में फंसते जाते हैं.

लेखन व निर्देशनः

अति कमजोर पटकथा के चलते फिल्म दर्शकों को बांधकर रखने में बुरी तरह से विफल रहती है. हास्य के नाम पर कुछ फूहड़ और औरतों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले संवाद परोसे गए हैं. इंटरवल से पहले ओंकार कपूर व सनी सिंह के बीच के कुछ दृश्य इन्ही कलाकारों की एक पुरानी फिल्म से उठाए गए लगते हैं. धीमी गति से चलने वाली फिल्म की लंबाई कुछ ज्यादा है. इसे एडिटिंग टेबल पर कसने की जरुरत थी. ‘‘कैरी औन जट्टा’’और ‘‘भज्जी इन प्रौब्लम’’ जैसी सफल पंजाबी फिल्मों के निर्देशक समीप कंग अपनी पहली हिंदी फिल्म में अपनी निर्देशकीय प्रतिभा का जलवा नही दिखा पाए. मौरीशस में फिल्मायी गयी इस फिल्म में मौरीशस की खूबसूरती के दर्शन नहीं हो सकते, क्योकि फिल्मकार ने पूरी फिल्म को एक कमरे के अंदर ही कैद कर रखा है.

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अभिनयः

साले बहनोई के किरदार में राजेश शर्मा और रिषि कपूर की जुगलबंदी अच्छी है. ओंकार कपूर व सनी सिंह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते. निमिषा मेहता सिर्फ खूबसूरत लगी हैं. रूचा वैद्य के हिस्से करने के लिए कुछ रहा ही नहीं. मनोज जोशी व लिलेट दुबे जैसे कलाकारों की प्रतिभा को जाया किया गया है. जिम्मी शेरगिल बेहतरीन अभिनेता हैं, मगर फिल्मकार की कमजोरी के चलते वह अपने आपको दोहराते हुए ही नजर आए हैं.

लेखकः श्रेया श्रीवास्तव व वैभव सुमन

कैमरामैनः आकाशदीप पांडे

संगीतकारः यो यो हनी सिंह,अमजद नदीम-अमीर,संजीव-अजय

Edited by Rosy

धर्म के नाम पर लूट की छूट

धर्म 5,000 से ज्यादा सालों से ऐसे ही समाज में पैर नहीं पसारे हुए है. धर्म के नाम पर कमाने वाले जहां हमेशा से ही राज करते रहे हैं, वहीं धर्मगुरु मंदिरों के माध्यम से पैसा, पौवर पाते रहे हैं. प्रचारक कमीशन पाते रहे हैं और अंधभक्त को बेचने वाले लूटते रहे हैं. तर्क, विज्ञान, सोच की स्वतंत्रता के बावजूद अगर धर्म का सहारा ले कर एक पार्टी सत्ता पर जा पहुंची है तो इसलिए कि उस के लाखों एजेंट समर्थन जुटा रहे हैं. ये एजेंट हिंदू ही हों, जरूरी नहीं. जब हिंदू धर्म फलेगाफूलेगा तो दूसरे धर्म भी उस का अनुसरण करेंगे.

बैंगलुरु में इसलामिक बैंकिंग के नाम पर एक शातिर स्कल कैपधारी मोहम्मद मंसूर खां मुसलिम अंधभक्तों का इसलामिक बैंकिंग के नाम पर 1,500 करोड़ रुपए ले कर भाग गया है.

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मोहम्मद मंसूर ने उन मुसलिम भक्तों को फांसा था जो इसलामिक आदेश मानते हैं कि ब्याज लेना हराम है. उस ने उन से कहा कि उस की कंपनी आई मौनिटरी एडवाइजरी में पैसा जमा कराएगी तो सोने की खरीदफरोख्त से होने वाले लाभ में से उन्हें पार्टनर की हैसीयत से 7 से 15 फीसदी का मुनाफा हो सकता है. चूंकि आम बैंक ब्याज की बात करते हैं, इसलामिक कानून के अनुसार वहां पैसा जमा कराना गलत है. यह प्रचार धर्म के एजेंट ही करते हैं.

धर्मभक्त मुसलिमों को यह इसलामिक पूंजी निवेश लगा. 1,500 करोड़ से ज्यादा रुपया शिवाजी नगर जैसे छोटे इलाके में जमा हो गया. मोहम्मद मंसूर के मजे आ गए. उस ने जगुआर जैसी महंगी गाड़ी खरीद ली थी. जब भांडा फूटा, जो स्वाभाविक था, तो वह देश छोड़ कर भाग गया है.

धर्मभक्ति के नाम पर सदियों से लोगों को जान और माल दोनों देने को उकसाया जा रहा है. हर धर्म किसी न किसी बहाने औरतों को भी अपने दुकानदारों का फायदा पहुंचाने के लिए उकसाता रहता है. उन के अपनेअपने भगवान भक्तों का कल्याण कम करते हैं, भक्तों को बहकाने वालों का कल्याण ज्यादा करते हैं. देशभर में ऐसे ही मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा, चर्च धड़ाधड़ थोड़ी बन रहे हैं. तकनीक के सहारे जो भी थोड़ीबहुत आर्थिक उन्नति देश में हो रही है उस में से अधिकांश हिस्सा इन धर्म के दुकानदारों के हवाले हो जाता है.अगर एक पार्टी ने इस का लाभ उठा कर सत्ता पा ली है तो बड़ी बात क्या है. यूरोप, अमेरिका, पश्चिमी एशिया इस तरह के शासकों के सदियों से गवाह रहे हैं. जनता हर जगह लूटी जाती रही है जैसे बैंगलुरु के शिवाजी नगर में लूटी गई है.

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पार्टी के लिए ट्राय करें ‘इश्कबाज’ की ‘अनिका’ के ये लहंगे

स्टार प्लस के सीरियल इश्कबाज से फैंस का दिल जीतने वाली अनिका यानी सुरभि चंदना अब स्टार प्लस के नए शो संजीवनी 2 में नजर आने वाली हैं. हाल ही में शो के प्रोमो में सुरभि का रोल को फैंस को पसंद आ रहा है. पर आज हम उनके टीवी सीरियल की नही बल्कि उनके इंडियन फैशन यानी लहंगों की बात करेंगे. सीरियल इश्कबाज में जितना लोगों को शिवाय और अनिका की जोड़ी पसंद आई थी उतना ही सुरभि के लहंगों को भी उनके फैंस ने पसंद किया था. आइए आपको दिखाते हैं सुरभि के कुछ लहंगे, जिसे आप किसी भी शादी या सगाई में पहन सकती हैं…

1. फ्लावर प्रिंट पैटर्न है ट्रैंड

सुरभि हो चाहे कोई भी टीवी एक्ट्रेस सभी जानते हैं कि आजकल फ्लावर प्रिंट पैटर्न फैशन ट्रेंड में है. सुरभि का फ्लावर प्रिंट पैटर्न में ये पिंक कलर के लहंगे के साथ क्रीम कलर का ब्लाउज किसी भी शादी के लिए परफेक्ट कौम्बिनेशन रहेगा. इस लुक को पहनकर औप हौट और स्टाइलिश दोनों नजर आएंगी.

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2. मल्टी कलर लहंगा है शादी के लिए परफेक्ट

 

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आजकल लड़कियां कलर को लेकर कन्फ्यूज रहती है कि शादी में कौनसा कलर पहनें. पर सुरभि का ये लहंगा आपके सारी उलझनों को सुलझा देगा. गुजराती टाइप सिंपल लहंगे के साथ हैवी ज्वैलरी को मैचिंग करके आप शादी के लिए ये लुक ट्राय कर सकती हैं.

3. फ्रिल कट है परफेक्ट

आजकल फ्रिल कट ट्रेंड में है. आप कईं सेलेब्स को देखा होगा फ्रिल कट का इस्तेमाल करते हुए. सुरभि का ये पर्पल कलर यानी बैंगनी कलर के फ्रिल लहंगे को किसी भी पार्टी में सिपंल तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं. चाहे तो इसके साथ चेन वाले इयरिंग्स को कैरी करके खुद को सेक्सी और हौट लुक भी दे सकती हैं.

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4. फुल स्लीव लहंगे भी है शादियों के लिए बेस्ट

अक्सर शादियों में लोग स्लीवलेस लहंगे पहनना पसंद करते हैं पर अगर आप स्लीवलेस पहनने में हिचकिचाते हैं तो सुरभि का ये लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. वहीं आप चाहे तो इसके साथ कुंदन की ज्वैलरी को पेयर करके लहंगे को हैवी लुक भी दे सकती हैं.

8 टिप्स: ऐसे पाएं पिंपल से छुटकारा

पिंपल्स को छिपाने या उनसे छुटकारा पाने के लिए आप क्या नहीं करती हैं. बाजार में मौजूद विभिन्न उत्पादों को खरीद उनका इस्तेमाल करती हैं. वैसे तो बाजार में पिंपल्स के उपचार के लिए विभिन्न उत्पाद मौजूद हैं, लेकिन रोहतो फार्मा की एक्नेस ट्रीटमेंट किट की बात ही कुछ और है. ये केवल आपकी स्किन को कोमल ही नहीं बनाते बल्कि पिंपल्स से आपकी लड़ाई में जबरदस्त साथ देते हैं.

1. तीन स्टेप्स का कमाल

गर्मी और बरसात के मौसम में स्किन पर पिंपल होने की आशंका अधिक बढ़ जाती है. तभी तो कंप्लीट क्लीनिंग जरूरी होती है और यह संपूर्ण क्लीनिंग आपको रोहतो फार्मा की एक्नेस ट्रीटमैंट किट में मिलती है क्योंकि इसमें ट्रिपल सी (क्लिन, केयर और क्लीयर) की ताकत है, जो केवल पिंपल्स का सफाया ही नहीं करती बल्कि इन्हें दोबारा होने से भी रोकती है.

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2. डाले स्किन में नई जान

तैलीय स्किन के लिए कील मुंहासों का खतरा अधिक रहता है. लेकिन एक्नेस ट्रीटमेंट किट के प्रयोग से पिंपल पैदा करने वाले कीटाणुओं की समस्या खत्म हो जाती है. साथ ही आपको मिले मखमल सी स्किन.

होममेड टिप्स का करें इस्तेमाल

3. बर्फ का करें इस्तेमाल

आप एक छोटे बर्फ के टुकड़े को एक साफ कपड़े में लपेट लें. अब अपने पिंपल के ऊपर धीरेधीरे उस बर्फ के टुकड़े को रगड़ें. आप ऐसा दो से तीन मिनट तक करें. पिंपल पर बर्फ रगड़ने से उसकी सूजन कम होती है और वो धीरेधीरे ठीक होने लगता है. अगर पिंपल निकलने की शुरुआत होते ही ये नुस्खा आजमाया जाए, तो इससे ज्यादा फायदा होता है.

4. टूथपेस्ट

थोड़ा सा टूथपेस्ट पिंपल पर लगाएं. ऐसा करने से आपके पिंपल का आकार घट सकता है. ध्यान रहे कि आप सफेद टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल करें. टूथपेस्ट में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पिंपल के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को कम करने में मदद करते हैं.

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5. मुल्तानी मिट्टी

मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल और नींबू के रस को मिलाकर एक पेस्ट बना लें. आप चाहे तो इसमें थोड़ा पानी भी मिला सकती हैं. हाथ से इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर या सिर्फ पिंपल वाली जगह पर लगाएं. इस पेस्ट को दस से पंद्रह मिनट तक लगाकर रखें फिर पानी से धो लें.

6. एलोवेरा

एलोवेरा जैल को सीधे पिंपल वाली जगह पर लगाएं. जैल को दस से पंद्रह मिनट तक पिंपल पर लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लैमेट्री गुण स्किन में होनी वाली सूजन और जलन को कम करते हैं. आप चाहे तो एक्नेस एलोवेरा जैल का भी प्रयोग कर सकती हैं.

7. नींबू है बेस्ट औप्शन

एक छोटी कटोरी में नींबू का रस निकाल लें और उस रस में रुई का छोटा-सा टुकड़ा डुबो लें. सोने से पहले रुई से नींबू के रस को पिंपल वाली जगह पर लगाएं. रात भर नींबू के रस को लगा रहने दें और अगले दिन सुबह उसे पानी से धो लें. नींबू में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं.

8. घरेलू उपायों के अलावा एक अन्य उपाय

मुहासों से छुटाकारा पाने के लिए वैसे तो बाजार में बहुत उत्पाद हैं, लेकिन उन सबमें रोहतो फार्मा की एक्नेस ट्रीटमेंट किट काफी असरदार है क्योंकि इसमें आयुर्वेद का कमाल है. जी हां, इसमें आयुर्वेदिक सामग्री जैसे लीकोरिस, व्हाइट टी एक्सट्रैक्ट एवं शहतूत के साथ मजबूत और प्रभावी एसिड, सल्फर और आईएमपी (आइसोप्रोपाइल मिथइलफेनोल) जैसे तत्व मौजूद हैं, जो आपकी स्किन को नुकसान पहुचाए बिना अपना काम तुरंत करती है.

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